बिजली हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है और प्रत्येक व्यक्ति को अपने किसी न किसी कार्य के लिए बिजली की जरूरत होती है। बिजली की पूर्ति के लिए सरकार हम सभी के घर बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवाती है, जिसका हर महीने खपत के अनुसार बिल भरना होता है। जितने यूनिट बिजली आप खर्च करते हैं उतना ही आपको बिल देना होता है। Show क्या आप जानते हैं कि यूनिट क्या होता है? यूनिट कैसे निकाला जाता है? यहां मैं आपको इसकी पूरी जानकारी देने वाला हूँ। पोस्ट में ये जानकारी है -
किसी विद्युत् उपकरण द्वारा 1 किलोवाट घंटा की बिजली खपत को 1 यूनिट कहते हैं। यूनिट = KWh KWh का अर्थ होता है: kilowatt-hour (किलो वाट घंटा या 1000 वाट घंटा) अगर कोई मशीन 1 घंटे में 1000 वाट की विद्युत् ऊर्जा खर्च करती है तो इसका मतलब हुआ कि वह मशीन 1 घंटे में 1 यूनिट बिजली खपत कर रही है। हमारे घर में विभिन्न विभिन्न प्रकार के विद्युत् यंत्र होते हैं जैसे: टीवी, फ्रिज, बल्ब, कूलर, पंखा, इंडक्शन आदि। ये सभी यन्त्र विभिन्न क्षमता के होते हैं जैसे: LED बल्ब 9 वाट का, टेबल फैन 55 W का, LED टीवी 50 W का, AC 1500 का आदि। यह ऊर्जा खपत क्षमता प्रति घंटे के हिसाब के हिसाब से होती है अर्थात 9W का LED बल्ब हर घंटे 9W बिजली खर्च करेगा। उदाहरणमान लीजिये की आपके घर में एक 1500 वाट का AC लगा हुआ है जिसे आप रोज 4 घंटे उपयोग करते हो। तो 30 दिन में कितनी यूनिट खपत होगी? 1500 वाट × 4 घंटे × 30 दिन = 1,80,000 वाट घंटा यूनिट ज्ञात करने के लिए इसे किलोवाट घंटा में बदलना होगा। = 180 किलोवाट घंटा या 180 KWh = 180 Unit अतः 1500 वाट के AC को रोज 4 घंटे चलाने पर 1 महीने में कुल 180 यूनिट बिजली खपत होगी। विभिन्न राज्यों में प्रति यूनिट बिजली की दरें अलग-अलग हैं आपके राज्य सरकार द्वारा निर्धारित रेट के अनुसार ही आपका बिजली बिल आता है। किसी चालक की विद्युत ऊर्जा वह ऊर्जा होती है जो किसी चालक मे विद्युत आवेश के प्रवाहित होने मे व्यय होती है ,विद्युत उर्जा कहलाती है। यदि किसी चालक के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर v है तब चालक के एक सिरे से दूसरे सिरे तक q आवेश को लाने मे किया गया कार्य W=v × q जूल होगा ।अर्थात् v ×q जूल ऊर्जा व्यय होगी । अत:किया गया कार्य/व्यय की गई ऊर्जा , W= v × q जूल W= v × I × t जूल (चुंंकि q = I ×t ) W= W = विद्युत शक्तिकिसी विद्युत परिपथ मे विद्युत ऊर्जा के खर्च होने की दर विद्युत शक्ति कहलाती है । विद्युत शक्ति या सामर्थ्य =ऊर्जा /समय = जूल /सेकण्ड
विद्युत शक्ति का मात्रकविद्युत ऊर्जा शक्ति का एस आई मात्रक वाट होता है व्यवहारिक मात्रक किलोवाट,मेगावाट,अश्वशक्ति हेाती है 1 अश्वशक्ति =746 वाट विद्युत उर्जा का मापनघरों तथा उद्याेेेगों मे व्यय होने वाली विद्युत ऊर्जा की माप किलाेेवाट घंटा मे निकाली जाती है जिसे बोर्ड ऑफ ट्रेड यूनिट (BTU) कहते है इसे ही बोलचाल की भाषा में यूनिट कहा जाता है
