सुमति अपने यजमानों के लिए क्या लेकर गया? - sumati apane yajamaanon ke lie kya lekar gaya?

सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गाँव में मिले। इस आधार पर आप सुमति के के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं?


सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग हर गाँव में लेखक को मिले। इससे सुमति के व्यक्तित्व की अनेक विशेषताएँ प्रकट होती हैं: जैसे -
1. सुमति उनके यहाँ धर्मगुरु के रूप में सम्मानित होता हैं।
2. सुमति के परिचय और सम्मान का दायरा बहुत बड़ा है।
3. सुमति सबको बोध गया का गंडा प्रदान करता है। लोग गंडे को पाकर धन्य अनुभव करते हैं।
4. सुमति बौद्ध धर्म में आस्था रखते थे तथा तिब्बत का अच्छा भौगोलिक ज्ञान रखते थे।
5. सुमति मिलनसार एवं हँसमुख व्यक्ति हैं।
6. मति स्वभाव से सरल, मिलनसार, स्नेही और मृदु रहा होगा। तभी लोग उसे उचित आदर देते होंगे।

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लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परन्तु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?


लेखक ने शेकर विहार में सुमति को यजमानों के पास जाने से रोका था क्योंकि अगर वह जाता तो उसे बहुत वक्त लग जाता और इससे लेखक को एक सप्ताह तक उसकी प्रतीक्षा करनी पड़ती। परंतु दूसरी बार लेखक ने उसे रोकने का प्रयास इसलिए नहीं किया क्योंकि वे अकेले रहकर मंदिर में रखी हुई हस्तलिखित पोथियों का अध्ययन करना चाहते थे।

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थोंगला के पहले के आख़िरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के वावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों?


लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला इसका मुख्य कारण था - संबंधों का महत्व। तिब्बत में इस मार्ग पर यात्रियों के लिए एक-जैसी व्यवस्थाएँ नहीं थीं। इसलिए वहाँ जान-पहचान के आधार पर ठहरने का उचित स्थान मिल जाता था। पहली बार लेखक के साथ बौद्ध भिक्षु सुमति थे। सुमति की वहाँ जान-पहचान थी। पर पाँच साल बाद बहुत कुछ बदल गया था। भद्र वेश में होने पर भी उन्हें उचित स्थान नहीं मिला था। उन्हें बस्ती के सबसे गरीब झोपड़ी में रुकना पड़ा। यह सब उस समय के लोगों की मनोवृत्ति में बदलाव के कारण ही हुआ होगा। वहाँ के लोग शाम होते हीं छंङ पीकर होश खो देते थे और सुमति भी साथ नहीं थे।

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अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ा?


लेखक को निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ा-
1. जगह-जगह रास्ता कठिन तो था ही साथ में परिवेश भी बिल्कुल नया था।
2. चोरी के डर से भिखमंगों को वहाँ के लोग घर में घुसने नहीं देते थे। इसी कारण लेखक को भी ठहरने के स्थान को लेकर कठिनाई का सामना करना पड़ा।
3. उस समय भारतीयों को तिब्बत यात्रा की अनुमति नहीं थी। इसलिए उन्हें भिखमंगे के रुप में यात्रा करना पड़ी।
4. समय से न पहुँच पाने पर सुमति के गुस्से के सामना करना पड़ा।
5. तेज़ धूप में चलना पड़ा था।
6. डाँड़ा, थोङ्‌ला जैसी खतरनाक जगह को पार करना पड़ा।

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उस समय के तिब्बत में हथियार का क़ानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?


उस समय के तिब्बत के पहाड़ों की यात्रा सुरक्षित नहीं थी। लोगों को डाकुओं का भय बना रहता था। डाकू पहले लोगों को मार देते और फिर देखते की उनके पास पैसा है या नहीं। तथा तिब्बत में हथियार रखने से सम्बंधित कोई क़ानून नहीं था। इस कारण लोग खुलेआम पिस्तौल बन्दूक आदि रखते थे। साथ ही, वहाँ अनेक निर्जन स्थान भी थे, जहाँ पुलिस का प्रबंध नहीं था।

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लेखक लङ्‌कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?


लङ्‌कोर के मार्ग में लेखक का घोड़ा थककर धीमा चलने लगा था। उनका घोड़ा बहुत सुस्त था। इसलिए वे अपने साथियों से बिछड़ गया और अकेले में रास्ता भूल गया। वे रास्ता भटककर एक-डेढ़ मील ग़लत रास्ते पर चले गए थे। उन्हें वहाँ से वापस आना पड़ा।

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विषयसूची

  • 1 सुमति अपने यजमानों को क्या बांट रहे थे?
  • 2 भगत जी ने अपने पुत्र की मृत्यु पर पुत्र वधू से रोने के स्थान पर उत्सव मनाने के लिए क्यों कहा?
  • 3 फ्रीडा कौन थी class 9?
  • 4 अत्यधिक ऊँचाई के कारण मीलों तक क्या नहीं है?
  • 5 थुक्पा क्या है 1 Point A एक स्थान B एक वस्त्र C एक संन्यासी का नाम D एक खाद्य पदार्थ?
  • 6 ल्हासा की ओर पाठ में लेखक के घोड़े की क्या दशा थी?

सुमति अपने यजमानों को क्या बांट रहे थे?

इसे सुनेंरोकेंलेखक ने शेकर विहार में सुमति को यजमानों के पास जाने से रोका था क्योंकि अगर वह जाता तो उसे बहुत वक्त लग जाता और इससे लेखक को एक सप्ताह तक उसकी प्रतीक्षा करनी पड़ती। परंतु दूसरी बार लेखक ने उसे रोकने का प्रयास इसलिए नहीं किया क्योंकि वे अकेले रहकर मंदिर में रखी हुई हस्तलिखित पोथियों का अध्ययन करना चाहते थे।

मंदिर में लेखक के लिए क्या आकर्षण था I हस्तलिखित पोथियाँ II मूर्तियां III बनावट IV कुछ भी नहीं?

