फ्रेन्च ईस्ट इण्डिया पर किसका अधिकार था? - phrench eest indiya par kisaka adhikaar tha?

फ़्रान्स

फ्रेन्च ईस्ट इण्डिया पर किसका अधिकार था? - phrench eest indiya par kisaka adhikaar tha?

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फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .

1120 संबंधों: चण्डीगढ़, ऊन, चन्दननगर, चमेली, चर कार्य, ऊष्मायित्र (अंडा), चाड, चाय, चार्टर आन्दोलन, चार्ल्स डि गॉल विमानक्षेत्र, चार्ल्स डी गॉल, चार्ल्स द्वितीय, चार्ल्स ब्रेडलॉफ, चार्ल्स लूसियन बोनापार्ट, चार्ली विल्सन्स वॉर, चित्रशाला, चिकनगुनिया, चौदहवाँ लुई, चौर्य व्यापार, चूर्णकूट, चेन्नई, चेन्नई का इतिहास, चॅक, चॉकलेट, टर्मिनेटर: द सराह कॉनर क्रॉनिकल्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टावर ऑफ़ लण्डन, टकसाल, टुर, ट्रफ़ैलगर का युद्ध, ट्रैक सायकलिंग, ट्रू ब्लड, ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार, टैंगो (नृत्य), टैंक, टूर डी फ्रांस, टेनिस, टेरी - ऊर्जा और संसाधन संस्थान, टेस्को, टॉम हैंक्स, टॉम क्रूज़, टोकामाक, टोक्यो, टीजीवी, टीवी विज्ञापन, ए टेल ऑफ़ टू सिटीज़, ए एंड डब्ल्यू डाइनिंग, एटलस प्रयोग, एडिडास, एडोल्फ़ हिटलर, ..., एडोस इंटरएक्टिव, एद्गर देगास, एनी बेसेन्ट, एफिल टॉवर, एबरडीन में परिवहन, एम ४६ पेटन, एमिल बोरेल, एयर इंडिया उड़ान 101, एयरबस, एरियन 5, एर्लिनएयर, एल्जीसिराज सम्मेलन, एलैन डेनियलोउ, एलेक्सिस सेंट लेगर, एस.एच. रज़ा, एस्पिरिन, एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड एकाउंटेंट्स, एजिंकोर्ट स्क्वायर, एवा ग्रीन, एंडेमोल, एंडी मरे, एंथोनी वातेऊ, एंगारी, एक्टिविजन, एक्स ला चैपल संधि (१६६८), एक्स ला चैपल संधि (१७४८), एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम, ऐडमिरल, ऐन्डर्स सेल्सियस, ऐबट ओलीबा, ऐरोस्पैटियल एसए 315बी लामा, ऐज़ यू लाइक इट, ऐंब्रोज़ पारे, ऐक्विटेन, झज्जर, झींगा मछली (लॉब्स्टर), डच भाषा, डसॉल्ट मिराज 2000, डामंट, डायनथस कैरीओफ़िलस, डिकेथलॉन, ड्रीम थियेटर, डेबिट कार्ड, डेमलर एजी, डेविड बेखम, तमाशा (2015 फ़िल्म), तम्बाकू धूम्रपान, ताय, तारपान, तिब्बत का पठार, तिराना, तुलूज़, तुलों, तुकोजीराव होलकर तृतीय, त्यूतन जातियाँ, त्रिपोली (लेबनान), तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र, तेलेराँ, तेज पत्ता (बे लीफ), तोप, तीसरे गुट का युद्ध, तीव्र गति रेल, थामस जेफरसन, थाई भाषा, थाईलैण्ड का इतिहास, थिओडर रूसो, थेवेनिन का प्रमेय, थॉमसन रॉयटर्स, थोक मूल्य सूचकांक, द डा विंची कोड (फ़िल्म), द हंगर गेम्स, द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी, द काउंट ऑफ़ मॉन्टे क्रिस्टो, दमिश्क और होम्स पर अमेरिकी मिसाइल हमला - 2018, दादरा नगर हवेली मुक्ति संग्राम, दाशमिक मुद्रावली, दावानल, दिवालीबेन भील, दवा कंपनियों की 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क्रिस्टेवा, जूल्स वर्न, जेनेवा झील, जेम्स थार्नहिल, जेम्स द्वितीय, जेम्स प्रथम (स्कॉटलैंड), जेरिको (मिसाइल), जेर्स, जॉन मार्ले, जॉन जी॰ मोरिस, जोन ऑफ़ आर्क, जोसेप प्ला, जोसेफ़ स्टालिन, जोगिन्दर जसवन्त सिंह, जोआकिम दु बेले, जीन ब्रून्स, जीन रिबाउंड, जीन अगस्टे इन्ग्रेस, जी८, ईएससीपी यूरोप, ईरान का इतिहास, ईरान-इजराइल सम्बन्ध, ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर अंतरिम समझौता, ईसाई धर्म का इतिहास, ईसाई समाजवाद, घड़ियों का इतिहास, वर्णनात्मक ज्यामिति, वर्साय की सन्धि, वलांस, वाटरलू का युद्ध, वाणिज्यिक क्रांति, वाणिज्यवाद, वात्या भट्ठी, वानूआतू, वामपन्थी राजनीति, वास्तुकला का इतिहास, वाइमर गणराज्य, वि-उपनिवेशीकरण, वितरणानुसार विश्व के समाचारपत्रों की सूची, वित्तोरियो दे सिका, विधिशास्त्र, विधिकार, विनायक दामोदर सावरकर, विन्सेंट वैन गो, विमानन, वियतनाम, वियतनाम युद्ध, वियतनामी भाषा, वियना कांग्रेस, विलियम टेंपिल, विलियम द कॉङ्करर, विल्फ्रेड ओवेन, विल्सन के चौदह सिद्धान्त, विश्व तमिल सम्मेलन, विश्व बैडमिंटन संघ, विश्व में बौद्ध धर्म, विश्व में हिन्दू धर्म, विश्व शतरंज चैंपियनशिप, विश्व सुन्दरी, विश्व 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(जाति), कम्यून, करनैल सिंह, कर्तव्य, करीम बेनजोमा, कलवरी-श्रेणी पनडुब्बी, कातालोनिया, कार्डिनल रिचलू, कार्निवल, कार्बोनरी, कार्कासोन की एर्मज़ीन्द, काग़ज़ का आकार, कांगो द्रोणी, कांगो गणराज्य, काकड़, काउण्टी, किलाबंदी, किलोग्राम, किंडरगार्टन (बालवाड़ी), किंग लीयर (शेक्सपीयर कृत), कुत्तों की नस्लों की सूची, क्यूबेक का राज्यचिह्न, क्योटो प्रोटोकॉल, क्राइस्ट द रिडीमर (प्रतिमा), क्रिस्टिन लैगार्डे, क्रूसेड, क्रोमैग्नान मानव, क्रोक्स डी गेयर 1939–1945, क्रीमिया का युद्ध, क्लाद मोने, क्लाज़ एब्नेर, क्लिमेण्ट रिचर्ड एट्ली, क्लेरमाँ फ़ेराँ, क्वेस्ट फ्रांस, कृषि का इतिहास, कैटरीना कैफ़, कैडिलैक, कैथरीन (इग्लैंड की महारानी), कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा, कैथरीन मैन्सफील्ड, कैन, कैन्यनिंग, कैमरुन, कैरल, कैलाश वाजपेयी, कैसर विल्हेम द्वितीय (जर्मनी), केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्र, केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची, केल्टी भाषाएँ, कॅरीबियाई सागर, कॉमिक्स, कोड गीअस, कोत दिव्वार, कोपनहेगन, कोमोरोस, कोर्सिका, कोलकाता, कोलोन, कीट विज्ञान, अत्तिला, अधकपारी, अध्यक्षीय प्रणाली, अधीन क्षेत्र, अनुभववाद, अन्तरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र, अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली, अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति, अन्तरिक्ष एवं प्रमुख आपदाओं का अन्तर्राष्ट्रीय चार्टर, अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन, अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन के सदस्य राष्ट्र, अन्तर्राष्ट्रीय विद्युततकनीकी आयोग, अन्जेल्स एंड डेमन्स (देवदूत और शैतान), अपस्मार, अफ्रीका का विभाजन, अबुल कलाम आज़ाद, अब्राहम इब्न एजरा, अमरावती, आन्ध्र प्रदेश, अमेरिकी युद्ध स्मारक, अमेरिकी क्रन्तिकारी युद्ध, अमेरिकीकरण, अराजकतावाद, अरविन्द गौड़, अर्थशास्त्र, अलसी, अलिज़ी, अल्पाइन सम्मेलन, अल्बर्ट रोपर, अलेक्सांदर प्रथम, अलेक्से क्लाड क्लेरो, अली पाशा मुबारक, अहमद तृतीय, अहमद प्रथम, अंटार्कटिक सन्धि तंत्र, अंतरराष्ट्रीय तापनाभिकीय प्रायोगिक संयंत्र, अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ, अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ, अंग्रेजी साहित्य, अंग्रेजी कविता, अंग्गुन सिप्ता सस्मी, उत्तर अफ़्रीका, उत्तर अमेरिका, उत्तर अमेरिका का इतिहास, उत्तरी सागर, उत्तरी सागर बाढ़ १९५३, उदारतावाद, उन्नत विज्ञान के पालीटेक्निक संस्थान, उपनिवेशवाद का इतिहास, उपग्रह, उबला चावल, उर्दू भाषा, उर्बैन ली वेर्रिएर, उर्वरक, उल्लू नीहारिका, उल्का, उस्ताख ल सर, १ फ़रवरी, १ जनवरी, १ अक्टूबर, १ई+११ मी॰², १० दिसम्बर, ११ जनवरी, १२ जून, १४ जनवरी, १४२९, १४६५, १५ दिसम्बर, १५ जुलाई, १५ अगस्त, १६ जुलाई, १७ जुलाई, १७६९, १७९५, १८ अगस्त, १९ अगस्त, १९०५ की रूसी क्रांति, १९११ की चीन की क्रांति, १९१८, १९१९, १९२२, १९२३, १९२४, १९२४ ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत, १९४१, १९४५, १९५२, १९५९ यूरोपीय कप फाइनल, १९७२ यूरोपीय कप फाइनल, १९७३, १९७४, १९७५ यूरोपीय कप फाइनल, १९७६ यूरोपीय कप फाइनल, १९७७ यूरोपीय कप फाइनल, १९७८ यूईएफए कप फाइनल, १९८१ यूरोपीय कप फाइनल, १९८२ यूरोपीय कप फाइनल, १९८५ यूईएफए कप फाइनल, १९८६ में पद्म भूषण धारक, १९८६ यूरोपीय कप फाइनल, १९९१ यूरोपीय कप फाइनल, १९९१ यूईएफए कप फाइनल, १९९६ यूईएफए कप फाइनल, १९९७ यूईएफए कप फाइनल, १९९९ यूईएफए कप फाइनल, २ दिसम्बर, २००० यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००१ यूईएफए कप फाइनल, २००४ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००४ यूईएफए कप फाइनल, २००५ के पैरिस दंगे, २००६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००७ फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता, २००७ में पद्म भूषण धारक, २००८ फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता, २००८ में पद्म भूषण धारक, २००८ के मुंबई हमले, २०१०, २०१० फीफा विश्व कप, २०१२ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०१४ फीफा विश्व कप, २०१४ की युक्रेन क्राँति एवं क्रीमिया संकट, २०१५ रग्बी यूनियन विश्व कप, २१ अक्टूबर, २५ नवंबर, २५ जनवरी, २६ जुलाई, २७ मार्च, २९ मार्च, ८ मार्च, SNCF (फ्रांस की राष्ट्रीय रेल ऑपरेटर), 1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 1900 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 1908 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, 1924 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, 1924 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक पदक तालिका, 1998 फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता, 2000 के दशक के उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी, 2007 के अरबपतियों की सूची, 2007-2009 का वित्तीय संकट, 2008 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में फ्रांस, 2010 फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता, 2014 शीतकालीन ओलंपिक में फ्रांस, 2015 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में फिनलैंड, 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में बुल्गारिया, 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में रूस, 2017 पेरिस चाकू हमला, 2017 शयरात एयर बेस अमेरीकी मिसाइल हमला, 2018 शीतकालीन पैरालम्पिक, 2018 शीतकालीन ओलम्पिक में बोलीविया। सूचकांक विस्तार (1070 अधिक) »

चण्डीगढ़

चण्डीगढ़, (पंजाबी: ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ), भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो दो भारतीय राज्यों, पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के एक मंदिर के कारण पड़ा है। यह मंदिर आज भी शहर में स्थित है। इसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है। चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में मोहाली, पंचकुला और ज़ीरकपुर आते हैं, जिनकी २००१ की जनगणना के अनुसार जनसंख्या ११६५१११ (१ करोड़ १६ लाख) है। भारत की लोकसभा में प्रतिनिधित्व हेतु चण्डीगढ़ के लिए एक सीट आवण्टित है। वर्तमान सोलहवीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की श्रीमति किरण खेर यहाँ से साँसद हैं। इस शहर का नामकरण दुर्गा के एक रूप ‘चंडिका’ के कारण हुआ है और चंडी का मंदिर आज भी इस शहर की धार्मिक पहचान है। नवोदय टाइम्स इस शहर के निर्माण में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भी निजी रुचि रही है, जिन्होंने नए राष्ट्र के आधुनिक प्रगतिशील दृष्टिकोण के रूप में चंडीगढ़ को देखते हुए इसे राष्ट्र के भविष्य में विश्वास का प्रतीक बताया था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शहरी योजनाबद्धता और वास्तु-स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध यह शहर आधुनिक भारत का प्रथम योजनाबद्ध शहर है।, चंडीगढ़ के मुख्य वास्तुकार फ्रांसीसी वास्तुकार ली कार्बूजियर हैं, लेकिन शहर में पियरे जिएन्नरेट, मैथ्यु नोविकी एवं अल्बर्ट मेयर के बहुत से अद्भुत वास्तु नमूने देखे जा सकते हैं। शहर का भारत के समृद्ध राज्यों और संघ शसित प्रदेशों की सूची में अग्रणी नाम आता है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय ९९,२६२ रु (वर्तमान मूल्य अनुसार) एवं स्थिर मूल्य अनुसार ७०,३६१ (२००६-०७) रु है। .

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ऊन

ऊन के लम्बे एवं छोटे रेशे ऊन मूलतः रेशेदार (तंतुमय) प्रोटीन है जो विशेष प्रकार की त्वचा की कोशिकाओं से निकलता है। ऊन पालतू भेड़ों से प्राप्त किया जाता है, किन्तु बकरी, याक आदि अन्य जन्तुओं के बालों से भी ऊन बनाया जा सकता है। कपास के बाद ऊन का सर्वाधिक महत्व है। इसके रेशे उष्मा के कुचालक होते हैं। सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इन रेशों की सतह असमान, एक दूसरे पर चढ़ी हुई कोशिकाओं से निर्मित दिखाई देती है। विभिन्न नस्ल की भेड़ों में इन कोशिकाओं का आकार और स्वरूप भिन्न-भिन्न होता है। महीन ऊन में कोशिकाओं के किनारे, मोटे ऊन के रेशों की अपेक्षा, अधिक निकट होते हैं। गर्मी और नमी के प्रभाव से ये रेशे आपस में गुँथ जाते हैं। इनकी चमक कोशिकायुक्त स्केलों के आकार और स्वरूप पर निर्भर रहती है। मोटे रेशे में चमक अधिक होती है। रेशें की भीतरी परत (मेडुल्ला) को महीन किस्मों में तो नहीं, किंतु मोटी किस्मों में देखा जा सकता है। मेडुल्ला में ही ऊन का रंगवाला अंश (पिगमेंट) होता है। मेडुल्ला की अधिक मोटाई रेशे की संकुचन शक्ति को कम करती है। कपास के रेशे से इसकी यह शक्ति एक चौथाई अधिक है। .

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चन्दननगर

चंदननगर एक छोटा सा नगर है जो कोलकाता से ३० किमी उत्तर दिशा में स्थित है। पहले यह फ्रांस का उपनिवेश था। यह हुगली जिले की एक तहसील तथा पश्चिम बंगाल की ६ नगरपालिकाओं में में से एक है। यह हुगली नदी के किनारे स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल मात्र १९ वर्ग किमी है और जनसंख्या १ लाख ५० हजार से भी अधिक है। चन्दननगर को सन्‌ 1950 में भारत में मिला लिया गया। .

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चमेली

चमेली चमेली (Jasmine) का फूल झाड़ी या बेल जाति से संबंधित है, इसकी लगभग २०० प्रजाति पाई जती हैं। "चमेली" नाम पारसी शब्द "यासमीन" से बना है, जिसका मतलब "प्रभु की देन" है। चमेली, जैस्मिनम (Jasminum) प्रजाति के ओलिएसिई (Oleaceae) कुल का फूल है। भारत से यह पौधा अरब के मूर लोगों द्वारा उत्तर अफ्रीका, स्पेन और फ्रांस पहुँचा। इस प्रजाति की लगभग 40 जातियाँ और 100 किस्में भारत में अपने नैसर्गिक रूप में उपलब्ध हैं। जिनमें से निम्नलिखित प्रमुख और आर्थिक महत्व की हैं: 1.

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चर कार्य

चर कार्य या गुप्तचरी या खुफियागिरी या जासूसी अर्थात् भेद निकालने का कार्य गुप्तचरों और भेदियों द्वारा किया जाता है। विशेषकर युद्धकाल में सब देश अपने भेदियों को भेजकर दूसरे देशों की सेना, सरकार, उत्पादन, वैज्ञानिक उन्नति आदि के तथ्यों के विषय में सूचना प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं। चर कार्य नैतिकता की दृष्टि से आपत्तिजनक है और बहुधा ये लोग ही इस कार्य को सफलता से कर सकते हैं जिनको अच्छे बुरे का विचार न हो। .

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ऊष्मायित्र (अंडा)

thumb अण्ड ऊष्मायित्र या डिंबौषक (Incubator) एक प्रकार का उपकरण है जिसके द्वारा कृत्रिम विधि से अंडों को सेआ जाता है और उनसे बच्चे उत्पन्न कराए जाते हैं। .

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चाड

चाड, जिसे त्शाद भी उच्चारित किया जाता है, अफ्रीका में स्थित एक स्थलरुद्ध देश है। इसके उत्तर में लीबिया, दक्षिण में मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, पूर्व में सूडान और पश्चिम में नाइजर, नाइजीरिया और कैमरून हैं। यह देश तीन विभिन्न भौगोलिक प्रांतों में बँटा हुआ है। उत्तरी इलाका रेगिस्तानी है जो कि सहारा का भाग है, मध्य का इलाका साहेल है और दक्षिणी भाग सवाना है। चाड झील, जिससे देश को नाम मिला है, चाड का सबसे बड़ा दलदली इलाका है और अफ़्रीका का दूसरा सबसे बड़ा। इसका सबसे बड़ा शहर अन्' ड्जमेना है जो कि इसकी राजधानी भी है। इस्लाम और इसाई धर्म सबसे प्रचलित धर्म हैं, हालाँकि करीब १५% जनसंख्या जीववादी और नास्तिक भी है। अरबी और फ़्रेन्च यहाँ की आधिकारिक भाषाएं हैं। चाड असफल देशों (Failed state) में से एक और दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में से एक है। .

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चाय

चाय एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों की पत्तियों से बनता है।भारतीय.

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चार्टर आन्दोलन

चार्टवादी दंगे ब्रिटेन में सन् १८३८ और १८४८ के बीच राजनीतिक सुधारों के लिये श्रमिक वर्ग द्वारा किये गये आन्दोलन चार्टर आन्दोलन (Chartism) कहलाते हैं। यह नाम सन् १८३८ में निर्मित 'पीपल्स चार्टर' से आया है। यह आन्दोलन विश्व के श्रमिक वर्ग का पहला विशाल आन्दोलन था। 'चार्टिज्म' नाम बहुत से स्थानीय समूहों का सामूहिक नाम था जिन्होने १८३७ से विभिन्न शहरों में अपने विरोध की आवाज बुलन्द की। .

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चार्ल्स डि गॉल विमानक्षेत्र

पैरिस चार्ल्स डि गॉल विमानक्षेत्र (Aéroport Paris-Charles de Gaulle), जिसे रॉएज़्ज़ एयरपोर्ट (या फ़्रांसीसी में मात्र रॉएज़) भी कहते हैं, विश्व के प्रधान विमानन केन्द्रों में से एक, एवं फ़्रांस का सबसे बड़ा विमानक्शःएत्र है। इसका नाम फ़्रांस के फ़्री फ़्रेंच फ़ोर्सेज़ के नेता एवं फ़्रेंच फ़िफ़्थ रिपब्लिक के संस्थापक चार्ल्स डि गॉल (1890–1970) के नाम पर रखा गया है। यह विमानक्षेत्र फ़्रांस के कम्यून्स के दूरी पर पैरिस के उत्तर पूर्व दिशा में स्थित है। वर्ष २०११ में विमानक्षेत्र से 60,970,551 यात्रियों एवं 514,059 विमानों का आवागमन हुआ था। जिसके कारण यह याट्री आवागमन में विश्व के छठे व्यस्ततम विमानक्षेत्र एवं यूरोप के दूसरे व्यस्ततम विमानक्षेत्र (लंदन हीथ्रो विमानक्षेत्र के बाद) गिना गया। विमान यातायात की दृष्टि से यह विमानक्षेत्र विश्व का दसवां व्यस्ततम एवं यूरोप का व्यस्ततम गिना गया है। कार्गो ट्रैफ़िक के आंकड़ों में इसे विश्व का पाँचवां व्यस्ततम एवं फ़्रैंकफ़र्ट विमानक्षेत्र के बाद यूरोप का दूसरा व्यस्ततम विमानक्षेत्र आंका गया, जहां से 2,087,952 मीट्रिक टन कार्गो माल २०११ में आवागमन हुआ। .

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चार्ल्स डी गॉल

चार्ल्स आंद्रे जोसेफ मैरी डी गॉल (फ्रेंच: aʁl də ɡol); 22 नवंबर 1899 - 9 नवंबर 1970) एक फ्रांस जनरल और राजनेता थे वह स्वतंत्र फ्रांस (1940-19 44) के नेता थे और फ्रांस गणराज्य (1944-1946) के अंतिम नेता थे। 1958 में, उन्होंने पांचवीं गणराज्य की स्थापना की और फ्रांस के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए, 1969 में उन्होंने उस पद से इस्तीफा दिया था। वह शीत युद्ध के युग के दौरान फ़्रांस के प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक थे। .

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चार्ल्स द्वितीय

चार्ल्स द्वितीय (29 मई 1630 - 6 फरवरी 1685) स्कॉट्स, इंग्लैण्ड और आयरलैण्ड का राजा था 30 जनवरी 1649 (वैधानिक रूप से) या 29 मई 1660 (वास्तविक रूप से) से अपनी मृत्यु तक। अंग्रेजी गृहयुद्ध के पश्चात इनके पिता चार्ल्स प्रथम को प्राणदण्ड दे दिया गया था, जिसके बाद कुछ साल तक राजशाही समाप्त करके इंग्लैण्ड, स्कॉटलैण्ड और आयरलैण्ड में आलिवर क्रामवेल के नेतृत्व में गणतन्त्र की स्थापना हुई। क्रामवेल की मृत्यु के शीघ्र बाद ही राजशाही फ़िर से शुरू हुई और चार्ल्स द्वितीय का राज्याभिषेक हुआ। इनके राजा बनने की ठीक तारीख़ तय करना मुश्किल है, क्योंकि उस समय ब्रिटेन में काफ़ी राजनैतिक उथल-पुथल हो रही थी। चार्ल्स प्रथम की मृत्यु के पश्चात चार्ल्स द्वितीय ने अधिकांश समय फ्रांस में निर्वासन में काटा, जब तक राजशाही फ़िर से शुरू नहीं हुई। अपने पिता की तरह ही इंग्लैण्ड की संसद के साथ चार्ल्स द्वितीय के सम्बन्ध काफ़ी मुश्किल रहे। राज के अन्तिम वर्षों में इन्हें संसद को हटाकर खुद राज करने में सफलता मिली। लेकिन पिता की तरह इन्हें लोगों के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा, जिसका प्रमुख कारण है कि इन्होंने जनता पर कोई नए कर नहीं लगाए। यूरोप में हो रहे कैथोलिक और प्रोटेस्टैण्ट संप्रदायों के बीच हो रहे संघर्ष की वजह से चार्ल्स द्वितीय का अधिकतर समय घरेलू और विदेशी नीतियों को संभालने में लगा। साथ ही इनके दरबार में कूटनीति और साजिशों का बोलबाला रहा। इसी समय इंग्लैण्ड में विग और टोरी राजनैतिक पार्टियाँ पहली बार उभर कर सामने आईं। चार्ल्स द्वितीय को मैरी मोनार्क (अंग्रेजी: Merry Monarch, खुशदिल राजा) कहा जाता है, क्योंकि इनके दरबार में ज़िन्दादिली और इच्छावाद का बोलबाला था। इनकी बहुत सी अवैधानिक संताने हुईं लेकिन कोई वैधानिक सन्तान नहीं हुई। ये ललित कलाओं के संरक्षक थे, जिनको प्रोटेक्टेरेट में लगे निषेध के बाद इनके दरबार में बहुत प्रोत्साहन मिला। चार्ल्स द्वितीय ने मृत्यु से पहले रोमन कैथोलिक सम्प्रदाय को अपना लिया था। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:इंग्लैण्ड के शासक श्रेणी:स्काटलैण्ड के शासक श्रेणी:स्टुआर्ट राजघराना.

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चार्ल्स ब्रेडलॉफ

चार्ल्स ब्रेडलॉफ (26 सितम्बर 1833 - 30 जनवरी 1891) एक राजनैतिक कार्यकर्ता एवं उन्नीसवीं शताब्दी इंग्लैंड के एक बहुचर्चित नास्तिक थे। उन्होंने 1866 में नेशनल सेक्युलर सोसाइटी की स्थापना की.

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चार्ल्स लूसियन बोनापार्ट

चार्ल्स लूसीएन (कार्लो) जूल्स लॉरेंट बोनापार्ट, केनिनो तथा मुसीग्नानो के द्वितीय राजकुमार (मई 24, 1803 – जुलाई 1857), एक फ्रांसीसी प्रकृतिवादी तथा पक्षिविज्ञानी थे। .

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चार्ली विल्सन्स वॉर

चार्ली विल्सन्स वॉर 2007 की एक जीवनी आधारित कॉमेडी ड्रामा फिल्म है जो अमेरिकी कांग्रेसी चार्ली विल्सन (डीटीएक्स) की सच्ची कहानी को पेश करती है जिन्होंने "मनमाने रवैये" वाले सीआईए (CIA) ऑपरेटिव गस्ट अव्राकोटोस के साथ सहभागिता में ऑपरेशन साइक्लोन शुरू किया, एक ऐसा कार्यक्रम जिसे सोवियत द्वारा अफगानिस्तान के कब्जे के प्रतिरोध में अफगानी मुजाहिदीन को व्यवस्थित और समर्थन देने के लिए चलाया गया था। इस फिल्म को जॉर्ज क्रिल की 2003 की किताब चार्ली विल्सन्स वॉर: द एक्स्ट्राऑर्डिनरी स्टोरी ऑफ़ द लार्जेस्ट कवर्ट ओपरेशन इन हिस्टरी से रूपांतरित किया गया है। यह माइक निकोल्स द्वारा निर्देशित और हारून सोरकिन द्वारा लिखित है और इसमें टॉम हैंक्स, जूलिया रॉबर्ट्स, ओम पुरी, फिलिप्स सेमुर होफमैन, एमी एडम्स, नेड बेटी और एमिली ब्लंट ने अभिनय किया है। यह पांच गोल्डन ग्लोब पुरस्कार के लिए नामित किया गया जिसमें "सर्वश्रेष्ठ मोशन पिक्चर", भी शामिल था लेकिन यह किसी भी वर्ग में कोई भी पुरस्कार नहीं जीत सका। फिलिप्स सेमुर होफमैन को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के अकादमी पुरस्कार के लिए नामित किया गया। .

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चित्रशाला

National Gallery of Art चित्रशाला में प्रदर्शित कलाकृतियाँ चित्रशाला उस विशेष भवन को कहते हैं जिसमें विभिन्न कलाकृतियाँ (चित्र तथा मूर्तियाँ आदि) संरक्षित तथा प्रदर्शित की जाती हैं। प्राय: कलासंग्रहालय (अंग्रेजी: म्यूजियम) का प्रयोग चित्रशाला के लिये होता रहा है किंतु इसके लिये चित्र संग्रहालय अथवा चित्रशाला (आर्ट म्यूजियम या आर्ट गैलरी) अधिक उपयुक्त शब्द है और यही अधिक प्रचलित है। .

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चिकनगुनिया

चिकनगुनिया लम्बें समय तक चलने वाला जोडों का रोग है जिसमें जोडों मे भारी दर्द होता है। इस रोग का उग्र चरण तो मात्र २ से ५ दिन के लिये चलता है किंतु जोडों का दर्द महीनों या हफ्तों तक तो बना ही रहता है। चिकनगुनिया विषाणु एक अर्बोविषाणु है जिसे अल्फाविषाणु परिवार का माना जाता है। यह मानव में एडिस मच्छर के काटने से प्रवेश करता है। यह विषाणु ठीक उसी लक्षण वाली बीमारी पैदा करता है जिस प्रकार की स्थिति डेंगू रोग मे होती है। .

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चौदहवाँ लुई

Grand_monarch चौदहवाँ लुई (१६३८-१७१५ / Louis XIV) एक राजा था जिसने १६४३ से आजीवन फ्रांस पर शासन किया। उसका शासन ७२ वर्ष एवं ११० दिनों का था जो यूरोप के इतिहास में किसी भी राजा के शासनकाल से बड़ा है। १५ मई १६४३ को तेरहवें लुई का देहांत हो गया। अब उसका पुत्र लुई चौदहवाँ राजसिंहासन पर बैठा। उस समय उसकी आयु केवल पाँच वर्ष की थी। रिशल्यू के उपरांत राज्य की बागडोर कार्डिनल मेज़रिन के हाथ में आ गई थी। मेज़रिन ने रिशल्यू की ही नीति को पूर्णत: स्थायी रखा। चौदहवें लुई के राज्यारोहण के समय फ्रांस की सेनाएँ तीस वर्षीय युद्ध में जर्मनी में लड़ने में व्यस्त थीं। फिर भी फ्रांस में विद्रोहियों का सफलतापूर्वक दमन किया गया। चतुर्थ हेनरी व रिशल्यू दोनों ने फ्रांस में स्वेच्छाचारी राजसत्ता जमाने का यथेष्ट प्रयत्न किया था १६६१ में मेजरिन की मृत्यु के उपरांत चौदहवें लुई ने इस बात की घोषणा की कि वह स्वयं राज्य करेगा और मंत्रियों की सहायता की उसे कोई आवश्यकता नहीं है। लुई का कहना था, 'मैं ही राष्ट्र हूँ।' लुई के समय में फ्रांस के सर्वसाधारण को इस बात पर विश्वास दिलाया गया कि मनुष्य जाति के लाभ के लिए ही भगवान राजा को अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजता है। चौदहवें लुई के तत्कालीन वित्तमंत्री कोलबेर ने देश की आर्थिक उन्नति की जिसके परिणामस्वरूप युद्ध के साधन उपलब्ध हुए। लुई (१६६१ से १७१३ तक), फ्रांस की सीमाएँ बनाने के लिए यूरोप में युद्ध करता रहा। इनके डेवोल्यूशन (Devolution) का युद्ध (१६६७-१६६८), डचश् युद्ध (१६७२-१६७८), ऑग्सबर्ग की लीग का युद्ध (१६८९-१६९७) और स्पेन के उत्तराधिकार का युद्ध (१७०१-१७१३) प्रसिद्ध हैं। अंत में इन युद्धों से फ्रांस की आर्थिक दशा बहुत बिगड़ गई। ऐसा होते हुए भी चौदहवें लुई के समय में फ्रांस का सांस्कृतिक अभ्युदय कुछ आश्चर्यजनक गति से हुआ। उसके समय के कला कौशल और सांस्कृतिक श्रेष्ठता का सिक्का यूरोप के हृदय पर अब भी जमा हुआ है। पेरिस से बारह मील दूर वर्साय में उसने अपने रहने के लिए एक राजप्रासाद बनवाया था। प्रासाद की लागत उस समय लगभग इक्कीस करोड़ रुपए था। वर्साय भर में बाग, बगीचे, झरने, छोटे तथा बड़े प्रासाद ही दिखाई देते थे। कला क्षेत्र में भी फ्रांस को अपूर्व मर्यादा प्राप्त हुई। कार्ने (Corneille, १६०६-१६८४) और मौल्येअर (१६२२-१६७३) प्रसिद्ध नाटककार थे। मडाम डी सेवीनये (Sevigne) (१६२६-१६९६), ला फॉनटेन (१६२१-१६९५) और रेसीन (१६३९-१६९९) के लेखों और शब्दों के प्रयोग ने फ्रेंच भाषा को समस्त यूरोप में सर्वप्रिय बना दिया था। इंग्लैंड के खाने के सूचीपत्र (menu) आज तक फ्रेंच में छपते हैं। फ्रांस को यह गौरव १४वें लुई के समय से ही प्राप्त हुआ। शिल्प विद्या, मूर्तिकला, चित्रकला तथा संगीत में फ्रांस के कलाकारों ने यूरोप की कलाशैली पर बहुत प्रभाव डाला। फ्रांस की राजनीतिक श्रेष्ठता के कारण फ्रांस की कला को और भी प्रतिष्ठा मिली। इस सांस्कृतिक उन्नति के कारण उसका राज्यकाल फ्रांस का स्वर्णयुग बन गया। उसका राज्यकाल यूरोपीय इतिहास में 'चौदहवें लुई का युग' कहलाता है। लुई जितना प्रतापी राजा था, उतना ही दु:खद उसका अंत हुआ। अपने अंतिम दिनों में बूढ़ा और क्षीण लुई, स्पष्ट देख रहा था, कि उसके युद्धों के परिणामस्वरूप हुई क्षति के कारण उसकी प्रजा दु:खी है, कृषक भूखे हैं और मध्यवर्ग के लोग निर्धन होते चले जा रहे हैं। लुई का केवल एक पुत्र था। सम्राट् ने उसे शिक्षा देने का भरसक प्रयत्न किया परंतु वह अनपढ़ ही रहा। १ सितंबर, १७१५ को चौदहवें लुई का देहांत हुआ। श्रेणी:फ़्रांस का इतिहास.

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चौर्य व्यापार

करों या वैधानिक प्रतिबंधों से आँख छिपाकर या उनकी चोरी कर लाभ कमाने के लिये अवैध रूप से मुद्रा, वस्तु या व्यक्तियों का किया गया आयात, निर्यात, अंतर्देशीय या अंतर्प्रातीय व्यापार (क्रय विक्रय की प्रक्रिया) चौर्य व्यापार माना जाता है। स्वतंत्र व्यापार पर कर या प्रतिबंध- विलासमयी विदेशी वस्तुओं के उपयोग की आदत की समाप्ति या उनमें कमी करने के उद्देश्य, विदेशी मुद्रा के अभाव या उसके संकट से मुक्ति, राष्ट्रीय उत्पादन को प्रोत्साहन, राष्ट्रीय उद्योगों के संरक्षण तथा प्रवर्धन, राष्ट्र की आर्थिक योजनाओं के कार्यान्वयन, विदेशी-व्यापार-संतुलन तथा सामरिक एवं दैवी आपदाओं से त्राण पाने आदि के लिये लगाया जाता है। इन करों तथा प्रतिबंधों के कारण या तो वस्तुओं आदि का मूल्य बढ़ जाता है या उनकी माँग बढ़ जाती है। फलस्वरूप प्रतिबंधित तथा अधिक करवाली वस्तुओं आदि के उपयोग के लिये लोगों में सहज स्वाभाविक रुचि बढ़ जाती है। चौर्य व्यापार में करों की चोरी की जाती है, इसलिये वैध रूप से यातायात की हुई वस्तुएँ अवैध माध्यम से उपलब्ध वस्तुओं की अपेक्षा महँगी पड़ती हैं। इस लाभ के कारण लोग इन्हें क्रय करते हैं। जिन वस्तुओं आदि के यातायात पर पूर्ण या सीमित प्रतिबंध हैं वे भी इस अवैध माध्यम से उपलब्ध हो जाती हैं। इसलिये ऐसी अनुपलब्ध वस्तुओं को लोग आदत या ऐसी वस्तुओं की अधिक उपादेयता या ऐसी वस्तुओं के उपयोग के प्रदर्शन की सहज मानवीय दुर्बलता के कारण अधिक मूल्य देकर तथा कानून भंग करके भी लोग क्रय करना अधिक पसंद करते हैं और इस अवैध अनैतिक व्यापार को जीवन प्रदान करने में योगदान करते हैं। ऐडम स्मिथ ने इसलिये इन अवैध व्यापार करनेवालों के प्रति सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए लिखा है कि "इसमें संदेह नहीं कि चौर्य व्यापार करनेवाले देश के विधान की मर्यादाओं को भंग करने के लिये निश्चय ही अत्यधिक दोषी हैं, तो भी प्राय: वे सहज स्वाभाविक न्याय को तोड़ने में असमर्थ हैं क्योंकि सभी दृष्टियों से ऐसे व्यक्ति अति श्रेष्ठ नागरिक माने जाते यदि उनके देश का विधान उस बात को अपराध घोषित न कर देता जिसे प्रकृति कभी भी रोकना नहीं चाहती। .

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चूर्णकूट

चूने के प्रदेश में अधिकांश शैले घुलन ल्रिया द्वारा नष्ट हो जाती है, केवल कुछ कठोर शैलों के टीले अपरदन से अप्रभावित रह जाते हैं तथा अवशिष्ट पहाडियों या टीलों के रूप में दिखाई देते हैं। इन्हे युगोस्लाविया मे हम्सौर फ्रांस मे बुटे कहते हैं। श्रेणी:भूमिगत जल कृत स्थलाकृति श्रेणी:भूमिगत जल कृत अपरदनात्मक स्थलरुप.

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चेन्नई

चेन्नई (पूर्व नाम मद्रास) भारतीय राज्य तमिलनाडु की राजधानी है। बंगाल की खाड़ी से कोरोमंडल तट पर स्थित यह दक्षिण भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षिक केंद्रों में से एक है। 2011 की भारतीय जनगणना (चेन्नई शहर की नई सीमाओं के लिए समायोजित) के अनुसार, यह चौथा सबसे बड़ा शहर है और भारत में चौथा सबसे अधिक आबादी वाला शहरी ढांचा है। आस-पास के क्षेत्रों के साथ शहर चेन्नई मेट्रोपॉलिटन एरिया है, जो दुनिया की जनसंख्या के अनुसार 36 वां सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। चेन्नई विदेशी पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा जाने-माने भारतीय शहरों में से एक है यह वर्ष 2015 के लिए दुनिया में 43 वें सबसे अधिक का दौरा किया गया था। लिविंग सर्वेक्षण की गुणवत्ता ने चेन्नई को भारत में सबसे सुरक्षित शहर के रूप में दर्जा दिया। चेन्नई भारत में आने वाले 45 प्रतिशत स्वास्थ्य पर्यटकों और 30 से 40 प्रतिशत घरेलू स्वास्थ्य पर्यटकों को आकर्षित करती है। जैसे, इसे "भारत का स्वास्थ्य पूंजी" कहा जाता है एक विकासशील देश में बढ़ते महानगरीय शहर के रूप में, चेन्नई पर्याप्त प्रदूषण और अन्य सैन्य और सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का सामना करता है। चेन्नई में भारत में तीसरी सबसे बड़ी प्रवासी जनसंख्या 2009 में 35,000 थी, 2011 में 82,7 9 0 थी और 2016 तक 100,000 से अधिक का अनुमान है। 2015 में यात्रा करने के लिए पर्यटन गाइड प्रकाशक लोनली प्लैनेट ने चेन्नई को दुनिया के शीर्ष दस शहरों में से एक का नाम दिया है। चेन्नई को ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में एक बीटा स्तरीय शहर के रूप में स्थान दिया गया है और भारत का 2014 का वार्षिक भारतीय सर्वेक्षण में भारत टुडे द्वारा भारत का सबसे अच्छा शहर रहा। 2015 में, चेन्नई को आधुनिक और पारंपरिक दोनों मूल्यों के मिश्रण का हवाला देते हुए, बीबीसी द्वारा "सबसे गर्म" शहर (मूल्य का दौरा किया, और दीर्घकालिक रहने के लिए) का नाम दिया गया। नेशनल ज्योग्राफिक ने चेन्नई के भोजन को दुनिया में दूसरा सबसे अच्छा स्थान दिया है; यह सूची में शामिल होने वाला एकमात्र भारतीय शहर था। लोनाली प्लैनेट द्वारा चेन्नई को दुनिया का नौवां सबसे अच्छा महानगरीय शहर भी नामित किया गया था। चेन्नई मेट्रोपॉलिटन एरिया भारत की सबसे बड़ी शहर अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। चेन्नई को "भारत का डेट्रोइट" नाम दिया गया है, जो शहर में स्थित भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग का एक-तिहाई से भी अधिक है। जनवरी 2015 में, प्रति व्यक्ति जीडीपी के संदर्भ में यह तीसरा स्थान था। चेन्नई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत एक स्मार्ट शहर के रूप में विकसित किए जाने वाले 100 भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। विषय वस्तु 1 व्युत्पत्ति 2 इतिहास 3 पर्यावरण 3.1 भूगोल 3.2 भूविज्ञान 3.3 वनस्पति और जीव 3.4 पर्यावरण संरक्षण 3.5 जलवायु 4 प्रशासन 4.1 कानून और व्यवस्था 4.2 राजनीति 4.3 उपयोगिता सेवाएं 5 वास्तुकला 6 जनसांख्यिकी 7 आवास 8 कला और संस्कृति 8.1 संग्रहालय और कला दीर्घाओं 8.2 संगीत और कला प्रदर्शन 9 सिटीस्केप 9.1 पर्यटन और आतिथ्य 9.2 मनोरंजन 9.3 मनोरंजन 9.4 शॉपिंग 10 अर्थव्यवस्था 10.1 संचार 10.2 पावर 10.3 बैंकिंग 10.4 स्वास्थ्य देखभाल 10.5 अपशिष्ट प्रबंधन 11 परिवहन 11.1 एयर 11.2 रेल 11.3 मेट्रो रेल 11.4 रोड 11.5 सागर 12 मीडिया 13 शिक्षा 14 खेल और मनोरंजन 14.1 शहर आधारित टीम 15 अंतर्राष्ट्रीय संबंध 15.1 विदेशी मिशन 15.2 जुड़वां कस्बों - बहन शहरों 16 भी देखें 17 सन्दर्भ 18 बाहरी लिंक व्युत्पत्ति इन्हें भी देखें: विभिन्न भाषाओं में चेन्नई के नाम भारत में ब्रिटिश उपस्थिति स्थापित होने से पहले ही मद्रास का जन्म हुआ। माना जाता है कि मद्रास नामक पुर्तगाली वाक्यांश "मैए डी डीस" से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है "भगवान की मां", बंदरगाह शहर पर पुर्तगाली प्रभाव के कारण। कुछ स्रोतों के अनुसार, मद्रास को फोर्ट सेंट जॉर्ज के उत्तर में एक मछली पकड़ने वाले गांव मद्रासपट्टिनम से लिया गया था। हालांकि, यह अनिश्चित है कि क्या नाम यूरोपियों के आने से पहले उपयोग में था। ब्रिटिश सैन्य मानचित्रकों का मानना ​​था कि मद्रास मूल रूप से मुंदिर-राज या मुंदिरराज थे। वर्ष 1367 में एक विजयनगर युग शिलालेख जो कि मादरसन पट्टणम बंदरगाह का उल्लेख करता है, पूर्व तट पर अन्य छोटे बंदरगाहों के साथ 2015 में खोजा गया था और यह अनुमान लगाया गया था कि उपरोक्त बंदरगाह रोयापुरम का मछली पकड़ने का बंदरगाह है। चेन्नई नाम की जन्मजात, तेलुगू मूल का होना स्पष्ट रूप से इतिहासकारों द्वारा साबित हुई है। यह एक तेलुगू शासक दमारला चेन्नाप्पा नायकुडू के नाम से प्राप्त हुआ था, जो कि नायक शासक एक दमनदार वेंकटपति नायक था, जो विजयनगर साम्राज्य के वेंकट III के तहत सामान्य रूप में काम करता था, जहां से ब्रिटिश ने शहर को 1639 में हासिल किया था। चेन्नई नाम का पहला आधिकारिक उपयोग, 8 अगस्त 1639 को, ईस्ट इंडिया कंपनी के फ्रांसिस डे से पहले, सेन्नेकेसु पेरुमल मंदिर 1646 में बनाया गया था। 1 99 6 में, तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक तौर पर मद्रास से चेन्नई का नाम बदल दिया। उस समय कई भारतीय शहरों में नाम बदल गया था। हालांकि, मद्रास का नाम शहर के लिए कभी-कभी उपयोग में जारी है, साथ ही साथ शहर के नाम पर स्थानों जैसे मद्रास विश्वविद्यालय, आईआईटी मद्रास, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास मेडिकल कॉलेज, मद्रास पशु चिकित्सा कॉलेज, मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज। चेन्नई (तमिल: சென்னை), भारत में बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित तमिलनाडु की राजधानी, भारत का पाँचवा बड़ा नगर तथा तीसरा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। इसकी जनसंख्या ४३ लाख ४० हजार है। यह शहर अपनी संस्कृति एवं परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटिश लोगों ने १७वीं शताब्दी में एक छोटी-सी बस्ती मद्रासपट्ट्नम का विस्तार करके इस शहर का निर्माण किया था। उन्होंने इसे एक प्रधान शहर एवं नौसैनिक अड्डे के रूप में विकसित किया। बीसवीं शताब्दी तक यह मद्रास प्रेसिडेंसी की राजधानी एवं एक प्रमुख प्रशासनिक केन्द्र बन चुका था। चेन्नई में ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी, हार्डवेयर उत्पादन और स्वास्थ्य सम्बंधी उद्योग हैं। यह नगर सॉफ्टवेयर, सूचना प्रौद्योगिकी सम्बंधी उत्पादों में भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक शहर है। चेन्नई एवं इसके उपनगरीय क्षेत्र में ऑटोमोबाइल उद्योग विकसित है। चेन्नई मंडल तमिलानाडु के जीडीपी का ३९% का और देश के ऑटोमोटिव निर्यात में ६०% का भागीदार है। इसी कारण इसे दक्षिण एशिया का डेट्रॉएट भी कहा जाता है। चेन्नई सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, यहाँ वार्षिक मद्रास म्यूज़िक सीज़न में सैंकड़ॊ कलाकार भाग लेते हैं। चेन्नई में रंगशाला संस्कृति भी अच्छे स्तर पर है और यह भरतनाट्यम का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। यहाँ का तमिल चलचित्र उद्योग, जिसे कॉलीवुड भी कहते हैं, भारत का द्वितीय सबसे बड़ा फिल्म उद्योग केन्द्र है। .

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चेन्नई का इतिहास

पार्क टाउन, चेन्नई स्थित विक्टोरिया पब्लिक हॉल - चेन्नई में ब्रिटिश स्थापत्य कला के सबसे उत्कृष्ट नमूनों में से एक चेन्नई एवं आस-पास का क्षेत्र पहली सदी से ही महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक, सैनिक, एवं आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र रहा है। यह दक्षिण भारत के बहुत से महत्त्वपूर्ण राजवंशों यथा, पल्लव, चोल, पांड्य, एवं विजयनगर इत्यादि का केन्द्र बिन्दु रहा है। मयलापुर शहर जो अब चेन्नई शहर का हिस्सा है, पल्लवों के जमाने में एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह हुआ करता था। आधुनिक काल में पुर्तगालियों ने १५२२ में यहाँ आने के बाद एक और बंदरगाह बनाया जिसे साओ तोमे कहा गया। पुर्तगालियों ने अपना बसेरा आज के चेन्नई के उत्तर में पुलीकट नामक स्थान पर बसाया और वहीं डच इस्ट इंडिया कंपनी की नींव रखी। २२ अगस्त १६३९, को संत फ्रांसिस दिवस के मौके पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने विजयनगर के राजा पेडा वेंकट राय से कोरोमंडल तट चंद्रगिरी में कुछ जमीन खरीदी। इस इलाके में दमरेला वेंकटपति, जो इस इलाके के नायक थे, उनका शासन था। उन्होंने ब्रितानी व्यापारियों को वहाँ एक फैक्ट्री एवं गोदाम बनाने की अनुमति दी। एक वर्ष वाद, ब्रितानी व्यापारियों ने सेंट जॉर्ज किला बनवाया जो बाद में औपनिवेशिक गतिविधियों का केन्द्र बिन्दु बन गया। १७४६ में, मद्रास एवं सेंट जॉर्ज के किले पर फ्रासिंसी फौजों ने अपना कब्जा जमा लिया। बाद में ब्रितानी कंपनी का इस क्षेत्र पर नियंत्रण पुनः १७४९ में एक्स ला चैपल संधि (१७४८) की बदौलत हुआ। इस क्षेत्र को फ्रांसिसियों एवं मैसूर के सुल्तान हैदर अली के हमलों से बचाने के लिए इस पूरे क्षेत्र की किलेबंदी कर दी गयी। अठारहवीं सदी के अंत होते-होते ब्रिटिशों ने लगभग पूरे आधुनिक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक के हिस्सों को अपने अधीन कर लिया एवं मद्रास प्रेसिडेंसी की स्थापना की जिसकी राजधानी मद्रास घोषित की गयी। ब्रिटिशों की हुकुमत के अधीन चेन्नई शहर एक महत्त्वपूर्ण आधुनिक शहरी क्षेत्र एवं जलसेना केन्द्र बनकर उभरा। .

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चॅक

चॅक (आम तौर पर) काग़ज़ का एक ऐसा टुकड़ा होता है जो धन के भुगतान का आदेश देता है। चॅक लिखने वाला व्यक्ति, जिसे निर्माता कहते हैं, उसका आम तौर पर एक जमा खाता होता है (एक "मांग खाता"), जहां उसका धन जमा होता है। चॅककर्ता, चॅक पर धनराशि, दिनांक और आदाता सहित कई विवरण लिखता है और यह आदेश देते हुए हस्ताक्षर करता है कि उल्लिखित धनराशि को इस व्यक्ति या कंपनी को उनके बैंक द्वारा भुगतान किया जाए. मूलतः, इसमें कोई बैंक शामिल नहीं होता था और प्राप्तकर्ता के लिए यह ज़रूरी था कि वह भुगतान पाने के लिए व्यक्तिगत रूप से चॅककर्ता को ढूंढ़ निकाले. बैंक का प्रयोजन चॅक की विश्वसनीयता को बढ़ाना था; फिर, आदाता को केवल उस बैंक को खोजने की जरुरत होती थी जिससे वह आहरित था। आधुनिक बैंक इलेक्ट्रॉनिक तौर पर जुड़े हैं, इसलिए कम से कम उसी देश में, कोई भी चॅक किसी भी बैंक में सुसंगत है। काग़ज़ी पैसे चॅकों से विकसित हुए, जो उसे कब्जे में रखने वाले व्यक्ति ("वाहक") को निश्चित राशि की अदायगी का आदेश है। तकनीकी रूप से, चॅक एक परक्राम्य लिखत हैहालांकि अधिकांश देशों में चॅकों को परक्राम्य लिखतों के रूप में विनियमित किया जाता है, कई देशों में वे वस्तुतः परक्राम्य नहीं हैं, अर्थात् आदाता अन्य पार्टी के पक्ष में चॅक का पृष्ठांकन नहीं कर सकता है। भुगतानकर्ता आम तौर पर एक चॅक को किसी नामित आदाता को देय के रूप में केवल चॅक के "रेखन" द्वारा अभिहित कर सकते हैं, तद्द्वारा उसे केवल आदाता के खाते में देय के रूप प्राधिकृत करते हैं, लेकिन वित्तीय अपराधों का मुकाबला करने के प्रयास में कई देशों ने क़ानून और विनियमन के संयोजन द्वारा प्रावधान है कि सभी चॅकों को रेखित या केवल खाते में देय के रूप में माना जाए और वे परक्राम्य नहीं हैं। जो वित्तीय संस्था को उस संस्था के पास चॅककर्ता/जमाकर्ता के नाम धारित विशिष्ट मांग खाते से विशिष्ट मुद्रा में भुगतान करने के लिए निर्दिष्ट करता है। दोनों, चॅककर्ता और आदाता प्राकृतिक व्यक्ति या क़ानूनी हस्ती हो सकते हैं। .

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चॉकलेट

चाकलेट के टुकड़े चाकलेट कोको के बीजों से निर्मित एक कच्चा या संसाधित भोज्य पदार्थ है। कोको के बीजों का स्वाद अत्यन्त कड़ुवा होता है। इसमें स्वाद उत्पन्न करने के लिये इसका किण्वन करना पड़ता है। .

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टर्मिनेटर: द सराह कॉनर क्रॉनिकल्स

टर्मिनेटर: द सराह कॉनर क्रॉनिकल्स (Terminator: The Sarah Connor Chronicles) एक अमरीकी काल्पनिक विज्ञान पर आधारित टेलीविजन शृंखला है जिसका प्रसारण फॉक्स पर किया गया था। इस शृंखला का निर्माण २०एथ सेंचुरी फॉक्स, वॉर्नर ब्रॉस। टेलीविजन व सि२ पिक्चर्स द्वारा किया गया था। यह टर्मिनेटर फ़िल्म शृंखला पर आधारित है। यह टर्मिनेटर २: जजमेंट डे की घटनाओं के बाद सराह और जॉन कॉनर के जीवन पर आधारित है। शृंखला का प्रसारण रविवार, १२ जनवरी २००८ को अमरीकी टेलीविजन नेटवर्क फॉक्स पर शुरू किया गया था। शो की शुरुआत बिच मौसम में की गई और यह जनवरी से मार्च २००८ के बिच केवल नौ एपिसोडों तक ही चला। यह २००७-०८ की उच्च रेटिंग वाला नया टेलीविजन प्रकरण बन गया और इसे दूसरे प्रकरण के लिए पुनः चालू किया गया जिसका प्रसारण ८ सितंबर २००८ को शुरू हुआ और १० अप्रैल २००९ को खतम। १८ मई १००९ को प्रशंसकों के प्रयासों के बावजूद फॉक्स इंटरटेनमेंट के अध्यक्ष केविन रिली ने यह घोषणा की कि तिसरा प्रकरण निर्मित नहीं किया जाएगा। २२ फ़रवरी २०११ को सायफाय चैनल ने इसके ३१ एपिसोडों के प्रसारण अधिकार खरीद लिए और ७ अप्रैल २०११ को इसका पुनः प्रसारण शुरू किया। .

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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस लिमिटेड (टीसीएस) एक भारतीयबहुराष्ट्रीय कम्पनी सॉफ्टवेर सर्विसेस एवं कंसल्टिंग कंपनी है। यह दुनिया की सबसे बड़ी सूचना तकनीकी तथा बिज़नस प्रोसेस आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता कंपनियों में से है। साल २००७ में, इसे एशिया की सबसे बड़ी सूचना प्रोद्योगिकी कंपनी आँका गया। भारतीय आई टी कंपनियों की तुलना में टीसीएस के पास सबसे अधिक कर्मचारी हैं। टीसीएस के ४४ देशों में २,५४,००० कर्मचारी हैं। ३१ मार्च २०१२ को ख़त्म होने वाले वित्तीय वर्ष में कंपनी ने १०.१७ अरब अमेरिकी डॉलर का समेकित राजस्व हासिल किया। टीसीएस भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी है। टीसीएस एशिया की सबसे बड़ी कंपनी समूह में से एक टाटा समूह का एक हिस्सा है। टाटा समूह ऊर्जा, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, निर्माण, रसायन, इंजीनियरिंग एवं कई तरह के उत्पाद बनाता है। वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी का मुनाफा 33.19% बढ़कर 7,000.64 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी की आमदनी करीब 8% बढ़कर 30,028.92 करोड़ रुपये हो गयी। अप्रैल 2018 में, टीसीएस बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अपनी एम-कैप 6,79,332.81 करोड़ रुपये (102.6 अरब डॉलर) के बाद 100 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण करने वाली पहली भारतीय आईटी कंपनी बन गई, और दूसरी भारतीय कंपनी (रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2007 में इसे हासिल करने के बाद)। .

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टावर ऑफ़ लण्डन

ब्रिटेन की राजधानी लंदन के मध्य में टेम्स नदी के किनारे बने इस भव्य क़िले का निर्माण सन् 1078 में विलियम ने कराया था। इसके निर्माण में लगे पत्थर फ़्रांस से मंगाए गए थे। इसके परिसर में कई इमारतें हैं। एक समय यह ब्रिटेन का शाही महल था। इसी परिसर में राजसी बंदियों के लिए कारागार भी था। यह किला अनेक मृत्युदंड तथा हत्याओं का साक्षी रहा है। हेनरी अष्टम ने अपनी रानी ऐन बोलिन का 1536 में यहीं सर क़लम कराया था। वर्तमान समय में ब्रिटेन का राजपरिवार इस क़िले में नहीं रहता है लेकिन उनके शाही जवाहरात यहीं सुरक्षित रखे गए हैं। .

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टकसाल

टकसाल (Mint) उस कारखाने को कहते हैं जहाँ देश की सरकार द्वारा, या उसके दिए अधिकार से, मुद्राओं का निर्माण होता है। भारत में टकसालें कलकत्ता, मुंबई, हैदराबाद और नोएडा, उ॰प्र॰ में हैं। .

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टुर

टाउन हाल तथा 'प्ले जीन जौर (Place Jean Jaurès) टुर (Tours) फ्रांस का नगर तथा इंडर एट् ल्वॉर (Inder-et-loire) प्रांत की राजधानी है। यह पैरिस के दक्षिण-पश्चिम रेलमार्ग से १४५ मील दूर है। टुर ल्वॉर और चेर नदियों के संगम के ठीक ऊपर एक समतल भाग में स्थित है। यहाँ के उद्योग धंघों में छपाई, चमड़े का काम, चीनी मिट्टी के बरतन, रासायनक और मशीनरी प्रमुख हैं। मद्य, परिरक्षित फल और खाद्यान्न के लिये भी यह प्रदेशीय व्यापारिक एवं वितरण का केंद्र है। निकटवर्ती दुर्गों के लिये यहाँ बहुत से पर्यटक आते हैं। .

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ट्रफ़ैलगर का युद्ध

ट्रफ़ैलगर के युद्ध का एक चित्रण ट्रफ़ैलगर का युद्ध (अंग्रेज़ी: Battle of Trafalgar, बैटल ऑफ़ ट्रफ़ैलगर) ब्रिटिश नौसेना का फ़्रांसिसी और स्पेनी मिलीजुली नौसेना के एक आक्रामक बेड़े के साथ २१ अक्टूबर १८०५ में लड़ा गया एक समुद्री युद्ध था। यह तीसरे गुट के युद्ध सिलसिले की एक जंग थी। इसमें ब्रिटेन की भारी जीत हुई, हालांकि फ़्रांसिसी-स्पेनी हमलावर ३३ जहाज़ लेकर आये थे और ब्रिटेन के पास २७ जहाज़ थे। इस लड़ाई को जीतने का श्रेय ब्रिटेन के नौसेनाध्यक्ष होरेशियो नेलसन (Horatio Nelson) के नेतृत्व को दिया जाता है हालाँकि इसमें लगी हुई चोट से वह अपनी जान खो बैठे। फ़्रांसिसी-स्पेनी नौसेना की सरदारी फ़्रांसिसी नौसेनाध्यक्ष पियेर-शार्ल विलन्यूव (Pierre-Charles Villeneuve) कर रहे थे। इस मुठभेड़ में फ़्रांसिसी-स्पेनी नौसेना की २२ किश्तियाँ तबाह हो गई लेकिन ब्रिटिश नौसेना की एक भी किश्ती नहीं खोई गई। यह साबित हो गया कि यूरोप का कोई भी अन्य देश ब्रिटेन कि टक्कर की समुद्री शक्ति नहीं रखता था। .

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ट्रैक सायकलिंग

ट्रैक सायकलिंग साइकिल रेसिंग का खेल है, आमतौर पर ट्रैक साइकिलों के लिए विशेष रूप से निर्मित ट्रैक या वेलोड्रम को उपयोग में लाया जाता है (लेकिन अधिकतर प्रतियोगिताएं पुराने वेलोड्रमों पर आयोजित की जाती हैं जिसके ट्रैक के किनारे अपेक्षाकृत उथले होते हैं)। ट्रैक रेसिंग खेल के समतल मैदान पर घास के ट्रैक पर भी की जाती है। इस तरह की प्रतियोगिताएं स्कॉटलैंड में गर्मियों के दौरान हाइलैंड गेम्स सम्मेलन में बहुत आम हैं, लेकिन इंग्लैंड में गर्मियों के दौरान और भी कई नियमित खेल खेले जाते हैं। .

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ट्रू ब्लड

ट्रू ब्लड, एलन बॉल द्वारा रचित और निर्मित एक अमेरिकी टेलीविजन नाटक श्रृंखला है। यह चार्लेन हैरिस की द साउदर्न वैम्पायर मिस्ट्रीज नामक उपन्यास श्रृंखला पर आधारित है और यह लुइसियाना के बॉन टेम्प्स नामक एक छोटे काल्पनिक शहर में पिशाचों और इंसानों के सह-अस्तित्व का विवरण प्रस्तुत करता है। इस श्रंखला का केंद्र बार में काम करने वाली सूकी स्टैकहाउस (ऐना पैक्विन) नामक एक दूरबोधी वेट्रेस है जिसे बिल कॉम्पटन (स्टीफन मॉयर) नामक एक पिशाच से प्यार हो जाता है। इस कार्यक्रम को संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रीमियम केबल नेटवर्क एचबीओ (HBO) पर प्रसारित किया गया है। इसका निर्माण बॉल की योर फेस गोज़ हीयर एंटरटेनमेंट (Your Face Goes Here Entertainment) नामक प्रोडक्शन कंपनी के सहयोग से एचबीओ (HBO) ने किया है। इसका प्रीमियर 7 सितम्बर 2008 को हुआ। पहले सीज़न को आलोचकों की प्रशंसा प्राप्त हुई और इसने कई पुरस्कार जीते जिसमें एक गोल्डन ग्लोब और एक एमी अवार्ड भी शामिल था। इस कार्यक्रम के 12 एपिसोड वाले दूसरे सीज़न का प्रीमियर 14 जून 2009 को किया गया। 30 जुलाई 2009 को एचबीओ (HBO) ने इस बात की पुष्टि की कि ट्रू ब्लड के तीसरे सीज़न के लिए इसका नवीकरण किया जाएगा, जिसकी शूटिंग 3 दिसम्बर 2009 को शुरू हुई और प्रीमियर 13 जून 2010 को हुआ। 21 जून 2010 को एचबीओ ने 2011 की गर्मियों में ट्रू ब्लड के चौथे सीज़न का शुभारम्भ करने के लिए इसका नवीकरण किया। .

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ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार

ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार एक लोकप्रिय अंग्रेजी कविता है। इस कविता के बोल उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में जेन टेलर द्वारा लिखी गयी अंग्रेजी कविता "द स्टार " से लिए गए हैं। दोहे के रूप में लिखी गयी यह कविता पहली बार 1806 में एक संग्रह राइम्स फॉर द नर्सरी में प्रकाशित हुई, जिसे टेलर और उनकी बहन ऐन ने लिखा था। इस कविता की धुन आधारित है एक फ्रांसीसी गीत "आह! वुस डिराई-जे मामन " पर (सबसे पुराना ज्ञात प्रकाशन 1761).

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टैंगो (नृत्य)

टैंगो टैंगो नृत्य और टैंगो संगीत रियो डी ला प्लाटा क्षेत्र में शुरू हुआ और उसके बाद बहुत जल्द सारी दुनिया में फैल गया। पहले टैंगो को टैंगो क्रियोल्लो, या सिर्फ टैंगों के नाम से जाना जाता था। आज, कई तरह की टैंगो नृत्य शैलियां हैं, जिनमें अर्जेण्टीनी टैंगो, उरुग्वे टैंगो, बॉलरूम टैंगो (अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय शैलियां), फ़िनिश टैंगो और विंटेज टैंगो शामिल हैं। अनेक लोगों द्वारा प्रामाणिक टैंगो मान जाने वाला नृत्य अर्जेंटीना और उरुग्वे में किए जा रहे मूल नृत्यों के काफी करीब पाया गया है, हालांकि टैंगों की अन्य शैलियों ने भी अपने आप को परिपक्व नृत्य के रूप में विकसित किया है। 2009 में, अर्जेंटीना और उरुग्वे ने टैंगो को मानवता की विश्व विरासत घोषित करने का सुझाव दिया, जिसे यूनेस्को (युनेस्को) ने उसी वर्ष अक्टूबर में मंजूरी दे दी। .

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टैंक

टी-९० भीष्म टैंक कवचयान या टैंक (Tank) एक प्रकार का कवचित, स्वचालित, अपना मार्ग आप बनाने तथा युद्ध में काम आनेवाला ऐसा वाहन है जिससे गोलाबारी भी की जा सकती है। युद्धक्षेत्र में शत्रु की गोलाबारी के बीच भी यह बिना रुकावट आगे बढ़ता हुआ किसी समय तथा स्थान पर शत्रु पर गोलाबारी कर सकता है। गतिशीतला एवं शत्रु को व्याकुल करने का सामर्थ्य है और जो कबचित होने के कारण स्वयं सुरक्षित है। .

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टूर डी फ्रांस

टुअर डी फ्रांस विश्व की सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित साइकिल प्रतियोगीता है। प्रतिवर्ष जुलाई माह में इसका आयोजन होता है। 1903 में इसकी शुरुआत हुई थी और प्रथम और द्वितीय विश्व युद्धो के दौरान इसका आयोजन नहीं हुआ था। यह प्रतियोगिता फ्रांस और उसके पडोसी राष्ट्रो से हो कर गुजरती है। लंबी दूरी की इस प्रतियोगिता को पुरे होने में लगभग 3 सप्ताह का समय लगता है। सबसे कम कुल समय लेने वाला खिलाडी प्रतियोगिता का विजेता होता है। श्रेणी:खेल.

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टेनिस

टेनिस खेल 2 टीमों के बीच गेंद से खेले जाने वाला एक खेल है जिसमें कुल 2 खिलाडी (एकल मुकाबला) या ४ खिलाड़ी (युगल) होते हैं। टेनिस के बल्ले को टेनिस रैकट और मैदान को टेनिस कोर्ट कहते है। खिलाडी तारो से बुने हुए टेनिस रैकट के द्वारा टेनिस गेंद जोकि रबर की बनी, खोखली और गोल होती है एवम जिस के ऊपर महीन रोए होते है को जाल के ऊपर से विरोधी के कोर्ट में फेकते है। टेनिस की शुरूआत फ्रांस में मध्य काल में हुई मानी जाती है। उस समय यह खेल इन-डोर यानि छत के नीचे हुआ करता था। इंगलैड में 19वीं शताब्दी के अंतिम वर्षो में लान टेनिस, यानि छत से बाहर उद्यान में खेले जाने वाले का जन्म हुआ और बाद में सारे विश्व में लोकप्रिय हुआ। आज यह खेल ओलम्पिक में शामिल है और विश्व के सभी प्रमुख देशों के करोड़ों लोगो में काफी लोकप्रिय है। टेनिस की विश्व स्तर पर चार प्रमुख स्पर्धाए होती है जिन्हे ग्रेन्ड स्लेम कहा जाता है - हर साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया की ऑस्ट्रेलियन ओपन, मई में फ़्रांस की फ़्रेन्च ओपन और उसके दो हफ़्तों के बाद लंदन की विम्बलडन, सितम्बर में अमेरिका में होने वाली स्पर्धा को अमेरिकन ओपन (संक्षेप में यूएस ओपन) कहा जाता है। विम्बलडन एक घास के कोर्ट पर खेला जाता है। फ्रेंच ओपन मिट्टी के आंगन (क्ले कोर्ट) पर खेला जाता है। यूएस ओपन और ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिश्रित कोर्ट पर खेला जाता है। .

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टेरी - ऊर्जा और संसाधन संस्थान

ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान, जो आमतौर पर टेरी के नाम से जाना जाता है (पूर्व में टाटा ऊर्जा अनुसंधान संस्थान), १९७४ में स्थापित, ऊर्जा, पर्यावरण और टिकाऊ विकास के क्षेत्रों में अनुसंधान गतिविधियों पर केंद्रित नई दिल्ली में आधारित शोध संस्थान है। .

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टेस्को

टेस्को हाउस, टेस्को का मुख्यालय। टेस्को (Tesco) ब्रिटेन की पीएलसी आधारित खुदरा व्यापार और सामान्य किराने की एक अंतर्राष्ट्रीय बिक्री श्रृंखला है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा खुदरा दोनों वैश्विक और घरेलू बाजार में बिक्री के साथ साझा २ अरब पाउंड से अधिक लाभ है। २००८ में, जर्मन overtook खुदरा विशालकाय कंपनी बनने के लिए मेट्रो एजी विश्व की चौथी सबसे बड़ी खुदरा, पहला आंदोलन के बाद से २००३ के बीच में पांच शीर्ष है। मूलतः भोजन और पेय में विशेषज्ञता, तो यह है जैसे विविध क्षेत्रों में कपड़े, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता वित्तीय सेवाओं, और खुदरा बिक्री renting डीवीडी, सीडी, संगीत डाउनलोड, इंटरनेट सेवा, उपभोक्ता telecoms, उपभोक्ता स्वास्थ्य बीमा, उपभोक्ता और सॉफ्टवेयर दंत की योजना है। Countries in which Tesco operates. टेस्को के संस्थापक है जैक कोहेन, १९१९ में पूर्वी लंदन के एक बाजार में बिक्री के भोजन है। " टेस्को " यह नाम पहले १९२४ में छपी है, पहले १९२९ में लंदन में दुकान खोली थी। १९४७, कंपनी लंदन शेयर बाजार पर सूचीबद्ध है। १९४८ के पहले स्वयं सेवा की दुकानों व्यापार के लिए खुला है, तिथि, वह एक के रूप में शहर के भंडार टेस्को (मेट्रो) ऑपरेटरों.

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टॉम हैंक्स

थॉमस जेफ्री "टॉम " हैंक्स (जन्म 9 जुलाई 1956) एक अमेरिकी अभिनेता, निर्माता, लेखक और निर्देशक हैं। एक नाटकीय अभिनेता के रूप में कई उल्लेखनीय भूमिका में सफलता प्राप्त करने के पूर्व हैंक्स ने एंड्रयू बेकेट की फिलाडेल्फिया, फॉरेस्ट गंप (Forrest Gump) में शीर्षक पात्र की भूमिका, अपोलो 13 में कमांडर जेम्स ए लवेल, सेविंग प्राइवेट रायन में कप्तान जॉन एच.

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टॉम क्रूज़

थॉमस क्रूज़ मापोदर IV (जन्म: 3 जुलाई 1962), जो अपने फिल्मी नाम टॉम क्रूज़ से ज्यादा जाने जाते हैं, एक अमेरिकी अभिनेता और फ़िल्म निर्माता हैं। 2006 में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें दुनिया के अत्याधिक प्रभावशाली लोकप्रिय व्यक्तित्व का दर्जा दिया। टॉम तीन अकादमी पुरस्कारों के लिए नामित हुए और उन्होंने तीन गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीते हैं। उनकी पहली प्रमुख भूमिका 1983 की फ़िल्म रिस्की बिज़नेस में थी, जिसे"एक युवा पीढ़ी की क्लासिक और अभिनेता के लिए कैरियर-निर्माता" के रूप में वर्णित किया गया है। 1986 के लोकप्रिय और आर्थिक रूप से सफल फ़िल्म टॉप गन में एक बहादुर नौसेना पायलट की भूमिका निभाने के बाद, 1990 और 2000 दशक में बनी मिशन इम्पॉसिबल एक्शन फ़िल्म श्रृंखला में एक गुप्त एजेंट की भूमिका निभाते हुए, क्रूज़ ने इस शैली को जारी रखा.

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टोकामाक

KSTAR टोकामक टोकामाक में चुम्बकीय क्षेत्र एवं विद्युत-धारा की स्थिति एवं दिशा टोकामक (अंग्रेजी: TOKAMACA; रूसी: токамак) गरम प्लाज्मा को एक निश्चित आयतन में बनाये रखने (confinement) के लिये डिजाइन की गयी एक विशेष विधि एवं संयन्त्र का नाम है। सबसे पहले इसका विकास सन् १९५० में रूस के वैज्ञानिकों ने किया था। आजकल भारत सहित जापान, रूस, फ्रांस, यूके, अमेरिका और जर्मनी में कई टोकामाक कार्यरत हैं। यह 'फ्यूजन रिएक्टर' के निर्माण के लिए जरूरी है। इसकी सहायता से छल्लाकार (toroidal) चुम्बकीय क्षेत्र निर्मित होता है। भारत में आदित्य और एसएसटी-१ नामक दो टोकामाक गांधीनगर के प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान में कार्यरत हैं। .

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टोक्यो

टोक्यो (जापानी: 東京, उच्चारणः तोउक्योउ) जापान की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है। यह जापान के होन्शू द्वीप पर बसा हुआ है और इसकी जनसंख्या लगभग ८६ लाख है, जबकि टोक्यो क्षेत्र में १.२८ करोड़ और उपनगरीय क्षेत्रों को मिलाकर यहाँ अनुमानित ३.७ करोड़ लोग रहते हैं जो इसे दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला महानगरीय क्षेत्र बनाता है। टोक्यो लगभग ८० किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और यह क्षेत्रफल की दृष्टि से भी विश्व का सबसे बड़ा नगरीय क्षेत्र है। टोक्यो को अक्सर एक शहर के रूप में जाना जाता हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर यह "महानगरीय प्रान्त" के रूप में जाना जाता हैं। टोक्यो महानगरीय प्रशासन, टोक्यो के 23 विशेष वार्डों (प्रत्येक वार्ड़ एक अलग शहर के रूप में शासित) का संचालन करती हैं। महानगरीय सरकार, प्रान्त के पश्चिमी भाग और दो बाहरी द्वीप श्रृंखलाएं के 39 नगरपालिका का भी प्रशासन करती हैं। विशेष वार्ड की आबादी 90 लाख मिलाकर, प्रान्त की कुल जनसंख्या 130 लाख से अधिक हैं। यह प्रान्त दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले महानगरीय क्षेत्र का हिस्सा है, जिसमें 37.8 मिलियन लोग और विश्व के सबसे बड़े शहरी ढांचे की अर्थव्यवस्था शामिल हैं। शहर की 51 कंपनी, फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनियों में आती हैं, जोकि दुनिया के किसी भी शहर की सबसे बड़ी संख्या हैं। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र विकास सूचकांक में टोक्यो का तीसरा स्थान हैं। यह शहर फ़ुजी टीवी, टोक्यो एमएक्स, टीवी टोक्यो, टीवी असाही, निप्पॉन टेलीविजन, एनएचके और टोक्यो ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम जैसे विभिन्न टेलीविजन नेटवर्कों का घर भी हैं। ग्लोबल इकनॉमिक पावर इंडेक्स में टोक्यो पहले स्थान पर और ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में चौथा स्थान पर हैं। जीएडब्ल्युसी की 2008 की सूची में इसे वैश्विक शहर बताया गया और 2014 में ट्रिपएडवियर्स के विश्व शहर सर्वेक्षण, टोक्यो को सबसे "सर्वश्रेष्ठ समग्र अनुभव" के रूप में सूचीबद्ध किया गया। मर्सर कंसल्टेंसी फर्म और अर्थशास्त्री इंटेलिजेंस यूनिट के क्रय शक्ति के आधार पर, 2015 में टोक्यो को 11वें सबसे महंगे शहर के रूप में स्थान दिया गया था। 2015 में, टोक्यो को मोनोकले पत्रिका द्वारा दुनिया में सर्वाधिक जीवंत शहर कहा गया।.

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टीजीवी

300px टीजीवी ''डुप्लेक्स'' पैरिस में टीजीवी (Train à Grande Vitesse, अर्थात बेहद तेज़ रेल) फ्रांस की एक उच्च गति की रेल सेवा है जिसे एसएनसीएफ वोएजेस चलती है जों एसएनसीएफ की लंबी दुरी की रेल का विभाग है जों फ्रांसीसी राष्ट्रिय रेल के अंतर्गत काम करता है।.

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टीवी विज्ञापन

टीवी विज्ञापन या टीवी कमर्शियल, जिसे अक्सर बस कमर्शियल, विज्ञापन, ऐड या ऐड फिल्म (भारत) कहा जाता है-सन्देश पहुंचाने वाले किसी संगठन द्वारा किए गए भुगतान के तहत उसके लिए निर्मित टीवी कार्यक्रम का एक विविध रूप है। विज्ञापन से प्राप्त होने वाला राजस्व अधिकांश निजी स्वामित्व वाले टीवी नेटवर्कों के लिए वित्तपोषण के एक बहुत बड़े हिस्से का निर्माण करता है। आजकल के अधिकांश टीवी विज्ञापनों में संक्षिप्त विज्ञापन अंश शामिल होते हैं जो कुछ सेकंड से लेकर कई मिनट तक चल सकते हैं (इसके साथ ही साथ कार्यक्रम के लंबे इन्फोमर्शियल).

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ए टेल ऑफ़ टू सिटीज़

ऐ टेल ऑफ़ टू सिटिज़, फ़्रांसीसी क्रांति के पहले और दौरान पेरिस और लंदन की पृष्ठभूमि में रचित (1859) चार्ल्स डिकेन्स द्वारा लिखित उपन्यास है। इसकी 200 मिलियन से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं, यह सबसे अधिक मुद्रित मूल अंग्रेज़ी पुस्तक है और उपन्यास विधा की सबसे प्रसिद्ध कृति.

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ए एंड डब्ल्यू डाइनिंग

ए एंड डब्ल्यू डाइनिंग एक तेज फास्ट फूड दुकान है जिसे गाजर और एरोटस द्वारा चुना गया है। वित्तीय सफलता के लिए ए एंड डब्ल्यू पहली कंपनी थी: फ्रेंचाइजीज़ कैलिफ़ोर्निया के बारे में 1921 में शुरू हुई। कंपनी के स्वामित्व सहकारी समितियों रॉय डब्ल्यू एलन और फ्रैंक राइट से ली गई है। इस रेस्तरां के लिए मेनू में शामिल हैं, लेकिन हैमबर्गर एस फ्रांसीसी फ्राइज़ और हॉट डॉग तक सीमित नहीं है भोजन क्षेत्र में दुनिया भर में कई स्थानों और संयुक्त राज्य हैं। Category: अमेरिकी फास्ट फूड रेस्तरां.

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एटलस प्रयोग

एटलस या ए टोरोइडल एलएचसी एपरेटस या एक टोरोइड एलएचसी उपकरण प्रयोग स्विट्जरलैंड और फ्रान्स में सर्न में स्थित लार्ज हैड्रान कोलाइडर (एलएचसी) पर बने दो बृहद् व्यापक प्रयोजन कण भौतिकी संसूचकों में से एक है। इस प्रयोग में आँकड़े संरक्षित करने के लिए रूट प्रारूप का उपयोग किया जाता है। .

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एडिडास

(registered in 1949) | founder .

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एडोल्फ़ हिटलर

हिटलर एडोल्फ हिटलर (२० अप्रैल १८८९ - ३० अप्रैल १९४५) एक प्रसिद्ध जर्मन राजनेता एवं तानाशाह थे। वे "राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी" (NSDAP) के नेता थे। इस पार्टी को प्राय: "नाजी पार्टी" के नाम से जाना जाता है। सन् १९३३ से सन् १९४५ तक वह जर्मनी का शासक रहे। हिटलर को द्वितीय विश्वयुद्ध के लिये सर्वाधिक जिम्मेदार माना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध तब हुआ, जब उनके आदेश पर नात्सी सेना ने पोलैंड पर आक्रमण किया। फ्रांस और ब्रिटेन ने पोलैंड को सुरक्षा देने का वादा किया था और वादे के अनुसार उन दोनो ने नाज़ी जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। .

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एडोस इंटरएक्टिव

एडोस इंटरएक्टिव (Eidos Interactive) ब्रिटिश वीडियो गेम डेवलपर थी, अब स्क्वायर एनिक्स यूरोप के रूप में सक्रिय हैं। कंपनी के संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और जापान सहित दुनिया भर में कार्यालय थे। इसकी सबसे प्रसिद्ध खेल श्रृंखला में, हिटमैन और टॉम्ब रेडर शामिल है। .

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एद्गर देगास

एद्गर देगास फ्रांस के महान चित्रकार हैं। .

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एनी बेसेन्ट

डॉ एनी बेसेन्ट (१ अक्टूबर १८४७ - २० सितम्बर १९३३) अग्रणी आध्यात्मिक, थियोसोफिस्ट, महिला अधिकारों की समर्थक, लेखक, वक्ता एवं भारत-प्रेमी महिला थीं। सन १९१७ में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा भी बनीं। .

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एफिल टॉवर

एफ़िल टॉवर (Tour Eiffel) फ्रांस की राजधानी पैरिस में स्थित एक लौह टावर है। इसका निर्माण १८८७-१८८९ में शैम्प-दे-मार्स में सीन नदी के तट पर पैरिस में हुआ था। यह टावर विश्व में उल्लेखनीय निर्माणों में से एक और फ़्रांस की संस्कृति का प्रतीक है। एफ़िल टॉवर की रचना गुस्ताव एफ़िल के द्वारा की गई है और उन्हीं के नाम पर से एफ़िल टॉनर का नामकरन हुआ है। एफ़िल टॉवर की रचना १८८९ के वैश्विक मेले के लिए की गई थी। जब एफ़िल टॉवर का निर्माण हुआ उस वक़्त वह दुनिया की सबसे ऊँची इमारत थी। आज की तारीख में टॉवर की ऊँचाई ३२४ मीटर है, जो की पारंपरिक ८१ मंज़िला इमारत की ऊँचाई के बराबर है। बग़ैर एंटेना शिखर के यह इमारत फ़्रांस के मियो (Millau) शहर के फूल के बाद दूसरी सबसे ऊँची इमारत है। यह तीन मंज़िला टॉवर पर्यटकों के लिए साल के ३६५ दिन खुला रहता है। यह टॉवर पर्यटकों द्वारा टिकट खरीदके देखी गई दुनिया की इमारतों में अव्वल स्थान पे है। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ताज महल जैसे भारत की पहचान है, वैसे ही एफ़िल टॉवर फ़्रांस की पहचान है। .

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एबरडीन में परिवहन

एबरडीन मैं भी किसी भी विशाल नगर की तरह ही एक विस्तृत एवम व्यापक परिवहन व्यवस्था है। एबरडीन की परिवहन व्यवस्था जटिल एवं बड़े पैमाने पर फैली हुई है, जो इसे वायु, रेल, सड़क व अन्य परिवहन मार्गो द्वारा स्कॉटलैंड, यूनाइटेड किंगडम एवं विश्व के अन्य नगरों व क्षेत्रों से जोड़ती है। शहर के लिए अति महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी इस पर काफी समय तक उपयुक्त राजनैतिक तवज्जो नहीं दी जा रही थी, अतः यह काफी समय तक अल्पनिवेश एवं उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से पीड़ित थी। यद्यपि, हाल ही में इस क्षेत्र पर राजनैतिज्ञों का ध्यान गया है और मौजूदा समय में इस पर अब पूर्वत्यावश्यक तवज्जो दी जा रही है। .

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एम ४६ पेटन

एम ४६ टैंक एम ४६ पेटन एक अमेरिकी मध्यम टैंक था। यह पहला ऐसा टैंक था जिसका की नाम द्वितीय विश्वयुद्ध की तीसरी अमेरिकी आर्मी के कमांडर जनरल व युद्धों में टैंको के उपयोग के हिमायती जिओर्ज एस. पेटन के नाम पर रखा गया। एम ४६ पेटन मूल रूप से पुराने एम २६ पेर्शिंग टैंक का उन्नत रूप था। इसे अमरीकी सेना ने शीतयुद्ध के प्रारंभिक वर्ष १९४९ से १९५० तक काम में लिया। ऐसे करीब ११६० टैंक बनाये गए थे जीनेमें ३६० एम ६४ ऐ१ भी शामिल है। इसका उत्पादन सन १९५० से लेकर १९५० वे दशक के मध्य से अंत तक हुआ। इसे डेट्रोइट आर्सनल टैंक प्लांट ने बनाया था। एम ४६ पेटन ४८ किलोमीटर की गति की साथ १३० किलोमीटर के क्षेत्र में युद्ध कर सकता था। अमेरिकी सेना ने इसे कोरियाई युद्ध में मुख्य तौर से काम में लिया। इसके अलावा यह बेल्जियम, फ़्रांस व इटली की सेनाओं की सेवाओं में भी रहा। .

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एमिल बोरेल

फेलिक्स एडवर्ड जस्टिल एमिल बोरेल (७ जनवरी १८७१ – ३ फ़रवरी १९५६) फ्रांसीसी गणितज्ञ और राजनीतिज्ञ थे। गणितज्ञ के रूप में उन्होंने मापन सिद्धान्त और प्रायिकता के क्षेत्र में कार्य के लिए जाने जाते हैं। .

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एयर इंडिया उड़ान 101

एयर इंडिया उड़ान 101 (Air India Flight 101) बॉम्बे से लंदन के लिए निर्धारित एयर इंडिया की यात्री उड़ान थी जो दुर्घटनावश 24 जनवरी 1966 को फ़्रांस में मोंट ब्लाँक पहाड़ से टकरा गई थी। दुर्घटना में कर्मीदल के 11 सदस्यों के साथ-साथ सभी 106 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी। इसी विमान दुर्घटना में भारतीय परमाणु वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु हुई थी। .

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एयरबस

एयरबस SAS (अंग्रेज़ी मेंचित्र:ltspkr.png, फ़्रांसीसी में /ɛʁbys/ और जर्मन में) एक यूरोपीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कम्पनी EADS की एक वायुयान निर्माण सहायक कम्पनी है। ब्लैगनैक, फ़्रांस में ट्युलाउज़ के पास स्थित और पूरे यूरोप में महत्वपूर्ण गतिविधि वाली यह कम्पनी समस्त विश्व के जेट विमानों की कुल संख्या के लगभग आधे का उत्पादन करती है। एयरबस की शुरुआत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उत्पादकों के एक संघ के रूप में हुई। सदी के अंत के दौरान यूरोपीय सैन्य और अंतरिक्ष अनुसंधान कम्पनियों के एकीकरण ने 2001 में सरलीकृत संयुक्त स्टॉक कंपनी की स्थापना की अनुमति दी, जिसका स्वामित्व EADS (80%) और BAE सिस्टम्स (20%) के पास था। एक लंबी विक्रय प्रक्रिया के बाद 13 अक्टूबर 2006 को BAE ने अपनी हिस्सेदारी EADS को बेच दी। यूरोपीय संघ के चार देशों: जर्मनी, फ़्रांस, यूनाइटेड किंगडम और स्पेन, के सोलह स्थानों पर एयरबस के लगभग 57,000 कर्मचारी कार्य करते हैं। अंतिम असेम्बली उत्पादन ट्युलाउज़ (फ़्रांस), हैम्बर्ग (जर्मनी), सेविल (स्पेन) और, 2009 से, तियान्जिन (चीन) में होता है। संयुक्त राज्य अमरीका, जापान, चीन और भारत में एयरबस की सहायक कम्पनियां कार्यरत हैं। यह कम्पनी वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य पहले फ़्लाइ-बाइ-वायर (fly-by-wire) वायुयानों के उत्पादन और विपणन के लिये जानी जाती है। .

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एरियन 5

एरियन 5 (Ariane 5) एक यूरोपीय प्रक्षेपण यान रॉकेट है। यह एरियन रॉकेट परिवार का हिस्सा है। एरियन-5 रॉकेट यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और सिनेस के अधिकार के तहत निर्मित किये जाते हैं। एयरबस रक्षा और अंतरिक्ष एरियन 5 के लिए मुख्य ठेकेदार है। एरियन-5 का संचालन और व्यापार एरियन स्पेस द्वारा किया जाता है। एयरबस रक्षा और अंतरिक्ष यूरोप में रॉकेट बनाता है। तथा एरियन स्पेस उन्हें फ्रेंच गुयाना में गुयाना अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण करता है। .

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एर्लिनएयर

सोएटेटे एर्लिनएयर एक फ्रांसीसी क्षेत्रीय एयरलाइन है जो रुंगिस, फ्रांस में स्थित है, यह एयरलाइन निर्धारित किए गए क्षेत्रीय उड़ानें संचालित करती हैं (जिनमें से कुछ एयर फ्रांस की ओर से हैं) और अपने विमान पट्टे को लीज पर देती। इस एयरलाइन ने अपना केंद्र पेरिस-ओरली हवाई अड्डे और लीओन-सैंट एक्स्प्रेरी हवाई अड्डे पर स्थापित की हैं। एयर फ़्रांस की क्षेत्रीय सहयोगी के रूप में यह पेरिस-चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट से उड़ानों का संचालन करता है। .

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एल्जीसिराज सम्मेलन

सन १९०६ का एल्जीसिराज सम्मेलन (Algeciras Conference) स्पेन के एल्जीसिराज नगर में 16 जनवरी से 7 अप्रैल तक चला। इस अनतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य १९०५ के मोरक्को संकट का समाधान निकालना था। तीन महीने के वाद-विवाद के उपरांत एल्जीसिराज अधिनियम बना जिसके द्वारा निम्न बातें निश्चित हुई -.

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एलैन डेनियलोउ

एलैन डेनियलोउ (4 अक्टूबर 1907– 27 जनवरी 1994) एक फ़्रान्स इतिहासकार बुद्धजीवि संगीतशास्त्र भारतविद्या शैव और पश्चिमी को बदलने के लिए शैव हिन्दू धर्म के विशेषज्ञ थे। 1991 में, उन्हें संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप, सर्वोच्च सम्मान भारत के राष्ट्रीय एकेडमी फॉर संगीत, नृत्य और नाटक संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित किया गया। .

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एलेक्सिस सेंट लेगर

एलेक्सिस सेंट लेगर (उपनाम- सेंट जॉन पर्स) (1887-1975) फ्रांस के कवि थे। 1960 ई० में साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता। .

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एस.एच. रज़ा

सैयद हैदर रज़ा उर्फ़ एस.एच.

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एस्पिरिन

एस्पिरिन (यूएसएएन)(USAN), जिसे एसिटाइलसैलिसाइलिक एसिड (संक्षिप्त में एएसए), भी कहते हैं, एक सैलिसिलेट औषधि है, जो अकसर हल्के दर्दों से छुटकारा पाने के लिये दर्दनिवारक के रूप में, ज्वर कम करने के लिये ज्वरशामक के रूप में और शोथ-निरोधी दवा के रूप में प्रयोग में लाई जाती है। एस्पिरिन का एक प्लेटलेट-विरोधी प्रभाव भी होता है, जो थ्राम्बाक्सेन उत्पादन के अवरोध से उत्पन्न होता है, जो सामान्य परिस्थितियों में प्लेटलेटों के अणुओं को आपस में बांधकर रक्त नलिकाओं के भीतर की भित्तियों पर हुई चोट पर एक चकत्ते का निर्माण करता है। चूंकि प्लेटलेटों का चकत्ता काफी बड़ा होकर रक्त-प्रवाह में उस स्थान पर या आगे कहीं भी रूकावट पैदा कर सकता है, इसलिये रक्त के थक्कों के विकास के अधिक जोखम वाले लोगों में एस्पिरिन का प्रयोग लंबे समय के लिये कम मात्रा में हृदयाघात, मस्तिष्क-आघात और रक्त के थक्कों की रोकथाम के लिये भी किया जाता है। यह भी पाया गया है कि हृदयाघात के तुरंत बाद थोड़ी मात्रा में एस्पिरिन देकर एक और हृदयाघात या हृदय के ऊतक की मृत्यु का जोखम कम किया जा सकता है। एस्पिरिन के, विशेषकर अधिक मात्रा में लेने पर, मुख्य अवांछित दुष्प्रभावों में आमाशय व आंतों में छाले, आमाशय में रक्तस्राव और कानों में आवाज आना शामिल हैं। बच्चों और किशोरों में रेइज़ सिंड्रोम के जोखम के कारण, फ्लू जैसे लक्षणों या छोटी चेचक (चिकनपॉक्स) या अन्य वाइरस रोगों के लक्षणों के नियंत्रण के लिये अब एस्पिरिन का इस्तेमाल नहीं किया जाता.

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एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड एकाउंटेंट्स

यह एक आउटडोर परिचय है एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड एकाउंटेंट्स (Association of Chartered Certified Accountants) एक ब्रिटिश लेखा निकाय है जो दुनिया भर में चार्टर्ड सर्टिफाइड एकाउंटेंट (पहचान के अक्षर एसीसीए (ACCA) या एफसीसीए (FCCA)) की योग्यता प्रदान करता है। यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते लेखा निकायों में से एक है जिसके पास 170 देशों में 140,000 सदस्य और 404,000 सहयोगी एवं छात्र हैं (अप्रैल 2010 के अनुसार).

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एजिंकोर्ट स्क्वायर

एजिंकोर्ट स्क्वायर (Agincourt Square) वेल्स की काउंटी मॉनमाउथशायर के मॉनमाउथ नगर में स्थित शायर हॉल के सामने का एक खुला इलाका है। क्षेत्र सदियों से सार्वजनिक कार्यों और बाजारों के लिए इस्तेमाल किया गया है। भूतकाल में स्थान का क्षेत्रफल वर्तमान की तुलना में अधिक विशाल था। स्थानीय प्रकाशक चार्ल्स हीथ के अनुसार स्थान का पहले नाम मार्केट प्लेस था व उन्नीसवीं शताब्दी के शुरूआती भाग में इसको इसका निवर्तमान नाम मिला। विभिन्न स्रोत इस तथ्य पर बटे हुए हैं कि आखिर किस वर्ष में स्थान का नाम एजिंकोर्ट स्क्वायर पड़ा। स्क्वायर में शायर हॉल की मेहराबों के नीचे शुक्रवार और शनिवार के दिन बाजार लगता है। हर महीने के दूसरे बुधवार को इसी जगह किसानों का बाजार लगता है और वर्ष में कभी-कभी शिल्प बाजार भी यहाँ लगता है। .

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एवा ग्रीन

एवा गाएले ग्रीन (Eva Gaëlle Green) एक फ्रांसिसी अभिनेत्री और मॉडल है। इन्होने अभिनय में अपना पहला कदम द ड्रिमर्स फ़िल्म द्वारा रखा जिसमें इनके कईं अश्लिल दृश्यों के कारण काफ़ी बवाल उठा था। बाद में किंगडम ऑफ हेवन और कसिनो रोयाल ने इन्हे काफ़ी शौहरत प्रदान की जिसके लिए इन्से बाफ्ता पुरस्कार से नवाज़ा गया। .

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एंडेमोल

एंडेमोल (Endemol), नीदरलैंड की एक अंतरराष्ट्रीय निर्माण और वितरण कंपनी है, जिसकी सहायक कंपनियां और संयुक्त उद्यम 23 देशों में फैले हैं जिनमें संयुक्त राजशाही, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, मैक्सिको, स्पेन, इटली, जर्मनी, ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना, डोमिनिकन गणराज्य, पोलैंड, पुर्तगाल, रूस, भारत, दक्षिण अफ्रीका, लेबनान, मोरक्को, फिलीपींस, बेल्जियम, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। एंडेमोल का नियंत्रण इटली की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी, मीडियासेट और इसके सह संस्थापक जॉन डी मोल के हाथ में है। .

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एंडी मरे

एंड्रयू " एंडी" मरे (जन्म 15 मई 1987) स्काटिसटेनिस खिलाड़ी हैं, जो अब ब्रिटेन में खेल में नंबर एक स्थान पर हैं।, Daily Telegraph.

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एंथोनी वातेऊ

एंथोनी वातेऊ फ्रांस के महान चित्रकार हैं। .

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एंगारी

एंगारी (Angary; लैटिन: jus angariae; फ्रेंच: droit d'angarie; जर्मन: Angarie; ग्रीक: ἀγγαρεία, angareia से व्युत्पन्न) शब्द प्राचीन फारस की राजकीय संदेशहर सेवा (रायल कीरियर सर्विस) के नामकरण से प्राप्त हुआ है। वहाँ से ग्रीक और लातिनी में 'दूत' के अर्थ में यह शब्द प्रचलित हुआ। वर्तमान में यह अन्तरराष्ट्रीय विधि से सम्बन्धित एक शब्द है। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय विधि में एंगारी किसी देश की युद्धकाल में या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह अधिकार प्रदान करता है कि जलयान, हवाईजहाज, रेल का सामान या यातायात के अन्य साधन जो दूसरे देशों के हैं, परन्तु उनके अधिक्षेत्र में उपस्थित हैं, अपने काम में ले आए। परंतु उस देश को यातायात के साधनों के उन मालिकों की पूरी क्षतिपूर्ति करनी होगी। किन्तु वर्तमान काल में नाविकों या अन्य चालकों की सेवाएँ नहीं प्राप्त की जा सकती हैं। .

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एक्टिविजन

एक्टिविजन (Activision) एक अमेरिकी वीडियो गेम प्रकाशन कंपनी है जिसकी मिलकियत फ़्रांसिसी कोन्ग्लोमेरेट विवेंडी एसए के पास है। इसकी स्थापना १ अक्टूबर १९७९ में की गई थी और यह विश्व की प्रथम स्वतार्त्र गेमिंग कंसोल विकासक व वितरक कंपनी थी। .

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एक्स ला चैपल संधि (१६६८)

एक्स ला चैपल संधि (१६६८) को २ मई, १६६८ को आखन में तय किया गया था। इसके द्वारा फ़्रांस और स्पेन के बीच युद्ध विराम हुआ था। इसकी मध्यस्थता इंग्लैंड, डच गणराज्य और स्वीडन की ट्रिपल अलाइंस ने की थी। इसमें फ़्रांस को स्पेनिश नीदरलैंड के लिले और फ़्लैन्डर्स के क्षेत्र मिले, किंतु फ्रांश-कोम्ते लौटाना पड़ा। .

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एक्स ला चैपल संधि (१७४८)

एक्स ला चैपल की द्वितीय संधि १७४८ में ऑस्ट्रियन उत्तराधिकार युद्ध को समाप्त करने हेतु हुई थी। २४ अप्रैल, १७४८ को पवित्र रोमन साम्राज्य के पश्चिम में इम्पीरियल फ़्री सिटी- आखन में कांग्रेस एकत्रित हुई और परिणामतः यह संधि तय हुई। इस संधि में ब्रिटेन और फ्रांस ही हावी रहे व अन्य देशों ने मात्र नतमस्तक हो उसे तब माना। हालांकि इस संधि ने ब्रिटेन और फ्रांस के बीच, अफ़्रीका, भारत और वेस्ट इंडीज़ के विवाद का कोई हल नहीं निकाला और यह लंबी शांति नहीं दे पाय़ी। .

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एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम

एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम (अंग्रेज़ी: Integrated Guided Missile Develoment Program-IGMDP; इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम) घोषित परमाणु राज्यों (चीन, ब्रिटेन, फ़्रांस, रूस, और संयुक्त राज्य अमेरिका) के बाद के मिसाइल कार्यक्रमों में से एक है। भारत अपने परिष्कृत मिसाइल और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के साथ, देश में ही लंबी दूरी की परमाणु मिसाइलों के विकास में तकनीकी रूप से सक्षम है। बैलिस्टिक मिसाइलों में भारत का अनुसंधान 1960 के दशक में शुरू हुआ। जुलाई 1983 में भारत ने स्वदेशी मिसाइल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के उद्देश्य के साथ समन्वित निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम (इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम-IGMDP) की शुरुआत की। आईजीएमडीपी द्वारा देश में ही विकसित सबसे पहली मिसाइल पृथ्वी थी। भारत की दूसरी बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली अग्नि मिसाइलों की श्रृंखला है जिसकी मारक क्षमता पृथ्वी मिसाइलों से ज्यादा है। .

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ऐडमिरल

ऐडमिरल (Admiral) या नौसेनाध्यक्ष किसी देश या राज्य की नौसेना के सर्वोच्च अधिकारी या अधिकारियों को कहा जाता है। तुलना के लिए यह पद थलसेना के 'जनरल' या 'सेनापति' के बराबर समझा जाता है। .

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ऐन्डर्स सेल्सियस

उप्साला, स्वीडन (२७ नवंबर १७०१ – २५ अप्रैल १७४४) एक स्वीडिश खगोलज्ञ थे। ये उप्साला विश्वविद्यालय, स्वीडन में १७३०-१७४४ तक प्रोफेसर रहे और १७३२ से १७३५ तक जर्मनी, इटली एवं फ्रांस की उल्लेखानीय वेधशालाओं की यात्राएं कीं। इन्होंने ही १७४१ में उप्साला विश्वविद्यालय वेधशाला की स्थापना की। १७४२ में इन्होंने सेल्सियस तापमान स्केल प्रस्तावित किया। इस स्केल को बाद में कार्ल लीनियस ने १७४५ में इसे बदल दिया। .

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ऐबट ओलीबा

ऐबट ओलीबा (Abat Oliba; 971–1046) बर्गा और रिपोल के काउंट और बाद में वीक के बिशप व सेंट-मिचेल-डी-कोक्स़ा के मठधारी थे। ये सांटा मारिया डी मॉन्ट्सेराट ऐबी के संस्थापक भी थे। ओलीबा अपने समय की सबसे प्रभावशाली और महत्वपूर्ण शख्सियत में से एक थे जिन्होंने रोमेनेस्क कला को प्रोत्साहित किया था। इन्हें कातालोन्या के आध्यात्मिक संस्थापकों में से एक और अपने समय के इबेरिया प्रायद्वीप में यकीनन सबसे महत्वपूर्ण धर्माध्यक्ष माना जाता है। 1973 में ऐबट अलीबा कॉलेज की स्थापना हुई जिसे बार्सिलोना विश्विद्यालय से मान्यता प्राप्त थी। 2003 में कातालोन्या की सरकार ने कॉलेज को पृथक विश्विद्यालय के रूप में परिवर्तित कर दिया व नए विश्विद्यालय का नाम ऐबट ओलीबा सीईयू यूनिवर्सिटी (कैटलन: Universitat Abat Oliba) रखा गया। .

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ऐरोस्पैटियल एसए 315बी लामा

ऐरोस्पैटियल एसए 315बी लामा (Aérospatiale SA 315B Lama) एक फ्रांसिसी हेलीकॉप्टर है जिसे भारत में हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने लाइसंस के अंतर्गत चीता नाम से बनाया है। यह एक एकल एंजिन वाला हेलिकॉप्टर है। जो की गर्म वातावर्ण मे काम करने के लिए बनाया गया है। .

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ऐज़ यू लाइक इट

1623 में प्रकाशित, फर्स्ट फोलिओ से ऐज़ यू लाइक इट के प्रथम पृष्ठ की प्रतिकृति. ऐज़ यू लाइक इट विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखित एक पैस्टोरल कॉमेडी है, जिसे 1599 या 1600 की शुरूआत में लिखा हुआ मानते हैं और यह 1623 के फोलियो में पहली बार प्रकाशित हुआ। यह कृति थॉमस लॉज के गद्य प्रेम-कथा रॉसलिंड पर आधारित थी। हालांकि इस नाटक के पहले प्रदर्शन की जानकारी अनिश्चित है, परन्तु सुझावों के अनुसार, 1603 में विल्टन हाउस में इसके एक प्रदर्शन की संभावना जताई गई है। ऐज़ यू लाइक इट की कहानी नायिका रॉसलिंड के इर्द-गिर्द घूमती है, जो उत्पीड़न के डर से अपनी चचेरी बहन सीलिया और महल के विदूषक टचस्टोन के साथ, अपने चाचा के महल से आर्डेन के जंगल में सुरक्षा और अंततः प्यार पाने के लिए भाग जाती है। ऐतिहासिक रूप से, इस पर आलोचकों की राय भिन्न रही है, कुछ आलोचकों के अनुसार यह कृति शेक्सपियर की अन्य कृतियों की तुलना में कम उत्कृष्ट है जबकि कुछ इस नाटक को बेहद उत्कृष्ट कृति मानते हैं। शेक्सपियर की एक सर्वाधिक प्रसिद्ध और अक्सर-प्रयुक्त उक्ति "ऑल दी वर्लड इज़ अ स्टेज" इसी नाटक का हिस्सा है, साथ ही यह "टू मच ऑफ अ गुड थिंग" वाक्यांश का मूल भी है। यह नाटक दर्शकों की पसंदीदा बनी रही और रेडियो, फिल्म और संगीतमय रंगमंच के लिए रूपांतरित की गई। .

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ऐंब्रोज़ पारे

ऐंब्रोज़ पारे ऐंब्रोज़ पारे (Ambroise Pare, सन् 1510 - 1590) को फ्रेंच शल्यचिकित्सा का जनक कहा जाता है। .

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ऐक्विटेन

ऐक्विटेन (Aquitaine) फ्रांस के २७ प्रभागों में से एक है। .

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झज्जर

हरियाणा में स्थित झज्जर बहुत सुन्दर पर्यटन स्‍थल है। यह दिल्ली से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। झज्‍जर की स्थापना छज्जु नाम के एक जाट ने की थी। पहले इसका नाम 'छज्जु नगर' था लेकिन बाद में यह झज्जर हो गया। हरियाण के दो मुख्य शहर बहादुरगढ़ और बेरी है। बहादुरगढ़ की स्थापना राठी जाटों ने की थी। पहले बहादुरगढ़ को सर्राफाबाद के नाम से जाना जाता था। पिछले दिनों बहादुरगढ़ का तेजी से औद्योगिकरण हुआ है। बेरी इसका दूसरा मुख्य शहर है। यहां भीमेश्वरी देवी का प्रसिद्ध मन्दिर है। इस मन्दिर में पूजा करने के लिए देश-विदेश से पर्यटक प्रतिवर्ष आते हैं। मन्दिरों के अलावा पर्यटक यहां पर भिंडावास पक्षी अभ्यारण घूमने भी जा सकते हैं। .

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झींगा मछली (लॉब्स्टर)

पंजों वाली झींगा मछलियाँ (क्लॉड लॉब्स्टर्स) बड़े समुद्री क्रस्टेशियंस परिवार (नेफ्रोपीडी, कभी-कभी होमारिडी भी) से आती हैं। झींगा मछलियाँ समुद्री भोजन के रूप में आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, जो प्रति वर्ष 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (US$1बिलियन) से अधिक के एक वैश्विक उद्योग को आधार प्रदान करती हैं। हालांकि क्रस्टेशियंस के कई समूह "झींगा मछलियों (लॉब्स्टर्स)" के रूप में जाने जाते हैं, पंजों वाली झींगा मछलियाँ अक्सर इस नाम के साथ जुड़ी रही हैं। इन्हें इनके स्वाद और बनावट के लिए भी जाना जाता है। पंजों वाली झींगा मछलियों का काँटेदार झींगा मछलियों या स्लीपर लॉब्स्टर्स, जिनके पास पंजे (चेली) नहीं होते, या स्क्वैट लॉब्स्टर्स से कोई करीबी संबंध नहीं है। पंजों वाली झींगा मछलियों के सबसे करीबी रिश्तेदार हैं चट्टानी झींगा मछलियाँ और मीठे पानी की क्रेफ़िश के तीन परिवार.

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डच भाषा

डच भाषा (डच: Nederlands उच्चारणः नेडेर्लाण्ड्स) नीदरलैंड देश की मुख्यभाषा और राजभाषा है। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की जर्मैनी शाखा में आती है। क्योंकि ये एक निम्न जर्मनिक भाषा है, इसलिये ये अंग्रेज़ी से काफ़ी मेल खाती है। इसकी लिपि रोमन लिपि है। नीदरलैंड के अतिरिक्त यह बेल्जियम के उत्तरी आधे भाग में, फ्रांस के नार्ड जिले के ऊपरी हिस्से में तथा यूरोप के बाहर डच न्यूगिनी आदि क्षेत्रों में बोली जाती है। संयुक्त राज्य अमरीका तथा कनाडा में रहनेवाले डच नागरिकों की भी यह मातृभाषा है। दक्षिण अफ्रिकी यूनियन राज्य में भी बहुत से डच मूल के नागरिक रहते हैं और उनकी भाषा भी डच भाषा से बहुलांश में मिलती-जुलती है, यद्यपि अब वह एक स्वतंत्र भाषा के रूप में विकसित हो गई है। .

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डसॉल्ट मिराज 2000

डसॉल्ट मीराज 2000 (Dassault Mirage 2000) एक फ्रांसिसी लडाकू विमान है। श्रेणी:लड़ाकू विमान श्रेणी:भारतीय वायुसेना के विमान.

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डामंट

श्रेणी:फ़्रांस.

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डायनथस कैरीओफ़िलस

कार्नेशन कार्नेशन (डायनथस कैरीओफ़िलस / Dianthus caryophyllus) एक महत्वपूर्ण एवं अत्यंत आकर्षक व्यावसायिक पुष्प है। यह कैरियोफाइलेसी कुल का सदस्य है। इसका वानस्पतिक नाम डायन्थस कैरियोफिलस है। कार्नेशन का उत्पत्ति स्थल दक्षिण फ्रांस माना जाता है। इसको 'डिविन् फ्लॉवर' के नाम से जाना जाता है। इसके पुष्प की सुगन्ध, विभिन्न रंग, कम वजन एवं अधिक दिनों तक तरोताजा बने रहने के कारण मुख्य दस कर्तित पुष्पों में इसका स्थान है। इसका कट फ्लॉवर गुलदस्ता बनाने, घर की सजावट, गाड़ियों की सजावट इत्यादि में किया जाता है। इसकी व्यावसायिक खेती यूरोप, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, कोलम्बिया, केन्या, टर्की, मोरक्को, नीदरलैंड, इजराइल, पोलैण्ड, स्पेन, भारत इत्यादि देशों में की जाती है। इसके पुष्प विभिन्न रंगों के जैसे गुलाबी, लाल, पीला, सफेद एवं विभिन्न प्रकार के मिश्रित रंगों में पाये जाते हैं। .

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डिकेथलॉन

डिकेथलॉन (Decathlon) समूह खेलकूद के लिए वस्त्र और उपादान सामग्री बनाने वाले कई ब्रांडों का समूह है। इसकी स्थापना फ़्रांस में १९७६ में हुई थी। १९९० के दशक में यूरोप के अन्य हिस्सों में इसका विस्तार हुआ। चीन में २००३ में तथा भारत में २००९ में आया। ये जिम, एथेलेटिक्स, क्रिकेट, टेनिस, फुटबॉल, साईकलिंग, पर्वतारोहण आदि के लिए कपड़े, जूते, आदि बनाता है। इन कपड़ो में हल्का होना और पसीने को आसानी से निजात पाना एक महत्वपूर्ण ज़रूरत हैं। इसके आलावे कपड़ों और जूतों आदि का दीर्घकाल तक चलना भी ग्राहकों को आकर्षित करता है। इसलिए इनके उत्पादों में पॉलीमर का प्रयोग बहुत होता है - नाईलॉन और पॉलीएस्टर जैसे पॉलीमर का। इसके प्रमुख brands में - Artengo (Racquets and tennis equipments), Domyos (टी-शर्ट्स आदि) और Quechua हैं। .

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ड्रीम थियेटर

ड्रीम थियेटर एक अमेरिकी प्रगतिशील मेटल बैंड है, जिसे जॉन पेट्रुकी, जॉन म्युंग और माइक पोर्टनॉय द्वारा 1985 में मेजेस्टी नाम के तहत गठित किया गया था, जब वे मैसाचुसेट्स में बर्कले कॉलेज ऑफ़ म्युज़िक जाया करते थे और इस बैंड को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। हालांकि, सदस्यों में कई फेर-बदल हुए, मूल तीन सदस्य, जेम्स लाब्री और रुडेस जॉर्डन के साथ आज भी बने हुए हैं। ड्रीम थियेटर एक सफल प्रगतिशील मेटल बैंड बन गया है। यद्यपि बैंड के नाम एक ही सफल हिट है ("पुल मी अंडर" 1992, जिसे व्यापक MTV दोहराव प्राप्त हुआ), तथापि, वे मुख्य धारा से अपेक्षाकृत बाहर रहे।. बैंड को, इसके वादकों की तकनीकी दक्षता के लिए भली प्रकार से जाना जाता है, जिन्हें संगीत शिक्षा पत्रिकाओं की तरफ से कई पुरस्कार मिले हैं। ड्रीम थियेटर के सदस्यों ने कई अन्य उल्लेखनीय संगीतकारों के साथ सहयोग किया है। गिटारवादक जॉन पेट्रुकी को G3 टूर पर छह बार तीसरे वादक के रूप में नामित किया गया है, जो किसी भी अन्य आमंत्रित गिटारवादक से ज़्यादा है, इस प्रकार उन्होंने एरिक जॉनसन और रॉबर्ट फ्रिप की बराबरी की। ड्रम वादक, माइक पोर्टनॉय ने मॉडर्न ड्रमर मैग्जीन से 23 पुरस्कार जीते हैं और रॉक ड्रमर हॉल ऑफ़ फेम में शामिल किये जाने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के (37 की उम्र में) व्यक्ति हैं। बैंड का सर्वाधिक बिकने वाला एल्बम है, गोल्ड बिक्री वाला इमेजेस एंड वर्ड्स (1992), बिलबोर्ड 200 चार्ट पर #61 पर पहुंचा।ड्रीम थियेटर के लिए बिलबोर्ड चार्ट के इतिहास को में देखा जा सकता है। 1994 का अवेक और 2002 का सिक्स डिग्रीज़ ऑफ़ इनर टरब्युलेंस, उनके इन दोनों ही एल्बमों ने चार्ट पर क्रमशः #32 और #46 पर प्रवेश किया और इन्हें ज्यादातर सकारात्मक समीक्षाएं प्राप्त हुईं.

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डेबिट कार्ड

डेबिट कार्ड (बैंक कार्ड या चेक कार्ड वा विकलन पत्रक के नाम से भी जाना जाता है), एक प्लास्टिक कार्ड है, जो खरीददारी करते समय भुगतान की वैकल्पिक पद्धति प्रदान करता है। कार्यात्मक रूप से, इसे इलेक्ट्रॉनिक चेक कहा जा सकता है, क्योंकि पैसे बैंक खाते से या तो सीधे निकाले जा सकते हैं या शेष राशि कार्ड के ज़रिए भी निकाली जा सकती है। कुछ मामलों में, कार्ड को खास तरह से केवल इंटरनेट के लिए इस तरह डिजाइन किया जाता है कि भौतिक रूप से कोई कार्ड होता ही नहीं है। डेबिट कार्ड का उपयोग कुछ देशों में व्यापक हो चुका है और इसने चेक की जगह ले ली है और कुछ मामलों में बड़ी मात्रा में नकदी का लेनदेन भी होता है। क्रेडिट कार्ड की तरह डेबिट कार्ड का उपयोग टेलीफोन और इंटरनेट के ज़रिये खरीददारी के लिए भी होता है, लेकिन क्रेडिट कार्ड की राशि वाहक के द्वारा बाद की तरीख में भुगतान करने के बजाए वाहक के बैंक खाते से स्थानांतरित होते हैं। डेबिट कार्ड की सहायता से आप तुरंत नकदी निकाल सकते हैं, क्योंकि यह एटीएम (ATM) कार्ड और चेक गारंटी कार्ड की तरह प्रयुक्त होता है। जहां ग्राहक खरीददारी के साथ साथ नकदी भी निकाल सकते हैं, वहां व्यापारी अपने ग्राहक को "कैशबैक"/"कैश आउट" की सुविधाएं देने की पेशकश कर सकता है। .

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डेमलर एजी

डेमलर एजी (Daimler AG) (पूर्व नाम डेमलर क्रिसलर (DaimlerChrysler)) एक जर्मन कार कंपनी है। यह दुनिया की तेरहवीं सबसे बड़ी कार निर्माता और दूसरी सबसे बड़ी ट्रक निर्माता कंपनी है। ऑटोमोबाइल के अलावा डेमलर बसों का भी निर्माण करती है और अपनी डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेस शाखा के माध्यम से वित्तीय सेवा भी प्रदान करती है। एरोस्पेस समूह ईएडीएस में भी कंपनी का बहुत बड़ी हिस्सेदारी है, जो एक उच्च प्रौद्योगिकी कंपनी होने के साथ-साथ वोडाफोन मैक्लारेन मर्सडीज रेसिंग टीम मैक्लारेन ग्रुप (जो फ़िलहाल एक पूर्ण रूप से स्वतंत्र स्वचलित कंपनी बनने की प्रक्रिया में है) और जापानी ट्रक निर्माता कंपनी मित्सुबिशी फूसो ट्रक एण्ड बस कॉर्पोरेशन की मूल कंपनी है। डेमलर क्रिसलर की स्थापना (1998–2007), 1998 में जर्मनी के स्टटगार्ट की मर्सडीज-बेंज निर्माता कंपनी डेमलर-बेंज (1926–1998) और अमेरिका आधारित क्रिसलर कॉर्पोरेशन के विलय के साथ हुई थी। इस सौदे से एक नई कंपनी डेमलर क्रिसलर का जन्म हुआ। हालांकि इस खरीदारी से अटलांटिक के परे की एक शक्तिशाली ऑटोमोटिव कंपनी का निर्माण न हो सका जिसकी उम्मीद सौदा करने वालों ने की थी और डेमलर क्रिसलर ने 14 मई 2007 को यह घोषणा की कि यह क्रिसलर को न्यूयॉर्क की सेर्बेरस कैपिटल मैनेजमेंट नामक एक प्राइवेट इक्विटी फर्म को बेच देगी जिसे संकटग्रस्त कंपनियों के पुनर्गठन में विशेषज्ञता प्राप्त है। 4 अक्टूबर 2007 को डेमलर क्रिसलर के शेयरधारकों की एक आसाधारण बैठक में कंपनी के पुनर्नामकरण पर मंजूरी दी गई। 5 अक्टूबर 2007 को इस कंपनी को डेमलर एजी नाम दिया गया। 3 अगस्त 2007 को बिक्री का काम पूरा होने पर अमेरिकी कंपनी ने क्रिसलर एलएलसी नाम रख लिया। डेमलर कई ब्रांड नामों के तहत कारों और ट्रकों का निर्माण करती है, जिनमें शामिल हैं मर्सडीज-बेंज, मेबैक, स्मार्ट और फ्रेटलाइनर.

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डेविड बेखम

डेविड रॉबर्ट जोसफ बेखम, accessdate.

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तमाशा (2015 फ़िल्म)

तमाशा एक हिन्दी भाषा में बनी भारतीय बॉलीवुड फिल्म है। इस फिल्म को इम्तियाज़ अली ने निर्देशित किया है और इस फिल्म के निर्माता इम्तियाज़ अली और साजिद नाडियाडवाला हैं। इस फिल्म में मुख्य किरदार में दीपिका पादुकोण और रणबीर कपूर हैं। इसे फ़्रांस के कोरसिका में फिल्माना शुरू किया गया था। यह फिल्म 27 नवम्बर 2015 को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी। .

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तम्बाकू धूम्रपान

तम्बाकू धूम्रपान एक ऐसा अभ्यास है जिसमें तम्बाकू को जलाया जाता है और उसका धुआं या तो चखा जाता है या फिर उसे सांस में खींचा जाता है। इसका चलन 5000-3000 ई.पू.के प्रारम्भिक काल में शुरू हुआ। कई सभ्यताओं में धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान इसे सुगंध के तौर पर जलाया गया, जिसे बाद में आनंद प्राप्त करने के लिए या फिर एक सामाजिक उपकरण के रूप में अपनाया गया। पुरानी दुनिया में तम्बाकू 1500 के दशक के अंतिम दौर में प्रचलित हुआ जहां इसने साझा व्यापारिक मार्ग का अनुसरण किया। हालांकि यह पदार्थ अक्सर आलोचना का शिकार बनता रहा है, लेकिन इसके बावज़ूद वह लोकप्रिय हो गया। जर्मन वैज्ञानिकों ने औपचारिक रूप से देर से 1920 के दशक के अन्त में धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर के बीच के संबंधों की पहचान की जिससे आधुनिक इतिहास में पहले धूम्रपान विरोधी अभियान की शुरुआत हुई। आंदोलन तथापि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुश्मनों की सीमा में पहुंचने में नाकाम रहा और उसके बाद जल्द ही अलोकप्रिय हो गया। 1950 में स्वास्थ्य अधिकारियों ने फिर से धूम्रपान और कैंसर के बीच के सम्बंध पर चर्चा शुरू की। वैज्ञानिक प्रमाण 1980 के दशक में प्राप्त हुए, जिसने इस अभ्यास के खिलाफ राजनीतिक कार्रवाई पर जोर दिया। 1965 से विकसित देशों में खपत या तो क्षीण हुई या फिर उसमें गिरावट आयी। हालांकि, विकासशील दुनिया में बढ़त जारी है। तम्बाकू के सेवन का सबसे आम तरीका धूम्रपान है और तम्बाकू धूम्रपान किया जाने वाला सबसे आम पदार्थ है। कृषि उत्पाद को अक्सर दूसरे योगज के साथ मिलाया जाता है और फिर सुलगाया जाता है। परिणामस्वरूप भाप को सांस के जरिये अंदर खींचा जाता है फिर सक्रिय पदार्थ को फेफड़ों के माध्यम से कोशिकाओं से अवशोषित कर लिया जाता है। सक्रिय पदार्थ तंत्रिका अंत में रासायनिक प्रतिक्रियाओं को शुरू करती है जिससे हृदय गति, स्मृति और सतर्कता और प्रतिक्रिया की अवधि बढ़ जाती है। डोपामाइन (Dopamine) और बाद में एंडोर्फिन(endorphin) का रिसाव होता है जो अक्सर आनंद से जुड़े हुए हैं। 2000 में धूम्रपान का सेवन कुछ 1.22 बिलियन लोग करते थे। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में धूम्रपान की संभावना अधिक होती हैं तथापि छोटे आयु वर्ग में इस लैंगिक अंतर में गिरावट आती है। गरीबों में अमीरों की तुलना में और विकसित देशों के लोगों में अमीर देशों की तुलना में धूम्रपान की संभावना अधिक होती है। धूम्रपान करने वाले कई किशोरावस्था में या आरम्भिक युवावस्था के दौरान शुरू करते हैं। आम तौर पर प्रारंभिक अवस्था में धूम्रपान सुखद अनुभूतियां प्रदान करता है, सकारात्मक सुदृढीकरण के एक स्रोत के रूप में कार्य करता है। एक व्यक्ति में कई वर्षों के धूम्रपान के बाद परिहार के लक्षण और नकारात्मक सुदृढीकरण उसे जारी रखने का प्रमुख उत्प्रेरक बन जाता है। .

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ताय

ताय (taille; फ्रेंच उच्चारण: ​) / ताय) फ्रांस में जनसमूहों पर लगनेवाला एक भूमि-कर था। शुरू में यह बड़े बड़े सामंतों द्वारा अपने अधीन कृषि-मजदूरों पर लगाया जाता था। बाद में यह फ्रांस के राजा द्वारा लगाया जाने लगा। कुछ क्षेत्रों में यह एक तरह के संपत्तिकर के रूप में लगाया जाता था। सामान्य रूप से सामंत या अमीर उमरा तथा बाद में पादरी लोग भी इस कर से मुक्त रहते थे, जो उस असंतोष का कारण बना जिसने फ्रांस की राज्यक्रांति उत्पन्न करने में सहायता पहुँचाई। श्रेणी:फ़्रांस का इतिहास.

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तारपान

फ़्रांस की एक ग़ुफ़ा में मिला तारपान-जैसे घोड़े का पुरापाषाण काल में बना चित्र आधुनिक हेक नस्ल का घोड़ा जिसका रंग-रूप तारपान से मिलता है तारपान या यूरेशियाई जंगली घोड़ा एक जंगली घोड़े की नस्ल थी जो विलुप्त हो चुकी है। विश्व का आखरी ज्ञात तारपान सन् १९०९ में रूस में मर गया। कुछ आधुनिक घोड़ों की नस्लें तारपान से मिलती जुलती हैं, जैसे की हेक घोड़ा। तारपान का रंग हल्का ख़ाकी होता था। जीव-वैज्ञानिक मानते हैं कि विश्व के पालतू घोड़े तारपान के ही विकसित वंशज हैं। .

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तिब्बत का पठार

तिब्बत का पठार हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक फैला हुआ है तिब्बत का बहुत सा इलाक़ा शुष्क है तिब्बत का पठार (तिब्बती: བོད་ས་མཐོ།, बोड सा म्थो) मध्य एशिया में स्थित एक ऊँचाई वाला विशाल पठार है। यह दक्षिण में हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक विस्तृत है। इसमें चीन द्वारा नियंत्रित बोड स्वायत्त क्षेत्र, चिंग हई, पश्चिमी सीश्वान, दक्षिण-पश्चिमी गांसू और उत्तरी यून्नान क्षेत्रों के साथ-साथ भारत का लद्दाख़ इलाक़ा आता है। उत्तर-से-दक्षिण तक यह पठार १,००० किलोमीटर लम्बा और पूर्व-से-पश्चिम तक २,५०० किलोमीटर चौड़ा है। यहाँ की औसत ऊँचाई समुद्र से ४,५०० मीटर (यानी १४,८०० फ़ुट) है और विशव के ८,००० मीटर (२६,००० फ़ुट) से ऊँचे सभी १४ पर्वत इसी क्षेत्र में या इसे इर्द-गिर्द पाए जाते हैं। इस इलाक़े को कभी-कभी "दुनिया की छत" कहा जाता है। तिब्बत के पठार का कुल क्षेत्रफल २५ लाख वर्ग किमी है, यानी भारत के क्षेत्रफल का ७५% और फ़्रांस के समूचे देश का चौगुना। .

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तिराना

तिराना (अल्बानियाई: Tiranë) अल्बानिया की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है। २००८ के अनुमान के अनुसार यहाँ की जनसंख्या लगभग ९ लाख है। तिराना की स्थापना सुलेज्मन पाशा द्वारा १६१४ में की गई थी और १९२० यह नगर अल्बानिया की राजधानी बना। यह नगर १६१४ में सुलेज्मान पाशा द्वारा स्थापित किया गया था और १९२० में अल्बानिया की राज्धानी बना। तिराना नगरपालिका इशेम नदी के किनारे स्थित है और तिराना जिले में स्थित है। तिराना समुद्र तल से १०० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और अधिकत ऊँचाई वाला बिन्दू १,८२८ मीटर पर स्थित है। इसके अतिरिक्त दो मुख्य नदियां यहाँ से होकर बहती हैं: लाने और तिराने। नगर में चार कृत्रिम झीले भी हैं: तिराना झील, कोदर-कामेज़ झील, फारका झील और टुफिना झील। यह नगर उसी समानान्तर पर स्थित है जिस पर नेपल्स, मैड्रिड और इस्तांबुल स्थित हैं और इसकी मध्याह्न रेखा वही है जो बुडापेस्ट और क्राकौव की है। .

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तुलूज़

तुलूज़ स्क्वायर (चौक) टूलूज़ (Toulouse) फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। फ्रांस के एक्वीटेन बेसिन में गारॉन प्रदेश का यह प्रशासकीय नगर है जो पेरिस से ७०९ किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। नगर के उत्थान में इसकी स्थिति का विशेष हाथ रहा है। नगर का विस्तार अब नदी के बाएँ तट पर भी हो गया है, यद्यपि बायाँ तटवर्ती क्षेत्र १३ मीटर नीचा है और प्राय: बाढ़ पीड़ित रहता है। बाएँ तट पर नगर का एक चौथाई भाग ही है। नगर की १/५ जनसंख्या मात्र १४२ हेक्टर पर निवास करती है जो प्राचीन नगर का केंद्र है। इसी क्षेत्र में प्रमुख व्यापारिक और दूसरी संस्थाओं के कार्यालय भी हैं। उल्लेखनीय इमारतों में गौथिक चर्च (१३वीं शताब्दी), रोमन गिरजाघर तथा अजायबघर आदि मुख्य हैं। अजायबघर में मध्यकालीन वास्तुकला एवं शिल्पकला के नमूने सुरक्षित हैं। नगर में विश्वविद्यालय, चिकित्सा महाविद्यालय आदि शिक्षण संस्थाएँ तथा अनेक औद्योगिक संस्थान हैं। नगर समुद्र से दूर है पर रेलमार्गों और वायुमार्गों द्वारा पैरिस, वॉर्डो, मार्सेई, मिलान आदि मुख्य मुख्य नगरों से संबद्ध है। औद्योगिक उत्पादनों में नाइट्रोजन उर्वरक, वायुयान, कारतूस, आदि प्रमुख हैं। इनके अतिरिक्त बुने हुए सामान, जूते, आटा, कागज आदि भी निर्मित होते हैं। अंडे, दूध आदि मुख्य निर्यात वस्तुएँ हैं। .

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तुलों

तुलों: फ्रांस का सैनिक पत्तन तुलाँ (Toulon) फ्रान्स का एक प्रमुख नगर है। यह फ्रांस के वार डिपार्टमेंट का नगर, प्रमुख पत्तन एवं नौसैनिक अड्डा है। यह मार्सेल्ज से ६७.२ किलोमीटर पूर्व दक्षिण-पूर्व में भूमध्य सागर के किनारे जलयातायात विभाग का केंद्र है। नगर के उत्तर-पश्चिम में उच्च पर्वतश्रेणियाँ हैं। दक्षिण में केप सीसी (Cape Sicie) प्रायद्वीप इसे प्राकृतिक बंदरगाह बनाता है। नगर में कई छोटे छोटे किले हैं जो विभिन्न राजमार्गों पर स्थित हैं। नगर का आधुनिक प्रसार प्राचीन क्षेत्र के उत्तर में हुआ है। नगर की प्रसिद्ध इमारतें सो मेरी माजेरे का प्राचीन गिरजा, सेंट लूई का गिरजा, सैनिक चिकित्सालय, हाइड्रोग्राफी स्कूल आदि हैं। औद्यागिक संस्थानों में पोतनिर्माण प्रमुख है। इसके अतिरिक्त मछलियाँ भी प्रचुर मात्रा में पकड़ी जाती हैं। नमक, अंजीर, किशमिश, बादाम, नारंगी, कपड़े, बॉक्साइट, कार्क, साबुन, तथा तैल आदि निर्यात की वस्तुएँ हैं तथा मोटे अन्न, लकड़ी, कोयला, सन (Hemp) आदि का आयात होता है। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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तुकोजीराव होलकर तृतीय

महाराजाधिराज सर राज राजेश्वर सवाई श्री तुकोजीराव तृतीय होलकर तेरहवें बहादूर (26 नवम्बर 1890 – 21 मई 1978) इंदौर (होलकर साम्राज्य) के होलकर राजवंश के महाराजा थे जो शिवाजीराव होलकर के पुत्र और उत्तराधिकारी थे। वो ३१ जनवरी १९०३ को राजा बने। उनकी माता अखण्ड सोभाग्यवती श्रीमंत महारानी सीता बाई साहिब होलकर थीं। उन्होंने अपनी शिक्षा डाली कॉलेज, इंदौर और आईसीसी देहरादून से पूर्ण की। .

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त्यूतन जातियाँ

त्यूतन जातियाँ (ट्यूटानिक पीपुल्स Teutonic peoples) से यूरोप की उन जनजातियों का बोध होता है जो विभिन्न त्यूतन भाषाओं में से कोई भी एक बोलती हैं; उदाहरणार्थ -- ब्रिटिश द्वीपसमूहों के अंग्रेजी भाषाभाषी लोग; जर्मनी, आस्रिया-हंगरी तथा स्विट्जरलैंड के जर्मन भाषाभाषी लोग; बेल्जियम के फ्लेमिश भाषी निवासी, स्वीडन तथा नार्वे के स्कैडिनेवियन भाषी लोग; हालैंड तथा डेनमार्क के लगभग सभी निवासी; इटली तथा फ्रांस के जर्मन तथा फ्लेमिश भाषाएँ बोलनेवाले अल्पसंख्यक लोग, रूस में निवास करनेवाले जर्मन और स्वीडिश भाषा बोलनेवाले अधिकांश लोग तथा अमरीका, अफ्रीका और आस्ट्रेलेशिया में बसे हुए वे लोग जो मूलत: उपर्युक्त देशों से वहाँ गए। "जर्मानिक", "गोथिक" आदि संज्ञाओं की तरह ही "ट्यूटानिक" शब्द की उत्पत्ति अब विद्वानों के अनुसंधान का ही विषय रह गई है। सामान्य जन उनके एक ही मूल की बात अब भूल गए हैं। टासिटस के समय में लोगों को इसकी पूरी जानकारी थी। उसने जानपद कविताओं के जो उद्धरण दिए हैं उनमें त्यूतन जातियों के मूल पुरुषों का उल्लेख है। उन कविताओं में "मानुस" नामक एक व्यक्तिविशेष से "जर्मनी" की तीन मुख्य शाखाएँ उत्पन्न हुईं, ऐसा वर्णन है। प्राचीन अंग्रेजी कागज पत्रों में भी इन जातियों के मूल पुरुषों की वंशावलियाँ मिलती हैं। शारीरिक गठन और रंग की दृष्टि से आज इन जातियों में काफी भिन्नता पाई जाती है। लेकिन ये जातियाँ आज यूरोप की सर्वाधिक ऊँची तथा गोरी जातियाँ हैं। प्रारंभिक काल में ये विशेषताएँ बहुत ही स्पष्ट रहीं होंगी। ऊँचा डीलडौल तथा लंबा चेहरा जो आज यूरोप के सुदूर उत्तर भाग में पाया जाता है वैसा ही स्विट्जरलैंड तथा उसके आसपास के प्रदेशों की पुरानी श्मशान भूमि में गड़े कंकालों तथा खोपड़ियों में पाया जाता है। इन पुराने अवशेषों के आधार पर यह कहा जाता है कि आज की ट्यूटन जातियों तथा उस समय के इनके मूल पुरुषों में बहुत अधिक अंतर नहीं है। उत्तर प्रस्तरयुग के प्राप्त अवशेषों से इन जातियों के संबंध में अधिक जानकारी नहीं मिलती। लेकिन एल्ब की घाटी, मेक्लेनबुर्ग, हालस्टीन, जुटलैंड, दक्षिण स्वीडन तथा बेल्ट द्वीपों में हुए कांस्य युग संबंधी अनुसंधानों से त्यूतन जातियों की प्रारंभिक सभ्यता पर काफी प्रकाश पड़ता है। कला तथा समृद्धि की दृष्टि से ये लोग उन्नत थे तथा दक्षिणी सभ्यता से इनका व्यापार तथा आदान प्रदान चलता था, ऐसा दिखाई देता है। लौह युग के प्रारंभ से केल्टिक प्रभाव बढ़ता गया और दक्षिणी सभ्यता के केंद्रों से त्यूतन लोगों का संबंध धीरे धीरे टूटता गया। .

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त्रिपोली (लेबनान)

त्रिपोली शहर के कुछ नज़ारे त्रिपोली या तराबुलुस (अरबी:, अंग्रेज़ी: Tripoli) उत्तरी लेबनान का सबसे बड़ा शहर और (बेयरूत के बाद) उस पूरे देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बेयरूत से ८५ किमी उत्तर में स्थित यह शहर लेबनान के उत्तर प्रान्त की राजधानी भी है। यह नगर भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित है और इसके नज़दीक समुद्र में चार द्वीपों का एक समूह भी है। त्रिपोली शहर अल-मीना की बंदरगाह से जुड़ा हुआ है।, Anthony Ham, pp.

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तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र

तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र (The French Third Republic; फ्रांसीसी: La Troisième République) ने फ्रांस पर १८७० से लेकर १९४० तक शासन किया। इसकी स्थापना फ्रांस-प्रशा युद्ध के समय द्वितीय फ्रांसीसी साम्राज्य के समाप्त होने पर हुई तथा १९४० में नाजी जर्मनी द्वारा फ्रांस को पराजित करने के साथ इसका अन्त हुआ। 1870 ई. में सीडान (Sedan) के युद्ध में प्रशा के हाथों फ्रांस की शर्मनाक पराजय हुई थी जिसके परिणामस्वरूप फ्रांस को अपने दो बहुमूल्य प्रदेश अल्सास एवं लौरेन प्रशा को देना पड़े थे। इस पराजय के बाद फ्रांस की राजनीतिक स्थिति डवांडोल हो गई एवं तीसरी बार वहां गणतंत्र की स्थापना हुई, जिसे इतिहास में फ्रांस के तृतीय गणतंत्र के नाम से जाना जाता है। इस पराजय के बाद नैपोलियन तृतीय को बाध्य होकर आत्म-समर्पण करना पड़ा। वह बन्दी बना लिया गया। जब अगले दिन अर्थात् 3 सितम्बर को यह समाचार फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचा तो पेरिस की समस्त जनता के मुख पर यह प्रश्न था कि अब क्या होगा, क्योंकि उनके द्वारा 20 वर्ष पूर्व स्थापित राज-सत्ता अकस्मात ही नष्ट हो गई। जनता अब इस निर्णय पर पहुंची कि फ्रांस में गणतन्त्र शासन की स्थापना की जानी चाहिये। उस समय व्यवस्थापिका सभा का अधिवेशन हो रहा था। जनता ने सभा से उस समय यह प्रस्ताव शीघ्र ही पास करवा लिया कि नैपोलियन तृतीय को फ्रांस के सम्राट के पद से पृथक कर दिया जाये। इस प्रकार नैपोलियन तृतीय का पतन हुआ और फ्रान्स में तीसरी बार गणतांत्रिक सरकार की स्थापना हुई। .

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तेलेराँ

तेलेराँ का चित्र तेलेराँ (Charles-Maurice de Talleyrand-Périgord; 2 फ़रवरी 1754 - 17 मई 1838) फ्रांस का प्रसिद्ध राजनयिक था। फ्रांस में उत्पन्न अग्रणी चतुर व्यक्तियों में तेलेराँ का स्थान प्रथम पक्ति में आता है। वह क्रान्तिकाल (1788 - 99) में बहुचर्चित प्रमुख व्यक्तित्व था। वह नेपोलियन के राज्य में तथा सम्राट् के आसीन होने पर किसी न किसी पद पर काम करता ही रहा। वह सामन्त वर्ग का था और चर्च का सदस्य भी था। एबे सिकार ने जिस निष्पक्षता से 1789 के पदासीन 134 बिशपों का मूल्यांकन किया है उनमें से केवल 15 को उसने सदाचारी धर्माधिकारियों में गिनाया है और रोहन, ब्रीएन तथा तेलेराँ जैसे बड़े-बड़े धर्माधिकारियों की उसने निन्दा की है। अनेक निष्पक्ष लेखकों ने एबे सिकार के मूल्यांकन से सहमति व्यक्त की। .

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तेज पत्ता (बे लीफ)

तेज पत्ता, बे लॉरेल के एक सुगन्धित पत्ते को सन्दर्भित करता है (लौरस नोबिलिस, लौरेसिया).

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तोप

एक तोप तोप (cannon) वह हथियार है जो किसी भारी गोले को बहुत दूर तक प्रक्षिप्त कर (छोड़) सकती है। ये प्राय: बारूद या किसी विस्फोटक के द्वारा उत्पन्न गैसीय दाब के बल से गोले को दागते हैं। आधुनिक युग में तोप का प्रयोग सामान्यत: नहीं होता है। इसके स्थान मोर्टार, होविट्जर आदि का प्रयोग किया जाता है। तोपें अपनी क्षमता, परास, चलनीयता (मोबिलिटी), दागने की गति, दागने का कोण एवं दागने की शक्ति आदि के आधार पर अनेक प्रकार की होतीं हैं। .

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तीसरे गुट का युद्ध

ऑस्टरलिट्ज़ की लड़ाई में नेपोलियन बोनापार्ट उल्म संग्राम में हारने के बाद ऑस्ट्रियाई सेनाध्यक्ष नेपोलियन को आत्म-समर्पण करते हुए तीसरे गुट का युद्ध (अंग्रेजी: War of the Third Coalition, वॉर ऑफ़ द थ़र्ड कोअलिशन) सन् १८०३ से १८०६ तक चलने वाला एक संग्राम था जिसमें ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल, रूस और उनके कुछ अन्य साथी देशों के एक गुट को फ्रांस और उसके साथी देशों ने हरा दिया। इस युद्ध में फ्रांस की तरफ़ का नेतृत्व नेपोलियन बोनापार्ट ने किया। इस युद्ध का सिलसिला तब शुरू हुआ जब नेपोलियन ने इटली और जर्मनी में दख़लअंदाज़ी करनी शुरू करी और स्वयं को फ्रांस के साथ-साथ इटली का भी सम्राट घोषित कर दिया। उस समय फ्रांस और ब्रिटेन के बीच मुठभेड़ें जारी थीं। नेपोलियन की हरकतों से परेशान होकर ऑस्ट्रिया, रूस और ब्रिटेन आपस में मिल गए और "तीसरा गुट" नामक सम्मिलन बन गया। तीसरे गुट और फ़्रांसिसी गुट के दरम्यान यूरोप की भूमि पर कई जंगें हुईं, जिनमें नेपोलियन जीतता गया। इनमें १८०५ का उल्म संग्राम (Ulm Campaign) मशहूर है, जिसमें फ़्रांसिसी और बवारियाई (यानी जर्मनी के बवारिया प्रदेश की) मिलीजुली सेना ने ऑस्ट्रिया को मात दी। इसके बाद सन् १८०६ में ऑस्टरलिट्ज़ की लड़ाई (Battle of Austerlitz) में फ़्रांसिसी फ़ौजों ने रूसी-ऑस्ट्रियाई मिश्रित फ़ौज को भारी पराजय दी, जो तीसरे गुट से बर्दाश्त न हो पाई और यह गुट टूट गया। इसके बाद केवल ब्रिटेन ही नेपोलियन से लड़ता रह गया। नेपोलियन ने ब्रिटेन पर भी नौसैनिक आक्रमण करने की कोशिश करी थी लेकिन २१ अक्टूबर १८०५ में समुद्र पर लड़े गए ट्रफ़ैलगर के युद्ध में उसकी हार हुई। .

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तीव्र गति रेल

२०० किलोमीटर प्रति घंटा (१२५ मील प्रति घंटा) से तेज़ चलने वाली पब्लिक यातायात रेल को तीव्र गति रेल माना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय रेल संघ के मुताबिक तीव्र गति रेल वह रेल है जो अपने लिये ही निर्धारित रेल पथ पर २५० किलोमीटर प्रति घंटा से तेज़ चलती है और अपग्रेडेड सामान्य रेल पथ पर २०० किलोमीटर प्रति घंटा से तेज़ चलती है। वर्तमान में दुनिया भर में लगभग ३५०० किलोमीटर लंबा तेज गति से चलने वाली रेल के लिये लौहपथ तैयार है जिसमें से १५४० किलोमीटर तो केवल फ़्रांस में ही है। यह यूरोप के तीन चौथाई तीव्र गति रेललाइन के बराबर है। सामान्यत: तीव्र गति रेल अधिकतम २५० किलोमीटर प्रति घंटा एवं ३०० किलोमीटर प्रति घंटा के बीच चलती हैं। दुनिया की सबसे तेज़ रेल लाइन पर चलने वाली का रिकार्ड फ्रान्स की टी जी वी के नाम है जिसने ३ अप्रैल २००७ को ५७४.८ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चला कर बनाया। वर्तमान में किसी भी प्रकार की दुनिया की सबसे तेज़ चलने वाली रेल का रिकार्ड ५८१ किलोमीटर प्रति घंटा का है जो जापान की जे आर – मैगलेव MLX01 (चुम्बकीय रेल) ने बनाया है। .

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थामस जेफरसन

थॉमस जेफरसन थामस जेफरसन (Thomas Jefferson) (१३ अप्रैल १७४३ - ४ जुलाई १८२६) संयुक्त राज्य अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति (1801–1809) तथा अमेरिकी 'स्वतंत्रता की घोषणा' के मुख्य लेखक (1776) थे। जेफरसन एक राजनैतिक दार्शनिक तथा विद्वान व्यक्ति थे। ये डेमोक्रेटिक- रिपब्लिकन पार्टी से थे। उनकी इंग्लैण्ड और फ्रान्स के बहुत से बुद्धिजीवी नेताओं से जान-पहचान थी। .

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थाई भाषा

थाई भाषा (थाई: ภาษาไทย) थाईलैंड की मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है और यहाँ के ९५% लोग यही भाषा बोलते हैं। .

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थाईलैण्ड का इतिहास

वर्तमान थाईलैंड, पुरानी आयल चित्रण,मूर्तियों और मूर्तियां सियाम थाई लोग अपनी जातीय विशेषताओं में चीनियों के निकट हैं। इन लोगों ने चीन के दक्षिण भाग में नान चाऊ नामक एक शक्तिशाली राज्य स्थापित किया था। किंतु उत्तरी चीनियों और तिब्बतियों के दबाव तथा 1253 में कुबलई खाँ के आक्रमणों के कारण थाई लोगों को दक्षिणी पूर्वी एशिया की ओर हटना पड़ा। चाओ फ्राया (Chao Phraya) नदी की घाटी में पहुँच कर उन्होंने वहाँ के निवासियों को कम्बोडिया की ओर भगा दिया और थाईलैंड नामक देश बसाया। 17वीं शताब्दी तक थाईलैंड में सामंततंत्र स्थापित रहा। इन्हीं दिनों उसने डचों, पुर्तगालियों, फ्रांसीसियों और अंग्रेजों से व्यापार संबंध भी जोड़ लिए थे। 19वीं शताब्दी में मांकूट (Mongkut) (1851-68) और उसके पुत्र चूलालोंगकार्न (Chulalongkorn) (1868-1910) के शासनकाल में सामंतवाद की व्यवस्था शनै: शनै: समाप्त हुई और थाईलैंड का वर्तमान संसार में आगमन हुआ। सम्मतिदाताओं की एक समिति गठित हुई तथा ब्रिटेन (1855) संयुक्त राज्य अमरीका और फ्रांस (1856) से व्यापार संधियाँ हुई। पुराने सामंतों के अधिकार सीमित कर दिए गए और दास प्रथा बिल्कुल उठा दी गई। 1932 में रक्तहीन क्रांति द्वारा संवैधानिक राज्यतंत्र की स्थापना हुई। किंतु उसके बाद से भी थाईलैण्ड की राजनीति में स्थिरता नहीं आई। द्वितीय विश्वयुद्ध के आरंभ में थाईलेण्ड ने जापान से संधि की और ब्रिटेन और अमरीका के विरुद्ध युद्ध ठाना। लेकिन युद्ध के बाद उसने संयुक्तराज्य अमरीका से संधि की। 1962 में लाओस की ओर से साम्यवादी संकट से थाईलैंड की रक्षा के लिये संयुक्तराज्य की सैनिक टुकड़ियाँ भी वहाँ रहीं। .

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थिओडर रूसो

थिओडर रूसो Les chênes d'Apremont पियर इतीने थिओडर रूसो (Pierre Étienne Théodore Rousseau; 1812-1867) बार्बिज़न शैली का फ्रांस का चित्रकार था। .

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थेवेनिन का प्रमेय

थेवेनिन का प्रमेय, परिपथ सिद्धान्त का एक महत्वपूर्ण प्रमेय है। इसे फ्रांस के टेलेग्राफ इंजीनीयर लियों चार्ल्स थेवेनिन (Léon Charles Thévenin (1857–1926)) ने प्रतिपादित किया था। इसके अनुसार, वोल्टता स्रोत, धारा स्रोत एवं प्रतिरोधकों से निर्मित किसी भी रैखिक परिपथ का इसके किन्हीं दो सिरों (टर्मिनल्स) के बीच व्यवहार एक तुल्य वोल्तता स्रोत Vth एवं तुल्य प्रतिरोधक Rth के श्रेणीक्रम के द्वारा निरूपित किया जा सकता है। यह किसी एक आवृत्ति वाले प्रत्यावर्ती धारा के स्रोत एवं सामान्यीकृत प्रतिबाधा से युक्त परिपथों के लिये भी लागू होता है। इस सिद्धान्त की खोज सबसे पहले जर्मनी के वैज्ञानिक हर्मन वॉन हेल्मोल्ट्ज (Hermann von Helmholtz) ने सन् १८५३ में की थी, किन्तु बाद में थेवेनिन ने सन् १८८३ में इसे 'पुन: खोजा'। चित्र:Twierdzenie thevenina.PNG .

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थॉमसन रॉयटर्स

टाइम्स स्क्वायर पर थॉमसन रॉयटर्स बिल्डिंग, मिडटाउन मैनहट्टन थॉमसन रॉयटर्स एक सूचना कंपनी है जिसे थॉमसन कॉर्पोरेशन द्वारा 17 अप्रैल 2008 को रॉयटर्स को खरीद कर बनाया गया था। थॉमसन रॉयटर्स के शेयर टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज (TSX: TRI) और न्यू यार्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE: TRI) में नामित हैं। इसका मुख्य कार्यालय मिडटाउन मैनहट्टन, न्यू यार्क सिटी, अमेरिका में है। 100 शहरों में कामकाज और 55000 कर्मचारियों वाली वुडब्रिज कंपनी, जो कनाडा में थॉमसन परिवार नियंत्रक कंपनी है, इस समूह का 53% मालिकाना रखती है। .

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थोक मूल्य सूचकांक

थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) एक मूल्य सूचकांक है जो कुछ चुनी हुई वस्तुओं के सामूहिक औसत मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है। भारत और फिलीपिन्स आदि देश थोक मूल्य सूचकांक में परिवर्तन को महंगाई में परिवर्तन के सूचक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। किन्तु भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका अब उत्पादक मूल्य सूचकांक (producer price index) का प्रयोग करने लगे हैं। .

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द डा विंची कोड (फ़िल्म)

द डा विंची कोड, रॉन हावर्ड द्वारा निर्देशित, 2006 की एक अमेरिकी रहस्य-रोमांच वाली फ़िल्म है। पटकथा को अकिवा गोल्ड्समैन द्वारा लिखा गया और यह डैन ब्राउन के दुनिया भर में सर्वोच्च बिक्री वाले 2003 के उपन्यास द डा विंची कोड पर आधारित है। हावर्ड ने जॉन कैले और ब्रायन ग्रेज़र के साथ इसका निर्माण किया और कोलंबिया पिक्चर्स ने इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में 9 मई 2006 को जारी किया। द डा विंची कोड में टॉम हैंक्स ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रतीकविज्ञानी रॉबर्ट लेंग्डन का किरदार निभाया है, ऑड्रे तौटो ने फ्रांस के Centrale de la Police Judiciaire के कूट-विशेषज्ञ सोफी नेवू का, सर इयान मेकेलन ने ब्रिटिश ग्रेल इतिहासकार सर ले टीबिंग का, अल्फ्रेड मोलिना ने बिशप मैनुएल अरिंगारोसा का, जीन रेनो ने Direction Centrale de la Police Judiciaire के कैप्टेन बेजु फाक का और पॉल बेट्टेनी ने ओपस डे भिक्षु सीलास का किरदार निभाया.

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द हंगर गेम्स

द हंगर गेम्स (The Hunger Games) 2012 की अमेरिकी विज्ञान गल्प फ़िल्म है जिसका निर्देशन गैरी रोज़ ने किया है। फ़िल्म सुजान कोलिन्स द्वारा लिखित इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है। फ़िल्म के निर्माता नीना जैकब्सन और जॉन किलिक है तथा कथानक रोज़, कोलिन्स व बिली रे द्वारा तैयार किया गया है। फ़िल्म में कई किरदारों का समावेश है जिनमें जेनिफर लॉरेंस, जॉश हचरसन, लिएम हैम्सवर्थ, वुडी हैर्ल्सं, एलिज़ाबेथ बैंक्स और डोनल्ड सदरलैंड पटकथा के केंद्र में हैं। .

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द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी

द वॉल्ट डिज़्नी स्टूडियोज़, द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी का मुख्यालय द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी (सामान्यतः डिज़्नी नाम से संदर्भित) राजस्व के मामले में विश्व का सबसे बड़ा मीडिया और मनोरंजन समूह है। इसे 16 अक्टूबर 1923 को वॉल्ट डिज़्नी और रॉय डिज़्नी भाइयों द्वारा डिज़्नी ब्रदर्स कार्टून स्टूडियो के नाम से स्थापित किया गया था, जिसे 1923 में वॉल्ट डिज़्नी प्रोडक्शंस के नाम से पुनर्गठित किया गया। वॉल्ट डिज़्नी प्रोडक्शंस ने अपने आप को अमेरिकी एनीमेशन उद्योग में एक अगुवा के रूप में स्थापित किया जिसके बाद उसने खुद को लाइव-एक्शन फिल्म निर्माण, टेलीविजन और यात्रा के क्षेत्र में विस्तारित किया। अपने वर्तमान नाम को 1986 में अपनाते हुए, द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी ने अपने मौजूदा कार्यकलापों का विस्तार किया और थिएटर, रेडियो, प्रकाशन और ऑनलाइन मीडिया पर केंद्रित विभागों को भी शुरू किया। इसके अलावा, इसने कंपनी में नए प्रभागों का गठन किया ताकि वह आम तौर पर अपने परिवार-उन्मुख प्रमुख ब्रांडों के अलावा अधिक परिपक्व सामग्री का विपणन कर सके.

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द काउंट ऑफ़ मॉन्टे क्रिस्टो

द काउंट ऑफ़ मॉन्टे क्रिस्टो (The count of Monte Cristo, Le Comte de Monte-Cristo) एक रोमांचकारी उपन्यास है जिसके लेखक अलेक्सांद्रे डुमास है। यह लेखक के लोकप्रिय कार्यों में से एक है जिनमे द थ्री मस्किटियर्स भी शामिल है। इसका लेखन उन्होंने १८४४ में पूरा किया था। उपन्यास की कहानी फ़्रांस, इटली, व मेडिटेरेनियन द्वीपों और लेवांत में १८१५-१८३६ की एतिहासिक घटनाओं के रची गई है। .

