अर्ध सरकारी पत्र कब लिखा जाता है? - ardh sarakaaree patr kab likha jaata hai?

इसे सुनेंरोकेंजबकि अर्द्धसरकारी पत्रों का प्रयोग अधिकारियों के बीच आपस में सलाह, विचार विमर्श अथवा जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी अधिकारी का ध्यान लंबित प्रकरण के संबंध में विशेष रूप से आकृष्ट करने के लिये अथवा किसी अधिकारी के द्वारा कार्य में व्यक्तिगत रूचि लेकर शीघ्र पूरा करनो के लिये किया जाता है।

इसे सुनेंरोकेंजब किसी आवश्यक काम की ओर संबंधित अधिकारी का ध्यान तुरंत आकृष्ट कराना हो, सरकार के किसी आदेश का परिपालन शीघ्रता से कराना हो, किसी विभाग से कोई जानकारी अभिलंब लेना हो तब अर्ध सरकारी पत्र भेजे जाते हैं। इन पत्रों में औपचारिकता का पालन नहीं किया जाता है।

अर्ध सरकारी पत्र कैसे लिखें?

इसे सुनेंरोकेंअर्द्धसरकारी पत्र एकवचन-उत्तमपुरुष में मित्रतापूर्ण भाषा में लिखा जाता हैं। सम्बोधन के लिए ‘प्रिय’ लिखा जाता है। पत्र के अन्त में स्वनिर्देश के लिए ‘आपका विश्वासभाजन’ (Your faithfully) के स्थान पर ‘आपका सद्भावी’ (Your sincerely) लिखा जाता है। इसमें प्रेषक अधिकारी केवल अपना हस्ताक्षर करता है, पद का उल्लेख नहीं करता।

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सरकारी पत्र का अन्य नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसरकार के कामकाज से संबंधित पत्र सरकारी पत्र या शासकीय पत्र (Official Letter) कहलाते हैं।

अर्द्धसरकारी पत्र कब और कैसे लिखा जाता है?

अर्धशासकीय पत्र को क्या कहा जाता?

इसे सुनेंरोकेंअर्धशासकीय पत्र को अर्ध सरकारी पत्र भी कहा जाता है। जिस पत्र का उपयोग गैर-औपचारिक संबंधों में भी किया जाता है, लेकिन जिसके लिए विनम्र और सम्मानजनक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।

सरकारी और अर्धसरकारी पत्रों में मूल अंतर क्या होता हैं?

इसे सुनेंरोकेंअर्धसरकारी पत्र सरकारी पत्र का ही एक उपभेद है। इसका प्रयोग भी सरकार के काम काज में होता है। यह अवश्य है कि सरकारी पत्रों की तुलना में इनका प्रयोग कम होता है। यह यद़ा-कदा विशेष परिस्थिति में ही भेजे जाते हैं।

अर्थशास्त्री पत्र कैसे लिखते हैं?

इसे सुनेंरोकेंअर्द्वशासकीय पत्र कैसे लिखे जाते हैं पत्र के ऊपर के दाहिने हाथ पर पत्र संख्या, नीचे सरकार और विभाग का नाम, कुछ नीचें बायीं ओर प्रेषक, उसके पद का नाम, फिर संबोधन- प्रिय श्री………….जोड़ा जाता है। प्राप्तकर्ता का नाम और पता पत्र के नीचे बायें हाथ पर रहता है।

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अर्द्ध शासकीय पत्र में प्रेषित का नाम कहाँ लिखा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंअर्ध शासकीय पत्र में प्रेषित का नाम सामान्यतः पत्र के अंत में दाहिनी तरफ प्रेषक के हस्ताक्षर नीचे लिखा जाता है। अर्द्ध-शासकीय पत्र वह अनौपचारिक पत्र होते हैं, जो एक विभाग के समान स्तर के अधिकारियों के बीच लिखे जाते हैं।

अर्ध सरकारी पत्र कैसे लिखते हैं?

औपचारिक और अनौपचारिक पत्र क्या है उदाहरण सहित?

