बालगोबिन भगत अपने पुत्र को अधिक क्यों मानते थे? - baalagobin bhagat apane putr ko adhik kyon maanate the?

Question Description
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बाल गोबिन भगत सब चीज साहब की मानते थे '

बालगोबिन भगत साधु थे-साधु की सब परिभाषाओं में खरे उतरने वाले। कबीर को 'साहब' मानते थे, उन्हीं के गीतों को गाते, उन्हीं के आदेशों पर चलते। कभी झूठ नहीं बोलते, खरा व्यवहार रखते।

बालगोबिन भगत अपने बेटे को बहुत मानते थे क्यों?

बालगोबिने भगत का इकलौता बेटा कुछ सुस्त और बोदा-सा था। भगत का मानना था कि ऐसे लोगों पर ज्यादा निगरानी रखते हुए प्यार करना चाहिए क्योंकि ये निगरानी और मुहब्बत के ज्यादा हकदार होते हैं। इस कारण भगत अपने उस बेटे को अधिक प्यार करते थे

बाल गोविंद भगत जी अपनी पत्नी को उत्सव मनाने को क्यों कहते हैं?

पुत्र की मृत्यु के अवसर पर भगत तल्लीनता से गाए जा रहे थे और उनकी पतोहू विलाप कर रही थी। इसी समय भगत अपनी पतोहू से रोने के बदले उत्सव मनाने को कहतेभगत ऐसा इसलिए कह रहे थे क्योंकि उनका मानना था कि मृत्यु | खुशी का अवसर है। इस समय आत्मा और परमात्मा का मिलन हो जाता है।

बालगोबिन भगत अपने पतोहू को क्या करने को कह रहे थे?

उत्तरः भगत जी पतोहू को रोने के बदले उत्सव मनाने को इसलिए कह रहे थे, क्योंकि वे मृत्यु को आत्मा-परमात्मा का मिलन मानते थे