बिस्कोहर की माटी लेख में लेखक पर क्या अत्याचार हुआ? - biskohar kee maatee lekh mein lekhak par kya atyaachaar hua?

CBSE Class 12 Hindi Antral Important Questions Chapter 3 - Viskohar Ki Maati - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 12 Hindi Antral Chapter 3 - Viskohar Ki Maati prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Click to access the links to chapter-wise important questions in CBSE Class 12 Hindi syllabus for 2022. The solutions can be downloaded for free and studied in offline mode. 

  • Chapter 1 - Surdas Ki Jhopri

  • Chapter 2 - Aarohan

  • Chapter 4 - Aapna Malwa - Khau Ujaru Sabhyata Me

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बिस्कोहर की माटी लेख में लेखक पर क्या अत्याचार हुआ? - biskohar kee maatee lekh mein lekhak par kya atyaachaar hua?
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FAQs on CBSE Important Questions for 2022 Class 12 Hindi Antral Chapter 3 - Viskohar Ki Maati

1. Where can I get the solutions for Class 12 Hindi Antral Chapter 3?

The Class 12 Hindi Antral NCERT Solutions for Chapter 3 which is “Viskohar Ki Maati” can be downloaded by visiting the Vedantu website or app. The NCERT solutions provided by Vedantu can be easily learnt and are given in a very simple way. The students can also prepare the notes reading the explanation which are very comprehensively given. If students learn these solutions properly, can develop writing vocabulary skills which are very important.

2. Who is the author of Class 12 Hindi Antral Chapter 3 – Viskohar Ki Maati?

The author of the Class 12 Hindi Chapter 3 is Shri Vishwanath Tripathi which is a part of the autobiography. This is a simple story where the reading is made enjoyable. Whenever students enjoy the story of the chapter it becomes easy to learn. Students can refer to Vedantu important questions which are prepared to keep in mind that it should be beneficial for the students. These important questions can also be downloaded in PDF form free of cost.

3. Can I be thorough with Class 12 Hindi with the NCERT solutions?

The answer to this question is yes and students can be thorough with the chapters through NCERT Solutions. However, the result will be positive only when you prepare each section and each question in an appropriate way. One should not be overconfident and have a vague preparation. This will not work out, no matter how many extra reference books you refer to. You should have a proper concept and understand.

4. What is the total number of questions asked from NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antral Chapter 3 – Viskohar Ki Maati?

There are a total of nine questions in this chapter. These questions are well explained in Vedantu NCERT Solutions which is in a proper format. If answers are learnt by referring to NCERT solutions they can present their answers very well. The main feature to score marks in languages is the way the answer is written. If that is practised and grasped then that you can be an expert and can score very well.

5. What is the description of the mother and child in the Class 12 Hindi Antral Chapter 3 – Viskohar Ki Maati? 

A mother and a child relationship is unique in every way and there is no comparison for this bonding. A child feels the touch of the mother from the time it's in the womb. When a mother feeds the child with her milk she will keep her close to her chest away from all the dangers. For a child, the mother is like a god. This unique bond is so beautiful the words are not sufficient to explain. For further details of the chapter and the solutions and also the important questions, visit the Vedantu Website.

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बिस्कोहर की माटी

In this post we have given the detailed notes of class 12 Hindi chapter 3 बिस्कोहर की माटी These notes are useful for the students who are going to appear in class 12 board exams

इस पोस्ट में क्लास 12 के हिंदी के पाठ 3 बिस्कोहर की माटी के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं हिंदी विषय पढ़ रहे है।

Board CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Hindi (अंतराल)
Chapter no. Chapter 3
Chapter Name बिस्कोहर की माटी
Category Class 12 Hindi Notes
Medium Hindi
Class 12 Hindi Chapter 3 बिस्कोहर की माटी

CH – 3, बिस्कोहर की माटी (विश्वनाथ त्रिपाठी) || Class 12 Hindi (अंतराल) || With Anshul Sir

