अविकारी शब्दों को और क्या कहते हैं? - avikaaree shabdon ko aur kya kahate hain?

  • वह शब्द जो लिंग, वचन, कारक आदि से कभी विकृत नहीं होते हैं अविकारी शब्द होते हैं।
  • इनको 'अव्यय' भी कहा जाता है।
  • जैसे- वहाँ, जहाँ आदि।

क्रियाविशेषण

  • क्रियाविशेषण वह अव्यय शब्द है जो क्रिया की किसी विशेषता को बताता है।
  • जैसे- मानसी धीरे-धीरे चल रही है।

सम्बन्धबोधक

  • सम्बन्धबोधक सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
  • व्याकरण में सम्बन्धबोधक एक अविकारी शब्द है।

समुच्यबोधक

  • जो अविकारी शब्द दो शब्दों, दो वाक्यों अथवा दो वाक्य खण्डों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्यबोधक कहते हैं।

विस्मयादिबोधक

  • जो अविकारी शब्द हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा, क्रोध, तिरस्कार आदि भावों का बोध कराते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं।
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अविकारी शब्द का दूसरा नाम क्या है?

वह शब्द जो लिंग, वचन, कारक आदि से कभी विकृत नहीं होते हैं अविकारी शब्द होते हैं। इनको 'अव्यय' भी कहा जाता है।

अविकारी शब्द किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?

अविकारी शब्द किसे कहते हैं ? वाक्य मे प्रयोग किये जाने वाले जिन शब्दों में कोई बदलाव नहीं आता है, वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। अर्थात वे शब्द जिन्हे लिंग, वचन, काल व कारक के आधार पर बदला न जा सके, अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे – अब, कब, क्यों, पर, में, बहुत, अधिक, कम, हाँ, नहीं, लेकिन, जल्दी, शीघ्र आदि।

अविकारी शब्द से आप क्या समझते हैं?

जिन शब्दों पर लिंग, वचन, कारक आदि के बदलने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता, ऐसे शब्दों को हम अव्यय (Avyay) या अविकारी(Avikari Shabd) शब्द कहते हैं। अव्यय को हम अविकारी शब्द भी कहते हैं।

और तथा अविकारी शब्द क्या है?

अविकारी शब्द : जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-यहाँ, किन्तु, नित्य और, हे अरे आदि। इनमें क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आदि हैं।