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दमिश्क और होम्स पर अमेरिकी मिसाइल हमला - 2018

4 अप्रैल, 2018, सीरियाई समयनुसार सुबह 04:00 (यूटीसी + 3), को संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम सयुंक्त देशो ने मिलकर सीरिया की राजधानी दमिश्क और होम्स शहर पर भूमध्यसागर से मिसाइलो से हमले किये लेकिन सयुंक्त देशों ने हमलो का करण बताते हुए कहा 7 अप्रैल को सीरियाई सरकार ने नागरिकों के खिलाफ डौमा शहर में रासायनिक हमले किये थे जिसके जवाब में उन्होंने ऐसा किया, जिस पर उन्होंने सीरियाई सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सीरियाई सरकार ने डौमा के हमलों में शामिल होने से इनकार किया। और सीरिया ने हवाई हमलों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। सीरिया पर मिसाइल हमलो की ईरान तथा रूस ने कड़ी नाराज़गी जताई। .

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दादरा नगर हवेली मुक्ति संग्राम

सन्‌ १९५४ में भारत को स्वतंत्र हुए ७ वर्ष हो चुके थे। अंग्रेजों के जाने के साथ ही फ्रांस ने एक समझौते के तहत पांडिचेरी, कारिकल, चन्द्रनगर आदि क्षेत्र भारत सरकार को दे दिए, किन्तु अंग्रेजों के पूर्व आए पुर्तगालियों ने भारत में अपने पैर जमाए रखे। शेष भारत स्वतंत्र हो जाने के बाद भी पुर्तगाली शासक सालाजार भारत छोड़ने को तैयार नहीं था। पुर्तगालियों ने डॉ॰ राम मनोहर लोहिया के नेतृत्व में चल रहे सत्याग्रह आन्दोलन को पूर्णत: समाप्त करने का निर्णय लिया। गोवा, दीव-दमन और दादरा नगर हवेली के स्वतंत्र होने की उम्मीद आंखों से ओझल होने लगी थी। स्वतंत्रता मिलने के बाद भी हमारी मातृभूमि का कुछ हिस्सा परतंत्र था, इसका दु:ख सबको था। कुछ तरुणों ने "आजाद गोमान्तक दल' की स्थापना कर इस दिशा में प्रयत्न किया। किन्तु भारत सरकार निष्क्रिय रही। इस निष्क्रियता के कारण कुछ युवकों ने स्वतंत्र क्रांति की योजना बनाई। इस हेतु महाराष्ट्र-गुजरात की सीमा से लगा दादरा नगर हवेली का एक हिस्सा निश्चित किया गया। सर्वश्री शिवशाहीर बाबा साहब पुरन्दरे, संगीतकार सुधीर फड़के, खेलकूद प्रसारक राजाभाऊ वाकणकर, शब्दकोश रचयिता विश्वनाथ नरवणे, मुक्ति के पश्चात्‌ दादरा नगर हवेली के पुलिस अधिकारी बने नाना काजरेकर, पुणे महानगर पालिका के सदस्य श्रीकृष्ण भिड़े, नासिक स्थित भोंसले मिलिट्री स्कूल के मेजर प्रभाकर कुलकर्णी, ग्राहक पंचायत के बिन्दु माधव जोशी, पुणे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्रीधर गुप्ते आदि उस समय २५-३० वर्ष के युवक थे। ये लोग उस समय रा.स्व.

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दाशमिक मुद्रावली

दशमिक मुद्रावली (Decimal Coinage या Decimalization) ऐसी किसी भी मुद्रावली को कहते हैं, जिसमें विभिन्न मानों की मुद्राएँ किसी मानक एकक के सपेक्ष दसगुनी और दशमांशों में होती हैं। इस प्रकार यदि मानक एकक 1 है तो उच्चतर मानों की मुद्राएँ 10, 100, 1000 इत्यादि होंगी और निम्नतर मानों की 0.1, 0.01, 0.001, इत्यादि। परिपूर्ण निकाय में कोई भंजन अथवा अंतवेंशन नहीं होगा, किंतु वस्तुत: दशमिक कहीं जानेवाली मुद्रावलियों में ऐसी दृढ़ परिपूर्णता नहीं होती। भारतीय दशमिक मुद्रावली में मानक एकक एक रुपया है। इसके अपवर्त्य 2 रु., 5 रु., 10 रु., 100 रु.

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दावानल

कैलीफोर्निया में ५ सितम्बर २००८ का दावानल। दावानल या वन की आग उस दुर्घटना को कहते हैं जब किसी वन के एक भाग में या पूरे वन में ही आग लग जाती है और उस वन के सभी पेड़-पौधे, जीव-जन्तु इत्यादि जलने लगते हैं। दावानल के लिए स्थिति तब उत्पन्न होती है जब वनस्पतियां और मिट्टी सूख जाते हैं और आद्रता भी बहुत कम होती है। आग प्राकृतिक कारणों जैसे आकाशीय बिजली गिरने से या प्राकृतिक रूप से वन में उत्पन्न घर्षण से लग सकती है या यह मानव निर्मित भी हो सकती जैसे कोई लापरवाही से सूखे वन में सुलगती हुई सिगरेट या माचिस की तीली फैंक दे। एक बार चिंगारी भड़कने के बाद आग हवा के प्रभाव में तेज़ी से फैलती है, विशेषकर तब जबकी आग सूखे झाडफूस को पकड़ लेती है। दावानल अन्य अग्नियों से भिन्न होता है, जिसके कारण हैं इसका विशाल आकार, इसके उद्गम स्थान से आगे फैलने की गति एवं इसकी दिशा बदलने व रिक्त स्थानों जैसे सड़कों, नदियों आदि से आगे बढ़ जाने की क्षमता। दावानल से निबटने हेतु अग्निशमन में एक विशेष पाठ्यक्रम होता है और जो अग्निशमन कर्मी इसमें दक्ष होतें है उन्हें वाहनों, वायुयानों, हेलीकॉप्टरों इत्यादि में अग्निशमन के लिए रखा जाता है। दावानल की समस्या मुख्यतः ग्रीष्म ऋतु में होती है और विश्व के बहुत से भागों में यह समस्या बहुत आम है जैसे यूरोप में २००७ का यूनानी दावानल, ऑस्ट्रेलिया का २००९ का दावानल, अमेरिका के कैलीफोर्निया का दावानल और भारत में भी उत्तरी राज्यों में यह समस्या हैं। .

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दिवालीबेन भील

दीवालीबेन पुंजभाई भील (2 जून, 1943 - 19 मई, 2016) गुजरात की लोकगायिका थीं। उन्होंने कई तरह के लोक गीतों, गरबा और गुजराती फिल्म में गायन किया था। गुजरात की लोक गायिकी में उनका अनुठा योगदान रहा है, उनके गाए गीत आज भी प्रदेश के महिला पुरुष गुनगुनाते हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें वर्ष 1990 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। .

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दवा कंपनियों की सूची

स्वास्थ्य सेवा राजस्व द्वारा श्रेणित 50 सबसे बड़ी दवा और जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों की सूची निम्नलिखित है.

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दक्षिण अमेरिका

दक्षिण अमेरिका (स्पेनी: América del Sur; पुर्तगाली: América do Sul) उत्तर अमेरिका के दक्षिण पूर्व में स्थित पश्चिमी गोलार्द्ध का एक महाद्वीप है। दक्षिणी अमेरिका उत्तर में १३० उत्तरी अक्षांश (गैलिनस अन्तरीप) से दक्षिण में ५६० दक्षिणी अक्षांश (हार्न अन्तरीप) तक एवं पूर्व में ३५० पश्चिमी देशान्तर (रेशिको अन्तरीप) से पश्चिम में ८१० पश्चिमी देशान्तर (पारिना अन्तरीप) तक विस्तृत है। इसके उत्तर में कैरीबियन सागर तथा पनामा नहर, पूर्व तथा उत्तर-पूर्व में अन्ध महासागर, पश्चिम में प्रशान्त महासागर तथा दक्षिण में अण्टार्कटिक महासागर स्थित हैं। भूमध्य रेखा इस महाद्वीप के उत्तरी भाग से एवं मकर रेखा मध्य से गुजरती है जिसके कारण इसका अधिकांश भाग उष्ण कटिबन्ध में पड़ता है। दक्षिणी अमेरिका की उत्तर से दक्षिण लम्बाई लगभग ७,२०० किलोमीटर तथा पश्चिम से पूर्व चौड़ाई ५,१२० किलोमीटर है। विश्व का यह चौथा बड़ा महाद्वीप है, जो आकार में भारत से लगभग ६ गुना बड़ा है। पनामा नहर इसे पनामा भूडमरुमध्य पर उत्तरी अमरीका महाद्वीप से अलग करती है। किंतु पनामा देश उत्तरी अमरीका में आता है। ३२,००० किलोमीटर लम्बे समुद्रतट वाले इस महाद्वीप का समुद्री किनारा सीधा एवं सपाट है, तट पर द्वीप, प्रायद्वीप तथा खाड़ियाँ कम हैं जिससे अच्छे बन्दरगाहों का अभाव है। खनिज तथा प्राकृतिक सम्पदा में धनी यह महाद्वीप गर्म एवं नम जलवायु, पर्वतों, पठारों घने जंगलों तथा मरुस्थलों की उपस्थिति के कारण विकसित नहीं हो सका है। यहाँ विश्व की सबसे लम्बी पर्वत-श्रेणी एण्डीज पर्वतमाला एवं सबसे ऊँची टीटीकाका झील हैं। भूमध्यरेखा के समीप पेरू देश में चिम्बोरेजो तथा कोटोपैक्सी नामक विश्व के सबसे ऊँचे ज्वालामुखी पर्वत हैं जो लगभग ६,०९६ मीटर ऊँचे हैं। अमेजन, ओरीनिको, रियो डि ला प्लाटा यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं। दक्षिण अमेरिका की अन्य नदियाँ ब्राज़ील की साओ फ्रांसिस्को, कोलम्बिया की मैगडालेना तथा अर्जेण्टाइना की रायो कोलोरेडो हैं। इस महाद्वीप में ब्राज़ील, अर्जेंटीना, चिली, उरुग्वे, पैराग्वे, बोलिविया, पेरू, ईक्वाडोर, कोलोंबिया, वेनेज़ुएला, गुयाना (ब्रिटिश, डच, फ्रेंच) और फ़ाकलैंड द्वीप-समूह आदि देश हैं। .

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दक्षिणपन्थी राजनीति

अमेरिका में 'टी पार्टी' नामक दक्षिणपन्थी संगठन का एक जलसा राजनीति में दक्षिणपंथी राजनीति (right-wing politics या rightist politics) उस पक्ष या विचारधारा को कहते हैं जो सामाजिक स्तरीकरण या सामाजिक असमता को अपरिहार्य, प्राकृतिक, सामान्य या आवश्यक मानते हैं। वामपंथी विचारकों का मत है कि दक्षिणपंथी लोग समाज पारम्परिक व्यवस्था को कायम रखना चाहते हैं।, T. Alexander Smith, Raymond Tatalovich, University of Toronto Press, 2003, ISBN 978-1-55111-334-0, Norberto Bobbio, Allan Cameron, University of Chicago Press, 1996, ISBN 978-0-226-06245-7 आम तौर से इस पक्ष के समर्थक समाज की ऐतिहासिक भाषा, जातियता, अर्थ-व्यवस्था और धार्मिक पहचान को बानाए रखने की चेष्टा करते हैं। पारम्परिक समाजों में अक्सर लोगों में वर्गीकरण और श्रेणीकरण होता है और दाईं राजनीति में प्राकृतिक नियम की दलील देकर ऐसे वर्गीकरणों को जारी रखने का समर्थन किया जाता है। राजनीति के सन्दर्भ में 'बाएँ' और 'दाएँ' शब्दों का प्रयोग फ़्रान्सीसी क्रान्ति के दौरान शुरू हुआ। फ़्रांस में क्रान्ति से पूर्व की एस्तात झ़ेनेराल (Estates General) नामक संसद में सम्राट को हटाकर गणतंत्र लाना चाहने वाले और धर्मनिरपेक्षता चाहने वाले अक्सर बाई तरफ़ बैठते थे। आधुनिक काल में पूँजीवाद से सम्बंधित विचारधाराओं को अक्सर दाईं राजनीति में डाला जाता है।, Terence Ball, Richard Paul Bellamy, Cambridge University Press, 2003, ISBN 978-0-521-56354-3 .

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दुबई

दुबई '''دبيّ'''. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सात अमीरातों में से एक है। यह फारस की खाड़ी के दक्षिण में अरब प्रायद्वीप पर स्थित है। दुबई नगर पालिका को अमीरात से अलग बताने के लिए कभी कभी दुबई राज्य बुलाया जाता है। दुबई, मध्य पूर्व के एक वैश्विक नगर तथा व्यापार केन्द्र के रूप में उभर कर सामने आया है। लिखित दस्तावेजों में इस शहर का अस्तित्व संयुक्त अरब अमीरात के गठन से 150 साल पहले होने का जिक्र है। दुबई अन्य अमीरातों के साथ कानून, राजनीति, सैनिक और आर्थिक कार्य एक संघीय ढांचे के भीतर साझा करता है। हालांकि प्रत्येक अमीरात में नागरिक कानून लागू करने और व्यवस्था और स्थानीय सुविधाओं के रखरखाव जैसे कुछ कार्यों पर क्षेत्राधिकार है। दुबई की आबादी सबसे ज्यादा है और यह क्षेत्रफल में अबू धाबी के बाद दूसरी सबसे बड़ी अमीरात है। दुबई और अबू धाबी ही सिर्फ दो अमीरात है जिनके पास देश की विधायिका अनुसार राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मामलों पर प्रत्यादेश शक्ति का अधिकार है। ^ मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका की सरकर और राजनीति डी लांग, बी रेक.

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दुर्गा बायरामोव

दुर्दी बायरामोव (रूसी: Дурды Байрамов, अप्रैल 14,1938 - फरवरी 14, 2014) एक शिक्षाविद् और कलाकार थे जिनको अपने देश के सर्वोच्च मानद उपाधि, “तुर्कमेनी जनता के कलाकार” से सम्मानित किया गया था। उनके तुर्कमेनी मूल निवासी भाषा में, दुर्दी बायरामोव का नाम केवल “दुर्दी बयरम” है (बिना स्लाव शैली; "ov" का प्रत्यय सोवियत युग के दौरान नामों का रूसिकरण करने के लिए जोड़ा गया) है। "बयरम " नाम तुर्कमेन भाषा में अर्थ “ उत्सव" है। .

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द्रूस

द्रूस (अंग्रेजी: Druze; अरबी: درزي, derzī या durzī‎, बहुवचन دروز, durūz; हिब्रू: דרוזים, "druzim") एकेश्वरवादी समुदाय है जो सीरिया, लेबनान, इजराइल और जॉर्डन में पाया जाता है। द्रूस लोगों की मान्यताओं में अब्राहमिक धर्मों, ग्नोस्टिसिज्म (Gnosticism), नवप्लेटोवाद (Neoplatonism), पाइथागोरसवाद (Pythagoreanism) तथा अन्य दर्शनों के बहुत से तत्त्व शामिल हैं। ये लोग अपने को 'अह्ल अल-तौहीद' (एकेश्वरवादी) कहते हैं। यह इस्लाम के शिया सम्प्रदाय की ही एक शाखा है। .

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द्वारमण्डप

अजन्ता के द्वितीय गुफा के प्रवेश द्वार का मण्डप भद्र, ड्यौढ़ी, द्वारमंडप या पोर्च (Porch) किसी भवन के मुखद्वार की सुरक्षा के निमित्त उसके सामने बनाई हुई संरचना है। प्राय: यह तीन ओर से खुली होती है और छत स्तंभों पर, या कभी कभी बिना स्तंभों के ही मुख्य भवन से निकली हुई बाहुधरनों पर आलंबित रहती है। अनेक प्राचीन मंदिरों में जैसे ऐहोल के दुर्गामंदिर में (५वीं शती), खजुराहो के महादेवमंदिर में (१०-११वीं शती), ओसिया, मारवाड़ के सूर्यमंदिर में ९-१०वीं शती) या मोढेरा, गुजरात के सूर्यमंदिर में भद्र का 'द्वारमंडप' स्वरूप विशेष दृष्टिगोचर है। खुजराहो के मंदिरों में इसे 'अर्द्धमंडप' नाम दिया जाता है। मुख्य मंदिर के अतिरिक्त यह अर्धमंडप होने के कारण, 'ड्योढ़ी' भी कहा जाने लगा। कहीं-कहीं यह तीन ओर से खुला न होकर केवल सामने की ओर ही खुला रहता है, जैसे कांचीपुरम् (कांजीवरम्) के वैकुठ पेरूपल मंदिर में (८वीं शती) या भुवनेश्वर के वैताल देबल मंदिर में। कालांतर में मुख्यद्वार के सामने निकले हुए किसी प्रकार के छज्जे को और अलंकरण के लिए बनाए गए स्तंभों को भी भद्र कहा जाने लगा। पश्चिम में भी 'पोर्च' शब्द का उपयोग वास्तविक ड्योढ़ी या द्वारमंडप के अर्थ में तो होता ही है, मुख्यद्वार पर बने स्तंभों सहित छज्जे के लिए या स्तंभश्रेणी के लिए भी होता है। अमरीका में तो तीन ओर से खुली हुई छतयुक्त कोई भी उपसंरचना जो किसी भी भवन से मिली हो 'पोर्च' कही जाती है। इस प्रकार इसमें और किसी बरामदे या शयनप्रांगण में प्राय: कुछ अंतर ही नहीं रह जाता। .

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द्वितीय चीन-जापान युद्ध

द्वितीय चीन-जापान युद्ध चीन तथा जापान के बीच 1937-45 के बीच लड़ा गया था। 1945 में अमेरिका द्वारा जापान पर परमाणु बम गिराने के साथ ही जापान ने समर्पण कर दिया और युद्ध की समाप्ति हो गई। इसके परिणामस्वरूप मंचूरिया तथा ताईवान चीन को वापस सौंप दिए गए जिसे जापान ने प्रथम चीन-जापान युद्ध में उससे लिया था। 1941 तक चीन इसमें अकेला रहा। 1941 में जापान द्वारा पर्ल हार्बर पर किए गए आक्रमण के बाद यह द्वितीय विश्व युद्ध का अंग बन गया। .

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द्वितीय फ्रांसिस (पवित्र रोमन सम्राट)

फ्रांसिस द्वितीय (१७६८-१८३५) पवित्र रोमन साम्राज्य का अंतिम शासक था, जो लिओपोल द्वितीय का पुत्र था। पिता की मृत्यु के बाद सन् १७९२ में गद्दी पर बैठा। शासन के प्रारंभ में ही उसे फ्रांस के साथ युद्ध में संलग्न होना पड़ा जिसमें उसकी हार हुई और उसे नीदरलैंड तथा लोंबार्डी का क्षेत्र खाली कर देना पड़ा। शीघ्र ही उसे दूसरी बार फ्रांस से युद्ध करना पड़ा। इसमें भी उसकी पराजय हुई और उसे राइन नदी के तटवर्ती इलाके से हट जाना पड़ा। तीसरी बार के युद्ध में भी उसे कुछ और भूभाग से हाथ धोना पड़ा। अब उसने पवित्र रोम साम्राज्य के शासक की उपाधि छोड़ दी और अपने आप को फ्रांसिस प्रथम के नाम से आस्ट्रिया का सम्राट् घोषित किया। सन् १८१० मे उसने नेपोलियन के साथ अपनी लड़की मेरी लूई का विवाह करना स्वीकार कर लिया, जिससे कुछ समय के लिए उसे लड़ाइयों और संघर्षों से कुछ अवकाश मिल गया। फिर भी १८१३ में उसने फिर उन देशों का साथ दिया जो नेपोलियन का विरोध कर रहे थे। १८१५ मे हुई संधियों के परिणामस्वरूप उसे खोए हुए राज्य का बहुत सा भाग वापस मिल गया। इसके बाद मृत्युपर्यन्त वह शांतिपूर्वक शासन करता रहा। श्रेणी:पवित्र रोमन सम्राट.

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द्वितीय फ्रांसिस (फ्रांस का राजा)

फ्रांसिस द्वितीय (Francis II; (François II; 19 जनवरी 1544 – 5 दिसम्बर 1560) फ्रांस का राजा था (1559 से 1560 तक)। श्रेणी:फ्रांस के राजा.

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द्वितीय फ्रांसीसी गणतंत्र

द्वितीय फ्रांसीसी गणतंत्र (French Second Republic), १८४८ से १८५१ के बीच फ्रान्स की की गनतांत्रिक सरकार थी। १८५१ में लुई नेपोलियन बोनापार्ट ने विद्रोह किया और द्वितीय फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की। द्वितीय फ्रांसीसी गनतन्त्र ने आधिकारिक रूप से स्वतन्तरता, समानता, बन्धुत्व (Liberté, Égalité, Fraternité) का सिद्धान्त स्वीकार किया। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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द्वंद्वयुद्ध

थाइलैण्ड में द्वन्द्वयुद्ध को निरूपित करती मूर्ति दो विरोधी व्यक्तियों या दलों के बीच, पूर्वनिश्चित तथा जाने माने नियमों के अनुसार प्रचलित शस्त्रों द्वारा युद्ध को द्वंद्वयुद्ध कहते हैं। ऐसे युद्ध प्राचीन काल में बहुत से देशों में प्रचलित थे। इनके प्रचलन के मूल में यह विश्वास था कि इन युद्धों में ईश्वर उसी को जिताता है जिसके पक्ष में न्याय होता है। .

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द्वीपीय केल्टी भाषाएँ

द्वीपीय केल्टी भाषाएँ (Insular Celtic languages) पश्चिमोत्तर यूरोप में केल्टी भाषा-परिवार की एक उपशाखा है जिसकी भाषाएँ ब्रिटेन व आयरलैण्ड के द्वीपों पर उत्पन्न हुई थीं। यह मुख्यभूमि यूरोप और आनातोलिया में उत्पन्न होने वाली महाद्वीपीय केल्टी भाषाओं से भिन्न थी। सभी महाद्वीपीय केल्टी भाषाएँ विलुप्त हो गई और विश्व में आज बोली जाने वाली सभी केल्टी भाषाएँ केवल द्वीपीय केल्टी शाखा से ही हैं। ५वीं और ६ठी शताब्दी ईसवी में कुछ द्वीपीय केल्टी बोलने वाले पश्चिमोत्तर फ़्रान्स में जा बसे और वहाँ के ब्रिटेनी प्रायद्वीप व कुछ अन्य क्षेत्रों में आज भी उनके बोलने वाले मिलते हैं। .

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दैंकर्क

फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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देशों के दूरभाष कूट की सूची

यह ITU-T की सिफारिश E.164 के अनुसार देशों की दूरभाष कुट सँख्या कि सुची है। .

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देशों के राजचिह्नों की सूची

This gallery of sovereign state coats of arms shows the coat of arms (or an emblem serving a similar purpose) of each of the sovereign states in the list of sovereign states.

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देशी भाषाओं में देशों और राजधानियों की सूची

निम्न चार्ट विश्व के देशों को सूचीबद्ध करता है (जैसा की यहां परिभाषित किया गया है), इसमें उनके राजधानीयों के नाम भी शामिल है, यह अंग्रेजी के साथ साथ उस देश की मूल भाषा और/या सरकारी भाषा में दी गयी है। ज टी की कोण नॉन en .

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देवेन्द्र झाझड़िया

देवेन्द्र झाझड़िया (जन्म; १० जून १९८१) एक भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ी है। ये पैरालंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरालिंपियन है। 2004 पैरालंपिक एथेंस में उन्होंने पहला स्वर्ण पदक जीता था रियो डी जनेरियो, 2016 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक खेल में, उन्होंने अपने पहले रिकॉर्ड को बेहतर बनाते हुए, एक ही आयोजन में दूसरा स्वर्ण पदक जीता। देवेन्द्र को फिलहाल पैरा चैंपियंस कार्यक्रम के माध्यम से गो एसपोर्ट फाउंडेशन द्वारा समर्थित किया जा रहा है। .

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दो भाइयों

दो भाइयों (फ्रेंच: Deux Frères, अंग्रेजी: Two Brothers) एक २००४ साहसिक परिवार फिल्म निर्देशक जीन जैक्स अर्नोल्ड। यह, के बारे में दो बाघ भाइयों है कुमाल और संघा, जो शावक के रूप में अलग किया और फिर एक साल बाद फिर से कर रहे हैं। .

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दोमिनिकन गणराज्य

दोमिनिकन गणराज्य (Dominican Republic) उत्तर अमेरिका महाद्वीप में केरिबियन क्षेत्र में एक देश है। राष्ट्रीय राजधानी सान्तो दोमिन्गो नामक शहर है जो डिस्ट्रिटो नैशनल में स्थित है। .

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दोमिनिकी संघ

दोमिनिकी संघ (Dominican Order या Dominicans) रोमन कैथलिक सम्प्रदाय का एक उपसम्प्रदाय है। इसकी स्थापना सन्त दोमिनिक ने की थी। .

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दोर्दोंग

दोर्दोंग (Dordogne; दक्षिणी पश्चिमी फ्रांस का प्रशासनिक विभाग है। यह सूखा पहाड़ी स्थान है, और मध्य पहाड़ी भाग से दक्षिण पश्चिम की ओर नीचा होता गया है। यहाँ की डॉर्डोनि, वेजेयर, आवेज़ेसर तथा ड्रोन नदियों की उपजाऊ घाटियों में गेहूँ, तरकारियों, तंबाकू आदि की खेती होती है तथा जानवर भी पाले जाते हैं। यहाँ कागज बनाने का कारखाना भी है। यहाँ की राजधानी पेरीग (Perigueux) है। श्रेणी:फ्रांस के प्रशासनिक विभाग.

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दीजों

दीजों (Dijon) पूर्वी फ्रांस में कोट दौर (Côte-d'Or) प्रशासनिक विभाग को राजधानी है। पहले यह बरगंडी की राजधानी था। इसका सामरिक महत्व भी है, क्योंकि यह रेलमार्गो तथा सड़कों का केंद्र है और राइन की ओर से आक्रमण रोक सकता है। यह धार्मिक तथा शैक्षणिक केंद्र है। यहाँ की शराब प्रसिद्ध है। मशीन, मोटरगाड़ी, बाइसिकिल, साबुन, बिस्कुट, जूते, होजरी आदि के कारखाने भी यहाँ अन्न तथा ऊन का काफी व्यापार होता है। दीजों, पैरिस-लियाँ रेलवे पर पेरिस से ३०० किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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धर्मप्रचार (ईसाई)

बाइबिल में लिखा है कि ईसा ने अपने स्वर्गारोहण के पूर्व अपने शिष्यों को आदेश दिया था कि वे संसार भर में उनके धर्म का प्रचार करें। अत: प्रारंभ से ही धर्मप्रचार ईसाई धर्म की एक प्रधान विशेषता रही है। .

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नया कैलेडोनिया

नया कैलेडोनिया (फ्रांसीसी: Nouvelle-Calédonie), फ्रांस का एक विदेशी क्षेत्र है। श्रेणी:फ़्रांस का भूगोल श्रेणी:फ़्रांस के अधीनस्थ क्षेत्र.

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नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए अंतरराष्ट्रीय प्रधानमन्त्रीय यात्राओं की सूची

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मई २०१६ में तेहरान, ईरान में पधारते हुए। २०१४ के आम चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधान मंत्री बने। नरेन्द्र मोदी द्वारा की गयीं अन्तर्राष्ट्रीय प्रधानमन्त्रीय यात्राओं की सूची इस प्रकार है। .

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नाटो

नाटो गठबंधन का ध्वज उत्‍तरी एटलांटिक संधि संगठन (नार्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो)) एक सैन्य गठबंधन है, जिसकी स्थापना ४ अप्रैल १९४९ को हुई। इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है। संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत सदस्य राज्य बाहरी हमले की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे। गठन के शुरुआत के कुछ वर्षों में यह संगठन एक राजनीतिक संगठन से अधिक नहीं था। लेकिन कोरियाई युद्ध ने सदस्य देशों को प्रेरक का काम किया और दो अमरीकी सर्वोच्च कमांडरों के दिशानिर्देशन में एक एकीकृत सैन्य संरचना निर्मित की गई। लॉर्ड इश्मे पहले नाटो महासचिव बने, जिनकी संगठन के उद्देश्य पर की गई टिप्पणी, "रुसियों को बाहर रखने, अमरीकियों को अंदर और जर्मनों को नीचे रखने" (के लिए गई है।) खासी चर्चित रही। यूरोपीय और अमरीका के बीच रिश्तों की तरह ही संगठन की ताकत घटती-बढ़ती रही। इन्हीं परिस्थितियों में फ्रांस स्वतंत्र परमाणु निवारक बनाते हुए नाटो की सैनिक संरचना से १९६६ से अलग हो गया। १९८९ में बर्लिन की दीवार के गिरने के बाद संगठन का पूर्व की तरफ बाल्कन हिस्सों में हुआ और वारसा संधि से जुड़े हुए अनेक देश १९९९ और २००४ में इस गठबंधन में शामिल हुए। १ अप्रैल २००९ को अल्बानिया और क्रोएशिया के प्रवेश के साथ गठबंधन की सदस्य संख्या बढ़कर २८ हो गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में ११ सितंबर २००१ के आतंकवादी हमलों के बाद नाटो नई चुनौतियों का सामना करने के लिए नए सिरे से तैयारी कर रहा है, जिसके तहत अफ़ग़ानिस्तान में सैनिकों की और इराक में प्रशिक्षकों की तैनाती की गई है। बर्लिन प्लस समझौता नाटो और यूरोपीय संघ के बीच १६ दिसम्बर २००२ को बनाया का एक व्यापक पैकेज है, जिसमें यूरोपीय संघ को किसी अंतरराष्ट्रीय विवाद की स्थिति में कार्रवाई के लिए नाटो परिसंपत्तियों का उपयोग करने की छूट दी गई है, बशर्ते नाटो इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता हो। नाटो के सभी सदस्यों की संयुक्त सैन्य खर्च दुनिया के रक्षा व्यय का ७०% से अधिक है, जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका अकेले दुनिया का कुल सैन्य खर्च का आधा हिस्सा खर्च करता है और ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली १५ % खर्च करते हैं। .

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नादिर शाह

नादिर शाह अफ़्शार (या नादिर क़ुली बेग़) (१६८८ - १७४७) फ़ारस का शाह था (१७३६ - १७४७) और उसने सदियों के बाद क्षेत्र में ईरानी प्रभुता स्थापित की थी। उसने अपना जीवन दासता से आरंभ किया था और फ़ारस का शाह ही नहीं बना बल्कि उसने उस समय ईरानी साम्राज्य के सबल शत्रु उस्मानी साम्राज्य और रूसी साम्राज्य को ईरानी क्षेत्रों से बाहर निकाला। उसने अफ़्शरी वंश की स्थापना की थी और उसका उदय उस समय हुआ जब ईरान में पश्चिम से उस्मानी साम्राज्य (ऑटोमन) का आक्रमण हो रहा था और पूरब से अफ़गानों ने सफ़ावी राजधानी इस्फ़हान पर अधिकार कर लिया था। उत्तर से रूस भी फ़ारस में साम्राज्य विस्तार की योजना बना रहा था। इस परिस्थिति में भी उसने अपनी सेना संगठित की और अपने सैन्य अभियानों की वज़ह से उसे फ़ारस का नेपोलियन या एशिया का अन्तिम महान सेनानायक जैसी उपाधियों से सम्मानित किया जाता है। वो भारत विजय के अभियान पर भी निकला था। दिल्ली की सत्ता पर आसीन मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह आलम को हराने के बाद उसने वहाँ से अपार सम्पत्ति अर्जित की जिसमें कोहिनूर हीरा भी शामिल था। इसके बाद वो अपार शक्तिशाली बन गया और उसका स्वास्थ्य भी बिगड़ता गया। अपने जीवन के उत्तरार्ध में वो बहुत अत्याचारी बन गया था। सन् १७४७ में उसकी हत्या के बाद उसका साम्राज्य जल्द ही तितर-बितर हो गया। .

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नाना साहेब

अपने रक्षकों के साथ '''नाना साहेब''' नाना साहेब (जन्म १८२४ - १८५७ के पश्चात से गायब) सन १८५७ के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के शिल्पकार थे। उनका मूल नाम 'धोंडूपंत' था। स्वतंत्रता संग्राम में नाना साहेब ने कानपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोहियों का नेतृत्व किया। .

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नाभिकीय ऊर्जा

इकाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र, एक दबावयुक्त जल रिएक्टर जो समुद्र के साथ माध्यमिक शीतलक विनिमय द्वारा ठंडा करता है। सुसक्युहाना वाष्प विद्युत् केंद्र, एक उबलता जल रिएक्टर. रिएक्टर, शीतलक टावरों के सामने की ओर आयताकार रोकथाम इमारतों के अंदर स्थित हैं। परमाणु ऊर्जा चालित तीन जहाज, (ऊपर से नीचे) परमाणु क्रूजर USS बेनब्रिज और USS लोंग ब्रिज, USS इंटरप्राइज़ के साथ जो 1964 में पहला परमाणु संचालित विमान वाहक. चालक दल के सदस्य, उड़ान डेक पर आइंस्टीन के द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता सूत्र को लिख रहे हैं E.

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नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह

भूरे (Gray) रंग के क्षेत्र एनएसजी के सदस्य देश हैं। नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह (Nuclear Suppliers Group (NSG)) बहुत से देशों का एक समूह है जो नाभिकीय निरस्त्रीकरण (nuclear disarmament) के लिये प्रयासरत है। इस कार्य के लिये यह समूह नाभिकीय शस्त्र बनाने योग्य सामग्री के निर्यात एवं पुनः हस्तान्तरण को नियन्त्रित करता है। इसका वास्तविक लक्ष्य यह है कि जिन देशों के पास नाभिकीय क्षमता नहीं है वे इसे अर्जित न कर सकें। यह समूह ऐसे परमाणु उपकरण, सामग्री और टेक्नोलॉजी के निर्यात पर रोक लगाता है जिसका प्रयोग परमाणु हथियार बनाने में होना है और इस प्रकार यह परमाणु प्रसार को रोकता है। .

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नास्त्रेदमस

नास्त्रेदमस नास्त्रेदमस (Nostradamus) फ्रांस के एक १६वीं (१५०३-१५६६) सदी के भविष्यवक्ता थे। नास्त्रेदमस केवल भविष्यवक्ता ही नही, डॉक्टर और शिक्षक भी थे। ये प्लेग जैसी बिमारियों का इलाज करते थे। इन्होने ने अपनी कविताओ के द्वारा भविष्य में होने वाली घटनाओ का वर्णन किया था। अधिकांश शैक्षणिक और वैज्ञानिक सूत्रों का कहना है कि दुनिया की घटनाओं और नास्त्रेदमस के शब्दों के बीच दिखाए गए संबंध काफी हद तक गलत व्याख्याओं या गलत अनुवाद का परिणाम है या फिर इतने कमजोर हैं कि उन्हें वास्तविक भविष्य बताने की शक्ति के साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करना बेकार है। कुछ गलत व्याख्याएँ या गलत अनुवाद तो जानबूझकर भी किए गए हैं।पीटर लेमेसुरिअर, द अन्नोन नास्त्रेदमस, 2003 इस के बावजूद है भी, बीसवीं शताब्दी में नास्त्रेदमस की कथित भविष्यवाणियाँ आम लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गईं और कई प्रमुख विश्व घटनाओं की भविष्यवाणी का श्रेय उन्हें दिया गया। .

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नावारा

नावारा (Navarra; Nafarroa) स्पेन के पूर्वोत्तरी भाग में स्थित एक स्वायत्त समुदाय है। स्वायत्त समुदाय स्पेन का सबसे उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग होता है और लगभग भारत के राज्यों के बराबर होता है। यह स्पेन व फ़्रान्स के बास्क समुदाय की पारम्परिक मातृभूमि का भाग है। इसके पड़ोस में स्थित बास्क प्रदेश स्वायत्त समुदाय में भी बास्क लोगों की बहुतायत है। नावारा की राजधानी पाम्प्लोना (Pamplona) है, जिसे बास्क भाषा में इरुन्या (Iruña) के नाम से बुलाया जाता है।, pp.

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नागरिक उड्डयन

सेना द्वारा संचालित उड़ानों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की उड़ानों को नागरिक उड्डयन (Civil aviation) के ही अंतर्गत माना गया है। इसमें जो कार्य व्यवहार में आते हैं वे ये हैं: यात्रियों का व्यावसायिक यातायात, माल और डाक, व्यापार या शौक के लिए निजी हैसियत से की गई उड़ानें तथा सरकारी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया इसका उपयोग। .

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नागरिक उड्डयन नेशनल स्कूल

नागरिक उड्डयन नेशनल स्कूल ऑफ फ्रांस के एक वैमानिक 1949 में स्थापित और टूलूज़ में स्थित विश्वविद्यालय है। एक के बाद जनवरी 2011 में, यूरोपीय विमानन में सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है स्कूल फ्रांस Aerotech का हिस्सा है.

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नागालैण्ड

नागालैण्ड भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। इसकी राजधानी कोहिमा है, जबकि दीमापुर राज्य का सबसे बड़ा नगर है। नागालैण्ड की सीमा पश्चिम में असम से, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश से, पूर्व मे बर्मा से और दक्षिण मे मणिपुर से मिलती है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार, इसका क्षेत्रफल १६,५७९ वर्ग किलोमीटर है, और जनसंख्या १९,८०,६०२ है, जो इसे भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक बनाती है। Govt of India नागालैण्ड राज्य में कुल १६ जनजातियां निवास करती हैं। प्रत्येक जनजाति अपने विशिष्ट रीति-रिवाजों, भाषा और पोशाक के कारण दूसरी से भिन्न है। United Nations Development Programme (2005) हालांकि, भाषा और धर्म दो सेतु हैं, जो इन जनजातियों को आपस में जोड़ते हैं। अंग्रेजी राज्य की आधिकारिक भाषा है। यह शिक्षा की भाषा भी है, और अधिकांश निवासियों द्वारा बोली जाती है। नागालैंड भारत के उन तीन राज्यों में से एक है, जहां ईसाई धर्म के अनुयायी जनसंख्या में बहुमत में हैं। Census of India, 2001, Govt of India.

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नांसी

नांसी फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। श्रेणी:यूरोप श्रेणी:फ़्राँस श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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नाइट क्लब

शेफ़ील्ड, इंग्लैंड में एक गेटरक्रेशर संगीत समारोह में लेज़र रोशनी नृत्य मंच को प्रकाशित कर रहा है। नाईट क्लब (जिसे साधारणतया क्लब, डिस्कोथेक अथवा डिस्को के नाम से भी जाना जाता है) मनोरंजन का स्थान है जो आमतौर पर देर रात तक संचालित किया जाता है। किसी नाइट क्लब को आम तौर पर बार, पब अथवा टैवर्न से नृत्य स्थल तथा डीजे बूथ की उपस्थिति कारण अलग समझा जा सकता है, जहाँ डीजे रिकॉर्ड किया हुआ डांस, हिप हॉप, रॉक, रैगे तथा पॉप संगीत बजाता है। नाईट क्लब में संगीत के लिए या तो लाइव बैंड रहते हैं अथवा अधिकांशतः डीजे द्वारा अनेक गानों का मिश्रण किसी शक्तिशाली पीए प्रणाली के द्वारा बजाय जाता है। अधिकांश क्लब या क्लब नाईट कुछ विशिष्ट शैलियों के संगीत बजाते हैं, जैसे टेक्नो, हाउस संगीत, ट्रांस, हैवी मेटल, गराज़, हिप हॉप, सालसा, डांसहाल, ड्रम व बास, डबस्टेप अथवा सोका संगीत.

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निम्नतापी रॉकेट इंजन

150px भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान में प्रयुक्त होने वाली द्रव ईंधन चालित इंजन में ईंधन बहुत कम तापमान पर भरा जाता है, इसलिए ऐसे इंजन निम्नतापी रॉकेट इंजन या तुषारजनिक रॉकेट इंजन (अंग्रेज़ी:क्रायोजेनिक रॉकेट इंजिन) कहलाते हैं। इस तरह के रॉकेट इंजन में अत्यधिक ठंडी और द्रवीकृत गैसों को ईंधन और ऑक्सीकारक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस इंजन में हाइड्रोजन और ईंधन क्रमश: ईंधन और ऑक्सीकारक का कार्य करते हैं। ठोस ईंधन की अपेक्षा यह कई गुना शक्तिशाली सिद्ध होते हैं और रॉकेट को बूस्ट देते हैं। विशेषकर लंबी दूरी और भारी रॉकेटों के लिए यह तकनीक आवश्यक होती है।|हिन्दुस्तान लाईव। १८ अप्रैल २०१०। अनुराग मिश्र बढ़े कदम पा लेंगे मंजिल। हिन्दुस्तान लाईव। १८ अप्रैल २०१० क्रायोजेनिक इंजन के थ्रस्ट में तापमान बहुत ऊंचा (२००० डिग्री सेल्सियस से अधिक) होता है। अत: ऐसे में सर्वाधिक प्राथमिक कार्य अत्यंत विपरीत तापमानों पर इंजन व्यवस्था बनाए रखने की क्षमता अर्जित करना होता है। क्रायोजेनिक इंजनों में -२५३ डिग्री सेल्सियस से लेकर २००० डिग्री सेल्सियस तक का उतार-चढ़ाव होता है, इसलिए थ्रस्ट चैंबरों, टर्बाइनों और ईंधन के सिलेंडरों के लिए कुछ विशेष प्रकार की मिश्र-धातु की आवश्यकता होती है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बहुत कम तापमान को आसानी से झेल सकने वाली मिश्रधातु विकसित कर ली है। .

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निर्वाचन प्रणालियाँ

एकल हस्तान्तरणीय मत '''मिश्रित प्रणाली''' प्रतिनिधियों के चुनाव के अनेक तरीके हो सकते हैं। लाटरी के टिकट निकाल कर बिना समझे बूझे प्रतिनिधियों का चुनाव कर लेना तो एक ऐसा तरीका है जिसकी लोकतंत्र में कोई गुंजाइश नहीं है। दूसरे तरीके सामान्यत: निर्वाचन की मतदान प्रणाली पर ही आधृत हैं,। यद्यपि ये तरीके भी पूर्णत: निर्दोष ही हों यह आवश्यक नहीं; पदप्राप्ति के इच्छुक प्रत्याशी प्राय: मतदाताओं को घूस देकर अथवा डरा धमकाकर कर जोरजबर्दस्ती से उनका मत प्राप्त कर लेते हैं। विभिन्न प्रकार के अल्पसंख्यक वर्ग उचित प्रतिनिधित्व से वंचित रह जाते हैं। राजनीतिक तथा अन्य प्रकार के दल कभी कभी चुनाव के लिए किसी अयोग्य उम्मीदवार को खड़ा कर देते हैं। ऐसी हालत में उस दल के लोगों को चाहे-अनचाहे उसी को अपना मत देना पड़ता है। इन दोषों को दूर अथवा कम करने और मतदान को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष बनाने के लिए समय-समय पर निर्वाचन की विभिन्न प्रणालियों का विकास किया गया है। .

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निसान

(), संक्षिप्त नाम निसान, एक बहुराष्ट्रीय ऑटोनिर्माता जिनका मुख्यालय जापान में है। पहले यह निसान ग्रुप का मूल सदस्य था, लेकिन कार्लोस घोसन (सीईओ) की निगरानी में इसका पुनर्गठन हुआ और यह और अधिक स्वतंत्र हो गया। पहले यह डैटसन ब्रांड के नाम से वाहनों का विपणन किया करता था और यह दुनिया के सबसे बड़े कार निर्माताओं में एक है। अगस्त 2009 से, कंपनी का वैश्विक मुख्यालय निशि-कु, योकोहामा में स्थित है। 1999 में, निसान ने फ्रांस के रेनॉल्ट एस.ए. के साथ दोहरे गठबंधन में प्रवेश किया, जिसके पास निसान के 44.4% शेयर हैं जबकि 2008 से, निसान के पास रेनॉल्ट के 15% शेयर हैं। वर्तमान बाजार में निसान के शेयर होंडा और टोयोटा के साथ हैं, अमेरिका की ऑटो सेल्स एशिया में स्थित सबसे बड़ी मोटर कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती हैं जो ऐतिहासिक दृष्टि से अमेरिका में आधारित "प्रमुख तीन" जीएम, फोर्ड और क्रिसलर पर तेजी से अतिक्रमण कर रही हैं। अपने घरेलू बाजार में निसान तीसरे सबसे बड़े कार निर्माता हैं, कुछ कम अंतर पर होंडा दूसरे और एक बहुत ही प्रभावी रूप में टोयोटा का स्थान प्रथम है। अपनी सामान्य श्रेणी के मॉडलों के साथ, निसान इनफिनीटी ब्रांड जैसे विलासी मॉडलों का उत्पादन भी करती है। 14 सालों से लगातार V6 विन्यास के, निसान के VQ इंजन ने वार्ड के 10 सर्वश्रेष्ठ इंजनों में अपना विशेष स्थान बनाया है। विभिन्न बाजारों में इसके नाम का उच्चारण विभिन्न प्रकार से होता है। अमेरिका में, ब्रांड है, जबकि ब्रिटेन में यह है। जापानी में, यह है। .

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निजी अंतरराष्ट्रीय कानून

निजी अंतर्राष्ट्रीय कानून (Private international law) से तात्पर्य उन नियमों से है जो किसी राज्य द्वारा ऐसे वादों का निर्णय करने के लिए चुने जाते हैं जिनमें कोई विदेशी तत्व होता है। इन नियमों का प्रयोग इस प्रकार के वाद विषयों के निर्णय में होता है जिनका प्रभाव किसी ऐसे तथ्य, घटना अथवा संव्यवहार पर पड़ता है जो किसी अन्य देशीय विधि प्रणाली से इस प्रकार संबद्ध है कि उस प्रणाली का अवलंबन आवश्यक हो जाता है। 'निजी अंतर्राष्ट्रीय कानून' नाम से ऐसा बोध होता है कि यह विषय अंतर्राष्ट्रीय कानून की ही शाखा है। परंतु वस्तुतः ऐसा है नहीं। निजी अंतर्राष्ट्रीय कानून और सार्वजनिक अंतर्राष्ट्रीय कानून (Public international law) में किसी प्रकार की पारस्परिकता नहीं है। .

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निजीकरण

निजीकरण व्यवसाय, उद्यम, एजेंसी या सार्वजनिक सेवा के स्वामित्व के सार्वजनिक क्षेत्र (राज्य या सरकार) से निजी क्षेत्र (निजी लाभ के लिए संचालित व्यवसाय) या निजी गैर-लाभ संगठनों के पास स्थानांतरित होने की घटना या प्रक्रिया है। एक व्यापक अर्थ में, निजीकरण राजस्व संग्रहण तथा कानून प्रवर्तन जैसे सरकारी प्रकार्यों सहित, सरकारी प्रकार्यों के निजी क्षेत्र में स्थानांतरण को संदर्भित करता है। शब्द "निजीकरण" का दो असंबंधित लेनदेनों के वर्णन के लिए भी उपयोग किया गया है। पहला खरीद है, जैसे किसी सार्वजनिक निगम या स्वामित्व वाली कंपनी के स्टॉक के सभी शेयर बहुमत वाली कंपनी द्वारा खरीदा जाना, सार्वजनिक रूप से कारोबार वाले स्टॉक का निजीकरण है, जिसे प्रायः निजी इक्विटी भी कहते हैं। दूसरा है एक पारस्परिक संगठन या सहकारी संघ का पारस्परिक समझौता रद्द कर के एक संयुक्त स्टॉक कंपनी बनाना.

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निकोलस पाऊसिन

निकोलस पाऊसिन फ्रांस के महान चित्रकार हैं | .

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निकोलस सर्कोजी

निकोला सार्कोज़ी निकोला सार्कोज़ी (फ़्रांसिसी: Nicolas Sarkozy, अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि:, जन्म 28 जनवरी, 1955) 17 मई 2007 से फ़्राँस के राष्ट्रपति और यूएमपी का नेता है। यह ज़्याक शिराक के बाद है। वह 6 मई में उम्मीद होगा। श्रेणी:फ्रांस के राष्ट्रपति.

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निकोलाई निकोलिएविश

निकोलाई निकोलिएविश ग्रांड ड्यूक निकोलाई निकोलिएविश रोमानोव (रूसी: Николай Николаевич Романов; 6 नवम्बर 1856 – 5 जनवरी 1929) रूस के सेनानायक था जिसने प्रथम विश्वयुद्ध के प्रथम वर्ष में रूसी सेना का नेतृत्व किया। वह निकोलस प्रथम का पौत्र तथा अलेक्सांदर तृतीय का चचेरा भाई था। .

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नवजीत ढिल्लों

नवजीत कौर ढिल्लन एक भारतीय ट्रैक एण्ड फील्ड खिलाड़ी हैं जो कि चक्का फेक में भाग लेती हैं। वह 2018 राष्ट्रमण्डल खेलों की कांस्य पदक विजेता हैं और 2014 में एथलेटिक्स की विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन है जो कि उन्होंने 2018 में बनाया था। .

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नवंबर 2015 पैरिस हमले

13 नवंबर 2015 की शाम को फ्रांस की राजधानी पेरिस और उसके उत्तरीय उपनगरीय इलाके सेंट डेनिस में आतंकी हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया गया जिसमें बड़े पैमाने पर गोलीबारी, आत्मघाती बम विस्फोट, और लोगों को बंधक बनाया गया। हमलों की शुरुआत 21:20 सीईटी (सेंट्रल यूरोपियन टाइम) में स्टेड डी फ्रांस के बाहर तीन आत्मघाती हमलों, बड़े पैमाने पर शूटिंग और मध्य पेरिस के पास चार स्थानों पर एक और आत्मघाती बम विस्फोट के साथ हुई। सबसे घातक हमला 14 नवंबर को 00:58 सीईट पर बाटाक्लेन थिएटर में हुआ जहाँ हमलावरों ने पुलिस के साथ उलझने से पहले लोगों को बंधक बनाया। हमलों में 129 लोग, मारे गए जिनमे से 89 की मृत्यु जिनमें से बाटाक्लेन थिएटर में ही हुई। 352 लोगों में से 80 गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ितों के अलावा, सात हमलावरों की भी मृत्यु हो गई, और अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर अभी भी अन्य साथियों की खोज करने के लिए जारी रखा है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद फ्रांस पर यह सबसे घातक हमला था। फ्रांस में जनवरी 2015 के हमलों के बाद से हाई अलर्ट घोषित किया गया था उस हमले में नागरिकों और पुलिस अधिकारियों सहित 17 लोग मारे गए थे। जवाब में, 2005 के दंगों के बाद पहली बार आपातकाल घोषित किया गया और अस्थायी नियंत्रण देश की सीमाओं पर रखा गया है। लोगों और संगठनों ने अपनी एकजुटता को सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्त किया। 15 नवंबर को, फ्रांस के हमलों के प्रतिशोध में, अल-रक्का में आई एस आई एल के ठिकानों को लक्ष्य बनाकर आपरेशन चामल (Chammal), चलाया गया जो अभी तक का सबसे बड़ा हवाई हमला है। 18 नवंबर को, हमलों के मास्टरमाइंड संदिग्ध, बेल्जियम के अब्देल हामिद, को फ्रांसीसी पुलिस ने एक छापे में मार गिराया। .

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नवंबर 2015 माली होटल हमला

20 नवम्बर 2015 को रैडिसन ब्लू,बमाको, माली में हुआ हमला, एक आतंकी हमला है। रैडिसन ब्लू यूएस ओन्ड होटल है जो विदेशी बिज़नस और एयरलाइन क्रू मेम्बर्स के बीच काफी प्रसिद्ध है। .

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नंदिता दास

नंदिता दास (जन्म: ७ नवम्बर १९६९) एक भारतीय फिल्म कलाकार और निर्देशक हैं। उन्होंने आजतक 10 विभिन्न् भाषाओं की तकरीबन 30 फिल्मों में काम किया है। एक फिल्म कलाकार के रूप में उन्हें फायर(1996), अर्थ(1998), बवंडर(2000), कन्नथिल मुथामित्तल(2002), अझागि और बिफोर द रेन्स(2007) में महत्वपूर्ण भूमिकाओं और शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है। एक निर्देशक के रूप में 'फ़िराक़' उनकी पहली फिल्म हैं जिसका प्रीमियर साल 2008 में टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में हुआ। इस फिल्म को तकरीबहन 50 फिल्म समारोहों में प्रदर्शित किया गया जिसे 20 पुस्कार हासिल हुए। उन्हें कान्स फिल्म समारोह में साल 2005 और 2013 में ज्यूरी के रूप में मनोनित किया गया। कला में उल्लेखनीय योगदान के लिए नंदिता दास को को फ्रांस सरकार की ओर से 'ऑर्ड्रे देस आर्ट्स एत देस लेटर्स' से सम्मानित किया गया है। .

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न्यू हेब्रिडीज़

न्यू हेब्रिडीज़ (New Hebrides) दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित एक देश था जो अब वानूआतू देश के नाम से जाना जाता है। यह मॅलानिशिया भूक्षेत्र का भाग है और यहाँ के स्थानीय निवासी मॅलानिशियाई लोग हैं। सन् १६०६ ईस्वी में, जब स्पेन के खोजयात्री यहाँ आ धमके, यहाँ पर मानवी बसेरा ३००० वर्ष से चला आ रहा था। १८वीं सदी में यहाँ ब्रिटेन और फ़्रांस ने यहाँ अपनी साम्राज्यवादी सत्ता जमा ली और यह विश्व के उन बहुत ही कम क्षेत्रों में थे जहाँ दो यूरोपीय ताक़तों ने संयुक्त रूप से राज किया। १९८० में यहाँ वानूआतू का राष्ट्र स्वतंत्र हो गया। .

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नौसेना

भारतीय नौसेना का लोगोनौसेना (Navy) किसी देश की संगठित समुद्री सेना को कहते हैं। इसके अंतर्गत रणपोत, क्रूज़र (cruiser), वायुयानवाहक, ध्वंसक, सुरंगें बिछाने तथा उन्हें नष्ट करने आदि के साधन एवं सैनिकों के अतिरिक्त, समुद्रतट पर निर्माण, देखभाल, पूर्ति तथा प्रशासन, कमान, आयोजन और अनुसंधान संस्थान भी सम्मिलित हैं। इस प्रकार नौसेना सरकार के सीधे नियंत्रण में स्थित सैनिक संगठन है, जिसके प्रशासन के लिए सरकार पृथक् विभागों की स्थापना करती है। नौशक्ति का उद्देश्य सैनिक और वाणिज्य की दृष्टि से समुद्री मार्ग का नियंत्रण करना है। नौसेना ऐसा साधन है जिससे राष्ट्र समुद्र के उपयोग पर अपना अधिकार तो रखते हैं, परंतु शत्रु को इस उपयोग से वंचित रखते हैं। नौसेना में अब वायुयान और नियंत्रित प्रक्षेप्यास्त्रों (guided missiles) का समावेश हो गया है, जिनसे शत्रु के देश के सुदूर आंतरिक भूभाग पर भी प्रहार किया जा सकता है। .

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नैदानिक परीक्षा (शिक्षा)

व्यक्ति में किसी प्रकार की असामान्यता, अयोग्यता, अक्षमता, व्यतिक्रम अथवा व्याधि के स्वरूप की ठीक पहचान अर्थात्‌ निदान (डायग्नासिस) नैदानिक परीक्षा (Diagnostic Test) कहलाती है। यह मनोशारीरिक अव्यवस्थाओं की ज्ञात लक्षणावली के आधार पर करने के लिए विज्ञों द्वारा सुस्थिर की गई जाँच की विशिष्ट प्रणाली है। नैदानिक परीक्षाओं की अब हजारों तरह की प्रश्नावलियाँ एवं पद्धतियाँ चल पड़ी है जिनमें व्यक्ति के मनोजगत्‌ की सूक्ष्मतल विकृति की पहचान प्रायोगिक धरातल पर कर ली जाती है। ये परीक्षाएँ व्यक्तिगत रूप में भी होती हैं और समूहगत भी। आजकल समूह परीक्षाएँ (ग्रूप टेस्ट्स), शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से तथा सैनिक विभाग और कार्यालयीय कर्मचारियों की सहायता से काफी मात्रा में संपन्न की जा रही हैं। .

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नूर इनायत ख़ान

नूर-उन-निसा इनायत ख़ान (प्रचलित: नूर इनायत ख़ान; उर्दू: نور عنایت خان, अँग्रेजी: Noor Inayat Khan; 1 जनवरी 1914 – 13 सितम्बर 1944) भारतीय मूल की ब्रिटिश गुप्तचर थीं, जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्र देशों के लिए जासूसी की। ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव के रूप में प्रशिक्षित नूर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान फ्रांस के नाज़ी अधिकार क्षेत्र में जाने वाली पहली महिला वायरलेस ऑपरेटर थीं। जर्मनी द्वारा गिरफ़्तार कर यातनायें दिए जाने और गोली मारकर उनकी हत्या किए जाने से पहले द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वे फ्रांस में एक गुप्त अभियान के अंतर्गत नर्स का काम करती थीं। फ्रांस में उनके इस कार्यकाल तथा उसके बाद आगामी 10 महीनों तक उन्हें यातनायें दी गईं और पूछताछ की गयी, किन्तु पूछताछ करने वाली नाज़ी जर्मनी की ख़ुफिया पुलिस गेस्टापो द्वारा उनसे कोई राज़ नहीं उगलवाया जा सका। उनके बलिदान और साहस की गाथा युनाइटेड किंगडम और फ्रांस में प्रचलित है। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें युनाइटेड किंगडम एवं अन्य राष्ट्रमंडल देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान जॉर्ज क्रॉस से सम्मानित किया गया। उनकी स्मृति में लंदन के गॉर्डन स्क्वेयर में स्मारक बनाया गया है, जो इंग्लैण्ड में किसी मुसलमान को समर्पित और किसी एशियाई महिला के सम्मान में इस तरह का पहला स्मारक है। .

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नेपोलियन बोनापार्ट

नेपोलियन बोनापार्ट (15 अगस्त 1769 - 5 मई 1821) (जन्म नाम नेपोलियोनि दि बोनापार्टे) फ्रान्स की क्रान्ति में सेनापति, 11 नवम्बर 1799 से 18 मई 1804 तक प्रथम कांसल के रूप में शासक और 18 मई 1804 से 6 अप्रैल 1814 तक नेपोलियन I के नाम से सम्राट रहा। वह पुनः 20 मार्च से 22 जून 1815 में सम्राट बना। वह यूरोप के अन्य कई क्षेत्रों का भी शासक था। इतिहास में नेपोलियन विश्व के सबसे महान सेनापतियों में गिना जाता है। उसने एक फ्रांस में एक नयी विधि संहिता लागू की जिसे नेपोलियन की संहिता कहा जाता है। वह इतिहास के सबसे महान विजेताओं में से एक था। उसके सामने कोई रुक नहीं पा रहा था। जब तक कि उसने 1812 में रूस पर आक्रमण नहीं किया, जहां सर्दी और वातावरण से उसकी सेना को बहुत क्षति पहुँची। 18 जून 1815 वॉटरलू के युद्ध में पराजय के पश्चात अंग्रज़ों ने उसे अन्ध महासागर के दूर द्वीप सेंट हेलेना में बन्दी बना दिया। छः वर्षों के अन्त में वहाँ उसकी मृत्यु हो गई। इतिहासकारों के अनुसार अंग्रेज़ों ने उसे संखिया (आर्सीनिक) का विष देकर मार डाला। .

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नेपोलियन के युद्ध

नेपोलियन बोनापार्ट जब तक सत्ता में रहा युद्धों में उलझा रहा जिनसे सारा यूरोप त्रस्त था। इन युद्धों को सम्मिलित रूप से नेपोलियन के युद्ध (Napoleonic Wars) कहा जाता है। १८०३ से लेकर १८१५ तक कोई साठ युद्ध उसने लड़े थे जिसमें से सात में उसकी पराजय हुई (अधिकांशतः अपने अन्तिम दिनों में)। इन युद्धों के फलस्वरूप यूरोपीय सेनाओं में क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए। परम्परागत रूप से इन युद्धों को १९७२ में फ्रांसीसी क्रांति के समय शुरू हुए क्रांतिकारी युद्धों की शृंखला में ही रखा जाता है। आरम्भ में फ्रांस की शक्ति बड़ी तेजी से बढ़ी और नैपोलियन ने यूरोप का अधिकांश भाग अपने अधिकार में कर लिया। १८१२ में रूस पर आक्रमण करने के बाद फ्रांस का बड़ी तेजी से पतन हुआ। .

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नेल्स हेनरिक एबल

नेल्स हेनरिक एबल नेल्स हेनरिक एबल (Niels Henrik Abel; १८०३-१८२९ ई.) नार्वे के गणितज्ञ थे। .

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नॉर्मन

सन् 1130 तक नॉर्मनों द्वारा राज किये गए क्षेत्र (लाल रंग में) इटली के आद्रानो शहर में बना एक पुराना नॉर्मन गढ़ नॉर्मन (अंग्रेज़ी: Norman) मध्यकाल के आरम्भ में उत्तरी फ़्रांस में लोगों की एक जाती थी जो उत्तरी यूरोप से आये वाइकिंग हमलावरों और स्थानीय (फ़्रैंक और गैलो-रोमन) जातियों का मिश्रण थे। यहाँ नॉर्मन जाती 10वी सदी की शुरुआत में उभरी और आने वाली सदियों में इसमें बदलाव आते रहे। इंग्लैण्ड, यूरोप और मध्य पूर्व के इलाक़ों पर इन्होने अपनी गहरी छाप छोड़ी है। उत्तरी फ़्रांस का जो क्षेत्र उनकी मातृभूमि था उसे अब "नोरमांदी" (फ़्रांसिसी: Normandie) बुलाया जाता है। .

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नीदरलैण्ड का इतिहास

राइन (Rhine) और म्यूज (Meuse) नदियों के मुहानों के इलाके जूलियस सीजर ने ५५ ई. पू.

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नीलक

नीलक नीलक अथवा अंग्रेजी में सुप्रसिद्ध 'लाइलक' (lilac) नामक सर्वप्रिय, मनमोहक, रंगदार और सुगांधित फूलों के पतझड़-पौधे का टर्की और स्पेन होते हुए, यूरोप भर में फैल गया। पश्चिमी देशों के उद्यानों में सिरिंगा वल्गेरिस के अतिरिक्त इस पौधे की दो अन्य जातियाँ भी साधारणतया पाई जाती हैं। इनके नाम हैं - चीनी नीलक (Syringa chinensis) और ईरानी नीलक (Syringa persica L.)। भारत के कश्मीर राज्य में भी 'ईरानी नीलक' के अतिरिक्त नीलक की एक अन्य जाति सिरिंगा एमोडी वाल्ल. (Syringa emodi Wall.) 2,400 से 3,600 मीटर की ऊँचाई तक पाई जाती है। यूरोपीय देशों और विशेषतया फ्रांस, में इस पौधे की विविध जातियों में से नाना प्रकार के आकर्षक रंगदार - सफेद, बैंगनी, नीले और लाल इत्यादि - सुवासित, एकदल और बहुदल फूल बहुत भारी संख्या में व्यापारिक स्तर पर उगाए जाते हैं। नीलक के पौधों को ठीक रूप में पनपने के लिए हल्की और खुली धूप, हवादार स्थान और बढ़िया उपजाऊ तथा नम मिट्टी आवश्यक है। फूलों के झड़ जाने के पश्चात्‌ पौधों की भलीभाँति कटाई छँटाई हो जाने से और हड्डी तथा चूने की मिली जुली खाद देने से, आनेवाली फसल के फूल आकार में बहुत बड़े, घने और सुंदर हो जाते हैं। इन पौधों के विस्तरण के लिए कलमों द्वारा, 'दाबा' द्वारा और 'चश्मों' का चढ़ा कर, सभी विधियों का प्रयोग किया जाता है। सफेद और रंगनी नीलकों के फूल गंध की दृष्टि से एक समान नहीं होते। अभी तक इससे सगंध, वाष्पशील तेल बनाने में सफलता प्राप्त नहीं हो सकती। .

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नीस

नीस का एक दृश्य नीस भूमध्य सागर के तट पर स्थित दक्षिणी फ्रान्स का एक प्रमुख नगर है। २००६ की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या ३,७४,०६० है। यह एक ऐतिहासिक नगर है जहाँ ४ लाख वर्ष पुराने, मानव के निवास के प्रमाण मिले हैं। यहाँ वर्ष भर आरामदायक भूमध्यसागरीय जलवायु पाई जाती है। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९७४ से १९७९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (१९८०–१९८९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९८४ से १९८९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

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पद्म श्री पुरस्कार (२०००–२००९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। सन् २००० से २००९ तक विजेताओं की सूची निम्न है: .

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पन्ना

पन्ना, बेरिल (Be3Al2(SiO3)6) नामक खनिज का एक प्रकार है जो हरे रंग का होता है और जिसे क्रोमियम और कभी-कभी वैनेडियम की मात्रा से पहचाना जाता है।हर्ल्बट, कॉर्नेलियस एस.

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परमाणु परीक्षण

२७ मार्च, १९५४ को अमरीका द्वारा किये गये कैसल रोमियो नाभिकीय परीक्षण का चित्र "बेकर शॉट", संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया ऑपरेशन क्रॉसरोड्स अभियान का एक भाग, १९४६ नाभिकीय अस्त्र परीक्षण (अंग्रेज़ी:Nuclear weapons tests) या परमाण परीक्षण उन प्रयोगों को कहते हैं जो डिजाइन एवं निर्मित किये गये नाभिकीय अस्त्रों के प्रभाविकता, उत्पादकता एवं विस्फोटक क्षमता की जाँच करने के लिये किये जाते हैं। परमाणु परीक्षणों से कई जानकारियाँ प्राप्त होतीं हैं; जैसे - ये नाभिकीय हथियार कैसा काम करते हैं; विभिन्न स्थितियों में ये किस प्रकार का परिणाम देते हैं; भवन एवं अन्य संरचनायें इन हथियारों के प्रयोग के बाद कैसा बर्ताव करतीं हं। सन् १९४५ के बाद बहुत से देशों ने परमाणु परीक्षण किये। इसके अलावा परमाणु परीक्षणों से वैज्ञानिक, तकनीकी एवं सैनिक शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश भी की जाती है। .

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परमाणु बम

सन् १९४५ में जापान के नागासाकी पर गिराये बम से उत्पन्न कुकुरमुता के सदृश बादल - ये बादल बम के गिरने के स्थान से लगभग १८ किमी उपर तक उठे थे। नाभिकीय अस्त्र या परमाणु बम एक विस्फोटक युक्ति है जिसकी विध्वंसक शक्ति का आधार नाभिकीय अभिक्रिया होती है। यह नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion) या नाभिकीय विखण्डन (nuclear fission) या इन दोनो प्रकार की नाभिकीय अभिक्रियों के सम्मिलन से बनाये जा सकते हैं। दोनो ही प्रकार की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप थोड़े ही सामग्री से भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। आज का एक हजार किलो से थोड़ा बड़ा नाभिकीय हथियार इतनी ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है जितनी कई अरब किलो के परम्परागत विस्फोटकों से ही उत्पन्न हो सकती है। नाभिकीय हथियार महाविनाशकारी हथियार (weapons of mass destruction) कहे जाते हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध में सबसे अधिक शक्तिशाली विस्फोटक, जो प्रयुक्त हुआ था, उसका नाम 'ब्लॉकबस्टर' (blockbuster) था। इसके निर्माण में तब तक ज्ञात प्रबलतम विस्फोटक ट्राईनाइट्रोटोलुईन (TNT) का 11 टन प्रयुक्त हुआ था। इस विस्फोटक से 2000 गुना अधिक शक्तिशाली प्रथम परमाणु बम था जिसका विस्फोट टी.

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परमाणु अप्रसार संधि

परमाणु अप्रसार संधि (अंग्रेज़ी:नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी) को एनपीटी के नाम से जाना जाता है। इसका उद्देश्य विश्व भर में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के साथ-साथ परमाणु परीक्षण पर अंकुश लगाना है। १ जुलाई १९६८ से इस समझौते पर हस्ताक्षर होना शुरू हुआ। अभी इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुके देशों की संख्या १९0 है। जिसमें पांच के पास आण्विक हथियार हैं। ये देश हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन। सिर्फ पांच संप्रभुता संपन्न देश इसके सदस्य नहीं हैं। ये हैं- भारत, इजरायल, पाकिस्तान द.सुदान और उत्तरी कोरिया। एनपीटी के तहत भारत को परमाणु संपन्न देश की मान्यता नहीं दी गई है। जो इसके दोहरे मापदंड को प्रदर्शित करती है। इस संधि का प्रस्ताव आयरलैंड ने रखा था और सबसे पहले हस्ताक्षर करने वाला राष्ट्र है फिनलैंड। इस संधि के तहत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र उसे ही माना गया है जिसने १ जनवरी १९६७ से पहले परमाणु हथियारों का निर्माण और परीक्षण कर लिया हो। इस आधार पर ही भारत को यह दर्जा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं प्राप्त है। क्योंकि भारत ने पहला परमाणु परीक्षण १९७४ में किया था। उत्तरी कोरिया ने इस सन्धि पर हस्ताक्षर किये, इसका उलंघन किया और फिर इससे बाहर आ गया। .

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परमाणु अस्त्रों से युक्त देशों की सूची

दुनिया में आठ देश हैं जो परमाणु हथियारों को सफलतापूर्वक विस्फोट कर चुके हैं। इन में से पाच देश परमाणु अप्रसार संधि के अंतर्गत परमाणु-हथियार राज्य जाने जाते है; जो है अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, और चीन। परमाणु अप्रसार संधि मे शामील न होने वाले तीन देश जिन्होंने सफलतापूर्वक परमाणु विस्फोट किया है वो है; भारत, उत्तर कोरिया, और पाकिस्तान। उत्तरी कोरिया पहले परमाणु अप्रसार संधि मे शामिल था लेकिन २००३ में वे हट गए। इज़राइल के पास भी परमाणु हथियार होने की व्यापक संभावना जताई जाती है, हालांकि यह इसके बारे में जानबूझकर अस्पष्टता की नीति बनाए रखता है और यह स्वीकार नहीं करता है। और इज़राइल किसी प्रकार के परमाणु परीक्षण आयोजित करने के लिए निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है। .

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पर्यटन

Cairo), मिस्र. Granada) (स्पेन) में है, यूरोप के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। Parthenon) जो एथेंस, में है ग्रीस यूरोप में एक ऐसा प्राचीन स्मारक है जिसे लोग सबसे ज्यादा देखने आते हैं। America) में दूसरा सबसे बड़ा देश है जहाँ लोग सबसे अधिक घूमने आते हैं, दुनिया में इसका १० वां स्थान है। क्रमशः ऐसे स्थान रहें है जहाँ लोग सबसे ज्यादा घूमने जाते हैं। वेटिकन सिटी, दुनिया के ऐसे स्थानों में से एक है जहाँ लोग सबसे ज्यादा घूमने जाते हैं। Niagara Falls), संयुक्त राज्य अमेरिका-कनाडा सीमा, दुनिया के ऐसे स्थानों में से एक है जहाँ लोग सबसे ज्यादा घूमने जाते हैं। Disneyland), टोक्यो, जापान, घूमने के लिए दुनिया के सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है। Statue of Liberty), घूमने के लिए दुनिया के सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है। लंदन, युरोमोनिटर के अनुसार २००६ में एक ऐसा शहर था जहाँ लोग सबसे ज्यादा घूमने जाते थे। पर्यटन एक ऐसी यात्रा (travel) है जो मनोरंजन (recreational) या फुरसत के क्षणों का आनंद (leisure) उठाने के उद्देश्यों से की जाती है। विश्व पर्यटन संगठन (World Tourism Organization) के अनुसार पर्यटक वे लोग हैं जो "यात्रा करके अपने सामान्य वातावरण से बाहर के स्थानों में रहने जाते हैं, यह दौरा ज्यादा से ज्यादा एक साल के लिए मनोरंजन, व्यापार, अन्य उद्देश्यों से किया जाता है, यह उस स्थान पर किसी ख़ास क्रिया से सम्बंधित नहीं होता है। पर्यटन दुनिया भर में एक आरामपूर्ण गतिविधि के रूप में लोकप्रिय हो गया है। २००७ में, ९०३ मिलियन से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के साथ, २००६ की तुलना में ६.६ % की वृद्धि दर्ज की गई। २००७ में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक प्राप्तियां USD ८५६ अरब थी।खंड ६ नं २ विश्व अर्थव्यवस्था में अनिश्चितताओं के बावजूद, २००८ के पहले चार महीनों में आगमन में ५ % की वृद्धि हुई, यह २००७ में समान अवधि में हुई वृद्धि के लगभग समान थी। कई देशों जैसे इजिप्ट, थाईलैंड और कई द्वीप राष्ट्रों जैसे फिजी के लिए पर्यटन बहुत महत्वपूर्ण है, क्यों कि अपने माल और सेवाओं के व्यापार से ये देश बहुत अधिक मात्रा में धन प्राप्त करते हैं और सेवा उद्योग (service industries) में रोजगार के अवसर पर्यटन से जुड़े हैं। इन सेवा उद्योगों में परिवहन (transport) सेवाएँ जैसे क्रूज पोत और टैक्सियाँ, निवास स्थान जैसे होटल और मनोरंजन स्थल और अन्य आतिथ्य उद्योग (hospitality industry) सेवाएँ जैसे रिज़ोर्ट शामिल हैं। .

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पर्सी बिश शेली

पर्सी बयसी शेली (१७९२-१८२२) अंग्रेजी स्वच्छंदतावाद कविता के महान कवि थे। उन्हें आलोचकों द्वारा अंग्रेजी कविता के सर्वेशेष्ठ गीत कवि के रूप मैं माना जाता है। उनकी कविता में तत्कालीन राजनैतिक और सामाजिक दृश्य देखे जा सकते हैं। शेली ने अपने जीवनकाल में अधिक प्रशिद्धि प्राप्त नहीं की लेकिन मृत्यु के बाद उनकी प्रशिद्धि काफी बढ़ गयी।Isadora Duncan, "My Life ", W. W. Norton & Co.,1996, pp.

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पशु चिकित्सा विज्ञान

एक गधे के घाव को साफ करने का तरीका सिखाते हुए पशु-तकनीशियन पशु-चिकित्सा-विज्ञान (Veterinary medicine) में मनुष्येतर जीवों की शरीररचना (anatomy), शरीरक्रिया (physiology), विकृतिविज्ञान (pathology), भेषज (medicine) तथा शल्यकर्म (surgery) का अध्ययन होता है। पशुपालन शब्द से साधारणतया स्वस्थ पशुओं के वैज्ञानिक ढंग से आहार, पोषण, प्रजनन, एवं प्रबंध का बोध होता है। पाश्चात्य देशों में पशुपालन एवं पशुचिकित्सा दोनों भिन्न-भिन्न माने गए हैं पर भारत में ये दोनों एक दूसरे के सूचक समझे जाते हैं। .

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पशुधन

घरेलू भेड़ और एक गाय (बछिया) दक्षिण अफ्रीका में एक साथ चराई करते हुए एक या अधिक पशुओं के समूह को, जिन्हें कृषि सम्बन्धी परिवेश में भोजन, रेशे तथा श्रम आदि सामग्रियां प्राप्त करने के लिए पालतू बनाया जाता है, पशुधन के नाम से जाना जाता है। शब्द पशुधन, जैसा कि इस लेख में प्रयोग किया गया है, में मुर्गी पालन तथा मछली पालन सम्मिलित नहीं है; हालांकि इन्हें, विशेष रूप से मुर्गीपालन को, साधारण रूप से पशुधन में सम्मिलित किया जाता हैं। पशुधन आम तौर पर जीविका अथवा लाभ के लिए पाले जाते हैं। पशुओं को पालना (पशु-पालन) आधुनिक कृषि का एक महत्वपूर्ण भाग है। पशुपालन कई सभ्यताओं में किया जाता रहा है, यह शिकारी-संग्राहक से कृषि की ओर जीवनशैली के अवस्थांतर को दर्शाता है। .

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पश्चिमी देशों में संस्कृत

पश्चिमी जगत में संस्कृत का अध्ययन १७वीं शताब्दी में आरम्भ हुआ। भर्तृहरि के कुछ काव्यों का सन् १६५१ में पुर्तगालियों ने अनुवाद किया। सन् १७७९ में विवादार्णवसेतु नामक एक विधिक संहिता का नाथानियल ब्रासी हल्हेड (Nathaniel Brassey Halhed) ने पारसी अनुवाद से अनुवाद किया। इसे 'अ कोड ऑफ गेन्टू लाज़' (A Code of Gentoo Laws) नाम दिया। 1785 में चार्ल्स विकिंस (Charles Wilkins) ने भगवद्गीता का अंग्रेजी में अनुवाद प्रकाशित किया। शायद यही पहली बार था जब संस्कृत ग्रन्थ का सीधे किसी यूरोपीय भाषा में अनुवाद हुआ। .

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पश्चिमी संस्कृति

पश्चिमी संस्कृति (जिसे कभी-कभी पश्चिमी सभ्यता या यूरोपीय सभ्यता के समान माना जाता है), यूरोपीय मूल की संस्कृतियों को सन्दर्भित करती है। यूनानियों के साथ शुरू होने वाली पश्चिमी संस्कृति का विस्तार और सुदृढ़ीकरण रोमनों द्वारा हुआ, पंद्रहवी सदी के पुनर्जागरण एवं सुधार के माध्यम से इसका सुधार और इसका आधुनिकीकरण हुआ और सोलहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी तक जीवन और शिक्षा के यूरोपीय तरीकों का प्रसार करने वाले उत्तरोत्तर यूरोपीय साम्राज्यों द्वारा इसका वैश्वीकरण हुआ। दर्शन, मध्ययुगीन मतवाद एवं रहस्यवाद, ईसाई एवं धर्मनिरपेक्ष मानवतावाद की एक जटिल श्रृंखला के साथ यूरोपीय संस्कृति का विकास हुआ। ज्ञानोदय, प्रकृतिवाद, स्वच्छंदतावाद (रोमेन्टिसिज्म), विज्ञान, लोकतंत्र और समाजवाद के प्रयोगों के साथ परिवर्तन एवं निर्माण के एक लंबे युग के माध्यम से तर्कसंगत विचारधारा विकसित हुई.

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पसीने की बीमारी

पसीने की बीमारी, जिसे "अंग्रेज़ी Sweating Sickness " (sudor anglicus) के नाम से भी जाना जाता है, एक रहस्यमय और उच्च विषमय रोग था, जिससे 1485 में शुरु होने वाली महामारी की श्रृंखला में, इंग्लैंड और बाद में महाद्वीपीय यूरोप अत्यधिक प्रभावित हुआ। इसका अंतिम प्रकोप 1551 में आया था, जिसके बाद स्पष्टतया रोग गायब हो गया। लक्षणों की शुरुआत नाटकीय और आकस्मिक थी, जिसमें मौत एक घंटे के अंदर हो जाती थी। इसका कारण अब भी अज्ञात है। हंटा वायरस को इसका एक कारण माना जाता रहा है। .

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पहला विश्व युद्ध

पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं। यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया) तथा इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध कहते हैं। पहला विश्व युद्ध लगभग 52 माह तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था। क़रीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अंदाज़न एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए। इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे। विश्व युद्ध ख़त्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी (हैप्सबर्ग) और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएँ फिर से निर्धारित हुई और अमेरिका निश्चित तौर पर एक 'महाशक्ति ' बन कर उभरा। .

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पहेली

किसी व्यक्ति की बुद्धि या समझ की परीक्षा लेने वाले एक प्रकार के प्रश्न, वाक्य अथवा वर्णन को पहेली (Puzzle) कहते हैं जिसमें किसी वस्तु का लक्षण या गुण घुमा फिराकर भ्रामक रूप में प्रस्तुत किया गया हो और उसे बूझने अथवा उस विशेष वस्तु का ना बताने का प्रस्ताव किया गया हो। इसे 'बुझौवल' भी कहा जाता है। पहेली व्यक्ति के चतुरता को चुनौती देने वाले प्रश्न होते है। जिस तरह से गणित के महत्व को नकारा नहीं जा सकता, उसी तरह से पहेलियों को भी नज़रअन्दाज नहीं किया जा सकता। पहेलियां आदि काल से व्यक्तित्व का हिस्सा रहीं हैं और रहेंगी। वे न केवल मनोरंजन करती हैं पर दिमाग को चुस्त एवं तरो-ताजा भी रखती हैं। .

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पाब्लो नेरूदा

thumb पाब्लो नेरूदा(पाबलो नरूडा या पाब्लो नेरुदा) (१२ जुलाई १९०४-२३ सितंबर १९७३) का जन्म मध्य चीली के एक छोटे-से शहर पराल में हुआ था। उनका मूल नाम नेफ्ताली रिकार्दो रेइस बासोल्ता था। वे स्वभाव से कवि थे और उनकी लिखी कविताओं के विभिन्न रंग दुनिया ने देखे हैं। एक ओर उन्होंने उन्मत्त प्रेम की कविताएँ लिखी हैं दूसरी तरफ कड़ियल यथार्थ से ओतप्रोत। कुछ कविताएँ उनकी राजनीतिक विचारधारा की संवाहक नज़र आती हैं। उनका पहला काव्य संग्रह 'ट्वेंटी लव पोयम्स एंड ए साँग ऑफ़ डिस्पेयर' बीस साल की उम्र में ही प्रकाशित हो गया था। नेरूदा को विश्व साहित्य के शिखर पर विराजमान करने में योगदान सिर्फ उनकी कविताओं का ही नहीं बल्कि उनके बहुआयामी व्यक्तित्व का भी था। वो सिर्फ़ एक कवि ही नहीं बल्कि राजनेता और कूटनीतिज्ञ भी थे और लगता है वो जब भी क़दम उठाते थे रोमांच से भरी कोई गली कोई सड़क सामने होती थी। चिली के तानाशाहों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के बाद उन्हें अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ना पड़ा। इटली में जहां शरण ली वहां भी प्रशासन के साथ आंख मिचौली खेलनी पड़ी। नेरूदा की विश्व प्रसिद्ध रचनाएँ 'माच्चु पिच्चु के शिखर' और 'कैंटो जनरल' ने विश्व के कई कवियों को प्रभावित किया और अशोक वाजपेयी मानते हैं कि उन्होंने पचास और साठ के दशक में भारतीय कवियों की सोच पर अपनी गहरी छाप छोड़ी थी। १९७० में चिली में सैलवाडॉर अलेंदे ने साम्यवादी सरकार बनाई जो विश्व की पहली लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई साम्यवादी सरकार थी। अलेंदे ने १९७१ में नेरूदा को फ़्रांस में चिली का राजदूत नियुक्त किया। और इसी वर्ष उन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिला। १९७३ में चिली के सैनिक जनरल ऑगस्टो पिनोचे ने अलेंदे सरकार का तख्ता पलट दिया। इसी कार्रवाई में राष्ट्रपति अलेंदे की मौत हो गई और आने वाले दिनों में अलेंदे समर्थक हज़ारों आम लोगों को सेना ने मौत के घाट उतार दिया। कैंसर से बीमार नेरूदा चिली में अपने घर में बंद इस जनसंहार के ख़त्म होने की प्रार्थना करते रहे। लेकिन अलेंदे की मौत के १२ दिन बाद ही नेरूदा ने दम तोड़ दिया। सेना ने उनके घर तक को नहीं बख़्शा और वहाँ की हर चीज़ को तोड़ फोड़ कर एक कर दिया। परिणामस्वरूप इस घर से उनके कुछ दोस्त उनका जनाज़ा लेकर निकले। लेकिन सैनिक कर्फ़्यू के बावजूद हर सड़क के मोड़ पर आतंक और शोषण के ख़िलाफ़ लड़नेवाले इस सेनानी के हज़ारों चाहने वाले काफ़िले से जुड़ते चले गए। रुँधे हुए गलों से एक बार फिर उमड़ पड़ा साम्यवादी शक्ति का वो गीत जो नेरूदा ने कई बार इन लोगों के साथ मिल कर गाया था- "एकजुट लोगों को कोई ताक़त नहीं हरा सकती..." .

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पाम डओर पुरस्कार

द पाम डओर पुरस्कार (स्वर्णीम हाथ) कान फ़िल्मोत्सव में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। आयोजन समिति ने इसका १९५५ में प्रस्ताव रखा था। १९३९ से १९५४ तक सर्वोच्च पुरस्कार ग्रांड प्रिक्स डु फेस्टिवल इंटरनेशनल दु फ़िल्म होता था। १९६४ में इसे एक बार पुनः ग्रांड प्रिक्स डु फेस्टिवल इंटरनेशनल दु फ़िल्म प्रतिस्थापित कर दिया गया था। १९७४ तक आते आते इसे पुनः स्थापित कर दिया गया। .

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पार्क डेस प्रिंसेस

पार्क डेस प्रिंसेस, पेरिस, फ्रांस के दक्षिण पश्चिम में स्थित एक फुटबॉल स्टेडियम है। स्थल, 48,712 दर्शकों के बैठने की क्षमता है, 1973 के बाद से फ्रेंच फुटबॉल क्लब पेरिस सेंट-जर्मेन के घर है। स्टेडियम राजा का शिकार के मैदान के नाम पर है, यह शुरू में 18 जुलाई 1897 पर एक बहु प्रयोजन के स्थल के रूप में खोला गया था। पार्क डेस प्रिंसेस फ्रांस में चौथा सबसे बड़ा फुटबॉल स्टेडियम है। मूल रूप से एक वेलोड्रम था, जनरल चार्ल्स डी गॉल 1960 के अंत में ट्रैक ध्वस्त कर देने का आदेश दिया, जब तक यह 1903 में पहली घटना से टूर डी फ्रांस की फिनिश लाइन थी। उन्होंने कहा कि पार्क डेस प्रिंसेस 60,000 के तहत सीटों की क्षमता के साथ फुटबॉल और रग्बी खेल के लिए समर्पित होना चाहिए कि 1967 में फैसला किया। स्टेडियम, स्टेड डी फ्रांस के निर्माण से पहले फ्रांस के शुरू में राष्ट्रीय स्टेडियम था। स्टेडियम और मैदान पेरिस नगर परिषद के स्वामित्व में हैं। .

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पाल सिनाक

पाल सिनाक कुएँ पर औरतें (१८९२) पाल सिनाक (Paul Victor Jules Signac; फ्रांसीसी:; १८६३-१९३५) फ्रांसीसी चित्रकार था। .

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पाल सेजान

पाल सेजान फ्रांस के महान चित्रकार हैं | .

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पाल गोग्वं

पाल गोग्वं फ्रांस के महान चित्रकार हैं | .

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पाल इल्यार

पाल इल्यार (14 दिसम्बर 1895 – 26 नवम्बर 1952) फ्रांस के एक कवि थे। .

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पिएर जोसेफ प्रूधों

300px पिएर जोसेफ प्रूधों (Pierre Joseph Proudhon; १८०९-१८६५) फ्रांसीसी अराजकतावादी विचारक था। .

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पितृ दिवस

फादर्स डे पिताओं के सम्मान में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला पर्व हैं जिसमे पितृत्व (फादरहुड), पितृत्व-बंधन तथा समाज में पिताओं के प्रभाव को समारोह पूर्वक मनाया जाता है। अनेक देशों में इसे जून के तीसरे रविवार, तथा बाकी देशों में अन्य दिन मनाया जाता है। यह माता के सम्मान हेतु मनाये जाने वाले मदर्स डे(मातृ-दिवस) का पूरक है। .

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पितृमेध

पितृमेध या अन्त्यकर्म या अंत्येष्टि या दाह संस्कार 16 हिन्दू धर्म संस्कारों में षोडश आर्थात् अंतिम संस्कार है। मृत्यु के पश्चात वेदमंत्रों के उच्चारण द्वारा किए जाने वाले इस संस्कार को दाह-संस्कार, श्मशानकर्म तथा अन्त्येष्टि-क्रिया आदि भी कहते हैं। इसमें मृत्यु के बाद शव को विधी पूर्वक अग्नि को समर्पित किया जाता है। यह प्रत्एक हिंदू के लिए आवश्यक है। केवल संन्यासी-महात्माओं के लिए—निरग्रि होने के कारण शरीर छूट जाने पर भूमिसमाधि या जलसमाधि आदि देने का विधान है। कहीं-कहीं संन्यासी का भी दाह-संस्कार किया जाता है और उसमें कोई दोष नहीं माना जाता है। .

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पियर द फर्मा

पियरे द फर्मा पियरे द फेर्मा (Pierre De Fermat; १७ अगस्त १६०१ ई. - १२ जनवरी १६६५ ई.) फ्रांसीसी वकील एवं गणितज्ञ थे। फर्मा का जन्म १७ अगस्त १६०१ ई. को बोमॉन्ट द लोमाग्ने में हुआ था। फर्मा अपने अंतिम प्रमेय के कारण अधिक प्रसिद्ध हो गए। इन्होंने अंतिम प्रमेय में बताया कि xn+yn.

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पियरे डे कोबेर्टिन

पियरे फ्रेडे, बैरोन डे कोबेर्टिन (फ्रेंच उच्चारण:; 1 जनवरी 1863 – 2 सितम्बर 1937) एक फ्रांसीसी शिक्षाशास्री और इतिहासकार थे, अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के संस्थापक और आधुनिक ओलंपिक खेलों के जनक मानें जाते हैं। फ्रांसीसी कुलीन परिवार में जन्में, पियरे फ्रेडे शैक्षणिक बनें व व्यापक श्रेणी के विषयों का अध्ययन किया, सबसे उल्लेखनीय रूप से शिक्षा और इतिहास। .

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पियरे ओग्युस्त रेन्वार

पियरे ओग्युस्त रेन्वार फ्रांस के महान चित्रकार हैं। .

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पियाना

पियाना फ्रांस के कोर्स नामक द्वीप के कोर्स-डु-सूद नामक डिपार्टमेंट की एक कम्यून है। .

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पियेर सिमों लाप्लास

पियेर सिमों लाप्लास पियेर सिमों लाप्लास (Pierre Simon Laplace, १७४९ ई. - १८२७ ई.) फ्रांसीसी गणितज्ञ, भौतिकशास्त्री तथा खगोलविद थे। लाप्लास का जन्म २८ मार्च १७४९ ई., को एक दरिद्र किसान के परिवार में हुआ। इनकी शिक्षा धनी पड़ोसियों की सहायता से हुई। .

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पिरिनी पर्वत शृंखला

पिरिनी पर्वत शृंखला (स्पेनी: Pirineos, फ़्रान्सीसी: Pyrénées) द्क्षिणपश्चिमी यूरोप में स्पेन और फ़्रान्स की सीमा पर स्थित एक पर्वतमाला है। यह इबेरिया प्रायद्वीप को यूरोप के महाद्वीप के अन्य भागों से अलग करती है। पिरिनी पहाड़ों की पंक्तियाँ पूर्वोत्तर में बिस्के खाड़ी से लेकर दक्षिणपूर्व में भूमध्य सागर तक ४९१ किमी चलती हैं। अन्दोरा का नन्हा सा देश इन्ही पर्वतों में स्थित है।, Kev Reynolds, pp.

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पवन ऊर्जा

बहती वायु से उत्पन्न की गई उर्जा को पवन ऊर्जा कहते हैं। वायु एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। पवन ऊर्जा बनाने के लिये हवादार जगहों पर पवन चक्कियों को लगाया जाता है, जिनके द्वारा वायु की गतिज उर्जा, यान्त्रिक उर्जा में परिवर्तित हो जाती है। इस यन्त्रिक ऊर्जा को जनित्र की मदद से विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। पवन ऊर्जा (wind energy) का आशय वायु से गतिज ऊर्जा को लेकर उसे उपयोगी यांत्रिकी अथवा विद्युत ऊर्जा के रूप में परिवर्तित करना है। .

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पुदुच्चेरी

पुदुच्चेरी, (पहले पॉन्डिचेरी), भारत गणराज्य का एक केन्द्र शासित प्रदेश है। पहले पुदुच्चेरी एक फ्रांसीसी उपनिवेश था जिसमे ४ पृथक जिलों का समावेश था। पुदुच्चेरी का नाम पॉन्डिचरी इसके सबसे बड़े जिले पुदुच्चेरी के नाम पर पड़ा था। सितम्बर २००६ में पॉन्डिचरी का नाम आधिकारिक रूप से बदलकर पुदुच्चेरी कर दिया गया जिसका कि स्थानीय तमिल में अर्थ नया गाँव होता है। भारत का यह क्षेत्र लगभग ३०० वर्षों तक फ्रांसीसी अधिकार में रहा है और आज भी यहां फ्रांसीसी वास्तुशिल्प और संस्कृति देखने को मिल जाती है। पुराने समय में यह फ्रांस के साथ होने वाले व्यापार का मुख्य केंद्र था। आज अनेक पर्यटक इसके सुंदर समुद्र तटों और तत्कालीन सभ्यता की झलक पाने के लिए यहां आते हैं। केवल पर्यटन की दृष्टि से ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से भी यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। इस कारण प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। .

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पुनर्जागरण

फ्लोरेंस पुनर्जागरण का केन्द्र था पुनर्जागरण या रिनैंसा यूरोप में मध्यकाल में आये एक संस्कृतिक आन्दोलन को कहते हैं। यह आन्दोलन इटली से आरम्भ होकर पूरे यूरोप फैल गया। इस आन्दोलन का समय चौदहवीं शताब्दी से लेकर सत्रहवीं शताब्दी तक माना जाता है।.

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पुस्तकालय का इतिहास

आधुनिक भारत में पुस्तकालयों का विकास बड़ी धीमी गति से हुआ है। हमारा देश परतंत्र था और विदेशी शासन के कारण शिक्षा एवं पुस्तकालयों की ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया गया। इसी से पुस्तकालय आंदोलन का स्वरूप राष्ट्रीय नहीं था और न इस आंदोलन को कोई कानूनी सहायता ही प्राप्त थीं। बड़ौदा राज्य का योगदान इस दिशा में प्रशंसनीय रहा है। यहाँ पर 1910 ई. में पुस्तकालय आंदोलन प्रारंभ किया गया। राज्य में एक पुस्तकालय विभाग खोला गया और पुस्तकालयों चार श्रेणियों में विभक्त किया गया- जिला पुस्तकालय, तहसील पुस्तकालय, नगर पुस्तकालय, एवं ग्राम पुस्तकालय आदि। पूरे राज्य में इनका जाल बिछा दिया गया था। भारत में सर्वप्रथम चल पुस्तकालय की स्थापना भी बड़ौदा राज्य में ही हुई। श्री डब्ल्यू.

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प्यूज़ो

प्यूज़ो एक प्रमुख फ्रांसीसी कार ब्रांड है, जो यूरोप में आधारित दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता PSA प्यूज़ो, सिट्रोएन का हिस्सा है। मौजूदा प्युजो कम्पनी से पहले जो पारिवारिक व्यवसाय था उसकी स्थापना 1810 को की गयी थी। 20 नवम्बर 1858 को, एमिल प्युजो ने शेर वाले ट्रेडमार्क के लिए आवेदन किया। 1891 में कम्पनी ने अपने पहले ऑटोमोबाइल का उत्पादन किया। परिवारिक कलह के कारण, आर्मंड प्यूज़ो ने 1896 में Société des ऑटोमोबाइल प्यूज़ो की स्थापना की.

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प्रतिस्पर्धात्मक समझ

प्रतिस्पर्धात्मक समझ (जानकारी), व्यापक तौर पर किसी संगठन के अधिकारियों और प्रबंधकों द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करने के लिए आवश्यक परिवेश के किसी भी पहलू, उत्पादों, ग्राहकों और प्रतिस्पर्धियों के बारे में समझ (जानकारी) को परिभाषित, एकत्रित, विश्लेषित और वितरित करने की क्रिया है। इस परिभाषा के मुख्य बिंदु.

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प्रथम फ्रांसीसी साम्राज्य

प्रथम फ्रांसीसी साम्राज्य (फ्रेंच: Empire Français), फ्रांस के सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट का साम्राज्य था जो १९वीं शताब्दी के आरम्भ में महाद्वीपीय यूरोप की सर्वप्रमुख शक्ति था। श्रेणी:यूरोप का इतिहास श्रेणी:फ़्रांस का इतिहास.

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प्रथम हिन्दचीन युद्ध

प्रथम हिन्दचीन युद्ध, फ्रांस और वियत मिन्ह के बीच १९४० से १९५४ तक चला। वियतनामी लोग हिन्दचीन पर फ्रांस के पुनः कब्जे से स्वतंत्रता चाहते थे। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका भी फ्रांस की सहायता कर रहा था। अन्ततः १९५४ में फ्रांस की पराजय हुई, चार देश स्वतंत्र हुए- उत्तरी वियतनाम, दक्षिणी वियतनाम, कम्बोडिया तथा लाओस। (इंडो-चाइना) द्वीप 1850 के दशक से फ्रांस का उपनिवेश था। उस समय हिन्दचीन के अन्तर्गत आज के वियतनाम (उत्तरी एवं दक्षिणी), कम्बोडिया, लाओस आते थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इस पर जापान ने कब्जा कर लिया था। युद्ध के बाद फ्रांसीसी दक्षिणपूर्वी एशिया पर अपना साम्राज्य फिर से स्थापित करना चाहते थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद वियतनामी जनता अपनी स्वाधीनता चाहती थी। फ्रांसीसियों ने उनकी स्वाधीनता की मांग को अस्वीकार करके उस पर कब्जा कर लिया। वियतनामी जनता ने 1940 से लेकर 1954 तक फ्रांसीसियों के विरुद्ध राष्ट्रीय मुक्ति युद्ध चलाया और 1954 में फ्रांसीसियों को पराजित करके उन्हें वहां से भगा दिया। .

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प्रथम क्रूसयुद्ध

प्रथम क्रूसयुद्ध की सफलता: येरूसलम पर कब्जा प्रथम क्रूसयुद्ध (First Crusade (1096–1099)) पश्चिमी इसाई मतावलम्बियों द्वारा की गयी सैनिक कार्यवाही थी जो मुसलमानों द्वारा जीते गये पवित्र स्थानों को पुनः प्राप्त करने के उद्देश्य से की गयी थी। इसका आरम्भ 27 नवम्बर 1095 हुआ था। .

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प्रभावक्षेत्र

यह कार्टून 'मोनोरो डॉक्ट्रिन' के बाद लैटिन अमेरिका पर यूएएस के प्रभाव को रेखांकित कर रहा है। अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध की दृष्टि से १९८० में प्रभाव क्षेत्र; '''लाल'''- सोवियत संघ; '''नीला'''- अमेरिका अंतर्देशीय व्यवहारनुकूल कुछ समय पूर्व प्रभावक्षेत्र (Sphere of Influence) प्रथा मान्य थी। औपनिवेशिक शक्तियाँ पारस्परिक सुविधा के हेतु, कुछ प्रदेशों को एक देशविशेष के उपनिवेशन के लिये भविष्य में सुरक्षित मान लेतीं अर्थात् ऐसे प्रदेशों में उस देश के अतिरिक्त किसी अन्य राज्यशक्ति को औपनिवेशिक शोषण या सत्ताप्रसार का अधिकार नहीं रहता। फलत: संबंधित पक्ष कालांतर में अंतर्देशीय कलह किए बिना अपनी राज्यसत्ता विस्तृत प्रदेशों में स्थापित करते। इस प्रकार का अधिकार प्रयोग 19वीं शताब्दी के अंतिम चरण में विशेषतया हुआ, जबकि दुर्बल एवं पिछड़े हुए देशों का शोषण इतिहास में सबसे प्रचंड और खुले हुए देशों का शोषण इतिहास में सबसे प्रचंड और खुले रूप से हो रहा था। "प्रभावक्षेत्र" प्रथा का आधुनिक अंतरराष्ट्रीय विधि में कोई स्थान या मान्यता नहीं है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के अधिकारपत्र द्वारा संघ के सब सदस्यों को यह आदेश है कि वे अपने अंतर्देशीय व्यवहार में इस बात की अपेक्षा करें कि किसी देश की राजनीतिक स्वतंत्रता तथा प्रादेशिक सर्वसत्ता का हनन बलप्रयोग से या अन्य किसी प्रकार से न हो। संयुक्त राष्ट्रसंघ की न्यासत्व परिषद एक और उपाय है, जिसके अनुसार संसार के दुर्बल और पिछड़े हुए देशों की सुरक्षा और पर्यवेक्षण होता है किंतु यह उन्हीं देशों पर लागू है जिनको औपनिवेशिक स्वामियों ने स्वेच्छा से इस परिषद् के अधिकारक्षेत्र में रखा है। विश्व के जो अन्य देश स्वशासित नहीं हैं, उनकी सुरक्षा के लिये संघ के अधिकारपत्र का आदेश है कि इन प्रदेशों के औपनिवेशिक शासक वहाँ के निवासियों के हितार्थ अधिक से अधिक प्रयत्नशील और सक्रिय होने के लिये बाध्य हैं। यह सुरक्षा प्रणाली कहाँ तक सफल हुई है, यह कहना कठिन है। यदि प्रभावक्षेत्र प्रथा के अनुसार प्रमुख शक्तियाँ 19वीं शताब्दी में अपनी राज्य शक्ति का विस्तार करती थीं, तो आज इस प्रथा के न होते हुए भी शक्तिसंपन्न राज्य किसी न किसी प्रकार दुर्बल देशों पर अपना स्वामित्व स्थापित करते रहते हैं। अंतराष्ट्रीय संघ के सुरक्षा नियमों और बंधनों द्वारा बाध्य राज्य शक्तियाँ भी सत्ता विस्तार में सतत प्रयत्नशील एवं तत्पर रहती रही हैं और हैं। सत्ताविस्तार का रूप अवश्य बदल गया है। जिस प्रकार प्रभावक्षेत्र प्रथा के अनुसार ब्रिटेन ने इटली, जर्मनी तथा फ्रांस के क्रमश: 1890, 1891, 1886, 1890 तथा 1890 तथा 1896 ई. में संधि स्थापित कर भविष्य में अपने लिये प्रदेश सुरक्षित किए, वैसे शोषण संबंधी स्पष्ट समझौते आज असंभव हैं, किंतु अनेक चतुर राजनीतिक योजनाएँ हैं जिनके द्वारा अधिकारविस्तार होता है। कुछ संधियाँ नियोजित होती हैं, जिनसे आर्थिक और सैन्य संबंधी परिहार प्राप्त किए जाते हैं। उदाहरणार्थ, संयुक्त राज्य अमरीका ने 19वीं तथा इस शताब्दी के आरंभ में लैटिन अमरीकी देशों से संधियाँ कीं, जिनसे उनके प्राकृतिक संसाधनों का शोषण संभव हुआ। इनके साक्षी रूप हैं दक्षिणी पूर्वी एशियाई संधि संघ तथा वारसा की संधि। 1957 में इंग्लैंड तथा फ्रांस ने मिस्र के ऊपर अभ्याक्रमण किया तथा मिस्र एवं इजराइल के मध्य शांति और सुरक्षा स्थापित करना, इस आक्रमण का उद्देश्य बताया। किंतु इसके भीतर इंग्लैंड और फ्रांस का गूढ़ स्वार्थ निहित था, इस प्रकार वे दोनों स्वेज नहर के समीपवर्ती प्रदेश पर अपना अधिकार स्थापित करना चाहते थे। कभी कभी कोई देश एक पार्श्विक घोषणा करके भी प्रभुत्व अधिकार स्थापित करते है, भविष्य में किसी यूरोपीय शक्ति द्वारा उपनिवेश के विषय नहीं विचार किए जाएँगे।" इन बहु उपायों द्वारा परोक्ष और अपरोक्ष रूप से शक्तिशाली देश दुर्बल देशों का जो शोषण करते हैं उसमें एक प्रकार से "प्रभावक्षेत्र" प्रथा की अनुकूलता कही जा सकती है। वैसे यह सिद्धांत अक्षरश: जिस रूप में पहले प्रचलित और मान्य था वह मिट चुका है। आज कोई प्रदेश किसी देशविशेष की प्रभुता और शोषण के लिये सुरक्षित नहीं माना जाता। .

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प्रमुख धार्मिक समूह

दुनिया के प्रमुख धर्म और आध्यात्मिक परम्पराओं को कुछ छोटे प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है, हालांकि यह किसी भी प्रकार से एकरूप परिपाटी नहीं है। 18 वीं सदी में यह सिद्धांत इस लक्ष्य के साथ शुरू किया गया कि समाज में गैर यूरोपीय सभ्यता के स्तर की पहचान हो। धर्मों की और अधिक व्यापक सूची और उनके मूल रिश्तों की रूपरेखा के लिए, कृपया धर्मों की सूची लेख देखें.

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प्रसारण

श्रब्य और/अथवा विडियो संकेतों को एक स्थान से सभी दिशाओं में, या किसी एक दिशा में फैलाना प्रसारण (Broadcasting) कहलाता है। दूरस्थ स्थानों पर इन संकेतों को उपयुक्त विधि से ग्रहण किया जाता है एवं आवश्यक परिवर्तनों (प्रवर्धन, डीमोडुलेशन आदि) के बाद कोई श्रब्य या विडियो आदि प्राप्त होता है। .

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प्रांत

प्रान्त एक प्रादेशिक इकाई है, जो कि लगभग हमेशा ही एक देश या राज्य के अंतर्गत एक प्रशासकीय खंड होता है। .

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प्रकाशस्तम्भ

सन् १९०९ में फिनलैण्ड में दीपस्तम्भों के विभिन्न शिल्प दीपस्तंभ, दीपघर, या प्रकाशस्तंभ (Light house), समुद्रतट पर, द्वीपों पर, चट्टानों पर, या नदियों और झीलों के किनारे प्रमुख स्थानों पर जहाजों के मार्गदर्शन के लिए बनाए जाते हैं। इनसे रात के समय प्रकाश निकलता है। यह किसी भी प्रणाली से प्रकाश किरण प्रसारित करती है। पुराने समय में आग जला कर यह काम होते थे, क्योंकि वर्तमान समय में विद्युत एवं अन्य कई साधन हैं। इसका उद्देश्य सागर में जहाजों के चालकों या नाविकों को खतरनाक चट्टानों से आगाह करना होता है। ये पथरीली तटरेखा, खतरनाक चट्टानों व बंदरगाहों की सुरक्षित प्रवेश को सूचित करने के लिए होते हैं। पहले काफी प्रयोग होते रहे इन प्रकाश दीपों का प्रयोग इनके महंगे अनुरक्षण एवं जी पी आर एस तकनीक सहित अन्य उन्नत सुविधाओं के आने से बहुत ही कम हो गया है। .

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प्रेम-प्रतिमा

प्रेम-प्रतिमा एक प्रकार का मानव-आकार कामोत्तेजक उपकरण होता है। लिंग, योनि एवं/अथवा गुदा युक्त इस साधन का प्रयोग स्वतःमैथुन के लिए किया जाता है। सामान्यतः प्रेम-प्रतिमा एक संपूर्ण देह-रुपी पुतली होती है, परन्तु कुछ पुतलियों में केवल धड़, शीर्ष या अन्य आंशिक अंग ही होते हैं। कुछ पुतलियों में विभिन्न भागों को निकाला या लगाया जा सकता हैं। .

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प्वाइंट ब्रेक (२०१५ फ़िल्म)

प्वाइंट ब्रेक (अंग्रेजी; Point Break) वर्ष २०१५ की एक्शन थ्रिलर फ़िल्म है जिसका निर्देशन एरिक्सन काॅर और लेखन कर्ट विमर ने किया है साथ ही जाॅन बैल्डेची, ब्रोडेरिक जाॅनसन, एंड्रयू ए. कोसोवे, क्रिस्टोफर टायलर और डेविड वैल्डस के साथ सह-निर्माण में शामिल हैं। इस फ़िल्म का निर्माण, अमेरिकी-जर्मन-चीनी की सह-निर्माता कंपनी ने किया है, जो इसी नाम की १९९१ की रिलीज रिक किंग एवं डब्ल्यू.

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पैराशूट

पैराशूट की सहायता से जमीन पर उतरता एक सैनिक दुनिया में पहला व्यावहारिक रूप से सफल पैराशूट बनाने का श्रेय फ्रांसीसी नागरिक लुइ सेबास्तियन लेनोर्मां को जाता है, जिन्होंने वर्ष १७८३ में इसका पहली बार सार्वजनिक प्रदर्शन किया था। हालांकि पंद्रहवीं सदी के दौरान लिओनार्दो दा विंची ने सबसे पहले पैराशूट की कल्पना करते हुए इसका रेखाचित्र भी तैयार किया था। दा विंची की इस डिजाइन से प्रेरणा लेकर फॉस्ट ब्रांसिस ने वर्ष १६१७ में एक सख्त फ्रेम वाला पैराशूट पहनकर वेनिस टॉवर से छलांग लगाई थी। उन्होंने अपने इस पैराशूट को होमो वोलंस नाम दिया था। हालांकि आपातकाल में पैराशूट के इस्तेमाल का पहला प्रयोग १७८५ में फ्रांसीसी नागरिक ज्यां पियरे ब्लांचार्ड ने किया था, जिन्होंने ऊंचाई पर तैर रहे एक हॉट एयर बैलून से एक कुत्ते को पैराशूट बंधी टोकरी के जरिए नीचे गिराया था। ब्लांचार्ड ने ही पहली बार सिल्क के कपड़े से तह करने लायक पैराशूट तैयार किया था। इसे इस्तेमाल करना भी आसान था। १७९७ में फ्रांस के आंद्रे गार्नेरिन ने पहली बार इसी तरह के पैराशूट के जरिए सफल जंप को अंजाम दिया था। गार्नेरिन ने कंपन कम करने के इरादे से इसमें कुछ और सुधार किया और इस तरह पहला छिद्रित पैराशूट अस्तित्व में आया। श्रेणी:सैन्य उपकरण श्रेणी:खेल के उपकरण.

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पैरिस संधि

28 फ़रवरी 1951 पेरिस संधि ने यूरोपीय कोयला और स्टील संगठन (ईसीएससी) का गठन हुआ। इस पर छह देशों-फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड, लक्ज़मबर्ग और इटली ने हस्ताक्षर किए। कोयला और स्टील उद्योगों की देखभाल के लिए एक उच्च दर्जे का प्राधिकरण बनाया गया। इस प्राधिकरण के अधिकारों को संतुलित करने के लिए जर्मनी के समर्थन से नीदरलैंड ने एक मंत्रि परिषद के गठन पर भी ज़ोर दिया जिसमें सदस्य देशों से मंत्री शामिल किए जाएं.

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पूर्वकाल में विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के सकल घरेलू उत्पाद

१००० ई से आजतक विश्व के विभिन्न भागों के सकल घरेलू आय का परिवर्तन .

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पूर्वी समस्या

राजनय के इतिहास में पूर्वी समस्या या प्राच्य समस्या (Eastern Question) से आशय उस्मानी साम्राज्य के कमजोर होने पर यूरोप की महाशक्तियों के बीच उपजे रणनीतिक स्पर्धा एवं राजनैतिक स्थिति से है। १८वीं शताब्दी के अन्त से लेकर २०वीं शताब्दी के अन्त तक उस्मानी साम्राज्य राजनैतिक एवं आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा था। इसे 'यूरोप का रोगी' (sick man of Europe) कहते थे। 'पूर्वी समस्या' के अन्तर्गत एक-दूसरे से जुड़ी अनेकों समस्याएँ थीं, जैसे उस्मानी साम्राज्य की सैनिक पराजय, संस्थानों का दिवाला, उस्मानी साम्राज्य के राजनैतिक एवं आर्थिक आधुनीकरण का अभाव, प्रान्तों में सामाजिक-धार्मिक राष्ट्रीयता का उदय, तथा महाशक्तियों की आपसी प्रतिद्वन्द्विता। पूर्वी समस्या यूरोप के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित तुर्की साम्राज्य की ईसाई जनता की आजादी की समस्या थी। वस्तुतः पतनोन्मुख तुर्की साम्राज्य ने यूरोप के इतिहास में 19वीं शताब्दी में जिस समस्या को जन्म दिया उसे पूर्वी समस्या कहते हैं। यह बहुत ही जटिल, उलझी हुई तथा विभिन्न देशों के परस्पर विरोधी हितों से सम्बन्धित थी। इस समस्या ने प्रथम युद्ध की पृष्ठभूमि का कार्य किया। इतिहासकार सी.डी.

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पेरिस

पेरिस (फ़्रांसीसी: Paris, फ़्रांसिसी उच्चारण: पारी) फ़्रांस का सबसे बड़ा नगर और उसकी राजधानी है। यह 105 वर्ग किलोमीटर (41 वर्ग मील) में फैला हुआ है, और इसकी प्रशासनिक सीमा के भीतर 2015 में 22,29,621 की आबादी थी। 17वीं शताब्दी में पेरिस, यूरोप में वित्त, वाणिज्य, फैशन, विज्ञान और कला के प्रमुख केंद्रों में से एक बना, और यह आज भी उस स्थिति को बरकरार रखता है। 2012 में पेरिस क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद 649.6 अरब यूरो (763.4 अरब अमेरिकी डॉलर) था, जो कि पूरे फ्रांस के सकल घरेलू उत्पाद का 30.4 प्रतिशत होता है। इसे दुनिया के सबसे सुन्दर नगरों में से एक और दुनिया की फ़ैशन और ग्लैमर राजधानी माना जाता है। पेरिस के शहर को सेन नदी के किनारे एक निर्मित क्षेत्र के केंद्र के रूप में बनाया गया था, जोकि अब प्रशासनिक सीमाओं से परे भी फैल चुकी है। 2013 की जनगणना के अनुसार पेरिस शहर की आबादी 10,601,122 है, जो इसे यूरोपीय संघ में सबसे बड़ा बनाता है। वही इसके महानगरीय क्षेत्र की अबादी 12,405,426 है, जोकि फ्रांस की कुल आबादी का पांचवाँ हिस्सा है। और साथ लंदन के बाद, यूरोपीय संघ में दूसरा सबसे बड़ा महानगर क्षेत्र है। पेरिस-चार्ल्स डी गॉल (2014 में 63.8 मिलियन यात्रियों के साथ लंदन हीथ्रो विमानक्षेत्र के बाद यूरोप में दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा) और पेरिस-ओरली सहित दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के साथ शहर, रेल, राजमार्ग और हवाई-परिवहन का केंद्र है। 1900 में खोला गया, शहर की मेट्रो प्रणाली (पेरिस मेट्रो) रोजाना 5.23 मिलियन यात्रियों की सेवाएं देती है। मॉस्को मेट्रो के बाद यह यूरोप में दूसरा सबसे व्यस्त मेट्रो प्रणाली है। पेरिस में कई महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संस्थान हैं: इसकी लौवर संग्रहालय दुनिया में सबसे अधिक देखी जाने वाली है; इसकी मुसे डी'ओर्से, फ्रांसिस इंपीरियनिस्ट कला के संग्रह के लिए प्रसिद्ध है, और इसकी पोम्पिडु-केंद्र म्यूसिक नेशनल डी'आर्ट मॉर्डेन, यूरोप में आधुनिक और समकालीन कला का सबसे बड़ा संग्रह है। सेन नदी के साथ शहर के केंद्रीय क्षेत्र को यूनेस्को विरासत स्थल के रूप में वर्गीकृत किया गया है, और नॉट्रे डेम कैथेड्रल, सैंट-चैपल, पुर्व यूनिवर्सल प्रदर्शनी ग्रैंड पैलेस, पेटिट पालिसी और आइफ़िल टावर सहित कई उल्लेखनीय स्मारक शामिल हैं। 2015 में 22.2 मिलियन पर्यटक पेरिस घुमने आये थे, इसके साथ ही यह दुनिया का शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक बन गया। .

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पेरिस सेंट-जर्मेन

पेरिस सेंट-जर्मेन फुटबॉल क्लब, पीएसजी या पेरिस सेंट-जर्मेन के रूप में भी जाना जाता, एक पेशेवर एसोसिएशन फुटबॉल क्लब पेरिस, फ्रांस में आधारित है। क्लब पेरिस एफसी और स्टेड सेंट जर्मेन के विलय के बाद, 12 अगस्त 1970 पर स्थापित किया गया था। पीएसजी 1974 के बाद से लिगुए 1 में खेल रहा है। क्लब 3 लिगुए 1, 8 फ्रांस कप, 3 लीग कप, तीन चैंपियंस ट्रॉफी, एक यूईएफए कप विनर्स कप जीत लिया है। उन्का घर स्टेडियम 1974 के बाद से पार्क डेस प्रिंसेस है। शर्ट सफेद किनारों द्वारा बनाये गये एक लाल केंद्रीय खड़ी पट्टी के साथ नीले रंग की है। कतर निवेश प्राधिकरण 2012 में क्लब के कुल मालिक बन गए। अधिग्रहण के बाद, पेरिस सेंट-जर्मेन फ्रांस में सबसे अमीर क्लब और दुनिया में सबसे अमीर में से एक क्लब बन गया। .

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पेरिस वेधशाला

पेरिस वेधशाला (फ़्रान्सीसी: Observatoire de Paris, ओब्सेरत्वार दे पारी; अंग्रेज़ी: Paris Observatory) फ़्रान्स की सबसे बड़ी और विश्व के एक प्रसिद्ध खगोलीय वेधशाला है। इसकी ऐतिहासिक इमारत पेरिस में सेन्न नदी के बाएँ किनरे पर स्थित है। .

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पेरिस कम्यून

पेरिस कम्यून की 'कमीते-द-सैलूत-पब्लिक' का पोस्टर पेरिस कम्यून (फ्रांसीसी: La Commune de Paris, आईपीए) एक सरकार थी जिसने पेरिस पर 28 मार्च 1871 से 28 मई 1871 तक के संक्षिप्त काल के लिये शासन किया। .

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पेर्पिञां

फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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पोनार्स

ये लम्बवत चौडे मार्ग होते हैं जिनसे होकर छिद्रों अ सन्धियों का जल गुफाओं में प्रवेश करता हैं। फ्रांस मे इन्हे अवेन्स कहते हैं। श्रेणी:भूमिगत जल कृत स्थलाकृति श्रेणी:भूमिगत जल कृत अपरदनात्मक स्थलरुप.

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पोनेन्टी

यह भूमध्य सागरीय क्षेत्रों विशेषकर कोर्सिको तट तथा भूमध्य सागरीय फ्रांस में चलने वाली शुष्क तथा ठंडी धारा हैं। श्रेणी:स्थानीय पवन.

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पोस्टकार्ड

१८९० में प्रयुक्त एक ब्रिटिश पोस्टल कार्डपोस्टकार्ड एक मोटे कागज या पतले गत्ते से बना एक आयताकार टुकड़ा होता है जिसे संदेश लिखने के लिए प्रयोग किया जाता है, साथ ही इसे बिना किसी लिफाफे में बंद किये, डाक द्वारा भेजा भी जा सकता है। अधिकतर देशों में इसका शुल्क एक लिफाफे के (जिस पर डाक टिकट चिपकाई गयी हो) द्वारा भेजे गये एक पत्र की तुलना में कम होता है। पोस्टकार्ड का आविष्कार ऑस्ट्रिया में १८६९ को हुआ था। आस्ट्रिया में यह इतना लोकप्रिय हुआ कि इसकी देखा देखी अन्य देशों ने भी इसे अपनाने में देरी नहीं की। ब्रिटेन ने १८७२ में अपना पहला पोस्टकार्ड जारी किया तो भारत का पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया। भारत के पहले पोस्टकार्ड की कीमत तीन पैसे रखी गयी थी। साल की पहली तीन तिमाही में ही लगभग 7.5 लाख रुपए के पोस्टकार्ड बेचे गए थे। पहला चित्रित पोस्टकार्ड फ्रांस ने 1889 में जारी किया था और इस पर एफिल टॉवर अंकित था। पोस्टकार्डों के संग्रहण और अध्ययन को अंग्रेजी में डेल्टियोलॉजी कहते हैं। .

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पोखरण-2

पोखरण-2 मई 1998 में पोखरण परीक्षण रेंज पर किये गए पांच परमाणु बम परीक्षणों की श्रृंखला का एक हिस्सा है। यह दूसरा भारतीय परमाणु परीक्षण था; पहला परीक्षण, कोड नाम स्माइलिंग बुद्धा (मुस्कुराते बुद्ध), मई 1974 में आयोजित किया गया था। 11 और 13 मई, 1998 को राजस्थान के पोरखरण परमाणु स्थल पर पांच परमाणु परीक्षण किये थे। इनमें 45 किलोटन का एक फ्यूज़न परमाणु उपकरण शामिल था। इसे आमतौर पर हाइड्रोजन बम के नाम से जाना जाता है। 11 मई को हुए परमाणु परीक्षण में 15 किलोटन का विखंडन (फिशन) उपकरण और 0.2 किलोटन का सहायक उपकरण शामिल था। इन परमाणु परीक्षण के बाद जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित प्रमुख देशों द्वारा भारत के खिलाफ विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों लगाये गए। - दैनिक भास्कर - 6 अगस्त 2013 .

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पीटर क्रोपोत्किन

युवा क्रोपोत्किन (१८७०) पीटर अलेक्सेविच क्रोपोत्किन (१८४२-१९२१ ई.) रूस के भूगोलवेत्ता, अर्थशास्त्री, वाड़मीमांसक (philologist), जन्तुविज्ञानी, क्रमविकास सिद्धान्ती, दार्शनिक, लेखक एवं प्रमुख अराजकतावादी थे। .

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फ़ारसी भाषा

फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .

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फ़ासीवाद

नेशनल फैसिस्ट पार्टी का लोगो फासीवाद या फ़ासिस्टवाद (फ़ासिज़्म) इटली में बेनितो मुसोलिनी द्वारा संगठित "फ़ासिओ डि कंबैटिमेंटो" का राजनीतिक आंदोलन था जो मार्च, 1919 में प्रारंभ हुआ। इसकी प्रेरणा और नाम सिसिली के 19वीं सदी के क्रांतिकारियों- "फासेज़"-से ग्रहण किए गए। मूल रूप में यह आंदोलन समाजवाद या साम्यवाद के विरुद्ध नहीं, अपितु उदारतावाद के विरुद्ध था। .

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फ़्राँस राष्ट्रीय फुटबॉल टीम

फ़्राँस राष्ट्रीय फुटबॉल टीम (Équipe de France) अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं में फ़्राँस का प्रतिनिधित्व करती है और और फ्रेंच फुटबॉल संघ (एफ.एफ.एफ.) द्वारा नियंत्रित किया जाती है। राष्ट्रीय टीम लोकप्रिय रूप से लेस ब्लेउस (नीले) के रूप में जानी जाती है, क्योंकि उनकी वर्दी का रंग नीला है। फ्रांस ने 1904 में अपनी पहली आधिकारिक मैच खेला है और आज मुख्य रूप से पेरिस में स्थित स्टेड डी फ्रांस में अपने घरेलू मैच खेलती है। राष्ट्रीय टीम ने एक फीफा विश्व कप खिताब, दो यूईएफए यूरो, ओलंपिक टूर्नामेंट और दो फीफा कोन्फिडरेशन्स कप जीत लिया है। अर्जेंटीना के साथ, यह फीफा द्वारा आयोजित तीन सबसे महत्वपूर्ण पुरुषों के खिताब जीतने के लिए केवल राष्ट्रीय टीमों है। फ्रांस की अपने पड़ोसियों इटली और स्पेन के साथ एक मजबूत प्रतिद्वंद्विता है। .

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फ़्राँस्वा फ़ियॉ

फ़्राँस्वा फ़ियॉ (फ़्रांसिसी: François Fillon फ़्हाँस्वा फ़ियॉँ, अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि:; ले माँ, सार्थ में 4 मार्च 1954 में जन्म) फ़्राँस के पूर्व प्रधानमन्त्री है, जो निकोला सार्कोज़ी से निर्वाचित होगा 17 मई 2007 पर। श्रेणी:फ़्राँस के प्रधानमन्त्री.

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फ़्रान्स राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम

फ़्रान्स राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम, फ़्रान्स की पुरुषों की राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम है। .

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फ़्रान्स राष्ट्रीय रग्बी लीग टीम

फ़्रान्स राष्ट्रीय रग्बी लीग टीम, लोकप्रिय स्तर पर चैंटिक्लार के रूप में बुलाया जाती है। फ़्रान्स की पुरुषों की राष्ट्रीय रग्बी लीग टीम है। .

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फ़्रान्स के समुद्र-पार विभाग और क्षेत्र

फ़्रान्स के समुद्र-पार विभाग और क्षेत्र (फ़्रान्सीसी: Départements et territoires d'outre-mer, देपार्तमों ए तेरेत्वार दूत्र-मेर; अंग्रेज़ी: Overseas departments and territories of France), जिन्हें अनौपचारिक रूप से दोम-तोम (DOM-TOM) कहा जाता है, फ़्रान्स द्वारा शासित ऐसे क्षेत्र हैं जो यूरोप के महाद्वीप से बाहर हैं। यह दक्षिण अमेरिका, हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर में स्थित हैं। इनमें से कुछ क्षेत्रों पर कोई स्थाई आबादी नहीं है लेकिन बहुत से स्थानों पर लोग रहते हैं। यह स्थानीय निवासी फ़्रान्स के नागरिक माने जाते हैं और इन्हें फ़्रान्सीसी संसद में अपने सांसद व प्रतिनिधि भेजने का अधिकार है। .

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फ़्रान्सीसी भाषा

फ़्रांसीसी भाषा (फ़्रांसीसी: français उच्चारण: फ़्रांसे) एक रोमांस भाषा है जो विश्वभर में लगभग ९ करोड़ लोगों द्वारा प्रथम भाषा के रूप में बोली जाती है। मूल रूप से इस भाषा को बोलने वाले अधिकांश लोग फ़्राँस में रहते हैं जहाँ इस भाषा का जन्म हुआ था। इस भाषा को बोलने वाले अन्य क्षेत्र ये हैं- अधिकांश कनाडा, बेल्जियम, स्विटज़रलैंड, अफ़्रीकी फ़्रेंकोफ़ोन, लक्ज़म्बर्ग और मोनाको। फ्रांसी भाषा १९ करोड़ लोगों द्वारा दूसरी भाषा के रूप में और अन्य २० करोड़ द्वारा अधिग्रहित भाषा के रूप में बोली जाती है। विश्व के ५४ देशों में इस भाषा को बोलने वालों की अच्छी भली संख्या है। फ़्रांसीसी रोमन साम्राज्य की लैटिन भाषा से निकली भाषा है, जैसे अन्य राष्ट्रीय भाषाएँ - पुर्तगाली, स्पैनिश, इटालियन, रोमानियन और अन्य अल्पसंख्यक भाषाएँ जैसे कैटेलान इत्यादि। इस भाषा के विकासक्रम में इसपर मूल रोमन गौल की कैल्टिक भाषाओं और बाद के रोमन फ़्रैकिश आक्रमणकारियों की जर्मनेक भाषा का प्रभाव पड़ा। यह २९ देशों में एक आधिकारिक भाषा है, जिनमें से अधिकांशतः ला फ़्रेंकोफ़ोनी नामक फ़्रांसीसी भाषी देशों के समुह से हैं। यह सयुंक्त राष्ट्र की सभी संस्थाओं की और अन्य बहुत से अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भी आधिकारिक भाषा है। यूरोपीय संघ के अनुसार, उसके २७ सदस्य राष्ट्रों के १२.९ करोड़ (४९,७१,९८,७४० का २६%) लोग फ़्रांसीसी बोल सकते हैं, किसमें से ६.५ करोड़ (१२%) मूलभाष्ई हैं और ६.९ करोड़ (१४%) इसे दूसरी भाषा के रूप में बोल सकते हैं, जो इसे अंग्रेज़ी और जर्मन के बाद संघ की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा बनाता है। इसके अतिरिक्त २० वीं शताब्दी के प्रारंभ में अंग्रेज़ी के अधिरोहण से पहले, फ़्रांसीसी यूरोपीय और औपनिवेशिक शक्तियों के मध्य कूटनीति और संवाद की प्रमुख भाषा थी और साथ ही साथ यूरोप के शिक्षित वर्ग की बोलचाल की भाषा भी थी। .

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फ़्रान्सीसी विकिपीडिया

फ़्रान्सीसी विकिपीडिया विकिपीडिया का फ़्रान्सीसी भाषा का संस्करण है। यह मार्च २००१ में आरम्भ किया गया था और अभी तक (१४ अक्टूबर २०१२) इस विकिपीडिया पर लगभग १३ लाख से अधिक लिखे किए जा चुके है जो इसे अंग्रेज़ी और जर्मन विकिपीडियाओं के बाद विकिपीडिया का सबसे बड़ा संस्करण बनाता है। इस प्रकार यह किसी भी रोमान्स भाषा का सबसे बड़ा विकिपीडिया भी है। २१ सितम्बर २०११ को इस पर १० लाखवाँ लेख (Louis Babel) लिखा गया था .

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फ़्रांस का इतिहास

९८५ से लेकर १९४७ तक की अवधि में फ्रांस की सीमाओं का विस्तार तथा संकुचन फ्रांस का प्राचीन नाम 'गॉल' था। यहाँ अनेक जंगली जनजातियों के लोग, मुख्य रूप से, केल्टिक लोग, निवास करते थे। सन्‌ 57-51 ई.पू.

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फ़्रांस के प्रशासनिक विभाग

फ्रांस के प्रशासनिक विभाग फ़्रान्सीसी क्षेत्र के संस्थागत और क्षेत्रीय संगठन से संबंधित हैं। कई प्रशासनिक विभाग हैं, जिनका राजनीतिक (स्थानीय सरकार), चुनावी (जिलों), या प्रशासनिक (राज्य की विकेन्द्रीकृत सेवाएं) उद्देश्य हो सकते हैं। .

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फ़्रांसीसी औपनिवेशिक साम्राज्य

फ़्रांसीसी औपनिवेशिक साम्राज्य यूरोप से बाहर उन क्षेत्रों का समूह है जो फ़्रांसीसी शासन के अधीन थे, मुख्यतः १६०० से १९६० के अंत तक। १९ वीं और २० वीं शताब्दीयों में, फ़्रांसीसी औपनिवेशिक साम्राज्य, ब्रिटिश साम्राज्य के बाद दूसरे स्थान पर था। १९२० और १९३० में अपने चरम पर फ़्रांस का साम्राज्य लगभग १,२३,४७,००० किमी२ में फैला हुआ था। मेट्रोपॉलिटन फ़्रांस को मिलाकर यह क्षेत्र १,२८,९८,००० किमी२ तक हो जाता है, जो पृथ्वी के कुल भूभाग का ८.७% था। .

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फ़्रैंक लोग

पश्चिमी यूरोप में रोमन साम्राज्य के अंत के बाद फ़्रैंकी तेज़ी से फैलने लगे क्लोविस प्रथम (466-511), एकत्रित फ्रैंकों का पहला राजा फ़्रैंकी राजा क्लोथार द्वितीय (584-628) द्वारा गढ़ा गया एक सिक्का फ़्रैंक लोग (लातिनी: Franci) पश्चिमी यूरोप में बसने वाली और एक पश्चिमी जर्मैनी भाषा बोलने वाली जाति थी। तीसरी सदी ईसवी में इनके क़बीले राइन नदी के उत्तरपूर्वी भाग में रहते थे। उस समय इस पूरे क्षेत्र पर रोमन साम्राज्य का क़ब्ज़ा था और इनकी आपस में झड़पें होती रहती थीं। एक सालिया नामक फ़्रैंकी उपशाखा की रोमनों के साथ मित्रता थी और उनका अपना राज्य था। जब रोमन साम्राज्य का सूर्यास्त हो गया तो, लगभग पाँचवी सदी ईसवी में, सालियाई फ़्रैंकों का एक मेरोविंजी नामक राजकुल तेज़ी से आधुनिक फ़्रांस के अधिकतर क्षेत्र पर हावी हो गया और उनका राज्य आरम्भ हुआ। समय के साथ-साथ फ़्रैंक शब्द का कोई विशेष जातीय अर्थ नहीं रह गया, लेकिन इन्ही फ़्रैंकों की वजह से ही "फ़्रांस" का नाम "फ़्रांस" पड़ा था। मध्य-पूर्व में रहने वाले लोगों (जैसे की अरबों) के लिए पश्चिमी यूरोप के सारे लोगों का नाम फ़्रैंक पड़ गया। धीरे-धीरे यही शब्द हिन्दी में भी प्रवेश कर गया, जिस वजह से भारतीय उपमहाद्वीप में यूरोप (विशेषकर पश्चिमी यूरोप) के लोगों को "फ़िरंकी" या "फ़िरंगी" बुलाया जाने लगा। अरबी भाषा में आज भी यूरोप को "फ़िरंजा" बुलाते हैं। .

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फ़्रैंकफ़र्ट

फ्रैंकफर्ट ऐम माइन,, जर्मन राज्य हेस का सबसे बड़ा शहर और जर्मनी का पांचवाँ सबसे बड़ा शहर है। इसे प्रायः केवल फ्रैंकफर्ट के नाम से जाना जाता है। इसकी जनसंख्या 2009 में 667,330 थी। 2010 में शहरी क्षेत्र में 2,296,000 आबादी का अनुमान लगाया गया था। यह शहर फ्रैंकफर्ट-राइन-मैन मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के हृदयस्थल में है, जिसकी आबाद 5,600,000 है, और जर्मनी का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रॅपॉलिटन क्षेत्र है। यह शहर मेन नदी के तट पर पुराने घाट पर अवस्थित है। जर्मन भाषा में मेन नदी को "फर्ट" कहते है। फ्रैंकफर्ट प्राचीन फ्रैंकोनिया का हिस्सा है, जो कि प्राचीन फ्रैंकों का निवास स्थल था। इसलिए फ्रैंको के घाट के रूप में इनकी विरासत के कारण शहर का नाम पड़ा.

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फ़्रेंच कनाडाई

फ्रेंच कनाडाई या फ्रैंकोफ़ोन कनाडाई (कनाडाई अंग्रेजी या फ्रेंच में कैनेडिन भी), आम तौर पर जो 17 वीं और 18 वीं शताब्दी में नए फ्रांस (कनाडा) में पहुंचे फ्रांसीसी उपनिवेशवासियों के वंशजों को संदर्भित करने के लिए प्रयोग आने वाली शब्दावली है। आज, फ्रेंच कनाडाई कनाडा की मुख्य फ्रेंच भाषी आबादी का गठन करते हैं। मध्य 18 वीं शताब्दी के दौरान, फ्रेंच कनाडा में पैदा हुए कनाडाई उपनिवेशवासी उत्तरी अमेरिका भर में फैल गए और विभिन्न क्षेत्रों, शहरों और कस्बों उपनिवेश बनाया। वर्तमान समय में, अधिकांश फ्रेंच कनाडाई संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा सहित उत्तरी अमेरिका भर में रहते हैं। क्यूबेक प्रांत में फ्रेंच कनाडाई वंश की सबसे बड़ी आबादी है, यद्यपि फ्रेंच कनाडाई के छोटे समुदाय कनाडा भर में और अमेरिकी के न्यू इंग्लैंड क्षेत्र में मौजूद हैं, जहां 1840 और 1930 के बीच लगभग 900,000 फ्रेंच कनाडाई का संयुक्त राज्य अमेरिका और विशेष रूप से न्यू इंग्लैंड में प्रवास हुआ था। .

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फ़्लोरिडा

फ्लोरिडा संयुक्त राज्य के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में स्थित एक राज्य है, जिसके उत्तर-पश्चिमी सीमा पर अलाबामा और उत्तरी सीमा पर जॉर्जिया स्थित है।संयुक्त राज्य में शामिल होने वाला यह 27वां राज्य था। इस राज्य के भूस्थल का अधिकांश भाग एक बड़ा प्रायद्वीप है जिसके पश्चिम में मैक्सिको की खाड़ी और पूर्व में अटलांटिक महासागर है। साधारणतया इसकी गर्म जलवायु की वजह से इसे "सनशाइन स्टेट" के रूप में उपनामित किया गया है। इसके उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में उपोष्णकटिबंधीय एवं दक्षिणी भाग में उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जाती है। इस राज्य में चार बड़े शहरी क्षेत्र, कई छोटे-छोटे औद्योगिक नगर और बहुत से छोटे कस्बें हैं।संयुक्त राज्य के जनगणना विभाग (यूनाइटेड स्टेट्स सेंसस ब्यूरो) का अनुमान है कि 2008 में इस राज्य की जनसंख्या 18,328,340 थी और फ्लोरिडा, U.S. के चौथे सर्वाधिक आबादी वाले राज्य के रूप में श्रेणीत था। टलहसी, इस राज्य की राजधानी और मियामी सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। फ्लोरिडा के निवासियों को सटीक तौर पर "फ्लोरिडियन्स" के रूप में जाना जाता है। .

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फातमागुल

क्या क़ुसूर है फातमागुल का?(तुर्की भाषा:Fatmagül'ün Suçu ne?) तुर्की की एक अति लोकप्रिय टेलिविज़न शृंखला थी जिसका प्रसारण 16 सितंबर 2010 से 21 जून 2012 के बीच हुआ था। इस शृंखला में दिखाया गया है की कैसे एक बलात्कार पीड़िता विपरीत परिस्तिथियों से लड़कर एक शक्तिशाली लड़की में बदल जाती है और और उसकी नफरत कैसे प्यार में बदल जाती है। कार्यक्रम की लोकप्रियता को देखते हुए इस कार्यक्रम का प्रसारण भारत समेत 24 देशों में उनकी मातृभाषा में किया जा चुका है तथा प्राय हर देश में इसे अपार सफलता प्राप्त हुई है। भारत में इसे ज़िंदगी (टीवी चैनल) पर प्रसारित किया गया था। .

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फिएट

Fiat Grande Punto - Auto Moto Show Katowice 2006. फिएट (या Fiat) (Fabbrica Italiana Automobili Torino - ट्यूरिन का इतालवी ऑटोमोबाइल कारखाना का संक्षिप्त रूप) एक वाहन निर्माता, इंजन निर्माता, एक वित्तीय और औद्योगिक समूह है जो उत्तरी इटली के ट्यूरिन में स्थित है। समूह की स्थापना 1899 में निवेशकों के एक समूह द्वारा की गयी जिसमे जिओवानी अग्नेल्ली भी शामिल थे। फिएट ने टैंक और विमान का निर्माण भी किया है। फिएट की कारों का उत्पादन दुनिया भर में होता है और समूह का इटली के बाहर सबसे बडा़ कारखाना ब्राजील में स्थित है जो इन कारों का सबसे बडा़ उपभोक्ता देश भी है। इसके कारखाने अर्जेंटीना और पोलैंड में भी हैं। फिएट का अपने उत्पादों की लाइसेसिंग अन्य देशों में कराने का एक लंबा इतिहास है भले ही इन देशों की स्थानीय राजनैतिक या सांस्कृतिक स्थितियां कुछ भी रही हों। इसके संयुक्त उद्यम फ्रांस, तुर्की, मिस्र (सरकारी नास्र कार कंपनी के साथ), दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन में कार्यरत हैं। जिओवानी अग्नेल्ली के पौत्र जिआनी अग्नेल्ली 1966 से उनकी मृत्यु 24 जनवरी 2003 तक फिएट समूह के अध्यक्ष रहे। हालाँकि 1996 से वो सिर्फ "मानद" अध्यक्ष थे और वास्तविक अध्यक्ष सीसारे रोमिति थे। उनके हटने के बाद, पाओलो फ्रेस्को को अध्यक्ष और पाओलो कैन्टारेला को सीईओ बनाया गया। 2002 से 2004 के बीच अम्बर्टो अग्नेल्ली ने समूह के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 28 मई 2004 को अम्बर्टो अग्नेल्ली की मृत्यु के बाद, लूका कोर्देरो दि मोंटेजे़मेलो को अध्यक्ष और अग्नेल्ली, के वारिस जॉन एल्कान को 28 वर्ष की उम्र में उपाध्यक्ष पद पर नामित किया गया। आजकल समूह के सीईओ सर्जिओ मार्चिओने है जिन्होने 1 जून 2004 को कार्यभार संभाला था। .

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फ्रांस ओलंपिक विवरण

फ्रांस ने हर आधुनिक ओलंपिक खेलों में भाग लिया है, हालांकि 1904 के खेलों में इसकी भागीदारी संदिग्ध है, साथ ही अल्बर्ट कोरी के उपस्थिति को संयुक्त राज्य अमेरिका या फ्रांस के विभिन्न स्रोतों द्वारा श्रेय दिया जाता है। हालांकि अंतिम मध्यस्थ के रूप में आईओसी ने निर्धारित किया है कि उनकी संबद्धता संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए थी। फ्रेंच एथलीट ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में 715 पदक जीते हैं, शीर्ष पदक बनाने वाले खेल के रूप में बाड़ लगाने और साइकिल चालन के साथ। फ्रांस ने शीतकालीन ओलंपिक खेलों में अतिरिक्त 109 पदक जीते हैं, ज्यादातर अल्पाइन स्कीइंग में। .

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फ्रांस का ध्वज

फ्रांस का ध्वज फ्रांस का राष्ट्रीय ध्वज है। श्रेणी:फ़्रांस श्रेणी:ध्वज.

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फ्रांस का मैदान

यह फ्रांस (युरोप) में स्थित प्रमुख मैदान हैं। श्रेणी:विश्व के प्रमुख मैदान.

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फ्रांस का संविधान

फ्रांस का वर्तमान संविधान ४ अक्टूबर १९५८ को अंगीकार किया गया। इसे प्रायः 'पांचवें रिपब्लिक का संविधान' के नाम से जाना जाता है। वर्तमान संविधान १९४६ से लागू संविधान के स्थान पर लागू हुआ जिसे 'चौथा रिपब्लिक' कहते थे। नया संविधान लागू करने में चार्ल्स डी गौली (Charles de Gaulle) की अहम भूमिका रही। नये संविधान का प्रारूप माइकल दर्बी (Michel Debré) ने तैयार किया था। लागू होने के बाद से यह संविधान अब तक १८ बार संशोधित हो चुका है। सबसे हाल का संशोधन २००८ में हुआ था। .

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फ्रांस का सैन्य इतिहास

फ्रांस के सैन्य इतिहास में आधुनिक फ्रांस, यूरोपीय महाद्वीप और दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में 2,000 से अधिक वर्षों तक चले संघर्षों का एक विशाल काल शामिल है। आज आधुनिक फ्रांस के क्षेत्र में सबसे पहला बड़ा युद्ध गैलो-रोमन संघर्ष था, जो कि 60 ईसा पूर्व से 50 ईसा पूर्व तक लड़ा गया। अंततः रोमन,जूलियस सीज़र के अभियानों के माध्यम से विजयी हुए। रोमन साम्राज्य के पतन के बाद, एक जर्मनिक जनजाति,जिसे फ्रैंक्स के नाम से जाना जाता था, ने प्रतिस्पर्धा वाले जनजातियों को हराकर गॉल पर नियंत्रण कर लिया। "फ्रांसीया की भूमि", जिस से फ्रांस को अपना नाम मिला है, को राजा 'क्लोविस मैं' और 'शारलेमेन' ने विस्तरित किया। इन्होंने भविष्य के फ्रांसीसी राज्य के केंद्र का निर्माण किया था। मध्य युग में, इंग्लैंड के साथ प्रतिद्वंद्विता ने 'नोर्मन विजय' और;सौ साल के युद्ध' जैसे प्रमुख संघर्षों को प्रेरित किया। केंद्रीकृत राजतंत्र के साथ, रोमन काल के बाद पहली बड़ी पैदल सेना और तोपखाने का इस्तेमाल कर, फ्रांस ने अपने क्षेत्र से अंग्रेजो को निष्कासित कर दिया और मध्य युग में यूरोप के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में जाना गया। ये स्थिति रोमन साम्राज्य और 'स्पेन इतालवी युद्धों' में हार के बाद बदली। 16 वीं शताब्दी के अंत में धर्मयुद्धों ने फ्रांस को कमजोर किया, लेकिन 'तीस साल के युद्ध' में स्पेन पर एक बड़ी जीत ने फ्रांस को एक बार फिर महाद्वीप पर सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाया। समानांतर में, फ्रांस ने अपना पहला औपनिवेशिक साम्राज्य एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में विकसित किया। फ्रांस ने,लुई XIV के तहत अपने प्रतिद्वंद्वियों पर सैन्य वर्चस्व हासिल किया, लेकिन तेजी से शक्तिशाली होते दुश्मन गठबंधनों और बढ़ते संघर्ष ने फ़्रांसिसी महत्वाकांक्षाओं को रोका और 18 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में राज्य को दिवालिया कर दिया। फ्रांसीसी सेनाओं ने स्पेनिश, पोलिश और ऑस्ट्रियाई राजशाही के खिलाफ वंशवादी संघर्षों में जीत हासिल की। इसी समय, फ़्रांस अपनी उपनिवेशों पर हो रहे दुश्मनो के हमलों को रोक रहा था। 18 वीं शताब्दी में, ग्रेट ब्रिटेन के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा ने सात साल के युद्ध की शुरुआत की, जहां फ्रांस ने अपने उत्तरी अमेरिकी हिस्सेदारी खो दी। यूरोप और अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध में प्रभुत्व के रूप में फ्रांस को सफलता मिली, जहां धन और हथियारों के रूप में व्यापक फ्रेंच सहायता और अपनी सेना और नौसेना की प्रत्यक्ष भागीदारी ने अमेरिका की आजादी का नेतृत्व किया। अंततः आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल और फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्धों और नेपोलियन युद्धों में निरंतर संघर्ष के 23 साल गुजर गए। फ्रांस इस अवधि के दौरान अपनी शक्ति के चरम पर पहुंच गया, नेपोलियन बोनापार्ट के शासन काल में, एक अभूतपूर्व शक्ति के रूप में यूरोपीय महाद्वीप पर हावी रहा। हालांकि, 1815 तक, इसे उसी सीमा तक सीमित कर दिया गया था जो क्रांति से पहले नियंत्रित था। शेष 1 9वीं शताब्दी में दूसरी फ्रांसीसी औपनिवेशिक साम्राज्य के विकास के साथ ही बेल्जियम, स्पेन और मेक्सिको में फ्रांसीसी हस्तक्षेप हुआ। अन्य प्रमुख युद्ध,रूस के खिलाफ क्रिमिया में,इटली के खिलाफ ऑस्ट्रिया में और फ्रांस के भीतर प्रशिया के खिलाफ लड़े गए। फ्रेंको-प्रुसीयन युद्ध में हार के बाद, प्रथम विश्व युद्ध में फिर से फ्रेंको-जर्मन प्रतिद्वंद्विता उभर आयी। फ्रांस और उसके सहयोगी इस बार विजयी रहे थे। संघर्ष के मद्देनजर सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में परिणीत हुआ, जिसमें फ्रांस ने लड़ाई में एक्सिस राष्ट्रों को हराया गया और फ्रांसीसी सरकार ने जर्मनी के साथ एक युद्धविराम पर हस्ताक्षर किए। निर्वासन में एक मुक्त फ्रांसीसी सैनिक सरकार की अगुआई वाली मित्र राष्ट्रों की सेना ने अंततः एक्सिस पॉवर्स के ऊपर विजयी प्राप्त की। नतीजतन, फ्रांस ने जर्मनी में एक व्यवसाय क्षेत्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट हासिल की। पहले दो विश्व युद्धों के पैमाने पर तीसरे फ्रेंको-जर्मन संघर्ष से बचने की अनिवार्यता ने 1950 के दशक में शुरू होने वाले यूरोपीय एकीकरण के लिए मार्ग प्रशस्त किया। फ्रांस एक परमाणु शक्ति बन गया और 20 वीं शताब्दी के अंत तक, नाटो और उसके यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर सहयोग किया गया है। जुलाई में 1453 में फ्रांसीसी सेना ने अपने ब्रितानी विरोधियों को कैस्टिलो की लड़ाई में पराजित किया .

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फ्रांस की रूपरेखा

निम्नलिखित रूपरेखा, फ्रांस का एक अवलोकन और सामयिक गाइड के रूप में है: फ़्रांस – पश्चिमी यूरोप में कई विदेशी क्षेत्रों और क्षेत्रों के साथ एक देश है। मेट्रोपॉलिटन फ्रांस भूमध्य सागर से अंग्रेजी चैनल और उत्तरी सागर तक और राइन से अटलांटिक महासागर तक फैला हुआ है। इसके आकार से, इसे अक्सर फ्रेंच में 'षट्कोण' ("द हेक्सागोन") के रूप में जाना जाता है। .

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फ्रांस की सिविल संहिता

फ्रांस के सिविल संहिता का पहला पृष्ट फ्रांस की सिविल संहिता (फ्रेंच आधिकारिक नाम: Code civil des français) नैपोलियन प्रथम द्वारा १८०४ में फ्रांस में लागू की गयी। इसे 'नैपोलियन कोड' भी कहते हैं। इस संहिता द्वारा जन्म के आधार पर दिये गये विशेषाधिकार बन्द कर दिये गये, इसके तहत धर्म की स्वतंत्रता प्रदान की गयी, तथा इसमें कहा गया कि सरकारी नौकरियाँ उनको मिलें जो सर्वाधिक योग्य हों। यह संहिता चार ज्युरी की एक आयोग द्वारा बहुत जल्दी तैयार किया गया तथा २१ मार्च १८०४ को लागू किया गया। यह स्पष्ट रूप से लिखित था और पहले से चल रहे सामन्ती नियमों के स्थान पर लागू हुआ। इतिहासकार रॉबर्ट होल्टमैन का मानना है कि यह उन गिने-चुने प्रपत्रों में से एक है जिन्होने संसार पर अपनी छाप छोड़ी है। ज्ञातब्य है कि यह यूरोप के किसी देश में लागू होने वाला पहला सिविल कोड नहीं था बल्कि कुछ देशों में इससे पहले भी सिविल कोड लागू हो चुके थे। श्रेणी:विधि.

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फ्रांस की संस्कृति

स्वच्छंदतावाद की शैलीगत विचारों का उपयोग करते हुए यूजीन देलाक्रोइक्स की जुलाई क्रांति का चित्रण करनेवाली सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग लि‍बर्टी लीडिंग द पीपुल कहलायी.चूंकि लिबर्टी (आजादी), आदर्श वाक्य «लिबर्टी एगैलाइट फ्रैंटर्नाइट» («Liberté, égalité, fraternité») का हिस्सा है, यह पेंटिंग फ्रांसिसी क्रांति का प्राथमिक प्रतीक है, जैसा कि फ्रांस ने इसे लिया है। फ्रांस की संस्कृति और फ्रांसीसियों की संस्कृति भूगोल, गंभीर ऐतिहासिक घटनाओं और विदेशी तथा आंतरिक शक्तियों और समूहों द्वारा गढ़ी गयी है। फ्रांस और विशेष रूप से पेरिस, ने सत्रहवीं सदी से उन्नीसवीं सदी तक विश्वव्यापी स्तर पर उच्च सांस्कृतिक केंद्र और आलंकारिक कला के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, इस मामले में यह यूरोप में प्रथम है। उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम चरण से, फ्रांस ने आधुनिक कला, सिनेमा, फैशन और भोजन शैली में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। सदियों तक फ़्रांसिसी संस्कृति का महत्व इसके आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य महत्व के आधार पर घटता और बढ़ता रहा है। आज फ़्रांसिसी संस्कृति महान क्षेत्रीय तथा सामाजिक-आर्थिक अंतरों और सुदृढ़ एकीकृत प्रवृत्तियों दोनों के द्वारा चिह्नित है। चाहे फ्रांस या यूरोप में या सामान्य रूप से, सामाजिकीकरण प्रक्रिया और भौतिक कलाकृतियों के माध्यम से मान्यताओं और मूल्यों के मिलन को सीखा जाता है। समाज के सदस्यों के बीच सामाजिक संबंधों का मार्गदर्शन संस्कृति करती है और यह निजी मान्यताओं और मूल्यों को प्रभावित करती है जो व्यक्ति की अपने वातावरण की अभिज्ञता को आकार देते हैं: "संस्कृति एक समूह के सदस्यों के साझा विश्वासों, मूल्यों, मानदंडों और भौतिक वस्तुओं का विज्ञ समुच्चय है। बचपन से बुढ़ापे तक के जीवनक्रम के दौरान समूहों में हम जो कुछ भी सीखते हैं वो सब संस्कृति में शामिल है।" लेकिन "फ़्रांसिसी" संस्कृति की अवधारणा कुछ कठिनाइयां खड़ी करती है और "फ़्रांसिसी" ("फ्रेंच") अभिव्यक्ति का ठीक क्या मतलब है इस बारे में धारणाओं या अनुमानों की एक श्रृंखला है। जबकि अमेरिकी संस्कृति के बारे में "मेल्टिंग पौट" और सांस्कृतिक विविधता की धारणा को मान लिया गया है, लेकिन "फ़्रांसिसी संस्कृति" एक विशेष भौगोलिक इकाई (जैसे कि कह सकते हैं, "मेट्रोपोलिटन फ्रांस", आम तौर पर इसके विदेश स्थित क्षेत्रों को छोड़ दिया जाता है) या नस्ल, भाषा, धर्म और भूगोल द्वारा परिभाषित एक विशिष्ट ऐतिहासिक-सामाजिक समूह को अव्यक्त रूप से संदर्भित है। हालांकि "फ्रेंचनेस" की वास्तविकताएं अत्यंत जटिल हैं। उन्नीसवीं सदी के अंतिम चरण से पहले, "मेट्रोपोलिटन फ्रांस" मुख्यतः स्थानीय प्रथाओं और क्षेत्रीय अंतरों का एक पैबंद भर था, जिसका एन्सियन रिजीम (फ्रांस की राज्य क्रांति से पूर्व की शासन-पद्धति) के एकीकरण का उद्देश्य था और फ़्रांसिसी क्रांति ने इसके खिलाफ काम करना शुरू किया था; और आज का फ्रांस अनेक देशी और विदेशी भाषाओं, बहु-जातीयताओं और धर्मों तथा क्षेत्रीय विविधता वाला देश है, जिसमें कोर्सिका, ग्वाडेलोप, मार्टिनिक और विश्व में अन्य स्थानों के फ़्रांसिसी नागरिक शामिल हैं। इस बृहद विविधता के बावजूद, एक प्रकार की विशिष्ट या साझा संस्कृति या "सांस्कृतिक पहचान" का सृजन एक शक्तिशाली आंतरिक शक्तियों का परिणाम है - जैसे कि फ़्रांसिसी शिक्षा पद्धति, अनिवार्य सैन्य सेवा, सरकारी भाषाई व सांस्कृतिक नीतियां - और फ्रैंको-प्रशिया युद्ध तथा दो विश्व युद्धों जैसी गंभीर ऐतिहासिक घटनाएं ऎसी प्रभावशाली आंतरिक शक्ति रहीं जिनसे 200 सालों के दौरान एक राष्ट्रीय पहचान की भावना को पैदा हुई। हालांकि, इन एकीकृत शक्तियों के बावजूद, फ्रांस आज भी सामाजिक वर्ग और संस्कृति में महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मतभेदों (भोजन, भाषा/उच्चारण, स्थानीय परंपराएं) द्वारा चिह्नित होता है, जो कि समकालीन सामाजिक शक्तियों (ग्रामीण क्षेत्रों से आबादी का पलायन, अप्रवासन, केंद्रीकरण, बाजार की शक्तियां और विश्व अर्थव्यवस्था) का सामना करने में अक्षम रहेगा.

