Kis Kaal Ko Swarna Yug Kahaa Jata HaiPradeep Chawla on 21-09-2018 Show गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। इसे भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार, धार्मिक सहिष्णुता, आर्थिक समृद्धि तथा शासन व्यवस्था की स्थापना काल के रूप में जाना जाता है Pradeep Chawla on 21-09-2018 गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। इसे भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार, धार्मिक सहिष्णुता, आर्थिक समृद्धि तथा शासन व्यवस्था की स्थापना काल के रूप में जाना जाता है Pradeep Chawla on 21-09-2018 गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। इसे भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार, धार्मिक सहिष्णुता, आर्थिक समृद्धि तथा शासन व्यवस्था की स्थापना काल के रूप में जाना जाता है सम्बन्धित प्रश्नComments Krishnabhai on 24-11-2021 Hindi kavya ka suvadyug kis kal ko kaha jata hai जय साकार on 15-11-2021 Hi Asish on 19-10-2021 Kis kal ko Hindi Kavya ka Sangam yuddh kahan gaya hai Rishabh Gupta on 09-05-2020 Hindi ka Vikas kis kal Ko Mana jata hai Hindi kavy ka suvand yug kis kaal ko kaha jata ha on 23-01-2020 Hindi kavya ka suvadn yug kisa kaal ko kaha jataha Pawan on 21-01-2020 Hindi sahitya mein kis Kaal ko Swarn Yug Kaha jata hai Paras ram sahu on 07-12-2019 Hindi sahity ka swarn yug kis kaal ko kaha jata hai Imtiyaj on 25-11-2019 Kis kal ko sirangar kal kaha jata hai Imtiyaj on 25-11-2019 Sursagar kis kal ki rachana hai Firoz on 24-11-2019 किस काल को हिन्दी का स्वण युग कहा जाता है Aashaa on 22-11-2019 Do kavi ke nam abhinav on 09-10-2019 किस काल को हिन्दी काव्य का रवण युग कहा जाता है Kaushal on 09-10-2019 Hindi sahitya ke kis kaal ko swarn kal kha jata h Shivamkuar on 25-09-2019 Kis.yug.ko.swan.yud.kal.kaha.jata.hai Dipak Kumar singh on 29-08-2019 V. V. I Kis kaal ko swad kaal kehte hai on 02-04-2019 Bhagti kaal Arun on 16-02-2019 Kis mugal kal ko sawrn yug kaha gya hai Rajesh Kumar on 21-01-2019 किसके शासन को मुगल काल का स्वर्ण युग कहा जाता है Suresh on 04-01-2019 Rajsthani bhasa ka svarn yug kis kal ko kha jta hai Deepak maurya on 17-11-2018 Gupt kal ke kis kal ko swarn kal kaha jata hai. Ravi Gautam on 17-10-2018 Kis kaal ko swarn yug Kaha jata hai Kritika Rathore on 11-09-2018 Gupt Kal ko bhartiya itihaas ka savrn yug kaha jata hai. Ise bhartiya Sanskriti ke parchar parsar dharmic sahishnu aarthik Samardi tatha shasan vyvastha ki sthapna kal ke rup me jana jata hai. Shubham tiwari on 09-09-2018 Bharat ke kis kal ko swrg kal kya hata ha Kis Kaal ko swarn yug Kaal kahte hain on 03-09-2018 Mujhe nhi pata hai ई.पू. 185 के प्राचीन काल में जब मौर्य साम्राज्य का पतन हुआ तब पूरे भारत में बहुत से छोटे छोटे राज्यों का निर्माण हुआ । इसके बाद करीब 500 सालों तक यह राज्य एक दुसरे से लड़ते रहे । सन् 320 में उत्तर भारत में चंद्रगुप्त नाम के राजा ने अपना राज्य स्थापित किया । इस राजा ने दूरंदेशी दिखाते हुए मौर्य साम्राज्य की बहुत सी अच्छी चीजों को अपनाया और अपनी अगली पीढ़ी के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश किया । इसी राजा की पीढ़ी के राज्य काल को गुप्त युग के नाम से जाना जाता है । इस काल में भारत ने बहुत से महान