विश्वनाथ त्रिपाठी का जीवन परिचय

विश्वनाथ त्रिपाठी का जन्म 16 फ़रवरी 1931 में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले (अब सिद्धार्थनगर) के बिस्कोहर गाँव में हुआ था

शिक्षा: – 

  • प्रारंभिक शिक्षा गांव से और फिर बलरामपुर कस्बे से प्राप्त की उच्च शिक्षा कानपुर और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से Ph.D की उपाधि प्राप्त की। 

कार्य: – 

  • 15 नवंबर 1958 को उन्हें देवी सिंह बिष्ट महाविद्यालय, नैनीताल में शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया। 
  • 8 अक्टूबर 1959 को दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में नियुक्त हुए। 
  • बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस में अध्यापन। 
  • 65 वर्ष पूरे करने के बाद 15 फरवरी 1996 को सेवानिवृत्त हुए।

प्रमुख रचनाएँ: – 

  • हिंदी आलोचना – 1970
  • लोकवादी तुलसीदास – 1974
  • प्रारंभिक काल – 1975
  • मीरा की कविता – 1979
  • गंगा स्नान (संस्मरण) – 2006
  • गुरुजी की खेती-बारी (संस्मरण) – 2015
  • हरिशंकर परसाई (निबंध) – 2007
  • कुछ कहानियां : कुछ विचार – 1998
  • जैसा कि मैं कह सकता था (कविता संकलन)
  • नंगतलाई गांव (स्मृति-कथा) – 2004
  • अपना देश-परदेस (विविध लेख और टिप्पणियाँ) – 2010
  • ब्योमकेश दरवेश (आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की जीवनी और आलोचना) – 2011

सम्मान: –

  • गोकुलचंद्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार,
  • डॉ। रामविलास शर्मा पुरस्कार
  • सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार
  • साहित्य सम्मान – हिंदी अकादमी द्वारा
  • शांतिकुमारी वाजपेयी पुरस्कार
  • शमशेर सम्मान
  • मैथिलीशरण गुप्त सम्मान – 2012-13
  • व्यास सम्मान – 2013 (‘व्योमकेश दरवेश’ के लिए)
  • भाषा सम्मान – साहित्य अकादमी द्वारा
  • मूर्तिदेवी पुरस्कार – 2014 (‘व्योमकेश दरवेश’ के लिए)
  • भारत भारती सम्मान – 2015

बिस्कोहर की माटी

  • बिस्कोहर की माटी के लेखक विश्वनाथ त्रिपाठी के इस ग्रंथ में उनके प्रारंभिक जीवन और ग्रामीण जीवन को शामिल किया गया है।
  • उन्होंने ऋतु परिवर्तन सरोवर – तालाब आदि के अनुपम सौन्दर्य का विस्तृत विवरण दिया है। साथ ही उन्होंने पक्षी माता और नर माता का तुलनात्मक अध्ययन किया है। मां जो भी हो वह हमेशा अपने बेटे की रक्षा करती है उसका कल्याण चाहती है। उन्होंने यहां बत्तख के उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया है।
  • लेखक ने यहाँ वर्णन किया है कि बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्र में किस प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं और यह वातावरण में किस प्रकार हर्षित होता है।

बिस्कोहर की माटी पाठ का सार

प्रस्तुत पाठ बिस्कोहर की माटी में लेखक ने अपने गाँव और उसके प्राकृतिक परिवेश ग्रामीण जीवन शैली गाँव में प्रचलित घरेलू उपचार और अपनी माँ से जुड़ी यादों का का विवरण किया गया है। जिसमें कोईयाँ एक प्रकार का पानी का फूल है। जिसे कुमुद और कोकाबेली भी कहा जाता है। शरद ऋतु में जहां भी पानी इकट्ठा होता है। कोईयाँ फूल उग जाते हैं। शरद की चांदनी में कोईयाँ के पत्ते और तेज चमकीली चांदनी एक जैसी दिखती है।