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फ्रांसिस प्रथम (फ्रांस का राजा)

फ्रांसिस प्रथम (१४९४-१५४७) फ्रांस का राजा जो वैलोई के चार्ल्स का पुत्र था। सन् १४९८ में लूई बारहवें के सिंहासनारूढ़ होने पर फ्रांसिस राज्य का संभावित उत्तराधिकारी मान लिया गया। सन् १५१९ में वह रोमन साम्राज्य के सिंहासन के लिए उम्मीदवार बना। इस पद पर चार्ल्स पंचम के चुन लिए जाने पर दोनों नरेशों में जो प्रतिद्वंद्विता प्रारंभ हुई, उसके परिणामस्वरूप १५२१-२९, १५३६-३८ और १५४२-४४ के युद्ध हुए। १५२५ के इटैलियन अभियान में बहादुरी से लड़ने के बाद पेविया नामक स्थान में उसे गहरी शिकस्त उठानी पड़ी। वह बंदी बना लिया गया और अपमानजनक संधि पर हस्ताक्षर होने के बाद ही उसे छुटकारा मिला। वह बड़ी ही ढुलमुल नीति और अस्थिर विचारों का व्यक्ति था। उसके शासन काल में राज्य के अधिकारों और शक्ति में वृद्धि हुई। स्टेट्स जनरल (जनता, अमीरों तथा चर्च के प्रतिनिधियों की सभा) की बैठक बुलाई नहीं जाती थी और 'पार्लमेंट' के विरोध की परवाह नहीं की जाती थी। उसके खर्चीलेपन पर कोई नियंत्रण न था और अपनी प्रेमिकाओं तथा कृपापात्रों को उपहार तथा पेंशन आदि देकर वह मनमाना द्रव्य उड़ाया करता था जिससे प्रजा पर शासन का भार बढ़ता जाता था। वह साहित्यप्रेमी अवश्य था और विद्वानों का आदर करता था जिनमें उसके प्रशंसकों की कमी न थी। श्रेणी:फ्रांस के राजा.

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फ्रांसिस बेकन

फ्रांसिस बेकन (1561-1626) अंग्रेज राजनीतिज्ञ, दार्शनिक और लेखक था। रानी एलिज़बेथ के राज्य में उसके परिवार का बड़ा प्रभाव था। कैंब्रिज और ग्रेज़ इन में शिक्षा प्राप्त की। 1577 में वह फ्रांस स्थित अंग्रेजी दूतावास में नियुक्त हुआ, किंतु पिता सर निकोलस बेकन की मृत्यु के पश्चात् 1579 में वापस लौट आया। उसने वकालत का पेशा अपनाने के लिए कानून का अध्ययन किया। प्रारंभ से ही उसकी रुचि सक्रिय राजनीतिक जीवन में थी। 1584 में वह ब्रिटिश लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हुआ। संसद की, जिसमें वह 1614 तक रहा, कार्यप्रणाली में उसका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। समय समय पर वह महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रश्नों पर एलिज़बेथ को निष्पक्ष सम्मतियाँ देता रहा। कहते हैं, अगर उसकी सम्मतियाँ उस समय मान ली गई होतीं तो बाद में शाही और संसदीय अधिकारों के बीच होनेवाले विवाद उठे ही न होते। सब कुछ होते हुए भी उसकी योग्यता का ठीक ठीक मूल्यांकन नहीं हुआ। लार्ड बर्ले ने उसे अपने पुत्र के मार्ग में बाधक मानकर सदा उसका विरोध किया। रानी एलिज़ाबेथ ने भी उसका समर्थन नहीं किया क्योंकि उसने शाही आवश्यकता के लिए संसदीय धनानुदान का विरोध किया था। 1592 के लगभग वह अपने भाई एंथोनी के साथ अर्ल ऑव एसेक्स का राजनीतिक सलाहकार नियुक्त हुआ। किंतु 1601 में, जब एसेक्स ने लंदन की जनता को विद्रोह के लिए भड़काया तो बेकन ने रानी के वकील की हैसियत से एसेक्स को राजद्रोह के अपराध में दंड दिलाया। .

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फ्रांस्वा बर्नियर

फ्रांस्वा बर्नियर (अंग्रेजी:François Bernier) फ्रांस का निवासी था। वह एक चिकित्सक, राजनीतिक दार्शनिक तथा एक इतिहासकार था। वह मुगल काल में अवसरों की तलाश में १६५६ ई. भारत आया था। वह १६५६ ई. से १६६८ ई. तक भारत में बारह वर्ष तक रहा और मुग़ल-दरबार से घनिष्ठ सम्बन्ध बनाए रखे। प्रारम्भ में उसने मुग़ल सम्राट शाहजहाँ के ज्येष्ठ पुत्र दाराशिकोह के चिकित्सक के रूप में कार्य किया। बाद में एक मुग़ल अमीर दानिशमन्द खान के पास कार्य किया था। .

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फ्रांस्वा मैंसार

फांस्वा मैंसार मांसार द्वारा निर्मित चैटो-डी-मैसन फ्रांस्वा मैंसार (François Mansart) (सन् १५९८-१६६६) फ्रांस के वास्तुशिल्पी था। इस फ्रेंच वास्तुशिल्पी का कला के विकास में बड़ा महत्वपूर्ण योग रहा है। उसने फ्रांस के 'बारोक वास्तुशिल्प' (Baroque architecture) को नई दिशा दी। .

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फ्रांसीसी जर्मन युद्ध

फ्रांस और जर्मनी के बीच लगभग 13 महीने तक चलनेवाली लड़ाई (1870-1871) फ्रांसीसी जर्मन युद्ध कहलाती है जिसके परिणाम फ्रांस की पराजय, नेपोलियन राजवंश की सत्ता का अंत तथा तृतीय गणतंत्र की स्थापना और प्रशा के नेतृत्व में एकीकृत जर्मन राज्य के उदय के रूप में हुए। .

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फ्रांकोइस गाबार्ट

फ्रांकोइस गाबार्ट (Eng: Francois Gabart, जन्म: 23 मार्च 1983) एक फ्रांसीसी पेशेवर अपतटीय नावक हैं, जो कि समुद्र के रास्ते अकेले पूरे विश्व की यात्रा करने का नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने पूरी यात्रा 17 दिसंबर, 2017 को 42 दिन, 16 घंटे, 40 मिनट और 35 सेकंड में पूरी की। इससे पूर्व का विश्व रिकॉर्ड फ्रांस के नाविक थॉमस कोविल के नाम था, जिन्होने 49 दिन, 3 घंटे, 7 मिनट और 38 सेकंड का समय लेकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। .

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फ्रेडरिक विंस्लो टेलर

वैज्ञानिक प्रबन्धन के जनक टेलर फ्रेडरिक विंस्लो टेलर (Frederick Winslow Taylor) (२० मार्च १८५६ - २१ मार्च १९१५) को वैज्ञानिक प्रबन्धन का जनक माना जाता है। वे एफ डल्यू टेलर के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं। वे अमेरिका के मेकैनिकल इंजिनीयर थे जिन्होने औद्योगिक दक्षता (industrial efficiency) में सुधार का विधिवत अध्ययन किया। वे कुछ प्रथम प्रबन्धन-सलाहकारों में से एक थे। .

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फ्रेसनेल ताल

फ्रांस के राष्ट्रीय समुद्री संग्रहालय में प्रदर्शित दीपस्तम्भों में प्रयुक्त होने वाला फ्रेसनेल ताल फ्रेसनेल ताल (Fresnel lens), फ्रांस के भौतिकशास्त्री आगस्टिन जीन फ्रेसनेल द्वारा बनाया गया एक प्रकार का ताल है जो दीपस्तम्भों में प्रयुक्त होता है। इस ताल के डिजाइन की विशेषता यह है कि परम्परागत ताल-डिजाइन की तुलना में कम भार एवं आयतन में ही बहुत बड़े अपर्चर तथा छोटे फोकस दूरी के ताल बनाये जा सकते हैं। इसके अलावा परम्परागत लेंसों की तुलना में फ्रेसनेल ताल अधिक पतला होता है जिससे प्रकाश की पारगम्यता बढ़ जाती है (प्रकाश को कम रोकता है) जिससे दीपस्तम्भ अपेक्षाकृत अधिक दूरी से भी देखे जा सकते हैं। .

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फ्रेंच फ्राइज़

चिप्स या फ्रेंच फ्राइज़ (अमेरिकी अंग्रेज़ी में, या चिप्स कभी-कभी बड़े अक्षरों में लिखा गया), फ्राइज़, या फ्रेंच फ्राइड पोटैटोज़ पूर्ण रूप से तले हुए आलू के पतले व लम्बे टुकड़े होते हैं। अमेरिकी प्रायः तले हुए आलू के किसी भी लम्बे टुकड़े को फ्राइज़ कहते हैं, जबकि विश्व के अन्य भागों में, विशेषकर युनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और न्यू जीलैंड में तले हुए आलूओं के पतले, लम्बे टुकड़े फ्राइज़ कहे जाते हैं जिससे कि उनमें और आलू के मोटे टुकड़ों से बने चिप्स में विभेद किया जा सके। फ़्रांस में फ्रेंच फ्राइज़ को फ्राइट्स या पोमेज़ फ्राइट्स कहते हैं, यह एक ऐसा नाम है जिसका प्रयोग अनेक फ़्रांसिसी न बोलने वाले देशों में भी किया जाता है, अन्य भाषाओं में इनके नामों का अर्थ "फ्राइड पोटैटोज़" या "फ्रेंच पोटैटोज़" है। .

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फ्रेंच साहित्य

फ्रेंच साहित्य से तात्पर्य फ्रेंच भाषा में लिखे साहित्य से है। फ्रांस, बेल्जियम, स्विट्जरलैण्ड, कनाडा, सेनेगल, अल्जीरिया तथा मोरोक्को आदि के नागरिकों द्वारा रचित साहित्य 'फ्रेंचभाषी साहित्य' (Francophone literature) कहलाता है। वर्ष २००६ तक फ्रांसीसी भाषा के सहित्यकारों को अन्य किसी भाषा के साहित्यकारों से अधिक नोबेल पुरस्कार प्राप्त हैं। .

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फ्रेंच ओपन

फ्रेंच ओपन (Les Internationaux de France de Roland Garrosअथवा टूर्नोई डी रोलां-गेर्रोस) एक मुख्य टेनिस टूर्नामेंट है जो मई के अंत तथा जून की शुरुआत के दो सप्ताह के मध्य पेरिस, फ्रांस में स्टेड रोलैंड गर्रोस में खेला जाता है। यह वार्षिक टेनिस कैलेंडर में दूसरा ग्रैंड स्लैम है तथा दुनिया का प्रमुख क्ले कोर्ट टेनिस टूर्नामेंट है। रोलां गर्रोस ही एकमात्र ऐसा ग्रैंड स्लैम है जो अभी भी मिट्टी पर आयोजित किया जाता है और वसंत क्ले कोर्ट काल को समाप्त करता है। यह टेनिस की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगितायों में से एक है, और यह एक ऐसा खेल है जिसका दुनिया भर में व्यापक प्रसारण होता है साथ ही इस खेल में सभी नियमित प्रतियोगितायों के श्रोता सम्मिलित होते हैं। धीमी खेल धरातल और फाइनल सेट में बिना किसी टाईब्रेक के पांच सेट के पुरुष सिंगल मैचों के कारण, इस प्रतियोगिता को व्यापक रूप से दुनिया का सर्वाधिक शारीरिक रूप से आकांक्षित टेनिस टूर्नामेंट माना जाता है। 2009 के एकल चैम्पियन पुरुष में स्विस के रोजर फेडरर और महिला में रूसी महिला स्वेतलाना कुजनेत्सोवा हैं। .

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फ्रेंक स्मिथ

फ्रैंक सिडनी स्मिथ, (६ जुलाई १९००-२७ जून १९४९) एक ब्रिटिश पर्वतारोही थे। इसके अलावा वे लेखक, फोटोग्राफर व जीववैज्ञानिक (पादप) भी थे। इन्होंने मूल रूप में विद्युत अभियांत्रिकी करने के बाद, रॉयल एयर फोर्स एवं कोडक में कार्य किया था। ये लेक्चरर भी रहे व लगभग २७ पुस्तकें भी लिखीं हैं। इनकी प्रसिद्धि पर्वतारोही के रूप में विशेष रही है। ये फ्रांस के माउंट ब्लैंक और भारत के कामेट पर्वतके प्रथम पर्वतारोही रहे। इनके अलावा इन्होंने १९३० के दशक में कंचनजंघा और माउंट एवरेस्ट के भी प्रयास किये। श्रेणी:पर्वतारोही श्रेणी:ब्रिटिश लोग श्रेणी:ब्रिटिश लेखक.

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फ्लैश गॉर्डन

फ्लैश गाॅर्डन (अंग्रेजी; Flash Gordon) एक काल्पनिक नायक है जिसकी अंतरिक्ष के रोमांचक यात्राओं की कहानियों को काॅमिक्स स्ट्रिप द्वारा प्रकाशित करते है और जिसकी चित्रण मूल रचनाकार एलेक्स रेमण्ड ने की है।"Flash Gordon", in Guy Haley (editor) Sci-Fi Chronicles: A Visual History of the Galaxy's Greatest Science Fiction.Richmond Hill, Ontario: Firefly Books, 2014.

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फैनी बर्नी

फैनी बर्नी फैनी बर्नी (Fanny Burney / 13 जून 1752 – 6 जनवरी 1840) अंग्रेजी उपन्यासकार तथा नाटककार थीं। वे 'फ्रांसेज बर्नी' (Frances Burney) के नाम से भी जानी जाती हैं। विवाह के बाद वे मेडम डाब्ले (Madame d’Arblay) के नाम से भी जानी जाती थीं। उनकी पैनी दृष्टि मनुष्यों की त्रुटियों तथा हास्यापद विचित्रताओं को सहज ही लक्ष्य कर लेती थी और उनकी लेखनी कुशल चित्रकार की तूलिका के समान उनका समन्वय करके मनोरंजक चित्रों का सर्जन करती थी। इस तरह के व्यंग्यात्मक चित्र उनके उपन्यासों में भरे पड़े हैं। मैडम डाब्ले के उपन्यासों का महत्व ऐतिहासिक है क्योंकि उनमें स्त्रियों के स्वतंत्र दृष्टिकोण का समावेश है और घरेलू जीवन ही उनका केंद्रबिंदु है। उन्होंने उस परंपरा का श्रीगणेश किया जिसकी पराकष्ठा जेन आस्टिन की परिपक्व कृतियों मे पाई जाती है। .

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फेदेरिका मुनसेनी

फेदेरिका मुनसेनी ई मान्ये (Frederica Montseny i Mañé; 12 फ़रवरी 1905 – 14 जनवरी 1994) स्पेनी कातालोन्याई अराजकतावादी और बुद्धिजीवी थीं। ये स्पेनी गृहयुद्ध के समानांतर घटित हुई स्पेनी क्रान्ति के दौरान स्पेन की स्वास्थ्य और सामाजिक नीति मंत्री थीं। राजनितिक जीवन के अलावा मुनसेनी कवि, उपन्यासकार, निबंधकार और बच्चों की लेखिका भी थीं, जिन्होंने अराजकतावादी नारीवाद और अराजकतावादी नग्नतावाद का भी प्रचार किया। .

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फीफा विश्व कप

फ़ीफा विश्व कप (प्रायः मात्र विश्व कप), फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा), खेल की वैश्विक शासी निकाय के सदस्यों के वरिष्ठ पुरुषों की राष्ट्रीय टीमों द्वारा खेली जाने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संघ फुटबॉल प्रतियोगिता है। 1930 में उद्घाटन टूर्नामेंट के बाद हर चार साल से आयोजित किया जाता है, सिवाय 1942 और 1946 में, जब द्वितीय विश्व युद्ध के कारण से आयोजन नहीं किया जा सका था। मौजूदा चैंपियन ब्राज़ील में 2014 टूर्नामेंट जीतने वाले जर्मनी है। टूर्नामेंट के मौजूदा स्वरूप के बारे में एक महीने की अवधि में मेजबान देश के भीतर स्थानों पर खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा में 32 टीमों को शामिल है, इस चरण में अक्सर विश्व कप के फाइनल में कहा जाता है। वर्तमान में पिछले तीन साल से अधिक जगह लेता है, जो एक योग्यता चरण, टीमें मेजबान देश के साथ टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई जो निर्धारित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। 19 विश्व कप टूर्नामेंट के आठ विभिन्न राष्ट्रीय टीमों द्वारा जीता गया है। ब्राजील पांच बार जीता है और वे हर टूर्नामेंट में खेला है के लिए एक ही टीम हैं। चार खिताब प्रत्येक के साथ, इटली तथा जर्मनी, दो खिताब प्रत्येक के साथ अर्जेंटीना और ​उरुगुए और इंग्लैंड, फ्रांस और स्पेन, एक खिताब के साथ प्रत्येक। विश्व कप में दुनिया के सबसे व्यापक रूप से देखी जाने वाली खेल की घटनाओं में से एक है, एक अनुमान के अनुसार 71,51,00,000 लोगों को जर्मनी में आयोजित २००६ फीफा विश्व कप का फाइनल मैच देखा। .

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बटाईदारी

अमेरिका में काम करता एक बटाईदार (शेयरक्रॉपर) किसान परिवार बटाईदारी कृषि की उस व्यवस्था को कहा जाता है जिसमें ज़मीन का मालिक उसपर काम करने वाले किसान को अपनी ज़मीन का प्रयोग करने का अधिकार इस शर्त पर देता है कि किसान अपनी फ़सल का कुछ हिस्सा उसके हवाले कर देगा। दुनिया भर में बटाईदारी की बहुत सी प्रणालियाँ रही हैं। उदाहरण के लिए भारतीय उपमहाद्वीप में मुग़ल और अंग्रेज़ी ज़माने की ज़मींदारी व्यवस्था में किसी गाँव की ज़मीन को उस गाँव के ज़मींदार की सम्पत्ति माना जाता था और वह गाँव के अन्य निवासियों को उसपर तभी काम करने देता था अगर वे उसे अपनी फ़सल का हिस्सा दें। अमेरिका में 'शेयरक्रॉपिन्ग' (sharecropping), इटली में 'मेत्ज़ाद्रिया' (mezzadria), फ़्रांस में 'मेतायाझ़' (métayage) और स्पेन में 'मेदियेरो' (mediero) इसके अन्य उदाहरण हैं। इस्लामी शरिया क़ानून में भी बाग़ों पर काम करने के लिए एक 'मुसाक़त' नाम की बटाईदारी व्यवथा का उल्लेख है।, Bijit Kumar Dutta, Mittal Publications, 2003, ISBN 978-81-7099-917-1,...

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बफ़ेलो, न्यूयॉर्क

न्यूयॉर्क राज्य में न्यूयॉर्क सिटी के बाद सर्वाधिक आबादी वाला शहर बफ़ेलो है। बफ़ेलो पश्चिमी न्यूयॉर्क में एरी झील के पूर्वी तट पर तथा फ़ोर्ट एरी, ओंटेरियो के सामने नियाग्रा नदी के निकट स्थित है और नियाग्रा फॉल्स महानगरीय क्षेत्र का प्रमुख शहर होने के साथ साथ एरी काउंटी का मुख्यालय भी है। एरी काउंटी (न्यूयार्क) गवर्नमेंट होम पेज, 16 अप्रैल 2008 को ऐक्सेस किया गया। इस शहर की जनसंख्या 292,648 (2000 की जनगणना के अनुसार).

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बरगंडी

बरगंडी (Burgundy) एक ऐतिहासिक क्षेत्र है जो पहले पूर्व-मध्यवर्ती फ्रांस का प्रशासनिक क्षेत्र था। इसके अंतर्गत कोट-डी-ऑर, सेऑन एट ल्यवायॉर, न, एवं ऐन "डिपार्टमेंट (विभाग) आते हैं। स्थिति: 47 डिग्री 0 मिनट उ. अ. तथा 4 डिग्री 40 मिनट पू.

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बर्लिन कांग्रेस

बर्लिन कांग्रेस बर्लिन कांग्रेस (13 जून – 13 जुलाई 1878) बर्लिन में सम्पन्न एक सम्मेलन था जिसमें उस समय की महाशक्तियाँ (रूस, ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, आस्ट्रिया-हंगरी, इटली तथा जर्मनी), चार बाल्कन राज्य (ग्रीस, सर्बिया, रोमानिया, मान्टीनिग्रो) और उस्मानी साम्राज्य ने भाग लिया था। इसका उद्देश्य १८७७-७८ के रूस-तुर्की युद्ध के बाद बाल्कन प्रायद्वीप के राज्यों की सीमायें तय करना था। इस सम्मेलन के परिणामस्वरूप बर्लिन की संधि पर हस्ताक्षर हुए जिसने रूस और उस्मानी साम्राज्य में मात्र तीन माह पूर्व सम्पन्न सान स्टिफानों की संधि का स्थान ग्रहण किया। .

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बसोपिएर फ्रांस्वाद

300px बसोपिएर फ्रांस्वाद (François de Bassompierre; १५७९-१६४६) फ्रांस के राजा हेनरी चतुर्थ का यह एक दरबारी और अंतरंग मित्र था। यह बहुत जल्दी राजदरबार की विलासिता में निमग्न हो गया। १६०० में सेवाँय के तथा १६०३ में तुर्कों के विरुद्ध हंगरी में इसने युद्ध में भाग लिया। ह्यूगोनोट के विप्लव में उनके दमनकार्य में इसने विशेष शौर्य का परिचय दिया। लंदन, स्पेन, स्विटजरलैंड आदि में यह दूत बना कर भेजा गया था परंतु सभी जगह यह असफल राजदूत घोषित हुआ। रिशलू की शक्ति के संहार के लिए एक षड्यंत्र फ्रांस में रचा गया था। उसमें बसोपिएर अकारण ही फँस गया। अत: रिशलू के द्वारा यह बैस्टील के किले में (१६३१-१६४३) बंद रहा। वहाँ पर इसने अपनी आत्मकथा और संस्मरण लिखे। यह उस काल के इतिहास के लिए अमूल्य स्रोत है। श्रेणी:फ्रांसीसी राजनयिक.

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बहिर्ग्रह ज्ञानकोश

बहिर्ग्रह ज्ञानकोश (Extrasolar Planets Encyclopaedia) खगोलशास्त्र से सम्बन्धित फ़्रान्स में निर्मित एक जालस्थल (वेबसाइट) है। इसमें वर्तमान समय तक ज्ञात सभी बहिर्ग्रहों (ग़ैर-सौरीय ग्रहों) की सूची रखी जाती है। इसमें हर ऐसे ग्रह पर कुछ सूचना भी रखी जाती है। .

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बादाम

बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं। आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है। भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है। एक आउंस (२८ ग्राम) बादाम में १६० कैलोरी होती हैं, इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है।|नीरोग लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी दे सकता है। इसमें निहित कुल कैलोरी का ¾ भाग वसा से मिलता है, शेष कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन से मिलता है। इसका ग्लाईसेमिक लोड शून्य होता है। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट, आदि मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं। बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है: एकल असंतृप्त वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त वसीय अम्ल। यह लाभदायक वसा होती है, जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करता है और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है। इसके अलावा दूसरा प्रकार है ओमेगा – ३ वसीय अम्ल। ये भी स्वास्थवर्धक होता है। इसमें संतृप्त वसीय अम्ल बहुत कम और कोलेस्टेरोल नहीं होता है। फाईबर या आहारीय रेशा, यह पाचन में सहायक होता है और हृदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है, तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है। इस कारण कब्ज के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा पोटैशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं।। हिन्दी मीडिया.इन। २५ सितंबर २००९। मीडिया डेस्क .

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बायिनग़ोलिन मंगोल स्वशासित विभाग

बायिनग़ोलिन मंगोल स्वशासित विभाग (उईग़ुर:, अंग्रेजी: Bayingolin Mongol Autonomous Prefecture) जनवादी गणतंत्र चीन द्वारा नियंत्रित शिंजियांग प्रांत का एक प्रशासनिक विभाग है। क्षेत्रफल के हिसाब से यह चीन का सबसे बड़ा और यूरोप के फ़्रान्स देश से भी बड़ा है। इसकी प्रशासनिक राजधानी कोरला है। मंगोल भाषा में 'बायिनग़ोलिन' का मतलब 'समृद्ध नदी' होता है। .

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बायज़ीद प्रथम

बायज़ीद प्रथम, (بايزيد اول; 1.; उपनाम Yıldırım यिलदरम (उस्मानी तुर्कीयाई: یلدیرم), "बिजली, वज्र"; 1360 – 8 मार्च 1403) 1389 से 1402 तक उस्मानिया साम्राज्य के चौथे शासक रहे। उन्होंने अपने वालिद मुराद प्रथम के बाद राजकीय शक्ति संभाली जो प्रथम कोसोवो युद्ध में मारे गए थे। उनके साम्राज्य-विस्तार और सैन्य अभियानों की वजह से बायज़ीद को ख़िताब "सुल्तान-ए रूम" (रोम के सम्राट) हासिल था। .

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बार्कलेज

बार्कलेज समूह कैनरी व्हार्फ में स्थित है। बार्कलेज पीएलसी एक वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी है जिसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में है। यथा 2010, यह विश्व का 10वां सबसे बड़ा बैंकिंग और वित्तीय सेवा समूह है और फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार समग्र रूप से यह 21वें नम्बर की सबसे बड़ी कंपनी है। अफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में करीब 50 से भी अधिक देशों और प्रांतों में इसका संचालन किया जाता है और इसके लगभग 48 मिलियन ग्राहक हैं। 30 जून 2010 तक इसके पास कुल €1.94 ट्रिलियन की संपत्ति थी, जो कि दुनिया भर के बेंकों में तीसरा सर्वाधिक है (बीएनपी परिबास और एचएसबीसी के बाद).

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बाल मनोविज्ञान

बालमनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसमें गर्भावस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक के मनुष्य के मानसिक विकास का अध्ययन किया जाता है। जहाँ सामान्य मनोविज्ञान प्रौढ़ व्यक्तियों की मानसिक क्रियाओं का वर्णन करता है तथा उनको वैज्ञानिक ढंग से समझने की चेष्टा करता है, वहीं बालमनोविज्ञान बालकों की मानसिक क्रियाओं का वर्णन करता और उन्हें समझाने का प्रयत्न करता है। .

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बाल्कन युद्ध

बाल्कन का आधुनिक इतिहास (सन १८०० के बाद) बाल्कन लीग का प्रचारात्मक पोस्टर बाल्कन युद्ध, सन् १९१२ - १९१३ में हुए थे। ये युद्ध प्रथम विश्वयुद्ध के महत्वपूर्ण कारणों में से माने जाते है। .

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बास्क प्रदेश

बास्क प्रदेश (बास्क: Euskadi, इउस्कादी; स्पेनी: País Vasco, पाईज़ वास्को; अंग्रेज़ी: Basque Country) स्पेन के पूर्वोत्तरी भाग में स्थित एक स्वायत्त समुदाय है। स्वायत्त समुदाय स्पेन का सबसे उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग होता है और लगभग भारत के राज्यों के बराबर होता है। यह स्पेन व फ़्रान्स के बास्क समुदाय की पारम्परिक मातृभूमि का भाग है। इसमें तीन प्रान्त आते हैं: आलवा, बिस्के और गिपुज़कोआ। बास्क प्रदेश की राजधानी वितोरिया-गास्तेईस (Vitoria-Gasteiz) है - 'वितोरिया' इस शहर का स्पेनी नाम है जबकि 'गास्तेईस' इसका बास्क भाषा में नाम है।, pp.

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बास्क भाषा

स्पेन और फ़्रान्स के मध्य स्थित बास्क भाषा बोलने वाले प्रान्त। बास्क भाषा (Euskara), उत्तरपूर्वी स्पेन और दक्षिणपश्चिमी फ़्रान्स के मध्य स्थित बास्क देश की भाषा है। बास्क भाषा अन्य यूरोपीय भाषाओं से इस मामले में भिन्न हैं क्योंकि यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार से नहीं है और नाही किसी अन्य ज्ञात भाषा परिवार से और इसलिए यह तथाकथित एकल भाषा परिवार की भाषा है। इस भाषा को बोलने वालो की कुल संख्या ८ लाख के लगभग है और इसमें से अधिकतर लोग (७ लाख) बास्क क्षेत्र में रहते हैं जिसमें से भी अधिकतर (५ लाख) स्पेन वाले बास्क क्षेत्र में रहते हैं। शेष बास्क भाषी लोग यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका और आस्ट्रेलिया में रहते हैं। बास्क भाषा बहुत सी बोलियों में विभाजित है जो एक-दूसरे से बहुत भिन्न हैं। एकीकृत बास्क साहित्य १९६० के दशक में निर्मित किया गया था। .

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बिस्मार्क

250px ओटो एडुअर्ड लिओपोल्ड बिस्मार्क (1 अप्रैल 1815 - 30 जुलाई 1898), जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर तथा तत्कालीन यूरोप का प्रभावी राजनेता था। वह 'ओटो फॉन बिस्मार्क' के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। उसने अनेक जर्मनभाषी राज्यों का एकीकरण करके शक्तिशाली जर्मन साम्राज्य स्थापित किया। वह द्वितीय जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर बना। वह "रीअलपालिटिक" की नीति के लिये प्रसिद्ध है जिसके कारण उसे "लौह चांसलर" के उपनाम से जाना जाता है। वह अपने युग का बहुत बड़ा कूटनीतिज्ञ था। अपने कूटनीतिक सन्धियों के तहत फ्रांस को मित्रविहीन कर जर्मनी को यूरोप की सर्वप्रमुख शक्ति बना दिया। बिस्मार्क ने एक नवीन वैदेशिक नीति का सूत्रपात किया जिसके तहत शान्तिकाल में युद्ध को रोकने और शान्ति को बनाए रखने के लिए गुटों का निर्माण किया। उसकी इस 'सन्धि प्रणाली' ने समस्त यूरोप को दो गुटों में बांट दिया। .

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बिस्के की खाड़ी

बिस्के की खाड़ी या बिस्काई खाड़ी पूर्वोत्तरी अन्ध महासागर की एक खाड़ी है जो केल्टिक सागर से दक्षिण में स्थित है। यह फ़्रान्स और स्पेन के पश्चिमी छोर के कुछ भाग के साथ सटी हुई है। इसका नाम शायद स्पेन के बास्क प्रदेश व पड़ोस के फ़्रान्स के क्षेत्रों में बोली जाने वाली बास्क भाषा से लिया गया है और 'दो बंदरगाहों वाली खाड़ी' का अर्थ रखता है।, pp.

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बिग ब्रदर (टीवी सीरिज़)

बिग ब्रदर एक रियलिटी टेलीविजन शो है, जहां एक बड़े घर में लोगों का एक समूह एक साथ रहता है, बाहरी दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग, लेकिन टेलीविजन कैमरों द्वारा उन्हें लगातार देखा जा रहा होता है। प्रत्येक सीरिज़ तीन महीने के करीब चलती है और इसमें आम तौर पर 15 से कम प्रतिभागी हुआ करते हैं। इस घर के सदस्य खुद को घर से होने वाले नियतकालिक निष्कासन से बचाते हुए एक नकद पुरस्कार जीतने की कोशिश करते हैं। जॉन डी मोल प्रोदुक्तिज़ (John de Mol Produkties) (इंडेमोल का एक स्वतंत्र भाग) नामक निर्माण संस्था के एक जबर्दस्त बहस-मुबाहिसे से इस शो का विचार 4 सितंबर 1997 सामने आया। 1999 में नीदरलैंड के वेरोनिका चैनल में पहले बिग ब्रदर का प्रसारण किया गया था। अगले साल से जर्मनी, पुर्तगाल, यूएसए (USA), यूके (UK), स्पेन, बेल्जियम, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और इटली में इसका प्रसारण शुरू हुआ और इस तरह यह एक विश्वव्यापी हलचल बन गया।‍ तब से यह लगभग 70 देशों में प्राइम-टाइम हिट बना हुआ है। शो का नाम जॉर्ज ऑरवेल के 1949 के उपन्यास नाइंटीन एटी-फोर (Nineteen Eighty-Four) से लिया गया, यह एक ऐसे आतंकराज की कहानी है जिसमे बिग ब्रदर अपनी तानाशाही के निवासियों पर हमेशा उनके टेलीविजन सेट के जरिये जासूसी कर सकता है, इस नारे के साथ कि "बिग ब्रदर इज वाचिंग यू " (Big Brother is watching you) अर्थात तुम पर बिग ब्रदर की नज़र है। .

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बंसी लाल

चौधरी बंसीलाल (26 अगस्त 1927-28 मार्च 2006)(चौधरी बंसी लाल) एक भारयीय स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कई लोगों द्वारा आधुनिक हरियाणा के निर्माता माने जाते हैं। उनका जन्म हरियाणा के भिवानी जिले के गोलागढ़ गांव के जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने तीन अलग-अलग अवधियों: 1968-197, 1985-87 एवं 1996-99 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। बंसीलाल को 1975 में आपातकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी का एक करीबी विश्वासपात्र माना जाता था। उन्होंने दिसंबर 1975 से मार्च 1977 तक रक्षा मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी एवं 1975 में केंद्र सरकार में बिना विभाग के मंत्री के रूप में उनका एक संक्षिप्त कार्यकाल रहा। उन्होंने रेलवे और परिवहन विभागों का भी संचालन किया। लाल सात बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए, पहली बार 1967 में.

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बकार्डी

बकार्डी एक परिवार-नियंत्रित शराब की कंपनी है, जिसे रम के साथ-साथ बकार्डी सुपीरियर और बकार्डी 151 के निर्माता के रूप में सबसे अच्छी तरह जाना जाता है। कंपनी की बिक्री लगभग 100 देशों में प्रति वर्ष 200 मिलियन बोतलों से भी अधिक है। 2007 में कंपनी की बिक्री 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जो 2006 में 4.9 बिलियन डॉलर से अधिक थी। बकार्डी का मुख्यालय हैमिल्टन, बरमूडा में है और इसके पास निदेशकों की एक 16-सदस्यीय समिति है जिसका नेतृत्व इसके मूल संस्थापक के परपोते के बेटे, फैकंडो एल.

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बुद्धि

बुद्धि (Intelligence) वह मानसिक शक्ति है जो वस्तुओं एवं तथ्यों को समझने, उनमें आपसी सम्बन्ध खोजने तथा तर्कपूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होती है। यह 'भावना' और अन्तःप्रज्ञा (Intuition/इंट्युसन) से अलग है। बुद्धि ही मनुष्य को नवीन परिस्थितियों को ठीक से समझने और उसके साथ अनुकूलित (adapt) होने में सहायता करती है। बुद्धि को 'सूचना के प्रसंस्करण की योग्यता' की तरह भी समझा जा सकता है। .

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बुद्धि परीक्षण

व्यक्ति केवल शारीरिक गुणों से ही एक दूसरे से भिन्न नहीं होते बल्कि मानसिक एवं बौद्धिक गुणों से भी एक दूसरे से भिन्न होते हैं। ये भिन्नताऐं जन्मजात भी होती हैं। कुछ व्यक्ति जन्म से ही प्रखर बुद्धि के तो कुछ मन्द बुद्धि व्यवहार वाले होते हैं। आजकल बुद्धि को बुद्धि लब्धि के रूप में मापते हैं जो एक संख्यात्मक मान है। बुद्धि परीक्षण का आशय उन परीक्षणों से है जो बुद्धि-लब्धि के रूप में केवल एक संख्या के माध्यम से व्यक्ति के सामान्य बौद्धिक एवं उसमें विद्यमान विभिन्न विशिष्ट योग्यताओं के सम्बंध को इंगित करता है। कौन व्यक्ति कितना बुद्धिमान है, यह जानने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने काफी प्रयत्न किए। बुद्धि को मापने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने मानसिक आयु (MA) और शारीरिक आयु (C.A.) कारक प्रस्तुत किये हैं और इनके आधार पर व्यक्ति की वास्तविक बुद्धि-लब्धि ज्ञात की जाती है। .

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बुर्किना फासो

बुर्किना फासो (पूर्व में अपर वोल्टा) पश्चिम अफ्रीका का एक लैंडलाक देश है, जिसकी सीमाएं उत्तर में माली, पूर्व में नाइजर, उत्तर पूर्व में बेनिन, दक्षिण में टोगो और घाना और दक्षिण पश्चिम में कोट द' आईवोर से मिलती हैं। यह देश कई बार सैन्य तख्तापटल का शिकार हो चुका है। श्रेणी:बुर्कीना फ़ासो श्रेणी:अफ़्रीका श्रेणी:देश श्रेणी:पश्चिम अफ्रीका के देश श्रेणी:अफ़्रीका के देश श्रेणी:स्थलरुद्ध देश.

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बुसी

फ्रेंच सेनानायक '''बुसी''' बुसी (Charles Joseph Patissier, Marquis de Bussy-Castelnau; १७१८-१७८५ ई.) फ्रांस का यशस्वी सेनानायक तथा सफल कूटनीतिज्ञ था। प्रथम कर्नाटक युद्ध के समय वह लाबूर्दने के साथ पुद्दुचेरी पहुँचा। अंबर के युद्ध (१७४८) में वह डूप्ले का विश्वासपात्र बना। डूप्ले की साम्राज्य-निर्माण-योजना कार्यान्वित करने में बुसी ने विशेष कौशल दिखाया। इससे भारत में फ्रांसीसियों की प्रतिष्ठा बढ़ी। १७५० में जिंजी की विजय बुसी की पहली सफलता थी। १७५१ में पाँडिचेरी से औरंगाबाद तक उसका प्रयाण तथा मार्ग में मुजफ्फरजंग की मृत्यु के बाद सलाबतजंग को निज़ाम घोषित करके आन्तरिक तथा बाह्य शत्रुओं से उसे सुरक्षित बनाना उसकी बड़ी सफलता थी। इससे दक्षिण भारत में फ्रांसीसियों की धाक जम गई; सैनिक खर्च के लिए उन्हें उत्तरी सरकार के जिले मिले; डूप्ले को कृष्णा नदी के दक्षिण के प्रदेश की सूबेदारी मिली; तथा अंग्रेजों की सभी चालें विफल हुईं। तृतीय कर्नाटक युद्ध के समय बुसी को हैदराबाद से वापस बुलाया गया। फलत: फ्रांसीसी प्रभाव वहाँ से जाता रहा तथा उत्तरी सरकार प्रदेश उनसे छिन गया। मद्रास के घेरे तथा वांडीवाश के युद्ध में बुसी ने लैली को हार्दिक सहायता दी। सन् १७६० ई में अंग्रेजों ने उसे बंदी बना लिया और संधि हो जाने पर फ्रांस भेज दिया। सन् १७८३ ई. में वह पुन: भारत आया और कुदालोर में उसने अंग्रेजों से रक्षात्मक युद्ध किया। युद्ध समाप्त होने पर उसे भारत में फ्रांसीसियों का भविष्य निराशाजनक प्रतीत हुआ। १७८५ में उसका देहान्त हो गया। श्रेणी:सेनानायक.

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बुख़ारा

बुख़ारा के अमीर के महल का दरवाज़ा, यह यूनेस्को द्वारा पंजीकृत विश्व धरोहर स्थल है बुख़ारा में पाया गया यवन-बैक्ट्रियाई सम्राट युक्राटीडीस (१७०-१४५ ईसापूर्व) द्वारा ज़र्ब सिक्का जो प्राचीनकाल का सबसे बड़ा सोने का सिक्का है। इसका वज़न १६९.२ ग्राम और व्यास (डायामीटर) ५८ मिलीमीटर है। इसे फ़्रांसिसी सम्राट नेपोलियन तृतीय ने ले लिया था और अब यह पैरिस के एक संग्राहलय में है। अलीम ख़ान (१८८०-१९४४), बुख़ारा का अंतिम अमीर, जिसे १९२० में सिंहासन से हटा दिया गया कलाँ मीनार (यानि 'बड़ी मीनार') नादिर दीवान-बेग़ी मदरसे के दरवाज़े पर अमरपक्षी (काल्पनिक फ़ीनिक्स पक्षी), यह लब-ए-हौज़ स्थल का हिस्सा है बुख़ारा (रूसी: Бухара, फ़ारसी:, अंग्रेज़ी: Bokhara) मध्य एशिया में स्थित उज़बेकिस्तान देश के बुख़ारा प्रान्त की राजधानी है। यह उज़बेकिस्तान की पाँचवी सबसे बड़ी नगरी है। इसकी जनसंख्या २,३७,९०० है (सन् १९९९ अनुमानानुसार) और यह शहर लगभग पाँच हजार वर्षों से बसा हुआ है।, Europa Publications Limited, Taylor & Francis, 2002, ISBN 978-1-85743-137-7,...

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ब्रतान्य

ब्रतान्य (फ़्रान्सीसी: Bretagne), जिसे ब्रिटेनी (Brittany) और ब्रॅय्स (Breizh) भी कहा जाता है, पस्चिमोत्तरी फ़्रान्स में स्थित एक सांस्कृतिक क्षेत्र है। यहाँ पारम्परिक रूप से फ़्रान्सीसी भाषा की बजाय ब्रेतों नामक एक केल्टी भाषा बोली जाती थी जो आयरलैंड व स्कॉटलैंड में बोली जाने वाली पारम्परिक केल्टी भाषाओं से सम्बन्धित है।, Gilles Asselin, Ruth Mastron, pp.

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ब्रांडी

कोन्येक ब्रांडी (cognac brandy) ब्रांडी (Brandy) एक मद्य है जो सामान्यत: फलों के किण्वित रसों का आसवन करके से प्राप्त किया जाता है। इसमें 35 से 60% तक अल्कोहल होता है। इसे प्रायः रात्रि के भोजन के बाद ग्रहण किया जाता है। .

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ब्रिटेन के शासक

जेम्स द्वितीय और सातवीं (१४ अक्टूबर १६३३ -16 सितम्बर १७०१) था आयरलैंड और इंग्लैंड के राजा जेम्स द्वितीय और स्कॉटलैंड के राजा के रूप में जेम्स VII, के रूप में जब तक वह 1688 की गौरवशाली क्रांति में अपदस्थ किया गया 6 फरवरी 1685 से। वह के राज्यों इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड पर राज करने के लिए अंतिम रोमन कैथोलिक सम्राट था। चार्ल्स का दूसरा जीवित बेटा मैं, वह अपने भाई, चार्ल्स द्वितीय की मौत पर सिंहासन चढ़ा। ब्रिटेन के कट्टर राजनीतिक अभिजात वर्ग के सदस्यों के तेजी से उसे समर्थक फ्रेंच और समर्थक कैथोलिक होने और एक सिंगे बनने पर डिजाइन होने का संदेह है। जब वह एक कैथोलिक वारिस का उत्पादन किया, अग्रणी रईसों पर अपने कट्टर दामाद और भतीजे विलियम ऑरेंज नीदरलैंड, जो उसने 1688 की गौरवशाली क्रांति में से एक आक्रमण सेना देश के लिए कहा जाता है। जेम्स इंग्लैंड भाग गया (और इस प्रकार छोड़ा है करने के लिए आयोजित किया गया था)। उन्होंने अपने ज्येष्ठ, कट्टर बेटी मरियम और उनके पति विलियम ऑरेंज के द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था। जेम्स को पुनर्प्राप्त करने के लिए एक गंभीर प्रयास किया अपने मुकुट से विलियम और मरियम जब वह 1689 में आयरलैंड में उतरा। जुलाई 1690 में बलों के बोय्ने की लड़ाई में विलियम द्वारा जेकोबीन की हार के बाद, जेम्स फ्रांस करने के लिए लौट आए। वह बाहर एक भिखारी के रूप में अपने जीवन के बाकी रहते थे उनके चचेरे भाई और सहयोगी, राजा लुई XIV द्वारा प्रायोजित एक कोर्ट में। जेम्स अंग्रेजी संसद और हिंदी रोमन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट, अंगरेज़ी स्थापना की इच्छाओं के खिलाफ के लिए धार्मिक स्वतंत्रता बनाने के लिए अपने प्रयास के साथ अपने संघर्ष के लिए सबसे अच्छा जाना जाता है। हालांकि, वह भी स्कॉटलैंड में प्रेस्बिटेरियन का उत्पीड़न जारी रखा। संसद अन्य यूरोपीय देशों में होने वाली थी के विकास के लिए, साथ ही इंग्लैंड के चर्च की कानूनी सर्वोच्चता के नुकसान का विरोध किया, उनकी विपक्ष क्या वे माना जाता है के रूप में पारंपरिक अंग्रेजी स्वतंत्रताओं की रक्षा करने के लिए एक मार्ग के रूप में देखा। यह तनाव बनाया जेम्स के चार-वर्षीय शासनकाल एक अंग्रेजी संसद और मुकुट, उसके बयान, अधिकार का विधेयक के पारित होने, और उसकी बेटी और उसके पति राजा और रानी के रूप में के विलय में जिसके परिणामस्वरूप के बीच वर्चस्व के लिए संघर्ष। .

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ब्रिटोनिक भाषाएँ

ब्रिटोनिक भाषाएँ (Brittonic languages, Brythonic languages) या ब्रिटिश केल्टी भाषाएँ (British Celtic languages) यूरोप में बोली जाने वाली केल्टी भाषा-परिवार की द्वीपीय केल्टी शाखा (Insular Celtic languages) की दो उपशाखाओं में से एक है जिसकी भाषाएँ ब्रिटेन में बोली जाती हैं, हालांकि अंग्रेज़ी के विस्तार से इन्हें बोलने वालों की संख्याएँ बहुत कम हो गई हैं। ५वीं और ६ठी शताब्दी ईसवी में ब्रिटेन से कुछ समुदाय इन भाषाओं को फ़्रान्स के ब्रिटेनी क्षेत्र में भी ले गए जहाँ अब ब्रेतों (Breton) नामक ब्रिटोनिक भाषा बोली जाती है। द्वीपीय केल्टी भाषाओं की दूसरी शाखा गोइडेलिक (Goidelic) है। .

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ब्रिजित बर्दो

ब्रिजित बर्दो १९६२ ब्रिजित बर्दो (पैरिस: २८ सितंबर १९३४) वह फ्रांस में पैदा हुए एक मशहूर पूर्व अभिनेत्री है। ब्रिजित बर्दो पशु अधिकार कार्यकर्ता के रूप में भी सारी दुनिया में मशहूर हैं। .

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ब्रैस्त

फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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ब्रूस विलिस

वाल्टर ब्रूस विलिस (जन्म मार्च 19, 1955), ब्रूस विलिस के नाम से भी मशहूर हैं; एक अमेरिकी अभिनेता, निर्माता और संगीतकार हैं। उन्होंने अपना कैरियर 1980 के दशक में टेलीविजन से शुरू किया व तब से वे टेलीविजन तथा फिल्मों, दोनों में ही काम कर रहे हैं जिनमें हास्य, नाटकीय तथा एक्शन भूमिकाएं शामिल हैं। वे डाई हार्ड श्रृंखला के जॉन मैक्लेन की भूमिका के लिए प्रसिद्ध हैं जो जटिल होने के साथ साथ आर्थिक रूप से अत्यंत सफल भूमिका थी। उन्होंने साठ से अधिक फिल्मों मे भूमिकाएं कीं हैं जिनमें बॉक्स ऑफिस पर सफल होने वाली फ़िल्में, जैसे पल्प फिक्शन, सिन सिटी, 12 मन्कीज़, दि फिफ्थ एलिमेंट, अर्मागेडन तथा दि सिक्स्थ सेन्स शामिल हैं। विलिस की भूमिकाओं वाली फिल्मों ने उत्तर अमेरिकी बॉक्स ऑफिस पर 2.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 3.05 बिलियन डॉलर का कारोबार किया जिससे वे मुख्य भूमिका में सर्वाधिक कमाई करने वाले नौवें अभिनेता तथा सहायक भूमिका में सर्वाधिक कमाई करने वाले बारहवें अभिनेता बन गए। वे दो बार के एमी पुरस्कार विजेता, गोल्डेन ग्लोब पुरस्कार विजेता तथा चार बार सैटर्न पुरस्कारों के लिए नामांकित अभिनेता हैं। विलिस का विवाह डेमी मूर से हुआ था तथा तेरह वर्ष के वैवाहिक जीवन के बाद वर्ष 2000 में उनका तलाक हुआ, उस वक्त उनके तीन बेटियां थीं। .

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ब्रोमीन

ब्रोमीन आवर्त सारणी (periodic table) के सप्तम मुख्य समूह का तत्व है और सामान्य ताप पर केवल यही अधातु द्रव अवस्था में रहती है। इसके दो स्थिर समस्थानिक (isotopes) प्राप्य हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 79 और 81 है। इसके अतिरिक्त इस तत्व के 11 रेडियोधर्मी समस्थानिक निर्मित हुए हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 75, 76, 77, 78, 80, 82, 83, 84, 85, 86 और 88 हैं। फ्रांस के वैज्ञानिक बैलार्ड ने ब्रोमीन की 1826 ई. में खोज की। इसकी तीक्ष्ण गंध, के कारण ही उसने इसका नाम 'ब्रोमीन' रखा, जिसका अर्थ यूनानी भाषा में 'दुर्गंध' होता है। ब्रोमीन सक्रिय तत्व होने के कारण मुक्त अवस्था में नहीं मिलता। इसके मुख्य यौगिक सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम के ब्रोमाइड हैं। जर्मनी के शटासफुर्ट (Stassfurt) नामक स्थान में इसके यौगिक बहुत मात्रा में उपस्थित हैं। समुद्रतल भी इसका उत्तम स्रोत है। कुछ जलजीव एवं वनस्पति पदार्थो में ब्रोमीन यौगिक विद्यमान हैं। .

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ब्लिट्जक्रेग

शब्द के दूसरे उपयोगों के लिए, इसे देखें: ब्लिट्जक्रेग (अन्य अर्थ) जिसे आम तौर पर ब्लिट्जक्रेग के नाम से जाना जाता है उसकी आदर्श विशेषता पैदल सेना और तोपची सैनिकों के संयुक्त हथियारबंद दलों का अत्यंत गतिशील स्वरुप है। ब्लिट्जक्रेग (जर्मन, "बिजली युद्ध"); एक अंग्रेजीनुमा शब्द है जिसका मतलब टैंकों, पैदल सेना, तोपची सैनिक और वायु शक्ति के सभी यंत्रीकृत सैन्य बलों का संयुक्त प्रहार है, जिसमें शत्रु पंक्तियों पर कामयाबी हासिल करने के लिए संयुक्त रूप से जबरदस्त ताकत और तीव्र गति से हमला किया जाता है और जब एक बार शत्रु पंक्ति छिन्न-भिन्न हो जाती है तो अपने किनारे की फिक्र किये बगैर तेजी से आगे बढ़ा जाता है। एक निरंतर गति से ब्लिट्जक्रेग, अपने दुश्मन को असंतुलित किये रखने की कोशिश करता है, जिससे उसके लिए किसी भी समय प्रभावी ढंग से जवाब देना मुश्किल हो जाता है जब तक कि अगली पंक्ति पहले ही आगे ना बढ़ गयी हो.

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ब्लैक टाई

पुरुषों की काली टाई वाली पोशाक (डबल ब्रेस्टेड जैकेट) ब्लैक टाई (Black tie) शाम के औपचारिक कार्यक्रमों के लिए एक ड्रेस कोड है और इसे कई तरह के सामाजिक समारोहों में पहना जाता है। किसी व्यक्ति के लिए मुख्य घटक एक जैकेट होता है जिसे डिनर जैकेट (कॉमनवेल्थ में) या टक्सीडो (मुख्यतः संयुक्त राज्य अमेरिका में) के नाम से जाना जाता है, जो आम तौर पर काले रंग की होती है लेकिन कभी-कभी इसे अन्य रंगों में भी देखा गया है। इसी तरह से महिलाओं की शाम की पोशाक में एक कॉकटेल ड्रेस से लेकर शाम को पहने जाने वाले लंबे गाउन तक शामिल होते हैं, जो मौजूदा फैशन, स्थानीय रिवाज और अवसर के समय के आधार पर निर्धारित होते हैं। टक्सीडो शब्द का प्रयोग भी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में विविध प्रकार से होता है। इसका मतलब हमेशा डिनर जैकेट के किसी स्वरूप से होता है और इसका प्रयोग ज्यादातर उत्तरी अमेरिका में होता है, जहाँ इस शब्द की उत्पत्ति हुई थी। वहाँ आम तौर पर इसका मतलब परंपरागत काली टाई पर कोई आधुनिक विविधता से है, जबकि ब्रिटेन में, कभी-कभी सफ़ेद जैकेट के विकल्प का उल्लेख करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। .

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बौद्धिक संपदा

नमकीन नंबर कांटेक्ट राजस्थान इंडिया .

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बैडमिंटन

बैडमिंटन रैकेट से खेला जानेवाला एक खेल है, जो दो विरोधी खिलाडियों (एकल) या दो विरोधी जोड़ों (युगल) द्वारा नेट से विभाजित एक आयताकार कोर्ट में आमने-सामने खेला जाता है खिलाड़ी अपने रैकेट से शटलकॉक को मारकर के अपने विरोधी पक्ष के कोर्ट के आधे हिस्से में गिराकर प्वाइंट्स प्राप्त करते हैं। एक रैली तब समाप्त हो जाती है जब शटलकॉक मैदान पर गिर जाता है। प्रत्येक पक्ष शटलकॉक के उस पार जाने से पहले उस पर सिर्फ़ एक बार वार कर सकता है। शटलकॉक (या शटल) चिड़ियों के पंखों से बना प्रक्षेप्य है, जिसकी अनोखी उड़ान भरने की क्षमता के कारण यह अधिकांश रैकेट खेलों की गेंदों की तुलना में अलग तरह से उड़ा करती है। खासतौर पर, पंख कहीं ज़्यादा ऊंचाई तक खिंची जा सकती हैं, जिस कारण गेंद की तुलना में शटलकॉक कहीं अधिक तेज़ी से अवत्वरण करता है। अन्य रैकेट के खेलों की तुलना में शटलकॉक की शीर्ष गति बहुत अधिक होती है। चूंकि शटलकॉक की उड़ान हवा से प्रभावित होती है, इसीलिए बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा इनडोर में ही खेलना अच्छा होता है। कभी-कभी मनोरंजन के लिए बगीचे या समुद्र तट पर भी खुले में बैडमिंटन खेला जाता है। सन् 1992 से, पांच प्रकार के आयोजनों के साथ बैडमिंटन एक ओलम्पिक खेल रहा है: पुरुषों और महिलाओं के एकल, पुरुषों और महिलाओं के युगल और मिश्रित युगल, जिसमें प्रत्येक जोड़ी में एक पुरूष और एक महिला होती है। खेल के उच्च स्तर पर, खेल उत्कृष्ट शारीरिक फिटनेस की मांग करता है: खिलाड़ियों को एरोबिक क्षमता, दक्षता, शक्ति, गति और दुरूस्तता की आवश्यकता होती है। यह एक तकनीकी खेल भी है, इसमें अच्छे संचालन समन्वय और परिष्कृत रैकेट जुम्बिशों के विकास की ज़रुरत होती है। .

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बैरॉन हॉसमान

बैरॉन हॉसमान बैरॉन हॉसमान (Georges-Eugène Haussmann; फ्रांसीसी उच्चारण: ​; 27 मार्च 1809 – 11 जनवरी 1891) फ्रांस का प्रसिद्ध वास्तुकार था जिसे नैपोलियन तृतीय ने पेरिस में नये पार्क, सड़कें, भवन एवं बड़े पैमाने पर अन्य सार्वजनिक कार्य करने के लिये नियुक्त किया। भारी आलोचना के कारण उसे अपना पद त्यागना पड़ा किन्तु उसकी दृष्टि ने पेरिस को वह कीर्ति दी जिससे १९वीं शताब्दी के अन्त तक पेरिस फ्रांस के लिये गर्व का विषय बन गया। यह नयी राजधानी पूरे यूरोप के लिए ईर्ष्या का विषय बन चुकी थी। पेरिस बहुत सारे ऐसे वास्तुशिल्पीय, सामाजिक और बौद्धिकक प्रयोगों का केन्द्र बन गया जो पूरी सदी तक यूरोप ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर अपना असर डालते रहे। हॉस्मान का नाम सुंदरता और व्यवस्था के नाम पर शहरों के जबरन पुनर्निर्माण का पर्याय बन चुका है। उसने शहर को सुन्दर बनाने और किसी भी तरह के विद्रोह की आशंका को दूर करने के लिए पेरिस के मध्य से गरीबों की बस्तियों को साफ करवा दिया था। सन् 1852 में लुई नेपोलियन तृतीय (नेपोलियन बोनापार्ट का भतीजा) ने खुद को सम्राट घोषित कर दिया। सत्ता सँभालने के बाद उसने पूरे जोश से पेरिस के पुनर्निर्माण का काम शुरू कर दिया। नए पेरिस के निर्माण का काम बैरॉन हॉसमान नामक वास्तुकार को सौंपा गया जो सियाँ का प्रिप़फेक्ट था। 1852 के बाद 17 साल तक हॉसमान पेरिस के पुनर्निर्माण में लगा रहा। शहर भर में सीधी, चौड़ी सड़कें (या, बुलेवर्ड्स / boulevards / छायादार सड़कें) बनाई गईं, खुले मैदान बनाए गए और बड़े-बड़े पेड़ लगा दिए गए। 1870 तक पेरिस की सड़कों में से 20 प्रतिशत हॉसमान की योजना के अनुसार बनाई जा चुकी थीं। पूरे शहर में पुलिस को तैनात किया गया, रात में गश्त शुरू की गई और बस अड्डों व टोंटी के पानी की व्यवस्था की गयी। इतने बड़े पैमाने पर काम करने के लिए बहुत सारे लोगों की जरूरत थी। 1860 के दशक में पेरिस के प्रत्येक पाँच कामकाजी लोगों में से एक निर्माण कार्यों में लगा था। इस पुनर्निर्माण अभियान में पेरिस के बीच रहने वाले 3,50,000 लोगों को उजाड़ दिया गया था। पेरिस के कुछ संपन्न निवासियों को भी लगता था कि उनके शहर को दानवी ढंग से बदल दिया गया है। उदाहरण के लिए, 1860 में गॉनकोर्ट बंधुओं ने अपने लेखन में पुरानी जीवनशैली के खत्म हो जाने और एक उच्चवर्गीय संस्कृति के स्थापित हो जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया था। बहुतों का मानना था कि हॉसमान ने एक जैसे दिखने वाले बुलेवर्ड्स और छज्जों से भरा सुनसान, उदास शहर बनाने के लिए सड़क के जीवन और ‘सड़कों को मार डाला’ है। श्रेणी:वास्तुकार श्रेणी:पेरिस.

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बैले

बैले नर्तकियों का चित्र, 1872 में एडगर डेगास द्वारा. बैले एक तरह का प्रदर्शन नृत्य है जिसकी उत्पत्ति 15वीं शताब्दी में इतालवी नवजागरण न्यायालयों में हुई और आगे चलकर फ्रांस, इंग्लैंड और रूस में इसे एक समारोह नृत्य शैली के तौर पर और अधिक विकसित किया गया। इसकी शुरुआत रंगमंचों से पहले हुई और इन्हें बड़े कक्षों में प्रदर्शित किया जाता था जहां ज्यादातर दर्शक, पंक्तियों अथवा दीर्घाओं में डांस फ्लोर के तीनों ओर बैठे होते थे। इसके बाद से यह स्वयं की शब्दावली वाली बेहद तकनीकी नृत्य शैली बन गई। मुख्य तौर पर इसे शास्त्रीय संगीत के साथ ही प्रदर्शित किया जाता है और एक नृत्य के रूप में यह पूरे विश्व में काफी प्रभावशाली है। पूरे विश्व के बैले स्कूलों में बैले नृत्य सिखाया जाता है जहां लोग अपनी संस्कृति और समाज के माध्यम से इस कला के बारे में बताते हैं। बैले नृत्य प्रशिक्षित कलाकारों द्वारा कोरियोग्राफ और प्रदर्शित किया जाता है, जिसमें मसखरी और अभिनय करना भी शामिल है और जो संगीत पर तैयार होता है (आमतौर पर ऑर्केसट्रा के संगीत पर लेकिन कभी-कभार मौखिक भी होता है).

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बैंक

जर्मनी के फ्रैंकफुर्त में डश-बैंक बैंक (Bank) उस वित्तीय संस्था को कहते हैं जो जनता से धनराशि जमा करने तथा जनता को ऋण देने का काम करती है। लोग अपनी अपनी बचत राशि को सुरक्षा की दृष्टि से अथवा ब्याज कमाने के हेतु इन संस्थाओं में जमा करते और आवश्यकतानुसार समय समय पर निकालते रहते हैं। बैंक इस प्रकार जमा से प्राप्त राशि को व्यापारियों एवं व्यवसायियों को ऋण देकर ब्याज कमाते हैं। आर्थिक आयोजन के वर्तमान युग में कृषि, उद्योग एवं व्यापार के विकास के लिए बैंक एवं बैंकिंग व्यवस्था एक अनिवार्य आवश्यकता मानी जाती है। राशि जमा रखने तथा ऋण प्रदान करने के अतिरिक्त बैंक अन्य काम भी करते हैं जैसे, सुरक्षा के लिए लोगों से उनके आभूषणादि बहुमूल्य वस्तुएँ जमा रखना, अपने ग्राहकों के लिए उनके चेकों का संग्रहण करना, व्यापारिक बिलों की कटौती करना, एजेंसी का काम करना, गुप्त रीति से ग्राहकों की आर्थिक स्थिति की जानकारी लेना देना। अत: बैंक केवल मुद्रा का लेन देन ही नहीं करते वरन् साख का व्यवहार भी करते हैं। इसीलिए बैंक को साख का सृजनकर्ता भी कहा जाता है। बैंक देश की बिखरी और निठल्ली संपत्ति को केंद्रित करके देश में उत्पादन के कार्यों में लगाते हैं जिससे पूँजी निर्माण को प्रोत्साहन मिलता है और उत्पादन की प्रगति में सहायता मिलती है। भारतीय बैंकिग कंपनी कानून, १९४९ के अंतर्गत बैंक की परिभाषा निम्न शब्दों में दी गई हैं: एक ही बैंक के लिए व्यापार, वाणिज्य, उद्योग तथा कृषि की समुचित वित्तव्यवस्था करना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य होता है। अतएव विशिष्ट कार्यों के लिए अलग अलग बैंक स्थापित किए जाते हैं जैसे व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, औद्योगिक बैंक, विदेशी विनिमय बैंक तथा बचत बैंक। इन सब प्रकार के बैंकों को नियमपूर्वक चलाने तथा उनमें पारस्परिक तालमेल बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक होता है जो देश भर की बैंकिंग व्यवस्था का संचालन करता है। समय के साथ कई अन्य वित्तीय गतिविधियाँ जुड़ गईं। उदाहरण के लिए बैंक वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण खिलाडी हैं और निवेश फंड जैसे वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। कुछ देशों (जैसे जर्मनी) में बैंक औद्योगिक निगमों के प्राथमिक मालिक हैं, जबकि अन्य देशों (जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका) में बैंक गैर वित्तीय कंपनियों स्वक्मित्व से निषिद्ध रहे हैं। जापान में बैंक को आमतौर पर पार शेयर होल्डिंग इकाई (ज़ाइबत्सू) के रूप में पहचाना जाता है। फ़्रांस में अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों को बिमा सेवा प्रदान करते हैं। .

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बेथलहम

बेथलहम (بَيْتِ لَحْمٍ,, प्रकाशित “हाउस ऑफ मीट (House of Meat)"; בֵּית לֶחֶם, बीट लेहम (Beit Lehem), प्रकाशित "हाउस ऑफ ब्रेड (House of Bread);" बेथलीम (Bethleém)) मध्य वेस्ट-बैंक में, येरुशलम से लगभग दक्षिण में स्थित एक फिलिस्तीनी शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग 30,000 है।अमरा, 1999,.

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बेनिटो मुसोलिनी

बेनिटो मुसोलिनी (११४०) बेनितो मुसोलिनी (२९जुलाई, १८८२ - २८ अप्रैल १९४५) इटली का एक राजनेता था जिसने राष्ट्रीय फासिस्ट पार्टी का नेतृत्व किया। वह फासीवाद के दर्शन की नींव रखने वालों में से प्रमुख व्यक्ति था। उसने दूसरे विश्वयुद्ध में एक्सिस समूह में मिलकर युद्ध कीया। वे हिटलर के निकटतम राजनीतिज्ञ थे। इनका जीवन अवसरवाद, आवारापन और प्रतिभा के मिश्रण से बना कहा गया है। उनकी गोली मारकर हत्या की गयी।फासीवाद का नेतृत्व किया था। जनरल फ्रेंको की सहायता की थी। .

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बेल्जियम

किंगडम ऑफ़ बेल्जियम उत्तर-पश्चिमी यूरोप में एक देश है। यह यूरोपीय संघ का संस्थापक सदस्य है और उसके मुख्यालय का मेज़बान है, साथ ही, अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों का, जिसमें NATO भी शामिल है। 10.7 मीलियन की जनसंख्या वाले बेल्जियम का क्षेत्रफल है। जर्मनिक और लैटिन यूरोप के मध्य अपनी सांस्कृतिक सीमा को विस्तृत किये हुए बेल्जियम, दो मुख्य भाषाई समूहों, फ्लेमिश और फ्रेंच-भाषी, मुख्यतः वलून्स सहित जर्मन भाषियों के एक छोटे समूह का आवास है। बेल्जियम के दो सबसे बड़े क्षेत्र हैं, उत्तर में 59% जनसंख्या सहित फ्लेंडर्स का डच भाषी क्षेत्र और वालोनिया का फ्रेंच भाषी दक्षिणी क्षेत्र, जहाँ 31% लोग बसे हैं। ब्रुसेल्स-राजधानी क्षेत्र, जो आधिकारिक तौर पर द्विभाषी है, मुख्यतः फ्लेमिश क्षेत्र के अंतर्गत एक फ्रेंच भाषी एन्क्लेव है और यहाँ 10% जनसंख्या बसी है। * * * * पूर्वी वालोनिया में एक छोटा जर्मन भाषी समुदाय मौजूद है। मूल (पहले ही) 71,500 निवासियों के बजाय 73,000 का उल्लेख करता है। बेल्जियम की भाषाई विविधता और संबंधित राजनीतिक तथा सांस्कृतिक संघर्ष, राजनीतिक इतिहास और एक जटिल शासन प्रणाली में प्रतिबिंबित होता है। बेल्जियम नाम, गॉल के उत्तरी भाग में एक रोमन प्रान्त, गैलिया बेल्जिका से लिया गया है, जो केल्टिक और जर्मन लोगों के एक मिश्रण बेल्जी का निवास स्थान था। ऐतिहासिक रूप से, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग, निचले देश के रूप में जाने जाते थे, जो राज्यों के मौजूदा बेनेलक्स समूह की तुलना में अपेक्षाकृत कुछ बड़े क्षेत्र को आवृत किया करते थे। मध्य युग की समाप्ति से लेकर 17 वीं सदी तक, यह वाणिज्य और संस्कृति का एक समृद्ध केन्द्र था। 16वीं शताब्दी से लेकर 1830 में बेल्जियम की क्रांति तक, यूरोपीय शक्तियों के बीच बेल्जियम के क्षेत्र में कई लड़ाइयाँ लड़ी गईं, जिससे इसे यूरोप के युद्ध मैदान का तमगा मिला - एक छवि जिसे दोनों विश्व युद्ध ने और पुष्ट किया। अपनी स्वतंत्रता पर, बेल्जियम ने उत्सुकता के साथ औद्योगिक क्रांति में भाग लिया और उन्नीसवीं सदी के अंत में, अफ्रीका में कई उपनिवेशों पर अधिकार जमाया। 20वीं सदी के उत्तरार्ध को फ्लेमिंग्स और फ्रैंकोफ़ोन के बीच साँप्रदायिक संघर्ष की वृद्धि के लिए जाना जाता है, जिसे एक तरफ तो सांस्कृतिक मतभेद ने भड़काया, तो दूसरी तरफ फ्लेनडर्स और वालोनिया के विषम आर्थिक विकास ने. अब भी सक्रिय इन संघर्षों ने पूर्व में एक एकात्मक राज्य बेल्जियम को संघीय राज्य बनाने के दूरगामी सुधारों को प्रेरित किया। .

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बेहरामजी मलाबारी

बेहरामजी मेरवानजी मालाबारी (1853–1912) भारत के कवि, प्रकशक, लेखक तथा समाज सुधारक थे। वे स्त्रियों के अधिकारों की रक्षा के प्रबल पक्षधर थे। .

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बॉक्सर विद्रोह

तियानजिन में बॉक्सर विद्रोहियों का दस्ता आठ-राष्ट्रिय गुट के नुमाइंदे - (बाएँ से) ब्रिटिश, अमेरिकी, रूसी, ब्रिटिश भारतीय, जर्मन, फ़्रांसिसी, ऑस्ट्रो-हंगेरियाई, इतालवी, जापानी सर क़लम कर के विद्रोहियों को सज़ा बॉक्सर विद्रोह या मुक़्क़ेबाज़ विद्रोह चीन में सन् 1898 से 1901 तक चलने वाला यूरोपियाई साम्राज्यवाद और इसाई धर्म के फैलाव के विरुद्ध एक हिंसक आन्दोलन था। इसका नेतृत्व एक "धार्मिक समस्वर संघ" (चीनी:義和團, यीहेतुआन) नाम के संगठन ने किया था, जिन्हें "धार्मिक और समस्वरीय मुक़्क़ों का संघ" भी कहा जाता था। मुक़्क़ेबाज़ को अंग्रेज़ी में "बॉक्सर" (boxer) कहते हैं इसलिए विद्रोहियों को यही बुलाया जाने लगा। .

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बोर्दो

फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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बोहीमियनवाद

पिएर्रे-अगस्टे रेनोइर, (बोहेनिया या लाइस बोहेमियन), 1868, कैनवास पर तेल, बर्लिन, जर्मनी: आलते नेशनल गैलरी बोहीमियनवाद का तात्पर्य अपरंपरागत जीवन शैली का अभ्यास करने वालों से है, ऐसा अक्सर समान विचारधारा के वे लोग करते हैं जो साहित्य, संगीत या कलात्मक गतिविधियों में दिलचस्पी रखते हैं और जिनके कुछ ही स्थायी सम्बन्ध होते हैं। बोहेमियन लोग घुमक्कड़, साहसी या बंजारे भी हो सकते हैं। वास्तव में बोहेमियन शब्द का अर्थ पूर्वी यूरोपियन और स्लेविक भाषा बोलने वाले बोहेमिया देश में उत्पन्न हुई वस्तु से है, परन्तु धीरे धीरे इस शब्द का प्रयोग उन्नीसवी शताब्दी में फ्रेन्च और अंग्रेजी की बोलचाल की भाषा में उन लोगों के लिए किया जाने लगा जो अपारम्परिक तरीके से रहते हैं और गरीबी और अधिकारहीनता का जीवन जीते हैं जैसे कलाकार, लेखक,पत्रकार,संगीतकार और मुख्य यूरोपियन शहरों में रहने वाले अभिनेता। बोहेमियन शब्द का प्रयोग, बोलचाल की भाषा में, अपरम्परागत अथवा सामाजिक और राजनीतिक रूप से मुख्य विचारधारा से हटकर, सोचने वालों के लिए प्रयोग किया जाता था, जिसे वे लोग उन्मुक्त प्रेम, मितव्ययिता और/अथवा एच्छिक गरीबी के द्वारा व्यक्त करते थे। .

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बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

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बीज-लेखन

द्वितीय विश्व युद्ध में सेना के उच्च स्तरीय जनरल स्टाफ के संदेशों को कूटबद्ध करने के लिए या उन्हें गुप्त भाषा में लिखने के लिए प्रयोग की गई। Lorenz cipher) क्रिप्टोग्राफ़ी या क्रिप्टोलोजी यानि कूट-लेखन यूनानी शब्द κρυπτός,, क्रिपटोस औरγράφω ग्राफ़ो या -λογία,लोजिया (-logia), से लिया गया है। इनके अर्थ हैं क्रमशः छुपा हुआ रहस्य और मैं लिखता हूँ। यह किसी छुपी हुई जानकारी (information) का अध्ययन करने की प्रक्रिया है। आधुनिक समय में, क्रिप्टोग्राफ़ी या कूट-लेखन को गणित और कंप्यूटर विज्ञान (computer science) दोनों की एक शाखा माना जाता है और सूचना सिद्धांत (information theory), कंप्यूटर सुरक्षा (computer security) और इंजीनियरिंग से काफ़ी ज्यादा जुड़ा हुआ है। तकनीकी रूप से उन्नत समाज में कूटलेखन के अनुप्रयोग कई रूपों में मौजूद हैं। उदाहरण के लिये - एटीएम कार्ड (ATM cards), कंप्यूटर पासवर्ड (computer passwords) और इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य (electronic commerce)- ये सभी कूटलेखन पर निर्भर करते हैं। .

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भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन

भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन हिन्दी नाम है एक सम्मेलन का.

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भार एवं मापों पर अन्तरराष्ट्रीय ब्यूरो

भार एवं मापों पर अन्तरराष्ट्रीय ब्यूरो (फ़्रेंच में: Bureau international des poids et mesures), उन तीन अन्तर्राष्ट्रीय मानक संगठनों में से एक है, जो अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली, SI का कन्वेंशन ड्यू मेत्रे के अनुसार अनुरक्षण करने हेतु स्थापित किये गये थे। इस संगठन को प्रायः इसके फ़्रेंच नाम के लघुरूप BIPM से ही जाना जाता है। यह फ़्रांस के सैव्रे में पवेलियन दे ब्रेट्युए में स्थापित है। प्रथम विश्व युद्ध से पूर्व यह जर्मनी में था। अनुवाद योग्य सामग्री उपलब्ध है: .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में सामूहिक विनाश के हथियार

भारत के पास परमाणु हथियार के रूप में सामूहिक विनाश के हथियार हैं और अतीत में, रासायनिक हथियार भी थे। हालांकि भारत ने अपने परमाणु शस्त्रागार के आकार के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है पर हाल के अनुमान के मुताबिक भारत के पास लगभग 150-160 परमाणु हथियार हैं। 1999 में भारत के पास 800 किलो रिएक्टर ग्रेड और कुल 8300 किलो असैनिक प्लूटोनियम था जो लगभग 1,000 परमाणु हथियारों के लिए पर्याप्त है। भारत ने 1968 की परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं, भारत का तर्क है कि यह संधि केवल कुछ देशों तक ही परमाणु तकनीक को सीमित करती है और सामान्य परमाणु निरशास्त्रिकारण भी को रोकती है। भारत ने जैविक हथियारों सम्मेलन और रासायनिक हथियार कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किये हैं व पुष्टि भी की है। भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) का एक सदस्य है और द हेग आचार संहिता (The Hague Code of Conduct) की सदस्यता लेने वाला देश है। .

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भारत में इस्लाम

भारतीय गणतंत्र में हिन्दू धर्म के बाद इस्लाम दूसरा सर्वाधिक प्रचलित धर्म है, जो देश की जनसंख्या का 14.2% है (2011 की जनगणना के अनुसार 17.2 करोड़)। भारत में इस्लाम का आगमन करीब 7वीं शताब्दी में अरब के व्यापारियों के आने से हुआ था (629 ईसवी सन्‌) और तब से यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग बन गया है। वर्षों से, सम्पूर्ण भारत में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का एक अद्भुत मिलन होता आया है और भारत के आर्थिक उदय और सांस्कृतिक प्रभुत्व में मुसलमानों ने महती भूमिका निभाई है। हालांकि कुछ इतिहासकार ये दावा करते हैं कि मुसलमानों के शासनकाल में हिंदुओं पर क्रूरता किए गए। मंदिरों को तोड़ा गया। जबरन धर्मपरिवर्तन करा कर मुसलमान बनाया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि एक मुसलमान शासक टीपू शुल्तान खुद ये दावा करता था कि उसने चार लाख हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रकाशित: 11 दिसम्बर 1992 विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां सरकार हज यात्रा के लिए विमान के किराया में सब्सिडी देती थी और २००७ के अनुसार प्रति यात्री 47454 खर्च करती थी। हालांकि 2018 से रियायत हटा ली गयी है। .

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भारत में कॉफी उत्पादन

भारत में कॉफी वन भारत में कॉफी बागान भारत में कॉफ़ी का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में होता है। यहां कुल 8200 टन कॉफ़ी का उत्पादन होता है जिसमें से कर्नाटक राज्य में अधिकतम 53 प्रतिशत, केरल में 28 प्रतिशत और तमिलनाडु में 11 प्रतिशत उत्पादन होता है। भारतीय कॉफी दुनिया भर की सबसे अच्छी गुणवत्ता की कॉफ़ी मानी जाती है, क्योंकि इसे छाया में उगाया जाता है, इसके बजाय दुनिया भर के अन्य स्थानों में कॉफ़ी को सीधे सूर्य के प्रकाश में उगाया जाता है। भारत में लगभग 250000 लोग कॉफ़ी उगाते हैं; इनमें से 98 प्रतिशत छोटे उत्पादक हैं। 2009 में, भारत का कॉफ़ी उत्पादन दुनिया के कुल उत्पादन का केवल 4.5% था। भारत में उत्पादन की जाने वाली कॉफ़ी का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा निर्यात कर दिया जाता है। निर्यात किये जाने वाले हिस्से का 70 प्रतिशत हिस्सा जर्मनी, रूस संघ, स्पेन, बेल्जियम, स्लोवेनिया, संयुक्त राज्य, जापान, ग्रीस, नीदरलैंड्स और फ्रांस को भेजा जाता है। इटली को कुल निर्यात का 29 प्रतिशत हिस्सा भेजा जाता है। अधिकांश निर्यात स्वेज़ नहर के माध्यम से किया जाता है। कॉफी भारत के तीन क्षेत्रों में उगाई जाती है। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु दक्षिणी भारत के पारम्परिक कॉफ़ी उत्पादक क्षेत्र हैं। इसके बाद देश के पूर्वी तट में उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के गैर पारम्परिक क्षेत्रों में नए कॉफ़ी उत्पादक क्षेत्रों का विकास हुआ है। तीसरे क्षेत्र में उत्तर पूर्वी भारत के अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और आसाम के राज्य शामिल हैं, इन्हें भारत के "सात बन्धु राज्यों" के रूप में जाना जाता है। भारतीय कॉफी, जिसे अधिकतर दक्षिणी भारत में मानसूनी वर्षा में उगाया जाता है, को "भारतीय मानसून कॉफ़ी" भी कहा जाता है। इसके स्वाद "सर्वश्रेष्ठ भारतीय कॉफ़ी के रूप में परिभाषित किया जाता है, पेसिफिक हाउस का फ्लेवर इसकी विशेषता है, लेकिन यह एक साधारण और नीरस ब्रांड है।" कॉफ़ी की चार ज्ञात किस्में हैं अरेबिका, रोबस्टा, पहली किस्म जिसे 17 वीं शताब्दी में कर्नाटक के बाबा बुदान पहाड़ी क्षेत्र में शुरू किया गया, का विपणन कई सालों से केंट और S.795 ब्रांड नामों के तहत किया जाता है। .

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भारत का प्रधानमन्त्री

भारत गणराज्य के प्रधानमन्त्री (सामान्य वर्तनी:प्रधानमंत्री) का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रधानमन्त्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद् का प्रमुख और राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का प्रमुख होता है और सरकार के कार्यों के प्रति संसद को जवाबदेह होता है। भारत की संसदीय राजनैतिक प्रणाली में राष्ट्रप्रमुख और शासनप्रमुख के पद को पूर्णतः विभक्त रखा गया है। सैद्धांतिकरूप में संविधान भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रप्रमुख घोषित करता है और सैद्धांतिकरूप में, शासनतंत्र की सारी शक्तियों को राष्ट्रपति पर निहित करता है। तथा संविधान यह भी निर्दिष्ट करता है कि राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग अपने अधीनस्थ अधकारियों की सलाह पर करेगा। संविधान द्वारा राष्ट्रपति के सारे कार्यकारी अधिकारों को प्रयोग करने की शक्ति, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित, प्रधानमन्त्री को दी गयी है। संविधान अपने भाग ५ के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रधानमन्त्रीपद के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद ७४ में स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानमन्त्री की उपस्थिति को आवश्यक माना गया है। उसकी मृत्यु या पदत्याग की दशा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है। वह स्वेच्छा से ही मंत्रीपरिषद का गठन करता है। राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति उसकी सलाह से ही करते हैं। मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है। कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है। देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है तथा सभी नीतिगत निर्णय भी वही लेता है। राष्ट्रपति तथा मंत्रीपरिषद के मध्य संपर्कसूत्र भी वही हैं। मंत्रिपरिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है। वह सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व करता है। संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है। मन्त्रीगण के मध्य समन्वय भी वही करता है। वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना आवश्यकतानुसार मंगवा सकता है। प्रधानमन्त्री, लोकसभा में बहुमत-धारी दल का नेता होता है, और उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर होती है। इस पद पर किसी प्रकार की समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है परंतु एक व्यक्ति इस पद पर केवल तब तक रह सकता है जबतक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो। संविधान, विशेष रूप से, प्रधानमन्त्री को केंद्रीय मंत्रिमण्डल पर पूर्ण नियंत्रण प्रदान करता है। इस पद के पदाधिकारी को सरकारी तंत्र पर दी गयी अत्यधिक नियंत्रणात्मक शक्ति, प्रधानमन्त्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति बनाती है। विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या, सबसे बड़े लोकतंत्र और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य बलों समेत एक परमाणु-शस्त्र राज्य के नेता होने के कारण भारतीय प्रधानमन्त्री को विश्व के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिना जाता है। वर्ष २०१० में फ़ोर्ब्स पत्रिका ने अपनी, विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों की, सूची में तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को १८वीं स्थान पर रखा था तथा २०१२ और २०१३ में उन्हें क्रमशः १९वें और २८वें स्थान पर रखा था। उनके उत्तराधिकारी, नरेंद्र मोदी को वर्ष २०१४ में १५वें स्थान पर तथा वर्ष २०१५ में विश्व का ९वाँ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया था। इस पद की स्थापना, वर्त्तमान कर्तव्यों और शक्तियों के साथ, २६ जनवरी १९४७ में, संविधान के परवर्तन के साथ हुई थी। उस समय से वर्त्तमान समय तक, इस पद पर कुल १५ पदाधिकारियों ने अपनी सेवा दी है। इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पदाधिकारी जवाहरलाल नेहरू थे जबकि भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्हें 26 मई 2014 को इस पद पर नियुक्त किया गया था। .

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भारत का राजनीतिक एकीकरण

१९४७ में स्वतन्त्रता के तुरन्त बाद भारत की राजनीतिक स्थिति १९०९ में 'ब्रितानी भारत' तथा देसी रियासतें स्वतंत्रता के समय 'भारत' के अन्तर्गत तीन तरह के क्षेत्र थे-.

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भारत का इतिहास

भारत का इतिहास कई हजार साल पुराना माना जाता है। मेहरगढ़ पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है जहाँ नवपाषाण युग (७००० ईसा-पूर्व से २५०० ईसा-पूर्व) के बहुत से अवशेष मिले हैं। सिन्धु घाटी सभ्यता, जिसका आरंभ काल लगभग ३३०० ईसापूर्व से माना जाता है, प्राचीन मिस्र और सुमेर सभ्यता के साथ विश्व की प्राचीनतम सभ्यता में से एक हैं। इस सभ्यता की लिपि अब तक सफलता पूर्वक पढ़ी नहीं जा सकी है। सिंधु घाटी सभ्यता वर्तमान पाकिस्तान और उससे सटे भारतीय प्रदेशों में फैली थी। पुरातत्त्व प्रमाणों के आधार पर १९०० ईसापूर्व के आसपास इस सभ्यता का अक्स्मात पतन हो गया। १९वी शताब्दी के पाश्चात्य विद्वानों के प्रचलित दृष्टिकोणों के अनुसार आर्यों का एक वर्ग भारतीय उप महाद्वीप की सीमाओं पर २००० ईसा पूर्व के आसपास पहुंचा और पहले पंजाब में बस गया और यहीं ऋग्वेद की ऋचाओं की रचना की गई। आर्यों द्वारा उत्तर तथा मध्य भारत में एक विकसित सभ्यता का निर्माण किया गया, जिसे वैदिक सभ्यता भी कहते हैं। प्राचीन भारत के इतिहास में वैदिक सभ्यता सबसे प्रारंभिक सभ्यता है जिसका संबंध आर्यों के आगमन से है। इसका नामकरण आर्यों के प्रारम्भिक साहित्य वेदों के नाम पर किया गया है। आर्यों की भाषा संस्कृत थी और धर्म "वैदिक धर्म" या "सनातन धर्म" के नाम से प्रसिद्ध था, बाद में विदेशी आक्रांताओं द्वारा इस धर्म का नाम हिन्दू पड़ा। वैदिक सभ्यता सरस्वती नदी के तटीय क्षेत्र जिसमें आधुनिक भारत के पंजाब (भारत) और हरियाणा राज्य आते हैं, में विकसित हुई। आम तौर पर अधिकतर विद्वान वैदिक सभ्यता का काल २००० ईसा पूर्व से ६०० ईसा पूर्व के बीच में मानते है, परन्तु नए पुरातत्त्व उत्खननों से मिले अवशेषों में वैदिक सभ्यता से संबंधित कई अवशेष मिले है जिससे कुछ आधुनिक विद्वान यह मानने लगे हैं कि वैदिक सभ्यता भारत में ही शुरु हुई थी, आर्य भारतीय मूल के ही थे और ऋग्वेद का रचना काल ३००० ईसा पूर्व रहा होगा, क्योंकि आर्यो के भारत में आने का न तो कोई पुरातत्त्व उत्खननों पर अधारित प्रमाण मिला है और न ही डी एन ए अनुसन्धानों से कोई प्रमाण मिला है। हाल ही में भारतीय पुरातत्व परिषद् द्वारा की गयी सरस्वती नदी की खोज से वैदिक सभ्यता, हड़प्पा सभ्यता और आर्यों के बारे में एक नया दृष्टिकोण सामने आया है। हड़प्पा सभ्यता को सिन्धु-सरस्वती सभ्यता नाम दिया है, क्योंकि हड़प्पा सभ्यता की २६०० बस्तियों में से वर्तमान पाकिस्तान में सिन्धु तट पर मात्र २६५ बस्तियां थीं, जबकि शेष अधिकांश बस्तियां सरस्वती नदी के तट पर मिलती हैं, सरस्वती एक विशाल नदी थी। पहाड़ों को तोड़ती हुई निकलती थी और मैदानों से होती हुई समुद्र में जाकर विलीन हो जाती थी। इसका वर्णन ऋग्वेद में बार-बार आता है, यह आज से ४००० साल पूर्व भूगर्भी बदलाव की वजह से सूख गयी थी। ईसा पूर्व ७ वीं और शुरूआती ६ वीं शताब्दि सदी में जैन और बौद्ध धर्म सम्प्रदाय लोकप्रिय हुए। अशोक (ईसापूर्व २६५-२४१) इस काल का एक महत्वपूर्ण राजा था जिसका साम्राज्य अफगानिस्तान से मणिपुर तक और तक्षशिला से कर्नाटक तक फैल गया था। पर वो सम्पूर्ण दक्षिण तक नहीं जा सका। दक्षिण में चोल सबसे शक्तिशाली निकले। संगम साहित्य की शुरुआत भी दक्षिण में इसी समय हुई। भगवान गौतम बुद्ध के जीवनकाल में, ईसा पूर्व ७ वीं और शुरूआती ६ वीं शताब्दि के दौरान सोलह बड़ी शक्तियां (महाजनपद) विद्यमान थे। अति महत्‍वपूर्ण गणराज्‍यों में कपिलवस्‍तु के शाक्‍य और वैशाली के लिच्‍छवी गणराज्‍य थे। गणराज्‍यों के अलावा राजतंत्रीय राज्‍य भी थे, जिनमें से कौशाम्‍बी (वत्‍स), मगध, कोशल, कुरु, पान्चाल, चेदि और अवन्ति महत्‍वपूर्ण थे। इन राज्‍यों का शासन ऐसे शक्तिशाली व्‍यक्तियों के पास था, जिन्‍होंने राज्‍य विस्‍तार और पड़ोसी राज्‍यों को अपने में मिलाने की नीति अपना रखी थी। तथापि गणराज्‍यात्‍मक राज्‍यों के तब भी स्‍पष्‍ट संकेत थे जब राजाओं के अधीन राज्‍यों का विस्‍तार हो रहा था। इसके बाद भारत छोटे-छोटे साम्राज्यों में बंट गया। आठवीं सदी में सिन्ध पर अरबी अधिकार हो गाय। यह इस्लाम का प्रवेश माना जाता है। बारहवीं सदी के अन्त तक दिल्ली की गद्दी पर तुर्क दासों का शासन आ गया जिन्होंने अगले कई सालों तक राज किया। दक्षिण में हिन्दू विजयनगर और गोलकुंडा के राज्य थे। १५५६ में विजय नगर का पतन हो गया। सन् १५२६ में मध्य एशिया से निर्वासित राजकुमार बाबर ने काबुल में पनाह ली और भारत पर आक्रमण किया। उसने मुग़ल वंश की स्थापना की जो अगले ३०० सालों तक चला। इसी समय दक्षिण-पूर्वी तट से पुर्तगाल का समुद्री व्यापार शुरु हो गया था। बाबर का पोता अकबर धार्मिक सहिष्णुता के लिए विख्यात हुआ। उसने हिन्दुओं पर से जज़िया कर हटा लिया। १६५९ में औरंग़ज़ेब ने इसे फ़िर से लागू कर दिया। औरंग़ज़ेब ने कश्मीर में तथा अन्य स्थानों पर हिन्दुओं को बलात मुसलमान बनवाया। उसी समय केन्द्रीय और दक्षिण भारत में शिवाजी के नेतृत्व में मराठे शक्तिशाली हो रहे थे। औरंगज़ेब ने दक्षिण की ओर ध्यान लगाया तो उत्तर में सिखों का उदय हो गया। औरंग़ज़ेब के मरते ही (१७०७) मुगल साम्राज्य बिखर गया। अंग्रेज़ों ने डचों, पुर्तगालियों तथा फ्रांसिसियों को भगाकर भारत पर व्यापार का अधिकार सुनिश्चित किया और १८५७ के एक विद्रोह को कुचलने के बाद सत्ता पर काबिज़ हो गए। भारत को आज़ादी १९४७ में मिली जिसमें महात्मा गाँधी के अहिंसा आधारित आंदोलन का योगदान महत्वपूर्ण था। १९४७ के बाद से भारत में गणतांत्रिक शासन लागू है। आज़ादी के समय ही भारत का विभाजन हुआ जिससे पाकिस्तान का जन्म हुआ और दोनों देशों में कश्मीर सहित अन्य मुद्दों पर तनाव बना हुआ है। .

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भारत के ध्वजों की सूची

यह सूची भारत में प्रयोग हुए सभी ध्वजों की है.

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भारत के प्रधान मंत्रियों की सूची

भारत के प्रधानमंत्री भारत गणराज्य की सरकार के मुखिया हैं। भारत के प्रधानमंत्री, का पद, भारत के शासनप्रमुख (शासनाध्यक्ष) का पद है। संविधान के अनुसार, वह भारत सरकार के मुखिया, भारत के राष्ट्रपति, का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद का मुखिया, तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है। भारत की राजनैतिक प्रणाली में, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल में का वरिष्ठ सदस्य होता है। .

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भारत के वैदेशिक सम्बन्ध

किसी भी देश की विदेश नीति इतिहास से गहरा सम्बन्ध रखती है। भारत की विदेश नीति भी इतिहास और स्वतन्त्रता आन्दोलन से सम्बन्ध रखती है। ऐतिहासिक विरासत के रूप में भारत की विदेश नीति आज उन अनेक तथ्यों को समेटे हुए है जो कभी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन से उपजे थे। शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व व विश्वशान्ति का विचार हजारों वर्ष पुराने उस चिन्तन का परिणाम है जिसे महात्मा बुद्ध व महात्मा गांधी जैसे विचारकों ने प्रस्तुत किया था। इसी तरह भारत की विदेश नीति में उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद व रंगभेद की नीति का विरोध महान राष्ट्रीय आन्दोलन की उपज है। भारत के अधिकतर देशों के साथ औपचारिक राजनयिक सम्बन्ध हैं। जनसंख्या की दृष्टि से यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक व्यवस्था वाला देश भी है और इसकी अर्थव्यवस्था विश्व की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ रूसी राष्ट्रपति, 34वाँ जी-8 शिखर सम्मेलन प्राचीन काल में भी भारत के समस्त विश्व से व्यापारिक, सांस्कृतिक व धार्मिक सम्बन्ध रहे हैं। समय के साथ साथ भारत के कई भागों में कई अलग अलग राजा रहे, भारत का स्वरूप भी बदलता रहा किंतु वैश्विक तौर पर भारत के सम्बन्ध सदा बने रहे। सामरिक सम्बन्धों की बात की जाए तो भारत की विशेषता यही है कि वह कभी भी आक्रामक नहीं रहा। 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने अधिकांश देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा है। वैश्विक मंचों पर भारत सदा सक्रिय रहा है। 1990 के बाद आर्थिक तौर पर भी भारत ने विश्व को प्रभावित किया है। सामरिक तौर पर भारत ने अपनी शक्ति को बनाए रखा है और विश्व शान्ति में यथासंभव योगदान करता रहा है। पाकिस्तान व चीन के साथ भारत के संबंध कुछ तनावपूर्ण अवश्य हैं किन्तु रूस के साथ सामरिक संबंधों के अलावा, भारत का इजरायल और फ्रांस के साथ विस्तृत रक्षा संबंध है। भारत की विदेश नीति के निर्माण की अवस्था को निम्न प्रकार से समझा जा सकता हैः- .

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भारत-फ्रांस सम्बन्ध

300px भारत और फ्रांस के सम्बन्ध परम्परागत रूप से मैत्रीपूर्ण रहे हैं। .

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भारत-संयुक्त राष्ट्र संघ सम्बन्ध

भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र सभा को सम्बोधित करते हुए। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों का लगातार समर्थन किया है तथा विशेष रूप से शांति स्थापना के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के लक्ष्यों को कार्यान्वित करने में महत्वपूर्ण रूप से योगदान दिया है। संयुक्त राष्ट्र के भूतपूर्व महासचिव कोफी अन्नान के अनुसार पिछले दशकों में भारत ने अपनी सरकार के प्रयासों तथा भारतीय विद्वानों, सैनिकों एवं अंतरराष्ट्रीय सिविल कर्मचारियों के काम के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र संध में प्रचुर योगदान किया है। भारत विकासशील देशों की ओर से संयुक्त राष्ट्र के एजेंडा को आकार देने में इसकी सहायता करने में सबसे प्रखर आवाजों में से एक रहा है और इसके सशस्त्र बलों का अनुभव एवं व्यावसायिकता बार-बार संयुक्त राष्ट्र की शांति स्थापना से संबंधित अभियानों में अमूल्य साबित हुआ है। विगत् वर्षों में भारत ने संयुक्त राष्ट्र को ऐसे मंच के रूप में देखा है जो अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के गारंटर के रूप में भूमिका निभा सकता है। वर्तमान में भारत ने विकास एवं गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, जलदस्युता, निःशस्त्रीकरण, मानवाधिकार, शांति निर्माण एवं शांति स्थापना की बहुपक्षीय वैश्विक चुनौतियों की भावना में संघर्ष करने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली को सुदृढ़ करने का प्रयास किया है। भारत ने हमेशा से ही संयुक्त राष्ट्र संघ में अपनी आवाज मजबूती के साथ उठायी है। भारत ने गुट-निरपेक्ष आंदोलन तथा विकासशील देशों का समूह 77 का गठन किया जिन्होंने अधिक साम्यपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं राजनितिक व्यवस्था के लिए संयुक्त राष्ट्र के अन्दर दलील प्रस्तुत की। संयुक्त राष्ट चार्टर के अनुच्छेद 53 में इस बात का उल्लेख है कि बहुपक्षीय संगठन उच्च जीवन स्तर, पूर्ण रोजगार तथा आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति एवं विकास को बढ़ावा देंगे। विगत् दशकों में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार के लिए आह्वान करने के अलावा भारत ने सभी प्रकार के आतंकवाद के प्रति शून्य सहायता के दृष्टिकोण की वकालत की है। 1996 में भारत ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक प्रारूप व्यापक अभिसमय (सीसीआईटी) प्रस्तुत किया जिसका उद्देश्य आतंकवाद से लड़ने के लिए एक आद्योपांत कानूनी रूपरेखा प्रदान करता है। भारत संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि जैसी संयुक्त राष्ट्र निधियों में योगदान करने वाले प्रमुख देशों में से एक है। इस निधि की स्थापना 2005 में की गई थी। आज भारत लोकतांत्रिक मूल्यों एवं प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए इस निधि में योगदान करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत 2011-12 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का अस्थायी सदस्य था तथा इस क्षेत्र में समुद्री जल दस्युता पर एक खुली चर्चा को आगे बढ़ाया। भारत अब तक सात बार सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रह चुका है। .

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भारत-संयुक्त राज्य सम्बन्ध

भारत (हरा) तथा संयुक्त राज्य अमेरिका (केशरिया) भारत-संयुक्त राज्य सम्बन्ध से आशय भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध से है। यद्यपि भारत १९६१ में गुट निरपेक्ष आन्दोलन की स्थापना करने वाले देशों में प्रमुख था किन्तु शीत युद्ध के समय उसके अमेरिका के बजाय सोवियत संघ से बेहतर सम्बन्ध थे। .

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भारतीय परमाणु परीक्षण

rightभारतीय परमाणु आयोग ने पोखरण में अपना पहला भूमिगत परिक्षण स्माइलिंग बुद्धा (पोखरण-१) १८ मई १९७४ को किया था। हलांकि उस समय भारत सरकार ने घोषणा की थी कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिये होगा और यह परीक्षण भारत को उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये किया गया है। बाद में ११ और १३ मई १९९८ को पाँच और भूमिगत परमाणु परीक्षण किये और भारत ने स्वयं को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया। इस परीक्षण के प्रतिक्रिया स्वरुप पाकिस्तान ने भी इसके तुरंत बाद २८ मई १९९८ को परमाणु परीक्षण किये। पाकिस्तान को स्वयं को परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्र घोषित करने के बाद उस समय निंदा झेलनी पड़ी जब पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान जो पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं, पर चोरी छुपे परमाणु तकनीक लीबिया, ईरान और उत्तर कोरिया को बेचने का पर्दाफाश हुआ। .

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भारतीय राष्ट्रवाद

२६५ ईसापूर्व में मौर्य साम्राज्य भारतीय ध्वज (तिरंगा) मराठा साम्राज्य का ध्वज राष्ट्र की परिभाषा एक ऐसे जन समूह के रूप में की जा सकती है जो कि एक भौगोलिक सीमाओं में एक निश्चित देश में रहता हो, समान परम्परा, समान हितों तथा समान भावनाओं से बँधा हो और जिसमें एकता के सूत्र में बाँधने की उत्सुकता तथा समान राजनैतिक महत्त्वाकांक्षाएँ पाई जाती हों। राष्ट्रवाद के निर्णायक तत्वों मे राष्ट्रीयता की भावना सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। राष्ट्रीयता की भावना किसी राष्ट्र के सदस्यों में पायी जानेवाली सामुदायिक भावना है जो उनका संगठन सुदृढ़ करती है। भारत में अंग्रेजों के शासनकाल मे राष्ट्रीयता की भावना का विशेषरूप से विकास हुआ, इस विकास में विशिष्ट बौद्धिक वर्ग का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भारत में अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार से एक ऐसे विशिष्ट वर्ग का निर्माण हुआ जो स्वतन्त्रता को मूल अधिकार समझता था और जिसमें अपने देश को अन्य पाश्चात्य देशों के समकक्ष लाने की प्रेरणा थी। पाश्चात्य देशों का इतिहास पढ़कर उसमें राष्ट्रवादी भावना का विकास हुआ। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि भारत के प्राचीन इतिहास से नई पीढ़ी को राष्ट्रवादी प्रेरणा नहीं मिली है किन्तु आधुनिक काल में नवोदित राष्ट्रवाद अधिकतर अंग्रेजी शिक्षा का परिणाम है। देश में अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त किए हुए नवोदित विशिष्ट वर्ग ने ही राष्ट्रीयता का झण्डा उठाया। .

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भारतीय इतिहास की समयरेखा

पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं भारत एक साझा इतिहास के भागीदार हैं इसलिए भारतीय इतिहास की इस समय रेखा में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की झलक है। .

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भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम

भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम डॉ विक्रम साराभाई की संकल्पना है, जिन्हें भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा गया है। वे वैज्ञानिक कल्पना एवं राष्ट्र-नायक के रूप में जाने गए। वर्तमान प्रारूप में इस कार्यक्रम की कमान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के हाथों में है। .

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, (संक्षेप में- इसरो) (Indian Space Research Organisation, ISRO) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय बेंगलुरू कर्नाटक में है। संस्थान में लगभग सत्रह हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया। भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ द्वारा शुरू किया गया था यह गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था बनाया।इसने 5 दिन बाद काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। 1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिस्से कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किये। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान उपग्रहों शुरू करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी),भूस्थिर कक्षा में उपग्रहों को रखने के लिए ध्रुवीय कक्षाओं और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान। ये रॉकेट कई संचार उपग्रहों और पृथ्वी अवलोकन गगन और आईआरएनएसएस तरह सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम तैनात किया उपग्रह का शुभारंभ किया।जनवरी 2014 में इसरो सफलतापूर्वक जीसैट -14 का एक जीएसएलवी-डी 5 प्रक्षेपण में एक स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया। इसरो के वर्तमान निदेशक ए एस किरण कुमार हैं। आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है। इसरो एक चंद्रमा की परिक्रमा, चंद्रयान -1 भेजा, 22 अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान (मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना। दुनिया के साथ ही एशिया में पहली बार अंतरिक्ष एजेंसी में एजेंसी को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने के लिए इसरो चौथे स्थान पर रहा। भविष्य की योजनाओं मे शामिल जीएसएलवी एमके III के विकास (भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए) ULV, एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान, मानव अंतरिक्ष, आगे चंद्र अन्वेषण, ग्रहों के बीच जांच, एक सौर मिशन अंतरिक्ष यान के विकास आदि। इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया। जून 2016 तक इसरो लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है, और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899?pfrom.

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भारतीय अंक प्रणाली

भारतीय अंक प्रणाली को पश्चिम के देशों में हिंदू-अरबी अंक प्रणाली के नाम से जाना जाता है क्योंकि यूरोपीय देशों को इस अंक प्रणाली का ज्ञान अरब देश से प्राप्त हुआ था। जबकि अरबों को यह ज्ञान भारत से मिला था। भारतीय अंक प्रणाली में 0 को मिला कर कुल 10 अंक होते हैं। संसार के अधिकतम 10 अंकों वाली अंक प्रणाली भारतीय अंक प्रणाली पर ही आधारित हैं। फ्रांस के प्रसिद्ध गणितज्ञ पियरे साइमन लाप्लास के अनुसार, .

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भाषा भूगोल

भाषा-भूगोल (language geography) मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं। इस शाखा के अन्तर्गत किसी भाषा या क्षेत्रीय बोली में पाई जाने वाली क्षेत्रीय एवं भौगोलिक विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता हैं। .

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भाषा शुद्धतावाद

भाषा शुद्धतावाद (linguistic purism) या भाषा संरक्षणवाद (linguistic protectionism) ऐसी विचारधारा को कहते हैं जिसमें किसी भाषा के एक विशेष रूप या प्रकार को अन्य रूपों या प्रकारों से अधिक उत्कृष्ट समझा जाये। कुछ देशों में यह विचारधारा सरकार द्वारा स्थापित भाषा-अकादमियों द्वारा लागू की जाती है, मसलन फ़्रान्स में आकादेमी फ़्रान्सेस (Académie française) सरकार द्वारा स्थापित है। शुद्धतावादी अक्सर किसी भाषा में अन्य भाषाओं से हुए शब्द-प्रवेश और व्याकरण में हुए बदलावों का विरोध करते हैं, और यह विरोध अक्सर ऐसी किसी भाषा से होता है जिसके विस्तार या अधिक प्रभाव से शुद्धतावादियों को खतरा लगे। .

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भाषाविज्ञान

भाषाविज्ञान भाषा के अध्ययन की वह शाखा है जिसमें भाषा की उत्पत्ति, स्वरूप, विकास आदि का वैज्ञानिक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाता है। भाषा विज्ञान के अध्ययेता 'भाषाविज्ञानी' कहलाते हैं। भाषाविज्ञान, व्याकरण से भिन्न है। व्याकरण में किसी भाषा का कार्यात्मक अध्ययन (functional description) किया जाता है जबकि भाषाविज्ञानी इसके आगे जाकर भाषा का अत्यन्त व्यापक अध्ययन करता है। अध्ययन के अनेक विषयों में से आजकल भाषा-विज्ञान को विशेष महत्त्व दिया जा रहा है। .

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भूतंत्र

''Physiocratie, ou Constitution naturelle du gouvernement le plus avantageux au genre humain (भूतंत्र, या मानव के लिये सर्वाधिक उपयोगी सरकार का नैसर्गिक संविधान)'' का मुखपृष्ठ फ्रांसोआ क़्वेसने भूतंत्र या प्रकृतितंत्र (फिजियोक्रेसी) एक आर्थिक सिद्धान्त है जिसका प्रतिपादन १८वीं शताब्दी के फ्रांसीसी अर्थशास्त्रियों एवं दार्शनिकों के एक समूह ने किया था। इस सम्प्रदाय का विश्वास था कि देशों की सम्पति केवल कृषि भूमि तथा उसके विकास से ही उत्पन्न होती है। उनका यह भी विचार था कि कृषि उत्पादों के मूल्य बहुत अधिक रखने चाहिये। इस दृष्टिकोण का प्रतिपादन सर्वप्रथम १७५५ में कैंटिलों नामक व्यापारी ने किया, और फ्रांसोआ क़्वेसने (Francois Quesnay) तथा जां क्लोद मारी वैंसैं सिअ द गूर्ने (Jean claude Marie vincent, Sieur de Gournay) ने सम्बद्ध क्रियात्मक सिद्धान्त का रूप दिया। इस सिद्धान्त को 'निर्बाधावादी व्यवस्था', निर्बाधावाद या प्रकृतिराज्यवाद भी कह सकते हैं। इस संप्रदाय का सामान्य राजनीतिक विश्वास यह था कि समाज में सब व्यक्तियों में समान योग्यताएँ न होते हुए भी उनके समान प्राकृतिक अधिकार हैं। प्रत्येक व्यक्ति के हित को सबसे अच्छी तरह स्वयं वह ही समझता है, और स्वभाव से ही उसका अनुसरण करता है। व्यवस्था एक अनुबंध है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने प्राकृतिक अधिकारों को वहाँ तक सीमाबद्ध कर लेगा, जहाँ से आगे यह दूसरों के अधिकारों में बाधा डालने लगते हैं। इसी प्रकार राज्य सरकार के द्वारा शासन भी एक आवश्यक अनिष्ट (necessary evil) है। जनस्वीकृति के ऊपर आधारित होने पर भी उसके द्वारा सत्ता का उपयोग इस अनुबंध का पालन कराने के लिए आवश्यक न्यूनतम हस्तक्षेप तक सीमित रहना चाहिए। इस संप्रदाय ने यह माँग की कि आर्थिक जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को अपने श्रम से प्राप्त प्राकृतिक सुखों के भोग का अधिकार होना चाहिए। इसलिए व्यक्तिगत श्रम अबाध्य एवं अक्षुण्ण होना चाहिए। अपने श्रम के फल अर्थात् अपनी संपत्ति पर व्यक्ति का अछूता नियंत्रण होना चाहिए। विनियम (exchange) की स्वतंत्रता सुरक्षित रहनी चाहिए, और बाजार में प्रतियोगिता निरंकुश होनी चाहिए। कोई एकाधिकार (monopolies) अथवा विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए। इस संप्रदाय का मत था कि वास्तव में केवल कृषि और खनिज ही उत्पादक व्यवसाय हैं। कारण यह कि केवल इन व्यवसायों से ही मनुष्य को अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कच्चा माल मिलता है। शेष सभी व्यवसाय माल का केवल रूपान्तर तथा वितरण करते हैं और इनमें राष्ट्र के धन का व्यय ही होता है। वे उपयोगी तो हैं, परन्तु निरुत्पादक होने के कारण कृषकों की आवश्यकताओं से अधिक होनेवाली आय पर पलते हैं। इसलिए राज्य की आय सीधे कृषकों पर भूमिकर लगा कर ही प्राप्त होना चाहिए। इस संप्रदाय के लोग सरकार को विधानकारी एवं कार्यकारी दोनों क्षेत्रों में 'सर्वोच्च वैध ज्ञानवन्त तानाशाही' का रूप देने के पक्ष में थे। ऐसी सरकार उद्योग को स्वतंत्रता दिला सकती थी। उससे यह आशा भी की जा सकती थी कि वह स्वयं कुछ न करती हुई विधियों (laws) को प्रकृति के अनुरूप करके उन्हें राज्य करने देगी। यह निर्बाधावादी विचारक बड़े सच्चरित्र, विशेषतया श्रमिकों के भौतिक तथा नैतिक उत्थान की इच्छा से प्रेरित, स्पष्टवादी, सरल, निष्कपट, सत्यभाषी, एकचित्त तथा बात के पक्के होते थे। परन्तु अपने मत के प्रतिपादन में उनकी शैली नीरस, कठोर, एवं बोझिल थी। परिणामस्वरूप वे कुछ प्रतिभाशील व्यक्तियों को छोड़कर साधारण जनता को अपनी ओर आकर्षित न कर पाए। साहित्यिकों द्वारा उनका उपहास भी हुआ। फिर भी उनकी अच्छी बातें आगे चलकर विख्यात विचारक एडम स्मिथ (Adam Smith) के सिद्धांतों में समाविष्ट हो गई। श्रेणी:आर्थिक सिद्धान्त.

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भूलभुलैया (कला)

भूलभुलैया स्पेनी कैटलन चित्रकार और मूर्तिकार जोआन मीरो द्वारा निर्मित मूर्तियों और चीनी मिट्टी से बनी कला है। इनका निर्माण मीरो ने 1961 से 1981 के बीच किया था। ये फ्रांस के सेंट पॉल-डी-वेंस कम्यून में स्थित हैं। श्रेणी:जोआन मीरो.

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भूगणित

बेल्जियम के ओस्टेन्ड नामक स्थान पर स्थित एक पुराना भूगणितीय स्तम्भ (1855) भूगणित (Geodesy or Geodetics) भूभौतिकी एवं गणित की वह शाखा है जो उपयुक्त मापन एवं प्रेक्षण के आधार पर पृथ्वी के पृष्ठ पर स्थित बिन्दुओं की सही-सही त्रिबिम-स्थिति (three-dimensional postion) निर्धारित करती है। इन्ही मापनों एवं प्रेक्षणों के आधार पर पृथ्वी का आकार एवं आकृति, गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र तथा भूपृष्ट के बहुत बड़े क्षेत्रों का क्षेत्रफल आदि निर्धारित किये जाते हैं। इसके साथ ही भूगणित के अन्दर भूगतिकीय (geodynamical) घटनाओं (जैसे ज्वार-भाटा, ध्रुवीय गति तथा क्रस्टल-गति आदि) का भी अध्ययन किया जाता है। पृथ्वी के आकार तथा परिमाण का और भूपृष्ठ पर संदर्भ बिंदुओं की स्थिति का यथार्थ निर्धारण हेतु खगोलीय प्रेक्षणों की आवश्यकता होती है। इस कार्य में इतनी यथार्थता अपेक्षित है कि ध्रुवों (poles) के भ्रमण से उत्पन्न देशांतरों में सूक्ष्म परिवर्तनों पर और समीपवर्ती पहाड़ों के गुरुत्वाकर्षण से उत्पन्न ऊर्ध्वाधर रेखा की त्रुटियों पर ध्यान देना पड़ता है। पृथ्वी पर सूर्य और चंद्रमा के ज्वारीय (tidal) प्रभाओं का भी ज्ञान आवश्यक है और चूँकि सभी थल सर्वेक्षणों में माध्य समुद्रतल (mean sea level) आधार सामग्री होता है, इसलिये माहासागरों के प्रमुख ज्वारों का भी अघ्ययन आवश्यक है। भूगणितीय सर्वेक्षण के इन विभिन्न पहलुओं के कारण भूगणित के विस्तृत अध्ययन क्षेत्र में अब पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का, भूमंडल पृष्ठ समाकृति पर इसके प्रभाव का और पृथ्वी पर सूर्य तथा चंद्रमा के गुरुत्वीय क्षेत्रों के प्रभाव का अध्ययन समाविष्ट है। .

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भोजन शिष्टाचार

भोजन शिष्टाचार खाते समय पालन किये जाने वाले शिष्टाचार के वे नियम हैं, जिनमें बर्तनों का सटीक उपयोग भी शामिल हो सकता है। विभिन्न संस्कृतियां भोजन शिष्टाचार के लिए अलग-अलग नियमों का पालन करती हैं। कई भोजन शिष्टाचारों का विकास व्यावहारिकता के तहत हुआ है। उदाहरण के तौर पर, मेज़ पर कुहनियों को टिकाना आम तौर पर अशिष्ट माना जाता है चूंकि ऐसा करने पर कटोरियों और कपों के ऊपर फिसलने का जोखिम बना रहता है। इन नियमों को कितनी कड़ाई से लागू करना है, इसके बारे में प्रत्येक परिवार या समूह अपने निजी मानक स्वयं तय करते हैं। .

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मधु

बोतल में छत्ते के साथ रखी मधु मधु या शहद (अंग्रेज़ी:Honey हनी) एक मीठा, चिपचिपाहट वाला अर्ध तरल पदार्थ होता है जो मधुमक्खियों द्वारा पौधों के पुष्पों में स्थित मकरन्दकोशों से स्रावित मधुरस से तैयार किया जाता है और आहार के रूप में मौनगृह में संग्रह किया जाता है।। उत्तराकृषिप्रभा शहद में जो मीठापन होता है वो मुख्यतः ग्लूकोज़ और एकलशर्करा फ्रक्टोज के कारण होता है। शहद का प्रयोग औषधि रूप में भी होता है। शहद में ग्लूकोज व अन्य शर्कराएं तथा विटामिन, खनिज और अमीनो अम्ल भी होता है जिससे कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं जो घाव को ठीक करने और उतकों के बढ़ने के उपचार में मदद करते हैं। प्राचीन काल से ही शहद को एक जीवाणु-रोधी के रूप में जाना जाता रहा है। शहद एक हाइपरस्मॉटिक एजेंट होता है जो घाव से तरल पदार्थ निकाल देता है और शीघ्र उसकी भरपाई भी करता है और उस जगह हानिकारक जीवाणु भी मर जाते हैं। जब इसको सीधे घाव में लगाया जाता है तो यह सीलैंट की तरह कार्य करता है और ऐसे में घाव संक्रमण से बचा रहता है।। हिन्दुस्तान लाईव। ११ अप्रैल २०१० .

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मध्ययुग

रोमन साम्राज्य के पतन के उपरांत, पाश्चात्य सभ्यता एक हजार वर्षों के लिये उस युग में प्रविष्ट हुई, जो साधारणतया मध्ययुग (मिडिल एजेज) के नाम से विख्यात है। ऐतिहासिक रीति से यह कहना कठिन है कि किस किस काल अथवा घटना से इस युग का प्रारंभ और अंत होता है। मोटे तौर से मध्ययुग का काल पश्चिमी यूरोप में पाँचवीं शताब्दी के प्रारंभ से पंद्रहवीं तक कहा जा सकता है। तथाकथित मध्ययुग में एकरूपता नहीं है और इसका विभाजन दो निश्चित एवं पृथक् युगों में किया जा सकता है। 11वीं शताब्दी के पहले का युग सतत संघर्षों, अनुशासनहीनता, तथा निरक्षरता के कारण 'अंधयुग' कहलाया, यद्यपि इसमें भी यूरोप को रूपांतरित करने के कदम उठाए गए। इस युग का प्रारंभ रोमन साम्राज्य के पश्यिमी यूरोप के प्रदेशों में, बर्बर गोथ फ्रैंक्स वैंडल तथा वरगंडियन के द्वारा स्थापित जर्मन साम्राज्य से होता है। यहाँ तक कि शक्तिशाली शार्लमेन (742-814) भी थोड़े ही समय के लिये व्यवस्था ला सका। शार्लमेन के प्रपौलों की कलह तथा उत्तरी स्लाव और सूरासेन के आक्रमणों से पश्चिमी यूरोप एक बार फिर उसी अराजकता को पहुँचा जो सातवीं और आठवीं शताब्दी में थी। अतएव सातवीं और आठवीं शताब्दी का ईसाई संसार, प्रथम शताब्दी के लगभग के ग्रीक रोम जगत् की अपेक्षा सभ्यता एवं संस्कृति की निम्न श्रेणी पर था। गृहनिर्माण विद्या के अतिरिक्त, शिक्षा, विज्ञान तथा कला किसी भी क्षेत्र में उन्नति नहीं हुई थी। फिर भी अंधयुग उतना अंध नहीं था, जितना बताया जाता है। ईसाई भिक्षु एवं पादरियों ने ज्ञानदीप को प्रज्वलित रखा। 11वीं शताब्दी के अंत से 15वीं शताब्दी तक के उत्तर मध्य युग में मानव प्रत्येक दिशा में उन्नतिशील रहा। राष्ट्रीय एकता की भावना इंग्लैंड में 11वीं शताब्दी में, तथा फ्रांस में 12वीं शताब्दी में आई। शार्लमैन के उत्तराधिकारियों की शिथिलता तथा ईसाई चर्च के अभ्युदय ने, पोप को ईसाई समाज का एकमात्र अधिष्टाता बनने का अवसर दिया। अतएव, पोप तथा रोमन सम्राट् की प्रतिस्पर्धा, पावन धर्मयुद्ध, विद्या का नियंत्रण तथा रोमन केथोलिक धर्म के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप इत्यादि में इस प्रतिद्वंद्विता का आभास मिलता है। 13वीं शताब्दी के अंत तक राष्ट्रीय राज्य इतने शक्तिशाली हो गए थे कि चर्च की शक्ति का ह्रास निश्चित प्रतीत होने लगा। नवीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी तक, पश्चिमी यूरोप का भौतिक, राजनीतिक तथा सामाजिक आधार सामंतवाद था, जिसके उदय का कारण राजा की शक्तियों का क्षीण होना था। समाज का यह संगठन भूमिव्यवस्था के माध्यम से पैदा हुआ। भूमिपति सामंत को अपने राज्य के अंतर्गत सारी जनता का प्रत्यक्ष स्वामित्व प्राप्त था। मध्ययुग नागरिक जीवन के विकास के लिये उल्लेखनीय है। अधिकांश मध्ययुगीन नगर सामंतों की गढ़ियों, मठों तथा वाणिज्य केंद्रों के आस पास विकसित हुए। 12वीं तथा 13वीं शताब्दी में यूरोप में व्यापार की उन्नति हुई। इटली के नगर विशेषतया वेनिस तथा जेनोआ पूर्वी व्यापार के केंद्र बने। इनके द्वारा यूरोप में रूई, रेशम, बहुमूल्य रत्न, स्वर्ण तथा मसाले मँगाए जाते थे। पुरोहित तथा सामंत वर्ग के समानांतर ही व्यापारिक वर्ग का ख्याति प्राप्त करना मध्ययुग की विशेषताओं में है। इन्हीं में से आधुनिक मध्यवर्ग प्रस्फुटित हुआ। मध्ययुग की कला तथा बौद्धिक जीवन अपनी विशेष सफलताओं के लिये प्रसिद्ध है। मध्ययुग में लैटिन अंतरराष्ट्रीय भाषा थी, किंतु 11वीं शताब्दी के उपरांत वर्नाक्यूलर भाषाओं के उदय ने इस प्राचीन भाषा की प्राथमिकता को समाप्त कर दिया। विद्या पर से पादरियों का स्वामित्व भी शीघ्रता से समाप्त होने लगा। 12वीं और 13वीं शताब्दी से विश्वविद्यालयों का उदय हुआ। अरस्तू की रचनाओं के साथ साथ, कानून, दर्शन, तथा धर्मशास्त्रों का अध्ययन सर्वप्रिय होने लगा। किंतु वैज्ञानिक साहित्य का सर्वथा अभाव था। भवन-निर्माण-कला की प्रधानता थी, जैसा वैभवशाली चर्च, गिरजाघरों तथा नगर भवनों से स्पष्ट है। भवननिर्माण की रोमन पद्धति के स्थान पर गोथिक पद्धति विकसित हुई। आधुनिक युग की अधिकांश विशेषताएँ उत्तर मध्ययुग के प्रवाहों की प्रगाढ़ता है। .

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मनोमिति

मनोमिति (Psychometrics) मनोवैज्ञानिक राशियों के मापन के सिद्धान्त एवं तकनीकों से सम्बन्धित क्षेत्र है। इसमें ज्ञान, योग्यताएँ, सोच, एवं व्यक्तित्व के विभिन्न संघटकों आदि का मापन किया जाता है। मनोमिति मूलत: मापन के उपकरणों - (जैसे प्रश्नावली एवं परीक्षणों) से सम्बन्धित है। मनोमिति के अन्तर्गत दो मुख्य अनुसंधान कार्य होते हैं -.

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मनोविज्ञान

मनोविज्ञान (Psychology) वह शैक्षिक व अनुप्रयोगात्मक विद्या है जो प्राणी (मनुष्य, पशु आदि) के मानसिक प्रक्रियाओं (mental processes), अनुभवों तथा व्यक्त व अव्यक्त दाेनाें प्रकार के व्यवहाराें का एक क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक अध्ययन करती है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि मनोविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जो क्रमबद्ध रूप से (systematically) प्रेक्षणीय व्यवहार (observable behaviour) का अध्ययन करता है तथा प्राणी के भीतर के मानसिक एवं दैहिक प्रक्रियाओं जैसे - चिन्तन, भाव आदि तथा वातावरण की घटनाओं के साथ उनका संबंध जोड़कर अध्ययन करता है। इस परिप्रेक्ष्य में मनोविज्ञान को व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाओं के अध्ययन का विज्ञान कहा गया है। 'व्यवहार' में मानव व्यवहार तथा पशु व्यवहार दोनों ही सम्मिलित होते हैं। मानसिक प्रक्रियाओं के अन्तर्गत संवेदन (Sensation), अवधान (attention), प्रत्यक्षण (Perception), सीखना (अधिगम), स्मृति, चिन्तन आदि आते हैं। मनोविज्ञान अनुभव का विज्ञान है, इसका उद्देश्य चेतनावस्था की प्रक्रिया के तत्त्वों का विश्लेषण, उनके परस्पर संबंधों का स्वरूप तथा उन्हें निर्धारित करनेवाले नियमों का पता लगाना है। .

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मरिन ले पेन

मरिन ले पेन (फ़्रांसिसी: Marine Le Pen, जन्म ५ अगस्त १९६८) से फ्रांस के राजनीतिज्ञ हैं। वह ज़्याँ-मेरी ले पेन की कनिष्ठ पुत्री हैं। .

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मरुस्थलीय से लड़ने के लिए अभिसमय

मरुस्थलीय से लड़ने के लिये अभिसमय; Convention to Combet Desertification: (UNCCD), मरुस्थलीकरण से लड़ने के लिये अंतरराष्ट्रीय अभिसमय पर हस्ताक्षर 14 अक्टूबर, 1994 को पेरिस में हुए। यह अभिसमय सूखे तथा मरुस्थलीकरण के भौतिक, जैविक और सामाजिक पहलुओं से जूझने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण की मांग करता है। रियो पृथ्वी सम्मेलन के पश्चात् इस अभिसमय के लिये वार्ताएं शुरू हुईं। इन वार्ताओं में उन अफ्रीकी देशों की जरूरतों पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया, जो मरुस्थलीकरण के परिणामस्वरूप बार-बार सूखे की समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं। .

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मर्सेलीन बर्टलो

प्रसिद्ध रसायनज्ञ '''पीईएम बर्टेलो''' बर्टलो, पी.ई.एम.

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मलेरिया

मलेरिया या दुर्वात एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है। प्रत्येक वर्ष यह ५१.५ करोड़ लोगों को प्रभावित करता है तथा १० से ३० लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनता है जिनमें से अधिकतर उप-सहारा अफ्रीका के युवा बच्चे होते हैं। मलेरिया को आमतौर पर गरीबी से जोड़ कर देखा जाता है किंतु यह खुद अपने आप में गरीबी का कारण है तथा आर्थिक विकास का प्रमुख अवरोधक है। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भंयकर जन स्वास्थ्य समस्या है। यह रोग प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम (Plasmodium) परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) माने जाते हैं, साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लास्मोडियम मलेरिये (Plasmodium malariae) भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं। मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है। मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं। मच्छरदानी और कीड़े भगाने वाली दवाएं मच्छर काटने से बचाती हैं, तो कीटनाशक दवा के छिडकाव तथा स्थिर जल (जिस पर मच्छर अण्डे देते हैं) की निकासी से मच्छरों का नियंत्रण किया जा सकता है। मलेरिया की रोकथाम के लिये यद्यपि टीके/वैक्सीन पर शोध जारी है, लेकिन अभी तक कोई उपलब्ध नहीं हो सका है। मलेरिया से बचने के लिए निरोधक दवाएं लम्बे समय तक लेनी पडती हैं और इतनी महंगी होती हैं कि मलेरिया प्रभावित लोगों की पहुँच से अक्सर बाहर होती है। मलेरिया प्रभावी इलाके के ज्यादातर वयस्क लोगों मे बार-बार मलेरिया होने की प्रवृत्ति होती है साथ ही उनमें इस के विरूद्ध आंशिक प्रतिरोधक क्षमता भी आ जाती है, किंतु यह प्रतिरोधक क्षमता उस समय कम हो जाती है जब वे ऐसे क्षेत्र मे चले जाते है जो मलेरिया से प्रभावित नहीं हो। यदि वे प्रभावित क्षेत्र मे वापस लौटते हैं तो उन्हे फिर से पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। मलेरिया संक्रमण का इलाज कुनैन या आर्टिमीसिनिन जैसी मलेरियारोधी दवाओं से किया जाता है यद्यपि दवा प्रतिरोधकता के मामले तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं। .

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मलेशिया एयरलाइंस उड़ान 17

यह लेख यूक्रेन में दुर्घटनाग्रस्त हो गई उड़ान के बारे में है। इसको मलेशिया एयरलाइंस उड़ान 370 के साथ भ्रमित न करे, जो मार्च 2014 में ग़ायब हो गई। मलेशिया एयरलाइंस विमान एमएमच 17 एक अनुसूचित अंतर्राष्ट्रीय यात्री उड़ान थी जो एम्सटर्डम से कुआ लालम्पुर जाते हुए 17 जुलाई 2014 को दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें सारे 298 यात्री मारे गए। माना जाता है कि इसे सतह से मिसाइल द्वारा उड़ाया गया है। रूसी सीमा से करीब 40 किलोमीटर दूर पूर्वी यूक्रेन के ग्राबोवो गाँव के पास यह दुर्घटना हुई। विमान में 283 यात्री और चालक दल के 15 सदस्य थे, जिनमें नीदरलैंड के 154, ऑस्ट्रेलिया के 27, मलेशिया के 23 और इंडोनेशिया के 11 लोग थे। यात्रियों में 6 ब्रिटेन, 4-4 जर्मनी व बेल्जियम, 3 फिलीपींस और एक कनाडा का नागरिक था। यह मलेशिया एयरलाइंस की वर्ष 2014 की दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले उड़ान 370 कुआ लालम्पुर से बीजिंग जाते हुए ग़ायब हो गई थी जिसका सितम्बर 2014 तक कुछ पता नहीं चला है। .

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महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध (द्वितीय विश्वयुद्ध)

महान् देशभक्तिपूर्ण युद्ध का प्रचारपत्र "'''मातृभूमि बुला रही है'''" हिटलर वालों का जलूस सोवियत संघ का महान् देशभक्तिपूर्ण युद्ध (रूसी: Великая Отечественная Война - वेलीकया ओतेचेस्त्वेन्नया वोय्ना) - या द्वितीय विश्वयुद्ध, जो सोवियत जनता के लिए 1941-1945 वर्षों में विशेष रूप से अपने देश के अस्तितव की रक्षा को लेकर सब से बड़ी घटना के रूप में दुनिया के इतिहास में जाना जाता है। इस युद्ध में दो करोड़ अस्सी लाख से ज़्यादा सोवियत निवासी मारे गए। .

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महाकाव्य

संस्कृत काव्यशास्त्र में महाकाव्य (एपिक) का प्रथम सूत्रबद्ध लक्षण आचार्य भामह ने प्रस्तुत किया है और परवर्ती आचार्यों में दंडी, रुद्रट तथा विश्वनाथ ने अपने अपने ढंग से इस महाकाव्य(एपिक)सूत्रबद्ध के लक्षण का विस्तार किया है। आचार्य विश्वनाथ का लक्षण निरूपण इस परंपरा में अंतिम होने के कारण सभी पूर्ववर्ती मतों के सारसंकलन के रूप में उपलब्ध है।महाकाव्य में भारत को भारतवर्ष अथवा भरत का देश कहा गया है तथा भारत निवासियों को भारती अथवा भरत की संतान कहा गया है .

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मातृ दिवस

आधुनिक मातृ दिवस का अवकाश ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जार्विस के द्वारा समस्त माताओं तथा मातृत्व के लिए खास तौर पर पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधों को सम्मान देने के लिए आरम्भ किया गया था। यह दिवस अब दुनिया के हर कोने में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता हैं। जैसे कि पिताओं को सम्मान देने के लिए पितृ दिवस की छुट्टी मनाई जाती हैं। यह छुट्टी अंततः इतनी व्यवसायिक बन गई कि इसकी संस्थापक, एना जार्विस, तथा कई लोग इसे एक "होलमार्क होलीडे", अर्थात् एक प्रचुर वाणिज्यिक प्रयोजन के रूप में समझने लगे। एना ने जिस छुट्टी के निर्माण में सहयोग किया उसी का विरोध करते हुए इसे समाप्त करना चाहा। .

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मातृवंश समूह वी

तुनिशिया के कुछ बर्बर समुदायों में १६% से अधिक लोग मातृवंश समूह वी के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह वी या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप V एक मातृवंश समूह है। यूरोप में यह सब से ज़्यादा मात्रा (१०.४%) में उत्तरी स्कैन्डिनेविया की सामी जनजाति के लोगों में और स्पेन-फ्रांस के सीमावर्ती इलाक़ों में बसने वाले बास्क लोगों में मिलता है। उत्तरी अफ़्रीका में यह तुनिशिया के मतमाता शहर में रहने वाले बर्बर समुदाय के १६.३% लोगों में मिलता है। इस मातृवंश के लोग हलकी मात्राओं में पूरे यूरोप, मध्य पूर्व और मध्य एशिया में मिलते हैं। वैज्ञानिकों की मान्यता है के जिस स्त्री के साथ इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह आज से क़रीब १३,६०० से ३०,००० साल पहले भू मध्य सागर के पश्चिमी भाग के इर्द-गिर्द के इलाक़ों (जिनमें स्पेन, दक्षिणी फ्रांस, लीबिया, तुनिशिया, वग़ैराह शामिल हैं) में कहीं रहती थी। .

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माथ्यु रिका

अंगूठाकार माथ्यु रिका का जन्म सन् १९४६ १५ फरवरीको फ्रान्सकी ईक्स‍-ले-बाँ नामक सुन्दर जगह पर हुई थी। उनके पिता जँ-फ्रँस्वा रवेल एक वहुत बडे चिन्तक एवं पत्रकार थे। माथ्यु रिका अभि नेपालके वौद्धनाथ स्तुपाके नजदिक शेचेन गुम्बामे रहेते हैँ। .

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मादक पेय

किसी बार में कच्चा मादक पेय पदार्थ (स्प्रिट्स). मादक पेय इथेनॉल (जिसे आमतौर पर अल्कोहल कहा जाता है) युक्त एक पेय है। मादक पेयों को सामान्यतः तीन सामान्य वर्गों में विभाजित किया जाता है: बीयर, वाइन और स्प्रिट्स.

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माधोराव सिंधिया

महाराजा माधोराव सिंधिया; (20 अक्टूबर 1876 – 5 जून 1925), ग्वालियर के महाराजा थे | .

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मानिटोबा

मानिटोबा, कनाडा का एक प्रान्त है। यह प्रान्त कनाडा के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित है। मानिटोबा, कनाडा का छठा सबसे बड़ा प्रान्त है और इसका कुल क्षेत्रफल ६४७,७९७ वर्ग किमी है। जनसंख्या की दृष्टि से यह पाँचवा सबसे बड़ा प्रान्त है और यहाँ की कुल जनसंख्या ११,५०,००० है (२००१)। .

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मानव लिंग का आकार

एक प्रसिद्ध ब्रिटिश वैज्ञानिक रिचर्ड लिन ने मानव (पुरुष) के लिंग के आकार पर एक शोधपत्र प्रकाशित किया। इस शोध में 113 देशों के पुरुषों के प्राइवेट पार्ट के साइज का विश्लेषण किया गया है। इस आधार पर देशों की एक लिस्‍ट भी बनाई गई है। इस लिस्‍ट में भारत 110वें स्थान पर है। लिस्‍ट में 7.1 इंच के औसत 'साइज' के साथ कांगो सबसे ऊपर है। कोरिया और कंबोडिया (3.9 इंच) सबसे नीचे हैं। भारत इन्‍हीं दो देशों से ऊपर है। भारतीय पुरुषों का 'औसत साइज' 4 इंच बताया गया है। लेकिन इस पर सवाल उठ रहे हैं। साल 2006 में भारत में कंडोम का साइज तय करने के लिए किए गए 'साइज सर्वे' की रिपोर्ट आई थी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा कराए गए सर्वे 'स्डटी ऑन प्रापर लेंथ एंड ब्रेड्थ स्पेसिफिकेसंस फॉर कंडोम बेस्ड एंथ्रोपोमेट्रिक मेजरमेंट' के बाद यह नतीजा निकला था कि भारतीय बाजार में मिलने वाले कंडोम पुरुषों के लिंग के साइज के अनुपात में बड़े होते हैं। आईसीएमआर के लिए सर्वे करने वाले डॉ॰ शर्मा ने अपनी शोध रिपोर्ट साल 2006 में भारत सरकार को सौंप दी थी। हालांकि इसके बाद कंडोम बनाने वालों के लिए कोई भी दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए थे। ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट 1940 के अनुच्छेद 'आर' के मुताबिक भारत में कंडोम का साइज कम से कम 6.7 इंच रखना अनिवार्य है। बहरहाल, सर्वे में 1400 पुरुषों का डाटा लिया गया था जिसमें 18-50 आयुवर्ग के पुरुष शामिल थे। इससे पहले साल 2001 तक मुंबई में इकट्ठा किए गए (200 लोगों के) डाटा के मुताबिक 60 प्रतिशत भारतीय पुरुषों के प्राइवेट पार्ट की औसत लंबाई 4.4 से 4.9 इंच के बीच और 30 प्रतिशत की लंबाई 4 से 4.9 इंच बताई गई थी। .

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मानव संसाधन

मानव संसाधन (ह्यूमन रिसोर्सेस) वह अवधारणा है जो जनसंख्या को अर्थव्यवस्था पर दायित्व से अधिक परिसंपत्ति के रूप में देखती है। शिक्षा प्रशिक्षण और चिकित्सा सेवाओं में निवेश के परिणाम स्वरूप जनसंख्या मानव संसाधन के रूप में बदल जाती है। मानव संसाधन उत्पादन में प्रयुक्त हो सकने वाली पूँजी है। यह मानव पूँजी कौशल और उन्में निहित उत्पादन के ज्ञान का भंडार है। यह प्रतिभाशाली और काम पर लगे हुए लोगों और संगठनात्मक सफलता के बीच की कड़ी को पहचानने का सूत्र है। यह उद्योग/संगठनात्मक मनोविज्ञान और सिद्धांत प्रणाली संबंधित अवधारणाओं से संबद्ध है। मानव संसाधन की संदर्भ के आधार पर दो व्याख्याएं मिलती हैं। इसका मूल अर्थ राजनीतिक अर्थव्यवस्था और अर्थशास्त्र से लिया गया है, जहां पर इसे पारंपरिक रूप से उत्पादन के चार कारकों में से एक श्रमिक कहा जाता था, यद्धपि यह दृष्टिकोण राष्ट्रीय स्तर पर नए और योजनाबद्ध तरीकों में अनुसन्धान के चलते बदल रहा है। पहला तरीका अधिकतर 'मानव संसाधन विकास' शब्द के रूप में प्रयुक्त होता है और यह सिर्फ संगठनों से शुरू हो कर राष्ट्रीय स्तर तक हो सकता है। पारम्परिक रूप से यह कारपोरेशन व व्यापार के क्षेत्र में व्यक्ति विशेष (जो उस फर्म या एजेन्सी में कार्य करता है) के लिए, तथा कंपनी के उस हिस्से को जो नियुक्ति करने, निकालने, प्रशिक्षण देने तथा दूसरे व्यक्तिगत मुद्दों से सम्बंधित है व जिसे साधारणतयाः "मानव संसाधन प्रबंधन" के नाम से जाना जाता है, के लिए होता प्रयुक्त होता है। यह लेख दोनों परिभाषाओं से सम्बंधित है। .

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मानवता धर्म

पोर्तो अलेग्रे में सकारवादी मंदिर मानवता धर्म ऑगस्ते कॉमते द्वारा स्थापित धर्मनिर्पेक्ष धर्म है। इस धर्म के अनुयायिओं ने फ्रांस और ब्राज़ील में 'मानवता' के प्रार्थना कक्ष या मंदिर बनाए हैं। .

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मापन का इतिहास

समय मापन की हिन्दू प्रणाली (लघुगणकीय पैमाने पर) मनुष्य जीवन के लिए नापतौल की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। यह कहना अत्यन्त कठिन है कि नापतौल पद्धति का आविष्कार कब और कैसे हुआ होगा किन्तु अनुमान लगाया जा सकता है कि मनुष्य के बौद्धिक विकास के साथ ही साथ आपसी लेन-देन की परम्परा आरम्भ हुई होगी और इस लेन-देन के लिए उसे नापतौल की आवश्यकता पड़ी होगी। प्रगैतिहासिक काल से ही मनुष्य नापतौल पद्धतियों का प्रयोग करता रहा है। मापन के मात्रक शायद मानव द्वारा आविष्कृत सबसे पुरानी चीजों में से हैं क्योंकि आदिम समाज को भी विभिन्न कामों के लिये (कामचलाऊ) मापन की जरूरत पड़ती थी। .

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मायोत

मायोत (फ़्रान्सीसी: Mayotte; मालागासी: Mahori, माहोरी) हिन्द महासागर के दक्षिणी भाग में अफ़्रीका की मुख्यभूमि के पास स्थित एक छोटा-सा द्वीपों का गुट है। प्रशासनिक दृष्टि से यह फ़्रान्स का हिस्सा है और उस देश की प्रशासन-प्रणाली में "समुद्र-पार विभाग" का दर्जा रखता है। .

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मारियोन बार्तोली

मारियोन बार्तोली की सेवानिवृत फ्रांसीसी महिला टेनिस खिलाड़ी हैं। वो वर्ष २००७ विम्बलडन के फाइनल में पहुँची पर वीनस विलियम्स से हार गईं। उन्होंने अपने सन्यास की घोषणा १४ अगस्त २०१३ को की। .

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मारुति सुज़ुकी सिलैरियो

मारुति सुज़ुकी सिलैरियो (अंग्रेजी: Maruti Suzuki Celerio) सुज़ुकी कम्पनी द्वारा भारत में बनायी गयी पूर्णत: ऑटोमेटिक सिटी कार है। पहले यह कार भारत में सुज़ुकी के मानेसर (हरियाणा) स्थित प्लाण्ट में मारुति सुज़ुकी ए-स्टार के नाम से दिसम्बर 2008 में लॉन्च की गयी थी। अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में यही कार मारुति सुज़ुकी सिलैरियो के नाम से जानी जाती है। ग्रेटर नोएडा में होने वाले ऑटो एक्सपो 2014 में लॉन्च होने वाली इस हैचबैक कार की एक्स शोरूम कीमत 3.0 से 5.5 लाख रुपये के बीच होने की सम्भावना व्यक्त की गयी थी। भारतीय ग्राहकों को ध्यान में रखकर बनायी गयी इस कार का औसत माइलेज एक लिटर पेट्रोल में 23.1 किलोमीटर का बताया जाता है। इज़ी ड्राइव नामक पूर्णत: भारतीय ऑटो गीयर शिफ्ट सिस्टम से युक्त इस कार में बार-बार गीयर बदलने का कोई झंझट नहीं रहेगा। शहरी यातायात के लिये इस छोटी कार का प्रयोग काफी सुगम होगा। मारुति सिलैरियो ग्रेटर नोएडा के ऑटो एक्सपो में 6 फरबरी 2014 को लॉन्च की गयी। इस कार की शुरुआती कीमत 3.90 लाख रुपये होगी। .

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मार्टिन शोंगावर

मार्टिन शोंगावर की कृति: '''गुलाब बाग में मारिया''' मार्टिन शोंगावर (Martin Schongauer; १४४० - १४९१) जर्मनी का नक्काशीकार तथा चित्रकार था। उसके बनाये चित्र तथा उसकी ख्याति दूर-दूर तक पहुँची थी। इटली में वह 'बेल मार्टिनो' तथा मार्टिनो डी अन्वेर्सा (Martino d'Anversa) के नाम से जाना जाता था। .

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मार्लेन डीट्रिक

मैरी मॅगडलिन "मार्लेन" डीट्रिक (Marlene Dietrich; 27 दिसंबर 1901 - 6 मई 1992) एक जर्मन अभिनेत्री और गायिका थी जिनके पास दोनों जर्मन और अमेरिकी नागरिकता थी। अपने लंबे व्यवसाय के दौरान वे अपना पुनः आविष्कार करती रही। 1920 दशक बर्लिन में वे ख़ामोश फ़िल्म और मंच पर अभिनय किया। उनका द ब्लू एंजेल (The Blue Angels) में लोला-लोला के रूप में प्रदर्शन करने से वे अंतर्राष्ट्रिय स्तर पर प्रसिद्ध हो गई और उनका पेरामाउंत पिक्चर्ज़ के साथ अनुबंध हुआ। 1930 दशक में उन्होंने हॉलीवुड फ़िल्मों में भी अभिनय किया, जैसे मोरोक्को और शंघाई एक्सप्रेस। दूसरे विश्व युद्ध में भी वे अभिनय में सक्रिय रही। श्रेणी:1901 में जन्मे लोग श्रेणी:1992 में निधन श्रेणी:जर्मन अभिनेत्री श्रेणी:अमेरिकी अभिनेत्री.

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मार्सैय

मार्सैय (फ्रांसीसी: Marseille) फ्रांस का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। इस नगर की जनसंख्या ८ लाख है और वृहद्तर मार्सेय की जनसंख्या १५ लाख है। .

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मार्जरीन

एक टब में मार्जरीन मार्जरीन (या), सामान्य शब्द के रूप में, विस्तृत मक्खन स्थानापन्न पदार्थों में किसी भी एक को सूचित करता है। दुनिया के कई भागों में, मार्जरीन और स्प्रेड का बाज़ार अंश मक्खन से आगे निकल गया है। मार्जरीन कई खाद्य पदार्थों और व्यंजनों की तैयारी का एक घटक है, तथा बोलचाल की भाषा में इस कभी-कभी ओलियो कहा जाता है। मार्जरीन स्वाभाविक रूप से सफेद या लगभग सफेद दिखाई देता है: कृत्रिम रंजन कारकों को मिलाने की मनाही द्वारा, विधायकों ने कुछ क्षेत्राधिकारों में पाया है कि मार्जरीन के उपभोग को हतोत्साहित करते हुए वे अपने डेयरी उद्योग की रक्षा कर सकते हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रलेशिया और कनाडा में रंग मिलाने पर रोक आम बात हो गई; और कुछ मामलों में, ये प्रतिबंध लगभग 100 साल तक बने रहे। उदाहरण के लिए, 1960 तक, ऑस्ट्रेलिया में रंगीन मार्जरीन की बिक्री वैध नहीं थी। .

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मार्क शॉगॉल

मार्क शॉगॉल फ्रांस के महान चित्रकार हैं। .

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मालागासी लोग

मालागासी (Malagasy) दक्षिणपूर्वी अफ़्रीका की मुख्यभूमि से कुछ दूर हिन्द महासागर में स्थित माडागास्कर द्वीप-राष्ट्र की मुख्य मानव जाति का नाम है। यह लोग अधिकतर मालागासी भाषा बोलते हैं और माडागास्कर देश के लगभग सभी लोग इस समुदाय के सदस्य हैं। हालांकि माडागास्कर अफ़्रीका के इतना पास स्थित है, मालागासी लोगों के मूल पूर्वज प्राचीनकाल में नौकाओं द्वारा हिन्द महासागर के पार स्थित इंडोनीशिया व मलेशिया के बोर्नियो द्वीप के क्षेत्र से आये थे। इसके उपरांत पूर्वी अफ़्रीका से भी कुछ लोग आकर इनमें मिल गये और आधुनिक मालागासी जाति इसी मिश्रण से बनी है। .

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माली

माली, आधिकारिक तौर पर माली गणराज्य (फ्रांसीसी: République du Mali), पश्चिमी अफ़्रीका में स्थित एक स्थल-रुद्ध देश है। अफ़्रीका का सातवां सबसे बड़े देश माली की सीमा उत्तर में अल्जीरिया, पूर्व में नाइजर, दक्षिण में बुर्किना फ़ासो और कोड द आइवोर, दक्षिण-पश्चिम में गिनी और पश्चिम में सेनेगल और मारितुआना से मिलती है। 12,40,000 वर्ग किमी से कुछ बड़े इस देश की जनसंख्या करीबन 1,30,00,000 है। इसकी राजधानी बमाको है। आठ क्षेत्रों में बंटे माली की उत्तरी सीमा सहारा के मध्य तक जाती है, वहीं देश की दक्षिणी क्षेत्र, जहां अधिकांश आबादी निवास करती है, की विशेषता नाइजर और सेनेगल नदी है। देश की अर्थव्यवस्था खेती और मत्स्य पालन पर निर्भर है। माली के कुछ प्राकृतिक संसाधनों में सोना, यूरेनियम और नमक शामिल है। माली दुनिया के सबसे निर्धनतम देशों में शुमार किया जाता है। आज का माली कभी ट्रांस-सहारा व्यापार पर नियंत्रण रखने वाले तीन साम्राज्यों, घाना साम्राज्य, माली साम्राज्य (जिससे माली नाम लिया गया है) और सोनघाई साम्राज्य का एक हिस्सा था। 1800 के अंत में यह फ्रांसीसी नियंत्रण में आ गया और फ्रांसीसी सूडान का एक हिस्सा बन गया। 1959 में माली से सेनेगल से माली संघ के नाम से स्वतंत्र हो गया। एक साल बाद माली संघ स्वतंत्र राष्ट्र माली बन गया। एक दलीय शासन के लंबे दौर के बाद 1991 में हुए तख्तापलट के बाद गणतंत्र और बहु-दलीय राज्य के रूप में नए संविधान और सत्ता का गठन किया गया। देश की करीबन आधी आबादी अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा, 1.25 अमेरिकी डालर से प्रतिदिन कम आमदनी, पर गुजर-बसर करती है। श्रेणी:अफ़्रीका के देश श्रेणी:देश श्रेणी:पश्चिम अफ्रीका के देश श्रेणी:स्थलरुद्ध देश.

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मासाओका शिकी अंतर्राष्ट्रीय हाइकु पुरस्कार

japanese मासाओका शिकी अंतर्राष्ट्रीय हाइकु पुरस्कार (अँग्रेजी:Masaoka Shiki International Haiku Awards), मात्सुयामा (जापान) में "शिमनामी कैडो 99 इन्टरनेशनल हाइकू कन्वेन्शन" में सितंबर 1999 में आधुनिक जापानी हाइकू के संस्थापक के नाम पर यह घोषणा की गयी। हाइकू एक जापानी काव्य विधा है, जिसका प्रचलन १६ वीं शताब्दी में प्रारम्भ हो गया था। एक जापानी कवि बाशो को हाइकू का जनक माना जाता है। एक शताब्दी पूर्व सन् 1900 ई0 के लगभग जापानी साहित्यकार मासाओका शिकि (1867-1902) ने विशिष्ट जापानी छंद “होक्कु” को एक नया नाम हाइकु (Haiku) दिया जिसने लोकप्रियता के बड़े मानकों को प्राप्त किया। यह पुरस्कार जापानी कविता हाइकू को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठापित करने और दुनिया का ध्यान आकर्षित करने वाले व्यक्तित्व को दिया जाता है। .

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माहे

माही (Mahé या Mayyazhi/मय्यलि) भारत के पश्चिमी तट पर स्थित नगर है। सन् १७२२-२३ से यह मद्रास राज्य के मालाबार जिले में फ्रांसीसी कॉलोनी था, किंतु सन् १९५४ में यह फ्रांस के अधिकार से मुक्त होकर पॉन्डिचेरी के साथ ही भारत का केंद्रशासित क्षेत्र बना दिया गया। इसके समीपस्थ भाग में नारियल के वृक्षों के कुंज दृष्टिगोचर होते है। इसका क्षेत्रफल मात्र ९ वर्ग किलोमीटर है। खूबसूरत बीच, चर्च और किलों से समृद्ध माहे पुडुचेरी राज्य का एक जिला है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भी माहे एक छोटा सा जिला है। बावजूद इसके माहे में कई खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहां सेंट थैरेस चर्च, थलास्सरी किला, श्री रामस्वामी मंदिर, धर्मडेम द्वीप और पुत्तलम आदि विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यह जिला अरबियन समुद्र के दक्षिण-पश्चिम, पोन्नियार नदी के उत्तर और मध्य ऊंचाई पर स्थित पर्वत से घिरा हुआ है। माहे में नारियल, धान और काली मिर्च का उत्पादन काफी अधिक होता है। इस जिले में 61 कुटीर और दो लघु उद्योग है। .

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माइक्रोनीशिया

माइक्रोनीशिया (Micronesia) ओशिआनिया का एक उपक्षेत्र है जिसमें प्रशान्त महासागर के पश्चिमी भाग में स्थित हज़ारों छोटे द्वीप आते है। यह अपने से दक्षिण में स्थित मेलानीशिया और पूर्व में स्थित पॉलिनीशिया इलाक़ों से भिन्न है।, Sue Farran, pp.

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मित्रपक्ष शक्तियाँ

१९४३ के तेहरान सम्मलेन में मित्रपक्ष शक्तियों के तीन प्रमुख नेता - सोवियत संघ के जोसेफ़ स्टालिन, संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्रेंकलिन रोज़वेल्ट और ब्रिटेन के विंस्टन चर्चिल मित्रपक्ष शक्तियाँ या ऐलाइड शक्तियाँ (अंग्रेज़ी: Allied powers) उन देशों का गुट था जिन्होनें द्वितीय विश्वयुद्ध में ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और चीन का साथ दिया और अक्ष शक्तियों (ऐक्सिस शक्तियों) के ख़िलाफ़ लड़े। भिन्न मित्रपक्ष देश द्वितीय विश्वयुद्ध की मुठभेड़ में या तो इसलिए शामिल हुए क्योंकि उनपर अक्ष देश या देशों ने आक्रमण कर दिया, या उन्हें अपने ऊपर आक्रमण होने का डर था, या फिर उन्हें चिंता थी कि अक्ष शक्तियाँ अगर जीत गयी तो पूरी दुनिया पर हावी हो जाएँगी।, U. S. Army Center of Military History and World War II History, Accessed 17 सितंबर 2009 १ सितम्बर १९३९ में युद्ध की शुरआत में फ़्रांस, पोलैंड और संयुक्त राजशाही (ब्रिटेन) ही मित्रपक्ष में थे। जल्द ही ब्रिटेन के कुछ अधीन देश - ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यू ज़ीलैंड और दक्षिण अफ़्रीका भी इस गुट में सम्मिलित हो गए। १९४१ के बाद मित्रपक्ष का नेतृत्व ब्रिटेन, अमेरिका और सोवियत संघ ने मिलकर किया। भारत (जो ब्रिटिश राज के अधीन था), बेल्जियम, यूनान, मेक्सिको, चेकोस्लोवाकिया, नॉर्वे, नेदरलैंड्ज़, इथियोपिया और ब्राज़ील में मित्रपक्ष में थे। १९४५ में जाकर मित्रपक्ष शक्तियों की जीत होने पर अक्ष शक्तियों का गुट ख़त्म हो गया। .

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मिनियापोलिस

मिनियापोलिस "झीलों का शहर" और "मिलों का शहर" के रूप में उपनाम सहित हेन्नेपिन काउंटी का काउंटी सीट है, जो अमेरिकी राज्य मिनेसोटा का सबसे बड़ा शहर और अमेरिका का 47वां बड़ा शहर है। इसके नाम का श्रेय शहर के पहले स्कूल टीचर को दिया जाता है, जिन्होंने पानी के लिए डकोटा शब्द mni को, तथा शहर के लिए ग्रीक शब्द polis को जोड़ा.

