डिप्रेशन कितने दिनों में ठीक हो जाता है? - dipreshan kitane dinon mein theek ho jaata hai?

Author: Rahul SrivastavaPublish Date: Mon, 05 Apr 2021 07:30 AM (IST)Updated Date: Mon, 05 Apr 2021 07:30 AM (IST)

डिप्रेशन कितने दिनों में ठीक हो जाता है? - dipreshan kitane dinon mein theek ho jaata hai?

अवसाद का इलाज उपलब्ध है। बस सतर्कता यह बरतनी है कि बीच में दवा न छोड़ें। इससे बीमारी गंभीर हो सकती है और लंबे समय तक दवा खानी पड़ सकती है। तनाव से इस रोग का फैलाव तेजी से हो रहा है।

गोरखपुर, जेएनएन : अवसाद का इलाज उपलब्ध है। बस सतर्कता यह बरतनी है कि बीच में दवा न छोड़ें। इससे बीमारी गंभीर हो सकती है और लंबे समय तक दवा खानी पड़ सकती है। भागदौड़ की जिंदगी में होने वाले तनाव से इस रोग का फैलाव तेजी से हो रहा है। इससे बचने के लिए सुबह-शाम टहलें। व्यायाम या योगाभ्यास करें। रुचिकर व सृजनात्मक कार्यों में समय व्यतीत करें। मन को प्रसन्न रखें। अवसाद हमेशा दूर रहेगा। यह सलाह जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. अमित शाही ने दी है। वह दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'हैलो डाक्टर' में मौजूद थे। लोगों ने फोन पर उनसे तनाव, अनिद्रा व अन्य बीमारियों के संबंध में सवाल पूछे। डा.शाही ने सभी को उचित परामर्श देकर संतुष्ट किया। प्रस्तुत हैं सवाल-जवाब।

सवाल- हमेशा तनाव रहता है। लगता है जैसे मस्तिष्क में कुछ चल रहा है।

जवाब- आधा घंटा तेज टहलिए। दूध व फलों का सेवन करें। पर्याप्त नींद लें।

सवाल- सिर में हल्का दर्द बना रहता है। घबराहट होती है।

जवाब- तनाव की वजह से ऐसा हो सकता है। ऐसा कोई काम न करें या सोचें जो तनाव दे। जिला अस्पताल में सोमवार, बुधवार या शुक्रवार को आकर दिखा लें।

सवाल- पत्नी को घबराहट होती है और अकारण संदेह करती हैं।

जवाब- डेरवा स्वास्थ्य केंद्र पर मैं हर माह के पहले गुरुवार को बैठता हूं। वहां या जिला अस्पताल आकर दिखा लें।

सवाल- रात को नींद नहीं आती है, बेचैनी रहती है।

जवाब- दिन में सोने की बजाय अपना समय रचनात्मक कार्यों में लगाएं, जिनसे आपको आनंद मिलता हो।

सवाल- अनिद्रा से परेशान हूं।

जवाब- दिन में न सोएं। रात 10 बजे के बाद मोबाइल, टीबी या इंटरनेट का उपयोग न करें।

सवाल- पत्नी को सिर व सीने में दर्द रहता है। सांस फूलती है, कभी-कभी उल्टी हो जाती है।

जवाब- माइग्रेन के लक्षण दिख रहे हैं। जिला अस्पताल में आकर दिखा लें।

सवाल- दो साल से रात में नींद नहीं आती है। चिड़चिड़ापन बना रहता है। घबराहट होती है।

जवाब- रुचिकर कार्य करें। दूध व फलों को भोजन में शामिल करें। सुबह टहलें, योग-व्यायाम करें। आराम न मिले तो जिला अस्पताल में दिखा लें।

सवाल- अवसाद की दवा कितने दिन चलती है?

जवाब- पहली बार अवसाद हुआ है तो दो माह में ठीक हो जाता है, लेकिन दवा लगभग नौ माह चलती है। इस बीच दवा छोडऩी नहीं चाहिए। दोबारा होगा तो दवा लंबी चल सकती है।

सवाल- मेरा बच्चा ढाई साल का है। 19 माह तक बोलता था। अचानक बोलना बंद कर दिया है।

जवाब- उसे लेकर जिला अस्पताल आ जाएं। देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

सवाल- पढ़ाई में मन नहीं लगता है। बहुत कोशिश के बाद भी कुछ याद नहीं होता है।

जवाब- जब पढ़ाई में मन नहीं लगेगा तो याद भी नहीं होगा। पढ़ने या सुनने के बाद उसे अपने मन से लिखें भी। अवसाद के लक्षण

-नींद न आना या अधिक नींद आना

-भूख न लगना या अधिक भूख लगना

-वजन बढ़ना या कम होना

-किसी काम में मन न लगना

-हमेशा उदास रहना, किसी से बात न करना

-लोगों के बीच उठने-बैठने से बचना

-हमेशा थकान महसूस करना

-आत्महत्या के विचार आना।

Edited By: Rahul Srivastava

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ब्रिटेन में शोधकर्ताओं ने लंबे समय से डिप्रेशन की दवाएं ले रहे मरीजों पर शोध किया है. इस शोध में सामने आया कि जिन मरीजों ने धीरे-धीरे दवा छोड़ने की कोशिश भी की, उनमें से आधे एक साल के भीतर ही दोबारा डिप्रेशन का शिकार हो गए. इसके उलट जिन लोगों ने दवाएं नहीं छोड़ीं, उनमें दोबारा डिप्रेशन होने की संभावना लगभग 40 प्रतिशत रही.