इसे सुनेंरोकेंइन पत्रों का प्रयोग हम रिश्तेदारों, परिवारजनों, मित्रो या फिर परचितों आदि को लिखने के लिए करते हैं। अनौपचारिक पत्र हम कुशल-क्षेम, बधाई, सन्देश, सुख दुःख बांटने के अलावा, जानकारी के उद्देश्य से लिखते हैं। इन पत्रों में औपचारिक भाषा का प्रयोग होता है लेकिन कम प्रयोग होता है। इन पत्रों में अपनापन झलकता है।

सरकारी और अर्ध सरकारी पत्र में मूल अंतर क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंसरकारी पत्र प्रथम पुरूष में लिखा जाता है। जबकि अर्द्धसरकारी पत्र उत्तम पुरूष या द्वितीय पुरूष में लिखा जाता है। सरकारी पत्र की भाषा आदेशात्म होती है। जबकि अर्द्धसरकारी पत्र की भाषा मैत्रीपूर्ण, सौम्य तथा शालीन होती है।

मित्रों, यदि आपका पाला कभी सरकारी कामकाज से पड़ा है, तो आपने सरकारी कामकाज के अंतर्गत आने वाले एक शब्दावली जिसे  अर्धसरकारी  पत्र / अर्ध शासकीय पत्र के नाम से जाना जाता है, उसके बारे में जरूर सुना होगा। अर्ध सरकारी पत्र  या अर्ध शासकीय पत्र सरकारी कामकाज में काफी महत्वपूर्ण होते हैं।

लेकिन आप जानते हैं कि अर्ध शासकीय  पत्र क्या होता है? इसका उपयोग कैसे किया जाता है?  इसकी विशेषता क्या होती है? यदि आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं, क्योंकि आज के लेख में हम आप को अर्ध सरकारी पत्र के बारे में लगभग सारी जानकारी उपलब्ध करवाने की कोशिश करेंगे।

तो चलिए शुरू करते हैं और जानते है की अर्ध शासकीय पत्र क्या होता है

अर्ध शासकीय पत्र क्या होता है?

अर्ध सरकारी पत्र कब लिखा जाता है? - ardh sarakaaree patr kab likha jaata hai?

मित्रों अर्ध शासकीय पत्र एक प्रकार से एक  Informal Letter होता है। यह मूल रूप से सरकारी पत्र का ही एक विशेष प्रकार होता है। लेकिन इसका प्रयोग सरकारी कामकाज में बहुत ही कम होता है, और केवल कभी-कभी ही भेजे जाते हैं।

जब कभी भी सरकारी कामकाज के अंतर्गत किसी मुख्य संबंधित बड़े अधिकारी को विशेष काम पर तुरंत ध्यान आकर्षित करवाना होता है, या  सरकारी आदेश के परिपालन को शीघ्रता से लागू करवाने के लिए या फिर किसी सरकारी विभाग से जानकारी प्राप्त करने के लिए इस पत्र को किसी संबंधित अधिकारी को सीधे नाम के साथ भेजा जाता है।

जब यह पत्र लिखा जाता है, तो इसमें किसी भी प्रकार से मुख्य औपचारिकता का पालन नहीं किया जाता। बल्कि किसी भी अधिकारी को यह सूचना तब दी जाती है जब किसी दुसरे अधिकारी को किसी मुख्य काम पर, या बिंदु पर अविलंब ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

अर्ध शासकीय पत्र को अंग्रेजी में Demi Official Latter  कहा जाता है। इस पत्र का लहजा नौकरशाही औपचारिकता से थोड़ा हटकर होता है, और किसी भी मुख्य बिंदु पर शीघ्र निष्पादन की आवश्यकता  हेतु इस पत्र को इस्तेमाल किया जाता है।

अर्ध शासकीय पत्र का उपयोग 

मित्रों, सरकारी काम की गति आपसे छुपी हुई नहीं है। सरकारी काम कछुए की गति से भी धीमी रफ्तार पर चलने वाले काम होते हैं। लेकिन आपने देखा होगा कि कई बार कई ऐसे सरकारी कामकाज  रातों-रात  हो जाते हैं जिन्हें करने में वर्षों का समय लग सकता है।

ऐसे कार्य अर्ध शासकीय पत्र की मदद से होते हैं। क्योंकि अर्ध शासकीय पत्र का उपयोग  किसी भी सरकारी डिपार्टमेंट के संबंधित अधिकारी को सीधे तौर पर लिखने में किया जाता है,  और पत्र का स्वभाव भी कुछ ऐसा होता है जैसे एक मित्र अपने दूसरे मित्र को पत्र लिख रहा है।

