आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंध करना चाहिए उल्लेख कीजिए? - aag lagane kee sthiti mein kya prabandh karana chaahie ullekh keejie?

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आग दहनशील पदार्थों का तीव्र ऑक्सीकरण है, जिससे उष्मा, प्रकाश और अन्य अनेक रासायनिक प्रतिकारक उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और जल.[1] उत्पन्न होते हैं। ऑक्सीकरण से उत्पन्न गैस आयनीकृत होकर प्लाज्मा.[2] पैदा करते हैं। दहनशील पदार्थ में सन्निहित अशुद्धि के कारण ज्वाला के रंग और आग की तीव्रता में अंतर हो सकता है। सामान्य रूप में आग दाह पैदा करता है जिसमें भौतिक रूप से पदार्थों को क्षतिग्रस्त करने की क्षमता है।

आग के प्रकार -

1.लकड़ी से लगी आग (class 'A' ) - इसे बुझाने के लिए पानी मिट्टी व रेत का प्रयोग किया जाता है और soda acid fire extinguisher का प्रयोग किया जाता है।

2.तेल से लगी आग ( class 'B') - इसे बुझाने के लिए foam fire extinguisher or CO2 का प्रयोग किया जाता है l

जब प्रकाश की किरण किसी ऐसे माध्यम से गुजरती हैं, जिसमें धूल, मिट्टी तथा अत्यंत सूक्ष्म कण होते हैं तो इन कण के द्वारा प्रकाश की किरण चारों दिशाओं में फैल जाती है इस फैलने की घटना को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं। रैले के अनुसार, किसी भी रंग का प्रकीर्णन उसकी तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है तथा जिस रंग की तरंग दैर्ध्य सबसे कम होती है उस रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है इसके विपरीत जिस रंग की तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक होती है उस रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है। 


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नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Fire Safety Tips: राजधानी दिल्ली के झांसी रोड पर अनाज मंडी इलाके में लगी भीषण आग ने 43 ज़िंदगियां ले लीं। आग किस वजह से लगी यह फिलहाल साफ नहीं है, लेकिन यह ये ज़रूर पता चल गया है कि वहां चल रही फैक्ट्री कई नियमों को तोड़कर चलाई जा रही थी। इमारत के मालिक ने फायर एनओसी नहीं ली हुई थी। हवा पास होने की व्यवस्था नहीं थी। इसके साथ वहां नाबालिग तक काम कर रहे थे, जिनकी मौत हो गई।

चार मंजिला इमारत में लगी आग में जलकर और धुएं में दम घुटने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई है। आग लगने पर लोगों के बीच घबराहट होना आम बात है लेकिन अगर ऐसे हादसों में कुछ बातों का ध्यान रखा जाता, तो शायद कई ज़िंदगियां बच जाती। 

इसलिए आज हम बता रह हैं सुरक्षा के ऐसे कुछ उपाय जो आग लगने पर काम आ सकते हैं: 

1. आग लगने पर तुरंत 101 नंबर पर कॉल करके सूचना दें। यह न सोचें कि कोई दूसरा इसकी सूचना पहले ही दे चुका होगा। 

2.  आग लगने पर सबसे पहले इमारत की अग्नि चेतावनी की घंटी (फायर अलार्म) को सक्रिय करें। फिर बहुत ज़ोर से "आग-आग" चिल्लाकर लोगों को सचेत करें। चेतावनी कम शब्दों में ही दें, नहीं तो लोगों को घटना की गंभीरता समझने में ज़्यादा समय लग जाएगा।

3. आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग न करें, सिर्फ सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।

4. धुएं से घिरे होने पर अपनी नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढक लें।

5. अगर आप धुएं से भरे कमरे में फंस जाएं और बाहर निकलने का रास्ता न हो, तो दरवाज़े को बंद कर लें और सभी दरारों और सुराखों को गीले तौलिये या चादरों से सील कर दें, जिससे धुआं अंदर न आ सके।

6. अगर आग आपकी अपनी ईमारत में लगी है और आप उसमें फंसे नहीं हैं तो पहले बाहर आएं और 101 नंबर पर फायर ब्रिगेड को घटना की सूचना दें।

7. अपने घर और कार्यालय में स्मोक (धुआं) डिटेक्टर ज़रूर लगाएं क्योंकि अपनी सुरक्षा के उपाय करना हमेशा बेहतर और अच्छा होता है।

8. समय-समय पर इमारत में लगे फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, पानी के स्त्रोत, अग्निशामक की जांच करवाते रहें।

