Extra Questions of Chapter 8 Aise Aise Vasant Part I Class 6thअर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्न - Show (क) मोहन ने महीना भर मौज की। स्कूल का काम रह गया आज ख्याल आया। बस डर के मारे पेट में ऐसे-ऐसे होने लगा-ऐसे-ऐसे। अच्छा उठिए साहब आपके ऐसे-ऐसे की दवा मेरे पास है। स्कूल से आपको दो दिन की छुट्टी मिलेगी। आप उसमें काम पूरा करेंगे और आपका ऐसे-ऐसे दूर भाग
जाएगा। लघु उत्तरीय प्रश्न – 1. मोहन बहानेबाजी क्यों कर रहा था ? उत्तर मोहन बड़ा नटखट था और पढाई से जी चुराता था। सारा दिन खेलकूद व उधम में ही बिता देता था। पढ़ने के लिए स्कूल न जाना पड़ । इसलिए वह बहानेबाजी कर रहा था, क्योंकि स्कूल जाने पर अधूरे काम के कारण उसे डाँट खानी पड़ ती। 2. ऐसे ऐसे नाम की बीमारी बच्चों को क्यों होता है ? उत्तर जो भी बच्चे समयानुसार विद्यालाय का काम नहीं करते और उसके कारण उनके अन्दर एक डर और घबराहट होती है, जिससे वे बीमार होने का नाटक करते है | 3. वैद्य जी हर्ष से क्यों उछले थे ? उत्तर वैद्य जी ने मोहन को देखकर उसकी बीमारी को समझ लिया था और इसी कारण वे प्रसन्नता से उछले थे। दीर्घ उत्तरीय प्रश्न – 1. माँ मोहन को ‘ऐसे-ऐसे' कहने पर क्यों घबरा रही थी ? उत्तर माँ मोहन के 'ऐसे-ऐसे' कहने पर इसलिए घबरा रही थी, क्योंकि वह बीमारी का नाम नहीं बता रहा था। बस पेट पर हाथ रखकर जोर-जोर से कराहता जा रहा था। ऐसे-ऐसे' को कोई नई बीमारी समझकर वह घबरा रही थी। 2. मोहन की माँ की चिंता का कारण क्या था ? उत्तर मोहन की माँ इसलिए चिंतित थी क्योंकि वह मोहन के पेटदर्द के लिए सभी घरेलू उपाय कर चुकी थी पर वह ठीक नहीं हो रहा था। उसे कोई भयानक बीमारी न हो गई हो इसलिए वह मोहन के लिए बहुत चिंतित हो रही थीं। 3. मास्टर जी ने मोहन की बीमारी को कैसे पहचान लिया ? उत्तर मास्टर जी को लगा कि मोहन ने छुट्टियों में मिला स्कूल का काम नहीं किया होगा इसलिए पेट पर हाथ लगा कर ‘ऐसे-ऐसे' की बीमारी का नाटक कर रहा है क्योंकि अकसर जो बच्चे स्कूल का काम नहीं करते थे वे ऐसे ही नाटक करते थे। मौहन से पूछने पर उन्हें पता चल जाता है कि उसने स्कूल से मिला काम नहीं किया। वे उसे दो दिन की छुट्टी देकर स्कूल का काम पूरा करने के लिए कह देते हैं तो उसकी ‘ऐसे-ऐसे' की बीमारी भी ठीक हो जाती है । ऐसे ऐसे की बीमारी किन्हें और क्यों होती है?'ऐसे-ऐसे' की बीमारी क्यों और किन्हें होती है? Answer: मोहन ऐसे लड़कों में था जो छुट्टियों में खूब मौज-मस्ती करते हैं। स्कूल का काम पूरा नहीं करते और जब स्कूल की छुट्टियाँ समाप्त होने को आती हैं तो स्कूल का वर्क याद आता है। स्कूल का काम पूरा न होने से उन्हें स्कूल में जाने से भी डर लगता है।
मास्टर जी ने मोहन की बीमारी का क्या कारण बताया?उत्तर- सिर दर्द होना, पेट दर्द होना, बुखार आना, मातापिता के साथ कहीं जाना, घर का काम करना, शादी में जाना, घर पर समय न मिलना आदि ऐसे बहाने होते हैं, जिन्हें मास्टरजी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं। स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में 'ऐसे-ऐसे' होने के बहाने बनाए।
ऐसे ऐसे कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?मित्र ऐसे- ऐसे एकांकी से हमें शिक्षा मिलती है कि कभी भी बीमारी का झूठा बहाना नहीं बनाना चाहिए। तथा मोहन जैसे बच्चों को हम यही सलाह देना चाहेंगे कि हमेशा अपना गृहकार्य समय पर करें। यदि मोहन अपना गृहकार्य समय पर करता तो उसे झूठे बहाने नहीं बनाने पड़ते।
मोहन के पेट में ऐसे ऐसे क्यों हो रहा था?माँ मोहन के 'ऐसे-ऐसे' कहने पर क्यों घबरा रही थी? उत्तर:- मोहन को पेट में दर्द हो रहा था जिसका कारण भी पता नहीं चल रहा था। इस वजह से वह कल स्कूल भी नहीं जा पाएगा न जाने क्या बीमारी हो गई है। यह सोच-सोचकर मोहन की माँ घबरा रही थी।
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