इस फूल की महक बहुत ही नशीली होती है।

लेखक के अनुसार बच्चे और माँ का रिश्ता भी अद्भुत होता है। बच्चे के पैदा होते ही मां का दूध भोजन के रूप में ग्रहण करते है। नवजात शिशु के लिए दूध अमृत के समान होता है बच्चा न केवल मां से दूध ग्रहण करता है बल्कि उससे संस्कार भी प्राप्त करता है। जो उनके चरित्र और व्यक्तित्व के निर्माण में मदद करते हैं। बच्चा सुकबुकता है रोता है माँ को मारता है कभी-कभी माँ भी मार देती है फिर भी बच्चा माँ से लिपट रहता है। बच्चा गंध और स्पर्श के मां के पेट से ही भोक्ता है दांत निकलने पर बच्चा टीस्ता है यानी दांतों से सब कुछ काटता है।

चांदनी रात में जब मां बच्चे को चारपाई पर बैठकर दूध पिलाती है तो बच्चे को दूध के साथ-साथ चांदनी का आनंद भी महसूस होता है। यानी वो चांदनी मां की तरह खुशी और प्यार देती हैं। मां से लिपटकर बच्चे का दूध पीना जड़ से चेतन होना यानी मानव जन्म लेने की सार्थकता है। बिसनाथ अभी मां का दूध पीता ही था कि उसके छोटे भाई का जन्म हो गया। जिससे माँ के दूध पर छोटे भाई का अधिकार हो गया और बिसनाथ का दूध छूट गया। बिसनाथ का पालन-पोषण पड़ोसी की कसेरनी दाई ने तब किया जब वह तीन साल के थे। दाई ने मां का स्थान ले लिया यह बिसनाथ पर अत्याचार था।

दिलशाद गार्डन में लेखक बत्तखों को देखता है।

अंडे देते समय बत्तख पानी छोड़कर जमीन पर आ जाती है। लेखक ने एक बत्तख को कई अंडे सेते हुए देखा।

लेखक ने बत्तख की माँ और एक मानव बच्चे के बीच कई समानताएँ पाईं। जैसे बत्तख अपने पंख फैलाकर अपने अंडों को दुनिया की नजरों से दूर रखती है। अपनी नुकीली चोंच से यह अपने पंखों के अंदर नाजुक ढंग से छुपाकर रखती है। हमेशा कौवे पर नजर रखें। इसी तरह मां भी अपने बच्चों को दुनिया की नजरों से बचाती है। वह उन पर आने वाली विपत्ति को भापकर उनकी रक्षा करती है। 

गर्मियों की दोपहर में लेखक चुपचाप घर से बाहर निकल जाता था।

लू लगने की स्थिति में मां धोती या कमीज में गांठ बांधकर प्याज को बांध देती थी। लू लगने पर कच्चे आम का पन्ना पिया जाता था। आम को भूनने या उबालने के बाद इसकी चाशनी में गुड़ या चीनी मिलाकर पिया जाता था। उसे शरीर पर लेपा जाता नहाया जाता और उससे सिर धोया जाता। बिस्कोहर में बारिश आने से पहले बादल इस तरह जमा हो जाते हैं कि दिन में ही अंधेरा हो जाता है। कई दिनों तक बारिश होती है जिससे घर की दीवार गिर जाती है और घर गिर जाता है।

जब बारिश आती है तो सभी(शिशु पक्षी) उत्तेजित हो जाती हैं।

बारिश में कई कीड़े भी निकल आते हैं। उमस के कारण मछलियां मरने लगती हैं। दाद – खाज फोड़े – फुंसी पहली बारिश में ठीक हो जाते हैं। मैदानों खेतों और तालाबों में कई तरह के सांप पाए जाते हैं। सांप को देखने में डर और रोमांच दोनों होता है। डोडहा और मजगीदवा विषहीन होते हैं। डोडाहा सांप को वामन जाति का मान कर मारा नहीं जाता है। धामिन भी विषैला नहीं है लेकिन इसकी एक लंबी पूंछ होती है कुश को मुंह से पकड़कर पूंछ से मारे तो अंग सड़ जाएगा। घोर कडाइच भटिहा और गोहुअन खतरनाक हैं जिनमें से गोहुआन सबसे खतरनाक है जिसे फैंटारा भी कहा जाता है।

