डिलीवरी के बाद दूध क्यों नहीं आ रहा? - dileevaree ke baad doodh kyon nahin aa raha?

delivery ke bad dudh badhane ke upay माँ का अपने शिशु को दूध पिलाना प्यार से भरा हुआ कुदरत का एक अद्भुत नियम हैं। माँ का दूध शिशु के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। माँ का जो पहला पीला दूध होता है वह पीला दूध बच्चे को गम्भीर बीमारियों से लड़ने की ताकत प्रदान करता हैं।

इसी के साथ स्तनपान करवाने से माँ व बच्चे के बीच एक भवनात्मक रिश्ता भी बन जाता हैं। परन्तु कई बार माँ के स्तनों में दूध की कमी होने लगती हैं जिस वजह से यह बहुत ही संजीदा स्तिथि बन जाती हैं।

आप लोगो की इसी समस्या को दूर करने के लिए यहाँ मै आपको कुछ ऐसे नेचुरल तरीके बता रही  हूँ जो कि माँ के दूध को बढ़ाने में आपकी काफी सहायता करेंगे।

बच्चे के पैदा होने के 40 से 50 मिनट के अन्दर-अन्दर माँ को बच्चे को अपना दूध ज़रूर पिला देना चाहिए। ऑपरेशन से जन्मे बच्चे को भी बेहोशी की दवा का असर ख़त्म होते ही स्तनपान अवश्य करवा देना चाहिए।

जब माँ को ज्यादा दूध नहीं आता हैं तो फिर बच्चे व माँ दोनों के लिए ये बहुत ही गम्भीर स्थिति हो जाती हैं।

अगर आपको भी दूध ज्यादा नहीं हो रहा हैं तो फिर इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। आप इन घरेलू उपाएं को अपना कर अपने ब्रैस्ट में दूध की मात्रा को बढ़ा सकती हैं। ब्रैस्ट में दूध की कमी होने की कई वजह हो सकती हैं जैसे कि तनाव, ख़राब खानपान, नींद का पूरा न होना, टेंशन, माँ का ज्यादा कमज़ोर होना या फिर गर्भनिरोधक गोलियों का लम्बे समय तक इस्तेमाल करना, सही डाईट का फ़ॉलो ना करना इन्ही कारणों की वजह से डिलीवरी के बाद दूध कम आता है।

दूध को बढ़ाने के घरेलू उपाय how to increase breastmilk supply fast

डिलीवरी के बाद दूध क्यों नहीं आ रहा? - dileevaree ke baad doodh kyon nahin aa raha?

पौष्टिक भोजन करे – nutritious food in hindi

हेल्दी व पौष्टिक भोजन करने से माँ के शरीर में दूध की वृद्धि होती हैं। और अगर आप पहली-पहली बार माँ बनी हैं तो फिर आपको अपने खाने पीने पर खास ध्यान रखना पड़ेगा आप सिर्फ जीभ के स्वाद के लिए खाना न खाएं। केवल स्वाद के लिए भोजन करने के बजाएं अपने बच्चे के स्वास्थ के बारे में सोचे।

मेथी दाना – fenugreek seeds Improve Breast Milk Supply Fast

मेथी दाना भी दूध बढ़ाने के लिए काफी कारगर माना जाता है। मेथी दानों को पीसकर इसका बारीक पावडर बना लें रोजाना एक टेबलस्पून मेथी दाना सुबह व शाम दूध में डालकर पी लें। आपको दूध कड़वा ज़रूर लगेगा लेकिन आपको इसको ज़ारुर पीना है ऐसा करने से दूध काफी ज्यादा मात्रा में बढ़ जाता है ये बहुत ही कारगर उपाएँ है इसे आप ट्रई ज़रूर करें।

लहसुन का सेवन करे – garlic for increasing breast milk

लहसुन को खाने से आपके दूध में ज्यादा उत्पादन की क्षमता बढ़ती हैं। लहसुन को कच्चा न खाए बल्कि इसे मीट, करी, सब्जी या दाल में डाल कर पका कर खाए। लहसुन के नियमित सेवन करने से माँ के स्तनों में दूध बढ़ाया जा सकता हैं।

बॉडी में दूध अधिक पैदा करने के लिए अच्छे खानपान का होना काफी जरूरी होता हैं। अधिक तला भूना खाना न खाए समय पर ही भोजन करे। क्योकि आप समय पर भोजन करेंगी तो तभी बच्चे को दूध मिलेगा आप अपने आहार में ओट्स का दलिया खाएं। इससे काफी दूध बनता है कई लोगो का मानना भी यही हैं की ओट्स का दलिया खाने से दूध में वृद्धि हो जाती हैं। और साथ ही दूध भी पिए दूध पीने से भी दूध उतरता है।

स्तनपान कराते टाइम स्तनों को बदलती रहे

डिलीवरी के बाद दूध क्यों नहीं आ रहा? - dileevaree ke baad doodh kyon nahin aa raha?

