आगमन विधि ( Inductive Method) आरसतू :- यह विधि शिक्षण अधिगम की सबसे अच्छी विधि है because इस विधि में नये ज्ञान को खोजने का अवसर मिलता है जो अनुसंधान की राह प्रदान करता है इस विधि में चीजों को Attempt करने का अवसर मिलता है लोगों को उस ज्ञान की जरुरत होती है जिससे कुछ नया अविष्कार होता है…. आगमन विधि के key points :- Show ( 1 ) समस्या को खोजकर हम एक निकर्षण पर पहुचते हैं जिससे आत्मविश्वास में व्रद्धि होती है और यह विधि करके सीखने पर आधारित है… ( 2 ) परिस्थितियों Situation के अनुसार नियम बनाकर उसको implement किया जाता है जिससे रटने की प्रव्रति का अत होता है और अनुभव बढ़ जाता है… ( 3 ) समस्या आने पर हम उसको Explore करते हैं जिससे अनुसंधान किया जाता है और हम Solution तक पहुँच जाते हैं… आगमन विधि की विशेषताएं Rashmi Savle — 🔅आगमन और निगमन विधि🔅 🔆आगमन विधि➖शिक्षण अधिगम की सर्वोत्तम विधि है।यह नए ज्ञान को खोजने के अवसर प्रदान करती है एवं अनुसंधान मार्ग को भी प्रशस्त करती है। ▪️ आगमन विधि के दोष➖ Vaishali — ☀️ आगमन विधि ☀️ इस विधि में हम दोष रवि कुशवाहा —– आगमन विधि -: ◆ आगमन विधि में सबसे पहले विषय वस्तु से सम्बन्धित उदाहरण दिये जाते हैं और उदाहरणों के आधार पर नियम स्थापित किये जाते हैं । ◆ यह छात्र केन्द्रित विधि है । यह विधि मूर्त से अमूर्त की ओर , ज्ञात से अज्ञात की ओर , स्थूल से सूक्ष्म की ओर , सरल से कठिन की ओर सिद्धान्त पर कार्य करती है । ◆ व्याकरण शिक्षण हेतु सर्वोत्तम विधि है । इसे व्याकरण शिक्षण की वैज्ञानिक विधि कहते हैं । निगमन विधि -: ◆ इसे सूत्र प्रणाली या संश्लेषण प्रणाली कहते हैं । ◆ निगमन विधि में पहले नियमों का ज्ञान कराया जाता है फिर उदाहरण दिये जाते हैं । ◆ उदाहरण के आधार पर समझाया जाता है । इस विधि को सिद्धान्त प्रणाली भी कहते हैं । ◆ यह शिक्षक केन्द्रित विधि है । इस विधि का प्रयोग उच्च कक्षाओं में किया जाता है । ◆ निगमन विधि आगमन विधि के ठीक विपरीत कार्य करती है । Jay Prakash Maurya —— ★आगमन विधि★ —– 🌸आगमन विधि- 🌸 🌻उदाहरण के लिए- जब हम बच्चों की संज्ञा पढ़ाते है तो पहले सारे बच्चे से 1,1उदाहरण पुछते है फिर नियम बना कर कहते हैं कि यही संज्ञा है ।।।🌻,,,,, 🌼 निगमन विधि🌼- यह एक आमनोविज्ञान विधि है । 🌸इसमें छात्र स्वयं नियम नहीं बनाते, बल्कि शिक्षक उन्हें पहले बने नियमों, उदाहरणों, प्रयोगों ओर अनुभवों आदि से अवगत करवा देते है ओर उन्हें कुछ प्रश्नो के हल करके दिखा दिया जाता है|🌸 —— Inductive method Deductive method {nigman vidhi]} By- Chahita acharya —— ✍🏻 शिक्षा जगत मेँ शिक्षा को रुचिकर और सरल बनाने के लिए भिन्न भिन्न शिक्षाबीदो और मनोवैज्ञानिको का अपनी – अपनी अहम् भूमिका है। उन्ही विधियो मेँ से अरस्तु द्वारा दी गयी विधी आगमन विधी और निगमन विधी है (inductive method or deductive method) ✨️आगमन विधी ✨ आगमन विधी, मेँ शिक्षा को सरल और वास्तविक जीवन से सम्बंधित करके चीजो को बताया जाता