सबसे महंगा चावल कितने रुपए किलो है? - sabase mahanga chaaval kitane rupe kilo hai?

Kinmemai Premium Rice: भारत में चावल की खपत काफी ज्यादा है, लेकिन यहां चावल की वैरायटी भी काफी अधिक है. यहां सस्ते से सस्ते दाम से लेकर अच्छी क्वालिटी का बासमती चावल भी किफायती दामों में मिल जाएगा, लेकिन आपको होश उड़ जाएंगे जब हम बताएंगे कि दुनिया में 12,000 रुपये किलो के भाव बिकने वाला चावल भी है, जो लोग बड़े ही चावल से खाते हैं. किनमेमाई प्रीमियम नाम से मशहूर ये चावल कहीं और नहीं जापान में उगाया जा रहा है. आपके मन में भी सवाल उठा रहा होगा कि आखिर 7 हजार रुपये/ किलोग्राम के भाव बिकने वाले इस चावल में ऐसा क्या खास है, जो साधारण चावल से नहीं मिल पाता.

बता दें कि इस प्रीमियम राइस में वो पोषक तत्व हैं, जो आपको साधारण चावल से मिलना मुमकिन नहीं है. जापान में चावल की काफी खपत है. जैसे हमारे यहां अन्न का पूजते हैं, उसी तरह जापान में भी चावल का सम्मान किया जाता है और इसी पहलू ने जापानियों को दुनिया का सबसे महंगा चावल उगाने के लिए प्रेरित किया.

किनमेमाई प्रीमियल राइस
हमारी थाली में चावल का अहम रोल है. बिना चावल के हमारी डाइट की पूरी नहीं होती. इडली, डोसा से लेकर पुट्टु, इडीअप्पम, मुरुक्कु,पनियारम, पोंगल और ना जाने कितने ही व्यंजन चावल से बनाए जाते हैं. भारत में तो चावल 35 रुपये किलो सो 100 रुपये किलो तक मिल जाता है. बासमती का चावल खरीदना है तो 200 रुपये किलो तक के भाव पर मिल जाएगा, लेकिन दुनिया का सबसे महंगा चावल, जो जापानी उगा रहे हैं, वो करीब 109 डॉलर से 155 डॉलर तक में बिक रहा है.

भारतीय करेंसी के हिसाब से आपको किनमेमाई प्रीमियम राइस खाने के लिए 7,000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं.ये प्रीमियम चावल गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक रिकॉर्ड्स में भी दुनिया के सबसे महंगे चावलों में दर्ज है. इन दिनों जापान की टोयो राइस कॉर्प कंपनी इस किनमेमाई प्रीमियम चावल को बेच रही है.

कैसे चुना दुनिया का सबसे महंगा चावल
ये बात साल 2016 की है, जब दुनिया की 6,000 चावल की किस्मों को जापान में आयोजित एनुअल इंटरनेशनल राइस टेस्टिंग कंपटीशन में प्रदर्शित किया  गया. इस प्रतियोगिता में जापान के टॉप चावल के ब्रांड्स ने मिलकर कई पहलुओं पर खरा उतरने के बाद किनमेमाई प्रीमियम को सबसे महंगे चावल के तौर पर चुना. जब इस चावल को पकाकर चखा गया तो पता चला कि ये स्वाद में काफी बेहतर था ही, खाने में भी कपास की तरह नरम भी था.

फूड फ्रैंड डॉट नेट पर छपे एक लेख के मुताबिक, इस चावल को खाने के लिए धोना नहीं पड़ता और ना ही 6 महीने तक इस चावल का कुछ बिगड़ता है. इसके पीछे टोय राइस तकनीक है, जिसमें चावल की भूसी को निकालने के बाद कोई पॉलिश नहीं की जाती, जिसके चलते यह चावल पूरी तरह नेचुरल है, जो सफेद और ब्राउन कलर में भी उपलब्ध होता है. किनमेमाई चावल के अलावा कोशिहिकारी, पीकामारु, गुनमा, नगानो और निगाता भी जापान के काफी महंगे और अच्छे चावलों की लिस्ट में है.

किनमेमाई चावल के फायदे
फूड फ्रैंड डॉट नेट पर छपे एक लेख के मुताबिक, दुनिया का सबसे महंगा चावल अपने गुणों की वजह से कीमती है. इसमें विटामिन बी1, बी6, बी, ई और फोलिक एसिड होता है. साधारण चावल के मुकाबले 6 गुना लिपोपॉलेसेकेराइड मौजूद होता है. ये सभी पोषक तत्व मिलकर इस प्रीमियम चावल को सिर्फ महंगा ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी बनाते हैं.

ये चावल शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है. इसे खाने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी कम ही रहता है. सबसे खास बात तो ये है कि विटामिन की तो भरपूर मात्रा है, लेकिन कैलोरी ना के बराबर होती हैं. इतने फायदे हैं, तभी तो इसकी कीमत आसमान छू रही है.

आज आप जान गए होंगे जापान में रहने वाले लोगों की अच्छी सेहत का राज़. वैसे यो चावल ही दुनिया में सबसे महंगा नहीं है. जापानियों ने दुनिया का सबसे महंगा स्क्वायर शेप तरबूज, सबसे महंगा अंगूर और सबसे महंगा खरबूज तक उगा दिया है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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दुनिया का सबसे महंगा चावल..