बच्चे को दूध पिलाते वक्त अपने ब्रेस्ट को बदलती रहे। इससे बॉडी में दूध की मात्रा अधिक पैदा होगी। और ऐसा करने से शिशु भी आराम से स्तनपान कर लेता है। क्योकि ऐसा करने से दोनों स्तन खाली होते रहेंगे और इनमे दूध भी पैदा होता रहेगा। एक बार स्तनपान करवाते टाइम तकरीबन दो बार स्तन को बदले। और हाँ एक और खास बात कभी भी एक ही स्तन से बच्चे को दूध ना पिलाएं वरना आपका एक स्तन छोटा और दूसरा बड़ा हो जायेगा।

सौंफ

सौंफ भी ब्रेस्ट मिल्क को बढानें के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है एक चम्मच सौंफ को रात में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह भीगी हुई सौंफ को बारीक चबा-चबा कर खा लें और बचे हुए पानी को भी पी लें रोजाना ऐसा करने से जिन लोगों को दूध नहीं आता उन्हें भी काफी ज्यादा दूध आने लगेगा।

तनाव

अगर किसी भी माँ को पैसे या घर से संबंधी कोई भी टेंशन रहती हैं तो फिर उसके सभी अंगो पर इसका तनाव पड़ता हैं इस वजह से भी उसके स्तनों में दूध की कमी हो जाती हैं। अधिक टेंशन में रहने वाली महिलाओ का दूध वक्त से पहले ही सूखने लगता हैं। इसीलिए दूध की मात्रा को बढ़ाने के लिए सबसे पहले आपको किसी भी तरह के तनाव से दूर रहना होगा।

ड्राई फ्रूट का सेवन करे

दूध की मात्रा को बढ़ाने के लिए आपको ड्राई फ्रूट खाने चाहिए जैसे कि काजू, बादाम और पिस्ता का सेवन ज़रूर करे। यह सभी सूखे ड्राई फ्रूट दूध को बढ़ाने में मदद करते हैं। इन सूखे मेवों को कच्चा खाने से आपको अधिक लाभ मिलेगा।

इन मेवों से आपको Vitamins, minerals व प्रोटीन की कमी पूरी होगी। अगर आप चाहे तो इन सभी मेवों को दूध के साथ भी ले सकती हैं या फिर इनके लडडू बनाकर भी खा सकती है।

स्तनपान कराते वक्त ब्रेस्ट पर दबाव डाले

बच्चे को दूध पिलाते समय अपने स्तन को दबाएं। ऐसा करने से आपकी कम दूध पैदा होने की परेशानी भी खत्म हो जाएगी। इस तरह से एक बार स्तनपान करवाने से स्तन पूरी तरह से खाली हो जाता हैं।

तुलसी और करेले का सेवन

तुलसी व करेला दोनों ही विटामिन के काफी अच्छे स्रोत माने जाते हैं इनके इस्तेमाल से स्तनों में अधिक दूध पैदा होता हैं। और तुलसी को आप सूप या शहद में मिलाकर खा सकते है। आप तुलसी की चाय भी बनाकर पी सकते हैं या फिर एक या दो तुलसी के पत्ते को ऐसे ही चबाकर खा लें। करेला महिलाओं में लेक्टेशन को सही करता हैं। करेले की सब्ज़ी बनाते टाइम कम ही मसालों का प्रयोग करे ताकि यह आपको आसानी से पच सके।

चना

करीब 50 से 60 ग्राम काबुली चने को रात में दूध में भिगो कर रख दें। फिर सुबह के टाइम दूध को छानकर अलग निकाल लें। फिर इसके बाद इन चनों को अच्छे से चबा-चबाकर खाएं। और फिर ऊपर से इसी दूध को गर्म करके पीने से महिलाओ के दूध में पर्याप्त मात्रा में वृद्धि हो जाती है।

इसके अलावा कैसी भी स्थिति क्यों न हो जाएं जब तक कि पूरी तरह से दूध निकलना बंद नहीं हो जाता जब तक आप दूध पैदा करने के लिए मार्केट में मिलने वाली दवाईयों का प्रयोग बिलकुल भी न करे।

