भारत की तट रेखा की लम्बाई 7516.6 किलोमीटर है (मुख्य भूमि: 5422.6 कि.मी; द्वीप प्रदेश: 2094 कि.मी)। सीधी और नियमित तट रेखा ईसीन काल के दौरान, गोंडवानालैंड के गमनागमन के कारण हुआ था। इस लेख में हमने भारत के पूर्वी तट और पश्चिमी तट में भौगोलिक अंतर बताया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है। Show Do you know the geographical differences between Eastern Coast and Western Coast of India HN भारत की तट रेखा की लम्बाई 7516.6 किलोमीटर है (मुख्य भूमि: 5422.6 कि.मी; द्वीप प्रदेश: 2094 कि.मी)। सीधी और नियमित तट रेखा ईसीन काल के दौरान, गोंडवानालैंड के गमनागमन के कारण हुआ था। भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटों की उत्पत्ति अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के पारिस्थितिकी काल के अंत में अवस्र्द्ध करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। भारत के पूर्वी तट और पश्चिमी तट में भौगोलिक अंतरभारतीय पूर्वी तट (Eastern Coast of India) यह गंगा डेल्टा से कन्याकुमारी तक फैली हुई है। 1. यह तट आपाती तट का प्रकार है जिसकी वजह से यहाँ अपतटीय पट्टी, समुद्र तट तथा लैगून पाए जाते हैं। 2. इसका निर्माण नदी प्रणाली द्वारा भूमि अधिग्रहण में वृद्धि के करना हुआ है। 3. इस क्षेत्र में अधिकतम चक्रवात तूफान आते रहता है तथा चावल और पटसन या जूट की खेती के लिए उपयुक्त है। 4. यहाँ जलोढ़ भूमि और रेतीले ढलान का संयोग है जिसकी वजह से लैगून का निर्माण हो जाता है जैसे चिल्का झील और पुलिकेट झील। क्या आप जानते हैं ग्लोबल डिमिंग या सार्वत्रिक दीप्तिमंदकता क्या है 5. यह बिलकुल सीधा किनारा है जो मुख्य रूप से हालिया और तृतीयक जलोढ़ मिट्टी से भरा पड़ा है। 6. यह बंगाल की खाड़ी के पास है। 7. यहाँ तुलनात्मक रूप से कम वर्षा होती है। 8. यहाँ पूर्वोत्तर मानसून के कारण बारिश होती है। 9. पूर्वी तट के क्षेत्रीय नाम: ओडिशा = उत्कल तट; तमिलनाडु = कोरोमंडल तट या पायन घाट। भारतीय पश्चिमी तट (Western Coast of India) यह कैंबे की खाड़ी के उत्तर से केप कोमोरिन के उत्तर तक फैला है। 1. यह पूर्वी तटीय मैदान की तुलना में आर्द्र तथा संकरा है। 2. यह सामुद्रिक आच्छादन के लिए खुला हुआ है तथा गहरे रंग की गाद (Dark Silt) एवं नमक की परतों से संघटित है। 3. इस मैदान का ढाल पश्चिम की ओर है, जिस पर छोटी-छोटी लेकिन तीव्रगामी नदियाँ प्रवाहित होती है। इस मैदान से होकर बहने वाली नदियाँ डेल्टा नहीं बनाती, एस्तुअरी का निर्माण होता है। 4. यह सामान्यतः सपाट है तथा बेसाल्ट चट्टानों से बना है। दक्षिणी भाग विशेष रूप से मालाबार तट में पश्च जल (Back-Water) के कारण लैगून की श्रृंखला बनाती है जिसकी वजह से यहाँ का दृश देखने योग्य होता है। पश्च जल (Back-Water) मालाबार तट पर स्थानीय रूप से कयाल के नाम से जाना जाता है जैसे-अस्थामुड़ी एवं वेम्बनाड आदि। भारत के पूर्वी घाट की तुलना में पश्चिमी घाट पर अधिक बारिश क्यों होती है? 5. पश्चिमी महाद्वीपीय मार्जिन पूर्वी महाद्वीपीय मार्जिन से काफी व्यापक है। 6. यह अरब सागर के पास है। 7. यहाँ पूर्व की तुलना में अधिक वर्षा होती है। 