बड़े काम के हैं खिलौने, शारीरिक-मानसिक थकावट भी करते हैं दूररेणु जैन Updated Sat, 25 Aug 2018 02:05 PM IST Show
kids खिलौने सिर्फ खेलने के ही काम नहीं आते, बच्चों के शारीरिक मानसिक तथा भावात्मक संबंधों के विकास में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आमतौर पर माना जाता है कि ज्ञान सिर्फ किताबों और गुरुजनों से मिलता है। यह सही है, लेकिन जीवन के शुरुआती दौर में किताबें तथा गुरु बच्चे के विकास में जितने काम आते हैं, कमोबेश खिलौने भी वैसी ही भूमिका अदा करते हैं। अक्सर माता-पिता अपने बच्चों के खिलौनों में कोई खास दिलचस्पी नहीं लेते, लेकिन सही बात तो यह है कि खिलौने बच्चों के शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक संबंधों के विकास में अपनी खासी जिम्मेदारी निभाते हैं। बच्चों के पास ज्यादा खिलौने क्यों नहीं होने चाहिएं, अगर आपके बच्चे के पास हैं तो क्या करेंत्योहारों के इस मौसम में माता-पिता और देखभाल करने वालों को पहले से ही पता होता है - आजकल कई बच्चों के पास बहुत सारे खिलौने हैं, इसके बावजूद वह इसमें इजाफा करते जाते हैं। अमेरिका में, बच्चों को दो से 12 वर्ष की आयु के बीच 6,500 डॉलर से अधिक मूल्य के... नेशनल डेस्क: त्योहारों के इस मौसम में माता-पिता और देखभाल करने वालों को पहले से ही पता होता है - आजकल कई बच्चों के पास बहुत सारे खिलौने हैं, इसके बावजूद वह इसमें इजाफा करते जाते हैं। अमेरिका में, बच्चों को दो से 12 वर्ष की आयु के बीच 6,500 डॉलर से अधिक मूल्य के खिलौने मिलते हैं। यहां ऑस्ट्रेलिया में, खिलौना उद्योग सालाना 3.7 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का है। लॉकडाउन के परिणामस्वरूप 2021 के दौरान ऑनलाइन खिलौनों की बिक्री में 21.4% की वृद्धि हुई है, ऑनलाइन खिलौना उद्योग अब समग्र ऑनलाइन खुदरा क्षेत्र की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है। क्रिसमस के मौके पर अपहारों के आदान प्रदान के दौरान आस्ट्रेलिया के घरों में खिलौनों की संख्या बढ़ने की संभावना है। पर्यावरण संबंधी चिंताओं के अलावा, बहुत सारे खिलौने बच्चों के साथ-साथ माता-पिता और देखभाल करने वालों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। यहां मौजूदा खिलौनों के साथ-साथ नए खिलौनों की आमद से निपटने के लिए कुछ विचार दिए गए हैं। बहुत सारे खिलौने होने की समस्या अनुसंधान से पता चलता है कि एक समय में कम खिलौनों से खेलने वाले बच्चे खेलते समय बेहतर गुणवत्तापूर्ण समय बिताते हैं, जिससे उन्हें एक समय में एक खिलौने पर ध्यान केंद्रित करने, एकाग्रता कौशल बनाने और अधिक रचनात्मक रूप से खेलने का मौका मिलता है। एक साथ बहुत सारे खिलौने होने से हम उन्हें ज्यादा अहमियत नहीं देते हैं। खिलौनों की संख्या कम करके, वयस्कों द्वारा बच्चों में कृतज्ञता की भावना विकसित की जा सकती है। अगर आपके पास बहुत सारे खिलौने हैं तो क्या करें? खिलौनों को व्यवस्थित करने से बच्चों और वयस्कों के लिए समान रूप से कई लाभ होते हैं। कम खिलौने जो अच्छी तरह से व्यवस्थित होते हैं, एक शांत, कम तनावपूर्ण वातावरण का निर्माण करते हैं, जो बच्चों में अति उत्तेजना को भी कम करता है और उन्हें व्यवहारकुशल बनाने में योगदान देता है। खिलौनों की संख्या कम होने से बच्चों में सहनशीलता का निर्माण करने के अवसर भी बढ़ सकते हैं और एक समय में एक या दो खिलौनों पर ध्यान केंद्रित करने से समस्या निवारण कौशल में सुधार हो सकता है और साथ ही साथ स्वतंत्र खेलने का अनुभव और रचनात्मकता विकसित हो सकती है। खिलौनों को व्यवस्थित करने से माता-पिता और देखभाल करने वालों को घर में सामान्य संरचना और दिनचर्या में सुधार करने में मदद मिल सकती है, जो सभी के लिए बहुत अच्छा है! खिलौनों को कैसे व्यवस्थित करें माता-पिता को अच्छे खिलौनों का वर्गीकरण करना उपयोगी लग सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि जब आप खिलौनों को व्यवस्थित कर रहे हों, तो बच्चों के पास विभिन्न प्रकार के खिलौनों तक पहुंच हो, जो विभिन्न प्रकार के सीखने और खेलने के विकास के लिए उपयुक्त हों। बच्चों को खिलौना क्यों अति प्रिय होते हैं?खिलौने बनाने के पीछे उनका उद्देश्य बच्चों को आनंद प्रदान करना, शिक्षित करना और उनकी रचनात्मकता का विकास करना होता है। ये खिलौने, बच्चों के स्वरूप और बनावट (संरचना) लिए रंग और डिजाईन तथा प्रकाश और ध्वनि के विभिन्न पहलुओं को सामने लाते हैं। भारत के प्रत्येक प्रदेश में खिलौनों की एक विशिष्ट परंपरा पाई जाती है।
खिलौने क्यों होते हैं?इस काम में खिलौने भी अहम भूमिका निभाते हैं और आप भी इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि बच्चों के विकास में खिलौने अहम होते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि बच्चों के खिलौने क्यों जरूरी होते हैं और उन्हें किस उम्र से टॉएज देने चाहिए।
खिलौना किसका रूप है?कई तरह के सुंदर-सुंदर नए खिलौने लाया है। कभी खिलौनेवाला भी माँ क्या साड़ी ले आता है। तुम भी मन में करो विचार | तुम सोचोगी मैं ले लूँगा।
खिलौने कितने प्रकार के होते हैं?खिलौनों के प्रकार मिट्टी, पत्थर, लकड़ी, धातु, कपड़े, मूँज, तृण, हड्डी, सींग, बहुमूल्य रत्न आदि के बने सभी प्रकार के खिलौने अत्यंत प्राचीन सभ्यताओं की खुदाई में मिले हैं, जिनसे उनकी विविधता और वैचित्य पर प्रभूत प्रकाश पड़ता है। ... . मिट्टी के खिलौने ... . बच्चों का मनोरंजन ... . टीका टिप्पणी और संदर्भ. |