प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला के लिए पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि मां के खाने का सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को अंडा खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अंडे में भरपूर मात्रा में प्रोटीनम, सेलेनियम, जिंक, विटामिन A, D और कुछ मात्रा में B कॉम्प्लेक्स भी पाया जाता है. जो शरीर की सभी जरूरतों को पूरा करने का सबसे बेहतर सूपर फूड है. ये बात कई स्टडी में भी सामने आ चुकी है कि गर्भावस्था के दौरान अंडा खाने से बच्चे का दिमाग तेज होता है साथ ही उसके सीखने की क्षमता भी बढ़ती है. Show
आइए जानें, प्रेग्नेंसी में अंडा खाने से और क्या-क्या फायदे हैं... प्रेग्नेंट हैं या नई-नई मां बनी हैं तो इस तरह करें हरतालिका तीज व्रत 1. अंडे में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो गर्भावस्था के दौरान लिया जाना बहुत आवश्यक है. गर्भ में पल रहे बच्चे की हर कोशिका प्रोटीन से बनती है. ऐसे में गर्भवती महिला अगर अंडे खाती है तो भ्रूण का विकास बेहतर तरीके से होता है. 2. अंडे में 12 विटामिनों का पैकेज होता है और साथ ही कई तरह के लवण भी होते हैं. इसमें मौजूद choline और ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चे के संपूर्ण विकास को बढ़ावा देते हैं. इसके सेवन से बच्चे को मानसिक बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है और उसका दिमागी विकास भी होता है. प्रेग्नेंसी के बाद इन 6 तरीकों से दूर करें स्ट्रेच मार्क्स 3. अगर गर्भवती महिला का ब्लड कोलेस्ट्रॉल स्तर सामान्य है तो वह दिन में एक या दो अंडा खा सकती है. अंडे में कुछ मात्रा में सैचुरेटेड फैट भी होता है. अगर महिला का कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक है तो उसे जर्दी वाला (पीला हिस्सा) भाग नहीं खाना चाहिए. 4. गर्भवती महिला को एक दिन में दो सौ से 300 तक एडिशनल कैलोरी लेनी चाहिए. इससे उसे और बच्चे, दोनों को पोषण मिलता है. अंडे में करीब 70 कैलोरी होती है जो मां और बच्चे दोनों को एनर्जी देती है. जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो उसकी यह इच्छा होती है कि उसका होने वाला बच्चा गोरा,सुंदर और बुद्धिमान पैदा हो, इसके लिए महिला अपने होने वाले बच्चे को स्वस्थ एवं गोरा देखने के लिए कई उपाय करती है। डेस्क। जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो उसकी यह इच्छा होती है कि उसका होने वाला बच्चा गोरा,सुंदर और बुद्धिमान पैदा हो, इसके लिए महिला अपने होने वाले बच्चे को स्वस्थ एवं गोरा देखने के लिए कई उपाय करती है। अगर प्रेग्नेंसी में आपके भी मन ये ख्याल हमेशा आते होंगे,कि प्रेग्नेंसी में क्या खाएं कि बेबी बहुत सुन्दर और बुध्दिमान हो तो हम आपको बताने वाले हैं कि प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए जिससे की होने वाला बच्चा सुन्दर और बुद्धिमान पैदा हो, यूँ तो बच्चे का रंग और उसका शारीरिक बनावट उसके माता पिता से मिलने वाले जीन्स पर निर्भर करता है। बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि जैसा होगा अन्न वैसा होगा मन। बात बिल्कुल ठीक भी है, क्योंकि हमारा भोजन हमें सिर्फ शारीरिक शक्ति नहीं देता, बल्कि भोजन का असर मस्तिष्क ऊर्जा और व्यक्तित्व पर भी पड़ता है। कई वैज्ञानिक अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि संतुलित भोजन ब्रेन फंक्शन पर अच्छा असर डाल सकता है (1)। इसलिए, गर्भवती महिलाएं को भी अपनी दिनचर्या में पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए, ताकि वह सुंदर और बुद्धिमान