गैस बनने से क्या क्या लक्षण होते हैं? - gais banane se kya kya lakshan hote hain?

पेट में गैस के कारण हो सकती है कई समस्याएं, जानें इसके प्रमुख कारण

गैस बनने से क्या क्या लक्षण होते हैं? - gais banane se kya kya lakshan hote hain?

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Symptoms of Acidity : पेट में गैस बनना एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन अगर आपके पेट में ज्यादा गैस बनती है, तो आपको परेशानी और शर्मिन्दगी दोनों झेलनी पड़ती हैं। आमतौर पर जब आपका पाचन खराब होता है, तो सामान्य से ज्यादा गैस बनती है। हम सबके पेट में खाने के साथ-साथ कुछ मात्रा में हवा भी जाती है। इसके अलावा जब भोजन पचता है, तो पाचन की क्रिया में भी कुछ मात्रा में गैस बनती है। ये गैस डकार के रूप में मुंह से या गुदा द्वार से बाहर निकल जाती है। कुछ लोगों के पेट में सामान्य से ज्यादा गैस बनती है। इसके कई कारण हो सकते हैं। कारण जानने से पहले आइए जानते हैं पेट में गैस होने के कुछ प्रमुख लक्षण (Symptoms of Acidity)-

पेट में गैस होने के लक्षण (Symptoms of Acidity)

  • जी मिचलाना और उल्टियां आना
  • गला सूखना
  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
  • पेट में भारीपन और कब्ज
  • भोजन में अरुचि
  • सीने में जलन
  • खट्टी डकारें आना
  • बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ

पेट में गैस बनने के कारण (Causes Symptoms of Acidity)

इन आहार से बनता है गैस

कुछ खाद्य पदार्थों जैसे बींस, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, दूध और दूध उत्पादों से कई लोगों को गैस बनती है। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों से भी कुछ लोगों को गैस बनती है जिसमें वसा या प्रोटीन के स्‍थान कार्बोहाइड्रेट का प्रतिशत ज्यादा होता है। अपने आहार में बदलाव करके भी आप पेट गैस की समस्‍या से बच सकते हैं।

उम्र बढ़ने पर भी बढ़ जाती है गैस की समस्या

जिन लोगों के पाचन में गड़बड़ होती हैं, उनको भी पेट में गैस की समस्‍या हो सकती है। उम्र बढ़ने के साथ कुछ एंजाइमों का उत्पादन कम होने लगता है और खाद्य पदार्थ का उपापचय हानिरहित बैक्टीरिया और एंजाइम द्वारा किया जाता है। इस कारण से उम्रदराज लोगों के पेट में ज्यादा गैस बनती है।

आंत में जाती है हवा

खाना खाते समय, बात करते समय या मुंह से सांस लेते समय कुछ हवा हमारे पेट में चली जाती है। इनमें से जो हवा पेट के ऊपरी हिस्से में रह जाती है वो डकार के रूप में बाहर निकलती है और जो हवा आंतों में चली जाती है, वो गैस के रूप में बाहर निकलती है। इसलिए अगर आपको गैस ज्यादा बनती है, तो ध्यान दें कि आप खाना खाते समय किसी से बात न करें और मुंह के बजाय नाक से सांस लें।

डेयरी प्रोडक्ट्स का गलत कॉम्बिनेशन

पिज्जा और बर्गर में चीज होता है जो पचने में समय लेता है। डेयरी प्रोडक्ट भी पचने में समय लेते हैं। जाहिर है इन्हें एक साथ खाने से पाचन में अधिक समय लगता है। जब पाचन तंत्र लंबा हो जाता है, तो स्टार्च खमीर बनना शुरू हो जाता है जिससे गैस बनती है और पेट फूलने लगता है। इसलिए डेयरी प्रोडक्ट्स यानी दूध से बनी चीजों के साथ ब्रेड की बजाय हरी पत्तेवाली सब्जियां ही खाएं।

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पेट में गैस

इसे पेट या आंतों की गैस और पेट फूलना के रूप में भी परिभाषित किया जाता है, यह एक अपशिष्ट गैस होती है जो पाचन के दौरान बनती है। यह गैस आम तौर पर गुदा (anus) से होते हुऐ कई बार गंध और आवाज के साथ बाहर निकलती है।

पेट में अधिक गैस कई बार हवा निगल लेने के कारण होती है। इसके अलावा, बिना पचे ही खाद्य पदार्थों का निकलना, लेक्टोज ना पचा पाना और कुछ खाद्य पदार्थों का कुवअवशोषण (malabsorption) भी इसके मुख्य कारणों में से एक हैं।

ज्यादातर गैस खाद्य पदार्थों में माइक्रोबियल ब्रेकडाउन (microbial breakdown) से होती है, उदारण के लिए हाइड्रोजन (hydrogen), कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसे गैस बनने लगती हैं। गंध अन्य अपशिष्ट गैसों या यौगिकों से निकलती है।

इसके लक्षणों में पेट से गैस निकलना, डकार लेना, पेट फूलना और पेट में दर्द व बेचैनी आदि शामिल हैं।

अधिक गैस निकलना कोई आपात चिकित्सा स्थिति नहीं पैदा करती, हालांकि इसको जल्द से जल्दी डॉक्टर से चेक करवा लेना चाहिए क्योंकि पेट की गैस के साथ कुछ अन्य लक्षण भी जुड़ सकते हैं। जिनमें शामिल है,

  • पेट में गंभीर ऐंठन
  • दस्त (डायरिया)
  • कब्ज
  • मल में खून आना
  • बुखार (और पढ़ें - बुखार में क्या खाना चाहिए?)
  • मतली और उल्टी 
  • दाहिने तरफ पेट में दर्द और फूलना

पेट की गैस का निदान आम तौर पर मरीज की पिछली दवाईयों या खाद्य पदार्थों के सेवन की जानकारी और उसका शारीरिक परिक्षण लेकर किया जाता है। वैसे ज्यादातर मामलों में टेस्ट आदि लेने की जरूरत नहीं पड़ती, मगर जरूरत पड़ने पर डॉक्टर द्वारा मरीज की सांसों और अधोवायु (गैस का मलाशय से निकलना) आदि का विश्लेषण किया जा सकता है।

अन्य कुछ ऐसे दुर्लभ मामलें होते हैं जिनमें कुछ अतिरिक्त टेस्ट जैसे कोलोनोस्कोपी (colonoscopy), एक्स-रे और सी.टी. स्कैन आदि की जरूरत पड़ जाती है।

पेट की गैस के प्राकृतिक और घरेलू उपचारों में आहार में बदलाव शामिल है, क्योंकि पेट में गैस कुछ खाद्य पदार्थो के कारण भी बन जाती है जिनको खाद्य पदार्थों से हटा दिया जाता है।

पेट की गैसे के मेडिकल उपचार में एंटीबायोटिक्स शामिल होती हैं, और फाइबर खाद्य पदार्थों में वृद्धि करने की सलाह जाती है। मेडिकल स्टोर से बिना पर्ची के मिलने वाली दवाएं (over-the-counter medicine) भी उपलब्ध होती हैं, जो पेट की गैस का समाधान कर सकती हैं।

पेट में गैस के लक्षण - Stomach Gas Symptoms in Hindi

पेट में अत्यधिक गैस होने के लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

  • गैस निकलने में वृद्धि या बार-बार गैस आना
  • बदबूदार गैस बनना
  • बार-बार डकार आना
  • पेट फूलना (या सूजन) (और पढ़ें - पेट फूलने की समस्या से अगर छुटकारा चाहते हैं तो जरूर करें ये उपाय)
  • पेट में दर्द और बेचैनी

पेट की अत्यधिक गैस आम तौर पर कोई गंभीर स्थिति पैदा नहीं करती, लेकिन मेडिकल जांच जल्दी होनी चाहिए अगर मरीज में पैट गैस के साथ ये निम्न लक्षण भी दिखने लगें

  • पेट में गंभीर ऐंठन
  • डायरिया
  • कब्ज
  • मल में खून आना
  • बुखार
  • उल्टी और मतली
  • पेट की दाहिनी तरफ दर्द

पेट में गैस के कारण - Stomach Gas Causes in Hindi

पेट में गैस क्यों बनती है​?

ज्यादा खाना खाने, धूम्रपान करने, चूइंगम चबाने या सामान्य मात्रा से ज्यादा हवा निगलने से उपरी आंतों में अत्याधिक गैस बन सकती है। निचली आंतो में गैस बनने का कारणों में मुख्य रूप से निम्नलिखित हैं,

  • ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन जिनको पचाने में कठिनाई हो
  • गैस का कारण बनने वाले भोजन का सेवन
  • कॉलन (आंत्र संबंधी) में पाए जाने वाले बैक्टीरिया का विघटन

गैस का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ:-

अगर निम्न खाद्य पदार्थों से किसी एक व्यक्ति में गैस की समस्या हो सकती है, जरूरी नहीं होता कि दूसरों में भी इनसे गैस की समस्या हो। सामान्य रूप से गैस का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ जिनमें शामिल हैं,

  • राजमा और मसूर
  • सब्जियां जैसे पत्ता गोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, बोक-चोय (पत्तेदार सब्जियां)
  • लैक्टोज युक्त डेयरी उत्पाद। (और पढ़ें - लैक्टोज असहिष्णुता के आयुर्वेदिक इलाज)
  • फ्रुक्टोज (फलों से बनाई जाने वाली एक प्रकार की चीनी जिसको कई पेय व खाद्य पदार्थों में डाला जाता है।
  • सोर्बिटोल (कुछ चीनी मुक्त कैंडी और चुइंगम आदि में पाया जाने वाला मीठा पदार्थ)
  • कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, जैसे सोडा व बीयर

गैस का कारण बनने वाले पाचन प्रणाली के विकार:-

अत्याधिक पेट की गैस, डकार अगर दिन में 20 बार से ज्यादा आती है, तो इस स्थिति में ये संकेत भी दिख सकते हैं,

  • स्व-प्रतिरक्षित अग्नाश्यशोथ (Autoimmune pancreatitis)
  • सेलिएक रोग (एक स्व-प्रतिरक्षित विकार जो ग्लूटेन या आटा संबंधी पदार्थों के खाने पर गैस उतपन्न करने लगता है।)
  • मधुमेह (Diabetes)
  • भोजन संबंधी विकार (eating disorder)
  • गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग (gastroesophageal reflux disease; GERD)
  • गेस्ट्रोपैरेसाइसिस (Gastroparesis/पेट की सामान्य गति को प्रभावित करने वाला रोग)
  • आंतों में सूजन व जलन संबंधी रोग (या पांचन तंत्र में कोई पुरानी व गंभीर सूजन व जलन)
  • आंतों में रुकावट
  • दुग्ध उत्पादों को पचाने में कठिनाई (Lactose intolerance)
  • पेप्टिक (पाचन संबंधी) में छाला
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis)

पेट में गैस से बचाव - Prevention of Stomach Gas in Hindi

पेट में गैस की रोकथाम के उपाय

  • खाद्य पदार्थों का सेवन ना करना – साधारण रूप से गैस का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ जैसे, राजमा, मटर, मसूर, बंदगोभी, फूलगोभी, प्याज, ब्रोकोली, मशरूम और साबुत अनाज हैं। इसके अलावा कुछ प्रकार के फल, बीयर और अन्य कार्बोनेटेड पेय पदार्थ भी पेट में गैस उत्पन्न करने का काम करते हैं। अगर गैस में वृद्धि होती जा रही है, तो कुछ समय के लिए इन चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • लेबल पढ़ें – अगर गैस की समस्या का कारण डेयरी उत्पाद लग रहे हैं, तो शरीर में लेक्टोज इंटोलेरेंस की समस्या हो सकती है, जिसमें दूध उत्पादों को पचाने में कठिनाई होती है। अपने खाने वाली चीजों पर ध्यान रखें कि आप क्या खा रहे हैं? लेक्टोज की कम मात्रा या लेक्टोज़ मुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की कोशिश करें। कुछ चीनी मुक्त खाद्य पदार्थो में अपचनीय कार्बोहाईड्रैट्स के तत्व पाए जाते हैं, परिणाम स्वरूप वे भी गैस को बढ़ा सकते हैं।
  • कम वसायुक्त भोजन खाएं – ज्यादा वसा वाले भोजन पाचन क्षमता और गति को कम कर देता है, जिससे ज्यादा समय लगता है, बिना पचा हुआ भोजन ज्यादा देर रहने से उसमें गैस बनने लगती है।
  • अस्थायी रूप से उच्च फाइबर खाद्य पदार्थों में कमी – फाईबर में कई प्रकार के गुण होते हैं, लेकिन कई उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ गैस के भी बड़े उत्पादक होते हैं। कुछ समय फाइबर के सेवन से बचें और उसके बाद धीरे-धीरे अपने आहार में शामिल कर लें।
  • ऑवर-द-काउंटर उपचार – अन्य ऐसे पदार्थ उपलब्ध हैं जो गैस को कम करने में मदद करते हैं, जैसे डेयरी प्रोडक्ट ईज़ (Dairy products Ease), ये पदार्थ लेक्टोज पदार्थों को पचाने में मदद करते हैं।

आप इन बातों का ध्यार रखकर अपनी डकार को भी कम कर सकेत हैं:

  • धीरे-धीरे खाएं और पीएं – आराम से खाने और पीने के दौरान आप कम हवा को निगल पाते हैं। जिस समय आपको तनाव महसूस हो या आप खाने के समय अधिक हवा निगल लेते हैं, तो खाने खाने के समय को बढ़ाएं और आराम से खाने की कोशिश करें।
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्स व बीयर का सेवन ना करें – कार्बोनेटेड पेय और बीयर शरीर में कार्बनडाइऑक्साइड गैस उत्पन्न करती है।
  • कठोर कैंडी व चुइंगम आदि को छोड़े – चुइंगम चबाते समय या किसी कटोर कैंडी को चूसते समय आप सामान्य से कहीं ज्यादा हवा को निगल लेते हैं।
  • धूम्रपान ना करें – धूम्रपान करते समय जब आप धुंआ अंदर लेते हैं उसके साथ अत्यधिक मात्रा हवा भी निगल लेते हैं (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के सरल तरीके)
  • भोजन करने के बाद थोड़ा पैदल चलें – खाना खाने के बाद थोड़ा बहुत चलने से भी गैस उत्पादन में कमी आती है।
  • हद्य (छाती) में जलन का उपचार  – कभी-कभी हल्के कलेजे में जलन को ठीक करने के लिए मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली ऑवर-द-काउंटर दवाइयां व उपचार लाभदायक हो सकते हैं। लेकिन गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) में दवाइयां डॉक्टर की मदद से ही निर्धारित की जानी चाहिए।

पेट में गैस का परीक्षण - Diagnosis of Stomach Gas in Hindi

पेट की गैस का निदान कैसे करें?

  1. पिछली चिकित्साओं की जानकारी - पेट की गैस के निदान के दौरान मरीज को पिछली चिकित्साओं की जानकारी जरूरी होती है। क्योंकी इससे पेट की गैस में वृद्धि के साथ जुड़े पेट के फैलाव व सूजन का भी मूल्यांकन किया जाता है।
  2. पेट का सामान्य एक्स-रे – विशेष रूप से जब पेट के फूला होने के दौरान उसका एक्स-रे किया जाए, तो इसकी मदद से अक्सर पेट के फैलाव के कारण हवा की मात्रा की पुष्टी की जा सकती है। पेट के साधारण एक्स-रे की मदद से पेट के अंदर हवा की अत्यधिक मात्रा को आसानी से देखा जा सकता है।
  3. छोटी आंतों का एक्स-रे – एक्स-रे में छोटी आंत की रूपरेखा बनाने के लिए एक्स-रे लेने के दौरान छोटी आंत में बेरियम भरा जाता है, जिससे एक्स-रे में आंत साफ-साफ दिखाई दे देती है। यह विशेष रूप से छोटी आंत में किसी प्रकार की रूकावट की पुष्टी करने के लिए किया जाता है।
  4. गेस्ट्रिक (पेट-संबंधी) खाली करने का अध्ययन – इस अध्ययन में पेट द्वारा सामग्री को खाली करने की क्षमता को मापा जाता है। पेट के उपर एक उपकरण लगाया जाता है, जो परिक्षण के तौर पर मरीज को दिए गए भोजन की पेट से निकलने की गति और समय को मापता है।
  5. अल्ट्रासाउंड सी.टी. स्कैन और एमआरआई – इमेंजिंग अध्ययन जिनमें अल्ट्रासाउंड (ultrasound examination), सीटी स्कैन (computerized tomography scan) और एमआरआई (magnetic resonance imaging) शामिल हैं। इनकी मदद से पेट के फैलाव के कारण को स्पष्ट किया जाता है, कि वह पेट के अंदरूनी अंगों के बढ़नें के कारण फैला है या तरल पदार्थ के जमा होने के कारण।
  6. साँस में हाईड्रोडन/मीथेन का परिक्षण – छोटी आंत में बैक्टीरिया की असामान्य वृद्धि का परिक्षण करने के लिए यह सबसे सुविधाजनक तरीका है। कॉलन के बैक्टीरिया द्वारा जारी की गई गैस मीथेन और/या हाईड्रोजन गैस से बनती है। हाइड्रोजन/मीथेन गैस के परिक्षण के लिए अपचनीय चीनी और लेक्टोज आदि का सेवन किया जाता है, इनका सेवन करते हुए एक नियमित अंतराल के साथ, सांस का विशलेषण करने के लिए नमूने लिए जाते हैं।
  7. मॉल्डीजेश्चन और मॉलअब्जोर्प्शन टेस्ट – इनके निदान के लिए निम्न दो टेस्ट किए जाते हैं,
  • सामान्य टेस्ट – यह सबसे अच्छा सामान्य परिक्षण माना जाता है जिसमें मरीज के मल को 72 घंटे तक संग्रह किया जाता है, और मॉल्डीजेश्चन और मॉलअब्जोर्प्शन को मल में वसा की उपस्थिति से मापा जाता है।
  • विशिष्ट टेस्ट – यह टेस्ट माल्डीजेश्चन के लिए किया जाता है, आमतौर जिन लोगों को वसा के पाचन में परेशानी होती है, जिसमें लेक्टोज (दूध और वसायुक्त पदार्थ) सोर्बिटोल (मिठाई और कम कैलोरी वाले पदार्थ) शामिल हैं।

पेट में गैस का इलाज - Stomach Gas Treatment in Hindi

पेट की गैस का उपचार

पेट में गैस के उपचार का लक्ष्य पेट के अंदर से निकलने वाली बदबूदार गैस को कम करना होता है। इसके लिए मेडिकल उपचार में एंटीबायोटिक्स दवाइयां शामिल होती हैं, अगर गेस्ट्रोइसोफेगल ट्रैक्ट में बैक्टीरिया की असामान्य वृद्धि होने का शक है या परजीवी से संक्रमण होने के कुछ सबूत मिलें तो,

  • कुछ आशाजनक अध्ययनों नें प्रोबायोटिक्स की मदद से गैर-आक्रामक बैक्टीरिया को आहार देकर जांच की जाती है, ताकि आक्रामक बैक्टीरिया को बाहर निकाला जा सके, इसके अलावा अभी कोई स्थापित उपचार उपलब्ध नहीं है।
  • आंतों के कार्यों का विनियम कार्य करना आवश्यक होता है, कब्ज का उपचार भोजन में फाइबर की मात्रा को बढ़ाकर या कुछ जुलाबों की मदद से किया जा सकता है।
  • जिन मामलों में किसी व्यक्ति के हवा निगलने का कारण चिंता होती है, ऐसे में डॉक्टर मरीज को मानसिक स्वास्थ्य और दिनभर की आदतों में सुधार लाने की सलाह दे सकते हैं।

पेट की गैस के उपचार के लिए ऑवर-द-काउंटर (बिना पर्ची) दोनो प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं,

जो व्यक्ति गैस का कारण बनने वाले भोजन को नहीं छोड़ सकते, उनके लिए काफी सारी ऑवर-द-काउंटर दवाइयां हैं जो पेट गैस के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं,

  • बीनो - यह एक एंजाइम सप्लिमेंट है जो बीन (सेम आदि) को ग्रहण करने के साथ प्रयुक्त किया जाता है। इसमें वसा को पचाने वाले एंजाइम होते हैं। यह तब लिया जाता है, जब शरीर वसा, बीन्स व अन्य सब्जियों को पचाना कम कर दे। लेक्टोज या फाइबर की वजह से बनने वाली गैस को बीनो प्रभावित नहीं करता, इसको ऑवर-द-काउंटर खरीदा जा सकता है।
  • एंटीएसिड्स – जैसे डी-जेल (Di-gel) जिसमें सिमेथिकोन (एंटी गैस गोली या गैस की गोली भी कहा जाता है) होता है। यह एक फोमिंग एजेंट होता है, जो पेट में गैस के बुलबुलों को आपस में जोड़ देता है जिसके बाद गैस डकार के रूप में आसानी से बाहर निकल जाती है, हालांकि यह दवा आंत संबंधी गैस पर कोई असर नहीं कर पाती।
  • चार्कोकैप्स (सक्रिय चारकोल टैबलेट) – एक्टिवेटेड चारकोल टैबलेट भी गैस से राहत दिलाती हैं, इसका प्रयोग गैस के कारण पेट में दर्द, डायरिया या अन्य पेट संबंधित परेशानियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
  • कुछ प्रिस्क्रिप्शन दवाएं - कुछ पर्ची वाली दवाएं (डॉक्टर के द्वारा निर्देशित दवाएं) विशेष रूप से जाती दी जाती हैं, जब मरीज को कोई आंत संबंधी विकार हो जैसे आंत सिंड्रोम (syndrome-एक रोग में कई रोगों के लक्षण)। कुछ दवाएं जैसे रेगलन (metoclopramide) भी पेट की स्थिति में सुधार लाकर गैस जैसी समस्याओं को कम कर देती है।

संदर्भ

  1. International Foundation for Gastrointestinal Disorders. [Internet]. IFFGD,U.S. Controlling Intestinal Gas.
  2. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Symptoms & Causes of Gas in the Digestive Tract.
  3. MSDmannual professional version [internet].Gas-Related Complaints. Merck Sharp & Dohme Corp. Merck & Co., Inc., Kenilworth, NJ, USA
  4. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Gas in the Digestive Tract
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Gas

पेट में गैस के डॉक्टर

पेट में गैस की दवा - Medicines for Stomach Gas in Hindi

पेट में गैस के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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पेट में गैस की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Stomach Gas in Hindi

पेट में गैस के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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पेट में गैस पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 3 साल पहले

मेरी उम्र 29 साल है और मुझे बबासीर है। मेरे पेट में हमेशा गैस बनी रहती है। मुझे दिन में कई बार डकार आती है और गैस पास हो जाती है।

गैस बनने से क्या क्या लक्षण होते हैं? - gais banane se kya kya lakshan hote hain?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

आपको बबासीर है जिसके लिए आप डॉक्टर से मिले और उनसे इलाज करवाएं। गैस प्रॉब्लम के लिए आप टैबलेट एंटासिड लें।

सवाल लगभग 3 साल पहले

मुझे बहुत समय से गैस/एसिडिटी की प्रॉब्लम है, इसे ठीक करने का क्या तरीका है?

गैस प्रॉब्लम के लिए आप टैबलेट एंटासिड दिन में 3 बार लें। अगर इससे आपको आराम नहीं मिलता है तो डॉक्टर से मिलकर एंडोस्कोपी से जांच करवा लें। आप तीखे और तले खाने से दूर रहें।

सवाल लगभग 3 साल पहले

मैं अपने शरीर में गैस को बनने से कैसे रोक सकती हूं?

शरीर में गैस बनने को रोकने के लिए आप अपनी डाइट को अच्छी रखें। तीखे, तले और ऐसी चीज़ो को न खाएं जिनसे पेट में गैस बनती है।

सवाल लगभग 3 साल पहले

पेट की गैस को दूर करने के लिए कौन-सी पोजीशन बेहतर है?

बिस्तर पर एक तरफ लेट जाएं और अपने घुटनों को छाती तक खींचे, इससे गैस बाहर निकलने में मदद मिलती है। यह पोजीशन (स्थिति) पेट की गैस को आंत से बाहर निकालने में मदद करती है। इसमें कुछ मिनट से अधिक समय लग सकता है। लेटकर पैरों को धीरे-धीरे छाती तक ले जाना और फिर वापस नीचे लाना, इससे भी गैस बाहर निकलने में मदद मिल सकती है।

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सर्जरी के लिए बैस्ट अस्पताल


  • नोएडा में स्फिंक्टेरोटोमी के अस्पताल
  • बैंगलोर में प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी के अस्पताल
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गैस बनने पर क्या क्या लक्षण दिखाई देते हैं?

Stomach gas problem: पेट से संबंधित वैसे तो बहुत सी समस्याएं होती हैं, लेकिन गैस का बनना एक आम समस्या होती है..
पेट फूला हुआ महसूस होता है..
पेट में ऐंठन होती है..
पेट में हल्का-हल्का दर्द होता है..
कभी-कभी उल्टी होना..
सिर में दर्द रहना..
पूरे दिन आलस जैसा महसूस होता है..

शरीर में गैस बनने से क्या क्या होता है?

आइए जानते हैं पेट में गैस बनने से शरीर के अंगों को होने वाले नुकसान।.
गैस होने से हमारे पेट में दर्द ... .
पेट फूलने.
सीने में दर्द होना.
शौच जाने में समस्या.

पेट में गैस का दर्द कहाँ होता है?

पेट या सीने में जब गैस पहुंचती है तो इससे सीने में दर्द के साथ सिर में भी दर्द होता है। इतना ही नहीं, कई बार घुटनों में दर्द का कारण भी गैस होती है। पेट, पीठ, सीने, सिर में दर्द के साथ गैस के कारणसीने व पेट में जलन होती है, चक्कर आना, जैसी समस्याएं हो जाती हैं। आज आपको गैस से होने वाली पीठ दर्द के बारे में बताएंगे।

गैस से घबराहट होती है क्या?

पेट दर्द के साथ ही साथ उसे कभी कब्ज, तो कभी डायरिया हो जाता है। उसे ऐसा लगता है, जैसे पेट में गैस का निर्माण बहुत ज्यादा हो रहा है, बार-बार डकारें आती रहती हैं। यह भी महसूस होता है कि गैस उसके सिर और पीठ में भी चली जाती है। घबराहट, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन के साथ अपने काम से बेरुखी सी रहती है।