राजकोषीय नीति सरकार की नीति है - raajakosheey neeti sarakaar kee neeti hai

राजकोषीय नीति कौन बनाता है ?, राजकोषीय नीति (Fiscal Policy) की भूमिका, राजकोषीय नीति क्या है ? राजकोषीय नीति के उद्देश्य, राजकोषीय नीति के उपकरण, राजकोषीय नीति की सीमाएँ आदि राजकोषीय नीति (Fiscal Policy) से जुड़े प्रमुख प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं, Fiscal Policy notes in Hindi for UPSC, PCS –

राजकोषीय नीति सरकार की नीति है - raajakosheey neeti sarakaar kee neeti hai

Table of Contents

  • राजकोषीय नीति
    • राजकोषीय नीति के उद्देश्य
    • राजकोषीय नीति के उपकरण
    • राजकोषीय नीति की सीमाएँ

राजकोषीय नीति

राजकोषीय नीति (Fiscal Policy) सरकार की आर्थिक नीति का एक प्रमुख घटक है इसके द्वारा आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय, मूल्य स्थिरता, पूर्ण रोजगार सृजन एवं संसाधनों की गतिशीलता जैसे लक्ष्यों की पूर्ति की जाती है। राजकोषीय नीति कर एवं कराधान, सार्वजनिक व्यय एवं ऋण जैसे उपकरणों की सहायता से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करती है। इस नीति का निर्माण तथा क्रियान्वयन वित्त मंत्रालय द्वारा बजट के माध्यम से किया जाता है।

राजकोषीय नीति को वित्तमंत्री वर्ष में एक बार बजट के माध्यम से प्रस्तुत करता है। इस नीति को आय एवं व्यय नीति, बजटीय नीति तथा कराधान नीति के नाम से भी जाना जाता है। राजकोषीय नीति राष्ट्र की विकास रणनीति के केंद्र में रहती है। एक राष्ट्र के आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति में राजकोषीय नीति का प्रमुख योगदान होता है।

अर्थव्यवस्था में परिस्थितियों के आधार पर कर दरों और सार्वजनिक खर्च के बीच संतुलन खोजने का विचार है। अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति के दबाव एक ‘संविदात्मक राजकोषीय नीति’ की गारंटी देते हैं जिसमें करों में वृद्धि, सार्वजनिक खर्च को कम करना, या दोनों शामिल हैं।

राजकोषीय नीति के महत्वपूर्ण उपकरण निम्नलिखित हैं, और वे कैसे काम करते हैं:

राजकोषीय नीति सरकार की आय, व्यय तथा ऋण से सम्बन्धित नीतियों से लगाया जाता है। अर्थव्यवस्था में सर्वोच्च उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए राजकोषीय नीति व्यय, ऋण, कर, आय, हीनार्थ प्रबन्धन आदि की समुचित व्यवस्था बनाये रखती है, जैसे-आर्थिक विकास, कीमत में स्थिरता, रोजगार, करारोपण, सार्वजनिक आय-व्यय, सार्वजनिक ऋण आदि। इन सबकी व्यवस्था राजकोषीय नीति में की जाती है।

राजकोषीय नीति के आधार पर सरकार करारोपण करती है। वह यह देखती है कि देश में लोगों की करदान क्षमता बढ़ रही है अथवा घट रही है। इन सब बातों का अनुमान लगाकर ही सरकार करों का निर्धारण करती है। व्यय नीति में भी वे निर्णय शामिल किये जाते हैं जिनका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है। ऋण नीति का सम्बन्ध व्यक्तियों के ऋणों के माध्यम से क्रय शक्ति को प्राप्त करने से होता है। सरकारी ऋण-प्रबन्ध नीति का सम्बन्ध ब्याज चुकाने तथा ऋणों का भुगतान करने से होता है।

राजकोषीय नीति के उद्देश्य

  • राजकोषीय नीति के अन्तर्गत करारोपण द्वारा चालू उपभोग को कम करके, बचत में वृद्धि करने के प्रयत्न किए जाते हैं, ताकि पूंजी निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि प्राप्त हो सके।
  • पूंजी निर्माण के अलावा राजकोषीय नीति का दूसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य राष्ट्रीय आय में वृद्धि करना है।
  • आय व धन के वितरण की समानता बनाए रखना आर्थिक विकास का केवल लक्ष्य ही नहीं वरन् एक पूर्व आवश्यकता भी है। अत: सरकार को चाहिए कि अपनी राजकोषीय नीति का निर्माण इस प्रकार से करे कि धन वितरण की विषमताएँ देश में कम से कम हो सकें।
  • राजकोषीय नीति के विभिन्न उद्देश्यों में एक उद्देश्य अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार की स्थिति को बनाए रखना है।

राजकोषीय नीति के उपकरण

  • करारोपण: करारोपण करदान क्षमता के आधार पर किया जाना उचित है। करारोपण इस प्रकार से किया जाय कि उसका बुरा प्रभाव काम करने की इच्छा व योग्यता पर न पड़े, साथ ही सरकार को आय भी प्राप्त हो सके।
  • सार्वजनिक व्यय: राजकोषीय नीति का यह महत्वपूर्ण उपकरण है, सार्वजनिक व्यय का उद्देश्य लोक कल्याण होना चाहिए। सार्वजनिक व्यय उत्पादक होना चाहिए जिससे आधारभूत ढाँचे को व्यवस्थित किया जा सके।
  • सार्वजनिक ऋण नीति: राजकोषीय नीति के अन्तर्गत सार्वजनिक ऋणों का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है। ये ऋण आन्तरिक एवं बाह्य दोनों प्रकार के होते है। एक विकासशील देश साधनों की कमी के कारण अपना समुचित विकास नहीं कर पाता है फलत: उसे ऋण लेकर अपनी अर्थव्यवस्था का संचालन करना होता है।

Download our APP – 

Go to Home Page – 

Buy Study Material – 

PrevPreviousनिरंतर उत्पन्न हो रहे और भारी मात्रा में छोड़े गए ठोस कचरे के निपटान में क्या बाधाएँ हैं ?

NextDiscuss the major instruments of fiscal policy?Next

राजकोषीय नीति सरकार की नीति है - raajakosheey neeti sarakaar kee neeti hai

Youth Destination IAS

Click to Join Our Current Affairs WhatsApp Group

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilation & Daily Mains Answer Writing Test & Current Affairs MCQ

Yes I Want to Join Whatsapp Group

In Our Current Affairs WhatsApp Group you will get daily Mains Answer Writing Question PDF and Word File, Daily Current Affairs PDF and So Much More in Free So Join Now

राजकोषीय नीति सरकार की कौन सी नीति है?

अर्थनीति के सन्दर्भ में, सरकार के राजस्व संग्रह (करारोपण) तथा व्यय के समुचित नियमन द्वारा अर्थव्यवस्था को वांछित दिशा देना राजकोषीय नीति (fiscal policy) कहलाता है। अतः राजकोषीय नीति के दो मुख्य औजार हैं - कर स्तर एवं ढांचे में परिवर्तन तथा विभिन्न मदों में सरकार द्वारा व्यय में परिवर्तन।

राजकोषीय नीति की भारत सरकार की क्या भूमिका है?

भारत में, राजकोषीय नीति सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में पूंजी निर्माण की दर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कराधान के माध्यम से, राजकोषीय नीति अपनी कई परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए काफी मात्रा में संसाधन जुटाने में मदद करती है।

राजकोषीय नीति क्या है UPSC?

राजकोषीय नीति क्या है? राजकोषीय नीति का तात्पर्य सरकारी बजट, खर्च और कर नीतियों के उपयोग से है जो व्यापक आर्थिक स्थितियों को प्रभावित करती है, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं की कुल मांग, रोजगार, मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास शामिल हैं। इन उपायों का प्रमुख उद्देश्य अर्थव्यवस्था को स्थिर करना है।

राजकोषीय नीति क्या है इसके उद्देश्य क्या हैं?

भारत की राजकोषीय नीति के हमेशा दो उद्देश्य रहे हैं, पहला, अर्थव्यवस्था के विकास के प्रदर्शन में सुधार करना और लोगों के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना है। 1. संसाधनों के सही उपयोग द्वारा विकास करना : राजकोषीय नीति का प्रमुख उद्देश्य तीव्र आर्थिक विकास को प्राप्त करना और उसे बनाये रखना है।