डाटा को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न तरीके कौन कौन से हैं? - daata ko surakshit rakhane ke lie vibhinn tareeke kaun kaun se hain?

अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए उठाएं ये कदम

31 मार्च 2018

डाटा को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न तरीके कौन कौन से हैं? - daata ko surakshit rakhane ke lie vibhinn tareeke kaun kaun se hain?

इमेज स्रोत, Getty Images

पिछले एक सप्ताह के दौरान फ़ेसबुक-कैम्ब्रिज एनेलिटिका प्रकरण के बाद पूरी दुनिया में लोगों के बीच चिंता पैदा हो गई है कि आखिर हमारा निजी डेटा कितना सुरक्षित है और क्या उसे हमारी इजाज़त के बिना भी कोई इस्तेमाल कर सकता है.

ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका ने फ़ेसबुक के 5 करोड़ प्रोफ़ाइल से उनकी निजी जानकारियां जुटाकर अमरीका में हुए चुनावों के लिए एक डेटाबेस तैयार किया था. इस डेटाबेस में फ़ेसबुक यूजर्स के प्रोफाइल से उनकी पसंद-नापसंद के बारे में जानकारियां इकट्ठा की गईं थीं. इस पूरे काम के लिए इस कंपनी ने फ़ेसबुक यूजर्स से कोई इजाज़त नहीं मांगी थी.

इस ख़बर के सामने आने से पहले भी शायद आप ये बात जानते होंगे कि फ़ेसबुक और गूगल स्टोर आपकी पसंद-नापसंद से संबंधित डेटा रखते हैं, लेकिन वो इस डेटा का इस्तेमाल किस तरह कर सकते हैं इसका अंदाजा शायद किसी को भी नहीं होगा.

बीबीसी ने बर्लिन स्थित एक समूह से बात की जो डिजिटल सुरक्षा में विशेषज्ञता रखता है. 0

बीबीसी ने जानना चाहा कि आख़िर हम कैसे यह पता लगा सकते हैं कि हमारी कौन-कौन सी जानकारियां ऑनलाइन डेटा के रूप में रखी गई हैं और जिन जानकारियों की बहुत अधिक आवश्यकता नहीं है उसे हम कैसे हटा सकते हैं.

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फ़ेसबुक से कैसे चोरी हो रहा है आपका निजी डेटा?

1. फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल ठीक करना

फ़ेसबुक हमें यह सुविधा देता है कि हम अपनी सभी जानकारियां डाउनलोड कर सकते हैं, इसमें हमारे तमाम फ़ोटोग्राफ़ और निजी संदेश भी शामिल होते हैं.

अपनी जानकारियों को डाउनलोड करने के लिए, सबसे पहले जनरल अकाउंट सेटिंग में जाएं, उसके बाद 'डाउनलोड ए कॉपी ऑफ़ योर फ़ेसबुक डेटा' पर क्लिक करें. ऐसा करने से हमारी तमाम जानकारियां हमें ईमेल पर मिल जाएंगी.

इसी दौरान हमें फ़ेसबुक के ऐप्स से उन जानकारियों को हटा सकते हैं जिनकी वहां कोई जरूरत नहीं है. उन ऐप्स को भी मोबाइल पर रखने की जरूरत नहीं जिनका हम बहुत ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते.

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हार्ड डिस्क नहीं अब डीएनए में स्टोर करें डेटा!

हां, इन ऐप्स को डिलीट करने से पहले यह ज़रूर देख लें कि उनमें आपकी कौन कौन सी जानकारियां दर्ज हैं.

इसके अलावा आप खुद को उन तस्वीरों से भी अनटैग कर सकते हैं जिनमें आप नहीं है या फिर आपको वो तस्वीरें पसंद नहीं हैं.

ऐसा करने के लिए अपने प्रोफ़ाइल के एक्टिविटी लॉग पर जाएं और देखें कि किन-किन तस्वीरों और पोस्ट में आप टैग हैं, उसके बाद जो पोस्ट और तस्वीरें आप हटाना चाहते हैं उन्हें अपने प्रोफ़ाइल से हटा लें.

2. गूगल, मेरे बारे में कितना जानता है?

गूगल हमारी ज़िंदगी में आज हवा और पानी की तरह घुलमिल गया है, हम रोजाना अलग-अलग तरह से गूगल का इस्तेमाल कर रहे होते हैं.

