अगर बच्चा नहीं चाहिए तो क्या करना चाहिए? - agar bachcha nahin chaahie to kya karana chaahie?

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हेल्थ क्लीनिक:बच्चा नहीं चाहिए और गर्भ ठहर जाए, तो गर्भपात का चुनाव कितना सही, एक्सपर्ट से जानें पहले अबॉर्शन के नुकसान

अगर बच्चा नहीं चाहिए तो क्या करना चाहिए? - agar bachcha nahin chaahie to kya karana chaahie?

कई महिलाओं के साथ ऐसा होता है कि शादी के एक-दो महीने में ही वो प्रेग्नेंट हो जाती हैं। कपल इतनी जल्दी बेबी की जिम्मेदारी के लिए तैयार नहीं होता और वे प्रेग्नेंसी अबॉर्ट करना चाहते हैं। पहली प्रेग्नेंसी में अबॉर्शन कराना कितना नुकसानदायक हो सकता है, इसके बारे में बता रही हैं हिंदुजा व वॉकहार्ट हॉस्पिटल, मुंबई की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सरिता नाइक।

शादी बाद तुरंत प्रेग्नेंट हो जाएं, तो क्या करें

शादी के तुरंत बाद यदि महिला प्रेग्नेंट हो जाए, तो उसे क्या करना चाहिए, इस बारे में बताते हुए गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सरिता नाइक कहती हैं, “ऐसे केस में हम कपल से कहते हैं कि खुद को थोड़ा वक्त दीजिए और प्रेग्नेंसी के बारे में फिर से सोचिए। यदि पति-पत्नी दोनों फिजिकली फिट हैं, फाइनेंशियली उन्हें कोई परेशानी नहीं है, घर में सपोर्ट सिस्टम है, तो उन्हें अबॉर्शन का फैसला नहीं लेना चाहिए।

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पहली प्रेग्नेंसी के अबॉर्शन का दुख बड़ा होता है इसलिए इससे बचना चाहिए और पहले ही सावधानी बरतनी चाहिए

गायनेकोलॉजिस्ट की निगरानी में आगे बढ़ें

बिना प्लानिंग के अचानक प्रेग्नेंसी की बात जानकर कपल घबरा जाते हैं और तुरंत अबॉर्शन का फैसला ले लेते हैं। दोबारा सोचने के बाद ज्यादातर कपल्स अबॉर्शन नहीं कराते। यदि अबॉर्शन करना ही है, तो क्वालिफाइड गायनेकोलॉजिस्ट की निगरानी में करें, ताकि आगे चलकर महिला को मां बनने में कोई परेशानी न हो। पहली प्रेग्नेंसी के अबॉर्शन के बाद कई महिलाएं डिप्रेशन का शिकार भी हो जाती हैं इसलिए इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।”

माता-पिता बनना एक बड़ी जिम्मेदारी है इसलिए गर्भ ठहरने से बचने के लिए गर्भनिरोधक का सही चुनाव करना बहुत जरूरी है। इससे आप आने वाली तकलीफों से आसानी से बच सकते हैं।

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Kalyan Ayurved

अगर बच्चा नहीं चाहिए तो क्या करना चाहिए? - agar bachcha nahin chaahie to kya karana chaahie?

अगर बच्चा जल्दी नहीं चाहती हैं तो अपनाएं ये घरेलू उपाय

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कल्याण आयुर्वेद- शादी के बाद हर महिला मां बनने का सुख प्राप्त करना चाहती हैं. लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो शादी के तुरंत बाद बच्चा नहीं चाहते हैं या कई लोग एक बच्चे से दूसरे बच्चे में अंतर रखने के लिए भी अक्सर अनचाहे गर्भ से बचने के उपाय और तरीके अपनाते रहते हैं. इसके अलावा कई प्रेमी जोड़े वह कर आपसे मिलकर बैठते हैं और फिर प्रेग्नेंट नहीं होने के उपाय करते हैं. प्रेगनेंसी से बचने के लिए क्या करना चाहिए. इसका सबसे सुरक्षित तरीका है सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाना. पर कई बार प्रेगनेंसी से बचने के तरीके अपनाने के बाद भी लड़कियों को प्रेग्नेंट होने का टेंशन रहता है क्योंकि कई बार कंडोम फटने की समस्या हो सकती है.


अगर बच्चा नहीं चाहिए तो क्या करना चाहिए? - agar bachcha nahin chaahie to kya karana chaahie?

मां बनना हर मां कि इच्‍छा होती है लेकिन कभी-कभी न चाहते हुए भी महिला गर्भवती हो जाती है। परिवार नियोजन की वजह से भी महिलायें दूसरे या तीसरे बच्‍चे के लिए तैयार नहीं होती हैं। ऐसे में वह इससे छुटकारा पाना चाहती है। इसके लिए एबॉर्शन सबसे आसान और अच्‍छा तरीका है। इसके अलावा भी कुछ उपाय हैं जिनको महिला आजमा सकती है।

अगर बच्चा नहीं चाहिए तो क्या करना चाहिए? - agar bachcha nahin chaahie to kya karana chaahie?
एबॉर्शन यानी गर्भपात के लिए एक निश्चित समय होता है। 20 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात के लिए भारत में कानून बना है। भारतीय स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्‍नेंसी एक्‍ट में गर्भपात की समय सीमा 20 तक की है। यानी 20 हफ्ते के बाद यदि आपको बच्‍चे की चाहत नहीं है और आप एबॉर्शन करा रही हैं तो यह गैरकानूनी है। आइए हम आपको इस अनचाही गर्भावस्‍था से बचने के उपाय बताते हैं।

गर्भावस्‍था और गर्भपात

अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए गर्भपात सबसे अच्‍छा तरीका हो सकता है। इसक लिए दो तरीके आजमा सकते हैं - मेडिकल एर्बाशन और सर्जिकल एर्बाशन। चिकित्सीय गर्भपात के लिए आप दवाएं खाती हैं, जबकि शल्य गर्भपात में महिला का ऑपरेशन किया जाता है। इसके लिए सबसे महत्‍वपूर्ण है गर्भधारण की अवधि के बारे में जानना। चिकित्सीय गर्भपात का तरीका केवल पहले आठ हफ्तों के गर्भधारण काल में ही अपना सकती हैं। उसके बाद एबॉर्शन के लिए महिला का ऑपरेशन करना पड़ता है।

सर्जिकल एबॉर्शन

इसमें महिला का ऑपरेशन किया जाता है। यह भी दो प्रकार का होता है। दोनों में महिला को बेहोश किया जाता है। यह जनरल एनेस्थेटिक हो सकता है, जिसका अर्थ है कि ऑपरेशन के दौरान महिला बेहोश रहती हैं। इसमें आपकी योनि के अंदर ठीक ऊपर, आपके गर्भाशय की ग्रीवा, सर्विक्स में एक सूई लगाई जाती है। इससे आपका सर्विक्स सुन्न पड़ जाता है और ऑपरेशन किया जाता है।

लगभग आठ हफ्ते और पंद्रह हफ्ते के बीच की गर्भधारण अवधि में जिस प्रकार के गर्भपात का सुझाव दिया जाता है उसे सक्षन ऐस्पीरेशन कहते हैं। डाक्टर धीरे-धीरे महिला के गर्भग्रीवा (सर्विक्स) को उतना खोलते हैं जिसके अंदर एक पतली, लचीली नली जा सके। उसके बाद आपके गर्भाशय के अंदर की परत को नली से खींच लिया जाता है।

गर्भधारण के लगभग पंद्रह हफ्ते के बाद जिस प्रकार के गर्भपात का सुझाव दिया जाता है उसे डायलेशन एंड क्युरटेज या डायलेशन एंड एवॉकुएशन कहते हैं। इसमें महिला के गर्भाशय के मुख को सक्षन ऐस्पीरेशन अबॉर्शन से अधिक खोला जाता है, जिससे डाक्टर आपरेशन करने वाले उपकरण डालकर गर्भ के अंदर की परत को बाहर निकाल सकें। इसके बाद महिला को कमजोरी और चक्कर आने जैसा महसूस कर सकती है और उसके पेट में दर्दभरी ऐंठन भी हो सकती है।