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मिलाऊ वायाडक्ट सेतु

निर्माणाधीन वियाडक्ट सेतु का दृश्य (२००४) दक्षिणी फ्रांस में टार्न नदी घाटी पर बना मिलाऊ वियाडक्ट सेतु को पेरिस को बार्सिलोना से जोड़ने के मकसद से तैयार किया गया था | इसके एक स्तम्भ की उंचाई ३४३ (११२५ फुट) तक है | यह पुल फ्रांस के एफिल टावर से थोड़ा अधिक उंचा और न्यूयार्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग से मात्र ३८ मीटर (१२५ फुट) छोटा है | केबल से सधे इस पुल की गिनती दुनिया के बेजोड़ सड़क पुलों में होती है | फ़्रांसिसी स्ट्रक्चरल इंजीनियर माइकल विर्लोज्युक्स और ब्रिटिश आर्किटेक्ट नॉर्मन फॉस्टर द्वारा डिजाइन किए गए इस पुल का निर्माण वर्ष २००१ में शुरू हुआ था, जिसे पूरा होने में तकरीबन तीन साल का वक्त लगा | इसके बनाने में करीब ४० करोड़ यूरो की लागत आई थी | 14 दिसम्बर २००४ को इसका औपचारिक उद्घाटन किया गया, जिसके दो दिन बाद इसे यातायात के लिए खोल दिया गया | बेहद उंचाई पर बने इस पुल पर पारदर्शी कांच भी लगाएं गए है, जो यहाँ से गुजरने वाले वाहनों को हवा के तेज प्रवाह से बचाते हैं | .

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मिलान कुंदेरा

मिलान कुंदेरा (जन्म 1 अप्रैल 1929) चेकोस्लोवाकिया के ब्रनो में जन्मे चर्चित उपन्यासकार हैं। उन्हें देशनिकाला मिलने के बाद 1975 में फ्रांस चले गए तथा 1981 में वहाँ के नागरिक बन गए। कुंदेरा ने चेक तथा फ्रांसीसी दोनों भाषाओं में लिखा है। उन्होंने स्वयं अपनी सभी पुस्तकों को फ्रांसीसी में रूपांतरित कर प्रकाशित कराया। इसलिए उनकी फ्रांसीसी की पुस्तकें भी अनुवाद के बजाय मूल रचना के रूप में ही स्वीकृत हैं। चेकोस्लोवाकिया की कम्युनिस्ट सरकार ने उनकी पुस्तकों पर प्रतिबंध लगा दिया था जो 1989 की बेलवित क्रांती के पश्चात कम्युनिस्ट सरकार के पतन होने तक जारी रहा। .

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मिलानो

मिलान (Milano,; पश्चिमी लोम्बार्ड: मिलान) इटली का एक शहर और लोम्बार्डी क्षेत्र और मिलान प्रान्त की राजधानी है। मूल शहर की जनसंख्या लगभग 1,300,000 है, जबकि शहरी क्षेत्र 4,300,000 की अनुमानित जनसंख्या के साथ यूरोपीय संघ में पांचवा सबसे बड़ा है। इटली में सबसे बड़े, मिलान महानगरीय क्षेत्र की आबादी, OECD द्वारा अनुमानित तौर पर 7,400,000 है। शहर की स्थापना मीडियोलेनम नाम के तहत केल्टिक लोग इनसबरेस द्वारा की गई थी। इसे बाद में ई.पू.

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मिलाउ घाटी सेतु

मिलाउ सेतु और मिलाउ घाटी मिलाउ घाटी सेतु (फ्रांसीसी: Viaduc de Millau) एक केबल पर टिका हुआ सड़क-पुल है जो दक्षिणी फ़्रांस में स्थित मिलाउ के निकट से बहने वाली टार्न नदी पर बना हुआ है। इसका डिज़ाइन फ़्रांसीसी संरचनात्मक इंजीनियर माइकल विलोजियू और ब्रिटिश वास्तुशिल्पी नॉर्मन फॉस्टर ने किया था। यह विश्व का सबसे ऊँचा पुल है और इसका एक स्तम्भ ३४३ मीटर ऊँचा है। यह घाटीसेतु २,४६० मीटर लम्बा है तथा यह ए७५-ए७१ सड़क मार्ग का एक भाग है जो पैरिस से मॉण्ट्पिलिर तक जाता है। इसकी कुल निमार्ण लागत ४० करोड़ € (२३.४७ अरब रुपये) थी और इसे १४ दिसंबर, २००४ को आम लोगों के लिए खोला गया, इससे पहले दिन इसका उद्घाटन किया गया और यातायात के लिए दो दिन बाद खोला गया। इस पुल को २००६ का आईबेस विशिष्ट संरचना पुरस्कार मिला था। .

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मिल्वौकी, विस्कॉन्सिन

मिल्वौकी अमेरिकी राज्य विस्कॉन्सिन का सबसे बड़ा शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका का 26वां सबसे अधिक आबादी वाला शहर और अमेरिका का 39वां सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है। यह मिल्वौकी काउंटी की काउंटी सीट है और यह मिशिगन झील के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित है। इसकी 2009 की अनुमानित जनसंख्या थी.

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मिशेल दनिनो

मिशेल दनिनो (जन्म: ४ जून १९५६-), फ्रांस में जन्मे। अब यह भारत के नागरिक हैं। इन्होंने भारतीय संस्कृति पर महत्वपूर्ण शोध किया है। इन्होंने सनातन धर्म अपना लिया है। यह श्री अरविन्द की विचारधारा के अनुयायी हैं। .

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मिशेल फूको

मिशेल फूको मिशेल फूको (Michel Foucault; 15 अक्टूबर 1926 - 25 जून 1984) फ्रांस के प्रमुख विचारक और दार्शनिक थे। फूको की गिनती 20 वीं सदी के सबसे प्रमुख विचारकों में से की जाती हैं। यह फूको के लेखों का ही प्रभाव था कि आधुनिक विज्ञान के बहुत से क्षेत्रों में और खासकर इतिहास लेखन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुये। .

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मिशेल अफ्लाक

मिशेल अफलाक: Michel Aflaq (ميشيل عفلق‏ अरब बाथ सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक थे। .

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मिस यूनीवर्स विजेताओं की सूची

मिस यूनीवर्स उपाधि जीतने वाली महिलाओं की सूची नीचे दी गई है। नताली ग्लेबोवा 2005 के टोरंटो फ़िल्म समारोह में.

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मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था

मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (Missile Technology Control Regime), जिसे संक्षिप्त में ऍम॰ टी॰ सी॰ आर॰ (MTCR) भी कहते हैं, कई देशों का एक अनौपचरिक संगठन है जिनके पास प्रक्षेपास्त्र व मानव रहित विमान (ड्रोन) से सम्बन्धित प्रौद्योगिक क्षमता है और जो इसे फैलने से रोकने के लिये नियम स्थापित करते हैं। जून 2016 में इसमें 35 देश शामिल थे। 27 जून 2016 को भारत इसका पूर्ण सदस्य बन गया। .

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मिस्ट्रल

यह रोनघाटी (फ्रांस) में जाड़े में चलने वाली ठंडी हवा हैं। श्रेणी:स्थानीय पवन श्रेणी:पवनें.

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मिस्र के पिरामिड

गीज़ा, मिस्र के एक पिरामिड समूह का दृश्य मिस्र के पिरामिड वहां के तत्कालीन फैरो (सम्राट) गणों के लिए बनाए गए स्मारक स्थल हैं, जिनमें राजाओं के शवों को दफनाकर सुरक्षित रखा गया है। इन शवों को ममी कहा जाता है। उनके शवों के साथ खाद्यान, पेय पदार्थ, वस्त्र, गहनें, बर्तन, वाद्य यंत्र, हथियार, जानवर एवं कभी-कभी तो सेवक सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था। भारत की तरह ही मिस्र की सभ्यता भी बहुत पुरानी है और प्राचीन सभ्यता के अवशेष वहाँ की गौरव गाथा कहते हैं। यों तो मिस्र में १३८ पिरामिड हैं और काहिरा के उपनगर गीज़ा में तीन लेकिन सामान्य विश्वास के विपरीत सिर्फ गिजा का ‘ग्रेट पिरामिड’ ही प्राचीन विश्व के सात अजूबों की सूची में है। दुनिया के सात प्राचीन आश्चर्यों में शेष यही एकमात्र ऐसा स्मारक है जिसे काल प्रवाह भी खत्म नहीं कर सका। यह पिरामिड ४५० फुट ऊंचा है। ४३ सदियों तक यह दुनिया की सबसे ऊंची संरचना रहा। १९वीं सदी में ही इसकी ऊंचाई का कीर्तिमान टूटा। इसका आधार १३ एकड़ में फैला है जो करीब १६ फुटबॉल मैदानों जितना है। यह २५ लाख चूनापत्थरों के खंडों से निर्मित है जिनमें से हर एक का वजन २ से ३० टनों के बीच है। ग्रेट पिरामिड को इतनी परिशुद्धता से बनाया गया है कि वर्तमान तकनीक ऐसी कृति को दोहरा नहीं सकती। कुछ साल पहले तक (लेसर किरणों से माप-जोख का उपकरण ईजाद होने तक) वैज्ञानिक इसकी सूक्ष्म सममिति (सिमट्रीज) का पता नहीं लगा पाये थे, प्रतिरूप बनाने की तो बात ही दूर! प्रमाण बताते हैं कि इसका निर्माण करीब २५६० वर्ष ईसा पूर्व मिस्र के शासक खुफु के चौथे वंश द्वारा अपनी कब्र के तौर पर कराया गया था। इसे बनाने में करीब २३ साल लगे। म्रिस के इस महान पिरामिड को लेकर अक्सर सवाल उठाये जाते रहे हैं कि बिना मशीनों के, बिना आधुनिक औजारों के मिस्रवासियों ने कैसे विशाल पाषाणखंडों को ४५० फीट ऊंचे पहुंचाया और इस बृहत परियोजना को महज २३ वर्षों में पूरा किया? पिरामिड मर्मज्ञ इवान हैडिंगटन ने गणना कर हिसाब लगाया कि यदि ऐसा हुआ तो इसके लिए दर्जनों श्रमिकों को साल के ३६५ दिनों में हर दिन १० घंटे के काम के दौरान हर दूसरे मिनट में एक प्रस्तर खंड को रखना होगा। क्या ऐसा संभव था? विशाल श्रमशक्ति के अलावा क्या प्राचीन मिस्रवासियों को सूक्ष्म गणितीय और खगोलीय ज्ञान रहा होगा? विशेषज्ञों के मुताबिक पिरामिड के बाहर पाषाण खंडों को इतनी कुशलता से तराशा और फिट किया गया है कि जोड़ों में एक ब्लेड भी नहीं घुसायी जा सकती। मिस्र के पिरामिडों के निर्माण में कई खगोलीय आधार भी पाये गये हैं, जैसे कि तीनों पिरामिड आ॓रियन राशि के तीन तारों की सीध में हैं। वर्षों से वैज्ञानिक इन पिरामिडों का रहस्य जानने के प्रयत्नों में लगे हैं किंतु अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। .

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मिखाइल बाकूनिन

मिखाइल बाकूनिन मिखाइल अलेक्जेंद्रोविच बाकूनिन (रूसी: Михаил Александрович Бакунин; IPA.

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मिकाएल लोद्रा

श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी.

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मृच्छकटिकम्

राजा रवि वर्मा द्वारा चित्रित '''वसन्तसेना''' मृच्छकटिकम् (अर्थात्, मिट्टी की गाड़ी) संस्कृत नाट्य साहित्य में सबसे अधिक लोकप्रिय रूपक है। इसमें 10 अंक है। इसके रचनाकार महाराज शूद्रक हैं। नाटक की पृष्टभूमि पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) है। भरत के अनुसार दस रूपों में से यह 'मिश्र प्रकरण' का सर्वोत्तम निदर्शन है। ‘मृच्छकटिकम’ नाटक इसका प्रमाण है कि अंतिम आदमी को साहित्य में जगह देने की परम्परा भारत को विरासत में मिली है जहाँ चोर, गणिका, गरीब ब्राह्मण, दासी, नाई जैसे लोग दुष्ट राजा की सत्ता पलट कर गणराज्य स्थापित कर अंतिम आदमी से नायकत्व को प्राप्त होते हैं। .

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मैनुएल फेरारा

मैनुएल फेरारा (Manuel Ferrara; जन्मनाम: मैनुएल जीनिन; Manuel Jeannin,1 नवम्बर 1975, गैग्नी, फ्रांस), एक फ्रांसीसी अश्लील फिल्म अभिनेता और वयस्क फिल्म निर्देशक हैं। फेरारा के खाते में लगभग 945 अश्लील फिल्में दर्ज हैं जिनमें से लगभग 97 फिल्मों का निर्देशन उन्होने स्वयं किया है। .

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मैमथ

मैमथ (अंग्रेजी:Mammoth), एक विशालकाय हाथी सदृश जीव था जो अब विलुप्त हो चुका है। इसका वैज्ञानिक नाम 'मैमुथस प्राइमिजीनियस'(Mammuthus primigenius) है। यह साइबेरिया के टुंड्रा प्रदेश में बर्फ में दबे एक हाथी का नाम है, जो अब विलुप्त हो चुका है, परन्तु बर्फ के कारण जिसका संपूर्ण मृत शरीर आज भी सुरक्षित मिला है। अनुमान लगाया जाता है कि फ्रांस में यह जंतु हिम युग के अंत तक और साइबीरिया में संभवत: और आगे तक जीवित रहा होगा। मैमथ शब्द की उत्पत्ति साइबीरियाई भाषा के 'मैमथ' शब्द से मानी जाती है, जिसका अभिप्राय 'भूमि के नीचे रहनेवाले जंतु' से होता है। चूँकि इस हाथी का शरीर सदैव जमे हुए बर्फीले कीचड़ के नीचे ही पाया गया है, अत: उस देश के किसान मैमथ को एक प्रकार का वृहत छछूँदर ही समझते थे। फ्रांस की गुफाओं में पूर्व प्रस्तरयुगीन (Palaeolithic) शिकारी मानव के उपर्युक्त हाथी के बहुत से चित्र बनाकर छोड़े हैं, जिससे स्पष्ट हो जाता है कि यह जंतु पहले यूरोप (और संभवत: भारत और उत्तरी अमरीका, जहाँ उससे मिलते जुलते हाथियों के अवशेष प्राप्त हुए हैं) में रहा करता था और हिम युग के समाप्त होने और बर्फ के खिसकने पर भोजन की खोज में उत्तर की ओर बढ़ा और वहाँ की दलदली भूमि में अपने भारी शरीर के कारण धँस गया तथा दलदल के साथ जम गया। आकार में मैमथ वर्तमान हाथियों के ही बराबर होते थे, परंतु कई गुणों में उनसे भिन्न थे। उदाहरणार्थ वर्तमान हाथियों के प्रतिकूल मैमथ का शरीर भूरे और काले तथा कई स्थानों पर जमीन तक लंबे बालों से ढँका था, खोपड़ी छोटी और ऊँची, कान छोटे तथा मैमथ दंत (tusk) अत्यधिक (14 फुट तक) लंबे (यद्यपि कमजोर) थे। मैमथ दंत की एक विशेषता यह भी थी कि वे सर्पिल (spiral) थे। मैमथ दंत इतनी अच्छी दशा में सुरक्षित हैं कि आज भी उद्योग में उनका उपयोग है और मध्कालीन समय में तो साइबेरिया से लेकर चीन के मध्य उनका अच्छा व्यापार भी होता था। सच तो यह है कि बर्फ में दबे रहने के कारण मैमथों, का सारा शरीर ही इतनी अच्छी दशा में सुरक्षित मिला है कि न केवल इनका मांस खाने योग्य पाया गया वरन उनके मुँह और आमाशय में पड़ा उस समय का भोजन भी अभी तक सुरक्षित मिला है। .

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मैरी १ (स्कॉटलैंड की रानी)

कोई विवरण नहीं।

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मैसूर नरसिंहाचार श्रीनिवास

मैसूर नरसिंहाचार श्रीनिवास (1916-1999) भारत के सुप्रसिद्ध समाजशास्त्री थे। उन्होने दक्षिण भारत में जाति तथा जाति प्रथा, सामाजिक स्तरीकरण, सांस्कृतीकरण तथा पश्चिमीकरण पर कार्य किया। उन्होने 'प्रबल जाति' (Dominant Caste) की अवधारण प्रस्तुत की। 'मैसूर नरसिंहाचार श्रीनिवास' को सन १९७७ में भारत सरकार द्वारा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये कर्नाटक से हैं। .

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मैसूर मल्लिगे

यह लेख फूल मल्लिगे के बारे में है। इस फूल के नाम पर लिखी गई के.

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मैग्ना कार्टा

मैग्ना कार्टा मैग्ना कार्टा (Magna Carta) या मैग्ना कार्टा लिबरटैटम् (Great Charter of Freedoms या आजादी का महान चार्टर) इंग्लैण्ड का एक कानूनी परिपत्र है जो सबसे पहले सन् १२१५ ई में जारी हुआ था। यह लैटिन भाषा में लिखा गया था। मैग्ना कार्टा में इंग्लैण्ड के राजा जॉन ने सामन्तों (nobles and barons) को कुछ अधिकार दिये; कुछ कानूनी प्रक्रियाओं के पालन का वचन दिया; और स्वीकार किया कि उनकी इच्छा कानून के सीमा में बंधी रहेगी। मैग्ना कार्टा ने राजा की प्रजा के कुछ अधिकारों की रक्षा की स्पष्ट रूप से पुष्टि की, जिनमें से बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका (habeas corpus) उल्लेखनीय है। चार्टर की महत्ता इस तथ्य में निहित है कि प्रत्येक पीढ़ी ने इसकी वैधानिक व्याख्या कर इस सिद्धांत पर जोर दिया कि राजा को कानून का सम्मान अनिवार्य करना चाहिए। यह सामंतों तथा साधारण जनता दोनों के लिये वैधानिकता का प्रतीक बना तथा ब्रिटिश वैधानिक अधिनियमन का श्रीगणेश भी यहीं से हुआ माना जाता है। .

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मैग्नीसियम

मैग्नेशियम एक रासायनिक तत्त्व है, जिसका चिह्न है Mg, परमाणु संख्या १२ एवं सामान्य ऑक्सीडेशन संख्या +२ है। है। यह कैल्शियम और बेरियम की तरह एक एल्केलाइन अर्थ धातु है एवं पृथ्वी पर आठवाँ बहुल उपलब्ध तत्त्व है तथा भार के अनुपात में २% है, और पूरे ब्रह्माण्ड में नौंवा बहुल तत्त्व है। इसके बाहुल्य का संबंध ये तथ्य है, कि ये सुपरनोवा तारों में तीन हीलियम नाभिकों के कार्बन में शृंखलागत तरीके से जुड़ने पर मैग्नेशियम का निर्माण होता है। मैग्नेशियम आयन की जल में उच्च घुलनशीलता इसे सागर के जल में तीसरा बहुल घुला तत्त्व बनाती है। मैग्नीशियम सभी जीव जंतुओं के साथ मनुष्य के लिए भी उपयोगी तत्त्व है। यह प्रकाश का स्नोत है और जलने पर श्वेत प्रकाश उत्सर्जित करता है। यह मानव शरीर में पाए जाने वाले पांच प्रमुख रासायनिक तत्वों में से एक है। मानव शरीर में उपस्थित ५०% मैग्नीशियम अस्थियों और हड्डियों में होता है जबकि शेष भाग शरीर में हाने वाली जैविक कियाओं में सहयोगी रहता है। left एक स्वस्थ आहार में इसकी पर्याप्त मात्रा होनी चाहिये। इसकी अधिकता से अतिसार और न्यूनता से न्यूरोमस्कुलर समस्याएं हो सकती है। मैग्नीशियम हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है।|हिन्दुस्तान लाईव। २४ मई २०१० इसकी खोज सर हंफ्री डेवी ने १८०८ में की थी। असल में डेवी ने वास्तव में धातु के एक ऑक्साइड को खोजा था, जो बाद में एक तत्व निकला। एक अन्य मान्यता अनुसार कि मैग्नीशियम की खोज १८वीं शताब्दी के मध्य में हुई थी। वैसे इसके एक यौगिक एप्सम लवण की खोज १७वीं शताब्दी में हो चुकी थी और वह आज भी प्रयोग में आता है। इसका एक अन्य यौगिक मिल्क ऑफ मैग्नीशिया कहलाता है। मैग्नीशियम अन्य तत्वों के साथ सरलता से अभिक्रिया कर यौगिक बना लेता है, जिस कारण यह प्रकृति में सदा यौगिकों के रूप में उपस्थित होता है। सागर का जल मैग्नीशियम का एक बड़ा स्रोत है, अतः कई धातु-शोधक कंपनियां इसे सागर से शोधित कर इसका औद्योगिक प्रयोग करती हैं। विलयन पर यह चांदी जैसा सफेद और भार में अपेक्षाकृत हल्का हो जाता है। धातु रूप में यह विषैला (टॉक्सिक) नहीं होता, किन्तु जलाने पर यह विषैला प्रभाव छोड़ता है। इसीलिए गर्म मैग्नीशियम का प्रयोग करते समय नाक को सावधानी से बचाकर काम करना चाहिए। मैग्नीशियम हल्का तत्व होने पर भी काफी मजबूत होता है। इस कारण ही इसे मिश्र धातुओं और अंतरिक्ष उद्योग के लिए उपयोगी माना जाता है। कुछ उच्च क्षमता वाले स्वचालित यंत्रों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। .

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मूरिश किला

मूरिश किला जिब्राल्टर में स्थित एक एतिहासिक मध्ययुगीन किला है। इसमें कई इमारतें, द्वार, किलेबंद दीवारें व मशहूर टावर ऑफ़ होमेज व गेट हाउस शामिल है। इसमें स्थित टावर ऑफ़ होमेज जिब्राल्टर आने वाले यात्रियों को दूर से ही दिख जाता है। मूरिश किले का जिब्राल्टर में निर्माण मिरिनिद वंश ने करवाया था जिससे यह इबिरियाई पेनिज्वेला कि एक अद्वितीय वास्तु बन गया। किले के एक हिस्से में जिब्राल्टर का एच एम कारागृह भी स्थित था परन्तु उसे २०१० में स्थानांतरित कर दिया गया। .

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मूल्य वर्धित कर

मूल्य वर्धित कर (Value Added Tax, VAT, संक्षेप में - वैट), या वस्तु और सेवा कर (Goods and Services Tax, GST) एक उपभोग कर (CT) है, किसी भी मूल्य पर जो एक उत्पाद में जोड़ी जाती है। बिक्री कर के विपरीत, वैट, उत्पादक और अंतिम उपभोक्ता के बीच मार्ग की संख्या के संबंध में तटस्थ है; जहां बिक्री कर प्रत्येक चरण में कुल मूल्य पर लगाया जाता है (हालांकि अमेरिकी और कई अन्य देशों में बिक्री कर सिर्फ अंतिम उपभोक्ता को अंतिम बिक्री पर लगाया जाता है और अंतिम उपयोगकर्ता उपयोग कर, इस तरह वहां थोक या उत्पादन स्तर पर कोई बिक्री कर नहीं दिया जाता), इसका परिणाम एक सोपान है (नीचे के कर ऊपर के करों पर लगाए जाते हैं)। वैट एक अप्रत्यक्ष कर है, इस रूप में कि कर को ऐसे किसी से एकत्र किया जाता है जो कर का पूरा खर्च नहीं उठाता.

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मूसा बिन नुसैर

मुसा बिन नुसर (अरबी: موسى بن نصير मुसा बिन नुय्यार; 640-716 ईस्वी) उमय्यद खलीफा अल-वालिद प्रथम के तहत एक गवर्नर और जनरल के रूप में कार्य किया। उन्होंने उत्तरी अफ्रीका के मुस्लिम प्रांतों (इफिरिया) पर शासन किया, और इस्लामिक कॉन्क्वेस्ट को निर्देशित किया। "हिस्पैनिया" (स्पेन, पुर्तगाल, अंडोरा और फ्रांस का हिस्सा था) पर मुस्लिम विजय अभियाननों का सफल नेतृत्व किया था। .

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मेटरनिख

मेटरनिख मेटरनिख (Prince Klemens Wenzel von Metternich (जर्मन में पूरा नाम: Klemens Wenzel Nepomuk Lothar, Fürst von Metternich-Winneburg zu Beilstein, अंग्रेजी रूपान्तरण: Clement Wenceslas Lothar von Metternich-Winneburg-Beilstein; 15 मई 1773 – 11 जून 1859) राजनेता व राजनयज्ञ था। वह १८०९ से १८४८ तक आस्ट्रियाई साम्राज्य का विदेश मंत्री रहा। वह अपने समय का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे प्रतिभाशाली राजनयिक था। नेपोलियन की वाटरलू पराजय के बाद मेटरनिख यूरोप की राजनीति का सर्वेसर्वा बन गया। उसने यूरोपीय राजनीति में इतनी प्रमुख भूमिका निभाई कि 1815 से 1848 तक के यूरोपीय इतिहास का काल 'मेटरनिख युग’ के नाम से प्रसिद्ध है। मेटरनिख ने अपने प्रधानमन्त्रितत्व-काल में प्रतिक्रया और अनुदारीता का अनुकरण करने की नीति अपनाई और उसके प्रभाव के कारण आस्ट्रिया का साम्राज्य यूरोप में अत्यन्त महत्वपूर्ण बन गया। .

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मेडागास्कर

मेडागास्कर, या 'मेडागास्कर गणराज्य' (पुराना नाम: मालागासी गणराज्य, फ्रांसीसी: République malgache) हिन्द महासागर में अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित एक द्वीपीय देश है। मुख्य द्वीप, जिसे मेडागास्कर कहा जाता है विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप है। यहाँ विश्व की पाँच प्रतिशत पादप और जीव प्रजातियाँ मौजूद हैं। इनमें से ८० प्रतिशत केवल मेडागास्कर में ही पाई जाती हैं। इस देश की दो तिहाई जनसंख्या अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (१.२५ अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन) से नीचे निवास करती है। .

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मेड्सें सां फ्रंटियेर

२०१५ में इन देशोँमे मेड्सें सां फ्रंटियेर सेवारत था मेड्सें सां फ्रंटियेर (Médecins Sans Frontières, या अनुवादित रूप में बिना सरहदोंके डॉक्टर) एक अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी गैर-सरकारी संगठन है जो युद्ध और स्थानिक रोग से पिडीत देशोँमे सेवा करता है। इस संगठन से ३०,००० से ज्यादा और ७० से अधीक देशोंके लोग जुडे हुए हैं जिनमें ज्यादातर स्थानीय डॉक्टर, नर्स और अन्य चिकित्सा पेशेवर, सैन्य विशेषज्ञ, जल और स्वच्छता इंजीनियर और प्रशासक है। मेड्सें सां फ्रंटियेर की स्थापना १९७१ में फ्रांस में हुई। संगठन को १९९१ में फिलाडेल्फिया लिबर्टी मेडल और १९९९ में कई महाद्वीपों पर अग्रणी मानवतावादी कार्य के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया। .

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मेनशेविक

बोलशेविक पार्टी.

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मेरी तुसाद

thumb मेरी तुसाद (१ दिसंबर, १७६१ - १६ अप्रैल, १८५०) एक फ्रांसीसी कलाकार थी। वे उनके द्वारा बनाए गए मोम के आदमकद पुतलों के लिए विख्यात हैं। उन्होने लन्दन में मैडम तुसाद संग्राहलय की स्थापना की। .

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मेरी क्युरी

मेरी क्युरी मैरी स्क्लाडोवका क्यूरी (लघु नाम: मैरी क्यूरी) (७ नवम्बर १८६७ - ४ जुलाई १९३४) विख्यात भौतिकविद और रसायनशास्त्री थी। मेरी ने रेडियम की खोज की थी। विज्ञान की दो शाखाओं (भौतिकी एवं रसायन विज्ञान) में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली वह पहली वैज्ञानिक हैं। वैज्ञानिक मां की दोनों बेटियों ने भी नोबल पुरस्कार प्राप्त किया। बडी बेटी आइरीन को १९३५ में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ तो छोटी बेटी ईव को १९६५ में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। .

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मेरीना लोग

मेरीना (Merina) हिन्द महासागर के माडागास्कर द्वीप-राष्ट्र के मालागासी लोगों का एक उपसमुदाय है। यह उस देश के मध्य पहाड़ी-पठारी उच्चभूमीय क्षेत्र में रहते हैं और ऐतिहासिक रूप से माडागास्कर के सबसे प्रभावशाली गुट रहे हैं। १८वी व १९वी सदी के मालागासी राज्य के यही राजसीय समुदाय थे और उन्होंने अन्य मालागासी समुदायों को अपने अधीन कर लिया था। सन् १८९५-९६ काल में फ़्रान्स ने माडागास्कर पर क़ब्ज़ा कर लिया और १८९७ में इसे उपनिवेश बनाकर मेरीना साम्राज्य ख़त्म कर डाला, लेकिन इस के बाद बांटो और राज करो की नीति अपनाते हुए उन्होंने मेरिनाओं को अपने अधीन सरकार चलाने में मिला लिया। १९६० में स्वतंत्रता के बाद भी मेरीना मालागासी समुदाय के सबसे शक्तिशाली उपसमुदाय रहे हैं। .

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मॅलिएर

मॅलिएर मॅलिएर (फ़्रंस. Molière; मूल नाम Jean Baptiste Poquelin, 15 जनवरी 1622 - 17 फ़रवरी 1673) — फ़्रांस और नये यूरोप में सुखांत नाटकों का महान रचयिता। अभिनेता तथा थियेटर का निदेशक होते हुए उस ने यूरोप में शास्त्रीय सुखांतक कला की स्थापना की है।.

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मॉन्टेस्क्यू

250px मॉन्टेस्क्यू (फ्रेंच: de La Brède et de Montesquieu) (जनवरी १८, १६८९ - फरवरी १०, १७५५) फ्रांस के एक राजनैतिक विचारक, न्यायविद तथा उपन्यासकार थे। उन्होने शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धान्त दिया। वे फ्रांस में ज्ञानोदय के प्रभावी और प्रख्यात प्रतिनिधि माने जाते हैं। .

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मॉरिशस

मॉरीशस गणराज्य(अंग्रेज़ी: Republic of Mauritius, फ़्रांसीसी: République de Maurice), अफ्रीकी महाद्वीप के तट के दक्षिणपूर्व में लगभग 900 किलोमीटर की दूरी पर हिंद महासागर में और मेडागास्कर के पूर्व में स्थित एक द्वीपीय देश है। मॉरीशस द्वीप के अतिरिक्त इस गणराज्य मे, सेंट ब्रेंडन, रॉड्रीगज़ और अगालेगा द्वीप भी शामिल हैं। दक्षिणपश्चिम में 200 किलोमीटर पर स्थित फ्रांसीसी रीयूनियन द्वीप और 570 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित रॉड्रीगज़ द्वीप के साथ मॉरीशस मस्कारेने द्वीप समूह का हिस्सा है। मारीशस की संस्कृति, मिश्रित संस्कृति है, जिसका कारण पहले इसका फ्रांस के आधीन होना तथा बाद में ब्रिटिश स्वामित्व में आना है। मॉरीशस द्वीप विलुप्त हो चुके डोडो पक्षी के अंतिम और एकमात्र घर के रूप में भी विख्यात है। .

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मॉरीतानिया

मॉरीतानिया (Mauritania) उत्तर अफ़्रीका के पश्चिमी भाग में स्थित एक देश है, जो मग़रेब क्षेत्र का हिस्सा माना जाता है। यह एक भूतपूर्व फ़्रांसीसी उपनिवेश हुआ करता था। मॉरीतानिया का लगभग ९०% क्षेत्रफल सहारा रेगिस्तान का भाग है और इस कारणवश इस देश की अधिकतर आबादी देश के दक्षिणी भाग में बसी हुई है जहाँ थोड़ी-बहुत वर्षा होती है। सन् २०१३ में देश की ३५ लाख की कुल जनसंख्या में से १० लाख लोग मॉरीतानिया की राजधानी और सबसे बड़े शहर नुआकशोत (Nouakchott) में रहते थे। .

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मोटरवाहन

कार्ल बेन्ज़'स "वेलो"मॉडल (1894) -सबसे पहले गाड़ियों के होड़ में आई right विश्व मानचित्र प्रति 1000 लोग गाड़ी, मोटरवाहन, कार, मोटरकार या ऑटोमोबाइल एक पहियों वाला वाहन है, जो यात्रियों के परिवहन के काम आता है; और जो अपना इंजन या मोटर भी स्वयं उठाता है। इस शब्द की अधिकांश परिभाषाओं के अनुसार मोटरवाहन मुख्य रूप से सड़कों पर चलाने के लिए हैं, एक से आठ लोगों कों बैठाने के लिए हैं, आमतौर पर जिनके चार पहिये होते हैं, जिनका निर्माण मुख्य रूप से सामान के उपेक्षा लोगों के परिवहन के लिए किया जाता है। मोटरकार शब्द का प्रयोग विद्युतिकृत रेल प्रणाली के सन्दर्भ में, एक ऐसी कार के लिए प्रयुक्त होता है, जो एक छोटा लोकोमोटिव होने के साथ ही, इसमे लोगों और सामान के लिए जगह भी होती है। ये लोकोमोटिव कार उपनगरीय मार्गों में अंतर्नगरीय रेल प्रणालियों में इस्तेमाल की जाती हैं। 2002 तक, 590 मिलियन यात्री करें दुनिया भर में थी (मोटे तौर पर एक कार प्रति ग्यारह लोग).

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मोटरगाड़ी का इतिहास

१७६९ में डिजाइन की गई वाष्प-ट्राली बिना पशु के चलने वाला वाहन अर्थात् स्वचालित वाहन (automobile) या मोटरवाहन का इतिहास १७६९ से आरम्भ होता है जब वाष्प इंजन से चलने वाला वाहन बना था जो लोगों को लाने ले जाने के काम में आता था। .

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मोना लीज़ा

मोनालिसा मोना लिसा (Mona Lisa या La Gioconda या La Joconde)) लिओनार्दो दा विंची के द्वारा कृत एक विश्व प्रसिद्ध चित्र है। यह एक विचारमग्न स्त्री का चित्रण है जो अत्यन्त हल्की मुस्कान लिये हुए हैं। यह संसार की सम्भवत: सबसे प्रसिद्ध पेंटिंग है जो पेंटिंग और दृष्य कला की पर्याय मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इतालवी चित्रकार लियोनार्दो दा विंची ने मोना लीज़ा नामक यह तस्वीर 1503 से 1506 के बीच बनाई थी। ये तस्वीर फ्लोरेंस के एक गुमनाम से व्यापारी 'फ़्रांसेस्को देल जियोकॉन्डो' की पत्नी 'लीज़ा घेरार्दिनी' को देखकर बनाई गई है। सम्प्रति यह छवि फ्रांस के लूविरे संग्रहालय में रखी हुई है। संग्रहालय के इस क्षेत्र में 16वीं शताब्दी की इतालवी चित्रकला की कृतियाँ रखी गई हैं। मोनालिसा की असल पेंटिंग केवल 21 इंच लंबी और 30 इंच चौड़ी है। तस्वीर को बचाए रखने के लिए यह एक ख़ास किस्म के शीशे के पीछे रखी गई है जो ना तो चमकता है और ना टूटता है। .

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मोनिकंगना दत्ता

मोनिकंगना दत्ता एक मुंबई की रहने वाली भारतीय मॉडल व अभिनेत्री हैं। वह गुहावटी, असम से हैं। उन्होंने आर्मी पब्लिक स्कुल नारंगी, गुहावटी से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्री कॉलेज से स्नातक किया। .

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मोरक्को

मोरक्को, आधिकारिक तौर पर मोरक्को राजशाही, उत्तरी अफ्रीका का एक देश है। उत्तरी अफ़्रीका में रोमन प्रांत रहे इस प्रदेश में मध्यकाल में एक अफ़्रीकी मूल के वंश का शासन रहा जिस पर इस्लामिक प्रभाव दसवीं सदी से पड़ता गया। आज यह देश मुस्लिम है जिसकी भाषा अरबी है। यहाँ की अरबी अफ़्रीकी मिश्रित है। मराकेश यहाँ की राजधानी है और कासाब्लांका आर्थिक केन्द्र। .

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मीटरी पद्धति

विश्व में बहुत कम देश बचे हैं जहाँ अब भी मीटरी पद्धति लागू नहीं है। मीटरी पद्धति (metric unit system या metric system) भौतिक राशियों के मापन में प्रयुक्त मात्रकों की एक पद्धति है जिसमें मीटर लम्बाई की आधारभूत इकाई है। इस पद्धति की मुख्य विशेषता यह है कि किसी भौतिक राशि के छोटे-बड़े सभी मात्रकों का अनुपात १० या उसके किसी पूर्णांक घात (जैसे, १०-२, १०-५, १०७, १०९, १०८ आदि) होता है। उदाहरण के लिये, मीटर और सेन्टीमीटर दोनों लम्बाई (दूरी) के मात्रक हैं और एक मीटर १०० सेन्टीमीटर के बराबर होता है। इस प्रणाली का आरम्भ फ्रांस में सन १७९९ में हुआ। इसके पहले प्रचलित अधिकांश प्रणालियों में एक ही भौतिक राशि के विभिन्न मात्रकों में अनुपात १० या १० के किसी घात का होना जरूरी नहीं था। उदाहरण के लिये इंच और फुट दोनों लम्बाई के मात्रक हैं और १ फुट १२ इंच के बराबर होता है। इंच, फुट, सेर, मील आदि गैर-मीट्रिक इकाइयाँ थीं। इस प्रणाली का प्रयोग सर्वप्रथम फ्रांस की क्रांति के प्रारंभिक दिनों (१७९१) में हुआ था। पिछले लगभग दो सौ वर्षों में मीट्रिक पद्धति के कई रूप आये; जैसे मीटर-किलोग्राम-सेकेण्ड पद्धति और वर्तमान में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत एसआई पद्धति आदि। इन सभी में केवल मूल मात्रकों (फण्डामेंटल यूनिट्स) का अन्तर है किन्तु वस्तुत: वे सभी दशांश पद्धति का ही पालन करतीं हैं। मीट्रिक पद्धति का वैज्ञानिक एवं तकनीकी कार्यों के लिये बहुतायत में उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में केवल यूएसए, म्यांमार और लाइबेरिया को छोड़कर विश्व के सभी देशों ने आधिकारिक रूप से मीट्रिक प्रणाली को अपना लिया है। .

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मीरा सान्याल

मीरा सान्याल (मीरा हीरानन्दानी, 15 अक्टूबर 1961) एक भारतीय इन्वेस्टमेंट बैंकर और राजनीतिज्ञ हैं। वे एबीएन एमरो बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुकी हैं,जिन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में वर्ष 2009 में साउथ मुंबई सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। वे लंबे समय से सामुदायिक विकास कार्यक्रमों और नीतिगत सुधारों से जुड़ी रही हैं।वर्तमान में वे एक राजनीतिज्ञ के रूप में आम आदमी पार्टी से जुड़ी हुई हैं तथा 2014 के लोकसभा चुनाव की प्रत्याशी हैं। .

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यरुशलम की स्थिति

यरुशलम शहर की स्थिति अंतरराष्ट्रीय कानूनी और कूटनीतिक रूप से अनिर्णीत है। 6 दिसंबर 2017 को अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने यरूशलम को इज़राइल देश की राजधानी माना लेकिन अरब देशों ने यरूशलेम को राजधानी बनाए जाने पर फैसले का कड़ा विरोध किया। एक नजर में यरुशलम यरुशलम की आबादी 8.82 लाख है। शहर में 64 फीसद यहूदी, 35 फीसद अरबी और एक फीसद अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। शहर का क्षेत्रफल 125.156 वर्ग किमी है। इजरायल और फलस्तीन, दोनों ही अपनी राजधानी यरुशलम को बनाना चाहते थे। इस ऐतिहासिक शहर में मुस्लिम, यहूदी और ईसाई समुदाय की धार्मिक मान्यताओं से जुड़े प्राचीन स्थल हैं। .

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यहूदी

यहूदी जाति 'यहूदी' का मौलिक अर्थ है- येरूशलेम के आसपास के 'यूदा' नामक प्रदेशें का निवासी। यह प्रदेश याकूब के पुत्र यूदा के वंश को मिला था। बाइबिल में 'यहूदी' के निम्नलिखित अर्थ मिलते हैं- याकूब का पुत्र यहूदा, उनका वंश, उनकर प्रदेश, कई अन्य व्यक्तियों के नाम। यूदा प्रदेश (Kingdom of Juda) के निवासी प्राचीन इजरायल के मुख्य ऐतिहासिक प्रतिनिधि बन गए थे, इस कारण समस्त इजरायली जाति के लिये यहूदी शब्द का प्रयोग होने लगा। इस जाति का मूल पुरूष अब्राहम थे, अत: वे 'इब्रानी' भी कहलाते हैं। याकूब का दूसरा नाम था इजरायल, इस कारण 'इब्रानी' और 'यहूदी' के अतिरक्ति उन्हें 'इजरायली' भी कहा जाता है। यहूदी धर्म को मानने वालों को यहूदी (en:Jew) कहा जाता है। यहूदियों का निवास स्थान पारंपरिक रूप से पश्चिम एशिया में आज के इसरायल को माना जाता है जिसका जन्म १९४७ के बाद हुआ। मध्यकाल में ये यूरोप के कई क्षेत्रों में रहने लगे जहाँ से उन्हें उन्नीसवीं सदी में निर्वासन झेलना पड़ा और धीरे-धीरे विस्थापित होकर वे आज मुख्यतः इसरायल तथा अमेरिका में रहते हैं। इसरायल को छोड़कर सभी देशों में वे एक अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में रहते हैं। इन्का मुख्य काम व्यापार है। यहूदी धर्म को इसाई और इस्लाम धर्म का पूर्ववर्ती कहा जा सकता है। इन तीनों धर्मों को संयुक्त रूप से 'इब्राहिमी धर्म' भी कहते हैं। अल्लाह ने यहूदियों के बारे में पवित्र कुरान में कहा "ऐ बनी इसराइल मेरी उन नेअमतों को याद करो जो मैंने पहले तुम्हें दी और ये (भी तो सोचो) कि हमने तुमको सारे जहाँन के लोगों से बढ़ा दिया" (Sura 2-47) "और अपनी क़ौम से उन लोगों की हालत तो तुम बखू़बी जानते हो जो शम्बे (सनीचर) के दिन अपनी हद से गुज़र गए (कि बावजूद मुमानिअत शिकार खेलने निकले) तो हमने उन से कहा कि तुम राइन्दे गए बन्दर बन जाओ (और वह बन्दर हो गए)" (Sura2-65) "फिर तुममें से थोड़े आदमियों के सिवा (सब के सब) फिर गए और तुम लोग हो ही इक़रार से मुँह फेरने वाले.और (वह वक़्त याद करो) जब हमने तुम (तुम्हारे बुजुर्गों) से अहद लिया था कि आपस में खू़रेजि़याँ न करना और न अपने लोगों को शहर बदर करना तो तुम (तुम्हारे बुजुर्गों) ने इक़रार किया था और तुम भी उसकी गवाही देते हो .(कि हाँ ऐसा हुआ था) फिर वही लोग तो तुम हो कि आपस में एक दूसरे को क़त्ल करते हो और अपनों से एक जत्थे के नाहक़ और ज़बरदस्ती हिमायती बनकर दूसरे को शहर बदर करते हो (और लुत्फ़ तो ये हैं कि) अगर वही लोग क़ैदी बनकर तम्हारे पास (मदद माँगने) आए तो उनको तावान देकर छुड़ा लेते हो हालाँकि उनका निकालना ही तुम पर हराम किया गया था तो फिर क्या तुम (किताबे खु़दा की) बाज़ बातों पर ईमान रखते हो और बाज़ से इन्कार करते हो बस तुम में से जो लोग ऐसा करें उनकी सज़ा इसके सिवा और कुछ नहीं कि जि़न्दगी भर की रूसवाई हो और (आखि़रकार) क़यामत के दिन सख़्त अज़ाब की तरफ लौटा दिये जाए और जो कुछ तुम लोग करते हो खु़दा उससे ग़ाफि़ल नहीं है" (Sura 2-83,84,85) "और तुम्हारे पास मूसा तो वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आ ही चुके थे फिर भी तुमने उनके बाद बछड़े को खु़दा बना ही लिया और उससे तुम अपने ही ऊपर ज़ुल्म करने वाले थे"(Sura2-92) "बनी इसराईल मेरी उन नेअमतों को याद करो जो मैंनं तुम को दी हैं और ये कि मैंने तुमको सारे जहाँन पर फज़ीलत दी " (Sura 2-122) "बेशक हम ने तौरेत नाजि़ल की जिसमें (लोगों की) हिदायत और नूर (ईमान) है उसी के मुताबिक़ ख़ुदा के फ़रमाबरदार बन्दे (अम्बियाए बनी इसराईल) यहूदियों को हुक्म देते रहे और अल्लाह वाले और उलेमाए (यहूद) भी किताबे ख़ुदा से (हुक्म देते थे) जिसके वह मुहाफि़ज़ बनाए गए थे और वह उसके गवाह भी थे बस (ऐ मुसलमानों) तुम लोगों से (ज़रा भी) न डरो (बल्कि) मुझ ही से डरो और मेरी आयतों के बदले में (दुनिया की दौलत जो दर हक़ीक़त बहुत थोड़ी क़ीमत है) न लो और (समझ लो कि) जो ख़्स ख़ुदा की नाजि़ल की हुयी (किताब) के मुताबिक़ हुक्म न दे तो ऐसे ही लोग काफि़र हैं" (Sura 5-44) "(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं तुम्हें ख़ुदा के नज़दीक सज़ा में इससे कहीं बदतर ऐब बता दॅू (अच्छा लो सुनो) जिसपर ख़ुदा ने लानत की हो और उस पर ग़ज़ब ढाया हो और उनमें से किसी को (मसख़ करके) बन्दर और (किसी को) सूअर बना दिया हो और (ख़ुदा को छोड़कर) शैतान की परस्तिश की हो बस ये लोग दरजे में कहीं बदतर और राहे रास्त से भटक के सबसे ज़्यादा दूर जा पहँचे हैं " (Sura 5-60) "यहूद तो कहते हैं कि अज़ीज़ ख़़ुदा के बेटे हैं और नुसैरा कहते हैं कि मसीहा (ईसा) ख़़ुदा के बेटे हैं ये तो उनकी बात है और (वह ख़ुद) उन्हीं के मुँह से ये लोग भी उन्हीं काफि़रों की सी बातें बनाने लगे जो उनसे पहले गुज़र चुके हैं ख़़ुद उनको क़त्ल (तहस नहस) करके (देखो तो) कहाँ से कहाँ भटके जा रहे हैं" (Sura 9-30) "ऐ बनी इसराइल हमने तुमको तुम्हारे दुश्मन (के पंजे) से छुड़ाया और तुम से (कोहेतूर) के दाहिने तरफ का वायदा किया और हम ही ने तुम पर मन व सलवा नाजि़ल किया.और (फ़रमाया) कि हमने जो पाक व पाक़ीज़ा रोज़ी तुम्हें दे रखी है उसमें से खाओ (पियो) और उसमें (किसी कि़स्म की) शरारत न करो वरना तुम पर मेरा अज़ाब नाजि़ल हो जाएगा और (याद रखो कि) जिस पर मेरा ग़ज़ब नाजि़ल हुआ तो वह यक़ीनन गुमराह (हलाक) हुआ " (Sura 20-80,81) "और हमने बनी इसराईल को किताब (तौरेत) और हुकूमत और नबूवत अता की और उन्हें उम्दा उम्दा चीज़ें खाने को दीं और उनको सारे जहाँन पर फ़ज़ीलत दी.और उनको दीन की खुली हुई दलीलें इनायत की तो उन लोगों ने इल्म आ चुकने के बाद बस आपस की जि़द में एक दूसरे से एख़्तेलाफ़ किया कि ये लोग जिन बातों से एख़्तेलाफ़ कर रहें हैं क़यामत के दिन तुम्हारा परवरदिगार उनमें फैसला कर देगा" (Sura 45-16,17) .

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यातायात संकेत (ट्रैफिक साइन)

क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में वारेगो राजमार्ग पर एक "मार्ग पुष्टि" संकेत, जो चालकों को सूचीबद्ध स्थानों से उनकी दूरी (किलोमीटर में) के बारे में जानकारी देता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में एक संकेत जो मील प्रति घंटे में स्थानीय गति सीमा के बारे में बताता है आगे आने वाले एक दोहरे मोड़ की चेतावनी देने वाले एक ताइवान संकेत के डिजाइन विनिर्देश एक स्तंभ पर दो या इससे अधिक संकेतों को प्रदर्शित किया जा सकता है। यहाँ एक कनाडाई सड़क-अंत का निशान एक ग्रामीण हवाई अड्डे के संकेत के साथ दिखाई देता है। यातायात संकेत (ट्रैफिक साइन) या सड़क संकेत (रोड साइन), सड़क का उपयोग करने वालों को जानकारी प्रदान करने के लिए सड़कों के किनारे लगाए गए संकेतों को कहते हैं। पिछले आठ दशकों में वाहनों की संख्या में वृद्धि के साथ कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सुविधाजनक बनाने (जहाँ भाषा संबंधी अंतर अवरोध पैदा करते हैं) तथा आम तौर पर यातायात सुरक्षा को बढ़ाने में मदद के लिए सचित्र संकेतों को अपनाया है या अन्यथा अपने संकेतों को सरलीकृत और मानकीकृत किया है। इस तरह के सचित्र संकेतों में शब्दों के स्थान पर चिन्हों (अक्सर छायाचित्रों) का उपयोग किया जाता है और ये आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल पर आधारित होते हैं। ऐसे संकेतों को सबसे पहले यूरोप में विकसित किया गया था और इन्हें देशों द्वारा विभिन्न स्तरों पर अपनाया गया है। .

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यान मार्टल

यान मार्टल (जन्म २५ जून १९६३) स्पेन में जन्मे कनैडियन लेखक हैं, जिनकी सबसे प्रसिद्ध कृति लाइफ़ ऑफ़ पाई के लिए इन्हें मैन बुकर पुरस्कार मिला है। इनका जन्म सालामांका, स्पेन में हुआ था, लेकिन कोस्टा रीका, फ्रांस, मेक्सिको और कनाडा में पले बढ़े। इन्होंने पोर्ट होप, ऑण्टारिओ के ट्रिनिटी कॉलेज स्कूल में शिक्षा पाई। इस दौरान इन्होंने लेखन का कौशल संवारा। इन्होंने ट्रेंट युनिवर्सिटी से दर्शन की पढ़ाई की और फिर सारा संसार घूमे, विशेषतया ईरान, तुर्की और भारत। इन्होंने१३ महीने भारत में गुजारे और यहाँ मन्दिर, गिरजाघर, मस्जिद और चिड़ियाघर घूमे। इसके बाद इन्होंने २ वर्ष धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया और समाज से बहिष्कृत लोगों की कहानियाँ पढ़ीं। इन्हें बचपन मे ही पढ़ने का बहुत शौक था, अल्फ़ोंस दौदे की ल पति शोज़ (फ्रांसीसी: Le Petit Chose, छोटी सी चीज़) इन्हें बहुत पसंद थी। यान ने दांते की डिवाइन कॉमेडी को संसार की सबसे प्रभावशाली पुस्तक माना है। यान की पहली कृति सेवन स्टोरीज़ (अंग्रेजी: Seven Stories, सात कहानियाँ) १९९३ में प्रकाशित हुई। २००१ में इन्होंने लाइफ़ ऑफ़ पाई (पाई का जीवन) प्रकाशित की, जिसे वर्ष २००२ का मैन बुकर पुरस्कार मिला। इस पुस्तक को २००३ की कैनेडा रीड्स प्रतियोगिता में चुना गया। यान सास्कातून, सास्काचवान में सप्तम्बर २००३ से एक साल तक एक सार्वजनिक पुस्तकालय में राइटर-इन-रेज़िडेंस रहे। इन्होंने टोरंटो की रॉयल कंज़रवेटरी ऑफ़ म्यूज़िक के कम्पोज़र-इन-रेज़िडेंस ओमार डैनियल के साष मिलकर यू आर वेयर यू आर (तुम जहाँ हो वहीं हो) नामक संगीतमय रचना रची, जिसमें आम दिनों की आम बातचीत को वाक्यों को पिरोया गया है। नवम्बर २००५ में युनिवर्सिटी ऑफ़ सास्काचवान ने इन्हें स्कालर-इन-रेज़िडेंस घोषित किया। इनका अगला उपन्यास बीट्रिस और वर्जिल होलोकास्ट पर आधारित होगा। इसके अलावा ये वाट इज़ स्टीफ़न हार्पर रीडिंग (स्टीफ़न हार्पर क्या पढ़ रहे हैं) नामक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, जिसमें ये कनाडा के प्रधान मंत्री को हर दो हफ्ते में एक किताब भेजते हैं, एक छोटे व्याख्यात्मक नोट के साथ। .

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यक्ष्मा

यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी (tubercle bacillus का लघु रूप) एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों की वजह से होती है। क्षय रोग आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय टीबी संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण स्पर्शोन्मुख और भीतरी होते हैं, लेकिन दस में से एक भीतरी संक्रमण, अंततः सक्रिय रोग में बदल जाते हैं, जिनको अगर बिना उपचार किये छोड़ दिया जाये तो ऐसे संक्रमित लोगों में से 50% से अधिक की मृत्यु हो जाती है। सक्रिय टीबी संक्रमण के आदर्श लक्षण खून-वाली थूक के साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना हैं (बाद का यह शब्द ही पहले इसे "खा जाने वाला/यक्ष्मा" कहा जाने के लिये जिम्मेदार है)। अन्य अंगों का संक्रमण, लक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करता है। सक्रिय टीबी का निदान रेडियोलोजी, (आम तौर पर छाती का एक्स-रे) के साथ-साथ माइक्रोस्कोपिक जांच तथा शरीर के तरलों की माइक्रोबायोलॉजिकल कल्चर पर निर्भर करता है। भीतरी या छिपी टीबी का निदान ट्यूबरक्यूलाइन त्वचा परीक्षण (TST) और/या रक्त परीक्षणों पर निर्भर करता है। उपचार मुश्किल है और इसके लिये, समय की एक लंबी अवधि में कई एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से उपचार की आवश्यकता पड़ती है। यदि आवश्यक हो तो सामाजिक संपर्कों की भी जांच और उपचार किया जाता है। दवाओं के प्रतिरोधी तपेदिक (MDR-TB) संक्रमणों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध एक बढ़ती हुई समस्या है। रोकथाम जांच कार्यक्रमों और बेसिलस काल्मेट-गुएरिन बैक्सीन द्वारा टीकाकरण पर निर्भर करती है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया की आबादी का एक तिहाई एम.तपेदिक, से संक्रमित है, नये संक्रमण प्रति सेकंड एक व्यक्ति की दर से बढ़ रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार, 2007 में विश्व में, 13.7 मिलियन जटिल सक्रिय मामले थे, जबकि 2010 में लगभग 8.8 मिलियन नये मामले और 1.5 मिलियन संबंधित मौतें हुई जो कि अधिकतर विकासशील देशों में हुई थीं। 2006 के बाद से तपेदिक मामलों की कुल संख्या कम हुई है और 2002 के बाद से नये मामलों में कमी आई है। तपेदिक का वितरण दुनिया भर में एक समान नहीं है; कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में जनसंख्या का 80% ट्यूबरक्यूलाइन परीक्षणों में सकारात्मक पायी गयी, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका की आबादी का 5-10% परीक्षणों के प्रति सकारात्मक रहा है। प्रतिरक्षा में समझौते के कारण, विकासशील दुनिया के अधिक लोग तपेदिक से पीड़ित होते हैं, जो कि मुख्य रूप से HIV संक्रमण की उच्च दर और उसके एड्स में विकास के कारण होता है। .

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युनेस्को

यूनेस्को (UNESCO) 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization)' का लघुरूप है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है। इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष संस्था का गठन १६ नवम्बर १९४५ को हुआ था। इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन पाए। इसका मुख्यालय पैरिस, फ्रांस में स्थित है। .

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य्वेस लैम्बर्ट

य्वेस लैम्बर्ट अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के महासचिव रहे हैं। इनका कार्यकाल 1976-1988 तक रहा। ये फ्रांस राष्ट्र से थे। श्रेणी:ICAO महासचिव.

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यूटीसी +०२:००

यूटीसी+०१:०० - नीला (दिसम्बर), नारंगी (जून), पीला (पूरा वर्ष), हल्का नीला - समुद्री इलाक़े यूटीसी +०२:०० (UTC+02:00) वह यूटीसी समय अंतर है जो समन्वयित विश्वव्यापी समय (यूटीसी) से दो घंटे आगे हो, यानि +०२:०० हो। .

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यूटीसी+०१:००

यूटीसी+०१:०० - नीला (जनवरी), नारंगी (जुलाई), पीला (पूरा वर्ष), हल्का नीला - समुद्री इलाक़े यूटीसी +०१:०० (UTC+01:00) वह यूटीसी समय अंतर है जो समन्वयित विश्वव्यापी समय (यूटीसी) से एक घंटा आगे हो, यानि +०१:०० हो। इस यूटीसी अंतर का प्रयोग इन मानक समयों में होता है.

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यूटीसी+०५:००

यूटीसी+०५:०० (UTC+05:00) यूटीसी से पांच घंटे आगे का समय मंडल है। इस वक्त इस समय मंडल का उपयोग करने वाले क्षेत्रों में बज रहा है। .

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यूटीसी-०८:००

यूटीसी−०८:०० यूटीसी स्मय मंडल से ८ घंटे पीछे का समय मंडल है। इसका इस्तेमाल निम्न लिखित जगहों पर होता है: .

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यूनानी भाषा

यूनानी या ग्रीक (Ελληνικά या Ελληνική γλώσσα), हिन्द-यूरोपीय (भारोपीय) भाषा परिवार की स्वतंत्र शाखा है, जो ग्रीक (यूनानी) लोगों द्वारा बोली जाती है। दक्षिण बाल्कन से निकली इस भाषा का अन्य भारोपीय भाषा की तुलना में सबसे लंबा इतिहास है, जो लेखन इतिहास के 34 शताब्दियों में फैला हुआ है। अपने प्राचीन रूप में यह प्राचीन यूनानी साहित्य और ईसाईयों के बाइबल के न्यू टेस्टामेंट की भाषा है। आधुनिक स्वरूप में यह यूनान और साइप्रस की आधिकारिक भाषा है और करीबन 2 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। लेखन में यूनानी अक्षरों का उपयोग किया जाता है। यूनानी भाषा के दो ख़ास मतलब हो सकते हैं.

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यूनाइटेड किंगडम

वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .

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यूनाइटेड किंगडम का इतिहास

कुल ब्रिटेन आप्रवास निकालना।.

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यूरो

यूरो (मुद्रा चिह्न €; बैंक कोड: EUR) यूरोपीय संघ के 28 में से 19 सदस्य की आधिकारिक मुद्रा है, जिन्हें सामूहिक रूप से यूरोजोन कहा जाता है। इसमें आस्ट्रिया, बेल्जियम, साइप्रस, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, लग्ज़म्बर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, स्लोवाकिया और स्पेन (2014) शामिल हैं। इसके अलावा पांच अन्य यूरोपीय देशों में आधिकारिक सहमति या बिना सहमति के भी यह प्रचलन में है। अमेरिकी डॉलर के बाद यूरो दुनिया में दूसरी सबसे सुरक्षित रखने वाली और प्रचलन में रहने वाली मुद्रा है। यूरो नाम आधिकारिक रूप से 16 दिसम्बर 1995 को अपनाया गया। वैश्विक बाजार में इसे यूरोपियन करेंसी यूनिट के स्थान पर सम मूल्य पर 1 जनवरी 1999 को जारी किया गया। एक (1) यूरो का मूल्य सत्तर (70) रुपये हैं (सम्प्रति - सितंबर, 2009)। .

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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यूरोप में विश्व धरोहर स्थलों की सूची

यह यूरोप में स्थित यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की एक सूची है। तारांकन चिह्न (*) लगे स्थल, खतरे में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल हैं। .

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यूरोप का इतिहास

एक '''सामी''' परिवार यूरोप में मानव ईसापूर्व 35,000 के आसपास आया। इसके बाद ७००० इस्वी पूर्व से संगठित बसाव यानि बस्तियों के प्रमाण मिलते हैं। काँस्य युगीन सभ्यता (३००० ईसा पूर्व) के समय यहाँ कुछ अधिक बसाव नहीं हुआ - भ़ासकर मिस्र, इराक, चीन और भारतीय सभ्यता के मुकाबले। लेकिन ५०० ईसापूर्व से रोमन और यूनानी साम्राज्यों का उदय हुआ जिसने यूरोप की संस्कृति को बहुत प्रभावित किया। सैन्य, कला और चिंतन के मामले में यूनानियों ने यूरोप के एक कोने में होते हुए भी पूरे यूरोप और बाद में विश्वभर में अपना प्रभाव जमाया। आज यूरोप के देश यूरोपीय संघ के सदस्य हैं जो एक मुद्रा यूरो चलाता है। मध्यकाल में यूरोप छोटे राज्यों में विभक्त हो गया था। विज्ञान और शोध के मामले में धार्मिक मान्यताओं ने अपना प्रभाव बना रखा था। पंद्रहवीं सदी के बाद यह पुनः विकसित हुआ। सैनिक इतिहास का एक छोटा ब्यौरा नीचे लिखा है, कृपया वहाँ देखें। यूरोप के इतिहास को समझने के लिए दक्षिणी (रोम, यूनान और स्पेन), पूर्वी (यानि स्लाविक) और उत्तरी क्षेत्र जिसनें जर्मन मूल की नौर्ड और वाइकिंग तथा केल्ट और गॉल को समझना आवश्यक है। .

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यूरोपेँ प्रेस फोटो एजेंसी

यूरोपेँ प्रेस फोटो एजेंसी, बी वी (European Pressphoto Agency B.V.) एक अन्तार्रश्त्रिये न्यूज़ फोटो एजेंसी है। विश्व के सभी भागो से समाचार, राजनीती, खेल, व्यापर, वित्त, ख़बरों के साथ साथ कला संस्कृति और मनोरंजन से संबंधीत छाया चित्र लगभग ४०० से भी अधिक व्यावसायिक फोतोग्रफेरों के विश्वव्यापी जाल या नेटवर्क द्वारा उपस्थित कराइ जाती है जो की ई पी ए की छाया चित्र समाचार सेवा में शामिल है! ई पी ए की छाया चित्र सवैएँ विश्व भर में फैले ई पी ए के स्टाफ फोतोग्रफेरों के विस्तृत जाल या नेटवर्क तथा इसकी सदस्य एजेंसीयों, जो अपने देशों के बाज़ार में मार्गदर्शक तथा अग्रणी है, दोनों के दैनिक उत्पादन पे आधारित हैं ! सभी छायाचित्र संपादन के उपरांत विष भर के सभी ग्राहकों व संझेदारों को फ्रैंकफर्ट ऍम मने जर्मनी स्थित मुख्या संपादन कार्यालय जो की प्रतिदिन चौबीस घंटे कार्यरत है, के द्वारा वितरित कर दिए जातें हैंhttp://www.epa.eu/products-and-services/epa-service .

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यूरोपीय देशों की सूची

United Kingdom of Great Britain and Northern Ireland | United Kingdom — United Kingdom of Great Britain and Northern Ireland | लंदनLondon | 63,047,162 | |- | | | वेटिकन सिटीVatican City State ----Holy See | Città del Vaticano — Stato della Città del VaticanoSancta Sedes | वेटिकन सिटीCittà del Vaticano | 836 | | .

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यूरोपीय धर्मसुधार

16वीं शताब्दी के प्रारंभ में समस्त पश्चिमी यूरोप धार्मिक दृष्टि से एक था - सभी ईसाई थे; सभी रोमन काथलिक चर्च के सदस्य थे; उसकी परंपरगत शिक्षा मानते थे और धार्मिक मामलों में उसके अध्यक्ष अर्थात् रोम के पोप का शासन स्वीकार करते थे। यूरोपीय धर्मसुधार अथवा रिफॉरमेशन 16वीं शताब्दी के उस महान आंदोलन को कहते हैं जिसके फलस्वरूप पाश्चात्य ईसाइयों की यह एकता छिन्न-भिन्न हुई और प्रोटेस्टैंट धर्म का उदय हुआ। चर्च के इतिहस में समय-समय पर सुधारवादी आंदोलन होते रहे किंतु वे चर्च के धार्मिक सिद्धातों अथवा उसके शासकों को चुनौती न देकर उनके निर्देश के अनुसार ही नैतिक बुराइयों का उन्मूलन तथा धार्मिक शिक्षा का प्रचार अपना उद्देश्य मानते थे। 16वीं शताब्दी में जो सुधार का आंदोलन प्रवर्तित हुआ वह शीघ्र ही चर्च की परंपरागत शिक्षा और उसके शासकों के अधिकार, दोनों का विरोध करने लगा। धर्मसुधार आंदोलन के परिणामस्वरूप यूरोप में कैथोलिक सम्प्रदाय के साथ-साथ लूथर सम्प्रदाय, कैल्विन सम्प्रदाय, एंग्लिकन सम्प्रदाय और प्रेसबिटेरियन संप्रदाय प्रचलित हो गये। .

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यूरोपीय नाट्यशालाएँ

यूरोप में नाट्यशाला का इतिहास प्राय: 3,200 ई.पू.

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यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन

सर्न (Organisation Européenne pour la Recherche Nucléaire या CERN (फ़्रान्सीसी में) .

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यूरोपीय बैंकिंग संघ

यूरोपीय बैंकिंग संघ यूरोपीय बैंकिंग क्षेत्र का एक संगठन है जिसकी स्थापना १९६० में हुई थी। यह 30,000 अरब यूरो से अधिक की संयुक्त संपत्ति और 2.4 लाख कर्मचारियों के साथ 31 देशों में 5000 से अधिक यूरोपीय बैंकों का प्रतिनिधित्व करता है। .

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यूरोपीय संघ

यूरोपियन संघ (यूरोपियन यूनियन) मुख्यत: यूरोप में स्थित 28 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रो पर लागू होती है। इसका अभ्युदय 1957 में रोम की संधि द्वारा यूरोपिय आर्थिक परिषद के माध्यम से छह यूरोपिय देशों की आर्थिक भागीदारी से हुआ था। तब से इसमें सदस्य देशों की संख्या में लगातार बढोत्तरी होती रही और इसकी नीतियों में बहुत से परिवर्तन भी शामिल किये गये। 1993 में मास्त्रिख संधि द्वारा इसके आधुनिक वैधानिक स्वरूप की नींव रखी गयी। दिसम्बर 2007 में लिस्बन समझौता जिसके द्वारा इसमें और व्यापक सुधारों की प्रक्रिया 1 जनवरी 2008 से शुरु की गयी है। यूरोपिय संघ सदस्य राष्ट्रों को एकल बाजार के रूप में मान्यता देता है एवं इसके कानून सभी सदस्य राष्ट्रों पर लागू होता है जो सदस्य राष्ट्र के नागरिकों की चार तरह की स्वतंत्रताएँ सुनिश्चित करता है:- लोगों, सामान, सेवाएँ एवं पूँजी का स्वतंत्र आदान-प्रदान.

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यूरोपीय संविधान

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति वेलरी गिशार्ड डेस्टिंग की अध्यक्षता वाले एक विशेषज्ञ दल ने 2002 और 2003 में अच्छा ख़ासा समय यूरोपीय संघ का एक संविधान का मसौदा तैयार करने पर लगाया। इस संविधान का मक़सद यूरोपीय संधियों को आसान भाषा में उपलब्ध कराना है ताकि यूरोपीय संघ के मिज़ाज़ को ज़्यादा आसान तरीक़े से समझा जा सके और विस्तार होने पर इसे सुचारू रूप से चलाया जा सके। लेकिन यूरोपीय संविधान के किसी मसौदे पर अभी कोई सहमति नहीं बन पाई है। श्रेणी:यूरोपीय संघ.

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यूरोपीय क्रिकेट चैम्पियनशिप

यूरोपीय क्रिकेट चैम्पियनशिप विभिन्न प्रतियोगिताओं में जो यूरोप भर में राष्ट्रीय क्रिकेट पक्षों प्रतिस्पर्धा का एक समूह है। प्रतियोगिता में जहां क्रिकेट एक प्रमुख खेल नहीं है और यूरोप के केवल टेस्ट क्रिकेट खेल रहे देश, इंग्लैंड, वर्तमान में एक ओर प्रवेश नहीं करता देशों में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और विकसित करने के लिए बनाया गया है। खेल 50 ओवर के एकदिवसीय क्रिकेट मैचों कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय का दर्जा (अधिक जानकारी के लिए नीचे देखें) नहीं है। .

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यूरोक्षेत्र

कोई विवरण नहीं।

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यूजेन (सवाय का)

यूजेन यूजेन (अंग्रेजी:Prince Eugene of Savoy, फ्रांसीसी: François-Eugène de Savoie, इतालवी: Principe Eugenio di Savoia-Carignano, जर्मन: Prinz Eugen von Savoyen; 18 अक्टूबर 1663 – 21 अप्रैल 1736) आस्ट्रिया का फील्ड मार्शल और महान्‌ राजनीतिज्ञ था। .

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यूईएफए यूरोपीय चैम्पियनशिप

यूईएफए यूरोपीय चैम्पियनशिप (यूईएफए यूरो) प्राथमिक संघ फुटबॉल प्रतियोगिता यूईएफए के सदस्यों के वरिष्ठ पुरुषों की राष्ट्रीय टीमों से चुनाव लड़ा है। 1960 के बाद से हर चार साल आयोजित, यह मूल रूप से यूईएफए यूरोपीय राष्ट्र कप बुलाया गया था, 1968 में वर्तमान नाम को बदल रहा है। 1996 टूर्नामेंट के साथ शुरू, विशिष्ट चैंपियनशिप अक्सर यूरो के रूप में संदर्भित कर रहे। पहले टूर्नामेंट में प्रवेश करने के लिए मेजबान देशों (जो स्वतः अर्हता) के अलावा अन्य सभी टीमों को एक क्वालीफाइंग प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धा। चैम्पियनशिप विजेताओं निम्नलिखित फीफा कोन्फिडरेशन्स कप में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्राप्त करते हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं कर रहे हैं। सबसे हाल चैंपियनशिप, 2016 में फ्रांस द्वारा मेजबानीत और चैम्पियनशिप पुर्तगाल ने जीती। अगले यूरोपीय चैम्पियनशिप यूरोप भर में आयोजित किया जाएगा। .

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यीवू

यीवू चीन में नवविकसित हो रहे एक विशालतम व्यावसायिक शहर का नाम है। इसे अंग्रेजी भाषा में Yiwu लिखा और कहा जाता है, जिसे स्पष्टत: सभी भाषाओं में यीवू नाम के उच्चारण में बोला व सुना जाता है। यह शहर चीन के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र के समीप झिजियाॅंग नामक प्रान्त में स्थित है। चीन में सन् 1998 के बाद विकसित हो रहे विशाल औद्योगिक तथा व्यावसायिक शहरों में सबसे महत्वपूर्ण तथा विशालतम व्यावसायिक शहर है। गत दो दसकों के अन्तराल ही यह शहर दुनियॉं के विशालतम व्यावसायिक शहरों में विशिष्ट रूप में प्रख्यात हो चुका है। .

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रसायन विज्ञान का इतिहास

रसायन विज्ञान का इतिहास बहुत पुराना है। १००० ईसापूर्व में प्राचीन सभ्यताओं के लोग ऐसी प्राविधियों काo.

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राबर्ट एम्मेट

रॉबर्ट एम्मेट डब्लिन में रॉबर्ट एम्मेट की प्रतिमा राबर्ट एम्मेट (Robert Emmet; १७७८ - १८०३) आयरलैंड का राष्त्रवादी, वक्ता तथा विद्रोही नेता था। १८०३ में उसने ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध एक असफल विद्रोह किया। .

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राममूर्ति नायडू (पहलवान)

प्रोफेसर राममूर्ति नायडू (अंग्रेजी:Kodi Rammurthy Naidu तेलुगू:కోడి రామ్మూర్తి నాయుడు जन्म:१८८२ - मृत्यु:१९४२) भारत के विश्वविख्यात पहलवान हुए हैं जिन्हें उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिये ब्रिटिश सरकार ने कलयुगी भीम की उपाधि से अलंकृत किया था। दक्षिण भारत के उत्तरी आन्ध्र प्रदेश में जन्मे इस महाबली ने एक समय में पूरे विश्व में तहलका मचा दिया था। स्वयं ब्रिटिश सम्राट जार्ज पंचम व महारानी मैरी ने लन्दन स्थित बकिंघम पैलेस में आमन्त्रित कर सम्मानित किया और इण्डियन हरकुलिस व इण्डियन सैण्डोज जैसे उपनाम प्रदान किये। उनके शारीरिक बल के करतब देखकर सामान्य जन से लेकर शासक वर्ग तक सभी दाँतों तले उँगली दबाने को विवश हो जाया करते थे। प्रो॰ साहब ने व्यायाम की जो नयी पद्धति विकसित की उसे आज भी भारतीय मल्लयुद्ध के क्षेत्र में प्रो॰ राममूर्ति की विधि के नाम से जाना जाता है जिसमें दण्ड-बैठक के दैनन्दिन अभ्यास से शरीर को अत्यधिक बलशाली बनाया जाता है। .

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राष्ट्रीय राजधानियों की सूची

राष्ट्रीय राजधानियों की सूची में विश्व के सभी देशों और उनकी राजधानियों के नाम, महाद्वीप और जनसंख्या के साथ दिए गए हैं जिन्हें क्रमबद्ध किया जा सकता है। .

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राष्ट्रीय स्मारक

किसी देश का राष्ट्रीय स्मारक एक एसा स्मारक होता है जिसे उस देश के इतिहास, राजनीती या उस्के लोगों के अनुकूल किसी अती महत्वपूर्ण घटना(जैसे: किसी युद्ध या देश की संस्थापना) की स्मृती में निर्मित किया गया हो, ऐसे स्मारक को उस देश में प्रायः संपूर्ण राष्ट्र, उसके लोग, उसकी संस्कृती एवं उसकी राष्ट्रीय विचारधारा के स्मारकीय प्रतीक के रूप में भी दर्शा जाता है। इस शब्दावली का उपयोग कई देशों में स्मारकों एवं राष्ट्रीय धरोहरों को दिये जाने वाले विशिश्ठ दर्जे (या उनके वर्गीकरण) के लिये भी किया जाता है; कई देशों में, उनकी सांस्कृतिक महत्ता के मद्देनज़र कई राष्ट्रीय धरोहरों को भी राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दिया जाता है। अतः अस्थायतः "राष्ट्रीय स्मारक" एक विशिश्ठ स्मारक भी हो सकता है, एवं कुछ विशेश स्मारकों का समूह भी हो सकता है, जिन्हें राष्ट्रीय गौरव एवं संस्कृती का अभिन्न अंग माना जाता हो। हर परिस्थिती में, राष्ट्रीय स्मारक उस देश के संस्कृती, सम्मान एवं विचारधारा का प्रतीक एवं राष्ट्रीय-पहचान का अभिन्न अंग माना जाता है। .

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राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति

राष्ट्रीय ओलम्पिक समितियाँ (या NOCs) दुनिया भर में ओलम्पिक आंदोलन के राष्ट्रीय घटक हैं। अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के नियंत्रण में रहते हुए, वे ओलम्पिक खेलों में अपने लोगों की भागीदारी के आयोजन के लिए उत्तरदायी हैं। वे भविष्य के ओलम्पिक खेलों के लिए प्रत्याशी के रूप में अपने स्वायत्त क्षेत्रों के नगरों को मनोनीत कर सकते है। राओस भी अपने भौगोलिक सीमाओं के भीतर राष्ट्रीय स्तर पर अपने खिलाड़ियों के विकास और कोचों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दे सकते हैं। वर्ष २००८ तक कुल २०५ रा.ओ.स. है जो प्रभुसत्ता संपन्न और अन्य भौगोलिक क्षेत्रों दोनों का प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं। सयुंक्त राष्ट्र के सभी १९२ सदस्यों और १३ अन्य क्षेत्रों की ओलम्पिक समितियां हैं.

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राजधानी

राजधानी वह नगरपालिका होती है, जिसे किसी देश, प्रदेश, प्रान्त या अन्य प्रशासनिक ईकाई अथवा क्षेत्र में सरकार की गद्दी होने का प्राथमिक दर्जा हासिल होता है। राजधानी मिसाली तौर पर एक शहर होता है, जहाँ संबंधित सरकार के दफ़्तर और सम्मेलन -टिकाने स्थित होते हैं और आम तौर पर अपने क़ानून या संविधान द्वारा निर्धारित होती है। .

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राजनयिक दूत

राजनयिक दूत (Diplomatic Envoys) संप्रभु राज्य या देश द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि होते हैं, जो अन्य राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन अथवा अंतरराष्ट्रीय संस्था में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय विधि का प्रचलन आरंभ होने के बहुत पूर्व से ही रोम, चीन, यूनान और भारत आदि देशों में एक राज्य से दूसरे राज्य में दूत भेजने की प्रथा प्रचलित थी। रामायण, महाभारत, मनुस्मृति, कौटिल्यकृत अर्थशास्त्र और 'नीतिवाक्यामृत' में प्राचीन भारत में प्रचलित दूतव्यवस्था का विवरण मिलता है। इस काल में दूत अधिकांशत: अवसरविशेष पर अथवा कार्यविशेष के लिए ही भेजे जाते थे। यूरोप में रोमन साम्राज्य के पतन के उपरांत छिन्न भिन्न दूतव्यवस्था का पुनरारंभ चौदहवीं शताब्दी में इटली के स्वतंत्र राज्यों एवं पोप द्वारा दूत भेजने से हुआ। स्थायी राजदूत को भेजने की नियमित प्रथा का श्रीगणेश इटली के गणतंत्रों एवं फ्रांस के सम्राट् लुई ग्यारहवें ने किया। सत्रहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक दूतव्यवस्था यूरोप के अधिकांश देशों में प्रचलित हो गई थी। .

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राजनयिक इतिहास

हारुन अल रशीद, शारलेमेन के एक प्रतिनिधिमंडल से बगदाद में मिलते हुए (जूलिअस कोकर्ट द्वारा १८६४ में चित्रित) राजनयिक इतिहास (Diplomatic history) से आशय राज्यों के बीच अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों के इतिहास से है। किन्तु राजनयिक इतिहास अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध से इस अर्थ में भिन्न है कि अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध के अन्तर्गत दो या दो से अधिक राज्यों के परस्पर सम्बन्धों का अध्ययन होता है जबकि राजनयिक इतिहास किसी एक राज्य की विदेश नीति से सम्बन्धित हो सकता है। राजनयिक इतिहास का झुकाव अधिकांशतः राजनय के इतिहास (history of diplomacy) की ओर होता है जबकि अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध समसामयिक घटनाओं पर अधिक ध्यान देता है। राजनय एक कला है जिसे अपना कर दुनिया के राज्य अपने पारस्परिक सम्बन्धों को बढ़ाते हुए अपनी हित साधना करते हैं। राजनय के सुपरिभाषित लक्ष्य तथा उनकी सिद्धि के लिए स्थापित कुशल यंत्र के बाद इसके वांछनीय परिणामों की उपलब्धि उन साधनों एवं तरीकों पर निर्भर करती है जिन्हें एक राज्य द्वारा अपनाने का निर्णय लिया जाता है। दूसरे राज्य इन साधनों के आधार पर ही राजनय के वास्तविक लक्ष्यों का अनुमान लगाते हैं। यदि राजनय के साधन तथा लक्ष्यों के बीच असंगति रहती है तो इससे देश कमजोर होता है, बदनाम होता है तथा उसकी अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा गिर जाती है। इस दृष्टि्र से प्रत्येक राज्य को ऐसे साधन अपनाने चाहिये जो दूसरे राज्यों में उसके प्रति सद्भावना और विश्वास पैदा कर सकें। इसके लिए यह आवश्यक है कि राज्य अपनी नीतियों को स्पष्ट रूप से समझाये, दूसरे राज्यों के न्यायोचित दावों को मान्यता दे तथा ईमानदारीपूर्ण व्यवहार करे। बेईमानी तथा चालबाजी से काम करने वाले राजनयज्ञ अल्पकालीन लक्ष्यों में सफलता पा लेते हैं किन्तु कुल मिलाकर वे नुकसान में ही रहते हैं। दूसरे राज्यों में उनके प्रति अविश्वास पैदा होता है तथा वे सजग हो जाते हैं। अतः राजनय के तरीकों का महत्व है। राजनय के साधनों का निर्णय लेते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के प्रमुख हितों की रक्षा करना है। ठीक यही उद्देश्य अन्य राज्यों के राजनय का भी है। अतः प्रत्येक राजनय को पारस्परिक आदान-प्रदान की नीति अपनानी चाहिये। प्रत्येक राज्य के राजनयज्ञों की कम से कम त्याग द्वारा अधिक से अधिक प्राप्त करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिये विरोधी हितों के बीच समझौता करना जरूरी है। समझौते तथा सौदेबाजी का यह नियम है कि कुछ भी प्राप्त करने के लिए कुछ न कुछ देना पड़ता है। यह आदान-प्रदान राजनय का एक व्यावहारिक सत्य है। इतिहास में ऐसे भी उदाहरण मिलते हैं जबकि एक शक्तिशाली बड़े राज्य ने दूसरे कमजोर राज्य को अपनी मनमानी शर्तें मानने के लिए बाध्य किया तथा समझौतापूर्ण आदान-प्रदान की प्रक्रिया न अपना कर एक पक्षीय बाध्यता का मार्ग अपनाया। इस प्रकार लादी गई शर्तों का पालन सम्बन्धित राज्य केवल तभी तक करता है जब तक कि वह ऐसा करने के लिए मजबूर हो और अवसर पाते ही वह उनके भार से मुक्त हो जाता है। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद मित्र राष्ट्रोंं ने जर्मनी को सैनिक, आर्थिक, व्यापारिक एवं प्रादेशिक दृष्टि्र से बुरी तरह दबाया। क्षतिपूर्ति की राशि अदा करने के लिए उनसे खाली चैक पर हस्ताक्षर करा लिये गये तब जर्मनी एक पराजित और दबा हुआ राज्य था। अतः उसने यह शोषण मजबूरी में स्वीकार कर लिया किन्तु कुछ समय बाद हिटलर के नेतृत्व में जब वह समर्थ बना तो उसने इन सभी शर्तों को अमान्य घोषित कर दिया। स्पष्ट है कि पारस्परिक आदान-प्रदान ही स्थायी राजनय का आधार बन सकता है। बाध्यता, बेईमानी, धूर्तता, छल-कपट एवं केवल ताकत पर आधारित सम्बन्ध अल्पकालीन होते हैं तथा दूसरे पक्ष पर विरोधी प्रभाव डालते हैं।फलतः उनके भावी सम्बन्धों में कटुता आ जाती है। राजनय के साधन और तरीकों का विकास राज्यों के आपसी सम्बन्धों के लम्बे इतिहास से जुड़ा हुआ है। इन पर देश-काल की परिस्थितियों ने भी प्रभाव डाला है। तदनुसार राजनीतिक व्यवहार भी बदलता रहा है। विश्व के विभिन्न देशों के इतिहास का अवलोकन करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि राजनयिक आचार का तरीका प्रत्येक देश का अपना विशिष्ट रहा है। यहाँ हम यूनान, रोम, इटली, फ्रांस तथा भारत में अपनाए राजनयिक आचार के तरीकों का अध्ययन करेंगे। .

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राजनीतिक अर्थशास्त्र

राजनीतिक अर्थशास्त्र (Political economy) किसी समाज में राजनीतिक और आर्थिक सत्ता के बँटवारे की जानकारी देते हुए बताता है कि सत्ता का यह वितरण वैकासिक और अन्य नीतियों पर किस तरह का प्रभाव डाल रहा है। इसी बात को इस तरह भी कहा जा सकता है कि राजनीतिक अर्थशास्त्र उन बुद्धिसंगत फ़ैसलों का अध्ययन करता है जो राजनीतिक और आर्थिक संस्थाओं के संदर्भ में लिए जाते हैं। इस अध्ययन में तर्कसंगत आधारों की रोशनी में समष्टिगत प्रभावों पर ग़ौर किया जाता है। मूलतः उत्पादन एवं व्यापार, तथा इनका विधि, प्रथा, सरकार से सम्बन्ध और राष्ट्रीय आय एवं सम्पदा के वितरण के अध्ययन को 'राजनीतिक अर्थशास्त्र' कहा गया था। राजनीतिक अर्थशास्त्र की उत्पत्ति नैतिक दर्शन (moral philosophy) से हुई। अट्ठारहवीं शताब्दी में इसका विकास राज्य के अर्थतंत्र या पॉलिटी (polities) के अध्ययन के उद्देश्य से किया गया था, इसी लिए इसका नाम 'पॉलिटिकल इकनॉमी' पड़ा। .

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राजा राममोहन राय

राजा राममोहन राय राजा राममोहन राय (রাজা রামমোহন রায়) (२२ मई १७७2 - २७ सितंबर १८३३) को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है। भारतीय सामाजिक और धार्मिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में उनका विशिष्ट स्थान है। वे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नव-जागरण युग के पितामह थे। उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम और पत्रकारिता के कुशल संयोग से दोनों क्षेत्रों को गति प्रदान की। उनके आन्दोलनों ने जहाँ पत्रकारिता को चमक दी, वहीं उनकी पत्रकारिता ने आन्दोलनों को सही दिशा दिखाने का कार्य किया। राजा राममोहन राय की दूर‍दर्शिता और वैचारिकता के सैकड़ों उदाहरण इतिहास में दर्ज हैं। हिन्दी के प्रति उनका अगाध स्नेह था। वे रू‍ढ़िवाद और कुरीतियों के विरोधी थे लेकिन संस्कार, परंपरा और राष्ट्र गौरव उनके दिल के करीब थे। वे स्वतंत्रता चाहते थे लेकिन चाहते थे कि इस देश के नागरिक उसकी कीमत पहचानें। .

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राईज़ ऑफ़ द गार्गोय्ल्स

राईज़ ऑफ़ द गार्गोय्ल्स (फ्रेंच: La fureur des gargouilles, अंग्रेजी: Rise of the Gargoyles) एक २००९ टीवी फिल्म बिल कोरकोरन द्वारा निर्देशित और Syfy चैनल के लिए उत्पादन किया। इस में १८ फिल्म है मनेअटर श्रृंखला.

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रिचर्ड गैस्के

श्रेणी:टेनिस खिलाड़ी श्रेणी:पुरुष टेनिस खिलाड़ी.

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रिबॉक

कैण्टन में रीबॉक वर्ल्ड हेडक्वाटर्स (ज़ूम लेंस के माध्यम से सार्वजनिक सड़क से देखा जाता था) रिबॉक इंटरनेशनल लिमिटेड, जो खेल के परिधान बनाने वाली जर्मनी की दिग्गज कंपनी एडिडास की एक सहायक कंपनी है जो खेल के जूते, परिधान और संबंधित साजोसामान बनाती है। यह नाम अफ्रीकी हिज्जे 'rhebok' निकला है, जिसका मतलब अफ्रीकी हिरण या चिंकारा होता है। 1890 में इंग्लैंड के बोल्तों शहर से 6 मील दूर एक छोटे से गावं होलकोम ब्रुक में जोसफ विलियम फोस्टर नियमित रूप से दौड़ेवाले जूते बनाते थे, तभी उनके मन में दौड़ने वाले वैसे जूते बनाने का अनोखा विचार आया, जिसकी सतह में नुकीले हिस्से होते थे। जैसे ही उनका विचार आगे बढ़ा, उन्होंने अपने बेटों के साथ मिलकर 1895 में जे डबल्यू फोस्टर और संस के नाम से जूते कंपनी की स्थापना की.

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रिवेंज (टीवी शृंखला)

रिवेंज (Revenge) एक अमेरिकी टेलिविज़न ड्रामा शृंखला है, जिसकी रचना माइक कॅली ने की है तथा जिसमें मुख्य भूमिका में हैं मैडेलिन स्टो व एमिली वैन-कैंप। शृंखला का प्रिमीयर सितम्बर 21, 2012 को एबीसी चॅनल पर हुआ था। मुख्य कथानक फ्रांसीसी लेखक अलेक्जेंडर ड्यूमा द्वारा रचित द काउंट ऑफ़ मॉन्टे क्रिस्टो‎ उपन्यास से प्रेरित है। शृंखला की कहानी न्यू यॉर्क के लॉन्ग आइलैंड के हॅम्पटन शहर में रहने वाले धनी व समृद्ध ग्रेसन परिवार के आसपास घूमती है। कई वर्ष पहले, कॉनरेड और विक्टोरिया ग्रेसन ने अपने मित्र डेविड क्लार्क को आतंकवादी होने व एक विमान दुर्घटना के लिए, जिसमें कई लोगों की जान गई थी, जिम्मेदार होने के लिए फसा दिया था। डेविड को इस अपराध के लिए सजा होती है और जेल में रहते हुए उसकी मृत्यु ही जाती है। वर्षों बाद डेविड की पुत्री अमेंडा क्लार्क अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए एमिली थॉर्न के नाम के साथ हॅम्पटन शहर वापस आती है। शृंखला को आलोचकों ने सराहा था तथा इसे अच्छी टेलिविज़न रेटिंग प्राप्त हुई। अक्टूबर 13, 2011, तक कार्यक्रम के चार एपिसोड पूरें होने के पश्चात एबीसी ने शृंखला को पूरे 22 एपिसोड तक के लिए नवीकृत कर दिया था। मैडेलिन स्टो को कार्यक्रम में अपनी निभाई गई विक्टोरिया ग्रेसन की भूमिका के लिए गोल्डन ग्लोब की बेस्ट ऐक्ट्रेस ड्रामा सीरीज़ (सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री ड्रामा शृंखला) श्रेणी में नामित किया गया था। .

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रवि पॉल

हवलदार रवि पॉल, 18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उडी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हुए एक आतंकी हमले में शहीद जवान है इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला है। उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया है। इनकी योजना के तहत ही सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया। हमलावरों के द्वारा निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जा सके। अमेरिका ने उड़ी हमले को "आतंकवादी" हमला करार दिया। .

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रग्बी फुटबॉल

रग्बी फुटबॉल (आम तौर पर केवल “रग्बी ”) वर्तमान में दो खेल-रूपों में है- रग्बी लीग या रग्बी यूनियन अथवा युनाइटेड किंगडम के विभिन्न इलाकों में विकसित फुटबॉल के एक समान्य रूप से निकले हुए अनेक खेल रूपों में से एक है। .

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रग्बी लीग

रग्बी लीग फुटबॉल आम तौर पर रग्बी लीग कहा जाता है, एक पूर्ण संपर्क खेल एक आयताकार घास के मैदान पर तेरह (१३) खिलाड़ियों की दो टीमों द्वारा खेला जाता है। रग्बी फुटबॉल के दो कोड की है कि यह खिलाड़ियों को भुगतान के मुद्दे पर रग्बी फुटबॉल संघ से एक विभाजन के रूप में 1895 में इंग्लैंड में हुआ था।Tony Collins, Rugby League in Twentieth Century Britain (2006), p.3 अपने नियमों में धीरे - धीरे दर्शकों के लिए एक तेज और मनोरंजक खेल के उत्पादन के उद्देश्य के साथ बदल दिया है। यह अक्सर सबसे शारीरिक रूप से टीम के खेल की मांग की है, सबसे मुश्किल के रूप में पेश किया जाता है।इसे 100-मीटर (330 फुट) लंबे और 68-मीटर (224 फुट) चौड़े अंडाकार मैदान पर खेला जाता है, जिसमें प्रत्येक गोल रेखा पे अंग्रेजी वर्णमाला के "H" वर्णाक्षर के आकार के गोल पोस्ट होते हैं। रग्बी लीग इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फ्रांस, टोंगा में सबसे लोकप्रिय खेलों में से है और पापुआ न्यू गिनी में यह राष्ट्रीय खेल है। इस खेल में मौजूदा विश्व कप विजेता न्यूजीलैंड है। .

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रक्ताधान

रक्ताधान रक्त या रक्त-आधारित उत्पादों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के परिसंचरण तंत्र में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है। कुछ स्थितियों में, जैसे कि चोट लगने के कारण अत्यधिक रक्तस्राव होने पर, रक्ताधान जीवन-रक्षी हो सकता है, या शल्य-चिकित्सा के दौरान होने वाले रक्त की हानि की आपूर्ति करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। रक्ताधान का उपयोग रक्त संबंधी बीमारी के द्वारा उत्पन्न गंभीर रक्तहीनता या बिम्बाणु-अल्पता (रक्त में प्लेटलेटों की संख्या में कमी) का उपचार करने के लिए भी किया जा सकता है। अधिरक्तस्राव (हीमोफ़ीलिया) या अर्द्धचन्द्राकार लाल रक्तकोशिका संबंधी बीमारी से प्रभावित व्यक्ति के लिए बहुधा रक्ताधान की आवश्यकता हो सकती है। प्रारंभिक रक्ताधानों में संपूर्ण रक्त का उपयोग होता था, लेकिन आधुनिक चिकित्सा प्रणाली आम तौर पर केवल रक्त के अवयवों का उपयोग करती हैं। .

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रुआं

फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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रैबेले

फ्रंसेज रैबेले फ्रांसेज रैबेले (François Rabelais; 1494 – 9 अप्रैल 1553) पुनर्जागरण काल का फ्रांस का प्रमुख लेखक, डॉक्टर, भिक्षु तथा ग्रीक का विद्वान था। .

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रूबे

सिटीहाँल रूबे (Roubaix,; Robaais) उत्तरी फ्रांस में एक पुराने औद्योगिक शहर है, बेल्जियम की सीमा के पास है। सन्‌ 2013 में, रूबे की आबादी थी। सूती कपड़े के मिलों के कारण शहर को मैनचेस्टर फ्रांस में बुलाया गया था। लेकिन अब सूती कपड़े के सभी मैट बंद हैं। .

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रूर

रूर (Ruhr) (Ruhrgebiet), या रूर क्षेत्र (Ruhr district या Ruhr region) जर्मनी के उत्तरी राइन-वेस्टफेलिया का एक शहरी क्षेत्र है। इस क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व 2,800/km² तथा जनसंख्या ८५ लाख है। यह जर्मनी का सबसे बड़ा नगरीय क्षेत्र है और यूरोपीय संघ का तीसरा सबसे बड़ा नगरीय क्षेत्र है।.

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रेडियो आवृत्ति पहचान

GPS RFID प्रौद्योगिकी के उपयोग से पशु प्रबंधन। सांता गेरट्रूडिस पशु: इस बछड़े के कान पर एक इलेक्ट्रॉनिक इअर टैग और झुंड प्रबंधन टैग (पीला) है। रेडियो-आवृत्ति पहचान (Radio-frequency identification) एक वस्तु का उपयोग है (आमतौर पर एक RFID टैग के रूप में संदर्भित) जिसे एक उत्पाद, पशु, या व्यक्ति में रेडियो तरंगों के इस्तेमाल से पहचान करने और ट्रैकिंग के उद्देश्य से लगाया या डाला जाता है। कुछ टैग को कई मीटर दूर से और पाठक की दृष्टि रेखा के पार से पढ़ा जा सकता है। अधिकांश RFID टैग में कम से कम दो हिस्से होते हैं। पहला, एकीकृत परिपथ है जो सूचना का भंडारण और उसे संसाधित करने, रेडियो आवृत्ति (RF) संकेत को मोड्युलेट और डीमोड्युलेट करने और अन्य विशेष कार्य करने के लिए ज़िम्मेदार है। दूसरा, संकेतों को प्राप्त करने और प्रसारित करने के लिए एक एंटीना है। आम तौर पर तीन प्रकार के RFID टैग होते हैं: सक्रिय RFID टैग, जिसमें एक बैटरी होती है और ये संकेतों को स्वतंत्र रूप से संचारित कर सकते हैं, निष्क्रिय RFID टैग, जिसमें बैटरी नहीं होती और संकेत संचरण प्रेरित करने के लिए एक बाहरी स्रोत की जरूरत होती है और बैटरी समर्थित निष्क्रिय (BAP) जिसे जागने के लिए बाहरी स्रोत की आवश्यकता है लेकिन इसमें महत्वपूर्ण उच्च फ़ॉरवर्ड लिंक क्षमता है जो अत्यधिक पठन सीमा प्रदान करता है। RFID के कई अनुप्रयोग हैं, उदाहरण के लिए, यह उद्यम की आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में प्रयोग किया जाता है ताकि वस्तुसूची पर नज़र रखने में और प्रबंधन की कुशलता में सुधार किया जा सके। .

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रेडियोसक्रियता

अल्फा, बीटा और गामा विकिरण की भेदन क्षमता अलग-अलग होती है। रेडियोसक्रियता (रेडियोऐक्टिविटी / radioactivity) या रेडियोधर्मिता वह प्रकिया होती है जिसमें एक अस्थिर परमाणु अपने नाभिक (न्यूक्लियस) से आयनकारी विकिरण (ionizing radiation) के रूप में ऊर्जा फेंकता है। ऐसे पदार्थ जो स्वयं ही ऐसी ऊर्जा निकालते हों विकिरणशील या रेडियोधर्मी कहलाते हैं। यह विकिरण अल्फा कण (alpha particles), बीटा कण (beta particle), गामा किरण (gamma rays) और इलेक्ट्रॉनों के रूप में होती है। ऐसे पदार्थ जिनकी परमाण्विक नाभी स्थिर नहीं होती और जो निश्चित मात्रा में आवेशित कणों को छोड़ते हैं, रेडियोधर्मी (रेडियोऐक्टिव) कहलाते हैं। .

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रेयूनियों

रेयूनियों (Réunion) अफ्रीका में स्थित एक द्वीप है। यह हिन्द महासागर में मैडागास्कर के पूर्व में २०० किमी और मॉरीशस के दक्षिण में स्थित है। इसकी राजधानी सेण्ट डैनिस है। यह द्वीप फ्रांस का एक ओवरसीज़ विभाग है। .

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रॉबर्ट क्लाइव

300px\राबर्ट क्लाइव राबर्ट क्लाइव (१७२५-१७७४ ई.) भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का संस्थापक। २९ सिंतबर, १७२५ को स्टाएच में जन्म हुआ। पिता काफी दिनों तक मांटगुमरी क्षेत्र से पालमेंट के सदस्य रहा। बाल्यकाल से ही वह निराली प्रकृति का था। वह एक स्कूल से दूसरे स्कूल में भर्ती कराया जाता किंतु वह खेल में इतना विलीन रहता कि पुस्तक आलमारी में ही धरी रह जाती। १८ वर्ष की आयु में मद्रास के बंदरगाह पर क्लर्क बनकर आया। यहीं से उसका ईस्ट इंडिया कंपनी का जीवन आरंभ होता है। १७४६ में जब मद्रास अंग्रेजों के हाथ से निकल गया तब उसे बीस मील दक्षिण स्थित सेंट डेविड किले की ओर भागना पड़ा। उसे वहाँ सैनिक की नौकरी मिल गई। यह समय ऐसा था जब भारत की स्थिति ऐसी हो रही थी कि फ्रांसीसी और अंग्रेजों में, जिसमें भी प्रशासनिक और सैनिक क्षमता दोनों होगी, भारत का विजेता बन जाएगा। औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात्‌ के ४० वर्षों में मुगल साम्राज्य धीरे धीरे उसके सूबेदारों के हाथ आ गया था। इन सूबेदारों में तीन प्रमुख थे। एक तो दक्षिण का सूबेदार जो हैदराबाद में शासन करता था; दूसरा बंगाल का सूबेदार जिसकी राजधानी मुर्शिदाबाद थी और तीसरा थी अवध का नवाब बजीर। बाजी डूप्ले और क्लाइव के बीच थी। डूप्ले मेधावी प्रशासक था किंतु उसमें सैनिक योग्यता न थी। क्लाइव सैनिक और राजनीतिज्ञ दोनों था। उसने फ्रांसीसियों के मुकाबिले इन तीनों ही सूबों में अंगरेजों का प्रभाव जमा दिया। किंतु उसकी महत्ता इस बात में है कि उसने अपनी योग्यता और दूरदर्शिता से इन तीनों ही सूबों में से सबसे धनी सूबे पर अधिकार करने में सफलता प्राप्त की। क्लाइव ने सेंट डविड के किले में आने के बाद रेजर लारेंस की अधीनता में कई छोटी मोटी लड़ाइयों में भाग लिया ही था कि १७४८ में फ्रांस और इंग्लैंड के बीच समझौता हो गया और क्लाइव को कुछ काल के लिये पुन: अपनी क्लर्की करनी पड़ी। उसे उन्हीं दिनों जोरों का बुखार आया फलस्वरूप वह बंगाल आया। जब वह लौटकर मद्रास पहुंचा, उस समय दक्षिण और कर्नाटक की नवाबी के लिये दो दलों में संघर्ष चल रहा था। चंदा साहब का साथ कर्नाटक का नवाब बन गया। मुहम्मद अली ने अंग्रेजों से समझौता किया, सारे कर्नाटक में लड़ाई की आग फैलगई, जिसके कारण कर्नाटक की बड़ी क्षति हुई। तंजोर और मैसूर के राजाओं ने भी इसमें भाग लिया। मुहम्मद अली त्रिचनापल्ली को काबू में किए हुए थे। चंदा साहब ने उस पर आक्रमण किया। अंग्रेंजों ने मुहम्मद अली को बचाने के लिये क्लाइव के नेतृत्व में एक सेना आर्काट पर आक्रमण करने के लिये भेजी। क्लाइव ने आर्काट पर घेरा डाल दिया और डटकर मुकाबला किया। चंदा साहब की फ्रांसीसी सेनाओं की सहायता प्राप्त थी, फिर भी वह सफल न हो सके। इसी बीच डूप्ले को वापस फ्रांस बुला लिया गया। अंग्रेजों की सहायता से मुहम्मद अली कर्नाटक के नवाब बन गए। आर्काट के घेरे के कारण यूरोप में क्लाइव की धाक जम गई। वलियम पिट ने उसे स्वर्ग से जन्में सेनापति कह कर सम्मानित किया। ईस्ट इंडिया कंपनी के संचालक मंडल ने उसे ७०० पाउंड मूल्य की तलवार भेंट करनी चाही तो उसने उसे तब तक स्वीकार नहीं किया जब तक उसी रूप में लारेंस का सम्मान नहीं हुआ। दस वर्ष भारत रहने के बाद वह १७५३ के आरंभ में स्वदेश लौटा। दो वर्ष वह अपने घर रह पाया था तभी भारत की स्थिति ऐसी हो गई कि कंपनी के संचालक मंडल ने उसे भारत आने को विवश किया। वह १७५६ ई. में सेंट फोर्ट डेविड का गवर्नर नियुक्त किया गया और उसे सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद दिया गया। वह मद्रास पहुंच कर अपना पद ग्रहण कर भी न पाया था कि इसी बीच अंग्रेजों की शक्ति बंगाल में डांवाडोल हो गई, क्लाइव को बंगाल आना पड़ा। ९ अप्रैल १७५६ को बंगाल और बिहार के सूबेदार की मृत्यु हो गई। १७५२ में अल्लावर्दी खाँ ने सिराजुद्दौला को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। अल्लावर्दी खाँ की मृत्यु के पश्चात्‌ सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब बना। १८वीं शताब्दी के आरंभ में ही अंग्रजों ने फोर्ट विलियम की नींव डाली थी और १७५५ तक उसके आसपास काफी लोग बस चुके थे, इसी लिये उसने नगर का रूप ले लिया था जो बाद में कलकत्ता कहलाया। बंगालन में फोर्ठ विलियम अंगेजी कंपनी का केंद्र था। सिराजुद्दौला ने नवाबी पाने के बाद ही अपने एक संबंधरी सलामन जंग के विरुद्ध सैनिक कार्रवाई आरंभ की और पुर्णिया पर आक्रमण किया। २० मई १७५६ को राजमहल पहँुचने के पश्चात्‌ उसने अपना इरादा बदल दिया और मुर्शिदाबाद लौट आया और कासिम बाजारवाली अंग्रेजी फैक्ट्री पर अधिकार कर लिया। यह घटना ४ जून १७५६ को घटी। ५ जून को सिराजुद्दौला की सेना कलकत्ते पर आक्रमण करने को रवाना हुई और १६ जून को कलकत्ता पहुंची। १९ जून को कलकत्ता के गवर्नर, कमांडर और कमेटी के सदस्यों को नगर और दुर्ग छोड़कर जहाज में पनाह लेना पड़ा। २० जून को कलकत्ता पर नवाब का कब्जा हो गया। जब इसकी खबर मद्रास पहुंची तो वहां से सेना भेजी गई, जिसका नेतृत्व क्लाइव के हाथ में था। दिसंबर में क्लाइव हुगली पहुंचा। उसकी सेना की संख्या लगभग एक हजार थी। वह नदी की ओर से कलकत्ते की तरफ बढ़ा और २ जनवरी १७५७ को उसपर अपना अधिकार कर लिया। सिराजुद्दौला को जब इसकी खबर मिली तो उसने कलकत्ते की ओर बढ़ने का प्रयत्न किया मगर असफल रहा और संधि करने पर विवश हुआ। इस संधि से अंग्रेजों को अधिक लाभ हुआ। सिराजुद्दौला ने कलकत्ते की लूटी हुई दौलत वापस करने का वादा किया; कलकत्ता को सुरक्षित करने की इजाजत दी और वाट को मुर्शिदाबाद में अंग्रेजी प्रतिनिधि के रूप में रखना स्वीकार किया। इसी बीच यूरोप में सप्तवर्षीय युद्ध आरंभ हो गया। इसका प्रभाव भारत की राजनीति पर भी पड़ा। यहां भी अंग्रेजों और फ्रांसीसियों में लड़ाई छिड़ गई। बंगाल में चंद्रनगर पर फ्रांसीसियों का प्रभाव रहा। Clive Defence of Arcot. Illustration for The New Popular Educator (Cassell, 1891). अंग्रेजों ने वहां अपना समुद्री बेड़ा भेजने की तैयारी आरंभ कर दी। १४ मार्च १७५७ को चंद्रनगर पर आक्रमण हुआ और एक ही दिन के बाद फ्रांसीसियों ने हथियार डाल दिए। वाटसन ने नदी की ओर से और क्लाइव ने दूसरी ओर से फ्रांसीसियों पर आक्रमण किया। सिराजुद्दौला इस लड़ाई में खुलकर भाग न ले सका। अब्दाली के आक्रमण के कारण वह फ्रांसीसियों की सहायता और अंग्रेजों से लड़ाई करने में संभवत: समर्थ न था। .

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रॉस हिमचट्टान

रॉस हिमचट्टान (Ross Ice Shelf) अंटार्कटिका की सबसे बड़ी हिमचट्टान है। इसका क्षेत्रफल लगभग ४,८७,००० वर्ग किमी (१,८८,००० वर्ग मील) है और चौड़ाई लगभग ८०० किमी (५०० मील) है। तुलना के लिये यह क़रीब फ़्रान्स देश के बराबर या भारत के उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखण्ड राज्यों के मिलाकर कुल क्ष्रेत्रफल के बराबर है। इसकी कुल मोटाई कई सौ मीटर है लेकिन हिमचट्टानों की ९०% प्रतिशत मोटाई पानी के नीचे होती है, इसलिये सागर के पानी के ऊपर यह हिमचट्टान १५ से ५० मीटर (५० से १६० फ़ुट) ऊची दिखती है। इसका रॉस सागर की तरफ़ का खुला किनारा लगभग ६०० किलोमीटर (३७० मील) लम्बा है। .

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रोचेस्टर, न्यूयॉर्क

रोचेस्टर, संयुक्त राज्य अमेरिका में लेक ओंटारियो के दक्षिण में स्थित न्यूयॉर्क की मॉनरो काउंटी का एक शहर है। रोचेस्टर महानगरीय क्षेत्र, यू.एस.

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रोनाल्डिन्हो

रोनाल्डो डी एसिस मोरेरा (पोर्टो एलेग्रे में 21 मार्च 1980 में जन्म), को आम तौर पर रोनाल्डिन्हो या रोनाल्डिन्हो गाशो, के नाम से जाना जाता है, वे एक ब्राज़ीलियन फ़ुटबॉलर हैं, जो इटालियन सीरिए ए साइड मिलान और ब्राज़ील की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हैं। उन्हें व्यापक रूप से उनकी पीढ़ी के सबसे प्रतिभाशाली फ़ुटबॉल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। रोनाल्डिन्हो, "छोटा रोनाल्डो" का पुर्तगाली रूप, को ब्राज़ील में रोनाल्डो से, जो ब्राज़ील में पहले से ही रोनाल्डिन्हो के नाम से जाना जाता है, अलग करने के लिए "गाशो" के उपनाम से बुलाया जाता है। लेकिन यूरोप में रोनाल्डो ने अपनी पहचान अपने पहले नाम से ही बनाई, जिसके चलते रोनालडिन्हो को अपने गाशो उपनाम के प्रयोग की बजाए केवल रोनाल्डिन्हो नाम रखने का अवसर मिला.

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रोनाल्डो

रोनाल्डो रुइस नेज़रियो डे लीमा (जन्म 18 सितम्बर 1976), आम तौर पर रोनाल्डो के नाम से प्रसिद्ध, ब्राजील के एक फुटबॉल खिलाड़ी हैं, जो वर्तमान में कोरिन्थियंस के लिए खेल रहे हैं। 1990 के दशक के उत्तरार्द्ध और 2000 के दशक के पूर्वार्द्ध में रोनाल्डो विश्व के सर्वाधिक सफल स्कोरर थे। उन्हें अपना पहला बैलन ड'ऑर पुरस्कार यूरोपीय फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में वर्ष 1997 (मात्र 21 वर्ष की आयु में) में मिला था और यह पुरस्कार उन्हें 2002 में (26 वर्ष की आयु में) फिर से मिला.

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रोबोटिक सर्जरी

रोगी की दिशा से एक सर्जिकल रोबोट. रोबोटिक सर्जरी, कंप्यूटर-समर्थित सर्जरी और रोबोट-समर्थित सर्जरी, उन विभिन्न तकनीकी विकासों के लिए शब्दावली है जिन्हें वर्तमान में विभिन्न प्रकार की शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं की सहायता के लिए विकसित किया गया है। रोबोट-समर्थित सर्जरी को न्यूनतम आक्रमणशील सर्जरी की कमियों पर काबू पाने के लिए विकसित किया गया था। उपकरणों को प्रत्यक्ष चलाने के बजाय शल्य चिकित्सक, बहु रोबोट बाजुओं से जुड़े हुए उपकरणों में गतिविधि करने के लिए एक कंप्यूटर कंसोल का उपयोग करते हैं। वह कंप्यूटर चिकित्सक की गतिविधियों को संपादित करता है, जिसे फिर रोगी के ऊपर रोबोट द्वारा किया जाता है। उदाहरण के लिए, रोबोटिक प्रणाली की अन्य विशेषताओं में शामिल है, एक एकीकृत कंपन फिल्टर और हरकत के मापन की क्षमता (मास्टर कंसोल की गतिविधियों और रोबोट से जुड़े उपकरणों की आंतरिक गतिविधियों के बीच की सीमा के अनुपात को बदलना) वह कंसोल उसी संचालन कमरे में स्थित होता है जिसमें रोगी होता है, लेकिन चिकित्सीय कार्यस्थान से भौतिक रूप से पृथक होता है। चूंकि ऑपरेशन होते समय सर्जन को रोगी के बिलकुल पास होने की आवश्यकता नहीं होती है, विशेषज्ञों के लिए रोगियों की दूरस्थ शल्य-चिकित्सा करना संभव हो जाता है। रोबोट, बिना किसी मानव सर्जन के शल्य चिकित्सा कर सकते हैं। .

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रोम गणतंत्र

रोम गणतंत्र (लातिनी: Res Publica Romana, रेस्पुब्लिका रोमाना; Roman Republic) प्राचीन रोमन सभ्यता के उस काल को कहा जाता है जब वहाँ की सरकार गणतांत्रिक व्यवस्था के अनुसार चलाई जाती थी। इसकी शुरुआत सन् ५०९ ईसापूर्व में रोम में राजशाही की समाप्ति के साथ हुई और यह २७ ईसापूर्व में ऑगस्टस कैसर द्वारा राजसिन्हासन पर विराजमान होने तक चली। रोम गणतंत्र का नेतृत्व दो कोन्सुल किया करते थे जिनका चुनाव नागरिक एक वर्ष की अवधि के लिये किया करते थे। एक सेनेट नामक सभा इनके सलाहकार के रूप में काम करती थी और यह कोन्सुल उसे जवाबदेह भी थे। शक्तियों के इस बटवारे से किसी भी शासक को अधिक ताक़त समेटकर तानाशाह बनने से रोकने की चेष्टा की गई थी। धीरे-धीरे इन सिद्धांतो पर आधारित एक संविधान ने भी रूप ले लिया। रोम गणतंत्र के काल में रोमन साम्राज्य का बहुत विस्तार हुआ। पहले यह पूरे इतालवी प्रायद्वीप पर फैल गया। फिर उत्तर अफ़्रीका, इबेरियाई प्रायद्वीप, यूनान और दक्षिणी फ़्रान्स भी इसके अधीन हो गये। पहली सदी ईसापूर्व तक पूरा फ़्रान्स और पूर्वी भूमध्य सागर से सटा हुआ लगभग सारा इलाक़ा साम्राज्य का भाग बन चुका था। .

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रोमन गणराज्य

रोमन गणराज्य (लैटिन: रेस पब्लिका रोमाना) प्राचीन रोमन सभ्यता का युग था, जिसकी पारंपरिक रूप से शुरुआत 509 ई.पू.

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रोमन गाल

रोमन साम्राज्य के अन्तर्गत गाल गाल (Gaul) उस प्रदेश का अंग्रेजी नाम है जिसे रोमन लोग 'गैलिया' (Galia) कहते थे। रोमन साम्राज्य में गाल के अंतर्गत आधुनिक समूचा फ्रांस, बेल्जियम, लक्समबर्ग, पश्चिमी स्विट्जरलैण्ड, तथा पश्चिमी जर्मनी आते थे। रोमनों ने इस क्षेत्र पर लगभग ५०० वर्ष तक शासन किया। आरंभिक रोमन युग में यहाँ बेल्गे, क्वीतानी और कैल्टी अथवा गैली लोग रहते थे। संयुक्त रूप से ये तीनों समूह गाल कहलाते थे। वे लोग दाढ़ी और केश दोनों रखते थे। ३९० ई. पू.

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रोमा (लोग)

रोमा लोगों का ध्वज रोमा एक मानव-समुदाय है जो यूरोप के विभिन्न भागों में पाये जाते हैं किन्तु इनका मूल दक्षिण एशिया (भारत) है। इन्हें रोमानी भी कहते हैं। रोमानी लोग विश्व के भिन्न-भिन्न भागों में बिखरे हुए हैं किन्तु अधिकांश यूरोप में हैं (और यूरोप में भी मध्य व पूर्वी यूरोप में अधिक हैं)। रोमा लोगों की भाषा रोमानी (भाषा) कहलाती है जिसकी अनेक बोलियाँ हैं। इसके बोलने वालों की संख्या कोई २० लाख है जबकि रोमा लोगों की कुल संख्या ४० लाख के उपर है। .

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रोमां रोलां

सन् १९१५ में रोमां रोलां रोमां रोलां (Romain Rolland; 1866 ई. - 1944 ई.) नोबेल पुरस्कार से सम्मानित फ्रांसीसी लेखक और नाटककार थे। उनका जन्म मध्य फ्रांस के एक गांव में हुआ था। उन्होंने पेरिस और रोम में शिक्षा पाई थी। वे सूरबन विश्वविद्यालय पेरिस में प्रोफेसर नियुक्त हुए। उन्होंने लिओ तालस्तोय, महात्मा गांधी, माइकल एंजेलो, आदि महत्वपूर्ण सख्सियतों की जीवनियाँ भी लिखी। वे समाजवाद के समर्थक थे। उन्हें 1915 ई. में साहित्य का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रोमेन ड्युरिस

रोमेन ड्युरिस (Romain Duris; जन्म: 28 मई 1974) फ्रांसीसी फ़िल्म अभिनेता हैं। .

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रोलां बार्थ

रोलां बार्थ (१९१५ - १९८०) फ्रांस के प्रमुख साहित्यिक आलोचक, साहित्यिक और सामाजिक सिद्धांतकार, दार्शनिक और लाक्षण-विज्ञानी थे। संरचनावाद, लाक्षण-विज्ञान, समाजशास्त्र, डिज़ाइन सिद्धांत, नृविज्ञान और उत्तर-संरचनावाद जैसे सिद्धांत उनके विविध विचारों से प्रभावित थे। .

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रोजर फ़ेडरर

रॉजर फ़ेडरर (उच्चारण / rɒdʒə fɛdərər /) (जन्म 8 अगस्त 1981) एक व्यवसायिक स्विस टेनिस खिलाड़ी हैं, जिनकी वर्तमान में एटीपी वरीयता 2 है। उनके नाम 2 फ़रवरी 2004 से 17 अगस्त 2008 तक 237 हफ़्तों तक प्रथम वरीयता पर रहने का रिकॉर्ड है। फ़ेडरर को व्यापक रूप से इस युग के महानतम एकल खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। फ़ेडरर ने 17 ग्रैंड स्लैम एकल खिताब (4 ऑस्ट्रेलियन ओपन, 7 विम्बलडन, 5 अमरीकी ओपन) | उन्होंने 4 टेनिस मास्टर्स कप खिताब, 16 एटीपी मास्टर्स श्रृंखलाएं, तथा एक ओलम्पिक युगल स्वर्ण पदक जीते हैं। उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं, जिसमें लगातार 10 ग्रैंड स्लैम फ़ाईनलों (2005 विम्बलडन प्रतियोगिता से 2007 अमेरिकी ओपन प्रतियोगिता तक) तथा लगातार 19 ग्रैंड स्लैम सेमीफ़ाइनल मुकाबलों (2004 विम्बलडन से वर्तमान तक) में शामिल होना भी सम्मिलित है। .

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रीगा

रीगा (लातवियाई: Rīga, स्पष्ट) लातविया की राजधानी और सबसे प्रमुख नगर है जो बाल्टिक का एक प्रमुख, औद्योगिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक और वित्तीय केंद्र है और डुगावा नदी पर स्थित एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। ७,१३,०१६ (२००९) निवासियों के साथ यह बाल्टिक राज्यों में सबसे बड़ा और बाल्टिक क्षेत्र में सेंट पीटर्सबर्ग और स्टॉकहोम के बाद (नगरीय सीमा के भीतर निवासियों की गिनती अनुसार) तीसरा सबसे बड़ा नगर है। रीगा क्षेत्र का क्षेत्रफल ३०७.१७ वर्ग किमी है और यह एक समतल और रेतीले मैदान पर समुद्र तल से १ से १० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। रीगा का ऐतिहासिक केंद्र एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है और नगर अपनी व्यापक जुन्गेन्ड्सटिल (Jugendstil) वास्तुकला के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसे यूनेस्को विश्व में कहीं भी अद्वितीय समझता है। .

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ला फान्तेन

ला फान्तेन जीन डो ला फांतेन (La Fontaine) (८ जुलाई १६२१ - १३ अप्रैल १६९५) फ्रांस के बाल-कथाकार एवं कवि थे। चैटो थिएरी (फ्रांस) में सन् 1621 में जन्मे ला फांतेन ने धर्मशास्त्र तथा कानून की शिक्षा ग्रहण की और कुछ समय बाद वे पेरिस चले गए। वहाँ उन्होंने ग्रामीण काव्यसंवाद, वीरकाव्य, गाथाकाव्य, गीतिकविता आदि लिखना प्रारंभ किया। 1665 में उनकी कहानियाँ प्रकाशित हुई। सन् 1668 से 1694 के बीच उन्होंने पंचतंत्र के ढंग की कल्पित कथाओं की 12 पुस्तकें प्रकाशित कराई। सन् 1695 में उसकी मृत्यु हो गई। अपने प्रकृतिप्रेम, मनोवैज्ञानिक अंतर्दृष्टि तथा आह्लादकारी हास्य विनोद के कारण उसने इन कल्पित आख्ययिकाओं के रूप रंग में नया विस्तार किया। नैतिक उपदेशक के रूप में वह प्राय: निराशावादी था किंतु मनुष्य की कमजोरियों की जानकारी के बावजूद उसमें कटुता नहीं आ पाई। सुख प्राप्ति के इच्छुक लोगों को उसने एकांतवास तथा प्रकृतिसंपर्क में रहने की सलाह दी है। वह उस समय का महान कलाकार था जब सौभाग्य से चौदहवें लूई के शासनकाल में फ्रांस में सुख्यात लेखकों की अच्छी जमात विद्यमान थी। .

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ला मांद

यह् एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है। .

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लाफ़ार्ज

लाफार्ज सीमेंट की बोरियाँ। लाफ़ार्ज (Lafarge) एक फ्रांसीसी औद्योगिक कंपनी है जो चार प्रमुख उत्पादों में विशेषज्ञता रखती है - सीमेंट, construction aggregates, कंक्रीट एवं जिप्सम wallboard। It currently (2009) is the world's largest cement manufacturer by mass shipped ahead of Holcim.

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लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर या वृहद हैड्रॉन संघट्टक (Large Hadron Collider; LHC के रूप में संक्षेपाक्षरित) विश्व का सबसे विशाल और शक्तिशाली कण त्वरक है। यह सर्न की महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह जेनेवा के समीप फ़्रान्स और स्विट्ज़रलैण्ड की सीमा पर ज़मीन के नीचे स्थित है। इसकी रचना २७ किलोमीटर परिधि वाले एक छल्ले-नुमा सुरंग में हुई है, जिसे आम भाषा में लार्ड ऑफ द रिंग कहा जा रहा है। इसी सुरंग में इस त्वरक के चुम्बक, संसूचक (डिटेक्टर), बीम-लाइन एवं अन्य उपकरण लगे हैं। सुरंग के अन्दर दो बीम पाइपों में दो विपरीत दिशाओं से आ रही ७ TeV (टेरा एले़ट्रान वोल्ट्) की प्रोट्रॉन किरण-पुंजों (बीम) को आपस में संघट्ट (टक्कर) किया जायेगा जिससे वही स्थिति उत्पन्न की जायेगी जो ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के समय बिग बैंग के रूप में हुई थी। ग्यातव्य है कि ७ TeV उर्जा वाले प्रोटॉन का वेग प्रकाश के वेग के लगभग बराबर होता है। एल एच सी की सहायता से किये जाने वाले प्रयोगों का मुख्य उद्देश्य स्टैन्डर्ड मॉडेल की सीमाओं एवं वैधता की जाँच करना है। स्टैन्डर्ड मॉडेल इस समय कण-भौतिकी का सबसे आधुनिक सैद्धान्तिक व्याख्या या मॉडल है। १० सितंबर २००८ को पहली बार इसमें सफलता पूर्वक प्रोटान धारा प्रवाहित की गई। इस परियोजना में विश्व के ८५ से अधिक देशों नें अपना योगदान किया है। परियोजना में ८००० भौतिक वैज्ञानिक कार्य कर रहे हैं जो विभिन्न देशों, या विश्वविद्यालयों से आए हैं। प्रोटॉन बीम को त्वरित (accelerate) करने के लिये इसके कुछ अवयवों (जैसे द्विध्रुव (डाइपोल) चुम्बक, चतुर्ध्रुव (quadrupole) चुमबक आदि) का तापमान लगभग 1.90केल्विन या -२७१.२५0सेन्टीग्रेड तक ठंडा करना आवश्यक होता है ताकि जिन चालकों (conductors) में धारा बहती है वे अतिचालकता (superconductivity) की अवस्था में आ जांय और ये चुम्बक आवश्यक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न कर सकें।"".

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लालगुडी जयरामन

लालगुडी जयराम अय्यर (லால்குடி ஜயராம ஐயர்) (जन्म - 17 सितम्बर 1930, भारत) एक प्रसिद्ध कर्नाटिक वायलिनवादक, गायक और संगीतकार हैं। .

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लाओस

लाओस (आधिकारिक रूप से लाओस जनवादी लोकतान्त्रिक गणतन्त्र) दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक देश है। इसकी सीमाएं उत्तर पश्चिम में म्यान्मार और चीन से, पूर्व में कंबोडिया, दक्षिण में वियतनाम और पश्चिम में थाईलैंड से मिलती है। इसे हजार हाथियो की भूमि भी कहा जाता है। .

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लिपस्टिक (फ़िल्म)

लिपिस्टिक 1976 में जारी की गयी, लेमण्ट जॉनसन द्वारा निर्देशित अमेरिकी बलात्कार और बदला की घटनाओ से सम्बद्ध फ़िल्म है। इसमें मुख्य भूमिका में मारगौक्स हेमिंग्वे और मेरील हेमिंग्वे हैं। मोशन पिकचर्स के इतिहास में जघन्य अपराध जैसे दृश्य दिखाने वाली फ़िल्म है जिसमें अत्यंत ग्राफिक और शोषक बलात्कार के दृश्य दिखाये गये हैं। .

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लिमोज

फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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लियोनेल मेस्सी

लियोनेल आंद्रेस मेस्सी (जन्म 24 जून 1987) अर्जेंटीना के फ़ुटबॉल खिलाड़ी हैं, जो इस समय ला लिगा टीम बार्सिलोना और अर्जेंटीना की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हैं। मेस्सी को अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ फ़ुटबॉल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है, जिसने 21 साल की उम्र में ही कई बैलन डी'ऑर और FIFA वर्ष का विश्व खिलाड़ी नामांकन प्राप्त किए। उनकी खेल शैली और क्षमता की वजह से, फ़ुटबॉल के दिग्गज डिएगो मारडोना के साथ उनकी तुलना की जाने लगी, जिन्होंने ख़ुद मेस्सी को अपना "उत्तराधिकारी" घोषित किया है। मेस्सी ने कम उम्र में ही फ़ुटबॉल खेलना शुरू किया और जल्द ही बार्सिलोना ने उनकी क्षमता पहचान ली। उन्होंने 2000 में रोसारियो-आधारित न्यूवेल्स ओल्ड बॉय्स युवा दल को छोड़ा और अपने परिवार के साथ यूरोप आए, चूंकि बार्सिलोना ने उनके विकास हार्मोन की कमी के लिए इलाज की पेशकश की। 2004-05 सीज़न में पहली बार मैदान में उतरते हुए, उन्होंने सबसे कम उम्र के लीग खेल खेलने वाले फ़ुटबॉलर का ला लिगा रिकॉर्ड तोड़ दिया और साथ ही, सबसे कम उम्र के लीग गोल स्कोर करने वाले बने। मेस्सी के प्रथम प्रदर्शन के दौरान बार्सिलोना ने ला लिगा जीता और 2006 में दोहरा लीग और UEFA चैंपियन्स लीग जीतने के साथ ही, जल्द ही प्रमुख सम्मान मिलने लगे। 2006-07 उनकी सफलता का सीज़न था: एल क्लासिको में लगातार तीन गोल करते हुए और 26 लीग मैचों में 14 गोल की फ़िनिशिंग के साथ, उन्होंने नियमित रूप से फ़र्स्ट टीम में जगह बनाई। संभवतः 2008-09 का सीज़न उनका सबसे सफल सीज़न था, जिसमें मेस्सी 38 गोल करते हुए तिगुने विजय अभियान का अभिन्न अंग बने। मेस्सी, 2005 FIFA वर्ल्ड यूथ चैम्पियनशिप में छह गोल के साथ, जिसमें अंतिम खेल के दो गोल शामिल हैं, शीर्ष स्कोरर बने। उसके शीघ्र बाद, वे अर्जेंटीना के वरिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय टीम के एक सदस्य के रूप में स्थापित हुए.

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लिंकेज

सेल्फ-लॉकिंग प्लायर एक-डिग्री की स्वतंत्रता वाले लिंकेज का अच्छा उदाहरण है। यांत्रिकी में उन दंडों (छड़ों) के समूह को अनुबंधन या कटी-संहतियाँ या लिंकेज (Linkages) कहते हैं जो एक दूसरे से हिंज द्वारा ज़ड़े रहते हैं और जिनसे कोई विशेष प्रकार की गति प्राप्त होती है। कटी-संहतियों के उदाहरण अनेक यंत्रों में देखे जा सकते हैं। पैंटोग्राफ़ (Pantograph) नामक यंत्र में चार छड़ रहते हैं जो एक दूसरे से हिंज द्वारा जुड़े रहते हैं। .

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लिओनार्दो दा विंची

फ्लोरेंस में लिओनार्दो की मूर्ति लिओनार्दो दा विंची (Leonardo da Vinci, 1452-1519) इटलीवासी, महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, कुशल यांत्रिक, इंजीनियर तथा वैज्ञानिक था। .

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लंदन हेज फाॅलेन (फ़िल्म)

लंदन हेज फाॅलेन (अंग्रेजी; London Has Fallen) वर्ष २०१६ में बनी अमेरिकी एक्शन थ्रिलर फ़िल्म है जिसका निर्देशन बाबक नजाफी ने किया है तथा लेखन क्रिफटन राॅथेनबर्गर, कैट्रिन बेनेदिक्ट, चैड सेंट.

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लंबाई के आधार पर नदियों की सूची

एक जलपोत से नील नदी का दृश्य, मिस्र में लक्सर और असवान के बीच. यह पृथ्वी पर सबसे लंबी नदियों की सूची है। इसमें 1,000 किलोमीटर से अधिक वाले नदी तंत्र शामिल हैं। .

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लक्ज़मबर्ग

लक्सेम्बर्ग (लक्सेम्बर्गी: Groussherzogtum Lëtzebuerg, फ़्राँसिसी: Grand-Duché de Luxembourg, जर्मन: Großherzogtum Luxemburg) यूरोप महाद्वीप में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी है लक्सेम्बर्ग शहर। इसकी मुख्य- और राजभाषाएँ हैं जर्मन भाषा, फ़्राँसिसी भाषा और लक्सेम्बर्गी भाषा। इसके शासक एक राजा-समान ग्रैंड ड्यूक हैं। लक्जमबर्ग पश्चिम यूरोप का एक छोटा सा देश है। यह बेल्जियम, फ्रांस और जर्मनी से घिरा हुआ है। लक्जमबर्ग का क्षेत्रफल 2586 वर्ग किलोमीटर है, जबकि जनसंख्या पांच लाख के करीब है। लक्जमबर्ग में संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था है, जबकि संवैधानिक रूप से राजा सर्वोच्च होता है। लक्जमबर्ग एक विकसित देश है, जहां प्रतिव्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी सबसे ज्यादा है। लक्जमबर्ग यूरोपीय संघ, नाटो, संयुक्त राष्ट्र संघ, यूरोपीय संघ और ओईसीडी का संस्थापक सदस्य है, जो देश में आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य एकीकरण पर सर्वसम्मति को दर्शाता है। सांस्कृति रूप से लक्जमबर्ग ने रोमन यूरोप और जर्मन यूरोप की सांस्कृतिक विशेषताओं को अपनाया है। यहां जर्मन, फ्रेंच और लक्जमबर्गीस भाषाएं बोली जाती है और ये तीनों ही इसकी आधिकारिक भाषा है। धर्मनिरपेक्ष होने के बावजूद, लक्जमबर्ग रोमन कैथोलिक का प्रभाववाला देश है। .

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लुई द ब्रॉई

लुई द ब्रॉई लुई द ब्रॉई (फ़्रांसिसी: Louis de Broglie, जन्म: १५ अगस्त १८९२, देहांत: १९ मार्च १९८७) एक फ़्रांसिसी भौतिकी वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता थे। उन्होंने १९२४ में सारे पदार्थों के तरंग-कण द्विरूप होने का दावा किया था और उसके लिए गणित विकसित किया था। यह भविष्यवाणी आगे चलकर प्रयोगों में सिद्ध हो गयी। इनके नाम को भारतीय उपमहाद्वीप में अक्सर "लुई दि ब्रॉग्ली" उच्चारित किया जाता है, जो वास्तव में सही उच्चारण नहीं है। .

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लुई पास्चर

लुई पास्चर एक महान वैज्ञानिक थे। .

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लुई बुनुएल

लुई बुनुएल एक स्पेनिश फिल्मकार थे जिन्होंने स्पेन, मैक्सिको और फ्रांस में फिल्म निर्माण कार्य किया। लुई बुनुएल सिर्फ एक फिल्मकार ही नहीं बल्कि एक क्रांतिकारी विचारक भी थे। उकी गणना अवांगार्द अतियथार्थवादी फिल्मकारों में की जाती है। सुप्रसिद्ध कवि और लेखक ओक्टावियो पाज़ ने बुनुएल की फिल्मोें को फिल्म और काव्य बिम्बों का संगम बताया था। ब्रिटिश फिल्म पत्रिका साइट एंड साउंड द्वारा बुनुएल की 6 फिल्मों को 250 सर्वकालिक श्रेष्ठ फिल्मों में शामिल किया गया था। अन्य पत्रिकाओं और पुस्तकों में बुनुएल की गणना 250 महानतम फिल्मकारों में तेरहवें नंबर पर की गई है। .

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लुई ब्रेल

लुई ब्रेल लुई ब्रेल (4 जनवरी 1809 – 6 जनवरी 1852) फ्रांस के शिक्षाविद तथा अन्वेषक थे जिन्होने अंधों के लिये लिखने तथा पढ़ने की प्रणाली विकसित की। यह पद्धति 'ब्रेल' नाम से जगप्रसिद्ध है। फ्रांस में जन्मे लुई ब्रेल अंधों के लिए ज्ञान के चक्षु बन गए। ब्रेल लिपि के निर्माण से नेत्रहीनों की पढ़ने की कठिनाई को मिटाने वाले लुई स्वयम भी नेत्रहीन थे। .

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लुई ब्लां

(३) राज्य के द्वारा विभिन्न शिल्प शालाओं अथवा सामाजिक कार्यशालाओं की स्थापना की जानी चाहिए फिर इन सामाजिक कार्यशालाओं द्वारा श्रमिकों को आर्थिक व तकनीकी सहायता दी जानी चाहिए उन्हें पूजी मुहैया कराई जानी चाहिए ताकि वह अपने स्तर से उत्पादन कर सकें इस से श्रमिकों की दशा में व्यापक सुधार होगा।.

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लुई सोलहवाँ

लुई सोलहवाँ (Louis XVI; १७७४-१७९३) - लुई पंद्रहवें का पौत्र था और उसके बाद फ्रांस का राजा बना। उसका जन्म १७५४ में हुआ था। वह ईमानदार था और उसके विचार भी अच्छे थे लेकिन वह एक कमजोर प्रकृति का व्यक्ति था और सदैव किसी न किसी के प्रभाव में रहता था - पहले माँ और भाई के और बाद में अपनी पत्नी मारी ऐत्वानेत् के। लुई का यह दुर्भाग्य था कि अपने पूर्वजों के कार्यों का भुगतान उसने अपने प्राणों की बलि देकर किया। चौदहवें और पंद्रहवें लुई का स्वेच्छाचारी शासन, बिगड़ती आर्थिक दशा, सामंतों के अत्याचार और हर प्रकार की असमानता से पीड़ित जनता ने १७८९ में क्रांति का झंडा खड़ा कर दिया। लुई की दयापूर्ण नीति के कारण भी परिस्थिति बिगड़ती गई। वर्साय पर जनता ने आक्रमण किया और एक संविधान को संचालित किया। लुई को ट्यूलरी के राजमहल में बंदी कर दिया। लुई का वहाँ से भागने का प्रयत्न असफल रहा। उसपर यह भी दोष लगाया गया कि अपनी सत्ता पुन: स्थापित करने के लिए वह दूसरे राजाओं से चोरी चोरी सहायता की याचना करता रहा है। देशद्रोह के आरोप में उसे २१ जनवरी १७९३ को ३८ वर्ष की आयु में प्राणदंड दे दिया गया। श्रेणी:फ़्रांस का इतिहास श्रेणी:फ्रांसीसी क्रान्ति.

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लुई अट्ठारहवाँ

अठारहवाँ लुई (Louis XVIII; १८१४-१८२४) फ्रांस का शासक था जिसने राजा के रूप में १८१४ से १८२४ तक शासन किया (सन् १८१५ में कुछ अवधि को छोड़कर)। .

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लुईस माउंटबेटन, बर्मा के पहले अर्ल माउंटबेटन

लुइस फ्रांसिस एल्बर्ट विक्टर निकोलस जॉर्ज माउंटबेटन, बर्मा के पहले अर्ल माउंटबेटन, बेड़े के एडमिरल, केजी, जीसीबी, ओएम, जीसीएसआई, जीसीआईई, जीसीवीओ, डीएसओ, पीसी, एफआरएस (पूर्व में बैटनबर्ग के राजकुमार लुइस, 25 जून 1900 - 27 अगस्त 1979), एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ और नौसैनिक अधिकारी व राजकुमार फिलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक (एलिजाबेथ II के पति) के मामा थे। वह भारत के आखिरी वायसरॉय (1947) थे और स्वतंत्र भारतीय संघ के पहले गवर्नर-जनरल (1947-48) थे, जहां से 1950 में आधुनिक भारत का गणतंत्र उभरेगा। 1954 से 1959 तक वह पहले सी लॉर्ड थे, यह पद उनके पिता बैटनबर्ग के राजकुमार लुइस ने लगभग चालीस साल पहले संभाला था। 1979 में उनकी हत्या प्रोविजनल आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (आईआरए) ने कर दी, जिसने आयरलैंड रिपब्लिक की स्लीगो काउंटी में मुल्लाग्मोर में उनकी मछली मरने की नाव, शैडो V में बम लगा दिया था। वह बीसवीं सदी के मध्य से अंत तक ब्रिटिश साम्राज्य के पतन के समय के सबसे प्रभावशाली और विवादित शख्सियतों में से एक थे। .

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लुईस जैक्स

लुईस जैक्स फ्रांस के महान चित्रकार हैं | .

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ल्यों

पुराने ल्यों का दृश्य ल्यों, या लीऔं (Lyon / Lyons) फ्रान्स का एक प्रमुख शहर है जो देश के दक्षिण-पूरब हिस्से में और रोन नदी और सोन नदी (Saone) के संगम पर स्थित है तथा इन नदियों के संगम पर बसा होने के कारण प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र बन गया है। रोन ज़िले और रोन-आल्प्स (फ़्रान्सीसी:Rhône-Alpes) प्रदेश का मुख्य शहर और प्रशासनिक केंद्र है। .

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लैमार्कवाद

180px.p1090470।फ्रांस के प्रसिद जीववैज्ञानिक लेमार्क्क का विकास सिदांत। लैमार्कवाद, फ्रांस के जीववैज्ञानिक लैमार्क द्वारा प्रतिपादित विकासका सिद्धान्त (विकासवाद) था जो किसी समय बहुत मान्य हुआ था किन्तु बाद में इसे अस्वीकार कर दिया गया। संक्षेप में लामार्क का विकासवाद (या, लैमार्कवाद) यह है - वातावरण के परिवर्तन के कारण जीव की उत्पत्ति, अंगों का व्यवहार या अव्यवहार, जीवनकाल में अर्जित गुणों का जीवों द्वारा अपनी संतति में पारेषण। इस मत और डार्विन के मत में यह अंतर है कि इस मत में डारविन के प्राकृतिक वरण के सिद्धांत का अभाव है। .

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लूई वीटॉन

लूई वीटॉन मालटियर -सामान्यतः लूई वीटॉन के नाम से जाना जाता है, (आमतौर पर अंग्रेजी में रुपान्तरित), या संक्षेप में एलवी (LV)- एक फ्रेंच फैशन हाउस है जिसकी स्थापना 1854 में हुई थी। यह लेबल अपने एलवी (LV) मोनोग्राम के कारण अच्छी तरह से जाना जाता है, जो अपने अधिकतर उत्पादों पर लगा होता है, जिनमें लक्ज़री संदूकों और चमड़े के उत्पादों से लेकर तैयार कपड़े, जूते, घड़ियां, गहने, सहायक सामग्रियां, धूप के चश्मे और किताबें शामिल हैं। लूई वीटॉन दुनिया के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय फैशन हाउसों में से एक है। लूई वीटॉन अपने उत्पादों को उच्च स्तरीय डिपार्टमेण्ट स्टोर्स के छोटे बुटिक्स में और अपने वेबसाइट के ई-कामर्स विभाग के जरिए बेचता था। .

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लेबनान

लेबनॉन, आधिकारिक रूप से लुबनॉन गणराज्य, पश्चिमी एशिया में भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित एक देश है। इसके उत्तर और पूर्व में सीरिया और दक्षिण में इसराइल स्थित है। भूमध्य बेसिन और अरब के भीतरी भाग के बीच में सेतु बने इस देश का इतिहास समृद्ध और मिश्रित है। यह भूमि फ़ीनिसियनों की अति-प्राचीन (2500 ईसापूर्व - 539 ईसापूर्व) संस्कृति का स्थल थी जहाँ से लेखन कला के विकास की कड़ी जुड़ी है। इसके बाद फ़ारसी, यूनानी, रोमन, अरब और उस्मानी तुर्कों के कब्जे में रहने के बाद यह फ्रांस के शासन में भी रहा। इसी ऐतिहासिक वजह से देश की धार्मिक और जातीय विविधता इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान बनाती है। यहाँ 60 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं जिनमें शिया और सुन्नी का लगभग समान हिस्सा है और लगभग 38 प्रतिशत ईसाई। 1943 में फ्रांस से स्वतंत्रता मिलने के बाद यहाँ एक गृहयुद्ध चला था और 2006 में इसराइल के साथ एक युद्ध। यहाँ एक विशेष प्राकर की गणतांत्रिक सरकार का शासन है जिसमें राष्ट्रपति एक ईसाई होता है, प्रधान मंत्री एक सुन्नी मुस्लिम, निव्राचित प्रतिनिधियों की सभा का अध्यक्ष एक शिया मुस्लिम और उप प्रधान मंत्री एक ग्रीक परंपरावादी धर्म का होता है। अरबी यहाँ की सबसे बोले जाने वाली और सांवैधानिक भाषा है। .

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लेवी स्ट्रास

क्लौड लेवी स्ट्रास (28 नवम्बर 1908-30 अक्टूबर 2009) एक फ्रांसीसी मानव विज्ञानी और नस्ल विज्ञानी थे | इनको, जेम्ज़ जोर्ज फ्रेज़र के साथ "आधुनिक मानव विज्ञान के पिता" कहा जाता है | .

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लेओपोल्ड सदर सेंघोर

लेओपोल्ड सदर सेंघोर (९ अक्टूबर १९०६ - २० दिसम्बर २००१) एक सेनेगलिस कवि, राजनेता और सांस्कृतिक सिद्धांतवादी थे, जिन्होंने सेनेगल के पहले राष्ट्रपति के रूप में बीस वर्षों तक सेवा दी। सेंघोर एकेडमिक फ्रांकाइस (Académie française) के पहले अफ्रीका सदस्य थे। वे राजनीतिक दल सेनेगालिस डेमोक्रेटिक ब्लॉक के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उन्हें २० वीं सदी के महत्वपूर्ण अफ्रीकी बुद्धिजीवियों में से एक गिना जाता है। वर्ष 1982 में इन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से नवाजा गया। श्रेणी:राजनीतिज्ञ.

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लेक्लांची सेल

लेक्लान्ची सेल (Leclanché cell) एक सेल (Cell) है जिसका आविष्कार और पेटेन्ट फ्रान्स के वैज्ञानिक जॉर्जेस लेक्लान्ची (Georges Leclanché) ने १८६६ में किया था। इसमें विद्युत अपघट्य के रूप में अलुमिनियम क्लोराइड और कार्बन का धनाग्र (कैथोड) एवं जस्ते का ऋणाग्र (एनोड) प्रयुक्त होता था। इसमें विध्रुवकारक (depolarizer) के रूप में मैंगनीज डाईऑक्साइड का प्रयोग किया जाता था। इसी के आधार पर आगे शुष्क सेल का विकास हुआ। .

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लॉस एंजेलिस

सिटी हॉल लॉस एंजेल्स अमरीका के कैलिफोर्निया प्रांत का सबसे बडा शहर एवं पूरे देश का दूसरा सबसे बडा शहर है। शहर को अक्सर बोलचाल में एल ए, कहा जाता है एवं इसकी अनुमानित जनसंख्या ३.८ मिलियन एवं क्षेत्रफल ४६९.१ वर्गमील (१,२१४.९ वर्ग किमी) है। यदि इसमें ग्रेटर लॉस एंजेल्स की आबादी शामिल की जाए तो इसकी आबादी लगभग १२.९ मिलियन हो जाती है जिनमें पूरी दुनिया से आए लोग शामिल हैं एवं २२४ अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं। लॉस एंजेल्स शहर लॉस एंजेल्स काउंटी क प्रशासनिक मुख्यालय भी है एवं जो अमरीका में अत्यंत सघन बसा हुआ एवं काफी विविधता वाला काउंटी है। इस काउंटी में रहने वालों को "एंजीलियंस" कहकर संबोधित किया जाता है। लॉस एंजेल्स की स्थापना १७८१ में स्पैनिश गवर्नर फेलिपे दे नेवे द्वारा की गयी थी। स्पेन से आजाद होने के बाद यह शहर १८२१ में मेक्सिको का हिस्सा बना एवं १८४८ में मेक्सिकन अमरीकी युद्ध के समाप्त होने के बाद, अमरीका एवं मेक्सिको के बीच हुई एक संधि के तहत अमरीका द्वारा खरीद लिया गया। १८५० में कैलिफोर्निया के पूर्ण राज्य घोषित होने से पांच महीने पूर्व ४ अप्रैल को इसे नगर निगम का दर्जा भी हासिल हुआ। आज लॉस एंजेल्स पूरी दुनिया के संस्कृति, तकनीक, मीडिया, व्यापार के क्षेत्र में एक प्रमुख शहर के रूप में स्थापित है। .

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लोयस

पवन द्वारा उडाई गई धूलो के निक्षेप से निर्मित जमाव को लोयस कहते हैं। लोयस का नामकरण फ्रांस के अलसस प्रान्त के लोयस नामक ग्राम के आधार पर किया गया हैं, क्योंकि यहाँ पर लोयस के समान ही मिट्टी का निक्षेप पाया जाता हैं। लोयस का जमाव रेगिस्तानों से दूरस्थ स्थानों में होता हैं। इसमे मिट्टियों के कण इतने बारीक होते हैं कि इनमे परतें नही मिलती। परन्तु लोयस अत्यधिक पारगम्य होती हैं। मिट्टी मुलायम होती है। लोयस का निर्माण उस समय होता हैं जब पवन के साथ मिली हुई धूल नीचे बैठकर एक स्थान पर बडे पैमाने पर निक्षेपित हो जाती हैं | श्रेणी:पवन द्वारा उत्पन्न स्थलाकृति श्रेणी:पवन द्वारा निक्षेपात्मक स्थलरुप श्रेणी:वातज स्थलरूप.

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लोवा नदी

लोवा नदी फ्रांस की सबसे बड़ी नदी है जिसकी लम्बाई १०१२ किलोमीटर है।, Encyclopædia Britannica on-line .

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लोक प्रशासन

लोक प्रशासन (Public administration) मोटे तौर पर शासकीय नीति (government policy) के विभिन्न पहलुओं का विकास, उन पर अमल एवं उनका अध्ययन है। प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है। एक अनुशासन के रूप में इसका अर्थ वह जनसेवा है जिसे 'सरकार' कहे जाने वाले व्यक्तियों का एक संगठन करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य और अस्तित्व का आधार 'सेवा' है। इस प्रकार की सेवा उठाने के लिए सरकार को जन का वित्तीय बोझ करों और महसूलों के रूप में राजस्व वसूल कर संसाधन जुटाने पड़ते हैं। जिनकी कुछ आय है उनसे कुछ लेकर सेवाओं के माध्यम से उसका समतापूर्ण वितरण करना इसका उद्देश्य है। किसी भी देश में लोक प्रशासन के उद्देश्य वहां की संस्थाओं, प्रक्रियाओं, कार्मिक-राजनीतिक व्यवस्था की संरचनाओं तथा उस देश के संविधान में व्यक्त शासन के सिद्धातों पर निर्भर होते हैं। प्रतिनिधित्व, उत्तरदायित्व, औचित्य और समता की दृष्टि से शासन का स्वरूप महत्व रखता है, लेकिन सरकार एक अच्छे प्रशासन के माध्यम से इन्हें साकार करने का प्रयास करती है। .

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ली फिगारो

यह् एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है। .

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लीबिया

लीबिया (ليبيا.), आधिकारिक तौर पर 'महान समाजवादी जनवादी लिबियाई अरब जम्हूरिया' (الجماهيرية العربية الليبية الشعبية الإشتراكية العظمى.‎ Al-Jamāhīriyyah al-ʿArabiyyah al-Lībiyyah aš-Šaʿbiyyah al-Ištirākiyyah al-ʿUẓmā), उत्तरी अफ़्रीका में स्थित एक देश है। इसकी सीमाएं उत्तर में भूमध्य सागर, पूर्व में मिस्र, उत्तरपूर्व में सूडान, दक्षिण में चाड व नाइजर और पश्चिम में अल्जीरिया और ट्यूनीशिया से मिलती है। करीबन १,८००,०० वर्ग किमी (६९४,९८४ वर्ग मील) क्षेत्रफल वाला यह देश, जिसका ९० प्रतिशत हिस्सा मरुस्थल है, अफ़्रीका का चौथा और दुनिया का १७ वां बड़ा देश है। देश की ५७ लाख की आबादी में से १७ लाख राजधानी त्रिपोली में निवास करती है। सकल घरेलू उत्पाद के लिहाज से यह इक्वीटोरियल गिनी के बाद अफ्रीका का दूसरा समृद्ध देश है। इसके पीछे मुख्य कारण विपुल तेल भंडार और कम जनसंख्या है। लीबिया १९५१ मे आजाद हुआ था एवं इस्क नाम 'युनाइटेड लीबियन किंगडम' (United Libyan Kingdom) रखा गया। जिसका नाम १९६३ मे 'किंगडम ऑफ लीबिया' (Kingdom of Libya) हो गया। १९६९ के तख्ता-पलट के बाद इस देश का नाम 'लिबियन अरब रिपब्लिक' रखा गया। १९७७ में इसका नाम बदलकर 'महान समाजवादी जनवादी लिबियाई अरब जम्हूरिया' रख दिया गया। .

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लील

लील (Lille) उत्तरी फ़्रांस का एक प्रमुख नगर।.

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लीओपोल्ड प्रथम (बेल्जियम)

लीओपोल्ड प्रथम (१७९०-१८६५) जर्मन राजकुमार एवं बेल्जियम का राजा था। १८३० में बेल्जियम के स्वतन्त्र होने के बाद वह बेल्जियम का प्रथम राजा बना। उसने जुलाई १८३१ से लेकर दिसम्बर १८६५ तक शासन किया। लीओपोल्ड प्रथम का जन्म १८ दिसंबर, १७९० को कोबर्ग में हुआ था। १८ वर्ष की अवस्था में रूस की सेना में प्रविष्ट होकर १८१३-१४ में नेपोलियन के विरुद्ध लड़ा। उसने इंग्लैंड के राजा जार्ज चतुर्थ की पुत्री शर्लाट से विवाह किया। १८१७ में शर्लाट की मृत्यु हो गई किंतु वह इंग्लैंड में ही रहा। इससे उसे ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली का पूरा ज्ञान हो गया। १८३० में उसे यूनान का राजा बनाने का प्रस्ताव रखा गया जिसे उसने अस्वीकार कर दिया। वियना सम्मेलन में (१८१५) हॉलैंड और बेल्जियम को मिलाकर हॉलैंड के राजा के अधीन एक देश बना दिया गया परंतु यह प्रबंध सफल न हो सका क्योंकि दोनों देशों की संस्कृतियाँ भिन्न-भिन्न थीं। हॉलैंड के निवासी प्रोटेस्टेंट और व्यापारी, वेल्जियम के निवासी कैथलिक और किसान थे। १८३० में बेल्जियम निवासियों ने विद्रोह किया। १८३१ ई. में यूरोपीय शक्तियों ने बेल्जियम को स्वतंत्र राज्य घोषित किया और लीओपोल्ड को वहाँ का शासक चुना। थोड़े दिन पश्चात् उसने फ्रांस के राजा लुई फ़िलिप की पुत्री से विवाह किया। इससे फ्रांस उसका सहायक हो गया। वह बेल्जियम का संवैधानिक शासक बना; देश की शासनसत्ता जनता के प्रति उत्तरदायी मंत्रिमंडल के हाथ में रही। १८४८ में जब यूरोप के सभी देशों में क्रांतियाँ हुई, लीओपोल्ड की बुद्धिमत्ता के कारण बेल्जियम में कोई गड़बड़ न हुई। लीओपोल्ड उदार विचारों का योग्य और बुद्धिमान व्यक्ति था। उसी के प्रयत्न से बेल्जियम का समझौता संभव हुआ क्योंकि हॉलैंड और फ्रांस दोनों ही बेल्जियम की स्वतंत्रता में बाधक थे। उसके राज्यकाल में बेल्जियम में कला, विज्ञान और शिक्षा की पर्याप्त उन्नति हुई। उसकी मृत्यु १० दिसंबर, १८६५ को हुई। श्रेणी:बेल्जियम.

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शतवर्षीय युद्ध

सन १३३७ से १४५३ के बीच फ्रांस की राजगद्दी के लिये 'हाउस ऑफ वोलोइस' (House of Valois) और 'हाउस ऑफ प्लान्टाजेन्ट' (House of Plantagenet) के बीच हुए युद्ध को शतवर्षीय युद्ध (Hundred Years' War) कहते हैं। .

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शस्त्र

भारत में प्रयुक्त मध्ययुगीन हथियार कोई भी उपकरण जिसका प्रयोग अपने शत्रु को चोट पहुँचाने, वश में करने या हत्या करने के लिये किया जाता है, शस्त्र या आयुध (weapon) कहलाता है। शस्त्र का प्रयोग आक्रमण करने, बचाव करने अथवा डराने-धमकाने के लिये किया जा सकता है। शस्त्र एक तरफ लाठी जितना सरल हो सकता है तो दूसरी तरफ बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र जितना जटिल भी। .

