बेल्जियम और श्रीलंका के सत्ता की साझेदारी के उदाहरणों से हम क्या सीखते हैं? - beljiyam aur shreelanka ke satta kee saajhedaaree ke udaaharanon se ham kya seekhate hain?

बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझीदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें:(क) बेल्जियम में डच-भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच-भाषीय अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया।(ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली भाषा बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।(ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोजगार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढाँचे पर बाँटने की माँग की।(घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क के आधार पर टूटने से बचा लिया गया।ऊपर दिए गए बयानों में से कौन-से सही हैं?(सा) क, ख, ग और घ(रे) क, ख और घ(गा) ग और घ(गा) ग और घ

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भारतीय सन्दर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बताएँ।


भारतीय सन्दर्भ में सत्ता की साझेदारी में युक्तिपरक कारण समझदारी या तर्क के सिद्धांत पर कार्य करता है जबकि नैतिक तत्व सत्ता के बँटवारे के महत्व को बतलाता है। युक्तिपरक कारण शक्ति विभाजन के लाभों पर बल देती है और नैतिक कारण वास्तविक शक्ति विभाजन की योग्यता पर बल देते हैं।
युक्तिपरक कारण- भारत एक लोकतांत्रिक देश है। ऐसे में सत्ता का बँटवारा सामाजिक समूहों के बीच टकराव को कम करता है। भारत में अनेक सामाजिक समूह भाषा, क्षेत्र, लिंग, धर्म, सामाजिक स्तर बांटे जा सकते है। अतः सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष को रोकने के लिए सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की भागीदारी लाभकारी है। इसे सत्ता की भागीदारी का बौद्धिक दृष्टिकोण का कहा जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि संविधान निर्माण के समय तीन भाषाई फार्मूला विद्यार्थियों पर लागू न कर सभी पर हिंदी भाषा को जबरदस्ती थोप दिया जाता, तो भारत के अनेक भागो में हिंसात्मक आंदोलन चलते रहते परन्तु वर्तमान में भारत के सभी लोग स्वेच्छा से हिंदी, अंग्रेजी, क्षेत्रीय भाषा के साथ-साथ यूरोपीय भाषा भी सीख रहे है।

नैतिक कारण- लोकतंत्र में वह सरकार वैधानिक होती है जिसमे सभी लोग व्यवस्था से जुड़े होते है। सरकार लोकतंत्र को उदारवादी बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयत्न करती है। कानून इस तरह बनाए जाते है जिससे की किसी की भी धार्मिक आस्था और विश्वासों को ठेस न पहुँचे। प्राचीन वर्गों को राजनितिक प्रक्रियाओं में हिस्सा लेने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए। जिन्हें अभी तक राजनीतिक अधिकारों से वंचित रखा जाता रहा है। सत्ता की भागीदारी का यह दृष्टिकोण नैतिक दृष्टिकोण कहलाता है।

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आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या है? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी देंl


आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग अलग तरीके निमनलिखित है-

(i) सरकार के तीन अंग के बीच सत्ता की साझेदारी- लोकतंत्र की सफलता के लिए शासन के तीन अंगों के बीच सत्ता का बंटवारा रहता है ताकि कोई भी अंग अपनी शक्तियों का अनुप्रयोग न कर सकेl विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका शासन के तीन अंग हैl हर अंग दूसरे पर अंकुश रखता हैl इस प्रकार संतुलन बना रहता हैl उदाहरण के लिए कानून और अधनियम विधायक द्वारा बनाए और पास किए जाते है इनका कार्यान्वयन कार्यपालिका करती है और न्यायपालिका कानून को तोड़ने वालों को दंडित करती हैl

(ii) विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा- सरकार के बीच भी विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बंटवारा हो सकता हैl हर प्रान्त या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकार स्थापित हैl उदाहरणार्थ भारतीय संविधान में केंद्र तथा राज्य सरकारों की शक्ति को अलग-अलग सूचियों में बांट दिया गया हैl