इसमें ऐसा बिल्कुल नहीं होता कि आप एक अधिकारी को पत्र लिख रहे हो। इसलिए पत्र में औपचारिकता को पूरी तरह से  नकार दिया  जाता है। लेकिन सम्मान को नहीं नकारा  जाता है, और जब किसी अधिकारी के पास  अर्ध शासकीय पत्र पहुंचता है तो वह बिना विलंब किए उसे संबंधित मुद्दे पर अपना ध्यान केंद्रित करता है, और  जो कार्य करना चाहिए वह कार्य निष्पादित करता है।

अर्ध शासकीय पत्र की विशेषता – Use of D.O. Letter

अर्ध शासकीय पत्र की कुछ विशेषताएं भी होती है जैसे कि-

  1. यह सरकारी पत्र का उपभेद है, लेकिन इसका संबंध मूल रूप से शीघ्रता से होने वाले सरकारी कामकाज के संबंध में किया जाता है।
  2. इस पत्र का मूल उद्देश्य किसी भी सरकारी काम को जल्दी करवाना होता है, या सरकारी काम में आ रही किसी दिक्कत का निपटारा करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
  3. सरकारी पत्र में मध्यम पुरुष में  पत्र लिखा जाता है, जबकि  अर्ध सरकारी पत्र में या अर्ध शासकीय पत्र में उत्तम पुरुष की शैली का इस्तेमाल किया जाता है।
  4. शासकीय पत्र में औपचारिकता को पूरी तरह से नकार दिया जाता है, लेकिन सम्मान बना रहता है।
  5. यह आमतौर पर समान दर्जे के अधिकारियों के बीच में ज्यादा लिखा जाता है।

अर्ध शासकीय पत्र कैसे लिखे जाते हैं?

मित्रों और शासकीय पत्र को लिखने का तरीका कुछ इस प्रकार होता है-

  • इस पत्र में पहले सबसे ऊपर पत्र के दाहिने हाथ की ओर पत्र संख्या, सरकारी विभाग, तथा प्रेषित का नाम लिखा जाता है।
  • इसके बाद प्रेषित के पद का नाम लिखा जाता है और संबोधन का शुरुआत प्रिय या श्री के साथ किया जाता है।
  • प्राप्तकर्ता का नाम और उसका पता पत्र में सबसे नीचे की ओर बाए हाथ में होता है।
  • इस पत्र में आमतौर पर एक अधिकारी अपने अध्यादेश के बारे में बताता है।
  • जैसे कि मुझे यह कहने का आदेश मिला है या मुझे यह निर्देश मिले हैं, ऐसी भाषा का उपयोग किया जाता है,  और किसी प्रकार की औपचारिकता नजर नहीं आती।
  • हालांकि अभी शासकीय पत्र में भी निजी औपचारिकता सम्मिलित होती है, लेकिन ऑफिशियल औपचारिकता पूर्ण रूप से अनुपलब्ध रहती है।
  • एक अधिकारी कभी भी अपने से उच्च अधिकारी को शासकीय पत्र नहीं भेजता है। केवल समान अधिकारी या अपने से नीचे दर्जे के अधिकारी को ही यह पत्र भेजा जाता है।
  • इस पत्र में संबोधन के स्थान पर प्रिय। प्रिय मित्र, प्रिय श्री, मेरे मित्र इत्यादि संबोधन का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इस पत्र में स्थान दिनांक और कार्यालय के बारे में जानकारी देने के पश्चात सीधा विषय की जानकारी दी जाती है, और इसके पश्चात मूल रूप से पूरा  पत्र  लिखा जाता है।
  • पत्र को पढ़ते समय ऐसा प्रतीत होता है जैसे एक मित्र ने दूसरे मित्र को पत्र लिखा है।
  • एक सरकारी पत्र का समापन आपका भवदीय  करके किया जाता है, जबकि अर्ध शासकीय पत्र में आपका भवनीष्ट या आपका सद्भावी करके किया जाता है।
  • किसी भी शासकीय पत्र में अर्ध सरकारी पत्र का संदर्भ में नहीं आ सकता लेकिन अर्ध सरकारी पत्र में शासकीय पत्र का संदर्भ आ सकता है।

निष्कर्ष

आज के लेख में हमने आपको बताया कि अर्ध शासकीय पत्र क्या होता है अर्ध शासकीय पत्र का उपयोग क्या है, तथा अर्ध शासकीय पत्र की  विशेषता के बारे में भी हमने आपको लगभग सारी जानकारी उपलब्ध करवाई है।

हम आशा करते हैं कि आज के बाद हमारा यह लेख पढ़ने के पश्चात आपको  अर्ध शासकीय पत्र क्या होता है यह जानने के लिए किसी अन्य लेख को पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमसे कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं।

FAQ

अर्ध औपचारिक पत्र का उदाहरण क्या है?

