इसे सुनेंरोकेंउत्तर : किसी पदार्थ के एक किलोग्राम को इसके क्वथनांक पर द्रव अवस्था से गैसीय अवस्था में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को ही वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते है। उदाहरण : जल की वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 2260 kJ/kg होता है। Show
पानी की गुप्त ऊष्मा क्या है?इसे सुनेंरोकेंजल के लिए वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 5४0 किलो कैलोरी प्रति किलोग्राम है। दर्पण की गुप्त ऊष्मा क्या है? इसे सुनेंरोकेंकिसी पदार्थ की गुप्त उष्मा (latent heat), उष्मा की वह मात्रा है जो उसके इकाई मात्रा द्वारा अवस्था परिवर्तन (change of state) के समय अवषोषित की जाती है या मुक्त की जाती है। इसके अलावा पदार्थ जब अपनी कला (फेज) बदलते हैं तब भी गुप्त उष्मा के बराबर उष्मा का अदान/प्रदान करना पड़ता है। पढ़ना: जैन साधु नंगे क्यों रहते हैं? ऊष्मा क्या है समझाइए? इसे सुनेंरोकेंऊष्मा (heat) या ऊष्मीय ऊर्जा (heat energy), ऊर्जा का एक रूप है जो ताप के कारण होता है। ऊर्जा के अन्य रूपों की तरह ऊष्मा का भी प्रवाह होता है। किसी पदार्थ के गर्म या ठंडे होने के कारण उसमें जो ऊर्जा होती है उसे उसकी ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं। गुप्त ऊष्मा को गुप्त ऊष्मा क्यों कहा जाता है?इसे सुनेंरोकेंपूरे ठोस के द्रव बन जाने तक उसका तापमान बढ़ता नहीं, स्थिर 0 डिग्री सेल्सियस ही रहता है। जब यह एक बार पूरा पिघल जाता है, तो फिर तापमान बढऩा शुरू होता है। यहां बर्फ का टुकड़ा शुरू से ही ऊष्मा ग्रहण कर रहा था, लेकिन पूरा पिघलने तक उसका तापमान नहीं बदला। इस स्थिति तक खर्च हुई ऊष्मा को ही गुप्त ऊष्मा कहते हैं। द्रव्य की गुप्त ऊष्मा क्या है?गुप्त ऊष्मा की इकाई क्या है? इसे सुनेंरोकेंSOLUTION. गुप्त ऊष्मा: बिना तापमान को बदले किसी पदार्थ के इकाई द्रव्यमान की स्थिति को बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा है। अर्थात, हम कह सकते हैं कि अवस्था को बदलने के लिए आपूर्ति की गई आवश्यक ऊष्मा पदार्थ के द्रव्यमान m के समान आनुपातिक होगी। गुप्त ऊष्मा की क्रमश: SI इकाई J/Kg और CGS इकाई Cal/g है। पढ़ना: हुआ शब्द में कितनी मूल ध्वनियाँ है? गलन की गुप्त ऊष्मा तथा वाष्पन की गुप्त ऊष्मा से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंगलन की गुप्त ऊष्मा अर्थात ठोस का द्रव अवस्था में परिवर्तन होने लगता है अतः ठोस का द्रव अवस्था में परिवर्तन के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस ठोस पदार्थ की गलन की गुप्त ऊष्मा (latent heat of fusion in Hindi) कहते हैं। इसे संगलन की गुप्त ऊष्मा भी कहते हैं। इसका मात्रक किलोकैलोरी/किग्रा या जूल/किग्रा होता है। स्थिर ताप पर किसी पदार्थ के अवस्था परिवर्तन के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा प्रति एकांक द्रव्यमान को उस पदार्थ की गुप्त ऊष्मा (Latent heat) कहते हैं।