चेक क्या है- What is Cheque?चेक एक कागज़ है. है न? कागज़ ही तो है. भले ही उसकी वैल्यू लाखों की हो सकती है….पर चेक एक कागज़ ही है…ठीक नोट की तरह….पर परीक्षा में ऐसे लिखिएगा तो आपको जीरो मार्क्स मिलेंगे. परीक्षा में ऐसे लिखना होगा:—- चेक बैंक द्वारा अकाउंट होल्डर को दिया जाने वाला वह भुगतान का साधन है जिससे ग्राहक किसी अगले व्यक्ति को अपने अकाउंट से डायरेक्ट कैश न देकर भुगतान कर सकता है. यह हुई न बात! अब मिलेंगे आपको १० में से १०. भले ही शिक्षक को समझ न आये! Show चेक में आप किसे पैसे दे रहे हैं, उनका नाम लिखना होता है…वह किसी व्यक्ति का नाम भी हो सकता है या किसी फर्म का. चेक में आपको यह भी भरना होता है कि आप कितने पैसे उस व्यक्ति को दे रहे हैं (शब्द और संख्या में), कब दे रहे हैं (Date)…और अंत में आपको सिग्नेचर करना पड़ता है. आपका चेक लेकर बन्दा अपने अकाउंट में डाल देता है और आपने जितना अमाउंट उसे दिया था वो उसके अकाउंट में ट्रान्सफर हो जाता है. संक्षेप में कह सकते हैं कि चेक बिना कैश का भुगतान है, जैसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रान्सफर. चेकों का वर्गीकरण: स्थान के आधार पर १. स्थानीय चेक – Local Cheque यदि City A का चेक City A में ही clear हो तो इसे स्थानीय चेक कहते हैं. जैसे आपको यदि मैंने आपके नाम पर चेक दिया, तो आपको उस चेक को लेकर शहर के ही सम्बंधित ब्रांच में जाना पड़ेगा, आप शहर से बाहर ले कर उसे clear करवाओगे तो आपको अलग से पैसे लगेंगे (fixed banking charges). २. आउटस्टेशन चेक -Outstation Cheque यदि स्थानीय चेक को शहर से बाहर ले जाकर clear कराया जाए तो वह चेक आउटस्टेशन चेक कहलायेगा जिसके लिए बैंक फिक्स्ड चार्जेज लेती है. ३. एट पार चेक – At par Cheque यह ऐसा चेक है जो पूरे देश में सबंधित बैंक के सभी ब्रांचों में स्वीकार्य है. और ख़ास बात यह है कि बाहर के ब्रांचों में इसे clear करने के दौरान अतिरिक्त प्रभार नहीं लगता (no additional charges). चेकों का वर्गीकरण: मूल्य के आधार पर१. साधारण मूल्य वाले चेक -Normal Value Cheques 1 लाख से कम मूल्य वाले चेक नॉर्मल वैल्यू चेक कहलाते हैं. २. ऊँचे मूल्य वाले चेक -High Value Cheques 1 लाख से ऊपर वाले चेक हाई वैल्यू चेक कहलाते हैं. ३. उपहार चेक – Gift Cheques अपने प्रिय जनों को उपहारस्वरूप दिए जाने वाले चेक गिफ्ट चेक कहलाते हैं. उपहार चेकों की राशि 100 रु. से लेकर 10,000 रु. तक हो सकती है. चेक मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –1. खुला चेक – Open Cheque खुला चेक वह चेक होता है जिसे बैंक में प्रस्तुत कर काउंटर पर ही नकद प्राप्त किया जा सकता है. Clarence के लिए आपको इंतज़ार करने की जरुरत नहीं है. गीव एंड टेक…..ओपन चेक को धारण करने वाला व्यक्ति काउंटर में जा कर, चेक दिखाकर….पैसे ले सकता है और या तो अपने अकाउंट में पैसे को ट्रान्सफर कर सकता है या चेक के पीछे हस्ताक्षर कर के किसी अन्य व्यक्ति को प्राधिकृत (authorize) कर सकता है. 2. बेयरर चेक – Bearer Cheque बेयरर चेक वह चेक है जो खाताधारी (account holder) का कोई भी प्रतिनिधि बैंक में जाकर भुना सकता है. प्रतिनिधि को चेक देते समय चेक के पीछे हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होती एवं मात्र चेक दे देने से निकासी हो जाती है. ये चेक risky भी हो सकते हैं क्योंकि अगर यह चेक अगर भुला गया तो कोई भी बैंक जा कर इसे भुना सकता है. 