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हमारे जीवन मे ‘अनुशासन’ एक ऐसा गुण है, जिसकी आवश्यकता मानव जीवन में पग-पग पर पड़ती है। इसका प्रारम्भ जीवन में बचपन से ही होना चाहिये ओर यही से ही मानव के चरित्र का निर्माण हो सकता है । अनुशासन शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है – अनु, शास्, अन, । विशेष रूप से अपने ऊपर शासन करना तथा शासन के अनुसार अपने जीवन को चलाना ही अनुशासन है । अनुशासन राष्ट्रीय जीवन का प्राण है । यदि प्रशासन, स्कूल समाज, परिवार सभी जगह सब लोग अनुशासन में रहेंगे और अपने कर्त्तव्य का पालन करेंगे, अपनी ज़िम्मेदारी समझेंगे तो कहीं किसी प्रकार की गड़बड़ी या अशांति नहीं होगी । नियम तोड़ने से ही अनुशासनहीनता बढती है तथा समाज में अव्यवस्था पैदा होती है । बड़े होकर अनुशासन सीखना कठिन है । अनुशासन का पाठ बचपन से परिवार में रहकर सीखा जाता है । बचपन के समय मे अनुशासन सिखाने की जिम्मेदारी माता-पिता तथा गुरूओं की होती है । अनुशासन ही मनुष्य को एक अच्छा व्यक्ति व एक आदर्श नागरिक बनाता है । विद्यालय जाकर अनुशासन की भावना का विकास होता है । अच्छी शिक्षा विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करना सिखाती है । वास्तव में अनुशासन-शिक्षा के लिये विद्यालय ही सर्वोच्च स्थान है । विद्यार्थियों को यहाँ पर अनुशासन की शिक्षा अवश्य मिलनी चाहिये । ताकि उनका सामाजिक दृष्टी से सम्पूर्ण विकास हो सके । उन्हें सदा गुरुओं की आज्ञा का पालन करना चाहिये । अनुशासनप्रिय होने पर ही हर विद्यार्थी की शिक्षा पूर्ण समझी जानी चाहिये । सच्चा अनुशासन ही मनुष्य को पशु से ऊपर उठाकर वास्तव में मानव बनता है । दर से अनुशान का पालन करना सच्चा अनुशासन नहीं है और ना ही अनुशासन पराधीनता है । यह तो सामाजिक तथा राष्ट्रीय आवश्यकता है । पाश्चात्य देशों में भी शिक्षा का उद्देश्य जीवन को अनुशासित बनाना है । अनुशासित विद्यार्थी अनुशासित नागरिक बनते हैं, अनुशासित नागरिक एक अनुशासित समाज का निर्माण करते हैं और एक अनुशासित समाज पीढ़ियों तक चलने वाली संस्कृति की ओर पहला कदम है । अनुशासन का पाठ वास्तव मे प्रेम का पाठ होता है, ना कि कठोरता का । अतः इसे प्रेम के साथ सीखना चाहिये । बालक को अनुशासन का पाठ पढ़ाते समय कु्छ कठोर कदम उठाने आवश्यक हैं लेकिन आज कल माता-पिता अपने बच्चों को बाल्या अवस्था में, अति प्रेम में आकर उन्हे कुछ छुट दे देते है जिसेस उनमे अनुशासन की कमी आ जाती है ओर इस बात का पता उन्हे समय निकल जाने के बाद होता है । आज हमारे जीवन मे अनुशासन की सख्त आवश्यकता है अनुशासन जीवन के विकास का अनिवार्य तत्व है, जो अनुशासित नहीं होता, वह दूसरों का हित तो कर नहीं पता, स्वयं का अहित भी टाल नहीं सकता । जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का महत्व है । अनुशासन से धैर्य और समझदारी का विकास होता है । समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है । इससे कार्य क्षमता का विकास होता है तथा व्यक्ति में नेतृत्व की शक्ति जाग्रत होने लगती है । इसलिये हमे हमेशा अनुशासनपूर्वक आगे बढने का प्रयत्न करना चाहिए । मानव जीवन की सफलता का एक मात्र ‘अनुशासन’ मंत्र है । अनुशासन (सूक्तियाँ)
~The Unique Manu अनुशासन का महत्व पर निबंध, कहानी, कविता (Anushasan Ka Mahatva or Importance of Discipline meaning, type, benefits, quotes, poem in hindi)
अनुशासन का महत्व पर निबंधजब हम पैदा होते हैं, तो उसके बाद हमें अलग – अलग लोगों द्वारा अच्छी आदतें सिखाई जाती है, ये अच्छी आदतें हमें इसलिए सिखाई जाती है, ताकि हम एक अच्छे इन्सान बन सकें. ये आदतें हमें हमारे बड़ों यानि हमारे माता – पिता एवं शिक्षकों द्वारा प्रदान की जाती है, जोकि हमारे जीवन को आसान बना देती है. उन सभी अच्छी आदतों में सबसे अच्छी आदत है, अनुशासन का पालन करना. वे हमें बचपन से ही अनुशासन जैसी अच्छी आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं. इस लेख में हम आपको अनुशासन का हमारे जीवन में महत्व एवं उससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसलिए हमारे लेख को अंत तक पढ़ें. अनुशासन क्या है? (What is Discipline Meaning)कोई व्यक्ति हो या संस्था