बच्चे को जन्म दे सकें (2)। मॉमजंक्शन के इस लेख में जानते हैं कि कौन से खाद्य पदार्थ गर्भस्थ शिशु की मानसिक शक्ति पर असर डाल सकते हैं। आइए, लेख की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि ब्रेन फूड में कौन-कौन सी चीजें शामिल हैं। स्मार्ट और बुद्धिमान बच्चे के लिए गर्भावस्था के दौरान क्या खाएं? | What To Eat During Pregnancy For Fair And Intelligent Baby In Hindi1. वसायुक्त मछलीImage: Shutterstock मछलियों समेत कई समुद्री जीवों में लॉन्ग चेन ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाता है, जो गर्भवतियों के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। ओमेगा-3 फैटी एसिड गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क और आंखों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इतना ही नहीं, मछली से प्राप्त ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रेगनेंसी में गर्भावधि को स्वस्थ रखने और प्रसवकालीन अवसाद को रोकने में भी सहायक हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था में मछली का सेवन गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क को मजबूती देने में कारगर हो सकता है। वहीं, समुद्री भोजन में ऑर्गेनिक पारा और अन्य हानिकारक विषाक्त पदार्थ जैसे, पॉलीक्लोराइनेटेड बिपेनिल्स हो सकते हैं, जो बढ़ते भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इस कारण से एफडीए (फूड स्टैंडर्ड अथॉरिटी) प्रति सप्ताह 2 सर्विंग (लगभग 340 ग्राम) तक मछली खाने की सलाह देता है (3)। अच्छा होगा इस विषय में एक बार संबंधित डॉक्टर से भी बात की जाए। 2. हरी पत्तेदार सब्जियांImage: Shutterstock हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने की सलाह हर गर्भवती महिला को दी जाती है। इनमें प्रचुर मात्रा में फोलिक एसिड पाया जाता है, जो गर्भस्थ शिशु के ऊतक और कोशिका विकास में कारगर हो सकता है। फोलिक एसिड युक्त हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन गर्भस्थ शिशु में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (जो मस्तिष्क और रीढ़ को प्रभावित करता है) के जोखिम को कम कर सकता है। साथ ही जिंक, विटामिन-बी, विटामिन ए, विटामिन-ई, मैग्नीशियम और विटामिन-सी की पर्याप्त पूर्ति के लिए भी हरी सब्जियां उत्तम हो सकती हैं। इसलिए, गर्भवती को प्रतिदिन 1-2 सर्विंग हरी सब्जियां जरूर खानी चाहिए, जिससे शिशु को भविष्य में मानसिक कमजोरी का सामना न करना पड़े (4) (5)। 3. ब्लूबेरीImage: Shutterstock ब्लूबेरी अपने रसीलेपन और खट्टे-मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है। गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क विकास के लिए फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ब्लूबेरी का अर्क हिप्पोकैम्पस (मस्तिष्क सरंचना का एक भाग) के ऊतकों के विकास और उनके संगठन को बढ़ावा दे सकता है (6)। बता दें कि हिप्पोकैम्पस सीखने और याददाश्त में अहम भूमिका निभाता है (7)। वहीं, ब्लूबेरी को इन्फ्लेमेशन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने में भी फायदेमंद पाया गया है। अपने इस गुण के चलते यह न्यूरोलॉजिकल विकारों से बचाव और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की सुरक्षा में सहायक हो सकती है (8)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान शिशु की बुद्धि के भलीभांति विकास के लिए ब्लूबेरी का सेवन किया जा सकता है। 