गैस के कारण कौन कौन सी बीमारी होती है? - gais ke kaaran kaun kaun see beemaaree hotee hai?

पेट में गैस बनना सामान्य है. यह आपके पाचन का अहम हिस्सा है और हर किसी को ये समस्या होती है. ज्यादातर लोग दिन में पांच से 15 बार गैस निकालते हैं. हालांकि अगर आपको लगता है कि आपको और लोगों की तुलना में इससे ज्यादा गैस बनती है तो इसके पीछे कुछ खास वजहें हो सकती हैं. इसकी वजह से आपको दर्द या अन्य दिक्कतें हो सकती हैं.

ज्यादा हवा अंदर ले जाना- आप जो भी गैस पास करते हैं वह किसी न किसी तरह आपकी आंतों में पहुंचती है. यह तब हो सकता है जब आप मुंह से हवा को अंदर लेते हैं. आपकी आंतों में कुछ गैस बैक्टीरिया और वहां रहने वाले अन्य रोगाणुओं से बनती है. अगर आपको बहुत ज्यादा गैस बनती है तो इसका एक कारण ये हो सकता है कि आप बहुत अधिक हवा अंदर ले जा रहे हैं. उसमें से कुछ हवा डकार के रूप में तो कुछ गैस के जरिए बाहर आती है.

खराब आदतें- आपकी कुछ आदतों की वजह से आपके मुंह में हवा ज्यादा जाती है. जैसे कि च्यूइंग गम या कोई हार्ड कैंडी चबाते समय आप हवा को ज्यादा निगलते हैं. जल्दी-जल्दी खाने या फिर स्ट्रॉ से पीने की आदत भी पेट में गैस बनाती है. अगर आपको पेन या कोई भी चीज चबाने की आदत है, तो इसका मतलब है कि आप अपने पेट में अतिरिक्त हवा ले रहे हैं जो गैस के रूप में निकलती है.

कार्बोनेटेड ड्रिंक्स- कार्बोनेटेड ड्रिंक्स जैसे बीयर, सोडा, या कोई भी बुलबुले वाले ड्रिंक्स पेट में गैस बनाने का काम करते हैं. अगर आपको कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पसंद हैं और आपको अक्सर गैस की समस्या रहती है तो इसके बजाय कोई सादी ड्रिंक पीकर देखें, आपको फर्क जरूर महसूस होगा. आपको बार-बार गैस बनने की असली वजह समझ में आ जाएगी.

सोते समय मुंह खुला रखना- भले ही आप दिन में मुंह के जरिए अतिरिक्त हवा नहीं ले रहे हों लेकिन हो सकता है कि आप सोते समय अनजाने में ऐसा कर रहे हों. अगर आप सोते समय अपना मुंह खोलकर सांस या खर्राटे लेते हैं, तो आप रात भर बहुत सारी हवा निगल सकते हैं जो अगले दिन गैस का कारण बन सकती है.

डाइट की वजह से- पेट में गैस बनने का अन्य कारण कुछ खास फूड भी हो सकते हैं. जैसे कि छोटे राजमा, मटर, ब्रोकली या पत्तेदार साग, साबुत अनाज, साइलियम युक्त फाइबर फूड भी पेट में गैस बनाते हैं. स्टडीज के मुताबिक राजमा या छोले को 12 घंटे पानी में भिगोने के बाद बनाने से ये पेट में कम गैस बनाते हैं. कभी-कभी कोई खाना ठीक से नहीं पच पाता है उसकी वजह से भी गैस बन जाती है जैसे कि किसी- किसी को डेयरी या ग्लूटेन प्रोडक्ट सूट नहीं करता है और इससे गैस बन जाती है.

कब्ज या धीमा पाचन- अगर आपको कब्ज है और खाना आपकी आंत में धीरे-धीरे जा रहा है, तो इससे पेट में गैस बनने का ज्यादा मौका मिल जाता है. जब खाना देर तक पेट में रहता है तो रोगाणु ज्यादा समय तक सक्रिय रहते हैं और पेट में गैस बनाते हैं. बढ़ती उम्र के साथ आपका पाचन धीमा हो जाता है, जिससे अधिक गैस बन सकती है. आर्टिफिशियल स्वीटनर्स या फिर कुछ दवाएं भी पेट में गैस बनाती हैं. 

मेडिकल कंडीशन- कुछ मेडिकल कंडीशन की वजह से भी पेट में बहुत ज्यादा गैस बनती है. जैसे कि डाइवर्टिक्युलाइटिस, अल्सरेटिव कोलाइटिस, क्रोहन्स डिजीज, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, डायबिटीज, थायराइड डिसफंक्शन या फिर इंटेस्टाइन ब्लॉकेज की वजह से.

कब करें डॉक्टर से संपर्क- बार-बार गैस बनने से शर्मिंदगी तो महसूस हो सकती है लेकिन आमतौर पर इसमें चिंता की कोई बात नहीं है. हालांकि कुछ खास स्थिति में गैस समस्या भी बन सकती है. जैसे कि गैस की वजह से पेट में तेज दर्द होना, बहुत बेचैनी या सूजन महसूस होना, दस्त या कब्ज, मितली, वजन कम हो जाना और शौच में खून जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.