है। इस विधी के द्वारा एक समस्या दी जाती है और उस समस्या का हल तर्कपूर्ण ढंग से, अपनी सोच, छमता,बुद्धी के आधार पर किया जाता है। बच्चे के स्तर से देखा जाये तो इसमें बच्चा एक खोजकर्ता और अनुशन्धानकर्ता के रूप मेँ कार्य करता है। (जो हमारे देश की रीड की हड्डी है ) इस विधी मेँ हम : उदहारण से नियम स्थूल से सूक्ष्म विशिष्ट से सामान्य ज्ञात से अज्ञात मूर्त से अमूर्त की ओर जाते है। —— आगमन विधि /निगमन विघि :- आगमन विधि अरस्तु ने दिया है आगमन विधि के गुण 🌸🌸🌸🌸 आगमन विधि के दोष 🌸🌸🌸🌸 निगमन विधि 🌸🌸🌸🌸 Neha Roy —– आगमन विघि और निगमन विघि : यह विधि अरस्तु के द्वारा दिया गया है आगमन विधि आगमन विधि शिक्षण अधिगम की सबसे सर्वोत्तम विधि है। जिसमें बच्चे समस्या को खोजने के लिए जोर देते हैं। इस विधि के द्वारा ने ज्ञान को खोजने का अवसर मिलता है ,और अनुसंधान करने की क्षमता भी विकसित होती है इस विधि के द्वारा नियम बनाने की क्षमता भी विकसित होती है, और बच्चों में इस विधि के द्वारा आत्मविश्वास की भावना भी विकसित होता है इस विधि से प्राप्त ज्ञान स्थाई होता है यह विधि रटने पर जोर नही देता है। यह विधि छोटे बच्चों के लिए सबसे उपयुक्त विधि होती है : 🌸यह विधि उदाहरण से नियम की ओर चलती है, 🌸 विशिष्ट से सामान्य 🌸 स्थूल से सूछ्म की ओर 🌸सरल से जटिल की ओर 🌸 ज्ञात से अज्ञात की ओर🌸 मूर्त से अमूर्त की ओर चलते हैं🌸 आगमन विधि के दोष : हर चीज को इस विधि के द्वारा नही बताया जा सकता है यह विधि शिछक और छात्र के लिये उपयुक्त नही हो पाती है। समय भी बहुत लगता है। 🌸 निगमन विधि : ( अरस्तु) यह विधि नियम से उदाहरण की ओर होती है, 🌸 इस विधि मे छात्र को अधिक अवसर प्राप्त नहीं होता है क्योंकि इस विधि में बच्चों को पहले से ही टीचर नियम बता देते हैं 🌸 कम समय में अधिक ज्ञान 🌸 इस विधि में बच्चों में आत्मविश्वास की भी कमी होती है🌸 निगमन विधि बड़े बच्चों के लिए उपयुक्त होती 🌸 इसमें ज्ञान अस्थाई होता विशिष्ट से सामान्य का सिद्धांत कौन सी विधि में है?Additional Informationनिगमन सिद्धांत में 'सामान्य से विशिष्ट' का प्रयोग किया जाता है। इस विधि में, एक प्रश्न को छोटे भागों में विभाजित किया जाता है और फिर उसे हल किया जाता है। यह प्रयोगात्मक समस्याओं का समाधान करने की एक विधि है। यह कुछ तत्वों या तथ्यों के संयोजन द्वारा एक समस्या को हल करने के लिए है।
अज्ञात से ज्ञात की ओर कौन सी विधि होती है?आगमन विधि में ज्ञात से अज्ञात की ओर, सरल से जटिल और की ओर चलकर मूर्त उदाहरणों द्वारा बालको से समाने नियम निकलवाने जाते हैं। ... इस विधि में बालक उदाहरणों का विश्लेषण करते हुए सामान्य नियम समय निकाल लेते हैं।
अमूर्त से मूर्त की ओर कौन सी विधि है?मूर्त एसेट्स का भौतिक रूप होता है, जबकि अमूर्त एसेट केवल कागज पर मौजूद होती है और इसमें कोई भौतिक गुण नहीं होता है।
निगमन विधि का जनक कौन है?आगमन निगमन विधि के जनक/प्रतिपादक अरस्तू हैं।
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