सबसे पहले मुझे बताएं कि आप किस राज्य से संबंधित हैं, क्योंकि उड़ीसा में दो स्थानीय कानून हैं Show
बिना अनुमति के एससी भी एससी की जमीन नहीं खरीद सकताfeedcrawler user | Navbharat Times | Updated: Jun 3, 2020, 6:30 AM - एक मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सुनाया फैसलाएनबीटी ब्यूरो, प्रयागराजहाईकोर्ट ने कहा है कि, किसी अनुसूचित जाति के भूमिधर की जमीन खरीदने ...- एक मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला एनबीटी ब्यूरो, प्रयागराज हाईकोर्ट ने कहा है कि, किसी अनुसूचित जाति के भूमिधर की जमीन खरीदने से पहले नियमानुसार पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है। भले ही जमीन खरीदने वाला स्वयं अनुसूचित जाति का सदस्य ही क्यों न हो। कोर्ट ने इस मामले में याची के गरीब होने और कानून की जानकारी न होने पर इक्विटी का लाभ देने से भी इनकार कर दिया। अनुसूचित जाति के रामलाल की याचिका खारिज करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र ने दिया है। याची रामलाल ने अपने गांव में एक अन्य अनुसूचित जाति के व्यक्ति से उसकी दो कृषि भूमि खरीदी थी। बेचने वाले को यह जमीन गांव सभा से आवंटन में मिली थी, जिस पर उसे स्थानांतरणीय भूमिधर का अधिकार प्राप्त था। याची की सेल डीड यह कहते हुए खारिज कर दी गई कि उसने जमींदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम की धारा 157 एए के तहत अनुसूचित जाति की भूमि खरीदने से पहले आवश्यक अनुमति नहीं ली थी और जमीन राज्य सरकार में समाहित कर ली गई। इसी के बाद वह एसडीएम वित्त और कमिश्नर के पास गया था, जहां उसकी अर्जी और अपील खारिज कर दी, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। याची के अधिवक्ता की दलील थी कि याची स्वयं अनुसूचित जाति का है इसलिए एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति को दूसरे अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन खरीदने के लिए पूर्व अनुमति लेना आवश्यक नहीं है। अधिवक्ता का यह भी कहना था कि, याची की सेल डीड रद्द कर जमीन राज्य सरकार में भले ही समाहित कर ली गई है मगर जमीन पर वास्तविक कब्जा अभी भी याची का ही है। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
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