1 i क्या दो अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल एक परिमेय संख्या या अपरिमेय संख्या होता है उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए? - 1 i kya do aparimey sankhyaon ka gunanaphal ek parimey sankhya ya aparimey sankhya hota hai udaaharan dekar spasht keejie?

हेलो दोस्तों जैसा कि आप यहां पर देख रहे हो कि दो परिमेय संख्याओं का योगफल और गुणनफल सदैव एक परिमेय संख्या होता है यहां वह में दिया हुआ है कि हमें यह बताना है कि क्या दो परिमेय संख्याओं का योगफल और गुणनफल सदैव एक परिमेय संख्या होता है परंतु 2 अपरिमेय संख्याओं का योगफल और ना ही गुणनफल सदैव एक अपरिमेय संख्या होता है तो इस क्वेश्चन में हमें यह सिद्ध करना है कि दो परिमेय संख्याओं का योगफल गुणनफल होता है वह हमेशा क्या होता है परिमेय संख्या होता है इससे भी आसानी से समझ सकते हैं और प्रूफ कर सकते हैं जिसे अगर हम बात करें पर मैं संख्या तक कोई भी हम परिमेय संख्या उठा ले इसे मान लेते 3 क्या है परिमेय संख्या है पांच किया है पर यह संख्या है इसको जोड़ेंगे तो क्या आएगा आठ आठवीं क्या है परिमेय संख्या हुआ उसी तरह गर्म बात करें 5 पॉइंट 6 प्लस इधर ऑन कर दें 3 पॉइंट

और तेरी परिमेय संख्या यह भी परिमेय संख्या अगर इस दोनों को जोड़ेंगे तो क्या आएगा यह हो जाएगा कितना यह हो जाएगा हमारा ना ही यह भी क्या हो गया परिमेय संख्या अगर हम इसे मल्टीप्लाई भी करते हैं घोड़ा भी करते हैं तो अभी जो आएगा मान हमारा क्या होगा एक परिमेय संख्या है यह बात हमारा क्या है सत्य है जो दो परिमेय संख्याओं का योगफल होता है और जो गुणनफल होता है वह हमेशा क्या होता है एक परिमेय संख्या होता है तो यह बात हम हमेशा क्या होता है सही लागू होता है इसमें जो दूसरा कथन दे रखा है वह है कि 2 अपरिमेय संख्याओं का ना तो यह गोपाल और ना ही गुणनफल सदैव एक अपरिमेय संख्या होता है इसमें कहने का मतलब यह है कि जो 2 अपरिमेय संख्या यह सम्मान लेते एक हम यहां पर क्या ले लिए अंडर रूट 3 ले लिए और एक हम यहां पर क्या लेडी अंडल उठाई थी दोनों को हम जोड़ देती है यह जो योगफल हो गया क्या होगा अपरिमेय संख्या होगा यह क्या होगा अपरिमेय संख्या

योग फल और ना ही * पर सदा एक अपरिमेय संख्या होता है और इसमें यहां पर क्या हुआ अगर हम बात करें यह अंडर रूट थ्री का अंडर रूट थ्री क्या है हमारा है अपरिमेय संख्या है और अंडर रूट 5 क्या है यह भी एक अपरिमेय संख्या है अगर इस दोनों का अगर हम यहां पर क्या करें गोरा गोरा कर दे दे क्या हो जाएगा हमारा यह हो जाएगा हमारा अंडर रूट 15 और यह भी क्या है हमारा एक अपरिमेय संख्या है लेकिन हमें यहां पर यह चेक करना है कि यह जो कंडीशन हमेशा सही नहीं होता है हम इसे देख सकते हैं यहां पर तो अपरिमेय संख्या गुने अपरिमेय संख्या किया गया हमारा आपस में आ गया ठीक है अगर यही पर हम अगर अंडर रूट 3 ले ले और फिर अंडर रूट यह भी हमारा क्या है ऑफर में संख्या है और यह भी हमारा क्या है अपरिमेय संख्या है अगर हम दोनों का अगर यहां पर गर्म गुणा करते हैं थे क्या है हमारा अंडर रूट 9 आता है और इसका मान कितना होता है 3

ज्योति क्या गया है परिमेय संख्या गया तो वही इस कथन है में चेक करना है कि क्या यह बात सत्य है की दो परिमेय संख्याओं का गुणनफल होता है वह सदा एक अपरिमेय संख्या नहीं होता है यह बात सत्य है क्योंकि आप अभी हम देखें कि हां वह जो अंडर रूट 3 * रूट भाई यह दोनों अपरिमेय संख्या था जब हम दोनों के यहां पर गुनाह किए हमारा क्या आ गया अंडर रूट 15 एक अपरिमेय संख्या है जबकि यहां पर देखा कि अंडर रूट थ्री यह भी एक अपरिमेय संख्या है और अंडर रूट 3 एक अपरिमेय संख्या है यह दोनों काम किया कि यहां बाबू ना कि हमारा क्या आगे अंडर-19 आ गया और इसका मान कितना होगा तीन जोकि 13 क्या है हमारा परिमेय संख्या है यह हमारा स्पष्ट हो जाता है कि जो 2 अपरिमेय संख्या होता है उसका गुणनफल सदैव अपरिमेय संख्या नहीं होता है तो दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं कि यह क्वेश्चन जो दिया हुआ था आप को बहुत अच्छी तरह से समझ में आया होगा थैंक यू

किन्हीं दो अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल क्या होता है?

sqrt(2)=(sqrt(2))^(2)=2` जोकि एक परिमेय संख्या है। पहली दशा में दो अपरिमेय संख्याओं का योगफल एक परिमेय संख्या है और दूसरी दशा में दो अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल एक परिमेय संख्या है।

क्या एक परिमेय संख्या और एक अपरिमेय संख्या का गुणनफल एक परिमेय संख्या होता है?

एक शून्येतर परिमेय संख्या और एक अपरिमेय संख्या का गुणनफल अपरिमेय होता है ।

1 i क्या दो परिमेय संख्याओं का गुणनफल एक परिमेय संख्या या अपरिमेय संख्या होता है उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए?

दो परिमेय संख्याओं का योगफल और गुणनफल सदैव एक परिमेय संख्या होता है। परंतु दो अपरिमेय संख्याओं का न दो परिमेय संख्याओं का योगफल और गुणनफल सदैव एक परिमेय संख्या होता है। परंतु दो अपरिमेय संख्याओं का न तो योगफल और न ही गुणनफल सदैव एक अपरिमेय संख्या होता है।

परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल क्या होता है?

अपरिमेय संख्याएँ वे संख्याएँ होती हैं जिन्हें हम साधारण भिन्नों a/b के रूप में निरूपित नहीं कर सकते हैं, और b शून्य के बराबर नहीं हो। जब हम कोई दो परिमेय संख्याएँ जोड़ते हैं तो उनका योग सदैव परिमेय रहता है। लेकिन यदि हम एक परिमेय संख्या को एक परिमेय संख्या के साथ जोड़ते हैं तो योग हमेशा एक अपरिमेय संख्या होगी।