4. अंडेImage: Shutterstock अंडे खाने में जायकेदार और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानें जाते हैं। गर्भावस्था में अंडे का सेवन करना गर्भस्थ शिशु और मां, दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है। अंडे में कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जिनमें से एक है कोलीन, जो मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाला एक पोषक तत्व है। वहीं, चूहों पर किए गए एक रिसर्च में अंडे में मौजूद कोलीन को याददाश्त बढ़ाने में भी मददगार पाया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक गर्भवती महिला को रोजाना 450 मिलीग्राम कोलीन की जरूरत होती है, इसलिए कोलीन युक्त अंडे को भी बच्चे को बुद्धिमान बनाने के लिए आहार में शामिल किया जा सकता है (9) (10) (11)। 5. बादामImage: Shutterstock बादाम में स्वस्थ वसा, मैग्नीशियम, विटामिन-ई, कोलीन, फोलेट और प्रोटीन जैसे स्वास्थ्यवर्द्धक तत्व होते हैं (12)। फोलेट के जरिए शिशुओं में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (ब्रेन और स्पाइन से जुड़ा दोष) के जोखिम को कम किया जा सकता है (13)। इसलिए, गर्भावस्था में फोलेट समेत कई पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए बादाम का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान दिनभर में एक तिहाई कप बादाम का सेवन किया जा सकता है (14)। 6. ग्रीक योगर्टImage: Shutterstock प्रोटीन की कमी गर्भस्थ शिशु को कुपोषण का शिकार बना सकती है, जिसका असर भविष्य में बच्चे के बौद्धिक विकास और स्कूल परफॉर्मेंस पर पड़ सकता है (15)। ग्रीक योगर्ट जैसे प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ शॉर्ट-चेन फैटी एसिड का उत्पादन करके प्रोटीन के पाचन में सुधार कर सकते हैं। प्रोबायोटिक्स की यह गतिविधि कैल्शियम के अवशोषण को भी बढ़ा सकती है (16)। जानकारी के लिए बता दें कि ग्रीक योगर्ट में सामान्य योगर्ट से ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है और इसमें शुगर की मात्रा भी कम होती है, इसलिए इसे गर्भवतियों के लिए एक अच्छा स्नैक्स माना जा सकता है (17)। 7. पनीरImage: Shutterstock गर्भावस्था के दौरान बच्चे के मस्तिष्क विकास और आकर्षक व्यक्तित्व के निर्माण में जरूरी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। पनीर के सेवन से गर्भवती महिला विटामिन-डी हासिल कर सकती है, जो भ्रूण के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद कर सकता है। गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 600 माइक्रोग्राम विटामिन-डी की आवश्यकता होती है और पनीर उन खाद्य पदार्थों में शामिल है, जो विटामिन-डी का एक अच्छा प्राकृतिक स्रोत माना जाता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि पनीर बच्चे को बुद्धिमान बनाने के लिए विटामिन-डी की पूर्ति कर सकता है (18) (19)। 8. कद्दू के बीजImage: Shutterstock कद्दू के बीज जिंक और आयरन का एक अच्छा स्रोत होते हैं। आयरन की कमी से बच्चे में हिमोग्लोबिन, और ऊर्जा का स्तर कम हो सकता है। साथ ही यह कमी मोटर स्किल और कॉग्निटिव स्किल जैसी मानसिक क्षमताओं को प्रभावित कर सकती है। आयरन पूरे शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई करता है, जिससे मस्तिष्क कोशिकाओं को कार्य करने की ताकत मिल सकती है। इसलिए, आयरन की कमी से बचने के लिए कद्दू के बीज का सेवन किया जा सकता है (20)। 