(iii) विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता का बँटवारा- सत्ता का बंटवारा विभिन्न सामाजिक समूह अर्थात् भाषायी और धार्मिक समूहों के बीच भी हो सकता हैl बेल्जियम में इसका उदाहरण हैl

(iv) राजनीतिक दलों, दबाव समूह तथा आंदोलन के बीच सत्ता का बँटवारा- लोकतंत्र में व्यपारी, उद्योगपति, किसान आदि जैसे समूह भी सक्रीय रहते हैl लोकतांत्रिक व्यवस्था में कई बार एक दल को बहुमत न मिलने पर कुछ दल मिलकर गठबंधन सरकार बना लेते हैl उदाहरण के लिए भारत में भी 1999-2004 मिली-जुली सरकार का बोला था, इसी तरह डेनकामार्क में अनेक राजनितिक दल है जो सत्ता का बँटवारा कर सरकार चलाते हैl

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सत्ता की साझेदारी के बारे में निम्नलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर जवाब दे:
(अ) सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र के लिए लाभकर है।
(ब) इससे सामाजिक समूहों में टकराव का अंदेशा घटता है।
इस बयानों में कौन सही है और कौन गलत?

(क)  अ सही है लेकिन ब गलत है।
(ख)  अ और ब दोनों सही हैं।
(ग)  अ और ब दोनों सही हैं।
(घ) अ गलत हैं लेकिन ब सही है।


(ख), अ और ब दोनों सही हैं बाकी गलत है, क्योंकि ये दोनों बयान लोकतंत्र में सत्ता की भागेदारी का समर्थन करते हैं।

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सूची I [सत्ता के बँटवारे के स्वरुप] और सूची II [शासन के स्वरूप] में मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें:-

सूची I  सूची II
1. सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा  (क)  सामुदायिक सरकार 
2. विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा  (ख)  अधिकारों का वितरण 
3. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी  (ग) गठबंधन सरकार  
4. दो या अधिक दलों के बीच सत्ता की साझेदारी  (घ) संघीय सरकार 

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(सा)
(रे) 
(गा) 
(मा)


सूची I सूची II
1. सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा (ख) अधिकारों का वितरण
2. विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा  (घ) संघीय सरकार
3. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी (क) सामुदायिक सरकार
4. दो या अधिक दलों के बीच सत्ता की साझेदारी (ग) गठबंधन सरकार

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श्रीलंका और बेल्जियम की कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

बेल्जियम और श्रीलंका की इन कथाओं से हमें क्या शिक्षा मिलती है? दोनों ही देश लोकतांत्रिक हैं। फिर भी सत्ता में साझेदारी के सवाल को उन्होंने अलग-अलग ढंग से निपटाने की कोशिश की। बेल्जियम के नेताओं को लगा कि विभिन्न समुदाय और क्षेत्रों की भावनाओं का आदर करने पर ही देश की एकता संभव है।

बेल्जियम और श्रीलंका की स्थितियां भिन्न कैसे हैं?

उनका उत्तर 120 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। उत्तर : मेटरनिख ने। (a) A और R दोनों सत्य हैं और R, A की सही व्याख्या है।

बेल्जियम की साझेदारी क्या है?

1. संविधान में इस बात का स्पष्ट प्रावधान है कि केंद्रीय सरकार मंल डच और फ्रेंच-भाषी मंित्रायों की संख्या समान रहेगी। कुछ विशेष कानून तभी बन सकते हैं, जब दोनों भाषायी समूह के सांसदों का बहुमत उसके पक्ष में हो।

बेल्जियम और श्रीलंका में क्या समानता है?

इसने अल्पसंख्यक समुदाय (तमिल) के हितों की अनदेखी की और इस तरह देश में समानता नहीं थी। जबकि बेल्जियम ने एक अलग मोड़ लिया। इसने देश में समानता को बढ़ावा देने की मांग की। दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व था।