9. घटनास्थल के नज़दीक भीड़ न लगने दें, इससे आपातकालीन अग्निशमन सेवा और बचाव कार्य में बाधा होती है। ऐसी स्थिति में 101 पर कॉल करें और वहां से दूर हो जाएं।

10. यदि आपके कपड़ो में आग लग जाए तो भागे नहीं, इससे आग और भड़केगी। ज़मीन पर लेट जाए और उलट पलट (रोल) करें। किसी कम्बल, कोट या भारी कपड़े से ढक कर आग बुझाएं।

इस आर्टिकल में हम जानेंगे आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंधन करना चाहिए? उल्लेख करें। आग बुझाने के कितने तरीके हैं?अग्निशामक यंत्र क्या है?आग लगने पर क्या न करें? आदि इन सब के बारे में। यह आर्टिकल आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इसे पूरा जरूर पढ़ें। इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपकी दैनिक जीवन में उपयोगी हो सकती है।

आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंध करना चाहिए उल्लेख कीजिए? - aag lagane kee sthiti mein kya prabandh karana chaahie ullekh keejie?

1. आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंधन करना चाहिए? उल्लेख करें।

आग लगने की स्थिति में इससे बचने के लिए निम्नलिखित प्रबंध किया जाना चाहिए-

  • सबसे पहले आग पर काबू पाएं।।
  • यदि आग लगने की घटना होती है, तो तुरंत 101 पर कॉल करके सूचना दें। यह न सोचे कि किसी अन्य व्यक्ति को इसके बारे में सूचित करना चाहिए था।
  • आग में फंसे हुए लोगों एवं मवेशियों को बाहर निकालना।
  • आग से घाय लोगों को तत्काल प्राथमिक उपचार देना और उन्हें अस्पताल ले जाना।
  • आग के दौरान छत पर फंसे लोगों को सीढ़ी द्वारा उतारने का कार्य किया जाना चाहिए।
  • आग के फैलाव को रोकना ताकि आग आस-पास के क्षेत्र में ना फैले।
  • आग के फैलाव को रोकने के लिए बालू गिट्टी / जल का उपयोग करना, अग्निशामक दस्ते को बुलाना।
  • आग के चारों और बालू हवा मिट्टी कीचड़ कंबल आदि का आवरण बनाकर, आग पर निष्क्रिय गैस छोड़कर ऑक्सीजन के संपर्क को खत्म करना।

2. आग लगने पर कौन से नंबर पर कॉल करना चाहिए?

अगर कहीं आग लग जाती है तो 101 इस नंबर पर फोन करके फायर ब्रिगेड की मदद मांगी जाती है। फायरब्रिगेड का टोल फ्री नंबर 101 न लगने पर लोग सीयूजी नंबर पर घटना की जानकारी दे सकते हैं। सीयूजी नंबर 9454418576 पर तत्काल आग लगने से संबंधित सूचना दी जा सकती है।

3. आग क्या है?

आग तीन कारकों ऑक्सिजन ईधन ऊष्मा का मिश्रण होता है। जब यह तीनों कारक एक स्थान में मिलते है तब यह आग का रूप ले लेते है। आग को मुख्य रूप से चार प्रकार में बाँटा गया है–

श्रेणी A- इस श्रेणी मे लकडी , कागज , कपडा , जुट जैसे पदार्थ आते है।

श्रेणी B- इस श्रेणी मे डीजल , पेट्रोल , केरोसिन जैसे तरल द्रव ज्वलनशिल पदार्थों में लगी आग आती है। यह खतरनाक होती है।

श्रेणी C- LPG, CNG जैसी सभी ज्वलनशिल गैसे आती है। यह दिखाई नहीं देती इसलिए इसके भंडार में आग लगने का खतरा अधिक होता है।

श्रेणी D- इलेक्ट्रिकल मशीन, हाउस इलेक्ट्रिकल उपकरण और इलेक्ट्रिकल वायरिंग में लगी आग आती है। जो शोर्ट सर्किट के कारण होती है।

4. आग बुझाने के कितने तरीके हैं?

  1. प्रथम सामान्य आग कोयला, कपड़े और कागज की आग इसी श्रेणी में आती है। इसे पानी और CO-2 अग्निशामक यंत्रों से बुझाया जाता है।
  2. दूसरा तेल, डीजल, पेट्रोल इसी श्रेणी में आते हैं। इसे DCP अग्निशामक और फोम अग्निशामक यंत्र से बुझाया जाता है।
  3.  शॉर्ट सर्किट और बिजली से लगी आग इस श्रेणी में आते हैं। इसे DCP एवं CO-2 अग्निशामक यंत्रों से बुझाते हैं।
  4. किसी भी धातु में लगी आग इस श्रेणी में आते हैं। इसे DCP एवं CO-2 अग्निशामक यंत्रों से बुझाते हैं।

5. आग बुझाने वाली गैस का नाम क्या?