राजा, जैसे की समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त-2 का शासन देखा । सभी गुप्त राजा रचनात्मकता, कला और साहित्य के विकास को बढ़ावा देते थे । ये भी जाने – क्यों कहा जाता है गुप्त काल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग समुद्रगुप्त की विजयगाथासमुद्रगुप्त (सन् 335-380) एक महान योद्धा थे और जीत उनका जुनून था । उन्होंने पूरे भारत पर अपना परचम फहराया और एक संयुक्त राज्य की स्थापना की। बहुत से राजाओं ने दया की आशा में अपने हथियार समुद्रगुप्त के सामने युद्ध से पहले ही डाल दिए थे । समुद्र्गुप्त ने उत्तर भारत में 9 और दक्षिण भारत में 12 राजाओं को हराया था । इन युद्ध में केवल मनुष्य ही नहीं परंतु बहुत सारे घोड़ों का भी संहार किया गया था! समुद्रगुप्त के काल में राज्य का व्याप इतना बड़ा हो चुका था की इस राजा की तुलना महान एलेक्जेंडर और नेपोलियन के साथ की जाती थी। उसकी फ़ौज स्थानीय दस्तों से बनी थी। हर दस्ता एक हाथी, एक रथ, तीन बंदूक धारी सैनिक और पांच लोगों की फ़ौज से बना था । युध्ध क समय यह सभी दस्ते एक होकर बड़ी सेना का निर्माण करते थे।जब युद्ध नहीं होता था तब हाय दस्ते गो और शेहरो की रक्षा करते थे । ये भी जाने – गुप्त काल में किस तरह से फले-फूले वैष्णव और शैव धर्म गुप्त साम्राज्य की उपलब्धियांसमुद्रगुप्त केवल एक युद्ध के द्वारा शासन छिन ने वाले राजा नहीं थे। वह कला में भी रूचि रखते थे। उनके समय के कलात्मक सिक्के और स्तंभ उनके कला के प्रति सम्मान और प्रतिपालन दर्शाते है। उन्हों ने अपनी अगली पीढ़ी के लिए एक शुरुआत की जिसको चंद्रगुप्त-2 ने आगे बढ़ाया। चंद्रगुप्त-2 (सन् 380-415) कलाकारों का सन्मान करते थे। उन्होंने ही कलाकारों को वेतन देना शुरू किया था जो की उस समय में दुर्लभ था। इसी कारण चन्द्रगुप्त-2 के समय को कला के लिए सुवर्ण युग कहा जाता है । गुप्त युग में कई प्रसिद्ध कविताओं और नाटकों का लेखन हुआ। इसी समय में इतिहास, धार्मिक साहित्य और आध्यात्मिकता के विषयों पर ग्रंथ लिखे गए जो आज भी लोगों को जानकारियाँ देते है । व्याकरण, गणित, औषधि और खगोल विद्या पर लिखे निबंध लिखे गए जिसके आधार पर आज भी कई पुस्तकें लिखी जाति है। इस समय का सबसे प्रसिद्ध निबंध है “कामसूत्र” जो हिंदू कायदों के अनुसार, प्रेम और शादी के नियमों को दर्शाता है! ये भी जाने – गुप्तोत्तर काल के इतिहास के कुछ ऐसे तथ्य जो शायद ही आपको पता होंगे उस समय के विद्वान कालिदास और आर्यभट्ट को कौन नहीं जानता? कालिदास की रचनाओं ने नाटकों को एक अलग ऊँचाईयों तक पहुंचाया। आर्यभट्ट ने अपने समय से कहीं आगे निकलकर यह बताया की पृथ्वी गोल घुमने वाला एक गोला है! उन्होंने साल के दिनों (पृथ्वी को सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में लगने वाला समय) की गणना भी की जो आधुनिक साधनों के बिना लगभग असंभव माना जाता था। इसी युग के दौरान कई सारे चित्रों, मूर्तियाँ और वास्तु कला का भी निर्माण हुआ। उनका एक आदर्श उदाहरण है अजन्ता की गुफाओं में पाए जाने वाले चित्र। हालांकि गुप्त वंश हिंदू धर्म का पालन करता था, लेकीन उनके शासन में धर्मनिरपेक्षता देखि जा सकती थी। उन्हीं के समय में प्रसिद्ध बुध्ध विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। सन् 480 में हुण लोगो के हमले के बाद इस साम्राज्य का कमज़ोर होना शूरु हुआ । सिर्फ 20 सालों में गुप्त राजाओं ने अपनी बहुत सी संपत्ति और राज्य गँवा दिए। आखिर सन् 550 में इस साम्राज्य का अंत हुआ। ये भी जाने –गुप्त साम्राज्य के पतन के कारण गुप्तकाल के बाद सामाजिक और आर्थिक हालात |