4 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या लाभ होता है? - 4 mukhee rudraaksh pahanane se kya laabh hota hai?

1. ऐसे लोग जो किसी भी कार्य क्षेत्र में संलग्न है, किंतु आत्मविश्वास की कमी है, या उनके मन में किसी भी चीज को लेकर हिचकिचाहट रहती है, आपसी दुनिया से जुड़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, वह चाहकर भी अपने संचार तंत्र का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते हैं, अपने वाणी कौशल का उपयोग नहीं कर पाते हैं।

जिसकी वजह से उनका कार्यक्षेत्र बहुत ही सीमित रह गया है, जीवन में पानी वाले सफलताओं से वंचित रह गए हैं, चाह कर भी लोगों के समक्ष अपने विचारों को अपने रचनात्मक कौशल का प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, या उनके समक्ष अपने विचारों को ठीक ढंग से नहीं प्रस्तुत कर पाते हैं ।

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अपने व्यक्तित्व के सही एवं उपयुक्त परिचय नहीं दे पाते हैं, जिसकी वजह से आजीविका के क्षेत्र में वे लोग काफी पीछे रह गए हैं, तो ऐसे लोगों को 4 मुखी रुद्राक्ष (4 mukhi rudraksha ke fayde) धारण करना बहुत ही चमत्कारिक रूप से उनके जीवन में अनुकूल परिवर्तन को समाहित करता है।

4 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या लाभ होता है? - 4 mukhee rudraaksh pahanane se kya laabh hota hai?
4 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

 

उनके जीवन में अनेक प्रकार के बदलाव आने लगते हैं, उनके विचारों में प्रभुदत्ता आने लगती है, तथा लोगों से कैसे मिलना जुलना चाहिए या कैसे जनमानस का आचार विचार समझना चाहिए कैसे अपने भावनाओं तथा दूसरे के भावनाओं को समझ बूझ कर निर्णय लेना चाहिए या अपने विचारों का अपने अंतर्मन के ज्ञान को कैसे प्रस्तुत करना चाहिए इन सभी कौशलों में जातक के अंदर अनेक प्रकार के बदलाव नजर आते हैं।

जो उसके लिए विविध प्रकार से सकारात्मक परिणाम लेकर आते हैं, कई ऐसे बच्चे भी होते हैं, जो अंतर्मुखी होते है। अपने बातों को दूसरों से नहीं बता पाते हैं, उनमें आत्मविश्वास की कमी रहती है, जिसकी वजह से विद्यालय हो या मित्रगण की संगति हो या किसी भी तरह की सभा समिति हो सभी में वे लोग काफी चुप रहते हैं। लोगों से खुद को काफी कटा कटा रखते हैं। ऐसे में बच्चे अपने मन के भाव को प्रकट नहीं कर पाते हैं, जिसकी वजह से विद्यालय में भी लोग उनके ज्ञान को उनके विचारों को समझने में असक्षम रहते हैं।

जिसके परिणाम स्वरुप वे लोग बहुत सी चीजों में पीछड़ते चले जाते हैं, तथा उनका सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता है। उनके संघात्मक विकास में कई बाधाएं उत्पन्न होने लगती है, ऐसे बच्चों को 4 मुखी रुद्राक्ष (4 mukhi rudraksha ke labh) अवश्य धारण करना चाहिए जिससे उनमें अपने वातावरण के अनुसार पारस्परिक क्रिया करने में काफी मदद मिलती है, तथा बच्चों के विचार अचार खुलते हैं, वे अपने ज्ञान बुद्धि विवेक आदि का प्रयोग उत्तम तरीके से कर पाते हैं।

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2. कई ऐसे लोग होते हैं, जो बुध ग्रह की प्रतिकूलता के कारण उनके जीवन में कई नकारात्मक चीजें घटित होने लगती है, जैसे बुध ग्रह की प्रतिकूलता उनके वाणी दोष का कारण बन जाती है, जिसकी वजह से वे लोग बोलते कुछ और है, और लोग समझते कुछ और है, कई बार तो परिस्थितियां उनके बहुत ही विपरीत चलने लगती हैं, ऐसी घटनाएं घटने लगती हैंl

जो जातक के लिए किसी भी रुप से अच्छी फल प्रदान करने वाली नहीं रह जाती हैं, या ऐसे बच्चे जिन्हें बोलने में परेशानी होती है, जो बार-बार दूध लाते हैं, या रुक रुक कर बोलते हैं, कई बार तो लोगों के बीच में वह हंसी का पात्र बन जाते हैं, जिसकी वजह से चाह कर भी वे लोग आगे बढ़ने में कई विषमताओं का सामना करना पड़ता है।

कई बार तो वह लोग अपने साथी सहकर्मी के साथ पारस्परिक सामंजस्य स्थापित करने में असफल रहते हैं, जिसकी वजह से दैनिक दिनचर्या में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसका प्रभाव दीर्घकालीन अवधि तक रहता है।

ऐसे में यदि 4 मुखी रुद्राक्ष (4 mukhi rudraksha benefits in hindi) धारण किया जाए तो उस व्यक्ति विशेष के जन्म पत्रिका में बुध ग्रह की स्थिति सुधरने लगती है। उसका बुध ग्रह बलिष्ठ होने लगता है, तथा कई अच्छे बदलाव उसके जीवन में आने लगते हैं, वाकपटुता जैसे गुण या वाक् सिद्धि जैसे गुण उसके व्यक्तित्व का हिस्सा बनने लगते हैं, कई प्रकार से उसके व्यक्तित्व का रूपांतरण होने लगता है।