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शानिया ट्वैन

शानिया ट्वैन, OC (28 अगस्त,1965) एक कनाडाई पॉप गायिका हैं। उनका तीसरा एल्बम कम ऑन ओवर किसी महिला संगीतकार द्वारा सर्वकालीन सबसे अधिक बिकने वाला तथा साउंड स्कैन युग में किसी संगीतकार द्वारा दूसरा सबसे अधिक बिकने वाला तथा इतिहास में देशीय संगीत का सबसे अधिक बिकने वाला एल्बम है। वे ऐसी पहली महिला संगीतकार हैं जिनके तीन एल्बमों को अमेरिका के रिकॉर्डिंग उद्योग एसोसियेशन ने डायमंड प्रमाणित किया और वे कनाडा में सबसे अधिक बिक्री वाले कलाकारों में भी साथी कनाडाई कलाकार सेलिन डियोन के बाद दूसरे स्थान पर हैं, जिनके तीन स्टूडियो एल्बमों को कनाडाई रिकॉर्डिंग उद्योग एसोसियेशन द्वारा डबल डायमंड प्रमाणित किया जा चुका है। ट्वैन को समीक्षात्मक तथा वित्तीय दोनों तरह की सफलता हासिल हुई है। उन्होंने पांच ग्रैमी पुरस्कार, 27 बीएमाई गीतकार अवार्ड जीते हैं और साथ ही आज की तारीख में उन्होंने दुनिया भर में 65 मिलियन एल्बमों की बिक्री की है जिसमें सिर्फ अमेरिका में ही 48 मिलियन की बिक्री की.

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शारलेमेन

इम्पेरेटर रोमनोरम (रोमन सम्राट) | titletext .

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शार्ली ऐब्डो हमला

शार्ली ऐब्डो हमला, चार्ली ऐब्डो हमला अथवा पेरिस गोलीबारी जनवरी 2015 बुधवार 07 जनवरी 2015 को घटी घटना है जिसमें फ़्रांस के पेरिस में व्यंग्य पत्रिका शार्ली ऐब्डो के दफ़्तर पर दो हमलावरों ने हमला कर 12 लोगों को जान से मार दिया। .

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शार्लीज़ थेरॉन

शार्लीज़ थेरॉन (जन्म 7 अगस्त 1975) एक दक्षिण अफ्रीकी अभिनेत्री, फ़िल्म निर्माता और पूर्व फैशन मॉडल हैं। 2007 में वे अमेरिकी नागरिक बनीं.

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शासनप्रमुख

शासनप्रमुख या सरकारप्रमुख, एक जातिवाचक शब्द है, जिसका उपयोग, किसी संप्रभु राज्य (जिसे सामान्यतः "देश" कहा जाता है) की कार्यकारी शाखा के प्रमुख अथवा उसके उपाधिकारी के लिए किया जाता है। व्यावहारिक तौरपर, सरकरप्रमुख, किसी देश, संघाधीन राज्य या स्वशासित क्षेत्र की सरकार के मुखिया, अर्थात कार्यपालिका के प्रमुख को कहा जाता है, अमूमन जिसके निर्देशानुसार सरकार कार्य करती है। यह पद राष्ट्रप्रमुख के पद से भिन्न होता है, जोकि किसी देश का वैधिक प्रमुख होता है, हालाँकि कई देशों में, विशेष तौरपर अध्यक्षीय प्रणालियों और तानाशाहियों में, राष्ट्रप्रमुख तथा शासनप्रमुख, का कार्यभार, एक ही पदाधिकारी के ऊपर होता है। तथा कई देशों में इन दोनों पदों को पूणतः विभक्त रखा जाता है, जबकि कुछ प्रणालियों में शासनप्रमुख के कुछ शक्तियों और कार्यभार को राष्ट्रप्रमुख के विवेकाधीन रखा गया है। शासनप्रमुख की शक्तियाँ, अधिकार, नियुक्ति-प्रक्रिया और सरकार के अन्य अंगों से संबंध, विभिन्न देशों में, शासन-प्रणाली और प्रशासनिक संरचना, विधि-विधान और ऐतिहासिक परंपरा के आधार पर, भिन्न होती हैं। अमूमन, शासनप्रमुखगण, कैबिनेट, मंत्रिपरिषद अथवा सचिवगण के परिषद् के प्रमुख होते हैं, जिनपर सरकार के विभिन्न विभागों का कार्यभार होता है। शासनप्रमुखगण पर विएना संविधि द्वारा विशेष राजनयिक प्रतिरक्षा भी निहित होती है। अधिकांश संसदीय गणराज्यों में, और विशेषतः, वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली से प्रभावित व्यवस्थाओं में, शासनप्रमुख और राष्ट्रप्रमुख के पदों और अधिकारों को पूणतः विभक्त रखा जाता है, और शासनप्रमुख को आम तौरपर "प्रधानमंत्री" कहा जाता है। वहीँ, अध्यक्षीय गणराज्यों में राष्ट्रप्रमुख तथा शासनप्रमुख, दोनों का कार्यभार एक ही व्यक्ति को दिया जाता है, जिसे "राष्ट्रपति" कहा जाता है। कुछ गणराज्यों में, राष्ट्रपति के अधीन एक अतिरिक्त पदाधिकारी होता है, तथा कार्यकारी शक्तियां दोनों पर विभिन्न मात्रा में निहित होती है। इन्हें अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली कहा जाता है। ऐसी व्यवस्था श्रीलंका और फ्रांस में देखि जा सकती है। वर्त्तमान समय में अधिकांश राजतंत्र, वेस्ट्मिन्स्टर व्यवस्था (या उसके सामानांतर व्यवस्था) का पालन करती हैं, परंतु सऊदी अरब, वैटिकन सिटी, संयुक्त अरब अमीरात, इत्यादि तथा पूर्वतः अधिकांश निरंकुश राजतंत्रों में शासनप्रमुख के तौरपर एक "प्रधानमंत्री" अथवा उसी के सामान एक अधिकारी को शासन सँभालने हेतु नियुक्त तो किया जाता है, परंतु उसे शासक द्वारा कभी भी इच्छानुसार पद से हटाया जा सकता है, अतः वह पूर्णतः शासक के नियंत्रण में कार्य करता है। .

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शाज़ान पद्मसी

शाज़ान पद्मसी (जन्म:1987) भारतीय मूल की फ्रांसीसी फिल्म और रंगमंच अभिनेत्री है, जिन्होनें मॉडल के रूप में भी काम किया है। रॉकेट सिंह उनकी पहली फ़िल्म थी। उसके बाद इन्होनें कुछ दक्षिण भारतीय फ़िल्में की। वो दिल तो बच्चा है जी और हाउसफुल २ में भी दिखी। .

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शाकाहार

दुग्ध उत्पाद, फल, सब्जी, अनाज, बादाम आदि बीज सहित वनस्पति-आधारित भोजन को शाकाहार (शाक + आहार) कहते हैं। शाकाहारी व्यक्ति मांस नहीं खाता है, इसमें रेड मीट अर्थात पशुओं के मांस, शिकार मांस, मुर्गे-मुर्गियां, मछली, क्रस्टेशिया या कठिनी अर्थात केंकड़ा-झींगा आदि और घोंघा आदि सीपदार प्राणी शामिल हैं; और शाकाहारी चीज़ (पाश्चात्य पनीर), पनीर और जिलेटिन में पाए जाने वाले प्राणी-व्युत्पन्न जामन जैसे मारे गये पशुओं के उपोत्पाद से बने खाद्य से भी दूर रह सकते हैं। हालाँकि, इन्हें या अन्य अपरिचित पशु सामग्रियों का उपभोग अनजाने में कर सकते हैं। शाकाहार की एक अत्यंत तार्किक परिभाषा ये है कि शाकाहार में वे सभी चीजें शामिल हैं जो वनस्पति आधारित हैं, पेड़ पौधों से मिलती हैं एवं पशुओं से मिलने वाली चीजें जिनमें कोई प्राणी जन्म नहीं ले सकता। इसके अतिरिक्त शाकाहार में और कोई चीज़ शामिल नहीं है। इस परिभाषा की मदद से शाकाहार का निर्धारण किया जा सकता है। उदाहरण के लिये दूध, शहद आदि से बच्चे नहीं होते जबकि अंडे जिसे कुछ तथाकथित बुद्धजीवी शाकाहारी कहते है, उनसे बच्चे जन्म लेते हैं। अतः अंडे मांसाहार है। प्याज़ और लहसुन शाकाहार हैं किन्तु ये बदबू करते हैं अतः इन्हें खुशी के अवसरों पर प्रयोग नहीं किया जाता। यदि कोई मनुष्य अनजाने में, भूलवश, गलती से या किसी के दबाव में आकर मांसाहार कर लेता है तो भी उसे शाकाहारी ही माना जाता है। पूरी दुनिया का सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म भी शाकाहार पर आधारित है। इसके अतिरिक्त जैन धर्म भी शाकाहार का समर्थन करता है। सनातन धर्म के अनुयायी जिन्हें हिन्दू भी कहा जाता है वे शाकाहारी होते हैं। यदि कोई व्यक्ति खुद को हिन्दू बताता है किंतु मांसाहार करता है तो वह धार्मिक तथ्यों से हिन्दू नहीं रह जाता। अपना पेट भरने के लिए या महज़ जीभ के स्वाद के लिए किसी प्राणी की हत्या करना मनुष्यता कदापि नहीं हो सकती। इसके अतिरिक्त एक अवधारणा यदि भी है कि शाकाहारियों में मासूमियत और बीमारियों से लड़ने की क्षमता ज़्यादा होती है। नैतिक, स्वास्थ्य, पर्यावरण, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सौंदर्य, आर्थिक, या अन्य कारणों से शाकाहार को अपनाया जा सकता है; और अनेक शाकाहारी आहार हैं। एक लैक्टो-शाकाहारी आहार में दुग्ध उत्पाद शामिल हैं लेकिन अंडे नहीं, एक ओवो-शाकाहारी के आहार में अंडे शामिल होते हैं लेकिन गोशाला उत्पाद नहीं और एक ओवो-लैक्टो शाकाहारी के आहार में अंडे और दुग्ध उत्पाद दोनों शामिल हैं। एक वेगन अर्थात अतिशुद्ध शाकाहारी आहार में कोई भी प्राणी उत्पाद शामिल नहीं हैं, जैसे कि दुग्ध उत्पाद, अंडे और सामान्यतः शहद। अनेक वेगन प्राणी-व्युत्पन्न किसी अन्य उत्पादों से भी दूर रहने की चेष्टा करते हैं, जैसे कि कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन। अर्द्ध-शाकाहारी भोजन में बड़े पैमाने पर शाकाहारी खाद्य पदार्थ हुआ करते हैं, लेकिन उनमें मछली या अंडे शामिल हो सकते हैं, या यदा-कदा कोई अन्य मांस भी हो सकता है। एक पेसेटेरियन आहार में मछली होती है, मगर मांस नहीं। जिनके भोजन में मछली और अंडे-मुर्गे होते हैं वे "मांस" को स्तनपायी के गोश्त के रूप में परिभाषित कर सकते हैं और खुद की पहचान शाकाहार के रूप में कर सकते हैं। हालाँकि, शाकाहारी सोसाइटी जैसे शाकाहारी समूह का कहना है कि जिस भोजन में मछली और पोल्ट्री उत्पाद शामिल हों, वो शाकाहारी नहीं है, क्योंकि मछली और पक्षी भी प्राणी हैं।शाकाहारी मछली नहीं खाते हैं, शाकाहारी सोसाइटी, 2 मई 2010 को पुनःप्राप्त.

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शिगेरू बान

शिगेरू बान (अँग्रेजी: Shigeru Ban,जापानी भाषा: 반 시게루, जन्म: 1957) एक जापानी और अंतरराष्ट्रीय वास्तुकार है, जो वास्तुकारिता में अपने अभिनव काम के लिए विश्व प्रसिद्ध है, विशेष रूप से पुनर्नवीनीकरण और कुशलता से आपदा पीड़ितों के घर बनाने में उन्हें महारत हासिल है। उन्हें वास्तुकला और डिजाइन की रूपरेखा के क्षेत्र में नवीन आविष्कारों तथा प्रक्षेपण के लिए 21 वीं सदी के वास्तुकारों में अँग्रेजी पत्रिका टाइम द्वारा शामिल किया गया था।Belinda Luscombe, Innovators, Time 100: The Next Wave.

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श्रीलंका

श्रीलंका (आधिकारिक नाम श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य) दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र ३१ किलोमीटर है। १९७२ तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे १९७२ में बदलकर लंका तथा १९७८ में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। .

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श्रीलंका का इतिहास

इतिहासकारों में इस बात की आम धारणा थी कि श्रीलंका के आदिम निवासी और दक्षिण भारत के आदिम मानव एक ही थे। पर अभी ताजा खुदाई से पता चला है कि श्रीलंका के शुरुआती मानव का सम्बंध उत्तर भारत के लोगों से था। भाषिक विश्लेषणों से पता चलता है कि सिंहली भाषा, गुजराती और सिंधी से जुड़ी है। प्राचीन काल से ही श्रीलंका पर शाही सिंहला वंश का शासन रहा है। समय समय पर दक्षिण भारतीय राजवंशों का भी आक्रमण भी इसपर होता रहा है। तीसरी सदी इसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक के पुत्र महेन्द्र के यहां आने पर बौद्ध धर्म का आगमन हुआ। इब्नबतूता ने चौदहवीं सदी में द्वीप का भ्रमण किया। .

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श्वेत रातें (लघु कथा)

श्वेत रात या "व्हाइट नाइट्स" फ़्योद्र दोस्तोयेव्स्की नामक एक रूसी लेखक द्वारा अपने कैरियर के आरम्भ में लिखी गई एक लघु कथा है। मूल कथा १८४८ में प्रकाशित हुई थी। .

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शैर्बूर

फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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शूमाँ घोषणा-पत्र

फ्रांस के विदेशमंत्री रॉबर्ट शूमाँ ने कोयला और स्टीम उत्पादन में सहयोग के लिए जर्मनी और फ्रांस के लिए एक योजना घोषित की। कुछ अन्य देशों को भी इसमें शामिल होने का न्यौता दिया गया। शूमाँ योजना इस विचार पर आधारित थी कि शांति के लिए यूरोपीय एकता बहुत ज़रूरी है। रॉबर्ट शूमाँ ने कहा कि उत्पादन में सहयोग से फ्रांस और जर्मनी के बीच सहयोग और दोस्ती की नई शुरूआत होगी और दोनों युद्ध से परे हटकर शांति के बारे में सोचना शुरू करेंगे। श्रेणी:यूरोप का इतिहास.

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शेफ़ील्ड

शेफ़ील्ड साउथ यॉर्कशायर, इंग्लैंड का एक महानगरीय क्षेत्र और एक शहर है। इसका नाम शेफ़ नदी से व्युत्पन्न है, जो इस शहर से होकर बहती है। ऐतिहासिक रूप से यह यॉर्कशायर के वेस्ट राइडिंग का एक भाग था, अब यह शहर अपनी अधिकांशतः औद्योगिक जड़ों से विकसित होकर और अधिक विस्तृत आर्थिक आधार को समावेशित करता है। शेफ़ील्ड शहर की जनसंख्या है और यह आठ विशाल स्थानीय अंग्रेजी शहरों में से एक है जो इंग्लिश कोर सिटीज़ ग्रुप के निर्माण में योगदान करता है। 19वीं शताब्दी के दौरान, शेफ़ील्ड को स्टील उत्पादन हेतु अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिली.

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शेरलॉक होम्स

शेरलॉक होम्स उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध और बीसवीं सदी के पूर्वार्ध का एक काल्पनिक चरित्र है, जो पहली बार 1887 में प्रकाशन में उभरा। वह ब्रिटिश लेखक और चिकित्सक सर आर्थर कॉनन डॉयल की उपज है। लंदन का एक प्रतिभावान 'परामर्शदाता जासूस ", होम्स अपनी बौद्धिक कुशलता के लिए मशहूर है और मुश्किल मामलों को सुलझाने के लिए अपने चतुर अवलोकन, अनुमिति तर्क और निष्कर्ष के कुशल उपयोग के लिए प्रसिद्ध है। कोनन डॉयल ने चार उपन्यास और छप्पन लघु कथाएं लिखी हैं जिसमें होम्स को चित्रित किया गया है। पहली दो कथाएं (लघु उपन्यास) क्रमशः 1887 में बीटन्स क्रिसमस ऐनुअल में और 1890 में लिपिनकॉट्स मंथली मैग्जीन में आईं.

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शेंगेन समझौता

फ्रांस, जर्मनी, पुर्तगाल, स्पेन, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग ने अपनी सीमाएं ढीली करने की पहल की, इसी को शेंगेन समझौता कहा जाता है। इस पहल में ऑस्ट्रिया, इटली, डेनमार्क, फ़िनलैंड, स्वीडन और ग्रीस भी जल्दी ही शामिल हो गए लेकिन ब्रिटेन और आयरलैंड नहीं शामिल हुए.

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शेंगेन क्षेत्र

शेंगेन क्षेत्र में उन पच्चीस यूरोपीय देशों के प्रदेश शामिल हैं जिन्होंने, लक्ज़मबर्ग के शेंगेन शहर में 1985 में हस्ताक्षरित शेंगेन समझौते को लागू किया है। शेंगेन क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए काफी हद तक एक एकल राष्ट्र की तरह संचालित होता है जहां इस क्षेत्र के अन्दर आने वाले या फिर बाहर जाने वाले लोगों के लिए तो सीमा नियंत्रण होता है, लेकिन यहां कोई आंतरिक सीमा नियंत्रण नहीं है। शेंगेन नियमों को 1999 में एम्स्टर्डम समझौते द्वारा यूरोपीय संघ (EU) क़ानून में शामिल कर लिया गया, हालांकि इस क्षेत्र में आधिकारिक तौर पर तीन गैर-यूरोपीय संघ राष्ट्र, आइसलैंड, नॉर्वे स्विटजरलैंड शामिल हैं और वास्तविक तौर पर तीन सूक्ष्म यूरोपीय राष्ट्र, मोनाको, सैन मैरिनो, और वेटिकन सिटी भी शामिल है। यूरोपीय संघ के दो सदस्यों - आयरलैंड और ब्रिटेन को छोड़कर बाकी सभी सदस्य राष्ट्रों को शेंगेन लागू करने की आवश्यकता है और बुल्गारिया, साइप्रस और रोमानिया को छोड़कर सभी ने इसे पहले से ही लागू कर लिया है। वर्तमान में इस क्षेत्र की जनसंख्या 40 करोड़ से अधिक है और का क्षेत्र इसके अंतर्गत आता है। शेंगेन नियमों को लागू करने के तहत एक शेंगन राष्ट्र को अन्य शेंगेन सदस्यों के साथ सीमा पर नियंत्रण को समाप्त करना और साथ ही गैर सदस्य राज्यों के साथ सीमा पर नियंत्रण को मजबूत बनाना शामिल है। इन नियमों में शामिल है लोगों के अस्थायी प्रवेश पर आम नीति के प्रावधान (शेंगेन वीज़ा सहित), बाह्य सीमा नियंत्रण को सुसंगत करना, पार-सीमा पुलिस और न्यायिक सहयोग.

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शीतयुद्ध

नाटो तथा वार्सा संधि के देश द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के काल में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत रूस के बीच उत्पन्न तनाव की स्थिति को शीत युद्ध के नाम से जाना जाता है। कुछ इतिहासकारों द्वारा इसे 'शस्त्र सज्जित शान्ति' का नाम भी दिया गया है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने कंधे से कन्धा मिलाकर धूरी राष्ट्रों- जर्मनी, इटली और जापान के विरूद्ध संघर्ष किया था। किन्तु युद्ध समाप्त होते ही, एक ओर ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरी ओर सोवियत संघ में तीव्र मतभेद उत्पन्न होने लगा। बहुत जल्द ही इन मतभेदों ने तनाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न कर दी। रूस के नेतृत्व में साम्यवादी और अमेरिका के नेतृत्व में पूँजीवादी देश दो खेमों में बँट गये। इन दोनों पक्षों में आपसी टकराहट आमने सामने कभी नहीं हुई, पर ये दोनों गुट इस प्रकार का वातावरण बनाते रहे कि युद्ध का खतरा सदा सामने दिखाई पड़ता रहता था। बर्लिन संकट, कोरिया युद्ध, सोवियत रूस द्वारा आणविक परीक्षण, सैनिक संगठन, हिन्द चीन की समस्या, यू-2 विमान काण्ड, क्यूबा मिसाइल संकट कुछ ऐसी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने शीतयुद्ध की अग्नि को प्रज्वलित किया। सन् 1991 में सोवियत रूस के विघटन से उसकी शक्ति कम हो गयी और शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी। .

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शीतकालीन ओलम्पिक खेल

शीतकालीन ऑलंपिक खेल (अंग्रेज़ी:विंटर ऑलंपिक्स) एक विशेष ओलम्पिक खेल होते हैं, जिनमें में अधिकांशत: बर्फ पर खेले जाने वाले खेलों की स्पर्धा होती है। इन खेलों में ऑल्पाइन स्कीइंग, बायथलॉनबॉब्स्लेड, क्रॉस कंट्री स्कीइंग, कर्लिंग, फिगर स्केटिंग, फ्रीस्टाइल स्कीइंग, आइस हॉकी, ल्यूज, नॉर्डिक कंबाइंड, शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग, स्केलेटन, स्नोबोर्डिंग, स्पीड स्केटिंग आदि स्पर्धाएं होती हैं। .

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सत्यजित राय

सत्यजित राय (बंगाली: शॉत्तोजित् राय्) (२ मई १९२१–२३ अप्रैल १९९२) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे, जिन्हें २०वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है। इनका जन्म कला और साहित्य के जगत में जाने-माने कोलकाता (तब कलकत्ता) के एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनकी शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज और विश्व-भारती विश्वविद्यालय में हुई। इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत पेशेवर चित्रकार की तरह की। फ़्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक ज़ाँ रन्वार से मिलने पर और लंदन में इतालवी फ़िल्म लाद्री दी बिसिक्लेत (Ladri di biciclette, बाइसिकल चोर) देखने के बाद फ़िल्म निर्देशन की ओर इनका रुझान हुआ। राय ने अपने जीवन में ३७ फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं। इनकी पहली फ़िल्म पथेर पांचाली (পথের পাঁচালী, पथ का गीत) को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। यह फ़िल्म अपराजितो (অপরাজিত) और अपुर संसार (অপুর সংসার, अपु का संसार) के साथ इनकी प्रसिद्ध अपु त्रयी में शामिल है। राय फ़िल्म निर्माण से सम्बन्धित कई काम ख़ुद ही करते थे — पटकथा लिखना, अभिनेता ढूंढना, पार्श्व संगीत लिखना, चलचित्रण, कला निर्देशन, संपादन और प्रचार सामग्री की रचना करना। फ़िल्में बनाने के अतिरिक्त वे कहानीकार, प्रकाशक, चित्रकार और फ़िल्म आलोचक भी थे। राय को जीवन में कई पुरस्कार मिले जिनमें अकादमी मानद पुरस्कार और भारत रत्न शामिल हैं। .

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सन्त पियर और मिकलान

स्थानीय ध्वज संत पियर एवं मिकलान उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित फ़्रांस अधिनस्थ द्वीपों का एक समूह है। यह कनाडा के न्यू फ़ाउंडलैंड और लैब्राडोर के दक्षिण में स्थित है। यह द्वीप समूह न्यू फ़ाउंडलैंड से २५ किमी की दूरी पर है। यह द्वीपसमूह भूतपूर्व फ़्रांसीसी साम्राज्य का अवशेष मात्र है जो अभी भी फ़्रांसीसी शासन के अधिनस्थ है। श्रेणी:फ़्रान्सीसी-भाषी देश व क्षेत्र.

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सन्त मार्टिन

सेंट मार्टिन, आधिकारिक तौर पर कलेक्टिविटी ऑफ सेंट मार्टिन कैरेबियन सागर पर स्थित फ्रांस का अलग प्रवासी संघ है। इसका संवैधानिक अस्तित्व 22 फ़रवरी 2007 को आया, जब सेंट मार्टिन द्वीप के उत्तरी हिस्से और छोटे द्वीपों को एक समूह माना गया। द्वीप का दक्षिण हिस्सा, सिंट मार्टान नीदरलैंड एंटीलिज का हिस्सा है। श्रेणी:द्वीप श्रेणी:फ़्रांस.

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समर कैम्प (ग्रीष्मकालीन शिविर)

समर कैम्प में भाग लेने वाले अक्सर झीलों में बाहरी गतिविधियों का आनंद लेते हैं। समर कैम्प (ग्रीष्मकालीन शिविर), कुछ देशों में (आमतौर पर) गर्मियों के महीनों में बच्चों और/या किशोर-किशोरियों के लिए निगरानी के तहत आयोजित किये जाने वाला एक कार्यक्रम को कहते हैं। समर कैम्प में शामिल होने वाले बच्चों और किशोर-किशोरियों को कैम्पर्स के नाम से जाना जाता है। विभिन्न प्रकार के विशेष क्रियाकलापों वाले नए समर कैम्पों की अधिक से अधिक स्वीकृति के साथ, हाइकिंग (लंबी पैदल यात्रा), कैनोइंग (नौकायन) और कैम्पफायर (अलाव या शिविर-समारोह) के साथ एक जंगली स्थान के रूप में एक समर कैम्प के पारंपरिक नज़रिए का विकास हो रहा है। उदाहरण के लिए, प्रदर्शन कला, संगीत, जादू, कंप्यूटर, भाषा शिक्षण, गणित, विशेष जरूरतों वाले बच्चों और वजन कम करने के लिए कैम्पों का आयोजन किया जाता है। 2006 में, अमेरिकन कैम्प एसोसिएशन ने बताया कि कुल कैम्पों में से 75 प्रतिशत कैम्पों में नए कार्यक्रम शामिल किए गए हैं। छोटे आकार के परिवारों, पूरक शैक्षिक कार्यक्रमों में वृद्धि तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता के कारण समर कैम्पों के नामांकन में बड़े पैमाने पर होने वाली गिरावट को कम करने के लिए ऐसा किया गया है; इन सभी के कारण पिछली पीढ़ियों की तुलना में बच्चों को घर के अंदर ही व्यस्त रखना काफी आसान हो गया है। ये कैम्प हर उम्र के लोगों के लिए हो सकते हैं। धर्म से जुड़े समर कैम्पों का भी आयोजन किया जाता है जैसे कि इवान्जेलिकल ईसाई समूहों द्वारा आयोजित कैम्प.

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समलैंगिकता

समलैंगिकता समलैंगिकता का अर्थ किसी व्यक्ति का समान लिंग के लोगों के प्रति यौन और रोमांसपूर्वक रूप से आकर्षित होना है। वे पुरुष, जो अन्य पुरुषों के प्रति आकर्षित होते है उन्हें "पुरुष समलिंगी" या गे और जो महिला किसी अन्य महिला के प्रति आकर्षित होती है उसे भी गे कहा जा सकता है लेकिन उसे आमतौर पर "महिला समलिंगी" या लैस्बियन कहा जाता है। जो लोग महिला और पुरुष दोनो के प्रति आकर्षित होते हैं उन्हें उभयलिंगी कहा जाता है। कुल मिलाकर समलैंगिक, उभयलैंगिक और लिंगपरिवर्तित लोगो को मिलाकर एल जी बी टी (LGBT) समुदाय बनता है। यह कहना कठिन है कि कितने लोग समलैंगिक हैं। समलैंगिकता का अस्तित्व सभी संस्कृतियों और देशों में पाया गया है, यद्यपि कुछ देशों की सरकारें इस बात का खण्डन करती है। .

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समाजशास्त्र

समाजशास्त्र मानव समाज का अध्ययन है। यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से संबंधित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचनगिडेंस, एंथोनी, डनेर, मिशेल, एप्पल बाम, रिचर्ड.

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समाजवाद

समाजवाद (Socialism) एक आर्थिक-सामाजिक दर्शन है। समाजवादी व्यवस्था में धन-सम्पत्ति का स्वामित्व और वितरण समाज के नियन्त्रण के अधीन रहते हैं। आर्थिक, सामाजिक और वैचारिक प्रत्यय के तौर पर समाजवाद निजी सम्पत्ति पर आधारित अधिकारों का विरोध करता है। उसकी एक बुनियादी प्रतिज्ञा यह भी है कि सम्पदा का उत्पादन और वितरण समाज या राज्य के हाथों में होना चाहिए। राजनीति के आधुनिक अर्थों में समाजवाद को पूँजीवाद या मुक्त बाजार के सिद्धांत के विपरीत देखा जाता है। एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में समाजवाद युरोप में अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी में उभरे उद्योगीकरण की अन्योन्यक्रिया में विकसित हुआ है। ब्रिटिश राजनीतिक विज्ञानी हैरॉल्ड लॉस्की ने कभी समाजवाद को एक ऐसी टोपी कहा था जिसे कोई भी अपने अनुसार पहन लेता है। समाजवाद की विभिन्न किस्में लॉस्की के इस चित्रण को काफी सीमा तक रूपायित करती है। समाजवाद की एक किस्म विघटित हो चुके सोवियत संघ के सर्वसत्तावादी नियंत्रण में चरितार्थ होती है जिसमें मानवीय जीवन के हर सम्भव पहलू को राज्य के नियंत्रण में लाने का आग्रह किया गया था। उसकी दूसरी किस्म राज्य को अर्थव्यवस्था के नियमन द्वारा कल्याणकारी भूमिका निभाने का मंत्र देती है। भारत में समाजवाद की एक अलग किस्म के सूत्रीकरण की कोशिश की गयी है। राममनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण और नरेन्द्र देव के राजनीतिक चिंतन और व्यवहार से निकलने वाले प्रत्यय को 'गाँधीवादी समाजवाद' की संज्ञा दी जाती है। समाजवाद अंग्रेजी और फ्रांसीसी शब्द 'सोशलिज्म' का हिंदी रूपांतर है। 19वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में इस शब्द का प्रयोग व्यक्तिवाद के विरोध में और उन विचारों के समर्थन में किया जाता था जिनका लक्ष्य समाज के आर्थिक और नैतिक आधार को बदलना था और जो जीवन में व्यक्तिगत नियंत्रण की जगह सामाजिक नियंत्रण स्थापित करना चाहते थे। समाजवाद शब्द का प्रयोग अनेक और कभी कभी परस्पर विरोधी प्रसंगों में किया जाता है; जैसे समूहवाद अराजकतावाद, आदिकालीन कबायली साम्यवाद, सैन्य साम्यवाद, ईसाई समाजवाद, सहकारितावाद, आदि - यहाँ तक कि नात्सी दल का भी पूरा नाम 'राष्ट्रीय समाजवादी दल' था। समाजवाद की परिभाषा करना कठिन है। यह सिद्धांत तथा आंदोलन, दोनों ही है और यह विभिन्न ऐतिहासिक और स्थानीय परिस्थितियों में विभिन्न रूप धारण करता है। मूलत: यह वह आंदोलन है जो उत्पादन के मुख्य साधनों के समाजीकरण पर आधारित वर्गविहीन समाज स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है और जो मजदूर वर्ग को इसका मुख्य आधार बनाता है, क्योंकि वह इस वर्ग को शोषित वर्ग मानता है जिसका ऐतिहासिक कार्य वर्गव्यवस्था का अंत करना है। .

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समाजवादी इंटरनेशनल

'''समाजवादी इंटरनेशनल''' का प्रतीक-चिह्न (लोगो) समाजवादी इंटरनेशनल दलों द्वारा शासित देश समाजवादी इंटरनैशनल (Socialist International) विश्व के लोकतांत्रिक समाजवादी दलों का संघ है जिसका मुख्य कार्यालय लंदन में है। इसका मूल ध्येय मनुष्य द्वारा मनुष्य के तथा राष्ट्र द्वारा राष्ट्र के शोषण का अंत करना और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक न्याय की स्थापना करना है। सभी महाद्वीपों के मजदूर तथा लोकतांत्रिक समाजवादी दल इसमें हैं और अपनी अपनी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय नीति में स्वाधीन हैं तथा किसी एक मतवाद अथवा पंथ के अनुयायी नहीं हैं। यह इंटरनैशनल अपने सदस्यों में पारस्परिक संबंधों को दृढ़ करने और सहमति के आधार पर उनकी राजनीतिक अभिवृत्तियों को समन्वित करने का प्रयत्न करता है और साम्राज्यविरोधी तथा पूँजीवाद-विरोधी होने के साथ साम्यवाद-विरोधी भी है। प्रथम और द्वितीय इंटरनैशनल के उत्तराधिकारी के रूप में इसने सन् १९६४ में अपनी जन्मशती मनाई। .

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सर्गी ब्रिन

सर्गी मिखायलोविच ब्रिन (Серге́й Миха́йлович Брин) जन्म - 21 अगस्त 1973, एक रूसी अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक, सॉफ्टवेयर डेवलपर और उद्यमी हैं जिन्हें लैरीपेज के साथ गूगल, इंक.

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सलाउद्दीन

सलाउद्दीन: अंग्रेजी An-Nasir Salah ad-Din Yusuf ibn Ayyub (अरबी सलाउद्दीन युसुफ इब्न अय्युब) जन्म: 1138, निधन 4 मार्च 1193 बारहवीं शताब्दी का एक कुर्द मुस्लिम योद्धा था, जो समकालीन उतरी इराक का रहने वाला था।उस समय के देश (शाम) सीरिया और मिस्त्र का शासक था सीरिया और मिस्त्र के सुल्तान नुरुद्दीन जंगी की मृत्यु के बाद उसके दो भाई शासन करने लगे,लेकिन जब एक के बाद दोनों भाइयो की मृत्यु हो गई तो अब नुरुद्दीन जंगी का सबसे बफादार और करीबी सलाउद्दीन को शासक बनाया गया। सलाउद्दीन ने ११८७ में जब येरुशलम पर विजय प्राप्त करी तो पोप के आह्वाहन पर इंग्लैंड का बादशाह रिचर्ड दा लाइन हार्ट (Richard the Lionheart) फ्रांस का बादशाह और जर्मनी का बादशाह फेडरिक (Frederick Barbarossa) की सेना ने हमला किया लेकिन सलुद्दीन ने अलग अलग युध्दो में फेडरिक की सेनाओ को पराजित किया। वह जितना बड़ा योद्धा था, उतना ही बड़ा और कुशल शासक था।इसके साथ ही न्यायप्रिय और रहम दिल भी था।यही कारण है कि यूरोप के इतिहासकार भी उसके सम्मान और महानता में प्रसंशा करते है।एक बार जब इंग्लैंड के शासक रिचर्ड ने मुसलमानों से अकरा का किला जीत लिया और मुस्लिम सेना ने किले को घेर लिया और युद्ध आरंभ हो गया,उसी समय रिचर्ड बीमार पड़ गया और कोई अच्छा हकीम (वेध)नहीं मिल रहा था,तब सलाउद्दीन ने अपना हकीम को दवाइयों के साथ रिचर्ड के पास भेजा और उसका इलाज करवाया। इस्लामी इतिहासकार तो यह तक कह देते हैं कि इस्लामी रशीदुन खलीफाओँ के बाद इतना कुशल शासक चरित्रवान और योद्धा कोई नहीं हूआ। बारहवीं सदी के अंत में उसके अभियानों के बाद ईसाई-मुस्लिम द्वंद्व में एक निर्णायक मोड़ आया और जेरुशलम के आसपास कब्जा करने आए यूरोपी ईसाईयों का सफाया हो गया। क्रूसेड युध्दो में ईसाईयों को हराने के बावजूद उसकी यूरोप में छवि एक कुशल योद्धा तथा विनम्र सैनिक की तरह है। सन् १८९८ में जर्मनी के राजा विलहेल्म द्वितीय ने सलाउद्दीन की कब्र को सजाने के लिए पैसे भी दिए थे। उसकी मृत्यु के समय उसके पास कुछ दिरहम मात्र ही थे,क्योंकि वह अपनी आय को लोगो की भलाई के लिए खर्च कर देता था। उसकी मृत्यु के समय क्रिया-कर्म भी उसके मित्रो ने मिलके करबाया। सलाउद्दीन की प्रसिद्धी इस बात से की जा सकती है कि फिलिस्तीन में बच्चे उसके शोर्य का गान करते हूए कहते हैं - " नाह नू उल मुसलमीन,कुल्लू नस सलाउद्दीन" इसका अर्थ है कि हम मुसलमानों के बेटे है और हममे सब सलाउद्दीन है। .

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सामाजिक अपवर्जन

सामाजिक अपवर्जन (Social exclusion या marginalization) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी समूह को मुख्य धारा से निकालकर सीमान्त (मार्जिन) पर पहुँचा दिया जाता है। 'सामाजिक अपवर्जन' का यूरोप में खूब प्रयोग किया जाता है। सबसे पहले फ्रांस में प्रयुक्त हुआ था। इसका प्रयोग शिक्षा, समाज, राजनीति, अर्थनीति, मनोविज्ञान आदि विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। श्रेणी:समाजशास्त्र.

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सामंतवाद

अपने प्रतिज्ञाओं के लिए रोलाण्ड शारलेमेन; चेनसन डे गेस्टे, c.14th.c. की एक पांडुलिपि से सामंतवाद (Feudalism / फ्युडलिज्म) मध्यकालीन युग में इंग्लैंड और यूरोप की प्रथा थी। इन सामंतों की कई श्रेणियाँ थीं जिनके शीर्ष स्थान में राजा होता था। उसके नीचे विभिन्न कोटि के सामंत होते थे और सबसे निम्न स्तर में किसान या दास होते थे। यह रक्षक और अधीनस्थ लोगों का संगठन था। राजा समस्त भूमि का स्वामी माना जाता था। सामंतगण राजा के प्रति स्वामिभक्ति बरतते थे, उसकी रक्षा के लिए सेना सुसज्जित करते थे और बदले में राजा से भूमि पाते थे। सामंतगण भूमि के क्रय-विक्रय के अधिकारी नहीं थे। प्रारंभिक काल में सामंतवाद ने स्थानीय सुरक्षा, कृषि और न्याय की समुचित व्यवस्था करके समाज की प्रशंसनीय सेवा की। कालांतर में व्यक्तिगत युद्ध एवं व्यक्तिगत स्वार्थ ही सामंतों का उद्देश्य बन गया। साधन-संपन्न नए शहरों के उत्थान, बारूद के आविष्कार, तथा स्थानीय राजभक्ति के स्थान पर राष्ट्रभक्ति के उदय के कारण सामंतशाही का लोप हो गया।.

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सामंजस्य बौशकी

प्रोफेसर सामंजस्य बौशकी (Amazigh: ⵟoⵓⴼⵉⴽ Boⵓⵙⵀⴰⴽⵉ) एक अल्जीरियाई खगोल जो समझ के महान योगदान ऑक्सी ईंधन दहन प्रक्रिया हैैं। Boushaki भी वैज्ञानिक अनुसंधान के एक प्रमोटर है।.

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सामुदायिक रेडियो

रेडियो सेवा का एक प्रकार है सामुदायिक रेडियो, जो वाणिज्यिक और सार्वजनिक सेवा से परे रेडियो प्रसारण का एक तीसरा मॉडल प्रदान करता है। समुदाय स्टेशन भौगोलिक समुदायों और अभिरुचि के समुदायों की सेवा कर सकते हैं। वे ऎसी सामग्री का प्रसारण करते हैं जो कि किन्हीं स्थानीय/विशिष्ट श्रोताओं में लोकप्रिय है, जिनकी अनदेखी वाणिज्यिक या जन-माध्यम प्रसारकों द्वारा की जा सकती है। सामुदायिक रेडियो स्टेशन ऐसे समुदायों द्वारा परिचालित और संचालित होते हैं और उनका स्वामित्व भी उनका ही होता है, जिनके लिए वे सेवा प्रदान करते हैं। सामुदायिक रेडियो लाभ कमाने के लिए नहीं होते और यह व्यक्ति विशेष, समूह और समुदायों की अपनी विविध कहानियों को कहने, अनुभवों को बांटने की प्रक्रिया को सुगम बनाते हैं और संचार माध्यम से संपन्न दुनिया में सक्रिय स्रष्टा और संचार माध्यम के सहयोगी बनते हैं। दुनिया के कई हिस्सों में, स्वयंसेवी क्षेत्र, नागरिक समाज, एजेंसियों, गैर-सरकारी संगठनों और नागरिकों के लिए सामुदायिक रेडियो और अधिक सामुदायिक विकास तथा प्रसारण उद्देश्यों के कार्य में भागीदारी के माध्यम के रूप में काम करता है। फ्रांस, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड जैसे कई देशों में एक विशिष्ट प्रसारण क्षेत्र के रूप में सामुदायिक रेडियो की महत्वपूर्ण कानूनी परिभाषा की गयी है। परिभाषा के भाग के रूप में ज्यादातर कानूनों में सामाजिक लाभ, सामाजिक उद्देश्य, सामाजिक प्राप्ति जैसे वाक्यांश शामिल किये गये हैं। सामुदायिक रेडियो ऐतिहासिक रूप से विभिन्न देशों में विभिन्न ढंग से विकसित हुआ और इसलिए यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में इस शब्दावली का कुछ अलग-अलग अर्थ होता है। आयरलैंड में, सामुदायिक रेडियो १९७० के दशक के अंत से सक्रिय है; हालांकि आयरिश सन्दर्भ में सामुदायिक प्रसारण द्वारा पेश किये गये सामुदायिक रेडियो के 18 महीने के पायलट प्रोजेक्ट की संभाव्यता का पता लगाने और मूल्यांकन करने में स्वतंत्र रेडियो व टेलीविजन आयोग को १९९४ तक का समय लग गया। यह परियोजना १९९५ में परिचालन में चली गयी जब देश भर के ग्यारह समुदायों और अभिरुचि समूहों के समुदायों को लाइसेंस जारी किये गये। आयरलैंड के समुदाय रेडियो में प्रक्रिया (कार्यक्रम निर्माण में समुदायों द्वारा भागीदारी) और उत्पाद (कार्यक्रम निर्माण की आपूर्ति के जरिये समुदाय को सेवा प्रदान करना) दोनों को शामिल किया गया है। समुदाय की आवश्यकताओं द्वारा प्रक्रिया और उत्पाद का मिश्रण निर्धारित होता है और समुदाय द्वारा नियंत्रित एक प्रबंधन संरचना के माध्यम से इसे कार्यान्वित किया जाता है। आयरलैंड के स्टेशन भौगोलिक रूप और अभिरुचि या हित के समूह दोनों पर आधारित हैं। ब्रिटेन में, सामुदाय-आधारित सेवाओं के विचार के चिह्न कम से कम १९६० के दशक के आरंभ में बीबीसी (BBC) स्थानीय रेडियो की मूल अवधारणा के समय में पाए जा सकते हैं। इसके बाद भूमि-स्थित विभिन्न गैर-लाइसेंसी चोर रेडियो स्टेशनों (जैसे कि ईस्ट लंदन रेडियो और रेडियो एएमवाई: ऑल्टरनेटिव मीडिया फॉर यू) ने इस विचार को और विकसित किया। जैसे-जैसे ये चोर रेडियो १९७० के दशक के अंत में और १९८० के दशक के आरंभ में बड़ी तादाद में पैदा होने लगे, तब खासकर लंदन, बर्मिंघम, ब्रिस्टल और मैनचेस्टर जैसे शहरों में इन स्टेशनों के साथ अल्पसंख्यक आप्रवासी समुदायों (अफ्रीकी-कैरिबियाई और एशियाई आदि) के प्रसारण जुड़ने लगे.

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साम्राज्यवाद

सन १४९२ से अब तक के उपनिवेशी साम्राज्य विश्व के वे क्षेत्र जो किसी न किसी समय ब्रितानी साम्राज्य के भाग थे। साम्राज्यवाद (Imperialism) वह दृष्टिकोण है जिसके अनुसार कोई महत्त्वाकांक्षी राष्ट्र अपनी शक्ति और गौरव को बढ़ाने के लिए अन्य देशों के प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेता है। यह हस्तक्षेप राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक या अन्य किसी भी प्रकार का हो सकता है। इसका सबसे प्रत्यक्ष रूप किसी क्षेत्र को अपने राजनीतिक अधिकार में ले लेना एवं उस क्षेत्र के निवासियों को विविध अधिकारों से वंचित करना है। देश के नियंत्रित क्षेत्रों को साम्राज्य कहा जाता है। साम्राज्यवादी नीति के अन्तर्गत एक राष्ट्र-राज्य (Nation State) अपनी सीमाओं के बाहर जाकर दूसरे देशों और राज्यों में हस्तक्षेप करता है। साम्राज्यवाद का विज्ञानसम्मत सिद्धांत लेनिन ने विकसित किया था। लेनिन ने 1916 में अपनी पुस्तक "साम्राज्यवाद पूंजीवाद का अंतिम चरण" में लिखा कि साम्राज्यवाद एक निश्चित आर्थिक अवस्था है जो पूंजीवाद के चरम विकास के समय उत्पन्न होती है। जिन राष्ट्रों में पूंजीवाद का चरमविकास नहीं हुआ वहाँ साम्राज्यवाद को ही लेनिन ने समाजवादी क्रांति की पूर्ववेला माना है। चार्ल्स ए-बेयर्ड के अनुसार "सभ्य राष्ट्रों की कमजोर एवं पिछड़े लोगों पर शासन करने की इच्छा व नीति ही साम्राज्यवाद कहलाती है।" .

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सामूहिक सुरक्षा

300px सामूहिक सुरक्षा (Collective security) से आशय ऐसी क्षेत्रीय या वैश्विक सुरक्षा-व्यवस्था से है जिसका प्रत्येक घटक राज्य यह स्वीकारता है कि किसी एक राज्य की सुरक्षा सभी की चिन्ता का विषय है। यह मैत्री सुरक्षा (alliance security) की प्रणाली से अधिक महत्वाकांक्षी प्रणाली है। .

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सायकिल

भीतरी नली में हवा भरने के लिए बुड के हवा वाल्ब का बहुधा प्रयोग होता है, जिसकी बनावट चित्र 13.

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सार प्रदेश

सार प्रदेश (Saar Region) जर्मनी का एक भाग है। १९वीं शताब्दी तक यह लोरेन का एक भाग था। १९१९ ई. में जर्मनी के विभाजन के समय इसको १५ वर्षों के लिए फ्रांस को उसके उत्तरी खदानों की क्षतिपूर्ति स्वरूप दिया गया। सन्‌ १९३५ की १३ जनवरी के जनमत के अनुसार यह क्षेत्र जर्मनी के अधिकार में पुन: आ गया। द्वितीय महायुद्ध काल में इस प्रदेश को अत्यधिक क्षति पहुँची। तत्पश्चात्‌ यह फिर फ्रांस के अधीन हो गया। २७ अक्टूबर १९५६ ई. की फ्रांस‑जर्मनी-संधि के अनुसार १ जनवरी १९५७ ई. को सार पुन: जर्मनी के अधीन चला गया। इस प्रदेश का क्षेत्रफल २,५६७ वर्ग किलोमीटर है। यहाँ की जातियों में ७३.४% कैथोलिक तथा २५.३% प्रोटेस्टेंट हैं। सारब्रुकेन यहाँ की राजधानी है। संपूर्ण क्षेत्रफल के लगभग ५०% भाग में कृषि की जाती है तथा ३२% भाग जंगलों से ढका है। मुख्य फसलों में जई, जौ, गेहूँ, राई तथा चुकंदर हैं। कृषि के अतिरिक्त यहाँ खनिज एवं उद्योगों का भी विकास हुआ है। खानों से पर्याप्त कोयला निकलता तथा लोहा और इस्पात का निर्माण होता है। यहाँ के मुख्य नगरों में सारब्रुकेन, न्यू किरचन (New Kirchen), डडवाइलर (Dudweiler) तथा सूल्जबाच (Sulzbach) हैं। .

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सारा बर्नहार्ट

सारा बर्नहार्ट (22 या 23 अक्टूबर 1844 – 26 मार्च 1923) एक फ्रेंच अभिनेत्री थी जिन्होंने फ़्रांस के 19वीं और 20वीं सदियों के कई लोकप्रिय नाटकों में अभिनय किया, जैसे एलेक्जेंडर डूमास, fils के La Dame Aux Camelias, विक्टर ह्यूगो के Ruy Blas, Victorien Sardou के Fédora और La Tosca, तथा Edmund Rostand द्वारा L'Aiglon। उन्होंने शेक्सपीयर के हैमलेट सहित कई पुरुष किरदारों को भी निभाया। Rostand ने बर्नहार्ट को "पोज़ की रानी और इशारे की राजकुमारी" कहा और वहीं ह्यूगो ने उनकी "सुनहरी आवाज़" की प्रशंसा की। उसने विश्व-भर में बहुत सारे रंगमंच के लिए यात्राएँ की और वह सबसे पहले मुख्य अभीनेत्रियों में से एक थी जिन्होंने ध्वनि रिकॉर्डिंग की तथा चलचित्र में अभिनय किया। .

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साल्ज़बर्ग

(Såizburg; वस्तुतः: "सॉल्ट सिटी") ऑस्ट्रिया का चौथा सबसे बड़ा शहर है और यह साल्ज़बोर्ग के संघीय राज्य का शहर है। साल्ज़बोर्ग के "ओल्ड टाउन" (Altstadt) में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उच्छृंखल वास्तुकला है और यह आल्प्स के उत्तरी भाग के केन्द्र में स्थित सबसे बेहतरीन रूप से संरक्षित शहरों में से एक है। 1997 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया। यह शहर अपने अल्पाइन समायोजन के लिए विख्यात है। साल्ज़बोर्ग 18वीं सदी के संगीतकार वोल्फगैंग एमॅड्यूस मोज़ार्ट का जन्मस्थान था। 20वीं शताब्दी में मध्य में, इस शहर में अमेरिकी संगीत और फिल्म, साउंड ऑफ़ म्युज़िक के कुछ भागों को फिल्माया गया, जिसमें ऑस्ट्रिया के प्रसिद्ध स्थलों को दर्शाया गया है। यह संगीत रिचर्ड रोजर्स और ऑस्कर हैमरस्टेन द्वितीय के बीच एक साझेदारी थी। साल्ज़बोर्ग राज्य की राजधानी है (लैंड साल्ज़बोर्ग), इस शहर में तीन विश्वविद्यालय हैं। इसमें छात्रों की एक विशाल जनसंख्या मौजूद है जो उस क्षेत्र को सजीवता और ऊर्जा प्रदान करती है और ये विश्वविद्यालय जनसाधारण को संस्कृति प्रदान करते हैं। .

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साहित्य में नोबेल विजेताओं की सूची

ये साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची है: .

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सावित्री देवी मुखर्जी

सावित्री देवी मुखर्जी (30 सितंबर 1905 - 22 अक्टूबर 1982) यूनानी-फ्रांसीसी लेखक मैक्सिमियानी पोर्टास का उपनाम था (मैक्सिमिन पोर्टा भी लिखा गया) (1998).

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सांसद

सांसद, संसद में मतदाताओं का प्रतिनिधि होता है। अनेक देशों में इस शब्द का प्रयोग विशेष रूप से निम्न सदन के सदस्यों के लिए किया जाता है। क्योंकि अक्सर उच्च सदन के लिए एक अलग उपाधि जैसे कि सीनेट एवं इसके सदस्यों के लिये सीनेटर का प्रयोग किया जाता है सांसद अपनी राजनीतिक पार्टी के सदस्यों के साथ मिलकर संसदीय दल का गठन करते हैं। रोजमर्रा के व्यवहार में अक्सरसांसद शब्द के स्थान पर मीडिया में इसके लघु रूप "MP"का प्रयोग किया जाता है। .

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साइक्स-पिकाट समझौता

साइक्स-पिकाट समझौता, जो आधिकारिक तौर पर एशिया माइनर समझौते के रूप में जाना जाता है। ब्रिटेन और फ्रांस की सरकारों के बीच एक गुप्त समझौता था, जिसे रूस की स्वीकृति भी थी। यह समझौता पश्चिमी एशिया में ट्रिपल अंतेंत के अपने प्रस्तावित नियंत्रण और प्रभाव क्षेत्रों को परिभाषित करने के लिए था, अगर प्रथम विश्व युद्घ में ट्रिपल अंतेंत तुर्क साम्राज्य को हराने में सफल होता है। संधि की बातचीत नवंबर 1915 और मार्च 1916 के बीच हुई। समझौता 16 मई 1916 को संपन्न हुआ था। समझौते में प्रभावी ढंग से अरब प्रायद्वीप के बाहर तुर्क साम्राज्य के अरब प्रांतों को भविष्य के ब्रिटिश और फ्रांसीसी नियंत्रण या प्रभाव के क्षेत्रों में विभाजित किया गया था। इस पर फ्रांसीसी राजनयिक फ्रंकोईस जॉरजिस पिकाट और ब्रिटिश सर मार्क साइक्स से बातचीत हुई। रूसी जारिस्ट सरकार साइक्स - पिकाट समझौता के लिए एक छोटी मध्यस्थ पार्टी थी। और जब अक्टूबर 1917 की रूसी क्रांति के बाद बोल्शेविकों ने इस समझौते को उजागरकर दिया तब ब्रिटिश शर्मिंदा, अरब निराश और तुर्क खुश थे। .

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सिनेस

राष्ट्रीय अंतरिक्ष शोध केंद्र या नेशनल सेंटर ऑफ स्पेस रिसर्च (सिनेस) फ़्रांस की सरकार का एक राष्ट्रीय अभिकरण है| इसकी स्थापना सन १९६१ में हुई तथा इसका मुख्यालय पेरिस में स्थित है| यह अभिकरण गुयाना अंतरिक्ष केंद्र संचालित करता है| श्रेणी:विश्व के प्रमुख अंतरिक्ष संगठन श्रेणी:फ़्रांस.

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सिम्बाद

स्त्रासबूर्ग की वेधशाला सिम्बाद (अंग्रेज़ी: SIMBAD) हमारे सौर मंडल के बाहर पायी गयी खगोलीय वस्तुओं का एक कोष है। इसकी देख-रेख फ्रांस में स्थित "स्त्रासबूर्ग खगोलीय जानकारी केंद्र" (Centre de données astronomiques de Strasbourg) करता है। १४ जून २००७ तक इस कोष में ३८,२४,१९५ वस्तुएँ दर्ज थीं जिनके लिए १,१२,००,७९५ नाम भी दर्ज थे। इस केंद्र के योगदान को पहचानते हुए एक क्षुद्रग्रह का नाम इसके ऊपर "४६९२ सिम्बाद" रखा गया। .

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सिमोन टाटा

सिमोन टाटा नी डुनोयर, वर्तमान मे ट्रेंट लिमिटेड की अध्यक्षा और एक भारतीय व्यवसायी है। जन्म से फ्रांसीसी और स्विट्जरलैंड में शिक्षित, वह १९५५ में भारत आई और १९६१ में प्रबंध निदेशक के रूप में लक्मे में शामिल हुईं एवं १९८२ में उसकी अध्यक्षा बन गई। टाटा ऑयल मिल्स की एक छोटी सहायक कंपनी, भारत की अग्रणी कॉस्मेटिक कंपनियों में से एक बन गई। लक्मे के अध्यक्ष के रूप में, वह भारतीय मीडिया में "भारत के प्रसाधन सामग्री की जा़रिना" के रूप में जानी जाती थीं। १९८९ में उन्हे टाटा इंडस्ट्रीज के बोर्ड में नियुक्त किया गया। खुदरा क्षेत्र में विकास को देखते हुये, १९९६ में टाटा ने लक्मे को हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड (एचएलएल) को बेच दिया और बिक्री के माध्यम से बनाऐ पैसे से ट्रेंट बनाया गया। लक्मे के सभी शेयरधारकों को ट्रेंट में बराबर का हिस्सा दिया गया। वेस्टसाइड ब्रांड और दुकाने ट्रेंट के अंतर्गत आते है। सिमोन टाटा नवल एच. टाटा की पत्नी थी और टाटा समूह के वर्तमान अध्यक्ष श्री रतन नवल टाटा की सौतेली माँ है। .

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सिमोन द बोउआर

सिमोन द बुआ (फ़्रांसीसी: Simone de Beauvoir) (जन्म: ९ जनवरी १९०८ - मृत्यु: १४ अप्रैल १९८६) एक फ़्रांसीसी लेखिका और दार्शनिक हैं। स्त्री उपेक्षिता (फ़्रांसीसी: Le Deuxième Sexe, जून १९४९) जैसी महत्वपूर्ण पुस्तक लिखने वाली सिमोन का जन्म पैरिस में हुआ था। लड़कियों के लिए बने कैथलिक विद्यालय में उनकी आरंभिक शिक्षा हुई। उनका कहना था की स्त्री पैदा नहीं होती, उसे बनाया जाता है। सिमोन का मानना था कि स्त्रियोचित गुण दरअसल समाज व परिवार द्वारा लड़की में भरे जाते हैं, क्योंकि वह भी वैसे ही जन्म लेती है जैसे कि पुरुष और उसमें भी वे सभी क्षमताएं, इच्छाएं, गुण होते हैं जो कि किसी लड़के में। सिमोन का बचपन सुखपूर्वक बीता, लेकिन बाद के वर्षो में अभावग्रस्त जीवन भी उन्होंने जिया। १५ वर्ष की आयु में सिमोन ने निर्णय ले लिया था कि वह एक लेखिका बनेंगी। दर्शनशास्त्र, राजनीति और सामाजिक मुद्दे उनके पसंदीदा विषय थे। दर्शन की पढ़ाई करने के लिए उन्होंने पैरिस विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहां उनकी भेंट बुद्धिजीवी ज्यां पॉल सा‌र्त्र से हुई। बाद में यह बौद्धिक संबंध आजीवन चला। द सेकंड सेक्स का हिंदी अनुवाद स्त्री उपेक्षिता भी बहुत लोकप्रिय हुआ। १९७० में फ्रांस के स्त्री मुक्ति आंदोलन में सिमोन ने भागीदारी की। स्त्री-अधिकारों सहित तमाम सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर सिमोन की भागीदारी समय-समय पर होती रही। १९७३ का समय उनके लिए परेशानियों भरा था। सा‌र्त्र दृष्टिहीन हो गए थे। १९८० में सा‌र्त्र का देहांत हो गया। १९८५-८६ में सिमोन का स्वास्थ्य भी बहुत गिर गया था। निमोनिया या फिर पल्मोनरी एडोमा में खराबी के चलते उनका देहांत हो गया। सा‌र्त्र की कब्र के बगल में ही उन्हें भी दफनाया गया। .

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सिमों वूए

सिमों वूए का आत्मचित्र 'धन के रूपक (allegory La Richesse)' नामक चित्र सिमों वूए (Simon Vouet; १५९०-१६४९) फ्रांसीसी चित्रकार। इटली में चौदह वर्ष रहने के पश्चात् सिमों वूए फ्रांस वापस आया। सज्जात्मक चित्र बनाने में वह बड़ा निपुण था। धार्मिक आख्यानों पर उसने बड़े मार्मिक तथा रोचक चित्र बनाए हैं। वह अपने चित्रों में बड़े ही शीतल तथा कमनीय रंग लगाता था और उन्हें सुंदरता के साथ अलंकृत करता था। उसी के द्वारा फ्रांसीसी कला में शास्त्रीय वेनीशियन कला का सुमेल एक स्वस्थय रूप में पदार्पण करता है। श्रेणी:कलाकार.

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सिरका

विभिन्न आकार वाली सिरके की बोतलें सिरका या चुक्र (Vinagar) भोजन का भाग है जो पाश्चात्य, यूरोपीय एवं एशियायी देशों के भोजन में प्राचीन काल से ही प्रयुक्त होता आया है। किसी भी शर्करायुक्त विलयन के मदिराकरण के अनंतर ऐसीटिक (अम्लीयامیر) किण्वन (acetic fermentation) से सिरका या चुक्र (Vinegar, विनिगर) प्राप्त होता है। इसका मूल भाग ऐसीटिक अम्ल का तनु विलयन है पर साथ ही यह जिन पदार्थों से बनाया जाता है उनके लवण तथा अन्य तत्व भी उसमें रहते हैं। प्रायः भोजन के लिये प्रयुक्त सिरके में ४% से ८% तक एसेटिक अम्ल होता है। विशेष प्रकार का सिरका उसके नाम से जाना जाता है, जैसे मदिरा सिरका (Wine Vinegar), मॉल्ट (यव्य या यवरस) सिरका (Malt Vinegar), अंगूर का सिरका, सेब का सिरका (Cider Vinegar), जामुन का सिरका और कृत्रिम सिरका इत्यादि। .

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सिलाई मशीन

सन १८४५ में विकसित एलियास होवे की सिलाई मशीन सिलाई मशीन एक ऐसा यांत्रिक उपकरण है जो किसी वस्त्र या अन्य चीज को परस्पर एक धागे या तार से सिलने के काम आती है। इनका आविष्कार प्रथम औद्योगिक क्रांति के समय में हुआ था। सिलाई मशीनों से पहनने के सुंदर कपड़े छोटे-बड़े बैग, चादरें, पतली या मोटी रजाइयां सिली जाती हैं। सुंदर से सुंदर कढ़ाई की जाती है और इसी तरह बहुत कुछ किया जा सकता है। दो हजार से अधिक प्रकार की मशीनें भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए प्रयुक्त होती हैं जैसे कपड़ा, चमड़ा, इत्यादि सीने की। अब तो बटन टाँकने, काज बनाने, कसीदा का सब प्रकार की मशीनें अलग-अलग बनने लगी हैं। अब मशीन बिजली द्वारा भी चलाई जाती है। Needle plate, foot and transporter of a sewing machine Singer sewing machine (detail 1) .

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सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम

सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम अथवा सार्स (अति तीव्र श्वसन परिलक्षण) सार्स कोरोनावाइरस द्वारा जनित श्वसन से संबंधित रोग है। नवम्बर २००२ और जुलाई २००३ के बीच, दक्षिणी चीन में सार्स रोग प्रकोप आरम्भ हुआ जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न देशों में 8273 लोग संक्रमित हुए एवं 775 लोगों की मृत्यु हो गयी थी, इसमें सबसे अधिक संख्या हाँगकांग की रही। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार (9.6% मृत्यु)। २००३ के पूर्वार्द्ध में कुछ ही सप्ताह में सार्स विभिन्न ३७ देशों के व्यक्तियों में फैल गया। .

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सिविल सेवा

ग्वांगझोउ (चीन) में ७५०० कक्षों वाला परीक्षा-हाल (सन १८७३ में) सिविल सेवा (Civil servises) के दो अर्थ लगाये जाते हैं-.

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सिगार

विभिन्न ब्रांडों के चार सिगार (ऊपर से: एच. अपमैन, मोंटेक्रिस्टो, माकानुडो, रोमियो वाय जुलिएट) एक -सेमीएयरटाईट सिगार संग्रहण ट्यूब और एक डबल गिलोटिन-स्टाइल कटर सिगार सूखे और किण्वित तम्बाकू का कसकर-लपेटा गया एक बंडल होता है जिसको जलाकर उसके धुंए का कश मुंह के अंदर खींचा जाता है। सिगार का तम्बाकू ब्राज़ील, कैमरून, क्यूबा, डोमिनिकन गणराज्य, होंडुरास, इंडोनेशिया, मैक्सिको, निकारागुआ, फिलीपींस और पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में काफी मात्रा में उगाया जाता है। .

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सिंडिकवाद

सिंडिकवाद (Syndicalism) एक प्रकार का समाजवाद है जिसे पूँजीवाद का विकल्प माना जाता है। सिंडिकवाद सुझाव देता है कि उद्योगों का संगठन कॉनफेडरेशन या सिंडिकेट की तरह किया जाना चाहिये। सिंडिकवाद में उद्योगों का स्वामित्व श्रमिकों के हाथ में होता है। .

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सिंह (पशु)

सिंह (पेन्थेरा लियो) पेन्थेरा वंश की चार बड़ी बिल्लियों में से एक है और फेलिडे परिवार का सदस्य है। यह बाघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी सजीव बिल्ली है, जिसके कुछ नरों का वजन २५० किलोग्राम से अधिक होता है। जंगली सिंह वर्तमान में उप सहारा अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया से गायब हो गए थे। प्लेइस्तोसेन के अंतिम समय तक, जो लगभग १०,००० वर्ष् पहले था, सिंह मानव के बाद सबसे अधिक व्यापक रूप से फैला हुआ बड़ा स्तनधारी, भूमि पर रहने वाला जानवर था। वे अफ्रीका के अधिकांश भाग में, पश्चिमी यूरोप से भारत तक अधिकांश यूरेशिया में और युकोन से पेरू तक अमेरिका में पाए जाते थे। सिंह जंगल में १०-१४ वर्ष तक रहते हैं, जबकि वे कैद मे २० वर्ष से भी अधिक जीवित रह सकते हैं। जंगल में, नर कभी-कभी ही दस वर्ष से अधिक जीवित रह पाते हैं, क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों के साथ झगड़े में अक्सर उन्हें चोट पहुंचती है। वे आम तौर पर सवाना और चारागाह में रहते हैं, हालांकि वे झाड़ी या जंगल में भी रह सकते हैं। अन्य बिल्लियों की तुलना में सिंह आम तौर पर सामाजिक नहीं होते हैं। सिंहों के एक समूह जिसे अंग्रेजी मे प्राइड कहॉ जाता में सम्बन्धी मादाएं, बच्चे और छोटी संख्या में नर होते हैं। मादा सिंहों का समूह प्रारूपिक रूप से एक साथ शिकार करता है, जो अधिकांशतया बड़े अनग्युलेट पर शिकार करते हैं। सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं। सिंह आमतौर पर चयनात्मक रूप से मानव का शिकार नहीं करते हैं, फिर भी कुछ सिंहों को नर-भक्षी बनते हुए देखा गया है, जो मानव शिकार का भक्षण करना चाहते हैं। सिंह एक संवेदनशील प्रजाति है, इसकी अफ्रीकी रेंज में पिछले दो दशकों में इसकी आबादी में संभवतः ३० से ५० प्रतिशत की अपरिवर्तनीय गिरावट देखी गयी है। ^ डाटाबेस प्रवेश में एस बात का एक लंबा औचित्य सम्मिलित है कि यह प्रजाति संवेदनशील क्यों है। क्यों इस प्रजाति की दुर्दशा का एक भी सम्मिलित है सिंहों की संख्या नामित सरंक्षित क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों के बहार अस्थिर है। हालांकि इस गिरावट का कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, आवास की क्षति और मानव के साथ संघर्ष इसके सबसे बड़े कारण हैं। सिंहों को रोमन युग से पिंजरे में रखा जाता रहा है, यह एक मुख्य प्रजाति रही है जिसे अठारहवीं शताब्दी के अंत से पूरी दुनिया में चिडिया घर में प्रदर्शन के लिए रखा जाता रहा है। खतरे में आ गयी एशियाई उप प्रजातियों के लिए पूरी दुनिया के चिड़ियाघर प्रजनन कार्यक्रमों में सहयोग कर रहे हैं। दृश्य रूप से, एक नर सिंह अति विशिष्ट होता है और सरलता से अपने अयाल (गले पर बाल) द्वारा पहचाना जा सकता है। सिंह, विशेष रूप से नर सिंह का चेहरा, मानव संस्कृति में सबसे व्यापक ज्ञात जंतु प्रतीकों में से एक है। उच्च पाषाण काल की अवधि से ही इसके वर्णन मिलते हैं, जिनमें लॉसकाक्स और चौवेत गुफाओं की व नक्काशियां और चित्रकारियां सम्मिलित हैं, सभी प्राचीन और मध्य युगीन संस्कृतियों में इनके प्रमाण मिलते हैं, जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए गए। राष्ट्रीय ध्वजों पर, समकालीन फिल्मों और साहित्य में चित्रकला में, मूर्तिकला में और साहित्य में इसका व्यापक वर्णन पाया जाता है। .

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सिकन्दरिया

सूर्यास्तकालीन सिकन्दरिया. सिकन्दरिया की सड़कें. सिकन्दरिया (अंग्रेजी:Alexandria; अरबी: الإسكندرية अल-इस्कंदरिया), मिस्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहां की जनसंख्या 41 लाख है और यह देश का सबसे बड़ा समुद्री बंदरगाह है जहां मिस्र का लगभग 80% आयात और निर्यात कार्य संपन्न होता है। सिकन्दरिया एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल भी है। सिकन्दरिया, उत्तर-मध्य मिस्र में भूमध्य सागर के तट के किनारे लगभग दूर तक फैला हुआ है। यह बिब्लियोथेका अलेक्जेंड्रिना (नया पुस्तकालय) का घर है। एक अन्य शहर, स्वेज, से अपने प्राकृतिक गैस और तेल की पाइपलाइनों की वजह से यह मिस्र का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र बन गया है। प्राचीन काल में, सिकन्दरिया दुनिया के सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक था। इसकी स्थापना सिकंदर महान (अलेक्जेंडर द ग्रेट) ने लगभग (c.) 331 ई.पू.

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सग्रादा फैमिलिया

सग्रादा फैमिलिया (कातालोन्या उचारण:; अंग्रेज़ी भाषा: Basilica and Expiatory Church of the Holy Family) एक रोमन कैथोलिक गिरजाघर है। यह गिरजाघर बार्सिलोना स्पेन में स्थित है। इसे अन्तोनी गौदी (Antoni Gaudí) द्वारा (1852–1926) में बनाया गया था। हालंकि यह अभी पूरी तरह से निर्मित नहीं है लेकिन यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित किया है। नवम्बर 2010 में पोप बेनेडिक्ट सोहवें (Pope Benedict XVI) ने इसे एक छोटे पवित्र गिरजाघर (minor basilica) के रूप में घोषित किया था। सग्रादा फैमिलिया का निर्माण कार्य 1882 में शुरू हुआ था। विश्व प्रसिद्ध वास्तुकला विशेषज्ञ अन्तोनी गौदी इसमें 1883 में शामिल हुए थे। गौदी ने इसके निर्माण और योजना शैली को गोथिल और आधूनिल काल के गोलाईदार-लकीरी (curvilinear) आकारों के मिश्रण से एक नया आयाम दिया। उसने अपने जीवनकाल के अंतिम वर्ष इस परियोजना में लगा दिए और 73 की आयु में जब 1926 में उसका देहान्त हुआ था तब पाव से भी कम परियोजना पूरी हुई थी। सग्रादा फैमिलिया का निर्माण धीमी रफ़्तार से आगे बढ़ता गया क्योंकि उसे निजि दान पर निर्भर होना पड़ रहा था और एक बड़ी बाधा स्पेन के गृह युद्ध के रूप में उत्पन्न हुई थी। 1950 के दशक से कभी तेज़ी से तो कभी धीमी गति से कार्य बनता गया। 2010 तक आधा निर्माण हो चुका था। अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि पूरा निर्माण 2026 में समाप्त होगा जो कि गौदी के मृत्यु के पूरे सौ साल बाद का समय है। इस गिरजाघर के साथ बारसेलोना के लोगों को बाँटने का लम्बा इतिहास है: पहले तो सम्भावना की आशंका पर कि यह गिरजाघर सांता इयुलालिया या बारसेलोना कैथेडरेल से मुक़ाबला करेगा, फिर गौदी के द्वारा प्रस्तुत रूप-रेखा पर, फिर गौदी के देहान्त के पश्चात इस सन्देह पर निर्माण कार्य गौदी-द्वारा प्रस्तुत योजना से हटकर होगा, फिर हाल में रखे उस प्रस्ताव पर चिन्ता जिसके अनुसार स्पेन से फ्रांस तक एक सुरंग में रेल-मार्ग बनाना, जिससे शायद इस पूरे निर्माण के स्थायित्व पर प्रश्न पर लग जा रहा है। कला-प्रेमी रेनर ज़ेबस्त के अनुसार इस गिरजाघर जैसी कोई इमारत पूरे जगत के इतिहास में शायद नहीं मिलेगी। Rainer Zerbst, Gaudí — a Life Devoted to Architecture., pp.

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संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना २४ अक्टूबर १९४५ को संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। द्वितीय विश्वयुद्ध के विजेता देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र को अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से स्थापित किया था। वे चाहते थे कि भविष्य में फ़िर कभी द्वितीय विश्वयुद्ध की तरह के युद्ध न उभर आए। संयुक्त राष्ट्र की संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, फ़्रांस, रूस और संयुक्त राजशाही) द्वितीय विश्वयुद्ध में बहुत अहम देश थे। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में १९३ देश है, विश्व के लगभग सारे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश। इस संस्था की संरचन में आम सभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक व सामाजिक परिषद, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है। .

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संयुक्त राष्ट्र न्यास परिषद

संयुक्त राष्ट्र न्यास परिषद; United Nations Trusteeship Council; न्यास परिषद के पांच सदस्यों में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य ही शामिल होते हैं इसकी स्थापना ऐसे न्यास प्रदेशों के पर्यवेक्षण हेतु की गयी थी, जहां द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद स्वायत्त शासन की शुरूआत नहीं हो सकी थी। न्यास प्रदेशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय XII के अनुसार अंतरराष्ट्रीय न्यास व्यवस्था के अधीन रखा गया था। इस व्यवस्था का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को बनाये रखना, न्यास प्रदेशों की जनता के हितों को सवर्धित करना बिना किसी भेदभाव के मानव-अधिकारों एवं मौलिक स्वतंत्रताओं के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना तथा सभी न्यास क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों का उनके नागरिकों के साथ समान व्यवहार को सुनिश्चित करना है। मूल रूप में 11 न्यास प्रदेश थे। न्यास परिषद का कार्य इन क्षेत्रों में स्वतंत्र या स्वायत्त शासन की स्थापना में सहायता देना था। 31 अक्टूबर, 1994 तक सभी न्यास प्रदेशों को पृथक्रा ज्यों या पड़ोसी देशों के साथ विलीनीकरण के रूप में स्वतंत्रता प्राप्त हो चुकी थी। पलाऊ द्वीप समूह ऐसा अंतिम न्यास क्षेत्र था, जिस पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रशासन किया जा रहा था। पलाऊ में सुरक्षा परिषद द्वारा न्यास समझौता समाप्त किये जाने के पश्चात् 1 नवंबर, 1994 को न्यास परिषद ने अपने कार्य औपचारिक रूप से निलंबित कर दिये। फिर भी, न्यास परिषद का विघटन नहीं किया गया था। यह इस प्रावधान के साथ अस्तित्व में बनी रही कि आवश्यकता के अनुसार इसे पुनः क्रियाशील किया जा सकता है। हाल ही में, न्यास परिषद की भूमंडलीय पर्यावरण व संसाधन प्रणाली के न्यासी रूप में उपयोग करने का प्रस्ताव भी सामने रखा गया है। .

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संयुक्त राष्ट्र महासभा

संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly), संयुक्त राष्ट्र के छः अंगों में से एक हैं और यहीं केवल सर्वांगीण संस्था है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के समस्त सदस्य राष्ट्रों का सम प्रतिनिधित्व है। महासभा संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र के अंतर्गत आनेवाले समस्त विषयों पर तथा संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न अंगों की कार्यपरिधि में आनेवाले प्रश्नों पर विचार करती है और सदस्य राष्ट्रों एवं सुरक्षा परिषद् से उचित अभिस्ताव कर सकती है। यह संयुक्त राष्ट्र के पांच मुख्य अंगों में से एक है। इस सभा का हर वर्ष सब सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ सम्मेलन होता है। इन प्रतिनिधियों में से एक को अध्यक्ष चुना जाता है। क्योंकि समान्य सभा वह अकेला मुख्य अंग है जिसमें सब सदस्य देश सम्मिलित होते है, उसके सम्मेलन अधिकतर विवाद के मंच होते है। .

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संयुक्त राष्ट्र शांतिस्थापन

इस लेख में संयुक्त राष्ट्र संघ ने अब तक जिन विवादों हल करने में सफलता पायी है, उनका वर्णन किया गया है। .

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है, जिसका उत्तरदायित्व है अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना। परिषद को अनिवार्य निर्णयों को घोषित करने का अधिकार भी है। ऐसे किसी निर्णय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव कहा जाता है। सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य है ः पांच स्थाई और दस अल्पकालिक (प्रत्येक 2 वर्ष के लिए) पांच स्थाई सदस्य हैं चीन, फ़्रांस, रूस, ग्रेट ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका । इन पांच देशों को कार्यविधि मामलों में तो नहीं पर विधिवत मामलों में प्रतिनिषेध शक्ति है। बाकी के दस सदस्य क्षेत्रीय आधार के अनुसार दो साल की अवधि के लिए सामान्य सभा द्वारा चुने जाते है। सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है। .

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव

एक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव एक संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव है जो सुरक्षा परिषद के पंद्रह सदस्यों द्वारा अपनाया जाता हैं। सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र की वह इकाई है जो "अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव के लिए प्राथमिक जिम्मेदारी" के साथ आवेशित हैं। पांच स्थायी सदस्य चीनी जनवादी गणराज्य (जिसने 1971 में चीन गणराज्य को प्रतिस्थापित किया), फ़्रान्स, रूस (जिसने 1991 में निष्क्रिय सोवियत संघ को प्रतिस्थापित किया), यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य हैं। .

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों, को Permanent Five, Big Five, और P5 के नाम से भी जाना जाता है, जिनमे पांच निम्नलिखित सरकारे शामिल है: चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका। इन सदस्यों ने द्वितीय विश्व युद्ध में पाँच महान विजेताओं शक्तियों का प्रतिनिधित्व किया था। इन सभी स्थायी सदस्यों के पास वीटो का अधिकार है। .

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संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक तथा सामाजिक परिषद (अंग्रेज़ी लघुरूप:ईसीओएसओसी) संयुक्त राष्ट्र संघ के कुछ सदस्य राष्ट्रों का एक समूह है, जो सामान्य सभा को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग एवं विकास कार्यक्रमों में सहायता करता है। यह परिषद सामाजिक समस्याओं के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को प्रभावी बनाने में प्रयासरत है। इसके अनुसार विश्व में शांति बनाये करने का एकमात्र हल राजनीतिक नहीं है। इसकी स्थापना 1945 की गयी थी।।हिन्दुस्तान लाइव।14 नवंबर, 2009 आरंभिक समय में इस परिषद में मात्र 18 सदस्य होते थे। 1965 में संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र को संशोधित करके इसके सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 27 कर दी गई और 1971 में सदस्यों की संख्या बढ़कर 54 हो गई।।वॉयस ऑफ अमेरिका।23 अक्टूबर, 2008 प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। एक-तिहाई सदस्य प्रतिवर्ष पदमुक्त होते हैं, यानि प्रतिवर्ष 18 सदस्य बदले जाते हैं। पदमुक्त होने वाला सदस्य पुन: निर्वाचित भी हो सकता है। आर्थिक तथा सामाजिक परिषद में प्रत्येक सदस्य राज्य का एक ही प्रतिनिधि होता है। अध्यक्ष का कार्यकाल एक वर्ष के लिए होता है और उसका चयन ईसीओएसओसी के छोटे और मंझोले प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष सिल्वी ल्सूकस है। 1892 में आर्थिक और सामाजिक परिषद के अधिकारों को बढ़ाया गया। अल्जीरिया, चीन, बेलारुस, जापान, सूडान, न्यूजीलैंड इसके सदस्य हैं। यहां के निर्णय उपस्थित एवं मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत द्वारा लिए जाते हैं। किसी विशेष राज्य के विषय पर विचार करने के लिए जब परिषद की बैठक होती है, तो वह उस राज्य के प्रतिनिधि को आमंत्रित करती है। इस बैठक विशेष में उस प्रतिनिधि को मत देने का अधिकार नहीं होता है। परिषद हर वर्ष जुलाई में चार सप्ताह के लिए मिलती है और 1998 के बाद से वह अप्रैल में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक निधि के वित्तीय मंत्रियों के साथ एक और सम्मेलन होता है। आर्थिक एवं सामाजिक परिषद विश्व की जनसंख्या के जीवन में सुधार हेतु गरीबों, घायलों एवं अशिक्षितों की सहायता करके अंतर्राष्ट्रीय शांति बहाली के प्रयास करती है। यह अंतर्राष्ट्रीय मामलों में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य आदि मामलों का अध्ययन करती है। .

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संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र

संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र (United Nations Charter) वह पत्र है जिसपर 50 देशों के हस्ताक्षर द्वारा संयुक्त राष्ट्र स्थापित हुआ। अक्सर इस पत्र को संविधान माना जाता है, पर वास्तव में यह एक संधि है। इस पर अावश्यक 50 हस्ताक्षर 26 जून 1945 को हुए, पर संयुक्त राष्ट्र वास्तव में 24 अक्टूबर 1945 को स्थापित हुआ जब पांच मुख्य संस्थापक देशों (चीन गणराज्य, फ़्रांस, संयुक्त राज्य, संयुक्त राजशाही और सोवियत संघ) ने इस पत्र को स्वीकृत किया। .

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संरचनावाद

संरचनावाद (स्ट्रक्चरलिज्म) मानव विज्ञान की एक ऐसी पद्धति है जो संकेत विज्ञान (यानी संकेतों की एक प्रणाली) और सहजता से परस्पर संबद्ध भागों की एक पद्धति के अनुसार तथ्यों का विश्लेषण करने का प्रयास करती है। स्वीडन के प्रसिद्ध भाषाविद फर्दिनान्द द सस्यूर (Ferdinand de Saussure) इसके प्रवर्तक माने जाते हैं, जिन्हें हिन्दी में सस्यूर नाम से जाना जाता है। तर्क के संरचनावादी तरीके को विभिन्न क्षेत्रों जैसे, नृविज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, साहित्यिक आलोचना और यहां तक कि वास्तुकला में भी लागू किया गया है। इसने एक विधि के रूप में नहीं बल्कि एक बौद्धिक आंदोलन के रूप में संरचनावाद की भोर में प्रवेश किया, जो 1960 के दशक में फ्रांस में अस्तित्ववाद की जगह लेने आया था। 1970 के दशक में, यह आलोचकों के आन्तरिक गुस्से का शिकार हुआ, जिन्होंने इस पर बहुत ही 'अनमनीय' तथा 'अनैतिहासिक' होने का आरोप लगाया। हालांकि, संरचनावाद के कई समर्थकों, जैसे कि जैक्स लेकन ने महाद्वीपीय मान्यताओं और इसके आलोचकों की मूल धारणाओं पर ज़ोर देकर प्रभाव डालना शुरू किया कि उत्तर-संरचनावाद, संरचनावाद की निरंतरता है।जॉन स्टुरॉक, स्ट्रक्चरालिज़म एण्ड सिंस, परिचय.

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संघवाद

'''नीला''': एकात्मक राज्य '''हरा''': संघीय राज्य संघवाद (फेडलिज़्म) संवैधानिक राजसंचालन की उस प्रवृत्ति का प्रारूप है जिसके अंतर्गत विभिन्न राज्य एक संविदा द्वारा एक संघ की स्थापना करते हैं। इस संविदा के अनुसार एक संघीय सरकार एवं अनेक राज्य सरकारें संघ की विभिन्न इकाइयाँ हो जाती हैं। सामान्य रूप से प्रभुसत्ता का विभाजन संघीय एवं राज्यसरकारों के मध्य उनके संविधान में उल्लिखित होता है जो उस संविदा को अंतिम रूप से पुष्ट करता है। साधारणतया संघीय सरकार को ऐसे कार्यों के संचालन का भार दिया जाता है जिन्हें क्षेत्रविस्तार खर्चीला अथवा दुरूह होने के कारण राज्य स्वयं चलाने में कठिनाई प्रतीत करते हैं। अत: इन कार्यों के चलाने के लिए वे सब इकाइयाँ प्रतीत करते हैं। अत: इन कार्यों के चलाने के लिए वे सब इकाइयाँ अपनी राजशक्तियों का एक निश्चित भाग संघीय सरकार को अधिकार एवं साधन के रूप में प्रदान कर देते हैं। शेष अन्य विषयों में राज्य स्वयं कार्यभार वहन करते हैं एवं उसके प्रतिरूप अधिकार एवं साधन के रूप में प्रदान कर देते हैं। शेष अन्य विषयों में राज्य स्वयं कार्यभार वहन करते हैं एवं उसके प्रतिरूप अधिकार एवं साधन संविधान द्वारा लेते हैं। इस प्रकार एकात्मक संविधान (यूनिटरी संविधान) के विपरीत संघात्मक संविधान एक ही संविधान के अंतर्गत राजद्वै (डुवल पालिटी) को स्थापना करता है। परिणामस्वरूप ऐसे संघ के नागरिक दो प्रकार की सरकारों, संघीय एवं राज्य सरकारों के अधीनस्थ होते हैं। .

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संविधानी अदालत

High Court of Karnataka, Bangalore MMK.jpg संविधानी अदालत संविधानी अदालत अथवा संविधानी न्यायालय एक उच्च न्यायालय होता है जो मुख्यतः संवैधानिक नियमों को देखता है। इसका मुख्य कार्य नियमों के उल्लंघन को देखना और कुछ असंवैधानिक घटना का संज्ञान लेना होता है। इसके अतिरिक्त यह नये नियमों को भी देखता है और उसमें ध्यान रखता है कि कोई नया नियम किसी पुराने नियम के साथ विरोधाभाशी तो नहीं है। .

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संगीत गोष्ठी

पहले गायक या वादक अपने गायन या वादन का प्रदर्शन राजाओं या रईसों के सम्मुख करता था अथवा किसी धार्मिक उत्सव के समय मंदिरों में करता था। कभी-कभी वह मेले इत्यादि में भी जाकर अपनी कला का प्रदर्शन करता था। किंतु उसके पास ऐसा कोई साधन नहीं था जिसके द्वारा वह संगीत के एक पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम को जनता के सामने प्रस्तुत कर सके। यूरोप में इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, इत्यादि देशों में संगीतगोष्ठी का आयोजन प्रारंभ हुआ। इसे "कंसर्ट" (concert) कहते हैं। संगीत सभाएँ या संगीत विद्यालय अथवा कुछ व्यवसायी लोगों ने संगीतगोष्ठी का आयोजन प्रारंभ किया। किसी अच्छे कलाकार या कलाकारों के गायन वादन का कार्यक्रम किसी बड़े भवन में संपन्न होता था। इस संगीतगोष्ठी में जनता का प्रवेश टिकट या चंदे के द्वारा होने लगा। इस प्रकार की संगीतगोष्ठियाँ अमरीका और अन्य देशों में प्रारंभ हुई। बड़े बड़े नगरों में इस प्रकार की गोष्ठियों के लिए विशाल गोष्ठीभवन (concert hall) या सभाभवन (Auditorium) बन गए। भारत में इस प्रकार की संगीतगोष्ठी का आयोजन बंबई, पूना, कलकत्ता इत्यादि बड़े नगरों में प्रारंभ हो गया है। इन संगीतगोष्ठियों के अतिरिक्त भारत में कई स्थानों में संगीतोत्सव या संगीतपरिषदों का आयोजन भी होता है जिनमें बहुत से कलाकार एकत्र होते है और उनका कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। इनमें श्रोताओं का प्रवेश टिकट द्वारा होता है। यूरोप के 18वीं शती में संगीतगोष्ठी के आयोजन और प्रबंध के लिए बहुत सी संस्थाएँ स्थापित हो गई। ये संस्थाएँ संगीतगोष्ठियों का आयोजन करने लगीं और संचित द्रव्य में से कलाकार तथा आयोजन और प्रबंध के लिए एक भाग लेने लगीं। सामंतों और रईसों का आश्रय समाप्त होने पर कलाकारों के कार्यक्रम के आयोजन के लिए स्थान स्थान पर संस्थाएँ स्थापित होने लगी और 19वीं शती तक इन संस्थाओं ने एक अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय का रूप धारण कर लिया। संगीतगोष्ठी के अर्थ के अतिरिक्त फ्रांस, जर्मनी और इटली में कंसर्ट एक विशिष्ट वाद्य-संगीत-प्रबंध के अर्थ में भी प्रयुक्त होता है। श्रेणी:संगीत.

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संगीता गौड़

डॉ॰ संगीता गौड़ - संगीतकार, शास्त्रीय संगीत गायिका और नाट्य संगीत निर्देशक हैं। वे मानव संसाधन विकास मंत्रालय से हवेली संगीत में अनुसंधान के लिए फैलोशिप प्राप्त कर चुकी हैं। .

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स्ट्रासबर्ग

250px फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी

right स्टैचू ऑफ लिबर्टी न्यूयॉर्क हार्बर में स्थित एक विशाल मूर्ति है। तांबे की यह मूर्ति 151 फुट लंबी है, लेकिन चौकी और आधारशिला मिला कर यह 305 फुट ऊंची है। 22 मंज़िला इस मूर्ति के ताज तक पहुंचने के लिये 354 घुमावदार सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। अमेरिकन क्रांति के दौरान फ्रान्स और अमेरिका की दोस्ती के प्रतीक के तौर पर तांबे की बनी ये मूर्ति फ्रान्स ने 1886 में अमेरिका को दी थी। 2010 का अनुमान है कि इस मूर्ति को देखने रोज़ाना 12 से 14 हज़ार लोग आते हैं। श्रेणी:शिल्प श्रेणी:संयुक्त राज्य अमेरिका.

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स्टेड रोलैंड गर्रोस

स्टेड रोलैंड गर्रोस फ्रांस के पेरिस में स्थित एक टेनिस आयोजन स्थल है। फ्रेंच ओपन का आयोजन यहीं होता है। .

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स्टेथोस्कोप

आधुनिक परिश्रावक स्टेथॉस्कोप (Stethoscope) या परिश्रावक रोगी के रक्तसंचार की दशा का परीक्षण करने का उपकरण है। फ्रांस के चिकित्सक रेते लैनेक ने 1816 ई. में उर-परीक्षण के लिए एक यंत्र की खोज की, जिसके आधार पर प्रचलित परिश्रावक का निर्माण हुआ है। आजकल प्राय: सभी चिकित्सक द्विकर्णीय यंत्र को ही उपयोग में लाते हैं। इसके दो भाग होते हैं, एक वक्षखंड जो घंटी या प्राचीर प्रकार का होता है तथा दूसरा कर्णखंड। ये दोनों रबर की नलिकाओं द्वारा जुड़े रहते हैं। हृदय, फेफड़े, आँत, नाड़ियाँ और वाहनियाँ आदि जब रोग से ग्रस्त हो जाती हैं तब चिकित्सक इसी यंत्र द्वारा उनसे निकली ध्वनि को सुनकर जानता है कि ध्वनि नियमित है या अनियमित। अनियमित ध्वनि रोग का संकेत करती है। इस यंत्र से ध्वनि तेज पड़ती है। रोगपरीक्षण में एक अच्छे परिश्रावक का होना अति आवश्यक है। .

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स्टेपल्स

स्टेपल्स इन्कोरपोरेटेड एक स्टेशनरी और औफिस के सामान का दुनिया का सबसे बडा चेन स्टोर है। इसके दुनिया भर में १६०० स्टोर हैं। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, बेल्ज़ियम, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम में इसके स्टोर फैले हुए हैं। कंपनी का पहला स्टोर ब्राइटन, मैसाचुसेट्स में १९८६ में खुला था। कंपनी का मुख्य औफिस फ्रामिंघम, मैसाचुसेट्स में है। .

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स्टेविया

स्टेविया' माने मीठी तुलसी, सूरजमुखी परिवार (एस्टरेसिया) के झाड़ी और जड़ी बूटी के लगभग 240 प्रजातियों में पाया जाने वाला एक जीनस है, जो पश्चमी उत्तर अमेरिका से लेकर दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। स्टेविया रेबउडियाना प्रजातियां, जिन्हें आमतौर पर स्वीटलीफ, स्वीट लीफ, सुगरलीफ या सिर्फ स्टेविया के नाम से जाना जाता है, मीठी पत्तियों के लिए वृहत मात्रा में उगाया जाता है। स्वीटनर और चीनी स्थानापन्न के रूप में स्टेविया, चीनी की तुलना में धीरे-धीरे मिठास उत्पन्न करता है और ज्यादा देर तक रहता है, हालांकि उच्च सांद्रता में इसके कुछ सार का स्वाद कड़वापन या खाने के बाद मुलैठी के समान हो सकता है। इसके सार की मिठास चीनी की मिठास से 300 गुणा अधिक मीठी होती है, न्यून-कार्बोहाइड्रेट, न्यून-शर्करा के लिए एक विकल्प के रूप में बढ़ती मांग के साथ स्टेविया का संग्रह किया जा रहा है। चिकित्सा अनुसंधान ने भी मोटापे और उच्च रक्त चाप के इलाज में स्टेविया के संभव लाभ को दिखाया है। क्योंकि रक्त ग्लूकोज में स्टेविया का प्रभाव बहुत कम होता है, यह कार्बोहाइड्रेट-आहार नियंत्रण में लोगों को स्वाभाविक स्वीटनर के रूप में स्वाद प्रदान करता है। स्टेविया की उपलब्धता एक देश से दूसरे देश में भिन्न होती है। कुछ देशों में, यह दशकों या सदियों तक एक स्वीटनर के रूप में उपलब्ध रहा, उदाहरण के लिए, जापान में वृहद मात्रा में स्वीटनर के रूप में स्टेविया का प्रयोग किया जाता है और यहां यह दशकों से उपलब्ध है। कुछ देशों में, स्टेविया प्रतिबंधित या वर्जित है। अन्य देशों में, स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और राजनीतिक विवादों के कारण इसकी उपलब्धता को सीमित कर दिया गया है, उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य में 1990 के दशक के प्रारंभ में स्टेविया को प्रतिबंधित कर दिया गया था, जब तक उसे एक पूरक के रूप में चिह्नित न किया गया हो, लेकिन 2008 में खाद्य योज्य के रूप में रिबाउडायोसाइड-A को मंजूरी दे दी गई है। कई वर्षों के दौरान, ऐसे देशों की संख्या में वृद्धि हुई है जहां स्टेविया स्वीटनर के रूप में उपलब्ध है। .

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स्नातकोत्तर डिग्री

स्नातकोत्तर डिग्री एक शैक्षणिक डिग्री है जिसे अध्ययन के एक विशेष क्षेत्र अथवा पेशेवर अभ्यास के क्षेत्र में अध्ययन करने वाले उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने उसमें प्रवीणता या उच्च स्तरीय ज्ञान प्रदर्शित किया है। अध्ययन किये गए विषय में, स्नातकों को सैद्धांतिक और व्यावहारिक विषय का उन्नत ज्ञान होता है; विश्लेषण, आलोचनात्मक मूल्यांकन और/या पेशेवर अनुप्रयोग में उच्च स्तरीय कौशल होता है; और जटिल समस्याओं को हल करने की और यथातथ्य और स्वतंत्र रूप से विचार करने की क्षमता होती है। कुछ भाषाओं में, स्नातकोत्तर की डिग्री को मजिस्टर कहा जाता है और मजिस्टर या कौग्नेट को भी उस व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जिसके पास यह डिग्री है। इसी स्तर की कई डिग्रियां हैं, जैसे कि इंजीनियर की डिग्री, जिसका नाम ऐतिहासिक कारणों से अलग-अलग है। स्नातकोत्तर डिग्री की सूची देखें। संयुक्त राज्य अमेरिका में हाल ही में इन डिग्रियों के लिए कार्यक्रमों में वृद्धि की गई है; 1970 के दशक की तुलना में अब दोगुना से अधिक ऐसी डिग्रियों को प्रदान किया जाता है। यूरोप में, स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान करने के लिए स्थितियों का एक मानकीकरण किया गया है और अधिकांश देश सभी विषयों में डिग्री प्रदान करते हैं। .

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स्पेन

स्पेन (स्पानी: España, एस्पाञा), आधिकारिक तौर पर स्पेन की राजशाही (स्पानी: Reino de España), एक यूरोपीय देश और यूरोपीय संघ का एक सदस्य राष्ट्र है। यह यूरोप के दक्षिणपश्चिम में इबेरियन प्रायद्वीप पर स्थित है, इसके दक्षिण और पूर्व में भूमध्य सागर सिवाय ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र, जिब्राल्टर की एक छोटी से सीमा के, उत्तर में फ्रांस, अण्डोरा और बिस्के की खाड़ी (Gulf of Biscay) तथा और पश्चिमोत्तर और पश्चिम में क्रमश: अटलांटिक महासागर और पुर्तगाल स्थित हैं। 674 किमी लंबे पिरेनीज़ (Pyrenees) पर्वत स्पेन को फ्रांस से अलग करते हैं। यहाँ की भाषा स्पानी (Spanish) है। स्पेनिश अधिकार क्षेत्र में भूमध्य सागर में स्थित बेलियरिक द्वीप समूह, अटलांटिक महासागर में अफ्रीका के तट पर कैनरी द्वीप समूह और उत्तरी अफ्रीका में स्थित दो स्वायत्त शहर सेउटा और मेलिला जो कि मोरक्को सीमा पर स्थित है, शामिल है। इसके अलावा लिविया नामक शहर जो कि फ्रांसीसी क्षेत्र के अंदर स्थित है स्पेन का एक ''बहि:क्षेत्र'' है। स्पेन का कुल क्षेत्रफल 504,030 किमी² का है जो पश्चिमी यूरोप में इसे यूरोपीय संघ में फ्रांस के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश बनाता है। स्पेन एक संवैधानिक राजशाही के तहत एक संसदीय सरकार के रूप में गठित एक लोकतंत्र है। स्पेन एक विकसित देश है जिसका सांकेतिक सकल घरेलू उत्पाद इसे दुनिया में बारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाता है, यहां जीवन स्तर बहुत ऊँचा है (20 वां उच्चतम मानव विकास सूचकांक), 2005 तक जीवन की गुणवत्ता सूचकांक की वरीयता के अनुसार इसका स्थान दसवां था। यह संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, नाटो, ओईसीडी और विश्व व्यापार संगठन का एक सदस्य है। .

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स्पेन का स्वतंत्रता संग्राम

०२ मई १८०८: फ्रांसिस्को डी गोया द्वारा १८१४ में चित्रित 'The Charge of the Mamelukes' नेपोलियन बोनापार्ट के साम्राज्य तथा स्पेन, ब्रिटेन और पुर्तगाल की सम्मिलित सेनाओं के बीच हुआ युद्ध स्पेन का स्वतंत्रता संग्राम (स्पेनी भाषा:Guerra de la Independencia Española) या प्रायद्वीपीय युद्ध (Peninsular War) (1807–1814) कहलाता है। स्पेन ने समय-समय पर फ्रांस को सहायता दी थी। इस समय स्पेन का शासक चार्ल्स चतुर्थ था किन्तु उसके निष्क्रिय शासन के स्थान पर जनमत उसके पुत्र राजकुमार फर्डिनेण्ड को शासक बनान चाहती थी। अतः चार्ल्स ने फर्डिनेण्ड के पक्ष में पद त्याग दिया। इसी समय नेपोलियन ने फर्डिनेण्ड को एक तरह से नजरबन्द कर अपने भाई नेपल्स के राजा जोजफ को स्पेन का राजा बनाया (1808) और नेपल्स अपने बहनोई म्यूरा को दे दिया। वस्तुतः पुर्तगाल में फ्रांस व स्पेन के संयुक्त अभियान के कारण नेपोलियन को फ्रांसीसी सेनाएँ स्पेन में भेजने का अवसर मिल गया और मौका देख उसने स्पने पर अधिकार कर लिया। नेपोलियन के इस कदम से स्पेनिश जनता अपमानित महसूस कर रही थी। स्पेनवासियों में राष्ट्रीय भावना का संचार हुआ और पूरा राष्ट्र नेपोलियन के विरूद्ध उठ खड़ा हुआ। जगह-जगह प्रबंध समितियाँ स्थापित की जाने लगी, 'पोप के शत्रु' के विनाश का अच्छा अवसर देखते हुए कैथोलिक पादरियों ने लोगों को उकसाना शुरू किया। Zunta नामक संगठन ने गुरिल्ला पद्धति से लड़ने के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना आरंभ कर दिया। स्पेन की जनता की नजर में नेपोलियन राष्ट्रीय एकता का संहारक और राजमुकुट का विनाशक था। अतः उन्होंने गुरिल्ला युद्ध शुरू कर दिया। यह युद्ध 1808 से 1814 तक चलता रहा। जुलाई 1808 में बेलन के युद्ध में फ्रांसीसी सेना पराजित हुई। स्थल में, नेपोलियन की सेना की यह प्रथम पराजय थी। स्पेनवासियों का उत्साह बढ़ा और पूरे यूरोप में सनसनी फैल गई। जोजेफ स्पेन छोड़ भाग खड़ा हुआ। ऐसी स्थिति में नेपोलियन ने स्पेन पर हमला किया और उसे पराजित कर पुनः जोजफ को सिंहासन पर बैठाया। स्पेन में फंसे रहने के कारण साम्राज्य पर वह ध्यान नहीं दे पाया। 1809 ई. में यूरोपीय गतिविधयों के कारण नेपोलियन को एक बड़ी सेना स्पेन में छोड़ मध्य यूरोप की ओर जाना पड़ा। इसके बाद उसका स्पेन आना संभव नहीं हुआ। स्पेन में राष्ट्रवादी पुनः सक्रिय हो गए और जोजफ का शासन लड़खड़ाने लगा। इंग्लैण्ड ने स्पेन का समर्थन देकर कई स्थानों पर फ्रांसीसी सेना को परास्त किया और अंततः स्पेन फ्रांसीसी आधिपत्य से मुक्त हुआ। स्पेन का युद्ध नेपोलियन के लिए अत्यंत विनाशकारी साबित हुआ। एक तरफ इसने जहाँ नेपोलियन के लाखों सैनिकों व योग्य सेनापतियों को नष्ट कर दिया तो दूसरी तरफ युद्ध में व्यस्त रहने के कारण शेष यूरोप की ओर ध्यान भी नहीं दे सका। स्पेन की विजय ने नेपोलियन की अपराजेयता के मिथक को तोड़ा और यूरोप में सोई राष्ट्रीयता की भावना को जगाया। इसी राष्ट्रवाद की भावना से पे्ररित होकर आगे आस्ट्रिया ने फ्रांस के विरूद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। इस प्रकार स्पेनिश युद्ध के संदर्भ में नेपोलियन का यह कहना ठीक है कि स्पेन के नासूर ने मुझे बर्बाद कर दिया। .

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स्पेनी गृहयुद्ध

स्पेन का गृहयुद्ध (स्पेनी भाषा: Guerra Civil Española), 1936 से 1939 तक चला। यह युद्ध स्पेन के रिपब्लिकनों और राष्ट्रवादियों के बीच हुआ। इसे प्रायः लोकतन्त्र तथा फासीवाद के बीच युद्ध माना जाता है किन्तु अनेक इतिहासकार मानते हैं कि यह युद्ध वस्तुतः वामपंथी क्रांतिकारियों एवं दक्षिणपन्थी प्रतिक्रान्तिकारियों के बीच हुआ था। इस युद्ध में अन्ततः राष्ट्रवादियों की विजय हुई और उसके पश्चात फ्रैकों अगले ३६ वर्षों तक (१९७५ में अपनी मृत्यु तक) स्पेन का शासक बना रहा। पापुलर फ्रंट के सत्तासीन होने के साथ एवं उनकी दक्षिणपंथी एवं मध्यमार्गियों के विरूद्ध अपनायी गयी नीतियों के कारण स्पेन गृहयुद्ध के कगार पर खड़ा हो गया। दक्षिणपंथी जनलर सांजुर्जो ने हिटलर से भेंटकर सहायता का आश्वासन प्राप्त किया। 12 जुलाई, 1936 ई. को दक्षिणपंथियों ने पुलिस अधिकारी केस्टिलो की हत्या कर दी। 13 जुलाई को इस घटना से उत्तेजित हो वामपंथियों ने एक दक्षिणपंथी सेनाधिकारी काल्वो सोटेलो की हत्या कर दी। इस प्रकार स्पेन में गृह युद्ध छिड़ गया। 17 जुलाई को मोरक्को में स्थित स्पेनी सेनाओं ने जनरल फ्रांकों के नेतृत्व में विद्रोह का बिगुल फूँक दिया। दक्षिणपंथी सैन्य अधिकारियों ने भी सशस्त्र संघर्ष छेड़ दिया। बाद में दक्षिणपंथियों का नेतृत्व भी जनरल फ्रांकों द्वारा संभाल लिया गया। इन विद्रोहियों को सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ राजतंत्रवादियों, फासिस्ट एवं चर्च का भी समर्थन प्राप्त था। इटली एवं जर्मनी से भी इन्हें मदद मिल रही थी। गृह युद्ध के दौरान ही सितंबर, 1936 ई. में वामपंथी फ्रांसिस्को लार्गा केवेलरो ने नवीन मंत्रिमण्डल का गठन कर उसमें समाजवादियों एवं साम्यवादियों को भी सम्मिलित किया। केवेलरों ने मजदूरों एवं कृषकों का भी सहयोग प्राप्त किया, परंतु नवंबर, 1936 ई.

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स्मारक

पार्थेनोन को प्राचीन ग्रीस और अथीनियान लोकतंत्र के एक स्थायी प्रतीक के रूप में माना जाता है और दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक स्मारकों में से एक माना जाता है। इंडिया गेट (युद्ध स्मारक) ताजमहल, भारत, मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा निर्मित, उनकी पत्नी अर्जुमंद बानो बेगम के लिए एक मकबरे के रूप में. अल्माडा में द क्रिस्टो रिए-अल्माडा (क्राइस्ट राजा), ब्राजील में दुनिया भर के सबसे बड़े स्मारकों में से एक है। पेरिस, फ्रांस में एफिल टॉवर सबसे प्रसिद्ध स्मारक है। Kosciuszko माउंड, क्राको, पोलैंड Tadeusz Kosciuszko को श्रद्धांजलि देता है राष्ट्रीय स्मारक, जकार्ता, इंडोनेशिया की स्वतंत्रता का उत्सव मनाते हुए स्मारक एक ऐसी संरचना है जो या तो खास तौर पर किसी व्यक्ति या महत्वपूर्ण घटना की स्मृति में बनाई गई है, या किसी सामाजिक तबके के लिए उसके पुराने अतीत की याद दिलाने के रूप में महत्वपूर्ण बन गई है। .

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स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्र का वार्षिक उत्सव या सालगिरह होता है। अधिकांश देशों में अपने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय छुट्टी होती हैं। .

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स्वतंत्रता स्मारक (कम्पूचिया)

स्वतंत्रता स्मारक (ख्मेर:វិមានឯករាជ្យ, "विम्येन एकऽरीच"; संस्कृत:विमान एकराजम् से) कम्पूचिया(कम्बोडिया) की राजधानी, नोम पेन्ह में स्थित एक स्मारक है, जिसे वर्ष 1958 में कम्पूचिया की फ्रांस से स्वनंत्रताप्रापती की स्मृती में निर्मित किया गया था। इसका उदधाटन 9 नवम्बर 1962 को, स्वतंत्रता की 9वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुआ था। दृढ़ पारम्परिक वास्तूशैली में बना यह स्मारक नोम पेन्ह के केन्द्र में नोरोदोम और सिंहानोउक मार्गों के चौराहे पर स्थित है। इसकी बनावट को विख्यात कम्बोडियाई वास्तुकार(आर्क़िटेक्ट) वान्न मौलीवान्न ने तईयार किया था। .

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स्वर्ण मानक

सोने के मानक में पेपर नोट्स प्री-सेट में परिवर्तनीय हैं जिसमें निश्चित मात्रा में सोने होते हैं। सोने का मानक या स्वर्ण मानक एक मौद्रिक प्रणाली है, जिसमें सोने का एक तय वजन मानक आर्थिक मूल्य की इकाई होती है। सोने के मानक के भिन्न प्रकार होते हैं। सबसे पहले, स्वर्ण मुद्रा मानक एक प्रणाली है जिसमें मौद्रिक इकाई सोने के सिक्कों के साथ संबद्ध होती है या फिर किसी कम मूल्यवान धातु से बने पूरक सिक्के के साथ संयोजन में एक ख़ास परिसंचारी स्वर्ण मुद्रा के मामले में मूल्य की इकाई परिभाषित होती है। इसी प्रकार, स्वर्ण विनिमय मानक में आमतौर पर सिर्फ चांदी या अन्य धातुओं से बने सिक्कों का प्रचलन अंतर्भूत होता है, लेकिन जहां सरकारें अन्य देश के साथ एक तय विनिमय दर की गारंटी करती हैं तब वह सोने के मानक पर तय होता है। यह निजत: एक सोने के मानक का निर्माण करता है, उसमें चांदी के अंतर्जात मूल्य से स्वतंत्र सोने के सन्दर्भ में चांदी के सिक्कों के मूल्य के एक तय बाह्य मूल्य होते हैं। अंत में, स्वर्ण बुलियन मानक एक ऐसी प्रणाली है जिसमें सोने के सिक्के प्रचलन में नहीं होते, मगर जिसमें सरकारों ने प्रचलित करेंसी (मुद्रा) के साथ विनिमय की मांग पर एक तय कीमत पर स्वर्ण बुलियन (सोने की ईंटें) बेचने पर सहमति व्यक्त की है। 1882 से लेकर 1933 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में पेपर करेंसी के रूप में गोल्ड सर्टिफिकेट्स इस्तेमाल किया जाता है। इन प्रमाणपत्रों को स्वतंत्र रूप से सोने के सिक्कों में परिवर्तनीय है। .

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स्वेज़ नहर

स्वेज नहर की स्थिति तथा उसका अंतरिक्ष से लिया गया चित्र स्वेज नहर (Suez canal) लाल सागर और भूमध्य सागर को संबंद्ध करने वाली एक नहर है। सन् 1859 में एक फ्रांसीसी इंजीनियर फर्डीनेण्ड की देखरेख में स्वेज नहर का निर्माण शुरु हुआ था। यह नहर आज 165 किमी लंबी, 48 मी चौड़ी और 10 मी गहरी है। दस वर्षों में बनकर यह तैयार हो गई थी। सन् 1869 में यह नहर यातायात के लिए खुल गई थी। पहले केवल दिन में ही जहाज नहर को पार करते थे पर 1887 ई. से रात में भी पार होने लगे। 1866 ई. में इस नहर के पार होने में 36 घंटे लगते थे पर आज 18 घंटे से कम समय ही लगता है। यह वर्तमान में मिस्र देश के नियंत्रण में है। इस नहर का चुंगी कर बहुत अधिक है। इस नहर की लंबाई पनामा नहर की लंबाई से दुगुनी होने के बाद भी इसमें पनामा नहर के खर्च का 1/3 धन ही लगा है। .

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स्वेज़ संकट

सन १९५६ के में पहले इज़राइल तथा बाद में ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा मिस्र पर किया गया आक्रमण स्वेज संकट (Suez Crisis) कहलाता है। यह आक्रमण स्वेज नहर पर पश्चिमी देशों का नियंत्रण पुनः स्थापित करने तथा मिस्र के राष्ट्रपति नासिर को सत्ता से हटाने के उद्देश्य से किया गया था। युद्ध शुरू होने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और राष्ट्र संघ ने इसमें राजनयिक हस्तक्षेप किया और आक्रमनकारी देश पीछे हटने को बाध्य हुए। .

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स्काइप

स्काइप, एक सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन है जो प्रयोक्ताओं को इंटरनेट पर वॉइस व वीडियो कॉल करने की अनुमति प्रदान करता है। इस सेवा के अंतर्गत अन्य प्रयोक्ताओं को किए गए कॉल और कुछ-कुछ देशों में निःशुल्क नंबरों पर किए गए कॉल, निःशुल्क होते हैं जबकि अन्य लैंडलाइनों और मोबाइल फोनों पर एक शुल्क के एवज में कॉल किया जा सकता है। अतिरिक्त विशेषताओं या सुविधाओं में त्वरित संदेशन, फ़ाइल स्थानांतरण और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शामिल हैं। स्काइप की रचना, एस्टोनिया के डेवलपरों - ऐह्टी हेइंला, प्रीट कैसेसलू और जान टॉलिन ने किया जिन्होंने मूलतः कैज़ा (Kazaa) को भी विकसित किया था। स्वीडिश-मूल के उद्यमी निकलस ज़ेनस्ट्रॉम और डेनमार्क-निवासी जेनस फ्रीस द्वारा स्थापित, स्काइप ग्रूप (Skype Group) का मुख्यालय, लग्ज़ेमबर्ग में और कार्यालय, लंदन, टॉलिन, टार्टू, स्टॉकहोम, प्राग, और सैन जोस, कैलिफोर्निया में हैं। इस परियोजना के प्रारंभिक नामों में से एक नाम था - "स्काइ पियर-टु-पियर" जिसे उस समय "स्काइपर" के रूप में संक्षिप्त किया गया था। हालांकि, "स्काइपर" से संबंधित कुछ डोमेन नाम पहले से ही प्रयोग में थे। इसलिए अंतिम अक्षर "r" को हटाकर मौजूदा शीर्षक "स्काइप" प्राप्त किया गया जिसके डोमेन नाम उपलब्ध थे। ईबे (eBay) ने सितंबर 2005 में 2.6 बिलियन डॉलर के बदले इस कंपनी पर अपना अधिग्रहण स्थापित कर लिया। ईबे (eBay) ने स्काइप की पुस्तकों के निर्माण के पीछे 1.7 बिलियन डॉलर खर्च किया और स्काइप को एक अलग कंपनी के रूप में प्रतिष्ठित करके 2010 के सार्वजनिक शेयर के एक प्रस्ताव की भी घोषणा की। मूल रचनाकारों के साथ होने वाले एक सॉफ्टवेयर लाइसेंस विवाद के कारण, डर के तहत, कुछ मीडिया आउटलेटों ने स्काइप की प्रस्तावित बिक्री और उसके मौजूदा प्रावधान की विशेषताओं का उल्लेख किया। 1 सितंबर 2009 को सिल्वर लेक (Silver Lake) के नेतृत्व में निवेशकों के एक समूह ने 1.91 बिलियन डॉलर में स्काइप के 65% भाग को खरीद लिया। बाद में जब ईबे (eBay) और नए निवेशकों ने मूल संस्थापकों की एक नियंत्रक कंपनी के द्वारा प्रस्तुत किए गए मुकदमे पर समझौता कर लिया तब इस राशि को समायोजित कर दिया गया। इस बात का भी पता चला कि अंतर्निहित पियर-टु-पियर (सहकर्मी-दर-सहकर्मी) प्रौद्योगिकी पर सदा ही नियंत्रक कंपनी का स्वामित्व था। इस मुकदमे का निपटान अंततः स्वामित्व के अधिकार का बंटवारा करके किया गया जिसके अंतर्गत नए निवेशकों को 56%, मूल संस्थापकों को 14% और ईबे (eBay) को 30% स्वामित्व प्रदान किया गया। .

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सौर ऊर्जा

विश्व के विभिन्न भागों का औसत सौर विकिरण (आतपन, सूर्यातप)। इस चित्र में जो छोटे-छोटे काले बिन्दु दिखाये गये हैं, यदि उनके ऊपर गिरने वाले सम्पूर्ण सौर विकिरण का उपयोग कर लिया जाय तो विश्व में उपयोग की जा रही सम्पूर्ण ऊर्जा (लगभग 18 टेरावाट) की आपूर्ति इससे ही हो जायेगी। यूएसए के कैलिफोर्निया के सान बर्नार्डिनो में 354 MW वाला SEGS सौर कम्प्लेक्स सौर ऊर्जा वह उर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। सौर ऊर्जा ही मौसम एवं जलवायु का परिवर्तन करती है। यहीं धरती पर सभी प्रकार के जीवन (पेड़-पौधे और जीव-जन्तु) का सहारा है। वैसे तो सौर उर्जा के विविध प्रकार से प्रयोग किया जाता है, किन्तु सूर्य की उर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर उर्जा के रूप में जाना जाता है। सूर्य की उर्जा को दो प्रकार से विदुत उर्जा में बदला जा सकता है। पहला प्रकाश-विद्युत सेल की सहायता से और दूसरा किसी तरल पदार्थ को सूर्य की उष्मा से गर्म करने के बाद इससे विद्युत जनित्र चलाकर। .

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सैन्य विज्ञान

सैन्य विज्ञान (Military Science) के अन्तर्गत युद्ध एवं सशस्त्र संघर्ष से सम्बन्धित तकनीकों, मनोविज्ञान एवं कार्य-विधि (practice) आदि का अध्ययन किया जाता है। भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख देश जैसे अमेरिका, इजराइल, जर्मनी, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, रूस, इंगलैंड, चीन, फ्रांस, कनाडा, जापान, सिंगापुर, मलेशिया में सैन्य विज्ञान विषय को सुरक्षा अध्ययन (Security Studies), रक्षा एवं सुरक्षा अध्ययन (Defence and Security Studies), रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन (Defence and Strategic studies), सुरक्षा एवं युद्ध अध्ययन नाम से भी अध्ययन-अध्यापन किया जाता है। सैन्य विज्ञान ज्ञान की वह शाखा है जिसमें सैनिक विचारधारा, संगठन सामग्री और कौशल का सामाजिक संदर्भ में अध्ययन किया जाता है। आदिकाल से ही युद्ध की परम्परा चली आ रही है। मानव जाति का इतिहास युद्ध के अध्ययन के बिना अधूरा है और युद्ध का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी मानव जाति की कहानी। युद्ध मानव सभ्यता के विकास के प्रमुख कारणों में से एक हैं। अनेक सभ्यताओं का अभ्युदय एवं विनाश हुआ, परन्तु युद्ध कभी भी समाप्त नहीं हुआ। जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ वैसे-वैसे नवीन हथियारों के निर्माण के फलस्वरूप युद्ध के स्वरूप में परिवर्तन अवश्य आया है। सैन्य विज्ञान के अन्तर्गत युद्ध एवं सशस्त्र संघर्ष से सम्बन्धित तकनीकों, मनोविज्ञान एवं कार्य-विधि आदि का अध्ययन किया जाता है। सैन्य विज्ञान के निम्नलिखित छः मुख्य शाखायें हैं.

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सैन्य व्यय के अनुसार देशों की सूची

सेना पर खर्च इस लेख में प्रतिवर्ष (या किसी विशेष वर्ष में) सेना पर किए जाने वाले खर्च के अनुसार विभिन्न देशों की स्थिति बतायी गयी है। खर्च के ये आंकड़े अमेरिकी डॉलर में व्यक्त किये गये हैं। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार सेना पर सर्वाधिक खर्च करने वाले छः देश हैं- यूएसए, चीन, रूस, यूके, जापान तथा फ्रांस। .

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सैन्य और अर्धसैनिक बलों की संख्या के आधार पर देशों की सूची

विश्व के देशों में २००९ तक सक्रीय बल इस सूची में विश्व के देशों के संख्या के आधार पर सेना और अर्धसैनिक बल है । इसमें पूर्णकालिक सेना और अर्धसैनिक बल सम्मिलित है । .

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सैन्सी हीरा

सैन्सी हीरा विश्व के बड़े आकार के हीरों में से है। इस हीरे का नाम इसके एक स्वामी सीग्नियुर डि सैन्सी के नाम पर पड़ा, जो १६ वीं शताब्दी में तुर्की में फ़्रान्सीसी राजदूत था। इस हीरे का प्रथम स्वामी चार्ल्स बोल्ड था, जो बुर्गुण्डी का ड्यूक था और उसने यह हीरा १४७७ में हुए एक युद्ध में खो दिया। उसने यह हीरा फ़्रान्सीसी राजा, हेनरी तृतीय को उधार दिया, जिसे राजा ने अपने मुकुट पर लगाया जिसे वह अपने गंजेपन को छिपाने के लिए पहना करता था। फ़्रान्स के एक अन्य राजा हेनरी पंचम ने भी सैन्सी से यह हीरा उधार लिया, लेकिन १६६४ में इस हीरे को इंग्लैण्ड के जेम्स प्रथम को बेच दिया गया। सन १६६८ में, इंग्लैण्ड का राजा जेम्स द्वितीय इस हीरे को लेकर पेरिस भाग गया और उसके बाद यह हीरा गायब हो गया और उसके बाद बहुत समय तक यह अज्ञात रहा। अब यह हीरा पैरिस के लोउव्र में है। सैन्सी का भार ५५ कैरट है जो इसे विश्व के बड़े हीरो में छोटे आकार का हीरा बनाता है। .

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सैयद हैदर रज़ा

सैयद हैदर रज़ा को सन २००७ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये फ्रांस से हैं। .

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सैलिक क़ानून

सैलिक क़ानून (Salic law या Salian Law) मध्यकालीन यूरोप के फ़्रैंक लोगों की न्यायिक व्यवस्था थी। इसकी धाराओं को लातीनी भाषा में लिखित रूप में दर्ज किया गया था और फ़्रैंकी नरेश ने इसके रखरखाव के लिए एक समिति नियुक्त की हुई थी। इस क़ानून की ८वीं सदी ईसवी में बनी कई पांडुलिपियाँ मिली हैं और ९वीं सदी के अन्त तक के कुछ बदलावों वाले संस्करण भी मिलते हैं। एक ६ठी शताब्दी की प्रति भी मिली है लेकिन इसके सच्चे होने की पूर्ण पुष्टि अभी इतिहासकारों ने नहीं की है, इसलिए सम्भव है कि यह जाली हो या इसे समझने में कोई ग़लती हुई हो। इस बात पर सर्वसहमति है कि फ़्रैंकी क्षेत्रों में सैलिक क़ानून ६ठी सदी से लागू हो चुका था और इसका पहला प्रकाशन ५०७ से ५११ ईसवी के बीच हुआ।, John P. McKay, Bennett D. Hill, John Buckler, Clare Haru Crowston, Merry E. Wiesner-Hanks, pp.

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सूप

फ़्रांसिसी प्याज सूप का एक कटोरा रोटी के साथ घर में बना हुआ चिकन नूडल सूप सूप या शोरबा एक प्रकार का खाद्य पदार्थ है जो मीट और सब्जियों जैसी सामग्रियों को, स्टॉक, जूस, पानी या किसी अन्य तरल पदार्थ में मिलाकर बनाया जाता है। इसके अतिरिक्त गर्म सूप की अन्य विशेषता यह है कि इनमें एक पात्र में तरल पदार्थ में ठोस सामग्रियों को तब तक उबाला जाता है जब तक कि स्वाद उनसे निकलर तरल पदार्थ में न समा जाए और वह एक शोरबे जैसा हो जाये.

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सूखा

अकाल भोजन का एक व्यापक अभाव है जो किसी भी पशुवर्गीय प्रजाति पर लागू हो सकता है। इस घटना के साथ या इसके बाद आम तौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी, महामारी और मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है। जब किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक (कई महीने या कई वर्ष तक) वर्षा कम होती है या नहीं होती है तो इसे सूखा या अकाल कहा जाता है। सूखे के कारण प्रभावित क्षेत्र की कृषि एवं वहाँ के पर्यावरण पर अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था डगमगा जाती है। इतिहास में कुछ अकाल बहुत ही कुख्यात रहे हैं जिसमें करोंड़ों लोगों की जाने गयीं हैं। अकाल राहत के आपातकालीन उपायों में मुख्य रूप से क्षतिपूरक सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कि विटामिन और खनिज पदार्थ देना शामिल है जिन्हें फोर्टीफाइड शैसे पाउडरों के माध्यम से या सीधे तौर पर पूरकों के जरिये दिया जाता है।, बीबीसी न्यूज़, टाइम सहायता समूहों ने दाता देशों से खाद्य पदार्थ खरीदने की बजाय स्थानीय किसानों को भुगतान के लिए नगद राशि देना या भूखों को नगद वाउचर देने पर आधारित अकाल राहत मॉडल का प्रयोग करना शुरू कर दिया है क्योंकि दाता देश स्थानीय खाद्य पदार्थ बाजारों को नुकसान पहुंचाते हैं।, क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर लंबी अवधि के उपायों में शामिल हैं आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे कि उर्वरक और सिंचाई में निवेश, जिसने विकसित दुनिया में भुखमरी को काफी हद तक मिटा दिया है।, न्यूयॉर्क टाइम्स, 9 जुलाई 2009 विश्व बैंक की बाध्यताएं किसानों के लिए सरकारी अनुदानों को सीमित करते हैं और उर्वरकों के अधिक से अधिक उपयोग के अनापेक्षित परिणामों: जल आपूर्तियों और आवास पर प्रतिकूल प्रभावों के कारण कुछ पर्यावरण समूहों द्वारा इसका विरोध किया जाता है।, न्यूयॉर्क टाइम्स, 2 दिसम्बर 2007, दी अटलांटिक .

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सेडान युद्ध

सेडॉन युद्ध का मानचित्र सेडान युद्ध (Battle of Sedan) फ्रांस-प्रशा युद्ध के दौरान १ सितम्बर १८७० को हुआ था। नैपोलियन तृतीय और उसके बहुत सारे सैनिक पकडे गये। इस युद्ध में सभी दृष्टियों से प्रशा एवं उसके सहयोगियों की जीत हुई। इसके बावजूद नयी फ्रांसीसी सरकार ने युद्ध जारी रखा। .

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सेम्युल एफ.बी. मोर्स

सेम्युल फिनले ब्रीज मोर्स (27 अप्रैल 1791 - 2 अप्रैल 1872) एक अमेरिकी थे जिन्होंने एकल-तार टेलीग्राफ प्रणाली और मोर्स कोड का निर्माण किया। और उन्हें (कम विख्यात रूप से) ऐतिहासिक दृश्यों के एक चित्रकार के रूप में भी जाना जाता है। .

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सॉसेज

कीएलबासा बिआला (श्वेत सॉसेज), जिनकोवा (धुंए द्वारा पकाया हुआ), स्लास्का और पोधालानस्का शैलियां (पोलैंड) सॉसेज एक खाद्य है जिसे गोमांस और सूअर के मांस, दोनों के पिसे मांस से बनाया जाता है। सामान्यतः इसमें पिसी हुई शूकर वसा (फैटबैक), नमक, जड़ी-बूटी और मसाला शामिल होता है। आम तौर पर सॉसेज को एक खोल में बनाया जाता है जो परंपरागत रूप से आंत से बना होता है, लेकिन कभी-कभी सिंथेटिक भी होता है। कुछ सॉसेज को प्रसंस्करण के दौरान पकाया जाता है और बाद में खोल को हटाया जा सकता है। सॉसेज निर्माण एक पारंपरिक खाद्य संरक्षण तकनीक है। सॉसेज को क्योरिंग, शुष्कीकरण या धुंआ द्वारा संरक्षित किया जा सकता है। .

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सोप्विद टेबलोइड

एक सोप्विद टेबलोइड विमान सोप्विद टेबलोइड ब्रिटिश बाईप्लेन खेल विमान थे जिनका की बाद में सेन्य उपयोग किया गया.

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सीएफपी फ्रेंक

सीएफपी फ्रेंक (बोलचाल में केवल फ्रेंक) फ्रांस के प्रवासी क्षेत्र फ्रेंच पोलीनेशिया, न्यू कैलेडोनिया और वालिस और फ़्यूचूना में इस्तेमाल की जाने वाली मुद्रा है। सीएफपी मूलतः Colonies Françaises du Pacifique (प्रशांत में स्थित फ्रांक की कालोनियां) के रूप में इस्तेमाल की जाती थीं। बाद में बदल कर Communauté Financière du Pacifique (प्रशांत वित्तीय समुदाय) किया गया। वर्तमान में इसे Comptoirs Français du Pacifique ("फ्रांस-प्रशांत बैंकिंग समझौता") कहा जाता है। इसका आईएसओ 4217 मुद्रा कोड XPF है। श्रेणी:मुद्रा.

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सीएमएस प्रयोग

सीएमएस या कॉम्पैक्ट म्यूऑन सोलेनोइड या सुसम्बद्ध म्यूऑन परिनालिका प्रयोग स्विट्जरलैंड और फ्रान्स में सर्न में स्थित लार्ज हैड्रान कोलाइडर (एलएचसी) पर बने दो बृहद् व्यापक प्रयोजन कण भौतिकी संसूचकों में से एक है। सीएमएस प्रयोग का उद्देश्य हिग्स बोसॉन, अधि-विमाएं, अदृश्य पदार्थ के लिए उत्तरदायी कणों के आविष्कार सहित भौतिकी की एक विस्तृत परास का पता लगाना है। सीएमएस का भार १२,५०० टन, लम्बाई २५ मीटर और व्यास १५ मीटर है। लगभग ४३०० लोग इस प्रयोग में कार्य करते हैं जिनमें से १५३५ छात्र हैं, इस प्रयोग में ४१ देशों की १७९ संस्थाएं काम शामिल हैं। इस प्रयोग का निर्माण १४ टेराइलेक्ट्रॉन वोल्ट (TeV) द्रव्यमान केन्द्र ऊर्जा पर प्रत्येक २५ नैनोसैकण्ड (ns) पश्चात प्रेक्षषित करने के लिए किया गया लेकिन २०११ तक केवल 7 TeV पर ही कार्य किया गया जबकि २०१२ में यह ऊर्जा 8 TeV थी। .

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सीन

सीन (Seine) फ़्रांस में बहने वाली एक नदी है। इसका उद्गम डीजोन (Dijon) के उत्तर-पश्चिम के कम्यून में है और यह इंग्लिश चैनल में जाकर गिरती है। इसकी लम्बाई लगभग 776 किमी है। पेरिस शहर सीन नदी के किनारे ही स्थित है। श्रेणी:फ़्रांस श्रेणी:नदियाँ.

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सीरियन पाउंड

सीरियन पाउंड: Syrian pound (الليرة السورية‏‎ सीरियन पाउंड सीरिया की आधिकारिक मुद्रा है, यह सौ पियास्त्रे से विभाजित है, लेकिन मुद्रा स्फीति की वजह से यह चलन से बाहर है। प्रथम विश्व युद्ध से पहले ओटोमन लीरा इस्तेमाल किया जाता था। ओटोमन साम्राज्य के पतन के बाद 1918 में मिस्री पाउंड का चलन शुरू हो गया। सीरिया और लेबनान पर फ्रांस के नियंत्रण के बाद दोनों देशों के लिए एक नई मुद्रा सीरियन पाउंड जारी किया गया, जो फ्रांसीसी फ्रेंक से जुड़ा हुआ था। लेकिन लेबनान ने 1924 से स्वयं के सिक्के और 1925 से स्वयं के बैंकनोट जारी किए। 1939 में लेबनान की मुद्रा आधिकारिक तौर पर सीरिया की मुद्रा से अलग हो गई। .

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सीरिया

सीरिया ('''سوريّة'''. or), आधिकारिक रूप से सीरियाई अरब गणराज्य (अरबी: الجمهورية العربية السورية), दक्षिण-पश्चिम एशिया का एक राष्ट्र है। इसके पश्चिम में लेबनॉन तथा भूमध्यसागर, दक्षिण-पश्चिम में इजराइल, दक्षिण में ज़ॉर्डन, पूरब में इराक़ तथा उत्तर में तुर्की है। इसराइल तथा इराक़ के बीच स्थित होने के कारण यह मध्य-पूर्व का एक महत्वपूर्ण देश है। इसकी राजधानी दमास्कस है जो उमय्यद ख़िलाफ़त तथा मामलुक साम्राज्य की राजधानी रह चुका है। अप्रैल 1946 में फ्रांस से स्वाधीनता मिलने के बाद यहाँ के शासन में बाथ पार्टी का प्रभुत्व रहा है। 1963 से यहाँ आपातकाल लागू है जिसके कारण 1970 के बाद से यहाँ के शासक असद परिवार के लोग होते हैं। .

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सीरियाई गृहयुद्ध में तुर्की की भागीदारी

सीरिया के गृह युद्ध में तुर्की को भागीदारी के कारण कई वर्षो से अफरा तफरी का माहौल है तथा सीरिया जाने वाले विदेशी लड़ाकों के लिए अपनी सीमाएँ खोलने का कारण इस्लामिक स्टेट को वढ़ावा दिया है जो कि लगातार तुर्की पर हमले कर रहा है यही कारण है कि वर्ष 2015 में कुर्द चरमपंथियो के साथ लड़ाई दोबार भड़क उठी थी और इस गमी में तुर्की को तख्तापलट की नाकाम कोशिश का सामना करना पड़ था तुर्की के राष्ट्रपति तेएप एर्दोगन के खिलाफ नाकाम तख्तापलट करने वाला मुस्लिम प्रचारक फतेउल्ला गुलेन जो की पेनसिल्वेनिया में निर्वासन है लेकिन तख्तापलट के इस प्रयास के बाद गुलेन के हजारो समर्थको जिनमे पुलिस अधिकारी, सैनिक, शिक्षक और नौकरशाह भी सामिल थे। .

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सीरियाई अरब वायु सेना

सीरियाइ अरब वायु सेना; (Syrian Arab Air Force), (القوات الجوية العربية السورية‏‎), अल-क्वाट अल-जवाविया अल अरबिया एशोरिया), मूल रूप से सीरियाई अरब वायु सेना, जिसे अक्सर सीरियाई वायु सेना के रूप में जाना जाता है, सीरियाई सशस्त्र की वायु सेना की शाखा है। यह अंग्रेजी में एसएएफ, सैफ, या एसएएएएफएफ के लिए अलग-अलग संक्षिप्त है। यह 1948 में स्थापित की गयी थी। भूमि आधारित वायु रक्षा प्रणालियों को सीरियाई वायु रक्षा बल के तहत वर्गीकृत किया गया है, जो वायु सेना और सेना दोनों से विभाजित है। सीरियाई अरब वायु सेना में रात में परिचालन करने की क्षमता नहीं है। .

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सीसा

विद्युत अपघटन द्वारा शुद्ध किया हुआ सीस; १ घन सेमी से घन के साथ (तुलना के लिए) सीस, सीसा या लेड (अंग्रेजी: Lead, संकेत: Pb लैटिन शब्द प्लंबम / Plumbum से) एक धातु एवं तत्त्व है। काटने पर यह नीलिमा लिए सफ़ेद होता है, लेकिन हवा का स्पर्श होने पर स्लेटी हो जाता है। इसे इमारतें बनाने, विद्युत कोषों, बंदूक की गोलियाँ और वजन बनाने में प्रयुक्त किया जाता है। यह सोल्डर में भी मौजूद होता है। यह सबसे घना स्थिर तत्त्व है। यह एक पोस्ट-ट्रांज़िशन धातु है। इसका परमाणु क्रमांक ८२, परमाणु भार २०७.२१, घनत्व ११.३६, गलनांक ३,२७.४ डिग्री सें., क्वथनांक १६२०डिग्री से.

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हार्ट ऑफ एशिया

हार्ट अॉफ एशिया: इसकी स्थापना 2 नंवबर 2011 को इस्तांबुल तुर्की में हुई थी इसका उद्देश्य अफगानिस्तान को स्थिरता व समृध्दि प्रदान करना और अफगानिस्तान के सहयोग के लिए स्थापित हार्ट ऑफ एशिया के सदस्य देशों की संख्ता 14 है यह संगठन क्षेत्रीय देशों के बीच संतुलन साधने तथा आपसी सहयोग बढ़ाने का काम भी करता है।17 सहयोगी देश और 12 सहायक और अंतरराष्ट्रीय संगठन भी सामिल है। वर्ष 2016 का उद्देश्यछठी हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन अमृतसर भारत में हुआ था इसका मुख्य उद्देश्य आंतकवाद को खत्म करना है। .

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हाला

हाला या द्राक्षिरा या वाइन (Wine) अंगूर के रस को किण्वित (फ़र्मेन्ट) करने से बनने वाला एक मादक पेय है। इसमें अंगूरों का किण्वन बिना किसी शर्करा, अम्ल, प्रकिण्व (एन्ज़ाइम), जल या अन्य किसी पोषक तत्व को डाले होता है। खमीर (यीस्ट) अंगूर रस में उपस्थित शर्करा को किण्वित कर के इथेनॉल व कार्बन डाईऑक्साइड में परिवर्तित कर देते हैं। अंगूर और खमीर की अलग-अलग नस्लों से अलग-अलग स्वाद, गंध व रंगों वाली हाला बनती है। हाला पर अंगूरों के उगाए जाने के स्थान, वर्षा, सूरज व अंगूरों को तोड़ने के समय का भी असर पड़ता है। अंगूरों के अलावा अन्य फलों की भी हाला बनाई जाती है हालांकि उसकी मात्रा व लोकप्रियता अंगूरों की हाला की तुलना में बहुत कम है। शहतूत, अनार, सेब, नाशपाती, आलू बुख़ारा, आलूबालू (चेरी) और अन्य फलों की हाला बनती है। हाला बनाने की प्रथा अति-प्राचीन है और कॉकस क्षेत्र में जॉर्जिया में ८,००० वर्ष पुराने हाला की सुराहियाँ मिली हैं। .

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हाइती

हाइती या हेटी (हाइती; अयेति), आधिकारिक तौर पर 'हाइती गणराज्य' केरिबियन देश है।। यात्रा सलाह.कॉम यह ग्रेटर एल्तिलिअन द्वीपसमूह में हिस्पानिओला द्वीप पर डोमिनिकन गणराज्य के साथ स्थित है। अयेति (ऊंचे पहाड़ों की भूमि) द्वीप के पहाड़ी पश्चिमी हिस्से के लिए स्थानीय ताइनो या अमरेनियन नाम था। देश की सर्वाधिक ऊंची चोटी पिक ला सेली (२,६८० मीटर) है। हाइती का कुल क्षेत्रफल २७,७५० वर्ग किलोमीटर है (१०,७१४ वर्ग मील) है और इसकी राजधानी पोर्ट-अउ-प्रिंस है। यहाँ क्रियोल और फ्रांसीसी भाषा बोली जाती है। हाइती की क्षेत्रीय, ऐतिहासिक और जातीय-भाषाई स्थिति कई कारणों से अद्वितीय है। यह लैटिन अमेरिका का पहला स्वतंत्र देश था, उपनिवेशवाद के बाद के दौर का पहला स्वतंत्र देश था, जिसका नेतृत्व किसी काले व्यक्ति के हाथों में था और केवल ऐसा देश जिसकी आजादी एक सफल दास विद्रोह के भाग के रूप में मिली थी। हिस्पानो-कैरेबियन पड़ोसियों के साथ साझा सांस्कृतिक संबंध होने के बावजूद हाइती अमेरिका का इकलौता मुख्यतः फ्रांसीसी भाषी देश है। यह कनाडा के अतिरिक्त दूसरा ऐसा देश है, जहां फ्रांसीसी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में दर्जा दिया गया है। बाकी अन्य फ्रांसीसी भाषी देश फ्रांस के विदेशी विभाग या फिर समुदाय रहे हैं। .

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हिन्द महासागर में बिखरे द्वीप

फ़्रांस के 'हिन्द महासागर में बिखरे द्वीप' नामक प्रशासनिक क्षेत्र के द्वीपों की हिन्द महासागर में स्थिति - ऊपर-दाएँ से घड़ी विपरीत घुमते हुए - त्रोम्लिन द्वीप, ग्लोरियोसो द्वीप, झ़ुआन द नोवा द्वीप, बासास दा इण्डिया एटोल ग्लोरियोसो द्वीपों का नक़्शा झ़ुआन द नोवा द्वीप की अंतरिक्ष से ली गई तस्वीर हिन्द महासागर में बिखरे द्वीप (फ़्रांसिसी: Îles Éparses or Îles éparses de l'océan indien, अंग्रेज़ी: Scattered Islands in the Indian Ocean) हिन्द महासागर में स्थित चार छोटे कोरल (प्रवाल) द्वीपों, एक एटोल और एक रीफ़ का सामूहिक नाम है जिनपर फ़्रांस का नियंत्रण है और जो 'फ़्रांसिसी दक्षिणी व अंटार्कटिकी भूमि' (Terres australes et antarctiques françaises या TAAF) नामक प्रशासनिक क्षेत्र के ५वें ज़िले में आते हैं। इन द्वीपों पर कोई भी स्थाई आबादी नहीं है। इनमें से तीन द्वीप (ग्लोरियोसो द्वीप, झ़ुआन द नोवा द्वीप और युरोपा द्वीप) और बासास दा इण्डिया एटोल माडागास्कर से पश्चिम में मोज़ामबीक जलसन्धि में स्थित हैं, जबकि चौथा द्वीप (त्रोम्लिन द्वीप) माडागास्कर से ४५० किमी पूर्व में हिन्द महासागर के खुले पानी में स्थित है। इस प्रशासनिक क्षेत्र में आने वाला बांक द्यु गेज़िर (Banc du Geyser) नामक रीफ़ भी मोज़ामबीक जलसन्धि में स्थित है। .

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हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार

हिन्द - यूरोपीय भाषाओं देश बोल रही हूँ. गाढ़े हरे रंग के देश में जो बहुमत भाषा हिन्द - यूरोपीय परिवार हैं, लाइट ग्रीन एक देश वह जिसका आधिकारिक भाषा हिंद- यूरोपीय है, लेकिन अल्पसंख्यकों में है। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा-परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार (यानी कि सम्बंधित भाषाओं का समूह) हैं। हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ सम्मिलित हैं। आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं: हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच, फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि। ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है, उसे आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा का नाम दे सकता है। यह संस्कृत से बहुत मिलती-जुलती थी, जैसे कि वह सांस्कृत का ही आदिम रूप हो। .

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हिप हॉप नृत्य

हिप-हॉप नृत्य मुख्यतः हिप-हॉप संगीत पर किए जाने वाले सामाजिक नृत्य या कोरियोग्राफ की गयी नृत्य शैली से संदर्भित है या फिर उसके लिए जो या फिर हिप-हॉप संस्कृति का भाग है.

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हिंदचीन

फ्रेंच हिन्दचीन का प्रसार फ्रेंच हिन्दचीन के उपविभाग हिंदचीन (जिनेवा सम्मलेन के बाद फ़्रांसिसी वियतनाम से निकल गए और फ़्रांसिसी हिंदचीन का अंत हो गया। श्रेणी:वियतनाम श्रेणी:उपनिवेश.

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ह्मोंग लोग

वियतनाम में कुछ ह्मोंग स्त्रियाँ ह्मोंग (Hmong) दक्षिण-पूर्वी एशिया की एक लोक-जाति है जो चीन, लाओस, वियतनाम और थाईलैंड के कुछ पहाड़ी इलाक़ों में बसती है। जनवादी गणराज्य चीन की सरकार इन्हें मियाओ जाति की एक उपजाति मानती है हालाँकि बहुत से ह्मोंग लोगों को यह स्वीकृत नहीं। ह्मोंग लोग ऐतिहासिक रूप से दक्षिण चीन में बसा करते थे लेकिन १८वीं सदी में युद्धों और अस्थिरता की वजह से और उपजाऊ ज़मीनों की खोज में उन्होंने दक्षिण दिशा में फैलना शुरू कर दिया। लाओस के गृहयुद्ध के बाद वहाँ की सरकार पर एक पैथेट लाओ नामक राजनैतिक गुट का क़ब्ज़ा हो गया जिन्होनें ह्मोंग लोगों पर बहुत अत्याचार करे। बहुत से ह्मोंग लाओस छोड़कर भागे और संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में जा बसे, जिस से ह्मोंग लोगों के समुदाय अब इन देशों में भी पाए जाते हैं।, Gary Y. Lee, Nicholas Tapp, ABC-CLIO, 2010, ISBN 978-0-313-34526-5, Ivor C. Jackson, Martinus Nijhoff Publishers, 1999, ISBN 978-90-411-1228-6,...

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ह्यू कापे

ह्यू कापे (Hugh Capet; लगभग ९३८-९९६ ई.) फ्रांस का राजा और ह्यू महान का ज्येष्ठ पुत्र था। उस कापेटियन राजवंश की स्थापना करने का श्रेय प्राप्त है। जुलाई, ९८७ में ह्यू कापे राजगद्दी पर बैठा। गद्दी पर बैठते ही राज्य में उसकी अच्छी धाक जम गई। लेकिन अपने राज्य के बड़े-बड़े सामंतों का समर्थन प्राप्त करने के लिए उसे शाही जमीन की भारी भेंट अदा करनी पड़ी। वास्तव में फ्रांस के बादशाह के रूप में ह्यू कापे उतना शक्तिशाली नहीं था जितना कि वह फ्रांस के ड्यूक के रूप में था। लारेन का चार्ल्स उसकी सत्ता के सम्मुख झुकने के लिए तैयार नहीं हुआ और उसने अपने सहयोगियों के साथ उस पर आक्रमण कर दिया। इस संघर्ष के पहले दौर में ह्यू कापे की स्थिति बहुत ही खतरनाक थी लेकिन किसी प्रकार उसकी रक्षा हुई और चार्ल्स को धोखे से पकड़कर उसके हवाले कर दिया गया। चार्ल्स को बंदी बनाए जाने बाद के संघर्ष समाप्त हो गया। सन् ९८७ में ह्यू कापे ने रीम्स के आर्कबिशप के रिक्त स्थान पर अरनल्फ की नियुक्ति की लेकिन उसके विश्वासघाती सिद्ध होने पर उसने उसके स्थान पर गरबर्ट की नियुक्ति कर दी। इस कारण पोप से उसका संघर्ष छिड़ गया। पोप ने ह्यू कापे और गरबर्ट दोनों को धर्मबहिष्कृत कर दिया। ह्यू कापे भी अडिग बना रहा और उसकी मृत्यु (२४ अक्तूबर, ९९६) तक यह संघर्ष चलता रहा। श्रेणी:फ़्रांस का इतिहास.

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ह्यूगेनोट

300px ह्यगेनो (Huguenots) एक नृजातीय-धार्मिक समूह है जो १६वीं-१७वीं शदी के दौरान फ्रांस के प्रोटेस्टैण्ट सुधार चर्च के सदस्य थे। व्युत्पत्ति की दृष्टि से ह्य गेनो संभवत: एक जर्मन शब्द आइडगेनोस्सेन (Eidgenossen) से संबंधित हैं, जेनेवा में १६वीं शताब्दी में आइडगेनोस्सेन का एक विकृत रूप अर्थात् एगुनो (Eiguenots) प्रचलित था जो ह्य गेनो से मिलता जुलता है। सन् १५६० ई. के बाद फ्रांस के प्रोटेस्टैंट धर्मावलंबियों के लिए ह्यू गेनो शब्द ही सामान्यत: होने लगा था। धार्मिक दृष्टि से कैलविन ने फ्रांस के प्रोटेस्टेंटों पर गहरा प्रभाव डाला है किंतु ह्यू गेनो एक राजनीतिक दल भी था जो कास्पार डे कोलिग्रनी के नेतृत्व में समस्त फ्रांस में फैलकर अत्यंत प्रभावशाली धन गया। २४ अगस्त, १५७२, को बहुत से अन्य ह्यू गेनो नेताओं के साथ दे कोलिग्नी की हत्या कर दी गई (यह घटना मेसेकर ऑव सेंट बरथोलोम्यू के नाम से विख्यात है) किंतु इससे प्रोटेस्टैंट आंदोलन समाप्त नहीं हुआ और संघर्ष चलता रहा। सन् १५९८ ई. में नैंट (Nantes) की राजाज्ञा के फलस्वरूप ह्य गेनो लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता मिली। उस समय फ्रांस में १२% प्रोटेस्टैंट थे। राजा लुइ चौदहवें ने सन् १६८५ ई. में नैंट की राजाज्ञा रद्द करके ह्यू गनों लोगों को नागरिक अधिकारों से वंचित कर दिया। ये बड़ी संख्या में हॉलैंड आदि प्रोटेस्टैंट देशों में प्रवासी बन गए। जो फ्रांस में रह गए उनपर बहुत अत्याचार हुआ जिससे वे प्राय: देहातों में छिप गए। सन् १७८७ ई. में ही इनको फिर नागरिक अधिकार दिए गए। आजकल फ्रांस में दो प्रतिशत लोग प्रोटैस्टेंट हैं जिनमें से ५/८ कैलविनिस्ट और ३/८ लूथरन हैं। श्रेणी:फ़्रांस के लोग.

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ह्यूगो (फ़िल्म)

ह्युगो (अंग्रेजी; Hugo) वर्ष २०११ की ब्रिटिश-अमेरिकी-फ्रेंच भाषा की 3डी ऐतिहासिक एवं रोमांच-ड्रामा आधारित फ़िल्म है जिसका निर्देशन एवं निर्माण मार्टिन स्कोर्सेस ने किया तथा लेखक जाॅन लोगन ने पटकथा को मूल लेखक ब्रायन सेल्ज़निक के ग्राफिक उपन्यास द इन्वेन्शन ऑफ ह्युगो कैब्रेट के आधार पर रूपांतरण कराया, यह १९३० के दशक के एक किशोर के बारे में जो पेरिस स्थित गेर मोंटपैर्नैसे के रेलवे स्टेशन पर अकेला रहता था। फ़िल्म के सह-निर्माण में दो अन्य लोग ग्राहम किंग की जीके फ़िल्म्स तथा जाॅनी डेप की इनफिनिटम निहिल भी सम्मिलित हैं, फ़िल्म में कई प्रख्यात अदाकारों को कास्ट किया है जिनमें बेन किंग्सले, सैचा बैराॅन कोहेन, एसा बट्टरफिल्ड, क्लोए ग्रैस माॅरेत्ज़, रे विन्सटन, एमिली माॅर्टिमेर, जुड लाॅ, हेलेन मैक'क्राॅरी एवं क्रिस्टोफर ली शामिल हैं। .

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हैंडबॉल

हैंडबॉल एक टीम खेल है जिसमें सात खिलाड़ियों की दो टीमें आपस में खेलती हैं। खिलाड़ियों का उद्देश्य विरोधी टीम के गोल में बॉल फ़ेकना होता है। सात खिलाड़ियों में से छह आपस में बॉल करते हुए विरोधी टीम के गोल की तरफ़ बढ़ते हैं जबकि बचा हुआ खिलाड़ी गोलकीपर या गोलरक्षक की भूमिका अदा करता है। एक मानक मैच 30 मिनट की दो अवधियों में बटा होता है। आधुनिक हैंडबॉल आमतौर पर इंडोर स्टेडियम में खेली जाती है, परन्तु बाह्य प्रकार भी उपलब्ध हैं जैसे फ़ील्ड हैंडबॉल, चेक हैंडबॉल (जो भूतकाल में अधिक प्रसिद्ध थी) और बीच हैंडबॉल (जिसे सैंडबॉल भी कहा जाता है)। यह खेल काफ़ी तेजी से खेला जाता है जिसमें शरीर संपर्क भी शामिल है क्योंकि रक्षक खिलाड़ी हमला करने वाले खिलाड़ीयों को अपने गोल की तरफ़ जाने से रोकते हैं। इस प्रकार के संपर्क की केवल उसी स्थिति में अनुमति दी जाती है जब रक्षक खिलाड़ी आक्रामक खिलाड़ी के सामने पूरी तरह से आ जाए, मतलब गोल और आक्रामक खिलाड़ी के बीच में। इसे खिलाड़ी सैंडविच कहा जाता है। सामने के आलावा किसी और दिशा से किया गया सम्पर्क (विशेष रूप से पीछे से) खतरनाक माना जाता है और इसके लिए आमतौर पर दंड मिलता है। .

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हेडफ़ोन

सेन्नहेइसेर HD555 हेडफ़ोन, का इस्तेमाल ऑडियो प्रोडक्शन माहौल में होता है. हेडफ़ोन छोटे लाउडस्पीकरों की एक जोड़ी है, या आमतौर पर कम से कम एक स्पीकर होता है, इन्हें उपयोगकर्ता के कान के पास लगाया जाता है और यह ऑडियो ऐम्प्लीफायर, रेडियो या सीडी प्लेयर जैसे एकल स्रोत को इससे जोड़ने का साधन है.

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हेनरी फेयोल

हेनरी फेयोल हेनरी फेयोल (Henri Fayol; 29 जुलाई 1841 – 19 नवम्बर 1925) फ्रांस के खनन इंजीनियर तथा प्रबन्ध-सिद्धान्तकार थे। उन्होने व्यवसाय प्रशासन का सामान्य सिद्धान्त विकसित किया जिसका 20वीं सदी के प्रारंभ में व्यापक प्रभाव था। फेयोल एवं उनके सहकर्मियों ने इस सिद्धान्त का विकास वैज्ञानिक प्रबन्धन के सिद्धान्त के विकास से स्वतंत्र रूप से एवं लगभग उसी काल में किया। प्रबन्धन के आधुनिक संकल्पना के विकास में सबसे प्रभावी योगदान करने वालों में फेयोल का नाम अग्रणी है।.

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हेनरी बैकेरल

अंटोइन हेनरी बैकेरल (१५ दिसम्बर १८५२ - २५ अगस्त १९०८) एक फ्रांसीसी भौतिकशास्त्री, नोबेल पुरस्कार विजेता और मैरी क्यूरी तथा पियरे क्यूरी के साथ रेडियोधर्मिता के अनवेष्क थे, जिसके लिए तीनों को १९०३ में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार दिया गया। .

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हेनरी मतिसी

हेनरी मतिसी फ्रांस के महान चित्रकार हैं | .

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हेमचन्द जोशी

हेमचंद जोशी (२१ जून सन् १८९४ ई. -) हिंदी के प्रमुख भाषाशास्त्री तथा इतिहासज्ञ थे। इनका जन्म नैनीताल में २१ जून सन् १८९४ ई. को हुआ। शिक्षा दीक्षा अल्मोड़ा, प्रयाग तथा वाराणसी में हुई। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.

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हेल्मुट कोल

हेल्मुट कोल Roman Herzog |term_start .

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हॉकी विश्वकप

हॉकी विश्व कप एक अंतर्राष्ट्रीय मैदानी हॉकी प्रतियोगिता है जिसे अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफ आई एच) द्वारा संचालित किया जाता है। इस प्रतियोगिता की शुरुवात 1971 में हुए थी। पहली दो प्रतियोगिता 2 वर्षों के अंतराल से आयोजित की गयीं, परन्तु बाद में इस अंतराल को चार वर्ष कर दिया गया। अतः अब इस प्रतियोगिता को 1975 के पश्चात से प्रति चार वर्षों में आयोजित किया जाता है। पुरुष विश्वकप के अलावा महिला विश्वकप का भी आयोजन किया जाता है जिसकी 1974 से शुरुवात हुए। महिला विश्व कप महिला अंतराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के तत्वधान में आयोजित किया जाता है। सबसे ज्यादा बार विश्वकप पाकिस्तान ने (चार बार) जीता है। भारत ने केवल एक विश्वकप 1975 में जीता था। भारत में आयोजित विश्वकप 2010 में ऑस्ट्रेलिया ने विजय प्राप्त की। विश्वकप 2014 नीदरलैंड में और विश्वकप 2018 भारत में आयोजित होगा। .

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हो चि मिन्ह

हो चि मिन्ह हो-चि मिन्ह (19 मई सन् 1890 - 2 सितम्बर 1969), विश्व में मार्क्स, ऐंगेल्स, लेनिन, स्टालिन की साम्यवादी परंपरा की एशियाई कड़ी माने जाने वाले विचारक हैं। वे वियतनाम के राष्ट्रपति थे। उनके जीवन की प्रत्येक दृष्टि साम्यवादियों के लिए सर्वहारा क्रांति तथा राष्ट्रवादियों के लिए विश्व की प्रबलतम साम्राज्यवादी शक्तियों - फ्रांस और अमेरिका - के विरुद्ध संघर्ष की लंबी शिक्षाप्रद कहानी रही है। इन सभी संग्रामों का प्रेरणास्रोत हो चि मिन्ह के इच्छापत्र के अनुसार मार्क्सवाद, लेनिनवाद और सर्वहारा का अंतरराष्ट्रीयतावाद ही रहा है। यदि लेनिन ने रूस में "वर्गसंघर्ष" का उदाहरण प्रस्तुत किया तो हो चि मिन्ह ने "राष्ट्रीय मुक्ति संघर्ष" का उदाहरण वियतनाम के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट कहा, जिस प्रकार पूँजीवाद का अंतरराष्ट्रीय रूप साम्राज्यवाद है उसी प्रकार वर्गसंघर्ष का अंतरराष्ट्रीय रूप मुक्तिसंघर्ष है। .

