भारत का गणतंत्र क्यों घोषित किया गया? - bhaarat ka ganatantr kyon ghoshit kiya gaya?

देश आज यानी 26 जनवरी को 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस दिन भारत के प्रतिष्ठित संस्थान में तिरंगा फहराया जाता है। ऐसा ही जश्न दिल्ली में भी होता है और ये जश्न सबसे पहली बार 1950 में मनाया गया था। जब देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने पहली बार तिरंगा फहराया था। आइये आज आपको बताते हैं कि देश में गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे का इतिहास क्या है-

साल 1950 में 26 जनवरी को भारत का संविधान लागू किया गया था। स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान अपनाया था। 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। यानी आजादी मिलने के 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद संविधान लागू हुआ था। इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया।

26 जनवरी ही क्यों?

भारत को कई बलिदान देने के बाद ही आजादी हासिल हुई थी। लेकिन देश को चलाने के लिए एक संरचना चाहिए होती है जो उस देश का संविधान और कानून होता है। हमारे देश को संविधान के जरिए ही लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया था। 26 जनवरी 1930 को भारत में पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया था। दरअसल पहले आजादी का जश्न भी 15 अगस्त नहीं बल्कि 26 जनवरी को मनाया जाता था। पंडित नेहरू की अध्यक्षता में लाहौर में एक प्रस्ताव पारित हुआ था। इसमें कहा गया था कि ब्रिटिश सरकार ने 26 जनवरी 1930 तक भारत को उपनिवेश का दर्जा नहीं दिया तो उसे पूर्ण रूप से स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा। इस तारीख को ध्यान में रखते हुए 26 की तारीख को ही चुना गया था।

सबसे पहली बार प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी ली थी और भारत को पूर्ण रूप से गणतंत्र घोषित कर दिया गया था। उस दिन के बाद से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। गणतंत्र दिवस समारोह पहले 24 जनवरी से शुरू होता था, लेकिन अब इस बदलकर 23 जनवरी कर दिया गया है क्योंकि इस दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती होती है। 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी होती है, जिसमें अलग-अलग प्रकार की धुन बजाई जाती हैं। 

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Solution : .सिहांसन खली करो कि जनता आती है.. उद्घोष करती हुई 26 जनवरी आयी।
26 जनवरी भारतीय इतिहास में चिरस्मरणीय दिवस है। प्रत्येक वर्ष इस दिन भारतीय जनता बड़े ही हर्षोल्लास के साथ अपना गणतंत्र दिवस मनाती है। दीपावली एवं विजयादशमी धार्मिक पर्वो के समान ही 26 जनवरी हमारे लिए राष्ट्रीय पर्व है। सदियों तक हमारा देश गुलाम था। 15 अगस्त, 1947 ई. को यह स्वतन्त्र हुआ और 26 जनवरी, 1950 ई. को गणतंत्र घोषित किया गया है।
अब प्रश्न उठता है कि 26 जनवरी को ही स्वंतंत्र भारत के नवनिर्मित संविधान के कार्यान्वयन के लिए क्यों चुना गया? इसका भी एक इतिहास है। हमे अच्छी तरह याद है कि 26 जनवरी, 1930 ई. को जब हम .रावी. के पुनीत तट पर एकत्र हुए थे। हमने प्रतिज्ञा की थी ..स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिक है। इस अधिकार को हम प्राप्त करके ही दम लेंगे। 26 जनवरी, 1930 ई. तो चली गयी, पर उस दिन जो चेतना जगी उसका अन्त नहीं हुआ। उस दिन की अंगड़ाई के बाद फिर हम सो न सके। समय आग बढ़ा और साथ-ही-साथ हम भी आगे बड़े। पथ के काँटे हमे रोक नहीं सके। प्रतिवर्ष ठीक समय पर जनवरी आती है और हमे उत्साहित तथा उत्तेजित करती है। हमे नवस्फूर्ति प्रदान करती है और हमारी प्रतिज्ञा की याद दिलाती है। इस तिथि को हम अपनी वही प्रतिज्ञा दुहराते है।
वह दिन भी आया जब हमारी प्रतिज्ञा पूरी हुई। हम स्वतन्त्र हुए। रावी की घाटी यह संदेश सुनकर फूल उठी। जिस 26 जनवरी दिवस ने हमे अपनी प्रतिज्ञा की पूर्ति के लिए स्वतंत्रता की बलिवेदी पर अपने-आप को, अपने सर्वस्व को, अपने सुख-सौभाग्य को होम करते देखा था, उसी ने हमे स्वतन्त्र देखा। उसने हमारे जनतंत्र को देखा सिर्फ देखा ही क्यों, वह स्वयं जनतंत्र की प्रतिष्ठा बन गया।
इस गणतंत्र की पृष्ठभूमि में तिलक, गोखले, गाँधी, जवाहर, सुभाष, श्रीकृष्ण, राजेंद्र, पटेल इत्यादि की साधना एवं तपस्या है। हमे यह स्मरण दिलाता है कि भारत में सभी मनुष्य बराबर है, भाई-भाई है। प्रतिवर्ष हम 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते है। प्रत्येक घर एवं संस्था के ऊपर राष्ट्रीय झण्डा फहराया जाता है। हम आत्मदृढ़ता से बन्दनवार सजाते है। आत्मसयंम का जल छिड़क कर जन्मभूमि को पवित्र करते है। स्वतंत्रता की थाली में आपस के भेद-विभेद के धूप जलाकर उसकी आरती करते है।