मुलेठी दूध बढ़ने के लिए कारगर

प्रसव के बाद बच्चों के लिए मां का दूध सबसे ज्यादा फायदेमंद रहता है। कुछ महिलाओं में स्तनपान के दौरान दूध कम बनता है। ऐसी महिलाओं को मुलेठी का सेवन करना चाहिए। मुलेठी स्तनों में दूध बढ़ाने में मदद करती है।

इसके लिए 2 चम्मच मुलेठी चूर्ण और 3 चम्मच शतावर चूर्ण को एक कप दूध में उबालें। जब उबलते हुए दूध पककर आधा हो जाए तो इसे आंच से उतार लें। इसमें से आधा सुबह और बाकी आधा शाम को एक कप दूध में मिलाकर पियें। इसके अलावा 100 मिली दूध में 2-4 ग्राम मुलेठी और 5-10 ग्राम मिश्री मिलाकर मां को रोज़ाना सुबह शाम पिलाने से स्तनों में दूध ज्यादा बनता है।

अपने खाने में हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें ये भी दूध बढ़ाने में काफी मददगार होती है।

जीरा-अजवाइन

5 गिलास पानी में एक टीस्पून जीरा और आधा टीस्पून अजवाइन डालकर पानी को अच्छे से पका लें। जब 5 गिलास पानी में से 4 गिलास पानी रह जाएँ तो गैस को बंद कर दें फिर इस पानी को छान कर रख लें। जब आप इस पानी को पिएं तो हल्का गुनगुना करके ही पिएं इससे भी स्तन में काफी ज्यादा दूध बढ़ जाता है।

गेहूँ का दलीय

दलिए को आप दूध के साथ भी ले सकते है और दाल के साथ भी मूंग मसूर की दाल भी ब्रेस्ट मिल्क की सप्लाई बढ़ाने में बहुत मदद करती है। इन सभी चीजों को अपनी डाईट में शामिल करने से आपका ब्रेस्ट मिल्क इतना ज्यादा बढ़ जायेगा कि आपके बच्चे का पेट भर जायेगा लेकिन मिल्क खत्म नहीं होगा।

जितना ज्यादा हो सके आप पानी पिए क्योकि पानी का भी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान होता है। डिलीवरी के बाद जितना हो सके आप उतना पानी पिएं पानी पीने से बिलकुल ना डरे।

शतावरी चूर्ण दूध बढ़ने के लिए

नेई माँ को सुबह शाम 1-1 चम्मच दूध में डालकर शतावरी चूर्ण का सेवन करना चाहिए इसके प्रयोग से जल्द ही दूध की तादात बढ़ने लगती है और बच्चे का पेट भी भरने लगता है।

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माँ को दूध न आने पर क्या करे?

माँ को दूध न आने पर यदि आप कोई गलती कर रही है तो सबसे पहले अपनी गलतियों को सुधारें और घरेलु उपचार करें

डिलीवरी के बाद दूध नहीं निकल रहा है तो क्या करें?

डिलीवरी के पांच से छह दिनों के बाद महिलाओं को ड्राई फ्रूट्स और गुड़ के साथ जीरा की पंजीरी बनाकर खानी चाहिए। जीरा ब्रेस्‍ट में दूध बनाने में मदद करता है। प्रेग्‍नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद कम से कम 3 से 4 महीने तक दूध रोज पिएं। अगर आपको ब्रेस्‍ट में दूध कम आ रहा है तो अपने खाने में लहसुन का इस्‍तेमाल शुरू कर दें।

मां का दूध क्यों नहीं निकलता?

​हार्मोनल समस्याएं दूध का उत्पादन तब होता है जब हार्मोन आपके स्तन को संकेत देते हैं। इसलिए, यदि आपके हार्मोन खराब हो रहे हैं, तो यह आपके दूध की आपूर्ति में बाधा डाल सकता है। PCOS, डायबिटीज और कम थायराइड जैसी स्थितियां आपके स्तन से कम दूध पैदा करने की संभावना को बढ़ा सकती हैं।

प्रसव के बाद कितने दिन में दूध होना चाहिए?

यदि आप पहली बार माँ बनी हैं, तो स्तनों में दूध आने में तीन से चार दिन का समय लग सकता है। अगर यह आपका दूसरा या तीसरा शिशु है, तो दूध पहले भी आ सकता है।

दूध निकलने के लिए क्या करना चाहिए?

दूध निकालने से पहले हमेशा अपने हाथ धोएं, स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण हैं। शुरू करने से पहले शांत जगह ढूंढकर वहाँ बैठकर आराम करना हमेशा मददगार साबित होता हैं। हाथ में पानी का ग्लास रखें। कुछ महिलाओं का कहना है कि अपने शिशु की तस्वीर को देखने से प्रवाह में मदद मिलती हैं।