आपकी जिंदगी में पड़ोसी का क्या महत्व है? - aapakee jindagee mein padosee ka kya mahatv hai?

Board Paper of Class 10 2008 Hindi (SET 2) - Solutions

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(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खण्ड हैं क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।

  • Question 1

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    पड़ोस सामाजिक जीवन के ताने-बाने का महत्तवपूर्ण आधार है। दरअसल पड़ोस जितना स्वाभाविक है, हमारी सामाजिक सुरक्षा के लिए तथा सामाजिक जीवन की समस्त आनंदपूर्ण गतिविधियों के लिए वह उतना ही आवश्यक भी है। यह सच है कि पड़ोसी का चुनाव हमारे हाथ में नहीं होता, इसलिए पड़ोसी के साथ कुछ न कुछ सामंजस्य तो बिठाना ही पड़ता है। हमारा पड़ोसी अमीर हो या ग़रीब, उसके साथ संबंध रखना सदैव हमारे हित में ही होता है। पड़ोसी से परहेज़ करना अथवा उससे कटे-कटे रहने में अपनी ही हानि है, क्योंकि किसी भी आकस्मिक आपदा अथवा आवश्यकता के समय अपने रिश्तेदारों अथवा परिवार वालों को बुलाने में समय लगता है। यदि टेलीफोन की सुविधा भी है तो भी कोई निश्चय नहीं कि उनसे समय पर सहायता मिल ही जाएगी। ऐसे में पड़ोसी ही सबसे अधिक विश्वस्त सहायक हो सकता है। पड़ोसी चाहे कैसा भी हो, उससे अच्छे संबंध रखने ही चाहिए। जो अपने पड़ोसी से प्यार नहीं कर सकता, उससे सहानुभूति नहीं रख सकता, उसके साथ सुख-दुख का आदान-प्रदान नहीं कर सकता तथा उसके शोक और आनंद के क्षणों में शामिल नहीं हो सकता, वह भला अपने समाज अथवा देश के साथ क्या ख़ाक भावनात्मक रुप में जुड़ेगा। विश्व-बंधुत्व की बात भी तभी मायने रखती है जब हम अपने पड़ोसी से निभाना सीखें।

    प्राय: जब भी पड़ोसी से खटपट होती है तो इसलिए कि हम आवश्यकता से अधिक पड़ोसी के व्यक्तिगत अथवा पारिवारिक जीवन में हस्तक्षेप करने लगते हैं। हम भूल जाते हैं कि किसी को भी अपने व्यक्तिगत जीवन में किसी की रोक-टोक और हस्तक्षेप अच्छा नहीं लगता। पड़ोसी के साथ कभी-कभी तब भी अवरोध पैदा हो जाते हैं जब हम आवश्यकता से अधिक उससे अपेक्षा करने लगते हैं। बात नमक-चीनी के लेने-देने से आरंभ होती है तो स्कूटर और कार तक माँगने की गुस्ताख़ी हम कर बैठते हैं। ध्यान रखना चाहिए कि जब तक बहुत ज़रुरी न हो, पड़ोसी से कोई चीज़ माँगने की नौबत ही न आए। आपको परेशानी में पड़ा देख पड़ोसी ख़ुद ही आगे आ जाएगा। पड़ोसियों से निबाह करने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि बच्चों को नियंत्रण में रखें। आम तौर से बच्चों में जाने-अनजाने छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते हैं और बात बड़ों के बीच सिर फूटौवल तक जा पहुँचती है। इसलिए पड़ोसी के बग़ीचे से फल-फूल तोड़ने, उसके घर में ऊधम मचाने से बच्चों पर सख़्ती से रोक लगाएँ। भूलकर भी पड़ोसी के बच्चे पर हाथ न उठाएँ, अन्यथा संबंधों में कड़वाहट आते देर न लगेगी।

    (i) पड़ोस का सामाजिक जीवन में क्या महत्त्व है? (1)

    (ii) कैसे कह सकते हैं कि पड़ोसी के साथ सामंजस्य बिठाना हमारे हित में है। (2)

    (iii) "जो अपने पड़ोसी से प्यार नहीं कर सकता, ....... वह भला अपने समाज अथवा देश के साथ क्या ख़ाक भावनात्मक रुप से जुड़ेगा।"

    उपर्युक्त पंक्तियों का भाव अपने शब्दों में लिखिए। (2)