नई दिल्‍ली जेएनएन। Republic Day Parade History: 26 जनवरी की तिथि भारत के लिए बेहद खास है। पूरे देश को इस दिन का इंतजार रहता है। इस दिन राष्‍ट्रीय अवकाश रहता है। पूरा देश देशभक्ति से ओतप्रोत रहता है। सरकारी और गैरसरकारी प्रतिष्‍ठानों में ध्‍वजारोहण का कार्यक्राम धूमधाम से मनाया जाता है। स्‍कूलों एवं कई सामाजिक प्रतिष्‍ठानों में सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भारत में 26 जनवरी एक राष्‍ट्रीय पर्व क्‍यों हैं ? इसका देश की आजादी से क्‍या लिंक है? यह दिन किस लिए याद किया जाता है ?

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1- आजादी के पूर्व देश ब्रिटेश का एक उपनिवेश था। एक लंबे संघर्ष के बाद देश को आजादी हासिल हुई। इसके बाद देश के लिए दो तिथियों का खास महत्‍व है। दरसअल, 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था और 26 जनवरी, 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया। इसके तहत भारत देश को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया। इसलिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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2- आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी, 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था। इसके बाद से हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाए जाने की परंपरा है। इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। भारत राज्‍यों का एक संघ है। यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला गणराज्‍य है। ये गणराज्‍य भारत के संविधान के अनुसार शासित है, जिसे संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को ग्रहण किया था और ये 26 जनवरी, 1950 से प्रभाव में आया।

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4- देश के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेते हैं और राष्ट्रीय ध्वज भी वही फहराते हैं। इसके साथ राज्‍यों की राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज संबंधित राज्यों के राज्यपाल राज्य की राजधानियों में गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। भारत में दो राष्ट्रीय ध्वज समारोह होते हैं। एक गणतंत्र दिवस पर और एक स्वतंत्रता दिवस के मौके पर होता है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं और राज्य की राजधानियों में मुख्यमंत्री।

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5- राष्‍ट्रीय राजधानी नई दिल्‍ली में भारत के राष्ट्रपति भव्य परेड की सलामी लेते हैं। भारतीय राष्‍ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ भी होते हैं। इस परेड में भारतीय सेना अपनी सैन्‍य क्षमता का प्रदर्शन करती है। सेना अपने नए लिए टैंकों, मिसाइलों, रडार आदि का प्रदर्शन भी करती है। बीटिंग रिट्रीट का आयोजन रायसीना हिल्स पर राष्ट्रपति भवन के सामने किया जाता है। इसके मुख्‍य अतिथि राष्‍ट्र‍पति होते हैं। बीटिंग द रिट्रीट समारोह को गणतंत्र दिवस का समापन समारोह कहा जाता है। बीटिंग रिट्रीट का आयोजन गणतंत्र दिवस समारोह के तीसरे दिन यानी 29 जनवरी की शाम को किया जाता है। बीटिंग रिट्रीट में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन बजाते हुए मार्च करते हैं।

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6- भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था। पिंगली ने शुरुआत में जो झंडा डिजाइन किया था वह सिर्फ दो रंगों का था, लाल और हरा। उन्होंने ये झंडा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के बेजवाडा अधिवेशन में राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गाधी जी के समक्ष पेश किया था। बाद में गांधी जी के सुझाव पर झंडे में सफेद पट्टी जोड़ी गई। आगे चलकर चरखे की जगह राष्ट्रीय प्रतीक स्वरूप अशोक चक्र को जगह मिली। भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज को इसके वर्तमान स्‍वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था। भारत में तिरंगे का अर्थ भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज है।

भारत को गणतंत्र क्यों घोषित किया गया?

स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान अपनाया था. 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया. यानी 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद संविधान लागू हुआ था. इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया.

भारत का संविधान 26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ?

इस दिन पहली बार भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था। 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित करने की तारीख को महत्व देने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।

26 जनवरी और 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है?

स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का इतिहास 15 अगस्त 1947 को हिंदुस्तान अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। इसलिए इस दिन को भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर हर साल मनाया जाता है। वहीं देश की आजादी के लगभग तीसरे साल में यानी 26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू हुआ था। इसलिए इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

हम गणतंत्र दिवस क्यों मना रहे हैं?

असल में, भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 में भारत के संविधान को स्वीकार किया था, जबकि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूरे देश में लागू हुआ था। यही वजह है कि हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।