आश्रम में काम करने या करवाने के लिए गांधी जी कौन सा तरीका अपनाते थे? - aashram mein kaam karane ya karavaane ke lie gaandhee jee kaun sa tareeka apanaate the?

आश्रम में काम करने या करवाने का कौन-सा तरीका गांधी जी अपनाते थे? इसे पाठ पढ़कर लिखो।

गांधी जी अपना काम स्वयं करना पंसद करते थे, वे आश्रम का कार्य भी करते थे तथा दूसरे से काम लेने में सख्ती भी बरतते थे। गांधी जी को काम करता देखकर बाकी लोगों को ऐसे ही बैठे रहना अच्छा नहीं लगता था तथा वे लज्जित होकर काम करने लग जाते थे। किसी के पूछने पर गांधी जी उन्हें काम करने से रोकते नहीं थे। गांधी जी आश्रम के लोगों से काम करवाने का तरीका जानते थे। काम करने के बाद उन्हें धन्यवाद भी देते थे।

Concept: गद्य (Prose) (Class 6)

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आश्रम में काम करने करने का कौन सा तरीका गांधीजी अपनाते थे?

Solution. गांधी जी अपना काम स्वयं करना पंसद करते थे, वे आश्रम का कार्य भी करते थे तथा दूसरे से काम लेने में सख्ती भी बरतते थे। गांधी जी को काम करता देखकर बाकी लोगों को ऐसे ही बैठे रहना अच्छा नहीं लगता था तथा वे लज्जित होकर काम करने लग जाते थे। किसी के पूछने पर गांधी जी उन्हें काम करने से रोकते नहीं थे।

आश्रम में कॉलेज के छािों से गांधी जी ने कौन सा काम करिाया और क्यों?

आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने कौन सा काम करवाया और क्यों? आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने गेहूँ बीनने का काम करवाया क्योंकि वे उनके दर्प को चूर-चूर करना चाहते थे। प्रश्न 2. 'आश्रम में गांधी कई ऐसा काम करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं।

गांधी जी के आश्रम में लोग क्या क्या काम करते थे?

आश्रम में गांधी जी ऐसे बहुत से काम करते थे जिन्हें पराया नौकर करते थे। गांधी जी आश्रम में चक्की से आटा पीसने तथा कुएं से पानी निकालने का कार्य स्वयं करते थे। ... .
गांधी जी ने आश्रम में भंडारे का काम भी संभाला था। ... .
गांधी जी आश्रम के लिए बाहर बने कुएं से पानी खींचने का काम प्रतिदिन करते थे।.

आश्रम का एक नियम क्या था?

Answer: महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में हर काम का समय नियत था और नियम-कायदों का सख्ती से पालन होता थाआश्रम के सभी कर्मचारी और वहां रहने यहां तक की आने वाले सभी लोगों को नियम के मुताबिक ही काम करने की हिदायत दी जाती थी। साबरमती आश्रम का एक नियम यह था कि वहां भोजनकाल में दो बार घंटी बजाई जाती थी।