1 किलोवाट x 1 घण्टा 1000 वाट x 3600 सेकण्ड 3.6 x 10^6 वाट सेकंड या जूल 1 किलोवाट घण्टा मे यूनिटो की संख्या =वोल्ट× ऐम्पीयर×घण्टा /1000 =वाट × घण्टा /1000 विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभावकिसी चालक तार मे विद्युत धारा के प्रवाहित होने पर चालक तार के ताप मे होने वाली व्रद्धि को विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव के रूप मे जाना जाता है तार मे उत्पन्न उष्मा का मान विद्युत उष्मा(H )=VIT/4.2 कैलोरी = VIT जूल H= जूल का नियमजूल के उष्मा नियम के अनुसार 1 यदि प्रतिरोध नियत है तब H∝ 2 यदि धारा का मान नियत है H ∝ R 3 यदि प्रतिरोध और धारा दोनो नियत है H ∝ T तब H =RT यहॉं, चालक मे प्रवाहित धारा=i समय=t चालक का प्रतिरोध=R इसे ही जूल का उष्मा का नियम कहलाता है विद्युत धारा का सीबेक प्रभावइसमे दो अलग अलग धातुओ के चालक तारो को जोडकर उनकी अलग अलग दो संधिया या सिरे बना लिये जाते है फिर उन्हे ठण्डा या गर्म करते है।सीबेक प्रभाव के अनुसार
तथा जिस विद्युत बाहक बल के कारण यह धारा प्रवाहित होती है उसे उष्मीय विद्युत वाहक बल कहते है।इसमे उष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण विद्युत ऊर्जा मे होता है। विद्युतधारा का पेल्टीयर प्रभावयह सीबेक प्रभाव का व्युत्क्रम होता है जिसमे चालक तारो की संधियो के मध्य विद्युत धारा प्रवाहित कराई जाती है तो संधियो पर यातो उष्मा का अवशोषण होता है या फिर उत्पादन होता है।धारा की दिशा पलटने पर गरम हो रही संधि ठंडी व ठंडी हो रही संधि गरम होने लगती है इसे ही पेल्टीयर प्रभाव कहा जाता है। विद्युत ऊर्जा का थामसन प्रभावविद्युत ऊर्जा के थामसन प्रभाव के अनुसार जब किसी चालक तार के दोनो सिरो का तापमान समान रखकर उसमें विद्युत ऊर्जा प्रवाहित कराई जाती है तथा तार के मध्यभाग को गर्म किया जाता है तो तार का एक सिरा ठंडा और दूसरा सिरा गर्म हो जाता है इसे ही धारा का थामसन प्रभाव कहते है । विद्युत धारा का प्रकाशीय प्रभावजब किसी चालक तार मे विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो तार मे उष्मा के उत्पादन के साथ साथ प्रकाश का उत्पादन भी करने लगता है इसे ही विद्युत धारा का प्रकाशीय प्रभाव कहते है। विद्युत धारा के उष्मीय व प्रकाशीय प्रभाव पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण उपकरण 1 विद्युत बल्बविद्युत बल्ब का आविष्कार थॅामस अल्बा एडीसन ने किया था । इसमे कॉच के एक खेाखले गोले के अन्दर टंगस्टन धातु का एक तंतु लगाया जाता है जो कि धारा प्रवाहित करने पर अतितप्त 1500°C -2500°C तक हेा जाता है।जिससे वह प्रकाश उत्सर्जित करने लगता है । बल्ब के अन्दर निर्वात स्थिति उत्पन्न कर आर्गन गैस या नाइट्रोजन गैस भर दी जाती है जिससे उच्च ताप पर धातु के फिलामेंट को वाष्पीकरण होने से बचाया जा सके ।साधारण बल्ब विद्युत उर्जा का लगभग 10प्रतिशत भाग ही प्रकाश ऊर्जा मे परिवर्तित कर पाता है। जबकि सीएफएल 40-50 प्रतिशत तथा एलईडी विद्युत लैम्प 80-90 प्रतिशत तक विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा मे परिवर्तित कर पाता है। विद्युत उष्मकविद्युत उष्मक मे नाइक्रोम के एक सर्पिलाकार तार को चीनी मिटृी की प्लेट पर बने खाचें के अन्दर बिछा दिया जाता है ।