गांव के लोग प्रकृति के बहुत निकट है।

लेखक के अनुसार फूल न केवल गंध देते हैं बल्कि औषधि भी करते हैं क्योंकि गांव में कई बीमारियों का इलाज फूलों से किया जाता है। फूलों की महक से सांप महामारी देवी डायन आदि का संबंध जुड़ा हुआ है। गुड़हल के फूल को देवी का फूल माना जाता है। बेर के फूल को सूंघने से ततैया का डंक गिर जाता है। आम के फूलों का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है।

चेचक में नीम के पत्ते और फूल रोगी के पास रखे जाते हैं।

कमल लेखक के गांव में भी खेलता है।

हिंदुओं के यहां कमल के पत्ते पर भोजन परोसा जाता है। कमल के पत्ते को पुरइन भी कहा जाता है। कमल की नल को भसीण कहते हैं। कमल ककड़ी का उपयोग केवल बिक्री के लिए किया जाता है। कमलगट्टा(कमल बीज) भी खाया जाता है। अपने एक रिश्तेदार के घर में लेखक ने अपनी उम्र से बड़ी एक खूबसूरत महिला को देखा जिसकी सुंदरता लेखक के दिल में बस गई। लेखक ने उस स्त्री को प्रकृति की तरह आकर्षक पाया। कुदरत के तमाम नजारों में जूही की लता चांदनी की छटा फूलों की महक में वो उस औरत को देखने लगी।

लेखक को लगा कि सुंदर प्रकृति स्त्री के रूप में आई है।

लेखक जिस स्त्री को देखकर प्रकृति के सौन्दर्य को भूल गया उसके प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सका। वह सफेद रंग की साड़ी पहने रहती है और आंखों में कैसी व्यथा लिए दिखती है। वह किसी का इंतजार करती दिख रही है। लेखक के लिए वह हर कला के अवसाद में मौजूद है लेखक के लिए वह हर सुख-दुःख से जोड़ने का सेतु है।

मृत्यु का भाव इस स्मृति के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है।

 

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बिसनाथ पर क्या अत्याचार हो गया था?

माँ के दूध का सेवन ही कर रहे थे कि उनके छोटे भाई का जन्म हो गया। छोटे भाई के जन्म के कारण उन्हें माँ का दूध पिलाना बंद कर दिया गया। अब माँ का दूध छोटा भाई पीता था। बिसनाथ इसे स्वयं पर अत्याचार कहते हैं।

बिस्कोहर की माटी क्या है?

बिस्कोहर की माटी पाठ का सार प्रस्तुत पाठ बिस्कोहर की माटी में लेखक ने अपने गाँव और उसके प्राकृतिक परिवेश ग्रामीण जीवन शैली गाँव में प्रचलित घरेलू उपचार और अपनी माँ से जुड़ी यादों का का विवरण किया गया है। जिसमें कोईयाँ एक प्रकार का पानी का फूल है। जिसे कुमुद और कोकाबेली भी कहा जाता है।

बिस्कोहर की माटी पाठ का उद्देश्य क्या है?

आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया यह पाठ अपनी अभिव्यंजना में अत्यंत रोचक और पठनीय है। लेखक ने उम्र के कई पड़ाव पार करने के बाद अपने जीवन में माँ, गाँव और आसपास के प्राकृतिक परिवेश का वर्णन करते हुए ग्रामीण जीवन शैली, लोक कथाओं, लोक मान्यताओं को पाठक तक पहुँचाने की कोशिश की है।

बिस्कोहर की माटी पाठ के लेखक का नाम क्या है?

( बिस्कोहर की माटी )- [ विश्वनाथ त्रिपाठी]- हिंदी- CH- 3rd- अंतराल- Summary. विश्वनाथ त्रिपाठी द्वारा रचित उनकी आत्मकथा का एक अंश है ! इसमें लेखक ने अपने गांव, वहां के जीवन और आसपास के प्राकृतिक परिवेश का वर्णन किया है !