    (iv) पड़ोसी से खटपट के प्राय: क्या कारण होते हैं? (2)

    (v) पड़ोसी के साथ संबंधों में कड़वाहट न आने देने के लिए क्या-क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए? (2)

    (vi) इस गद्यांश का उपयुक्त शार्षक दीजिए। (1)

    (vii) किसी एक पद का समास-विग्रह करते हुए समास का नाम बताइए – (1)

           सुविधा-असुविधा, आनंदपूर्ण

    (viii) गद्यांश से एक मुहावरा चुनकर उसका प्रयोग अपने वाक्य में कीजिए। (1)

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  • Question 2

    निम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
    कहो, तुम्हारी जन्मभूमि का है कितना विस्तार?
    भिन्न-भिन्न यदि देश हमारे तो किसका संसार
    धरती को हम काटें छाटें,
    तो उस अम्बर को भी बाँटें,
    एक अनल है, एक सलिल है, एक अनल संचार,
    कहो, तुम्हारी जन्मभूमि का है कितना विस्तार?
    एक भूमि है, एक व्योम है
    एक सूर्य है, एक सोम है
    एक प्रकृति है, एक पुरुष है, अगणित रुपाकार,
    कहो, तुम्हारी जन्मभूमि का है कितना विस्तार?

    (i) जन्मभूमि के विस्तार से कवि का क्या आशय है? (2)

    (ii) देशों की भिन्नता को महत्त्व क्यों नहीं दिया जा सकता? (2)

    (iii) संपूर्ण पृथ्वी को एक सिद्ध करने के पक्ष में क्या तर्क दिए जा सकते हैं? (2)

    (iv) आशय स्पष्ट कीजिए – (2)

          'एक प्रकृति है, एक पुरुष है, अगणित रुपाकार'

    अथवा

    वह मधुर यमुना कि जिसमें,
    स्निग्ध दृग का जल बहा है।
    वह मधुर ब्रजभूमि जिसको,
    कृष्ण के उर ने वरा है।
    स्वप्न में भी नाम सुनकर,
    धड़कने लगता हृदय है।
    मधुर मथुरा में न जाने,
    कौन-सा जादू भरा है?
    उमड़ पड़ता है हृदय से,
    प्रबलतम आह्लाद सहसा।
    आज मथुरा की न जाने,
    आ गई क्यों याद सहसा।
    सामने है सिंधु फैला,
    और नभ निस्सीम ऊपर।
    किंतु वह अति दूर मथुरा।
    हो रही है दृष्टिगोचर।
    और यमुना-जल दिखाई—
    पड़ रहा इस सिंधु में भी।
    क्या पता वह जल जलधि में,
    आ गया हो आज बहकर।
    हाय रे दुर्भाग्य मेरा।
    क्यों हुआ अवसाद सहसा।
    आज मथुरा की न जाने,
    आ गई क्यों याद सहसा!

    (i) कवि को क्यों लगता है कि मथुरा में कोई जादू भरा है? (2)

    (ii) मथुरा की किन-किन स्मृतियों ने कवि को व्याकुल कर दिया? (2)

    (iii) मथुरा से दूर किसी समुद्र-तट पर बैठे कवि को यमुना का जल कहाँ दिखाई पड़ रहा है? इस पर वह क्या कल्पना करता है? (2)

    (iv) कवि ने 'मधुर' विशेषण का प्रयोग किस-किसके लिए किया है और क्यों? (2)

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  • Question 3

    निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबन्ध लिखिए – 

    (क) आप मित्रों के साथ पर्वतीय स्थल की यात्रा पर जाना चाहते थे। पिताजी ने समझाया कि बरसात का मौसम इसके लिए ठीक नहीं, आप नहीं माने, फिर ऐसा कुछ हुआ कि आपको कहना पड़ा 'बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछताय'।

    (ख) पिताजी एक अच्छे विद्यालय में आपको प्रवेश दिलाने ले गए। विद्यालय पहुँचने पर पता चला कि प्रमाण-पत्र आदि की फ़ाइल रास्ते में कहीं गिर गई, फिर तो ऐसा कुछ हुआ कि......

    (ग) आपका वह मित्र जिसे पाकर आप कहा करते हैं :

         मित्रता बड़ा अनमोल रतन,

          कब उसे है तोल सकता धन

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  • Question 4

    निकट के प्रार्थना-पूजाघरों में लाउडस्पीकर के मनमाने प्रयोग से होने वाली परेशानियों का उल्लेख करते हुए थानाध्यक्ष को पत्र लिखिए।


    अथवा
     

    आपके पुस्तकालय में पर्याप्त हिंदी पत्र-पत्रिकाएँ नहीं मँगाई जातीं और घर पर पढ़ने के लिए पुस्तकें नहीं दी जातीं। इसकी शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखिए। 

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  • Question 5

    निम्नलिखित वाक्यों से क्रियापद छाँटकर उनके भेद भी लिखिए –

    (i) सच्चा भक्त पराई पीड़ा समझता है।

    (ii) राम ने चिल्लाकर कहा।

    (iii) कृष्णकांत आज अपने घर आया है।

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  • Question 6

    नीचे दिए गए वाक्यों से आश्रित उपवाक्य छाँटकर उनके भेद भी लिखिए –

    (i) यह वही सज्जन हैं जिन्होंने ग़रीबी के दिनों में हमारी मदद की थी।

    (ii) किसान ने देखा कि फसल पाले से मारी गई।

    (iii) जब मेरा मार्ग सच्चाई का है तो तुम मेरा क्या बिगाड़ पाओगे।

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  • Question 7

    दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति अव्यय पदों से कीजिए तथा उन अव्यय पदों के भेद भी बताइए –

    (i) मैं तुम्हारा विश्वास ...........करुँ?

    (ii) .......... तुमने तो कमाल कर दिखाया।

    (iii) नरेश ने परिश्रम तो बहुत किया था .......... उसे सफलता नहीं मिली।

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  • Question 8

    (क) निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित समस्त पदों का विग्रह कीजिए और समास का नाम भी लिखिए – (2)

          (i) वह मेरे पास आकर चारपाई पर बैठ गया।

          (ii) वह दुग्ध-धवल चाँदनी रात थी।

    (ख) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक के दो भिन्न अर्थ देने वाले वाक्य बनाइए – (1)

          जड़, घट

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  • Question 9

    निर्देशानुसार वाच्य बदलिए –

    (i) मुझसे किसी के सामने बोला नहीं जाता। (कर्तृवाच्य में)

    (ii) मैंने ही यह पुस्तक लिखी है। (कर्मवाच्य में)

    (iii) वह ज़ोर से गा नहीं सकता। (भाववाच्य में)

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  • Question 10

    निम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 
    (क) पाँयनि नूपुर मंजु बजैं,
    कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई।
    साँवरे अंग लसै पट पीत,
    हिये हुलसै बनमाल सुहाई।
    माथे किरीट बड़े दृग चंचल,
    मंद हँसी मुखचंद्र जुन्हाई।
    जै जग-मंदिर-दीपक सुंदर,
    श्री ब्रजदूलह 'देव' सहाई।।

    (i) श्रीकृष्ण ने कौन-कौन से आभूषण कहाँ-कहाँ पहन रखे हैं? (2)

    (ii) श्रीकृष्ण की मंद मुसकान की तुलना किससे की गई है और क्यों? (2)

    (iii) 'ब्रजदूलह' कौन हैं? उन्हें 'जग-मंदिर-दीपक' क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए। (2)
     

    अथवा
     

    (ख) तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
    मृतक में भी डाल देगी जान
    धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात.....
    छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात
    परस पाकर तुम्हारा ही प्राण
    पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण
    छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल

    (i) मुसकान के लिए 'दंतुरित' विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है? उस मुसकान को देखकर कवि को क्या लगता है? (2)

    (ii) बच्चे का धूल से सना शरीर कवि को कैसा लगता है और क्यों? (2)

    (iii) कवि बच्चे के स्पर्श-सुख का विलक्षण प्रभाव किन-किन रुपों में देख रहा है? 2

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  • Question 11

    किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए – (3 + 3 + 3)

    (क) फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है? –'अट नहीं रही है' कविता के आधार पर लिखिए।

    (ख) परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रिया हुई उसके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए।

    (ग) 'आग रोटियाँ सेकने के लिए है, जलने के लिए नहीं'–इस काव्यांश द्वारा समाज में नारी की किस स्थिति की ओर संकेत किया गया है? –'कन्यादान' कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।

    (घ) 'संगतकार' कविता के आधार पर बताइए कि संगतकार किन-किन रुपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं?