दोनों समूहों के मरीज डिप्रेशन के लिए रोजाना दवा ले रहे थे और हाल ही में आए अवसाद से उबरकर स्वस्थ महसूस कर रहे थे. ये सभी मरीज दवाएं छोड़ने के बारे में सोचने लायक स्वस्थ महसूस कर रहे थे.

तनाव का शरीर पर असर

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पहले भी ऐसे अध्ययन हो चुके हैं कि डिप्रेशन का लौट आना आम बात है. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे एक संपादकीय में कहा गया है कि जिन लोगों को कई बार अवसाद हो चुका है उनके लिए उम्रभर खाने के लिए दवाएं लिखी जा सकती हैं.

कैसे छूटे दवा?

जो मरीज दवाएं छोड़ना चाहते हैं उनके लिए काउंसलिंग और व्यवहार थेरेपी के विकल्प हैं. कई अध्ययन दिखा चुके हैं कि दवा के साथ इस तरह की थेरेपी काफी मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होती है. लेकिन ये थेरेपी काफी महंगी होती हैं और जिन देशों में पब्लिक हेल्थ सिस्टम के तहत उपलब्ध हैं वहां लाइन बहुत लंबी हैं.

मुख्य शोधकर्ता यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की जेमा लुइस कहती हैं कि ब्रिटेन में डिप्रेशन के मरीजों का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ही कर रहे हैं.

डिप्रेशन या अवसाद मूड से जुड़ी बीमारी है. इस बीमारी में मरीज लगातार उदास और निराश महसूस करता है और सामान्य गतिविधियों में उसकी दिलचस्पी खत्म हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 5 प्रतिशत लोगों में इस बीमारी के लक्षण पाए जाते हैं.

तस्वीरेंः नजरअंदाज न करें ये लक्षण

लुइस कहती हैं कि ब्रिटेन में डिप्रेशन के दर्ज मामले अमेरिका के मुकाबले कम हैं लेकिन डिप्रेशन आंकने के अलग-अलग तरीकों के चलते विभिन्न देशों के बीच डिप्रेशन के मरीजों की तुलना मुश्किल हो जाती है.

ज्यादातर को नहीं हुआ दोबारा डिप्रेशन

शोध में इंग्लैंड के चार शहरों के 478 मरीजों को शामिल किया गया था. इनमें से ज्यादातर प्रौढ़ श्वेत महिलाएं थीं. ये सभी सामान्य एंटी डिप्रेसेंट दवाएं ले रही थीं जिन्हें सिलेक्टिव सेरोटोनिन रेप्युटेक इन्हीबिटर्स कहा जाता है. प्रोजैक और जोलोफ्ट जैसी दवाएं इसी श्रेणी में आती हैं.

शोध में शामिल आधे मरीजों को धीरे-धीरे दवा छोड़ने को कहा गया जबकि बाकियों की दवाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया. शोधकर्ता इस बात पर निश्चित नहीं हैं कि अन्य दवाएं ले रहे मरीजों में भी ऐसे ही नतीजे मिलेंगे या नहीं.

दवा छोड़ने वालों में से 56 प्रतिशत मरीज शोध के दौरान ही दोबारा डिप्रेशन का शिकार हो गए. लुइस कहती हैं कि दवाएं न छोड़ने वालों को मिला लिया जाए तो ज्यादातर लोग दोबारा डिप्रेशन के शिकार नहीं हुए.

तस्वीरेंः हर मानसिक रोग डिप्रेशन नहीं

वह कहती हैं, "ऐसे बहुत से लोग हैं जो दवाएं लेना जारी रखना चाहेंगे और हमारे शोध से पता चलता है कि उनके लिए यह एक सही फैसला है.”

संपादकीय लिखने वाले मिलवाकी वेटरंस अफेयर्स मेडिकल सेंटर के डॉ. जेफरी जैक्सन ने इस शोध के नतीजों को अहम लेकिन निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए दवा छोड़ना संभव है.

उन्होंने लिखा, "जिन लोगों को एक ही बार डिप्रेशन हुआ है, खासकर जीवन में घटी किसी घटना के कारण, मैं उन्हें छह महीने के इलाज के बाद दवा कम करने को प्रोत्साहित करता हूं.”

वीके/एए (एपी)

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डिप्रेशन ठीक होने में कितना समय लगता है?

अगर किसी व्यक्ति को इनमे से 5 या उससे अधिक लक्षण 2 सप्ताह या उससे ज़्यादा समय तक बने रहते है तो DSM-5 (परिक्षण तकनीक) के अनुसार उसे डिप्रेशन हो सकता है। डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है लेकिन यह मरीज को शारीरिक रूप से भी प्रभावित करती है जैसे थकावट, दुबलापन या मोटापा, हार्ट डिसीज़, सर दर्द, अपचन इत्यादि।

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आपको मेडिटेशन करना चाहिए. ... .
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एक्सरसाइज करने से हमारे दिमाग में हैप्पी हॉर्मोन्स का उत्पादन बढ़ता है. ... .
म्यूजिक सुनना भी एक मददगार टिप है, जो आपके तनाव और अवसाद को कम करने में मदद करता है..

डिप्रेशन की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

बिना दवा - डिप्रेशन का इलाज

ज्यादा टेंशन लेने से कौन सी बीमारी होती है?

हृदय रोग,एंग्जाइटी (Anxiety,Cardiovascular diseases) जी हां तनाव का हृदय पर बुरा प्रभाव पड़ता है, लंबे वक्‍त से तनाव से ग्रसित व्‍यक्ति में हृदय रोग की समस्‍या हो सकती है. इतना ही नहीं अगर आप लगातार टेंशन में रहते हैं तो एंग्जाइटी की समस्या के शिकार भी हो जाते हैं, जो आपके लिए बहुत की खतरनाक होता है.