1 महीने के बच्चे को ठंड लग जाए तो क्या करें? - 1 maheene ke bachche ko thand lag jae to kya karen?

देखा जाए तो शिशु के बीमार पड़ने पर वैसे तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, लेकिन घरेलू नुस्खे हैं, जिनकी मदद से शिशुओं को काफी राहत मिल सकती है. हम आपको ऐसे ही कुछ बेस्ट घरेलू नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं.

ठंड का मौसम जारी है और इसमें बच्चे ही क्या बड़ों को भी खांसी-जुकाम की समस्या होना आम बात मानी जाती है. लेकिन कोविड के इस दौर में सर्दी लगना किसी बड़ी परेशानी से कम नहीं है, क्योंकि इस कारण शरीर की इम्यूनिटी डाउन हो जाती है. इतना ही नहीं इम्यूनिटी डाउन होने की वजह से दूसरी बीमारियां भी हमें चपेट में ले लेती हैं. हम शिशुओं को लगने वाली सर्दी की बात करने जा रहे हैं. विशेषज्ञों की मानें तो शिशुओं व अन्य को सर्दी लगने की वजह शरीर के तापमान में अचानक बदलाव होना मानी जाती है. शिशुओं को अगर सर्दी-जुकाम की समस्या हो तो उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस वजह से उनक खाना पीना भी छूट जाता है और शरीर के जुड़ी दूसरी दिक्कतें उन्हें तंग करने लगती हैं.

देखा जाए तो शिशु के बीमार पड़ने पर वैसे तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, लेकिन घरेलू नुस्खे हैं, जिनकी मदद से शिशुओं को काफी राहत मिल सकती है. हम आपको ऐसे ही कुछ बेस्ट घरेलू नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं. जानें वो टिप्स…

लिक्विड चीजें

अगर शिशु को खांसी-जुकाम ने अपनी चपेट में ले लिया है, तो उसके शरीर में पानी की कमी न होने दें. ऐसा माना जाता है कि इस कारण उसे दस्त की समस्या भी हो सकती है. ऐसा भी देखा गया है कि डॉक्टर की दी गई दवाइयों के कारण भी बच्चे को दस्त की प्रॉब्लम हो जाती है, ऐसे में उन्हें लिक्विड चीजों का सेवन कराते रहे. शिशु के डाइट चार्ट के मुताबिक ही उसे चीजें दें.

पानी पिलाते रहे

शिशु को ठंड लग जाए तो इस दौरान उसे गुनगुना पानी बीच-बीच में पिलाते रहे. गुनगुने पानी से उसकी छाती में बना बलगम हटने लगेगा साथ ही उसकी बंद नाक भी खुलेगी. इस वजह से बच्चे का काफी राहत मिलेगी.

स्टीम दें

ऐसा देखा गया है कि शिशुओं को स्टीम देना संभव नहीं होता, लेकिन फिर भी स्टीम देना बेस्ट रहता है. स्टीम देने से उसकी बंद नाक खुलेगी और उसे सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी. बता दें विशेषज्ञों के मुताबिक कभी-कभी स्टीम देने से भी शिशु को लगी ठंड को दूर किया जा सकता है.

लहसुन और तेल की मालिश

पुराने समय से लहसुन और सरसों के तेल की मालिश शिशु के लिए बेस्ट मानी जाती है. कहा जाता है कि अगर शिशु को सर्दी लग गई हो तो रात में सोते समय उसके शरीर की तेल से मालिश करनी चाहिए. इसके लिए सरसों के तेल में लहसुन की कली को गर्म करें और फिर ठंडा होने पर शिशु की इससे मालिश करें.

स्पंज-स्नान

अगर आपके शिशु को खांसी और जुकाम की समस्या हो गई है तो उसे स्पंज स्नान ही कराएं. इसके लिए पानी को गुनगुना गर्म करें और फिर इसमें टावल भिगोकर शिशु के शरीर को साफ करें. कोशिश करें की शिशु को स्नान कमरे में ही कराएं, क्योंकि यहां तापमान बॉथरूम के मुकाबले बढ़ा हुआ रहता है.

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सर्दियों में जन्मे बच्चों को शुरुआती दौर में ज्यादा केयर की जरूरत होती है. लिहाजा, अगर आप नई-नई मां बनी हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अपने बच्चे को सर्दी से बचाने के लिए क्या करें और क्या ना करें.

आमतौर पर लोग बच्चों को ठंढ से बचाने के लिए खूब सारे कपड़े लाद देते हैं, जिससे नवजात बच्चा पूरे वक्त uncomfortable महसूस करता है. ऐसे में डॉक्टर कहते हैं कि ठंढ है, पर बच्चे को इतना भी न ढक दें कि उसकी त्वचा सांस न ले पाए.
कुछ लोग सर्दी से बचाने के लिए दिनभर घर में ब्लोअर या हीटर चलाकर रखते हैं. इस तरह के उपाय भी नवजात बच्चे की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.