8. यहाँ दक्षिण पश्चिम मॉनसून के कारण बारिश होती है। 9. पश्चिमी तट के क्षेत्रीय नाम: कोंकण तट = महाराष्ट्र तट और गोवा तट; मालाबार तट = केरल और कर्नाटक तट। भारत के पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पूर्वी घाट और पूर्वी तट के मध्य सुवर्णरेखा नदी से लेकर कन्याकुमारी तक है| पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडू राज्यों में है| इस मैदान में निक्षेपों की अधिकता है और बड़ी-बड़ी नदियां सागर में मिलने से पूर्व यहाँ डेल्टा का निर्माण करती हैं| भारत के पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पूर्वी घाट और पूर्वी तट के मध्य सुवर्णरेखा नदी से लेकर कन्याकुमारी तक है| पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में है| इस मैदान में निक्षेपों की अधिकता है, क्योंकि गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी जैसी बंगाल की खाड़ी की ओर प्रवाहित होने वाली बड़ी-बड़ी नदियां सागर में मिलने से पूर्व यहाँ अवसादों का निक्षेपण करती हैं और डेल्टा का निर्माण करती हैं| अवसादों के निक्षेपण के कारण ही यह मैदान पश्चिमी तटीय मैदान की तुलना में अधिक चौड़ा है| Image Courtesy: im.hunt.in पूर्वी तटीय मैदान को दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्वी मानसून दोनों मानसूनों से वर्षा प्राप्त होती है| चिकनी मिट्टी की प्रधानता के कारण इस मैदान में चावल की खेती अधिक की जाती है| पूर्वी तटीय मैदान में गोदावरी व कृष्णा नदियों के डेल्टा में कोल्लेरु झील स्थित है| चिल्का और पुलिकट झीलें, जोकि लैगून का उदाहरण हैं, भी पूर्वी तटीय मैदान पर स्थित हैं| ओडिशा का तटीय मैदान उत्कल मैदान कहलाता है| पूर्वी तटीय मैदान को निम्न भागों में बांटा जाता है:
पूर्वी तटीय मैदान पर उत्तर से दक्षिण स्थित प्रमुख डेल्टा निम्नलिखित हैं:
पूर्वी तटीय मैदान अत्यधिक अवसाद के निक्षेपण के कारण प्राकृतिक बन्दरगाहों/पत्तनों के विकास के अधिक अनुकूल नहीं है, इसीलिए इस तट पर प्रायः कृत्रिम पत्तन ही पाये जाते हैं| पूर्वी तटीय मैदान का जनसंख्या घनत्व पश्चिमी तटीय मैदान की तुलना में अधिक है| इस मैदान का ढाल अत्यधिक कम है,इसलिए नदियों का प्रवाह धीमा रहता है| भारत के पूर्वी तट का क्या नाम है?पूर्वी तट के क्षेत्रीय नाम: ओडिशा = उत्कल तट; तमिलनाडु = कोरोमंडल तट या पायन घाट।
भारत का पूर्वी तट कौन सा राज्य है?पूर्वी भारत, में भारत के पूर्व के क्षेत्र आते हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार एवं झारखंड राज्य शामिल हैं।
पूर्वी तट के कितने भाग हैं?पूर्वी तटीय मैदान गंगा के मुहाने से लेकर कन्याकुमारी तक है। बंगाल का मैदान, उत्कल मैदान, उत्तरी सरकार और कोरोमंडल पूर्व तट के उप विभाग हैं।
भारत के पश्चिमी तट कौन कौन से हैं?इसमें महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में तीन खंड हैं: तट के उत्तरी भाग को कोंकण (मुंबई-गोवा) कहा जाता है, मध्य खंड को करावली कहा जाता है, जबकि दक्षिणी खंड को मालाबार तट कहा जाता है। इसके उत्तरी भाग में दो खाड़ी हैं: खंबात की खाड़ी और कच्छ की खाड़ी।
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