9. बीन्सImage: Shutterstock तेजी से विकसित होने वाली कोशिकाओं के विकास और प्रसार के लिए आयरन महत्वपूर्ण है। भ्रूण के अंगों के निर्माण और विशेष रूप से मस्तिष्क सरंचना में आयरन सहायक हो सकता है। वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि हिप्पोकैम्पस (मस्तिष्क क्षेत्र) के निर्माण में आयरन का विशेष महत्व है और यह गर्भावस्था के अंतिम दौर में तेजी से विकसित होता है। हिप्पोकैम्पस मस्तिष्क का वो महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सीखने और स्मृति को नियंत्रित कर सकता है (21)। इसलिए, तीसरी तिमाही में किडनी बीन्स, सेम और नेवी बीन जैसी आयरन युक्त फलियों का सेवन करना सही हो सकता है (20)। 10. दूधImage: Shutterstock दूध में कुछ फैटी एसिड पाए जाते हैं, जिनमें गैंग्लियोसाइड्स नामक यौगिक होता है। यह तंत्रिका ऊतक के निर्माण और नवजात के मस्तिष्क विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है (22)। इसके अलावा, दूध में कैल्शियम पाया जाता है, जो स्वस्थ शिशु और स्वस्थ मां की पहली जरूरत है। प्रेगनेंसी में कैल्शियम की जरूरत सामान्य से ज्यादा हो सकती है। वैज्ञानिक अध्ययन कहते हैं कि गर्भावस्था में महिला को रोजाना 1000 से 1300 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत हो सकती है। इसलिए, गर्भावस्था में दूध जरूर पिएं, क्योंकि यह कैल्शियम का प्राकृतिक स्रोत हो सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1 कप बिना वसा वाले दूध (Fat free milk) में 299 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। वहीं, वसा वाले दूध (Full cream milk) में 276 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। गौर करने की बात यह है कि दूध में फैट होने से कैल्शियम की मात्रा घट जाती है। इसलिए, कैल्शियम की पूर्ति के लिए मलाई उतरा दूध पीना अच्छा हो सकता है (23)। 11. नारियल पानीImage: Shutterstock नारियल पानी गर्भावस्था के दौरान शरीर में फोलेट की पूर्ति के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि फोलेट नवजात में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट के जोखिम को कम कर सकता है। इसके अलावा, इसमें सोडियम और पोटैशियम जैसे जरूरी इलेक्ट्रोलाइट भी होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (24)। इसलिए, गर्भावस्था में नारियल पानी पीना गुणकारी हो सकता है। 12. संतराImage: Shutterstock गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड का सेवन करना जरूरी होता है, क्योंकि इसकी कमी, शिशु को न्यूरल ट्यूब से जुड़े जन्म दोष (शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ से जुड़े दोष) का कारण बन सकती है (25)। संतरे में पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड होता है। इसलिए, गर्भवतियां फोलिक एसिड की पूर्ति के लिए संतरे का सेवन करके बच्चे के स्वस्थ मस्तिष्क की नींव रख सकती हैं (26)। Subscribe 13. आंवला मुरब्बाImage: Shutterstock आंवला विभिन्न मानसिक विकारों और न्यूरोडीजेनेरेटिव (तंत्रिका तंत्र से जुड़ी) समस्याओं के उपचार में उपयोगी माना जा सकता है (27)। साथ ही विटामिन-सी और आयरन से भरपूर आंवले का सेवन गर्भवती और होने वाले बच्चे के लिए भी अच्छा हो सकता है (28)। हालांकि, आवंले का मुरब्बा किस प्रकार होने वाले बच्चे के बौद्धिक विकास में मदद कर सकता है, इससे जुड़ा कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसका सेवन करने से पहले गर्भवती डॉक्टरी परामर्श जरूर लें। 14. आयरन से भरपूर खानाImage: Shutterstock आयरन किसी भी गर्भवती महिला की पहली जरूरत होती है। ज्यादातर गर्भवती महिलाएं यह जानती हैं कि आयरन से खून की कमी नहीं आती, लेकिन इसके साथ-साथ आयरन युक्त भोजन गर्भस्थ शिशु के लिए भी बहुत जरूरी होता है। भ्रूण के विकास के दौरान आयरन की कमी मस्तिष्क विकास, सीखने और भावनात्मक विकास में कमी ला सकती है। इसलिए, आयरन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें, ये बच्चे का दिमाग मजबूत बना सकते हैं। गर्भवती महिलाएं आयरन युक्त भोजन के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर डॉक्टरी परामर्श पर आयरन की गोलियों का सेवन भी कर सकती हैं (20)। 