इसे सुनेंरोकेंइन जमीनों पर किसानों के साथ कुछ खेती जागीरदार कुछ खुद भी करता था। प्रश्न (ख) मंदिर में लेखक के लिए मुख्य आकर्षण क्या था? उत्तरः मंदिर में लेखक के लिए मुख्य आकर्षण बुद्धवचन-अनुवाद था।

भगत जी ने अपने पुत्र की मृत्यु पर पुत्र वधू से रोने के स्थान पर उत्सव मनाने के लिए क्यों कहा?

इसे सुनेंरोकेंउनका पुत्र मानसिक रूप से कमजोर था, उसे देखभाल की ज्यादा जरूरत थी। भगत जी ने अपने पुत्र की मृत्यु पर पुत्र-वधू से रोने के स्थान पर उत्सव मनाने के लिए क्यों कहा? Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।

बयार किसका पर्याय है 1 Point?

इसे सुनेंरोकें’बयार’ किसका पर्याय है? हवा का पर्यायवाची।

फ्रीडा कौन थी class 9?

इसे सुनेंरोकेंफ्रिडा फ्रांसीसी विद्वान की पुत्री थी मगर इन्होंने ब्रिटिश विद्वान के साथ विवाह किया। ब्रिटिश उपन्यासकार डी एच लॉरेंस से उनकी शादी के बाद ही वह काफी चर्चा में रही और अपने पति से विवाह के बाद ही वह प्रसिद्ध भी हुई अपनी रचनाओं के माध्यम से।

लारेंस की पत्नी फ्रीडा नेउनके बारे क्या विचार व्यक्त ककये?

इसे सुनेंरोकेंफ्रीडा को लगा कि गौरैया लॉरेंस और उनके बारे में बहुत अधिक जानती होगी। लॉरेंस खुले दिल का और सादगी पसंद आदमी था। उसमें कुछ भी छिपा नहीं था इसलिए भी गौरैया जैसे पक्षी भी उनके बारे में सब कुछ जानते होगे। यह फ्रीडा का आशय था ।

अत्यधिक ऊँचाई के कारण मीलों तक क्या नहीं है?

इसे सुनेंरोकेंऊँचाई के कारण मीलों तक आबादी नहीं है और नदियों के मोड़ व पहाड़ों के कारण आदमी दूर तक दिखाई नहीं देते।

लेखक ने शेखर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?

थुक्पा क्या है 1 Point A एक स्थान B एक वस्त्र C एक संन्यासी का नाम D एक खाद्य पदार्थ?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: लद्दाखी चिकन थुक्पा रेसिपी : थुक्पा, तिब्बत का पारंपरिक नूडल सूप है और सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की भी यह क्षेत्रिय डिश है। कड़कड़ाती ठंड के दौरान इसका सेवन बहुत ही बढ़िया है। थुक्पा वेजिटेबल और चिकन को मिलाकर बनाया जाता है, यह काफी पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

परित्यक्त चीनी किला किसे कहा गया है लेखक वहां क्यों गया था?

इसे सुनेंरोकेंइन किलों में कभी चीनी सेना रहती थी। आज ये किले देखभाल के अभाव में गिरने लगे हैं। कुछ किसानों ने आकर यहाँ बसेरा बना लिया है। इसलिए इन्हें परित्यक्त कहा है।

ल्हासा की ओर पाठ में लेखक के घोड़े की क्या दशा थी?

इसे सुनेंरोकेंउसका घोड़ा सुस्त था, इसलिए वह अपने साथियों से बिछड़ गया। समय से न पहुँच पाने के कारण उसे सुमति के गुस्से का सामना करना पड़ा। वापस आते समय उसे अपना सामान पीठ पर लादकर यात्रा करनी पड़ी। उसे भिखमंगों के वेश में यात्रा करनी पड़ी।

सुमति अपने यजमानों को क्या दिया करते थे?

सुमति अपने यजमानों को बोध गया से लाए कपड़े के गंडे बनाकर दिया करते थे और उनसे दक्षिणा लेते थेसुमति लोगों की आस्था का अनुचित लाभ उठाते थे पर इसकी खबर लोगों को नहीं लगने देते थे। वे बौद्ध धर्म में गहरी आस्था रखते थे

सुमति अपने यजमानों से मिलने का लोभ क्यों नहीं छोड़ का रहे थे?

इसलिए थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव में लेखक को भिखमंगे के वेश में रहना पड़ा। प्रश्न 18. लेखक सुमति को यजमानों से मिलने क्यों नहीं जाने देना चाहता था? उत्तर: लेखक को भय था कि सुमति अपने यजमानों के पास जाकर हफ्ता लगा देगा।

लेखक और सुमति कहाँ ठहरे थे?

लेखक के मित्र सुमति की यहाँ के लोगों से जान-पहचान होने के कारण भिखमंगों के वेश में रहने के बावजूद भी उन्हें ठहरने के लिए अच्छी जगह मिली। जबकि दूसरी यात्रा के समय जानकारी न होने के कारण भद्र यात्री के वेश में आने पर भी उन्हें रहने के लिए उचित स्थान नहीं मिला। उन्हें गाँव के एक सबसे गरीब झोंपड़े में ठहरने को स्थान मिला।

सुमति कौन है?

सुमति मंगोल जाति का एक बौद्ध भिक्षु था। उसका वास्तविक नाम था - लोबज़ंग शेख। इसका अर्थ होता है - 'सुमति प्रज्ञं'। अतः लेखक ने उसे 'सुमति' नाम से पुकारा।