देश-विदेश: भारत में ज्यादातर लोग खाने के शौकीन हैं। हर राज्य में कुछ खास व्यंजन हैं जो दुनिया भर में मशहूर हैं। राज्य कोई भी हो, चावल के बिना भारत में खाने की थाली की कल्पना करना थोड़ा मुश्किल है। सदियों से चावल हमारे खाने का अहम हिस्सा रहा है। देश के किसी भी कोने में चले जाएं, किसी ना किसी रूप में चावल हमारी थाली में आ ही जाता है, चाहे उत्तर में कश्मीरी पुलाव हो या दक्षिण में इडली-डोसा हो। बिरयानी से लेकर खीर तक, चावल हमारे खाने के ज़ायके को कई गुना बढ़ा देता है।

चावल सबसे ज्यादा खाई जाने वाली अनाज है और चावल की कई तरह के वैराइटीज भी भारत में पाई जाती है। जैसे कि व्हाइट राइस, ब्राउन राइस, बासमती राइस इत्यादि। हो सकता है, की आपने इन नामों के अलावा भी कई तरह के चावलो के नाम सुने ही होंगे। लेकिन क्या आपने कभी काली चावल के बारे में सुना है। कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले चावल यानी की ब्लैक राइस के बारे में बताया था और ऐसे में देश के तमाम लोग इस बात को जानना चाहते हैं, कि काला चावल क्या है और यह काला चावल कैसा होता है तथा इसकी खेती के फायदे क्या है।

काला चावल बाकी चावलों की तरह ही आम चावल है। ताज्जुब की बात तो यह है, कि काला चावल बिल्कुल वैसे ही चावल होते है, जिसका इस्तेमाल हम दिनचर्या में खाने के लिए करते हैं। लेकिन बस कुछ खास एलिमेंट्स की वजह से इसका रंग काला हो जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है, कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और यही कारण है, कि पिछले कई समय से काले चावल की मांग बढ़ती जा रही है। कहा जाता है कि हाई केलोस्ट्रोल, ब्लड प्रेशर, एलर्जीअर्थराइटिस इत्यादि जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए काले चावल बिल्कुल दवा के रूप में काम करते हैं .

बन रहे हैं देश-विदेश में मांग..

काले चावल के बढ़ती मांग की वजह से कोई भी चावल का अंदाजा लगा सकता है, कि यह कितनी खास चावल है। बता दे, कि देश तो देश विदेशों से भी इसकी काफी डिमांड आ रही है। देश में कुछ प्रमुख हिस्से जैसे बिहार, मुंबई, हरियाणा, तमिलनाडु इत्यादि में इस चावल की मांग बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे विदेशी देशों में भी चावल की अच्छी खासी खपत है। इस चावल की खेती भी धान की बाकी किस्म की तरह ही 120 से 130 दिनों में तैयार हो जाता है। बता दूं कि यह चावल बाजार में 285 रुपया किलो के भाव से बिकता है।

काला चावल उत्तर प्रदेश की चंदौली की अलग पहचान बन चुका है। किसानों ने यहां 3 साल पहले एक्सपेरिमेंट करके चंदौली में इस फसल को उगाना शुरू किया था और जल्द ही इसकी मेहनत रंग लाई और काले चावल की डिमांड देश के साथ-साथ विदेशों में भी फैल गया। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में भी काले चावल की अच्छी खासी खेती होती है। वहीं मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में भी काले चावल की अच्छी पैदावार है। जानकारी के लिए बता दूं, कि काले धान की खेती लगभग 8 से 10 क्विंटल प्रति बीघा में काले चावल की पैदावार होती है और सबसे अच्छी बात तो यह है, कि इस चावल की खेती में पानी की भी काफी बचत होती है।

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भारत का सबसे महंगा चावल कौन सा है?

भारतीय करेंसी के हिसाब से आपको किनमेमाई प्रीमियम राइस खाने के लिए 7,000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं. ये प्रीमियम चावल गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक रिकॉर्ड्स में भी दुनिया के सबसे महंगे चावलों में दर्ज है.

दुनिया का सबसे अच्छा चावल कौन सा है?

बासमती राइस (Basmati Rice) बासमती चावल को किचन का राजा कहा जाता है। यह अपनी अनूठी महक और स्वाद के लिए जाना है। आमतौर पर हर भारतीय अपने व्यंजनों में इसका इस्तेमाल करता है। अगर आप सही बासमती चावल खरीदना चाहते हैं तो प्राइड ऑफ इंडिया एक्स्ट्रा लॉन्ग ब्राउन का बासमती राइस सबसे बेहतर होता है।

सबसे खुशबूदार चावल कौन सा है?

बासमती चावल विश्वभर में अत्यधिक लंबे दाने और खुशबू के लिये प्रसिद्ध है।

बासमती चावल कितने रुपए किलो है?

मौजूदा समय में दाम 8500 रुपये प्रति क्विंटल है. वहीं, रिटेल में 70 से लेकर 90 रुपए प्रति किलो बासमती चावल लोगों को मिल रहा है. आपको बता दें कि भारत से 150 देशों में बासमती चावल एक्सपोर्ट किया जाता है.

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