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  • Question 12

    निम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए – 
    (क) सूर समर करनी करहिं, कहि न जनावहिं आपु।
    विद्यमान रन पाइ रिपु, कायर कथहिं प्रलापु।।

    (i) उपर्युक्त काव्यांश किस भाषा में रचा गया है? (1)

    (ii) काव्यांश की पंक्तियाँ किस छंद में लिखी गई हैं? (1)

    (iii) 'गाल बजाना' मुहावरे का भाव किस पंक्ति में व्यक्त हुआ है? (1)

    (iv) इन पंक्तियों द्वारा लक्ष्मण के चरित्र की किस विशेषता पर प्रकाश पड़ता है? (1)

    (v) इन पंक्तियों द्वारा वीरों और कायरों में क्या अंतर बताया गया है? (1)

    अथवा

    (ख) दुविधा-हत साहस है, दिखता है पंथ नहीं,
    देह सुखी हो पर मन के दुख का अंत नहीं।
    दुख है न चाँद खिला शरद-रात आने पर,
    क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर?
    जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण।

    (i) उपर्युक्त काव्यांश में जीवन के प्रति कवि का क्या दृष्टिकोण है? (1)

    (ii) कवि ने अपने तन-मन की किस विपरीत स्थिति पर प्रकाश डाला है? (1)

    (iii) 'क्या हुआ' कथन किस बात की ओर संकेत करता है? (1)

    (iv) 'बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेइ' – इस लोकोक्ति का भाव किस पंक्ति में व्यक्त हुआ है? (1)

    (iv) इस काव्यांश की भाषा की एक विशेषता बताइए। (1)

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  • Question 13

    निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 

    (क) उस ज़माने में घर की दीवारें घर तक ही समाप्त नहीं हो जाती थीं, बल्कि पूरे मोहल्ले तक फैली रहती थीं, इसलिए मोहल्ले के किसी भी घर में जाने पर कोई पाबंदी नहीं थी, बल्कि कुछ घर तो परिवार का हिस्सा ही थे। आज तो मुझे बड़ी शिद्दत के साथ महसूस होता है कि अपनी ज़िंदगी ख़ुद जीने के इस आधुनिक दबाव ने महानगरों के फ़्लैट में रहने वालों को हमारे इस परम्परागत 'पड़ोस-कल्चर' से विच्छिन्न करके हमें कितना संकुचित, असहाय और असुरक्षित बना दिया है! मेरी कम-से-कम एक दर्जन आरम्भिक कहानियों के पात्र इसी मोहल्ले के हैं, जहाँ मैंने अपनी किशोरावस्था गुज़ार अपनी युवावस्था का आरम्भ किया था। एक-दो को छोड़कर उनमें से कोई भी पात्र मेरे परिवार का नहीं है।

    (i) यह कैसे संभव है कि 'उस ज़माने में घर की दीवारें घर तक ही समाप्त नहीं हो जाती थीं, बल्कि पूरे मोहल्ले तक फैली रहती थीं।' स्पष्ट कीजिए। (2)

    (ii) आज के जीवन के किन दबावों को लेखिका बड़ी शिद्दत के साथ महसूस करती है? (2)

    (iii) उस ज़माने की पड़ोस-व्यवस्था ने लेखिका के लेखन-कर्म को किस सीमा तक प्रभावित किया? (2)

    अथवा

    (ख) 'शिक्षा' बहुत व्यापक शब्द है। उसमें सीखने योग्य अनेक विषयों का समावेश हो सकता है। पढ़ना-लिखना भी उसी के अन्तर्गत है। इस देश की वर्तमान शिक्षा-प्रणाली अच्छी नहीं। इस कारण यदि कोई स्त्रियों को पढ़ाना अनर्थकारी समझे तो उसे उस प्रणाली का संशोधन करना या कराना चाहिए, ख़ुद पढ़ने-लिखने को दोष न देना चाहिए। लड़कों की ही शिक्षा-प्रणाली कौन-सी बड़ी अच्छी है! प्रणाली बुरी होने के कारण क्या किसी ने यह राय दी है कि सारे स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए जाएँ? आप ख़ुशी से लड़कियों और स्त्रियों की शिक्षा-प्रणाली का संशोधन कीजिए। उन्हें क्या पढ़ाना चाहिए, कितना पढ़ाना चाहिए, किस तरह की शिक्षा देनी चाहिए और कहाँ पर देना चाहिए – घर में या स्कूल में – इन सब बातों पर बहस कीजिए, विचार कीजिए, जी में आए सो कीजिए, पर परमेश्वर के लिए यह न कहिए कि स्वयं पढ़ने-लिखने में कोई दोष है – वह अनर्थकर है, वह अभिमान का उत्पादक है, वह गृह-सुख का नाश करने वाला है। ऐसा कहना सोलहों आने मिथ्या है।