नवजात की मालिश के लिए अपनाएं ये तेल

मल्ल‍िक रेडिक्स के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. अमित कुमार ने बताया कि ये सभी तरीके बहुत गलत हैं. ये बात ठीक है कि बच्चों को ठंढ से बचाना जरूरी है, पर बचाव का ये तरीका उन्हें दूसरी परेशानियों में डाल सकता है. डॉ. अमित के मुताबिक नवजात बच्चों को ठंढ से बचाने के लिए इन बातों का ख्याल रखना चाहिए...

नवजात बच्चों को नहलाते वक्त इस बात का ध्यान रहे कि गर्दन के ऊपर पानी न जाने पाए. बच्चे को गर्दन के नीचे से ही नहलाएं.
चेहरे, सिर और गर्दर को गीले कपड़े से पोछ सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि नाक, कान और मुंह से पानी अंदर जा सकता है, जिससे कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं.

सर्दी से बचने के लिए ब्लोवर या हीटर का इस्तेमाल न करें. इससे निकलने वाली ड्राई एयर बच्चे को नुकसान पहुंचाती है. इसकी जगह आप ऑयर हीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

ठंढ से बच्चों को बचाने के लिए बहुत ज्यादा कपड़े लादने की बजाय, उसका तलवा, उसकी हथेली और उसके कान व सिर ढक कर रखें. ये ऐसे एरियाज हैं, जहां से सबसे ज्यादा हीट लॉस होता है और यहीं से सबसे ज्यादा ठंढ लगने का डर सबसे ज्यादा होता है. इसलिए बच्चों के टोपी, दस्ताने और मोजे जरूर पहनाकर रखें.

बच्‍चे को सुलाते समय तकिया लगाना हो सकता है खतरनाक...

सर्दियों में धूप बहुत जरूरी है इसलिए रोजाना सुबह बच्चे को सन बाथ जरूर कराएं. इससे उनकी हड्डियों के विकास में मदद मिलेगी.

एक से डेढ महीने तक बच्चे को किसी आउटसाइडर यानी कि घर में बाहर से आने वाले लोगों के संपर्क में न जाने दें. खासतौर से अगर वह व्यक्त‍ि इंफेक्टेड है तो उसकी गोद में बच्चे को न दें.
बच्चों का इम्यून इतना स्ट्रॉन्ग नहीं होता. वह अभी बनने के दौर में होता है, इसलिए उन्हें इंफेक्शन से दूर रखने की जरूरत होती है.

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एक से डेढ महीने तक बच्चे को कहीं बाहर न ले जाएं. कहीं बाहर से मतलब है, उसे कहीं आउट स्टेशन या पब्ल‍िक प्लेस या भीड़-भाड़ वाली जगह पर न ले जाएं. इससे भी बच्चे को इंफेक्शन का डर होता है.

बच्चे के विकास के लिए मां का दूध सबसे जरूरी होता है. छह महीने तक मां का दूध पीने वाले बच्चे का इम्यून सिस्टम ऐसे बच्चों से ज्यादा मजबूत होता है, जो बाहर का दूध पीते हैं.

1 महीने के बच्चे को सर्दी हो जाए तो क्या करना चाहिए?

Nasal Congestion Remedies: नवजात शिशुओं (Newborn Baby) की सेहत नाजुक होती है और उन्‍हें आसानी से सर्दी लग सकती है..
करें तेल मालिश ... .
स्तनपान कराएं ... .
कंगारू थेरेपी देगी गर्माहट ... .
तकिए में लगाएं नीलगिरी का तेल ... .
करें स्‍टीमर का प्रयोग.

छोटे बच्चे को ठंड लग जाए तो क्या करना चाहिए?

घरमें उपलब्ध तरल पदार्थ जैसे दाल का पानी, शिकंजी, ताजा छाछ, लस्सी, चावल का माण्ड, राबडी, दूध, हल्की चाय, जौ का उबला पानी आदि सामान्य से अधिक से अधिक मात्रा में थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार पिलाते रहे। शरीर में पानी नमक की कमी को दूर करने के लिए डब्ल्यूएचओ प्रमाणित ओआरएस पिलाया जाना चाहिए। डॉ.

न्यू बोर्न बेबी को ठंड से कैसे बचाएं?

ठंड से कैसे बचाएं बच्चों को?.
घर को गर्म रखने की कोशिश करें।.
बच्चे के कमरे एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, जिससे वे प्रदूषण और धुएं से सुरक्षित रहें।.
रात में बच्चे के ऊपर कई सारे कंबल या रज़ाई न डालें। ... .
सर्दी से बच्चों को ज़ुकाम आसानी से हो सकता है। ... .
बच्चे का बिस्तर गर्म रखें।.

शिशु को गर्म कैसे करें?

गर्मियों में शिशु को ठंडा व आरामदायक कैसे रखें?.
अपने शिशु को उचित कपड़े पहनाएं.
शिशु को कुछ समय बिना लंगोट रहने दें.
शिशु को जलनियोजित रखें.
सड़क किनारे रेहड़ी वालों से खाद्य व पेय पदार्थ न खरीदें.
मालिश के बाद शिशु के शरीर से तेल पूरी तरह धो लें.
टैल्कम पाउडर के इस्तेमाल में सावधानी बरतें.
घमौरियों के सरल घरेलू इलाज आजमाएं.