गर्भपात के प्राकृतिक तरीके

गर्भपात के लिए महिला कुछ प्राकृतिक तरीकों को भी आजमा सकती है। लेकिन यह तभी किया जा सकता है, जब आपका पहला महीना चल रहा हो। कई जड़ी बूटियों के सेवन से प्राकृतिक गर्भपात बिना किसी खतरे के हो जाता है और इससे मां को कोई तकलीफ या दिक्‍कत भी नहीं आती। ऐसी महिलाएं जिन्‍हें अस्‍थमा, हाई ब्‍लड प्रेशरा, मधुमेह, मिर्गी और किडनी की समस्‍या है, उन्‍हें इस गर्भपात से बचना चाहिये।

अन्‍य तरीके भी हैं

यदि महिला गर्भवती है एबॉर्शन नहीं चाहती तो आप अपनी गर्भावस्‍था को जारी रख सकती हैं। या आप उस अवस्‍था में हैं जिसमें गर्भपात कराना खतरनाक हो जाये। यानी आपके भ्रूण की अवधि 20 सप्‍ताह या उससे ज्‍यादा हो गई है जिसके बाद एबॉर्शन कराना मां के लिए भी खतरनाक हो सकता है। ऐसे में आप बच्‍चे को जन्‍म देकर उसे किसी अन्‍य को गोद लेने के लिए दे सकती हैं। इसके लिए आप अपने रिश्‍तेदारों और अनाथालयों से संपर्क कर सकती हैं।

इन प्रक्रियाओं को आजमाने से पहले अच्‍छे से विचार कर लीजिए। इसके लिए आप अपने परिवारवालों और दोस्‍तों से सलाह लेकर ही कोई निर्णय लीजिए।

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गलती से प्रेग्नेंट हो तो क्या करें?

तो ऐसी स्थिति में किसी को क्या करना चाहिए चलिए जानते हैं:.
प्रॉपर टेस्ट करवाएं ... .
ब्लैम गेम न खेलें ... .
फैसला मिलकर लें ... .
मदद और सलाह लेने में कोई हर्ज नहीं ... .
डॉक्टर से सलाह ... .
गर्लफ्रेंड को अकेला न छोड़ें.

अगर मैं गर्भवती हूं और मुझे बच्चा नहीं चाहिए तो मुझे क्या करना चाहिए?

आम तौर पर महिलाओं में गर्भधारण करने से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लेना ज्यादा सुविधाजनक रास्ता माना जाता है. इन गोलियों से मुंह पर होने वाले दाने और पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से थोड़ी राहत भी मिलती है लेकिन यह हर किसी पर सूट नहीं करता है. मुहांसों का एक इलाज गर्भ-निरोधक गोली भी!

कौन सी दवा खाएं कि बच्चा रुक जाए?

संभावना है कि mifepristone लेने के बाद आप ठीक महसूस करेंगी। आपको कुछ मतली या उबकाई आ सकती है। 6-72 घंटे बाद, आप चार misoprostol गोलियों को अंदर रखें। Misoprostol लेने के 1-4 घंटे बाद मरोड़ और खून निकलना शुरू होता है।

मैं 1 महीने की गर्भवती हूं और मुझे यह बच्चा नहीं चाहिए कौन सी गोलियां?

दरअसल गर्भनिरोधक गोलियों (Contraceptive Pills) में लेवोनोर्गेस्‍ट्रेल नामक एक हॉर्मोन का इस्तेमाल किया जाता है. इसे मॉर्निंग आफ्टर पिल भी कहा जाता है. अनचाहे प्रेग्नेंसी से बचने के लिए महिलाएं इस गोली का सेवन कर सकती हैं. इससे वह अनचाहे गर्भ के ठहरने से खुद को बचा सकती हैं.