और यह बात गूगल भी बहुत अच्छी तरह जानता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि हम गूगल पर अपनी जानकारियों को सुरक्षित रखें.

अपने गूगल अकाउंट पर लॉग इन करें, वहां अपनी तस्वीर या लोगो पर क्लिक करें, उसके बाद प्राइवेसी चेकअप पेज पर जाएं. इसके बाद आप अपने निजी डाटा को दोबारा सुरक्षित कर सकते हैं.

जब आप गूगल पर 'पर्सनलाइज यॉर गूगल एक्सपीरियंस' पर जाएंगे तो आप अपने डेटा पर नियंत्रण रख सकते हैं. इसके अलावा किन जानकारियों को वहां रखना है और किन्हें हटाना है ये सब आप अपने अनुसार देख सकते हैं.

इसके अलावा मोबाइल पर गूगल ऐप को भी आप अपने नियंत्रण में रख सकते हैं.

अगर यह देखना चाहते हैं कि गूगल में आपके बारे में क्या-क्या जानकारियां है तो इस लिंक पर भी जा सकते हैं.

3. लोकेशन डेटा के बारे में क्या पता है आपको?

अगर आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इस बात की बहुत हद तक संभावना है कि आप किसी ऐप के ज़रिए अपनी लोकेशन यानी आप किस समय कहां मौजूद हैं, कहां रह रहे हैं, कहां जा रहे हैं, ये तमाम जानकारियां साझा कर रहे हों.

अपनी लोकेशन से जुड़ी तमाम जानकारियों को जानने के लिए ये स्टेप अपनाए जा सकते हैंः

  • एनड्रॉयडः गूगल मैप्स पर जाएं> मेन्यू> आपकी टाइमलाइन. इसके बाद जो जानकारी जानना चाहते हैं उस पर जाएं.

  • आईफ़ोनः सेटिंग्स> प्राइवेसी> लोकेशन सर्विसेज़> स्क्रॉल डाउन करें उसके बाद सिस्टम सर्विस चुनें > स्क्रॉल डाउन करें और फिर फ्रीक्वेंट/सिग्निफिकेंट लोकेशन चुने.

अपने मोबाइल या कम्प्यूटर पर इस लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं.

अगर आप किसी अन्य ऐप्स ये अपनी लोकेशन साझा नहीं करना चाहते तो ये स्टेप अपनाएं

  • एनड्रॉयडः सेटिंग्स > ऐप्स > ऐप्स पर्मिशन > लोकेशन.

  • आईफोनः सेटिंग्स > प्राइवेसी > लोकेशन सर्विसेजड > ऐप के आधार पर अपनी लोकेशन को नियंत्रित करें.

4. प्राइवेट ब्राउज़र का इस्तेमाल करना

ऑनलाइन शॉपिंग साइट से कुछ सामान ख़रीदते समय हमारे सामने बहुत से अन्य पेज खुल जाते हैं और हम उन पर भी क्लिक कर देते हैं. ये पेज किसी दूसरी कंपनी से जुड़े होते हैं.

इन कंपनियों के पास हमारा एक डेटा इक्ट्ठा होता रहता है- जिसमें हम क्या सर्च करते हैं, कौन सी वेबसाइट पर जाते हैं और उनका आईपी एड्रेस क्या है आदि जानकारियां भी शामिल होती हैं.

इसमें एक बुरी बात यह है कि किसी भी ब्राउजर में पहले से प्राइवेट सेटिंग नहीं होती, ज़्यादातर में कुकीज़ स्टोर हो जाती हैं साथ ही ब्राउजिंग हिस्ट्री भी स्टोर होती है. इतना ही नहीं हम ऑनलाइन क्या लिख रहे हैं और कई अन्य जानकारियां भी स्टोर होती रहती हैं और कभी भी किसी तीसरे के साथ साझा की जा सकती हैं.

हालांकि गूगल, फायरफॉक्स और सफारी में प्राइवेट या गुप्त तरीके से ब्राउजिंग करने के तरीके भी दिए जाने लगे हैं. इसमें हमारी ब्राउजिंग हिस्ट्री, कुकीज़, टेम्पररी फाइल और अन्य जानकारियां खुद-ब-खुद डिलीट हो जाती हैं.

