हंस वाहिनी ऐसा वर दो अवगुण हर के सदगुण भर दो प्राथना

हँस वाहिनी ऐसा वर दो,
अवगुण हरकर सद्गुण भरदो।
पढ लिखकर माता हम, विद्वान बन जायेंगे
भारत से अनपढता को दूर भगायेंगे।
दुखियों की सेवा दिल में भर दो।
अवगुण हरकर सद्गुण भरदो।
हँस वाहिनी……………………………………।

झूठ और पाप के हम पास नहीं जायेंगे
अन्यायी के आगे हम शीश ना झुकायेंगे।
दुशमन को सज्जन दिल से करदो
अवगुण हरकर सद्गुण भरदो।
हँस वाहिनी……………………………………।

भाषा का विवाद मैया देश से मिटायेंगे।
हम सब एक हैं यह भावना जगायेंगे।
वाणी में मैया ओजस भर दो।
अवगुण हरकर सद्गुण भरदो।
हँस वाहिनी……………………………………।

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माँ सरस्वती वरदान दो

जयति जय जय माँ सरस्वती