विपत्ति में सहायक कौन होता है? - vipatti mein sahaayak kaun hota hai?

निम्नलिखित दोहों को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये:
रहिमन निज संपति बिना, कोउ न बिपति सहाय।
बिनु पानी ज्यों जलज को, नहिं रवि सके बचाया ।। 
विपत्ति में कौन सहायक होता है?

  • सगे-सम्बन्धी
  • मित्र
  • धन-दौलत
  • धन-दौलत

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर गए पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
‘धागा प्रेम का, में निहित अलंकार है?

  • उपमा
  • रूपक
  • श्लेष
  • श्लेष

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर गए पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
प्रेम का धागा टूटने पर क्या होता है?

  • जुड़ता नहीं
  • गाँठ पड़ जाती है

  • पहले जैसे नहीं रहता
  • पहले जैसे नहीं रहता

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर गए पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
कवि किस धागे को कभी न तोड़ने के लिए कहते हैं?

  • रेशमी
  • सूती
  • टूटे हुए
  • टूटे हुए

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर गए पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
प्रेम रूपी धागा तोड़ने का क्या परिणाम होता है?

  • अखडं एवं निश्चल नहीं रहता
  • गाँठ पड़ जाती है।
  • मन में ग्रन्थि रह जाती है
  • मन में ग्रन्थि रह जाती है


A.

अखडं एवं निश्चल नहीं रहता

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निम्नलिखित दोहों को पढ़कर गए पूछे प्रशनों के उत्तर दीजिए
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
प्रेम रूपी धागा जुड़ जाने पर क्या होता है-कौन-सा कथन असत्य है।

  • सम्बन्धों में मधुरता नहीं रहती। 
  • मन में विवाद उत्पन्न होते है।
  • व्यवहार में कठोरता रह जाती है।
  • व्यवहार में कठोरता रह जाती है।


C.

व्यवहार में कठोरता रह जाती है।

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विपत्ति में व्यक्ति का सहायक कौन होता है?

उत्तरः रहीम के अनुसार, वही जल स्त्रोत या साधन मनुष्य के लिए उपयोगी होता है जो उसके काम आता है।

विपत्ति में कौन सहायक होता है * 2 points?

* मित्र संपति

विपत्ति में कौन काम आता है?

विपत्तिमें इंसान के काम केवल इंसान ही आता है। इंसान व्यर्थ में ही मोहमाया के पीछे भागता रहता है। माया क्षणिक होती है और अशांति का कारण होती है। मनुष्य को आत्मीय शांति के लिए गुरू की शरण में आना चाहिए।

रहीम के अनुसार कौन सी विपदा अच्छी होती है?

रहिमन विपदा हू भली, जो थोरे दिन होय। अर्थ: रहीम कहते हैं कि यदि विपत्ति कुछ समय की हो तो वह भी ठीक ही है, क्योंकि विपत्ति में ही सबके विषय में जाना जा सकता है कि संसार में कौन हमारा हितैषी है और कौन नहीं। 20. वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग।