गुरुवार अर्थात बृहस्पतिवार भगवान विष्णु का प्रिय दिन है। इस दिन जो भी भक्त व्रत रखता है उस पर भगवान विष्णु की असीम कृपा होती है। Show
इस दिन का व्रत भगवान विष्णु के लिए ही रखा जाता है अथवा कुंडली में बृहस्पति के लिए भी लोग गुरुवार का व्रत रखते हैं लेकिन उनको यह पता नहीं होता कि गुरुवार के व्रत में किन किन नियमों का पालन करना चाहिए। गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं, गुरुवार की पूजा कैसे करनी चाहिए, गुरुवार के व्रत में कौन सा फल खाना चाहिए, गुरुवार के व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए गुरुवार के व्रत से जुड़िए क्या जी बहुत सारी महत्वपूर्ण बातें हैं जिनकी चर्चा हम आज के इस आर्टिकल में करने जा रहे हैं आप भी गुरुवार का व्रत रखते हैं अथवा भगवान विष्णु का व्रत रखते हैं तो इस आर्टिकल को अवश्य पढ़ें। आइए सबसे पहले जानते हैं गुरुवार का व्रत क्या है और गुरुवार का व्रत क्यों लिया जाता है गुरुवार के व्रत के बारे में बताइएगुरुवार का व्रत विशेष रूप से बृहस्पति एवं भगवान विष्णु के लिए रखा जाता है यदि किसी की शादी में किसी भी प्रकार की समस्या हो रही हो तो गुरुवार का व्रत रखना एक बेहतर उपाय है। जो व्यक्ति लगातार 16 गुरुवार का व्रत रखता है एवं उसका उद्यापन करता है। उसके जीवन की तमाम समस्याएं दूर हो जाती है एवं कुंडली में गुरु दोष से भी शांति मिल जाती है। गुरुवार का व्रत यदि कोई पहली बार ले रहा हो तो उसे पौष मास के गुरुवार से शुरुआत करनी है यदि पुष्य नक्षत्र में गुरुवार आए तो ऐसा गुरुवार व्रत के लिए अति उत्तम होता है। किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष से भी गुरुवार व्रत की शुरुआत की जा सकती है यह उत्तम फल देने वाला माना जाता है। गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहींहमारे दर्शकों ने यह सवाल पूछा कि गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए अथवा नहीं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी व्रत में दूध पीना सामान्यतः स्वीकार किया जाता है। दूध पीने से कोई भी व्रत खंडित नहीं होता है। गुरुवार के व्रत में दूध पी सकते हैं। इसमें किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है। हां, यह ध्यान देने योग्य बात है कि गुरुवार का व्रत हो अथवा कोई भी व्रत, दूध हमेशा गाय का अथवा भैंस का ही पीना चाहिए। हो सके तो व्रत में केवल गाय का ही दूध पीना चाहिए। इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार का दूध नहीं पीना चाहिए। दूध से बने कुछ पदार्थ (साबूदाने की खीर आदि) भी खाए जा सकते हैं। अब आपने यह तो जान गया कि गुरुवार के व्रत में दूध पी सकते हैं लेकिन इसके अतिरिक्त भी बहुत सारे सवाल हैं जो हमारे दर्शकों द्वारा पूछे गए हैं इन सबको भी जरूर पढें। Click- क्या तुलसी माता को सिंदूर चढाना चाहिए- रहस्य जानिए Click- रुद्राक्ष पहनने के फायदे व नुकसान- ये गलती न करें। Click-शाम को शिवलिंग में जल चढाना चाहिए या नहीं Click- सोमवार व्रत के जरूर नियम- ये गलती न करें। गुरुवार के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहींगुरुवार के व्रत में अथवा किसी भी व्रत में नमक खाने का निषेध किया जाता है। सामान्य नमक बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए और व्रत में केवल सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए। गुरुवार के व्रत में भी सेंधा नमक भी नहीं खाना चाहिए। विशेष परिस्थिति में ही सेंधा नमक खाएं। अन्यथा गुरुवार के व्रत में सेंधा नमक का भी निषेध किया जाता है। गुरुवार के व्रत में केला खाना चाहिए या नहींगुरुवार की व्रत में केला खाना उत्तम नहीं माना जाता है। यद्यपि केला भगवान विष्णु का अति प्रिय फल है। गुरुवार का व्रत भी भगवान विष्णु के निमित्त रखा जाता है। तथापि गुरुवार की व्रत में केले खाने का निषेध किया गया है क्योंकि किला बृहस्पति का स्वरूप माना जाता है अतः केले की पूजा करनी चाहिए कोशिश करें कि गुरुवार के व्रत में अकेला ना खाएं। गुरुवार के व्रत में दही खा सकते हैंजी हां गुरुवार के व्रत में दही भी खा सकते हैं गुरुवार के व्रत में दूध दही मक्खन आदि का सेवन कर सकते हैं। दही से बने पदार्थ जैसे की लस्सी आदि का सेवन भी कर सकते हैं। गुरुवार के व्रत में क्या नहीं खाना चाहिएकिसी भी सामान्य व्रत में अथवा गुरुवार के व्रत में कुछ विशेष खाद्य वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। निम्नलिखित चीजों को गुरुवार के व्रत में बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।
गुरुवार को क्या नहीं करना चाहिए?गुरुवार व्रत के दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखें सामान्य रूप से गुरुवार के दिन भी इन बातों का पालन करना चाहिए।
बृहस्पतिवार के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?गुरुवार अर्थात बृहस्पतिवार व्रत करने के पश्चात शाम को मीठे पकवान, गाय के दूध से बनी खीर, गाजर का हलवा, अरहर की दाल रोटी हलवा पूरी आदि बना सकते हैं। दिन के समय में व्रत का पालन करना चाहिए। अतः केवल फलाहार अथवा जला हर ही करना चाहिए। संभव हो तो रात के समय भी फलाहार ही करें। इससे व्रत पूर्णतः सिद्ध हो जाता है। गुरुवार के कितने व्रत करना चाहिएविशेष कामना के लिए कम से कम 16 गुरुवार तक व्रत अवश्य रखना चाहिए। सोलह व्रत लेने के उपरांत इस का उद्यापन करवा लेना चाहिए। बिना उद्यापन के व्रत अपूर्ण माना जाता है। अतः गुरुवार के 16 व्रत रखने के पश्चात इस का उद्यापन अवश्य करवाएं। गुरुवार व्रत में नमक खा सकते हैं क्या?गुरुवार व्रत में प्याज और लहसुन का उपयोग भी नहीं होता है. उपवास के दिनों में नमक भी नहीं खाया जाता, सिर्फ सेंधा नमक का इस्तेमाल होता है.
बृहस्पतिवार व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?व्रत में खाएं ये चीजें. व्रत में आप दूध, दही, पनीर, मक्खन खा सकते हैं, इससे आपको एनर्जी मिलेगी.. व्रत में कई गेहूं का आटा नहीं खाते ऐसे में ऑप्शन के तौर पर आप अरारोट का आटा, कुट्टू का आटा, राजगीरा आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना और समा चावल खा सकते हैं, ये सभी फलाहार में आते हैं.. व्रत में आप सभी फल खा सकते हैं.. गुरुवार के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार गुरुवार के दिन केले का सेवन करने से बचना चाहिए। इस दिन केला खाना अशुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के वृक्ष में देव गुरु बृहस्पति का वास होता है। यह भी माना जाता है कि केले के वृक्ष में भगवान विष्णु का निवास होता है और गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है।
गुरुवार का व्रत कितने दिनों तक करना चाहिए?भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए लगातार 16 गुरुवार का व्रत रखना चाहिए और 17वें गुरुवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए । मासिक धर्म की वजह से महिलाएं व्रत नहीं रख सकती है। इसके अलावा गुरुवार का व्रत 1,3,5,7 और 9 साल या फिर आजीवन भी रख सकते हैं।
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