Show 8.) त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग: नासिक, महाराष्ट्र अष्टम ज्योतिर्लिंग को ‘त्र्यम्बक’ के नाम से भी जाना जाता है। यह नासिक ज़िले में पंचवटी से लगभग अठारह मील की दूरी पर है। यह मन्दिर ब्रह्मगिरि के पास गोदावरी नदी कें किनारे स्थित है। इसे त्र्यम्बक ज्योतिर्लिंग, त्र्यम्बकेश्वर शिव मन्दिर भी कहते है। यहां ब्रह्मगिरि नामक पर्वत से गोदावरी नदी निकलती है। जिस प्रकार उत्तर भारत में प्रवाहित होने वाली पवित्र नदी गंगा का विशेष आध्यात्मिक महत्त्व है, उसी प्रकार दक्षिण में प्रवाहित होने वाली इस पवित्र नदी गोदावरी का विशेष महत्त्व है। नासिक के आसपास कितने ज्योतिर्लिंग है?शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है नासिक के पास स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग। इस मंदिर के संबंध में मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था यानी इसे किसी ने स्थापित नहीं किया था। ये मंदिर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।
महाराष्ट्र में 3 ज्योतिर्लिंग कौन कौन से हैं?Maharashtra Jyotirlinga: 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे ज्यादा हैं महाराष्ट्र में, एक यात्रा में करें इन सभी शिवालयों के दर्शन. 12 ज्योतिर्लिंग कहां कहां हैं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात ... . त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र ... . भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र. नासिक में शंकर भगवान का कौन सा मंदिर है?महाराष्ट्र के प्रमुख शहर नासिक से महज 28 किलोमीटर की दूरी पर त्रयंबकेश्वर [तीन नेत्र वाले ईश्वर] ज्योतिर्लिंग मंदिर स्थित है। इस मंदिर को लेकर ऐसा माना जाता है कि यहां त्रिदेव विराजमान हैं। यह एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहां केवल भगवान शिव नहीं बल्कि भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा भी हैं।
नासिक से त्र्यंबकेश्वर कितनी दूरी है?नासिक से त्र्यंबकेश्वर मंदिर तक का सफर 35 किलोमीटर का है.
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