    (i) 'शिक्षा बहुत व्यापक शब्द है'–कैसे? उसके अन्तर्गत क्या-कुछ आता है? (2)

    (ii) लड़कियों की शिक्षा के संबंध में लेखक के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए। (2)

    (iii) लेखक के अनुसार कौन-सी बात सोलहों आने मिथ्या है और क्यों? (2)

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  • Question 14

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए – (3+3+3)

    (क) 'नेताजी का चश्मा' पाठ द्वारा लेखक क्या संदेश देता है और कैसे?

    (ख) 'बालगोबिन भगत' पाठ के आधार पर बताइए कि खेती-बाड़ी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे?

    (ग) 'लखनवी अंदाज़' पाठ में लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वह उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं?

    (घ) 'नौबतखाने में इबादत' पाठ में आए किन प्रसंगों के आधार पर आप कह सकते हैं कि बिस्मिल्ला खाँ मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे?

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  • Question 15

    (क) 'स्त्री-शिक्षा विरोधी कुतर्कों' में से किसी एक कुतर्क का उल्लेख कीजिए। (2)

    (ख) 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' पाठ में आए उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए, जिनसे फ़ादर कामिल बुल्के का हिंदी-प्रेम प्रकट होता है। (3)

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  • Question 16

    'मैं क्यों लिखता हूँ' पाठ के आधार पर बताइए कि क्या बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं। कैसे? 

    अथवा

    'साना-साना हाथ जोड़ि' यात्रा-वृत्तांत के आधार पर जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका को ध्यान में रखते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं?

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  • Question 17

    दिए गए प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर दीजिए – (2 + 2 + 2)

    (क) 'जॉर्ज पंचम की नाक' के आधार पर लिखिए कि जॉर्ज पंचम की मूर्ति की नाक लगाने के लिए मूर्तिकार ने क्या-क्या यत्न किए?

    (ख) 'माता का आँचल' पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है, वह आपकी आज की दुनिया से किस प्रकार भिन्न है?

    (ग) जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम के जन-जीवन के बारे में क्या-क्या महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं?

    (घ) भारत के स्वाधीनता-आंदोलन में दुलारी ने अपना योगदान किस प्रकार दिया? 'एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा' के आधार पर उत्तर दीजिए।

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हमारे जीवन में पड़ोसी का क्या महत्व है?

पड़ोसी होने से हम एक दूसरे के घरों में भी जाकर बैठ सकते हैं गली में भी चहल-पहल रहती है। पड़ोसी कोई भी छोटा बड़ा काम एक दूसरे के साथ मिलकर करते हैं। पडोसी होने से हमें कभी किसी प्रकार का खतरा नहीं रहता वे हमारे दुःख सुख में सबसे पहले हमारे लिए खड़े होते हैं। पड़ोसी हमारी गैर मौजूदगी में हमारे घर की देखभाल भी करते हैं।

पड़ोसी के प्रति आपके क्या कर्तव्य हैं?

पड़ोसियों के घर के सामने ही गदगी न कराएं। [शालीनता के लिहाज से अपने पालतू जानवर को अच्छी आदतें सिखाना भी आपका ही कर्तव्य है।] 6. पड़ोसियों के घर में ताक-झाक करने से परहेज करें।

अच्छे पड़ोसी कैसे बने?

हमारा पड़ोसी ही एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसकी हमें और उसे हमारी सबसे ज्यादा जरुरत पड़ती है. इसलिए हमें अपने पड़ोसी के साथ मददगार रिश्ता बनाये रखना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर एक- दूसरे की मदद करनी चाहिए. संकट तथा बीमारी आदि में भी समय-समय पर पड़ोसियों से कुशलक्षेम अवश्य पूछें.