कुछ सेटिंग आप खुद जांच सकते हैंः

अपना ब्राउजर खोलें (फायरफॉक्स, क्रोम, क्रोमियम या सफारी) उसके बाद मेन्यू में जाएं > न्यू प्राइवेट/इन्कॉगनिटो (गुप्त) विंडो पर जाएं.

फायरफॉक्स या सफारी में अपनी प्राइवेट सेटिंग करने के लिए ये स्टेप अपनाएंः

फायरफॉक्सः मेन्यू > प्रेफरन्स > प्राइवेसी > हिस्ट्री > अपने डेटा को हमेशा प्राइवेट मोड में रखने वाले विकल्प को चुनें

सफारीः सफारी ब्राउज़र के टॉप बार पर जाएं > प्रेफरेन्स > जनरल > सफारी को एक नए प्राइवेट विंडो पर खोलें.

5. खुद से पूछेंः क्या मुझे इन प्स की ज़रूरत है?

क्या आपको पता है आपके फ़ोन में कितने ऐप्स हैं? एक अनुमान लगाइए, और फिर अपने फ़ोन में ऐप्स को गिनिए.

क्या फ़ोन में अनुमान से ज़्यादा ऐप्स हैं? जब कभी भी हम ऐप्स को डिलीट करने के बारे में सोचते हैं तो इस बात पर परेशान हो जाते हैं कि कौन सा ऐप रखें और कौन सा डिलीट करें. ऐसे में कुछ सवाल खुद से पूछने पर आपकी यह परेशान दूर हो सकती है.

  • क्या आपको सच में इस ऐप की ज़रूरत है?
  • आपने आखिरी बार इस ऐप का इस्तेमाल कब किया?
  • इस ऐप में कौन सा डेटा स्टोर है?
  • यह ऐप कहां से चलती है?
  • क्या आपको इस ऐप पर भरोसा है? क्या आप इनकी प्राइवेट पॉलिसी के बारे में जानते हैं?
  • इस ऐप में अपनी तमाम जानकारियां देने के बाद आपको क्या फ़ायदा मिला है?

उम्मीद है, इन सवालों के जवाब जानने के बाद आप कुछ ऐप्स को अपने मोबाइल से डिलीट कर सकेंगे.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

डेटा को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न तरीके कौन कौन से हैं?

इन बातों का भी रखें ध्यान.
अपने पासवर्ड को नियमित रूप से बदलते रहें..
अननोन सेंडर्स से आए र्इमेल के अटैचमेंट को न खोलें..
अनजान लोगों से अपना पासवर्ड या ओटीपी साझा न करें..
दूसरी साइट्स पर जाने के लिए गूगल या फेसबुक के इस्तेमाल से बचें..
ब्राउजर विंडो को बंद करने की बजाय अकाउंट से निकलने के लिए लॉग-आउट करें..

आपके डेटा को क्या सुरक्षित रखता है?

डेटा को आपके डिवाइस, Google की सेवाओं, और हमारे डेटा सेंटर के बीच एक जगह से दूसरी जगह भेजते समय, एन्क्रिप्ट (सुरक्षित) किया जाता है। Google के प्रॉडक्ट और सेवाओं को कई सुरक्षा स्तरों के साथ बनाया गया है, ताकि आपकी जानकारी सुरक्षित रहे। इनमें, बातचीत को एन्क्रिप्ट (सुरक्षित) करने की मुख्य टेक्नोलॉजी शामिल है।

डाटा सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?

Data Security का मतलब होता है, जानकारी की सुरक्षा करना। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे कंप्यूटर से तैयार किये गए Digital Data को Secure किया जाता है। जिससे की किसी भी तरह का कोई Unauthorized Access, Unknown IP Address, File Modification, Spaming Email and Number आदि Data को Access ना कर पाए।

एक नेटवर्क प्रसारण के दौरान डाटा को सुरक्षित करने का तरीका क्या है?

फायरवॉल वह सिस्टम है जो कंप्यूटर और कंप्यूटर नेटवर्क पर हमले से रक्षा करता है और नेटवर्क ट्रैफिक को बाधित करके बाद के घुसपैठ को रोकता है जो इससे होकर गुजर सकता है; यह सिस्टम प्रशासक परिभाषित नियमों के एक सेट पर आधारित है।