चल कुंडली धारामापी की धारा सुग्राहिता को परिभाषित कीजिए चल कुंडली धारामापी का सिद्धांत एवं कार्यविधि का वर्णन कीजिए ? Show अध्याय धारामापी (Galvanometer) धारामापी के प्रतिरोध तथा दक्षतांक का निर्धारण अब यदि धारामापी के समान्तर क्रम में शंट प्रतिरोध त् इस प्रकार प्रयुक्त किया जाए कि कुजी K2 की. लगाने पर धारामापी में विक्षेपित अंश n/2 रह जायें तब परिपथ में प्रयुक्त कुल प्रतिरोध सेल से प्राप्त धारा I1 = E/Rt = E/ RHk~ ़ GR/ R़G = E;R़G)/ RH;R़G)़GR . …(4) तथा यदि धारामापी के कुल अंशों की संख्या छ है तो धारमापी की पूर्ण स्केल पर विक्षेप के लिए आवश्यक धारा या पूर्ण स्केल विक्षेप धारा अतः आवश्यक उच्च प्रतिरोध R”H = V/ Ig = G सब्सक्राइब करे youtube चैनल चल कुंडली धारामापी को अमीटर में कैसे परिवर्तन किया जाता है?Solution : अमीटर में परिवर्तित करने के लीये, धारामापी की कुण्डली के समान्तर में लघु प्रतिरोध (शन्ट) लगा देते है जिसका मान अमीटर की परास पर निर्भर करता है। वोल्टमीटर में बदलने के लीये, धारामापी के श्रेणीक्रम में उच्च प्रतिरोध जोड़ देते है।
धारामापी क्या है चल कुण्डली धारामापी का सिद्धांत एवं क्रियाविधि समझाइये?चल कुंडली धारामापी का सिद्धांत :-
माना साम्यावस्था में ऐंठन का कोण Φ रेडियन है। तथा ऐंठन बल-युग्म c हो तो ऐंठन कोण Φ के लिए बल युग्म का आघूर्ण cΦ होगा। तो इस प्रकार कुंडली में प्रवाहित धारा, उसमें उत्पन्न विक्षेप के अनुक्रमानुपाती होती है।
चल कुण्डल धारामापी वेस्टन का नामांकित चित्र बनाइये इसके ध्रुव अवतल क्यों बनाये जाते है?Solution : चल कुंडली धारामापी में चुंबक के ध्रुव अवतल बनाये जाते है , क्योंकि इनके बीच चुंबकीय क्षेत्र त्रिज्यीय हो तथा कुंडली का तल सदैव चुंबकीय क्षेत्र के समांतर हो जाये ।
गैल्वेनोमीटर को अमीटर में कैसे बदला जाता है?एमीटर में गैल्वटनोमीटर का परिवर्तन
गैल्वनोमीटर केवल मामूली धारा का पता लगा सकता है। इसलिए बड़ी धारा नापने के लिए इसे एमीटर में बदला जाता है। गैल्वनोमीटर के समानांतर क्रम में शंट प्रतिरोध नामक अल्प प्रतिरोध जोड़कर इसे एमीटर में परिवर्तित किया जा सकता है।
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