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गैस की समस्या हमेशा पेट से जुड़ी नहीं होती

गैसकी समस्या हमेशा पेट से जुड़ी नहीं होती। दूसरी बीमारी के कारण भी यह समस्या मरीज को हो सकती है, पर वह उसे गैस ही समझता है। पेप्टिक अल्सर, गॉल ब्लाडर स्टोन, भोजन की थैली में कैंसर, पैंक्रियाज की बीमारी, आंत की बीमारी, हार्ट और न्यूरोलॉजिकल गड़बड़ी के कारण भी ऐसी समस्या हो सकती है। यदि तकलीफ छह सप्ताह से अधिक है तो उसकी जांच और विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। जिससे पता चल जाए कि पेट की बीमारी है या फिर कोई अन्य। इसके अलावा भूख की कमी, वजन घटना, उल्टी, बुखार, शौच का रंग काला या लाल हो तो तुरंत जांच करा लेनी चाहिए। यह गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह कहना है वरीय पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार का। वे शनिवार को दैनिक भास्कर की हेल्थ काउंसिलिंग में पाठकों को सलाह दे रहे थे।

डॉ. मनोज ने कहा कि किसी भी बीमारी को पेट की बीमारी नहीं समझना चाहिए। इसके अलावा खुद से इलाज भी जोखिम भरा होता है। जानकारी के अभाव में खुद से दवा खरीद कर खाते रहते हैं। ऐसा लंबे समय तक नहीं करना चाहिए। पेट की कोई बीमारी यदि छह सप्ताह तक खत्म नहीं हो रही है तो डॉक्टर से अवश्य दिखा लेना चाहिए। दवा से यदि राहत नहीं मिलती है तो कुछ स्पेशलाइज्ड जांच करानी पड़ती है। जैसे इंडोस्कोपी या फिर कोलोनोस्कोपी। वैसे अधिकांश लोग पेट में गैस होने की शिकायत करते हैं। पर जांच से अधिकांश मामलों में अन्य बीमारी की जानकारी मिलती है। समय पर बीमारी की पहचान हो जाए तो इलाज संभव है। यदि बीमारी जड़ से खत्म नहीं हो सकती है तो उसे नियंत्रित किया जा सकता है।

इन्होंने ने भी किया फोन : राज(महेंद्रू), अनिल कुमार (फतुहा), निर्मला देवी (दीघा), अशोक कुमार सिंह (कंकड़बाग), सुशील त्रिपाठी (पटना), विनय कुमार (पटना), भगवान चरण (आरा), कौशल कुमार (हाजीपुर), राहुल राज (मुजफ्फरपुर)।

{पेट में दर्द रहता है? राजेश तिवारी, मसौढ़ी

- कीड़ा मारने की दवा लीजिए। दर्द से आराम मिल जाएगा।

{छह साल की बच्ची के पेट में दर्द रहता है? दीपा, फुलवारीशरीफ

- फिलहाल पेंटासीड-20 दस दिन तक दीजिए। आराम मिले तो इसे एक महीने तक जारी रखें। भूख लगे या नहीं उसे समय पर खाना दें। दवा से आराम नहीं मिले तो डॉक्टर से दिखा लें।

{पेट साफ नहीं होता है? मनोज कुमार, बख्तियारपुर

- भोजन में चना, हरी सब्जी को शामिल कीजिए। रात में इसबगोल की भूसी दो चम्मच लें। सुबह टहलिए इसके बावजूद परेशानी रहे तो डॉक्टर से दिखा लें।

{नाभी के नीचे दर्द रहता है? रामप्रकाश, पटना

- खाली पेट में दवा पैन-40 टैबलेट एक महीने तक लें। यदि दवा छोड़ने पर दर्द रहे तो डॉक्टर से दिखाना पड़ेगा।

{खाना खाने के बाद पेट में दर्द होता है? दीपक, मसौढ़ी

- कीड़ा मारने की दवा नो वोर्म-400 एमजी एक बार लें। खाली पेट में एक महीने तक रैजो-20 एमजी दवा ले सकते हैं। इसके बावजूद भी परेशानी रहे तो डॉक्टर से मिलें।

{नानाजी को गैस परेशान करती है। पेट भी फूल जाता है? दीपक कुमार, फतुहा

- सिर्फ चावल खाने से पेट फूलता है तो चावल से परहेज करना होगा। कुछ लोगों को कई तरह के भोजन से एलर्जी के कारण भी ऐसा होता है। रात में दो चम्मच इसबगोल की भूसी दीजिए। भोजन में चना और हरी सब्जी शामिल करें। व्यायाम या फिर टहलने की जरूरत है।

डॉ. मनोज कुमार

ज्यादा गैस बनने से कौन सी बीमारी होती है?

हालांकि कुछ खास स्थिति में गैस समस्या भी बन सकती है. जैसे कि गैस की वजह से पेट में तेज दर्द होना, बहुत बेचैनी या सूजन महसूस होना, दस्त या कब्ज, मितली, वजन कम हो जाना और शौच में खून जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.

गैस बनने से शरीर में क्या होता है?

आइए जानते हैं पेट में गैस बनने से शरीर के अंगों को होने वाले नुकसान।.
गैस होने से हमारे पेट में दर्द ... .
पेट फूलने.
सीने में दर्द होना.
शौच जाने में समस्या.

पेट की गैस को जड़ से खत्म कैसे करें?

अगर आप गैस की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको रोजाना खाली पेट एक चम्मच बेकिंग सोडा में नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए। इसे पीते ही आपको गैस की समस्या से पल भर में छुटकारा मिल जाएगा। हींग जहां खाने का स्वाद बढ़ाता है , वहीं हींग गैस की समस्या में भी काफी फायदेमंद है। आप गिलास गर्म पानी में हींग मिलाकर पिएं।

गैस के मुख्य लक्षण क्या है?

भूख न लगना, बदबूदार सांसें, पेट में सूजन, उलटी, बदहजमी, दस्त आदि गैस के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। पेट में गैस बनने पर पेट फूलना भी इसके लक्षणों में शामिल हैं। 1 नीबू के रस में 1 चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर सुबह के वक्त खाली पेट पीने से गैस की समस्या से निजात मिलती है। इसे गर्म पानी के साथ भी पि‍या जा सकता है।