मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से Show नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ भारत में कई तिथियाँ शहीद दिवस के रूप में मनायी जातीं हैं, जिनमें मुख्य हैं- 30 जनवरी, 23 मार्च इत्यादि। 30 जनवरीमहात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948 को गांधी की हत्या कर दी गयी थी।[1] अन्य प्रमुख तिथियाँ
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Author: Priyanka SinghPublish Date: Wed, 23 Mar 2022 09:01 AM (IST)Updated Date: Wed, 23 Mar 2022 09:01 AM (IST) Shaheed Diwas 2022 23 मार्च को शहीद दिवस भारत के तीन महान क्रांतिकारियों भगत सिंह शिवराम राजगुरु और सुखदेव की याद में मनाया जाता है। आज ही के दिन इन तीनों क्रांतिकारियों को लाहौर में फांसी दी गई थी। नई दिल्ली, लाइफस्टालइल डेस्क, Shaheed Diwas 2022: भगत सिंंह जैसे अनोखे ही व्यक्तित्व दुनिया के इतिहास में हुए होंगे, जिन्होंने इतनी कम उम्र में ऐसे प्रतिमान स्थापित कर दिए हों कि आने वाली पीढ़ियों में सभी जाति, पंथ, वर्गों के लोग उन्हें अपना आदर्श मानकर अपने दिल में जगह देकर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हों। भले ही वह आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके विचार गुजरते समय के साथ और भी प्रासंगिक होते गए। शहीद दिवस क्या है? भारत में शहीद दिवस 2 अलग-अलग तारीखों को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है जिन्होंने देश के लिए हंसते- हंसते अपना प्राणों का बलिदान दे दिया। 30 जनवरी को शहीद दिवस महात्मा गांधी की याद में मनाया जाता है और 23 मार्च को यह दिन भारत के तीन बहादुर क्रांतिकारियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव की याद में मनाया जाता है। 23 मार्च, 1931 को इन तीनों क्रांतिकारियों को लाहौर में फांसी दी गई थी। 23 मार्च को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है? 27 सितंबर, 1907 को तत्कालीन पश्चिमी पंजाब के लायलपुर में जन्मे भगत सिंह ने मात्र 23 वर्ष की आयु में फांसी के फंदे को चूमकर राजगुरू व सुखदेव के साथ अपने प्राण मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए न्योछावर कर दिए थे। भगत सिंह को 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी लेकिन उन्हें 11 घंटे पहले ही 23 मार्च 1931 को शाम 7.30 फांसी पर चढ़ा दिया गया। फांसी के समय कहा जाता है कि भगत सिंह मुस्कुरा रहे थे और उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए फांसी के फंदे को चूमा था। कुछ लोग कहते हैं कि भगत सिंह की आखिरी इच्छा थी कि उन्हें फांसी पर लटकाने की जगह गोली मार दी जाए। देश की नई पीढियों को ऐसे महान क्रांतिकारियों के काम और विचारों को अपनाने की जरूरत है जिससे देश की बागडोर कर्तव्यनिष्ठ हाथों में बनी रहे।
Edited By: Priyanka Singh शहीद दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?जैसा कि, हम जानते हैं कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की याद में शहीद दिवस या शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है और 23 मार्च को भारत के तीन असाधारण युद्ध सेनानियों के बलिदान को याद करने के लिए शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है.
भारत में शहीदी दिवस कब मनाया जाता है?भारत में कई तिथियाँ शहीद दिवस के रूप में मनायी जातीं हैं, जिनमें मुख्य हैं- 30 जनवरी, 23 मार्च इत्यादि।
शहीद दिवस कब मनाया जाता है 2022?National Forest Martyrs Day 2022, History of Khejarli Massacre: भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 11 सितंबर को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था. 11 सितंबर को जोधपुर में खेजड़ली नरसंहार हुआ था जिसमें 350 से ज्यादा लोगों मौत के घाट उतार दिया था.
23 मार्च को कौन सा त्यौहार है?कई युवा भारतीयों के लिए भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव प्रेरणा के स्रोत बने हैं। ब्रिटिश शासन के दौरान भी, उनके बलिदान ने कई लोगों को आगे आने और अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। यही कारण है कि इन तीनों क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाता है।
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