आग बुझाने वाले यन्त्र को अग्निशामक यन्त्र कहते हैं। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड गैस होती है। इंग्लिश में इस यंत्र को Fire Extinguisher कहते है।

6. अग्निशामक यंत्र क्या है? 

आग बुझाने वाले यन्त्र को अग्निशामक यन्त्र कहते हैं। आग के प्रत्येक वर्ग के लिए विभिन्न प्रकार के अग्निशामक यंत्रों का उपयोग किया जाता है।

अग्निशमन यंत्र के प्रकार-

  1. वाटर टाईप – इसका उपयोग ठोस प्रकार की आग बुझाने के लिए किया जाता है जैसे की लकड़ी, कागज, गत्ता आदि।
  2. मैकेनिकल फोम टाईप – इसका उपयोग तेल से लगने वाली आग बुझाने के लिए किया जाता है जैसे की पेट्रोल, डीज़ल, थिनर ,पेंट आदि से लगने वाली आग।
  3. ए. बी. सी. टाईप – इसका उपयोग ABC तीनो प्रकार की आग के लिए किया जाता है। (SOLID , LIQUID , GAS)
  4. कार्बन डाई ऑक्साइड टाईप – इसका उपयोग बिजली की आग के लिए किया जाता है और गैस एवं तेल से लगने आग के लिए किया जाता है।
  5. क्लीन एजेंट टाईप – इसका उपयोग कंप्यूटर, सर्वर एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की आग बुझाने के लिए किया जाता है।
  6. वाटर मिस्ट टाईप – इसका उपयोग खाद्य पदार्थ एवं ठोस प्रकार की आग बुझाने के लिए किया जाता है जैसे की खाद्य सामग्री, लकड़ी, कागज आदि।

7. 5 प्रकार के अग्निशामक कौन से हैं?

अग्निशामक यंत्र के प्रकार:-

  1. जलयुक्त अग्निशामक यंत्र।
  2. ड्राई पाउडर अग्निशामक यंत्र।
  3. CO2 अग्निशामक यंत्र।
  4. कार्बन टेट्रा क्लोराइड CTC अग्निशामक यंत्र।
  5. Foam fire extinguisher

8. फायर ट्रेनिंग क्या है ?

फायर ट्रेनिंग में आग बुझाने और आग लगने वाले स्थान पर फँसे लोगों को बचाने से संबंधी जानकारी दी जाती हैं। आज बिजली की मशीनों के अत्यधिक प्रयोग के कारण आग लगने की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। इससे कई लोगों की बेवजह मौत हो रही है।

आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंध करना चाहिए उल्लेख कीजिए?

ऐसी आपदा - प्रबंधन को तीन प्रमुख कार्य होते हैं (i) आग में फंसे लोगों को बाहर निकालना । (ii ) घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहुंचाना । (iii ) आग के फैलाव को रोकने के लिए बालू गिट्टी / जल का उपयोग करना, अग्निशामक दस्ते को बुलाना।

आग से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

रेत, पानी या कंबल का करें इस्तेमाल रेत, मिट्टी या बाल्टी से पानी आग के ऊपर डालकर आग को फैलने से रोका जा सकता है. फैक्ट्री या मिल में आग लगने पर बिजली का मेन स्विच फौरन ऑफ कर दें. किसी व्यक्ति के कपड़ों में अगर आग लग जाए तो उसे तौलिया से बुझाएं. कपड़ों में आग लगे हुए व्यक्ति को जमीन पर लिटाने का प्रयास करें.

आग लगने के लिए क्या आवश्यक है?

ईंधन, वायु, ऊष्मा आग के उत्पादन के लिए आवश्यक आवश्यकताएं हैं। ईंधन का उपयोग आग को जलाने और एक दहनशील पदार्थ के रूप में कार्य करने के लिए किया जाता है। वायु ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद करती है। ऊष्मा ज्वलन तापमान से ऊपर ईंधन के तापमान को बढ़ाने में मदद करती है।

आग बुझाने के कितने तरीके हैं?

1- पहला जनरल फायर कोयला, कपड़ा और कागज की आग इस श्रेणी में आती है। इसे पानी और सीओ-2 एक्सटीगाइजर (अग्निशामक) से बुझाते हैं। 2- दूसरा तेल की आग डीजल, पेट्रोल की आग इस श्रेणी में आते हैं। इसे डीसीपी एक्सटीगाइजर एवं फोम एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं