NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 6 उषा are part of NCERT Solutions for Class 12 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 6 उषा. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास कविता के साथ प्रश्न 1. प्रश्न 2. अपनी रचना अपने परिवेश के उपमानों का प्रयोग करते हुए सूर्योदय और सूर्यास्त का शब्दचित्र खींचिए। आपसदारी सूर्योदय का वर्णन लगभग सभी बड़े कवियों ने किया है। प्रसाद की कविता ‘बीती विभावरी जाग री’ और अज्ञेय की ‘बावरा अहेरी’ की पंक्तियाँ आगे बॉक्स में दी जा रही हैं। ‘उषा’ कविता के समानांतर इन कविताओं को पढ़ते हुए नीचे दिए गए बिंदुओं पर तीनों कविताओं का विश्लेषण कीजिए और यह भी बताइए कि कौन-सी कविता आपको ज्यादा अच्छी लगी और क्यों? शब्द चयन
उत्तर: तीनों ही कवियों ने साधारण बोलचाल के शब्दों का सुंदर एवं स्वाभाविक प्रयोग किया है। तीनों कवियों ने सूर्योदय का मनोहारी चित्रण किया है। हमें शमशेर बहादुर सिंह द्वारा रचित ‘उषा’ शीर्षक की कविता सबसे अच्छी लगती है। कारण यही है कि ‘बावरी अहेरी’ और ‘बीती विभावरी जाग री’ शीर्षक कविताएँ उपमानों, शब्द योजना की दृष्टि से ‘उषा’ कविता की अपेक्षा कठिन प्रतीत होती है। ‘उषा’ कविता आम पाठक की समझ में शीघ्र आ जाती है। अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. We hope the given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 6 उषा will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 6 उषा, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. उषा कविता में शंख से लीपा हुआ क्या बताया गया है?'उषा' कविता में प्रात:कालीन आकाश की पवित्रता के लिए कवि ने उसे 'राख से लीपा हुआ चौका' कहा है। जिस प्रकार चौके को राख से लीपकर पवित्र किया जाता है, उसी प्रकार प्रात:कालीन उषा भी पवित्र है। आकाश की निर्मलता के लिए कवि ने 'काली सिल जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो' का प्रयोग किया है।
उषा कविता में सिल व स्लेट के वर्णन द्वारा क्या स्पष्ट किया गया है?कवि ने आकाश के रंग के बारे में सिल का उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया है कि यह आकाश ऐसा लगता है जैसे किसी काली सिल पर केसर धुल-सी गई हो। स्लेट का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि आकाश ऐसा लगता है जैसे किसी ने स्लेट पर लाल रंग की खड़िया मिट्टी मल दी हो।
राख से लीपा हुआ चौका के द्वारा कवि ने क्या कहना चाहा है?'राख से लीपा हुआ चौका' के द्वारा कवि ने क्या कहना चाहा है ? उत्तर ⇒ सूर्योदय के समय आसमान के वातावरण में नमी दिखाई दे रही है और वह राख से लीपा गीला चौका-सा लग रहा है। इससे उसकी पवित्रता झलक रही है। कवि ने सूर्योदय से पहले आकाश को राख से लीपे चौके के समान इसलिये बताया है ताकि वह उसकी पवित्रता को अभिव्यक्त कर सके।
V उषा शीर्षक कविता में राख से लीपा हुआ चौका के द्वारा कवि ने क्या कहना चाहा है ?`?उत्तर: कवि को सुबह का आकाश ऐसा लगता है कि मानो चौका राख से लीपा गया हो तथा वह अभी गीला हो। जिस तरह गीला चौका स्वच्छ होता है, उसी प्रकार सुबह का आकाश भी स्वच्छ होता है, उसमें प्रदूषण नहीं होता।
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