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जो उसके जीवन में सफलता के योग को और अधिक प्रबल बनाता हैl जातक को ना केवल वाणी से संबंधित चीजों में अच्छे परिणाम मिलते हैं, बल्कि तेजस्विता की प्राप्ति होती है, इसके साथ ही उसका ज्ञान भी प्रखर होता है।

3. शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए लोग जैसे विद्यार्थी गन हो या शिक्षक गण सभी को ज्ञान के भंडार को अर्जन करने में यह बहुत ही प्रभावी होता है। बुद्धि को तीव्र बनाने में तथा किसी भी चीज के प्रति तीव्रता के साथ एवं सटीक तरीके से प्रतिक्रिया देने के लिए किसी भी व्यक्ति विशेष के बुद्धि विवेक को बलिष्ट बनाता है, उनके ज्ञान में वृद्धि करता है।

इसके साथ ही विद्यार्थी गण हो या शिक्षक गण या कोई भी व्यक्ति विशेष जिन्हें एकाग्रता संबंधित परेशानियां होती है, वे लोग चार मुखी रुद्राक्ष (4 mukhi rudraksha dharan karne ke fayde) धारण कर सकते हैं, एवं इसके लाभ को प्राप्त कर सकते हैं, इससे ना केवल उनका ध्यान केंद्रित होता है, बल्कि स्मृति संबंधित चीजों में भी व्यापक रूप से सुधार देखने को मिलता है। उनकी स्मृति काफी मजबूत होती है, उनकी स्मृति पटल पर जो भी बात एक बार अंकित हो जाती है, बह सालों साल तक उनके द्वारा उसकी विस्मृति नहीं होती है।

इसके साथ ही यह उनके ज्ञानेंद्रियों को भी मजबूत बनाने में मदद करता है, यह केवल एक मन का नहीं बल्कि स्वयं भगवान भोलेनाथ का वरदान है, जो ना केवल भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है, बल्कि परब्रह्मा जगतगुरु जगत के रचयिता ब्रह्मा जी तथा ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माता सरस्वती की कृपा प्राप्त करने में भी यह मन का बहुत अधिक सहायक होता है।

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4. 4 मुखी रुद्राक्ष (4 mukhi rudraksha ke fayde) नकारात्मक चीजों से भी हमें सुरक्षा प्रदान करता है। यह हमारे सुरक्षा तंत्र को बाहरी तथा आंतरिक तौर पर काफी मजबूत बनाता है, जिससे किसी भी प्रकार के नकारात्मक चीजों का प्रवेश हमारे आभा मंडल में वर्जित हो जाता है, यह एक संरक्षक के समान हमारी रक्षा करते हैं, रुद्राक्ष एक दिव्य औषधि है।

जो विभिन्न प्रकार के सकारात्मक ऊर्जा एवं प्रभावित तरंगों से निर्मित होता है। इसका औषधीय लाभ इतने अधिक होते हैं, कि किसी भी व्यक्ति विशेष के मानसिक विकार हो या शारीरिक कोई कमजोरियां मानसिक कमजोरी या त्वचा से संबंधित कोई रोक सभी में यह बहुत ही व्यापक रूप से कारगर होता है।

इसे धारण करने से किसी भी व्यक्ति विशेष के अंदर अच्छे विचारों का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति विशेष अध्यात्म के क्षेत्र में या धार्मिक चीजों के कई चरणों में बिना किसी बाधा के सफलता की प्राप्ति करता है, हर प्रकार से यह किसी भी व्यक्ति विशेष के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।

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अभिमंत्रित 4 मुखी रुद्राक्ष कहां से प्राप्त करें – 4 mukhi rudraksha ke fayde in hindi

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4 मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है?

4 मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है? ( Who can wear Four Mukhi Rudraksha? ) 4 मुखी रुद्राक्ष को छात्र वर्ग, शिक्षक, कला के क्षेत्र से संबंध रखने वाले लोग, पत्रकार, शोधकर्ता आदि पहन सकते हैं।

4 मुखी रुद्राक्ष कब पहनना चाहिए?

कब करें धारण चार मुखी रुद्राक्ष को सोमवार के दिन प्रातःकाल स्नानादि करने के बाद उत्तर दिशा की ओर मुख करके गंगाजल, गाय के दूध से पवित्र करके धारण करना चाहिए। धारण करने से पूर्व भगवान शिव का ध्यान अवश्य करें और ओम ह्रीं नमः मंत्र का 108 बार जप करें।

4 मुखी रुद्राक्ष क्या काम आता है?

चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक रोग में शान्ति मिलती है। तथा धारण करने वाले का स्वास्थ्य ठीक रहता है। इसे धारण करने से नर हत्या का पाप दूर होता है। अग्नि पुराण में इसके बारे में लिखा है कि इसको धारण करने से व्याभिचारी भी ब्रह्राचारी तथा नास्तिक भी आस्तिक हो जाता है।

4 मुखी रुद्राक्ष किसका प्रतीक है?

चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का रूप बताया गया है. बताया गया है कि इसे धारण करने से ब्रह्म हत्या का पाप नष्ट हो जाता है.