विषयसूची हमें कैसे मित्रों से दूर रहना चाहिए?Chanakya Niti Hindi: चाणक्य ने मानव के जीवन को प्रभावित करने वाले सभी रिश्तों को बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. दोस्त धोखा दे तो क्या करना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंखुद को शांत रखें (Keep yourself Calm) किसी ने अगर आपको धोखा दिया है तो इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं कि आप सिर्फ दुखी हो जाएं। आप हर पल यही सोचते रहें कि आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ। बल्कि ये समय खुद को संभालने और स्थिति को हैंडल करने का है। व्यक्ति को कैसे पहचाने? इसे सुनेंरोकेंइंसान की पहचान उसके गुणों से की जा सकती है। वैसे सभी में कुछ गुण अौर अवगुण होते हैं परंतु कुछ लोगों में अवगुण अधिक होते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए। छोटी-छोटी बात पर क्रोधित होना, झूठ बोलना, दूसरों का अपमान करना, अहंकार आदि अवगुण होने वाला व्यक्ति श्रेष्ठ नहीं माना जाता। अच्छे दोस्त की पहचान क्या है? इसे सुनेंरोकें-सच्चा दोस्त गलती करने पर फौरन सलाह देता है और आपके पीछे हमेशा आपका बचाव करता है। -सच्चे दोस्त की पहचान संकट के वक्त के साथ दोस्त के अच्छे वक्त में भी होती है। जो अपने दोस्त की सफलता को एंजॉय कर सके, वही सच्चा दोस्त है। कई बार संकट में दो लोग अच्छे दोस्त नजर आते हैं लेकिन एक की सफलता दूसरे को उससे दूर कर देती है। ४ स्वमत लिखो सच्चे मित्र की पहचान कैसे करोगे?इसे सुनेंरोकेंसच्चे मित्र की पहचान विपत्ति के समय ही होती है। जो मित्र विपत्ति में आपका साथ दे वही सच्चा मित्र है। जो मित्र आपकी खुशी में शामिल होता है और दुख आने पर आपसे दूर हो जाता है तो वह आपका सच्चा मित्र नहीं है। ऐसा मित्र शत्रु से भी ज्यादा खतरनाक है। धोखेबाज को कैसे सबक सिखाएं?इसे सुनेंरोकेंआप घबराइए मत उस समय ज्यादा कुछ न बोले आप भी उसी प्रकार किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए नाटक करें प्रेम का चक्कर चलाइए उनके अगल बगल में जैसे कि उन्हें सब कुछ पता हो जाए इसी में आप पर टूट पड़ेंगे लेकिन घबराना नहीं है । अगर किसी धोखेबाज को सही रास्ते पर लाना है तो आपको इस प्रकार के व्यवहार करना जरूरी है । सच्ची मित्रता में समय के साथ क्या क्या परिवर्तन होता है? इसे सुनेंरोकेंमित्रता जिसमें हम सिर्फ सुख के समय की कामना नहीं कर सकते हैं। क्योंकि कई बार दुख की घड़ी में भी हमारे मित्र हमारी ढाल बन सकते हैं और सच्चा मित्र वही होता है जो दुख की घड़ी में आपके साथ ढाल बनकर खड़ा रहे। सच्ची मित्रता करने का कोई उचित समय नहीं होता है और ना ही उचित व्यक्ति होता है। सच्चे मित्र के क्या लक्षण है? इसे सुनेंरोकेंनीतिकारों ने सच्चे मित्र के कई लक्षण बताए हैं। जैसे मित्र अपने साथी को पाप करने से रोकता है, उसे हितकर कायरें को अंजाम देने के लिए प्रेरित करता है, उसकी गुप्त बातें किसी को नहीं बताता। मित्र अपने दोस्त की विपत्ति में और उसके कष्ट को दूर करने में सहायता करता है। अपनी उन्नति चाहने वालों को कितने दोस्तों को त्याग देना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंबेहतर जीवन व्यतीत करने के लिए आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र ग्रंथ में कई तरह की नीतियों का बखान किया है. उनकी नीतियां व्यक्ति को जीने की कला सिखाती हैं. श्लोक के माध्यम से उन्होंने बताया है कि व्यक्ति को किन आदतों को त्याग देना चाहिए. आइए जानते में उन 6 लोगों के बारे में… सच्चे दोस्त की पहचान कैसे हो?एक अच्छे मित्र या सच्चे मित्र के दस गुण
Chanakya Niti Hindi: चाणक्य ने मानव के जीवन को प्रभावित करने वाले सभी रिश्तों को बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. स्वमत सच्चे मित्र की पहचान कैसे करोगे?सच्चे मित्र की पहचान विपत्ति के समय ही होती है। जो मित्र विपत्ति में आपका साथ दे वही सच्चा मित्र है। जो मित्र आपकी खुशी में शामिल होता है और दुख आने पर आपसे दूर हो जाता है तो वह आपका सच्चा मित्र नहीं है। ऐसा मित्र शत्रु से भी ज्यादा खतरनाक है।
सच्चे दोस्त की पहचान कैसे करें?सच्चा मित्र आप को, आप जैसे हैं वैसे ही स्वीकार करता है। सच्चे मित्र हमेशा आप के पास रहते हैं। ये लोग, मुश्किल हालात से निपटने में आप की मदद करते हैं और हर घड़ी आप का साथ देते हैं। एक सच्चा मित्र कभी भी आप की पीठ-पीछे बुराई नहीं करता या फिर वह कभी भी आप की चीज़ें नहीं चुराता या आप से झूठ भी नहीं बोलता।
सच्चे मित्र की क्या पहचान है उसकी दो विशेषताएं लिखिए?आपके सच्चे मित्र आपको कभी नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करते. वह आपसे हमेशा शांति से बात करते हैं, ना कि मतभेद को बढ़ाने का काम करते हैं. वह आपसे हमेशा आपके गुणों के बारे में बात करते हैं, ना कि आपकी कमियों के बारे में. हाँ आपकी कमियों का उल्लेख वे आपको प्रोत्साहित करने के लिए करते हैं, न की आपको नीचा दिखाने के लिए.
सच्चे मित्र की क्या विशेषता होती है class 7?सच्चे मित्र की क्या विशेषता होती है? Answer: सच्चा मित्र सदैव मार्गदर्शक होता है, सच बोलता है, प्रत्येक कार्य में सहयोगी होता और संकट के समय मित्र का साथ नहीं छोड़ता।
|