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होमी जहांगीर भाभा

होमी जहांगीर भाभा (30 अक्टूबर, 1909 - 24 जनवरी, 1966) भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक और स्वप्नदृष्टा थे जिन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी। उन्होने मुट्ठी भर वैज्ञानिकों की सहायता से मार्च 1944 में नाभिकीय उर्जा पर अनुसन्धान आरम्भ किया। उन्होंने नाभिकीय विज्ञान में तब कार्य आरम्भ किया जब अविछिन्न शृंखला अभिक्रिया का ज्ञान नहीं के बराबर था और नाभिकीय उर्जा से विद्युत उत्पादन की कल्पना को कोई मानने को तैयार नहीं था। उन्हें 'आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम' भी कहा जाता है। भाभा का जन्म मुम्बई के एक सभ्रांत पारसी परिवार में हुआ था। उनकी कीर्ति सारे संसार में फैली। भारत वापस आने पर उन्होंने अपने अनुसंधान को आगे बढ़ाया। भारत को परमाणु शक्ति बनाने के मिशन में प्रथम पग के तौर पर उन्होंने 1945 में मूलभूत विज्ञान में उत्कृष्टता के केंद्र टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआइएफआर) की स्थापना की। डा.

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हीरोज़ (टी वी शृंखला)

हीरोज़ टिम क्रिंग द्वारा बनाई गई एक अमेरिकी विज्ञान कथा टीवी नाटक श्रंखला है जिसका प्रीमियर 25 सितंबर 2006 को NBC पर किया गया.

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जँ-फ्रँस्वा रवेल

Jean-François Revel par Elsa Dorfman, 1999. जँ-फ्रँस्वा रवेल Jean-François Revel का जन्म सन् १९२४ को जनवरी १९ तारिखका दिन फ्रान्सके मार्सेईमेँ हुवा था। सन् २००६ को अप्रिल ३० तारिखके दिन फ्रान्सके भाल-दो-मार्न शहरमेँ मृत्यु हुई। जँ-फ्रँस्वा रवेल एक प्रख्यात चिन्तक एवं पत्रकार थेँ। उन्होँने अपने पुत्र माथ्यु रिका के साथ मिलकर काठमांडु स्थित हात्तीबन रिजोर्टमेँ लिखिहुई पुस्तक The Monk and the Philosopher प्रसिद्ध है। .

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जनसंख्या घनत्व के अनुसार देशों की सूची

जनसँख्या घनत्व2006 के अनुसार जनसँख्या घनत्व के अनुसार देश एवं उनके निर्भर क्षेत्रों की सूची निवासी/वर्ग किमी में। स्त्रोत:.

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जनसंख्या के अनुसार दक्षिण अमेरिकी देशों की सूची

श्रेणी:दक्षिण अमेरिका के देश.

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जनीवा कैन्टन

जनीवा कैन्टन (फ़्रान्सीसी: Genève, अंग्रेज़ी: Geneva) स्विट्ज़रलैंड के दक्षिण-पश्चिमी कोने में स्थित एक कैन्टन (प्रान्त से मिलता-जुलता प्रशासनिक विभाग) है। यह कैन्टन सन् १८१५ में स्विस परिसंघ का हिस्सा बना था, लेकिन प्रूशिया का राजा १८५६-१८५७ तक इसे अपने राज्य का अंग बताता रहा। इस कैन्टन में फ़्रान्सीसी भाषा प्रचलित हैं। एक कोने में बाक़ी स्विट्ज़रलैंड से जुड़ा हुआ यह कैन्टन लगभग पूरी तरह फ़्रान्स से घिरा हुआ है।, Let's Go Inc., Macmillan, 2004, ISBN 9780312335427, Random House Digital, Inc., 2007, ISBN 9781400017829 .

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जर्मन भाषा

विश्व के जर्मन भाषी क्षेत्र जर्मन भाषा (डॉयट्श) संख्या के अनुसार यूरोप की सब से अधिक बोली जाने वाली भाषा है। ये जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया की मुख्य- और राजभाषा है। ये रोमन लिपि में लिखी जाती है (अतिरिक्त चिन्हों के साथ)। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में जर्मनिक शाखा में आती है। अंग्रेज़ी से इसका करीबी रिश्ता है। लेकिन रोमन लिपि के अक्षरों का इसकी ध्वनियों के साथ मेल अंग्रेज़ी के मुक़ाबले कहीं बेहतर है। आधुनिक मानकीकृत जर्मन को उच्च जर्मन कहते हैं। जर्मन भाषा भारोपीय परिवार के जर्मेनिक वर्ग की भाषा, सामान्यत: उच्च जर्मन का वह रूप है जो जर्मनी में सरकारी, शिक्षा, प्रेस आदि का माध्यम है। यह आस्ट्रिया में भी बोली जाती है। इसका उच्चारण १८९८ ई. के एक कमीशन द्वारा निश्चित है। लिपि, फ्रेंच और अंग्रेजी से मिलती-जुलती है। वर्तमान जर्मन के शब्दादि में अघात होने पर काकल्यस्पर्श है। तान (टोन) अंग्रेजी जैसी है। उच्चारण अधिक सशक्त एवं शब्दक्रम अधिक निश्चित है। दार्शनिक एवं वैज्ञानिक शब्दावली से परिपूर्ण है। शब्दराशि अनेक स्रोतों से ली गई हैं। उच्च जर्मन, केंद्र, उत्तर एवं दक्षिण में बोली जानेवाली अपनी पश्चिमी शाखा (लो जर्मन-फ्रिजियन, अंग्रेजी) से लगभग छठी शताब्दी में अलग होने लगी थी। भाषा की दृष्टि से "प्राचीन हाई जर्मन" (७५०-१०५०), "मध्य हाई जर्मन" (१३५० ई. तक), "आधुनि हाई जर्मन" (१२०० ई. के आसपास से अब तक) तीन विकास चरण हैं। उच्च जर्मन की प्रमुख बोलियों में यिडिश, श्विज्टुन्श, आधुनिक प्रशन स्विस या उच्च अलेमैनिक, फ्रंकोनियन (पूर्वी और दक्षिणी), टिपृअरियन तथा साइलेसियन आदि हैं। .

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जर्मनी

कोई विवरण नहीं।

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जर्मनी का इतिहास

प्राचीन रोमन डैन्यूब नदी के उत्तर में रहने वाले "बर्बर कबीलों" वाले देशों को गेर्मानिया (Germania) कहा करते थे, जिसके नाम पर अंग्रेज़ी शब्द 'Germany' पड़ा। ये कबीले 'पुरानी जर्मन भाषा' की बोलियाँ बोलते थे। धीरे-धीरे इनका ईसाईकरण हुआ और जर्मन देश ईसाई पवित्र रोमन साम्राज्य का केन्द्र बन गया। दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में पश्चिमी यूरोप में जर्मन जातियों के अभ्युदय का उल्लेख मिलता है। कुछ जातियाँ जैसे अलामन्नी (Alamanni) बरगंडियाई (Burgundians), फ्रांक (Franks) लंबार्ड (Lombards) ओस्ट्रोगोथ (Ostrogoths) और विज़ीगोथ (Visigoths) पूर्व में राइन नदी के मुहाने, पश्चिम में एल्बे नदी और दक्षिण में उत्तरी इटली के भागों के बीच धीरे-धीरे बसीं। उनमें से कुछ ने इटली पर आक्रमण किया और रोम साम्राज्य का विनाश किया, अन्य फ्रांस और ब्रिटेन में बस गई। राइन नदी के दोनों ओर का क्षेत्र कुछ दिन विवाद में रहने के पश्चात्‌ फ्रांकों के रोमन सम्राट् शार्लमेन द्वारा नवीं शताब्दी में अधिकृत किया गया। लेकिन शताब्दी के अंतिम दिनों जर्मन साम्राज्य तीन भागों में बँट गया। सैस्कन सम्राट् ओटो प्रथम ने 962 ई. में इटली और जर्मनी को एक सूत्र में बाँधा। आगे चलकर अशांतिपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। फ्रैडरिक द्वितीय ने अपने शासन को सिसली में ही केंद्रित रखा, इस प्रकार जर्मनी लगभग उपेक्षित रहा। 1273 में हप्सबर्ग का रुडाल्फ सम्राट् निर्वाचित हुआ, किंतु उसके लिये भी बड़े साम्राज्य को कायम रखना असाध्य हो गया था। रोमन साम्राज्य जिस समय लड़खड़ा रहा था, इंग्लैंड, फ्रांस ओर स्पेन शक्तिशाली राज्य बन रहे थे। जर्मनी उस समय समृद्ध था- इसके विरुद्ध उपर्युक्त तीनों राज्यों ने संधि की। लेकिन जर्मनी की राजनैतिक अस्थिरता के कारण वहाँ 16वीं शताब्दी में मार्टिन लूथर के नेतृत्व में आंदोलन हुआ। अंत में इस आंदोलन ने 30 वर्षीय धर्मयुद्ध (1618-1648) का रूप लिया। इसमें जर्मनी के लगभग 300 टुकड़े हुए। 18वीं शताब्दी में इन छोटी-छोटी स्वतंत्र इकाइयों ने प्रशा में अत्यधिक उन्नति की। फ्रांसीसी क्रांति ओर नेपोलियन के युद्धों के समय से जर्मनी में राष्ट्रीयता की चेतना का आविर्भाव हुआ। यह चेतना आगे चलकर उदारवादी आंदोलन के रूप में बदली। 1871 में तत्कालीन चाँसलर ओटाबान बिसमार्क ने आस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से युद्ध करके जर्मन राज्य को संगठित किया। फ्रांस की पराजय के बाद जर्मनी ने सैनिक, औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की। विसमार्क ने इस स्थिति में अन्य यूरोपीय शक्तियों से संबंध स्थापित किया। 1888 ई. में विलियम द्वितीय सम्राट् हुआ। देश की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में पुन: अशांति उत्पन्न हुई, जिसने 20वीं शताब्दी में प्रथम विश्वयुद्ध का रूप लिय। इस युद्ध में जर्मन सेनाएँ पराजित हुई। इस पराजय से उत्पन्न आर्थिक और सामाजिक अव्यवस्थाओं तथा 'मित्र राष्ट्रों' की 'वार्सा-संधि' के अनुसार आर्थिक दबावों की परिस्थिति में एडाल्फ हिटलर तथा नेशनल सोशलिस्ट पार्टी (नाजी दल) ने 1933 में जर्मनी की सत्ता ग्रहण की। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद वीमर (Weimer) संविधान के अनुसार गणराज्य घोषित जर्मनी में हिटलर ने अपना अधिनायकत्व स्थापित किया। उसने अपने शासनकाल में जर्मनी को सभी क्षेत्रों में सुदृढ़ किया। उसकी साम्राज्यवादी नीति ने, जिससे उसने यूरोप का बड़ा भाग 1939 तक कुछ संधियों से और कुछ सैनिक तरीकों से जर्मनी में जोड़ लिया, द्वितीय विश्वयुद्ध की परिस्थितियाँ मित्र राष्ट्रों के समक्ष आत्मसमर्पण करना पड़ा। रूस, ब्रिटेन, संयुक्तराज्य अमरीका और फ्रांस ने जर्मनी के चार भाग करके परस्पर बाँट लिए। 1949 में शांति समझौते के अनुसार जर्मनी की फेडरल जर्मन रिपब्लिक (पश्चिमी) और जर्मन डिमाक्रेटिक रिपब्लिक (पूर्वी) दो भाग हुए। पूर्वी भाग, जिसमें पूर्वी प्रशा भी संमिलित है, जो कि 1937 के पूर्व जर्मनों के और अब पोलैंड और रूस के अधिकार में हैं। 1990 में कम्युनिस्ट पूर्वी जर्मनी की मार्क्सवादी सरकार ढह गयी और जर्मनी का वापिस एकीकरण हुआ। .

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जरी

१९वीं शताब्दी के अन्त या २०वीं शताब्दी के आरम्भ की भारतीय साड़ी जिसमें रेशम के साथ जरी मिश्रित है। जरी, सोने का पानी चढ़ा हुआ चाँदी का तार है तथा इस तार से बने वस्त्र भी जरी कहलाते हैं। जरी वस्त्र सोरे, चाँदी तथा रेशम अथवा तीनों प्रकार के तारों के मिश्रण से बनता है। इन तारों की सहायता से बेलबूटे तथा उभाड़दार अभिकल्प बनाए जाते हैं। बुनकर बुनाई के समय इन तारों का उपयोग अतिरिक्त बाने के रूप में करता है और इनसे केवल अभिकल्प ही बनाए जाते हैं। भारतीय किमखाब और पर्शियन सुनहले तारों तथा रेशम के वस्त्र को भी लोग जरी कहते हैं, किंतु वस्तुत: ये जरी नहीं हैं, क्योंकि इन वस्त्रों में जरीवाली सजावट नहीं होती। लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व पर्शिया, सीरिया, उत्तरी अफ्रीका तथा दक्षिणी यूरोप में सुनहले तारों का वस्त्र अंशत: जरी होता था। इंग्लैंड, फ्रांस, रोम, चीन, तथा जापान में जरी का प्रचलन प्राचीन काल से है। भारत का जरी उद्योग प्राचीन काल से विश्वविख्यात रहा है ओर यहाँ के बने जरी वस्त्रों को धारण कर देश विदेश के नृपति अपने को गौरवान्वित समझते रहे हैं। काशी जरी उद्योग का केंद्र रहा है। बनारस की प्रसिद्ध बनारसी सड़ियाँ और दुपट्टे शताब्दियों से लोकप्रिय रहे हैं। आज इनकी खपत, अमरीका, ब्रिटेन और रूस आदि देशों में क्षिप्र गति से वृद्धि प्राप्त कर रही है। गुजरात वर्तमान भारतीय जरी तार उद्योग का केंद्र है। इसके पूर्व काशी ही इसका केंद्र था। पहले चाँदी के तारों को सोने की पतली पत्तरों पर खींचकर सुनहला बनाया जाता था, किंतु विज्ञान को उन्नति ने इस श्रमसाध्य विधि के स्थान पर विद्युद्विश्लेषण विधि प्रदान की है। विदेश से आनेवाले जरी के तार इसी विधि द्वारा सुनहले बनाए जाते हैं और भारतीय विधि से बने तारों की अपेक्षा सस्ते भी होते हैं। अब जरी शब्द का व्यवहार उभाड़दार अभिकल्प के बने सूत वस्त्रों के लिए भी होने लगा है। इन वस्त्रों के अंतर्गत पर्दे तथा बच्चों एवं स्त्रियों के पहनने के वस्त्र आते हें सूती जरी वस्त्र दोनों ओर एकसा या उल्टा सीधा होता है। इसके उल्टा सीधा होने पर ताने बाने कई रंग, विभिन्न संख्या और कई किस्म के हो सकते हैं। पर्दे के ताने-बाने की संख्या और किस्म में पहनने के वस्त्र की अपेक्षा कम विषमता होती है। श्रेणी:वस्त्र.

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जलशीर्ष (हाइड्रोसेफ़लस)

जलशीर्ष, "मस्तिष्क में जमे पानी" के रूप में भी जाना जाता है, जो एक चिकित्सकीय स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के निलय या कोटरों में मस्तिष्कमेरु द्रव सीएसएफ (CSF) का असामान्य जमाव हो जाता है। यह खोपड़ी के अन्दर अत्यधिक दिमागी दबाव और सिर के क्रमिक बढ़ने, ऐंठन और मानसिक विकलांगता का कारण बन सकता है। जलशीर्ष मौत का भी कारण बन सकता है। इसका नाम यूनानी शब्द योपो (ὑδρο)- (हुड्रो)(hudro) "पानी" और κέφαλος (केफालोस) "सिर" से व्युत्पन्न है। .

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जलसंत्रास

जलसंत्रास या 'जलभीति' (Hydrophobia या Aquaphobia) जल या किसी अन्य पेय या खाद्य को देखकर रोग के आक्रमण की संभावना से रोगी के भयभीत हो जाने की स्थिति का नाम है। यह जलसंत्रास रोग का विशेष लक्षण है। धनुस्तंभ (Tetanus) में भी ऐसा ही होता है। घूँटने का प्रयत्न करते ही रोगी की पेशियों में ऐठन आ जाती है, जिससे बहुत पीड़ा होती है। इस कारण रोगी को जल से डर लगता है। यह केवल एक लक्षण है। .

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जलवाही सेतु

हम्पी का प्राचीन जलवाही सेतु किसी नदी, नाले अथवा घाटी पर पुल बनाकर उसपर से यदि कोई कृत्रिम जलधारा ले जाई जाती है, तो उस पुल को जलवाही सेतु या 'जलसेतु' (Aqueducts) कहते हैं (इसके विपरीत यदि कृत्रिम जलधारा नदी नाले आदि के नीचे से गुजरती है, तो पुल ऊर्ध्वलंघिका कहलाता है)। इंजीनियरी, विज्ञान और उद्योग का विकास हो जाने से आजकल बड़े बड़े व्यास के नल कंक्रीट या लोहे के बनाए जाते हैं। अत: जल बहुधा बड़े बड़े नलों में ले जाया जाता है, जो भूमि के तल के अनुसार ऊँचे नीचे हो सकते हैं और वर्चस्‌ का दबाव सह सकते हैं। किंतु प्राचीन काल में बहुधा खुली नालियाँ ही होती थीं, या नालियों चिनाई आदि करके बनाई जाती थीं, जो भीतर की ओर से जल का दबाव सहन नहीं कर पाती थीं। अत: उन्हें उद्गम से लेकर अंतिम सिरे तक एक नियमित ढाल में ले जाना अनिवार्य था। इसलिये नदी, नाले या घाटियाँ पार करते समय जलसेतु बनाने पड़ते थे। बहुत बड़ी नहरों के लिये, जिनका निस्सरण बड़े बड़े नलों की समाई से भी कहीं अधिक होता है, जलसेतु आज भी अनिवार्य हैं। .

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जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा

जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा या जे आर डी टाटा (२९ जुलाई, १९०४ - २९ नवंबर, १९९३) भारत के वायुयान उद्योग और अन्य उद्योगो के अग्रणी थे। वे रतनजी दादाभाई टाटा और उनकी फ्रांसीसी पत्नी सुज़ेन्न ब्रीरे (en:Suzanne Briere) के पांच संतानो मे से दुसरे थे। वे दशको तक टाटा ग्रुप के निर्देशक रहे और इस्पात, इंजीनीयरींग, होट्ल, वायुयान और अन्य उद्योगो का भारत मे विकास किया। १९३२ में उन्होंने टाटा एयरलाइंस शुरू की। भारत के लिए महान इंजीनियरिंग कंपनी खोलने के सपने के साथ उन्होंने १९४५ में टेल्को की शूरूवात की जो मूलतः इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव के लिए थी। उन्हे वर्ष १९५७ मे पद्म विभुशण और १९९२ में भारत रत्न से सम्मनित किया गया। .

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ज़िनेदिन जिदेन

ज़िनेदिन यज़ीद जिदेन (जन्म 23 जून 1972 मार्सियिल, फ़्रांस में. रियल मैड्रिड में फ्रेंच सहायक कोच और खेल निदेशक, फ्रांस की राष्ट्रीय टीम, जुवेंटस और रियल मैड्रिड के लिए आक्रामक मिडफील्डर के रूप में खेलने वाले एक सेवानिवृत्त विश्व कप विजेता फुटबॉलर हैं। व्यापक रूप से खेल का एक सब से बड़ा प्रमुख समझा हुआ, जिदेन, फ़्रांस, इटली और स्पेन में क्लब टीम्स के लिए खेले और फ्रेंच नॅशनल टीम के सदस्य थे। उसके पेशेवर प्रवीणता में 1998 विश्व कप और यूरो 2000 जीतने में फ़्रांस के मदद करने, साथ में रियल मेड्रिड के साथ 2002 के यु इ एफ ए चेम्पियन लीग जीतने शामिल है। तीन बार फीफा साल का विश्व खिलाड़ी विजेता केवल दो में से एक- दूसरा रह चुके रोनाल्डो -1998 में जिदेन बेल्लों डी'ऑर भी जीता. 2006 के विश्व कप के आखिरी खेल में स्कोर करते हुए प्रषित होने के बाद उसने व्यावसायिक फुटबोल से इस्तीफा लिया। .

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ज़्याँ मेरी गुस्ताव लेक्लेज़ियो

ज़्याँ मेरी गुस्ताव लेक्लेज़ियो (जन्म-१३ अप्रैल १९४०) फ़्रांसिसी उपन्यासकार हैं। उन्हें साल २००८ के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस साल १० दिसम्बर को स्टॉकहोम में होने वाले समारोह में उन्हें अन्य नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साथ सम्मानित किया जाएगा। १९०१ में प्रथम नोबेल साहित्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता फ्रेंच लेखक सुली प्रुधोम से आरम्भ हुए इस सफर में क्लेजियो १४वें फ्रेंच साहित्यकार हैं। स्वीडन की नोबेल पुरस्कार समिति ने उन्हें नई दिशा में लेखन करने वाला और काव्यात्मक प्रयोगधर्मी लेखक बताया है। स्वीडिश एकेडमी ने उन्हें मौजूदा सभ्यता के दायरे से परे और इसके अंदर जाकर मानवता की खोज करने वाले लेखक की संज्ञा की। एक उपन्यासकार के रूप में लेक्लेज़ियो उस समय चर्चा में आए, जब वर्ष १९८० में उनका उपन्यास मरूस्थल (फ्रांसिसी नाम डेज़र्ट) आया। इस उपन्यास में उन्होंने अवांछित व अप्रवासियों के जरिए उत्तरी अमेरिका के रेगिस्तान में खो चुकी संस्कृति का चित्रण किया गया है। स्वीडिश एकेडमी ने उनके इस उपन्यास की भी जम कर सराहना की। एकेडमी ने कहा कि इस उपन्यास में उत्तरी अफ़्रीका के रेगिस्तानों में खो चुकी सभ्यता को बेहतरीन अंदाज़ में पेश किया गया। उनके हाल के लेखन में शामिल है वर्ष २००७ में आया उपन्यास बैलासिने। इसमें उन्होंने फ़िल्म आर्ट के इतिहास पर लिखा है। इसके अलावा लेक्लेज़ियो ने बच्चों पर भी कई किताबें लिखी हैं। अपने लेखन के लिए लेक्लेज़ियो को फ़्रांस में कई सम्मान मिल चुके हैं। इनमें १९७२ में मिला प्री लरबॉ और १९९७ में मिला ग्रा प्रीं ज्याँ जियोनो शामिल है। वर्ष १९४० में फ्रांस के नीस शहर में जन्मे लेक्लेज़ियो बचपन में दो साल नाइजीरिया में भी रहे हैं। उन्होंने बैंकॉक, बोस्टन और मैक्सिको सिटी के विश्वविद्यालयों में पढ़ाया भी है। उनके पूर्वज मूलत: मॉरीशस के थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद क्लेजियो की माँ फ्रांस में बस गईं जहाँ उनका जन्म हुआ। तब किसने सोचा था कि एक दिन मॉरीशस मूल का यह व्यक्ति फ्रेंच साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार अर्जित करेगा। फ्रेंच पब्लिक स्कूल में अपना आरम्भिक अध्ययन करने वाले क्लेजियो का फ्रेंच भाषा से अटूट जुड़ाव रहा। किशोरावस्था से ही लेखन में प्रवृत्त रहे क्लेजियो का पहला उपन्यास २३ वर्ष की आयु में १९६३ में 'ली प्रोसेस वर्बल' नाम से प्रकाशित हुआ था। उनकी आरम्भिक कृतियाँ रोजमर्रा के भाब्दों के उपयोग के साथ गहन संवेदनात्मक अनुभूति पैदा करने वाले अलंकृत शब्दों के विलक्षण एवं अनुपम प्रयोग व अद्भुत कल्पनाशीलता की मिसाल मानी जाती हैं। कालांतर में उन्होंने बाल-साहित्य जैसी उपेक्षित विधा पर जोर देते हुए बचपन पर केन्द्रित कई अविस्मरणीय कथायें भी रचीं। इन कृतियों में उनके बचपन और पारिवारिक पृष्ठभूमि की झलक देखी जा सकती है। उन्होंने लगातार फ्रांस में रहने वाले आप्रवासी नार्थ अमेरिकन्स, मैक्सिको में रहने वाले इंडियन्स और हिन्द महासागर में आइसलैंड वासियों के बारे में उसी तरह से लिखा है जैसे कि वे अपने अतीत के बारे में लिखते आए हैं। युवा लेखक के रूप में क्लेजियो की पहचान अस्तित्ववादी चिंतन के बाद साहित्य जगत में रोमन नवयुग के प्रणेता की है। उनकी अन्य कृतियों में टेरा अमाटा, युद्ध (मूल पुस्तक के शीर्षक का हिन्दी अनुवाद), उड़ान पुस्तक (मूल पुस्तक के शीर्षक का हिन्दी अनुवाद), महाकाय (मूल पुस्तक के शीर्षक का हिन्दी अनुवाद), लुलाबी (१९८०), बेलाबिलो (१९८५), इटॉइल इरैन्ट (१९९२), बैलेसिनर (२००७) इत्यादि प्रमुख हैं। टेरा अमाटा, वार, द बुक ऑफ फ्लाइट्स, द जाइन्टस कृतियों से क्लेजियो का पारिस्थितिकी की तरफ झुकाव देखा जा सकता है। 'इटॉइल इरैन्ट' में यहूदी और फिलिस्तीनी लड़कियों के बहाने विस्थापित होने और इस दौर की यातनाओं को उन्होंने बखूबी बयां किया गया है तो 'बैलेसिनर' को सिनेमा पर आधारित किया है। इस कृति में बचपन में सिनेमा के दाखिल होने, फिर उसकी दखलंदाजी और इस बहाने पूरा सिनेमाई इतिहास महसूस किया जा सकता है। क्लेजियो को सशक्त रचनाधर्मिता के चलते फ्रेंच एकेडमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

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ज़्याक शिराक

राष्ट्रपति शिराक ज़्याक शिराक (फ़्रांसिसी:, अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि) फ्राँस के राष्ट्रपति हैं। अपने राजनीतिक जीवन में वे दो बार देश के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होने 1976 में अपनी पार्टी आरपीआर की स्थापना की थी और 18 वर्षों तक पेरिस के मेयर पद पर आसीन रहे। शिराक मतदाताओं के बीच लोकप्रिय रहे हैं। जनरल डि गॉल से प्रेरित होकर सार्वजनिक जीवन में आए शिराक 1960 के अंत तक वित्त मंत्री बन गए थे। और वे देश की और यूरोपीय संसदों दोनों में रह चुके हैं। खाने का विशेष शौक, दिल को छूने वाली मुस्कुराहट औरतों के साथ उनके संबंध, उनसे प्रेम करने वाली पत्नी और बेटियाँ, सूमो कुश्ती में उनका विशेष रुझान - सबने उनकी लंबे समय से लोकप्रिय छवि बनाने में मदद की है। उम्र और विभिन्न कांडों के बावजूद राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा चुना जाना उनके अनुभव भरे जीवन की सफलता का गवाह है। शिराक की नैतिकता पर प्रश्न उठते रहे हैं उनका एक उपनाम है 'कमेलियन बोनापार्ट' यानि 'गिरगिट'। 1997 में बगैर किसी प्रत्यक्ष कारण के शिराक ने नेशनल असेंब्ली ख़त्म कर दी जिसकी दक्षिण पंथी बहुमत के तीन साल बाकी थे। तुरंत बाद उनके समर्थक चुनाव हार गए। और राष्ट्रपति पद के आखिरी पाँच सालों में हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। ज़्याक शिराक पर पेरिस के मेयर होने के दौरान पार्टी के लिए ग़लत तरीकों से पैसे उगाहने का आरोप है। लेकिन लगातार सबूत देने की माँग को वे यह कह कर टालते रहे हैं कि वे निर्दोष हैं और चाहते हुए भी राष्ट्रपति का पद उन्हे गवाही देने से रोकता है। .

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ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार

ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार (जन्म: 19 जनवरी 1920) पेरू के राजनयिक हैं, जिन्होने संयुक्त राष्ट्र के पांचवें महासचिव के रूप में संयुक्त राष्ट्र की 1 जनवरी 1982 से 31 दिसम्बर 1991 तक सेवा की। 1995 में वे पेरू के राष्ट्रपति के पद के चुनाव में अल्बर्टो फुजीमोरी से हार गए थे। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे फुजीमोरी के इस्तीफे के बाद के अशांत माहौल में वे मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष होने के साथ-साथ नवंबर 2000 से जुलाई 2001 तक विदेश मंत्री का भी दायित्व संभाला। सितम्बर 2004 में उन्होंने फ्रांस (जहां वे आधिकारिक रूप से रहते थे) में पेरू के राजदूत के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जून 2007 में कुर्त वॉल्डहाइम की मौत के बाद वे सबसे अधिक उम्र के संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बन गए। वर्ष 1987 में इन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ज़ोलोतोय रोग

अंतरिक्ष से ज़ोलोतोय रोग खाड़ी (चित्र के बीच में सींग या ऊँगली के आकार वाला पानी का क्षेत्र) और व्लादिवोस्तोक शहर का नज़ारा ज़ोलोतोय रोग खाड़ी का मुख और इसके इर्द-गिर्द बसा व्लादिवोस्तोक शहर ज़ोलोतोय रोग (रूसी: Золотой Рог, अंग्रेज़ी: Zolotoy Rog) एक सींग के आकार वाली समुद्री खाड़ी है जिस से रूस के सुदूर पूर्वी प्रांत प्रिमोर्स्की क्राय का तट लगता है। यह खाड़ी आगे चलकर जापान सागर में मिल जाती है। इसके सींगनुमा आकार की लम्बाई सात किलोमीटर है और चौड़ाई लगभग दो किलोमीटर है। पानी की गहराई २० से २७ मीटर के दरमियान है। अपने आकार की वजह से यह एक बढ़िया प्राकृतिक बंदरगाह है, जिस वजह से इसके मुख पर स्थित व्लादिवोस्तोक नगर भी फला-फूला है। .

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जाँ फ्रॉइसार

जाँ फ्रॉइसार (Jean Froissart; लगभग १३३८–१४१० ई.) एक मध्यकालीन फ्रांसीसी लेखक तथा दरबारी इतिहासकार था। उसके द्वारा रचित इतिहास, शताब्दियों तक १४वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड और फ्रांस के शौर्यपूर्ण उदय की गाथा बने रहे। उसके द्वारा रचित इतिहास सौ वर्षीय युद्ध के पूर्वार्ध के लिये एक महत्वपूर्ण स्रोत है। आरंभ में वह एक व्यापारी के यहाँ नौकरी किया करता था। बाद में ज्ञान प्राप्त करने की लगन पैदा हुई और उसने नौकरी छोड़ दी। पढ़े लिखों के बीच उसका उठना बैठना आरंभ हो गया। कविता से प्रेम उसे शुरू ही से था, यहाँ बढ़ावा मिला और वह कविता करने लगा। दुनिया घूमने की चाह पैदा हुई और १८ वर्ष की अवस्था में इंग्लैंड पहुंचकर रानी फिलिप्पा के राजदरबारियों में सम्मिलित हो गया। वहाँ उसकी प्रशंसा में कविताएँ लिखीं। भ्रमण करने की इच्छा हुई। १३६० में फ्रांस में था। १३६१ में पाँच वर्ष की अनुपस्थिति के बाद फिर इंग्लैंड पहुँचा। रानी फिलिप्पा से प्रोत्साहन पाकर स्कॉटलैंड का भ्रमण किया। १३६६ में 'ब्लैंक प्रिंस' के साथ फ्रांस गया। १३६८ में इटली में भ्रमण किया। यूरोप के कई एक राजदरबारों में रहा। इस प्रकार उसने अपनी 'क्रॉनिकल्स' (Chronicles) नामक पुस्तक के लिए सामग्री एकत्र की। इस पुस्तक में इसने १३२६ से १४०० ई. तक के युद्धों का वर्णन किया है। उसके कई भाग हैं जो समय समय पर अलग अलग लिखे गए। उसने लड़ाई के संबंध में जो लिखा सो है ही, लेकिन भौगोलिक संबंध में भी इस पुस्तक की महत्ता बढ़ जाती है। जिन जिन देशों में वह फिरा, उनका पूर्ण रूप से वर्णन किया है। उसकी पुस्तक के अंतिम भाग में क्रूसेड का भी वर्णन है। श्रेणी:इतिहासकार.

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जातीय समूह

जातीय समूह मनुष्यों का एक ऐसा समूह होता है जिसके सदस्य किसी वास्तविक या कल्पित सांझी वंश-परंपरा के माध्यम से अपने आप को एक नस्ल के वंशज मानते हैं।1987 स्मिथ यह सांझी विरासत वंशक्रम, इतिहास, रक्त-संबंध, धर्म, भाषा, सांझे क्षेत्र, राष्ट्रीयता या भौतिक रूप-रंग (यानि लोगों की शक्ल-सूरत) पर आधारित हो सकती है। एक जातीय समूह के सदस्य अपने एक जातीय समूह से संबंधित होने से अवगत होते हैं; इसके अलावा जातीय पहचान दूसरों द्वारा उस समूह की विशिष्टता के रूप में पहचाने जाने से भी चिह्नित होती है।"एन्थ्रोपोलोजी.

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जार्ज सोरा

जार्ज सोरा फ्रांस के महान चित्रकार हैं। .

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जार्जेस ब्रांक

जार्जेस ब्रांक फ्रांस के महान चित्रकार हैं | .

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जा़न-मारी लैह्न

ड्रेस्डेन तकनीकी विश्वविध्यालय मे २००८ मे अपने व्याख्यान के बाद जा़न-मारी लैह्न विशाल अणुकणिका संयोजन का एक उदाहरण। वृत्ताकार, सर्पिल आगर का संयोजन जा़न-मारी लैह्न और साथियों द्वारा प्रतिवेदित (Angew. Chem., Int. Ed. Engl. 1996, 35, 1838-1840.) foldamer का आणुविक स्व-संयोजन, जा़न-मारी लैह्न और साथियों द्वारा प्रतिवेदित (Helv. Chim. Acta., 2003, 86, 1598-1624.) जा़न-मारी लैह्न (३० सितम्बर, १९३९ को जन्मे) फ्रांसीसी रसायन विज्ञानी हैं। उन्हे डोनाल्ड क्रैम और चार्ल्स पेडेर्सन के साथ १९८७ में रसायन पर उनके कृटैन्ड के संश्लेषण के लिये नोबेल पुरस्कार पुरस्कार मिला। वे विशाल अणुकणिका रसायन शास्त्र के क्षेत्र में अग्रगामी वैज्ञानिक हैं; इस क्षेत्र में काम करते हुए कई उपयोगी मिश्रणों का अविष्कार किया। उन्होंने तकरीबन ८०० लेख रसायन विज्ञान पर लिखें हैं। श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:नोबेल पुरस्कार विजेता.

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जाजमऊ

जाजमऊ कानपुर के निकट एक उप-महानगर है। यह गंगा नदी तट पर स्थित है। जाजमऊ एक औद्योगिक उपनगर है। यह सबसे पुराना क्षेत्र में बसे जगह के रूप में माना जाता है। मुख्य उद्योग चमड़ा उद्योग है। यह सबसे बड़ा चमड़ा उत्पादक नगर है। इस कारण इसे कानपुर का चमड़ा नगर कहा जाता है। भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा की गयी खुदाई में १२००-१३०० शताब्दी के बर्तन, कलाकृतिया भी मिली है। इन्हें वर्तमान में कानपुर संग्रहालय में रखा गया है। .

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जां वाप्तिस्ते आंद्रे ड्यूमा

फ्रांसीसी रसायनज्ञ जां वाप्तिस्ते आंद्रे ड्यूमा जां वाप्तिस्ते आंद्रे ड्यूमा (Jean Baptiste Andre Dumas; 14 जुलाई 1800 – 10 अप्रैल 1884) फ्रांसीसी रसायनज्ञ था। कार्बनिक विश्लेषण एवं संश्लेषण पर उसने उल्लेखनीय कार्य किया। इसके अलावा उसने वाष्प घनत्व के मापन द्वारा परमाणु भार (आपेक्षिक परमाणु द्रव्यमान) तथा अणुभार निकालने की विधि विकसित की। इसके अलावा उसने यौगिकों में नाइट्रोजन का विश्लेषण करने की एक विधि विकसित की। .

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जिनेवा

जिनेवा या जनेवा (अंग्रेज़ी: Geneva; जनीवा, फ़्रांसीसी: Genève; जेनेव, जर्मन: Genf; जेन्फ़), स्विट्ज़रलैंड का ज़्यूरिख़ के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर है। ये फ़्रांस से सटा हुआ है और इसकी राजभाषा फ्रांसीसी है। ये शहर "जिनेवा सरोवर" के किनारे बसा है। यहाँ संयुक्त राष्ट्र संघ के कई निकायों के कार्यालय स्थित हैं। .

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जिब्राल्टर में क्रिकेट

यूरोपा पॉईंट पर चलता क्रिकेट का खेल जिब्राल्टर औबेरियन प्रायद्वीप और यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार पर स्थित एक स्वशासी ब्रिटिश विदेशी क्षेत्र है। 6.843 वर्ग किलोमीटर (2.642 वर्ग मील) में फैले इस देश की सीमा उत्तर में स्पेन से मिलती है। जिब्राल्टर ऐतिहासिक रूप से ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रहा है और शाही नौसेना का एक आधार है। जिब्राल्टर में विभिन्न प्रकार के खेल जिब्राल्टर की जनता के रोजमर्रा जीवन का अहम हिस्सा हैं। यहाँ विशेष रूप से फुटबॉल, क्रिकेट और बास्केटबॉल जैसे खेल ज्यादा लोकप्रिय हैं। क्रिकेट यहाँ ब्रिटिश सैनिकों द्वारा लाया गया था। जिब्राल्टर का वातावरण इस खेल के लिए काफ़ी अनुकूल है। क्रिकेट बल्ले और गेंद का एक दलीय खेल है जिसकी शुरुआत दक्षिणी इंग्लैंड में हुई थी। इसका सबसे प्राचीन निश्चित-संदर्भ 1598 का मिलता है और अब यह 100 से भी अधिक देशों में खेला जाता है। क्रिकेट के कई रूप हैं; इसका उच्चतम स्तर टॅस्ट क्रिकेट है, जिसमें वर्तमान प्रमुख राष्ट्रीय टीमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैण्ड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैण्ड, पाकिस्तान व बांग्लादेश हैं। जिब्राल्टर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम जिब्राल्टर का अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व करने वाली टीम है। टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वर्ष 1969 से सहयोगी सदस्य है। टॅस्ट क्रिकेट नहीं खेलने वाली यूरोपीय टीमों में जिब्राल्टर की टीम इस समय छठे स्थान पर है। .

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जिब्राल्टर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम

जिब्राल्टर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर का अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व करने वाली टीम है। टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वर्ष 1969 से सहयोगी सदस्य है। टॅस्ट क्रिकेट नहीं खेलने वाली यूरोपीय टीमों में जिब्राल्टर की टीम इस समय छठे स्थान पर है। .

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जिबूती

जिबूती पूर्वी अफ्रीका में बसा एक देश है, जिसकी सीमाएं उत्तर में इरीट्रिया से, पश्चिम और दक्षिण में इथियोपिया से और दक्षिण पूर्व में सोमालिया से मिलती है। इसके अलावा लाल सागर और गल्फ ऑफ अदन से मिलती देश की सीमाएं हैं। महज 23 हजार वर्ग किमी में फैले इस देश की आबादी पांच लाख से कुछ ज्यादा है। इसकी राजधानी जिबूती है। देश की आबादी का पांचवा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गरीबी रेखा के लिए तय 1.25 डालर प्रति दिन से कम आय अर्जित करता है। .

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जुलाई 2006

आंद्रे आगासी ने अपना आखरी विंबलडन सिंगल्स टेनिस मैच खेला। विंबलडन के तीसरे दौर मे वे राफ़ेल नडाल से ७-६ (७-५), ६-२, ६-४ से हार गए। श्रेणी:जुलाई श्रेणी:2006.

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ज्याँ तिरोल

ज्याँ मार्सेल तिरोल (जन्म 9 अगस्त 1953) फ़्रांस के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री हैं। .

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ज्याँ क्रिस्तोफ

ज्याँ क्रिस्तोफ (JEAN-CHRISTOPHE) फ्रांस के सुप्रसिद्ध साहित्यकार रोमां रोलां लिखित वृहद् उपन्यास है, जिस पर उन्हें 1915 ई० में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ था। .

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ज्यां लुक गोदार

ज्यां लुक गोदार फ्रेंच फिल्म निर्देशक और निर्माता हैं। फिल्म निर्माण में गोदार की पहचान को साठ के दशक में फ्रांस में लोकप्रिय न्यू वेव सिने आंदोलन से जोड़कर देखा जाता है। गोदार ने फ्रांस की मुख्यधारा सिनेमा की जमकर आलोचना की। उनकी आलोचना के केंद्र में था नई विधा पर काम करने वजाय पुरानी शैली में शिल्प पर जोर और नए के बदले पुराने फिल्मकारों को तरजीह। फ्रांस में इसे लेकर बहस तेज हो गई और नतीजे में गोदार और उनके साथियों ने अपनी फिल्मों का निर्माण शुरू कर दिया। गोदार की कई फिल्मों ने अपने कथ्य और शिल्प के जरिए फ्रांस के साथ-साथ हॉलीवुड सिनेमा के सामने भी चुनौतियां पेश कीं। गोदार को सन् 2010 में ऑनरेरी ऑस्कर सम्मान के लिए चुना गया लेकिन उन्होंने सम्मान समारोह में शिरकत नहीं की। गोदार की फिल्मों ने अपने समकालीन और बाद की पीढ़ी के कई निर्देशकों को प्रभावित किया जिनमें मार्टिन स्कोर्सीज, बरनार्डो बर्टोलूची और पियरे पाओलो पसोलिनी शामिल हैं। .

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ज्यां-पाल सार्त्र

ज्यां-पाल सार्त्र नोबेल पुरस्कार साहित्य विजेता, १९६४ ज्यां-पाल सार्त्र अस्तित्ववाद के पहले विचारकों में से माने जाते हैं। वह बीसवीं सदी में फ्रान्स के सर्वप्रधान दार्शनिक कहे जा सकते हैं। कई बार उन्हें अस्तित्ववाद के जन्मदाता के रूप में भी देखा जाता है। अपनी पुस्तक "ल नौसी" में सार्त्र एक ऐसे अध्यापक की कथा सुनाते हैं जिसे ये इलहाम होता है कि उसका पर्यावरण जिससे उसे इतना लगाव है वो बस कि़ंचित् निर्जीव और तत्वहीन वस्तुओं से निर्मित है। किन्तु उन निर्जीव वस्तुओं से ही उसकी तमाम भावनाएँ जन्म ले चुकी थीं। सार्त्र का निधन अप्रैल १५, १९८० को पेरिस में हआ। .

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जैव संरक्षण

जैव संरक्षण, प्रजातियां, उनके प्राकृतिक वास और पारिस्थितिक तंत्र को विलोपन से बचाने के उद्देश्य से प्रकृति और पृथ्वी की जैव विविधता के स्तरों का वैज्ञानिक अध्ययन है। यह विज्ञान, अर्थशास्त्र और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के व्यवहार से आहरित अंतरनियंत्रित विषय है। शब्द कन्सर्वेशन बॉयोलोजी को जीव-विज्ञानी ब्रूस विलकॉक्स और माइकल सूले द्वारा 1978 में ला जोला, कैलिफ़ोर्निया स्थित कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन में शीर्षक के तौर पर प्रवर्तित किया गया। बैठक वैज्ञानिकों के बीच उष्णकटिबंधीय वनों की कटाई, लुप्त होने वाली प्रजातियों और प्रजातियों के भीतर क्षतिग्रस्त आनुवंशिक विविधता पर चिंता से उभरी.

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जूट जाति

जूट जाति की मातृभूमि जटलैण्ड प्रायद्वीप जूट जाति (Jutes) त्यूतनिक है, जिसने ब्रिटेन पर पांचवीं शताब्दी में आक्रमण किया। बीड (Bede) ने उसे 'यूटो' या 'यूटी' (Iuti, or Iutæ) भी कहा है। इस जाति के लोग केंट, बाइट द्वीप और हैंपशायर के निकट के प्रदेशों में बसे थे। उनके संबंध में बीड ने जो कुछ लिखा है उससे यह पता चलता है कि जूट, यूटी या बाद के जाइडर जाति के अनुरूप है, उसका मूल निवास जटलैंड है। कुछ लेखकों ने जूट जाति को उस यूसिआई जाति से अभिन्न माना है जो बाद में फ्रांस में बस गई थी। किंतु ऐसी भी संभावना की जाती है कि वह जाति जटलैंड से ही उक्त प्रदेश में आकर बसी हो। श्रेणी:ब्रिटेन का इतिहास.

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जूडो

(柔道) | aka .

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जूता

आज दुनिया के सबसे व्यापक रूप से उपलब्ध जूता: पब्लिक स्क्वेर, फेज़, मोरक्को में बिक्री के लिए सैकड़ों इस्तेमाल किये हुए खेल के जूतें, 2007 जूता पैरों में पहनने की एक ऐसी वस्तु है जिसका उद्देश्य विभिन्न गतिविधियां करते समय मानव के पैर की रक्षा करना और उसे आराम पहुंचाना है। जूतों का उपयोग एक सजावट की वस्तु के रूप में भी किया जाता है। समय-समय पर तथा संस्कृति से संस्कृति जूते के डिजाइन व रंग-रूप में अत्यधिक परिवर्तिन हुआ है, मूल स्वरूप में इसे काम के समय पहना जाता था। इसके अतिरिक्त, फैशन ने अक्सर कई डिजाइन तत्वों को निर्धारित किया है, जैसे जूते की एड़ी बहुत ही ऊंची हो या समतल हो। समकालीन जूते शैली, जटिलता और लागत की दृष्टि से व्यापक रूप में भिन्न होते हैं। बुनियादी सैंडल में केवल एक पतला तला और एक सामान्य पट्टा शामिल था। उच्च फैशन जूते महंगी सामग्री से और जटिल निर्माण प्रक्रिया द्वारा बनाए जाते हैं तथा उन्हें हजारों डॉलर प्रति जोड़ी बेचा जा सकता है। अन्य जूते अति विशिष्ट प्रयोजनों के लिए होते हैं, जैसे पर्वतारोहण और स्कीइंग के लिए डिजाइन किए गए जूते (बूट).

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जूल बास्तां लापाज

बास्तां-लापाज का आत्मचित्र बास्तां-लापाज द्वारा का एक चित्र (1882) जूल बास्तां लापाज (Jules Bastien-Lepage; 1 नवम्बर 1848 – 10 दिसम्बर 1884), फ्रांस के प्रसिद्ध आकृति चित्रकार तथा ग्रामजीवन के चित्रकार (naturalist painter) थे। इनका जन्म १ नवम्बर १८४८ को एक कृषक परिवार में हुआ। यह प्रभाववादी कलाकार थे। इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं - 'वसंतागमन', 'भेड़िहारा', 'गेहूँ के खेत' तथा 'भिखारी'। इनके कतिपय श्रेष्ठ आकृतिचित्र है - अपने माता, पिता, पितामह तथा एडवर्ड सप्तम के आकृतिचित्र। इनकी मृत्यु १० दिसम्बर १८८४ दो पेरिस में हुई। श्रेणी:चित्रकार श्रेणी:१८४८ जन्म श्रेणी:१८८४ में निधन.

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जूलिया क्रिस्टेवा

जूलिया क्रिस्टेवा (Юлия Кръстева; जन्म 24 जून 1941) एक बल्गेरियाई-फ्रेंच दार्शनिक, साहित्यिक आलोचक, मनोविश्लेषक, नारीवादी, और, सबसे हाल ही में, उपन्यासकार है 1960 के दशक के मध्य से फ्रांस में रह रही है। वह अब विश्वविद्यालय पेरिस डिडरोट में प्रोफेसर हैं। क्रिस्टेवा 1969 में अपनी पहली पुस्तक, सेमियोटिक्स प्रकाशित करने के बाद अंतर्राष्ट्रीय आलोचनात्मक विश्लेषण, सांस्कृतिक अध्ययन और नारीवाद में प्रभावशाली बनीं। उनके काम का बड़ा हिस्सा किताबों और निबंधों में शामिल होता है, जो भाषाविज्ञान, साहित्यिक सिद्धांतों और आलोचना के क्षेत्र में इंटर टेक्स्ट्युलिटी, सांकेतिकता, और अपकर्षन, मनोविश्लेषण, जीवनी और आत्मकथा, राजनीतिक और सांस्कृतिक विश्लेषण, कला और कला इतिहास को संबोधित करता है। वह संरचनावाद और उत्तर संरचनावाद चिन्तन में प्रमुख हैं। क्रिस्टेवा सिमोन डी बेउओवर पुरस्कार समिति की संस्थापक और प्रमुख भी हैं। .

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जूल्स वर्न

जूल्स वर्न जूल्स वर्न (Jules Verne) (8 फ़रवरी 1828 – 24 मार्च 1905) महान विज्ञान कथाकार का जन्मदिन है। जूल्स वर्न और सुप्रसिद्ध अंग्रेज विज्ञान कथाकार एच.जी.

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जेनेवा झील

जेनेवा झील, लेक जेनेवा या फ्रांसीसी भाषा में Lac Léman पश्चिमी यूरोप की सबसे बड़ी स्वच्छ जल की झील है। विशाल झील है (५८२ वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला हुआ)। इसका लगभग ६०% भाग स्विट्जरलैण्ड के क्षेत्राधिकार (ज्युरिसडिक्शन) में आता है। शेष ४०% भाग फ्रांस के क्षेत्राधिकार में है। जेनेवा शहर इसके दोनो किनारों पर बसा है। .

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जेम्स थार्नहिल

जेम्स थार्नहिल का आत्मचित्र जेम्स थार्नहिल (Sir James Thornhill; १६७५-७६ -- १७३४) ग्रैंड बरोक परंपरा का एकमात्र ब्रिटिश सज्जा चित्रकार था। सेंट पाल के गिरजाघर की गुंबद में उसने सेंट पाल के जीवन से संबंधित आठ पैनेल बनाये (१७१५-१७)। ग्रीनिच अस्पताल के प्रमुख भवन में उसने ऐतिहासिक नायकों के चित्र बनाए (१७०८-१७२७); हैंप्टन कोर्ट की छत को सुसज्जित किया (१७१५)। सन् १७११ ईo में वह नीदरलैंड तथा १७१७ में फ्रांस में रहा। १७२० में उसने 'सार्जेट पेंटर' और नाइटहुड का पद प्राप्त किया। १७२२ में पार्लिमेंट का सदस्य बना। १७२३ में वह रायल सोसाइटी का फेलो (सदस्य) माना गया। थार्नहिल पहला चित्रकार है जिसने इतनी इज्जत पाई। सज्जाकारी में अन्य देशों से आये कलाकारों से मुकाबला करनेवाला पूरे इंग्लैंड में वह प्रथम कलाकार था। बाद में प्रसिद्धि प्राप्त करनेवाला चित्रकार हागर्थ उसी का दामाद था। श्रेणी:चित्रकार.

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जेम्स द्वितीय

जेम्स द्वितीय (१६३३-१७०१) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (१६८५-८८) था। वह चार्ल्स प्रथम तथा हेनरिटा मेरिया की द्वितीय संतान था। वह १६४३ ई॰ में आर्क ड्यूक बना था। वह योग्य सैनिक, साहसी एवं दृढ़ निश्चय व्यक्ति था, किंतु उसमें दूरदर्शिता की न्यूनता, धर्मान्धता, तथा अनैतिकता थी। अपने पिता की फाँसी के थोड़े समय ही पूर्व वह हालैंड भागा, फिर फ्रांस चला गया। १६५९ ई॰ में उसने एन हाइड से विवाह किया जिससे उसकी दो लड़कियाँ मेरी और एन उत्पन्न हुईं, जो आगे चलकर क्रमश: इंग्लैंड की रानी हुईं। उसकी द्वितीय पत्नी मेरी ऑव मांडेना से १८६६ में एक पुत्र हुआ जो 'ओल्ड प्रिटेंडर' के नाम से प्रसिद्ध हुआ। राजतंत्र की पुन: स्थापना के उपरांत जेम्स लॉर्ड हाई ऐडमिरल नियुक्त हुआ। १६८५ ई॰ में गद्दी पर बैठा और ड्यूक ऑव आरगाइल तथा मनमथ के विद्रोहों को दबाया। कैथालिक के रूप में तथा निरंकुश शासन का संकल्प कर लेने के कारण उसने अपने स्वेच्छानुसार के द्वारा इंग्लैंड के कानूनों का नियमित अतिक्रमण आरंभ किया। जेम्स ने कैथोलिकों का प्रवेश सेना एवं विश्वविद्यालयों में कराया। एक स्थायी सेना की रचना के साथ साथ उसने इंग्लैंड के कानूनों को स्थगित एवं रद्द करने का अधिकार ग्रहण किया। उसकी इंडलजेंस की प्रथम घोषणा ने १६८७ ई॰ में कैथोलिको एवं डिसेंटर्स के विरुद्ध लगाए सारे दंड-विधानों को स्थगित कर दिया जिससे एक राष्ट्रीय चेतना फैल गई। उसकी इंडलजेंस की दूसरी घोषणा का विरोध सात बिशपों ने किया जिनपर मुकदमा चलाया गया। जब वे मुक्त किए गए तो लोगों ने करतल ध्वनि द्वारा इसका स्वागत किया। जेम्स के पुत्र उत्पन्न होने पर प्रोटेस्टेंट विलियम ऑव ओरंज, जो जेम्स का दामाद था, इंगलैंड की गद्दी पर बैठने के लिए भी आमंत्रित किया गया। विलियम के आने पर इंगलैंड की सेना भी उसके साथ हो गई और जेम्स फ्रांस भागा। इंगलैंड की गद्दी को पुन: प्राप्त करने के लिए जेम्स ने १६९० ई॰ में आयरलैंड में एक असफल विद्रोह किया। ६ सितंबर १७०१ ई॰ को सेंट जर्मेंन में जेम्स की मृत्यु हो गई। श्रेणी:इंग्लैंड का इतिहास श्रेणी:ब्रिटेन के शासक.

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जेम्स प्रथम (स्कॉटलैंड)

James I (late July 1394 – 21 February 1437), King of Scotland from 1406, was the son of King Robert III and Annabella Drummond। जेम्स प्रथम (१३९४ - १४३७) स्काट्लैंड का राजा और राबर्ट तृतीय का एकमात्र पुत्र था। जब वह विद्याध्ययन के लिये फ्रांस जा रहा था तो मार्ग में इंगलिश सामुद्रिक छापामारों ने उसे २२ मार्च १४०६ ईo में बंदी बना लिया, तथा हेनरी चतुर्थ के शासन में वह इंग्लैंड के कारागार में १८ वर्ष तक रहा। इसी वर्ष अपने पिता की मृत्यु पर वह स्काट्लैंड का नाममात्र का शासक बना। उसके बंदीकाल में स्काटलैंड का शासन उसके चाचा ड्यूक और अल्बनी के हाथ में था। १४२४ ईo में अच्छी धनराशि के बदले स्काटलैंड निवासियों द्वारा मुक्त कराया गया। सोमरसेट के ड्यूक की कन्या ज़ेनब्यूफर्ट जेम्स का विवाह १४२४ ईo में और उसी वर्ष उसका राज्याभिषेक भी हुआ। जेम्स ने राजनीतिक एवं वैधानिक सुधारों का उपयोग कर एक वैधानिक राजतंत्र का सूत्रपात किया। विद्रोही सामंतों के प्रति कठोर कदम उठाए तथा अल्बनी के नए ड्यूक को अपदस्थ किया। शक्तिशाली शासक होने के कारण उसके शत्रु अधिक हो गए। सर राबर्ट ग्रैहम ने २१ फरवरी १४३३ ईo को उसका वध कर डाला क्योंकि जेम्स ने उसे निष्कासन का दंड दिया था। जेम्स की ख्याति उसकी काव्यरचना पर भी अंशत: निर्भर करती है। 'द् किंग्स क्वैर' उसकी प्रसिद्ध रचना है। श्रेणी:स्कॉटलैंड का इतिहास.

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जेरिको (मिसाइल)

जेरिको एक सामान्य पद दिया करने के लिए एक शिथिल संबंधित परिवार तैनात की बैलिस्टिक मिसाइलों द्वारा विकसित इसराइल 1960 के दशक से आगे हैं। नाम लिया जाता है से पहले विकास के अनुबंध के लिए जेरिको मैं पर हस्ताक्षर किए के बीच इसराइल और Dassault 1963 में, साथ कोडनेम के रूप में एक संदर्भ के लिए बाइबिल के शहर जेरिको.

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जेर्स

जेर्स (Gers; फ्रेंच: le Gers, उच्चारण: या; Gascon: Gers) फ्रांस का प्रशासकीय विभाग है जो जेर्स, आउर, जिमोने सेव आदि नदियों के प्रवाहक्षेत्र में लगभग ६,२९१ वर्ग किमी॰ पर फैला हुआ है। भूमि अधिकतर पठारी है, जिसकी ऊँचाई दक्षिण-पूर्व में ३३० मीटर तथा ढाल उत्तर-पूर्व की ओर है। जलवायु प्राय: समशीतोष्ण है। वार्षिक वर्षा का औसत ७२o से ७६ सेंमी॰ है। बर्फ और कुहरा कभी कभी पड़ता है। कृषि यहाँ के निवासियों का मुख्य व्यवसाय है, जिसमें अंगूर की कृषि विशेष महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त उपजाऊ घाटियों में गेहूं, मक्का आदि खाद्यान्न एवं फ्लैक्स की कृषि भी होती है। कृषि के बाद पशुपालन का ही विशेष महत्व है। मदिरा अच्छी और प्रचुर मात्रा में बनाई जाती है। श्रेणी:फ्रांस के प्रशासकीय विभाग.

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जॉन मार्ले

जान मॉर्ले (John Morley; १८३८ - १९२३) ब्रिटेन का पत्रकार, लेखक और कूटनीतिज्ञ था। मॉर्ले का जन्म २४ दिसंबर, १८३८ को लंकाशायर के ब्लैकबर्न नगर में हुआ। उसने १८५९ में आक्सफोर्ड के लिंकन कालेज से बी० ए० की उपाधि प्राप्त की। इस वर्ष ही वह लंदन नगर आया और मृतप्राय लिटरेरी गजट का संपादक नियुक्त हुआ। साहित्य और राजनीति मार्ले के प्रिय विषय थे। उसके तथ्ययुक्त विचारपूर्ण लेखों ने उसको शीघ्र ही प्रसिद्ध कर दिया। मिलिटरी गजट का प्रकाशन कुछ समय बाद बंद हो गया किंतु मार्ले के साहित्यिक जीवन की ठोस नींव इस काल में पड़ गई। वह १८६७ में फोर्टनाइटली रिव्यू का संपापदक नियुक्त हुआ और १८८३ तक इस पद पर कार्य करता रहा। इस बीच उसने १८६८ से १८७० तक दैनिक मार्निग स्टार और १८८० से १८८३ तक पाल माल गजट का भी संपादन किया। १८८३ से १८८५ तक वह मेंकमिलंस मैगज़ीन का संपादक रहा। सुप्रसिद्ध साहित्यिक और राजनीतिक पुरूषों के जीवनकार्यों का उसने विशेष अध्ययन किया और उनकी जीवनियाँ लिखीं। 'एडमंड बर्क'- एक ऐतिहासिक अध्ययन का प्रकाशन १८६७ में हुआ। फ्रांस के वोल्तेर, रूसो, दिदेरी और विश्वकोशकारों तथा इंग्लैंड के रिचर्ड काबडेन की जीवनियाँ इस काल में प्रकाशित हुईं। १८७४ में उसका प्रसिद्ध निबंध 'कंप्रोमाइज' प्रकाशित हुआ। इस निबंध ने मार्ले को दार्शनिकों की पंक्ति में स्थान दिला दिया। वालपोल, आलिवर क्रामवेल और ग्लेडस्टन की जीवनियाँ १८८९, १९०० और १९०३ में प्रकाशित हुई। मॉर्ले की अन्य दो प्रसिद्ध कृतियाँ 'स्टडीज इन लिटरेचर' और 'द स्टडी आव लिटरेचर' भी शताब्दी के अंतिम दशक में प्रकाशित हुई। मॉर्ले ने १८६९ में अपने नगर से और १८८० में वेस्टमिस्टर से पार्लमेंट में पहुँचने का असफल प्रयत्न किया। १८८३ में वह न्यूकासिल आन टाइन से पार्लमेंट का सदस्य चुन लिया गया। इसी वर्ष उसकी अध्यक्षता में लीड्स में उदारदल का वृहत् सम्मेलन हुआ। प्रतिनिधि व्यवस्था और निर्वाचन पद्धति में सुधार के संबंध में सम्मेलन के महत्वपूर्ण निर्णयों ने उदारदल के प्रभाव में वृद्धि की। मॉर्ले ने समान निर्वाचन क्षेत्रों, नगरों और काउंटियों में समान मताधिकार योग्यता तथा सदस्यों को वेतन देने के पक्ष में देश भर में जनमत तैयार किया। आयरलैण्ड के राष्ट्रीय आंदोलन के प्रति भी मॉर्ले की पूर्ण सहानुभूति थी। उस देश को स्वशासन का अधिकार देने के प्रश्न पर वह ग्लैडस्टन के विचारों से सहमत था। ग्लैडस्टन ने उसको १८८६ ई० में आयर्लैंड का सचिव नियुक्त किया। बहुमत द्वारा समर्थन के अभाव में आयर्लैंड के प्रश्न पर छह मास में ही सरकार की पराजय हो गई पर मॉर्ले अपने क्षेत्र से फिर चुन लिया गया। १८९२ में उदार दल की सरकार बनने पर प्रधान मंत्री ग्लेडस्टन ने मॉर्ले को दुबारा आयर्लैंड का सचिव नियुक्त किया। आयर्लैंड की समस्या को हल करने में मार्लै को सफलता नहीं मिली। दल के मतभेदश् ने इस संबंध के कानून को पार्लमेंट में स्वीकृत नहीं होने दिया। १८९५ में उदार दल की सरकार भंग हो गई और अगले दस वर्षो तक शासनसूत्र अनुदार दल के हाथ में रहा। मॉर्ले ने इस अवधि में कई उत्तम रचनाएँ देश को दीं। १९०२ में एंड्रू कार्नेगी ने लार्ड एक्टन का मूल्यवान् पुस्तकालय खरीदकर मॉर्ले को भेंट किया। मॉर्ले ने उसे केंब्रिज विश्वविद्यालय को सौंप दिया। १९०५ में उदार दल की सरकार बनने पर मॉर्ले भारत सचिव के पद पर नियुक्त हुआ। भारत के राष्ट्रीय आंदोलन को दबाने के लिये उसने १९०७ में कठोर कानून की सृष्टि की। देश की एकता के लिये घातक सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली के जन्मदाता १९०९ के कानून की रचना में उसका प्रमुख हाथ था। ब्लेमबर्न के वाइकाउंट का पद देकर १९०८ में सरकार ने मॉर्ले का सम्मान किया। तबसे जीवन के अंतिम दिन तक वह लार्ड सभा का सदस्य रहा। १९०९ में उसके विशेष प्रयत्न से लार्ड सभा ने अर्थबिल पर स्वीकृति दी थी। १९१० से १९१४ तक कौंसिल के प्रेसीडेंट का पद भी उसने सँभाला। मॉर्ले शांतिवादी था। १९१४ में प्रथम विश्वयुद्ध प्रारंभ होने पर उसने स्वयं ही लार्ड प्रेसीडेंट का पद त्याग दिया। १९१७ में उसके संस्मरण प्रकाशित हुए। २३ सितंबर, १९२३ को विल्लेडन में उसकी मृत्यु हुई। श्रेणी:यूके के उदार दल के एमपी.

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जॉन जी॰ मोरिस

जॉन जी॰ मोरिस (7 दिसंबर, 1916 - जुलाई 28, 2017), एक अमेरिकी फोटोग्राफर और फोटोपत्रकारिता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। उन्होंने पूरे द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान साप्तहिक पिक्चर मैगजीन ‘लाइफ’ के लिए काम किया था। .

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जोन ऑफ़ आर्क

संत जोन ऑफ़ आर्क या ऑर्लियन्स की कन्या (फ्रांसीसी: Jeanne d'Arc, ज़ॉन द'आर्क); लगभग १४१२ – ३० मई १४३१) फ्रांस की वीरांगना थीं, जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च में संत माना जाता है। ये पूर्वी फ्रांस के एक किसान परिवार में जन्मी थीं। १२ वर्ष की आयु से इन्हें ईश्वरीय संदेश मिलने शुरु हुए कि किस तरह फ्रांस से अंग्रेजों को निकाल बाहर किया जाए। इन्हीं दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इन्होंने फ्रांस की सेना का नेतृत्व किया और कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ जीतीं, जिनके चलते चार्ल्स सप्तम फ्रांस की राजगद्दी पर बैठ पाए। ये फ्रांस के संरक्षक संतों में से एक हैँ। जोन का कहना था कि इन्हें ईश्वर से आदेश मिले कि वे अपनी जन्मभूमि को अंग्रेजों से मुक्त कराएँ। सौ वर्षों के युद्ध के अंतिम वर्षों में इंग्लैण्ड ने फ्रांस के काफी भूभाग पर कब्जा कर लिया था। फ्रांस के वैध राजा चार्ल्स सप्तम का राज्याभिषेक भी नहीं हो पाया था। जोन ने जब चार्ल्स को बताया कि ईश्वरीय संदेश के अनुसार ऑर्लियन्स में फ्रांस की जीत निश्चित है, तो चार्ल्स ने जोन को ऑर्लियन्स की घेराबंदी तोड़ने के लिए भेज दिया। ऑर्लियन्स पहुँच कर जोन ने हतोत्साहित सेनापतियों को उत्साह दिलाया और नौ दिन के अंदर-अंदर घेराबंदी को तोड़ डाला। इसके बाद इन्होंने फ्रांस की सेना की सावधानी से काम लेने की नीति को बदल दिया और अपने स्फूर्त नेतृत्व से कई और लड़ाइयाँ जीतीं। अंततः इनके कहे अनुसार रैम में चार्ल्स सप्तम का राज्याभिषेक हुआ। कॉम्पियैन में इन्हें अंग्रेजों ने पकड़ लिया और चुड़ैल करार देते हुए जीवित जला दिया। उस समय ये केवल १९ साल की थीं। २४ साल बाद चार्ल्स सप्तम के अनुरोध पर पोप कॅलिक्स्टस तृतीय ने इन्हें निर्दोष ठहराया और शहीद की उपाधि से सम्मानित किया। १९०९ में इन्हें धन्य घोषित किया गया और १९२० में संत की उपाधि प्रदान की गई। पाश्चात्य संस्कृति में जोन ऑफ़ आर्क की बहुत महत्ता है। नेपोलियन से लेकर आधुनिक नेताओं तक, सब फ्रांसीसी राजनेता जोन का आह्वान करते आए हैं। बहुत से लेखकों ने इनके जीवन से प्रेरित हो साहित्य रचा है, जिनमें शामिल हैं- विलियम शेक्सपियर, वोल्टेयर, फ्रेडरिक शिलर, जिसेप वर्दी, प्योत्र ईलिच चाइकौव्स्की, मार्क ट्वेन, बर्तोल्त ब्रैच्त और जॉर्ज बर्नार्ड शॉ। इसके अलावा इनपर बहुत सी फिल्में, वृत्तचित्र, वीडियो गेम और नृत्य भी बने हैं। .

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जोसेप प्ला

जोसेप प्ला (8 मार्च 1897 – 23 अप्रैल 1981) स्पेनी कैटलन पत्रकार और प्रसिद्ध लेखक थे। पत्रकार के तौर पर इन्होंने फ्रांस, इटली, इंग्लैंड, जर्मनी और रूस जैसे देशों में रह कर पत्रकारिता की थी। .

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जोसेफ़ स्टालिन

जोज़ेफ विसारिओनोविच स्टालिन (रूसी: Ио́сиф Виссарио́нович Джугашвили) (1878-1953) सोवियत संघ का १९२२ से १९५३ तक नेता था। स्टालिन का जन्म गोरी जॉर्जिया में हुआ था। .

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जोगिन्दर जसवन्त सिंह

जनरल जोगिन्दर जसवन्त सिंह पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी (जन्म: ११ सितम्बर १९४५) भारतीय थल सेना के बाईसवें सेनाध्यक्ष थे। वह ३१ जनवरी २००५ से ३० सितम्बर २००७ तक सेना प्रमुख के रूप में कार्यरत रहे। सिंह को २७ नवंबर २००४ को जनरल एन सी विज की सेवानिवृति के बाद सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था, और ३१ जनवरी २००५ को सेवानिवृत्त होने तक वह इस पद पर रहे। उनके बाद जनरल दीपक कपूर थल सेना के अगले सेनाध्यक्ष बने। जोगिन्दर जसवन्त सिंह भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाले पहले सिख सिपाही हैं, और चण्डीमन्दिर में स्थित पश्चिमी कमान से आने वाले ग्यारहवें सैन्य प्रमुख हैं। सेवानिवृत्ति के बाद वह २७ जनवरी २००८ को अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बने। .

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जोआकिम दु बेले

जोआकिम दु बेले (Joachim du Bellay या Joachim Du Bellay;; 1522 ई – 1 जनवरी 1560) एक फ्रान्सीसी कवि, आलोचक एवं प्लीदे (Pléiade) का सदस्य था। उसका जन्म आंजु के निकट लिरे में सन् १५२५ में हुआ था। छोटी अवस्था में ही उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई। बड़े भाई ने उनकी शिक्षा पर समुचित ध्यान नहीं दिया। उसने २३ वर्ष की अवस्था में पातिएर में कानून का, और तदुपरांत पेरिस में साहित्य का अध्ययन किया। सन् १५४७ में पातिएर जाते समय मार्गस्थित एक पांथशाला में अकस्मात् रासार से उनकी भेंट हुई जिसके परिणामस्वरूप 'प्लेयाद' (सप्त-कवि-मंडल) की स्थापना हुई। प्लेयाद का नामकरण 'तोमेली' नामक राजा के समय के अलेग्ज़ैंड्रिव कवियों के आधार पर हुआ। दु बेले ने इस कविमंडल की एक घोषणा (१५४९) लिखी है जिसका नाम है 'ला दे फ्रांस ए लिलु स्त्रासियों दे ला लांग फ्रासेस'। उनकी पुस्तक 'आलिव' फ्रेंच साहित्य में अपने ढंग की प्रथम सॉनेट-शृंखला है। इसका स्वरूप पेट्रियार्कियन है और इसमें मादमासेल दि व्हिआल के प्रति आध्यात्मिक प्रेम का विशद वर्णन है। जोआकिम अपने चचेरे भाई कार्डिनल दु बेले के साथ, जो रोम के राजदूत थे (१५५३), सेक्रेटरी बनकर गए। वहाँ चार वर्ष के प्रवासकाल में आपने ग्रीक, लैटिन और इटैलियन साहित्य का विस्तृत अध्ययन किया जिसके परिणामस्वरूप 'लेआंतिकिते द रोम' और 'ले रग्रे' की रचना हुई। वहाँ से फ्रांस लौटने पर आपने लेव्हैर रुतिक, 'ले पोएत कुर्जिजां' और लैटिन के दो पद्यसंग्रह प्रकाशित किए। निर्धनता एवं अस्वस्थता के कारण अल्पावस्था में ही १८ जनवरी, सन् १५६० को आपका देहांत हो गया। आप स्वच्छंदतावाद की प्रतिष्ठा के पूर्व ही स्वच्छंतावादी (रोमेंटिसिस्ट) थे। आपकी कविताओं में मैत्री, देशभक्ति तथा प्रेम का चित्रण प्रधान है। आपकी कविताओं में रूपसौंदर्य के साथ साथ भावों की कोमलता भी दिखाई पड़ती है। फ्रांस में सानेट 'सें जैले' द्वारा आरंभ किया गया किंतु उसका प्रचलन दु बेले द्वारा ही हुआ। पोएम कुर्तिजा दरबारी कवियों का व्यंग्यचित्र है। इसी सर्वोकृष्ट व्यंग्यकाव्य ने फ्रेंच भाषा में व्यंग्य एवं परिहास का शुभारंभ किया। लेव्हेर रुस्तिक में सुंदर ग्राम्य चित्र हैं। ले जांतिकिते द रोम में, जो एडमंड द्वारा अंग्रेजी में अनूदित है, रोम की प्राचीन गारिमा के प्रतिकूल उसकी वर्तमान भ्रष्टताजनित कविहृदय के विषाद की अभिव्यक्ति है। ले रेग्रे में लायर नदी के तट के प्रति कवि का व्यक्त अनुराग तथा उसकी रोमन प्रेमिका फासतिना के वियोग में लिखे गए सानेट हैं। यदि आपकी कविताओं की तुलना आपके पूर्ववर्ती श्रेष्ठ कवियों की रचनाओं से की जाय तो आपमें बलवत्तर मूर्तिमत्ता, गीत की प्रलंबता, भाषा का अधिक सौष्ठव तथा अनुभव का बृहत्तर विस्तार दिखाई पड़ता है। 'ला देफास' फ्रेंच कवि 'मारो' के प्रतिकूल रॉसार संप्रदाय की काव्यसंबंधी घोषणा है। यह सिविले के 'आर पोएतिक' का खंडनमंडन-कारी पूरक ग्रंथ है। इसमें पुरातनता के अनुकरण, ग्रीक एवं लैटिन शब्दों के विवेकपूर्ण ग्रहण द्वारा फ्रेंच भाषा की समृद्धि, प्राचीन विस्मृत फ्रेंच शब्दों के पुनर्ग्रहण, टेकनिकल शब्दावली के प्रयोग और पुराने फ्रेंच स्वरूपों के स्थान पर क्लैसिकल स्वरूपों की स्थापना का समर्थन किया गया है। 'ला दे फ्रांस' ने कविता के सम्मान की स्थापना की और क्लैसिकल सिद्धांत पर बल दिया। 'प्लेयाद' (सप्तकविमंडल) ने स्वच्छंद क्रांति द्वारा फ्रेंच कविता की महत्ता बढ़ाने का प्रयत्न किया जो केवल विकासात्मक प्रणाली द्वारा प्रतिष्ठित करना तथा उसे सभी प्रकार के विषयों एवं विचारों की अभिव्यक्ति का साधन बनाना था। श्रेणी:फ्रांसीसी साहित्यकार.

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जीन ब्रून्स

जीन ब्रून्स, जीन ब्रून्ज अथवा ज्याँ ब्रून्स (Jean Brunhes) फ्रांस के प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता थे। इन्होंने मानव भूगोल से संबंधित ला जियोग्राफी ह्यूमेन (La Géographie humaine) नामक किताब लिखी। श्रेणी:भूगोलवेत्ता श्रेणी:फ्रांसीसी भूगोलवेत्ता श्रेणी:1869 में जन्मे लोग श्रेणी:१९३० में निधन.

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जीन रिबाउंड

जीन रिबाउंड को भारत सरकार ने सार्वजनिक उपक्रम के क्षेत्र में सन १९८६ में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये फ्रांस से हैं। श्रेणी:पद्म भूषण.

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जीन अगस्टे इन्ग्रेस

जीन अगस्टे इन्ग्रेस (फ्रेंच: ; 29 अगस्त 1780 – 14 जनवरी 1867) फ्रांस के महान चित्रकार हैं। हालाँकि वे अपने आप को 'इतिहास का चित्रकार' कहते थे; इंग्रेस स्वयं के चित्र के लिए विख्यात हैं। .

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जी८

आठ का समूह समूह-8 (अंग्रेजी: Group of Eight .

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ईएससीपी यूरोप

ईएससीपी यूरोप (ESCP Europe) विश्व का एक प्रमुख बिजनेस स्कूल है जो पेरिस, लंदन, बर्लिन, मैड्रिड और टोरिनो में स्थित है। १८१९ में स्थापित किया गया ये संस्थान, दुनिया का सबसे पहला बिजनेस स्कूल माना जाता है यह यूरोप के सर्वश्रेष्ठ बिजनेस स्कूलों में से एक माना जाता है। यह अपने कार्यकारी व्यवसाय प्रबंध में स्नातकोत्तर (Executive MBA) के लिए 2009 QS ग्लोबल 200 बिजनेस स्कूल रिपोर्ट में विश्व रैंकिंग में 15 स्थान पर है। 2010 में, अपने मास्टर इन मैनेजमेंट (MiM) में फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा दुनिया भर के 1 स्थान पर था। 2012 में यह दुसरे स्थान पर है। व्यापार और राजनीति के क्षेत्र में ईएससीपी यूरोप के उल्लेखनीय पूर्व छात्रों में शामिल हैं - सीईओ Hermès (पैट्रिक थॉमस), फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री (Jean-Pierre Raffarin) और यूरोपीय संघ के आंतरिक बाजार और सेवा आयुक्त (Michel Barnier).अधिकांश छात्र अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई के बाद विपणन, वित्त और प्रबंधन परामर्श के क्षेत्र में बड़ी कंपनियों में जिम्मेदारी के पदों के लिए भर्ती हो जाते हैं। .

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ईरान का इतिहास

सुसा में दारुश (दारा) के महल के बाहर बने "अमर सेनानी"। यह उपाधि कुछ चुनिन्दा सैनिकों को दी जाती थी जो महल रक्षा तथा साम्राज्य विस्तार में प्रमुख माने जाते थे। ईरान का पुराना नाम फ़ारस है और इसका इतिहास बहुत ही नाटकीय रहा है जिसमें इसके पड़ोस के क्षेत्र भी शामिल रहे हैं। इरानी इतिहास में साम्राज्यों की कहानी ईसा के ६०० साल पहले के हख़ामनी शासकों से शुरु होती है। इनके द्वारा पश्चिम एशिया तथा मिस्र पर ईसापूर्व 530 के दशक में हुई विजय से लेकर अठारहवीं सदी में नादिरशाह के भारत पर आक्रमण करने के बीच में कई साम्राज्यों ने फ़ारस पर शासन किया। इनमें से कुछ फ़ारसी सांस्कृतिक क्षेत्र के थे तो कुछ बाहरी। फारसी सास्कृतिक प्रभाव वाले क्षेत्रों में आधुनिक ईरान के अलावा इराक का दक्षिणी भाग, अज़रबैजान, पश्चिमी अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान का दक्षिणी भाग और पूर्वी तुर्की भी शामिल हैं। ये सब वो क्षेत्र हैं जहाँ कभी फारसी सासकों ने राज किया था और जिसके कारण उनपर फारसी संस्कृति का प्रभाव पड़ा था। सातवीं सदी में ईरान में इस्लाम आया। इससे पहले ईरान में जरदोश्त के धर्म के अनुयायी रहते थे। ईरान शिया इस्लाम का केन्द्र माना जाता है। कुछ लोगों ने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया तो उन्हें यातनाएं दी गई। इनमें से कुछ लोग भाग कर भारत के गुजरात तट पर आ गए। ये आज भी भारत में रहते हैं और इन्हें पारसी कहा जाता है। सूफ़ीवाद का जन्म और विकास ईरान और संबंधित क्षेत्रों में ११वीं सदी के आसपास हुआ। ईरान की शिया जनता पर दमिश्क और बग़दाद के सुन्नी ख़लीफ़ाओं का शासन कोई ९०० साल तक रहा जिसका असर आज के अरब-ईरान रिश्तों पर भी देखा जा सकता है। सोलहवीं सदी के आरंभ में सफ़वी वंश के तुर्क मूल लोगों के सत्ता में आने के बाद ही शिया लोग सत्ता में आ सके। इसके बाद भी देश पर सुन्नियों का शासन हुआ और उन शासकों में नादिर शाह तथा कुछ अफ़ग़ान शासक शामिल हैं। औपनिवेशक दौर में ईरान पर किसी यूरोपीय शक्ति ने सीधा शासन तो नहीं किया पर अंग्रेज़ों तथा रूसियों के बीच ईरान के व्यापार में दखल पड़ा। १९७९ की इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान की राजनैतिक स्थिति में बहुत उतार-चढ़ाव आता रहा है। ईराक के साथ युद्ध ने भी देश को इस्लामिक जगत में एक अलग जगह पर ला खड़ा किया है। २३ जनवरी २००८ .

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ईरान-इजराइल सम्बन्ध

ईरान - इजराइल सम्बन्ध प्राचीन काल से ही एक मधुर सम्बन्ध रहे लेकिन ईरान एक मुस्लिम बहुत राष्ट्र है तो इजराइल एक यहुदी राष्ट्र है ईरान इजराइल सम्बन्ध की दरार ईरान की इस्लामी क्रांति का होना और ईरान में राजशाही शासन का पतन होना मूल कारण था ईरान की इस्लामी क्रांति के बाद ईरान इजराइल सम्बन्ध और वर्तमान समय में एक दुश्मन के रूप में है। .

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ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर अंतरिम समझौता

24 नवम्बर 2013 को ईरान ने पी5 +1 देशों के साथ जिनेवा में एक परमाणु समझौता हस्ताक्षरित किया। इस समझौते के तहत अपने ऊपर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में आंशिक रियायत के बदले ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर अल्पकालिक रोक लगाने के लिए तैयार हो गया। .

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ईसाई धर्म का इतिहास

चर्च (Church) शब्द यूनानी विशेषण का अपभ्रंश है जिसका शाब्दिक अर्थ है "प्रभु का"। वास्तव में चर्च (और गिरजा भी) दो अर्थों में प्रयुक्त है; एक तो प्रभु का भवन अर्थात् गिरजाघर तथा दूसरा, ईसाइयों का संगठन। चर्च के अतिरिक्त 'कलीसिया' शब्द भी चलता है। यह यूनानी बाइबिल के 'एक्लेसिया' शब्द का विकृत रूप है; बाइबिल में इसका अर्थ है - किसी स्थानविशेष अथवा विश्व भर के ईसाइयों का समुदाय। बाद में यह शब्द गिरजाघर के लिये भी प्रयुक्त होने लगा। यहाँ पर संस्था के अर्थ में चर्च पर विचार किया जायगा। .

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ईसाई समाजवाद

ईसाई समाजवाद (Christian socialism) मजहबी समाजवाद का एक रूप है जो ईसा मसीह की शिक्षाओं पर आधारित है। .

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घड़ियों का इतिहास

घड़ी-उद्योग की विकासपरंपरा को तीन भागों में विभक्त किया जा सकता है: सबसे पुरानी घड़ी, 1530 की 1.

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वर्णनात्मक ज्यामिति

किसी त्रिविमीय वस्तु के चार अलग-अलग द्विविम निरूपण गैसपर्ड मांज ठोसों, तलों, रेखाओं और उनके प्रतिच्छेदों के परिमाण, आकार और स्थिति की दृष्टि से, यथार्थ रेखण को वर्णनात्मक ज्यामिति (Descriptive Geometry) कहते हैं। फ्रांसीसी गणितज्ञ और भौतिकविद्, गैसपर्ड मॉंज (Gaspard Monge), ने १८वीं शताब्दी के अंत में इस व्यावहारिक ज्यामिति का आविष्कार किया। सभी वास्तुनिर्माण और यांत्रिकी मानचित्रण का यह सैद्धांतिक आधार है और इसका उपयोग मशीनों, इमारतों, पुलों तथा जहाजों के नक्शे खींचने में, छाया के निरूपण में तथा गोलीय त्रिभुजों के आलेखीय हल में किया जाता है। इसके माध्यम से अभिकल्पी अपने विचार इस विद्या में निपुण राज और मिस्त्री को समझाता है। इसी लिये वर्णनात्मक ज्यामिति को इंजीनियर की सार्वदेशिक भाषा कहा गया है। वर्णात्मक ज्यामिति द्वारा पिंडों से संबंधित समस्या के हल में ये बातें आवश्यक हैं.

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वर्साय की सन्धि

वर्साय की सन्धि का इंगलिश कवर पेज वर्साय की सन्धि प्रथम विश्व युद्घ के अन्त में जर्मनी और गठबन्धन देशों (ब्रिटेन, फ्रान्स, अमेरिका, रूस आदि) के बीच में हुई थी। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पराजित जर्मनी ने 28 जून 1919 के दिन वर्साय की सन्धि पर हस्ताक्षर किये। इसकी वजह से जर्मनी को अपनी भूमि के एक बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ा, दूसरे राज्यों पर कब्जा करने की पाबन्दी लगा दी गयी, उनकी सेना का आकार सीमित कर दिया गया और भारी क्षतिपूर्ति थोप दी गयी। वर्साय की सन्धि को जर्मनी पर जबरदस्ती थोपा गया था। इस कारण एडोल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोग इसे अपमानजनक मानते थे और इस तरह से यह सन्धि द्वितीय विश्वयुद्ध के कारणों में से एक थी। .

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वलांस

फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। .

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वाटरलू का युद्ध

वाटरलू का युद्ध 1815 में लड़ा गया था। नेपोलियन का ये अन्तिम युद्ध था एक तरफ फ्रांस था तो दूसरी तरफ ब्रिटेन, रूस, प्रशा, आस्ट्रिया, हंगरी की सेना थी। युद्ध में हारने के बाद नेपोलियन ने आत्म्सर्पण कर दिया था। मित्र राष्ट्रों ने उसे कैदी के रूप में सेंट हैलेना नामक टापू पर भेज दिया जहाँ 52 वर्षों की आयु में 1821 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। श्रेणी:नेपोलियन श्रेणी:फ्रांस के युद्ध श्रेणी:यूरोप के युद्ध‎.

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वाणिज्यिक क्रांति

विश्व के आर्थिक इतिहास में वाणिज्यिक क्रांति (Commercial Revolution) उस अवधि को कहते हैं जिसमें आर्थिक प्रसार, उपनिवेशवाद और व्यापारवाद (mercantilism) का जोर रहा। यह अवधि लगभग सोलहवीं शती से आरम्भ होकर अट्ठारहवीं शती के आरम्भ तक मानी जाती है। इसके बाद की अवधि में औद्योगिक क्रान्ति हुई। .

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वाणिज्यवाद

वाणिज्यवाद (Mercantilism) १६वीं से १८वीं शदी में यूरोप में प्रचलित एक आर्थिक सिद्धान्त तथा व्यवहार का नाम है जिसके अन्तर्गत राज्य की शक्ति बढाने के उद्देश्य से राष्ट्र की अर्थव्यवस्थाओं का सरकारों द्वारा नियंत्रन को प्रोत्साहन मिला। व्यापारिक क्रांति ने एक नवीन आर्थिक विचारधारा को जन्म दिया। इसका प्रारंभ सोलहवीं सदी में हुआ। इस नवीन आर्थिक विचारधारा को वाणिज्यवाद, वणिकवाद या व्यापारवाद कहा गया है। फ्रांस में इस विचारधारा को कोल्बर्टवाद और जर्मनी में केमरलिज्म कहा गया। 1776 ई. में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ ने भी अपने ग्रन्थ ‘द वेल्थ ऑफ नेशन्स' में इसका विवेचन किया है। .

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वात्या भट्ठी

Rahul Kushwahaसेस्टाओ, स्पेन में ब्लास्ट फर्नेस. वास्तविक भट्टी केन्द्रीय गिर्डरवर्क के अंदर है। वात्या भट्ठी या ब्लास्ट फर्नेस (Blast furnace) एक प्रकार की धातु-वैज्ञानिक भट्टी (मेटलर्जिकल फर्नेस) है जिसका इस्तेमाल आम तौर पर लोहे जैसी औद्योगिक धातुओं का निर्माण करने हेतु धातुओं को पिघलाने के लिए किया जाता है। वात्या भट्ठी में भट्ठी के ऊपर से लगातार ईंधन और अयस्क की आपूर्ति की जाती है जबकि चैंबर के निचले तल में हवा (कभी-कभी ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा वाली हवा) भरी जाती है ताकि पदार्थों के नीचे की तरफ आने के दौरान पूरे फर्नेस में रासायनिक प्रतिक्रिया हो सके। अंतिम उत्पाद के रूप में आम तौर पर नीचे की तरफ से पिघली हुई धातु और धातुमल तथा फर्नेस के ऊपर से धुआं युक्त गैसें निकलती हैं। वात्या भट्ठी को आम तौर पर चिमनी के निकास मार्ग में गर्म गैसों के संवहन के माध्यम से स्वाभाविक रूप से चूषण युक्त एयर फर्नेसों (जैसे रिवर्बरेटरी फर्नेस) के साथ निरूपित किया जाता है। इस व्यापक परिभाषा के अनुसार लोहे की ब्लूमरी, टिन के ब्लोइंग हाउस और सीसे को गलाने वाली मिलों को ब्लास्ट फर्नेस के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। हालांकि इस शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर उन्ही कारखानों तक सीमित है जहां लौह अयस्क को पिघलाकर कच्चे लोहे (पिग आयरन) का उत्पादन किया जाता है, जो वाणिज्यिक लौह एवं इस्पात के उत्पादन में इस्तेमाल की जाने वाली एक मध्यवर्ती सामग्री है। .

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वानूआतू

वानूआतू (बिस्लामा में; अंग्रेजी में या), आधिकारिक तौर पर वानूआतू गणराज्य (République de Vanuatu, बिस्लामा रिपब्लिक ब्लोंग वानूआतू), दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप राष्ट्र है। ज्वालामुखी मूल का यह द्वीपसमूह उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के लगभग पूर्व, न्यू कैलेडोनिया के पूर्वोत्तर, फिजी के पश्चिम और न्यू गिनी के निकट सोलोमन द्वीपों के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। वानूआतू में मेलानेशियाई लोग सबसे पहले आकर बसे थे। यूरोप के लोगों ने 1605 में क्यूरॉस के नेतृत्व में स्पेनिश अभियान के एस्पिरिटू सैंटो में आने पर इन द्वीपों का पता लगाया था। 1880 के दशक में फ्रांस और युनाइटेड किंगडम ने देश के कुछ हिस्सों पर अपना दावा किया और 1906 में वे एक ब्रिटिश-फ्रांसीसी सहस्वामित्व के जरिये न्यू हेब्रिड्स के रूप में इस द्वीपसमूह के संयुक्त प्रबंधन के एक ढाँचे पर सहमत हुए.

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वामपन्थी राजनीति

चेक गणराज्य में श्रमिक संघों द्वारा आयोजित मजदूरों के हक़ों के समर्थन में एक बाईं-तरफ़ा जलूस वामपंथी राजनीति (left-wing politics या leftist politics) राजनीति में उस पक्ष या विचारधारा को कहते हैं जो समाज को बदलकर उसमें अधिक आर्थिक बराबारी लाना चाहते हैं।, T. Alexander Smith, Raymond Tatalovich, University of Toronto Press, 2003, ISBN 978-1-55111-334-0, p. 30, Norberto Bobbio, Allan Cameron, University of Chicago Press, 1996, ISBN 978-0-226-06245-7, p. 37 इस विचारधारा में समाज के उन लोगों के लिए सहानुभूति जतलाई जाती है जो किसी भी कारण से अन्य लोगों की तुलना में पिछड़ गए हों या शक्तिहीन हों। राजनीति के सन्दर्भ में 'बाएँ' और 'दाएँ' शब्दों का प्रयोग फ़्रान्सीसी क्रान्ति के दौरान शुरू हुआ। फ़्रांस में क्रान्ति से पूर्व की एस्टेट जनरल (Estates General) नामक संसद में सम्राट को हटाकर गणतंत्र लाना चाहने वाले और धर्मनिरपेक्षता चाहने वाले अक्सर बाई तरफ़ बैठते थे। आधुनिक काल में समाजवाद (सोशलिज़म) और साम्यवाद (कम्युनिजम) से सम्बंधित विचारधाराओं को बाईं राजनीति में डाला जाता है।, Terence Ball, Richard Paul Bellamy, Cambridge University Press, 2003, ISBN 978-0-521-56354-3 .

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वास्तुकला का इतिहास

वास्तुकला किसी स्थान को मानव के लिए वासयोग्य बनाने की कला है। अत: कालांतर में यह चाहे जितनी जटिल हो गई हो, इसका आरंभ मौसम की उग्रता, वन्य पशुओं के भय और शत्रुओं के आक्रमण से बचने के प्रारंभिक उपायों में ही हुआ होगा। मानव सभ्यता के इतिहास का भी कुछ ऐसा ही आरंभ है। इसीलिए विद्वानों ने इसे मानव सभ्यता का "योजक मसाला" कहा है। .

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वाइमर गणराज्य

वाइमर गणराज्य) इतिहासकारों द्वारा जर्मनी की उस प्रतिनिधिक लोकतांत्रिक संसदीय सरकार को दिया हुआ नाम है जिसने जर्मनी में प्रथम विश्वयुद्ध के बाद १९१९ से १९३३ तक शाही सरकार के बदले में कार्यभार संभाला था। इसका नाम उस जगह से पड़ा जहाँ संवैधानिक सदन का गठन किया गया और वहीं यह पहली बार एकत्रित हुआ। वैसे जर्मनी का उस समय औपचारिक नाम जर्मन राइख ही था। नवंबर १९१८ में प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् यह गणराज्य जर्मन क्रांति की देन था। सन् १९१९ ई. में वाइमर में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया जहाँ जर्मन राइख (शासन) के लिए नया संविधान लिखा गया और उसी वर्ष के ११ अगस्त को अपना लिया गया। उदार लोकतंत्र का वह काल १९३० के दशक आने तक समाप्त हो चुका था, जिसके फलस्वरूप सन् १९३३ ई. अडोल्फ़ हिटलर तथा उसकी नाट्सी पार्टी का उत्थान हुआ। नाट्सी पार्टी द्वारा फ़रवरी से मार्च १९३३ को जो क़ानूनी हथकण्डे अपनाये गए उन्हें साधारणतः ग्लाइक्शालतुङ (समन्वय) कहा जाता है जिसका अर्थ था कि सरकार संविधान के विपरीत भी क़ानून बना सकती है। यह गणराज्य कागज पर सन् १९४५ ई. तक चलता रहा क्योंकि इसके द्वारा बनाये गए संविधान को औपचारिक रूप से कभी निरस्त किया ही नहीं गया हालांकि नाट्सियों द्वारा अपने शासनकाल के शुरुआत में जो कदम उठाये गये थे उनके अंतर्गत यह संविधान अप्रासंगिक हो चुका था। यही कारण है कि सन् १९३३ को वाइमर का अंत तथा हिटलर की तीसरी राइख का आरम्भ माना जाता है। .

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वि-उपनिवेशीकरण

१९४५ में उपनिवेश वि-उपनिवेशीकरण अथवा विउपनिवेशीकरण (Decolonization) किसी उपनिवेश को समाप्त करने के सम्बंध में प्रयुक्त शब्द है जहाँ एक राष्ट्र का निर्माण होता है जो स्वतंत्र और सम्प्रभू राष्ट्र के रूप में स्थापित होता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् यूरोपीय साम्राज्यवाद के विध्वंस की गति को तेज करने मेंं कई कारणों ने मदद की। वस्तुतः विश्व युद्ध के पश्चात् तमाम नवोदित राष्ट्र अस्तित्व में आते गए। एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों में गुलामी को समाप्त कर एक नये युग का आरम्भ किया। साम्राज्यवादी राष्ट्रों की पकड़ से इन राष्ट्रों की स्वतंत्रता की प्रक्रिया को विऔपनिवेशीकरण का नाम दिया। औपनिवेशिक मुक्ति के पश्चात् नव स्वतंत्र राष्ट्रों ने गुटीय राजनीति को छोड़कर अपनी स्वतंत्र पहचान कायम की। दूसरे शब्दों में दो विश्व में बंटे गुट से अपने को अलग रखा। इसी कारण नवोदित राष्ट्रों को 'तृतीय विश्व' (थर्ड वर्ड) भी कहा गया। इस दृष्टि से उपनिवेशवाद उन्मूलन प्रक्रिया ने तृतीय विश्व के उदय में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई। .

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वितरणानुसार विश्व के समाचारपत्रों की सूची

यह औसत वितरण के आधार पर दुनिया के दैनिक समाचारपत्रों की सूची है। इन आंकड़ों के स्रोत 'वितरण परिक्षण संस्थानों के विश्व संघ' (International Federation of Audit Bureaux of Circulations) और 'अख़बार​ व समाचार प्रकाशकों की अंतर्राष्ट्रीय सभा' (World Association of Newspapers and News Publishers) हैं। इस सूची में मुफ़्त समाचारपत्रों को सम्मिलित नहीं किया गया है। कुछ आंकड़ों को लेकर विवाद है, मसलन कुछ जापानी अख़बारों पर अपनी वितरण संख्याओं को बढ़ा-चढ़ाकर बताने का आरोप डाला गया है। .

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वित्तोरियो दे सिका

वित्तोरियो दे सिका (इतालवी: Vittorio de Sika, 7 जुलाई, 1901-17 नवंबर, 1974) एक प्रसिद्ध इतालवी फ़िल्म निर्देशक थे। उनकी गणना नवयथार्थवादी फिल्मकारों की अगली पंक्ति में की जाती है। .

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विधिशास्त्र

न्यायशास्त्र के दार्शनिक स्वयं से ही प्रश्न करते रहते हैं - "नियम क्या है?"; "क्या नियम होना चाहिये?" विधिशास्त्र या न्यायशास्त्र (Jurisprudence), विधि का सिद्धान्त, अध्ययन व दर्शन हैं। इसमें समस्त विधिक सिद्धान्त सम्मिलित हैं, जो क़ानून बनाते हैं। विधिशास्त्र के विद्वान, जिन्हें जूरिस्ट या विधिक सिद्धान्तवादी (विधिक दार्शनिक और विधि के सामाजिक सिद्धान्तवादी, समेत) भी कहा जाता हैं, विधि, विधिक कारणन, विधिक प्रणाली और विधिक संस्थाओं के प्रकृति की गहरी समझ प्राप्त कर पाने की आशा रखते हैं। विधि के विज्ञान के रूप में विधिशास्त्र विधि के बारे में एक विशेष तरह की खोजबीन है। विधिशास्त्र "जूरिसप्रूडेंस" अर्थात् Juris .

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विधिकार

सामान्य भाषा में विधिकार और विधायक शब्दों का प्रयोग भिन्न अर्थों में किया जाता है। विधिकार (law Givers) के प्रयोग से ऐसे व्यक्ति का अभिप्राय है जो स्वयं विधि का निर्माण करे और विधायक किसी एक अथवा कुछ विधियों का निर्माण कर सकता है लेकिन विधायक विधि संस्थानों - संसद, विधानमंडल आदि - में बैठकर अन्य विधायकों के साथ मिलकर विधि का निर्माता होता है अत: व्यक्तिगत रूप से वह विधि का निर्माण नहीं करता। विधिकार की परिभाषा देने के पूर्व विधि संबंधी दृष्ष्टिकोण स्पष्ट होना आवश्यक है। विधि के सिलसिले में कानून, सत्य, धर्म, न्याय, राइट, रेस्ट, ड्रायट आदि भिन्न शब्दों का प्रयोग किया जाता है। लैटिन भाषा में लेजिस्लेटर (विधायक) अथवा जूरिसडेटर (न्यायनिर्माता) शब्दों का प्रयोग नहीं मिलता, लेकिन "लेजेनडेरे" और "लेक्स डेट" में (विधि देने और प्रयुक्त विधि) का उल्लेख मिलता है। जस्टीनियन ऐसे विधिकार को विधायक की संज्ञा दी गई है। यूनानी भाषा में भी विधिकार के संबंध में इसी भांति अस्पष्टता है। "थेसमोस" (Thesmos) का अर्थ एक वाक्य, सूत्र अथवा विधि किया जाता है। विधिसंहिता की नोमोस (Nomos) की संज्ञा दी जाती है। सोलोन (Solon) ने थेसमोइ (थेसमोस का बहुवचन) की रचना की जिसे 250 वर्ष बाद अरस्तू (Aristotle) ने विधिकार नाम से संबोधित किया। विधि संबंधी विभिन्न व्याख्याओं के कारण इस संबंध में भी मतभेद है कि किस व्यक्ति को विधिकार माना जाए और किसको नहीं। ईश्वरप्रदत्त विधि मानने पर भी उनको संसार में लानेवाले माध्यम का महत्व कम नहीं होता अत: हजरत मूसा, ईसा, मुहम्मद, कन्फ्यूशियस, मनु आदि को इस श्रेणी में रखना पड़ेगा। यदि विधि समाज के विवेक और शील का प्रतीक है तो भी विधिरचना में व्यस्त चाहे वह विधानमंडल हो अथवा न्यायाधीश, जो परंपराओं को नवीन स्थितियों में लागू करने के लिए नई व्यवस्थाएँ देते हैं अथवा ऐसे दार्शनिक विचारक जो समाज के विश्लेषणात्मक अध्ययन के उपरांत उसकी आवश्यकताओं के अनुरूप विधि बनाने पर जोर देते हैं अथवा ऐतिहासिक विकासशृंखला के ऐसे नरेश, सत्तासंपन्न व्यक्ति जिन्होंने अपनी शक्ति और निदेश से नए नियमों की रचना की, उन सभी को विधिकार कहा जा सकता है। .

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विनायक दामोदर सावरकर

विनायक दामोदर सावरकर (जन्म: २८ मई १८८३ - मृत्यु: २६ फ़रवरी १९६६) भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। उन्हें प्रायः स्वातंत्र्यवीर, वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है। हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा (हिन्दुत्व) को विकसित करने का बहुत बडा श्रेय सावरकर को जाता है। वे न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे अपितु महान क्रान्तिकारी, चिन्तक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे। वे एक ऐसे इतिहासकार भी हैं जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रामाणिक ढँग से लिपिबद्ध किया है। उन्होंने १८५७ के प्रथम स्वातंत्र्य समर का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया था।वे एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार थे। उन्होंने परिवर्तित हिंदुओं के हिंदू धर्म को वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं आंदोलन चलाये। सावरकर ने भारत के एक सार के रूप में एक सामूहिक "हिंदू" पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा । उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद और सकारात्मकवाद, मानवतावाद और सार्वभौमिकता, व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। सावरकर एक नास्तिक और एक कट्टर तर्कसंगत व्यक्ति थे जो सभी धर्मों में रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध करते थे । .

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विन्सेंट वैन गो

विन्सेंट विलेम वैन गो (डच: Vincent Willem van Gogh, ३० मार्च १८५३ – २९ जुलाई १८९०) नीदरलैण्ड के अत्यंत प्रतिभावान चित्रकार थे जिनकी पर-प्रभाववादी चित्रकारी ने २०वीं शताब्दी की आधुनिक कला पर अमिट छाप छोड़ी है। इनके चित्र विशद रंगों और संवेदनाओं से भरे हैं। जीवनभर इन्हें कोई सम्मान नहीं मिला, बल्कि मानसिक रोगों से लड़ते रहे, अपना कान तक काट डाला और अंततः ३७ वर्ष की आयु में गोली मार कर आत्महत्या कर ली। मृत्योपरांत इनकी ख्याति बढ़ती ही गई और आज इन्हें संसार के महानतम चित्रकारों में गिना जाता है और आधुनिक कला के संस्थापकों में से एक माना जाता है। वैन गो ने २८ वर्ष की आयु में चित्रकारी करना शुरु किया और जीवन के अंतिम दो वर्षों में अपनी सबसे महत्त्वपूर्ण रचनाएं बनाईं। ९ साल के समय में इन्होंने २००० से अधिक चित्र बनाए जिनमें लगभग ९०० तैल-चित्र शामिल हैं। इनके द्वारा रचित स्वयं-चित्र, परिदृश्य, छवियाँ और सूरजमुखी विश्व की सबसे प्रसिद्ध और महंगी कलाकृतियों में शामिल हैं। वैन गो ने अपने वयस्क जीवन की शुरुआत की कलाकृतियों के व्यापारियों के साथ काम करते हुए और द हेग, लंदन और पैरिस के बीच काफी घूमे। इसके बाद इन्होंने इंग्लैण्ड में कुछ समय पढ़ाया भी। इनकी कामना थी पादरी बनने की और इसी मकसद से इन्होंने १८७९ से बेल्जियम की एक खान में मिशनरी का काम करना शुरु किया। इसी दौरान इन्होंने आस-पास के लोगों के चित्र बनाना शुरु किया और १८८५ में अपनी पहली मुख्य रचना आलूहारी (The Potato Eaters, द पोटेटो ईटर्स) बनाई। उस समय ये अपने चित्रों में मलिन रंगों का उपयोग करते थे। मार्च १८८६ में ये कलाकार बनने का ध्येय लेकर पैरिस पहुंचे और इनका सामना हुआ फ्रांसीसी प्रभाववादी कलाकारों से। कुछ समय बाद विन्सेंट वैन गो दक्षिणी फ्रांस पहुंचे, जहाँ की चकाचौंध धूप इन्हें बहुत सुहाई। तबसे इनके चित्रों में चमकीले रंगों का प्रयोग बढ़ना शुरु हुआ। आर्ल में रहते हुए इन्होंने अपनी निराली शैली विकसित की जिससे आज इनकी पहचान होती है। इनके मानसिक रोगों का इनकी कला पर क्या प्रभाव डाला इसपर बहुत चर्चा हुई है। आजकल यह माना जाता है कि ये परिपूर्ण कलाकार थे जो अपने रोग के कारण नष्ट हुए समय को लेकर निराश रहते थे। .

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विमानन

विमानन किसी विमान — विशेषकर हवा से भारी विमान — के प्रारूप, विकास, उत्पादन, परिचालन तथा उसके उपयोग को कहते हैं। .

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वियतनाम

वियतनाम (आधिकारिक तौर पर वियतनाम समाजवादी गणराज्य) दक्षिणपूर्व एशिया के हिन्दचीन प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित एक देश है। इसके उत्तर में चीन, उत्तर पश्चिम में लाओस, दक्षिण पश्चिम में कंबोडिया और पूर्व में दक्षिण चीन सागर स्थित है। २००८ में ८ करोड़ ६१ लाख की जनसंख्या के साथ वियतनाम दुनिया में १३वाँ सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। बौद्ध धर्म यहां का प्रमुख धर्म है जो देश जनसंख्या का ८५% हिस्सा है। और बौद्ध जनसंख्या में ये दुनिया का तीसरा बड़ा देश है (चीन और जापान के बाद)। वियतनाम में आज करीब ७.५ करोड़ बौद्ध धर्म के अनुयायी है। .

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वियतनाम युद्ध

वियतनाम युद्ध के भयंकर दृष्य वियतनाम युद्ध (1 नवम्बर 1955 - 30 अप्रैल 1975.) शीतयुद्ध काल में वियतनाम, लाओस तथा कंबोडिया की धरती पर लड़ी गयी एक भयंकर लड़ाई का नाम है। प्रथम हिन्दचीन युद्ध के बाद आरम्भ हुआ यह युद्ध उत्तरी वियतनाम (कम्युनिस्ट मित्रों द्वारा समर्थित) तथा दक्षिण वियतनाम की सरकार (यूएसए और अन्य साम्यवादविरोधी देशों द्वारा समर्थित) के बीच में लड़ा गया। इसे "द्वितीय हिन्दचीन युद्ध" भी कहते हैं। इसे शीतयुद्ध के दौरान साम्यवादी और—विचारधारा के मध्य एक प्रतीकात्मक युद्ध के रूप में देखा जाता है। लाओस ओर कम्बोडिया के साथ वियतनाम हिन्दचीन का एक देश है जो फ्रांस के औपनिवेशिक शासन मॅ था। फ्रांसीसी सरकार प्रथम हिन्दचीन युद्ध और फ्रांस से स्वतंत्रता के संघर्ष में वियतनामी राष्ट्रवादियों को दक्षिणी वियतनाम में मिली असफलता इस युद्ध का प्रमुख कारण था। .

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वियतनामी भाषा

मूलतः वियतनामी भाषा बोलने वाले क्षेत्र वियतनामी भाषा वियतनाम की राजभाषा है। जब वियतनाम फ्रांस का उपनिवेश था तब इसे अन्नामी (Annamese) कहा जाता था। वियतनाम के ८६% लोगों की यह मातृभाषा है तथा लगभग ३० लाख वियतनामी बोलने वाले यूएसए में रहते हैं। यह ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की भाषा है। वियतनामी भाषा की अधिकांश शब्दराशि चीनी भाषा से ली गयी है। यह वैसे ही है जैसे यूरोपीय भाषाएं लैटिन एवं यूनानी भाषा से शब्द ग्रहण की हैं उसी प्रकार वियतनामी भाषा ने चीनी भाषा से मुख्यत: अमूर्त विचारों को व्यक्त करने वाले शब्द उधार लिये हैं। वियतनामी भाषा पहले चीनी लिपि में ही लिखी जाती थी (परिवर्धित रूप की चीनी लिपि में) किन्तु वर्तमान में वियतनामी लेखन पद्धति में लैटिन वर्णमाला को परिवर्तित (adapt) करके तथा कुछ डायाक्रिटिक्स (diacritics) का प्रयोग करके लिया जाता है। .

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वियना कांग्रेस

वियना कांग्रेस (Jean-Baptiste Isabey द्वारा निर्मित चित्र, 1819) वियना की कांग्रेस (Viena Congress) यूरोपीय देशों के राजदूतों का एक सम्मेलन था, जो सितंबर 1814 से जून 1815 को वियना में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता ऑस्ट्रियाई राजनेता मेटरनिख ने की। कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्ध, नेपोलियन युद्ध और पवित्र रोमन साम्राज्य के विघटन से उत्पन्न होने वाले कई मुद्दों एवं समस्याओं को हल करने का था। नैपोलियन को वाटरलू की पराजय के पश्चात् सेंट हेलेना द्वीप निर्वासित कर दिया गया, तत्पश्चात् आस्ट्रिया की राजधानी वियना में यूरोप की विजयी शक्तियां 1815 में एकत्रित हुई। उद्देश्य था, यूरोप के उस मानचित्र को पुनर्व्यवस्थित करना जिसे नेपोलियन ने अपने युद्ध और विजयों से उलट-पटल दिया था। वस्तुतः आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख ने नेपोलियन के विरूद्ध मोर्चा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसीलिए उसकी पहल पर आस्ट्रिया की राजधानी वियना में कांगे्रस बुलाई गई थी। इस सम्मेलन में यूरोप के कई छोटे-छोटे देश शामिल हुए किन्तु नीति निर्माण के संबंध में चार मुख्य देशों के प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। ये नेता थे- आस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिक, रूस का जार एलेक्जेंडर, इंग्लैंड का विदेश मंत्री लॉर्ड कैसलरे तथा फ्रांसीसी विदेश मंत्री तैलरा। .

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विलियम टेंपिल

विलियम टेम्पिल सर विलियम बार्ट टेंपिल, (Sir William Temple, 1st Baronet; १६२८ - १६९९) अंग्रेज राजनीतिज्ञ और निबन्धकार थे। .

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विलियम द कॉङ्करर

सन् 1620 में बनाया गया विलियम विजयी का एक चित्र जो उनके शक्ल-सूरत के लिखित विवरण के आधार पर बनाया गया था इंग्लैण्ड के विलियम प्रथम (अनुमानित जन्म: सन् 1028, देहांत: 9 सितम्बर 1087) जिसे आम तौर पर विलियम द कॉंकरर (अंग्रेज़ी: William the Conquerer) यानी विलियम विजयी भी कहते हैं इंग्लैण्ड का पहला नॉर्मन राजा था। इंग्लैण्ड फ़तेह करने से पहले उसे विलियम हरामी (William the Bastard, विलियम द बासटर्ड) के नाम से भी जाना जाता था क्योंकि उसके माँ-बाप एक दुसरे से शादीशुदा नहीं थे। सन् 1066 में उसने फ़्रांस से 696 जहाज़ों पर सेना लेकर इंग्लिश चैनल का समुद्री रास्ता पार करके इंग्लैण्ड पर धावा बोला। वहाँ उसने कई जंगे लड़ी जिनमें से "हेस्टिंग्स का युद्ध" बहुत मशहूर है। कुछ विद्रोहों को कुचलने के बाद उसने ब्रिटेन को पराजित कर दिया और वहाँ नॉर्मन राज का काल शुरू किया। क्योंकि नॉर्मन लोग फ़्रांसिसी भाषा की एक उपभाषा बोलते थे, इसलिए इसके बाद अंग्रेज़ी में बहुत से फ़्रांसिसी के शब्द आ गए जिस से आधुनिक अंग्रेज़ी प्राचीन अंग्रेज़ी से शब्दावली के हिसाब से बहुत अलग हो गयी। .

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विल्फ्रेड ओवेन

प्रथम विश्व युद्ध के खिलाफ एक जानी-मानी आवाज के रूप में विख्यात विल्फ्रेड एडवर्ड साल्टर ओवेन (१८९३-१९१८) का जन्म वेल्श की सीमा पर ओस्वेस्ट्री में हुआ। उनका लालन पालन बर्केनहेड और श्रेसबरी में हुआ। .

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विल्सन के चौदह सिद्धान्त

प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी परास्त हो चुका था और फ्रांस विजेताओं की कतार में खड़ा था। युद्ध की समाप्ति पर युद्धविराम की संधियों पर हस्ताक्षर करने हेतु फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक शांति सम्मेलन आयोजन किया गया। इस शांति सम्मेलन में भाग लेने के लिए 32 राज्यों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया। इस सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति के अतिरिक्त 11 देशों के प्रधानमंत्री, 12 विदेश मंत्री एवं अन्य राज्यों के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एकत्रित हुए थे। चूँकि रूस में साम्यवादी क्रांति आंरभ हो गई थी और पश्चिमी राष्ट्र साम्यवाद के विरोधी थे अतः सोवियत रूस को इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया गया। इस सम्मेलन में पराजित राष्ट्रों - जर्मनी, आस्ट्रिया, तुर्की और बल्गारिया को भी स्थान नहीं दिया गया था। इस प्रकार इस सम्मेलन में 32 राज्यों के 70 प्रतिनिधि एकत्रित हुए। इस सम्मेलन में 5 पराजित राष्ट्रों के साथ पृथक-पृथक संधि की गयी जिसमें वर्साय की संधि प्रमुख है। अमेरिका के राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने अपने 14 सूत्रों में से एक सूत्र में कहा था कि 'छोटे बड़े सभी राष्ट्रों को समान रूप से राजनीतिक स्वतंत्रता तथा प्रादेशित अखण्डता का आश्वासन देने के लिये राष्ट्र संघ की स्थापना की जाये।' इस प्रकार विल्सन महोदय ने विश्व शांति की स्थापना के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था की स्थापना पर बल दिया था। वस्तुतः विल्सन के 14 सूत्रों के आधार पर ही प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी ने आत्म समर्पण किया था। इसी आधार पर 10 जनवरी 1920 ई. को राष्ट्र संघ की विधिवत् स्थापना हुई। .

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विश्व तमिल सम्मेलन

२०१० में हुए सम्मेलन का लोगो विश्व तमिल सम्मेलन (உலகத் தமிழ் மாநாடு) समय समय पर होने वाले राजनयिक सम्मेलनों की एक शृंखला है, जिसमें तमिल भाषा, तथा विश्व भर के तमिल जनों की सामाजिक संवृद्धि पर विचारविमर्श किया जाता है। प्रत्येक सम्मेलन में संसार भर के हजारों तमिल राजनयिक भाग लेते हैं। यह सम्मेलन भारत के विभिन्न शहरों, तथा विश्व के पर्याप्त तमिल जनसंख्या वाले शहरों में आयोजित किया जाता है। .

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विश्व बैडमिंटन संघ

विश्व बैडमिंटन संघ (Badminton World Federation) (बीडब्ल्युएफ) बैडमिंटन के खेल के प्रबंधन के लिये अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसे अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी से मान्यता प्राप्त है। इसकी स्थापना १९३४ में इंटरनैशनल बैडमिंटन फ़ेडरेशन के नाम से ९ सदस्य देशों (कनाडा, डेनमार्क, इंग्लैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स) के साथ हुई। तब से अब तक बीडब्ल्युएफ १७६ देशों में अपने पाँव पसार चुका है। २४ सितम्बर २००६ को मैड्रिड में आयोजित एक सामान्य सभा में बैडमिंटन वर्ल्ड फ़ेडरेशन नाम अपनाने का फैसला लिया गया। स्थापना के वक्त इसका मुख्यालय चेल्टेन्हैम, यूके में था लेकिन १ अक्टूबर २००५ को इसे कुआलाल्मपुर स्थानांतरित कर दिया गया। इसके वर्तमान अध्यक्ष पॉल एरिक हैं। .

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विश्व में बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है, और इसके संस्थापक गौतम बुद्ध (ईसवी पूर्व ५६३ - ईसवी पूर्व ४८३) थे। विश्व में करीब १९२ करोड़ (२८.७८%) लोक बौद्ध धर्म को माननेवाले है। दुसरे सर्वेक्षण के अनुसार १.६ अरब से १.८ अरब लोक (२३% से २५%) प्रतिनिधित्व बौद्ध करते है। बौद्ध धर्म एक धर्म और दर्शन है। संसार में ईसाई धर्म धर्म के बाद सबसे अधिक बौद्ध धर्म के ही अनुयायि पाये जाते। हालांकि कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार बौद्ध धर्म आबादी ४८.८ करोड़ से ५३.५ करोड़ (विश्व की जनसंख्या में ९% से १०%) भी बताई जाती है। विश्व के सभी महाद्विपों में बौद्ध धर्म के अनुयायि रहते है। बौद्ध धर्म दुनिया का पहला विश्व धर्म है, जो अपने जन्मस्थान से निकलकर विश्व में दूर दूर तक फैला। आज दुनिया में बौद्ध धर्म की आबादी हिन्दू धर्म से अधिक और इस्लाम धर्म के बराबर या इस्लाम धर्म से भी अधिक है। भारत में बौद्ध धर्म अल्पसंख्यक है, जबकि भारत में इस विश्व धर्म का उदय हुआ था। परंतु एशिया में बौद्ध धर्म प्रमुख धर्म बना रहा। २०१० में १.०७ अरब से १.२२ अरब जनसंख्या के साथ चीन बौद्धों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, चीन की कुल आबादी में ८०% से ९१% बौद्ध अनुयायि है। ज्यादातर चीनी बौद्ध महायान सम्प्रदाय के अनुयायि है। दुनिया की ६५% से ७०% बौद्ध आबादी चीन में रहती है। .

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विश्व में हिन्दू धर्म

विश्व की कुल आबादी में लगभग 23% हिन्दू धर्म के अनुयायी लोग हैं। जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर नेपाल पहले स्थान पर है और उसके बाद भारत और मॉरिशस का स्थान आता है। .

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विश्व शतरंज चैंपियनशिप

विश्व शतरंज चैंपियनशिप शतरंज के विश्व विजेता खिलाड़ी निश्चित करने के लिए खेली जाने वाली प्रतियोगिता हैं। माना जाता है कि आधिकारिक विश्व चैम्पियनशिप आम तौर पर 1886 में शुरू कि गयी थी जब यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में दो प्रमुख खिलाङी, जोहान ज़ुकेर्तोर्त और विल्हेम स्टेनिज एक मैच खेले थे। मौजूदा विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन तत्कालीन चैंपियन विश्वनाथन आनंद को हराने के बाद खिताब जीता है। .

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विश्व सुन्दरी

विश्व सुन्दरी प्रतियोगिता एक अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता है जो प्रतिवर्ष महिलाओं के लिये आयोजित की जाती है। भारत की मनुषी छिल्लर वर्ष 2017 की विजेता रही। .

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विश्व व्यापी वेब संघ

विश्व व्यापी वेब संघ या डब्ल्यू.3.सी. (en:W3C) की स्थापना कॉमन प्रोटोकॉल (Protocol) के विकास द्वारा वेब की संपूर्ण क्षमता के उपयोग की दिशा में अग्रणी करने, इसके विकास को प्रोत्साहित करने एवं अंर्तसंचलनीयता (interoperability) सुनिश्चित करने के लिए की गई। यह एक अंतर्राष्ट्रीय उद्योग संघ है जो अमेरिका (यू॰एस॰ए॰ USA) में MIT Computer Science and Artificial Intelligence Laboratory (MIT CSAIL), फ्रांस में European Research Consortium for Informatics and Mathematics (ERCIM) मुख्यालय एवं जापान में कीओ विश्वविद्यालय(Keio University) के संयुक्त तत्वावधान में कार्य करता है।.

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विश्व का आर्थिक इतिहास

सन १००० से सन २००० के बीच महाद्वीपों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वितरण का परिवर्तन विश्व के विभिन्न भागों का सकल घरेलू उत्पाद (सन् 2014 में) बीसवीं शताब्दी में विश्व का सकल घरेलू उत्पाद .

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विश्व के देशों की सूची के अनुलग्नक

यह विश्व के देशओं की सूची का अनुलग्नक है। उन देशों की सूची में सम्मिलित न होने वाली अस्तित्वों की एक रूपरेखा दी गई है। .

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विश्व के सभी देश

यह विश्व के देशों की सूची, एक सिंहावलोकन कराती है, विश्व के राष्ट्रों का, जो कि देवनागरी वर्णक्रमानुसार व्यवस्थित है। इसमें स्वतंत्र राज्य भी सम्मिलित हैं। (जो कि अन्तराष्ट्रीय मान्यताप्राप्त हैं और जो अमान्यता प्राप्त), हैं, बसे हुए हैंपरतंत्र क्षेत्र, एवं खास शासकों के क्षेत्र भी। ऐसे समावेश मानदण्ड अनुसार यह सूची शब्द `देश' एवं `सार्वभौम राष्ट्र' को पर्यायवाची नहीं मानती। जैसा कि प्रायः साधारण बोलचाल में प्रयोग किया जाता है। कृप्या ध्यान रखें कि किन्हीं खास परिस्थितिवश एवं किन्हीं खास भाषाओं में 'देश' शब्द को सर्वथा प्रतिबंधात्मक अर्थ समझा जाता है। अतः केवल 193 निम्नलिखित प्रविष्टियाँ ही प्रथम शब्द (देश या राष्ट्र) में समझे जाएं। यह सूची दिए गए देशों के क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी क्षेत्रों को आवृत्त करती है, अर्थात क्षेत्र, जलीय क्षेत्र (जिसमें जलीय आंतरिक क्षेत्र एवं थल से लगे जलीय क्षेत्र भी आते हैं), विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र, कॉण्टीनेण्टल शैल्फ, एवं हवाई क्षेत्र.

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विश्व के सात नए आश्चर्य

नए सात आश्चर्य विजेताओं के स्थान अवस्थित हैं विश्व के सात नए आश्चर्यएक परियोजना है जिसे पुनर्जीवित करने के लिए प्राचीन विश्व के सात आश्चर्यों (Seven Wonders of the Ancient World) के साथ आधुनिक आश्चर्यों की अवधारणा को शामिल किया गया है निजी नई ७ आश्चर्य फाउंडेशन द्वारा ७ जुलाई (July 7), २००७ को लिस्बन, पुर्तगाल में विजेताओं की घोषणा की गई.

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विश्व के आश्चर्य

समय-समय पर विश्व के आश्चर्य सबसे शानदार मानव निर्मित निर्माण और दुनिया में प्राकृतिक धरोहर की सूची को सदियों से संकलित किया गया है। प्राचीन विश्व के सात आश्चर्य,प्राचीन पुरातनता के सबसे उल्लेखनीय मानव निर्मित कृतियों की पहली ज्ञात सूची है, और उनपर किताबें यूनानी दृष्टि-संत के बीच लोकप्रिय आधारित था और केवल भूमध्य के आसपास स्थित निर्माण शामिल है। जो सात की संख्या में चुना गया था क्योंकि यूनानियों ने इसे माना और बहुतो द्वारा इसे प्रतिनिधित्व किया गाया। इसी तरह के कई सूचियाँ मध्ययुगीन दुनिया और आधुनिक दुनिया के लिए बनायीं गयीं है .

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विश्व की मुद्राएँ

विश्व की कुछ प्रमुख मुद्राएँ निम्नलिखित हैं:-.

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विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

डॉ॰ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी (जन्म १९४०) प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार हैं और २०१३ से २०१७ तक की अवधि के लिए साहित्य अकादमी के अध्यक्ष हैं। वे गोरखपुर से प्रकाशित होने वाली 'दस्तावेज' नामक साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका के संस्थापक-संपादक हैं। यह पत्रिका रचना और आलोचना की विशिष्ट पत्रिका है, जो 1978 से नियमित प्रकाशित हो रही है। सन् २०११ में उन्हें व्यास सम्मान प्रदान किया गया। .

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विश्वयुद्धों के मध्य की अवधि

१९२९ से १९३९ के बीच यूरोप का मानचित्र प्रथम विश्वयुद्ध 1919 ई. को समाप्त हुआ एवं इसके ठीक 20 वर्ष बाद 1939 ई. में द्वितीय विश्वयुद्ध आंरभ हो गया। इन दो विश्वयुद्धों के मध्य विश्व राजनीतिक का कई कटु अनुभवों से सामना हुआ। प्रथम विश्वयुद्ध की विभीषिका से यूरोपीय राजनीतिज्ञों ने कोई सबक नहीं सीखा। शांति की स्थापना हेतु आदर्शवादी बातें तो बहुत की गईं मगर व्यवहार में उनका पालन नहीं किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन के 14 सूत्रों से प्रतीत होता था कि, उन पर अमल कर विश्व शांति की स्थापन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। पेरिस शांति सम्मेलन के दौरान जिस तरह फ्रांस के प्रधानमंत्री क्लीमेंशों ने विल्सन की आदर्शवादी बातों का उपहास उड़ाया, उससे पता चलता है कि पेरिस शांति सम्मेलन के प्रतिनिधि विश्व शांति की स्थापना को लेकर दृढ़ प्रतिज्ञ नहीं है। यही कारण था कि राष्ट्रसंघ की धज्जियाँ उड़ा दीं गयीं। इंग्लैण्ड एवं फ्रांस मूकदर्शक बने देखते रहे। प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् विश्व राजनीतिज्ञों ने निःशस्रीकरण की दिशा में सराहनीय प्रयास किये। इसके अलावा भी शांति स्थापना की दिशा में पहल की। जर्मनी ने हिटलर का उदय विश्व इतिहास को प्रभावित करने वाली सर्वप्रमुख घटना थी। उसका उदय 1919 ई. की वार्साय की संधि द्वारा जर्मनी के हुए अपमान का बदला लेने के लिए ही हुआ था। वार्साय की संधि की अपमानजनक धाराओं को देखकर मार्शल फौच ने तो 1919 में ही भविष्यवाणी कर दी थी यह कोई शांति संधि नहीं यह तो 20 वर्ष के लिए युद्धविराम मात्र है। मार्शल फौच की उक्त भविष्यवाणी अंततः हिटलर ने सत्य सिद्ध करा दी। .

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विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय (युनिवर्सिटी) वह संस्था है जिसमें सभी प्रकार की विद्याओं की उच्च कोटि की शिक्षा दी जाती हो, परीक्षा ली जाती हो तथा लोगों को विद्या संबंधी उपाधियाँ आदि प्रदान की जाती हों। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के मैदान, भवन, प्रभाग, तथा विद्यार्थियों का संगठन आदि भी सम्मिलित हैं। .

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विंचेस्टर

विनचेस्टर (जिसे प्राचीन काल से विंटन और विंटनसीएस्ट्रे के नाम से जाना जाता रहा है) एक ऐतिहासिक कैथेड्रल शहर (गिरिजाघर शहर) तथा वेसेक्स और इंग्लैंड साम्राज्य की प्राचीन राजधानी है। यह दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में स्थित हैम्पशायर का प्रांतीय शहर है। यह शहर, स्थानीय सरकारी जनपद विनचेस्टर के बड़े शहर के मध्य स्थित है तथा इटचेन नदी के बिल्कुल नजदीक साउथ डाउंस के पश्चिमी छोर पर है। 2001 की जनगणना के समय विनचेस्टर की जनसंख्या 41,420 थी। विनचेस्टर का विकास वेंटा बेलगारम के रोमन शहर से हुआ। विनचेस्टर का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल विनचेस्टर गिरिजाघर है, जो इंग्लैंड के सबसे बड़े गिरिजाघरों में से एक है और यूरोप के सभी गोथिक गिरिजाघरों में सबसे लम्बे मध्य भाग और उसकी कुल लंबाई के कारण जाना जाता है। इस शहर में विनचेस्टर विश्वविद्यालय और प्रसिद्ध पब्लिक स्कूल विनचेस्टर कॉलेज भी स्थित हैं। विनचेस्टर रेलवे स्टेशन लंदन वाटरलू, वेमाउथ, पोर्ट्समाउथ, साउथैम्पटन और उत्तर दिशा से चलने वाली रेलगाड़ियों की सेवा प्रदान करता है। शहर के वास्तुशिल्प और ऐतिहासिक दृष्टि से प्रसिद्ध स्थानों, तथा अन्य शहरों एवं नगरों तक आसान पहुँच के कारण विनचेस्टर इस देश के सर्वाधिक महंगे और वांछित स्थानों में से एक है। विनचेस्टर से आने वाले या विनचेस्टर में रहने वाले लोग स्थानीय तौर पर विंटोनियन के नाम से जाने जाते हैं। .

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विक्टर ह्यूगो

''विक्टर ह्यूगो, 1883'' प्रतिभा के धनी विक्टर ह्यूगो ने 16 वर्ष की आयु में ही राष्ट्रीय कविता लिखकर ख्याति के अंकुर संजो लिए। 25 वर्ष के होते-होते ह्यूगो युवा लेखक के रूप में फ्रांस भर में विख्यात हो गए। उनकी ख्याति उनकी आयु के साथ बढती ही गई और 1885 में जब उनकी मृत्यु हुई तो वे 83 वर्ष के थे; मगर उनकी अर्थी के पीछे इतना जनसमूह था कि फ्रांस में उस शताब्दी में किसी की अर्थी के पीछे इतनी भीड़ न थी। यह था उनकी शताब्दियों तक चलनेवाली ख्याति का एक प्रमाण। विश्व के महान लेखकों में श्री ह्यूगो आज भी जीवित हैं। अटपटी घटनाओं और भावनाओं के 19वीं सदी के लेखकों में उनका तीसरा स्थान है। बाल्टर स्काट लार्ड बायरन की भाँति वे प्रसिद्ध रोमानी लेखक माने जाते हैं। कहानीकार, कवि, नाटककार और उपन्यासकार-वे क्या कुछ नहीं थे ! इस प्रतिभा का जन्म 1802 में फ्रांस में हुआ। 20 वर्ष की आयु में बचपन की प्रेमिका फॉसर से विवाह किया और 1827 में ‘कामवेल’, नाटक पर भारी ख्याति अर्जित की। 1831 में हंचबैक आफर नात्रे दम’ लिखकर उन्होंने विश्व के महान लेखकों में अपना स्थान बना लिया। नेपोलियन तृतीय के तानाशाही व्यवहार के प्रति उग्रता प्रकट करने पर उन्होंने फ्रांस छोड़कर गुर्नसी टापू में 19 वर्ष बिताए और वहीं अपने जीवन की श्रेष्ठ और प्रिय रचनाएँ रचीं। गरीब और शोषितों के समाज के अन्याय के प्रति खाका खींचनेवाला उपन्यास ‘लास मिजरेबुलस’ मानव के निर्दय व्यवहार की कहानी-‘द मैन हू लाफ्स’, तथा समुद्री संघर्ष की वैज्ञानिक कहानी ‘टायलर्स ऑफ द सी’ उन्होंने इसी निर्वासन में लिखीं। 1870 में नेपोलियन के पतन के साथ ही इनके लाखों अनुयायियों ने इन्हें फ्रांस वापस बुला लिया। श्रेणी:फ्रांसीसी साहित्यकार.

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विक्टर इमानुएल द्वितीय

विक्तर इमनुएल द्वितीय विक्तर एमानुएल द्वितीय (Victor Emanuel II; इतालवी: Vittorio Emanuele Maria Alberto Eugenio Ferdinando Tommaso; १८२० - १८७८) वर्तमान इटली के 'जनक' (Father of the Fatherland; इतालवी: Padre della Patria) माने जाते हैं। उनका नाम जर्मनी के प्रिंस बिस्मार्क और भारत के सरदार पटेल के दर्जे का माना जाता है। इन्होंने अनेक राज्यों में विभक्त देश को एक कर वर्तमान इटली का रूप दिया, सीमावर्ती प्रबल देशों से उसे निर्भय बनाया और उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलायी। .

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विकीर्णन (डायसपोरा)

विकीर्णन या डायस्पोरा (diaspora) से आशय है -किसी भौगोलिक क्षेत्र के मूल वासियों का किसी अन्य बहुगोलिक क्षेत्र में प्रवास करना (विकीर्ण होना)। किन्तु डायसपोरा का विशेष अर्थ ऐतिहासिक अनैच्छिक प्रकृति के बड़े पैमाने वाले विकीर्ण, जैसे जुडा से यहूदियों का निष्कासन। .

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वंडर वूमन (2017 फ़िल्म)

वंडर वूमन 2017 की एक अमेरिकी सुपरहीरो फ़िल्म है जो डीसी कॉमिक्स के इसी नाम के एक चरित्र पर आधारित है। वार्नर ब्रदर्स पिक्चर्स द्वारा वितरित वंडर वूमन डीसी एक्सटेंडेड यूनिवर्स (डीसीईयू) में चौथी फ़िल्म है। पैटी जेंकिन्स द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म की पटकथा एलन हेंबर्ग द्वारा जबकि कहानी हेंबर्ग, ज़ैक स्नायडर और जेसन फूक्स द्वारा लिखी गयी है। गैल गैडट ने फ़िल्म के शीर्षक चरित्र की भूमिका निभाई है, जबकि क्रिस पाइन, रॉबिन राइट, डैनी हस्टन, डेविड थ्यूलिस, कॉनी नील्सन और ऐलेना अनाया अन्य सहायक भूमिकाओं में नज़र आये हैं। 2016 की बैटमैन वर्सेस सुपरमैन: डॉन ऑफ जस्टिस के बाद, यह वंडर वूमन के चरित्र को दर्शाने वाली दूसरी लाइव एक्शन फिल्म है। वंडर वूमन में, अमेज़न की राजकुमारी डायना प्रथम विश्व युद्ध को रोकने का प्रयास करती है, यह मानते हुए कि यह युद्ध अमेज़ॅन के पुराने दुश्मन एरीस द्वारा शुरू किया गया है, जब एक अमेरिकी पायलट और जासूस स्टीव ट्रेवर दुर्घटनाग्रस्त होकर थेमिस्कीरा पर आ गिरा, और उसने इस युद्ध के बारे में अमेज़न वासियों को सूचित किया। वंडर वूमन पर आधारित एक लाइव एक्शन फ़िल्म का विकास 1996 में शुरू हुआ, जब इवान रीटमैन इसके निर्माता और निर्देशक बनने को राज़ी हो गए थे। इसके बाद यह परियोजना कई वर्षों तक अधर में रही; जॉन कोहेन, टोड अल्कोट, और जोस व्हीडन किसी न किसी बिंदु पर इस परियोजना से जुड़े। 2010 में आख़िरकार वार्नर ब्रदर्स ने फ़िल्म की आधिकारिक घोषणा की, और 2015 में जेंकिन्स को इसे निर्देशित करने के लिए अनुबंधित किया गया। चरित्र निर्माण में विलियम मॉल्टन मार्स्टन की 1940 की कहानियों और जॉर्ज पेरेज़ की 1980 की कहानियों के साथ-साथ वंडर वूमन के न्यू 52 अवतार को भी प्रेरणास्त्रोत के रूप में माना गया। प्रिंसिपल फोटोग्राफी 21 नवंबर 2015 को यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और इटली में शुरू हुई, और फिर 9 मई 2016 को मार्स्टन की 123 वीं जयंती तक इसका फिल्मांकन समाप्त हो गया। नवंबर 2016 में फ़िल्म के कुछ अतिरिक्त दृश्य फिल्माए गए। 15 मई 2017 को शंघाई में वंडर वूमन का प्रीमियर आयोजित किया गया था, और फिर 2 जून 2017 को इसे 2डी, 3डी और आईमैक्स 3डी प्रारूपों में संयुक्त राज्य अमेरिका में रिलीज़ किया गया। फिल्म को समीक्षकों से काफी हद तक सकारात्मक समीक्षाऐं मिली, जिन्होंने इसकी दिशा, एक्शन सीक्वेंस, अभिनय (विशेष रूप से गैडट और पाइन द्वारा) और संगीत-स्कोर को काफी सराहा। फिल्म ने कई बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड सेट किए; यह संयुक्त राज्य अमेरिका में छठी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली सुपरहीरो फिल्म और 22वीं सबसे ज्यादा घरेलू कमाई करने वाली फिल्म है। फ़िल्म ने दुनिया भर में 821 मिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की, जिसने इसे 2017 की दसवीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बना दिया। फरवरी 2018 तक, रॉटेन टमेटोज़ की "बेस्ट सुपरहीरो मूवीज़ ऑफ़ ऑल टाइम" की सूची में इसे दूसरे स्थान पर सूचीबद्ध किया गया है, और अमेरिकन फिल्म इंस्टीट्यूट ने इसे वर्ष की शीर्ष 10 फिल्मों में से एक चुना। फिल्म को 23वें क्रिटिक्स चॉइस अवॉर्ड्स में तीन नामांकन प्राप्त हुए, जिनमे से इसने सर्वश्रेष्ठ एक्शन मूवी का पुरस्कार जीता भी था। फ़िल्म का एक सीक्वल, वंडर वूमन 1984 1 नवंबर 2019 को रिलीज होना प्रस्तावित है; यह जेंकिन्स द्वारा निर्देशित होगा और गैडट इसमें फिर अपनी भूमिका को दोहराएंगी। .

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वुल्फ़-रायेट तारा

डब्ल्यू॰आर॰ १२४ नामक एक वुल्फ़-रायेट तारा और उसके इर्द-गिर्द की नीहारिका वुल्फ़-रायेट तारे वह बड़ी आयु के भीमकाय तारे होते हैं जो स्वयं से उत्पन्न तारकीय आंधी के कारण तेज़ी से द्रव्यमान (मास) खो रहे होते हैं। इनसे उभरने वाली आंधी की गति २,००० किलोमीटर प्रति सैकिंड तक की होती है। हमारा सूरज हर वर्ष लगभग १०-१४ सौर द्रव्यमान (यानि सूरज के द्रव्यमान के सौ खरबवे हिस्से के बराबर) खोता है। इसकी तुलना में वुल्फ़-रायेट तारे हर वर्ष १०-५ सौर द्रव्यमान (यानि सूरज के द्रव्यमान के दस हज़ारवे हिस्से के बराबर) खोते हैं। ऐसे तारों का सतही तापमान बहुत अधिक होता है: २५,००० से ५०,००० कैल्विन तक। अक्सर ऐसे तारों के इर्द-गिर्द इनके आंधी से नीहरिकाएँ (नेब्युला) बन जाते हैं। .

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व्यापार चक्र

सरलीकृत कोण्ड्रातिव तरंग (Kondratiev wave) व्यापार चक्र (business cycle अर्थवा आर्थिक चक्र अथवा बूम बस्ट चक्र) बाजार अर्थव्यवस्था में एक वर्ष अथवा कुछ माह में उत्पादन, व्यापार और सम्बंधित गतिविधि को सन्दर्भित करने वाला एक शब्द है। पूँजीवादी व्यवस्था में सदा तेजी या सदा मन्दी नहीं रहती बल्कि तेजी के बाद मन्दी तथा मन्दी के बाद तेजी का क्रम आता रहता है। यह पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषता है। इसे ही व्यापार चक्र (ट्रेड सायकिल या इकनॉमिक सायकिल) काते हैं। कई देशों (फ्रांस, इंग्लैण्ड, यूएसए) की अर्थव्यवस्था का अध्ययन करने के पश्चात फ्रांस के अर्थशास्त्री क्लीमेण्ट जगलर (Clement Juglar) ने सबसे पहले १८६२ 'व्यापार चक्र' की संकल्पना रखी थी। प्रमुख आर्थिक सिद्धान्त मुख्यतः ४ प्रकार के चक्रों की बात करते हैं। ये सभी चक्र सदा चलते रहते हैं किन्तु इनके आवर्तन की अवधि अलग-अलग होती है। .

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वैलेंटाइन दिवस

वैलेंटाइन दिवस या संत वैलेंटाइन दिवस (Valentine's Day), एक अवकाश दिवस है, जिसे 14 फ़रवरी को अनेकों लोगों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है। अंग्रेजी बोलने वाले देशों में, ये एक पारंपरिक दिवस है, जिसमें प्रेमी एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम का इजहार वैलेंटाइन कार्ड भेजकर, फूल देकर, या मिठाई आदि देकर करते हैं। ये छुट्टी शुरुआत के कई क्रिश्चियन शहीदों में से दो, जिनके नाम वैलेंटाइन थे, के नाम पर रखी गयी हैउच्च मध्य युग में, जब सभ्य प्रेम की परंपरा पनप रही थी, जेफ्री चौसर के आस पास इस दिवस का सम्बन्ध रूमानी प्रेम के साथ हो गया। ये दिन प्रेम पत्रों के "वैलेंटाइन" के रूप में पारस्परिक आदान प्रदान के साथ गहरे से जुड़ा हुआ है। आधुनिक वैलेंटाइन के प्रतीकों में शामिल हैं दिल के आकार का प्रारूप, कबूतर और पंख वाले क्यूपिड का चित्र.19वीं सदी के बाद से, हस्तलिखित नोट्स की जगह बड़े पैमाने पर बनाने वाले ग्रीटिंग कार्ड्स ने ले ली है। ग्रेट ब्रिटेन में उन्नीसवीं शताब्दी में वैलेंटाइन का भेजा जाना एक फैशन था और, 1847 में, एस्थर हौलैंड ने अपने वोर्सेस्टर, मैस्साचुसेट्स स्थित घर में ब्रिटिश मॉडलों पर आधारित घर में ही बने कार्ड्स द्वारा एक सफल व्यवसाय विकसित कर लिया था। 19 वीं सदी के अमेरिका में वैलेंटाइन कार्ड की लोकप्रियता जहां कई वैलेंटाइन कार्ड अब सामान्य ग्रीटिंग कार्ड प्यार की घोषणाओं के बजाय, संयुक्त राज्य अमेरिका में छुट्टियों के भविष्य व्यावसायीकरण के एक अग्रदूत था रहे हैं। अमेरिका ने ग्रीटिंग कार्ड एसोसिएशन का अनुमान है कि लगभग एक अरब वैलेंटाइन हर साल पूरी दुनिया में भेजे जाते हैं, जिसके कारण,क्रिसमस के बाद, इस छुट्टी को कार्ड भेजने वाले दूसरे सबसे बड़े दिवस के रूप में जाना जाता है। एसोसिएशन का अनुमान है कि औसतन अमरीका में पुरुष महिलाओं के मुकाबले दुगना पैसा खर्चा करते हैं। .

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वेस्ट अफ्रीकन सीएफए फ्रांक

वेस्ट अफ्रीकन सीएफए फ्रांक बुर्किना फासो के अलावा अन्य पश्चिमी अफ्रीकी देश, बेनिन, कोट द' आईवोर, गिनी-बिसाऊ, माली, नाइजर, सेनेगल और टोगो में प्रचलन में है। सीएफए एक फ्रांसीसी शब्द है, जिसका अर्थ अफ्रीका का वित्तीय समुदाय है। यह मुद्रा सेनेगल की राजधानी डाकार में स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ द वेस्ट अफ्रीका (बीसीईएओ) द्वारा वेस्ट अफ्रीकन इकानोमी एंड मानेटरी यूनियन के सदस्य देशों के लिए जारी की जाती है। सीएफए फ्रांक फ्रांस के पश्चिम अफ्रीका के उपनिवेश में 1945 में जारी किया गया। यह मुद्रा इन देशों के उपनिवेश से आजाद होने के बाद भी प्रचलन में बनी हुई है। श्रेणी:मुद्रा.

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वो गुएन गियाप

जनरल गियाप वो गुएन गियाप (वियतनामी: Võ Nguyên Giáp; 25 अगस्त 1911 – 4 अक्टूबर 2013) वियतनाम पीपुल्स आर्मी के जनरल तथा वियतनाम के राजनेता थे। वे गुरिल्ला रणकौशल के जरिये अमेरिका और फ्रांस की सेना को भी पराजित करने और वियतनाम की स्वतंत्रता की लड़ाई में अहम योगदान देने वाले प्रसिद्ध जनरल थे। उन्होने फ्रांस और अमेरिका को शिकस्त देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर 20 वीं सदी का सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर सदी का सबसे महत्वपूर्ण कमांडर बनने का दर्जा हासिल किया। वियतनाम में जनरल गियाप का स्थान उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष करने वाले हो ची मिन्ह के बाद है। नाटे कट के गियाप ने औपचारिक सैन्य प्रशिक्षण नहीं लिया था। उन्हें इतिहासकारों ने मांटगोमरी रोमेल और मैकआर्थर के समकक्ष रखा है। .

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वोल्टेयर

वोल्टेयर वोल्टेयर (21 नवम्बर 1694 30 मई 1778) फ्रांस का बौद्धिक जागरण (Enlightenment) के युग का महान लेखक, नाटककार एवं दार्शनिक था। उसका वास्तविक नाम "फ़्रांस्वा-मैरी आहुए" (François-Marie Arouet) था। वह अपनी प्रत्युत्पन्नमति (wit), दार्शनिक भावना तथा नागरिक स्वतंत्रता (धर्म की स्वतंत्रता एवं मुक्त व्यापार) के समर्थन के लिये भी विख्यात है वोल्टेयर ने साहित्य की लगभग हर विधा में लेखन किया। उसने नाटक, कविता, उपन्यास, निबन्ध, ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक लेखन और बीस हजार से अधिक पत्र और पत्रक (pamphlet) लिखे। यद्यपि उसके समय में फ्रांस में अभिव्यक्ति पर तरह-तरह की बंदिशे थीं फिर भी वह सामाजिक सुधारों के पक्ष में खुलकर बोलता था। अपनी रचनाओं के माध्यम से वह रोमन कैथोलिक चर्च के कठमुल्लापन एवं अन्य फ्रांसीसी संस्थाओं की खुलकर खिल्ली उड़ाता था। बौद्धिक जागरण युग के अन्य हस्तियों (मांटेस्क्यू, जॉन लॉक, थॉमस हॉब्स, रूसो आदि) के साथ-साथ वोल्टेयर के कृतियों एवं विचारों का अमेरिकी क्रान्ति तथा फ्रांसीसी क्रान्ति के प्रमुख विचारकों पर गहरा असर पड़ा था। .

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वोक्सवैगन बीटल

वोक्सवैगन टाइप 1, जिसे व्यापक तौर पर वोक्सवैगन बीटल के नाम से जाना जाता है, जर्मन वाहन निर्माता वोक्सवैगन (वीडब्ल्यू) द्वारा 1938 से 2003 तक निर्मित एक किफायती कार है। वायु-शीतलीत, पश्च-इंजनयुक्त, पश्च-पहिया चालन विन्यास में 21 मिलियन से अधिक संख्या में निर्मित होने वाली यह बीटल कार एक सिंगल डिजाइन प्लेटफॉर्म वाली दुनिया की सबसे ज्यादा चलने वाली और सबसे ज्यादा निर्मित मोटरगाड़ी है। .

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वीटो

वीटो, लैटिन शब्द का अर्थ है "मैं निषेध करता हूँ ", किसी देश के अधिकारी को एकतरफा रूप से किसी कानून को रोक लेने का यह एक अधिकार है। अभ्यास में, वीटो निरपेक्ष हो सकता है (जैसे कि संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद में, इसके स्थायी सदस्य (संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, रूस और चीन) किसी प्रस्ताव को रोक सकते हैं या सीमित कर सकते हैं, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की विधायी प्रक्रिया में होता है, किसी कानून पर राष्ट्रपति का वीटो को दोनों सदन और सीनेट का दो-तिहाई वोट रद्द कर सकता है। एक वीटो किन्हीं तरह के परिवर्तनों को रोकने का; न कि उन्हें अपनाने का, संभवतः असीमित अधिकार देता है। मोटे तौर पर इसे इस तरह परिभाषित किया गया है कि वीटो अपने धारक को जो प्रभाव समर्पित करता है वह इस तरह सीधे तौर पर धारक की रुढिवादिता के आनुपातिक होता है। धारक जितना अधिक यथास्थिति के समर्थन में वीटो का प्रयोग करता है, वीटो उतना ही अधिक उपयोगी होता है। रोमन कौंसुल और ट्रिब्यून से वीटो की अवधारणा पैदा हुई है। किसी वर्ष विशेष में पदावरूढ़ दो कौंसुलों में से कोई एक अन्य के द्वारा किये गये सैन्य या नागरिक निर्णयों को रोक सकता था; किसी भी ट्रिब्यून को अधिकार था कि वह रोमन सीनेट द्वारा पारित कानून को एकतरफा रोक ले. .

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वीडियो गेम

वीडियो गेम या वीडियो खेल ऐसे इलेक्ट्रॉनिक खेल होते है जिसमें यूज़र इंटरफ़ेस के साथ परस्पर क्रिया करके दृश्य प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है। वीडियो गेम खेलने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों को प्लेटफॉर्म या मंच के रूप में जाना जाता है। पर्सनल कम्प्यूटर और वीडियो गेम के लिये विशिष्ट तौर पर बनाई गई मशीन जिसे कंसोल कहते है, ज़्यादातर वीडियो गेम के लिये प्रयोग में लिये जाते हैं। आर्केड गेम के रूप में वीडियो गेम के, जो पहले आम थे, उपयोग में धीरे-धीरे गिरावट आई है। वीडियो गेम एक कला का रूप और उद्योग बन गया है। मुख्य रूप से वीडियो गेम में हेरफेर करने के लिए इस्तेमइस को खेल नियंत्रक कहा जाता है, जो प्लेटफार्मों भर में बदलता है। एक नियंत्रक, केवल एक बटन और एक जॉयस्टिक से मिलकर बन सकता है, जबकि कई में उदाहरण के लिए एक और एक दर्जन से अधिक बटन और एक या एक से अधिक जॉयस्टिक सुविधा हो सकती है। कई आधुनिक कंप्यूटर गेम खिलाड़ी को कीबोर्ड और साथ ही माउस का उपयोग करने की अनुमति देते हैं। हाल के वर्षों में, इनपुट के अतिरिक्त तरीके उभरे है जैसे वीडियो गेम कंसोल के लिए कैमरा आधारित खिलाड़ी अवलोकन और मोबाइल उपकरणों के लिये टचस्क्रीन। .

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वीज़ा इंक.

वीज़ा इंक. (Visa Inc.) एक वैश्विक भुगतान तकनीक कंपनी (ग्लोबल पेमेंट्स टेक्नोलोजी कंपनी) है जिसका मुख्यालय कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में है। यह दुनिया भर में सबसे अधिक आम तौर पर वीज़ा ब्रांड युक्त क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करती है। वीज़ा न तो कार्ड जारी करती है, न ऋण देती है और न ही उपभोक्ताओं के लिए दरों और शुल्कों का निर्धारण करती है; बल्कि वीज़ा वित्तीय संस्थाओं को वीज़ा ब्रांड के भुगतान संबंधी उत्पाद प्रदान करती है जिसका उपयोग वे अपने ग्राहकों को क्रेडिट, डेबिट, प्रीपेड और नकदी की प्राप्ति संबंधी सेवाएं प्रदान करने में करते हैं। वर्ष 2008 में निल्सन रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में वीज़ा के पास क्रेडिट कार्ड के बाजार में 38.3% का और डेबिट कार्ड के बाजार में 60.7% का मार्केट शेयर मौजूद था। 2009 में वीज़ा ग्लोबल नेटवर्क (जिसे वीज़ानेट के रूप में जाना जाता है) ने 62 बिलियन के लेन-देन (ट्रांजेक्शन) को अंजाम दिया था जिसकी कुल मात्रा 4.4 ट्रिलियन डॉलर थी। वीज़ा के ऑपरेशंस पूरे एशिया-प्रशांत, उत्तरी अमेरिका, मध्य और दक्षिण अमेरिका, कैरिबियन, मध्य और पूर्वी यूरोप, अफ्रीका और मध्य पूर्व में हैं। वीज़ा यूरोप एक अलग सदस्यता इकाई है जो यूरोपीय क्षेत्र में वीज़ा इंक के ट्रेडमार्क और तकनीक की एक विशिष्ट लाइसेंसी है और यह वीज़ा डेबिट जैसे कार्ड जारी करती है। .

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खरक

खरक या खर्ग या खिर्क या रोकू (honeyberry या hackberry) एक पतझड़ी वृक्ष है जो २० से २५ मीटर तक उग सकता है।, Great Britain India Office, Printed by Calcutta Central Press Company, 1883,...

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खलील जिब्रान

खलील जिब्रान खलील जिब्रान खलील जिब्रान (Khalil Gibran (/dʒɪˈbrɑːn/; पूरा अरबी नाम: Gibran Khalil Gibran, अरबी: جبران خليل جبران‎ / ALA-LC: Jubrān Khalīl Jubrān or Jibrān Khalīl Jibrān) (6 जनवरी, 1883 – 10 जनवरी, 1931) एक लेबनानी-अमेरिकी कलाकार, कवि तथा न्यूयॉर्क पेन लीग के लेखक थे। उन्हें अपने चिंतन के कारण समकालीन पादरियों और अधिकारी वर्ग का कोपभाजन होना पड़ा और जाति से बहिष्कृत करके देश निकाला तक दे दिया गया था। आधुनिक अरबी साहित्य में जिब्रान खलील 'जिब्रान' के नाम से प्रसिद्ध हैं, किंतु अंग्रेजी में वह अपना नाम खलील ज्व्रान लिखते थे और इसी नाम से वे अधिक प्रसिद्ध भी हुए। .

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खाड़ी युद्ध

कोई विवरण नहीं।

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खाद्य जनित रोग

खाद्यजनित रोग (खाद्यजनित व्याधि तथा बोलचाल की भाषा में खाद्य विषाक्तता के रूप में भी संदर्भित) दूषित भोजन के सेवन के परिणाम स्वरुप उत्पन्न कोई रोग है। खाद्य विषाक्तता दो प्रकार की होती है: संक्रामक एजेंट और विषाक्त एजेंट.

