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फिर प्रभु के सामने इस प्रकार प्रण करना चाहिए कि
'आज मैं चोर, पाखंडी़ और दुराचारी मनुष्यों से बात नहीं करूंगा और न ही किसी का दिल दुखाऊंगा। रात्रि को जागरण कर कीर्तन करूंगा।' तत्पश्चात 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस द्वादश मंत्र का जाप करें। राम, कृष्ण, नारायण आदि विष्णु के सहस्रनाम को कंठ का भूषण बनाएं। भगवान विष्णु का स्मरण कर प्रार्थना करें और कहे कि- हे त्रिलोकीनाथ! मेरी लाज आपके हाथ है, अत:
मुझे इस प्रण को पूरा करने की शक्ति प्रदान करना। एकादशी का व्रत क्या खाकर खोलना चाहिए?एकादशी व्रत के अगले दिन द्वादशी पर आप चावल खाकर भी व्रत का पारण कर सकते हैं। दरअसल एकादशी के दिन व्रत नहीं रखने वालों को भी चावल न खाने की मनाही होती है। मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से प्राणी रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म पाता है। लेकिन द्वादशी को चावल खाकर व्रत का पारण करने से इस योनि से मुक्ति भी मिल जाती है।
एकादशी का पारण में क्या क्या खाना चाहिए?पारण में क्या खाएं (what to eat in Ekadashi Parana)
धार्मिक पुराणों के अनुसार एकादशी व्रत के पारण पर चावल का सेवन जरूर करना चाहिए. एकादशी व्रत के दिन चावल खाना मना होता है, लेकिन द्वादशी के दिन आप खा सकते हैं. एकादशी के पारण के दिन सेम की सब्जी खाना उत्तम होता है.
एकादशी व्रत कैसे खोले?* एकादशी (ग्यारस) के दिन व्रतधारी व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। * केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें। * प्रत्येक वस्तु प्रभु को भोग लगाकर तथा तुलसीदल छोड़कर ग्रहण करना चाहिए। * द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को मिष्ठान्न, दक्षिणा देना चाहिए।
एकादशी व्रत कब खोला जाता है?द्वादशी तिथि के साथ होने से इसी दिन व्रत करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है. ये दोनों तिथियां भगवान विष्णु को प्रिय है इसलिए उनकी उपासना के लिए 23 अगस्त उत्तम है. - एकादशी के व्रत में सफेद नमक, तेल मसाला, मिर्च मसाले का सेवन नहीं करना चाहिए.
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