(i) गलन की गुप्त ऊष्मा (latent heat of Melting)यह ऊष्मा की वह मात्रा है जो बिना ताप बदले एकांक द्रव्यमान के ठोस को द्रव में बदलने के लिए आवश्यक होती। या जब हम किसी ठोस को गरम करते हैं तो इसका ताप बढ़ता है और एक विशिष्ट ताप पर यह गलने लगता है। इस ताप को ठोस का गलनांक कहते हैं। अवस्था परिवर्तन की अवधि में हम लगातार ऊष्मा देते हैं लेकिन ताप में वृद्धि नहीं होती है। एकांक द्रव्यमान के ठोस को पूर्णतया इसकी संगत द्रव अवस्था में परिवर्तित करने वे लिये आवश्यक ऊष्मा को गलन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं। इसका मात्रक कैलोरी/ग्राम या किलो कैलोरी/ग्राम अथवा जूल/किग्रा) है। (II) वाष्पन की गुप्त ऊष्मा (Latent heat of Vaporisation)यह ऊष्मा की वह मात्रा है जो एकांक द्रव्यमान के द्रव को सम्पूर्ण रूप से बिना ताप परिवर्तन के वाष्प अवस्था में बदलने के लिए। आवश्यक है। इसका मात्रक कैलोरी/ग्राम या किलो | कैलोरी/किलोग्राम अथवा जूल/किग्रा. है। या एक द्रव को गरम करने पर इसके क्वथनांक तक ताप बढ़ता है। क्वथनांक पर दी गयी ऊष्मा इसे गैसीय अवस्था में परिवर्तन करने में प्रयुक्त होती है। किसी द्रव के एकांक द्रव्यमान को एक नियत ताप पर गैसीय अवस्था में परिवर्तित करने के लिए आवश्यक ऊष्मा उस द्रव के वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा कहलाती है। पदार्थ गलनांक (°C) क्वथनांक (°C) ऐथिल ऐल्कोहॉल -114 78 सोना 1063 2660 लैड 328 1744 पारा -39 357 नाइट्रोजन -210 -196 ऑक्सीजन -219 -183 जल 0 100 चालन (Conduction) : चालन के द्वारा ऊष्मा पदार्थ में एक स्थान से दूसरे स्थान तक, पदार्थ के कणों को अपने स्थान का परिवर्तन किए बिना पहुँचती है। ठोस में ऊमा का संचरण चालन विधि द्वारा ही होता है। ठोस तथा पारे में ऊष्मा का संचरा केवल चालन द्वारा होता है। पदार्थों का वर्गीकरण 3 प्रकार से होता है (i) चालक : सभी धातु, अम्लीय पदार्थ, मानव। (ii) कुचालक : लकड़ी (iii) उष्मारोधी : एबोनाइट, ऐस्बेस्टमस संवहन (Convection) : इस विधि में ऊष्मा का संचरण पदार्थ के कणों के स्थानान्तरण के द्वारा होता है। इस प्रकार पदार्थ के कणों के स्थानान्तरण से धाराएँ बहती है, जिन्हें संवहन धाराएँ कहते हैं। गैसों एवं द्रवों में ऊष्मा का संचरण संवहन द्वारा ही होता है। वायुमंडल संवहन विधि के द्वारा ही गरम होता है। केवल गैसों और द्रवों में संवहन होता है। गैस के अण गर्म होने पर हल्के हो जाते हैं और ऊपर उठने लगते हैं। गुप्त ऊर्जा क्या है?अव्यक्त ताप (जिसे अव्यक्त ऊर्जा या परिवर्तन की ऊष्मा के रूप में भी जाना जाता है) एक स्थिर-तापमान प्रक्रिया के दौरान शरीर या थर्मोडायनामिक प्रणाली द्वारा जारी या अवशोषित ऊर्जा है - आमतौर पर एक प्रथम-क्रम चरण संक्रमण।
गुप्त ऊष्मा कितने प्रकार के होते हैं?गुप्त ऊष्मा (Latent Heat) क्या है ?. (i) गलन की गुप्त ऊष्मा (latent heat of Melting). (II) वाष्पन की गुप्त ऊष्मा (Latent heat of Vaporisation). वशीकरण गुप्त ऊष्मा से आप क्या समझते हैं?UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : वायुमंडलीय दाब पर 1 किलो द्रव को उसके क्वथनांक पर वाष्म में बदलने के लिए जितनी ऊष्मीय ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसे वाष्पीकरण की गुप्त या प्रसुप्त ऊष्मा कहते हैं।
गुप्त ऊष्मा का मात्रक क्या होता है?जूल (Joule) होता है पर इसे कैलोरी (Calorie) में भी व्यक्त करते हैं।
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