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गणित का इतिहास

ब्राह्मी अंक, पहली शताब्दी के आसपास अध्ययन का क्षेत्र जो गणित के इतिहास के रूप में जाना जाता है, प्रारंभिक रूप से गणित में अविष्कारों की उत्पत्ति में एक जांच है और कुछ हद तक, अतीत के अंकन और गणितीय विधियों की एक जांच है। आधुनिक युग और ज्ञान के विश्व स्तरीय प्रसार से पहले, कुछ ही स्थलों में नए गणितीय विकास के लिखित उदाहरण प्रकाश में आये हैं। सबसे प्राचीन उपलब्ध गणितीय ग्रन्थ हैं, प्लिमपटन ३२२ (Plimpton 322)(बेबीलोन का गणित (Babylonian mathematics) सी.१९०० ई.पू.) मास्को गणितीय पेपाइरस (Moscow Mathematical Papyrus)(इजिप्ट का गणित (Egyptian mathematics) सी.१८५० ई.पू.) रहिंद गणितीय पेपाइरस (Rhind Mathematical Papyrus)(इजिप्ट का गणित सी.१६५० ई.पू.) और शुल्बा के सूत्र (Shulba Sutras)(भारतीय गणित सी. ८०० ई.पू.)। ये सभी ग्रन्थ तथाकथित पाईथोगोरस की प्रमेय (Pythagorean theorem) से सम्बंधित हैं, जो मूल अंकगणितीय और ज्यामिति के बाद गणितीय विकास में सबसे प्राचीन और व्यापक प्रतीत होती है। बाद में ग्रीक और हेल्लेनिस्टिक गणित (Greek and Hellenistic mathematics) में इजिप्त और बेबीलोन के गणित का विकास हुआ, जिसने विधियों को परिष्कृत किया (विशेष रूप से प्रमाणों (mathematical rigor) में गणितीय निठरता (proofs) का परिचय) और गणित को विषय के रूप में विस्तृत किया। इसी क्रम में, इस्लामी गणित (Islamic mathematics) ने गणित का विकास और विस्तार किया जो इन प्राचीन सभ्यताओं में ज्ञात थी। फिर गणित पर कई ग्रीक और अरबी ग्रंथों कालैटिन में अनुवाद (translated into Latin) किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप मध्यकालीन यूरोप (medieval Europe) में गणित का आगे विकास हुआ। प्राचीन काल से मध्य युग (Middle Ages) के दौरान, गणितीय रचनात्मकता के अचानक उत्पन्न होने के कारण सदियों में ठहराव आ गया। १६ वीं शताब्दी में, इटली में पुनर् जागरण की शुरुआत में, नए गणितीय विकास हुए.

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गबोन

गबोन या गबॉन पश्चिम मध्य अफ़्रीका में स्थित एक देश है, जिसके पश्चिम में गिनी की खाड़ी, उत्तर पश्चिम में ईक्वीटोरियल गिनी, उत्तर में कैमरून और पूर्व व दक्षिण में कांगो गणराज्य से सीमा मिलती है। लगभग २,७०,००० वर्ग किमी में फैले देश की जनसंख्या करीबन १,५००,००० है। देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर लिब्रेविल है। १७ अगस्त १९६० में फ्रांस से स्वतंत्रता हासिल करने के बाद देश पर तीन राष्ट्रपति द्वारा शासन किया गया है। प्रचुर प्राकृतिक संसाधन और विदेशी निजी निवेश की वजह से कम आबादी वाला यह उप सहारा अफ्रीका क्षेत्र का सबसे समृद्ध और उच्च मानव विकास सूचकांक वाला देश है। श्रेणी:देश श्रेणी:अफ़्रीका के देश श्रेणी:गबोन.

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गाम्बिया

गाम्बिया (आधिकारिक रूप से इस्लामी गणराज्य गाम्बिया), पश्चिमी अफ्रीका में स्थित एक देश है। गाम्बिया अफ्रीकी मुख्य भूमि पर स्थित सबसे छोटा देश है, इसकी उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी सीमा सेनेगल से मिलती है, पश्चिम में अन्ध महासागर से लगा छोटा सा तटीय क्षेत्र है। देश का नाम गाम्बिया नदी पर से पड़ा है, जिसके प्रवाह के रास्ते इसकी सीमा लगी हुई है। नदी देश के मध्य से होते हुए अन्ध महासागर में जाकर मिल जाती है। लगभग १०,५०० वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले इस देश की अनुमानित जनसंख्या १७,००,००० है। १८ फरवरी, १९६५ को गाम्बिया ब्रिटेन से स्वतन्त्र हुआ और राष्ट्रमण्डल में सम्मिलित हो गया। बांजुल गाम्बिया की राजधानी है, लेकिन सबसे बड़ा महानगर सेरीकुंदा है। गाम्बिया अन्य पश्चिम अफ़्रीकी देशों के साथ एतिहासिक दास व्यापार का एक भाग था, जो गाम्बिया नदी पर उपनिवेश स्थापित करने का एक प्रमुख कारण था, प्रथम पुर्तगालियों द्वारा और बाद में अंग्रेज़ों द्वारा। १९६५ में स्वतन्त्रता प्राप्त करने के बाद, गाम्बिया अपेक्षाकृत स्थिर देश रहा है, केवल १९९४ में सैन्य शासन की एक संक्षिप्त अवधि के अपवाद को छोड़कर। यह एक कृषि सम्पन्न देश है और देश की अर्थव्यस्था में खेती-बाड़ी, मत्स्य-ग्रहण और पर्यटन-उद्योग की प्रमुख भूमिका है। लगभग एक तिहाई जनसंख्या अन्तर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा की सीमा १.२५ डॉलर प्रतिदिन से नीचे रहती है। .

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गाय दी मोपासां

गाय दी मोपासां प्रकृतिवादी विचारधारा से प्रभावित गाय दी मोपासां (५ अगस्त, १८५०- ६ जुलाई, १८९३), निर्विवाद रूप से फ्रांस के सबसे महान कथाकार हैं। वे जब ग्यारह वर्ष के थे तभी उनके माता-पिता अलग हो गए थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा धार्मिक स्कूलों में हुई जिससे उन्हें चिढ़ थी। उन्होंने फ्रांस और जर्मनी के युद्ध में भाग लिया, अलग अलग नौकरियाँ कीं और पत्रों में स्तंभ लिखे। इनकी प्रथम कहानी संग्रह बाल ऑप फैट थी जिसके प्रकाशित होते ही ये प्रसिद्ध हो गए। १८८० से १८९१ तक का समय इनके जीवन का सबसे महत्पूर्ण काल था। इन ११ वर्षों में मोपांसा के लगभग ३०० कहानियाँ, ६ उपन्यास, ३ यात्रा संस्मरण एवं एक कविता संग्रह प्रकाशित हुए। युद्ध कृषक जीवन, स्त्री पुरुष संबंध, आभिजात्य वर्ग और मनुष्य की भावनात्मक समस्याएँ मोपासां की रचनाओं की विषय-वस्तु बने। .

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गार्सा द तासी

गार्सा द तासी का जन्म फ्रांस में हुआ था। उर्दू -हिन्दी अथवा हिन्दुस्तानी साहित्य का सर्व प्रथम इतिहास ग्रंथ " इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐंदुई ऐ ऐंदुस्तानी" इन्हीं का लिखा हुआ है। गार्सा द तासी ने भारत के लोकप्रिय उत्सवों का भी विवरण प्रस्तुत किया है। गार्सा द तासी हिन्दुस्तानी साहित्य के महत्त्व को स्वीकार करते हैं तथा उसे किसी अन्य भाषा से हीन नहीं समझते हैं। .

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गिनी

गिनी, आधिकारिक तौर पर गिनी गणराज्य, पश्चिम अफ़्रीका में स्थित एक देश है, जिसे पूर्व में फ्रेंच गिनी के नाम से जाना जाता था। अर्द्ध चंद्राकार आकार का यह देश पूर्व से दक्षिण की ओर फैला हुआ है, जहां इसकी पश्चिमी सीमा अंध महासागर से मिलती है। अंध महासागर के अलावा गिनी-बिसाऊ भी देश के पश्चिम में स्थित है। अंदरूनी हिस्सों में उत्तरी सीमा पर सेनेगल और उत्तर और उत्तर-पूर्व में माली स्थित है। दक्षिण पूर्व की ओर कोट द' आईवोर है, दक्षिण में लाइबेरिया और दक्षिण पश्चिम में सियेरा लियोन स्थित हैं। देश के मध्य से बहने वाली नाइजर नदी पानी के साथ-साथ जल परिवहन की सुविधा मुहैय्या कराती है। कोनाक्री देश का सबसे बड़ा शहर और राजधानी होने के साथ-साथ राष्ट्रीय सरकार का मुख्यालय भी है। देश को कभी-कभी पड़ोसी देश गिनी-बिसाउ से अलग बताने के लिए गिनी-कोनाक्री भी कहा जाता है। गिनी में चौबीस जातीय समूहों का वास है, जिनमें से तीन सबसे बड़े और सबसे प्रभावी समूह फुला, मंदिनका और सुसु हैं। .

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गियोवन्नी डोमेनिको कैसिनी

गियोवन्नी डोमेनिको कैसिनी (Giovanni Domenico Cassini) (8 जून 1625 - 14 सितंबर 1712), एक इतालवी/फ्रांसीसी गणितज्ञ, खगोल विज्ञानी, इंजीनियर और ज्योतिषी थे। उनका जन्म उस समय की नाइस की काउंटी में इम्पीरिया के नजदीक पेरिनाल्डो में हुआ था। श्रेणी:खगोलशास्त्री श्रेणी:गणितज्ञ श्रेणी:ज्योतिषाचार्य.

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गिल्लेस देलयूज़े

गिल्लेस देलयूज़े फ़्रांसीसी दार्शनिक थे। .

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गंगा सिंह

जनरल सर गंगासिंह(3 अक्टूबर 1880, बीकानेर – 2 फरवरी 1943, मुम्बई) १८८८ से १९४३ तक बीकानेर रियासत के महाराजा थे। उन्हें आधुनिक सुधारवादी भविष्यद्रष्टा के रूप में याद किया जाता है। पहले महायुद्ध के दौरान ‘ब्रिटिश इम्पीरियल वार केबिनेट’ के अकेले गैर-अँगरेज़ सदस्य थे। .

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गुलदाउदी

गुलदाउदी (Chrysanthemum) एक बारहमासी सजावटी फूलों का पौधा है। इसकी लगभग 30 प्रजातियों पाई जाती हैं। मुख्यतः यह एशिया और पूर्वोत्तर यूरोप मे पाया जाता है। ग्रीक भाषा के (Anemone) अनुसार क्राइसैंथिमम शब्द का अर्थ स्वर्णपुष्प है। इस जाति का पुष्प छोटा तथा सम्मित एनीमोन सदृश होता है। बेंथैम तथा हूकर (Bentham and Hooker, 1862-93) के वनस्पति-विभाजन-क्रम के आधार पर गुलदाऊउदी का स्थान नीचे दिए हुए क्रम के अनुसार निर्धारित होता है: वर्ग द्विदलीय (Dicotyledon) गैमोपेटैली (Gamopetalae) श्रेणी इनफेरी (Inferae) आर्डर ऐस्टरेलीज़ (Asterales) कुल कॉम्पॉज़िटी (Compositae) जीनस क्राइसैंथिमम .

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गुआदेलूप

गुआदेलूप द्वीप समूह पूर्वी कैरेबियन सागर में स्थित फ्रांस का एक विदेशी विभाग है। इसका कुल क्षेत्रफल 1628 वर्ग किलोमीटर (629 वर्ग मील) है। गुआदेलूप की राजधानी बेस-टेरे है। गुआदेलूप फ्रांस के छब्बीस क्षेत्रों मे से एक है और गणतंत्र का अभिन्न अंग है। गुआदेलूप यूरोपीय संघ का हिस्सा है और इसकी मुद्रा यूरो है। .

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ग्रांड एस्ट

ग्रांड एस्ट (फ़्रान्सीसी: Grand Est), जिसे ग्रेट ईस्ट भी कहा जाता है, पूर्वी फ़्रान्स में स्थित एक प्रशासनिक क्षेत्र है। इसकी प्रशासनिक राजधानी और सबसे बड़ा शहर स्ट्रासबर्ग है। ग्रांड एस्ट, 57,433 वर्ग किलोमीटर (22,175 वर्ग मील) क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यह फ्रांस का छठा सबसे बड़े क्षेत्र हैं। ग्रैंड एस्ट की सीमा इसके उत्तरी और पूर्वी किनारों से चार देशों - बेल्जियम, वालोनिया लक्समबर्ग, Grevenmacher and Luxembourg Districts जर्मनी, बेडन-वुर्टमबर्ग, राइनलैन्ड और सारलैंड और स्विट्जरलैंड बासल-लान्डशाफ़्ट कैन्टन, बासल-श्तात कैन्टन, जूरा कैन्टन और सोलोथूर्न कैन्टन को छूती है। यह दो से अधिक देशों की सीमा को छूने वाली एकमात्र फ़्रान्सीसी क्षेत्र है। पश्चिम और दक्षिण में, यह फ्रांसीसी क्षेत्रों हाउत्स-दे-फ्रांस, इल-दा-फ़्रान्स, और बौर्गोग-फ्रैंच-कॉम्टे से सीमाबद्ध है। .

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ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

List of Men's Singles Grand Slam tournaments tennis champions: .

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ग्रेट ब्रिटेन राजशाही

ग्रेट ब्रिटेन राजशाही या ग्रेट ब्रिटेन राजतंत्र, आधिकारिक रूपसे:ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी यूरोप में १ मई १७०७ से १३ दिसंबर १८०० तक विद्यमान, यूनाइटेड किंगडम का पूरक राज्य था। ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना १७०६ को अंग्रेज़ी राजशाही और स्कोटियाई राजशाही के बीच तय किये गए विलयके समझौतेका १७०७में विलय के अधिनियमों के रूपमें पारित होनेके कारण हुआ था। इन अधिनोइयमोंके कारण, पूर्व आंग्ल राजतंत्र और स्कॉट राजतंत्रका एक शासक, एक संसद तथा एक व्यवस्था के साथ, एकही राजतांत्रिक इकाईके रूपमें विलय होगया, जिसका विस्तार पूरे ग्रेट ब्रिटेन और उसके निकट के द्वीपों पर अधिपत्य था। इस राजतंत्र का अधिआसन, लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। यह एक पूर्णतः एकात्मक राज्य राज्य था, और इसकी राजनीतिक व्यवस्था में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच किसी प्रकार का संघीय या महासंघिया संबंध नहीं था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड (और आयरलैंड) सन् १६०३ में एलिज़ाबेथ प्र॰ के देहांत पश्चात् जेम्स प्रथम की सिंघासन-उत्तराधिकृति से एक व्यक्तिगत विलय की स्थिती में थे। हालाँकि, इंग्लैंड और आयरलैंड का विलय हो गया था, परंतु आईरिस राज्य, ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा नहीं था, और वह एक स्वतंत्र प्रदेश था। १ जनवरी १८०१, को ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का आयरिश राजशाही के साथ विलय होगया और ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना हुई। १९२२ में, आयरलैंड का पांच-छ्याई भाग, इस संयुक्त राजशाही से निकल गया और इस राज्य का पुनःनामकरण कर, इसका नाम ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही कर दिया गया, जोकि आज विद्यमान है। इस संयुक्त राज्य के शुरूआती वर्ष, जकॉबियाइ जागरणों से भरे थे, जो १७४६ में स्टुअर्टवंशी चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट की हार के साथ समाप्त हुए। तत्पश्चात् १७६३ में सप्तवर्षीय युद्ध में विजय ने सर्वप्रथम वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया, जोकि अगले १०० वर्षों में इतिहास के बृहत्तम् साम्राज्य के रूप में विकसित हुई। .

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ग्रेनोब्ल

फ्रान्स का एक प्रमुख नगर। ग्रेनोब्ल फ्रान्स के दक्षिण-पूर्व मे रोन-आल्प्स क्षेत्र में स्थित एक मध्यम आकर का, सुन्दर सा शहर है। यह तीन पर्वतों के बीच घाटी में बसा हुआ है, अत्यंत समतल शहर है। यहाँ कई जानी-मानी वैज्ञानिक प्रयोगशालायें (मिनाटेक, सी.इ.ए, सी.एन.आर.एस. इत्यादि), कम्पनियां (एस टी, श्निडर, इत्यादि) एवं कई सारी विश्वविद्यालय हैं। शहर की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा फ्रेंच एवं अन्तराष्ट्रीय छात्र-छात्राओं का है। श्रेणी:फ्रांस के शहर.

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ग्रेगोरी कैलेंडर

ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar), दुनिया में लगभग हर जगह उपयोग किया जाने वाला कालदर्शक या तिथिपत्रक है। यह जूलियन कालदर्शक (Julian calendar) का रूपान्तरण है। इसे पोप ग्रेगोरी (Pope Gregory XIII) ने लागू किया था। इससे पहले जूलियन कालदर्शक प्रचलन में था, लेकिन उसमें अनेक त्रुटियाँ थीं, जिन्हें ग्रेगोरी कालदर्शक में दूर कर दिया गया। .

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ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल

ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों या ओलंपियाड के खेलों (Jeux olympiques d'été), जो पहली बार 1896 में आयोजित किया गया था, एक अंतर्राष्ट्रीय मल्टी-स्पोर्ट इवेंट आयोजन है जो चार साल से एक अलग शहर द्वारा आयोजित किया जाता है। सबसे हालिया ओलंपिक रियो डी जनेरियो, ब्राजील में आयोजित किए गए थे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति खेल का आयोजन करती है और मेजबान शहर की तैयारियों की देखरेख करता है। प्रत्येक ओलंपिक आयोजन में, स्वर्ण पदक प्रथम स्थान पर दिए जाते हैं, दूसरे स्थान पर रजत पदक से सम्मानित किया जाता है, और तीसरे के लिए कांस्य पदक प्रदान किए जाते हैं; यह परंपरा 1904 में शुरू हुई। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की सफलता के कारण शीतकालीन ओलंपिक खेलों का निर्माण किया गया था। ओलंपिक में 42 स्पर्धाओं की प्रतियोगिता में वृद्धि हुई है, जो कि 1896 में 14 देशों के 250 से कम पुरुष प्रतिद्वंद्वियों के साथ 2012 में 204 देशों से 10,768 प्रतिद्वंद्वियों (5,992 पुरुष, 4,776 महिलाओं) के साथ 302 घटनाओं के साथ बढ़ी है। अठारह देशों ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की है। संयुक्त राज्य अमेरिका में किसी भी अन्य देश से अधिक चार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (1904, 1932, 1984, 1996), की मेजबानी की है, और ग्रेट ब्रिटेन लंदन में तीन ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (1908, 1948, 2012), सभी की मेजबानी की है। एथेंस (1896, 2004), पेरिस (1900, 1924), लॉस एंजिल्स (1932, 1984) और टोक्यो (1964, 2020): चार शहरों में दो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक आयोजित किए गए हैं। ग्रीष्मकालीन ओलंपिक कई बार होस्ट करने के लिए पश्चिमी दुनिया के बाहर टोक्यो पहला शहर है। एशिया ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की है, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन में चार बार (1964, 1988, 2008, 2020)। दक्षिणी गोलार्ध में आयोजित केवल ग्रीष्मकालीन ओलंपिक ऑस्ट्रेलिया (1956, 2000) और ब्राजील (2016) में रहे हैं। 2016 के खेल दक्षिण अमेरिका में होने वाले पहले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक हैं और स्थानीय शीतकालीन सत्र के दौरान आयोजित होने वाले पहले थे। अफ्रीका अभी तक एक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी नहीं है। केवल पांच देशों-ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन, और हर ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों में स्विट्जरलैंड की है प्रतिनिधित्व करता रहा। प्रत्येक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में कम से कम एक स्वर्ण पदक जीतने वाला एकमात्र देश ग्रेट ब्रिटेन है संयुक्त राज्य अमेरिका ने सभी समय के पदक तालिका का नेतृत्व किया। .

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ग्रीस के ओट्टो

ओट्टो, बवेरिया के राजकुमार, फिर ओथन, यूनान के राजा (Ὄθων, Βασιλεὺς τῆς Ἑλλάδος, 1 जून 1815 – 26 जुलाई 1867) आधुनिक समय में यूनान के सबसे पहले राजा बनाये गये थे। ओट्टो को यूनान का सम्राट् सन् 1832 में लंदन में आयोजित हुए सम्मेलन में घोषित किया गया, तथा इस प्रकार यूनान महान शक्तियों (संयुक्त राजशाही, फ्रांस और रूसी साम्राज्य) के संरक्षण के तहत एक नया स्वतंत्र साम्राज्य बन गया। .

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गौरवशाली क्रांति

गौरवपूर्ण क्रान्ति (The Glorious Revolution) या सन् १६८८ की क्रान्ति के द्वारा इंग्लैण्ड का राजा जेम्स द्वितीय को राजसिंहासन गवांना पड़ा। 18वीं सदी में विश्व में तीन प्रमुख क्रांतियां हुईं। ये भिन्न-भिन्न देशों में अवश्य हुई किन्तु इनके परिणाम एवं प्रभाव विश्व पर दूरगामी हुए। इन क्रांतियों में सर्वप्रथम इंग्लैंड में घटित वैभवपूर्ण क्रांति (1688 ई.) है। इसे 'गौरवशाली क्रांति' अथवा 'रक्तहीन क्रांति' भी कहा जाता है क्योंकि इस क्रांति में किसी भी पक्ष के व्यक्ति के रक्त की एक बूंद भी नहीं निकली और केवल प्रदर्शन एवं वार्तालाप से ही क्रांति सफल हो गई। 1688 ई. में इंग्लैण्ड में हुई इस रक्तहीन क्रांति ने अमेरिका (इंग्लैंड का उपनिवेश) में भी स्वतंत्रता की मांग बुलंद की। अमेरिका में शासन ब्रिटिश संसद द्वारा चलाया जाता था जो अमेरिकावासियों को सहन न था। वे स्वतंत्र रूप से शासन करना चाहते थे। अतः अमेरिकी उपनिवेश ने अपनी स्वतंत्रता के लिए जो संघर्ष किया वही अमेरिकी क्रांति कहलाता है। ये क्रांति 1776 ई. में हुई। उपरोक्त दो क्रांतियों के परिणाम एवं प्रभाव स्वरूप यूरोप में भी क्रांति का दौर प्रारंभ हुआ। 18वीं सदी में यूरोपीय देशों में फ्रांस की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति अत्यंत जर-जर थी। शासक कुलीन तथा पादरी वर्ग केवल अपनी विलासिता पर ही ध्यान देते थे। जनता एवं जनहित के कार्यो तथा प्रशासन में उनकी कोई रूचि नहीं थी। वे केवल श्रमिकों एवं कृषकों का शोषण करते थे। ऐसी परिस्थिति में फ्रांस में बुद्धिजीवी वर्ग का उदय हुआ जिन्होंने जनता को उनके अधिकारों के परिचित कराया। इस प्रकार शासक, कुलीन तथा चर्च के विरूद्ध कृषकों, श्रमिकों तथा बुद्धिजीवियों के द्वारा फ्रांस में जो क्रांति हुई वही 1789 की फ्रांसीसी क्रांति कहलाती है। इसके प्रभाव दूरगामी हुए। यहां तक की भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी इस क्रांति का महत्व है। .

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गैंग्स ऑफ वासेपुर – भाग 1

गैंग्स ऑफ वासेपुर – भाग 1 (या Gangs of वासेपुर) 2012 की एक भारतीय अपराध फिल्म है, जिसे अनुराग कश्यप द्वारा सह-लिखित, निर्मित और निर्देशित किया गया है। यह धनबाद, झारखंड के कोयला माफिया और तीन अपराधिक परिवारों के बीच अंतर्निहित शक्ति संघर्ष, राजनीति और प्रतिशोध पर केंद्रित फ़िल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर श्रृंखला की पहली फ़िल्म है। फ़िल्म के पहले भाग में मनोज वाजपेई नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, ऋचा चड्ढा, हुमा कुरेशी, तिग्मांशु धूलिया, पंकज त्रिपाठी आदि कलाकार प्रमुख भुमिकाओं में है। इसकी कहानी 1990 से 2009 तक के कालक्रम में फैली हुई है। फिल्म के दोनों हिस्सों को एक फिल्म के रूप में शूट किया गया था, जो कुल 319 मिनट की थी और इसे 2012 के कान्स फ़िल्म समारोह में प्रदर्शित किया गया था, लेकिन चूंकि कोई भी भारतीय सिनेमाघर पांच घंटे की फिल्म को नहीं दिखाना चाहते थे, इसिलिये इसे भारतीय बाजार के लिए दो भागों (160 मिनट और 159 मिनट क्रमशः) में विभाजित किया गया था। पहले भाग को 22 जून 2012 को भारत भर के 1000 से अधिक थिएटर स्क्रीनों में प्रदर्शित किया गया था। इसे फ्रांस में 25 जुलाई और मध्य पूर्व में 28 जून को प्रदर्शित किया गया था लेकिन कुवैत और कतर में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था। जनवरी 2013 में सनडांस फ़िल्म समारोह में गैंग्स ऑफ वासेपुर फ़िल्म दिखाई गई थी। गैंग्स ऑफ वासेपुर ने 55वें एशिया-प्रशांत फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक सहित चार नामांकन प्राप्त किये थे। .

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गूगल उत्पादों की सूची

RSA सम्मेलन 2008 में गूगल के उपकरण को प्रदर्शित करते हुए गूगल उत्पादों की सूची में गूगल इंक. द्वारा जारी अथवा अधिगृहित किये गए सभी प्रमुख डेस्कटॉप, मोबाइल और ऑनलाइन उत्पाद शामिल हैं। वे बीटा विकास में या तो स्वर्ण प्रकाशन हैं या गूगल लैब्स पहल का आंशिक आधिकारिक हिस्सा हैं। इस सूची में पूर्व के उत्पाद भी शामिल हैं, जिन्हें या तो विलय, या समाप्त कर दिया गया अथवा उनका पुनः नामकरण किया गया। इन उत्पादों में वेब खोज सुविधाओं को सूचीबद्ध नहीं किया गया है। .

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गॉथिक वास्तुकला

रीम्स कैथेड्रल (फ्रांस) गॉथिक वास्तुकला (Gothic architecture) वास्तुकला की एक शैली है जो यूरोप में उत्तर मध्यकाल में प्रचलित थी। गॉथिक शैली 'रोमनेस्क वास्तुकला' से जन्मी। यह शैली फ्रांस में १२वीं शती में जन्मी तथा १६वीं शती तक प्रचलित रही। उस काल में इसे 'फ्रांसीसी कर्म' (Opus Francigenum) कहा जाता था। 'गॉथिक' शब्द का प्रयोग पुनर्जागरण के बाद के काल में प्रचलित हुआ। गोथिक शैली के बाद पुनरुद्धार वास्तुकला (Renaissance architecture) का जन्म हुआ। इस शैली की मुख्य विशेषताएँ हैं- बिन्दुमय चाप (pointed arch), रिब किया हुआ गुम्बद, अर्धचाप वप्र (flying buttress)। यूरोप के अनेक महान गिरिजाघरों एवं अन्य ईसाई धार्मिक भवन इसी शैली में बने हैं। .

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गॉल

गॉल पश्चिमी यूरोप का एक ऐतिहासिक और भौगोलिक विशेषण है जो फ्रांस और उसके इर्द गिर्द के प्रदेशों को कहा जाता है। इस नाम का आज कोई देश नहीं है, लेकिन पहली सदी के आसपास इस प्रदेश को गॉल के नाम से ही जानते थे। प्रसिद्ध फ़्रांसीसी राष्ट्रपति चार्ल्स दि गॉल के उपनाम का भी यही मूल था। यहाँ रहने वाली पाँच जातियों का उल्लेख मिलता है जिनमें केल्ट सबसे प्रमुख थे। Category:रोमन प्रांत श्रेणी:प्राचीन केल्ट श्रेणी:प्राचीन फ़्रांस.

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गोथिक कला

ये वास्तुकलात्मक मूर्तियाँ गोथिक काल की आरन्हिक दिनों में बनीं (चार्ल्स कैथेड्रल, ११४५ ई) गोथिक कला (Gothic art) मध्ययुगीन यूरोपीय वास्तु की एक शैली जो १२वीं शती के मध्य में फ्रांस में जन्मी। यह रोमनेस्क वास्तुकला से उद्भूत हुई। यह सम्पूर्ण पश्चिमी यूरोप में फैली किन्तु ऐल्प्स के दक्षिण में इसका प्रभाव कम रहा। इसने इटली के क्लासिक शैली को अधिक प्रभावित न कर सकी। इस शैली की इमारतें क्लासिकल शैली के सौंदर्य से विरहित थीं। पतले, ऊँचे अनेक शिखरों से मंडित होती थीं। इस शैली का बोलबोला १२वीं से १५वीं तक प्राय: चार सदियों बना रहा और अंत में पुनर्जागरण कला ने इसका स्थान ले लिया। .

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गोल्ड कोस्ट, क्वींसलैंड

गोल्ड कोस्ट ऑस्ट्रेलियाई राज्य क्वींसलैंड में एक शहर है। यह राज्य का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है और देश का छठा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। यह देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला गैर-राजधानी शहर भी है। यह अपने उपोष्णकटिबंधीय मौसम, फेनिल समुद्र तट, नहर और जलमार्ग प्रणालियां, गगनचुंबी इमारतों को छूनेवाले क्षितिज, नाइटलाइफ और घने वर्षा-वनों के कारण गोल्ड कोस्ट एक प्रमुख पर्यटन स्थलकहलाया जाता है। गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एक उम्मीदवार शहर भी है। .

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गीज कुल

Map commune FR insee code 02361.png गीज़ का नक्शा ClaudeLorraine.jpg गीज़ का प्रथम ड्यूक गीज (Guise) फ्रांस के लोरेन राजवंश की अत्यधिक विख्यात शाखा थी जिसने १६वीं शताब्दी में पूर्ण वैभव प्राप्त किया था। लोरेन के ड्यूक रेने द्वितीय ने लोरेन वंश की दोनों शाखाओं को एक सूत्र में बाँधा। उसके ज्येष्ठ अनुजीवित पुत्र ऐंथोनी लोनेन ने ड्यूक की पदवी प्राप्त की जबकि द्वितीय पुत्र क्लाद क्रमश: काउंट और गीज़ के ड्यूक की पदवियों से सुशोभित हुआ। .

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ऑल इंडिया फार्वर्ड ब्लाक

आल इण्डिया फॉरवर्ड ब्लॉक का चुनाव चिह्न thumb ऑल इंडिया फार्वर्ड ब्लाक भारत का एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है। इस दल की स्थापना १९३९ में हुई थी। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस नें इस दल की स्थापना की। इस दल के महासचिव देवव्रत विश्वास हैं। इस दल का युवा संगठन अखिल भारतीय युवक लीग (All India Youth League) है। २००४ के संसदीय चुनाव में इस दल को १ ३६५ ०५५ मत (०.२%, ३ सीटें) मिलीं। .

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ऑस्ट्रिया का इतिहास

कोई विवरण नहीं।

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ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया, सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी, जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है। ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है। पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है। 18वी सदी के आदिकाल में जब यूरोपियन अवस्थापन प्रारंभ हुआ था उसके भी लगभग 40 हज़ार वर्ष पहले, ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप और तस्मानिया की खोज अलग-अलग देशो के करीब 250 स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाईयो ने की थी। तत्कालिक उत्तर से मछुआरो के छिटपुट भ्रमण और होलैंडवासियो (Dutch) द्वारा 1606, में यूरोप की खोज के बाद,1770 में ऑस्ट्रेलिया के अर्द्वपूर्वी भाग पर अंग्रेजों (British) का कब्ज़ा हो गया और 26 जनवरी 1788 में इसका निपटारा "देश निकला" दण्डस्वरुप बने न्यू साउथ वेल्स नगर के रूप में हुआ। इन वर्षों में जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हुई और महाद्वीप का पता चला,19वी सदी के दौरान दूसरे पांच बड़े स्वयं-शासित शीर्ष नगर की स्थापना की गई। 1 जनवरी 1901 को, छ: नगर महासंघ हो गए और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल का गठन हुआ। महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा। जनसंख्या 21.7मिलियन (दस लाख) से थोडा ही ऊपर है, साथ ही लगभग 60% जनसंख्या मुख्य राज्यों सिडनी,मेलबर्न,ब्रिस्बेन,पर्थ और एडिलेड में केन्द्रित है। राष्ट्र की राजधानी केनबर्रा है जो ऑस्ट्रेलियाई प्रधान प्रदेश (ACT) में अवस्थित है। प्रौद्योगिक रूप से उन्नत और औद्योगिक ऑस्ट्रेलिया एक समृद्ध बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है और इसका कई राष्ट्रों की तुलना में इन क्षत्रों में प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है जैसे स्वास्थ्य, आयु संभाव्यता, जीवन-स्तर, मानव विकास, जन शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और मूलभूत अधिकारों की रक्षा और राजनैतिक अधिकार.

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ऑस्ट्रेलिया का इतिहास

ऑस्ट्रेलिया का इतिहास कॉमनवेल्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया और इससे पूर्व के मूल-निवासी तथा औपनिवेशिक समाजों के क्षेत्र और लोगों के इतिहास को संदर्भित करता है। ऐसा माना जाता है कि ऑस्ट्रेलिया की मुख्य भूमि पर ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों का पहली बार आगमन लगभग 40,000 से 60,000 वर्षों पूर्व इंडोनेशियाई द्वीप-समूह से नाव द्वारा हुआ। उन्होंने पृथ्वी पर सबसे लंबे समय तक बची रहने वाली कलात्मक, संगीतमय और आध्यात्मिक परंपराओं में कुछ की स्थापना की। सन् 1606 में ऑस्ट्रेलिया पहुँचे डच नाविक विलेम जैन्सज़ून यहाँ निर्विरोध उतरने वाले पहले यूरोपीय व्यक्ति थे। इसके बाद यूरोपीय खोजकर्ता लगातार यहाँ आते रहे। सन् 1770 में जेम्स कुक ने ऑस्ट्रेलिया की पूर्वी तट को ब्रिटेन के लिए चित्रित कर दिया और वे बॉटनी बे (अब सिडनी में), न्यू साउथ वेल्स में उपनिवेश बनाने का समर्थन करने वाले विवरणों के साथ वापस लौटे। एक दंडात्मक उपनिवेश की स्थापना करने के लिए ब्रिटिश जहाजों का पहला बेड़ा जनवरी 1788 में सिडनी पहुँचा। ब्रिटेन ने पूरे महाद्वीप में अन्य उपनिवेश भी स्थापित किए। पूरी उन्नीसवीं सदी के दौरान आंतरिक भागों में यूरोपीय खोजकर्ताओं को भेजा गया। इस अवधि के दौरान नए रोगों के संपर्क में आने और ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के साथ हुए संघर्ष ने ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को बहुत अधिक कमज़ोर बना दिया। सोने की खानों और कृषि उद्योगों के कारण समृद्धि आई और उन्नीसवीं सदी के मध्य में सभी छः ब्रिटिश उपनिवेशों में स्वायत्त संसदीय लोकतंत्रों की स्थापना की शुरुआत हुई। सन् 1901 में इन उपनिवेशों ने एक जनमत-संग्रह के द्वारा एक संघ के रूप में एकजुट होने के लिए मतदान किया और आधुनिक ऑस्ट्रेलिया अस्तित्व में आया। विश्व-युद्धों में ऑस्ट्रेलिया ब्रिटेन की ओर से लड़ा और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान शाही जापान द्वारा संयुक्त राज्य अमरीका को धमकी मिलने पर ऑस्ट्रेलिया संयुक्त राज्य अमरीका का दीर्घकालिक मित्र साबित हुआ। एशिया के साथ व्यापार में वृद्धि हुई और युद्धोपरांत एक बहु-सांस्कृतिक आप्रवास कार्यक्रम के द्वारा 6.5 मिलियन से अधिक प्रवासी यहाँ आए, जिनमें प्रत्येक महाद्वीप के लोग शामिल थे। अगले छः दशकों में जनसंख्या तिगुनी होकर 2010 में लगभग 21 मिलियन तक पहुँच गई, जहाँ 200 देशों के मूल नागरिक मिलकर विश्व की चौदहवीं सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था का निर्माण करते हैं। .

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ओएलएक्स

ओएलएक्स (ऑन लाइन एक्सचेंज़) फ़्रांस मैं बनी कंपनी है जिसे नैस्पर्स जो दक्षिण अफ्रीका में स्थित एक विश्वव्यापी इंटरनेट मीडिया कंपनी है, ने सन् २०१० मैं खरीद लिया। ओएलएक्स का वेबसाइट प्रयोक्ताओं द्वारा निर्मित वर्गीकृत विज्ञापनों को विश्व भर के विभिन्न स्थलों में जमीन-जायदाद, नौकरियां, कारें, बिक्री के लिए, सेवाएं, समुदाय और निजी, जैसे विभिन्न वर्गों में प्रकाशित करता है। यह मुख्यत: इस्तेमाल किए जा चुके सामानों को दोबारा बेचने के लिये एक ऑनलाइन बाज़ार के रूप में प्रसिद्ध है। इस कंपनी को मार्च 2006 में इंटरनेट उद्ममी फैब्रीस ग्रिंडा और एलेक ओक्सेन्फोर्ड ने मिलकर स्थापित किया। फैब्रिस ने इससे पहले नामक मोबाइल रिंगटोन कंपनी बनाई थी जो मई 2004 में 8 करोड़ डालर में फॉर-साइड को बेची गई। एलेक ने इससे पहले नामक कंपनी बनाई, जो दक्षिण अमेरिका की अग्रणी ऑनलाइन नीलामी वेबसाइट है। डे रिमाटे को नवंबर 2005 में को बेच दिया गया, जो इबे की एक सहायक कंपनी है। .

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ओपेरा (गीतिनाटक)

मिलान (इटली) का '''टीएट्रो अल्ला स्काला''' (Teatro alla Scala) नामक ओपेरागृह; सन् १७७८ ई में स्थापित यह ओपेरा हाउस विश्व के सर्वाधिक प्रसिद्ध ओपेरागृहों में से एक है। गान नाट्य (गीतिनाटक) को ओपेरा (Opera) कहते हैं। ओपेरा का उद्भव 1594 ई. में इटली के फ़्लोरेंस नगर में "ला दाफ़्ने" नामक ओपेरा के प्रदर्शन से हुआ था, यद्यपि इस ओपेरा के प्रस्तुतकर्ता स्वयं यह नहीं जानते थे कि वे अनजाने किस महत्वपूर्ण कला की विधा को जन्म दे रहे हैं। गत चार शताब्दियों में ओपेरा की अनेक व्याख्याएँ प्रस्तुत की गई। लेकिन परंपरा और अनुभव के आधार पर यही माना जाता है कि ओपेरा गानबद्ध नाटक होता है, जिसमें वार्तालाप के स्थान पर गाया जाता है। इसका ऐतिहासिक कारण यह है कि 16वीं सदी तक यह माना जाता था कि नाटक पद्य में होना चाहिए। नाटक के लिए पद्य यदि अनिवार्य है तो संगीत के लिए भूमि स्वत: तैयार हो जाती है। क्योंकि काव्य और संगीत पूरक कलाएँ हैं, दोनों ही अमूर्त भावनाओं तथा कल्पनालोकों से अधिक संबंधित हैं। इसलिए जब तक नाटक काव्य में लिखे जाते रहे तब तक विशेष कठिनाई नहीं हुई, लेकिन कालांतर में नाटक की विधा ने गद्य का रूप लिया तथा यथार्थोन्मुख हुई। तभी से ओपेराकारों के लिए कठिनाइयाँ बढ़ती गई। चूँकि ओपेरा का जन्म इटली में हुआ था इसलिए उसके सारे अंगों पर इटली का प्रभुत्व स्वाभाविक था। लेकिन फ्रांस तथा जर्मनी की भी प्रतिभा ओपेरा को सुषमित तथा विकसित करने में लगी थी, इसलिए ओपेरा कालांतर में अनेक प्रशाखाओं में पल्लवित हुआ। .

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ओर्से संग्रहालय (पेरिस)

पेरिस का '''ओर्से म्यूजियम''' ओर्से संग्रहालय (फ्रेंच में: Musée d'Orsay) फ्रांस की राजधानी पेरिस का एक प्रसिद्ध संग्रहालय है। यह संग्रहालय सीन नदी के बायें किनारे पर स्थित है। जिस भवन के अन्दर यह संग्रहालय बना है वह पहले एक रेलवे स्टेशन हुआ करता था जिसका नाम था 'ओर्से स्टेशन'। इस संग्रहालय में सन् १८४८ से लेकर सन् १९१५ तक की मुख्यत: फ्रांसीसी कलाकृतियाँ संगृहित हैं। .

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ओशिआनिया

ओशिआनिया ओशिआनिया ओशिआनिया (जिसे कभी कभी ओशियानिका भी कहा जाता है), एक भौगोलिक क्षेत्र है जिसमे शामिल भूखण्ड जिनमें से अधिकतर द्वीप हैं जो, प्रशांत महासागर और इसके आस पास फैले हुये हैं। "ओशिआनिया" शब्द को 1831 में फ्रांसीसी अन्वेषक ड्यूमाँट द'उर्विल द्वारा गढ़ा गया था। आज यह शब्द कई भाषाओं में ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप और निकट के प्रशांत द्वीपों के लिए प्रयोग किया जाता है, यह क्षेत्र आठ स्थलीय पारिस्थितिक क्षेत्रों मे से भी एक है। ओशिआनिया की सीमाओं को कई तरीकों से परिभाषित किया जा सकता है। अधिकांश परिभाषाएँ ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और न्यू गिनी और मलय द्वीपसमूह के सभी भागों या कुछ भाग को ओशिआनिया बताती हैं।.

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ओजोन थेरेपी

एक चिकित्सकीय ओज़ोन जनरेटर।सौजन्य: http://www.medpolinar.com/eng_version/ozon.htm www.medpolinar.com ओजोन थेरेपी में ओजोन और ऑक्सीजन के मिश्रण को मनुष्य के शरीर के लाभ हेतु प्रयोग किया जाता है। ओजोन एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सक्षम है, इसलिए यह ऑक्सीडेटिव मानसिक तनाव को कम कर सकता है। ओजोन का यह एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरोधक तंत्र विकिरण और कीमोथेरेपी के दौरान पैदा होने वाले रेडिकल्स को संतुलित करता है।। हिन्दुस्तान लाइव। ९ मई २०१० चाहे शरीर में शीघ्र थकान होने की शिकायत हो, सुस्ती अनुभव होती हो, छाती में दर्द की समस्या हो या उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्राल वृद्धि, मधुमेह आदि की चिंता हो, या कैंसर से लेकर एचआईवी जैसे घातक रोगों में, ओजोन थेरेपी इन सभी में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में समान रूप से सहायक हो सकती है। यह अल्पजीवी गैस शरीर के अंदर जाकर ऑक्सीकरण प्रक्रिया को तेज करने के साथ-साथ ऑक्सीजन को फेफड़ों से लेकर शरीर की सभी कोशिकाओं तक ले जाने की क्षमता बढ़ा देती है। इससे शरीर द्वारा बनाये गए अफल विषैले तत्वों को बाहर निकालने एवं क्षय हो रही ऊर्जा के पुनर्संचय में मदद मिलती है। .

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ओग्युस्तें लुई कौशी

ओग्युस्तें लुई कोशी ओग्युस्तें लुई कोशी (Augustin Louis Cauchy / 21 अगस्त 1789 – 23 मई 1857 ई.) फ्रांस के गणितज्ञ थे। वे गणितीय विश्लेषण के अग्रदूत थे। इसके अलावा उन्होने अनन्त श्रेणियों के अभिसार/अपसार, अवकल समीकरण, सारणिक, प्रायिकता एवं गणितीय भौतिकी में भी उल्लेखनीय दोगदान दिया। वे फ्रांस की विज्ञान अकादमी के सदस्य तथा 'इकोल पॉलीटेक्निक' (इंजीनियरी महाविद्यलय) के प्रोफेसर भी थे। कौशी के नाम पर जितने प्रमेयों एवं संकल्पनाओं (concepts) का नामकरण हुआ है, उतना किसी और गणितज्ञ के नाम पर नहीं। उन्होने अपने जीवनकाल में ८०० शोधपत्र तथा पाँच पाठ्यपुस्तकें लिखी। .

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औद्योगिक क्रांति

'''वाष्प इंजन''' औद्योगिक क्रांति का प्रतीक था। अट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तथा उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में कुछ पश्चिमी देशों के तकनीकी, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक स्थिति में काफी बड़ा बदलाव आया। इसे ही औद्योगिक क्रान्ति (Industrial Revolution) के नाम से जाना जाता है। यह सिलसिला ब्रिटेन से आरम्भ होकर पूरे विश्व में फैल गया। "औद्योगिक क्रांति" शब्द का इस संदर्भ में उपयोग सबसे पहले आरनोल्ड टायनबी ने अपनी पुस्तक "लेक्चर्स ऑन दि इंड्स्ट्रियल रिवोल्यूशन इन इंग्लैंड" में सन् 1844 में किया। औद्योगिक क्रान्ति का सूत्रपात वस्त्र उद्योग के मशीनीकरण के साथ आरम्भ हुआ। इसके साथ ही लोहा बनाने की तकनीकें आयीं और शोधित कोयले का अधिकाधिक उपयोग होने लगा। कोयले को जलाकर बने वाष्प की शक्ति का उपयोग होने लगा। शक्ति-चालित मशीनों (विशेषकर वस्त्र उद्योग में) के आने से उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हुई। उन्नीसवी सदी के प्रथम् दो दशकों में पूरी तरह से धातु से बने औजारों का विकास हुआ। इसके परिणामस्वरूप दूसरे उद्योगों में काम आने वाली मशीनों के निर्माण को गति मिली। उन्नीसवी शताब्दी में यह पूरे पश्चिमी यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका में फैल गयी। अलग-अलग इतिहासकार औद्योगिक क्रान्ति की समयावधि अलग-अलग मानते नजर आते हैं जबकि कुछ इतिहासकार इसे क्रान्ति मानने को ही तैयार नहीं हैं। अनेक विचारकों का मत है कि गुलाम देशों के स्रोतों के शोषण और लूट के बिना औद्योगिक क्रान्ति सम्भव नही हुई होती, क्योंकि औद्योगिक विकास के लिये पूंजी अति आवश्यक चीज है और वह उस समय भारत आदि गुलाम देशों के संसाधनों के शोषण से प्राप्त की गयी थी। .

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औशकोश

औशकोश, संयुक्त राज्य अमरीका, के विसकॉन्सिन राज्य का एक नगर। यह नगर विन्नेवेगो झील के पश्चिमी तट पर स्थित है। इसी नगर के पास फ़ॉक्स नदी इस झील में मिलती है। यह विन्नेवेगो प्रदेश का केंद्र है। लकड़ी चीरने का काम यहाँ का मुख्य धंधा है। फ्रांस के राज्यकाल में फ़ॉक्स नदी तथा विन्नेबेगो झील शीघ्र ही मुख्य व्यापारिक मार्ग बन गई थीं। 1636 ई. के लगभग यह नगर बसना प्रारंभ हुआ था। नदी का उत्तरी भाग सौकीर तथा दक्षिणी भाग ऐलगोमा कहलाता था। 1840 ई. में इसका संयुक्त नाम औशकोश कर दिया गया। .

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औषध उद्योग

thumb औषध उद्योग (pharmaceutical industry) औषधि के रूप में उपयोग आने वाले रसायनों का विकास, उत्पादन और वितरण करने वाला उद्योग है। औषध कम्पनियाँ सामान्य दवा (जेनेरिक मेडिसिन) बनातीं हैं या ब्राण्ड वाली दवायें या चिकित्सा उपकरण बनातीं हैं। 600px .

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आँत्वाँ लाव्वाज़्ये

लेवेजियर आँत्वाँ लॉरेंत लाव्वाज़्ये (या आँत्वाँ लॉरेंत लावासिये, Antoine Laurent Lavoisier फ्रेंच उच्चारण: ​; सन् १७४३-१७९४), फ्रांस का सुप्रसिद्ध रसायनज्ञ था। अट्ठारहवीं शताब्दी के रसायन क्रान्ति का वह केन्द्र था। रसायन और जीवविज्ञान दोनों के इतिहास पर उसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ा। अधिकांश लोग उसे आधुनिक रसायन का जनक मानते हैं। उसने सर्वप्रथम सिद्ध किया कि वायु के मुख्य घटक नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन हैं। .

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आँवला

आँवला, एक स्वास्थ्यवर्धक फल। आंवले की एक डाली पर पत्ते एवं फल साम्राज्य - पादप विभाग - मैंगोलियोफाइटा वर्ग - मैंगोलियोफाइटा जाति - रिबीस प्रजाति - आर यूवा-क्रिस्पा वैज्ञानिक नाम - रिबीस यूवा-क्रिस्पा आँवला एक फल देने वाला वृक्ष है। यह करीब २० फीट से २५ फुट तक लंबा झारीय पौधा होता है। यह एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका में भी पाया जाता है। हिमालयी क्षेत्र और प्राद्वीपीय भारत में आंवला के पौधे बहुतायत मिलते हैं। इसके फूल घंटे की तरह होते हैं। इसके फल सामान्यरूप से छोटे होते हैं, लेकिन प्रसंस्कृत पौधे में थोड़े बड़े फल लगते हैं। इसके फल हरे, चिकने और गुदेदार होते हैं। स्वाद में इनके फल कसाय होते हैं। संस्कृत में इसे अमृता, अमृतफल, आमलकी, पंचरसा इत्यादि, अंग्रेजी में 'एँब्लिक माइरीबालन' या इण्डियन गूजबेरी (Indian gooseberry) तथा लैटिन में 'फ़िलैंथस एँबेलिका' (Phyllanthus emblica) कहते हैं। यह वृक्ष समस्त भारत में जंगलों तथा बाग-बगीचों में होता है। इसकी ऊँचाई 2000 से 25000 फुट तक, छाल राख के रंग की, पत्ते इमली के पत्तों जैसे, किंतु कुछ बड़े तथा फूल पीले रंग के छोटे-छोटे होते हैं। फूलों के स्थान पर गोल, चमकते हुए, पकने पर लाल रंग के, फल लगते हैं, जो आँवला नाम से ही जाने जाते हैं। वाराणसी का आँवला सब से अच्छा माना जाता है। यह वृक्ष कार्तिक में फलता है। आयुर्वेद के अनुसार हरीतकी (हड़) और आँवला दो सर्वोत्कृष्ट औषधियाँ हैं। इन दोनों में आँवले का महत्व अधिक है। चरक के मत से शारीरिक अवनति को रोकनेवाले अवस्थास्थापक द्रव्यों में आँवला सबसे प्रधान है। प्राचीन ग्रंथकारों ने इसको शिवा (कल्याणकारी), वयस्था (अवस्था को बनाए रखनेवाला) तथा धात्री (माता के समान रक्षा करनेवाला) कहा है। .

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आदित्य बिड़ला समूह

आदित्य बिड़ला समूह भारत के साथ थाईलैंड, दुबई, सिंगापुर,, म्यांमार, लाओस, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मिस्र, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, चीन, अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, हंगरी, ब्राजील, इटली, फ्रांस, लक्समबर्ग, स्विट्जरलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, वियतनाम और कोरिया समेत 25 देशों में कार्यरत मुंबई में स्‍थित मुख्‍यालय वाला एक बहुराष्ट्रीय सांगठनिक निगम है। आदित्य बिड़ला समूह यूएस 30 बिलियन यूएस$ का संगठन है जो अपने राजस्‍व का 60% भारत के बाहर से प्राप्त करता है। समूह स्‍वयं द्वारा संचालित सभी औधोगिक क्षेत्रों में प्रमुख खिलाड़ी है। बिरला समूह हेवेट-इकॉनामिक टाइम्‍स और वॉल स्‍ट्रीट जर्नल स्‍टडी 2007 के द्वारा एशिया में शीर्ष 20 के बीच भारत के श्रेष्ठ नियोक्‍ता के रूप में घोषित किया गया है। समूह की उत्पत्ति भारत के अग्रणी उद्योगपति घनश्‍याम दास बिरला के द्वारा पहली बार स्‍थापित संगठन में निहित है। .

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आद्रियें मारि लजान्द्र

आद्रियें मारि लजान्द्र आद्रियें मारि लजान्द्र (Adrien Marie Legendre, ध्वन्यात्मक लिपि में फ्रांसीसी उच्चरण: ​ / सन् १७५२ से १८३३) फ्रांसीसी गणितज्ञ थे। लजान्द्र बहुपद (Legendre polynomials) तथा लजान्द्र रूपान्तरण (Legendre transformation) उनके नाम पर आधारित हैं। लजान्द्र का जन्म १८ सितम्बर १७५२ ई. को पेरिस में हुआ था। इन्होंने शिक्षा पैरिस में प्राप्त की। गणित जगत् में इनकी ख्याति दीर्घवृत्तीय समाकलों (एलिपिटिकल इन्टिग्रल) एवं फलनों, संख्याओं के सिद्धांत, दीर्घवृत्तज एवं उपगोल के आकर्षण और लघुतम वर्ग संबंधित शोधों के कारण है। इनके अतिरिक्त इन्होंने भू-मापन विज्ञान के अनेक सूत्रों एवं प्रमेयों और 'लजाँद्र के फलन' का भी आविष्कार किया। इनकी प्रसिद्ध पुस्तकें 'फौक्स्येजेलिप्तिक' (Fonctions Elliptiques), भाग १ और २, (१८२५ ई., १८२६ ई.), 'काल्क्यलैतेग्राल' (Calcul Integral), भाग १, २ और ३ (१८११, १६, १७), 'थेओरि दे नौम्ब्रेस' (Theorie des Nombres, सन् १८३०) और 'एलेमां द जेओमेत्रि' (Elements de Geometrie, सन् १७९४) हैं। १० जनवरी १८३३ ई. को पैरिस में इनकी मृत्यु हो गई। .

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आदेली धरती

आदेली धरती (Adélie Land) अंटार्कटिका की मुख्यभूमि का एक हिस्सा है, जिसे फ़्रान्स अपना हिस्सा बताता है, लेकिन जिसे बाक़ी विश्व किसी भी देश का हिस्सा नहीं मानता। सन् १९५६ से यहाँ एक फ़्रान्सीसी अनुसंधान केन्द्र चला है जहाँ हमेशा लोग होते हैं। औसतन यहाँ गर्मियों में ३३ और सर्दियों में लगभग ६० लोग होते हैं। .

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आन्द्रे मैरी एम्पीयर

आन्द्रे मैरी एम्पीयर आन्द्रे मैरी एम्पीयर (२० जनवरी १७७५ - १० जून १८३६) फ्रांस के भौतिकशास्त्री थे। उन्होने विद्युतचुंबकत्व से संबंधित एक महत्वपूर्ण नियम का प्रतिपादन किया जिसे 'एम्पीयर का नियम' कहते हैं। विद्युत धारा की इकाई एम्पीयर उनके ही नाम पर है। श्रेणी:1775 में जन्मे लोग श्रेणी:भौतिक विज्ञानी श्रेणी:१८३६ में निधन.

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आन्द्रेइ तार्कोव्स्की

आन्द्रेइ आर्सेन्येविच तार्कोव्स्की (रूसी: Андре́й Арсе́ньевич Тарко́вский, अंग्रेज़ी: Andrei Arsenyevich Tarkovsky) २०वीं शताब्दी के एक सोवियत फ़िल्म निर्माता, लेखक व निर्देशक थे। इनकी फ़िल्म बनाने की शैली को बहुत प्रभावशाली माना जाता है। .

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आन्ध्र प्रदेश

आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .

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आन्रि बर्गसां

हेनरी बर्गसाँ (१९२७ में) हेनरी वर्गसाँ (१८५९ - १९४१) फ्रांस के प्रतिभावान् यहूदी दार्शनिक, अध्यापक, लेखक तथा वक्ता थे। उन्हें १९२७ का साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। १९३० में फ्रांस ने उन्हें अपना सर्वोच्च पुरस्कार (Grand-Croix de la Legion d'honneur) प्रदान किया। .

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आरएलवी टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेशन प्रोग्राम

पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान-प्रौद्योगिकी प्रदर्शन कार्यक्रम, रीयूज़ेबल लांच व्हीकल टेक्नोलॉजी डेमोंसट्रेटर प्रोग्राम, या RLV-TD, भारत का प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है जो टू स्टेज टू ऑर्बिट (TSTO) को समझने व पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण वाहन की दिशा में पहले कदम के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा नियोजित प्रौद्योगिकी प्रदर्शन (टेक्नोलॉजी डीमॉन्सट्रेशन) की एक श्रृंखला है। इस प्रयोजन के लिए, एक पंख युक्त पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी प्रदर्शक (RLV-TD) बनाया गया। RLV-TD संचालित क्रूज उड़ान, हाइपरसॉनिक उड़ान, और स्वायत्त (ऑटोनॉमस) लैंडिंग, वायु श्वसन प्रणोदन (एयर ब्रीदिंग प्रपलशन) जैसे विभिन्न प्रौद्योगिकियों का मूल्यांकन करने के रूप में कार्य करेगा। इन प्रौद्योगिकियों के प्रयोग से लांच लागत में काफी कमी आएगी। वर्तमान में ऐसे स्पेस शटल बनाने वाले देशों में सिर्फ़ अमेरिका, रूस, फ्रांस और जापान हैं। चीन ने इस प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया है। .

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आरागोन

आरागोन (स्पेनी व आरागोनी: Aragón) स्पेन के पूर्वोत्तरी भाग में स्थित एक स्वायत्त समुदाय है। स्वायत्त समुदाय स्पेन का सबसे उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग होता है और लगभग भारत के राज्यों के बराबर होता है। इसमें तीन प्रान्त सम्मिलित हैं: (उत्तर से दक्षिण) उएस्का, सारागोसा और तेरुएल। इसकी राजधानी सारागोसा (Zaragoza) है।, Giancarlo Colombo, Sutter's international red series, 2007,...

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आर्टेसियन कुएं

मेसल पिट पर आर्टेसियन कुआँ. भूवैज्ञानिक स्तर आर्टेसियन कुएं को ऊपर की तरफ उठाता है। एक आर्टेसियन कुएं की स्किमैटिक ड्रम भरने के लिए सड़क किनारे पाइप सहित आर्टेसियन कुआँ. आर्टेसियन जलभृत (एक्विफर), भूमिगत पानी वाला एक सीमित जलभृत होता है जिसका जल पंप किये बिना ही एक कुएं के माध्यम से ऊपर की तरफ प्रवाहित होता है; ऐसे कुओं को आर्टेसियन कुआं कहा जाता है। प्राकृतिक दबाव की मात्रा उचित होने पर पानी जमीन की सतह तक भी पहुंच सकता है, ऐसी स्थिति में इस कुएं को बहता हुआ आर्टेसियन कुआं कहा जाता है। जलभृत, चूना पत्थर या रेतीले पत्थर की तरह नरम चट्टान की एक परत होती है, जो अंतर्गमन मार्ग से पानी को अवशोषित करती है। छिद्रपूर्ण पत्थर अभेद्य चट्टान या मिट्टी के बीच ही सीमित होते हैं। यही दबाव को अधिक रखता है, इसलिए जब पानी को कोई रास्ता मिलता है तो यह गुरुत्वाकर्षण बल को काबू कर नीचे जाने की बजाए ऊपर चढ़ने लगता है। जलभृतों का रिचार्ज तब होता है जब उसके रिचार्ज जोन का जल स्तर कुएं के मुहाने से ज्यादा ऊंचाई पर होता है। अगर आसपास की चट्टानों का दबाव पर्याप्त है तो जीवाश्म जलभृत भी आर्टेसियन हो सकते हैं। कई नए तेल के कुओं को दबावक्रित करने की प्रक्रिया भी इसी प्रकार की होती है। .

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आर्थिक सहयोग और विकास संगठन

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी; अंग्रेजी: Organisation for Economic Co-operation and Development, OECD), 35 सदस्य देशों की एक अंतरसरकारी आर्थिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1960 में आर्थिक प्रगति और विश्व व्यापार को प्रोत्साहित करने हेतु की गई थी। अधिकांश ओईसीडी सदस्य उच्च आय वर्ग अर्थव्यवस्थाएं हैं, जिनकी मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) बहुत उच्च हैं, और विकसित देशों के रूप में माना जाता है। ओईसीडी एक आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र प्रेक्षक है। ओईसीडी के मुख्यालय फ्रांस के पेरिस शहर में हैं। ओईसीडी को सदस्य देशों से प्राप्त योगदान द्वारा वित्त पोषित किया जाता है, और 2015 में इसका कुल बजट 363 लाख यूरो का था। .

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आर्सेन वेंजर

आर्सेन वेंजर, OBE (जन्म 22 अक्टूबर 1949 स्ट्रासबर्ग) एक फ्रांसीसी फुटबॉल प्रबंधक हैं, जो (1996-2018) के बाद से इंग्लिश प्रीमियर लीग खेलने वाली टीम आर्सेनल का प्रबंधन कर रहे हैं। वे ट्रॉफीयों के सन्दर्भ में आर्सेनल के इतिहास में सबसे सफल प्रबंधक हैं और साथ ही क्लब में सबसे लम्बे समय तक रहने वाले प्रबंधक भी हैं। वेंजर इंग्लैण्ड में दोहरी जीत प्राप्त करने वाले पहले गैर-ब्रिटिश प्रबंधक थे, उन्होंने ऐसा 1998 और 2002 में किया। 2004 में, वे एफ ए प्रीमियर लीग के इतिहास में एकमात्र प्रबंधक बन गए जिन्होंने पूरे दौरे के दौरान बिना किसी हार के सिर्फ जीत हासिल की.

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आहारीय मैग्नेशियम

मैग्नेशियम के कुछ अच्छे स्रोत मैग्नेशियम का एक भाग मानव-शरीर की प्रत्येक कोशिका में होता है। यह भाग अतिसूक्ष्म हो सकता है, किंतु महत्त्वपूर्ण अवश्य होता है। सम्पूर्ण शरीर में मैग्नेशियम की मात्रा ५० ग्राम से कम होती है। शरीर में कैल्शियम और विटामिन सी का संचालन, स्नायुओं और मांसपेशियों की उपयुक्त कार्यशीलता और एन्जाइमों, को सर्किय बनाने के लिये मैग्नेशियम आवश्यक है। कैल्शियम-मैग्नेशियम सन्तुलन में गड़बड़ी आने से स्नायु-तंत्र दुर्बल हो सकता है।|हिन्दुस्तान लाइव। १४ अप्रैल २०१० इसीलिये फ़्रांस में कैंसर की अधिकता का मुख्य कारण स्थानीय मिट्टी में मैग्नेशियम का कम अंश पाया गया है। मैग्नेशियम के निम्न स्तरों और उच्च रक्तचाप में स्पष्ट अंतर्संबंध स्थापित हो चुका है। निम्न मैग्नेशियम स्तर से मधुमेह भी हो सकता है। यूरोलोजी जर्नल की एक रिर्पोट के अनुसार मैग्नेशियम और विटामिन बी६ गुर्दे और पित्ताशय की पथरी के खतरे को कम करने में प्रभावी थे। कठोर दैहिक व्यायाम शरीर के मैग्नेशियम की सुरक्षित निधि को क्षय कर देते है और संकुचन को कमजोर कर देते है। व्यायाम एवं शारीरिक मेहनत करने वाले लोगों को मैग्नेशियम सम्पूरकों की आवश्यकता है। एक गिलास भारी जल मैग्नेशियम के लियें खाघ-संपूरक है। भारी जल में निरपवाद रूप से उच्च मैग्नेशियम का अंश होता है। भारी जल का प्रयोग करने वाले क्षेत्रों में हृदयाघात न्य़ूनतम होते हैं। इसके अन्य महत्वपूर्ण स्रोत है सम्पूर्ण अनाज, दाल, गिरीदार फ़ल, हरी पत्तीदार सब्जियां, डेरी उत्पाद और समुद्र से प्राप्त होने वाले आहार। .

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आईगेट (IGATE)

आईगेट कॉर्पोरेशन (iGATE Corporation) कैलिफोर्निया के फ्रेमोंट में स्थापित और आधारित एक अमेरिकी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी है जिसका संचालन मुख्यालय पेनसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में है। यह कंपनी व्यावसायिक डेटा प्रोसेसिंग में माहिर है और ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए यह आईटॉप्स (इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजी एण्ड ऑपरेशंस सिस्टम्स) नामक एक संरचना का इस्तेमाल करती है। इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में शामिल हैं: आईटी परामर्श; अनुप्रयोग विकास, डेटा भण्डारण, व्यावसायिक ख़ुफ़िया समाधान, ईआरपी/उद्यम समाधान, बीपीओ/व्यावसायिक सेवा प्रावधानीकरण, बुनियादी ढांचे का प्रबंधन, परीक्षण/स्वतंत्र सत्यापन और मान्यकरण एवं संपर्क केन्द्र सेवाएं.

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आवर्न

फ्रांस का आर्वन प्रशासनिक क्षेत्र आवर्न (Auvergne) (फ्रांसीसी उच्चारण) फ्रांस से 27 प्रशानिक क्षेत्रों में से एक क्षेत्र है। इसमें चार डिपार्टमेन्त आते हैं - अलिर (Allier), पुई-डी-डोम (Puy de Dome), कैंटल (Cantal) और हौट ल्वायर (Haute Loire)। आवर्न पूर्वकाल में फ्रांस का एक प्रांत था। वर्तमान आवर्न क्षेत्र, ऐतिहासिक आवर्न प्रान्त से बड़ा है जिसमें अब वे भी क्षेत्र मिला लिये गये हैं जो पूर्व मे इससे अलग थे। इसकी प्राचीन और वर्तमान राजधनियां क्रमश: क्लेरमांट और क्लेरमांट-फेरंड हैं। 'आवर्न' शब्द की उत्पत्ति आवर्नी से हुई है। आवर्नी रोमन काल में एक जातिसमुदाय था, जिसकी प्रभुता अक्वीटानिया के अधिकांश पर फैली हुई थी। इस समुदाय ने जूलिएस सीज़र के विरुद्ध युद्ध में भाग लिया था। आवर्न 1532 ई. में स्थायी रूप से फ्रांसीसी राजसत्ता के अधीन आ गया। यहाँ स्थित पर्वत अधिकतर ज्वालामुखी हैं। महत्वपूर्ण पर्वतशिखर मांट डोर (ऊँचाई 6,188 फुट), प्लंब डी कैंटल (ऊँचाई 6,096) फुट और पुई-डी-डोम (ऊँचाई 4,806 फुट) हैं। यहां के सुप्त ज्वालामुखियों की संख्या लगभग 300 हैं। यहाँ विस्तृत चरागाह और औषधीय सोते (धाराएँ) भी हैं। .

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आविष्कार और आविष्कारक

आविष्कार और आविष्कारक नामक इस सूची में आविष्कार, आविष्कारक, वर्ष और देश का नाम दिए गए हैं। .

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आंद्रे ब्लॉक

आंद्रे ब्लॉक (André Bloc) (जन्म: 23 मई 1896 – 8 नवम्बर 1966) फ्रांस का वास्तुविद, मूर्तिकार, सम्पादक तथा अनेकों विशिष्त पत्रिकाओं का संस्थापक था। उसने सन् १९४९ में ग्रुप इस्पेस (Groupe Espace) की स्थापना की। उसका जन्म अल्जियर्स में हुआ था और मृत्यु भारत में हुई। .

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आंद्रे मेलरॉक्स

आंद्रे मेलरॉक्स (3 नवम्बर 1901-23 नवम्बर 1979) एक फ्रांसीसी लेखक, अन्वेशी, प्रवक्ता और फ़्रांस की राजनीति और संस्कृति में दबंग व्यक्तित्व थे।.

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आंबेडकर जयंती

आंबेडकर जयंती या भीम जयंती डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जिन्हें बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है, के जन्म दिन १४ अप्रैल को तौहार के रूप में भारत समेत पुरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन को 'समानता दिवस' और 'ज्ञान दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकी जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले प्रतिभाशाली डॉ॰ भीमराव आंबेडकर को समानता के प्रतिक और ज्ञान के प्रतिक भी कहां जाता है। भीमराव विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन, संविधान निर्माण और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर की पहली जयंती सदाशिव रणपिसे इन्होंने १४ अप्रेल १९२८ में पुणे शहर में मनाई थी। रणपिसे आंबेडकर के अनुयायी थे। उन्होंने आंबेडकर जयंती की प्रथा शुरू की और भीम जयंतीचे अवसरों पर बाबासाहेब की प्रतिमा हाथी के अंबारी में रखकर रथसे, उंट के उपर कई मिरवणुक निकाली थी। उनके जन्मदिन पर हर साल उनके लाखों अनुयायी उनके जन्मस्थल भीम जन्मभूमि महू (मध्य प्रदेश), बौद्ध धम्म दीक्षास्थल दीक्षाभूमि, नागपुर और उनका समाधी स्थल चैत्य भूमि, मुंबई में उन्हें अभिवादन करने लिए इकट्टा होते है। सरकारी दफ्तरों और भारत के हर बौद्ध विहार में भी आंबेडकर की जयंती मनाकर उन्हें नमन किया जाता है। विश्व के 55 से अधिक देशों में डॉ॰ भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाई जाती है। गुगल ने डॉ॰ आंबेडकर की 124 वी जयंती 2015 पर अपने 'गुगल डुडल' पर उनकी तस्वीर लगाकर उन्हें अभिवादन किया। तीन महाद्विपों के देशों में यह डुडल था। .

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आओस्ता घाटी

आओस्ता घाटी (Valle d'Aosta (अधिकारिक) या Val d'Aosta (प्रचलित), Vallée d'Aoste (अधिकारिक) या Val d'Aoste (प्रचलित), Val d'Outa) उत्तर-पश्चिमी इटली में एक अर्ध-ख़ुदमुख़्तार पहाड़ी क्षेत्र है। इसकी हदों पश्चिम में रोन-आलप, फ़्रांस, उत्तर में, स्विट्ज़रलैंड और दक्षिण और पूर्व में पीडमोंट से लगतीं हैं। .

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आइएसडीएन (ISDN)

आइएसडीएन (ISDN) टेलीफोन एकीकृत सेवा डिजिटल नेटवर्क (आइएसडीएन (ISDN)), पब्लिक स्विच्ड टेलीफोन नेटवर्क के परंपरागत परिपथों पर आवाज़, वीडियो, डाटा और अन्य नेटवर्क सेवाओं के समकालीन डिजिटल संचरण के संचार के मानकों का एक सेट है। आइएसडीएन (ISDN) से पहले, फोन सिस्टम को डाटा के लिए उपलब्ध कुछ विशेष सेवाओं के साथ आवाज़ के परिवहन के एक तरीके के रूप में देखा जाता था। आइएसडीएन (ISDN) की प्रमुख विशेषता यह है कि यह बातचीत और डाटा को उसी तर्ज पर एकीकृत करता है लेकिन इसके साथ कुछ ऐसी सुविधाओं को भी शामिल करता है जो पारंपरिक टेलीफोन सिस्टम में उपलब्ध नहीं थे। आइएसडीएन (ISDN) के एक्सेस अंतराफलक के कई प्रकार हैं जिन्हें मूल दर अंतराफलक (बीआरआई (BRI)), प्राथमिक दर अंतराफलक (पीआरआई (PRI)) और ब्रॉडबैंड आइएसडीएन (ISDN) (बी-आईएसडीएन (B-ISDN)) के रूप में परिभाषित किया जाता है। आइएसडीएन (ISDN) एक परिपथ-स्विच्ड टेलीफोन नेटवर्क सिस्टम है, जो पैकेट स्विच्ड नेटवर्कों में भी एक्सेस प्रदान करता है, जिसे साधारण टेलीफोन के तांबे के तारों पर आवाज़ और डाटा के डिजिटल संचरण की अनुमति प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप यह एक एनालॉग फोन की अपेक्षा संभावित रूप से बेहतर आवाज़ गुणवत्ता प्रदान करता है। यह 64 kilobit/s (किलोबिट/से) की वृद्धि में परिपथ-स्विच्ड कनेक्शन (या तो आवाज़ के लिए या डाटा के लिए) और पैकेट-स्विच्ड कनेक्शन (डाटा के लिए) प्रदान करता है। कुछ देशों में आइएसडीएन (ISDN) का एक प्रमुख बाज़ार अनुप्रयोग इंटरनेट एक्सेस है, जहां आइएसडीएन (ISDN) मिसाल के तौर पर अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम दोनों दिशाओं में अधिक से अधिक 128 kbit/s (किलोबिट/से) प्रदान करता है। बृहत्तर डाटा दर को प्राप्त करने के लिए आइएसडीएन (ISDN) के B-चैनलों को जोड़ा जा सकता है, मिसाल के तौर पर 3 या 4 बीआरआई (BRI) (6 से 8 64 kbit/s चैनल) को जोड़ा जाता है। आइएसडीएन (ISDN) को विशेष प्रोटोकॉल, जैसे Q.931 जिससे आइएसडीएन (ISDN) ओएसआई (OSI) मॉडल के सन्दर्भ में नेटवर्क, डाटा-लिंक और भौतिक परतों के रूप में कार्यरत है, के साथ इसके प्रयोग के लिए गलत नहीं समझना चाहिए। एक व्यापक अर्थ में आइएसडीएन (ISDN) को ओएसआई (OSI) मॉडल के परत 1, 2 और 3 पर मौजूद डिजिटल सेवाओं का एक समूह माना जा सकता है। आइएसडीएन (ISDN) को आवाज़ और डाटा सेवाओं में एक साथ एक्सेस प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बहरहाल, सामान्य प्रयोग ने आइएसडीएन (ISDN) को Q.931 और संबंधित प्रोटोकॉलों में सीमाबद्ध किये जाने के लिए इसमें कमी की गई है, जो परिपथ स्विच्ड कनेक्शनों की स्थापना करने और तोड़ने के लिए और उपयोगकर्ता के लिए उन्नत कॉल सुविधाओं के लिए प्रोटोकॉलों का एक सेट है। उनकी शुरुआत 1986 में की गई। एक वीडियोकॉन्फ्रेंस में आइएसडीएन (ISDN) व्यक्तिगत डेस्कटॉप वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग सिस्टमों और समूह (कक्ष) वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग सिस्टमों के बीच एकसाथ आवाज़, वीडियो और पाठ संचरण प्रदान करता है। .

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आइएसओ ३१६६ - १

देशों की सूची - ISO 3166-1.

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आइस रेसिंग (बर्फ दौड़)

बर्फ पर एक वोक्सवैगन बीटल रेसिंग आइस रेसिंग (बर्फ दौड़) एक प्रकार की रेसिंग है जिसमें कारों, मोटरसाइकिलों, स्नोमोबाइलों और अन्य मोटर चालित वाहनों को उपयोग में लाया जाता है। बर्फ रेसिंग पूरी तरह से जमी हुई झील या नदियों पर अथवा सावधानी पूर्वक तैयार की गई जमी हुई भूखंड पर होती हैं। प्राकृतिक बर्फ के लिए ठंड के मौसम की आवश्यकता होती है, जो आमतौर पर कनाडा, उत्तरी अमेरिका और उत्तरी यूरोप के उच्च अक्षांशों पर पाया जाता है, हालांकि कुछ सीमित इनडोर प्रतियोगिताएं गर्मियों में भी आयोजित की जाती हैं, विशेषकर बर्फ हॉकी रिंक (केवल मोटरसाइकिल और एटीवी)। उत्तरी अमेरिका में ट्रैक व्यापक रूप से 1/4 मील (~400 मी) अण्डाकार लंबी से लेकर कई मील लंबी सड़क दौड़ के लिए डिजाइन की हुई हैं। .

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आइस स्केटिंग

आस्ट्रिया में आउटडोर आइस स्केटिंग आइस स्केटिंग यानि बर्फ पर स्केटिंग का अर्थ है बर्फ पर आइस स्केट्स की मदद से चलना.

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आइजक डिज़रेली

आइजक डिज़रेली (Isaac D'Israeli; 11 मई 1766 – 19 जनवरी 1848) ब्रितानी लेखक तथा विद्वान थे। वे ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बेंजामिन डिसरायली के पिता थे। आइजक डिज़रेली एक स्पेनी यहूदी के पुत्र थे। उनका जन्म एनफील्ड में हुआ। उनके पिता सन् १७४८ में वेनिस से आकर इंग्लैंड में बस गये थे। पिता अपने लड़के को वाणिज्य व्यापार में लगाना चाहता था किंतु युवक डिजरेली इसके विरुद्ध था। उसने इस विषय पर एक लंबी कविता लिखी जिनमें व्यापार व्यवसाय के प्रति उसका विरोध स्पष्ट प्रकट होता था। फ्रांस की यात्रा के समय उसने कुछ समय पेरिस की साहित्यक मंडली में बिताया। १७८८ में लंदन लौटने के बाद उसने 'जेंटिलमैंस मैगजीन' में एक कविता लिखी जिससे प्रभावित होकर एच.

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इटली

इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .

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इटली का इतिहास

प्राचीन रोम की प्रतीक मादा भेड़िया इटली का इतिहास ईसा पूर्व ९वीं शताब्दी से आरम्भ होता है। इसी समय वर्तमान इटली के केन्द्रीय भाग में इतालवी जनजातियों के अस्तित्व के प्रमाण मिलते हैं। भाषाई रूप से वे मुख्यतः तीन भाषाएँ बोलते थे- ओस्कान (Oscan), अम्ब्रिआन (Umbrian) तथा लातिन (Latin)। कालान्तर में ३५० ईसापूर्व जब रोम शक्तिशाली नगर-राज्य के रूप में उभरा तो लातिन संस्कृति का वर्चस्व स्थापित होता गया। रोमन पूर्व काल में ८वीं शती ईसापूर्व वृहत यूनान (Magna Graecia) नामक सभ्यता भी थी जब यूनानी लोग इटली के दक्षिणी भागों में बसने लगे थे। बाद में रोमन साम्राज्य का पूरे पश्चिमी योरप तथा भूमध्य क्षेत्र पर कई शताब्दियों तक वर्चस्व रहा। ४७६ ई के आसपास जब रोमन साम्राज्य का पतन हुआ तो इटली लगभग एक हजार वर्षों तक छोटे-छोटे नगर-राज्याँ के रूप में बिखरा रहा और अन्ततः विभिन्न विदेशी शक्तियों के अधीन आ गया। इटली के कुछ भागों पर स्पेनियों का अधिकार हो गया, कुछ पर आस्ट्रियाई तथा दूसरे विश्वयुद्ध में इटली ने धुरीराष्ट्रों का साथ दिया। मित्रराष्ट्रों की विजय के पश्चात् इटली से फासिस्त सत्ता का अंत हुआ। .

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इडर के प्रताप सिंह

लेफ्टिनेंट जनरल प्रताप सिंह (22 अक्टूबर 1845 – 4 सितम्बर 1922) इडर राज्य (गुजरात) के महाराजा तथा ब्रितानी भारतीय सेना के अधिकारी थे। १९०२ से १९११ तक वे अहमदनगर (हिम्मतनगर) के महाराजा भी थे। प्रताप सिंह का जन्म 21 अक्टूबर 1845 को हुआ था। वह जोधपुर के तख्त सिंह (1819 -13 फरवरी 1873) जोधपुर के महाराजा के तीसरे बेटे थे और उनकी पहली पत्नी, गुलाब कुंवरजी माजी थीं, और उनके शुरुआती जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी है। उन्होंने जयपुर के महाराजा राम सिंह के अधीन प्रशासनिक प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसके भाई महाराजा जसवंत सिंह जोधपुर ने उन्हें अपने राज्य में आमंत्रित किया। .

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इण्डिया गेट

भारत की राजधानी नई दिल्ली का इण्डिया गेट इण्डिया गेट, (मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता है), नई दिल्ली के राजपथ पर स्थित ४३ मीटर ऊँचा विशाल द्वार है। यह स्वतन्त्र भारत का राष्ट्रीय स्मारक है, जिसे पूर्व में किंग्सवे कहा जाता था। इसका डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन्स ने तैयार किया था। यह स्मारक पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ़ से प्रेरित है। इसे सन् १९३१ में बनाया गया था। मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में जाने वाले इस स्मारक का निर्माण अंग्रेज शासकों द्वारा उन ९०००० भारतीय सैनिकों की स्मृति में किया गया था जो ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्वयुद्ध और अफ़ग़ान युद्धों में शहीद हुए थे। यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13,300 सैनिकों के नाम, गेट पर उत्कीर्ण हैं। लाल और पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ यह स्मारक दर्शनीय है। जब इण्डिया गेट बनकर तैयार हुआ था तब इसके सामने जार्ज पंचम की एक मूर्ति लगी हुई थी। जिसे बाद में ब्रिटिश राज के समय की अन्य मूर्तियों के साथ कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया गया। अब जार्ज पंचम की मूर्ति की जगह प्रतीक के रूप में केवल एक छतरी भर रह गयी है। इण्डिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् इण्डिया गेट भारतीय सेना के अज्ञात सैनिकों के मकबरे की साइट मात्र बनकर रह गया है। इसकी मेहराब के नीचे अमर जवान ज्योति स्थापित कर दी गयी है। अनाम सैनिकों की स्मृति में यहाँ एक राइफ़ल के ऊपर सैनिक की टोपी सजा दी गयी है जिसके चारो कोनों पर सदैव एक ज्योति जलती रहती है। इस अमर जवान ज्योति पर प्रति वर्ष प्रधान मन्त्री व तीनों सेनाध्यक्ष पुष्प चक्र चढ़ाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इण्डिया गेट की दीवारों पर हजारों शहीद सैनिकों के नाम खुदे हैं और सबसे ऊपर अंग्रेजी में लिखा हैः दिल्ली की कई महत्वपूर्ण सड़कें इण्डिया गेट के कोनों से निकलती हैं। रात के समय यहाँ मेले जैसा माहौल होता है। .

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इतालवी साहित्य

इटली में मध्ययुग में जिस सयम मोंतेकास्सीनो जैसे केंद्रों में लातीनी में अलंकृत शैली में पत्र लिखने, अलंकृत गद्य लिखने (आर्तेस दिक्तांदी, अर्थात् रचनाकला) की शिक्षा दी जा रही थी उस समय विशेष रूप से फ्रांस में तथा इटली में भी नवीन भाषा में कविता की रचना होने लगी थी। अलंकृत लययुक्त मध्ययुगीन लातीनी का प्रयोग धार्मिक क्षेत्र तथा राजदरबारों तक ही सीमित था, किंतु रोमांस बोलियों में रचित कविता लोक में प्रचलित थी। चार्ल्स मान्य तथा आर्थर की वीरगाथाओं को लेकर फ्रांस के दक्षिणी भाग (प्रोवेंसाल) में 12वीं सदी में प्रोवेंसाल बोली में पर्याप्त काव्यरचना हो चुकी थी। प्रोवेंसाल बोली में रचना करनेवाले दरबारी कवि (त्रोवातोरी) एक स्थान से दूसरे स्थान पर आश्रयदाताओं की खोज में घूमा करते थे और दरबारों में अन्य राजाओं का यश, यात्रा के अनुभव, युद्धों के वर्णन, प्रेम की कथाएँ आदि नाना विषयों पर कविताएँ रचकर यश, धन एवं सम्मान की आशा में राजा रईसों के यहाँ उन्हें सुनाया करते थे। इतालवी राजदरबार से संबंध रखनेवाला पहला दरबारी कवि (त्रोवातोरे) रामवाल्दो दे वाकेइरास कहा जा सकता है जो प्रावेंसा (फ्रांस) से आया था। इस प्रकार के कवियों के समान उसकी कविता में भी प्रेम, हर्ष, वसंत तथा हरे भरे खेतों और मैदानों का चित्रण है तथा भाषा मिश्रित है। सावोइया, मोंफेर्रातो, मालास्पीना, एस्ते और रावेन्ना के रईसों के दरबारों में ऐसे कवियों ने आकर आश्रय ग्रहण किया था। इटली के कवियों ने भी प्रावेंसाल शैली में इस प्रकार की काव्यरचना की। सोरदेल्लो दी गोइतो (मूत्यु 1270 ई.), लांफ्रोको क्वीगाला, पेरचेवाल दोरिया जैसे अनेक इतालवी त्रोवातोरी कवि हुए। दी गोइतो का तो दांते ने भी स्मरण किया है। इतालवी काव्य का आरंभिक रूप त्रोवातोरी कवियों की रचनाओं में मिलता है। .

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इनसाइक्लोपीदी

इनसाइक्लोपीदी का शीर्षक पृष्ट इनसाइक्लोपीदी (Encyclopédie) फ्रांस में 1751 एवं 1772 के बीच प्रकाशित एक सामान्य विश्वकोश था। इसका पूरा नाम Encyclopédie, ou dictionnaire raisonné des sciences, des arts et des métiers (हिन्दी: विश्वकोश, या विज्ञान, कला और शिल्प का सुनियोजित कोश) था। इनसाइक्लोपीदी कई दृष्टियों से नयापन लिए हुए थी। यह पहला विश्वकोश था जिसमें बहुत से नामित योगकर्ताओं के लेख सम्मिलित किए गये थे। यह पहला सामान्य विश्वकोश था जिसने 'यांत्रिक कलाओं' पर ध्यान दिया था। किन्तु इन सब बातों से परे इनसाइक्लोपीदी इसलिए भी प्रसिद्ध है कि इसने की ज्ञानोदय (इनलाइटमेन्ट) का विचार प्रस्तुत किया। देनिश दिदेरो ने 'इन्साक्लोपीदी' नामक लेख में लिखा था कि इसका उद्देश्य लोगों के सोचने के तरीके में ही परिवर्तन ला देना है। उसकी इच्छा थी कि विश्व के सारे ज्ञान को इनसाइक्लोपीदी में समेट दिया जाय और वर्तमान तथा भावी पीढ़ियों में यह ज्ञान फैल जाय। इसकी रचना "चैंबर्स साइक्लोपीडिया" के फ्रेंच अनुवाद के रूप में अंग्रेज विद्वान् जॉन मिल्स द्वारा उसके फ्रांस आवासकाल में प्रारंभ हुई, जिसे उसने मॉटफ़ी सेल्स की सहायता से सन् 1745 में समाप्त किया। पर वह इसे प्रकाशित न कर सका और इंग्लैंड वापस चला गया। इसके संपादन हेतु एक-एक कर कई विद्वानों की सेवाएँ प्राप्त की गईं और अनेक संघर्षों के पश्चात् यह विश्वकोश प्रकाशित हो सका। इनसाइक्लोपीदी अठारहवीं शती की महत्तम साहित्यिक उपलब्धि है। यह मात्र संदर्भ ग्रंथ नहीं था; यह निर्देश भी प्रदान करता था। यह आस्था और अनास्था का विचित्र संगम था। इसने उस युग के सर्वाधिक शक्तिसंपन्न चर्च और शासन पर प्रहार किया। संभवत: अन्य कोई ऐसा विश्वकोश नहीं है, जिसे इतना राजनीतिक महत्व प्राप्त हो और जिसने किसी देश के इतिहास और साहित्य पर क्रांतिकारी प्रभाव डाला हो। पर इन विशिष्टताओं के होते हुए भी यह विश्वकोश उच्च कोटि की कृति नहीं है। इसमें स्थल-स्थल पर त्रुटियाँ एवं विसंगतियाँ थीं। यह लगभग समान अनुपात में उच्च और निम्न कोटि के निबंधों का मिश्रण था। इस विश्वकोश की कटु आलोचनाएँ भी हुईं। दिदेरो और अ’लम्बर्त ने तय किया कि उनका इनसाइक्लोपीदी समस्त ज्ञान का दस्तावेज़ीकरण करेगा, सभी तरह की कलाओं और हस्तकौशल को गम्भीर अध्ययन का विषय मानते हुए उनके बारे में जानकारियाँ देगा, ज्ञान की विभिन्न शाखाओं के वर्गीकरण और उनके अंतर-संबंधों पर विशेष ध्यान देगा और ज्ञानोदय से उद्भूत विचारों की रोशनी में चिंतन-मनन की सामान्य विधियों को स्थायी रूप से बदलने का प्रयास करेगा। पहले तीनों लक्ष्य तो हैरिस और चेम्बर्स ने भी वेधने की कोशिश की थी लेकिन यह चौथा मकसद कुछ ख़ास तरह का था। सम्पादक-द्वय चाहते थे कि मध्ययुगीन तत्त्वमीमांसा ख़ारिज करके इंद्रियानुभववाद की रोशनी में वैज्ञानिक चिंतन की अनिवार्यता स्थापित की जाए, ताकि भविष्य की पीढ़ियाँ नये तरह से सोचने के लिए मजबूर हो जाएँ। उनके लिए इंद्रियानुभववाद का सीधा मतलब था इंद्रियों को सभी तरह के ज्ञान का एकमात्र प्रामाणिक स्रोत मानना और तब तक किसी भी दावे को ज्ञान की संज्ञा न देना जब तक वह अनुभव और प्रयोग की कसौटी पर खरा न साबित हो जाए। पाँच इंद्रियों के माध्यम से प्राप्त अनुभव पर ज़ोर देने वाले इस सिद्धांत के मुताबिक ज्ञान की प्रमाण- पुष्टि भी इंद्रियजनित प्रेक्षणीय अनुभव से ही होनी चाहिए थी। इंद्रियानुभववाद की जड़ें इस विचार में निहित थीं कि यह जगत केवल उतना ही है जितना वह हमें अपने बारे में बताने के लिए तैयार है। इसलिए इस जगत का हमें तटस्थ रूप से बिना किसी राग-द्वेष के प्रेक्षण करना चाहिए। प्रेक्षणीय सूचना प्राप्त करने के रास्ते में डाली गयी कोई भी बाधा ज्ञान को विकृत करके उसे मनमानी कल्पना का शिकार बना देगी। इंद्रियानुभववाद के गर्भ से ही प्रेक्षण, अनुभव और प्रयोग के वे आग्रह निकले जिन्होंने आगे चल कर आगमनात्मक तर्कपद्धति को प्रमुखता देते हुए विज्ञान के दर्शन पर अमिट छाप छोड़ी। मानवीय इंद्रियजनित अनुभव को ज्ञानमीमांसक प्राथमिकता मिलने के सामाजिक, राजनीतिक और नैतिक फलितार्थ होने लाज़मी थे। मनुष्य और उसके इहलौकिक संसार को सभी तरह के चिंतन और समझ के केंद्र में आ जाना था। इनसाइक्लोपीदी का पाठक उस जिज्ञासु के रूप में सामने आया जो दावा कर सकता था कि उसमें तथ्य को मिथ्या से अलग करके जाँचने-परखने की क्षमता है। यह पाठक अपने इस मूल्य-निर्णय के लिए किसी उच्चतर प्राधिकार द्वारा थमाये गये प्रमाण की आवश्यकता से इनकार करने वाला था। स्वाभाविक तौर पर आँसिएँ रेज़ीम की नुमाइंदगी करने वाली तत्कालीन सामाजिक और राजकीय व्यवस्था इस नये ज्ञान और उसके आधार पर बनने वाले नये व्यक्ति में निहित सम्भवानाओं के प्रति किसी किस्म की गफ़लत में नहीं रह सकती थी। उसने जल्दी ही भाँप लिया कि दिदेरो और अ’लम्बर्त जिस ज्ञान-कोश का खण्ड दर खण्ड प्रकाशन करते जा रहे हैं, वह अंततः राजशाही की वैधता के क्षय का ख़ामोश औज़ार साबित होगा। इसी के परिणामस्वरूप केवल तीन साल के भीतर 1751 में पेरिस के आर्कबिशप ने इनसाइक्लोपीदी की भर्त्सना की और अगले साल रॉयल कौंसिल ऑफ़ स्टेट ने उसके प्रकाशन को प्रतिबंधित कर दिया। 1759 में पेरिस की संसद ने भी ज्ञान- कोश रचने की इस परियोजना की निंदा की और एक आदेश के ज़रिये वे तमाम सुविधाएँ वापस ले ली गयीं जो दिदेरो और द’अलम्बर्त को मिली हुई थीं। इस तरह 1766 तक कोश रचने का यह प्रोजेक्ट सरकारी दमन का शिकार हो कर ठप पड़ा रहा। इस कोश के लेखकों में रूसो और कोंदोर्स जैसी हस्तियाँ शामिल थीं। अंततः सत्रह खण्डों में पूरे हुए इस विशाल ज्ञान-कोश ने फ़्रांसीसी और अमेरिकी क्रांतियों की नेतृत्वकारी हस्तियों के चिंतन पर निर्णायक असर डाला। बेंजामिन फ़्रैंकलिन, जॉन ऐडम्स और थॉमस जेफ़रसन ने न केवल व्यक्तिगत रूप से इस कोश को ख़रीदा, बल्कि अपने राजनीतिक-बौद्धिक दायरों में इसे पढ़ने की सिफ़ारिश भी की। अगले दो सौ साल तक इनसाइक्लोपीदी की आधारभूत अवधारणाओं ने समाज- विज्ञानों के विमर्श को अपनी पकड़ में बनाये रखा। इसकी प्रतिक्रिया भी हुई। कोई बीस साल बाद स्कॉटलैण्ड में इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका का पहला संस्करण प्रकाशित हुआ, जो घोषित रूप से दिदेरो और अ’लम्बर्त के कोश को ‘विधर्मी’ और ‘अप्रामाणिक’ मान कर उसके जवाब के तौर पर रचा गया था। इनसाइक्लोपीदी को विधर्मी इसलिए कहा गया था कि वह मानवीय ज्ञान के स्रोतों की नयी परिभाषा करने में लगा हुआ था और वह अप्रामाणिक इसलिए करार दिया गया कि दिदेरो और अ’लम्बर्त की लेखक-मण्डली फ़्रांस की मशहूर बौद्धिक हस्तियों से बनी थी और सम्पादक-द्वय उनके द्वारा लिखी गयी लम्बी-लम्बी प्रविष्टियों में उल्लखित तथ्यों की सच्चाई सुनिश्चित करने के फेर में नहीं पड़े थे। .

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इनसीड

इनसीड (INSEAD) एक बहु-परिसर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार स्कूल और अनुसंधान संस्थान है। यूरोप (फ़्रांस), एशिया (सिंगापुर) और मध्य पूर्व (आबू धाबी) में इसके परिसर (केम्पस) हैं और इज़राइल में एक अनुसंधान केंद्र है। यह स्कूल एक पूर्णकालिक (फुल टाइम) एमबीए प्रोग्राम, प्रबंधन में एक पीएचडी प्रोग्राम और कई अन्य कार्यकारी शिक्षण प्रोग्राम पेश करता है (जिसमें एक कार्यकारी एमबीए भी शामिल है).

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इन्नोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स

इन्नोसेंस ऑफ़ मुस्लिम्स २०१२ में बने गयी एक इस्लाम विरोधी फिल्म है। पूरे इस्लामी दुनिया में इस कि तीखी प्रतिक्रिया हुई, लीबिया में गुस्साए लोगों ने अमेरिकी दूतावास पर हमला कर दिया। मिस्र, पाकिस्तान, भारत, सउदी अरब, बंगलादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, तुर्की, सूडान, अफगानिस्तान, इराक, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, अमेरिका समेत सम्पूर्ण विश्व में इसके विरोध में प्रदर्शन हुए। इस फिल्म कि निंदा ईसाई समाज ने भी की है। .

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इबेरिया प्रायद्वीप

इबेरियाई प्रायद्वीप इबेरियाई प्रायद्वीप या इबेरिया, यूरोप के दक्षिणपश्चिम भाग में स्थित एक प्रायद्वीप है। इस प्रायद्वीप के दक्षिण और पूर्व में भूमध्य सागर है और उत्तर और पश्चिम में अन्ध महासागर। यह ५,८२,८६० वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ यूरोप का तीसरा सबसे बड़ा प्रायद्वीप है। इबेरिया इस क्षेत्र के लिए एक प्राचीन यूनानी नाम है जिसे रोमन "हिस्पैनिया" कहते थे। हिस्पैनिया शब्द अब केवल स्पेन के लिए प्रयुक्त होता है, जबकि इबेरिया नाम इस पूरे प्रायद्वीप के लिए जिसपर अन्य देश भी स्थित हैं। .

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इमाईल दुर्खीम

ईमिली डर्खीम डेविड इमाईल दुर्खीम (Émile Durkheim; फ्रेंच उच्चारण) (1858-1917) फ्रांस के महान समाजशास्त्री थे। कार्ल मार्क्स तथा मैक्स वेबर के साथ वे भी आधुनिक समाज विज्ञान के मुख्य शिल्पी एवं समाजशास्त्र के जनक कहे जाते हैं। .

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इल-दा-फ़्रान्स

इल-दा-फ़्रान्स (फ़्रान्सीसी: Île-de-France) फ़्रान्स का एक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में देश की राजधानी पेरिस स्थित है। .

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इल्या इलिच मेखनिकोव

इल्या इलिच मेखनिकोव (Илья Ильич Мечников) (१६ मई १८४५ – १५ जुलाई १९१६) एक रूसी सूक्ष्मजैविक थे। इन्होंने प्रतिरक्षा प्रणाली पर अध्ययन किये। १९०८ में इन्हें फैगोसाइटोसिस पर कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। .

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इलेक्ट्रानिक मतदान

इलेक्ट्रॉनिक मतदान (ई-मतदान के रूप में भी विख्यात) एक ऐसा शब्द है जिसमें मतदान के लिए प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक साधन और मतगणना के लिए प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक साधन, दोनों के समावेश सहित कई अलग प्रकार के मतदान शामिल है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रौद्योगिकी में पंच कार्ड, ऑप्टिकल स्कैन मतदान प्रणालियां और विशिष्ट मतदान कियोस्क (जिसमें स्व-निहित प्रत्यक्ष रिकॉर्डिंग इलेक्ट्रानिक (DRE) मतदान प्रणाली सहित) शामिल हो सकती हैं। इसमें टेलीफ़ोन, निजी कंप्यूटर नेटवर्क, या इंटरनेट के ज़रिए मतपत्र और मतदानों का प्रसारण शामिल हो सकता है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रौद्योगिकी से मतपत्रों की गिनती तेजी से हो सकती है और विकलांग मतदाताओं के लिए बेहतर पहुँच प्रदान कर सकते हैं। तथापि, यह विवाद मौजूद है, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग, विशेषकर DRE मतदान चुनावी धोखाधड़ी को सुसाध्य कर सकता है। .

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इस्माइल पाशा

इस्माइल पाशा इस्माइल पाशा (अरबी: إسماعيل باشا‎ Ismā‘īl Bāshā, तुर्की भाषा: İsmail Paşa; १८३० - १८९५) सन १८६३ से १८७९ तक मिस्र तथा सूडान का ख़ेदिव (शासक की उपाधि) था। १८७९ में उसे ग्रेट ब्रिटेन के दबाव में पदच्युत होना पड़ा। अपने शासन काल में उसने अपने दादा मेहमत अली की भांति मिस्र और सूडान का आधुनीकीकरण किया, औद्योगिक तथा आर्थिक विकास में जमकर निवेश किया। इसके शासन काल में देश की सीमाओं का विस्तार भी किया। .

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इज़राइल का इतिहास

इजराइल का ध्वज इज़राइल संसार के यहूदी धर्मावलंबियों के प्राचीन राष्ट्र का नया रूप है। इज़रायल का नया राष्ट्र 14 मई सन् 1948 को अस्तित्व में आया। इज़रायल राष्ट्र, प्राचीन फ़िलिस्तीन अथवा पैलेस्टाइन का ही बृहत् भाग है। .

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इंडोचायना

इंडोचायना '''इंडोचायना''': गहरा हरा: हमेशा सम्मिलित, हल्का हरा: साधारणत: सम्मिलित, लाल: कभी-कभी सम्मिलित। इंडोचायना प्रायद्वीप दक्षिण पूर्व एशिया का एक उप क्षेत्र है। यह इलाक़ा लगभग चीन के दक्षिण-पश्चिम और भारत के पूर्व में पड़ता है। सही मायने में इंडोचायना के अंतर्गत भूतपूर्व फ्रा़न्सीसी इंडोचायना के अधिकार क्षेत्र आते हैं, जैसे:-.

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इंफोसिस

इन्फोसिस लिमिटेड एक बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी मुख्यालय है जो बेंगलुरु, भारत में स्थित है। यह एक भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है जिसके पास 30 जून 2008 को (सहायकों सहित) 94,379 से अधिक पेशेवर हैं। इसके भारत में 9 विकास केन्द्र हैं और दुनिया भर में 30 से अधिक कार्यालय हैं। वित्तीय वर्ष|वित्तीय वर्ष २००७-२००८ के लिए इसका वार्षिक राजस्व US$4 बिलियन से अधिक है, इसकी बाजार पूंजी US$30 बिलियन से अधिक है। .

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इंगक टेलीग्राफ

लुव्र (पेरिस में) का सेमाफोर (ईंगक) पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के खातिरबाजार का सेमाफोर टॉवर इंगक टेलीग्राफ या सेमाफोर टेलीग्राफ (semaphore telegraph) सूचना भेजने या देने की एक विधि है जिसमें आँखों से दिखने वाली वस्तुओं (जैसे कोई दण्ड या ब्लेड आदि) का उपयोग किया जाता है। यह दृष्य चीज ऊँचाई पर लगी होती है (जैसे किसी टॉवर के ऊपर)। वस्तु किस स्थिति में है (जैसे, क्षैतिज या ऊर्ध्व), इसी से सूचना का पता चलता था। सबसे प्रसिद्ध तरीका फ्रांस के क्लाड चै (Claude Chappe) ने १७९२ में विकसित किया था जो १९वीं शताब्दी के आरम्भिक काल तक लोकप्रिय रहा। .

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इंग्लिश चैनल

इंग्लिश चैनल का सैटेलाइट दृश्य इंग्लिश चैनल (la Manche, "स्लीव") अटलांटिक महासागर की एक शाखा है जो ग्रेट ब्रिटेन को उत्तरी फ्रांस से अलग करती है और उत्तरी सागर को अटलांटिक से जोड़ती है। यह तकरीबन लंबी है और चौड़ाई में से इसकी व्यापकता से लेकर डोवर जलसंयोगी में केवल तक के आधार पर भिन्नता है।"इंग्लिश चैनल".

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इंग्लैण्ड राज्य

इंग्लैण्ड राजशाही(Kingdom of England) यानि आंग्ल राजतांत्रिक राज्य, जिसे आम वार्ता में केवल इंग्लैण्ड(ब्रिटिश उच्चारण:इंग्लॆन्ड्) कहा जाता था, ग्रेट ब्रिटेन द्वीप पर स्थित एक पूर्व सार्वभौमिक एकराष्टिय राजतांत्रिक राज्य था। इंग्लैंड का उदय १०वीं शताब्दी में विभिन्न आंग्ल-सैक्सन रजवाड़ों में से हुआ था, यह १७०७ में स्कॉटलैंड राजशाही के साथ विलय तथा ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापना तक असतित्व में रहा। ११वीं सदी में वर्त्तमान फ्रांस के नॉरमेंडी के तट से नार्मन लोगों ने आक्रमण कर इंग्लैंड पर विजय प्राप्त कर लिया था, जिस समय इंग्लैंड की राजधानी को विंचेस्टर से लंदन हस्तांतरित कर दिया गया था। अपने इतिहास के दौरान, इंग्लैंड पर चार विभिन्न वंशों का राज रहा था:नॉर्मन वंश १०६६-११५४, प्लैंटेजेनट वंश ११५४-१४८५, ट्यूडर वंश १४८५-१६०३ और स्टुअर्ट वंश १६०३-१७१४, हालाँकि इन सब को विभक्त राजवंश माना जाता है, परंतु ये सारे घराने, अंत्यतः नॉर्मनों के ही वंशज हैं। नार्मन शासन की शुरुआत के बाद से एंग्लो-सैक्सन भाषा(पुरानी अंग्रेज़ी) में फ़्रांसिस भाषा का प्रभाव अत्यंत बढ़ गया और आधुनिक अंग्रेज़ी विकसित हुई। १३वीं सदी के अंत तक इंग्लैंड ने वेल्स रियासत पर अपना अधिकार जमा लिया और १६वीं सदी में वेल्स को इंग्लैंड में पूर्णतः विलीन कर लिया गया। वेल्स पर अधिक्रमण ने इंग्लैंड को यूरोप के एक प्रमुख सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। ट्यूडर काल ने अंग्रेज़ी नवजागरण के काल को देखा, जोकि अंग्रेज़ी भाषा और संस्कृति के लिहाज़ से सबसे महत्वपूर्ण काल था। राजा हेनरी अष्टम् के राज ने अंग्रेज़ी पुनःस्थापन के काल को देखा, और तत्पश्चात उनकी पुत्री एलिज़ाबेथ प्र॰ के राज में पारित एलिज़ाबेथन धार्मिक समाधान ने चर्च ऑफ़ इंग्लैंड की स्वायत्तता पुनःस्थापि की, और इसने इंग्लैंड को एक प्राथमिक यूरोपीय महाशक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। एलिज़ाबेथन युग में इंग्लैंड ने नई दुनिया(अमरीकी महाद्वीप) के बड़े हिस्से पर अपना अधिकार स्थापित किया और अपने उपनिवेश स्थापित किये, जिसके साथ आगामी ब्रिटिश साम्राज्य की नीव पड़ी। इंग्लैंड में मैग्ना कार्टा और बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९ जैसे ऐतिहासिक विधान पारित हुए, जिसके बदौलत संसद की शक्ति बढ़ती गयी, और शासक की शक्तियों व अधिकारों पर अनेक सीमाएँ और अंकुश लगाए गए, जोकि आगे जाकर एक विशेष प्रशासनिक व्यवस्था के रूप में विकसित हुई, जिसे वेस्टमिंस्टर प्रणाली कहा जाता है। १६०३ में रानी एलिज़ाबेथ के निधन के पश्चात स्कॉटलैंड के राजा जेम्स षष्टम् ने इंग्लैंड के सिंघासन को उत्तराधिकृत किया, और इस के साथ इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड के साथ व्यक्तिगत विलय की स्थिति में आ गया, तथा स्टुअर्ट वंश के राज का प्रारम्भ हुआ। स्टुअर्ट काल में, अंग्रेज़ी गृह युद्ध हुआ, जोकि चार्ल्स प्रथम के प्राणदंड के साथ समाप्त हुआ, परंतु इस गृहयुद्ध ने शासक के शासनाधिकार पर अनेक अंकुश लगा दिए, और शासक को संसद की स्वीकृति के बिना शासन करने से वंचित कर दिया। १ मई १७०७ को, विलय के अधिनियमों के तहत इंग्लैंड का स्कॉटलैंड के साथ विलय होगया और संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की स्थापम हुई। .

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इकोल पॉलीतेक्निक

इकोल पॉलीतेक्निक (École polytechnique; शाब्दिक अर्थ: बहुतकनीकी विद्यालय) फ्रांस में पेरिस के पास स्थित उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान है। यह संस्थान फ्रांस के उच्च शिक्षा संस्थानों (गैंडिस इकोल्स) में सर्वाधिक सम्मान रखता है। यह विज्ञान और इंजीनियरी में चारवर्षीय पूर्वस्नातक-परास्नातक डिग्री के लिए विख्यात है। इसमें प्रवेश के लिये प्रतियोगिता अत्यन्त कठिन है। इसमें २००० बहुतकनीकी इंजिनियरों के अलावा ३३९ स्नातक छात्र तथा ५७२ शोधार्थी प्रतिवर्ष प्रवेश लेते हैं। इसकी स्थापना फ्रांसीसी क्रांति के समय १७९४ में गणितज्ञ गस्पार्ड मांगे ने की थी। १८०४ में नैपोलियन के शासनकाल में यह सैनिक अकादमी में बदल दिया गया। वर्तमान समय में भी यह संस्थान फ्रांस के रक्षा-मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। प्रारम्भ में यह पेरिस के लैटिन क्वार्टर में स्थित था। १९७६ में इसे पेरिस के दक्षिण-पश्चिम में पैलेस (Palaiseau) नामक स्थान पर स्थानान्तरित कर दिया गया। श्रेणी:फ्रांस के शिक्षा संस्थान.

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कपालमिति

मानव कपाल एवं उसके मापन के औजार (सन १९२०) जातियाँ (रेस) एवं उनकी कपाल कुछ प्राइमेटों (Primates) के कपाल मानव की विभिन्न जातियों के कपाल (cranium/करोटि) आकार और रूप में भिन्न हाते हैं और उनका अध्ययन कपालमिति या करोटिमापन का विषय है। कपालमिति, शीर्षमिति (cephalometry) के अन्तर्गत आता है जो मानवमिति (anthropometry) के अन्तर्गत आता है जो नृतत्वशास्त्र की शाखा है। किन्तु कपालमिति, कपालविद्या (phrenology) से भिन्न है। करोटि का ठीक-ठीक मापन ही कपालमिति की मूलभूत तकनीक है और कालावधि में इससे ही नापने की विधि निकली है। इस विधि में भूचिह्न (लैंडमार्क्स) और अनुपस्थिति के धरातल (प्लेन्स ऑव ओरिएंटेशन) संश्लिष्ट रहते हैं। इन सबकी अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के द्वारा सही-सही व्याख्या की हुई होती है। इस अर्थ में कपालमिति किसी भी तरह की करोटि पर लागू होता है, किंतु, चूँकि इसका उपयोग अत्यंत गहन रूप से मानव करोटि पर हुआ है, अत: यह मानव-शरीर-मापन के बृहत्तम क्षेत्र का एक अंश है। रेखीय मापन के अतिरिक्त करोटि गह्वर की धारकता भी नापी जाती है जिसमें उसमें के मस्तिष्क का अच्छा निर्देश मिलता है। औसत मानव की करोटि धारकता १४५० घन सें.मी.

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कमलानाथ

कमलानाथ शर्मा (के.एन.शर्मा भी) जलविज्ञान, सिंचाई तथा जल-निकास, एवं जल-विद्युत अभियांत्रिकी के अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ, वैदिक ग्रंथों में जलविज्ञान, पर्यावरण आदि विषयों के लेखक, साहित्यकार, तथा हिंदी के जानेमाने व्यंग्य लेखक और कहानीकार हैं। जलविज्ञान, जल-विद्युत अभियांत्रिकी व विश्व खाद्यान्न में उल्लेखनीय योगदान के अतिरिक्त के॰एन॰शर्मा ने वेदों, उपनिषदों आदि वैदिक वाङ्मय में जल, पर्यावरण, पारिस्थितिकी आदि पर भी शोध करके प्रचुरता से लिखा है। हिंदी साहित्य में साठ के दशक से कमलानाथ के नाम से उनके व्यंग्य तथा कहानियां भी देश की विभिन्न पत्रिकाओं में छपते रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान आपने विश्व के लगभग सभी देशों की यात्रा की, वहां के सिंचाई, जलनिकास, जलविज्ञान आदि के विकास में योगदान दिया तथा अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं से संबद्ध रहे। .

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कम्बोडिया

कंबोडिया जिसे पहले कंपूचिया के नाम से जाना जाता था दक्षिण पूर्व एशिया का एक प्रमुख देश है जिसकी आबादी १,४२,४१,६४० (एक करोड़ बयालीस लाख, इकतालीस हज़ार छे सौ चालीस) है। नामपेन्ह इस राजतंत्रीय देश का सबसे बड़ा शहर एवं इसकी राजधानी है। कंबोडिया का आविर्भाव एक समय बहुत शक्तिशाली रहे हिंदू एवं बौद्ध खमेर साम्राज्य से हुआ जिसने ग्यारहवीं से चौदहवीं सदी के बीच पूरे हिन्द चीन (इंडोचायना) क्षेत्र पर शासन किया था। कंबोडिया की सीमाएँ पश्चिम एवं पश्चिमोत्तर में थाईलैंड, पूर्व एवं उत्तरपूर्व में लाओस तथा वियतनाम एवं दक्षिण में थाईलैंड की खाड़ी से लगती हैं। मेकोंग नदी यहाँ बहने वाली प्रमुख जलधारा है। कंबोडिया की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से वस्त्र उद्योग, पर्यटन एवं निर्माण उद्योग पर आधारित है। २००७ में यहाँ केवल अंकोरवाट मंदिर आनेवाले विदेशी पर्यटकों की संख्या ४० लाख से भी ज्यादा थी। सन २००७ में कंबोडिया के समुद्र तटीय क्षेत्रों में तेल एवं गैस के विशाल भंडार की खोज हुई, जिसका व्यापारिक उत्पादन सन २०११ से होने की उम्मीद है जिससे इस देश की अर्थव्यवस्था में काफी परिवर्तन होने की अपेक्षा की जा रही है। .

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कम्मा (जाति)

कम्मा కమ్మ या कम्मावारु एक सामाजिक समुदाय है जो ज्यादातर दक्षिण भारतीय राज्यों आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में पाया जाता है। वर्ष 1881 में कम्मा जाति की जनसंख्या 795,732 थी। 1921 की जनगणना के अनुसार आंध्रप्रदेश की जनसंख्या में उनका हिस्सा 4.0% का था और तमिलनाडु एवं कर्नाटक में वे एक बड़ी संख्या में मौजूद थे। पिछली सदी के अंतिम दशकों में इनकी एक बड़ी तादाद दुनिया के अन्य हिस्सों विशेषकर अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में प्रवासित हो गयी। .

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कम्यून

सुविचारित ढंग से एक साथ रहने वाले लोगों के समुदाय को कम्यून (Commune) कहते हैं। कम्यून के सभी सदस्यों के लक्ष्य, सम्पत्ति, स्रोत आदि एक होते हैं अनुर कुछ मामलों में तो काम और आय भी एक ही होती है। .

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करनैल सिंह

सूबेदार करनैल सिंह, 18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उडी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हुए एक आतंकी हमले में शहीद जवान है इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए। सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला है। उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया है। इनकी योजना के तहत ही सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया। हमलावरों के द्वारा निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जा सके। अमेरिका ने उड़ी हमले को "आतंकवादी" हमला करार दिया। .

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कर्तव्य

सामान्यत: कर्तव्य शब्द का अभिप्राय उन कार्यों से होता है, जिन्हें करने के लिए व्यक्ति नैतिक रूप से प्रतिबद्ध होता है। इस शब्द से वह बोध होता है कि व्यक्ति किसी कार्य को अपनी इच्छा, अनिच्छा या केवल बाह्य दबाव के कारण नहीं करता है अपितु आंतरिक नैतिक प्ररेणा के ही कारण करता है। अत: कर्तव्य के पार्श्व में सिद्धांत या उद्देश्य के प्ररेणा है। उदहरणार्थ संतान और माता-पिता का परस्पर संबंध, पति-पत्नी का संबध, सत्यभाषण, अस्तेय (चोरी न करना) आदि के पीछे एक सूक्ष्म नैतिक बंधन मात्र है। कर्तव्य शब्द में "कर्म' और "दान' इन दो भावनाओं का सम्मिश्रण है। इस पर नि:स्वार्थता का अस्फुट छाप है। कर्तव्य मानव के किसी कार्य को करने या न करने के उत्तरदायित्व के लिए दूसरा शब्द है। कर्तव्य दो प्रकार के होते हैं- नैतिक तथा कानूनी। नैतिक कर्तव्य वे हैं जिनका संबंध मानवता की नैतिक भावना, अंत:करण की प्रेरणा या उचित कार्य की प्रवृत्ति से होता है। इस श्रेणी के कर्तव्यों का सरंक्षण राज्य द्वारा नहीं होता। यदि मानव इन कर्तव्यों का पालन नहीं करता तो स्वयं उसका अंत:करण उसको धिक्कार सकता है, या समाज उसकी निंदा कर सकता है किंतु राज्य उन्हें इन कर्तव्यों के पालन के लिए बाध्य नहीं कर सकता। सत्यभाषण, संतान संरक्षण, सद्व्यवहार, ये नैतिक कर्तव्य के उदाहरण हैं। कानूनी कर्तव्य वे हैं जिनका पालन न करने पर नागरिक राज्य द्वारा निर्धारित दंड का भागी हो जाता है। इन्हीं कर्तव्यों का अध्ययन राजनीतिक शास्त्र में होता है। हिंदू राजनीति शास्त्र में अधिकारों का वर्णन नहीं है। उसमें कर्तव्यों का ही उल्लेख हुआ है। कर्तव्य ही नीतिशास्त्र के केंद्र हैं। .

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करीम बेनजोमा

करीम मुस्ताफा बेनजोमा (जन्म 19 दिसंबर 1987) एक फ्रांसीसी पेशेवर फुटबॉलर है जो स्पैनिश क्लब रियल मैड्रिड के लिए खेलते हैं और फ्रांस की राष्ट्रीय टीम के लिए एक स्ट्राइकर के रूप में खेलते हैं।.

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कलवरी-श्रेणी पनडुब्बी

कलवरी-श्रेणी की पनडुब्बियाँ भारतीय नौसेना के लिए बनायी जा रही स्कार्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियाँ हैं। ये डीजल-विद्युत से चालित आक्रमणकारी पनडुब्बियाँ हैं। इनकी डिजाइन फ्रांस की डीसेन एस नामक कम्पनी ने किया है तथा इनका निर्माण मुम्बई के माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। .

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कातालोनिया

कातालोन्या (या कॅटालोनिया) स्पेन के 17 स्वायत्त समुदायों में से एक है। स्वायत्त समुदाय स्पेन का सबसे उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग होता है। कातालोन्या देश के उत्तर-पूर्व में स्थित है व उत्तर में इसकी सीमा फ्रांस और अण्डोरा से छूती है। पूर्व में इसके भूमध्य सागर, पश्चिम में आरागोन और दक्षिण में वैलेंसियाई समुदाय है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा नगर बार्सिलोना है, जो स्पेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर व यूरोप के सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्रों में से एक है। इसकी आधिकारिक भाषाओं में स्पेनी, कैटलन और ऑक्सिटन की उपभाषा आरानेस शामिल हैं। .

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कार्डिनल रिचलू

कार्डिनल रिचलू का चित्र कार्डिनल रिचलू (Armand Jean du Plessis, cardinal-duc de Richelieu et de Fronsac; ९ सितम्बर १५८५ - ४ दिसम्बर १६४२) फ्रांस का धार्मिक नेता, सामन्त तथा राजनयिक था। रिचलू एक योग्य राजनेता था जिसमें यूरोप के इतिहास पर अपनी अमिट छाप छोड़ी तथा इस कारण राजनय के क्षेत्र में उसका एक सम्माननीय स्थान है। .

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कार्निवल

कोलोन, जर्मनी में रोसेनमोंटाग परेड में कार्निवल झांकियां. कार्निवल एक उत्सव का मौसम है जो लेंट से ठीक पहले पड़ता है; मुख्य कार्यक्रम आमतौर फरवरी के दौरान होते हैं। कार्निवल में आमतौर पर एक सार्वजनिक समारोह या परेड शामिल होता है जिसमें सर्कस के तत्त्व, मुखौटे और सार्वजनिक खुली पार्टियां की जाती हैं। समारोह के दौरान लोग अक्सर सजते संवरते हैं या बहुरुपिया बनते हैं, जो दैनिक जीवन के पलटाव को दर्शाता है। कार्निवल एक त्योहार है जिसे पारंपरिक रूप से रोमन कैथोलिक में आयोजित किया जाता है और एक हद तक पूर्वी रूढ़िवादी समाजों में भी.

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कार्बोनरी

कार्बोनरी (Carbonari; अर्थ- काष्ठकोयला बनाने वाले) इटली में १८०० से १८३१ के बीच सक्रिय गुप्त क्रान्तिकारी समूहों के अनौपचारिक नेटवर्क था। इन्होने फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, रूस, ब्राजील और उरुग्वे के क्रान्तिकारियों को भी प्रभावित किया। श्रेणी:इटली का इतिहास.

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कार्कासोन की एर्मज़ीन्द

कार्कासोन की एर्मज़ीन्द (Ermessenda de Carcassona; Ermessende de Carcassonne; 972–1 मार्च 1058) दक्षिण फ्रांस की कुलीन महिला थीं। ये बार्सिलोना, ज़िरोना और ऊज़ोना के काउंट की पत्नी थीं। इनका बार्सिलोना के काउंट रमोन बोर्रेई (972–1017) से विवाह 993 में हुआ, जिनके साथ इनके तीन संताने हुईं। अपने पति की 1017 में मृत्यु के पश्चात 1018 में ये अपने पुत्र के लिए राज-प्रतिनिधि बन गईं। .

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काग़ज़ का आकार

A आकार का चार्ट, आईएसओ A श्रृंखला और अमेरिकी लेटर तथा लीगल फौर्मेट्स के साथ तुलना को दर्शाता हुआ। अलग-अलग समय पर और विभिन्न देशों में कागज के कई मानक आकार दिए गए हैं, लेकिन आज एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय आईएसओ मानक (जिसमें A4 और इसके आसपास के आकार शामिल हैं) और उत्तरी अमेरिका में इस्तेमाल किये जाने वाले एक स्थानीय मानक का प्रयोग किया जाता है। .

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कांगो द्रोणी

कांगो द्रोणी (Congo Basin) मध्य अफ़्रीका में बहने वाली कांगो नदी की अवसादी द्रोणी व जलसम्भर क्षेत्र है। इस द्रोणी के इलाक़े को कभी-कभी सरल-रूप से कांगो क्षेत्र भी कहा जाता है। .

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कांगो गणराज्य

कांगो गणराज्य मध्य अफ्रीका में स्थित एक देश है। इसकी सीमा गबोन, कैमरून, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, काबिन्डा का अंगोलन बाह्य क्षेत्र और गिनी की खाड़ी से मिलती है। श्रेणी:अफ़्रीका के देश *.

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काकड़

काकड़ या कांकड़ (Barking Deer) एक छोटा हिरन होता है। यह हिरनों में शायद सबसे पुराना है, जो इस धरती में १५०-३५० लाख वर्ष पूर्व देखा गया और जिसके जीवाश्म फ्रा़ंस, जर्मनी और पोलैंड में पाये गये हैं। आज की जीवित प्रजाति दक्षिणी एशिया की मूल निवासी है और भारत से लेकर श्रीलंका, चीन, दक्षिण पूर्वी एशिया (इंडोचाइना और मलय प्रायद्वीप के उत्तरी इलाके)। यह कम आबादी में पूर्वी हिमालय और म्यानमार में भी पाया जाता है। ऊष्णकटिबंधीय इलाकों में रहने के कारण इसका कोई समागम मौसम नहीं होता है और वर्ष के किसी भी समय में यह समागम कर लेते हैं; यही बात उस आबादी पर भी लागू होती है जिसे शीतोष्णकटिबन्धीय इलाकों में दाख़िल किया गया है। नर के दोबारा उग सकने वाले सींग होते हैं, हालांकि इलाके की लड़ाई में वह अपने लंबे श्वानदंतों (Canine teeth) का इस्तेमाल करते हैं। काकड़ क्रम विकास के अध्ययन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि इनकी विभिन्न प्रजातियों के गुणसूत्र में काफ़ी घटबढ़ देखी गयी है। जहाँ भारतीय काकड़ में सबसे कम गुणसूत्र पाये जाते हैं: नर में ७ तथा मादा में सिर्फ़ ६, वहीं चीनी कांकड़ में ४६ गुणसूत्र होते हैं। .

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काउण्टी

इंग्लैण्ड की काउंटियाँ (ज़िले) काउंटी (अंग्रेज़ी: County) कई अंग्रेज़ी-भाषी देशों समेत विश्व का बहुत से देशों के एक प्रशासनिक विभाग को कहते हैं जो लगभग ज़िले के बराबर होते हैं। ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यू ज़ीलैंड, लाइबेरिया, नोर्वे, स्वीडन और कुछ अन्य देशों में काउंटियाँ एक अहम प्रशासनिक विभाग हैं। चीन जैसे भी कुछ देश हैं जिनमें स्थानीय भाषा में तो ज़िलों को कुछ और कहा जाता है लेकिन अंग्रेज़ी-अनुवाद में इन्हें काउंटी कहते हैं। चीन में ज़िलों का चीनी नाम 'शिअन' (县 या 縣, xiàn) है लेकिन इन्हें अंग्रेज़ी में 'काउंटी' कहते हैं। .

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किलाबंदी

बीसवीं शताब्दी के आरम्भ में किलेबन्दी का चित्रात्मक वर्णन दुर्गबन्दी या किलाबंदी (fortification) शत्रु के प्रतिरोध और उससे रक्षा करने की व्यवस्था का नाम होता है। इसके अन्तर्गत वे सभी सैनिक निर्माण और उपकरण आते हैं जो अपने बचाव के लिए उपयोग किए जाते हैं (न कि आक्रमण के लिए)। वर्तमान समय में किलाबन्दी सैन्य इंजीनियरी के अन्तर्गत आती है। यह दो प्रकार की होती है: स्थायी और अस्थायी। स्थायी किलेबंदी के लिए दृढ़ दुर्गों का निर्माण, जिनमें सुरक्षा के साधन उपलब्ध हो, आवश्यक है। अस्थायी मैदानी किलाबंदी की आवश्यकता ऐसे अवसरों पर पड़ती है जब स्थायी किले को छोड़कर सेनाएँ रणक्षेत्र में आमने सामने खड़ी होती हैं। मैदानी किलाबंदी में अक्सर बड़े-बड़े पेड़ों को गिराकर तथा बड़ी बड़ी चट्टानों एवं अन्य साधनों की सहायता से शत्रु के मार्ग में रूकावट डालने का प्रयत्न किया जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह निष्कर्ष निकला कि स्थायी किलाबंदी धन तथा परिश्रम की दृष्टि से ठीक नहीं है; शत्रु की गति में विलंब अन्य साधनों से भी कराया जा सकता है। परंतु इसका यह अर्थ नहीं है कि इसका महत्व बिल्कुल ही खत्म हो गया। अणुबम के आक्रमण में सेनाओं को मिट्टी के टीलों या कंकड़ के रक्षक स्थानों में आना ही होगा। नदी के किनारे या पहाड़ी दर्रों के निकट इन स्थायी गढ़ों का उपयोग अब भी लाभदायक है। हाँ, यह अवश्य कहा जा सकता है कि आधुनिक तृतीय आयोमात्मक युद्ध में स्थायी दुर्गो की उपयोगिता नष्ट हो गई है। .

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किलोग्राम

एक किलोग्राम (साथ में क्रेडित कार्ड) यह चित्र, अन्तराष्ट्रीय मूलरूप किलोग्राम का एक कम्प्यूटर निर्मित चित्र है। इसके समीप रखा एक इंच का पैमाना है। इस भार को IPK भी कहते हैं। यह प्लैटिनम-इर्रीडियम मिश्रण का बना है और BIPM, सेवर्स, फ़्रांस में रखा है। किलोग्राम (चिन्ह: kg) भार की SI इकाई है। एक किलोग्राम की परिभाषानुसार,.

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किंडरगार्टन (बालवाड़ी)

अफगानिस्तान में एक किंडरगार्टन कक्षा किंडरगार्टन (जर्मन, शाब्दिक अर्थ "बच्चों का बगीचा") छोटे बच्चों के लिए शिक्षा का एक रूप है जो घरेलू शिक्षा से बदल कर अधिक औपचारिक स्कूली शिक्षा में संक्रमित हो गया है। एक और परिभाषा, जो प्रारंभिक बचपन की शिक्षा और प्रीस्कूल को बताती है, के अनुसार यह 6 और 7 साल से कम उम्र के बच्चों का पूर्व (प्री)- और आकस्मिक शिक्षण है। बच्चों को रचनात्मक खेल और सामाजिक बातचीत के माध्यम से ज्ञान दिया जाता है और उनमें बुनियादी कुशलताओं का विकास किया जाता है, साथ ही कभी कभी थोड़ी बहुत औपचारिक शिक्षा भी दी जाती है। अधिकांश देशों में बालवाड़ी (Kindergarten) प्रारंभिक बचपन की शिक्षा की प्रीस्कूल प्रणाली का हिस्सा है बच्चे आमतौर पर दो साल से सात साल की उम्र के बीच किसी भी समय में बालवाड़ी जाते हैं। यह स्थानीय प्रणाली पर निर्भर करता है। संयुक्त राज्य अमेरिका और एन्ग्लोफोन कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों (न्यू साउथ वेल्स, तस्मानिया और ऑस्ट्रेलियन केपिटल टेरिटरी) में शिक्षा के पहले साल, या प्राथमिक स्कूल, (कनाडा में, पहले दो साल) के वर्णन के लिए किंडरगार्टन शब्द का उपयोग प्रतिबंधित है। इनमें से कुछ देशों में यह आवश्यक है, की अभिभावक अपने बच्चों को निर्धारित उम्र में ही (आमतौर पर, 5 साल की उम्र में) किंडरगार्टन भेजें.

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किंग लीयर (शेक्सपीयर कृत)

तूफान में किंग लियर और मूर्ख किंग लियर (King Lear), इंगलैंड के प्राचीन इतिहास से संबंधित शेक्स्पियर का एक दु:खांत नाटक (ट्रेजेडी) है। इसका प्रथम अभिनय सन् १६०६ ई. तथा प्रथम प्रकाशन सन् १६०८ ई. में हुआ। इस कृति में दैवी और आसुरी प्रवृत्तियों का घोर संघर्ष व्यक्त किया गया है। इस नाटक से करुणा और भय की तीव्र अनुभूति होती है। काव्यात्मक प्रभाव के लिए यह अनुपम है। .

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कुत्तों की नस्लों की सूची

चिहुआहुआ मिक्स (सबसे छोटा कुत्ता) के साथ ग्रेट डेन (सबसे बड़ा कुत्ता) हज़ारों सालों से कुत्तों का चयनात्मक तौर पर प्रजनन किया जाता रहा है। कभी एक ही वंश के कुत्तों के अन्तःप्रजनन द्वारा तो कभी बहुत अलग नस्ल के कुत्तों के मिश्रण द्वारा। यह प्रक्रिया आज भी जारी है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप संकर बीज की तरह विविध प्रकार के कुत्ते पैदा हो रहे हैं मसलन चिहुअहुआ से लेकर ग्रेट डेन तक। देखा जाये तो पृथ्वी पर कुत्ता ही एक ऐसा जानवर है, जिसके रूप-रंग में व्यापक भिन्नता पायी जाती है। यह सब कुत्तों के डीएनए में मनुष्य जाति की अपेक्षा लगभग दुगुने क्रोमोज़ोम होने की वजह से हुआ है। यह कुत्तों का डीएनए ही है जो उनके शारीरिक गठन और रूप-रंग की अत्यधिक विस्तृत भिन्नता को अनुमत करता है। .

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क्यूबेक का राज्यचिह्न

कीबैक का राज्यचिह्न क्यूबेक का राज्यचिह्न ९ दिसम्बर, १९३९ को क्यूबेक सरकार के परिषदीय आदेश पर अपनाया गया था, जिसने महारानी विक्टोरिया द्वारा २६ मई, १८६८ को दिए गए रॉयल वॉरण्ट राज्यचिह्न को प्रतिस्थापित किया। ढाल को तीन क्षैतिज पट्टियों में बाँटा गया है.

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क्योटो प्रोटोकॉल

क्योटो ग्रीनहाउस गैसों के वैश्विक उत्सर्जन में कटौती करने का इरादा है। उद्देश्य है,"स्थिरीकरण और ग्रीनहाउस गैस की सांद्रता के पुनर्निर्माण से जलवायु प्रणाली पर मानवजीवन के हानिकारक प्रभाव को रोकना." क्योटो जलवायु-परिवर्तन सम्मेलन का उद्देश्य था कानूनी तौर पर एक बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता स्थापन करना, जिससे सभी भाग लेने वाले राष्ट्रों ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे से निपटने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए खुद प्रतिबद्ध हुए.इस लक्ष्य के शिखर सम्मेलन में वर्ष 2012 में 1990 के स्तर से 5.2% की औसत कम करने पर सहमत हुए.

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क्राइस्ट द रिडीमर (प्रतिमा)

क्राइस्ट द रिडीमर (Cristo Redentor) ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में स्थापित ईसा मसीह की एक प्रतिमा है जिसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टैच्यू माना जाता है। यह प्रतिमा अपने 9.5 मीटर (31 फीट) आधार सहित लंबी और चौड़ी है। इसका वजन 635 टन (700 शॉर्ट टन) है और तिजुका फोरेस्ट नेशनल पार्क में कोर्कोवाडो पर्वत की चोटी पर स्थित है जहाँ से पूरा शहर दिखाई पड़ता है। यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊँची मूर्तियों में से एक है (बोलीविया के कोचाबम्बा में स्थित क्राइस्टो डी ला कोनकोर्डिया की प्रतिमा इससे थोड़ी अधिक ऊँची है)। ईसाई धर्म के एक प्रतीक के रूप में यह प्रतिमा रियो और ब्राजील की एक पहचान बन गयी है। यह मजबूत कांक्रीट और सोपस्टोन से बनी है, इसका निर्माण 1922 और 1931 के बीच किया गया था। .

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क्रिस्टिन लैगार्डे

क्रिस्टिन मेडेलिन ओडेट्टे लैगार्डे (जन्म: १ जनवरी १९५६), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक हैं। वे इस पद पर ५ जुलाई २०११ को पदासीन हुईं। पहले वे फ्रांस के विभिन्न मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य कर चुकी हैं। लैगार्डे पहली महिला हैं जो जी-8 के वित्त मंत्री और फिर आईएमएफ की प्रबन्धक बनीं। इनका जन्म पेरिस में हुआ था और इन्होंने पेरिस बेस्ट विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा प्राप्त की। .

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क्रूसेड

'''एन्टिओक का कब्जा''', प्रथम क्रूसयुद्ध के समय के मध्ययुगीय चित्रकर्म से लिया गया यूरोप के ईसाइयों ने 1095 और 1291 के बीच अपने धर्म की पवित्र भूमि फिलिस्तीन और उसकी राजधानी जेरूसलम में स्थित ईसा की समाधि का गिरजाघर मुसलमानों से छीनने और अपने अधिकार में करने के प्रयास में जो युद्ध किए उनको सलीबी युद्ध, ईसाई धर्मयुद्ध, क्रूसेड (crusades) अथवा क्रूश युद्ध कहा जाता है। इतिहासकार ऐसे सात क्रूश युद्ध मानते हैं। .

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क्रोमैग्नान मानव

एक पूरूष क्रोमैग्नान मानव की खोपड़ी Tool from Cro-Magnon क्रोमैग्नान मानव के अस्थिपंजर फ्रांस में मिले हैं। यह होमोसेपियंस जाति का था तथा इसका शरीर आजकाल के मानव से काफी मिलता-जुलता था। यह शिकार करने तथा मछली पकड़ने में निपुण था। इसके 34,000 से 36,000 वर्ष पुराने अवशेष मिले हैं। .

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क्रोक्स डी गेयर 1939–1945

क्रोक्स डी गेयर 1939–1945 (वार क्रॉस 1939–1945) फ्रांस का एक सैन्य पुरस्कार है, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान किसी भी समय द्वितीय विश्वयुद्ध के एक्सिस शक्तियों के खिलाफ मित्र राष्ट्रों के साथ लड़ने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए, 26 सितंबर, 1939 को बनाया गया एक संस्करण है। .

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क्रीमिया का युद्ध

क्रीमिया युद्ध का रूसी भाषा में बना नक्शा। उत्तर-पूर्व में रूस और दक्षिण में तुर्की हैं। क्रीमिया का युद्ध (जुलाई, 1853 - सितंबर, 1855) तक काला सागर के आसपास चला युद्ध था, जिसमें फ्रांस, ब्रिटेन, सारडीनिया, तुर्की ने एक तरफ़ तथा रूस ने दूसरी तरफ़ से लड़ा था। 'क्रीमिया की लड़ाई' को इतिहास के सर्वाधिक मूर्खतापूर्ण तथा अनिर्णायक युद्धों में से एक माना जाता है। युद्ध का कारण स्लाववादी राष्ट्रीयता की भावना थी। इसके अतिरिक्त दूसरे तरफ़ तुर्की के धार्मिक अत्याचार भी कारण बने, किंतु बेहद खून खराबे के बाद भी नतीजा कुछ भी नहीं निकला। यह युद्ध कदाचित् अकारण लड़ा गया था फिर भी यूरोपीय इतिहास में इसका विशेष महत्व आँका जाता है। उन दिनों यूरोपीय देशों में लोगों की यह धारणा हो गई थी कि रूस के पास इतने अधिक शस्त्रास्त्र हैं कि वह अजेय है। उससे लोग आतंकित थे। कुस्तंतुनिया की ओर राज्यविस्तार करने की रूस की नीति पीटर महान् के समय से ही चली आ रही थी। अपनी इस राज्यविस्तार की आकांक्षापूर्ति के लिये वह कोई न कोई बहाना ढूँढ़ता रहता था। इस युद्ध को पहला ऐसा युद्ध माना जाता है जिसमें जनता को प्रतिदिन की लड़ाई की ख़बर मिली। द टाइम्स अख़बार के विलियम रसेल और रोजर फ़ेंटन ने पत्र में इस लड़ाई का विवरण दिया था। .

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क्लाद मोने

क्लाद मोने फ्रांस के महान चित्रकार हैं। .

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क्लाज़ एब्नेर

क्लाज़ इब्नेर (Klaus Ebner), (जन्म: सन १९६४, वियना) ऑस्ट्रिया के एक प्रख्यात लेखक, निबंधकार, कवि, तथा अनुवादक हैं। वियना मे पले-बढ़े क्लाज़ ने छोटी आयु से ही लिखना शुरू कर दिया था। प्रमुख पत्रिकायों मे उनकी कहानियाँ सन् १९८० से ही प्रकाशित होनी शुरू हो गई थीं। सन् १९८० से क्लाज़ निबंध एवं सॉफ्टवेयर पर पुस्तकें लिख रहे हैं। इनकी रचनायें मुख्यत: जर्मन और कटालान भाषा मे लिखित हैं। आपने फ्रांसीसी एवं कटालान साहित्य को जर्मन भाषा में अनुवाद भी किया है। वे कई ऑस्ट्रियाई लेखक संगठनों के सदस्य है, जिसमे ग्रेज़र ऑटोरिनेन ऑटोरेंवरसामलुंग (Grazer Autorinnen Autorenversammlung) प्रमुख है। आपके निबंध मुख्यत: कटालान विषयों एवं यहूदी संस्कृति पर आधारित हैं। आपका पहला लघु-कथाओं का संग्रह सन् २००७ मे प्रकाशित हुआ था। सन् २००८ मे आपने अपनी पुस्तक होमीनाइड (Hominide) का प्रकाशन किया। क्लाज़ कई साहित्यिक पुरस्कारो से सम्मानित किये जा चुके हैं। इनमे युवा पुरस्कार अर्स्टर ऑस्टेरीशिस्षर जुगेंड्प्रीस (Erster Österreichischer Jugendpreis) (१९८२) प्रमुख है। ऑस्ट्रिया के विख्यात टिप्पनीकार वूल्फ़गैंग रैट्ज़ (Wolfgang Ratz), ने इब्नेर के लेखन की प्रशंसा की है। क्लाज़ इब्नेर अपने परिवार के साथ वियना में रहते हैं। .

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क्लिमेण्ट रिचर्ड एट्ली

क्लिमेंट रिचर्ड एटली क्लिमेण्ट रिचर्ड एट्ली (Richard Clement Attlee; १८८३ - १९६७) ब्रिटिश राजनीतिज्ञ, लेबर पार्टी के नेता (१९३५ से १९५५ तक), तथा १९४५ से १९५१ तक युनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री थे। उनके ही प्रधानमंत्रित्वकाल में भारत को स्वतंत्रता मिली। उनके काल में ही यूके कल्याणकारी राज्य (वेल्फेयर स्टेट) बना जिसके अन्तर्गत अन्य बातों के अलावा वहाँ निःशुल्क सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा आरम्भ हुई। वे यूके के सर्वोत्तम प्रधानमंत्री माने जाते हैं तथा वहाँ के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में उनकी गिनती होती है। .

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क्लेरमाँ फ़ेराँ

क्लेरमाँ फ़ेराँ (Clermont-Ferrand) केंद्रीय फ्रांस में पेरिस से दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में २१० मील दूर पुई-डि-डोम क्षेत्र का प्रसिद्ध नगर। जूलियस सीजर के समय में यह नगर अस्तित्व में था। यहाँ १२वीं शताब्दी का बना नॉटरडेम रोमन गिरजाघर तथा १५वीं शताब्दी का बना विशाल गोथिक गिरजाघर दर्शनीय हैं। यहाँ विश्वविद्यालय, पुरातत्व संग्रहालय और वेधशाला हैं। इससे दो मील पश्चिम पहाड़ियों में स्पा ऑव रोयाट (Spa of Royat) प्रसिद्ध स्थान हैं, जहाँ ब्ले पैस्कल (Blaise Pascal) का जन्म हुआ था। यहाँ टायर, ट्यूब और रबर के अन्य सामानों, कपड़े, धातु, खनन के यंत्रों, साइकिल और रेडियो आदि बनाने के कारखाने हैं। उत्तम चाकलेट, संरक्षित फल और खाद्य सामग्री का उत्पादन होता हैं। सुप्त ज्वालामुखी पर्वत मांट्स डोम की तलहटी में बसा होने के कारण यहाँ के प्राकृतिक और रम्य वातावरण में देशी और विदेशी पर्यटक सदा आते रहते हैं। .

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क्वेस्ट फ्रांस

यह् एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र है | .

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कृषि का इतिहास

कृषि का विकास कम से कम १०,००० वर्ष पूर्व हो चुका था। तब से अब तक बहुत से महत्वपूर्ण परिवर्तन हो चुके हैं। कृषि भूमि को खोदकर अथवा जोतकर और बीज बोकर व्यवस्थित रूप से अनाज उत्पन्न करने की प्रक्रिया को कृषि अथवा खेती कहते हैं। मनुष्य ने पहले-पहल कब, कहाँ और कैसे खेती करना आरंभ किया, इसका उत्तर सहज नहीं है। सभी देशों के इतिहास में खेती के विषय में कुछ न कुछ कहा गया है। कुछ भूमि अब भी ऐसी है जहाँ पर खेती नहीं होती। यथा - अफ्रीका और अरब के रेगिस्तान, तिब्बत एवं मंगोलिया के ऊँचे पठार तथा मध्य आस्ट्रेलिया। कांगो के बौने और अंदमान के बनवासी खेती नहीं करते। .

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कैटरीना कैफ़

कैटरीना कैफ़ (जन्म: 16 जुलाई 1983) एक ब्रितानी भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं जो मुख्य रूप से हिंदी फिल्म जगत में काम करती हैं, हालांकि उन्होनें कुछ तेलुगू और मलयालम फिल्मों में भी काम किया है। भारत की सबसे अधिक पारिश्रमिक पाने वाली अभिनेत्रियों में से एक होने के साथ-साथ, कैटरीना को सबसे आकर्षक हस्तियों में से एक के रूप में मीडिया में उद्धृत किया जाता है। एक सफल मॉडलिंग कैरियर के बाद, 2003 में कैटरीना ने व्यावसायिक रूप से असफल फ़िल्म बूम में एक भूमिका के साथ अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। फलस्वरूप वह एक तेलुगू हिट फिल्म, रोमांटिक कॉमेडी मल्लीस्वारी में दिखाई दी। कैफ ने बाद में रोमांटिक कॉमेडी ''मैंने प्यार क्यूँ किया'' और नमस्ते लंदन के साथ बॉलीवुड में व्यावसायिक सफलता अर्जित की, जिनमें से बाद वाली के लिये उनके अभिनय की प्रशंसा हुई। इसके बाद उनकी कुछ और सफल फ़िल्में आईं जैसे ''पार्टनर'', ''वेलकम'', सिंह इज़ किंग। 2009 में आई फ़िल्म ''न्यू यॉर्क'' जिसके लिये उन्हें फिल्मफेयर में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार का नामांकन मिला, ने उनके करियर को नया मोड़ दिया। वह बाद में ''राजनीति'', ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा, मेरे ब्रदर की दुल्हन और एक था टाइगर जैसी हिट फिल्मों में और अधिक प्रमुख भूमिकाओं में दिखीं। वो धूम 3 में संक्षिप्त भूमिका में दिखीं जिसने भारतीय फ़िल्मों में सबसे ज़्यादा कमाई की थी। अपने अभिनय कौशल के लिए समीक्षकों से मिश्रित समीक्षाएँ प्राप्त करने के बावजूद, उन्होनें अपने आप को हिंदी फिल्मों में व्यावसायिक रूप से एक सफल अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया है। अभिनय के अलावा, कैटरीना स्टेज शो और अवार्ड कार्यक्रमों में भाग लेती हैं। वह विशेष रूप से अपने निजी जीवन के बारे में संरक्षित रहने के लिए जानी जाती हैं, जो व्यापक रूप से मीडिया जांच का विषय रहा हैं। .

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कैडिलैक

कैडिलैक (या, "ए ला फ़्रांसेज़") भव्य वाहनों का एक ब्रांड है जिसका स्वामित्व जनरल मोटर्स के पास है। मुख्य रूप से उत्तरी अमरीका के अलावा कैडिलैक वाहन 50 से अधिक देशों व प्रान्तों में बिकते हैं। बुइक के बाद कैडिलैक विश्व का दूसरा सबसे पुराना वाहन निर्माता होने के साथ साथ दुनिया के सबसे पुराने वाहन ब्रांडों में से भी एक है। यद्यपि यह किसी के चुनने के ढंग पर निर्भर करता है किन्तु कैडिलैक यकीनन बुइक से पुरानी है; चूंकि जीएम ने ओल्ड्समोबाइल को बंद कर दिया, इसलिए बुइक को सबसे पुराना वाहन निर्माता कंपनी होने का दर्ज़ा प्राप्त है। कैडिलैक की शुरुआत बीसवीं सदी के प्रारंभ में, 1912 में हुई। इसके संस्थापक, हेनरी लेलैंड, जो एक निपुण मिस्त्री तथा उद्यमी थे, ने इस कंपनी का नामकरण अपने पूर्वज एंटोइन डि ला मोथे कैडिलैक के नाम पर किया, जिनका जन्म का नाम एंटोइन लौमेट था और जो डेट्रॉयट के संस्थापक थे। इसे जनरल मोटर्स द्वारा 1909 में खरीद लिया गया और छह वर्षों के भीतर इसके सूक्ष्म पुर्जों के पूर्ण विनियमन के प्रदर्शन द्वारा तथा स्वयं को अमेरिका की प्रमुख भव्य कार के रूप में स्थापित कर के कैडिलैक ने वृहद् स्तर पर आधुनिक उत्पादन की नींव डाली। इस कम्पनी के शीर्ष पर पहुंचने के पीछे भी यही प्रेरणा थी जो डेट्रॉयट के संस्थापक द्वारा "बनाये" गए प्रतीक चिन्ह से शुरू हुई, जो उन्होंने 1687 में क्यूबेक में अपने विवाह के समय बनाया था (फ़्रांस में कोई पुराना "कैडिलैक परिवार" अथवा इसका पर्कीत चिन्ह नहीं है)। कैडिलैक ने वाहन निर्माण में कई सहायक सामग्रियों का प्रथम बार प्रयोग किया, जैसे सम्पूर्ण विद्युतीय प्रणालियां, क्लैशलेस मैन्युअल ट्रांसमिशन तथा स्टील की छत.

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कैथरीन (इग्लैंड की महारानी)

कैथरीन (27 अक्टूबर 1401 – 3 जनवरी 1437) सन् १४२० से १४२२ तक इंग्लैण्ड की रानी थी। वह फ्रांस के चार्ल्स षष्ट की पुत्री तथा इंग्लैण्ड के हेनरी पंचम की पत्नी थी। उसकी बड़ी बहन इसाबेला १३९६ से १३९९ तक इंग्लैण्ड की महारानी थी। हेनरी पंचम और कैथरीन के विवाह का दृष्य .

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कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा

कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा (25 नवंबर, 1638 - 31 दिसंबर, 1705), पुर्तगाली: Catarina Henriqueta de Bragança) पुर्तगाली राजकुमारी और इंग्लैण्ड के राजा चार्ल्स द्वितीय की रानी थी। इनका जन्म पुर्तगाल में विला विसोज़ा में हुआ था। इनके पिता जॉन चतुर्थ के राजा बनने पर हुआन होसे दे आस्ट्रिया, फ्रांस्वा दे वेन्दोम, लुई चौदहवें और चार्ल्स द्वितीय के साथ इनके विवाह की बात चली। पिरेनेज़ की संधि के बाद जब फ्रांस ने पुर्तगाल को छोड़ दिया तो इन्हें पुर्तगाल और इंग्लैण्ड के बीच सम्बन्ध स्थापित करने का साधन माना जाने लगा। 1660 में जब चार्ल्स द्वितीय को शासन की बागडोर फ़िर से मिली तो इन दोनों का विवाह तय कर दिया गया। इंग्लैण्ड आने पर दो विवाह समारोह हुए- पहला कैथोलिक तरीके से गुप्त रूप से और दूसरा 21 मई, 1661 को, एंग्लिकन तरीके से बहुत धूमधाम से। इनके दहेज में चार्ल्स को बम्बई और टैन्जियर बन्दरगाह मिले और चार्ल्स द्वितीय ने बंबई ईस्ट इंडिया कंपनी को वार्षिक किराए पर दे दिया। भाषा अवरोध, चार्ल्स की बेवफाई और कैथोलिकों और एंग्लिकनों के बीच हो रहे संघर्ष की वजह से शुरू में कैथरीन को बहुत कठिनाइयाँ आईं। कैथोलिक होने के कारण इनपर कई बार आरोप लगाए गए, जिनमें से चार्ल्स को जहर देने की साज़िश शामिल है। ये सभी आरोप बेबुनियाद साबित हुए और चार्ल्स ने खुद हर कदम पर कैथरीन का समर्थन किया। चार्ल्स की मृत्यु के बाद इनकी कठिनाइयाँ और बढ़ने लगीं और अंततः मार्च 1692 में ये पुर्तगाल लौट गईं। वहाँ रहते हुए उसने पुर्तगाल ओर इंग्लैंड के राजनीतिक संबंध दृढ़ करने का प्रयास किया। १७०४ ई. में जब उसके भाई पुर्तगाल नरेश पेडरो द्वितीय बीमार पड़े तो वह पुर्तगाल के शासन की संरक्षिका बनाई गई और उसके इस शासनकाल में पुर्तगाल को स्पेन के विरूद्ध अनेक सफलता मिली। ३१ दिसम्बर १७०५ को उसकी मृत्यु हुई। मरते समय उसने अपनी सारी अर्जित संपत्ति अपने भाई को वसीयत कर दी थी। लिस्बन, पुर्तगाल में कैथरीन की प्रतिमा कैथरीन बहुत बार गर्भवती हुईं लेकिन कभी जीवित उत्तराधिकारी को जन्म नही दे पाईं। कैथरीन ने इंग्लैण्ड में चाय पीने का रिवाज शुरु किया। कहा जाता है कि नये यार्क के क्वीन्स इलाके का नाम इनपर रखा गया, लेकिन इसके समर्थन में ऐतिहासिक स्रोत नहीं मिले हैं। ब्रागान्ज़ा, कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा, कैथरीन दे ब्रागान्ज़ा, कैथरीन दे.

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कैथरीन मैन्सफील्ड

कैथरीन मैन्सफील्ड (Katherine Mansfield) (१४ अक्टूबर, १८८८ - ९ जनवरी, १९२३) न्यूज़ीलैण्ड मूल की अत्यधिक ख्यातिप्राप्त आधुनिकतावादी अंग्रेजी कहानीकार थी। बैंकर पिता तथा अपेक्षाकृत संकीर्ण स्वभाव वाली माता की पुत्री कैथरीन नैसर्गिक रूप से ही स्वच्छंद स्वभाव वाली हुई। परंपरागत रूप से स्त्रियों का अनिश्चित भविष्य वाला जीवन उसमें आरंभ से ही विद्रोह का बीज-वपन करते रहा। अपने जीवन को अपेक्षित मोड़ न दे पाने के कारण उसका स्वभाव असंतुलित और जीवन अव्यवस्थित होते रहा। आरंभ में जीवन की कठोरताओं ने उसकी रचनाओं को भी कटुता तथा तीखे व्यंग्य से पूर्ण बनाया। काफी समय तक वह जीवन में उत्तमता एवं व्यवस्था के औचित्य को स्वीकार नहीं कर पायी। काफी बाद में चेखव के प्रभाव से उसने लेखन के साथ लेखक के जीवन में भी अच्छाई का महत्व समझा। कैथरीन आधुनिकतावादी कहानीकार थी तथा अपनी रचनाओं की भावात्मक शैली एवं प्रयुक्त प्रतीकात्मकता को यथासंभव यथार्थवादिता से किनारा नहीं करने देती थी। इसके साथ ही उसकी रचनाओं में आद्यन्त विद्यमान पठनीयता भी अतिरिक्त वैशिष्ट्य प्रदान करती है। .

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कैन

कैन (Cannes) फ्रांस के आल्प्ससमुद्रतटीय प्रदेश एवं पत्तन। यह नगर अपनी स्वास्थ्यकर तथा समशीतोष्ण जलवायु के लिये संसारप्रसिद्ध है और जाड़े की ऋतु का प्रमुख प्रवासकेंद्र (Resort Centre) है। यहाँ नारंगी, नीबू, जैतून, बादाम, अंगूर, पिस्ता आदि फलों की उपज होती है जिनके निर्यात एवं उद्योगों के लिए यह प्रसिद्ध हैं। फलों के अतिरिक्त निर्यात वस्तुओं में इत्र, सत (Essences) साबुन, तेल, मछलियां आदि प्रमुख हैं। .

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कैन्यनिंग

कैन्यनिंग (अमेरिका में कैन्यनियरिंग के रूप में ज्ञात) का अर्थ है घाटियों में विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए घूमना जिसमें अन्य आउटडोर गतिविधियां शामिल हो सकती हैं जैसे कि चलना, स्क्रैम्ब्लिंग (ढाल पर उतरना), चढ़ाई करना, कूदना, अब्सेलिंग (रस्सी के सहारे नीचे उतरना) और/अथवा तैरना.

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कैमरुन

कैमरुन मध्य और पश्चिम अफ्रीका में स्थित देश है, जिसके पश्चिम में नाइजीरिया, उत्तर-पूर्व में चाड, पूर्व में केंद्रीय अफ्रीकी गणराज्य और दक्षिण में ईक्वीटोरियल गिनी, गैबोन और कांगो स्थित है। देश की भौगोलिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विशेषताओं को देखते हुए इसे अफ्रीका इन मिनिएचेर (छोटा अफ्रीका) कहते हैं। यहां 200 से अधिक जनजातियां और भाषाई समूह निवास करते हैं। * कैमरुन.