हो या राष्ट्र हो, जब वे अपने विकास के लिए कुछ नियम निर्धारित करते हैं, तो उसे अनुशासन कहा जाता है. अतः दूसरे शब्दों में कहें तो अनुशासन एक ऐसी आदत है, जोकि मनुष्य जीवन में बहुत मायने रखती है. अनुशासन को यदि अलग – अलग किया जाये, तो अनु और शासन दो शब्द मिलते हैं, जिसका अर्थ होता है खुद के ऊपर शासन करना. यानि यदि आप नियमित रूप से नियमों का पालन करते हैं, तो इससे आपका दिमाग एवं शरीर दोनों नियंत्रित रहते हैं. रोजमर्रा की जिन्दगी में आप सुबह से उठकर रात तक जो भी कार्य करते हैं, वह आपका रोज का नियम होता है और जब आप उन नियमों का पालन करते हैं, तो इसे अनुशासन कहा जाता है. अनुशासन के प्रकार (Types of Discipline)अनुशासन के विभिन्न लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार बताएं गए है. यहाँ हम कुछ प्रकार के अनुशासन के बारे में बताने जा रहे हैं जोकि इस प्रकार है–
अनुशासन के लाभ (Benefits of Discipline)अनुशासित होना जीवन में कई फायदे और लाभ प्राप्त करने का एक तरीका है. इससे होने वाले कुछ लाभ इस प्रकार हैं –
अतः ऊपर दिए हुए सभी लाभ आपके जीवन को सफल एवं सरल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. अनुशासन का हमारे जीवन में महत्वअनुशासन से होने वाले लाभ के बारे में तो आपने जान लिया अब यह जानते हैं कि यह हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है. इसके लिए निम्न बिन्दुओं पर नजर डालें –
इस तरह से जीवन में अनुशासन बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है. अनुशासन का विद्यार्थी जीवन में महत्वकिसी विद्यार्थी को बेहतर शिक्षा तभी प्राप्त हो सकती है जब वह अनुशासन में रहकर कार्य करते हैं. इसलिए कहा जाता है कि अनुशासन सीखे बिना शिक्षा अधूरी है. कक्षा में सिखाया गया अनुशासन छात्रों को अच्छी तरह से शिक्षा प्राप्त करने में और पूरे पाठ्यक्रम को समझने में मदद करता है. जब वे समय पर उठते है और समय पर स्नान और नाश्ता कर स्कूल जाते हैं तो यह अनुशासन ही हैं जो उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित करता है. विद्यार्थियों के स्कूलों में सिखाया जाने वाला अनुशासन उन्हें स्वस्थ रहने में मदद करता है, जोकि उनके शरीर और दिमाग दोनों के विकास के लिए अच्छा है. इसलिए एक विद्यार्थी को बचपन से ही अनुशासन जैसी अच्छी आदतें सिखाई जाती है जोकि उनके लिए जीवन भर फायदेमंद रहती है. अनुशासन पर सुविचार (Discipline Quotes)
इस तरह से हमें अनुशासन को अपने जीवन में लागू कर एक अनुशासित व्यक्ति बनना चाहिए. और अपने जीवन जीने के तरीके को आसन बनाना चाहिए तभी हम सफलता की राह पर चल सकते हैं. अन्य पढ़े
अनुशासन का व्यक्ति के जीवन में क्या महत्व है?अनुशासित व्यक्ति आज्ञाकारी होता है और उसके पास उचित सत्ता के आज्ञा पालन के लिये स्व-शासित व्यवहार होता है। अनुशासन पूरे जीवन में बहुत महत्व रखता है और जीवन के हर कार्यों में इसकी जरुरत होती है। यह सभी के लिये आवश्यक है जो किसी भी प्रोजेक्ट पर गंभीरता से कार्य करने के लिये जरुरी है।
व्यक्तिगत अनुशासन क्या है?अर्थात स्वयं का स्वयं पर शासन। अनुशासन शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है। अपने ऊपर स्वयं शासन करना तथा शासन के अनुसार अपने जीवन को चलाना ही अनुशासन है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का महत्व है।
हमें अनुशासन में क्यों रहना चाहिए?अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है क्योंकि योजना के अनुसार कुछ भी नहीं होता है। अगर हमें किसी भी कार्य को पूरा करने के बारे में सही तरीके से अपनी रणनीति को लागू करना है, तो हमें पहले अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। अनुशासन चीजों को आसान बनाता है और हमारे जीवन में सफलता लाता है।
अनुशासन हमें क्या सिखाता है?अनुशासित व्यक्ति ही समाज और जीवन में सम्मान पाते हैं। अनुशासन हमें वक्त की कदर करना सिखाता है, जो कि लक्ष्य प्राप्ति और राष्ट्र निर्माण व विकास में सहायक है। जीवन में प्रारम्भ से ही अनुशासन का विशेष महत्च रहा है। आज के संदर्भ में यदि बात करें तो अनुशासन सभी के जीवन का आवश्यक अंग होना चाहिए।
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