घर की याद में कवि को किसकी याद आती थी - ghar kee yaad mein kavi ko kisakee yaad aatee thee

घर की याद कविता में कौन किसको याद कर रहा था?

उत्तर: घर के साथ-साथ कवि को अपने चार भाई जो उसकी भुजा के समान हैं, याद आ रहे हैं। उसे अपनी चार प्यारी बहनें याद आ रही हैं जो सावन में मायके आई होंगी। उसे अपनी माँ और पिता जी की भी याद आ रही है जिनका स्नेह यहाँ तक अर्थात् कवि तक फैला हुआ है।

कवि को घर की याद क्यों आ रही है?

कवि को जेल-प्रवास के दौरान घर से विस्थापन की पीड़ा सालती है। कवि के स्मृति-संसार में उसके परिजन एक-एक कर शामिल होते चले जाते हैं। घर की अवधारणा की सार्थक और मार्मिक याद कविता की केंद्रीय संवेदना है। सावन के बादलों को देखकर कवि को घर की याद आती है।

घर की याद कविता में कवि का क्या कहना है?

सबसे पहले कवि कहता है कि मैं बिलकुल ठीक हूँ, बस अर्थात् केवल यह बात है कि घर पर आपके साथ नहीं हूँ। कवि आगे कहता है कि यह बस अर्थात् केवल अपने-आप में बड़ी बात है। वह कहना चाहता है कि घर से दूर रहना मामूली बात नहीं। पर इस बस पर वश नहीं है, यह विवशता है।

घर की याद पाठ के कवि का क्या नाम है?

घर की याद / भवानीप्रसाद मिश्र - कविता कोश