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कैरल

अगिनकोर्ट (Agincourt) का करोल् (१५वीं शताब्दी) साधारणत:, मनुष्य या पक्षी के आह्लादमय गान को करोल या कैरल (Carol) कहते हैं। किन्तु आजकल विशेषत: क्रिसमस का धार्मिक गान ही करोल कहलाता है। .

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कैलाश वाजपेयी

कैलाश वाजपेयी (11 नवंबर 1936 - 01 अप्रैल, 2015) हिन्दी साहित्यकार थे। उनका जन्म हमीरपुर उत्तर-प्रदेश में हुआ। उनके कविता संग्रह ‘हवा में हस्ताक्षर’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था। .

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कैसर विल्हेम द्वितीय (जर्मनी)

विल्हेम द्वितीय या विलियम द्वितीय (जर्मन: Friedrich Wilhelm Viktor Albrecht von Preußen; अंगरेजी: Frederick William Victor Albert of Prussia; 27 जनवरी 1859 – 4 जून 1941) जर्मनी का अन्तिम सम्राट (कैसर) तथा प्रशा का राजा था जिसने जर्मन साम्राज्य एवं प्रशा पर १५ जून १८८८ से ९ नवम्बर १९१८ तक शासन किया। विलियम प्रथम की मृत्यु के उपरान्त उसका पुत्र फैड्रिक तृतीय जर्मनी के राजसिंहासन पर 9 मार्च 1888 ई. को आसीन हुआ। किन्तु केवल 100 दिन राज्य करने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु होने पर उसका पुत्र विलियम द्वितीय राज्य सिंहासन पर आसीन हुआ। वह एक नवयुवक था। उसमें अनेक गुणों और दुर्गुणों का सम्मिश्रण था। वह कुशाग्र बुद्धि, महत्वकांक्षी आत्मविश्वासी तथा असाधारण नवयुवक था। वह स्वार्थी और घमण्डी था तथा उसका विश्वास राजा के दैवी सिद्धांत में था। किसी अन्य व्यक्ति के नियंत्रण में रहना उसको असह्य था जिसके कारण कुछ ही दिनों के उपरांत उसकी अपने चांसलर बिस्मार्क से अनबन हो गई। परिस्थितियों से बाध्य होकर बिस्मार्क को त्याग-पत्र देना पड़ा। बिस्मार्क के पतन के उपरांत विलियम ने समस्त सत्ता को अपने हाथों में लिया और उसके मंत्री आज्ञाकारी सेवक बन गये और वह स्वयं का शासन का कर्णधार बना। .

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केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्र

केन्द्रीय व्यापार क्षेत्र किसी नगर का प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्र होता है और बहुत बार यह भौगोलिक रूप से भी नगर के मध्य भाग में होता है। इस परिभाषी-शब्द का उपयोग मुख्यतः अंग्रेज़ी भाषी देशों में किया जाता है, जहां यह इस बात को बतलाने के लिए प्रयुक्त होता है कि किसी नगर का सबसे प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्र कहां पर है या कौनसा है। अंग्रेज़ी में इसे सैण्ट्रल बिज़्निस डिस्ट्रिक्ट (सीबीडी) कहते है। हिन्दी में आमतौर पर नगर-केन्द्र या व्यवसायिक केन्द्र कह दिया जाता है। .

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केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची

केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्रों की सूची में विभिन्न देशों के विभिन्न नगरों के केन्द्रीय व्यवसायिक क्षेत्र दिए गए हैं। .

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केल्टी भाषाएँ

केल्टी भाषाएँ (अंग्रेज़ी: Celtic languages) या सेल्टी भाषाएँ, जिन्हें अंग्रेज़ी में केल्टिक या सेल्टिक कहा जाता है, हिन्द-यूरोपी भाषा परिवार की एक उपशाखा है जिसकी बोलियाँ यूरोप के पश्चिमोत्तरी छोर के कुछ हिस्सों में बोली जाती हैं। इनका विस्तार विषेश रूप से आयरलैंड, स्कॉटलैंड, वेल्ज़, मैन के द्वीप (आइल ऑफ़ मैन) और फ़्रान्स के ब्रिटनी क्षेत्र में है। यहाँ से बहुत से लोग दक्षिण अमेरिका के आरजेनटीना देश के कुछ भागों में भी जा बसे थे इसलिये कुछ हद तक केल्टी बोलियाँ वहाँ भी बोली जाती हैं।, George L. Campbell, pp.

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कॅरीबियाई सागर

कैरिबियाई सागर दोमिनिकी गणतंत्र के इस्ला साओना द्वीप का एक तटीय क्षेत्र कॅरीबियाई सागर (अंग्रेज़ी: Caribbean Sea) अंध महासागर के मध्य-पश्चिमी भाग से जुड़ा हुआ एक समुद्र है। यह उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में पश्चिमी गोलार्ध में आता है। इसके पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में मेक्सिको और मध्य अमेरिका हैं, उत्तर में बड़े ऐंटिलीस के द्वीप हैं और पूर्व में छोटे ऐंटिलीस के द्वीप हैं। इस सागर का कुल क्षेत्रफल २७,५४,००० वर्ग किमी है। इसका सबसे गहरा बिंदु केमन खाई (Cayman Trough) में पड़ता है और सतह से ७,६८६ मीटर नीचे है। .

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कॉमिक्स

कॉमिक्स (अंग्रेजी; Comics/शब्दार्थ; चित्रकथा) एक माध्यम है जहाँ विचारों को व्यक्त करने के लिए सामान्य पाठ्यक्रम के अपेक्षा चित्रों, एवं बहुधा शब्दों के मिश्रण तथा अन्य चित्रित सूचनाओं की सहायता से पढ़ा जाता है। काॅमिक्सों में निरंतर किसी भी विशिष्ट भंगिमाओं एवं दृश्यों को चित्रों के पैनल द्वारा जाहिर किया जाता रहा है। अक्सर शाब्दिक युक्तियों को स्पीच बैलुनों, अनुशीर्षकों (कैप्शन), एवं अर्थानुरणन जिनमें संवाद, वृतांत, ध्वनि प्रभाव एवं अन्य सूचनाओं को भी इनसे व्यक्त करते हैं। चित्रित पैनलों के आकार एवं उनकी व्यवस्थित संयोजन से कहानी को व्याख्यान करने से पढ़ना सरल हो जाता है। कार्टूनिंग एवं उनके ही अनुरूप किया गया इल्सट्रैशन द्वारा चित्र बनाना काॅमिक्स का सामान्यतः अनिवार्य अंग रहा है; फ्युमेटी एक विशेष फाॅर्म या शैली हैं जिनमें पहले से खिंची फोटोग्राफिक चित्रों का इस्तेमाल कर काॅमिक्स का रूप दिया जाता है। सामान्य फाॅर्मों में काॅमिक्स को हम काॅमिक्स स्ट्रिप (पट्टी या कतरनों), संपादकीय या गैग (झुठे) कार्टूनों तथा काॅमिक्स पुस्तकों द्वारा पढ़ा करते हैं। वहीं गत २०वीं शताब्दी तक, अपने सीमित संस्करणों जैसे ग्राफिक उपन्यासों, काॅमिक्स एलबम, और टैंकोबाॅन के रूप में इसने सामान्यतया काफी उन्नति पायी है और अब २१वीं सदी में ऑनलाइन वेबकाॅमिक्स के तौर पर भी काफी कामयाब साबित हुई है। काॅमिक्स इतिहास का विविध विकास भी सांस्कृतिक विविधता की देन है। बुद्धिजीवी मानते है कि इस तरह की शुरुआत हम प्रागैतिहासिक युग के लैस्काउक्स की गुफा चित्रों से अंदाजा लगा सकते हैं। वहीं २०वीं के मध्य तक, काॅमिक्स का विस्तार संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, पश्चिमी युरोपीय प्रांतों (विशेषकर फ्रांस एवं बेल्जियम), और जापान में खूब निखार आया। युरोपीय काॅमिक्स के इतिहास में गौर करें तो १८३० में रुडोल्फ टाॅप्फेर की बनाई कार्टून स्ट्रिप काफी लोकप्रिय थे, जो आगे चलकर उनकी बनाई द एडवेंचर ऑफ टिनटिन १९३० तक स्ट्रिप एवं पुस्तक के रूप काफी कामयाब रही थी। अमेरिकी काॅमिक्स ने सार्वजनिक माध्यम पाने के लिए २०वीं के पूर्व तक अखबारों के काॅमिक्स स्ट्रिप द्वारा पैठ जमाई; पत्रिका-शैली की काॅमिक्स पुस्तकें भी १९३० में प्रकाशित होने लगी, और १९३८ में सुपरमैन जैसे प्रख्यात किरदार के आगमन बाद सुपरहीरो पीढ़ी का एक नया दौर उदय हुआ। वहीं जापानी काॅमिक्स या कार्टूनिंग (मैंगा) का मूल इतिहास तो १२वीं शताब्दी के पूर्वाद्ध से भी पुराना है। जापान में आधुनिक काॅमिक्स स्ट्रिप का उदय २०वीं में ही हुआ, और काॅमिक्स पत्रिकाओं एवं पुस्तकों का भारी उत्पादन भी द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुआ जिसमें ओसामु तेज़ुका जैसे कार्टूनिस्टों को काफी शोहरत दिलाई। हालाँकि काॅमिक्स का इतिहास तब तक दोयम दर्जे के रूप में जाना जाता रहा था, लेकिन २०वीं सदी के अंत तक आते-आते जनता तथा शैक्षिक संस्थाओं ने जैसे इसे तहे दिल से स्वीकृति दे दी। वहीं "काॅमिक्स" अंग्रेजी परिभाषा में एकवचन संज्ञा के तौर पर देखा जाता है जब इसका तात्पर्य किसी मध्यम और बहुवचन को विशेष उदाहरणों व घटनाओं को, व्यक्तिगत स्ट्रिपों अथवा काॅमिक्स पुस्तकों के जरीए प्रस्तुत किया जाता है। यद्यपि अन्य परिभाषा इन हास्यकारक (या काॅमिक) जैसे कार्य पूर्व अमेरिकी अखबारों के काॅमिक्स स्ट्रिपों पर प्रबल रूप से प्रयोग होता था, पर जल्द इसने गैर-हास्य जैसे मापदंडों का भी निर्माण कर लिया। अंग्रेजी में सामान्य तौर पर काॅमिक्स के उल्लेख की तरह ही विभिन्न संस्कृतियों में भी उनकी मूल भाषाओं में उपयोग होता रहा है, जैसे जापानी काॅमिक्स को मैन्गा, एवं फ्रेंच भाषा की काॅमिक्सों को बैन्डिस डेसीनीस कहा जाता हैं। लेकिन अभी तक काॅमिक्स की सही परिभाषा को लेकर विचारकों तथा इतिहासकारों के मध्य आम सहमति नहीं बनी है; कुछेक अपने तर्क पर बल देते हैं कि यह चित्रों एवं शब्दों का संयोजन हैं, कुछ इसे अन्य चित्रों से संबंधित या क्रमबद्ध चित्रों की कहानी कहते है, और कुछ अन्य इतिहासकार स्वीकारते है यह किसी व्यापक पैमाने के पुनरुत्पादन की तरह है जिसमें किसी विशेष पात्र की निरंतर आवृति होती रहती है। विभिन्न काॅमिक्स संस्कृति एवं युग द्वारा बढ़ते इस मिश्रित-परागण से इसकी व्याख्या देना भी अब काफी जटिल हो चुका है। .

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कोड गीअस

, अक्सर बस कोड गीअस के रूप में ही संदर्भित किया जाने वाला, सनराइज़ निर्मित, गोरो तानिगुची द्वारा निर्देशित तथा इकिरो ओकोउंची लिखित, क्लैम्प द्वारा डिज़ाइन किए गए, चरित्रों (पात्रों) सहित, एक जापानी एनिमेशन सिरीज़ है। कोड गीअस पहली बार जापान में एमबीएस (MBS) पर 5 अक्टूबर 2006 से 28 जुलाई 2007 तक प्रदर्शित किया गया। इस सीरिज की अगली कड़ी एमबीएस (MBS) और टीबीएस (TBS) पर 6 अप्रैल 2008 से 28 सितम्बर 2008 तक प्रदर्शित की गई। दोनों ही सत्रों में इसने टोक्यो इंटरनैशनल एनिमे फेयर (Tokyo International Anime Fair), एनिमेज एनिमे ग्रैंडस प्रिक्स (Animage Anime Grand Prix) तथा एनिमेशन कोब कार्यक्रमों में कई पुरस्कार जीते। .

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कोत दिव्वार

कोत दिव्वार (Côte d'Ivoire), जिसका पुराना नाम आईवरी कोस्ट था, पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक देश है। यहाँ की सरकार देश के अंग्रेज़ी नाम आईवरी कोस्ट के प्रयोग को आधिकारिक रूप से हतोत्साहित कर फ़्रान्सीसी शब्द कोत दिव्वार के प्रयोग को महत्व देती है। 1985 में देश की सरकार ने देश का नाम आधिकारिक रूप से कोत दिव्वार कर दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि भविष्य मे देश को सभी भाषाओं में इसी नाम से जाना जाए। इसकी सीमाएं पश्चिम में लाईबेरिया एवं गिनी से, उत्तर में माली एवं बुर्किना फासो से, पूर्व में घाना से एवं दक्षिण में गिनी की खाडी़ से मिलती है। देश में लोकतंत्र है, लेकिन राष्ट्रपति के हाथों में अत्यधिक कार्यपालन शक्तियां निहित हैं। देश की राजधानी यामोसुकरो है और आधिकारिक भाषा फ्रांसीसी है। देश 19 क्षेत्रों और 58 विभागों में विभक्त है। कोत दिव्वार की अर्थव्यवस्था बाजारवाद पर आधारित है और कृषि पर अत्यधिक निर्भर है। .

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कोपनहेगन

कोपनहेगन (डैनिश: København), डेनमार्क की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है, जिसकी नगरीय जनसंख्या ११,६७,५६९ (२००९) और महानगरीय जनसंख्या १८,७५,१७९ (२००९) है। कोपेनहेगन जीलण्ड और अमागर द्वीपों पर बसा हुआ है। इस क्षेत्र के प्रथम लिखित दस्तावेज ११वीं सदी के हैं और कोपनहेगन १५वीं सदी के आरम्भ में और क्रिस्चियन चतुर्थ के शासनकाल में डेनमार्क की राजधानी बना। वर्ष २००० में ओरेसण्ड सेतु के पूरा होने के साथ ही कोपनहेगन ओरेसण्ड क्षेत्र का केन्द्र बन गया है। इस क्षेत्र में, कोपनहेगन और स्वीडन का माल्मो नगर मिलकर एक आम महानगरीय क्षेत्र बनने की प्रकिया में है। ५० किमी के अर्धव्यास में २७ लाख लोगों के साथ, कोपनहेगन उत्तरी यूरोप के सबसे सघन क्षेत्रों में से एक है। नॉर्डिक देशों में कोपनहेगन सर्वाधिक पधारा जाने वाला देश है जहाँ पर २००७ में १३ लाख विदेशी पर्यटक आए। कोपनहेगन को बारम्बार एक ऐसे नगर के रूप में पहचान मिली है जहाँ का जीवन स्तर विश्व में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। यह दुनिया के सबसे पर्यावरण-अनुकूल नगरों में से एक माना जाता है। भीतरी बन्दरगाह का पानी इतना साफ़ है की उसमें तैरा जा सकता है और प्रतिदिन ३६% निवासी साइकिल से काम पर जाते हैं, यानी की प्रतिदिन ११ लाख किमी की साइकिल यात्रा यहाँ की जाती है। यहाँ कोपेनहेगन विश्वविद्यालय, इंस्टिट्यूट फ़ॉर थियोरेटिकल फ़िजिक्स (१९२० ई.), रॉयल डैनिश जीओग्राफ़िकल सोसायटी (१८७६ ई.), अनेक शिक्षण एवं गवेषणा संस्थाएँ तथा तीन प्रमुख संग्रहालय हैं। यहाँ के रॉयल पुस्तकालय में लगभग १५,००,००० पुस्तकें हैं। नगर में अनेक प्रमोद वन, झीलें एवं भव्य भवन हैं जिनका निर्माण क्रिश्चियन चतुर्थ (१५८८-१६४८ ई.) तथा फ्रेंडरिक पंचम (१७४६-१७६६ ई.) के शासनकाल में हुआ था। .

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कोमोरोस

thumb कोमोरोस हिन्द महासागर में अफ़्रीका के पूर्वी छोर पर उत्तरी मैडागास्कर और उत्तर-पूर्व मोज़ाम्बिक के बीच स्थित एक द्वीपीय देश है। यह अफ़्रीका महाद्वीप में क्षेत्रफल की दृष्टि तीसरा सबसे छोटा और जनसंख्या की दृष्टि से छठा सबसे छोटा देश है लेकिन यहाँ जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है। अरब जगत से सम्बन्ध रखने वाले कोमोरोस देश का नाम अरबी भाषा के शब्द क्वामार (चान्द) से निकला है। चार बड़े और अन्य छोटे द्वीपों वाला यह देश पर्यावरण की विविधता के कारण दुनिया में अलग ही स्थान रखता है। .

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कोर्सिका

कोर्सिका (Corse; Corsican and Italian: Corsica) भूमध्य सागर में स्थित एक द्वीप है। यह फ्रान्स के १३ क्षेत्रों में से एक है। यह दक्षिणी फ्रांस से 105 मील और उत्तर-पश्चिमी इटली से 56 मील की दूरी पर स्थित है। इस द्वीप का दो तिहाई भाग एक ही पर्वत-शृंखला से निर्मित है। .

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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कोलोन

मध्य कोलोन का दृष्य कोलोन (जर्मन: Köln; अंग्रेजी उच्चारण: /kəˈloʊn/) बर्लिन, हैम्बर्ग और म्युनिख़ के बाद जर्मनी का चौथा सबसे बड़ा शहर है। कोलोन, राइन नदी के दोनों तरफ बसा हुआ है। शहर का मशहूर कोलोन कैथेड्रल, कोलोन के कैथोलिक आर्कबिशप का निवास है। कोलोन विश्वविद्यालय यूरोप के सबसे पुराने और बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है जिसमें लगभग 44,000 विद्यार्थी पढ़ते हैं। .

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कीट विज्ञान

कीट विज्ञान (ग्रीक ἔντομον, एटकोन "कीट" और -λογία, -logia से) प्राणी विज्ञान की एक शाखा है जिसमे कीड़ो का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। अतीत में, शब्द "कीट" अधिक अस्पष्ट था और ऐतिहासिक रूप से कीटविज्ञान की परिभाषा में आर्थ्रोपॉड, फ़िला और स्थलीय जीवों का अध्ययन जैसे कि एराचैड्स, मायरीपॉड, गांडव, भूमि घोंघे और स्लग भी इसमें शामिल थे। जंतु विज्ञान के अंतर्गत वर्गीकृत अन्य क्षेत्रों की तरह, कीट विज्ञान एक टैक्सोन-आधारित श्रेणी है; वैज्ञानिक अध्ययन के किसी भी रूप में,जिसमें कीट से संबंधित विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, परिभाषा के अनुसार, कीट विज्ञान - एंटोमोलॉजी है। इसलिए आणविक आनुवंशिकी, व्यवहार, बायोमैकेनिक्स, बायोकेमेस्ट्री, सिस्टमैटिक्स, फिजियोलॉजी, डेवलपमेंट बायोलॉजी, पारिस्थितिकी, इकोलॉजी (पारिस्थितिकी) और पेलीयंटोलोजी के रूप में विभिन्न विषयों का मिश्रण हैं। 1.3 मिलियन से ज्यादा जीव प्रजातियों में दो-तिहाई से अधिक तो कीट प्रजाति के प्राणी ही है और पृथ्वी पर मनुष्यों और जीवन के अन्य रूपों के साथ 400 मिलियन वर्ष पहले से संपर्क हैं। phasmid,एक पत्ता के आकार का कीट .

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अत्तिला

सिंहासन पर अत्तिला हूण अत्तिला (406-453) या अत्तिला हूण वर्ष 434 से अपनी मृत्यु तक हूणों का राजा था। यह हूण साम्राज्य का नेता था यह मूल रूप से भारत में आये स्वेत हूंणों का ही वंशज था जो मूल रूप से गुर्जर वंश के थे हूंणों के परिवार के सदस्य कंषान गुर्जर कुषान/ड के परिवार के थे। जर्मनी से यूराल नदी और डैन्यूब नदी से बाल्टिक सागर तक फैला हुआ था। अपने राजकाल में यह पश्चिमी और पूर्वी रोमन साम्राज्य का सबसे भयानक शत्रु था। इसे बाद के इतिहासकारों ने ' भगवान का कोड़ा' (Scourge of God.) कहा। इसने दो बार बाल्कन क्षेत्र पर हमला किया, गोल (आधुनिक फ्रांस) में यह ऑर्लेयाँ तक पहुँच गया, पर इसने इस्तानबुल या रोम पर कभी आक्रमण नहीं किया। लगभग सारे पश्चिमी यूरोप में इसे क्रूरता और लोभ के परम उदाहरण के रूप में याद किया जाता है, लेकिन कुछ ऐतिहासिक विवरणों और कहानियों में अटिला को महान सम्राट के रूप में दर्शाया गया है। नोर्स गाथाओं में अटिला की प्रमुख भूमिका है। अत्तिला के पिता का नाम मुंदजुक था। उसके जन्म से कुछ पहले ही कास्पियन सागर के उत्तरवर्ती प्रदेशों के हूण दानूब नदी की घाटों में जा बसे थे। अत्तिला के पिता का परिवार भी उन्हीं हूणों में से था। चाचा रुआस के मरने पर अपने भाई ब्लेदा के साथ अत्तिला दानूबतटीय हूणों का संयुक्त राजा बना। रुआस का शासनकाल हूणों के यूरोप में विशेष उत्कर्ष का था। उसने जर्मन और स्लाव जातियों पर आधिपत्य कर लिया था और उसका दबदबा कुछ ऐसा बढ़ा कि पूर्वी रोमन सम्राट उसे वार्षिक कर देने लगा। चाचा के ऐश्वर्य का अत्तिला ने प्रभूत प्रसार किया और आठ वर्षों में वह कास्पियन और बाल्टिक सागर के बीच के समूचे राज्यों का, राइन नदी तक, स्वामी बन गया। 450 ई. के पश्चात्‌ अत्तिला पूर्वी साम्राज्य को छोड़ पश्चिमी साम्राज्य की ओर बढ़ा। पश्चिमी साम्राज्य का सम्राट तब वालेंतीनियन तृतीय था। सम्राट की भगिनी जुस्ताग्राता होनोरिया ने अपने भाई के विरुद्ध सहायता के अर्थ अत्तिला को अपनी अँगूठी भेजी थी। इसे विवाह का प्रस्ताव मान हूणराज ने सम्राट से भगिनी के यौतुक में आधा राज्य माँगा और अपनी सेना लिए वह गाल को रौंदता, मेत्स को लूटता, ल्वार नदी के तट पर बसे और्लियाँ जा पहुँचा, पर रोमन सेना ने पश्चिमी गोथों और नगरवासियों की सहायता से हूणों को नगर का घेरा उठा लेने को मजबूर किया। फिर दो महीने बाद जून, 451 में इतिहास की सबसे भयंकर खूनी लड़ाइयों में से एक लड़ी गई, जब दोनों सेनाएँ सेन नदी के तट पर त्रॉय के निकट परस्पर मिलीं। भीषण युद्ध हुआ और जीवन में बस एक वार हारकर अत्तिला को भागना पड़ा। पर अत्तिला चुप बैठने वाला आदमी न था। अगले साल सेना लेकर शक्ति केंद्र स्वयं इटली पर उसने धावा बोल दिया और देखते-देखते उसका उत्तरी लोंबार्दी का प्रांत उजाड़ डाला। उखड़े, भागे हुए लोगों ने आर्द्रियातिक सागर पहुँच वहाँ के प्रसिद्ध नगर वेनिस की नींव डाली। सम्राट बालेंतीनियन ने भागकर रावेना में शरण ली। पर पोप लिओ प्रथम ने रोम की रक्षा के लिए मिंचिओ नदी के तीर पड़ाव डाले अत्तिला से प्रार्थना की। कुछ पोप के अनुनय से, कुछ हूणों के बीच प्लेग फूट पड़ने से अत्तिला ने इटली छोड़ देना स्वीकार किया। इटली से लौटकर उसने बर्गडों को राजकुमारी इल्दिको को ब्याह पर अपनी सुहागरात को ही वह रक्तचाप से मस्तिष्क की नली फट जाने के कारण पानीनिया में मर गया। अत्तिला ने पश्चिमी रोमन साम्राज्य की रीढ़ तोड़ दी। उसके और हूणों के नाम से यूरोपीय जनता थरथर काँपने लगी। हंगरी में बसकर तो उन्होंने उस देश को अपना नाम दिया हो, उनका शासन नार्वे और स्वीडेन तक चला। चीन के उत्तर-पूर्वी प्रांत कासू से उनका निकास हुआ था और वहाँ से यूरोप तक हूणों ने अपना खूनी आधिपत्य कायम किया। उन्हीं की धाराओं पर धाराओं ने दक्षिण बहकर भारत के गुप्त साम्राज्य को भी कमर तोड़ दी। .

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अधकपारी

अधकपारी या माइग्रेन एक जटिल विकार है जिसमें बार-बार मध्यम से गंभीर सिरदर्द होता है और अक्सर इसके साथ कई स्वैच्छिक तंत्रिका तंत्र से संबंधित लक्षण भी होते हैं। आमतौर पर सिरदर्द एक हिस्से को प्रभावित करता है और इसकी प्रकृति धुकधुकी जैसी होती है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बना रहता है। संबंधित लक्षणों में मितली, उल्टी, फोटोफोबिया (प्रकाश के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता), फोनोफोबिया (ध्वनि के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता) शामिल हैं और दर्द सामान्य तौर पर शारीरिक गतिविधियों से बढ़ता है। माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित एक तिहाई लोगों को ऑरा के माध्यम इसका पूर्वाभास हो जाता है, जो कि क्षणिक दृष्य, संवेदन, भाषा या मोटर (गति पैदा करने वाली नसें) अवरोध होता है और यह संकेत देता है कि शीघ्र ही सिरदर्द होने वाला है। माना जाता है कि माइग्रेन पर्यावरणीय और आनुवांशिकीय कारकों के मिश्रण से होते हैं। लगभग दो तिहाई मामले पारिवारिक ही होते हैं। अस्थिर हार्मोन स्तर भी एक भूमिका निभा सकते हैं: माइग्रेन यौवन पूर्व की उम्र वाली लड़कियों को लड़कों की अपेक्षा थोड़ा अधिक प्रभावित करता है लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को दो से तीन गुना अधिक प्रभावित करता है। आम तौर पर गर्भावस्था के दौरान माइग्रेन की प्रवृत्ति कम होती है।माइग्रेन की सटीक क्रियाविधि की जानकारी नहीं है। हलांकि इसको न्यूरोवेस्कुलर विकार माना जाता है। प्राथमिक सिद्धांत सेरेब्रल कॉर्टेक्स (प्रमस्तिष्कीय आवरण) की बढ़ी हुयी उत्तेजना तथा ब्रेनस्टेम(रीढ़ के पास का मस्तिष्क का हिस्सा) के ट्राइगेमिनल न्यूक्लियस (त्रिपृष्ठी नाभिक) में न्यूरॉन्स दर्द के असमान्य नियंत्रण से संबंधित है। आरंभिक अनुशंसित प्रबंधन में, सिरदर्द के लिये सामान्य दर्दनाशक दवाएं जैसे आइब्युप्रोफेन और एसिटामिनोफेन, मितली और शुरुआती समस्याओं के लिये मितलीरोधी दवायें दी जाती हैं। जहां पर सामान्य दर्दनाशक दवायें प्रभावी नहीं होती हैं वहां पर विशिष्ट एजेन्ट जैसे ट्रिप्टन्स या एरगोटामाइन्स का उपयोग किया जा सकता है। आयुर्वेद में इसे अर्धावभेदक कहा गया है। अर्धावभेदक का वर्णन आयुर्वेद शास्त्र के चरक संहिता में किया गया है जो कि इस प्रकार है - .

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अध्यक्षीय प्रणाली

अध्यक्षीय प्रणाली या राष्ट्रपति प्रणाली एक ऐसी गणतांत्रिक शासनप्रणाली होती है, जिसमें राजप्रमुख(सरकार प्रमुख) और राष्ट्रप्रमुख(रष्ट्राध्यक्ष) एक ही व्यक्ती होता है। अध्यक्षीय गणतंत्र का एक उदाहरण है अमेरिका और लगभग सभी लैटिन अमेरिकी देश, वहीं फ्रांस में एक मिश्रित संसदीय और अध्रक्षीय व्यवस्था है। .

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अधीन क्षेत्र

ट्रस्ट और गैर - स्व - शासी शासित प्रदेशों की संयुक्त राष्ट्र की सूची (सरकारी दस्तावेज़) एक अधीन क्षेत्र या निर्भर क्षेत्र या अधीनस्ततायें, वह क्षेत्र होता है जिसके पास एक राष्ट्र के रूप में पूर्ण राजनीतिक स्वतंत्रता या संप्रभुता नहीं होती.

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अनुभववाद

अनुभववाद (एंपिरिसिज्म) एक दार्शनिक सिद्धांत है जिसमें इंदियों को ज्ञान का माध्यम माना जाता है और जिसका मनोविज्ञान के संवेदनवाद (सेंसेशनलिज़्म) का विकास अनुभववाद में हुआ। इस वाद के अनुसार प्रत्यक्षीकरण संवेदनाओं और प्रतिमाओं का साहचर्य हैं। हॉब्स और लॉक की परंपरा के अनूभववादियों ने स्थापना की कि मन स्थिति जन्मजात न होकर अनुभवजन्य होती हैं। बर्कले ने प्रथम बार यह प्रमाणित करने का प्रयास किया कि मूलत: अनुभव में स्पर्श और दृश्य संस्कारों के साथ सहचरित हो जानेवाले पदार्थों की गति का प्रत्यक्ष आधारित रहता हैं। अनुभववाद के प्रमुख समथर्क हॉक, बर्कले, ह्मम तथा हार्टले हैं। फ्रांस मे कांडीलिक, लामेट्री और बीने, स्काटलैंड में रीड,डेविड ह्यूम और थामस ब्राउन तथा इंग्लैड में जेम्स मिल,जान स्टूअर्ट मिल एवं बेन का समर्थन इस वाद को मिला। सर चार्ल्स बुल, जोहनेस मिलर, हैलर, लॉट्ज और वुंट इत्यादि उन्नीसवीं शती के दैहिक मनोवैज्ञानिकों ने अनुभववाद को दैहिकी रूप प्रदान किया। अंतत: शरीरवेत्ताओं की दैहिकी व्याख्या और दार्शनिकों के संवेदनात्मक मनोविज्ञान का समन्वय हो गया। इस समन्वय का प्रतिनिधित्व ब्राउन, लॉट्ज, हेल्महोलत्ज तथा वुंट का अनुभववादी मनोविज्ञान करता है जिसमें सहजज्ञानवाद का स्पष्ट खंडन है। बीसवीं शताब्दी के मनोविज्ञान में प्राकृत बोधवाद तथा अनुभववाद की समस्याएँ नहीं है। प्राकृत बोधवाद की समस्या ने घटना-क्रिया-विज्ञान (फिनॉमिनॉलॉजी) एवं अनुभववाद मं व्यवहारवाद (बिहेवियरिज़्म) तथा संक्रियावाद (आपरेशनिज्म) का रूप ले लिया हैं। .

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अन्तरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र

अन्तरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र या आई॰सी॰बी॰एम एक सतह-से सतह पर मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र को कहते हैं। इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि ये लम्बी दूरी तक मार कर सकते हैं अर्थात एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक भी इनकी मारक-दूरी होती है। इन प्रक्षेपास्त्रों का उपयोग मुख्यतः नाभिकीय युद्ध की स्थिति में किया जाता है क्योंकि एक देश से दूसरे देश तक कम से कम समय में नाभिकीय अस्त्र ले जाने में इन प्रक्षेपास्त्रों को सबसे कम समय लगता है। इसलिए किसी भी नाभिकीय युद्ध की स्थिति में ये प्रक्षेपास्त्र सर्वाधिक क्षति कर सकते हैं। इस समय पाँचों नाभिकीय शक्ति सम्पन्न देशों (चीन, फ़्रान्स, ब्रिटेन, रूस और अमेरिका) के पास ये प्रक्षेपास्त्र हैं। भारत भी इस प्रकार के प्रक्षेपास्त्रों के विकास में लगा हुआ है। इसके अतिरिक्त यह माना जाता है कि इस्राइल, ईरान, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने भी ये प्रक्षेपास्त्र तैयार कर लिए हैं या इन्हें तैयार करने की क्षमता प्राप्त कर चुके हैं या तैयार करने पर विचार कर रहे हैं।। अन्तरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी के निचले वातावरण से आरम्भ होकर अपने मार्ग का अधिकान्श भाग ऊपरी वायुमण्डल में तय करता है जहाँ पर वायु घर्षण सबसे कम होता है। कम ईन्धन होने के कारण ये प्रक्षेपास्त्र मध्यम-दूरी के प्रक्षेपास्त्रों से अधिक दूरी तय करते है। मध्यम-दूरी के प्रक्षेपास्त्र निचले वायुमण्डल में ही मार्ग तय करते हुए जाते हैं। अन्तरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्र कहलाने के लिए कम से कम ५,५०० किमी की मारक-दूरी होनी चाहिए। .

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अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली

अन्तर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (संक्षेप में SI; फ्रेंच Le Système International d'unités का संक्षिप्त रूप), मीटरी पद्धति का आधुनिक रूप है। इसे सामान्य रूप में दशमलव एवं दस के गुणांकों में बनाया गया है। यह विज्ञान एवं वाणिज्य के क्षेत्र में विश्व की सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली प्रणाली है। पुरानी मेट्रिक प्रणाली में कई इकाइयों के समूह प्रयोग किए जाते थे। SI को 1960 में पुरानी मीटर-किलोग्राम-सैकण्ड यानी (MKS) प्रणाली से विकसित किया गया था, बजाय सेंटीमीटर-ग्राम-सैकण्ड प्रणाली की, जिसमें कई कठिनाइयाँ थीं। SI प्रणाली स्थिर नहीं रहती, वरन इसमें निरंतर विकास होते रहते हैं, परंतु इकाइयां अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के द्वारा ही बनाई और बदली जाती हैं। यह प्रणाली लगभग विश्वव्यापक स्तर पर लागू है और अधिकांश देश इसके अलावा अन्य इकाइयों की आधिकारिक परिभाषाएं भी नहीं समझते हैं। परंतु इसके अपवाद संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन हैं, जहाँ अभी भी गैर-SI इकाइयों उनकी पुरानी प्रणालियाँ लागू हैं।भारत मॆं यह प्रणाली 1 अप्रैल, 1957 मॆं लागू हुई। इसके साथ ही यहां नया पैसा भी लागू हुआ, जो कि स्वयं दशमलव प्रणाली पर आधारित था। इस प्रणाली में कई नई नामकरण की गई इकाइयाँ लागू हुई। इस प्रणाली में सात मूल इकाइयाँ (मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड, एम्पीयर, कैल्विन, मोल, कैन्डेला, कूलम्ब) और अन्य कई व्युत्पन्न इकाइयाँ हैं। कुछ वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एस आई प्रणाली के साथ अन्य इकाइयाँ भी प्रयोग में लाई जाती हैं। SI उपसर्गों के माध्यम से बहुत छोटी और बहुत बड़ी मात्राओं को व्यक्त करने में सरलता होती है। तीन राष्ट्रों ने आधिकारिक रूप से इस प्रणाली को अपनी पूर्ण या प्राथमिक मापन प्रणाली स्वीकार्य नहीं किया है। ये राष्ट्र हैं: लाइबेरिया, म्याँमार और संयुक्त राज्य अमरीका। .

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अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति

अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) (International Olympic Committee (IOC); Comité international olympique (CIO)) एक अन्तर्राष्ट्रीय समिति है जिसका मुख्यालय स्विट्जरलैण्ड के लॉज़ेन में स्थित है। इसकी स्थापना पियरे डे कोबेर्टिन ने 23 जून 1894 को कि थी तथा यूनानी व्यापारी देमित्रिस विकेलस इसके प्रथम अध्यक्ष बने थे। वर्तमान समय में विश्व की कुल 205 राष्ट्रीय ओलम्पिक समितिया (एनओसी) इसकी सदस्य हैं। .

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अन्तरिक्ष एवं प्रमुख आपदाओं का अन्तर्राष्ट्रीय चार्टर

अन्तरिक्ष एवं प्रमुख आपदाओं का अन्तर्राष्ट्रीय चार्टर एक ऐसा गैर-बाध्यकारी चार्टर है जो प्रमुख आपदाओं के समय राहत संगठनों को परोपकारी एवं मानवीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से अन्तरिक्ष उपग्रह आंकड़ें पहुंचाने का कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका शुभारंभ ऑस्ट्रिया के वियेना में जुलाई 1999 को आयोजित यूनिस्पेस-3 सम्मेलन के बाद यूरोपियन अन्तरिक्ष एजेन्सी तथा फ्रांस की अन्तरिक्ष एजेन्सी सीएनईएस ने किया था, औपचारिक रूप से नवंबर 01, 2000 में कैनेडियन अन्तरिक्ष एजेन्सी द्वारा अक्तूबर 20, 2000 में चार्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद यह प्रचालित हुआ। तब तक अन्तरिक्ष अनुसंधान की ओर इनके योगदान में ईआरएस, एवं एन्विसैट, स्पॉट तथा फॉर्मसैट एवं रडारसैट शामिल हैं। विभिन्न निजी, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष एजेन्सियों के वर्गीकृत उपग्रह मानवीय हितों के लिए काम करते हैं जो कि हांलाकि आकस्मिक हुआ करते हैं। सबसे पहले दिसंबर 2001 में उत्तर पूर्वी फ्रांस में बाढ़ के लिए इसे सक्रिया किया गया, तभी से चार्टर अन्तरिक्ष से जुड़ी सूचना संबंधी संग्रह का विविध भूकंपों, तेल के रिसाव, दावाग्नि, सुनामी, विशाल हिमपात, ज्वालामुखी प्रस्फुटन, तूफानों एवं भूस्खलन के लिए उपयोग करने में प्रमुख भूमिका निभाता है, तथा इसके बाद मलेशिया एयरलाइन फ्लाइट 370 की खोज में भी उपयोग किया गया।http://www.disasterscharter.org/web/charter/activation_details?p_r_p_1415474252_assetId.

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अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन

अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (अंग्रेजी:International Civil Aviation Organization; ICAO), संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है, जो कि अन्तर्राष्ट्रीय वायु नौवहन के सिद्धांत और तकनीकों को नियत करती है और अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात के विकास और योजना का पालन करती है, जिससे कि सुरक्षित और क्रमवार विकास सुनिश्चित हो सके। इसका मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल में क्वार्टियर इंटरनेशनल में स्थित है। यह संगठन मानक एवं अनुशंसित सिफारिशों (standards and recommended practices) का पालन करता है, जो वायु नौवहन के संबंध में अवैधानिक हस्तक्षेप की रोकथाम एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमा-पारण का प्रबंध कराता है। इसके अलावा ICAO वायु दुर्घटनाओं की जाँच के नयाचार भी सीमांकित करता है। ये उन सभी देशों में लागू होता एवं मान्य है, जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन सम्मेलन में हस्ताक्षर किए हैं। ICAO को अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात संघ (IATA) से अलग समझा जाना चाहिए। यह एक वायुसेवा (एयरलाइन) संचालकों का व्यापार संगठन है, संयोग से जिसका मुख्यालय भी मॉन्ट्रियल में ही स्थित है। ICAO logo.'''शीर्ष:''' ICAO लघु रूप अंग्रेज़ी में, फ्रेंच/स्पेनिश और रूसी.'''नीचे:''' ICAO लघुरूप चीनी एवं अरबी में .

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अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन के सदस्य राष्ट्र

अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन में राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन के सदस्यओं की सूची है। अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन का चिन्ह .

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अन्तर्राष्ट्रीय विद्युततकनीकी आयोग

अन्तर्राष्ट्रीय विद्युततकनीकी आयोग या (IEC) एक लाभ निरपेक्ष, गैर-सरकारी अन्तर्राष्ट्रीय मानक संगठन है। यह विद्युतीय, इलैक्ट्रानिकीय और संबंधित प्रौद्योगिकीयों – सामूहिक रूप से जिन्हें "विद्युतप्रौद्योगिकी" या "electrotechnology" कहते हैं, उनके लिये अन्तर्राष्ट्रीय मानक निर्मित एवं प्रकाशित करता है। IEC मानक प्रौद्योगिकियों की एक वृहत संख्या कवर करता है, जैसे कि ऊर्जा उत्पादन, प्रसारण और घरेलु उपकरणों, कार्यालयों, अर्ध-चालकों, फ़ाइबर-आप्टिक्स, बैटरियों, सौर-उर्जा, नैनोतकनीक और्मैरीन ऊर्जा, इत्यादि कई और भी.

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अन्जेल्स एंड डेमन्स (देवदूत और शैतान)

अन्ज्लेस एंड डेमोंस 2000सबसे ज्यादा बिकने वाला एक रहस्यमय रोमांचकारी उपन्यास है; जो अमेरिकी लेखक डैन ब्राउन द्वारा लिखा गया है और पॉकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह काल्पनिक हार्वर्ड यूंनिवेर्सिटी (विश्वविद्यालय) के सिम्बोलोजिस्ट रोबेर्ट लैंगडन की ilumi(illuminati) नामक गुप्त समाज के रहस्यों को उजागर करने और विनाशकारी इलुमिनटी एंटीमीटर का प्रयोग करके वेटिकन सिटी का विनाश करने वाली साजिश का पर्दाफाश करने की इच्छा के चारों और घूमता हैl यह उपन्यास विशेष रूप से धर्म और विज्ञान के बीच ऐतिहासिक संघर्ष को प्रकट करता हैl यह सघर्ष इलुमीनटी और रोमन कैथोलिक चर्च के बीच मे हैl यह उपन्यास राबर्ट लैंगडन (रोबेर्ट लैंगडन) नामक पात्र का परिचय देता हैl रॉबर्ट लैंगडन (Robert langdan) ब्राउन के बाद में आने वाले उपन्यास 2003 काविन्ची कोड और 2009 का उपन्यास लोस्ट सिम्बल के नायकभी हैl इसमें बहुत सारे शेलीगत तत्व हैं - जैसे गुप्त समाज की साजिशें, एक दिन की समय सीमा और केथोलिक चर्च प्राचीन इतिहास, वास्तुकला और प्रतीकों का भी भारी प्रयोग इस पुस्तक में हैंl एक फिल्म अनुकूलन 15 मई 2009 को जारी किया गया था; हालांकि यह दा विंची कोड (The Vinci Code) फिल्म की घटनाओं के बाद किया गया था;जो 2006 मैं दिखाई गयी थीl .

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अपस्मार

अपस्मार या मिर्गी (वैकल्पिक वर्तनी: मिरगी, अंग्रेजी: Epilepsy) एक तंत्रिकातंत्रीय विकार (न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर) है जिसमें रोगी को बार-बार दौरे पड़ते है। मस्तिष्क में किसी गड़बड़ी के कारण बार-बार दौरे पड़ने की समस्या हो जाती है।, हिन्दुस्तान लाइव, १८ नवम्बर २००९ दौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है। इसका प्रभाव शरीर के किसी एक हिस्से पर देखने को मिल सकता है, जैसे चेहरे, हाथ या पैर पर। इन दौरों में तरह-तरह के लक्षण होते हैं, जैसे कि बेहोशी आना, गिर पड़ना, हाथ-पांव में झटके आना। मिर्गी किसी एक बीमारी का नाम नहीं है। अनेक बीमारियों में मिर्गी जैसे दौरे आ सकते हैं। मिर्गी के सभी मरीज एक जैसे भी नहीं होते। किसी की बीमारी मध्यम होती है, किसी की तेज। यह एक आम बीमारी है जो लगभग सौ लोगों में से एक को होती है। इनमें से आधों के दौरे रूके होते हैं और शेष आधों में दौरे आते हैं, उपचार जारी रहता है। अधिकतर लोगों में भ्रम होता है कि ये रोग आनुवांशिक होता है पर सिर्फ एक प्रतिशत लोगों में ही ये रोग आनुवांशिक होता है। विश्व में पाँच करोड़ लोग और भारत में लगभग एक करोड़ लोग मिर्गी के रोगी हैं। विश्व की कुल जनसँख्या के ८-१० प्रतिशत लोगों को अपने जीवनकाल में एक बार इसका दौरा पड़ने की संभावना रहती है।, वेब दुनिया, डॉ॰ वोनोद गुप्ता। १७ नवम्बर को विश्व भर में विश्व मिरगी दिवस का आयोजन होता है। इस दिन तरह-तरह के जागरुकता अभियान और उपचार कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।।। द टाइम्स ऑफ इंडिया।, याहू जागरण, १७ नवम्बर २००९ .

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अफ्रीका का विभाजन

स्वतन्त्र सन १८८१ और १९१४ के बीच यूरोपीय शक्तियों द्वारा अफ्रीकी भूभाग पर आक्रमण करके उस पर अधिकार, उपनिवेशीकरण, और उस भूभाग को हड़प लेने को अफ्रीका का विभाजन (Partition of Africa) कहते हैं। इसको अफ्रीका के लिये हाथापाई (Scramble for Africa) और अफ्रीका पर विजय (Conquest of Africa) भी कहते हैं। इस समयावधि को 'नव उपनिवेशवाद काल' कहते हैं। सन १८७० में अफ्रीका के केवल १० प्रतिशत भूभाग पर यूरोपीय शक्तियों का अधिकार था किन्तु १९१४ तक उसके ९० प्रतिशत भूभाग पर यूरोप का अधिकार हो गया था। इस समय केवल अबीसिनिया (इथियोपिया) और लाइबेरिया ही स्वतन्त्र बचे थे। सन १८८४ में सम्पन्न हुए बर्लिन सम्मेलन को प्रायः अफ्रीका के विभाजन का आरम्भिक बिन्दु माना जाता है। १९ शताब्दी के अन्तिम भाग में यूरोपीय साम्राज्यों के बीच जबरदस्त राजनीतिक एवं आर्थिक स्पर्धा होने के बावजूद अफ्रीका को शान्तिपूर्ण ढंग से बाँट लिया और इस बंटवारे ने उन्हें आपस में युद्धरत होने से भी बचा लिया। अफ्रीका का विभाजन यूरोप के इतिहास की एक अत्यंत रोमांचक घटना मानी गयी है। विभाजन के महत्वपूर्ण कार्य को अत्यंत शीघ्रता से संपादित किया गया। यद्यपि विभाजनकर्ता विभिन्न राष्ट्रों में आपस में अनेक मतान्तर थे किन्तु फिर भी बिना कोई युद्ध लड़े इस कार्य को शांतिपूर्ण ढंग से पूर्ण कर लिया गया। .

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अबुल कलाम आज़ाद

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन (11 नवंबर, 1888 - 22 फरवरी, 1958) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के वाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच काग्रेंस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के वाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। वे धारासन सत्याग्रह के अहम इन्कलाबी (क्रांतिकारी) थे। वे 1940-45 के बीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जिस दौरान भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था। कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की तरह उन्हें भी तीन साल जेल में बिताने पड़े थे। स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना में उनके सबसे अविस्मरणीय कार्यों में से एक था। .

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अब्राहम इब्न एजरा

अब्राहम इब्न एजरा हिब्रू: אברהם אבן עזרא or ראב"ע, अरबी: अबेनेज्रा; 1089 – 1164) अपने समय का प्रसिद्ध यहूदी कवि और विद्वान् था। उसका पूरा नाम अब्राहम बिनमेअर इब्न एजरा था। वह तोलेदो (स्पेन) में पैदा हुआ था। अपनी जन्मभूमि में यथेष्ट कीर्ति उपार्जित कर सन् ११४० में वह भ्रमण के लिए निकला। सबसे पहले वह उत्तरी अफ्रीका के देशों में गया। कुछ वर्षों तक वहाँ ठहरने के पश्चात् वह इटली, फ्रांस और इंग्लैड भी गया। लगभग २५ वर्ष तक विदेशों में रहकर उसने अपनी विद्वता की कीर्तिध्वजाएँ फहराई। वह उच्च कोटि का विचारक ओर जनप्रिय कवि था। आधुनिक इब्रानी व्याकरण के जनक हय्यूज की पुस्तकों का उसने अरबी से इब्रानी भाषा में अनुवाद किया और स्वयं उनपर टीकाएँ लिखीं। अबेनेज्रा की रचनाओं में दर्शन, गाणित, ज्योतिष आदि विषयों के ग्रंथ हैं। किंतु उसकी प्रसिद्धि का मुख्य कारण यहूदी धर्मग्रंथों पर लिखी उसकी टीकाएँ हैं। पुराने अहदनामें के प्रमुख यहूदी पैगंबरी की पुस्तकों पर अबेनेज्रा के भाष्य बड़े चाव से पढ़े जाते हैं। .

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अमरावती, आन्ध्र प्रदेश

अमरावती: आन्ध्र प्रदेश की प्रस्तवित राजधानी का नाम है। यह कृष्णा नदी के दक्षिणी तट पर निर्मित किया जाएगा। "अमरावती" शब्द को अमरावती मंदिर के ऐतिहासिक शहर, जो की सतवाहन राजवंश के तेलगु राजाओं की प्राचीन राजधानी थी, से लिया गया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उदंडरायणपालम इलाके में 22 अक्टूबर 2015 को नींव का पत्थर रखा था। गुंटूर और विजयवाड़ा का महानगरीय क्षेत्र मिला कर अमरावती महानगर क्षेत्र का निर्माण किया जायेगा। यह एक नव नियोजित शहर है जो गुंटूर जिले में स्थित प्राचीन अमरावती शहर से इसका नाम प्राप्त करता है। अमरावती पड़ोसी विजयवाड़ा, गुंटूर और तेनाली के साथ अमरावती महानगरीय क्षेत्र, अर्थात् आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र, जो 2011 की जनगणना के अनुसार 5.8 मिलियन की आबादी वाला आंध्र प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा आबादी वाला क्षेत्र है, और एपीसीआरडीए द्वारा शासित है। अमरावती की राजधानी शहर थुलुर मंडल में एक नया शहर है और ऐतिहासिक बौद्ध शहर अमरवथी से अलग है। अमरावती क्षेत्र एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और प्राचीन इतिहास से कई साम्राज्यों पर शासन किया गया है। अमरावती सातवाहन राजाओं और वासरेड्डी वेंकटदाद्री नायडू के लिए राजधानी शहर थीं। .

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अमेरिकी युद्ध स्मारक

अमेरिकी युद्ध स्मारक (American War Memorial), अधिक औपचारिक रूप से नेवल मौन्युमेन्ट ऐट जिब्राल्टर (Naval Monument at Gibraltar, हिन्दी: जिब्राल्टर में नौसेना स्मारक), ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर की लाइन वॉल सड़क पर स्थित एक युद्ध स्मारक है। प्रथम विश्व युद्ध स्मारक अमेरिकन बैटल मौन्युमेन्ट्स कमीशन (अमेरिकी युद्ध स्मारक आयोग) के लिए वर्ष 1933 में बनाया गया था तथा इसके फैलाव में शहर की प्रमुख दीवार लाइन वॉल कर्टेन का एक हिस्सा भी आता है। इसका निर्माण महान लड़ाई के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की नौसेनाओं के जिब्राल्टर के समीप बनाए गए सफ़ल गठबंधन के स्मरण के लिए किया गया था। स्मारक का उद्घाटन 1937 में हुआ था। इकसठ वर्ष पश्चात, नवम्बर 1998 में स्मारक एक और अनावरण समारोह का स्थान था जिसमें मित्रपक्ष राष्ट्रों के उत्तरी अफ़्रीका पर किए गए आक्रमण (ऑपरेशन टॉर्च) के स्मरण में यहाँ एक कांस्य पट्टिका स्थापित की गई थी। यह अनावरण समारोह उस सप्ताह के अंत के अंत में हुए विभिन्न आयोजनों में से एक था जिनके अतिथियों में यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। .

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अमेरिकी क्रन्तिकारी युद्ध

अमेरिकी क्रन्तिकारी युद्ध (17751783), जिसे संयुक्त राज्य में अमेरिकी स्वतन्त्रता युद्ध या क्रन्तिकारी युद्ध भी कहा जाता है, ग्रेट ब्रिटेन और उसके तेरह उत्तर अमेरिकी उपनिवेशों के बीच एक सैन्य संघर्ष था, जिससे वे उपनिवेश स्वतन्त्र संयुक्त राज्य अमेरिका बने। शुरूआती लड़ाई उत्तर अमेरिकी महाद्वीप पर हुई। सप्तवर्षीय युद्ध में पराजय के बाद, बदले के लिए आतुर फ़्रान्स ने 1778 में इस नए राष्ट्र से एक सन्धि की, जो अंततः विजय के लिए निर्णायक साबित हुई। अमेरिका के स्वतंत्रता युद्ध ने यूरोपीय उपनिवेशवाद के इतिहास में एक नया मोड़ ला दिया। उसने अफ्रीका, एशिया एवं लैटिन अमेरिका के राज्यों की भावी स्वतंत्रता के लिए एक पद्धति तैयार कर दी। इस प्रकार अमेरिका के युद्ध का परिणाम केवल इतना ही नहीं हुआ कि 13 उपनिवेश मातृदेश ब्रिटेन से अलग हो गए बल्कि वे उपनिवेश एक तरह से नए राजनीतिक विचारों तथा संस्थाओं की प्रयोगशाला बन गए। पहली बार 16वीं 17वीं शताब्दी के यूरोपीय उपनिवेशवाद और वाणिज्यवाद को चुनौती देकर विजय प्राप्त की। अमेेरिकी उपनिवेशों का इंग्लैंड के आधिपत्य से मुक्ति के लिए संघर्ष, इतिहास के अन्य संघर्षों से भिन्न था। यह संघर्ष न तो गरीबी से उत्पन्न असंतोष का परिणाम था और न यहां कि जनता सामंतवादी व्यवस्था से पीडि़त थी। अमेरिकी उपनिवेशों ने अपनी स्वच्छंदता और व्यवहार में स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए इंग्लैंड सरकार की कठोर औपनिवेशिक नीति के विरूद्ध संघर्ष किया था। अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। .

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अमेरिकीकरण

चीन के एक सुपरमार्केट में कोका कोला संयुक्त राज्य अमेरिका से इतर देशों में अमेरिकीकरण (Americanization) का मतलब अमेरिकी संस्कृति का अन्य देशों की संस्कृति पर प्रभाव से है। यह शब्द कम से कम १९०७ से प्रयोग किया जा रहा है। 'अमेरिकीकरण' के विचार का प्रचलित अर्थ अमेरिकी मीडिया कम्पनियों के विश्व-प्रभुत्व की आलोचना की देन है। मोटे तौर पर इसे संस्कृति-उद्योग और सांस्कृतिक साम्राज्यवाद के पर्याय की तरह भी देखा जाता है। लेकिन ऐसे भी कुछ पहलू हैं जो अमेरिकीकरण को इन दोनों से अलग करते हैं। इनमें प्रमुख है अमेरिकीकरण की अभिव्यक्ति का युरोपीय संस्कृतियों द्वारा प्रयोग। पश्चिमी युरोप के अमीर देश वैसे तो राजनीति, अर्थनीति और समरनीति में अमेरिका के अभिन्न सहयोगी हैं, पर संस्कृति के संदर्भ में वे इसके द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका की संस्कृति के प्रसारवादी चरित्र पर आपत्ति करते हैं। इस दृष्टि से अमेरिकीकरण पूँजीवादी सांस्कृतिक शिविर के अंतर्विरोधों का परिचायक भी है। फ़्रांस, जर्मनी और इटली जैसे जी-सात देशों की मान्यता है कि टेलिविज़न कार्यक्रमों, हॉलीवुड की फ़िल्मों, पॉप म्यूज़िक और खान-पान के माध्यम से अमेरिकी विचारधारा, जीवन-शैली और प्रवृत्तियाँ उनके अपने सांस्कृतिक मूल्यों और परम्पराओं को पृष्ठभूमि में धकेले दे रही हैं। उदाहरण के लिये इटली के आलोचक यह देख कर चिंतित हैं कि उनकी जनता पास्ता की जगह हैमबर्गर तथा ऑपेरा की जगह माइकल जैक्सन सरीखी संगीत-नृत्य परम्परा को उत्तरोत्तर अपनाती जा रही है। इसी तरह अपनी भाषा को सबसे श्रेष्ठ मानने की खुराक पर पले फ़्रांसीसियों और जर्मनों को यह देखकर सांस्कृतिक डर सताने लगे हैं कि अमेरिकी रुतबे के कारण अंग्रेजी का बौद्धिक और सांस्कृतिक प्रभाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिकीकरण का यही अर्थ धीरे-धीरे एशियाई संस्कृतियों के पैरोकारों द्वारा भी भूमण्डलीकरण की आलोचना के एक अहम मुहावरे की तरह अपनाया जाने लगा है। भूमण्डलीकरण के आलोचकों के बीच 'कोकाकोलाइज़ेशन' या 'मैकडनलाइज़ेशन' जैसे मुहावरों का अक्सर इस्तेमाल होता है। अमेरिकी संस्कृति के संक्रामक चरित्र के प्रति भय भूमण्डलीकरण की विश्वव्यापी प्रक्रिया शुरू होने के काफी पहले से व्यक्त किये जा रहे हैं। मजदूर वर्ग की संस्कृति के दृष्टिकोण से ब्रिटिश समाजशास्त्री और 'बरमिंघम सेंटर फ़ॉर द कल्चरल स्टडीज़' के संस्थापक रिचर्ड होगार्ट की 1957 में प्रकाशित रचना 'द यूज़िज़ ऑफ़ लिटरेसी' ने अमेरिकीकरण की विस्तृत आलोचना पेश की थी। होगार्ट ने अमेरिकी और ब्रिटिश लोकप्रिय उपन्यासों की तुलना करते हुए आरोप लगाया था कि अमेरिकी उपन्यासों में सेक्स और हिंसा का संदर्भच्युत इस्तेमाल किया जाता है। पचास के दशक के ब्रिटिश ‘मिल्क बारों’ के विश्लेषण के ज़रिये होगार्ट ने अंग्रेज युवकों पर अमेरिका के असर की शिनाख्त करते हुए दिखाया कि उनके बीच अमेरिकी शैली में ‘मॉडर्न’ और ‘कूल’ होना किस तरह तरह प्रचलित होता चला गया। होगार्ट को इस बात में कोई संदेह नहीं था कि अमेरिका से आ रही ये सांस्कृतिक हवाएँ ‘जीवन-विरोधी’ हैं। यह एक रोचक तथ्य है कि अमेरिकीकरण की जिस प्रक्रिया पर युरोपीय देश आज आपत्ति कर रहे हैं, उसने अपना आधार द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद और शीत युद्ध के दौरान प्राप्त किया था। एक तरह से यह अमेरिकीकरण विश्वयुद्ध से जर्जर हो चुके युरोप की आवश्यकता था। यही वह दौर था जब अमेरिकी बिजनेस मॉडल ने युरो के स्थानीय व्यापारिक प्रारूपों को अपनी सफलता के कारण पीछे धकेल दिया। व्यवसाय प्रबंधन के लिए एमबीए की डिग्री मुख्यतःपहले केवल अमेरिका में दी जाती थी, लेकिन आज यह डिग्री युरोप समेत दुनिया भर में कुशल व्यवसाय-प्रबंधन का पर्याय मानी जाती है। अमेरिका द्वारा प्रवर्तित ‘दक्षता आंदोलन’ युरोपीय देशों की आर्थिक और बौद्धिक संस्कृति (जिसमें उद्योगपति, सामाजिक जनवादी, इंजीनियर, वास्तुशिल्पी, शिक्षाविद्, अकादमीशियन, मध्यवर्ग, नारीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं) द्वारा कम से कम साठ-सत्तर साल पहले ही आत्मसात कर लिया गया था। इस आंदोलन के तहत हुए सुसंगतीकरण के दौरान युरोप में न केवल मशीनों और कारख़ानों के माध्यम से बढ़ी हुई उत्पादकता हासिल की गयी, बल्कि इससे मध्यवर्गीय और श्रमिकवर्गीय जनता के जीवन-स्तर में भी काफ़ी सुधार आया। इस आंदोलन को जर्मनी में नाज़ियों और युरोप के अन्य हिस्सों में कम्युनिस्टों द्वारा आक्रमण का निशाना बनाया गया, लेकिन उसकी सामाजिक स्वीकृति एक असंदिग्ध तथ्य बन चुकी है। अमेरिका से व्यापारिक संस्कृति का प्रवाह किस तरह एकतरफ़ा रहा है, यह निवेश के आँकड़ों से स्पष्ट हो सकता है। 1950 से 1965 के बीच युरोप में अमेरिकी निवेश आठ सौ प्रतिशत बढ़ा, जबकि इसी दौरान युरोप का अमेरिका में निवेश केवल 15 से 28 फ़ीसदी तक ही बढ़ सका। अमेरिकी निवेश में हुई ज़बरदस्त वृद्धि के पीछे अमेरिकी प्रौद्योगिकीय श्रेष्ठता की भूमिका भी रही है। शीत-युद्ध की समाप्ति के बाद अब पश्चिमी युरोप को सोवियत खेमे की तरफ से किसी प्रकार का सैनिक खतरा नहीं रह गया है। अर्थात् अपने रक्षक के रूप में अब उसे अमेरिका की जरूरत पहले की तरह नहीं है। युरोपीय संघ की रचना भी हो चुकी है, और युरोप एकीकृत आर्थिक संरचना के रूप में अमेरिका से होड़ कर रहा है। इस नयी स्थिति के परिणामस्वरूप आज अमेरिकी निवेश, अमेरिकी विज्ञापनों, व्यापारिक तौर-तरीकों, कर्मचारी संबंधी नीतियों और अमेरिकी कम्पनियों द्वारा अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल पर आपत्तियाँ होने लगी हैं। इसकी शुुरुआत फ़्रांस से हुई थी जिसका प्रसार अब सारे गैर-अंग्रेजी भाषी युरोप में हो चुका है। युरोपीय आलोचकों को यह देख-सुन कर काफी उलझन होती है कि अमेरिका ख़ुद को युरोपीय समाजों के राजनीतिक अभिजनवाद के मुकाबले कहीं अधिक लोकतांत्रिक, वर्गेतर और आधुनिक संस्कृति के रूप में पेश करता है। इसके जवाब में इन आलोचकों का दावा है कि अमेरिकी प्रभाव राजनीतिक और सांस्कृतिक दायरों में युरोपीय समाजों की अभिरुचियों को भ्रष्ट कर रहा है। लेकिन, अमेरिकीकरण का मतलब हमेशा से ही नकारात्मक नहीं था। इसके सकारात्मक पहलुओं की पहचान बीसवीं सदी के पहले दशक से की जा सकती है। 1907 से ही अमेरिका के भीतर इसका हवाला दुनिया की दूसरी संस्कृतियों से वहाँ रहने आये समुदायों द्वारा अमेरिकी रीति-रिवाज़ों और प्रवृत्तियों को अपनाने की प्रक्रिया के रूप में दिया जाता रहा है। इस सिलसिले को ‘मेल्टिंग पॉट’ (melting pot) की परिघटना के तौर पर भी देखा जाता है। 1893 में इतिहासकार फ़्रेड्रिक जैक्सन टर्नर ने एक लेख के द्वारा पहली बार इस अवधारणा का प्रयोग यह दिखाने के लिए किया कि अमेरिकी संस्कृति और अन्य संस्थाएँ केवल एंग्लो-सेक्सन लोगों की देन नहीं हैं। उन्हें रचने में युरोप से अमेरिका में बसने आयी तरह-तरह की संस्कृतियों का योगदान है। इसके बाद धीरे-धीरे मेल्टिंग पॉट का मुहावरा सांस्कृतिक आत्मसातीकरण के पर्याय के तौर पर लोकप्रिय होता चला गया। यहाँ यह उल्लेख करना आवश्यक है कि बौद्धिक क्षेत्रों में भी अमेरिकी संस्कृति के प्रभावों को सभी पक्षों द्वारा नकारात्मक दृष्टि से नहीं देखा जाता। संस्कृति-अध्ययन के क्षेत्र में सक्रिय कुछ विद्वानों का मत है कि बाजारू संस्कृति को नीची निगाह से देखने के बजाय साधारण जनों द्वारा उसे आत्मसात करने के यथार्थ की सकारात्मक समीक्षा की जानी चाहिए। इनका दावा है कि अमेरिकी सांस्कृतिक उत्पादों से जन-मानस की मुठभेड़ एकांगी नहीं बल्कि विभेदीकृत और विविधतामूलक है। हेबडिगी ने अपनी 1979 में प्रकाशित रचना में दिखाया है कि किस प्रकार ब्रिटिश श्रमिकवर्गीय युवकों ने अमेरिकी फ़ैशन और म्यूजिक की मदद से अपनी अपेक्षाकृत शक्तिहीन और अधीनस्थ वर्गीय हैसियत में प्रतिरोध का समावेश किया है। अमेरिका ब्रिटिश युवकों के लिए एक आधुनिक, उन्मुक्त और रोमानी संस्कृति का आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है। संस्कृति-अध्ययन से निकले इस तरह के विद्वानों ने ‘डलास’ और ‘डायनेस्टी’ जैसे अमेरिकी टीवी सीरियलों का विश्लेषण करके पाया कि उन्हें देखते हुए लोग जिन निष्कर्षों पर पहुँचते हैं, उन पर स्थानीय परिवेश का गहरा असर होता है। उदाहरणार्थ, ‘डलास’ देखने वाला अरब दर्शक उसे पश्चिमी पतनशीलता के उदाहरण के रूप में ग्रहण करता है, जबकि एक रूसी यहूदी उसे पूँजीवाद की आत्मालोचना मान कर चलता है। इन विद्वानों के अनुसार अमेरिका को एक प्रभुत्वशाली शक्ति मानने का मतलब यह नहीं है कि उसे दुनिया की सांस्कृतिक अस्मिता के ऊपर अपना अंतिम निर्णय थोपने वाली ताकत भी मान लिया जाए। ये लोग सांस्कृतिक प्रवाहों को एकतरफा नहीं मानते, बल्कि अमेरिकी हवाओं के मुकाबले भारत के बॉलीवुडीय मनोरंजन, लातीनी अमेरिका के ‘टेलिनॉवेल’ और जापानी टीवी उत्पादों का जिक्र करते हैं। इन विद्वानों ने यह तर्क भी दिया है कि सेटेलाइट लाइसेंसों के सस्ती दर पर उपलब्ध होने से टीवी कार्यक्रम बनाने की अंतर्निहित राजनीति में काफी विविधता आयी है। पहले खाड़ी युद्ध के समय मीडिया जगत में ‘गल्फ़ वार टीवी प्रोजेक्ट’ ने सफलतापूर्वक युद्धविरोधी झंडा बुलंद किया था। .

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अराजकतावाद

अराजकतावाद (Anarchism) एक राजनीतिक दर्शन है, जो स्वैच्छिक संस्थानों पर आधारित स्वाभिशासित समाजों की वक़ालत करता है। इनका वर्णन अक्सर राज्यहीन समाजों के रूप में होता है, यद्यपि कई लेखकों ने इन्हें अधिक विशिष्टतापूर्वक अपदानुक्रमिक मुक्त संघों पर आधारित संस्थानों के रूप में परिभाषित किया हैं। अराजकतावाद के मतानुसार राज्य अवांछनीय, अनावश्यक और हानिकारक है निम्न स्रोत अराजकतावाद को एक राजनीतिक दर्शन के रूप में सन्दर्भित करते हैं: Slevin, Carl.

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अरविन्द गौड़

अरविन्द गौड़, भारतीय रंगमंच निदेशक, सामाजिक और राजनीतिक प्रासंगिक रंगमंच में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। अरविंद गौड़ के नाटक समकालीन हैं। व्यापक सामाजिक राजनीतिक मुद्दों - सांप्रदायिकता, जातिवाद, सामंतवाद, घरेलू हिंसा, राज्य के अपराध, सत्ता की राजनीति, हिंसा, अन्याय, सामाजिक- भेदभाव और नस्लवाद उनके रंगमंच के प्रमुख विषय हैं। गौड़ एक अभिनेता प्रशिक्षक (ट्रेनर), सामाजिक कार्यकर्ता और एक अच्छे कथा -वाचक (स्टोरी टेलर) हैं। अरविन्द गौड़ ने भारत और विदेश के प्रमुख नाट्य महोत्सवो मैं भाग लिया है। ऊन्होने नाटक कार्यशालाओं का विभिन्न कॉलेजों, संस्थानों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों में आयोजन किया है। वह बच्चों के लिए भी नाटक (थिएटर) कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं। अरविन्द ने विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक मुद्दों पर नुक्कड़ नाटकॉ के साथ- साथ दो दशकों में 60 से अधिक मंच नाटकों का निर्देशन किया है। अरविन्द गौड़ ने विदेशों में अमेरिका, रुस, फ्रांस, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, एडिनबर्ग फेस्टिवल (ब्रिटेन), आर्मेनिया और संयुक्त अरब इमारात (यू ए ई) के साथ नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) महोत्सव (भारत रंग महोत्सव),संगीत नाटक अकादमी, साहित्य कला परिषद, दर्पणा अकादमी ऑफ आर्टस् (अहमदाबाद), नान्दिकार (कोलकाता), विवेचेना थिएटर महोत्सव (जबलपुर), ओल्ड वल्ड् थिएटर महोत्सव, टाइम्स महोत्सव, गजानन माधव 'मुक्तिबोध' नाट्य महोत्सव, वर्ल्ड सोशल फोरम और नेहरू सेंटर महोत्सव (मुम्बई) मे भी भाग लिया है। पद्मश्री हबीब तनवीर के नया थिएटर के प्रमुख नाटको के लिए अरविन्द ने प्रकाश व्यवस्था भी डिजाइन की। आजकल अरविन्द गौड़ अस्मिता थियेटर ग्रुप के निदेशक के रूप मैं कार्यरत है। कुछ प्रमुख सिनेमा अभिनेताओं - कंगना राणावत, दीपक डोबरियाल, शिल्पा शुक्ला(चक दे इंडिया (2007 फ़िल्म)), पीयूष मिश्र, लुशिन दुबे, बबल्रस सबरवाल, ऐशवरया निधि (सिडनी), तिलोत्त्त्त्मा शोम (मानसून वेडिंग), राशि बनि, रुथ शेअर्द् (ब्रिटिश अभिनेत्री),मनु ऋषि, सीमा आज़मी (चक दे इंडिया), सुसान बरार (फिल्म-समर 2007), चन्दन आनंद, जैमिनि कुमार, शक्ति आनंद आदि ने उसके साथ काम किया है। .

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अर्थशास्त्र

---- विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४) अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है। अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि। प्रो.

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अलसी

अलसी या तीसी समशीतोष्ण प्रदेशों का पौधा है। रेशेदार फसलों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इसके रेशे से मोटे कपड़े, डोरी, रस्सी और टाट बनाए जाते हैं। इसके बीज से तेल निकाला जाता है और तेल का प्रयोग वार्निश, रंग, साबुन, रोगन, पेन्ट तैयार करने में किया जाता है। चीन सन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। रेशे के लिए सन को उपजाने वाले देशों में रूस, पोलैण्ड, नीदरलैण्ड, फ्रांस, चीन तथा बेल्जियम प्रमुख हैं और बीज निकालने वाले देशों में भारत, संयुक्त राज्य अमरीका तथा अर्जेण्टाइना के नाम उल्लेखनीय हैं। सन के प्रमुख निर्यातक रूस, बेल्जियम तथा अर्जेण्टाइना हैं। तीसी भारतवर्ष में भी पैदा होती है। लाल, श्वेत तथा धूसर रंग के भेद से इसकी तीन उपजातियाँ हैं इसके पौधे दो या ढाई फुट ऊँचे, डालियां बंधती हैं, जिनमें बीज रहता है। इन बीजों से तेल निकलता है, जिसमें यह गुण होता है कि वायु के संपर्क में रहने के कुछ समय में यह ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। विशेषकर जब इसे विशेष रासायनिक पदार्थो के साथ उबला दिया जाता है। तब यह क्रिया बहुत शीघ्र पूरी होती है। इसी कारण अलसी का तेल रंग, वारनिश और छापने की स्याही बनाने के काम आता है। इस पौधे के एँठलों से एक प्रकार का रेशा प्राप्त होता है जिसको निरंगकर लिनेन (एक प्रकार का कपड़ा) बनाया जाता है। तेल निकालने के बाद बची हुई सीठी को खली कहते हैं जो गाय तथा भैंस को बड़ी प्रिय होती है। इससे बहुधा पुल्टिस बनाई जाती है। आयुर्वेद में अलसी को मंदगंधयुक्त, मधुर, बलकारक, किंचित कफवात-कारक, पित्तनाशक, स्निग्ध, पचने में भारी, गरम, पौष्टिक, कामोद्दीपक, पीठ के दर्द ओर सूजन को मिटानेवाली कहा गया है। गरम पानी में डालकर केवल बीजों का या इसके साथ एक तिहाई भाग मुलेठी का चूर्ण मिलाकर, क्वाथ (काढ़ा) बनाया जाता है, जो रक्तातिसार और मूत्र संबंधी रोगों में उपयोगी कहा गया है। .

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अलिज़ी

अलिज़ी जाकोटे (Alizée Jacotey; जन्म २१ अगस्त १९८४) एक फ़्रांसिसी गायिका है जिसे उनके नाम अलिज़ी से जाना जाता है। उन्हें म्य्लेने फार्मर ने १९९९ में ग्रेनेस डी स्टार टैलेंट शो में उनकी विजेता प्रदर्शन के चलते खोज निकाला। उन्होंने संगीत उद्योग में २००० में पदार्पण किया। तब से उन्होंने अबतक चार स्टूडियो अल्बम रिलीज़ किए हैं। २००३ के अंत में उन्होंने अपने फ़्रांसिसी सह-गायक जेरेमी चैटलेन के साठ विवाह कर लिया। श्रेणी:गायिका श्रेणी:जीवित लोग.

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अल्पाइन सम्मेलन

230x230पिक्सेल अल्पाइन चापअल्पाइन कन्वेंशन आल्प्स के सतत विकास के लिए एक यूरोप के राष्ट्रों के बीच एक प्रादेशिक संधि है। यह आल्प्स के प्राकृतिक पर्यावरण और सांस्कृतिक अखंडता की रक्षा करते हुए क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने चाहता है। फ्रेमवर्क कन्वेंशन के साथ यूरोपीय संघ और आठ राज्यों (ऑस्ट्रिया, जर्मनी, फ्रांस, इटली, लिकटेंस्टीन, मोनाको, स्लोवेनिया और स्विट्जरलैंड) इसमें है। यह 1991 में हस्ताक्षर करने के लिए आरंभ किया गया था और 1995 में लागू हो गया। श्रेणी:जलवायु परिवर्तन नीति.

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अल्बर्ट रोपर

अल्बर्ट रोपर अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के महासचिव रहे हैं। इनका कार्यकाल 1944-1951 तक रहा। ये फ्रांस राष्ट्र से थे। श्रेणी:ICAO महासचिव.

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अलेक्सांदर प्रथम

अलेक्सांदर प्रथम का रूपचित्र (पोरट्रेट) अलेक्सांदर प्रथम (Alexander I; रूसी: Александр Павлович, अलेक्सांदर पावलोविच; 23 दिसम्बर 1777 – 1 दिसम्बर 1825), रूस का ज़ार था। वह पाल प्रथम का पुत्र था। वह २३ मार्च १८०१ से १ दिसम्बर १८२५ तक रूस का सम्राट था। वह प्रथम रूसी राजा था जिसने पोलैण्ड पर शासन किया। वह फिनलैण्ड और लिथुवानिया का भी पहला रूसी ग्रण्ड ड्यूक था। .

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अलेक्से क्लाड क्लेरो

फ्रांसीसी गणितज्ञ '''अलेक्से क्लाड क्लेरो''' अलेक्से क्लाड क्लेरो (३ मई १७१३ - १७ मई १७६५ ई०) फ्रेंच गणितज्ञ। पेरिस में ७ (अथवा १३) मई, १७१३ को जन्म। पिता गणित के अध्यापक थे। पिता के शिक्षण में गणित की शिक्षा में उसकी प्रतिभा ऐसी विकसित हुई कि बारह वर्ष की अवस्था में ही अपने फ्रेंच अकादमी के सम्मुख चार वक्र रेखाओं के गुण पर किए अपने आविष्कार के संबंध में एक निबंध पढ़ा। १७२९ में उन्होंने देकोर्ट की वैश्लेषिक ज्यामिति को तीन आयामों तक विस्तृत करते हुए एक पुस्तक लिखी जो १७३१ में प्रकाशित हुई। उसके प्रकाशित होते ही १८ वर्ष आयु में ही आयु संबंधी नियमों की अवहेलना कर फ्रांस की अकादमी ऑव साइंस ने उसे अपना सदस्य मनोनीत किया। १७३६ में वह मानटियाँ के साथ मध्य रेखा के एक अंश की लंबाई की रायल सोसायटी ने उसे अपना फेलो बनाया। १७४३ ई. में उसने अपनी सुप्रसिद्ध ‘क्लेरो थियोरिम’ पुस्तक प्रकाशित की जिसमें भिन्न अक्षांशों के स्थानों पर गुरुत्वाकर्षण के नियंताक के जानने का सूत्र स्थापित किया है। १७५० में वह अपने चंद्रमा संबंधी सिद्धांत के प्रतिपादन पर सेंट केतु के चक्कर अकादमी से पुरष्कृत हुआ। १७५९ में उसने हेली केतु के चक्कर पूरा करने के समय की गणना कर ख्याति प्राप्त की। इसके अनंतर भी वह गणित संबंधी महत्वपूर्ण शोध प्राप्त करता रहा। १७ मई १७६५ को पेरिस में उसकी मृत्यु हुई। .

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अली पाशा मुबारक

अली पाशा मुबारक अली पाशा मुबारक (१८२३ - १४ नवम्बर १८९३) उन्नीसवीं शदी के उत्तरार्ध में मिस्र के सार्वजनिक कार्य एवं शिक्षा मंत्री थे। वे मिस्र के सर्वाधिक प्रभावशाली एवं प्रतिभाशाली सुधारकों में से एक हैं। .

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अहमद तृतीय

अहमद तृतीय (उस्मानी तुर्कीयाई: احمد ثالث, अहमद-इ सालिस, 30/31 दिसंबर 16731 जुलाई 1736) उस्मानी साम्राज्य के सुल्तान रहे थे। वे महमद चतुर्थ (शासनकाल. 1648–87) के बेटे थे। उनकी माँ अमतुल्लाह राबिया गुलनुश सुल्तान थीं, जिनका मूल नाम एवमानिया वोरिया था, उनकी नस्ल यूनानी थी। उनका जन्म हाजीओलु पाज़ारजक, दोब्रुजा में हुआ था। वे 1703 में तख़्तनशीन हो गए, जब उनके भाई मुस्तफ़ा द्वितीय (1695–1703) ने तख़्त को त्याग दिया था। वज़ीर-ए-आज़म नौशहरी दामाद इब्राहीम पाशा और सुल्तान की बेटी फ़ातिमा सुल्तान (जो नौशहरी की बीवी भी थी) ने 1718 से 1730 तक असल हकूमत संभाली, यह दौर ट्यूलिप युग कहा जाता है। .

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अहमद प्रथम

अहमद प्रथम (احمد اول; I.; 18 अप्रैल 1590 – 22 नवम्बर 1617) 1603 से 1617 उनकी मौत तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। अहमद के दौर में "भ्रातृवध" की शाही उस्मानी परंपरा समाप्त हुई थी, इसके बाद किसी उस्मानी शासक ने तख़्त आसीन होने पर इनके सभी भाइयों का वध नहीं किया। वे नीली मस्जिद, तुर्की की सबसे जानी पहचानी मस्जिदों में से एक, के निर्माण करने हेतु प्रसिद्ध हैं। .

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अंटार्कटिक सन्धि तंत्र

अंटार्कटिक सन्धि तंत्र (Antarctic Treaty System) दिसम्बर १, १९५९ में हस्ताक्षरित होने वाली अंटार्कटिक सन्धि (Antarctic Treaty) और उस से सम्बन्धित समझौतों का सामूहिक नाम है। अंटार्कटिका पृथ्वी का इकलौता महाद्वीप है जहाँ कोई मनुष्य मूल रूप से नहीं रहता था और यह सन्धि व्यवस्था अंटार्कटिका के विषय में सभी अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों को निर्धारित करता है। अंटार्कटिक सन्धि १९६१ से लागू हुई और सन् २०१६ तक इसपर ५३ देश हस्ताक्षर कर चुके थे। इस सन्धि के अंतर्गत अंटार्कटिका को एक वैज्ञानिक संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया और इस महाद्वीप पर किसी भी प्रकार की सैनिक कार्यवाई पर पाबंदी लगा दी गई। साथ ही अंटार्कटिका के मामलों पर निर्णय करने के लिये एक वार्षिक "अंटार्कटिक सन्धि परामर्श बैठक" (Antarctic Treaty Consultative Meeting या ATCM) की परम्परा शुरु की गई। .

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अंतरराष्ट्रीय तापनाभिकीय प्रायोगिक संयंत्र

आई। टी.ई.आर निर्वात वैसल के प्रतिरूप का चित्र; जिसमें डाईवर्टर कैसेट्स की अंदरूनी सतहों पर ४४० ब्लैंकेट्स जुड़े दिख रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय तापनाभिकीय प्रायोगिक संयंत्र (अंग्रेज़ी:इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (आईटीईआर)) ऊर्जा की कमी की समस्या से निबटने के लिए भारत सहित विश्व के कई राष्ट्रों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के सहयोग से मिलकर बनाया जा रहा संलयन नाभिकीय प्रक्रिया पर आधारित ऐसा विशाल रिएक्टर है, जो कम ईंधन की सहायता से ही अपार ऊर्जा उत्पन्न करेगा। सस्ती, प्रदूषणविहीन और असीमित ऊर्जा पैदा करने की दिशा में हाइड्रोजन बम के सिद्धांत पर इस नाभिकीय महापरियोजना को प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है। इसमें संलयन से उसी प्रकार से ऊर्जा मिलेगी जैसे पृथ्वी को सूर्य या अन्य तारों से मिलती है। .

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अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (अंग्रेजी:International Union for Conservation of Nature), प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए समर्पित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। संगठन का घोषित लक्ष्य, विश्व की सबसे विकट पर्यावरण और विकास संबंधी चुनौतियों के लिए व्यावहारिक समाधान खोजने में सहायता करना है। संघ विश्व के विभिन्न संरक्षण संगठनों के नेटवर्क से प्राप्त जानकारी के आधार पर "लाल सूची" प्रकाशित करता है, जो विश्व में सबसे अधिक संकटग्रस्त प्रजातियों को दर्शाती है। CBS News Online, 2007-09-12.

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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (en: International Solar Alliance, इंटरनैशनल सोलर अलायंस) (पुराना नाम:इंटरनेशनल एजेंसी फॉर सोलर टेक्नोलॉजीज़ एंड एप्लीकेशन्स, en: International Agency for Solar Technologies & Applications), (INSTA) सौर ऊर्जा पर आधारित १२१ देशों का एक सहयोग संगठन है जिसका शुभारंभ भारत व फ्राँस द्वारा 30 नवंबर 2015 को पैरिस में किया गया। यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई पहल का परिणाम है जिसकी घोषणा उन्नहोंने सर्वप्रथम लंदन के वेंबली स्टेडियम में अपने उद्बोधन के दौरान की थी। http://hindi.economictimes.indiatimes.com/business/business-news/global-solar-alliance-with-india-will-increase-step/articleshow/49972752.cms यह संगठन कर्क व मकर रेखा के बीच स्थित राष्ट्रों को एक मंच पर लाएगा। ऐसे राष्ट्रों में धूप की उपलब्धता बहुलता में है। इस संगठन में ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। .

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अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ

अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) मैदानी हॉकी और इनडोर मैदानी हॉकी को संचालित करने वाली अंतरराष्ट्रीय निकाय है। इसकी स्थापना 1924 में हुई एवं इसका मुख्यालय स्कॉटलैंड में स्थित है। वर्त्तमान में एफआईएच के अध्यक्ष लियांड्रो नेग्रे हैं। हॉकी विश्वकप एफ आई एच के तत्वधान में ही होता है। हॉकी विश्वकप एफ आई एच के तत्वधान में ही होता है, इसके अलावा यह महासंघ कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित करता है। एफ आई एच अपने सदस्य देशों के अंतर्गत बने हॉकी महासंघों को मान्यता प्रदान करता है। .

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अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ

अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ का चिह्न अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (International Astronomical Union (IAU)), पेशेवर खगोलशास्त्रियों का एक संगठन है। इसका केंद्रीय सचिवालय पैरिस, फ़्रांस में है। इस संघ का ध्येय खगोलशास्त्र के क्षेत्र में अनुसन्धान और अध्ययन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना है। जब भी ब्रह्माण्ड में कोई नई वस्तु पाई जाती है तो खगोलीय संघ द्वारा दिए गए नाम ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य होते हैं। .

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अंग्रेजी साहित्य

अंग्रेजी साहित्य के प्राचीन एवं अर्वाचीन काल कई आयामों में विभक्त किए जा सकते हैं। यह विभाजन केवल अध्ययन की सुविधा के लिए किया जाता है; इससे अंग्रेजी साहित्य प्रवाह को अक्षुण्णता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। प्राचीन युग के अंग्रेजी साहित्य के तीन स्पष्ट आयाम है: ऐंग्लो-सैक्सन; नार्मन विजय से चॉसर तक; चॉसर से अंग्रेजी पुनर्जागरण काल तक। .

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अंग्रेजी कविता

इंग्लैंड में इटली, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी के काफी बाद आने के कारण यहाँ का पुनर्जागरण इन देशों, विशेषतः इटली, से अत्यधिक प्रभावित हुआ। पुनर्जागरण के प्रथम दो कवियों में सर टॉमस वायट (1503-42) और अर्ल ऑव सरे (1517-47) हैं। वायलट ने पेत्रार्क के आधार पर अंग्रेजी में सॉनेट लिखे और इटली से अनेक छंद उधार लिए। सरे ने सॉनेट के अतिरिक्त इटली से अतुकांत छंद लिया। इन कवियों ने प्राचीन यूनानी साहित्य और पेत्रार्क इत्यादि को पैस्टरल कविता की रूढ़ियों को अंग्रेजी में आत्मसात् किया तथा अनेक सुंदर और तरल गीत लिखे। इस तरह उन्होंने एलिज़ाबेथ के शासनकाल के अनेक बड़े कवियों के लिए जमीन तैयार की। इनमें सबसे पहले एडमंड स्पेंसर (1552-99) और सर फिलिप सिडनी उल्लेखनीय हैं। मृत्यु के बाद प्रकाशित सिडनी की रचना फ़ ऐसट्रोफेल ऐंड स्टेलाफ़ (1591) ने कथाबद्ध सॉनेट की परंपरा को जन्म दिया। इसके पश्चात् तो ऐसे सॉनेटों की एक परंपरा चल निकली और डेनियल, लॉज, ड्रेटन, स्पेंसर, शेक्सपियर और अन्य कवियों ने इसे अपनाया। इनमें रूढ़ियों के कारण वास्तविक और काल्पनिक प्रेमी-प्रेमिकाओं का भेद करना आसान नहीं, लेकिन सिडनी और कई अन्य कवियों, जैसे ड्रेटन, स्पेंसर और शेक्सपियर का प्रेम केवल वायवी प्रेम नहीं है। सिडनी ने लिखाः फूलफ़, सेड माइ म्यूज टु मीफ़, लुक इन दाइ हार्ट ऐंड राइट.

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अंग्गुन सिप्ता सस्मी

अंग्गुन सिप्ता सस्मी (Anggun Cipta Sasmi) (जन्म: अप्रैल 29, 1974) इंडोनेशिया में जन्मी एक गायिका व गीतकार हैं, जो अब फ्रांस की देशीयकृत नागरिक हैं। वह एक इंडोनेशियाई लेखक दार्तो सिंगो और गृहिणी डिएन हर्दिना की दूसरी संतान हैं। वह सात साल की उम्र से गायन का प्रशिक्षण लेने व मंच पर गाने लगीं, और दो ​​साल बाद उन्होंने बच्चों के लिए अपना पहला एलबम रिकॉर्ड किया। सन् 1986 में प्रसिद्ध इंडोनेशियाई संगीतकार इयन अन्टोनो के मार्गदर्शन में अंग्गुन ने अपना पहला स्टूडियो एलबम रिकॉर्ड किया, जिसका शीर्षक दुनिया अकु पुनया (अर्थात् दुनिया मेरी है) था। सन् 1989 में अपने नए गीत मिम्पि (अर्थात् सपने) के विमोचन के बाद उनकी लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ने लगी। तीन और स्टूडियो एलबम व विभिन्न एकाकी गीतों के विमोचन के बाद उनकी गिनती 1990 के दशक के विशिष्ट इंडोनेशियाई रॉक कलाकारों में होने लगी। 1991 में विमोचित अपने एलबम अनक पुतिह अबु अबु (शाब्दिक अर्थ उच्चतर विद्यालय के बच्चे) के लिए उन्हें सर्वाधिक लोकप्रिय इंडोनेशियाई कलाकार 1990-1991 का पुरस्कार मिला। श्रेणी:जीवित लोग श्रेणी:गायिका श्रेणी:1974 में जन्मे लोग.

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उत्तर अफ़्रीका

उत्तर अफ़्रीका के देश (गहरे हरे रंग में) - हल्के हरे रंग के देश भी कभी-कभी उत्तर अफ़्रीका में माने जाते हैं तूनीशीया के सिदी बू सैद शहर की एक गली एटलस शृंखला के जबल तुबकल पहाड़ पर बर्फ़ तुनीसिया की एक बर्बर औरत (सन् 1900 के क़रीब ली गई तस्वीर) उत्तर अफ़्रीका (अरबी:, शुमाल अफ़्रीक़िया) अफ़्रीका के महाद्वीप का उत्तरी भाग है। इसके और उप-सहारा अफ़्रीका के दरमयान सहारा का विशाल रेगिस्तान आता है जो उत्तर अफ़्रीका और बाक़ी अफ़्रीका में इतना बड़ा फ़ासला बना देता है के उत्तर अफ़्रीका की जातियाँ, भाषाएँ, रीति-रिवाज, मौसम और जानवर बाक़ी अफ़्रीका के काफ़ी भिन्न हैं। संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार उत्तर अफ़्रीका में सात राष्ट्र आते हैं: मोरक्को, अल्जीरिया, तूनीशीया, लीबिया, मिस्र, सूडान और पश्चिमी सहारा। इस भूभाग में कुछ छोटे-से स्पेन-नियंत्रित उत्तर अफ़्रीकी क्षेत्र भी आते हैं। उत्तर अफ़्रीका में अरबी, बर्बरी भाषाएँ और कुछ अन्य भाषाएँ बोली जाती हैं। मोरक्को, अल्जीरिया, तूनीशीया, लीबिया और मौरितानिया के समूह को "मग़रिब" भी कहा जाता है, जिसका अर्थ अरबी में (और हिन्दी-उर्दु में भी) "पश्चिमी" है। .

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उत्तर अमेरिका

उत्तर अमेरिका (अंग्रेजी: North America; स्पेनी: América del Norte; फ़्रान्सीसी: Amérique du Nord) महाअमेरिका (उत्तर और दक्षिण अमेरिका संयुक रूप से) का उत्तरी महाद्वीप है, जो पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है और पूर्णतः पश्चिमी गोलार्ध में आता है। उत्तर में यह आर्कटिक महासागर, पूर्व में उत्तरी अन्ध महासागर, दक्षिणपूर्व में कैरिबियाई सागर और पश्चिम में उत्तरी प्रशान्त महासागर से घिरा हुआ है। उत्तर अमेरिका का मुख्य भाग ४० उत्तरी अक्षांश से ८३० उत्तरी अक्षांश तथआ ५३० पश्चिमी देशान्तर से १६८० पश्चिमी देशान्तर के बीच स्थित है। इसका आकार त्रिभुज के समान है जिसका शीर्ष दक्षिण की ओर और आधार उत्तर की ओर है। उत्तर अमेरिका का कुल भूभाग २,४७,०९,००० वर्ग किलोमीटर है, पृथ्वी की कुल सतह का ४.८% या कुल भूभाग का १६.५%। जुलाई, २००८ तक, इसकी अनुमानित जनसंख्या ५२.९ करोड़ थी। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह एशिया और अफ़्रीका के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से यह एशिया, अफ़्रीका और यूरोप के बाद चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है। .

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उत्तर अमेरिका का इतिहास

उत्तर अमेरिका का इतिहास अपनी संस्कृतियों और सभ्यताओं के मामले में इस महाद्वीप की विशालता के समान ही समृद्ध है, जो अपने में सुदूर उत्तर में एस्किमो से लेकर मेक्सिको की ऐज़टैक सभ्यता तक और दक्षिण में ओल्मेक और माया सभ्यताओं को अपने में समेटे हुए है। .

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उत्तरी सागर

उत्तरी सागर अंध महासागर का एक सीमावर्ती समुद्र है जो संयुक्त राजशाही, स्कैंडेनेविया, जर्मनी, फ़्रांस, नीदरलैंड और बेल्जियम के बीच स्थित है। यह अंध महासागर के साथ दक्षिण में अंग्रेज़ी खाड़ी के द्वारा और उत्तर में नारवेयी सागर के द्वारा जुड़ा हुआ है। यह 970 कि॰मी॰ से लम्बा और 580 कि॰मी॰ चौड़ा है और क्षेत्रफल लगभग 750,000 वर्ग कि॰मी॰ है। उत्तरी सागर पूरब में यूरोप महाद्वीप और पश्चिम में ग्रेट ब्रिटेन से घिरा है। इकोसिना (१९२१) के अनुसार इसकी गहराई ३०८ फुट है। इस प्रकार यह एक उथला सागर है। इसका नितल उस महाद्वीपीय निधाय (कांटिनेंटल शेल्फ) का एक भाग है जिसके ऊपर ब्रिटिश द्वीपसमूह स्थित है। इस निधाय को ढाल (प्रवणता) उत्तर से दक्षिण तक प्राय: एक समान है। डॉगर बैंक्स नामक समुद्र में निमग्न बालू का मैदान उत्तरी सागर के मध्य में स्थित है। इंग्लैंड के समुद्रतट के समीप इस सागर की गहराई ६५ फुट है जो पूर्व की और बढ़कर १३० फुट हो जाती है। इस सागर की सामान्य लवणता ३४ से ३५ प्रति सहस्र है। उत्तरी सागर सूक्ष्म जीवों और पौधों में विशेष रूप से धनी है। इसलिए मछलियाँ इधर प्रचुर मात्रा में, अपने भोजन की खोज में, आकर्षित होती है। फलत: उत्तरी सागर विश्व का एक महत्वपूर्ण मत्स्य उत्पादक क्षेत्र है। मत्स्य के प्राप्तिस्थानों में डॉगर बैंक्स (शीतकाल में) और महाद्वीपीय समुद्रतट के समीप स्थित उथले समुद्र (ग्रीष्मकाल में) प्रमुख हैं। पकड़ी जानेवाली मछलियों में हेरिंग का अनुपात सबसे अधिक रहता है; इसके बाद क्रमानुसार हैडक, कॉड, प्लेस, ह्वाइटिंग, मैकेरल इत्यादि आती हैं। श्रेणी:यूरोप के सागर.

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उत्तरी सागर बाढ़ १९५३

उत्तरी सागर बाढ़, ३१ जनवरी से १ फरवरी, १९५३ को आया एक विनाशकारी तूफ़ान है जिससे तटीय यूरोपीय देशों जैसे इंग्लैंड, नीदरलैंड और बेल्जियम में हजारों लोग बाढ़ की चपेट में आकर मारे गए। डेनमार्क और फ्रांस में भी बाढ़ का प्रभाव देखा गया। ज्वार भाटे और तेज़ हवाओं के चलते समुद्र में ५.६ मीटर ऊँची लहरें उठीं जो तटीय देशों के सभी बाढ़ सुरक्षा प्रबंधों को तोड़ती हुई भीतर तक घुस गयी। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार नीदरलैंड में १,८३५ और ब्रिटेन में ३०७ लोग मारे गए। २८ पश्चिमी फ़्लैंडर्स, बेल्जियम में मारे गए थे। २३० से अधिक की क्षति उत्तरी यूरोपीय तटों के सामानांतर वाटरक्राफ्ट पर हुई और साथ ही उत्तरी सागर के गहरे जल में भी जब फैरी एम वी प्रिंसेस विक्टोरिया बेलफास्ट के पूर्व में स्थित उत्तरी चैनल में डूब गयी जिसमे १३३ लोग मारे गए और बहुत से जालदार जहाज़ भी डूब गए। .

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उदारतावाद

उदारवाद (Liberalism) वह विचारधारा है जिसके अंतर्गत मनुष्य को विवेकशील प्राणी मानते हुए सामाजिक संस्थाओं को मनुष्यों की सूझबूझ और सामूहिक प्रयास का परिणाम समझा जाता है। जॉन लॉक को उदारवाद के जनक माना जाता है। आरंभिक उन्नायकों में एडम स्मिथ और जेरमी बेंथम के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उदारतावाद व्यक्तिगत स्वतंत्रता के समर्थन का राजनैतिक दर्शन है। वर्तमान विश्व में यह अत्यन्त प्रतिष्ठित धारणा है। पूरे इतिहास में अनेकों दार्शनिकों ने इसे बहुत महत्व एवं मान दिया। .

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उन्नत विज्ञान के पालीटेक्निक संस्थान

उन्नत विज्ञान के पालीटेक्निक संस्थान में एक निजी फ्रेंच वैमानिकी 1961 में स्थापित विश्वविद्यालय है। स्कूल इव्री सुर सीन और टूलूज़ में स्थित है.

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उपनिवेशवाद का इतिहास

1453 ई. में तुर्कों द्वारा कुस्तुनतुनिया पर अधिकार कर लेने के पश्चात् स्थल मार्ग से यूरोप का एशियायी देशों के साथ व्यापार बंद हो गया। अतः अपने व्यापार को निर्बाध रूप से चलाने हेतु नये समुद्री मार्गां की खोज प्रारंभ हुई। कुतुबनुमा, गतिमापक यंत्र, वेध यंत्रों की सहायता से कोलम्बस, मैगलन एवं वास्कोडिगामा आदि साहसी नाविकों ने नवीन समुद्री मार्गां के साथ-साथ कुछ नवीन देशों अमेरिका आदि को खोज निकाला। इन भौगोलिक खोजों के फलस्वरूप यूरोपीय व्यापार में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। धन की बहुलता एवं स्वतंत्र राज्यों के उदय ने उद्योगों को बढ़ावा दिया। कई नवीन उद्योग स्थापित हुए। स्पेन को अमेरिका रूपी एक ऐसी धन की कुंजी मिली कि वह समृद्धि के चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया। ईसाई-धर्म-प्रचारक भी धर्म प्रचार हेतु नये खोजे हुए देशों में जाने लगे। इस प्रकार अपने व्यापारिक हितों को साधने एवं धर्म प्रचार आदि के लिए यूरोपीय देश उपनिवेशों की स्थापना की ओर अग्रसर हुए और इस प्रकार यूरोप में उपनिवेश का आरंभ हुआ। उपनिवेशवाद का इतिहास साम्राज्यवाद के इतिहास के साथ अनिवार्य रूप से जुड़ा हुआ है। सन् 1500 के आसपास स्पेन, पुर्तगाल, ब्रिटेन, फ़्रांस और हालैण्ड की विस्तारवादी कार्रवाइयों को युरोपीय साम्राज्यवाद का पहला दौर माना जाता है। इसका दूसरा दौर 1870 के आसपास शुरू हुआ जब मुख्य तौर पर ब्रिटेन साम्राज्यवादी विस्तार के शीर्ष पर था। अगली सदी में जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका उसके प्रतियोगी के तौर पर उभरे। इन ताकतों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जीत हासिल करके अपने उपनिवेश कायम करने के ज़रिये शक्ति, प्रतिष्ठा, सामरिक लाभ, सस्ता श्रम, प्राकृतिक संसाधन और नये बाज़ार हासिल किये। साम्राज्यवादी विजेताओं ने अपने अधिवासियों को एशिया और अफ़्रीका में फैले उपनिवेशों में बसाया और मिशनरियों को भेज कर ईसाइयत का प्रसार किया। ब्रिटेन के साथ फ़्रांस, जापान और अमेरिका की साम्राज्यवादी होड़ के तहत उपनिवेशों की स्थापना दुनिया के पैमाने पर प्रतिष्ठा और आर्थिक लाभ का स्रोत बन गया। यही वह दौर था जब युरोपियनों ने अपनी सांस्कृतिक श्रेष्ठता के दम्भ के तहत साम्राज्यवादी विस्तार को एक सभ्यता के वाहक के तौर पर देखना शुरू किया। सन् १४४२ के पश्चात यूरोपियनों एवं अमेरिकियों द्वारा बनाये गये उपनिवेश जिन देशों ने उपनिवेश बनाए उनमें से प्रमुख ये हैं-.

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उपग्रह

ERS 2) अन्तरिक्ष उड़ान (spaceflight) के संदर्भ में, उपग्रह एक वस्तु है जिसे मानव (USA 193) .

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उबला चावल

उबला चावल धान को छिलका सहित आंशिक रूप से उबालने के बाद उसे सुखाकर जो चावल निकाला जाता है उसे उबला चावल (Parboiled rice) कहते हैं। इसके लिये, धान को पहले पानी में कुछ समय के भिग्कर रखा जाता है, फिर उसे उबाला जाता है और अन्ततः सुखा लिया जाता है। इस प्रक्रिया को अपनाने से ढेंका या हाथ से भी चावल निकालने में आसानी होती है। इसके अलावा इस प्रक्रिया के करने से चावल में चमक आती है तथा उसमें पोषक तत्त्व अधिक रह जाते हैं। विश्व का लगभग ५०% उबला चावल खाया जाता है। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यान्मार, मलेशिया, नेपाल, श्री लंका, गिनिया, दक्षिण, अफ्रीका, इटली, स्पेन, नाइजेरिया, थाईलैण्ड, स्विट्जरलैण्ड और फ्रांस में उबालकर चावल निकालने की विधि प्रचलित है। .

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उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

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उर्बैन ली वेर्रिएर

उर्बैन जेअन जोसेफ ली वेर्रिएर (११ मार्च १८११ – २३ सितम्बर १८७७), एक फ्रेंच गणितज्ञ थे। उनकी खगोलीय यांत्रिकी में विशेषज्ञता थी और नेप्चून की खोज में अपनी सबसे अच्छी भूमिका के लिए जाने जाते हैं। श्रेणी:1811 births श्रेणी:1877 deaths श्रेणी:People from Saint-Lô श्रेणी:Alumni of the École Polytechnique श्रेणी:Burials at Montparnasse Cemetery श्रेणी:French astronomers श्रेणी:French mathematicians श्रेणी:Lycée Louis-le-Grand alumni श्रेणी:Members of the French Academy of Sciences श्रेणी:Members of the Royal Swedish Academy of Sciences श्रेणी:Neptune श्रेणी:Recipients of the Gold Medal of the Royal Astronomical Society श्रेणी:Recipients of the Copley Medal.

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उर्वरक

खाद डालते हुए; खाद एक जैविक उर्वरक है। उर्वरक (Fertilizers) कृषि में उपज बढ़ाने के लिए प्रयुक्त रसायन हैं जो पेड-पौधों की वृद्धि में सहायता के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। पानी में शीघ्र घुलने वाले ये रसायन मिट्टी में या पत्तियों पर छिड़काव करके प्रयुक्त किये जाते हैं। पौधे मिट्टी से जड़ों द्वारा एवं ऊपरी छिड़काव करने पर पत्तियों द्वारा उर्वरकों को अवशोषित कर लेते हैं। उर्वरक, पौधों के लिये आवश्यक तत्वों की तत्काल पूर्ति के साधन हैं लेकिन इनके प्रयोग के कुछ दुष्परिणाम भी हैं। ये लंबे समय तक मिट्टी में बने नहीं रहते हैं। सिंचाई के बाद जल के साथ ये रसायन जमीन के नीचे भौम जलस्तर तक पहुँचकर उसे दूषित करते हैं। मिट्टी में उपस्थित जीवाणुओं और सुक्ष्मजीवों के लिए भी ये घातक साबित होते हैं। इसलिए उर्वरक के विकल्प के रूप में जैविक खाद का प्रयोग तेजी से लोकप्रीय हो रहा है। भारत में रासायनिक खाद का सर्वाधिक प्रयोग पंजाब में होता है। .

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उल्लू नीहारिका

उल्लू नीहारिका उल्लू नीहारिका (अंग्रेज़ी: Owl Nebula, आउल नॅब्युला), जिसे मॅसिये वस्तु ९७ और ऍन॰जी॰सी॰ ३५८७ भी कहा जाता है, एक ग्रहीय नीहारिका है जो दूरबीन से आकाश में सप्तर्षि तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है। उल्लू नीहारिका के केंद्र में एक १६वें मैग्निट्यूड की चमक रखने वाला एक तारा है, जिसका द्रव्यमान (मास) लगभग सूरज के द्रव्यमान का ०.७ गुना है। इस तारे के इर्द-गिर्द का द्रव्यमान लगभग सौर द्रव्यमान का ०.१५ गुना है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह नीहारिका आज से क़रीब ६,००० साल पूर्व बनी थी। इसे अगर अँधेरी रात में दूरबीन से देखा जाए तो इसमें दो उल्लू जैसे "आँखें" सी नज़र आती हैं, जिस से इस नीहारिका का नाम पड़ा है। इस नीहारिका की खोज सबसे पहले सन् १७८१ में प्येर मेशैं (Pierre Méchain) नामक फ़्रांसिसी खगोलशास्त्री ने की थी। .

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उल्का

आकाश के एक भाग में उल्का गिरने का दृष्य; यह दृष्य एक्स्ोजर समय कबढ़ाकर लिया गया है आकाश में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर अत्यंत वेग से जाते हुए अथवा पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं उन्हें उल्का (meteor) और साधारण बोलचाल में 'टूटते हुए तारे' अथवा 'लूका' कहते हैं। उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुँचता है उसे उल्कापिंड (meteorite) कहते हैं। प्रायः प्रत्येक रात्रि को उल्काएँ अनगिनत संख्या में देखी जा सकती हैं, किंतु इनमें से पृथ्वी पर गिरनेवाले पिंडों की संख्या अत्यंत अल्प होती है। वैज्ञानिक दृष्टि से इनका महत्व बहुत अधिक है क्योंकि एक तो ये अति दुर्लभ होते हैं, दूसरे आकाश में विचरते हुए विभिन्न ग्रहों इत्यादि के संगठन और संरचना (स्ट्रक्चर) के ज्ञान के प्रत्यक्ष स्रोत केवल ये ही पिंड हैं। इनके अध्ययन से हमें यह भी बोध होता है कि भूमंडलीय वातावरण में आकाश से आए हुए पदार्थ पर क्या-क्या प्रतिक्रियाएँ होती हैं। इस प्रकार ये पिंड ब्रह्माण्डविद्या और भूविज्ञान के बीच संपर्क स्थापित करते हैं। .

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उस्ताख ल सर

उस्ताख ल सर उस्ताख ल सर द्वारा चित्रित ''''रेप ऑफ तमर'''' उस्ताख ल सर (Eustache Le Sueur या Lesueur; १६१७ - १६५५) फ्रांस का चित्रकार और फ्रेंच पेंटिंग अकादमी के संस्थापकों में से एक था। वह उस्ताख ल सर वूएट नामक चित्रकार का शिष्य था और उसी शैली में उसके अधिकतर चित्र बने मिलते हैं। सर्वप्रथम उसने लैंबर्ट होटेल में, कैविनेट दामोर के लिए १६४६-४७ में 'क्यूपिड का इतिहास' चित्रित किया। कैबिनेट देम्यूसेज के लिए भी उसने चित्र बनाए। इनमें रफील तथा पूसाँ की कला का प्रभाव विशेष रूप से दिखाई पड़ता है। सेंट ब्रूनों के जीवन से संबंधित उसके सारे चित्रों में भी पूसाँ का यथेष्ट प्रभाव है। बाद में उसके चित्रों में रफील की कला प्रभावशाली हुई। पेरिस और फ्रांस के अन्य संग्रहालयों में उसके चित्र प्राप्त हैं। श्रेणी:चित्रकार.

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१ फ़रवरी

1 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 32वां दिन है। साल मे अभी और 333 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 334)। .

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१ जनवरी

१ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का पहला दिन है। वर्ष में अभी और ३६४ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३६५)। .

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१ अक्टूबर

१ अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७४वाँ (लीप वर्ष मे २७५वाँ) दिन है। वर्ष मे अभी और ९१ दिन बाकी है।.

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१ई+११ मी॰²

क्यूबा का क्षेत्रफल लगभग १,००,००० कि.मी२ है। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के परिमाण के क्रम समझने हेतु यहां १,००,००० वर्ग कि.मी से १०,००,००० वर्ग कि.मी के क्षेत्र दिये गए हैं।.

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१० दिसम्बर

10 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 344वाँ (लीप वर्ष में 345वाँ) दिन है। साल में अभी और 21 दिन बाकी हैं। .

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११ जनवरी

११ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ११वाँ दिन है। साल में अभी और ३५४ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३५५)। .

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१२ जून

12 जून ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 163वाँ (लीप वर्ष में 164 वाँ) दिन है। साल में अभी और 202 दिन बाकी हैं। .

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१४ जनवरी

१४ जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १४वाँ दिन है। वर्ष में अभी और ३५१ दिन बाकी है (लीप वर्ष में ३५२)। .

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१४२९

1429 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१४६५

1465 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१५ दिसम्बर

१५ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४९वॉ (लीप वर्ष मे ३५० वॉ) दिन है। साल में अभी और १६ दिन बाकी है। .

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१५ जुलाई

१५ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९वॉ (लीप वर्ष मे १९७वॉ) दिन है। साल मे अभी और १६९ दिन बाकी है। .

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१५ अगस्त

15 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 227वॉ (लीप वर्ष मे 228 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 138 दिन बाकी है। .

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१६ जुलाई

१६ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९७वॉ (लीप वर्ष में १९८ वॉ) दिन है। साल में अभी और १६८ दिन बाकी है। .

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१७ जुलाई

१७ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९८वॉ (लीप वर्ष में १९९वॉ) दिन है। वर्ष में अभी और १६७ दिन बाकी है। .

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१७६९

1769 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१७९५

1795 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१८ अगस्त

18 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 230वॉ (लीप वर्ष में 231 वॉ) दिन है। साल में अभी और 135 दिन बाकी है। .

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१९ अगस्त

19 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 231वॉ (लीप वर्ष मे 232 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 134 दिन बाकी है। .

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१९०५ की रूसी क्रांति

सन १९०५ में रूसी साम्राज्य के एक विशाल भाग में राजनीति एवं सामाजिक जनान्दोलन हुए जिन्हें १९०५ की रूसी क्रान्ति कहते हैं। यह क्रान्ति कुछ सीमा तक सरकार के विरुद्ध थी और कुछ सीमा तक दिशाहीन। श्रमिकों ने हड़ताल किये, किसान आन्दोलित हो उठे, सेना में विद्रोह हुआ। इसके फलस्वरूप कई संवैधानिक सुधार किये गये जिसमें मुख्य हैं- रूसी साम्राज्य के ड्युमा की स्थापना, बहुदलीय राजनीतिक व्यवस्था, १९०६ का रूसी संविधान। .

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१९११ की चीन की क्रांति

वुहान में सन यात सेन की प्रतिमा चीन की 1911 की क्रांति के फलस्वरूप चीन के अन्तिम राजवंश (चिंग राजवंश) की समाप्ति हुई और चीनी गणतंत्र बना। यह एक बहुत बड़ी घटना थी। मंचू लोगों का शासन चीन पर पिछले तीन सौ वर्षों से चला आ रहा था जिसका अंत हो गया। बीसवीं शताब्दी में चीन एशिया का प्रथम देश था, जहाँ गणतांत्रिक सरकार की स्थापना हुई। चीन के क्रांतिकारियों ने फ्रांसवालों का अनुकरण किया और राजतंत्र का सदा के लिए अंत कर दिया। .

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१९१८

1918 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९१९

1919 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९२२

1922 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९२३

कोई विवरण नहीं।

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१९२४

1924 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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१९२४ ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत

भारत ने फ़्रांस की राजधानी पैरिस में आयोजित हुए १९२४ ग्रीष्मकालीन ऑलंपिक्स में भाग लिया था। .

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१९४१

1941 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९४५

1945 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५२

१९५२ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९५९ यूरोपीय कप फाइनल

१९५९ यूरोपीय कप फाइनल में चौथे फाइनल था यूरोपीय कप, अब यूईएफए चैंपियंस लीग के रूप में जाना जाता है.

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१९७२ यूरोपीय कप फाइनल

१९७२ यूरोपीय कप फाइनल मई 1972, 31 पर, डी कूईप में रॉटरडैम में आयोजित एक फुटबॉल मैच था, इटली की इंटरनेजियोनल को 2-0 से नीदरलैंड्स की अजाक्स हरा दिया.

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१९७३

1973 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७४

1974 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७५ यूरोपीय कप फाइनल

१९७५ यूरोपीय कप फाइनल लीड्स युनाइटेड और बेयर्न म्यूनिख के बीच 28 मई 1975 पर, पार्क डेस प्रिंसेस, पैरिस में आयोजित एक फुटबॉल मैच था। .

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१९७६ यूरोपीय कप फाइनल

१९७६ यूरोपीय कप फाइनल 12 मई 1976 पर हैमपडेन पार्क, ग्लासगो, में आयोजित एक फुटबॉल मैच था, जिस में फ्रांस के बेयर्न म्यूनिख को पश्चिम जर्मनी के बेयर्न म्यूनिख 1-0 हार दिय.

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१९७७ यूरोपीय कप फाइनल

१९७७ यूरोपीय कप फाइनल रोम, इटली में स्टेडियो ऑलिम्पिको पर मई 1977 25 पर इंग्लैंड के लिवरपूल और जर्मनी की बोरशिया मौनचेंगलाडबाख के बीच एक संघ फुटबॉल मैच था। सजावटी वस्तु घटना यूरोप के प्रमुख कप प्रतियोगिता, यूरोपीय कप के 1976-77 सत्र के अंतिम मैच था। दोनों पक्षों ने पहले लिवरपूल दो पैरों पर समग्र पर 3-2 से जीत हासिल की है, जो 1973 यूईएफए कप फाइनल में मिले थे, हालांकि दोनों टीमों को अपनी पहली यूरोपीय कप फाइनल में दिखाई दे रहे थे.

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१९७८ यूईएफए कप फाइनल

१९७८ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था, जो नीदरलैंड के पीएसवी आइंटहॉवन और फ्रांस के बिस्टिआ के बीच दो चरण मे खेला गया था। पीएसवी आइंटहॉवन फाइनल समग्र पर 3-0 जीता। .

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१९८१ यूरोपीय कप फाइनल

1981 यूरोपीय कप के फाइनल इंग्लैंड के लिवरपूल और स्पेन के रियल मैड्रिड के बीच एक फुटबॉल मैच पार्क डेस प्रिंसेस पर 27 मई 1981, पैरिस, फ्रांस थी। यह यूरोप के प्रमुख कप प्रतियोगिता, यूरोपीय कप के 1980-81 सत्र के अंतिम मैच था। लिवरपूल 1977 और 1978 में दो दिखावे के बाद, अपने तीसरे फाइनल में दिखाई दे रहे थे। रियल मैड्रिड के अपने नौवें फाइनल में दिखाई दे रहे थे, वे पहले से प्रतियोगिता छह बार जीता है और दो ​​बार खो दिया था। 48,360 की भीड़ ने देखा, पहली छमाही गोल था। एलन कैनेडी रन बनाए जब लिवरपूल दूसरी छमाही में ले लिया। उन्होंने लिवरपूल का तीसरा यूरोपीय कप और एक इंग्लिश टीम ने एक लगातार पांचवीं जीत हासिल करने, मैच 1-0 से जीतने के लिए इस नेतृत्व का आयोजन किया। लिवरपूल के प्रबंधक बॉब पैस्ले प्रतियोगिता तीन बार जीतने वाले पहले मैनेजर बन गया। .

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१९८२ यूरोपीय कप फाइनल

१९८२ यूरोपीय कप फाइनल 26 मई 1982 पर खेला गया था। अंग्रेजी चैंपियन एस्टन विला पहली बार के लिए यूरोपीय कप जीतने के लिए रॉटरडैम, नीदरलैंड में डी कूईप पर 1-0 पश्चिम जर्मन लीग विजेताओं बेयर्न म्यूनिख को हरा दिया और अब तक केवल, समय और किया जा रहा है, प्रतियोगिता जीतने अंग्रेजी टीमों की लकीर जारी एक अंग्रेजी पक्ष द्वारा लगातार छठे जीत.

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१९८५ यूईएफए कप फाइनल

१९८५ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था, जो स्पेन के रियल मैड्रिड और हंगरी के वीडियोटन के बीच दो चरण मे खेला गया था। रियल मैड्रिड फाइनल समग्र पर 3-1 से जीता। .

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१९८६ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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१९८६ यूरोपीय कप फाइनल

१९८६ यूरोपीय कप फाइनल, 7 मई 1986 पर एस्तेडियो रेमन सांचेज़ पीसजुआन, सेविला, में आयोजित एक फुटबॉल मैच था, जिसमें रोमानिया की स्टेओ बुकुरेस्टी एक असाधारण पेनल्टी शूटआउट में स्पेन के बार्सिलोना को हराया, खेलने के 120 मिनट के बाद दोनों पक्षों को अलग नहीं कर सकता.बार्सिलोना के सभी स्पॉट किक गोलकीपर हेल्मुथ दुच्कदम् से बच गए, बाद में उन्होंने "सेविला के हीरो" नामित किया गया था। यह स्टेओ बुकुरेस्टी के केवल यूरोपीय कप जीत और किसी भी रोमानियाई टीम ने केवल एक ही रहता है। .

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१९९१ यूरोपीय कप फाइनल

१९९१ यूरोपीय कप फाइनल यूगोस्लाविया के रेड स्टार बेलग्रेड एक पेनाल्टी शूट आउट में फ्रांस के ओलिम्पिक मार्सिले हरा दिया जो 29 मई 1991, पर बारी, इटली, में स्टेडियो सैन निकॉला में आयोजित एक फुटबॉल मैच था। रेड स्टार अपनी पहली यूरोपीय कप जीतने के लिए उनके तंत्रिका आयोजित रूप में फ्रांसीसी पक्ष के लिए मैनुअल अमोरोस् की याद आती है, महत्वपूर्ण साबित हुई। .

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१९९१ यूईएफए कप फाइनल

१९९१ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था, जो दो इतालवी टीमें इंटरनेजियोनल और रोमा के बीच दो चरण मे खेला गया था। इंटरनेजियोनल फाइनल समग्र पर 2-1 से जीता। .

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१९९६ यूईएफए कप फाइनल

१९९६ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था, जो जर्मनी के बेयर्न म्यूनिख और फ्रांस के बोर्डो के बीच दो चरण मे खेला गया था। बेयर्न म्यूनिख फाइनल समग्र पर 5-1 से जीता। .

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१९९७ यूईएफए कप फाइनल

१९९७ यूईएफए कप फाइनल एक फुटबॉल मैच था, जो जर्मनी के शाल्का और इटली के इंटरनेजियोनल के बीच दो चरण मे खेला गया था। फाइनल समग्र पर 1-1 से समाप्त हुआ, लेकिन अंत में शाल्का पेनल्टी शूटआउट पर फाइनल 4–1 से जीता। .

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१९९९ यूईएफए कप फाइनल

१९९९ यूईएफए कप फाइनल, 12 मई 1999 पर मास्को, रूस में लूजनिक्की स्टेडियम में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह इटली के पार्मा और फ्रांस के मार्सिले के बीच खेला गया था। पार्मा ने फाइनल 3-0 से जीत लिया। .

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२ दिसम्बर

2 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 336वॉ (लीप वर्ष मे 337 वॉ) दिन है। साल में अभी और 29 दिन बाकी है। .

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२००० यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००० यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल 24 मई 2000 पर हुई एक फुटबॉल मैच था। मैच 1999-2000 यूईएफए चैंपियंस लीग के विजेता का निर्धारण करने के लिए पैरिस, फ्रांस, में स्टेड डी फ्रांस में खेला गया था। फाइनल स्पेनिश टीमों रियल मैड्रिड और वालेंसिया के बीच खेला गया। यह यूईएफए चैंपियंस लीग में पहली बार या एक ही देश से दो क्लबों के फाइनल में हिस्सा है कि यूरोपीय कप था। मैच रियल मैड्रिड 3-0 से जीता और इस जीत के लिए उन्हें अपने आठवें यूरोपीय खिताब दिया गया था। .

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२००१ यूईएफए कप फाइनल

२००१ यूईएफए कप फाइनल, 16 मई 2001 पर डॉर्टमुंड, जर्मनी में वेस्टफेलिया स्टेडियम में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह इंग्लैंड के लिवरपूल और स्पेन के देपोर्तिवो अलवीस के बीच खेला गया था। लिवरपूल अतिरिक्त समय के बाद स्वर्ण गोल पर 5-4 से जीत हसिल की। इस जीत के साथ वे यह कप तीसरी बार जीता, 1973 और 1976 में उनकी जीत के बाद। यह हेसल स्टेडियम दुर्घटना के बाद लिवरपूल का पहला यूरोपीय फाइनल था। .

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२००४ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००४ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल 2003-04 यूईएफए चैंपियंस लीग के विजेता का फैसला करने के लिए, 26 मई 2004 पर गेल्सेंकिचैन, जर्मनी, में एरेना ओफ़ स्काल्क में खेला एक फुटबॉल मैच था.

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२००४ यूईएफए कप फाइनल

२००४ यूईएफए कप फाइनल, 19 मई 2004 पर गोटेबोर्ग, स्वीडन में उल्लेवि स्टेडियम में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह स्पेन के वालेंसिया और फ्रांस के मार्सिले के बीच खेला गया था। वालेंसिया ने यह फाइनल 2-0 से जीता। .

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२००५ के पैरिस दंगे

२००५ के पैरिस दंगे अक्टूबर और नवंबर में फ्रांस में श्रृंखलाबद्ध ढंग से भड़के दंगों को कहा जाता है। इन दंगों मे दंगाईयों द्वारा बहुत सी कारों और सार्वजनिक भवनों पर आग लगा दी गई, जैसे विद्यालय भव इत्यादि। ये दंगें २५ अक्टूबर २००५ को पैरिस के एक उपनगर क्लीशे-सोउ-बोई से आरंभ हुए। इसके बाद ये फ्रांस के अन्य क्षेत्रों में भी फैल गए। कुल मिलाकर यह दंगें ३ सप्ताह तक चले। इन दंगों का कारण दो युवकों की दुर्घटना वश एक पुलिस वाहन से टकराकर मृत्यु हो जाना था। तीन लड़के छोटे बिजली घर में छिपे हुए थे और उन्हें बिजली के झटके भी लगे। लेकिन उन्होनें कोई अपराध नहीं किया था। श्रेणी:अपराध.

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२००६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल बुधवार, 17 मई 2006 को सेंट डेनिस, पेरिस, फ्रांस, में स्टेड डी फ्रांस में इंग्लैंड की आर्सेनल और स्पेन के बार्सिलोना के बीच एक संघ फुटबॉल मैच था.

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२००७ फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता

2007 फ़्रेंच ओपन (रोलाँ गारो) पेरिस, फ़्राँस में 27 मई से 10 जून, 2007 तक आयोजित हुआ। यह लाल रंग के क्ले कोर्ट पर खेले जाने वाली एकमात्र ग्रैंड स्लैम टेनिस प्रतियोगिता है। इसके दो सप्ताह के बाद, हमेशा की तरह, विम्बलडन होता है लंदन, संयुक्त राजशाही में। .

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२००७ में पद्म भूषण धारक

२२०७ प्द्म भूषन धारक: कला के क्षेत्र में। श्रेणी:पद्म भूषण.

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२००८ फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता

2008 फ़्रेंच ओपन (रोलाँ गारो) पेरिस, फ़्राँस में 26 मई से 9 जून, 2008 में आयोजित हो रहा है। यह लाल रंग के क्ले कोर्ट पर खेले जाने वाली एकमात्र ग्रैंड स्लैम टेनिस प्रतियोगिता है। इसके दो सप्ताह के बाद, हमेशा की तरह, विम्बलडन होता है लंदन, संयुक्त राजशाही में। .

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२००८ में पद्म भूषण धारक

श्रेणी:पद्म भूषण.

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२००८ के मुंबई हमले

2008 के मुंबई हमले नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमले के एक समूह थे, जब पाकिस्तान में स्थित एक इस्लामी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुंबई में 10 सदस्य ने मुंबई में चार दिन तक चलने वाली 12 समन्वय शूटिंग और बम विस्फोट की एक श्रृंखला को अंजाम दिया। हमले जिनकी व्यापक रूप से वैश्विक निंदा की गई बुधवार, 26 नवंबर को शुरू हुए और शनिवार, 29 नवंबर 2008 तक चले, 164 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 308 घायल हो गए। छत्तीपति शिवाजी टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज पैलेस एंड टॉवर, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस यहूदी समुदाय केंद्र, मेट्रो सिनेमा और टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग और सेंट जेवियर कॉलेज के पीछे एक लेन में आठ हमले हुए। मुंबई के बंदरगाह क्षेत्र में माजगाव में और विले पार्ले में एक टैक्सी में एक विस्फोट हुआ था। 28 नवंबर की सुबह तक, ताज होटल को छोड़कर सभी साइटों को मुंबई पुलिस विभाग और सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित किया गया था। 29 नवंबर को, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने शेष हमलावरों को फ्लश करने के लिए 'ऑपरेशन ब्लैक टोर्नेडो' का आयोजन किया; यह ताज होटल में अंतिम शेष हमलावरों की मौत के साथ समाप्त कर दिया। अजमल कसाब ने खुलासा किया कि हमलावर अन्य लोगों के बीच लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे। भारत सरकार ने कहा कि हमलावर पाकिस्तान से आए और उनके नियंत्रक पाकिस्तान में थे। 7 जनवरी 2009 को, पाकिस्तान ने इस बात की पुष्टि की कि हमलों का एकमात्र जीवित अपराधी पाकिस्तानी नागरिक था। 9 अप्रैल 2015 को, हमले के अग्रणी षड्यंत्रकारी, जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान में 200,000 (यूएस $ 1,900) की ज़मानत बांड पर जमानत दी गई थी। .

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२०१०

वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .

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२०१० फीफा विश्व कप

२०१० फीफा विश्व कप १९वां फीफा विश्व कप है, जो ११ जून २०१० से ११ जुलाई २०१० के बीच दक्षिण अफ़्रीका में आयोजित किया जा रहा है। २०१० का फीफा विश्व कप उस योग्यता प्रक्रिया की परिणति होगी जो अगस्त २००७ में आरम्भ हुई थी और जिसमें फीफा की २०८ राष्ट्रीय टीमों में से २०४ सम्मिलित थीं। इस प्रकार, यह २००८ के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक की बराबरी पर है जिसमें सर्वाधिक टीमें प्रतिस्पर्धा करती हैं। यह पहली बार है जब यह प्रतियोगिता किसी अफ़्रीकी देश में आयोजित की जा रही है, जब दक्षिण अफ़्रीका ने मिस्र और मोरक्को को अखिल-अफ़्रीकी बोली प्रक्रिया में पछाड़ दिया। इस निर्णय के बाद अब केवल ओशियानिया फुटबॉल संघ ही एक ऐसा संघ है जिसने इस प्रतियोगिता की मेज़बानी नहीं की है। इटली पूर्वविजेता है, जिसने जर्मनी में आयोजित २००६ फीफा विश्व कप जीता था। फाइनल के लिए ड्रॉ ४ दिसंबर २००९ को केप टाउन में हुआ था। २०१० का विश्व कप की विजेता टीम रही स्पेन जिसने नीदरलैण्ड को फाइनल में हराकर यह कप जीता। .

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२०१२ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१२ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल 9 मई 2012 2011 पर बुखारेस्ट, रोमानिया में एरिना नेशनला में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह दो स्पेनिश क्लब एटलेटिको मैड्रिड और एथलेटिक बिलबाओ के बीच खेला गया था। पोर्टो ने फाइनल 3-0 से जीत लिया। .

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२०१४ फीफा विश्व कप

२०१४ फीफा विश्व कप (फीफा विश्व कप का 20वां संस्करण) 12 जून 2014 से 13 जुलाई 2014 के बीच ब्राज़ील में हुआ एक अंतर्राष्ट्रीय पुरूष फुटबॉल टूर्नामेंट है। 1950 के बाद, ब्राजील इस प्रतियोगिता की मेज़बानी दूसरी बार कर रहा है। इसी के साथ मेक्सिको, इटली, फ्रांस और जर्मनी के बाद ब्राजील दो बार विश्व कप की मेजबानी करने वाला पांचवां देश बन गया है। साल 2014 का फीफा विश्व कप जर्मनी ने जीता है। बत्तीस देशों की टीमें फाइनल टूर्नामेंट में भाग लिया। सभी मैच ब्राजील के 12 विभिन्न शहरों में मैच खेले गए। अर्जेंटीना में आयोजित हुए 1978 विश्व कप के बाद से दक्षिण अमेरिका में आयोजित होने वाला यह पहला विश्व कप है। इससे पहले 2010 का टूर्नामेंट स्पेन ने जीता था। १३ जुलाई २०१४ को २०१४ फीफा विश्व कप के फाइनल में जर्मनी ने अर्जेण्टीना को अतिरिक्त समय के बाद 1-0 से पराजित किया, यह जर्मनी का चौथा खिताब है। .

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२०१४ की युक्रेन क्राँति एवं क्रीमिया संकट

२०१४ के आरंभ में यूक्रेन की राजधानी कीव में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए,http://hindi.economictimes.indiatimes.com/world/asian-countries/firebombs-hurled-as-ukrainian-protests-take-violent-turn/articleshow/29415573.cms हिंसा और प्रदर्शन की जद में यूक्रेन जिसमें सैकड़ों लोग हताहत हुए।http://hindi.economictimes.indiatimes.com/world/europe/ukraine-60-killed-in-bloody-clashes-500-injured/articleshow/30759382.cms यूक्रेन: खूनी संघर्ष में 60 से ज्यादा की मौत, 500 घायल फलस्वरूप तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को अपदस्थ कर ओलेक्जेंडर तुर्चिनोव को कार्यकारी राष्ट्रपति बनाया गया। किन्तु धूल छँटने से पहले, घटनाक्रम ने एक अलग ही मोड़ ले लिया जब रूस ने युक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप में अपनी सेनाएँ भेज दी।http://hindi.economictimes.indiatimes.com/world/other-countries/Ukraine-mobilizes-troops-after-Russias-declaration-of-war/articleshow/31350211.cms रूस-यूक्रेन में जंग की आहट .

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२०१५ रग्बी यूनियन विश्व कप

२०१५ रग्बी यूनियन विश्व कप, रग्बी यूनियन विश्व कप का आठवाँ संस्करण था। http://www.rugbyworldcup.com/archive यह इंग्लैंड में १८ सितंबर से ३१ अक्टूबर २०१५ को आयोजित किया गया। इसमे बीस टीमो ने भाग लिया था। टूर्नामेंट का फाइनल न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच था, और न्यूज़ीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया को ट्विकेनहैम मे खेले गए फाइनल मे 34-17 से पराजित कर २०१५ रग्बी यूनियन विश्व कप जीता। यह न्यूज़ीलैंड की तीसरी विश्व कप जीत थी। वे विश्व कप वापस जीतने के लिए पहली टीम बन गए। .

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२१ अक्टूबर

२१ अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९४वॉ (लीप वर्ष मे २९५वॉ) दिन है। साल मे अभी और ७१ दिन बाकी है। .

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२५ नवंबर

२५ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३२९वॉ (लीप वर्ष में ३३० वॉ) दिन है। साल में अभी और ३६ दिन बाकी है। .

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२५ जनवरी

25 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 25वाँ दिन है। साल में अभी और 340 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 341)। भारत सरकार द्वारा प्रत्एक वर्ष आज के दिन अपने नागरिक अलंकरणों जैसे पद्म भूषण, भारत रत्न आदि की घोषणा की जाती है। .

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२६ जुलाई

२६ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २०७वॉ (लीप वर्ष मे २०८ वॉ) दिन है। साल मे अभी और १५८ दिन बाकी है। .

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२७ मार्च

27 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 86वॉ (लीप वर्ष मे 87 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 279 दिन बाकी है। .

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२९ मार्च

29 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 88वॉ (लीप वर्ष में 89 वॉ) दिन है। साल में अभी और 277 दिन बाकी है। .

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८ मार्च

8 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 67वॉ (लीप वर्ष में 68 वॉ) दिन है। साल में अभी और 298 दिन बाकी है। अंतराष्ट्रीय नारी दिवस (संयुक्त राष्ट्र संघ) .

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SNCF (फ्रांस की राष्ट्रीय रेल ऑपरेटर)

SNCF (Société nationale des chemins de fer français; "राष्ट्रीय फ्रांसीसी रेलवे की सोसाइटी" या "फ्रांसीसी राष्ट्रीय रेलवे कंपनी")है फ्रांस के राष्ट्रीय राज्य के स्वामित्व वाली रेलवे कंपनी और फ्रांस में विवाह रेल यातायात और की रियासत मोनाको। एस एन सी एफ टीजीवी, फ्रांस के उच्च गति रेल नेटवर्क सहित देश की राष्ट्रीय रेल सेवाएं संचालित। अपने कार्यों यात्रियों और माल ढुलाई के लिए रेलवे सेवाओं के संचालन, और रखरखाव और फ्रांस के रेल नेटवर्क (Réseau Ferré de France) के स्वामित्व में रेल बुनियादी ढांचे के संकेतन शामिल हैं। एस एन सी एफ कर्मचारियों विश्व भर में 120 से अधिक देशों में 180,000 लोग। रेलवे नेटवर्क सड़क के बारे में 32.000 किलोमीटर के होते हैं, 1.800 किमी की क्वी उच्च गति लाइनें हैं और 14.500 किमी विद्युतीकृत कर रहे हैं। के बारे में 14,000 गाड़ियों दैनिक संचालित कर रहे हैं। कंपनी Rue du Commandant Mouchotte में पेरिस के 14 वें प्रशासनिक में इसका मुख्यालय है। (www.contravention-sncf.fr/static/html/popupLegalNotes_en.html Legal information) 2010 में एस एन सी एफ व्यवस्थापक विकल्प था: सरकारी 22 और फॉर्च्यून ग्लोबल 500 (Fortune Global 500) इस सूची में फ्रांस में विश्व स्तर पर 214। (money.cnn.com/magazines/fortune/global500/2010/countries/France) यह 2011 में SNCF समूह, क्वी का मुख्य व्यवसाय है और कार्यरत 245.090 लोगों को 120 देशों में बिक्री की € 3260 करोड़ था। एस एन सी एफ समूह के अध्यक्ष Guillaume Pepy है। cant reference there is problem श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक

1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, जो आधिकारिक तौर पर पहले ओलम्पियाड खेल के रूप में जानी जाती है, एक बहु-खेल प्रतियोगिता थी जो यूनान की राजधानी एथेंस में 6 अप्रैल से 15 अप्रैल 1896 के बीच आयोजित हुई थी। यह आधुनिक युग में आयोजित होने वाली पहली अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक खेल प्रतियोगिता थी। चूँकि प्राचीन यूनान ओलम्पिक खेलों का जन्मस्थान था, अतएव एथेंस आधुनिक खेलों के उद्घाटन के लिए उपयुक्त विकल्प माना गया था। यह सर्वसम्मति से जून 23, 1894, को पियरे डे कोबेर्टिन, फ्रांसीसी शिक्षाशास्त्री और इतिहासकार, द्वारा पेरिस में आयोजित एक सम्मेलन (कांग्रेस) के दौरान मेज़बान शहर के रूप में चुना गया था। अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) भी इस सम्मेलन के दौरान स्थापित की गई थी। अनेक बाधाओं और असफलताओं के बावजूद, 1896 ओलम्पिक का आयोजन एक बड़ी सफलता मानी गई थी। यह उस समय तक के किसी भी खेल आयोजन की सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी थी। 19वीं सदी में प्रयोग किया एकमात्र ओलम्पिक स्टेडियम, पानाथिनाइको स्टेडियम, किसी भी खेल प्रतिस्पर्धा को देखने के लिए आई सबसे बड़ी भीड़ से उमड़ गया था। यूनानियों के लिए सबसे मुख्य उनके देशवासी स्पिरिडिन लुई की मैराथन विजय थी। सबसे सफल प्रतियोगी जर्मन पहलवान और जिमनास्ट कार्ल शुमेन थे, जिन्होंने चार स्पर्धाओं में जीत अर्जित की थी। खेलों के पश्चात्, ग्रीस के राजा जॉर्ज और एथेंस में उपस्थित कुछ अमेरिकी प्रतिस्पर्धियों सहित कई प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा रिज़ कोबेर्टिन और आईओसी के समक्ष याचिका दायर की गई थी कि उत्तरगामी सभी खेल एथेंस में ही आयोजित किये जाएँ। परंतु, 1900 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक पेरिस के लिए पहले से ही योजनाबद्ध थे और 1906 इन्टरकेलेटिड खेलों को छोड़कर, ओलम्पिक 2004 के ग्रीष्मकालीन खेलों तक ग्रीस में वापस नहीं लौटे, कुछ 108 साल बाद। इन खेलों की प्रतिस्पर्धाओं और शख्सियतों के प्रतिवेश की कहानियों को 1984 एनबीसी लघु शृंखला (मिनीसीरीज़), द फ़र्स्ट ओलम्पिक: एथेंस, 1896, में इतिवृत्त किया गया था। इस लघु शृंखला में अभिनीत थे विलियम मिलीगन स्लोन के रूप में डेविड ऑग्डेन स्टायर्स और पियरे डे कोबेर्टिन के रूप में लुई जोर्डान। .

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1900 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक

वेलोड्रम डे विंसेन्नेस 1900 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, जिन्हें आज आधिकारिक तौर पर द्वितीय ओलंपियाड के खेल के रूप में जाने जाता है की शुरआत सन १९०० में किसी भी उद्घाटन समारोह के बिना फ़्रांस के शहर पॅरिस में हुई थी। प्रतियोगिताओं की शुरुआत 14 मई को और समापन 28 अक्टूबर हुआ। एक हजार से अधिक प्रतियोगियों ने १९ विभिन्न खेलों में भाग लिया। ये खेल स्न १९०० के विश्व मेले के एक हिस्से थे।एक हज़ार से जयदा खिलाड़ियो ने १९ प्रतियोगिताओ में हिस्सा लिया। इन खेलो में महेलिओ ने भी हिस्सा लिया और शार्लट कॉपर पहली महिला ओलुंपीक चँपियन बनी। बहुत से विजेताओ को मेडल नहीं मिला उन्हे केवल कप्स और ट्रोफीस से ही संतोष करना पड़ा। कुछ विभिन्न प्रकार के खेल भी इस ओलिंपिक में खेले गये जैसे की क्रिकेट, पानी के अंदर तेराकी मोटरसाइकिल रेस आदि। .

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1908 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक

1908 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, औपचारिक रूप से IV ओलंपियाड के खेलों, एक अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल आयोजन थे, जो 1908 में लंदन, यूनाइटेड किंगडम में 27 अप्रैल से 31 अक्टूबर 1908 तक आयोजित किया गया था। ये खेल मूल रूप से रोम में आयोजित होने के लिए निर्धारित थे, लेकिन वे 1906 में माउंट वसुवियस के विनाशकारी विस्फोट के बाद वित्तीय आधार पर फिर से स्थित थे। प्रस्तावित इंटरैकलेटेड गेम के वैकल्पिक चार साल के चक्र के विरोध में वे चार साल के चक्र स्वीकार किए जाते हैं, साथ ही वे चौथे कालानुक्रमिक आधुनिक ओलंपिक खेलों में शामिल थे। इन खेलों के लिए आईओसी अध्यक्ष बैरन पियरे डी कौबेर्टिन थे। कुल 187 दिन, या 6 महीने और 4 दिन तक चलने वाले, ये खेलों आधुनिक ओलंपिक इतिहास में सबसे लंबे समय तक थे। .

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1924 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक

1924 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक आधिकारिक तौर पर VIII ओलंपियाड के खेलों के नाम से जाना जाता था, यह एक अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल आयोजन था, जिसे 1924 में पेरिस, फ्रांस में मनाया गया था। 1900 के बाद पेरिस ने दूसरी बार खेल कराया था। 1924 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए चयन प्रक्रिया में छह बोलियां थीं, और पेरिस को एम्स्टर्डम, बार्सिलोना, लॉस एंजिल्स, प्राग और रोम से आगे चुना गया था चयन 1921 में लॉज़ेन में 20 वीं आईओसी सत्र में किया गया था। आठवीं ओलंपियाड के खेलों की लागत अनुमानित 10,000,000₣ थी। 5,496,610₣ पर कुल प्राप्ति के साथ, एक समय में 60,000 लोगों तक पहुंचने वाले भीड़ के बावजूद ओलंपिक का भारी नुकसान हुआ। .

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1924 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक पदक तालिका

यह 1924 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के पदक तालिका का पूरा मेज है जो पेरिस, फ्रांस में आयोजित किया गया था। यह रैंकिंग एक देश द्वारा अर्जित स्वर्ण पदकों की संख्या से क्रमबद्ध है। रजत पदों की संख्या को ध्यान में रखा जाता है और फिर कांस्य की संख्या। यदि, उपर्युक्त के बाद, देश अभी भी बांध रहे हैं, समान रैंकिंग दी गई है और उन्हें वर्णानुक्रम में सूचीबद्ध किया गया है। यह आईओसी, आईएएएफ और बीबीसी द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रणाली का पालन करता है। श्रेणी:ओलम्पिक खेल.

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1998 फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता

फ़्रेंच ओपन (Les Internationaux de France de Roland Garros or Tournoi de Roland-Garros) एक मुख्य टेनिस प्रतियोगिता है जो मध्य मई से जून के प्रारंभ तक रोलां गैरो स्टेडियम, पेरिस, फ़्रांस में खेली जाती है। यह वर्ष की द्वितीय ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता होती है। विजेताओं की सूची इस प्रकार से है: .

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2000 के दशक के उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी

2009 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर को दिखाते हुए दुनिया का नक्शा. 2000 के दशक के उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी (या ग्रेट रिसेशन (भयंकर मंदी)) एक गंभीर आर्थिक मंदी थी जो संयुक्त राज्य अमेरिका में दिसंबर 2007 में शुरू हुई और जून 2009 में समाप्त हुई (यू.एस. नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनोमिक रिसर्च के अनुसार)। यह औद्योगिक दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में फैला जिसकी वजह से आर्थिक गतिविधियों स्पष्ट रूप से कमी आई। यह वैश्विक आर्थिक मंदी एक ऐसे आर्थिक माहौल में अपने पाँव पसारती रही है जिसकी पहचान विभिन्न प्रकार के असंतुलनों से होती है और 2007-2010 के वित्तीय संकट के प्रकोप से एकदम भड़क उठी.

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2007 के अरबपतियों की सूची

यह फोर्ब्स पत्रिका द्वारा विश्व के सबसे दौलतमंद लोगों की सूची है। पत्रिका द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार इस साल लगभग 946 अरबपति हैं जिसमें 178 नये नाम शामिल हैं। इन लोगों की सकल आय का आकलन अमरीकी डालर में 9 फ़रवरी 2007 को स्टाक मूल्य बंद होने के समय मौज़ूद मूल्यों पर आधारित है। .

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2007-2009 का वित्तीय संकट

2007-वर्तमान वित्तीय संकट एक ऐसा वित्तीय संकट है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में चलनिधि की कमी से पैदा हुआ। यह बड़ी वित्तीय संस्थाओं के पतन, राष्ट्रीय सरकारों द्वारा बैंकों की "जमानत" और दुनिया भर में शेयर बाज़ार की गिरावट का कारक बना। कई क्षेत्रों में, आवास बाज़ार को भी नुकसान उठाना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप कई निष्कासन, प्रतिबंध और दीर्घकालिक रिक्तियां सामने आईं.

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2008 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में फ्रांस

फ्रांस ने चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित हुए 2008 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में भाग लिया था। फ्रांस ने 323 एथलीटों के दल को चीन भेजा था। फ्रांसीसी एथलीटों ने कुल 41 पदक जीते जिसमें सात स्वर्ण, सोलह रजत व अठारह कांस्य थे। फ्रांस ने पदक तालिका में दसवां स्थान अर्जित किया था। .

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2010 फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता

2010 फ़्रेंच ओपन (रोलाँ गारो) पेरिस, फ़्राँस में 23 मई से 6 जून, 2010 तक आयिजित हुआ। .

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2014 शीतकालीन ओलंपिक में फ्रांस

फ़्रांस 7 से 23 फरवरी 2014 तक सोचि, रूस में 2014 शीतकालीन ओलंपिक में भाग लिया। फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलैंड ने 2014 के शीतकालीन ओलंपिक में भाग नहीं लिया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से नहीं कहा है कि निर्णय एक राजनीतिक संकेत था। फ्रेंच प्रतिनिधिमंडल ने कुल मिलाकर कुल 15 पदक जीते (4 स्वर्ण सहित), जो कि शीतकालीन ओलंपिक खेलों में सबसे अधिक है और कुल पदक में आठवें स्थान पर है। .

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2015 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन

2015 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, COP 21 या  CMP 11  पेरिस, फ़्रांस, 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2015.को आयोजित किया गया था। यह जलवायु परिवर्तन पर 1992 के संयुक्त राष्ट्र संरचना सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) के लिए दलों की बैठक का 21 वां वार्षिक सत्र था और 1997 के क्योटो प्रोटोकॉल के लिए दलों की बैठक का 11वां सत्र था। पेरिस में दिसंबर 2015 सम्मेलन इतिहास में पहली बार दुनिया के सभी देशों द्वारा जलवायु परिवर्तन (पेरिस समझौते) को कम करने के तरीकों पर एक सार्वभौमिक समझौते को प्राप्त करने के लिए अपने उद्देश्य पर पहुंचा, अगर यह कम से कम 55 देशों,  जो वैश्विक ग्रीनहाउस उत्सर्जन के कम से कम 55 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं को स्वीकृत, अनुमोदित या स्वीकार कर लिया जाता है तो कानूनी रूप से बाध्यकारी हो जाएगा,और 2020 तक कार्यान्वित किया जाएगा। आयोजन समिति के अनुसार मूल अपेक्षित परिणाम था, औद्योगिक युग से पहले की तुलना में, 2100 तक  ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करना। जलवायु परिवर्तन 2009 संयुक्त राष्ट्र के अंतर सरकारी पैनल में शोधकर्ताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की थी कि इन गंभीर जलवायु आपदाओं से बचने के लिए यह आवश्यक है, और बदले में इस तरह का परिणाम 2010 के साथ तुलना में 2050 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 40 और 70 प्रतिशत के बीच कम किया जाने की और 2100 में शून्य के स्तर तक पहुंचने आवश्यकता है। यह लक्ष्य हालांकि पेरिस समझौते की औपचारिक रूप से स्वीकार अंतिम मसौदे ने पीछे छोड़ दिया जिस में 1.5 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में वृद्धि को सीमित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने का इरादा भी है।  ऐसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए 2030 और 2050 के बीच उत्सर्जन में शून्य स्तर की आवश्यकता होगी। हालांकि, उत्सर्जन के लिए कोई ठोस लक्ष्य पैरिश समझौते के अंतिम संस्करण में बयान नहीं किये गए। सम्मेलन से पहले, 146 राष्ट्रीय जलवायु पैनलों ने सार्वजनिक रूप से  राष्ट्रीय जलवायु योगदान मसौदे (INDCs, तथाकथित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) प्रस्तुत  किये। इन प्रतिबद्धताओं से 2100 तक 2.7 डिग्री सेल्सियस तक ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने का अनुमान लगाया गया। उदाहरण के लिए, यूरोपीय संघ की सुझाव दी गई  INDC 1990 की तुलना में 2030 तक उत्सर्जन में 40 प्रतिशत की कटौती करने के लिए एक प्रतिबद्धता है। इस बैठक से पहले, 4 और 5 जून 2015 पर MedCop21 दौरान, एक विधानसभा में मार्सिले, फ्रांस में भूमध्य सागर में ग्लोबल वार्मिंग के बारे में बात की थी।एक पूर्व सीओपी बैठक दुनिया भर से पर्यावरण मंत्रियों के साथ 19, 23 अक्टूबर 2015 को, बॉन में आयोजित की गई थी। .

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2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में फिनलैंड

फिनलैंड निर्धारित है में प्रतिस्पर्धा करने के लिए 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में रियो डी जनेरियो, ब्राज़िल, 5 से 21 अगस्त, 2016.

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2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में बुल्गारिया

बुल्गारिया में होनी है में प्रतिस्पर्धा करने के लिए 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में रियो डी जनेरियो, ब्राज़िल, 5 से 21 अगस्त, 2016.

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2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में रूस

रूस के लिए निर्धारित है पर प्रतिस्पर्धा 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में रियो डी जनेरियो, ब्राज़िल, 5 से 21 अगस्त, 2016.

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2017 पेरिस चाकू हमला

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2017 शयरात एयर बेस अमेरीकी मिसाइल हमला

7 अप्रैल 2017 की सुबह, सीरियाई गृहयुद्ध के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका ने शायरात एयर बेस के उद्देश्य से सीरिया में भूमध्य सागर से जलपोत द्वारा 59 टॉमहॉक मिसाइले सीरिया के सैन्य सरकारी अड्डे शायरात एयर वेस पर दागी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 4 अप्रैल 2017 को ख़ान शेखहुन रासायनिक हमले की सीधी प्रतिक्रिया के रूप में हड़ताल का आदेश दिया था। युद्ध के दौरान बाथिस्ट सीरियाई सरकार की सेनाओं को जानबूझकर लक्षित करने के लिए संयुक्त राज्य की सेना का पहला एकतरफा हमला था जिसमें 6 सीरियाई सैनिक सहित 11 नागरिक मारे गये थे। राष्ट्रपति ट्रम्प ने यह कहते हुए हड़ताल को उचित ठहराया कि यह दुनिया में घातक रासायनिक हथियारों के प्रसार और उपयोग को रोकने के लिए संयुक्त राज्य के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है। .

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2018 शीतकालीन पैरालम्पिक

2018 शीतकालीन पैरालम्पिक, जो कि आधिकारिक रूप से बारहवाँ पैरालम्पिक खेल के नाम से जाना जाता है, 9 से 18 मई के मध्य दक्षिण कोरिया के प्योंगचांग नगर में आयोजित होंगे। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों का आयोजन है जो कि अन्तरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति द्वारा आयोजित किया जाना है। अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने इस आयोजन के लिये 15 अक्टूबर 2009 को तीन दावेदारियां प्राप्त की थी। प्योंगचांग के साथ फ्रेंच आल्प्स में स्थित एन्नेसी, फ्रांस तथा म्यूनिख, जर्मनी (1972 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक का मेज़बान) ने भी इस आयोजन के लिये मेज़बानी का अपना दावा ठोका था। 22 जून 2010 को यह सभी दावेदार नगर प्रतिभागी नगर के तौर पर चुन लिये गये। जीते हुये प्रतिभागी नगर की घोषणा 6 जून 2011 को 123वें आईओसी सत्र, डरबन, दक्षिण अफ्रीका में हुई। 27 अक्टूबर 2013 को 2018 शीतकालीन पैरालम्पिक खेलों का नया प्रतीक चिह्न जारी हुआ जो कि 16 मार्च 2014 को सोची नगर द्वारा मेज़बान नगर को सौंपा गया। अभिनेता ली दोंग वुक को इन खेलों के लिये सम्मानित दूत चुना गया। .

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2018 शीतकालीन ओलम्पिक में बोलीविया

बोलीविया के दो खिलाड़ियों को दक्षिण कोरिया के प्योंगचांग में 9 से 25 फरवरी के मध्य आयोजित हो रहे 2018 शीतकालीन ओलम्पिक में भाग लेना है। बोलीविया फ्रांस के अल्बर्टविले में आयोजित हुए 1992 शीतकालीन ओलम्पिक के 26 साल बाद इन खेलों में भाग ले रहा है। बोलीविया ने 18 जनवरी 2018 को इन खेलों में भाग लेने वाले अपने दो खिलाड़ियों के नामों की घोषणा की। इस घोषणा में सिमोन ब्रेत्फस कमीरलैंडर को उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक बनाया गया। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

फ़्राँस, फ़्रांस, फ्राँस, फ्रान्स, फ्रांस।

फ्रेंच ईस्ट इंडिया पर किसका अधिकार था?

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी (French East India Company) एक व्यापारिक प्रतिष्ठान थी। इसकी स्थापना 1664 में की गई थी ताकि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी तथा डच इस्ट इंडिया कंपनी से मुकाबला किया जा सके।

फ्रेंच ईस्ट इंडिया में कुल कितने देश हैं?

१- कॉम्पैनी फ़्रैन्साइज़ डेस इंडेस ओरिएंटल (फ़्रेंच: “ईस्ट इंडीज़ की फ्रांसीसी कंपनी”), २-1719-20- कॉम्पैनी डेस इंडेस (“इंडीज़ की कंपनी”), ३- 1720-89- Compagnie Française des Indes (“इंडीज की फ्रांसीसी कंपनी”), उपरोक्त तीनों कंपनियों को मिलाकर 'फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी' की स्थापना की गयी।

फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी का गठन कब हुआ?

1 सितंबर 1664फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी / स्थापना की तारीख और जगहnull

इंडिया पर किसका अधिकार था?

साल 1813 में, ब्रिटिश संसद ने भारत में व्यापार पर ईस्ट इंडिया कंपनी के एकाधिकार को समाप्त कर दिया और अन्य ब्रिटिश कंपनियों को व्यापार करने और कार्यालय खोलने की अनुमति दे दी.