स्टाम्प एक्ट का उपनिषद वालों ने क्यों विरोध किया? - staamp ekt ka upanishad vaalon ne kyon virodh kiya?

स्टांप एक्ट का उपनिवेश वालों ने क्यों विरोध किया?...


Faiz

Software Tester at Cognizant Technology Solutions.

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स्टाम्प एक्ट का उपनिषद वालों ने क्यों विरोध किया? - staamp ekt ka upanishad vaalon ne kyon virodh kiya?

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

निवेशकों को जो है ज्यादा भारी परमाना पढ़ना वरना प्रताप 142 से टैक्स भर रहे थे लेकिन उसके बाद अगर निवेश करते हैं तो उस भी जो है वह टैक्सेबल इनकम पर बिजी है उसे दोबारा टैक्स भरना पड़ता है

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स्टाम्प एक्ट का उपनिषद वालों ने क्यों विरोध किया? - staamp ekt ka upanishad vaalon ne kyon virodh kiya?

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  • स्टांप एक्ट का उपनिवेश वालों ने क्यों विरोध किया था - STAMP act ka upnivesh walon ne kyon virodh kiya tha

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विषयसूची

  • 1 स्टाम्प अधिनियम का Upnivesh वालों ने क्यों विरोध किया?
  • 2 स्टाम्प एक्ट कब लागू हुआ?
  • 3 स्टैम्प एक्ट के बारे में आप क्या जानते है?
  • 4 जमीन की सरकारी रेट कैसे पता करें?
  • 5 जमीन का सरकारी रेट क्या है?
  • 6 जमीन का सरकारी रेट कैसे पता करें?

इसे सुनेंरोकेंइस विरोध का कारण आर्थिक न होकर सैद्धान्तिक था। अमेरिकी यह मानते थे कि अंग्रेजी सरकार को बाहरी कर लगाने का अधिकार तो हैं परन्तु आन्तरिक कर केवल स्थानीय मंडल ही लगा सकते हैं। इस कारण ” बिना प्रतिनिधित्व के कर नहीं ” का नारा बुलन्द हुआ।

स्टाम्प एक्ट कब लागू हुआ?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय स्टाम्प अधिनियम, १८९९ (Indian Stamp Act of 1899 (2 of 1899)) भारत सरकार का एक अधिनियम है जो कानूनी लिखतों पर स्टाम्प शुल्क लगाता है।

स्टैम्प एक्ट के बारे में आप क्या जानते है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 (1899 का 2) संघ सूची (अर्थात के एंट्री 91 में निर्दिष्ट उपकरणों पर लेन-देन व स्टांप शुल्क रिकॉर्डिंग उपकरणों पर डाक टिकट के रूप में लगाया टैक्स से संबंधित कानून के नीचे बिछाने राजकोषीय क़ानून है।

स्टांप ड्यूटी कैसे पता करें?

स्टाम्प ड्यूटी की गणना कैसे किया जाता है?

  1. जमीन यानि संपत्ति का मार्किट वैल्यू।
  2. संपत्ति का प्रकार और कितने फ्लोर में बना है।
  3. संपत्ति के आवासीय है या वाणिज्यिक इस पर भी निर्भर करता है।
  4. संपत्ति किस स्थान यानि एरिया में है।
  5. जमीन खरीद रहे खरीददार की आयु एवं लिंग भी महत्वपूर्ण है।

जमीन की रजिस्ट्री में कितना खर्च आता है?

इसे सुनेंरोकेंरजिस्ट्री कराने में आपको वकील की फीस जो 3500 से 5000 के बीच में, स्टांप ड्यूटी शुल्क जो कि10 लाख से अंदर की संपत्ति पर 6% और 10 लाख से ऊपर की संपत्ति पर 7% देनी होती है, साथ ही रजिस्ट्री ऑफिस में भी आपको एक पर्ची कटानी होती है, जो कि प्लाट की कीमत के अनुसार होती है।

जमीन की सरकारी रेट कैसे पता करें?

जमीन का सरकारी रेट क्या है कैसे पता करें?

  • जमीन का सरकारी रेट पता करने की वेबसाइट को ओपन करें।
  • अपने जिला या जनपद एवं तहसील का नाम चुनें।
  • मूल्यांकन सूची देखें विकल्प को चुनें।
  • मूल्यांकन लिस्ट डाउनलोड करें।
  • जमीन का सरकारी रेट क्या है देखें।

जमीन का सरकारी रेट क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपहले के समय मे हमारे को जमीन का सर्किल रेट या सरकारी रेट पता करने के लिए राजस्व विभाग के कार्यालय मे जाना पड़ता था। तब जाकर हमारे को किसी एरिया की जमीन का सरकारी रेट का पता चलता था। लेकिन आज इस इंटरनेट के जमाने मे जमीन का सरकारी रेट पता करने की प्रक्रिया को राजस्व विभाग के द्वारा ऑनलाइन कर दिया गया है।

जमीन का सरकारी रेट कैसे पता करें?

बिहार में जमीन रजिस्ट्री का क्या रेट है?

इसे सुनेंरोकेंबिहार में जमीन का रेट क्या है ऐसे देखें सबसे पहले bhumijankari.bihar.gov.in वेबसाइट को ओपन करें। दिए गए विकल्प में से View MVR विकल्प को चुनें। अब अपना रजिस्ट्रेशन ऑफिस, थाना कोड, लैंड टाइप सेलेक्ट करें। इसके बाद बिहार में जमीन का रेट क्या है ये स्क्रीन में खुल जायेगा।

यूपी में जमीन की कीमत क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकिसानों का कहना है कि सैंपऊ में जमीनों का बाजार भाव 30 से 40 लाख के मध्य है। जबकि एनएचएआई द्वारा जमीन के बदले जो राशि दी जाएगी वो अपर्याप्त है। इस राशि से किसान उतनी भी जमीन नहीं खरीद पाएगा जितनी उसकी जा रही है।