Show अव्यय शब्द (Indeclinable)अव्यय शब्द संस्कृत ज्ञान के लिए अव्यय शब्दों का ज्ञान होना भी परमावश्यक है। इन शब्दों को अव्यय इसलिए कहते है, क्योंकि इनमें लिंग, वचन, विभक्ति के अनुसार किसी भी प्रकार का कोई भी परिवर्तन नही होता है। अव्यय शब्द और उनके अर्थ निम्नलिखित है- स्थानवाचक अव्यय
समय वाचक अव्यय
प्रकार वाचक अव्यय
विविध अव्यय
अव्यय शब्दों का संस्कृत वाक्यों में प्रयोग - अधूना अहम् संस्कृतं पठामि । संस्कृत में अव्यय कौन कौन से होते हैं?यहाँ यह भी ध्यातव्य है कि यकार एवं तकार वाले, जैसे कि यद्यपि तथापि, यथा-तथा, यदि - तर्हि, यत्र-तत्र, यावत् - तावत्, यदा तदा इत्यादि अव्ययों का वाक्यों में प्रयोग प्रायश: एक साथ ही करना चाहिए, अन्यथा वाक्य अपूर्ण ही रहता है।
अव्यय किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं?अव्यय का रूपांतरण नहीं किया जा सकता इसलिए इन शब्दों को अविकारी शब्द कहा जाता है और इनका व्यय नहीं किया जा सकता इसलिए अव्यय कहलाते हैं। जैसे- जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अव्यय, अर्थात इत्यादि।
अव्यय क्या होता है?किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय (Indeclinable या inflexible) कहलाते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नहीं होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है।
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