विद्युत ऊर्जा प्रवाहित करने पर यह अत्याधिक उष्मा का उत्पादन करता है। नाइक्रोम निकिल और क्रोमियम की मिश्रधातु होती है जिसका गलनांक व विशिष्ट प्रतिरोध बहुत उच्च होता है जिससे यह बिना पिघले बहुत उच्च ताप प्राप्त कर सके नाइक्रोम के तार का विशिष्ट प्रतिरोध तॅाबे के तार के विशिष्ट प्रतिरोध से लगभग 6 गुना होता है विद्युत प्रेसविद्युत प्रेस एक ऐसा उपकरण होता है जिसमे नाइक्रोम का एक तापक तार को अभ्रक की पतली चादर पर सपाट रूप से लपेट दिया जाता है ।तापक तार को एस्बेस्टस की मोटी चादर से ढक दिया जाता है । प्रेस की बाहरी सतह पालिसदार होती है जिससे विकरण के द्वारा उष्मा की हानि न्यूनतम होती है। विद्युत फ्यूजविद्युत फ्यूज का प्रयोग घरों मे सोर्टसर्किट से बचने के लिये किया जाता है फ्यूज तार टिन व सीसे की मिश्रधातु सोल्डर का बनाया जाता है इस तार का गलनांक बहुत कम होता है इसे विद्युत परिपथ मे संयोजक तार के श्रेणी क्रम मे लगाया जाता है जब परिपथ मे धारा के मान मे अचानक व्रद्धि होती है तो यह तार टूट जाता है तथा विद्युत परिपथ को तोड देता है जिससे धारा का प्रवाह रूक जाता है और घरेलू उपकरणेां को क्षति से बचाया जा सकता है। फ्यूज फुल डिटेल – फ्यूज क्या है ? काम कैसे करता है ? और प्रकार प्रतिदीप्ति प्रकाश नलिका(Fluorescent tube light ) टयूब लाइट कॉंच की एक बेलनाकार 120 सेमी लम्बी नली होती है जिसके अन्दर प्रतिदीप्ति पदार्थ का लेप होता है जिससे श्वेत प्रकाश प्राप्त होता है विद्युत धारा का रासायनिक प्रभावशुद्ध जल विद्युत का कुचालक होता है लेकिन अशुद्धिया मिलाने पर यह विद्युत का प्रवाह करने लगता है अत:ऐसे विलयन या घोल जिनके अन्दर से विद्युत ऊर्जा प्रवाहित हो सकती है विद्युूत अपघटय कहलाते है तथा वह अपने धनायन और ऋणायनों मे अपघटित हो जाते है जिसे विद्युत अपघटन की क्रिया कहते है तथा इस सम्पूर्ण घटनाक्रम को विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव कहा जाता है जिस पात्र मे विद्युत अपघटन की क्रिया होती है उस पात्र को वोल्टामीटर कहा जाता है। 1 यूनिट विद्युत ऊर्जा का मन कितना होता है?घरेलू एवं औद्योगिक पैमाने पर व्यय मापने के लिए विद्युत ऊर्जा का मात्रक किलोवाट घण्टा (kilo Watt - Hour- Kash) का उपयोग करते है । 1 किलोवाट घण्टा को 1 यूनिट कहा जाता है । यदि 1 वाट का बल्ब 1000 घण्टे तक जले तो वह 1 किलोवाट घंटा अर्थात 1 यूनिट बिजली खर्च करेगा ।
1 यूनिट कितने जूल के बराबर होता है?Detailed Solution
एक जूल लगभग 0.24 कैलोरी के बराबर होता है। एक जूल एक मीटर प्रति सेकंड के वेग से चलने वाले दो किलोग्राम द्रव्यमान की ऊर्जा के बराबर होता है। इसलिए, यह लगभग 0.24 कैलोरी के बराबर होता है।
विद्युत ऊर्जा का सूत्र क्या है?विद्युत शक्ति का मात्रक वाट अथवा जूल/सेकंड होता है। एवं विमीय सूत्र [ML2T -3] होता है। W = Vit होता है तब विद्युत शक्ति को सूत्र निम्न प्रकार होगा।
विद्युत ऊर्जा का मात्रक क्या है?मात्रक किलोवाट-घण्टा (kWh) विद्युत ऊर्जा का सुविधाजनक मात्रक है जो बड़ी मात्रा में विद्युत ऊर्जा की मात्रा को अभिव्यत करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
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