राजस्थान में पर्यटन विकासराजस्थान पर्यटन विभाग का पंचवाक्य - “PADHARO MHARE DES!”। Show
राजस्थान में सर्वाधिक पर्यटक(देशी व विदेशी दोनों) - 1. पुष्कर - अजमेर 2. माउण्ट आबू - सिरोही। राजस्थान में सर्वाधिक विदेशी पर्यटक - जयपुर शहर में आते हैं। राजस्थान में सर्वाधिक विदेशी पर्यटक - 1. फ्रांस 2. ब्रिटेन से आते हैं। पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान को 9 सर्किट 1 परिपथ में बांटा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्यटन एवं हॉस्पिटिलिटी क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए 2022-23 के बजट में इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा की। मोहम्मद यूनूस समिति की सिफारिश पर 4 मार्च 1989 को पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा करने वाला राजस्थान भारत का प्रथम राज्य था। गौरतलब है कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की वर्ष 1989 से लेकर अब तक कई बार घोषणा हुई, लेकिन इसका समुचित रूप से क्रियान्वयन नहीं हो सका था। तथ्यभारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 6 स्मारकों को 2018 में राष्ट्रीय महत्व के स्मारक घोषित किया। राष्ट्रीय महत्व के स्मारक महाराष्ट्र के नागपुर में उच्च न्यायालय का पुराना भवन आगरा में आगा खान की हवेली आगरा में हाथी खाना की हवेली राजस्थान के अलवर जिले में नीमराणा बावड़ी ओडिशा के बोलांगीर जिले में रानीपुर झरेल में मंदिरों का समूह उत्तराखंड के पिथोरागढ़ जिले में कोटली में विष्णु मंदिर राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC) स्थापना - 1978 में मुख्यालय - जयपुर कार्य
पर्यटन त्रिकोणस्वर्णिम त्रिकोण - दिल्ली - आगरा - जयपुर मरू त्रिकोण - जैसलमेर - बीकानेर - जोधपुर पर्यटन सर्किट/परिपथ
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलराजस्थान में तीन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं – केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, जंतर मंतर (जयपुर), राजस्थान के पहाड़ी किले (चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, रणथम्भोर, अम्बर, जैसलमेर)। कुम्भलगढ़ दुर्ग को 2013 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था, इस दुर्ग की दीवार 38 किलोमीटर लम्बी है। इसे चीन की महान दीवार के बाद विश्व की दूसरी सबसे लम्बी दीवार माना जाता है। प्रमुख महोत्सव
राजस्थान पर्यटन को मिला बर्लिन में सर्वश्रेष्ठ हेरिटेज डेस्टिनेशन का पुरस्कारबर्लिन (जर्मनी) में चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन, आई.टी.बी. में राजस्थान पर्यटन को सर्वश्रेष्ठ हेरिटेज डेस्टिनेशन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार पेसेफिक एरिया ट्रैवल राइटर्स एसोसिएशन के बर्लिन में आयोजित वार्षिक पुरस्कार समारोह के दौरान राज्य की प्रमुख शासन सचिव, पर्यटन श्रीमती श्रेया गुहा ने प्राप्त किया। राजस्थान पर्यटन द्वारा बर्लिन, जर्मनी में 6 से 10 मार्च तक चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन में भाग लिया जा रहा है। यह सम्मेलन विश्व का सबसे बड़ा पर्यटन मेला है, जिसमें 180 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाता है। राजस्थान पर्यटन द्वारा इस सम्मेलन में आकर्षक पैवेलियन की स्थापना कर पर्यटन क्षेत्र के निजी सहभागियों के साथ राजस्थान का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इस सम्मेलन में श्रीमती श्रेयागुहा, प्रमुख शासन सचिव, पर्यटन एवं श्रीमती पुनीता सिंह, संयुक्त निदेशक, पर्यटन द्वारा राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है। Start Quiz! वर्तमान में राजस्थान में पर्यटन सर्किट कितने हैं?पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान को 9 सर्किट 1 परिपथ में बांटा है।
राजस्थान के पर्यटन का शुभंकर क्या है?राजस्थान में पर्यटन को प्रमोट करने के लिए सबसे पहले 1978 में ढोला मारू मोनोग्राम बनाया गया था। इसके बाद 1993 में पर्यटन विभाग के तत्कालीन निदेशक ललित के पंवार ने नया स्लोगन पधारो म्हारे देस लांच किया।
मरू सर्किट में कौन से जिले आते हैं?दिल्ली, आगरा तथा जयपुर को स्वर्णिम त्रिकोण कहा जाता है। मरू त्रिकोण में जैसलमेर, बीकानेर तथा जोधपुर जिले आते है। भारत में आने वाले विदेशी सैलानियों में से हर तीसरा सैलानी राजस्थान भ्रमण पर जरूर आता है। अधिकतर विदेशियों की पहली पसंद जयपुर और दूसरी उदयपुर होती है।
राजस्थानी पर्यटन विभाग की स्थापना कब हुई?राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC): राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (RTDC) राज्य में पर्यटन को विकसित करने के लिए 1978 में स्थापित राजस्थान सरकार की एक संस्था है।
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