पिस्टल और रिवॉल्वर से कैसे चलती है बुलेट Show पहले जान लीजिए कि बंदूक का ट्रिगर दबने पर जो कार्टिज निकलती है, उसके तीन हिस्से होते हैं। प्राइमर, खोखा या केस और बुलेट। कार्टिज का सबसे पिछला हिस्सा प्राइमर होता है। ये ही फायरिंग के वक्त बारूद में विस्फोट करता है। बीच में खोखा होता है, इसी में गन पाउडर भरा होता है। गोली चलते ही ये खोखा बंदूक से निकलकर गिर जाता है। अब आता है वो हिस्सा जो किसी इंसान के शरीर को चीरता अंदर घुस जाता है। कार्ट्रिज के सबसे आगे वाले हिस्से को बुलेट कहते हैं। ये लेड या सीसे की बनी होती है। जब बंदूक का ट्रिगर दबाया जाता है ,तो प्राइमर पर तेज से चोट लगती है। इस टक्कर से बुलेट केस में चिंगारी उत्पन होती है और खोखे के बारूद में विस्फोट हो जाता है। तेज रफ्तार से खोखे से निकलकर बुलेट लग जाती है। शस्त्रों के हैं शौकीन तो माउजर, पिस्टल और रिवॉल्वर में जान लीजिए क्या है फर्कएक्सपर्ट सिद्दकी के अनुसार बुलेट का अगला हिस्से में लगा लेड या सीसा एक जहरीला पदार्थ होता है। हालांकि, इससे मौत होने की संभावना कम होती है। बता दें कि गोली से मौत होने के कई कारण होते हैं। एक बुलेट तेज रफ्तार के साथ एकदम सीधी शरीर के अंदर घुसती है। अपने रास्ते में आने वाली जिस्म की खाल और शरीर के अंदर के अंगों को चीरती हुई बाहर निकल जाती है। कई बार हड्डी से टकराकर शरीर में भी धंसी रह जाती है। ऐसे में गोली लगने पर शरीर से खून निकलना शुरू हो जाता है। ज्यादा खून बह जाने पर इंसान की मौत हो जाती है। कई बार ऐसे पार्ट पर गोली लग जाती है, जिससे तुरंत ही शरीर निष्क्रिय पड़ने लगता है। बुलेट शरीर में जब घुसती है तो काफी गर्म होती है। ऐसे में अंग डैमेज भी हो सकते हैं, जो बाद में मौत का कारण बनते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार ज्यादातर मामलों में खून का अधिक रिसाव और इंफेक्शन ही मौत का कारण बनते हैं। कभी भारत बोफोर्स कंपनी से खरीदता था अस्त्र शस्त्र, अब बोफर्स को पसंद आई 'सारंग'इन अंगों पर गोली लगने से ज्यादा होता है खतरा विज्ञान में आपने वाइटल ऑर्गन हृदय, दिमाग, किडनी, लीवर के विषय में जरूर पढ़ा ही। इन अंगों पर गोली लग जाए तो व्यक्ति का बचना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा हाथ या पैर को गोली छूकर निकल जाए तो बच सकते हैं। बशर्ते कि शुरुआती दस मिनट में आपको सही इलाज मिल जाए। डॉक्टर्स कहते हैं कि गोली लगने के बाद मौत की सबसे बड़ी वजह ब्लड का बहना होता है। ब्लड जितनी मात्रा में निकलेगा उतनी जल्दी जान जा सकती है। डेढ़ लाख की पिस्टल मिल रही है सिर्फ 10 हजार में, आपको भी चाहिए तो यहां करें संपर्कगोली लगने के बाद आखिर शरीर में होता क्या है शरीर में गोली लगने के बाद बुलेट की वजह से खून बहने लगता है। फिर बारूद की वजह से शरीर में इंफेक्शन भी होने लगता है। गोली लगने पर इंसान के शरीर में इतनी गर्मी पैदा होती है कि वह उसे बर्दाश्त नहीं कर पाता। कभी-कभी गोली लगने से कुछ ऐसे अंग डैमेज हो जाते हैं, जिनके बिना इंसान जिंदा नहीं रह सकता और व्यक्ति की मौत हो जाती है। गोली लगने से मौत कैसे हो जाती है?विनाशकारी प्रभाव तब होते है जब गोली महतवपूर्ण अंगो को लगती है जैसे दिल, फेफड़े, रीढ़ की हड्डी या मस्तिष्क की केंद्रीय तंत्रिका के तंत्र को नुकसान पहुंचता है। बंदूक की गोली की चोट के बाद मौत के आम कारणों में शामिल हाइपोक्सीया, दिल और मस्तिष्क पर लगी चोंटे अत्यधिक हानिकारक होती है।
गोली मारने के बाद क्या होता है?यदि उस घाव में संक्रमण हो गया तो काफी समय बाद मर सकता है। गोली लगने से तुरंत भी मर जाते हैं और समय भी लग सकता है । रक्त श्राव अधिक होने से मृत्य होती है या उसके द्वारा किए गए संक्रमण से होती है।
बंदूक की गोली में कौन सा जहर होता है?गोली बनाने के लिए बहुत सारे हेवी मेटल इस्तेमाल होते हैं जैसे लेड और आजकल कैल्शियम सिलिकेट. इन सारे मेटल्स के दुष्प्रभाव के कारण जान जाती है, जो गैस फ्यूम निकलती है उसके कारण भी मौत होती है. अनबर्न पाउडर यानी वो बारूद जो पूरी तरह से जला नहीं होता, उसकी वजह से भी जान जा सकती है.
पिस्टल में कितनी गोली लगती है?पिस्टल में गोलियां इसके मैगजीन में भरी जाती हैं. पिस्टल के ग्रिप के पास लगी मैगजीन में 8 गोलियां भरी जा सकती हैं. हालांकि ज्यादा गोलियों वाली भी पिस्टल आने लगी हैं. इससें एक के बाद एक लगातार फायरिंग की जा सकती है.
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