3. क्रॉस्ड चेक – Crossed Cheque क्रॉस्ड चेक किसी विशेष व्यक्ति या संस्था के नाम से लिखा जाता है और ऊपर बायीं ओर दो समानांतर लाइनें खींच दी जाती हैं जिनके बीच “& CO.” or “Account Payee” or “Not Negotiable” लिखा या नहीं भी लिखा जा सकता है. इस चेक से नकद निकासी नहीं होती और सम्बंधित राशि केवल नामित व्यक्ति/संस्था के खाते में हो सकती है. 4. आदेश चेक – Order Cheque इस चेक में “bearer” शब्द को काट दिया जाता है और उसके स्थान पर “order” लिख दिया जाता है. इसमें खुले चेक की तरह चेक से अपने अकाउंट में पैसे को ट्रान्सफर कर सकता है या चेक के पीछे हस्ताक्षर कर के किसी अन्य व्यक्ति को प्राधिकृत (authorize) कर सकता है. चेक का वर्गीकरण: गारंटी भुगतान के आधार पर1. सेल्फ चेक – Self Cheque सेल्फ चेक वह होता है जिसे खाताधारी बैंक में प्रत्यक्ष भुगतान के लिए स्वयं प्रस्तुत करता है. इसमें भुगतान पाने वाले के नाम की जगह पर “Self” लिखा जाता है. 2. आगे की तारीख वाला चेक – Post-dated Cheque (PDC) आगे की तिथि में भुगतान वाला चेक एक ऐसा क्रॉस किया हुआ बेयरर चेक होता जिसमें आगे की तिथि अंकित की जाती है. इसका अर्थ यह हुआ है कि इस चेक का भुगतान अंकित तिथि या उसके बाद हो सकता है. 3. पीछे की तारीख वाला चेक – Ante-dated Cheque (ADC) इस चेक में बैंक में प्रस्तुत करने के पहले की तिथि होती है. यह चेक अंतिम तिथि से तीन महिना के पूरा होने के तक भुनाया जा सकता है. 4. काल बाधित चेक – Stale Cheque हर चेक को उसमें अंकित तिथि के तीन महीने के अन्दर-अन्दर भुनाने का नियम है. यदि यह तिथि पार हो जाती है काल बाधित चेक कहलाता है जो बैंक के द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है. बैंक अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं? यहाँ क्लिक करें. चेक कितने प्रकार के होते हैं?कला - कल्चर -. स्टोरीबॉक्स विद जमशेद क़मर सिद्दीक़ी. म्यूज़िक. क़िस्सागोई. चेक क्या है समझाइए?चेक क्या है (What is cheque)– चेक बैंक द्वारा अकाउंट होल्डर को दिया जाने वाला वह भुगतान का साधन (Payment instrument) है जिससे ग्राहक किसी अगले व्यक्ति को अपने अकाउंट से डायरेक्ट कैश न देकर भुगतान कर सकता है। चेक में आप किसे पैसे दे रहे हैं, उनका नाम लिखना होता है, वह किसी व्यक्ति का नाम भी हो सकता है या किसी फर्म का।
चेक की विशेषताएं क्या होती है?चैक एक विलेख प्रपत्र होता है। चैक हस्तलिखित, टंकण द्वारा लिखित अथवा छपा हुआ हो सकता है। चैक किसी विशेष बैंक पर ही लिखा जाता है, जिस बैक मे ग्राहक का जमा खाता है, चैक उसी बैंक का होना चाहिए क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपनी धनराशि जिस बैक मे जमा करता है उसी बैंक से चैक के माध्यम से निकाल भी सकता है।
चेक की वैधता अवधि क्या है?भारतीय राष्ट्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) ने 1 अप्रैल 2012 से सभी चेकों की वैधता अवधि पिछले 6 महीनों से घटाकर 3 महीने कर दी है। हालांकि, एक छोटी सी तकनीकीता है। 3 महीनों की गणना दिनों की संख्या में नहीं, बल्कि जारी करने की तारीख में की जाती है।
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