अर्ध-औपचारिक पत्र आमतौर पर उन लोगों को भेजे जाते हैं जिन्हें आप बहुत अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, या ऐसे लोगों/स्थितियों को भेजे जाते हैं जिन्हें अधिक संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। विशिष्ट उदाहरण वे पत्र हैं जो माता-पिता स्कूल के प्रिंसिपल, शिक्षकों, आपके मकान मालिक, बॉस आदि को भेजते हैं। इस प्रकार, ये पत्र अनौपचारिक पत्रों की तुलना में अधिक विनम्र स्वर में लिखे गए हैं।

अर्द्धशासकीय पत्र का प्रयोग कब करते हैं?

सरकार के दो अलग-अलग विभागों के अधिकारी अर्ध-सरकारी पत्र के माध्यम का उपयोग आपसी जानकारी प्राप्त करने, जानकारी देने, स्पष्ट करने या सरकारी कार्य के संबंध में जानकारी प्राप्त करने या कार्य के शीघ्र निपटान के लिए करते हैं।

औपचारिक और अनौपचारिक पत्र में क्या अंतर होता है?

एक पत्र को अनौपचारिक कहा जाता है जब यह आपके किसी मित्र परिचित को लिखा जाता है। औपचारिक पत्र आधिकारिक या व्यावसायिक संचार के लिए लिखे जाते हैं। दूसरी ओर, अनौपचारिक पत्रों का उपयोग आकस्मिक या व्यक्तिगत संचार के लिए किया जाता है।

अर्ध सरकारी पत्र का प्रयोग कब किया जाता है?

अर्ध सरकारी पत्र/अर्ध शासकीय पत्र/Demi Official Letter जब किसी आवश्यक काम की ओर संबंधित अधिकारी का ध्यान तुरंत आकृष्ट कराना हो, सरकार के किसी आदेश का परिपालन शीघ्रता से कराना हो, किसी विभाग से कोई जानकारी अभिलंब लेना हो तब अर्ध सरकारी पत्र भेजे जाते हैं। इन पत्रों में औपचारिकता का पालन नहीं किया जाता है।

अर्ध सरकारी पत्र क्या होता है?

अर्द्ध-शासकीय पत्र- कई बार सरकारी व्यवस्था के फलस्वरूप कोई मामला उलझ जाता है तब अपने समकक्ष अथवा अपने से कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों को प्रस्तावित कार्य शीघ्र निस्तारण हेतु जिस पत्र का प्रयोग किया जाता है उसे अर्द्ध-सरकारी पत्र कहा जाता है।

अर्ध सरकारी पत्र कितने प्रकार के होते हैं?

अर्द्ध सरकारी पत्र का प्रयोग सरकारी अधिकारियों में आपसी पत्र-व्यवहार या सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए किया जाता है। पत्र अनौपचारिक शैली में लिखा जाता है और संबोधन में व्यक्तिगत संस्पर्श होता है फिर भी ऐसे पत्र सरकारी और औपचारिक ही माने जाते हैं। व्यक्तिगत रूप से लिखे पत्र अधिक प्रभावी होते हैं

अर्ध सरकारी पत्र कैसे लिखा जाता है?

अर्द्धसरकारी पत्र एकवचन-उत्तमपुरुष में मित्रतापूर्ण भाषा में लिखा जाता हैं। सम्बोधन के लिए 'प्रिय' लिखा जाता है। पत्र के अन्त में स्वनिर्देश के लिए 'आपका विश्वासभाजन' (Your faithfully) के स्थान पर 'आपका सद्भावी' (Your sincerely) लिखा जाता है। इसमें प्रेषक अधिकारी केवल अपना हस्ताक्षर करता है, पद का उल्लेख नहीं करता।