1967 के आम चुनाव में कांग्रेस को चुनौती देने वाला गठबंधन कौन सा था - 1967 ke aam chunaav mein kaangres ko chunautee dene vaala gathabandhan kaun sa tha

भारतीय आम चुनाव, 1967

1967 के आम चुनाव में कांग्रेस को चुनौती देने वाला गठबंधन कौन सा था - 1967 ke aam chunaav mein kaangres ko chunautee dene vaala gathabandhan kaun sa tha

← 1962 17–21 February 1967 1971 →

All 520 seats in the Lok Sabha
261 seats were needed for a majority
 
1967 के आम चुनाव में कांग्रेस को चुनौती देने वाला गठबंधन कौन सा था - 1967 ke aam chunaav mein kaangres ko chunautee dene vaala gathabandhan kaun sa tha
1967 के आम चुनाव में कांग्रेस को चुनौती देने वाला गठबंधन कौन सा था - 1967 ke aam chunaav mein kaangres ko chunautee dene vaala gathabandhan kaun sa tha
नेता Indira Gandhi C. Rajagopalachari
पार्टीकांग्रेस Swatantra Party
नेता की सीट Rae Bareli None
सीटें जीतीं 283 44
सीटों में बदलाव
1967 के आम चुनाव में कांग्रेस को चुनौती देने वाला गठबंधन कौन सा था - 1967 ke aam chunaav mein kaangres ko chunautee dene vaala gathabandhan kaun sa tha
78
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26
प्रतिशत 40.78% 8.67%
उतार-चढ़ाव
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Prime Minister चुनाव से पहले

Indira Gandhi
कांग्रेस

Subsequent Prime Minister

Indira Gandhi
कांग्रेस

के भारतीय आम चुनाव के 1967 चुने गए 4 लोकसभा की भारत और आयोजित किया गया था 17 से 21 फरवरी । 27 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा प्रतिनिधित्व कर रहे थे 520 एकल सदस्य निर्वाचन क्षेत्रों (26 की वृद्धि).[1] इसमें कांग्रेस को छः राज्यों में हार का सामना करना पड़ा था, जिस कारण कई कहा जाता है कि इस चुनाव ने कांग्रेस का एकछत्र राज समाप्त कर दिया- भले ही कांग्रेस अपने ही दम पर पूर्ण बहुमत प्राप्त करने में समर्थ रही हो। इसका मुख्य कारण अर्थव्यवस्था की ख़राब स्थिति होना बताया जाता है- जो चीन (1962) और पाकिस्तान (1965) से युद्ध और सूखा पड़ने की वजह से कम फ़सल उत्पादन होने की वजह से उत्पन्न हुई। इसके अलावा दक्षिण भारत में हिन्दी भाषा विरोधी आन्दोलन और दो बड़े नेताओँ (जवाहरलाल नेहरू और लालबहादुर शास्त्री) की मृत्यु को भी कांग्रेस की हार का श्रेय दिया जाता है। इस चुनाव के बाद कांग्रेस दो गुटों में बँट गई।

यह भी देखें[संपादित करें]

  • भारत के निर्वाचन आयोग
  • भारतीय राष्ट्रपति चुनाव, 1967

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "General Election of India 1967, 4th Lok Sabha" (PDF). Election Commission of India. पृ॰ 5. मूल (PDF) से 18 July 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 January 2010.

1967 के आम चुनाव में कितने राज्य में कांग्रेस के हाथों से सत्ता निकल गई थी?

इसमें कांग्रेस को छः राज्यों में हार का सामना करना पड़ा था, जिस कारण कई कहा जाता है कि इस चुनाव ने कांग्रेस का एकछत्र राज समाप्त कर दिया- भले ही कांग्रेस अपने ही दम पर पूर्ण बहुमत प्राप्त करने में समर्थ रही हो।

1967 में भारत का प्रधानमंत्री कौन था?

1967 में इंदिरा गाँधी के प्रधानमंत्री बनने पर मोरारजी को उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बनाया गया। लेकिन वह इस बात को लेकर कुंठित थे कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता होने पर भी उनके बजाय इंदिरा गाँधी को प्रधानमंत्री बनाया गया।

प्रथम आम चुनाव में कांग्रेस को कितनी सीटें मिली?

वहाँ थे 494 सीटों में से चुना का उपयोग कर पोस्ट अतीत पहले मतदान प्रणाली है । बाहर की 403 विधानसभा क्षेत्रों में, 91 चुने गए दो सदस्य हैं, जबकि शेष 312 चुने गए एक सदस्य है.

1977 के चुनाव में कौन सी पार्टी केंद्र की सत्ता में आई?

में एक प्रमुख घटनाओं की बारी है, सत्तारूढ़ कांग्रेस का नियंत्रण खो दिया के लिए भारत में पहली बार स्वतंत्र भारत में भारतीय आम चुनाव, 1977. जल्दबाजी में गठित जनता गठबंधन की पार्टियों का विरोध करने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी, होंगे 298 सीटें हैं ।