राजकोषीय नीति से क्या आशय है इसके उपकरणों को विस्तार से समझाइए? - raajakosheey neeti se kya aashay hai isake upakaranon ko vistaar se samajhaie?

विषयसूची

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  • 1 राजकोषीय नीति के प्रमुख उपकरण कौन कौन से हैं?
  • 2 राजकोषीय नीति के घटक कौन से हैं कोई तीन?
  • 3 भारत की राजकोषीय नीति कौन तैयार करता है?
  • 4 राजकोषीय नीति क्या है इसके उपकरणों को विस्तार से समझाइए?
  • 5 भारत में राजकोषीय नीति का क्या महत्व है?

राजकोषीय नीति के प्रमुख उपकरण कौन कौन से हैं?

राजकोषीय नीति के उपकरण / अस्त्र (Instruments)

  • बजट नीति राजकोषीय नीति का मुख्य उपकरण ‘बजट’ है जिसके द्वारा सरकार आय एवं व्यय में सम्बन्ध स्थापित कर अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करती है।
  • सार्वजनिक व्यय नीति
  • करारोपण नीति
  • सार्वजनिक ऋण नीति

राजकोषीय नीति के घटक कौन से हैं कोई तीन?

इसे सुनेंरोकेंराजकोषीय नीति किसी भी देश के समग्र आर्थिक ढांचे का एक महत्वपूर्ण घटक है I राजकोषीय नीति के कुछ प्रमुख घटक इस प्रकार है: बजट, कराधान, सार्वजनिक व्यय, सार्वजनिक ऋण, और राजकोषीय घाटा।

भारत में राजकोषीय सुधार में क्या शामिल है?

इसे सुनेंरोकेंअर्थनीति के सन्दर्भ में, सरकार के राजस्व संग्रह (करारोपण) तथा व्यय के समुचित नियमन द्वारा अर्थव्यवस्था को वांछित दिशा देना राजकोषीय नीति (fiscal policy) कहलाता है। अतः राजकोषीय नीति के दो मुख्य औजार हैं – कर स्तर एवं ढांचे में परिवर्तन तथा विभिन्न मदों में सरकार द्वारा व्यय में परिवर्तन।

भारत की राजकोषीय नीति कौन तैयार करता है?

इसे सुनेंरोकेंभारत में राजकोषीय नीति (Fiscal Policy) केंद्र सरकार का वित्त मंत्रालय निर्धारित करता है जबकि RBI मौद्रिक नीति बनाता है तथा वित्त आयोग केंद्र एवं राज्यों के मध्य राजस्व एवं वित्तीय संसाधनों का बंटवारा करता है। योजना आयोग का कार्य ‘पंचवर्षीय योजना’ को तैयार करना है।

राजकोषीय नीति क्या है इसके उपकरणों को विस्तार से समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंराजकोषीय नीति (Fiscal Policy) का आशय वित्त प्रबंधन के लिए खास उपायों के अपनाने से है. इसकी मदद से सरकार खर्चों के स्तर और टैक्स की दरों को एडजस्ट करती है. इसका अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ता है. यह वैसे ही होता है जैसे मौद्रिक नीति के जरिए केंद्रीय बैंक सिस्टम में पैसों की आपूर्ति को नियंत्रित करता है.

राजकोषीय नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंराजकोषीय नीति के उद्देश्य मूल्य स्थिरता (Price stability) – अर्थव्यवस्था में मूल्य स्थिरता बनाये रखना मौद्रिक नीति के अंतर्गत आता है, परन्तु मूल्य स्थिरता को बनाये रखना राजकोषीय नीति का भी उद्देश्य है जिससे की अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फिति (inflation) को कम रखा जा सके।

भारत में राजकोषीय नीति का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंराजकोषीय नीति (Fiscal Policy) सरकार की आर्थिक नीति का एक प्रमुख घटक है इसके द्वारा आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय, मूल्य स्थिरता, पूर्ण रोजगार सृजन एवं संसाधनों की गतिशीलता जैसे लक्ष्यों की पूर्ति की जाती है। राजकोषीय नीति कर एवं कराधान, सार्वजनिक व्यय एवं ऋण जैसे उपकरणों की सहायता से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करती है।

विषयसूची

  • 1 राजकोषीय नीति का प्रारंभ कब हुआ?
  • 2 राजकोषीय नीति क्या है UPSC?
  • 3 राजकोषीय नीति का निर्माण कौन करता है?
  • 4 राजकोषीय नीति का जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  • 5 राजकोषीय नीति से क्या आशय है इसके उपकरणों को विस्तार से समझाइए?
  • 6 राजकोषीय नीति के उद्देश्य और महत्व क्या है?
  • 7 मुद्रास्फीति नियंत्रण करने में राजकोषीय नीति की क्या भूमिका है?
  • 8 राजकोषीय नीति के घटक कौन से है?

राजकोषीय नीति का प्रारंभ कब हुआ?

इसे सुनेंरोकेंबैंक ऑफ़ इंग्लैण्ड ने 1951 के बाद से मौद्रिक नीति के संबंध में कई तरह के प्रयोग किये हैं जिनमें उपभोक्ताओं को दिये जाने वाले ऋण के नियम निर्धारित करना, अर्थव्यवस्था में तरलता (नकदी की मात्रा) को समग्र रूप से देखना और मौद्रिक आधार को नियंत्रित करना शामिल है। मौद्रिक नीति निर्धारित लक्ष्यों के हिसाब से चलती है।

राजकोषीय नीति क्या है UPSC?

इसे सुनेंरोकेंराजकोषीय नीति (Fiscal Policy) का आशय वित्त प्रबंधन के लिए खास उपायों के अपनाने से है. इसकी मदद से सरकार खर्चों के स्तर और टैक्स की दरों को एडजस्ट करती है. इसका अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ता है. यह वैसे ही होता है जैसे मौद्रिक नीति के जरिए केंद्रीय बैंक सिस्टम में पैसों की आपूर्ति को नियंत्रित करता है

मौद्रिक और राजकोषीय नीति क्या है?

इसे सुनेंरोकेंराजकोषीय नीति विभिन्न परियोजनाओं पर करों और व्यय से सरकारी राजस्व से संबंधित नीति है। दूसरी ओर, मौद्रिक नीति मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था में धन के प्रवाह से संबंधित है। राजकोषीय नीति सरकार के कराधान, व्यय और विभिन्न वित्तीय कार्यों की योजना को लागू करती है, ताकि अर्थव्यवस्था के उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके।

राजकोषीय नीति का निर्माण कौन करता है?

इसे सुनेंरोकेंइस नीति का निर्माण तथा क्रियान्वयन वित्त मंत्रालय द्वारा बजट के माध्यम से किया जाता है। राजकोषीय नीति को वित्तमंत्री वर्ष में एक बार बजट के माध्यम से प्रस्तुत करता है। इस नीति को आय एवं व्यय नीति, बजटीय नीति तथा कराधान नीति के नाम से भी जाना जाता है

राजकोषीय नीति का जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है?

इसे सुनेंरोकेंइसका मकसद टैक्स की दरों और सार्वजनिक खर्च के बीच संतुलन बैठाना होता है ताकि महंगाई बढ़े बगैर आर्थिक विकास सुनिश्चित हो. 3. राजकोषीय विस्तार का उद्देश्य टैक्स को घटाकर और सरकारी खर्च को बढ़ाकर कुल मांग और विकास को बढ़ावा देना है. मौद्रिक नीतियों की अपेक्षा राजकोषीय नीतियों का असर मांग पर सीधे और तेजी से पड़ता है

क्षतिपूरक राजकोषीय नीति का कौन से मार्ग है?

इसे सुनेंरोकेंक्षतिपूरक राजकोषीय नीति का लक्ष्य, सार्वजनिक व्ययों तथा करों का जोड़-तोड़ करके, स्फीति तथा अवस्फीति के प्रति चिरकालिक प्रवृत्तियों के विरुद्ध अर्थव्यवस्था की क्षतिपूर्ति करना है। निजी निवेश में कमी की क्षतिपूर्ति के लिए तथा अर्थव्यवस्था के भीतर प्रभावी माँग, रोजगार, उत्पादन और आय बढ़ाने के लिए ऐसा करना आवश्यक है

राजकोषीय नीति से क्या आशय है इसके उपकरणों को विस्तार से समझाइए?

राजकोषीय नीति के उद्देश्य और महत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारत की राजकोषीय नीति के हमेशा दो उद्देश्य रहे हैं, पहला, अर्थव्यवस्था के विकास के प्रदर्शन में सुधार करना और लोगों के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना है। 1. संसाधनों के सही उपयोग द्वारा विकास करना : राजकोषीय नीति का प्रमुख उद्देश्य तीव्र आर्थिक विकास को प्राप्त करना और उसे बनाये रखना है

राजकोषीय नीति से क्या तात्पर्य राजकोषीय नीति के प्रमुख उद्देश्य स्पष्ट कीजिए?

संसाधनों के सही उपयोग द्वारा विकास करना : राजकोषीय नीति का प्रमुख उद्देश्य तीव्र आर्थिक विकास को प्राप्त करना और उसे बनाये रखना है।

  • आय और धन की असमानताओं में कटौती: राजकोषीय नीति का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आय असमानताओं को कम कर बराबरी या सामाजिक न्याय प्राप्त करना है।
  • मुद्रास्फीति नियंत्रण करने में राजकोषीय नीति की क्या भूमिका है?

    इसे सुनेंरोकेंराजकोषीय नीति समग्र मांग को नियन्त्रित कर के मुद्रास्फीति की दर को नियन्त्रित करती है। 3. आर्थिक वृद्धि के दर को त्वरित करना राजकोषीय नीति कराधान, सार्वजनिक ऋण और घाटे की वित्त व्यवस्था का उचित प्रयोग कर के उपभोग, और वितरण को नियन्त्रित करती है। इससे राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी।

    राजकोषीय नीति के घटक कौन से है?

    इसे सुनेंरोकेंसार्वजनिक आय, सार्वजनिक व्यय, सार्वजनिक ऋण, करारोपण, बजट घाटे, सब्सिडी और हीनार्थ प्रबंधन या घाटे की वित्त व्यवस्था से संबंधित नीतियाँ ‘राजकोषीय नीति’ कहलाती हैं। करारोपण, सार्वजनिक व्यय तथा सार्वजनिक ऋण राजकोषीय नीति के प्रमुख घटक होते हैं।

    राजकोषीय नीति के घटक कौन कौन से हैं?

    इसे सुनेंरोकेंराजकोषीय नीति के कई भाग होते हैं, जैसे- कर नीति, व्यय नीति, निवेश या विनिवेश रणनीतियां और ऋण या अधिशेष प्रबंधन। राजकोषीय नीति किसी भी देश के समग्र आर्थिक ढांचे का एक महत्वपूर्ण घटक है I राजकोषीय नीति के कुछ प्रमुख घटक इस प्रकार है: बजट, कराधान, सार्वजनिक व्यय, सार्वजनिक ऋण, और राजकोषीय घाटा

    राजकोषीय नीति से क्या आशय है इसके उपकरणों को विस्तार से समझाइये?

    बहुधा सरकार उत्पादक पूँजीगत व्यय अथवा कल्याण संबंधी व्यय में कटौती करती है। इसके परिणामस्वरूप विकास की गति धीमी होती है और कल्याण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। राजकोषीय घाटा: राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और ऋण - ग्रहण को छोड़कर कुल प्राप्तियों का अंतर है।

    राजकोषीय नीति का उपकरण कौन कौन से हैं?

    राजकोषीय नीति के माध्यम से, किसी देश की सरकार अर्थव्यवस्था को नेविगेट करने के लिए कर राजस्व और सार्वजनिक व्यय के प्रवाह को नियंत्रित करती है। यदि सरकार को खर्च से अधिक राजस्व प्राप्त होता है, तो वह अधिशेष चलाती है, जबकि यदि वह कर और गैर-कर प्राप्तियों से अधिक खर्च करती है, तो वह घाटा चलाती है।

    राजकोषीय नीति क्या है इसके उद्देश्यों और महत्व का वर्णन करें?

    राजकोषीय नीति सरकार की आय, व्यय तथा ऋण से सम्बन्धित नीतियों से लगाया जाता है। अर्थव्यवस्था में सर्वोच्च उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए राजकोषीय नीति व्यय, ऋण, कर, आय, हीनार्थ प्रबन्धन आदि की समुचित व्यवस्था बनाये रखती है, जैसे-आर्थिक विकास, कीमत में स्थिरता, रोजगार, करारोपण, सार्वजनिक आय-व्यय, सार्वजनिक ऋण आदि।