15. कैल्शियम से भरपूर भोजनImage: Shutterstock बच्चे को स्मार्ट और बुद्धिमान बनाने में कैल्शियम की बड़ी भूमिका हो सकती है। कैल्शियम तंत्रिका तंत्र के माध्यम से मस्तिष्क को संदेश भेजने में मदद कर सकता है। साथ ही शरीर कैल्शियम का उपयोग एंजाइम को नियंत्रित रखने में भी करता है, जो मानव शरीर में लगभग हर कार्य को प्रभावित करते हैं। इस आधार पर माना जा सकता है कि कैल्शियम का सेवन करने से गर्भस्थ शिशु को उपरोक्त लाभ मिल सकते हैं और उसका बौद्धिक विकास अच्छी तरह हो सकता है (29)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है। 16. घीImage: Shutterstock गर्भावस्था में घी का सेवन सीमित मात्रा में करने से गर्भवती के साथ-साथ होने वाले शिशु को भी लाभ पहुंचा सकता है। यह भ्रूण को पोषण देने का काम कर सकता है। यह बुद्धि और स्मृति को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है (30)। 17. अंगूर का रसImage: Shutterstock अंगूर के रस में प्रचुर मात्रा रेस्वेराट्रोल नामक तत्व पाया जाता है। इसका सेवन यूं तो कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दे सकता है, लेकिन यहां हम इसके उस गुण के बारे में बता रहे हैं, जो बौद्धिक स्वास्थ्य में लाभकारी है। रेस्वेराट्रोल मस्तिष्क में प्रोटीन को एक साथ चिपके रहने से बचाता है, जिससे अल्जाइमर (स्मरण शक्ति से जुड़ा एक मनोविकार) जैसे रोग का जोखिम कम हो सकता है (31)। हालांकि, अल्जाइमर बढ़ती उम्र में ज्यादा होता है, लेकिन आनुवंशिक कारणों के चलते यह बच्चों को भी हो सकता है (32)। इसलिए, शिशु के मस्तिष्क को सुचारू रूप से काम करने की क्षमता देना चाहते हैं, तो संतुलित मात्रा में अंगूर और इसके रस का सेवन कर सकते हैं। अंगूर के रस से बेहतर अंगूर का सेवन करना होगा। 18. सौंफ के बीजImage: Shutterstock सौंफ विटामिन-ए और सी का एक अच्छा स्रोत है और इसमें मैंगनीज भी होता है, जो मस्तिष्क व तंत्रिका कार्य में मदद कर सकता है (33)। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान सौंफ खाना कितना सुरक्षित है, यह डॉक्टर ही आपको बता सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान बच्चे को बुद्धिमान बनाने वाले आहार के बाद जानते हैं, इनके सेवन से जुड़ी सावधानियों के बारे में। टिप्स और सावधानियांगर्भावस्था के दौरान खान-पान से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान रखकर कई प्रकार की जटिलताओं से बचा जा सकता है। आइए, जानते हैं कैसे:
इस लेख में आपने जाना कि बच्चे को बुद्धिमान और स्मार्ट बनाने में भोजन की क्या भूमिका हो सकती है। इससे एक बात स्पष्ट होती है कि मां गर्भावस्था के समय से ही बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य की नींव रख सकती है। इसके लिए भोजन, व्यायाम और आराम के बीच संतुलन बना कर रखना बेहद जरूरी है। उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। गर्भावस्था के दौरान सही पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस लेख को सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। References:1. Brain foods: the effects of nutrients on brain function by NCBI Was this article helpful? The following two tabs change content below. ताज़े आलेख
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