Show डॉ संजय कुमार
मिश्र 1.अपच- बदले हुए मौसम में चारे तथा अन्य घासों की उपलब्धि एवं उनके प्रकार पर अपच का होना निर्भर है । यदि अधिक अम्लीय या अधिक क्षारीय गुण वाले चारे खिलाये जाए तो अपच हो जाता है। कभी-कभी बिना अम्लीय व छारीय गुण वाले चारे भी अपच कर देते हैं। पूरा का पूरा सूखा चारा जैसे कर्वी पुवॉल (धान का भूसा) गेहूं का भूसा इत्यादि खिलाने से जबकि हरा चारा उपलब्ध नहीं हो पाता तो क्षारीय अपच हो जाता है। इसके विपरीत यदि हरा चारा ही पूरी तौर पर खिलाया जाए तो भी अम्लीय
अपच हो जाता है जैसे हरा चारा साइलेज, दाने, बरसीम इत्यादि अधिक खिलाने से अपच पैदा होता है। अधिक चारा खिलाने से चाहे अम्लीय या क्षारीय स्थिति भी न पैदा करते हैं तो भी अपच हो जाता है। अपर्याप्त तथा त्रुटिपूर्ण आहार एवं प्रतिजैविक औषधियां भी रूमैन (पशु के प्रथम पेट) के कार्य को अवरुद्ध करके अपच की स्थिति उत्पन्न कर देती हैं इसमें पशु खाना छोड़ देता है जुगाली या उगार भी बंद हो जाती हैंl यद्यपि पशु को बुखार नहीं होता है। इस के लिए रूमेन एफ एस या Please follow and like us: गाय के पेट में गैस बन जाए तो क्या करना चाहिए?प्राथमिक उपचार – पशु को पानी बिल्कुल नहीं पिलाना चाहिए तथा उसको बैठने नहीं देना चाहिए। पेट के बाई तरफ की कोख के ऊपर की ओर जहाँ गैस भरी हो, तेज धार वाले चाकू से छेद कर देना चाहिए। कोख में छेद करने से पूर्व चाकू को खूब गर्म करके ठंड कर लेना चाहिए, जिससे इसके उपयोग से घाव में कोई जीवाणु संक्रमण न हो सके।
गाय का हाजमा कैसे ठीक करें?दस्तावर तेल जैसे सरसों व अलसी का तेल तथा बाद में लवण वाले दस्तावर जैसे मैगसल्फ 250 से 500 ग्राम का सेवन कराना चाहिए। केवल पानी ही थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाते रहना चाहिए तथा पशु के पास में रख देना चाहिए। टिंपोल 100 ग्राम को 250 से 500 ग्राम मैगसल्फ प्रति गाय या भैंस को गुनगुने पानी में मिलाकर पिला देना लाभकारी है।
गाय चारा नहीं खाती तो क्या करें?अगर आपकी गाय या भैंस को भूख कम लग रही है, तो उसे लीवर टॉनिक दें। इसे 50 मिलीग्राम दें। साथ ही जो पशु कम चारा खा रहा है उसे पाचक पाउडर दें। आप अपने पशु को एक मिक्सर बना कर भी दें, इसमें आप 200 ग्राम काला जीरी डालें और उसमें 50 ग्राम हींग मिलाएं।
कमजोर गाय को क्या खिलाना चाहिए?सबसे पहले 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल, 250 ग्राम गेहूं का आटा लें। अब दोनों को आपस में मिलाकर शाम के समय पशु को चारा व पानी खिलाने के बाद खिलाएं। ध्यान रहे दवा खिलाने के बाद पशु को पानी नहीं पिलाना है।
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